FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
मकान मालिक की बीवी
हेल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रूपेश गुप्ता है और ये मेरी तीसरी कहानी है। में पहले अपने
बारे में बता दूँ.. मेरी लम्बाई 5 फीट 5 इंच है और मेरा शरीर स्लिम बॉडी और
मेरा लंड 6 इंच लंबा और
3 इंच मोटा
है। मेरी पत्नी
मुझसे पूरी तरह से संतुष्ट है.. हम प्रतिदिन सेक्स करते है और जिस रात हम सेक्स नहीं करते
है.. तो उस रात हमको नींद नहीं आती है। मेरे मकान मालिक की बीवी का नाम
वंदना है और उसकी उम्र 22 साल है और उसकी लम्बाई 5 फीट 2 इंच और फिगर
32-28-34 है.. उसका
कलर सावंला है और वो बहुत सेक्सी भी है। ये कहानी है तब की है जब मेरी पत्नी मायके गई थी और में घर पर अकेला था और मकान मालिक और उनकी
मम्मी भी घर पर नहीं थे। में शाम को ऑफिस से रात के 9 बजे घर आया और पत्नी के नहीं
होने के कारण खाना बनाने की तैयारी करने लगा.. वंदना मेरे आने की आवाज़ सुनकर अपने कमरे से बाहर आई और पूछा कि क्या हो रहा है?
में : खाना बना रहा हूँ।
वंदना : आज आप मेरे साथ ही खाना खा लेना.. मैंने अपना और आपका खाना बना लिया
है.. मेरे पति और मेरी सास भी बाहर गये है।
में : ठीक है.. में फ्रेश होकर आता हूँ.. तब तक आप खाना लगाओ।
फिर में बाथरुम
में गया और फ्रेश होकर मैंने बिना बनियान और अंडरवियर के टी-शर्ट और पजामा पहन लिया और
जब में बाथरूम से बाहर आया.. तो वंदना ने डिनर टेबल पर तैयार कर रखा था और खुद ने भी फ्रेश होकर नाईटी पहन ली। नाईटी के अन्दर पहनी गई ब्रा और
पेंटी की लाइन दिखाई दे रही थी। में उसको इस रूप में देखकर उत्तेजित होने लगा
और मन ही मन सोचने लगा कि कैसे मुझे वंदना को चोदने का बहाना मिलेगा। फिर
में मन ही मन उसको चोदने का प्लान बनाने लगा। हम दोनों डिनर करने के लिये
डाइनिंग टेबल पर बैठ गये.. वंदना मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठी थी और जब
वो झुककर खाने को अपने मुँह में रखती थी.. तो उसके झुकने से दोनों बूब्स के
बीच की दरार 2 इंच दिखाई
देती थी.. जो कि मेरी उत्तेजना को और बढ़ा रही थी। मेरी नजरे उसकी लाईन पर ही थी और पजामे में मेरा लंड खड़ा होने लगा
था.. अंडरवियर ना होने के कारण लंड का उभार बाहर से पता चल रहा था। मुझे अपनी नाईटी में झाकते हुये वंदना ने देख लिया और कहा कि क्या देख रहे हो?
में : तुम बहुत सुंदर हो और..
वंदना : और क्या?
में : और सेक्सी भी।
वंदना : लेकिन आपकी पत्नी तो मुझसे गोरी, अधिक सुंदर और सेक्सी भी है।
में : हाँ.. लेकिन आज तो तुमने मेरी पत्नी को भी फेल कर दिया।
वंदना : ऐसा क्यों? ये कहकर वो तेज़ी से हंसने लगी
और कहा कि कई बार आपकी पत्नी ने मुझे अपनी सेक्स लाईफ के बारे में बताया है और ये भी बताया है कि आप कैसे उनकी चुदाई करते है और
कितने तरीको को आप इस्तेमाल कर चुके है। में कब से इस मौके की तलाश में थी कि
कब आपकी पत्नी और मेरे पति और सास बाहर जाये और में आपके साथ सेक्स करूँ।
इतना कहकर वंदना ने मेरे होठों पर एक किस किया और कहा कि आप डिनर करने के बाद मेरे साथ यहीं रुक जाना। मैंने मन में सोचा कि मेरी तो लॉटरी लग गई..
