FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
धोकेबाज सेल्सगर्ल
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम बृजेश है और में भोपाल में रहता हूँ.. मेरी उम्र 20 साल है। अब जो में कहानी आप लोगों के साथ
शेयर करने जा रहा हूँ.. वो मेरा पहला अनुभव था.. जो कि एक सेल्स गर्ल के साथ हुआ था। अब में अपनी कहानी पर आता हूँ। ये बात तब की है.. जब मेरी उम्र लगभग 20 साल की थी। ये
गर्मियो के महीने की बात है.. शायद जून या जुलाई की है। मेरे घर के सभी
लोग पापा, मम्मी और छोटा भाई गावं गये हुए थे और घर पर में लगभग 18 दिनों के लिए अकेला था। आप लोगों को एक
बात और बताना चाहूँगा कि ये वो टाईम था.. जब मुझे ब्लू फिल्म देखने और सेक्सी
कहानी पढ़ने का शौक लगा हुआ था.. तो जैसे ही मेरे घरवाले गावं गये। उसके
बाद में 5-6 दिनों से रोजाना ब्लू फिल्म
देख रहा था और एक दिन में 3-4 बार मुठ मार लिया करता था। ऐसा करने से मेरे लंड में थोड़ा दर्द होने लगा था। फिर
मैंने सोचा कि अब 3-4 दिन कोई मुठ नहीं मारूँगा और मैंने ब्लू
फिल्म देखना छोड़कर टी.वी. देखकर टाईम पास करने लगा।
फिर 1-2 दिन ऐसे ही निकल
गये.. तो एक दिन जब में टी.वी. देख रहा था.. तो मुझे घर का गेट लॉक करने की आवाज़ आई.. तो में बाहर देखने के लिए गया.. तो वहां एक लड़की खड़ी थी। उसकी उम्र 23-24 साल के आस पास होगी.. उसका कलर सांवला था और फिगर की तो बात ही छोड़ दो.. क्या फिगर था उसका? उसने एक सफ़ेद कलर का
टॉप और जीन्स पहनी हुई थी। में समझ गया था कि वो एक
सेल्सगर्ल है.. वैसे तो रोज ही
कोई ना कोई कुछ ना कुछ बेचने के लिए हमारी कॉलोनी में आता ही
रहता था और अगर कोई सेल्समेन किसी प्रोडक्ट को बेचने
आता था.. तो उसे में गेट से
ही भगा देता था.. क्योंकि ये लोग फालतू में आकर टाईम खराब करते थे.. लेकिन जब मैंने उस सेल्सगर्ल को देखा तो सोचा कि इससे बात कर लेना चाहिये। जैसा कि मैंने
बताया.. ये जून या जुलाई का महिना था.. तो गर्मी तो अपनी चरम सीमा पर थी और गर्मी का असर उस सेल्सगर्ल पर भी दिख रहा था.. वो पसीने में भीगी हुई थी और उसका चेहरा देखकर समझ में आ रहा था कि गर्मी में घूमकर उसकी हालत खराब
हो गई है।
जब में उसके पास गया.. तो उसने बताया कि
वो ब्यूटी प्रोडक्ट्स सेल्स करती है। उसने मुझसे पूछा
कि आपके घर में कोई लेडीस है। फिर में नहीं बोला.. अभी सब बाहर गये हुए है.. तो उसने बोला ठीक है और कुछ प्रोडक्ट्स
दिखाकर पूछा कि आप कुछ लेना चाहेंगे.. तो मैंने बोला कि
में इन्हें लेकर क्या करूँगा? फिर वो अपनी वही
स्टाईल आज़माने लगी.. जो कि कोई भी
सेल्सगर्ल आजमाती है.. लेकिन वो बात बड़े
प्यार से कर रही थी और कहने लगी कि आप इसे किसी को भी गिफ्ट कर सकते है
या आपके घर में किसी भी लेडीस को दे सकते है। फिर मैंने कहा कि मेरे घर
में सिर्फ़ मेरी मम्मी ही अकेली लेडीस है और उन्हें ज्यादा मेकअप का कोई शौक
भी नहीं है। वो अब भी धूप में ही खड़ी थी और बार-बार अपने हाथों से अपने
माथे का पसीना पोंछ रही थी। फिर उसने कहा इट्स ओके और थोड़ा मुँह लटकाकर जाने
