हिंदी सेक्सी कहानियाँ
चुदाई की आग --2
गतान्क से आगे..................
तभी अचानक उसके घर के दरवाजे के अंदर घुसते ही चंदा के पेर वही के वही रुक जाते है और वह एक दम से अपने पेर धीरे से पीछे करके छुप कर हरिया को देखने लगती है और उसे समझते देर नही लगती कि हरिया अपनी मम्मी को बाथरूम मे नंगी नहाते हुए देख रहा है, चंदा के होंठो पर एक हल्की सी मुस्कान फैल जाती है पर तभी उसकी
मुस्कान एक दम से गायब हो जाती है जब उसकी नज़र हरिया के भयानक मोटे लंड पर पड़ती है और उसका मोटा लंड देख कर चंदा का गला सूखने लगता है, हरिया 22 साल का एक हत्ते कत्ते बदन का मालिक था और उसका लंड काफ़ी लंबा और मोटा था, उसके मोटी लंड को देखकर चंदा का हलक सुख जाता है और वह चुपचाप दबे पाँव वापस आ जाती है और
खेतो की ओर चल देती है,
हरिया अपनी मम्मी की नंगी जवानी देख कर अपने लंड को खूब कस-कस कर मसल्ने लगता है, कुछ देर बाद जब कमला नाहकार पेटिकोट पहन लेती है तो हरिया दबे पाँव अपने कमरे मे आकर लेट जाता है और लेटे-लेटे ही अपने लंड को हिलाते हुए अपनी आँखे बंद कर लेता है और कल्पना करने लगता है कि वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली चूत को खूब कस-कस कर चोद रहा है. वह कल्पना मे आँखे बंद कर अपनी मम्मी को अलग-अलग तरीके से कभी चोदता है कभी उसकी फूली हुई चूत और गान्ड को चाट ता है जब उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली हुई बड़ी-बड़ीफांको वाली चूत आती है तो उसके लंड का जोश पूरी तरह बढ़ जाता है और उसे लगता है जैसे उसका पानी छुट जाएगा, तभी बाहर से आवाज़ आती है
कमला- हरिया ओ हरिया, बेटा कितना सोएगा, चल उठ जा और जा ज़रा खेतो की ओर घूम फिर आ और फिर कमला उसके कमरे मे जाती है और हरिया अपनी आँखे बंद कर के चुपचाप लेटा रहता है, कमला उसे पकड़ कर हिलाते हुए उठती है और हरिया कसमसाते हुए उठ कर बैठ जाता है
हरिया- क्या है मम्मी, सोने दो ना
कमला- अरे बेटा जा खेतो मे काम चल रहा है और तू है कि घर पर पड़ा रहता है और तेरे बापू ने दूसरी तरफ के एक खेत को ऐसा पकड़ा है कि बस वही झोपड़ी मे दिन रत ताश खेलता पड़ा रहता है, जा जाकर देख, चंदा भी गई है,
हरिया- मम्मी मे अकेले क्या करूँगा वहाँ
कमला- तू चल तो सही पीछे से मे पहले तेरे बापू का खाना दे कर फिर तेरा खाना लेकर आती हू तब तक कुछ तो काम निपटा दे.