कहाँ में वंदना को चोदने का प्लान बना रहा था और कहाँ वंदना खुद मुझसे चुदने को तैयार बैठी थी। डिनर करने के बाद हम दोनों साथ में बैठकर सेक्स की
बातें करने लगे। में उसे सेक्स करने के और पत्नी को उत्तेजित करने के तरीके बताने लगा और उससे पूछा कि तुम्हारी सेक्स लाईफ कैसी चल रही है?
वंदना : ख़राब।
में : क्यों? तुम्हारे पति तो शरीर से बहुत शक्तिशाली दिखते है।
वंदना : केवल दिखते
है.. लेकिन वो है नहीं.. वो रात को मुझे उत्तेजित किये बिना मुझ पर चढ़ जाते है और कुछ
धक्के लगाने के बाद पलटकर सो जाते है.. जबकि में सेक्स की आग में रात भर जलती
रहती हूँ। जब आपकी पत्नी ने मुझसे बातें की.. तब से में आपसे चुदवाना चाहती
थी.. लेकिन मौका नहीं मिल रहा था और आज रात को मौका भी है और दस्तूर भी.. आज में आपसे रात भर चुदवाउंगी।
में : ठीक है लेकिन आप मुझे मेरे नाम से बुलाओ।
वंदना : आप भी मुझे
मेरे नाम से ही बुलाओगे.. इतना कहकर मैंने अपने होंठ वंदना के होठों पर रख दिये। वंदना के
होंठ भट्टी के समान सुलग रहे थे। मैंने वंदना का ऊपरी होंठ चूसना शुरू कर दिया.. जबकि वंदना मेरा निचला होंठ चूस रही थी।
होठों को चूसने के साथ साथ मेरे हाथ नाईटी के ऊपर से ही उसके बदन पर घूम रहे थे। वंदना ने
अपने दोनों हाथों से मुझे बाँध रखा था। फिर मैंने वंदना के होंठ चूसते हुये एक हाथ उसकी गर्दन के नीचे लगाया और दूसरा हाथ कमर के नीचे लगाकर उसे गोद
में उठा लिया। वंदना ने अपने दोनों हाथ मेंरी गर्दन में डाल दिये.. में वंदना को लेकर उसके बेडरूम में गया और बेड पर बैठा दिया और लाईट चालू कर
दी।
वंदना : लाईट चालू क्यों की? मुझे शर्म आयेगी।
में : शर्म कैसी.. जब चुदवाने का मज़ा लेना है तो पूरी तरह से मज़ा लो।
इतना कहकर मैंने उसकी नाईटी खोली और नाईटी बेड के नीचे फेंक दी। वंदना ने लाल ब्रा और लाल पेंटी पहन रखी
थी.. जिसमें उसका
बदन बहुत सेक्सी लग रहा था। वंदना ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मेरा ऊपरी बदन पूरा नंगा कर दिया। मैंने वंदना को बेड पर लेटा दिया और
उसके होंठ फिर से चूसने लगा.. मेरा एक हाथ ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबा रहा था और दूसरा हाथ उसकी जांघे सहला रहा था। वंदना भी अपने दोनों हाथ
मेरी नंगी पीठ पर फेर रही थी। मैंने अपनी जीभ से वंदना के होठों को खोलते
हुये अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वंदना मेरी जीभ को अपने मुँह में
पाकर पागल सी हो गई। फिर मेरी जीभ को लोलीपोप की तरह चूसने लगी।
फिर मैंने अपना हाथ वंदना की ब्रा में डाल दिया और निप्पल को अंगूठे और उंगली में
लेकर मसलने लगा.. दूसरे हाथ से उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से रगड़ने लगा.. उसकी पेंटी गीली हो रही थी। उसकी जीभ चूसने के बाद में अपनी जीभ को वंदना के
बदन के सफ़र पर ले चला और उसके गाल, गर्दन का कोई भी हिस्सा चाटने से नहीं छोड़ा। धीरे-धीरे में नीचे की तरफ चला और वंदना की ब्रा के हुक खोल
दिये.. वंदना के बूब्स और निप्पल देखकर मुझे एक बोतल का नशा आने लगा। फिर में
वंदना के राईट बूब्स के निप्पल को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा और लेफ्ट बूब्स