लगी.. लेकिन वो रुक गई
और बोली कि एक ग्लास पानी मिलेगा। फिर मैंने बोला कि
अभी लाता हूँ और में पानी लेने अंदर चला गया। जब में फ्रिज में से पानी
की बोतल निकालने लगा.. तो मुझे लगा कि
उसे अंदर बुला लेता हूँ.. क्योंकि गर्मी इतनी थी कि घर का कूलर
चालू होने के बाद भी मुझे भी काफ़ी गर्मी लग रही थी। फिर मैंने
सोचा कि उसका क्या हाल हो रहा होगा। फिर मैंने पानी की
बोतल और एक ग्लास लिया और हॉल में गया और वही से उसे आवाज़ लगाई कि आप
अंदर आ जाइये.. मुझे लगा कि वो
मना करेगी.. लेकिन वो मेरी आवाज़ सुनते ही अंदर आने लगी।
जब वो हॉल में आई.. तो मैंने उसे सोफे पर बैठने को कहा
और वो थैंक यू बोलकर बैठ गई। फिर मैंने पानी का ग्लास भरा और उसे दे दिया।
में आप लोगों को बता दूँ कि में लड़कियों से बात करने में उतना अच्छा नहीं
हूँ.. क्योंकि मेरी शुरू
से ही कोई भी लड़की फ्रेंड नहीं थी.. शायद इसलिये पानी
पीने के बाद उसने ग्लास मुझे दिया और फिर से थैंक यू बोला। मैंने ग्लास
लिया और पूछा कि आपका नाम क्या है? तो उसने उसके गले में जो आई-डी कार्ड लटका हुआ
था.. उसे दिखाते हुए
बोली.. सपना और फिर उसने मुझसे मेरा नाम पूछा। फिर मैंने बोला बृजेश.. तो वो बोली कि
मेरे कजिन ब्रदर का नाम भी बृजेश है.. तो अब में चलती
हूँ। फिर मैंने बोला कि आप चाहो तो थोड़ी देर
रुककर आराम कर सकती हो.. लेकिन उसने बोला
नहीं थैंक यू और कहने लगी कि आज आपकी पूरी कॉलोनी के सभी
घरों में जाना है।
फिर उसने पूछा कि आपकी
कॉलोनी में लगभग कितने मकान होंगे? तो मैंने कहा कि यही कुछ 250-300 के आसपास.. तो वो बोली ओह नो.. अभी तो में बस लगभग 100 ही घरों में गई हूँ और 2 भी बज चुके है। फिर मैंने बोला कि आज तो
आप पूरे घरो में नहीं जा पाओगी.. तो उसने कहा लगता है कल फिर आना पड़ेगा।
फिर मैंने कहा कि अब तो आप थोड़ी देर रुककर आराम कर सकती है
और उसके चेहरे पर स्माईल आ गई और वो हँसते हुए कहने
लगी.. हाँ अब तो थोड़ा
रुक सकती हूँ और वो रुकने को तैयार हो गई। में भी
उसके सामने वाले सोफे पर बैठ गया और पूछने लगा कि आप कहाँ से हो.. तो उसने बताया कि
वो मध्यप्रदेश से है और यहाँ भोपाल में पिछले 6 महीने से जॉब कर
रही है। फिर मैंने पूछा कि आपने कहा तक पढाई की है.. तो उसने बताया कि
उसने बी.ए. किया हुआ है।
फिर धीरे-धीरे वो भी मेरे बारे में पूछने
लगी और बातों ही बातों में 2:30 बज गये और फिर उसने कहा कि अब में चलती हूँ। फिर मैंने कहा कि ठीक है और वो हँसते हुए
बाय कहकर चली गई और में वापस टी.वी. देखने लगा.. शाम के 8 बज गये और में
खाने के लिए एक रेस्टोरेंट में गया और वापस 9 बजे तक घर आ गया.. क्योंकि में 2-3 दिनों से रोज टी.वी. देख रहा था और इन दिनों में एक बार भी मुठ नहीं मारी थी.. तो मेरे लंड का दर्द भी चला गया था। फिर मैंने रात को ब्लू
फिल्म देखने का प्लान बनाया और ब्लू फिल्म देखने लगा।
ब्लू फिल्म देखते-देखते मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे चूत की ज़रूरत सताने लगी.. लेकिन में मुठ
मारने के अलावा और कर भी क्या सकता था.. तो में मूठ मारने