हरिया- अच्छा मम्मी जाता हू और फिर हरिया अपने खेतो की ओर चल देता है,
खेतो के बीचो बीच चंदा काम कर रही थी जब उसकी नज़र हरिया पर पड़ती है तो वह उठ कर कुए की ओर चल देती है जहा हरिया खड़ा हुआ था, वाहा आकर पेड़ की छाया मे बैठ कर, क्या बात है हरिया बेटा आज सुबह-सुबह खेतो मे आए हो, लगता है कुछ काम करने के इरादे से आए हो
हरिया- अरे नही चंदा काकी, मेरा मन इन खेतो मे काम करने मे ज़रा भी नही लगता है
चंदा- मुस्कुराते हुए तो फिर तेरा मन काहे मे लगता है बेटा चंदा ने घाघरा और चोली पहना हुआ था 40 की उमर मे भी उसका शरीर बहुत गदराया और भरा हुआ लगता था, और जब से उसने हरिया का मोटा लंड देख लिया था उसका मन बार-बार उसके मोटे लंड की कल्पना मे डूबने लगा था और वह भी शांत बैठने वाली नही थी और अपने मन मे सोचती है आज इसका पानी छुड़वा ही देती हू,
चंदा- उठते हुए, बेटा तू बैठ मे झोपड़ी के पीछे से पेशाब करके आती हू बहुत जोरो की लगी है और चंदा जनभुज कर अपने घाघरे के उपर से अपनी चूत को मसल्ते हुए पास ही बनी झोपड़ी के पीछे जाने लगती है, वह जानती थी कि उसके झोपड़ी के पीछे जाते ही हरिया झोपड़ी के अंदर पहुच जाएगा और झोपड़ी की झाड़ियो को हटा कर उसकी चूत देखने की कोशिश करेगा,
और फिर ऐसा ही हुआ चंदा के जाते ही हरिया जल्दी से झोपड़ी के अंदर जाकर पीछे की तरफ की घास की झाड़ियो को हटा कर अपनी आँखे लगा देता है
खेत पूरा सुनसान था चारो और दूर-दूर तक कोई नज़र नही आ रहा था, चंदा पहले ही मस्ती मे भरी हुई थी और वह जानती थी कि हरिया उसे देख रहा है इसलिए उसने जानबूझ कर अपना घाघरा कमर तक चढ़ा लिया और खड़ी-खड़ी अपनी फूली हुई चूत को मसल्ते हुए अपने चूत के दाने को रगड़ने लगी, हरिया चंदा काकी की फूली हुई गदराई फांको वाली चूत और मोटी-मोटी जाँघो को देख कर पागल हो गया और उसका लंड खूब झटके मारने लगा, उसने चंदा काकी की पूरी नंगी चूत और कसी हुई गोटी जाँघो को देख कर अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया इतने मे चंदा ने अपनी चूत को खूब रगड़ते हुए खड़ी-खड़ी ही अपनी चूत की मोटी-मोटी फांको को फैला कर मुतना शुरू कर दिया और उसकी चूत से निकलती मोटी धार देख कर हरिया का लंड पानी छोड़ते-छोड़ते रह गया,
कुछ देर बाद चंदा अपने घाघरे से अपनी चूत का पानी पोछते हुए वापस आने लगती है तब हरिया जल्दी से झोपड़ी के बाहर निकल कर बाहर खड़ा हो जाता है, चंदा मुस्कुराते हुए उसकी ओर आने लगती है तभी चंदा जान बुझ कर आह करती हुई अपने पेर पकड़ कर पेड़ के नीचे बैठ जाती है,
हरिया- जल्दी से चंदा के पास जाकर, क्या हुआ काकी कुछ लग गया क्या पैरो मे,
चंदा- अपने घाघरे को घुटनो तक चढ़ा कर अपने पेर के तलवो की तरफ इशारा करते हुए, देख बेटा क्या काँटा चुभ कर टूट गया है
हरिया- उसके पैरो के पास बैठ कर अपना सर झुका कर उसकी नंगी गोरी टाँगो को पकड़ कर उसके पैरो के तलवो की ओर देखने लगता है, तभी चंदा अपनी दोनो जाँघो को थोड़ा फैला देती है और जैसे ही हरिया उसकी एक टांग को पकड़ कर थोड़ा उपर उठा कर देखता है उसकी नज़र चंदा की फूली और मोटी फांको वाली चूत पर पहुच जाती है और उसका अधसोया लंड फिर से खड़ा हो जाता है,
चंदा- मन ही मन मुस्कुराते हुए हरिया की नज़रो को अपनी चूत को घूरते पाकर, देखा बेटा कुछ दिखा क्या
हरिया- अपनी नज़रे मतकते हुए उसके तलवो पर हाथ फेरते हुए, देख रहा हू काकी कही नज़र तो आ नही रहा है
चंदा- थोड़ा दबा कर देखने की कोशिश कर बेटा, दर्द होगा तो पता चल जाएगा कहाँ पर लगा है और फिर चंदा अपनी दोनो जाँघो को और अच्छे से फैला कर अपने घाघरे को थोड़ा और उठा देती है और उसका भारी भरकम गदराया भोसड़ा पूरा खुल कर हरिया की आँखो के सामने आ जाता है और चंदा काकी का रसीला भोसड़ा देख कर हरिया की नज़रे बस उसकी मस्तानी चूत पर ही टिक जाती है
