Wednesday, October 3, 2012

सेक्सी कहानियाँ चुदाई की आग --1

हिंदी सेक्सी कहानियाँ

चुदाई की आग --1

सावधान -यह कहानी सिर्फ़ वो ही पढ़े जिन्हे मम्मी को छोड़मे की कहानी अच्छी लगती है
और आगे भी यदि आप ऐसी कहानी जो मम्मी या बहन को चोदने की हो पढ़ना पसंद करना चाहते है तो रिप्लाइ करना.


ले बेटा अब इक्का मार दिया और इस बार भी जीत मेरी हो गई चल अब वापस से पत्ते फेटना शुरू कर दे, यह कहते हुए हरिया ने ताश की गद्दी अपने सामने बैठे हुए किशणा की तरफ बढ़ा दी और आराम से पीछे की ओर दीवार से टिक कर अपने दोनो पैरो को मोड़ कर अपनी दोनो जाँघो से अपनी लूँगी मे खड़े मूसल लंड को दबा कर वापस बाहर दरवाजे की ओर अपने घर के आँगन मे देखने लगा जहा उसकी मम्मी बैठी-बैठी चावल साफ कर रही थी, हरिया का मुँह दरवाजे की ओर था जहा से उसे उसकी भरे बदन की 46 साल की गदराई मम्मी कमला नज़र आ रही थी,

और किशणा का मुँह अपने दोस्त हरिया की ओर था जो बैठा-बैठा ताश फेट रहा था, हरिया बैठा-बैठा अपने खड़े मोटे लंड को अपनी दोनो जाँघो के बीच मसल्ते हुए अपनी भरपूर जवानी से भरी हुई मा को देखते हुए किशणा से बाते कर रहा था, हरिया का यह रोज का काम था वह अपनी मम्मी के गथिले बदन जिसका कि वह दीवाना था, जब भी मोका मिलता देखने से चुकता नही था. कुछ देर बाद किशणा उठ कर अपने घर की ओर चला जाता है और हरिया वही बैठा-बैठा अपनी मम्मी की मस्त उठी हुई जवानी का रास्पान अपनी आँखो से करते हुए अपने मोटे लंड को मसल्ने लगता है, तभी कमला उठ कर खड़ी हो जाती है और उसका उठा हुआ गदराया पेट उसकी साडी और ब्लौज के बीच से साफ नज़र आने लगता है और हरिया का मोटा लंड झटके मारने लगता है, अपनी मम्मी का नंगा उठा हुआ पेट और उस पर गहरी बड़ी सी नाभि और ब्लौज मे कसे हुए उसके बड़े-बड़े पपितो के जैसी चुचियाँ देख कर वह अपने लंड को तेज़ी से हिलाते हुए देखने लगता है,

तभी कमला पास मे रखी झाड़ू उठाने के लिए जैसे ही झुकती है अपनी मम्मी की बड़े-बड़े तरबूज सी उठी और फैली हुई मोटी गान्ड को देख कर हरिया के लंड से चिपचिपा पानी आने लग जाता है, कमला वही झुक कर झाड़ू मारने लगती है और हरिया का मन करता है कि अपनी मदमस्त जवान मा की मोटी गान्ड मे जाकर अपना मुँह मार दे और उसकी गदराई उठी हुई जवानी को खूब कस-कस अपने हाथो से मसले, उसे कभी अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुचियाँ और कभी भारी-भारी फैले हुए चूतड़ और उठा हुआ गोरा-गोरा पेट
नज़र आता है और उसका मोटा लंड अपनी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदने के लिए तड़पने लगता है.


यह हरिया का रोज का काम था उसका मोटा लंड अपनी मम्मी की उफान खाती गदराई जवानी को देख-देख कर ही खड़ा होना  शुरू हुआ था और तब से ही वह अपनी खुद की मम्मी को ना जाने कितनी बार अपने ख्यालो मे खूब कस-कस कर चोद चुका  था और अपना मोटा लंड हिला चुका था, ऐसा नही था कि उसका लंड अपनी मम्मी के भारी और गदराए जिस्म को देख कर ऐसे  ही खड़ा होने लगा था, उसके पीछे भी कुछ बाते थी, जिन्होने उसे अपनी मस्तानी मम्मी के गदराए जिस्म का दीवाना बना दिया था,


हरिया स्वाभाव से सीधा उस समय उसकी उम्र करीब 16 साल रही होगी, जब वह अपने गाँव गाँव की एक चोपाल पर कुछ लड़को के साथ बैठा था, सभी लड़के चले गये और जीतू नाम का लड़का हरिया से बाते करने लगा, शाम हो चुकी थी और दोनो के बीच बाते चल रही थी, तभी जीतू ने सेक्स की बाते करने लगा जीतू- यार हरिया आज तो बहुत चोदने का मन कर रहा है
हरिया- उसे देखते हुए, मन करने से क्या होता है