लगा.. लेकिन मुझे एकदम
से ही उस सेल्सगर्ल सपना की याद आ गई और में सोचने लगा कि
मैंने उसे जाने कैसे दिया.. उसका नंबर तक नहीं लिया। मुझे अपने आप पर
थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था।
उस रात मैंने 3 बार उसी सपना को
सोच-सोचकर मुठ मारी और
ये सोचकर सो गया कि अब कुछ नहीं हो सकता। जब में
सुबह उठा.. तो मैंने अपने
लिये नाश्ता बनाया और नहा धोकर फिर से टी.वी. देखने लगा। दिन धीरे धीरे कट रहा था.. तभी मुझे गेट की आवाज़ सुनाई दी और में देखने गया। मैंने
जैसे ही बाहर देखा.. तो में फूला नहीं समा रहा था.. क्योंकि मेरे
सामने फिर से वही सपना खड़ी हुई थी और मुझे देखकर स्माईल कर रही
थी और उसने एकदम से पूछा कि में अंदर आ सकती हूँ
बृजेश जी। मैंने कहा आइये प्लीज़.. आपको रोका किसने है? वो अंदर आने लगी और मैंने सोचा आज तो कुछ ना कुछ बात आगे बड़ा
कर ही रहूँगा।
आज उसने पीले कलर का
टॉप और शायद जो जीन्स कल पहनी हुई थी.. वही पहनी थी। लेकिन आज वो कल से
भी ज्यादा टाईट लग रही थी.. टाईट से मतलब शायद उसका टॉप कल वाले टॉप से
ज्यादा टाईट था.. वो अंदर आ गई और
बैठ गई। फिर मैंने कहा कि आज फिर से कैसे? तो वो बोली पहले
कम से कम पानी तो पिला दो। उस टाईम ऐसा लगा कि लंड ही
पिला देता हूँ। में किचन में गया और पानी लेकर आया और उसे दिया। फिर वो बोली
मैंने कहा था ना तुमारी कॉलोनी में कल फिर से आउंगी। फिर मैंने कहा कि हाँ
में भूल गया था और में सच में ये बात भूल गया था। मैंने सोचा आज कि इससे
बात आगे बड़ा कर ही रहूँगा। फिर में उस सोफे पर जाकर बैठ गया.. जिस पर वो बैठी थी.. उस सोफे पर तीन
लोग आराम से बैठ सकते थे.. क्योंकि में उस
टाईम घर में अकेला था। मैंने पजामा और टी-शर्ट पहना हुआ था और उसके साथ सेक्स
करने का सोचकर मेरा लंड हल्का सा खड़ा हो गया था.. लेकिन वो पजामे के ऊपर
से दिख नहीं रहा था।
फिर मैंने उससे पूछा कि आज कितने घरों पर जा चुकी हो.. तो वो बोली तुम्हारी पूरी कॉलोनी में घूम
चुकी हूँ और सभी घरों पर जा चुकी हूँ.. लेकिन तुम्हारी कॉलोनी वाले बहुत कंजूस है.. बिल्कुल तुम्हारी तरह। कुछ ही लोगों ने मुझसे ये प्रोडक्ट
खरीदे है। फिर मैंने बोला कि मुझे दूसरो का तो पता
नहीं.. लेकिन में तो
कंजूस नहीं हूँ। अगर में आप से ये खरीद भी लेता.. तो में इनका करता
क्या? वो झट से बोली कि अपनी
गर्लफ्रेंड को गिफ्ट कर देते। में थोड़ा हंसा और बोला कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. तो वो बोली हो ही नहीं सकता। मैंने कहा
सच में नहीं है। वो बोली ठीक है.. में तुम्हारा विश्वास कर लेती हूँ और उस
कंजूस वाली बात का बुरा मत मानना.. में तो मजाक कर रही थी। में बोला कि मुझे
बुरा नहीं लगा।
ऐसे ही हमारी बातें आगे बड़ने लगी और वो
भी मुझसे बिना झिझक बातें करने लगी। फिर मैंने भी पूछ
लिया कि आपके तो बॉयफ्रेंड होगा ही.. तो वो बोली जब में
बी.ए. कर रही थी.. तब एक था। लेकिन
बी.ए. करने के बाद वो अपने रास्ते चला गया और में अपने रास्ते। उसके बाद