चंदा- नाटक करते हुए, थोड़ा गुस्से मे, हरिया क्या देख रहा था तू
हरिया- एक दम से थोड़ा डर कर कुछ भी नही काकी
चंदा का घाघरा अभी भी उसकी जाँघो तक चढ़ा हुआ था और हरिया उसकी टांग छोड़कर खड़ा हो गया था
चंदा- उसका हाथ पकड़ कर वही अपने पैरो के पास बैठा लेती है और, सच-सच बता हरिया तू मेरे घाघरे के अंदर क्या देख रहा था
हरिया- घबराते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फेर कर, नही काकी मे कुछ भी नही देख रहा था,
चंदा- मन ही मन मुस्कुराते हुए, पक्का तू मेरे घाघरे के अंदर नही झाँक रहा था ना
हरिया- नही काकी बिल्कुल नही
चंदा- चल ठीक है अब ज़रा अच्छे से काँटा देख कहाँ लगा है और चंदा फिर से अपनी एक टांग उठा कर हरिया के कंधे की और रख देती है और उसकी पूरी चूत खुल कर हरिया के मुँह के सामने आ जाती है, हरिया उसके तलवो को देखता है फिर भी उसकी फूली हुई चूत उसके सामने आ जाती है और वह चंदा काकी की चूत को देखे बिना नही रह पाता है,
चंदा- हरिया तुझे शरम नही आती अपनी काकी की चूत को इस तरह खा जाने वाली नज़रो से देख रहा है,
हरिया- थोड़ा हिम्मत करते हुए, क्या करू काकी जब मे तुम्हारे पैरो के तलवो को देखता हू तो तुम्हारी वो भी नज़र आ जाती है,
चंदा- तो क्या तू अपनी काकी की चूत को देखेगा
हरिया- डरते हुए नही काकी मे देखना नही चाहता हू पर आपका पेर देखते हुए वह दिख जाती है,
चंदा- क्या देखना नही चाहता है तू
हरिया- अपनी नज़रे नीचे से उसकी चूत की ओर करते हुए, आपकी चूत
चंदा- क्यो तुझे मेरी चूत देखना अच्छा नही लगता है क्या,
हरिया- कोई जवाब नही दे पाता है
चंदा- अच्छा चल देख ले पर काँटा भी जल्दी से ढूँढ कहाँ लगा है, और चंदा अपना घाघरा इस बार कमर तक चढ़ा कर अपनी पूरी चूत हरिया के सामने खोल देती है, यह नज़ारा देख कर हरिया का मान करता है कि अभी अपनी काकी की चूत मे मुँह डाल कर चूस डाले,
चंदा- हरिया का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खीच लेती है और मुस्कुरकर हरिया को देख कर, ऐसे क्या देख रहा है बेटा क्या खा जाएगा मेरी चूत को, सच-सच बता तुझे मेरी चूत कैसी लगती है,
हरिया- थोड़ा शरमाते हुए, अच्छी है काकी,
चंदा- च्छू कर देखेगा
उसकी बात सुन कर हरिया कोई जवाब नही देता है, तब चंदा उसे अपने पास खीच कर उसके गालो को चूमती हुई, अच्छा सच-सच बता तूने और किस-किस को नंगी देखा है,
हरिया- किसी को नही काकी
चंदा- झूठ मत बोल, अगर सच-सच बताएगा तो मैं तुझे अपनी चूत च्छू कर देखने दूँगी
हरिया- मे सच कह रहा हू काकी मैने आज से पहले कभी चूत नही देखी,
चंदा-अच्छा तू सच नही बताएगा, अच्छा ये तो बता गाँव मे कौन सी औरत को नंगी देखने का सबसे ज़्यादा मन करता है तेरा,
हरिया- मुझे क्या पता काकी मैने थोड़े किसी को नंगी देखा है,
चंदा की नज़रे हरिया के लूँगी मे फूले हुए लंड पर थी और वह आज उस लंड का स्वाद चखने के लिए बेचैन हो उठी थी और उसे पता था कि उसके पास हरिया की दुखती रग का राज भी है, वह समझ गई थी कि हरिया के दिलो दिमाग़ मे क्या चलता रहता है, इसीलिए यह दिन भर अपने घर मे ही घुसा रहता है,
चंदा- हरिया को अपने पास सटा कर, अच्छा हरिया तुझे पता है अपने पूरे गाँव मे सबसे ज़्यादा उठी हुई और गदराई औरत कौन है
हरिया- कौन है
चंदा- उसके लंड की और देख कर, तेरी मम्मी और कौन
अपनी मम्मी का नाम सुनते ही हरिया का लंड झटका मारने लगा और चंदा को उसका एहसास उसकी लूँगी के उपर से हो गया,
चंदा- मालूम है तेरी मम्मी के भारी भरकम चुतडो ने पूरे गाँव को पागल कर रखा है, हर कोई तेरी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदना चाहता है