जीतू- हरिया एक बात कहु, मुझे तो तेरी मम्मी की मोटी गान्ड बहुत अच्छी लगती है, जब वह चलती है तो उसकी गोरी-गोरी उठी हुई चौड़ी गान्ड इतनी मस्त लगती है कि मेरा दिल करता है कि अपना मुँह तेरी मम्मी की गान्ड मे मार दू, तेरी मम्मी को तो अपनी गोद मे पूरी नंगी बैठा कर खूब प्यार करने का मन करता है, और पता है सब से ज़्यादा सुंदर तो मुझे तेरी मम्मी का चेहरा लगता है, मेरा दिल तेरी मम्मी को बहुत प्यार करने का करता है यार

हरिया- एक दम से गुस्सा होकर खड़ा हो जाता है और, जीतू मुँह संभाल कर बात कर कामीने, तेरी मम्मी भी तो बहुत मस्त है उसे जाकर क्यो नही चोदता,

जीतू उम्र मे हरिया से 2 साल बड़ा था वह समझ गया कि हरिया को बुरा लगा है उसने हरिया का हाथ पकड़ कर वापस बैठते हुए कहा

जीतू-अच्छा भाई अब नही कहूँगा तू तो नाराज़ हो गया

जीतू- मुझे तो मेरी मम्मी भी नंगी होकर अपनी चूत मुझे दे-दे तो मे रात भर उसे चोदु, तू तो बेकार ही नाराज़ हो रहा है, देख तेरी मम्मी का शरीर पूरे गाँव की औरतो मे सबसे मस्त और सुंदर है इसलिए मैने ऐसी बात कह दी, देख हरिया मे खुले दिल का हू इसलिए तुझसे मुँह पर कह दिया और तू मुझ पर नाराज़ हो गया, और बाकी पूरे गाँव के लोग तेरी मम्मी के बारे मे बाते करते है और उसे चोदने के लिए मरते है तो तू उन्हे तो कुछ नही कहता क्यो कि वह तेरे सामने बात नही करते है इसलिए ना, खेर तुझे पसंद नही है तो मे तुझसे नही कहूँगा, पर एक बात तू ही सच-सच बता, चोदने के हिसाब से पूरे गाँव मे सबसे गथिला और भरा हुआ शरीर तेरी मम्मी का है कि नही,

जीतू की बात सुन कर हरिया कुछ ना कह सका क्यो कि जीतू सच ही कह रहा था हरिया की मम्मी की गदराई उठी हुई जवानी जो की 40 पर होने पर भी लोगो पर कहर ढा रही थी, और यह बात हरिया भी जानता था कि उसकी खुद की मम्मी बहुत सुंदर और खूब कस-कस कर चोदने लायक औरत है,


जीतू- बता हरिया क्या मे ग़लत कह रहा हू, तुझे भी पूरे गाँव मे तेरी मम्मी का शरीर ही सबसे सुंदर और भरा हुआ लगता होगा ना

हरिया- अपने सूखे होंठो को अपनी जीभ से गीला करता हुआ, हा जीतू तू कहता तो ठीक है पर मुझे यह सब बाते अच्छी नही लगती है, आज के बाद मुझसे यह सब बात मत करना

जीतू- अच्छा नही करूँगा पर प्यारे एक बार अपनी मम्मी को पूरी नंगी देख लेगा ना तो तू भी पागल हो जाएगा, मेरी मम्मी ऐसी होती तो मे तो दिन रात अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके अपने मोटे लंड पर चढ़ाए-चढ़ाए घूमता, पर एक बात कहु तेरी मम्मी की गदराई उठी हुई गान्ड को सोच कर जब मे लंड हिलाता हू तो बहुत मज़ा आता है, तू तो अपनी मम्मी के साथ दिन भर घर मे रहता है उसका खूबसूरत चेहरा देख कर तुझे उसे प्यार करने का मन नही होता है क्या, मेरा तो दिल करता है की तेरी मम्मी को खूब प्यार करू, इतनी अच्छी लगती है मुझे पर अपने ऐसे नसीब कहा, हाँ मे तेरी जगह होता और मेरी मम्मी ऐसी मस्तानी होती तो मे अब तक उसकी हज़ारो बार चूत और गान्ड दोनो मार चुका होता,

गाँव मे और कोई तो नही पर अक्सर कुछ लड़के जो हरिया से बड़ी उमर के थे हरिया से उसकी मम्मी की बाते कर जाते थे, हरिया मन ही मन जीतू से बहुत चिडता था और उससे बचने की कोशिश करता था किंतु जीतू की बातो ने उसे अपनी मम्मी की मसल उठी हुई जवानी की ओर देखने पर मजबूर कर दिया था और जब वह अपनी मम्मी को उपर से नीचे तक देखता था
तब जब उसकी नज़र अपनी मम्मी के मटकते हुए भारी चुतडो पर पड़ती तो उसके मन से आवाज़ आती थी की वाकई जीतू कहता तो सही है मेरी मम्मी जैसी मोटी और चौड़ी गान्ड पूरे गाँव मे किसी औरत की नही है,

