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राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
शादी में लड़की चोदी
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम युवी है और में गुजरात का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 26 साल है और में दिखने में पतला
दुबला हूँ.. लेकिन मुझमें सेक्स का बहुत बड़ा कीड़ा है यह बात में नहीं कहता.. लेकिन वो लड़कियाँ, औरतें, चाची कहती है जिसके साथ मैंने
आज तक बहुत बार सेक्स किया है और मेरे तगड़े लंड का मज़ा बहुत सारी लड़कियों और आंटी ने लिया है.. लेकिन उसकी शुरुआत कैसे हुई? में वो आज आप सभी को अपनी एक
सच्ची कहानी में बताने जा रहा हूँ.. वैसे मैंने फन मजा मस्तीपर बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है और वो मुझे बहुत अच्छी भी
लगी और आज में अपनी भी एक सच्ची घटना का राज खोलने जा रहा हूँ। दोस्तों यह
कहानी मेरी और मेरी गर्ल फ्रेंड की है.. जो उस रात की पहली चुदाई के बाद मेरी गर्लफ्रेंड बनी थी।
दोस्तों में एक दिन अपने एक बहुत पक्के दोस्त की बहन की शादी में गया हुआ था। वहाँ पर मुझसे एक लड़की मिली थी..
जिसका नाम दिव्या है और हम सब दोस्त मिलकर शादी में बहुत मज़े मस्ती कर रहे थे।
तो मेरी नजर एकदम दूसरी तरफ गई और तब मैंने देखा कि दिव्या एक कौने में खड़ी थी.. लेकिन पता नहीं क्यों मेरी नज़र बार बार उस पर ही जा रही थी और में
हर थोड़ी देर में उसको ही देखे जा रहा था और वो बहुत मासूमियत से चुपचाप हम सभी को दूर से देखकर मज़े कर रही थी। तो मेरे सब दोस्त बोलने लगे कि आज तो
युवी कुछ कमाल करके ही रहेगा और में शरमा रहा था.. क्योंकि मैंने पहले कभी
किसी लड़की को इस तरह नहीं देखा था.. लेकिन उस लड़की में ना जाने कौन सा जादू था। में उसको हर बार पलट पलटकर देखे जा रहा था। फिर वो लड़की कुछ देर
बाद शरमाते हुए मेरे पास आई और मेरे सारे दोस्त मुझे उसके पास अकेला छोड़कर चले गये.. दोस्तों वो क्या पटाका लड़की थी? उसके फिगर का साईज 32-26-32 है और वो नीले कलर की ड्रेस
में बहुत ही सुंदर लग रही थी और में उसके हुस्न के जादू में खोया चला जा रहा था।
फिर मैंने थोड़ी
सी हिम्मत करके उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम दिव्या बताया और मुझे बाद में पता चला
कि वो भी गुजरात की ही रहने वाली है। तो मेरी तो जैसे लौटरी ही निकल पड़ी और उतने में ही बारात आ गई और मुझे बारात के स्वागत और देखभाल के लिए
जाना पड़ा.. लेकिन वैसे हमने एक दूसरे के मोबाईल नंबर ले लिए थे और अब मेरे सभी दोस्त मुझे चिड़ा रहे थे कि साले तू यहाँ पर शादी में आया है या
अपनी शादी करने? फिर जब हम
काम से फ्री हुए तो रात के 10 बज चुके थे
और शादी का टाईम 12 बजे का था और जब मैंने अपना मोबाईल देखा तो दिव्या के कई सारे मैसेज और मिस कॉल्स थे। तो मैंने जब उसे कॉल किया तो वो थोड़ी नाराज़
होकर बात करने लगी.. तो मैंने उससे कुछ देर बात करने के बाद कहा कि प्लीज अब माफ़ भी करो.. बहुत काम था तो में काम को छोड़कर कैसे आ जाता? फिर में फोन पर बात करते हुए
जल्दी से उसके पास पहुंच गया। तो उसने मुझसे बोला कि चलो हम कहीं घूमने चलते है और हम वहाँ से पैदल निकल पड़े कुछ दूर जाते ही
थोड़ा ज्यादा अंधेरा था तो वो मुझसे चिपककर चलने लगी। दोस्तों यह मेरा पहली बार
था तो में तो अपने आपे से बाहर हो रहा था। फिर हम एक छोटी सी दुकान के पास पहुंचे.. लेकिन वहाँ पर कोई नहीं था और वहाँ पर कुछ कुर्सियां भी थी..