हरिया- यह तुम क्या कह रही हो काकी
चंदा- सच कह रही हू बेटे, तेरी मम्मी की गदराई जवानी उसकी मोटी-मोटी जंघे और फैले हुए भारी भरकम गान्ड देख-देख कर लोगो के लंड खड़े हो जाते है,
तेरा भी लंड अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना
हरिया- ये क्या कह रही हो काकी, मे भला ऐसा क्यो करूँगा
चंदा उसके मोटे लंड को लूँगी के उपर से एक दम से पकड़ लेती है और हरिया आह करके चंदा से सत जाता है, और उसकी गदराई जाँघो को अपने हाथ के पंजो मे भर कर मसल्ने लगता है
चंदा- उसके लंड को सहलाते हुए, सच बोल हरिया तेरा लंड भी अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना,
हरिया- चंदा की मोटी जाँघो को सहलाता हुआ, नही काकी यह तुमसे किसने कह दिया,
चंदा- उसके लंड को कस कर दबाते हुए तो फिर अपनी मम्मी को नंगी नहाते हुए क्यो देख रहा था,
उसकी बात सुनते ही हरिया के होश उड़ जाते है और उसके हाथ की पकड़ चंदा की जाँघो से ढीली पड़ जाती है,
चंदा- उसका हाथ पकड़ कर अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपनी फूली हुई चूत के उपर रख लेती है और, अरे डरता क्यो है बेटे मे किसी से कहने थोड़े ही जा रही हू, मुझे मालूम है तुझे अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने का कितना मन करता है, तू क्या तेरी जगह कोई भी बेटा होता जिसकी ऐसी गदराई और जवान मम्मी होती वह उसे पूरी नंगी करके ज़रूर चोदना चाहता,
चंदा की बाते सुन कर हरिया का लंड पूरे ताव मे आ जाता है और वह चंदा की चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से मसल्ने लगता है,
चंदा- सीसियते हुए उसके मोटे लंड को लूँगी से बाहर निकाल कर देखती है और पागल हो जाती है और हरिया के मोटे लंड को झुक कर अपने मुँह मे भर कर पागलो की तरह खूब कस-कस कर चूसने लगती है, हरिया मानो आसमान मे उड़ने लग जाता है, वह चंदा काकी की दोनो मोटी जाँघो और पूरी फूली हुई चूत को पागलो की तरह दबोच-दबोच कर मसल्ने लगता है, चंदा हरिया के लंड को खूब कस-कस कर तब तक चुस्ती है जब तक की उसका सारा पानी चंदा पी नही जाती है, हरिया चंदा काकी की चूत को खूब मसल-मसल कर लाल कर देता है और अपने लंड का सारा पानी चंदा काकी के मुँह मे छोड़ देता है जिसे चंदा काकी पूरा चाट-चाट कर चूस लेती है,
चंदा- हरिया को चूमते हुए, अब बता बेटा सच-सच तू अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदना चाहता है ना
हरिया का मोटा लंड फिर से खड़ा होने लगता है और वह चंदा काकी के होंठो को चूमते हुए उसके मोटी-मोटी चुचियाँ को दबाते हुए, हा काकी मुझे अपनी मम्मी बहुत अच्छी लगती है, मे उसे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदना चाहता हू, जब तुम मम्मी की तेल मालिश करती हो तब मे उसका पूरा भोसड़ा देख चुका हू वह मुझे बहुत अच्छी लगती है,
चंदा- हरिया को रंग मे आता देख उसे उठ कर झोपड़ी के अंदर चलने को कहती है और फिर दोनो झोपड़ी के अंदर चले जाते है ज़मीन पर चंदा एक चटाई डाल कर उसे पकड़ कर नीचे बैठा लेती है और फिर हरिया के मोटे लंड को दोनो हाथो से पकड़ कर सहलाते हुए, हा बेटा अब बता तेरा क्या-क्या मन करता है अपनी मम्मी के साथ करने को,
हरिया- चंदा काकी की चूत को अपने हाथो मे भर कर खूब कस कर दबोचते हुए, हे काकी मेरा दिल करता है कि मे अपनी मम्मी की खूब गान्ड और चूत को चतु उसकी चूत की फांको को फैला-फैला कर खूब उसकी फूली हुई चूत का रस पी जाउ, उसे पूरी नंगी करके अपने लंड पर बैठा कर खूब कस-कस कर चोदु, उसकी खूब मोटी-मोटी गान्ड को खूब जी भर कर गहराई तक चोदु,
चंदा- उसके लंड के टोपे को सहलाती हुई, अपनी काकी को चोदेगा?