एक दिन हरिया अपने कमरे मे बैठा हुआ था और तभी उसके घर के आँगन मे उसके चाचा जो कि 38 की उमर के होंगे लूँगी पहने हुए आए और उसकी मम्मी कमला से आँगन मे खड़े होकर बाते करने लगे, कमला उस समय पानी भर कर आई थी उसने साडी को उपर उठा कर अपनी नाभि के नीचे दबा रखा था उसका उठा हुआ पेट और गहरी नाभि बिल्कुल नंगी
नज़र आ रही थी और उसके मोटी-मोटी चुचियाँ भी ब्लौज के उपर के दो बटन खुले होने की वजह से नज़र आ रही थी,
हरिया चुपचाप कमरे के अंदर से अपनी मा की उठी हुई कातिल जवानी को देख रहा था और उसकी नज़र चाचा की ओर गई तो उसका चाचा चोर नज़रो से उसकी मम्मी कमला का कभी उठा हुआ पेट और गहरी नाभि और कभी उसके मोटी-मोटी चुचियाँ को बड़ी हसरत भरी नज़रो से निहार रहा था और कमला बिल्कुल लापरवाह होकर हस्ती हुई अपने देवेर से बाते कर रही थी, उसके जाने के बाद हरिया का मन बदल गया और वह सोचने लगा साले सब मेरी मम्मी को चोदने की नज़र से देखते है तो मे क्यो ना देखु, वैसे भी मेरी मम्मी उस समय खड़ी-खड़ी ऐसी लग रही थी जैसे खड़े-खड़े ही उसकी फूली हुई चूत मे अपना लंड पेल दू, बस तभी से हरिया अब रोज ही अपनी मम्मी की गदराई जवानी का रास्पान करने से नही चुकता था.

कमला झाड़ू मार कर जैसे ही सीधी होती है उसे घर के बाहर के दरवाजे से चंदा अंदर आते हुए नज़र आती है, चंदा 40 साल की औरत थी जो कि कमला के खेतो मे कम करती थी,
कमला- आजा चंदा आजा, सच पूंछ तो मे तेरी ही राह देख रही थी, आज मेरे पैरो मे खास कर इन घुटनो मे बड़ा दर्द महसूस हो रहा है, उठने बैठने मे बड़ा दर्द होता है, अच्छा है तू आ गई चल ज़रा मेरे पैरो की मालिश तो कर दे, वैसे भी कितने दिनो से तूने मालिश नही की है,

कमला की बात सुन कर हरिया मन ही मन चहक उठता है और धीरे से दरवाजा अंदर से हल्का सा लगा कर उसकी दरार मे अपनी आँखे लगा देता है, वह अक्सर कमरे के अंदर घुस कर दरवाजे की दरार से अपनी मम्मी की मालिश होते हुए देखता रहता था,
चंदा- मुस्कुराते हुए, अरे मालकिन तुम तो कहती ही नही हो नही तो मे रोज ही तुम्हरी मालिश कर दिया करू,
कमला- जा पहले बाहर का दरवाजा बंद कर दे मे यही आँगन मे चटाई बिछा देती हू,

चंदा बाहर का दरवाजा लगा कर आ जाती है और कमला एक चटाई बिछा कर दीवार से अपनी पीठ टीका कर बैठा जाती है और अपने दोनो पैरो को घुटने से मोड़ कर बैठ जाती है, उसका मुँह सीधे हरिया के 20 मीटर दूर के दरवाजे की ओर रहता है
और चंदा उसकी दूसरी तरफ कमला का पेर पकड़ कर बैठ जाती है,
चंदा तेल कटोरी मे लेकर कमला की साडी को उसकी जाँघो तक चढ़ा देती है और फिर कमला की लंबी-लंबी गोरी टाँगो पर तेल लगा कर उसकी गोरी-गोरी पिंदलियो पर तेल से मालिश शुरू कर देती है और हरिया जब अपनी मम्मी की गोरी-गोरी नंगी पिंदलियो को देखता है तो उसका लंड उसकी लूँगी मे तन कर खड़ा हो जाता है और वह अपनी मम्मी की रसीली जवानी कोदरवाजे की दरार मे अपनी आँखे लगाए देखने लगता है,
चंदा धीरे-धीरे कमला की साडी को उसकी जाँघो तक चढ़ा देती है और उसकी मोटी-मोटी गदराई गोरी जाँघो मे तेल लगा कर उन्हे खूब कर कर दबोचती है और कमला के मुँह से आ की एक गहरी सिसकारी निकल जाती है,