कोई मिला ही नहीं। दोस्तों जैसा कि मैंने बताया था.. मुझे लड़कियों से
बात करने का उतना अनुभव नहीं था.. तो धीरे-धीरे हमारी बातें भी ख़त्म होने लगी और
में सोचने लगा कि अब क्या बात करूँ? तो मैंने पूछा कि
अब तो आपका सारा काम ख़त्म हो गया है। अब तो आप फ्री होंगी.. तो उसने कहा हाँ
अब तो फ्री हूँ.. बस अगर आपकी इजाज़त हो.. तो थोड़ी देर और रुककर चली जाउंगी। फिर मैंने थोड़ा और फ्रेंड्ली होते हुए कहा कि चाहो तो सारी रात रुक जाओ। फिर
उसने थोड़ा हँसते हुए कहा कि नहीं घर जाकर खाना बनाना है।
मैंने बोला कि ठीक है.. लेकिन आप यहाँ किसके साथ रहती हो.. तो वो बोली मेरी एक रूम पार्ट्नर के साथ
हम किराये पर रहते है। ऐसे ही धीरे-धीरे बातें आगे तो बड़ रही थी.. लेकिन जो में चाह रहा था.. वैसा कुछ भी नहीं हो रहा था। फिर उसने पूछा कि क्या में आपका टायलेट इस्तेमाल कर सकती हूँ? मैंने कहा कि उस
तरफ है और वो टायलेट में चली गई और में सोचने लगा कि अभी वो
टायलेट में अपनी जीन्स उतार रही होगी.. काश में भी अंदर
होता। मुझे लगा कि अब तो कुछ जल्दबाजी दिखानी ही पड़ेगी.. जो भी होगा वो
देखा जायेगा। वैसे भी वो कौन-सी मेरी जान पहचान की है.. जब वो टायलेट से
बाहर आकर वापस सोफे पर बैठी.. तो में सोफे के अन्त से थोड़ा आगे आकर बैठ
गया.. जिससे अब वो और
में ज्यादा दूर नहीं थे।
फिर मैंने अब उससे सीधे-सीधे पूछने के लिए सोचा। लेकिन सच बताऊँ.. तो मेरी गांड फट रही थी। फिर मैंने उसके थोड़ा और पास जाने की कोशिश की और में थोड़ा और आगे आ
गया.. लेकिन मुझे लगा कि इससे बात नहीं बनने वाली। दोस्तों आप लोग यकीन
मानो या ना मानो। मैंने उससे एक झटके में पूछ लिया
कि आपने कभी सेक्स किया है। दोस्तों ये कहने के बाद
मेरी सांसे सच में अटक गई थी। ऐसा कहते ही उसने झट से मेरी तरफ देखा और बोली.. क्या बकवास कर रहे
हो? मैंने तुम्हें अच्छा लड़का समझा था और तुम.. में जल्दी से बात
काटते हुए बोला कि आई एम सॉरी और 4-5 बार सॉरी सॉरी बोलता
रहा.. लेकिन उसने कोई
रिप्लाई नहीं दिया और कहा कि मुझे घर जाना है और वो घर
जाने के लिए सोफे से उठ गई।
में अब भी सॉरी सॉरी बोलता जा रहा था.. लेकिन वो जाने लगी। फिर मैंने एकदम से उसका हाथ पकड़ लिया और वो मुझे फिर गुस्से से देखने लगी.. लेकिन मैंने कहा
कि जब तक आप मुझे माफ़ नहीं करोगी.. में नहीं जाने
दूँगा और वो अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी.. लेकिन थोड़ी देर
बाद वो बोली ठीक है.. माफ़ किया। अब छोड़ो मेरा हाथ.. लेकिन आप सोफे पर बैठो और वो सोफे पर बैठ गई। मेरे तो ये समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या बोलूं? अभी में उसके
सामने ही खड़ा हुआ था और वो एकदम से बोली नहीं किया.. मैंने पूछा क्या? तो वो बोली सेक्स.. तो मुझे अपने कानो पर विश्वास नहीं हुआ।
फिर मैंने पूछा कि ये सब नाटक क्यों किया? तो वो बोली कि बस तुम्हारे मज़े ले रही
थी। फिर मैंने मन में ही बोला ओह गॉड थैंक यू। फिर उसने पूछा
कि तुमने कभी किया है.. तो में बोला नहीं.. अभी तक कोई मिली ही नहीं। वो बोली लड़की तुम्हारे सामने है.. तो इंतजार किसका कर रहे हो। मैंने बोला सच में तो उसने कहा कि