के निप्पल को उंगली और अंगूठे से मसलने लगा। अब वंदना धीरे-धीरे गर्म होने लगी थी और उसके मुँह से सिसकारियां निकल रही थी.. में भी उसके दोनों
निप्पल को बारी-बारी से चूस और काट रहा था।
लगभग आधे घंटे तक उसके निप्पल काटने और चूसने के बाद मैंने फिर से अपने नीचे का सफ़र स्टार्ट किया। मेरी जीभ
उसके सीने से होती हुई उसके पेट की और चली और जैसे ही मैंने उसकी नाभि में
जीभ लगाई.. तो वो बोली कि आअहह ये मुझे क्या हो रहा है.. मेरा खुद पर से
कंट्रोल ख़त्म हो रहा है और मेरे तन-बदन में आग लग रही है अब और कितना
तड़पाओगे। अब सहन नहीं होता.. जल्दी से मुझे चोदो.. मेरी चूत को अब तुम्हारे लंड
की प्यास लगी है.. मेरी चूत की प्यास बुझा दो और उसकी आग शांत कर दो.. लेकिन
मेरा सफ़र जारी रहा और में उसकी नाभि से होता हुआ उसकी जांघ तक पहुंचा।
फिर उसकी पेंटी की इलास्टिक को अपने दातों से पकड़कर नीचे खींचा और पेंटी को उसके पैरों से निकाल दिया। फिर मैंने वंदना के पैरों को चूमना
शुरू किया.. उसके पैरों को चूमते हुये में उसकी जांघो को चूमता हुआ उसकी चूत की और बढ़ा। उसकी चूत के उपर हल्के-हल्के बाल थे.. जो कि बहुत मुलायम
थे। वंदना के कोई बच्चा ना होने के कारण उसकी चूत बिल्कुल वर्जिन लड़की की
तरह दिख रही थी। फिर मैंने वंदना की चूत को चूसना शुरू कर दिया और वंदना अपनी कमर को उठाकर अपनी चूत मेरे मुँह पर दबाने लगी। फिर मैंने अपने
दोनों हाथों से उसकी चूत के होठों को खोला और अपनी जीभ उसकी चूत की दरार में
फेरनी शुरू कर दी। मैंने अपने मुँह में थूक बनाते हुये उसके चूत के दाने को मुँह में भर लिया और उसके चूत के दाने को जीभ और दातों की सहायता से
काटने लगा।
मेरी जीभ से उस दाने को चूसने से वंदना कराह उठी और मुझसे बोली.. हाय.. आज तक मेरी
चूत मेरे पति ने भी नहीं चूसी और ना ही इससे पहले ऐसी आग लगी.. आआहह..
प्लीज़ चाटते रहो.. मेरी चूत को चाटो और चूस-चूस कर मेरी चूत को लाल कर दो।
इतना कहकर वंदना अपनी कमर उठाकर मेरे मुँह पर दबाने लगी और मेरा सिर पकड़कर
अपनी चूत पर दबाने लगी। उसके दोनों पैर हवा में उठे हुये थे और वो मुँह से कराहने और सिसकियों के आलावा अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी। मैंने
अपना मुँह उसकी जांघ से उठाकर कहा.. क्या तुम मेरा लंड चूसना पसंद करोगी?
वंदना : लेकिन मुझे पता नहीं कि लंड कैसे चूसा जाता है?
में : जैसे कोई बच्चा लोलीपॉप चूसता है.. वैसे ही।
वंदना : ठीक है..
पोज़िशन बनाओ। में वंदना के ऊपर से उतरा और बेड पर लेट गया और वंदना को कमर से पकड़कर अपने
मुँह पर वंदना की जांघे और वंदना का मुँह अपनी जांघो पर रख लिया। इस प्रकार
हम दोनों 69 पोज़िशन में
थे। वंदना ने मेरा पजामा खोला और अपनी जीभ निकालकर मेरे लंड को चाटने लगी और जल्दी ही उसने मेरे लंड का टोपा अपने मुँह के
अंदर कर लिया और जैसे बच्चे लोलीपॉप चूसते है.. वैसे ही मेरे लंड को चूसने लगी। उधर मैंने अपने दोनों हाथों के अंगूठे से वंदना की चूत के लिप्स खोले
और अपनी जीभ उसकी चूत में फेरने लगा और जल्दी ही में वंदना की चूत के दाने को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर वंदना की गांड को अपनी उंगली
से सहलाने लगा.. वंदना ने अपने मुँह से अजीब सी आवाजें निकाली और बोली..