चंदा-अपने दोनो हाथो से कमला की गदराई मोटी जाँघो को दबोचते हुए, मुस्कुरा कर, क्या बात है मालकिन तुम्हारी उमर जितनी बढ़ती जा रही है तुम्हारी जंघे उतनी ही मोटी होती जा रही है, तुम्हारी इन मखमली जाँघो को अगर कोई 70 साल का बुढ्ढा भी देख ले तो उसका लोला खड़ा हुए बिना नही रहेगा,
कमला-सीसियते हुए, चुप कर बेशरम तू भी तो बूढ़ी होने चली है पर इस उमर मे भी लंड-लंड कहते तेरा मुँह नही थकता है,
चंदा- हस्ते हुए, सच कह रही हू मालकिन इस उमर मे लंड से चुदवाने मे जो मज़ा आता है वह तो भरी जवानी मे भी नही आता था,
और फिर तुम्हारा शरीर तो इतना भारी भरकम है और उपर से इतनी मोटी-मोटी जंघे और तरबूज से फैले हुए भारी चूतड़ देख-देख कर तो सारा गाँव पागल रहता है,
कमला- अपनी दोनो जाँघो को फैला कर हल्के से मुस्कुराती हुई, क्या बकती रहती है चंदा तू
चंदा-अपने हाथो को कमला की जाँघो की जड़ो तक फेरते हुए, नही मालकिन मे सच कह रही हू मैने तो 15-15 साल के लड़को को भी तुम्हारे भारी-भारी चुतडो को घूरते हुए देखा है, जैसे वह लड़के तुम्हारे चुतडो को खा जाना चाहते हो, तभी चंदा अपने हाथ से कमला की जाँघो की जड़ो मे फूली हुई चूत को एक दम से सहलाते हुए उसकी फूली चूत को अपने हाथो मे भरकर दबोच लेती है,

चंदा- हाय मालकिन तुम्हारी चूत कितनी फूली हुई है, मलिक तो तुम्हे रोज खूब कस-कस कर चोदते होंगे,
कमला- आह करके सीसियते हुए, ये क्या कर रही है चंदा, आह थोड़ा धीरे कर, आह
चंदा-मुस्कुराते हुए उसकी चूत को सहलाते हुए, सच बताओ मालकिन, मालिक तुम्हे रोज चोदते है ना
कमला- अरे मेरा ऐसा नसीब कहाँ है चंदा, और तू तो ऐसे पुंछ रही है जैसे तू जानती ही ना हो, तेरे मालिक 1 महीने मे कभी एक बार चढ़ते है और उसमे भी 2 मिनिट मे पानी छोड़ कर सो जाते है,
चंदा- सच मालकिन तुम्हे तो किसी मोटी जवान लंड से चुदवाने पर ही शांति मिल पाएगी, तुम्हे जब तक खूब कस कर ना ठोका जाए तुम्हे मज़ा ही नही आता होगा

कमला- तू राज से खूब अपनी चूत मरवाती होगी, तेरा जिस्म भी तो अच्छा गदराया हुआ है, राज तो खूब कस-कस कर चोदता होगा तुझे
चंदा- हाँ मालकिन चोदते तो अच्छा है लेकिन उनकी शराब पीने की आदात की वजह से हमेशा अच्छी चुदाई नही होती है,
शराब पीकर वह जल्दी झाड़ जाते है, मे तो बहुत तड़पने लगी हू मालकिन पर क्या करू यह चूत की आग होती ही ऐसी है कि फिर कोई भी मोटा लंड मिल जाए,
कमला- चल अब बस कर, मुझे नहा कर खाना भी बनाना है वैसे भी बहुत देर हो चुकी है, कल आकर और मालिश कर देना,

चंदा खड़ी होकर यह कह कर चली जाती है की वह खेतो की ओर जा रही है, कमला खड़ी होकर वही अपनी साडी और ब्लौज खोल देती है और हरिया अपनी मम्मी को केवल पेटिकोट मे देख कर पागल हो जाता है और अपने मोटे लंड को खूब कस-कस कर मसल्ने लगता है, वह समझ गया था कि अब उसकी मम्मी वही आँगन मे बने कच्चे बाथरूम मे जाकर नहाने वाली कमला बाहर का दरवाजा लगाना भूल जाती है और उसी बाथरूम जो कि पत्थर और इंटो से बना था मे घुस कर अपने हाथ पाँव रगड़ने लगती है हरिया दबे पाँव बाथरूम के पास आकर एक सुराग से अपनी आँखे लगा देता है और चुपचाप अपनीमम्मी की गदराई नंगी जवानी को देखने लगता है, कमला हाथ पाँव रगड़ने के बाद वही खड़ी हो जाती है और उसके भारी-भारी फैले हुए चूतड़ उसके बेटे के मुँह की ओर हो जाते है और कमला अपना पेटिकोट उतार कर पूरी नंगी हो जाती है,


हरिया अपनी मम्मी की गोरी-गोरी मोटी और गदराई गान्ड को देख कर पागल हो जाता है और अपने मोटे 9 इंच लंबे लंड को बाहर निकाल कर खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को देखते हुए मसल्ने लगता है, कमला जैसे ही आगे को झुकती है उसकी मोटी गान्ड का बड़ा सा छेद और उसकी खूब मोटी-मोटी फांको वाली फूली हुई चूत और उसकी चूत की गुलाबी दरार उसके बेटे की आँखो के सामने आ जाती है और हरिया का अपनी मम्मी की ऐसी फूली और गुलाबी फटी हुई चूत और गान्ड का भूरा और बड़ा सा छेद देख कर लंड झटके मारने लगता है और उसके लंड की मोटाई और लंबाई कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती है,
क्रमशः......................