चलो जल्दी प्रोग्राम शुरू करते है। मुझे तो सच में
यकीन नहीं हो रहा था कि वो मान गई है। में एकदम से
उसके ऊपर टूट पड़ा और उसे किस करने लगा.. में सच में पागल हो गया था। में
उसे किस करते हुए उसके बूब्स दबाने लगा.. क्या मुलायम बूब्स थे उसके। लगभग 10 मिनट तक ऐसा करने
के बाद में उसे बेडरूम में ले गया और उसे बेड पर गिराकर
फिर से उसे किस करने लगा.. जैसा-जैसा मैंने ब्लू फिल्म में देखा था.. वैसा करने लगा।
में उसके मुँह में अपनी जीभ डालने लगा.. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और वैसे भी
मुझसे 5-6 साल बड़ी और मुझसे ज्यादा समझदार थी। उसके
बाद उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और
मैंने उसका टॉप उतार फेंका.. क्या बूब्स थे उसके.. लेकिन सफ़ेद कलर की ब्रा पर सफ़ेद बूब्स
क्या नज़ारा था।
मैंने उसकी ब्रा को जल्दी से उतारा और
उसके बूब्स अपने मुँह में ले लिए और उसके मुँह से.. आहहह्ह्ह्हह की
आवाजें निकलना शुरू हो गई। शायद सच में कोई उसके बूब्स पहली बार
चूस रहा था.. में उसके बूब्स 10 मिनट तक चूसता
रहा। कभी लेफ्ट वाला.. तो कभी राईट वाला।
फिर उसने मुझसे कहा कि मुझे तुम्हारा पेनिस देखना है.. तो आप अपना पजामा
उतारो। फिर मैंने कहा लो तुम ही उतार दो और बेड पर ही उसके
सामने खड़ा हो गया और उसने पजामे के साथ ही मेरी
अंडरवियर भी नीचे खींच दी और मेरा लंड जो एकदम तनकर आयरन रोड बन चुका था.. वो उसके चेहरे के
सामने ही तन गया। उसके चेहरे पर एक अजीब सी स्माईल आ गई और वो
बोली कि इतना बड़ा। फिर मैंने कहा कि आज ये पहली बार शिकार पर निकला है.. तो अपना सीना तान
के खड़ा है और वो मेरी बात सुनकर हंसने लगी।
में तो पूरा नंगा हो चुका था.. लेकिन वो अब भी
अपनी जीन्स पहने हुई थी। में बेड पर अपने घुटनों के
बल बैठा और उसकी जीन्स का बटन खोलने लगा। वो अपने हाथ से मेरे लंड को
सहला रही थी। जैसे ही उसकी जीन्स का बटन खुला तो में
उसे नीचे की तरफ खींचने लगा.. लेकिन जीन्स टाईट थी। फिर उसने अपनी गांड को
थोड़ा ऊपर उठाया और मेरी मदद करते हुए जीन्स निकाल दी। उसने सफ़ेद कलर की
ही पेंटी पहनी हुई थी। मुझसे तो अब बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था। फिर
मैंने उसकी पेंटी भी निकाल दी। सच में यार.. में क्या देख रहा था? मुझे विश्वास ही
नहीं हुआ।
फिर मैंने ब्लू फिल्म के 69 वाले पोज़ के बारे में सोचा.. में सीधा लेट गया और उसे मैंने अपने ऊपर
आने को कहा.. वो समझ गई। शायद उसने भी कभी देखा होगा और वो झट से मेरे
ऊपर आ गई.. जैसे ही उसकी चूत
मेरे मुँह के पास आई तो उसमें से एक अलग सी ही खुशबू आ रही थी। फिर मेरे
उसकी चूत चाटने के पहले ही वो मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लग गई और
में भी शुरू हो गया। हम दोनों के मुँह से सिसकारियां भी निकल रही थी। कभी-कभी उसके दांत
मेरे लंड को लगते.. तो मुझे एक झटका
भी लग रहा था। 10-15 मिनट तक ऐसा करने के बाद मैंने उसे सीधा