तो हमने वहाँ पर बैठकर थोड़ी देर बात की और फिर मैंने उससे बोला कि चलो अब वापस चलते है। हमें बहुत देर हो गई है और अंधेरा भी बहुत हो गया और बाद
में हमें सोने के लिए जगह भी नहीं मिलेगी। तो उसने कहा कि ठीक है चलते है और
अब वो मेरा हाथ थामकर ऐसे चल रही थी कि जैसे में उसका बॉयफ्रेंड हूँ और जब हम वापस आए तो वही हाल था। सब लोग अपने अपने लिए गद्दे लेकर सोने चले
गये थे और हमारे लिए कोई जगह नहीं बची थी। फिर मैंने अपने दोस्त को कॉल किया तो वो छत से नीचे आया और मुझे उससे थोड़ा दूर ले जाकर बोला कि पास वाले
घर की छत पर कोई नहीं है और मैंने तुम्हारे लिए वहाँ पर गद्दा भी बिछा रखा है। तुम इसे लेकर वहाँ पर चले जाओ और आज रात बिना चिंता के मज़े करो.. बाकि
हम सब सम्भाल लेंगे। तो मैंने कहा कि यह क्या बोल रहे हो तुम? तो वो थोड़ा सा मुस्कुराया और वहाँ से चला गया और फिर मैंने दिव्या को जाकर बताया कि
ऐसी स्थिति है तो अब हम क्या करें? तो वो बिना कुछ कहे मेरा हाथ पकड़कर मुझे छत पर ले गयी और बोली कि हम दोनों यहीं पर सो जाते है तुम चिंता ना
करो।
तो मैंने देखा कि घड़ी में उस समय
11:30 बज चुके थे और मैंने भी वहीं पर सोना ठीक समझा और हम
एक साथ ही उस बिस्तर पर एक दूसरे से थोड़ी दूरी बनाकर लेट गये और कुछ देर बाद हम सो गए.. लेकिन रात को हमे ठंड बहुत लग
रही थी और रात को ना जाने कब वो मुझसे एकदम से लिपट गयी और उसका घुटना मेरे लंड को छू रहा था और मेरा लंड एकदम तन गया था और जब मेरी आँखे खुली तो
ठीक मेरी आखों के सामने उसके बड़े बड़े बूब्स उसके कपड़ो में से बाहर दिख रहे थे। तो मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ आगे की तरफ बड़ाकर उसके बूब्स
पर रख दिया और जब मुझे लगा कि उसने कुछ देर मेरे हाथ रखने से किसी भी तरह का विरोध नहीं किया है.. तो मेरी हिम्मत थोड़ी बड़ गई और में बूब्स को धीरे
धीरे सहलाने लगा। तभी अचानक उसका एक हाथ मेरे लंड पर गया और उसने मेरा लंड
थाम लिया और में एकदम से बहुत घबरा गया। उस ठंडी रात में भी मेरे पूरे शरीर से पसीना छूटने लगा और मैंने अपना हाथ एकदम से पीछे कर लिया और सोने का
नाटक करने लगा.. लेकिन कुछ देर बाद उसने बाजी सम्भाल ली और उसने अपने बूब्स
ठीक मेरे सामने कर दिए और मेरा एक हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया और धीरे
धीरे अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़कर अपने बूब्स पर चलाने लगी। दोस्तों ये कहानी आप फन मजा मस्तीपर पढ़ रहे है।
में समझ गया कि
वो उस समय नींद में नहीं थी। मैंने थोड़ी हिम्मत करके फिर से उसके बूब्स को उसकी ड्रेस के ऊपर
से ही सहलाने दबाने लगा और वो मेरे लंड को घिसे जा रही थी तो कुछ ही देर में मेरा लंड सख़्त हो गया.. मैंने उसकी ड्रेस उतार दी और उसकी ब्रा के
ऊपर से ही उसके बूब्स चूसने लगा और कुछ देर के बाद उसने अपनी ब्रा को भी निकाल दिया और मेरी पेंट को भी उतार दिया। फिर वो मेरे लंड को पकड़ कर ज़ोर
ज़ोर से हिलाने लगी और बहुत प्यार से मुझे चूमने लगी और में भी उसके रसीले होंठो का रस पीने लगा और उसे बहुत प्यार करने लगा। फिर मैंने ठीक समय
देखकर उसकी लेगी और पेंटी को भी उतार दिया.. वाह! दोस्तों क्या चूत थी उसकी? मुझे तो जैसे आज पहली बार
चुदाई में ही जन्नत मिल गयी थी और आज मेरे दिल की हर एक इच्छा पूरी होने वाली थी और में मन ही मन ऊपर वाले को बहुत
धन्यवाद देने लगा। तो वो अब मेरा लंड चूसने लगी और में उसकी चूत.. उसकी चूत की
क्या खुश्बू थी? में तो बस उसे सूंघकर जैसे मदहोश ही हुआ जा रहा था। फिर
में अपनी जीभ को उसकी चूत में डालकर चूत को चाटने लगा और अपनी जीभ को चूत में अंदर बाहर करने लगा। मुझे उसकी गरम गरम चूत को जीभ से चोदने में और
चूसने में बहुत मज़ा आने लगा था। तो वो अह्ह्हओउउंमह आऊऊऊच अह्ह्ह करके सिसकियाँ लेने लगी और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और उसकी इस तरह की आवाजें
सुनकर जोश आ रहा था। दोस्तों अब हम दोनों के नंगे जिस्म एक दूसरे में खो से
गये थे कि तभी अचानक उसकी चूत ने मेरे मुहं पर अपनी चूत का गरम लावा छोड़ दिया और मैंने उसका सारा लावा चाटकर साफ कर दिया और अब इधर में भी झड़ने