CHUDAAI KI AAG --1

YAH KAHANI SIRF VO HI PADHE JINHE MUMMY KO CHODANE KI KAHANI ACHCHI LAGTI HAI
AUR AAGE BHI YADI AAP AISI KAHANI JO MUMMY YA BAHAN KO CHODANE KI HO PADHNA PASAND KARNA CHAHTE HAI TO REPLY KARNA.

le beta ab ikka mar diya aur is bar bhi jeet meri ho gai chal ab vapas se patte phetna shuru kar de, yah kahte huye hariya ne tash ki gaddi apne samne baithe huye kishna ki taraf badha di aur aaram se piche ki aur deewar se tik kar apne dono pairo ko mod kar apni dono jangho se apni lungi me khade musal land ko daba kar wapas bahar darwaje ki aur apne ghar ke angan me dekhne laga jaha uski mummy baithi-baithi chawal saf kar rahi thi, hariya ka munh darwaje ki aur tha jaha se use uski bhare badan ki 46 sal ki gadaraai mummy kamla najar aa rahi thi,

aur kishna ka munh apne dost hariya ki aur tha jo baitha-baitha tash phet raha tha, hariya baitha-baitha apne khade moti land ko apni dono jangho ke beech masalte huye apni bharpur jawani se bhari hui ma ko dekhte huye kishna se bate kar raha tha, hariya ka yah roj ka kam tha vah apni mummy ke gathile badan jiska ki vah deewana tha, jab bhi moka milta dekhne se chukta nahi tha. kuch der bad kishna uth kar apne ghar ki aur chala jata hai aur hariya vahi baitha-baitha apni mummy ki mast uthi hui jawani ka raspan apni aankho se karte huye apne moti land ko masalne lagta hai, tabhi kamla uth kar khadi ho jati hai aur uska utha hua gadaraaya pet uski sadi aur blauj ke beech se saf najar aane lagta hai aur hariya ka mota land jhatke marne lagta hai, apni mummy ka nanga utha hua pet aur us par gahri badi si nabhi aur blauj me kase huye uske bade-bade papito ke jaisee chuchiyaan dekh kar vah apne land ko teji se hilate huye dekhne lagta hai,

tabhi kamla pas me rakhi jhadu uthane ke liye jaise hi jhukti hai apni mummy ki bade-bade tarbooj si uthi aur phaily hui moti gaanD ko dekh kar hariya ke land se chipchipa pani aane lag jata hai, kamla vahi jhuk kar jhadu marne lagti hai aur hariya ka man karta hai ki apni madmast jawan ma ki moti gaanD me jakar apna munh bhar de aur uski gadaraai uthi hui jawani ko khub kas-kas apne haatho se masle, use kabhi apni mummy ke moti-moti chuchiyaan aur kabhi bhari-bhari phaile huye chutad aur utha hua gora-gora pet
najar aata hai aur uska mota land apni mummy ko khub kas-kas kar chodane ke liye tadpne lagta hai.


yah hariya ka roj ka kam tha uska mota land apni mummy ki ufan khati gadaraai jawani ko dekh-dekh kar hi khada hona  shuru hua tha aur tab se hi vah apni khud ki mummy ko na jane kitni bar apne khyalo me khub kas-kas kar chod chuka  tha aur apna mota land hila chuka tha, aisa nahi tha ki uska land apni mummy ke bhari aur gadraye jism ko dekh kar aise  hi khada hone laga tha, uske piche bhi kuch bate thi, jinhone use apni mastani mummy ke gadraye jism ka deewana bana diya tha,


hariya swabhav se seedha us samay uski umra karib 16 sal rahi hogi, jab vah apne ganv ganv ki ek chopal par kuch ladko ke sath baitha tha, sabhi ladke chale gaye aur jitu nam ka ladka hariya se bate karne laga, sham ho chuki thi aur dono ke beech bate chal rahi thi, tabhi jeetu ne sex ki bate karne laga jeetu- yaar hariya aaj to bahut chodane ka man kar raha hai
hariya- use dekhte huye, man karne se kya hota hai


jeetu- hariya ek bat kahu, mujhe to teri mummy ki moti gaanD bahut achchi lagti hai, jab vah chalti hai to uski gori-gori uthi hui choudi gaanD itni mast lagti hai ki mera dil karta hai ki apna munh teri mummy ki gaanD me bhar du, teri mummy ko to apni god me puri nanngi baitha kar khub pyar karne ka man karta hai, aur pata hai sab se jyada sundar to mujhe teri mummy ka chehra lagta hai, mera dil teri mummy ko bahut pyar karne ka karta hai yaar