में खल्लास होने वाली हूँ और मेरा पानी निकलने वाला है। इतना कहकर वंदना ने
अपनी चूत को मेरे मुँह पर चिपकाकर पानी छोड़ दिया। में भी उसकी चूत से
निकला पानी चाटने लगा.. वंदना की चूत का पानी चाटने के बाद में वंदना की कमर
को पकड़कर पलट गया। अब वंदना मेरे नीचे थी और में उसके ऊपर.. लेकिन हमारी पोज़िशन अब भी 69 वाली थी।
मेरे पलटने से मेरा पूरा लंड वंदना के गले तक घुस गया.. जिस कारण वंदना की आँखो से आसूं निकल आये.. लेकिन उसने
मुझे लंड निकालने के लिये नहीं कहा। मेरा लंड अब उसके मुँह को चोद रहा था और मेरा मुँह उसकी चूत के दाने को चूस रहा था। लगभग 15 मिनट के बाद में वंदना के ऊपर
से उतरा और अपनी पोज़िशन वंदना के पैरों के बीच मे बनाई.. वंदना अब अपने बूब्स अपने आप ही मसल रही थी और अपने निचले होंठ को अपने दातों से
काट रही थी। मैंने वंदना के दोनों पैर अपने कंधो पर रखे और अपने लंड को वंदना की चूत पर लगाया.. मेरे एक झटका देते ही मेरा आधा लंड वंदना की चूत में
घुस गया और वंदना के मुँह से एक तेज चीख निकल गई। वंदना ने कहा.. प्लीज़ धीरे करो.. तुम्हारा लंड तो मेरे पति से डबल मोटा है.. क्या मेरी चूत
को फाड़ ही दोगे। फिर मैंने एक झटका दिया और मेरा पूरा लंड वंदना की चूत
में घुस गया।
फिर मैंने वंदना के होठों को अपने होठों में भर लिया और दोनों हाथों से वंदना के दोनों निप्पल मसलने लगा.. अब में धीरे-धीरे धक्के
लगाने लगा। थोड़ी देर बाद वंदना को भी मज़ा आने लगा और वो अपने चूतड़ नीचे से उठाकर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी.. में अब अपने धक्को की स्पीड
बड़ाने लगा। वंदना अब मुँह से बहुत तेज आवाजें निकाल रही थी और आह्ह्ह्ह कर
रही थी.. आहह और तेज़ी से.. ऐसे तो मेरे पति कभी नहीं चोदते है। आज में जान
गई कि आपकी पत्नी हमेशा आपका गुणगान क्यों किया करती है.. आप बहुत अच्छी तरह चूत को चूसते और चोदते है और आपको चोदने से पहले एक औरत को कैसे गर्म
किया जाता है.. वो बहुत अच्छी तरह आता है.. आअहह चोदो। 10 मिनट तक धक्के लगाने के बाद मैंने वंदना की गर्दन व चूतड़ के नीचे हाथ लगाया और वंदना को
लेकर पलट गया।
अब में नीचे था और वंदना ऊपर.. वंदना मेरे लंड के ऊपर अपने चूतड़ को नचाते हुये मेरे लंड को अपनी चूत में ले रही थी। वंदना ने झुककर
मेरा एक निप्पल अपने दातों में फंसाया और अपनी जीभ से मेरे निप्पल को चूसने लगी। में भी वंदना के चूतड़ पकड़कर नीचे से धक्के लगा रहा था.. वंदना
ने फिर मोनिंग किया.. आहह में फिर से खल्लास होने वाली हूँ। फिर इतना कहकर
वंदना मेरे उपर निढाल होकर गिर गई.. लेकिन अभी भी मेरा पानी नहीं निकला था.. इसलिये मैंने वंदना से कहा कि मेरा पानी भी तो निकालो।
वंदना : में बहुत थक गई हूँ।
अब जैसे तुम चाहो वैसे अपना पानी निकाल लो। मैंने वंदना से कुत्तिया (डॉगी स्टाइल) बनने के लिये कहा.. वंदना अपने घुटनों
और हाथों पर कुत्तिया बन गई। मैंने वंदना को बेड के किनारे खींचा और अपने
आपको बेड के नीचे फ्लोर पर व्यवस्थित किया। फिर मैंने अपनी जीभ निकाल कर वंदना की चूत को चाटना शुरू कर दिया.. साथ ही अपनी एक उंगली वंदना की गांड