लेटाया और लंड को डालने के लिए उसके ऊपर चला गया। मैंने
लंड के सुपाड़े को उसकी चूत पर सेट किया और एक धक्का
मारा.. लेकिन लंड का
सुपाड़ा अंदर जाने के बाद वापस बाहर आ गया और वो इतनी
ज़ोर से चिल्लाई कि अगर कोई घर के बाहर खड़ा होगा.. तो उसे भी उसकी चीख सुनाई
दी होगी।
फिर मैंने उससे कहा कि चिल्लाओ मत.. वो बोली आराम से करो.. मेरा पहली बार है। फिर मुझे यकीन हो गया कि ये वर्जिन है और में भी.. फिर में आराम से अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा.. वो थोड़ा और चिल्लाई.. लेकिन पहले से कम। धीरे-धीरे लंड अंदर चला गया और फिर जो गर्मी मेरे लंड को महसूस हुई.. वो रूम के तापमान से भी ज्यादा थी। में आगे पीछे होकर उसे चोदने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा।
लगभग 5 मिनट तक हिलने के बाद में
उसकी चूत में ही झड़ गया और एकदम ठंडा पड़ गया और बेड पर लेट गया.. में अपनी सांसो को
कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था।
ये सब करते हुए हमे 5 बज गये और उसने
बोला कि अब मुझे जाना होगा। मेरी रूम पार्ट्नर मेरा
इंतज़ार कर रही होगी। में उसे मनाने लगा कि प्लीज़.. आज यहीं रुक जाओ.. बहुत मनाने के बाद
वो रुक गई और उसने अपनी रूम पार्ट्नर को फोन करके बोल दिया।
फिर क्या था उस पूरी रात हमे चुदाई ही करनी थी.. तो हम फिर से चालू हो गये।
उसके बाद उसने मेरे घर पर ही खाना बनाया और हम दोनों ने एकदम नंगे होकर खाना
खाया.. उसके बाद फिर से
हमारा काम शुरू हो गया। उस रात हमने 6 बार चुदाई की.. वो भी मेरे
कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख-देखकर। उसके बाद पता नहीं
हमारी आँख कब लग गई और हम सो गये।
सुबह मेरी नींद 9 बजे खुली और मैंने
उठकर देखा.. तो सपना अभी तक सो
रही थी और हम दोनों नंगे ही सोये हुए थे। फिर मैंने उसे उठाया और
उसके लिए चाय बनाई और हम दोनों ने बैठकर चाय पी।
उसने कहा कि अब तो मुझे जाना ही होगा। मैंने कहा ठीक है.. लेकिन एक बार और.. तो वो समझ गई और मान गई। हमने एक बार और सेक्स किया और 11 बजे तक जाने के
लिए तैयार हो गई। फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हे बाईक पर घर छोड़ देता
हूँ.. लेकिन वो मना करने
लगी और नहीं मानी और ज़िद पर अड़ गई और कहा कि में
खुद ही चली जाउंगी। तुम मुझे बस में बिठा दो। मैंने कहा कि ठीक है.. शायद वो मुझे अपना
रूम नहीं दिखाना चाहती थी। जब में उसे बस में बिठा रहा था.. तो मैंने उसका फोन
नम्बर माँगा और उसने दे दिया और वो चली गई। 1 घंटे बाद मैंने
उससे ये पूछने के लिए कॉल किया कि वो पहुँची या नहीं.. लेकिन वो नम्बर
ग़लत बता रहा था। में शाम तक उसका फोन ट्राई करता रहा.. लेकिन नहीं लगा।
फिर मुझे लगा कि उसने मुझे ग़लत नम्बर
दिया है.. लेकिन फिर भी में उसका कॉल 2 महीनों तक ट्राई
करता रहा.. लेकिन वो नहीं लगा। लेकिन जब भी में उसे याद करता हूँ.. तो एक अलग ही
अहसास होता है। समझ में नहीं आता कि मैंने उसका इस्तेमाल
किया या उसने मेरा ।।
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