hariya- ek dam se gussa hokar khada ho jata hai aur, jitu munh sambhal kar bat kar kamine, teri mummy bhi to bahut mast hai use jakar kyo nahi chodataa,

jitu umra me hariya se 2 sal bada tha vah samajh gaya ki hariya ko bura laga hai usne hariya ka hath pakad kar vapas baithate huye kaha

jitu-achcha bhai ab nahi kahungaa tu to naraj ho gaya

jitu- mujhe to meri mummy bhi nangi hokar apni chut mujhe de-de to me rat bhar use chodu, tu to bekar hi naraj ho raha hai, dekh teri mummy ka sharir pure ganv ki aurto me sabse mast aur sundar hai isliye maine aisi bat kah di, dekh hariya me khule dil ka hu isliye tujhse munh par kah diya aur tu mujh par naraj ho gaya, aur baki pure ganv ke log teri mummy ke bare me bate karte hai aur use chodane ke liye marte hai to tu unhe to kuch nahi kahta kyo ki vah tere samne bat nahi karte hai isliye na, kher tujhe pasand nahi hai to me tujhse nahi kahunga, par ek bat tu hi sach-sach bata, chodane ke hisab se pure ganv me sabse gathila aur bhara hua sharir teri mummy ka hai ki nahi,

jitu ki bat sun kar hariya kuch na kah saka kyo ki jitu sach hi kah raha tha hariya ki mummy ki gadaraai uthi hui jawani jo ki 40 par hone par bhi logo par kahar dha rahi thi, aur yah bat hariya bhi janta tha ki uski khud ki mummy bahut sundar aur khub kas-kas kar chodane layak aurat hai,


jitu- bata hariya kya me galat kah raha hu, tujhe bhi pure ganv me teri mummy ka sharir hi sabse sundar aur bhara hua lagta hoga na

hariya- apne sukhe hontho ko apni jeebh se gila karta hua, ha jitu tu kahta to thik hai par mujhe yah sab bate achchi nahi lagti hai, aaj ke bad mujhse yah sab bat mat karna

jitu- achcha nahi karunga par pyare ek bar apni mummy ko puri nangi dekh lega na to tu bhi pagal ho jayega, meri mummy aisi hoti to me to din rat apni mummy ko puri nangi karke apne moti land par chadhaye-chadhaye ghumta, par ek bat kahu teri mummy ki gadaraai uthi hui gaanD ko soch kar jab me land hilata hu to bahut maza ata hai, tu to apni mummy ke sath din bhar ghar me rahta hai uska khubsurat chehra dekh kar tujhe use pyar karne ka man nahi hota hai kya, mera to dil karta hai ki teri mummy ko khub pyar karu, itni achchi lagti hai mujhe par apne aise naseeb kaha, ha me teri jagah hota aur meri mummy aisi mastani hoti to me ab tak uski hajaro bar chut aur gaanD dono mar chuka hota,

ganv me aur koi to nahi par aksar kuch ladke jo hariya se badi umar ke the hariya se uski mummy ki bate kar jate the, hariya man hi man jitu se bahut chidta tha aur usse bachne ki koshish karta tha kintu jitu ki bato ne use apni mummy ki masal uthi hui jawani ki aur dekhne par majboor kar diya tha aur jab vah apni mummy ko upar se niche tak dekhta tha
tab jab uski najar apni mummy ke matakte huye bhari chutaDo par padti to uske man se awaj aati thi ki vakai jitu kahta to sahi hai meri mummy jaisi moti aur choudi gaanD pure ganv me kisi aurat ki nahi hai,

ek din hariya apne kamare me baitha hua tha aur tabhi uske ghar ke angan me uske chacha jo ki 38 ki umar ke honge lungi pahne huye aaye aur uski mummy kamla se angan me khade hokar bate karne lage, kamla us samay pani bhar kar aai thi usne sadi ko upar utha kar apni nabhi ke niche daba rakha tha uska utha hua pet aur gahri nabhi bilkul nangi
najar aa rahi thi aur uske moti-moti chuchiyaan bhi blauj ke upar ke do baton khule hone ki vajah se najar aa rahee thee,
hariya chupchap kamre ke andar se apni ma ki uthi hui katil jawani ko dekh raha tha aur uski najar chacha ki aur gai to uska chacha chor najro se uski mummy kamla ka kabhi utha hua pet aur gahri nabhi aur kabhi uske moti-moti chuchiyaan ko badi hasrat bhari najro se nihar raha tha aur kamla bilkul laparwah hokar hasti hui apne dever se bate kar rahi thi, uske jane ke bad hariya ka man badal gaya aur vah sochne laga sale sab meri mummy ko chodane ki najar se dekhte hai to me kyo na dekhu, vaise bhi meri mummy us samay khadi-khadi aisi lag rahi thi jaise khade-khade hi uski phuli hui chut me
apna land pel du, bas tabhi se hariya ab roj hi apni mummy ki gadaraai jawani ka raspan karne se nahi chukta tha.