में फेरने लगा.. जल्द ही वंदना फिर गर्म हो गई और अपनी चूत को मेरे मुँह पर
चिपकाने की कोशिश करने लगी।
फिर मैंने अपने लंड को वंदना की चूत पर रखा और एक तेज झटका दिया.. इस झटके से मेरा लंड वंदना की चूत में एक ही
बार में पूरा घुस गया और में वंदना के चूतड़ पकड़कर धक्के लगाने लगा। फिर मैंने अपने हाथ से वंदना के चूतड़ों की दरार को खोला और वंदना की गांड सहलाने
लगा। मैंने अपने हाथ की बीच की उंगली को वंदना के मुँह में डाल दिया और वंदना मेरी उंगली चूसने लगी.. जब मेरी उंगली पूरी तरह से गीली हो गई.. तो
फिर मैंने अपनी उंगली वंदना के मुँह से निकाली और वंदना की गांड सहलाने लगा। मैंने धक्के लगाते हुये वंदना की गांड पर थूका और अपनी गीली उंगली
उसकी गांड में एक झटके से घुसेड़ दी।
वंदना : क्या करते
हो.. मेरी गांड में उंगली क्यों कर रहे हो.. बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ अपनी उंगली बाहर
निकालो। फिर भी मैंने अपनी उंगली वंदना की गांड से बाहर नहीं निकाली और वंदना की चूत को अपने लंड से चोदते हुये उसकी गांड को भी उंगली से चोदता
रहा.. जल्दी ही वंदना को अपनी गांड में उंगली का मज़ा आने लगा और वो बोली कि
तुम तो डबल मज़ा देते हो.. मुझे नहीं पता था कि गांड में भी मज़ा आता है।
में : क्या तुमने पॉर्न मूवी नहीं देखी है? में तो केवल
उंगली कर रहा हूँ.. पॉर्न मूवी में तो पूरा लंड डाल देते है। में अपनी पत्नी को रोज रात
में दो बार चोदता हूँ.. एक बार उसकी चूत और फिर उसकी गांड.. क्या तुम अपनी गांड चुदवाना चाहोगी?
वंदना : अभी तो तुम मेरी चूत को चोदो.. गांड की बाद में सोचेंगे।
इतना कहकर वंदना अपने चूतड़ तेज़ी से पीछे धकेलने लगी.. अब में समझ गया कि वंदना तीसरी बार खल्लास होने वाली है
और अब में भी खल्लास होने की कगार पर था। फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी और वंदना से पूछा कि में अपना पानी कहां निकालूँ? तुम्हारी चूत में या तुम्हारे
मुँह में।
वंदना : अभी तो तुम मेरी चूत में पानी निकालो.. मुँह या गांड में तो बाद में निकालना। इतना कहकर वंदना चिल्लाने
लगी.. आआअहह तेज तेज और तेज.. प्लीज़ अंदर तक डालो.. अपनी गोलियां भी मेरी
चूत में डाल दो और मेरी गांड में भी अपनी उंगली की स्पीड तेज करो.. प्लीज़ आआह्ह्ह्ह में गई।
इतना कहकर वंदना ने अपनी चूत मेरे लंड पर चिपका दी और में भी पूरी तरह उसके पीछे से चिपक गया। मेरे लंड से फव्वारा
निकलने लगा और वंदना की चूत मेरे लंड के पानी से लबालब भर गई.. मेरे लंड का
पानी वंदना की चूत के किनारो से बहने लगा और अब हम दोनों सीधे होकर लेट गये और
वंदना ने अपना सर मेरे सीने पर रख लिया। इस थकावट वाली चुदाई के बाद हम दोनों सो गये। मैंने उस रात वंदना के साथ 3 बार सेक्स किया और अगले दिन में
ऑफिस भी नहीं गया।
फिर मैंने दिन में भी वंदना को 2 बार चोदा..
एक बार डाइनिंग टेबल पर और एक बार सोफे पर चोदा। दूसरी रात को मैंने वंदना की
गांड भी मारी ।।
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
No comments:
Post a Comment