वाला था.. तो में अपने लंड को उसके मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा
और वो समझ गयी कि अब में भी झड़ने वाला हूँ तो उसने मेरे लंड पर अपने मुहं की
पकड़ को टाईट बना लिया और जैसे ही मेरा लंड झड़ने वाला था.. तो उसने जल्दी से लंड को मुहं से बाहर निकालकर मेरा सारा माल एक साईड में निकाल दिया।
दोस्तों उस समय मुझे क्या आनंद मिला.. में वो शब्दों में बयान नहीं कर सकता
था और फिर थोड़ी देर बाद वो उठी और उसने मेरे लंड को मुहं में लिया और
कुतिया की तरह चाटना शुरू कर दिया। में भी उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और
जैसे ही मेरा लंड फिर से पूरा तनकर खड़ा हो गया तो वो लंड को छोड़कर गद्दे पर
सीधी हो कर लेट गयी और उसने मुझे उसके ऊपर खींच लिया और फिर मैंने भी उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत पर सेट कर दिया।
दोस्तों यह सेक्स मेरा पहली बार था तो मैंने उससे कहा कि तुम लंड को पकड़कर अपनी
चूत के मुहं के पास रखना और फिर उसने अपने पैरों को और भी खोल लिया और मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रखा और मैंने उसका इशारा पाकर एक ज़ोर से
धकका दे मारा। तो एकदम से उसकी बहुत ज़ोर से चीख निकल गयी और में डर गया और
अपने लंड को एक जगह पर रखकर एकदम से शांत हो गया कि कहीं किसी ने सुन ना
लिया हो? लेकिन उस
समय रात बहुत हो चुकी थी और सभी अपने कामो से थककर गहरी नींद में सो चुके थे और कुछ लोग शादी में लगे हुए थे और वैसे भी उस छत पर
कोई भी नहीं था.. तो मुझे थोड़ी राहत मिली। तो उसने कहा कि भला ऐसे भी कभी
कोई करता है क्या? थोड़ा आराम से करो.. क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? और अभी तो पूरी रात पड़ी हुई है जितना चाहो चोद लेना। दोस्तों उसके मुहं से यह
अब शब्दों को सुनकर मुझे बहुत अजीब सा लगा और मेरा थोड़ा डर भी खत्म हुआ.. क्योंकि अब मुझे उसकी तरफ से हरी झंडी मिल चुकी थी और अब मेरा आधा लंड
उसकी चूत में था। फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और उसे चूमने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी।
फिर मैंने उसे
एक और जोरदार धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया। इस वक़्त उसे बहुत दर्द
हुआ.. लेकिन उसने अपनी एकदम से चीख रोक ली और वो प्यार भरी सेक्सी सिसकियों की आवाज़ से आअहह अऔचअऔह माँ अह्ह्ह जैसे आवाज़ से मेरा साथ देने लगी।
फिर करीब 20 मिनट के बाद
वो एक बार फिर से झड़ गयी और मैंने उसे एकदम अपनी बाहों में जकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और फिर करीब 15 मिनट के धक्को के बाद में
झड़ने वाला था.. तो मैंने उससे पूछा कि कहाँ पर निकालूँ? तो उसने कहा कि में भी झड़ने वाली हूँ.. तुम अंदर ही निकाल दो मेरी जान और
हम एक साथ में झड़ गये। फिर में उसके ऊपर पर लेट गया और उसे चूमने लगा और
कुछ देर के बाद में खड़ा हुआ तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर और उसकी चूत पर खून लगा था और थोड़ा खून गद्दे पर भी लगा हुआ था। तो मैंने उसे जब बताया
तो उसने मुझसे कहा कि पहली बार चुदाई में ऐसा ही होता है। तो दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया कि वो भी आज पहली बार मुझसे
चुद रही थी और मैंने उसे बहुत देर तक चूमा। तो उसने अपनी पेंटी से मेरा लंड
और उसकी चूत पर लगा खून साफ किया और मैंने देखा तो उस समय दो बज चुके थे। तो मैंने अपने दोस्त को फोन किया तो वो बोला कि शादी के फेरे ख़त्म हो गये
है और तू बस ऊपर ही लगा रह और सुबह ही नीचे आना हम तेरे साथ है और उतना कहकर उसने फोन काट दिया। तो उस रात हमने दो बार और सेक्स किया और हमने एक
दूसरे से बोला कि हम एक दूसरे को बहुत प्यार करते है और फिर उस रात की
चुदाई के बाद वो मेरी गर्लफ्रेंड बन गयी और में उसका बॉयफ्रेंड और जब तक उसकी
शादी नहीं हुई हम दोनों एक साथ रहे.. लेकिन उसके घर वालों को हमारा रिश्ता मंजूर नहीं था और एक दिन उसकी शादी जबरदस्ती करवा दी.. लेकिन में आज भी
दिव्या से बहुत मोहब्बत करता हूँ और वो भी मुझसे बहुत प्यार करती है और उसकी शादी होने के बाद भी हमने बहुत बार चुदाई की है ।।
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