kamla jhadu mar kar jaise hi sidhi hoti hai use ghar ke bahar ke darwaje se chanda andar aate huye najar aati hai, chanda 40 sal ki aurat thi jo ki kamla ke kheto me kam karti thi,
kamla- aaja chanda aaja, sach punch to me teri hi rah dekh rahi thi, aaj mere pairo me khas kar in ghutno me bada dard mehsus ho raha hai, uthne baithne me bada dard hota hai, achcha hai tu aa gai chal jara mere pairo ki malish to kar de, vaise bhi kitne dino se tune malish nahi ki hai,

kamla ki bat sun kar hariya man hi man chahak uthta hai aur dhire se darwaja andar se halka sa laga kar uski darar me apni aankhe laga deta hai, vah aksar kamre ke andar ghus kar darwaje ki darar se apni mummy ki malish hote huye dekhta rahta tha,
chanda- muskurate huye, are malkin tum to kahti hi nahi ho nahi to me roj hi tumhrai malish kar diya karu,
kamla- ja pahle bahar ka darwaja band kar de me yahi aangan me chatai bicha deti hu,

chanda bahar ka darwaja laga kar aa jati hai aur kamla ek chatai bicha kar deewar se apni pith tika kar baitha jati hai aur apne dono pairo ko ghutne se mod kar baith jati hai, uska munh sidhe hariya ke 20 meter dure ke darwaje ki aur rahta hai
aur chanda uski dusri taraf kamla ka per pakad kar baith jati hai,
chanda tel katori me lekar kamla ki sadi ko uski jangho tak chadha deti hai aur phir kamla ki lambi-lambi gori tango par tel laga kar uski gori-gori pindliyo par tel se malish shuru kar deti hai aur hariya jab apni mummy ki gori-gori nangi pindliyo ko dekhta hai to uska land uski lungi me tan kar khada ho jata hai aur vah apni mummy ki rasili jawani ko
darwaje ki darar me apni aankhe lagaye dekhne lagta hai,
chanda dhire-dhire kamla ki sadi ko uski jangho tak chadha deti hai aur uski moti-moti gadaraai gori jangho me tel laga kar unhe khub kar kar dabochti hai aur kamla ke munh se aah ki ek gahri siskari nikal jati hai,

chanda-apne dono haatho se kamla ki gadaraai moti jangho ko dabochte huye, muskura kar, kya bat hai malkin tumhari umar jitni badhti ja rahi hai tumhari janghe utni hi moti hoti ja rahi hai, tumhari in makhmali jangho ko agar koi 70 sal ka budhdha bhi dekh le to uska lola khada huye bina nahi rahega,
kamla-sisiyate huye, chup kar besharam tu bhi to budhi hone chali hai par is umar me bhi land-land kahte tera munh nahi thakta hai,
chanda- haste huye, sach kah rahi hu malkin is umar me land se chudavaane me jo maza ata hai vah to bhari jawani me bhi nahi ata tha,
aur phir tumhara sharir to itna bhari bharkam hai aur upar se itni moti-moti janghe aur tarbooj se pahile huye bhari chutad dekh-dekh kar to sara ganv pagal rahta hai,
kamla- apni dono jangho ko phaila kar halke se muskurati hui, kya bakti rahti hai chanda tu
chanda-apne haatho ko kamla ki jangho ki jado tak pherte huye, nahi malkin me sach kah rahi hu maine to 15-15 sal ke ladko ko bhi tumhare bhari-bhari chutaDo ko ghurte huye dekha hai, jaise vah ladke tumhare chutaDo ko kha jana chahte ho, tabhi chanda apne hath se kamla ki jangho ki jado me phuli hui chut ko ek dam se sahlate huye uski phuli chut ko apne haatho me bharkar daboch leti hai,

chanda- hay malkin tumhari chut kitni phuli hui hai, malik to tumhe roj khub kas-kas kar chodate honge,
kamla- aah karke sisiyate huye, ye kya kar rahi hai chanda, aah thoda dhire kar, aah
chanda-muskurate huye uski chut ko sahlate huye, sach batao malkin, malik tumhe roj chodate hai na
kamla- are mera aisa naseeb kaha hai chanda, aur tu to aise punch rahi hai jaise tu janti hi na ho, tere malik 1 mahine me kabhi ek bar chadhte hai aur usme bhi 2 minute me pani chod kar so jate hai,
chanda- sach malkin tumhe to kisi moti jawan land se chudavaane par hi shanti mil payegi, tumhe jab tak khub kas kar na thoka jaye tumhe maza hi nahi aata hoga

kamla- tu Raj se khub apni chut marwati hogi, tera jism bhi to achcha gadaraaya hua hai, Raj to khub kas-kas kar chodataa hoga tujhe
chanda- ha malkin chodate to achcha hai lekin unki sharab pine ki aadaat ki wajah se hamesha achchi chudai nahi hoti hai,
sharab pikar vah jaldi jhad jate hai, me to bahut tadapne lagi hu malkin par kya karu yah chut ki aag hoti hi aisi hai ki phir koi bhi mota land mil jaye,
kamla- chal ab bas kar, mujhe naha kar khana bhi banana hai vaise bhi bahut der ho chuki hai, kal aakar aur malish kar dena,

chanda khadi hokar yah kah kar chali jati hai ki vah kheto ki aur ja rahi hai, kamla khadi hokar vahi apni sadi aur blauj khol deti hai aur hariya apni mummy ko keval petikot me dekh kar pagal ho jata hai aur apne mote land ko khub kas-kas kar masalne lagta hai, vah samajh gaya tha ki ab uski mummy vahi angan me bane kachche bathroom me jakar nahane wali kamla bahar ka darwaja lagana bhul jati hai aur usi bathroom jo ki patthar aur into se bana tha me ghus kar apne hath panv ragadne lagti hai hariya dabe panv bathroom ke pas aakar ek surag se apni aankhe laga deta hai aur chupchap apni
mummy ki gadaraai nangi jawani ko dekhne lagta hai, kamla hath panv ragadne ke bad vahi khadi ho jati hai aur uske bhari-bhari phaile huye chutad uske bete ke munh ki aur ho jate hai aur kamla apna petikot utar kar puri nangi ho jati hai,


hariya apni mummy ki gori-gori moti aur gadaraai gaanD ko dekh kar pagal ho jata hai aur apne moti 9 inch lambe land ko bahar nikal kar khub kas-kas kar apni mummy ki moti gaanD ko dekhte huye masalne lagta hai, kamla jaise hi aage ko jhukti hai uski moti gaanD ka bada sa ched aur uski khub moti-moti phanko wali phuli hui chut aur uski chut ki gulabi darar uske bete ki aankho ke samne aa jati hai aur hariya ka apni mummy ki aisi phuli aur gulabi phati hui chut aur gaanD ka bhura aur bada sa ched dekh kar land jhatke marne lagta hai aur uske land ki motai aur lambai kuch jyada hi badh jati hai,
kramashah......................





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1 comment:

dhoomil phoolvaan said...

मुझे बचाइए .......... मेरी मदद कीजिए ..........

मैं एक पच्चीस वर्षीय युवक हूँ । मेरे जीवन में अभी एक सबसे बडी विपत्ति आ पडी है । वह इसलिए कि मेरी जल्द ही शादी होने वाली है । मेरा सँक्षिप्त वर्णन कुछ इस प्रकार है ।

जब मैं लगभग 10 वर्ष का था, मेरी चचेरी बहन ( जो लगभग उतनी ही उम्र की थी ) और मैं एक साथ सोया करते थे । ऐसे ही एक बार उसका हाथ मेरी जाँघ से टकराया और उसे वहाँ कुछ उभरा हुआ सा लगा । उसने मुझसे उसके बारे में पूछा । अपने उतावलेपन में मैंने अपनी निक्कर खोलकर दिखाई तो उसे केवल मेरा तना हुआ लिंग ( जिसे अँग्रेजी में 'पीनिस्' शब्द से जाना और पुकारा जाता है ) दिखाई दिया । मेरी चचेरी बहन उत्तेजित होकर मेरे 'पीनिस्' को अपने हाथ से इधर-उधर हिलाने लगी यह कहते हुए कि उसने मेरी 'शेम्-शेम्' देख ली । बाद में मेरी चचेरी बहन ने यह सब अपनी माँ को कुछ इस तरह बताया मानो कोई बहुत बडा काम कर दिखाया हो । तब उसकी माँ ने हम दोनों की अच्छी खबर ली और कडे शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि लडके और लडकियों का एक दूसरे की 'शेम्-शेम्' को देखना वाकई शर्मनाक है । जैसे-जैसे मैं बडा होता गया इसी धारणा को मैंने कई सूरतों में खरा उतरता पाया । लेकिन अब मैं जिस सूरत का सामना करने जा रहा हूँ वह इसी शर्मनाक विषय / चीज को उचित मानने पर बाध्य करती है – सब सैक्स के नाम पर ! लिंग ( पीनिस् ) को देखने पर किसी भी बालिग लडकी / युवती का रवय्या कैसा होता है इसका अब तक मुझे तनिक भी ज्ञात नहीं है । क्या वह शर्मनाक महसूस करेगी, गुस्सा होगी, स्तब्ध हो जाएगी, या इन सब से हटकर, मेरी 'शेम्-शेम्' की खिल्ली उडाएगी ? उसका मेरे लिंग ( पीनिस् ) को अपने हाथ से छूने की नौबत भी मैं कैसे सह सकता हूँ ? जिस स्थित में मैं अब अपने आप को पाता हूँ, उससे मुझे मुक्ति का कोई मार्ग दिखाई नहीं देता । जवाब मिलने पर मैं अपने आपको अत्यन्त चिंतामुक्त पाने की आशा रखता हूँ ।


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