हरिया- हाँ काकी क्यो नही और फिर हरिया अपना मोटा लंड अपनी काकी की दोनो जाँघो के बीच बैठ कर उसकी दोनो जाँघो को उपर तक उठा कर उसके घुटनो को मोड़ देता है और मोटे लंड को उसकी फूली हुई चूत की गदराई फांको को हटा कर कस कर एक ही झटके मे जड़ तक पेल देता है और चंदा आह..आह करके सीसीयाने लगती है, हाय हरिया कितना मोटा लंड है रे तेरा ओह मा मर गई, उसकी ऐसी आवाज़ सुन कर हरिया उसकी दोनो मोटी जाँघो को और कस कर फैलाते हुए खूब कस-कस कर उसकी फूली चूत मे अपने मोटे लंड को बिल्कुल जड़ तक पेलना शुरू कर देता है और चंदा आह आह करती हुई अपने मोटे-मोटे चुतडो को हरिया के लंड पर मारने लगती है, हरिया खूब हुमच-हुमच कर चंदा काकी को चोदना शुरू कर देता है, कुछ देर बाद हरिया चंदा काकी को घोड़ी बना कर पीछे से उसकी मोटी-मोटी गोरी गान्ड और एक बित्ते की लंबी और चौड़ी चूत को खूब कस-कस कर चाटने लगता है और चंदा आह आह करती हुई खूब सीसीयाने लगती है,
चंदा- हाय हरिया ये सब चोदने की कलाबाजी कहाँ से सीखा है रे तू तो बहुत अच्छा चोदता है, तेरी मम्मी अगर एक बार तुझसे अपनी चूत मरवा ले तो वह तो तेरे मोटे लंड की
दीवानी हो जाएगी, तू नही जानता हरिया तेरी मम्मी की चूत कितनी चुदासी है वह तो मोटे-मोटे लंड खाने के लिए तड़पति रहती है,
हरिया- सच काकी तुम सच कह रही हो, मैने तो मम्मी की चूत दूर से देखी है पर तुमने तो उसे च्छू कर भी देखा है कैसी लगती है मेरी मम्मी की चूत और फिर हरिया पीछे से चंदा की गान्ड और चूत को लंबी-लंबी जीभ निकाल कर चाटने लगता है,
चंदा- आह आह हाय हरिया तेरी मम्मी की चूत तो बहुत फूली हुई और चिकनी है रे वह जब तेरे मुँह मे अपनी चूत खोल कर बैठेगी तब तुझे पता चलेगा कितना मस्त भोसड़ा है तेरी मम्मी का, सारे गाँव के मोटे लंड उसकी फूली हुई चूत मे घुसना चाहते है और मुझे आज पता चला कि उसकी चूत मे घुसने के लिए उसके अपने बेटे का मोटा लंड कितना उतावला है, बोल चोदेगा अपनी मम्मी को
क्रमशः......................
CHUDAAI KI AAG --2
gataank se aage..................
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kamla- hariya o hariya, beta kitna soyega, chal uth ja aur ja jara kheto ki aur ghum phir aa aur phir kamla uske kamre me jati hai aur hariya apni aankhe band kar ke chupchap leta rahta hai, kamla use pakad kar hilate huye uthati hai aur harika kasmasate huye uth kar baith jata hai
hariya- kya hai mummy, sone do na
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hariya- mummy me akele kya karunga vaha
kamla- tu chal to sahi piche se me pahle tere bapu ka khana de kar phir tera khana lekar aati hu tab tak kuch to kam nipta de.
hariya- achcha mummy jata hu aur phir hariya apne kheto ki aur chal deta hai,
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chanda- kya dekhna nahi chahta hai tu
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chanda- kyo tujhe meri chut dekhna achcha nahi lagta hai kya,
hariya- koi jawab nahi de pata hai
chanda- achcha chal dekh le par kanta bhi jaldi se dhoondh kaha laga hai, aur chanda apna ghaghra is bar kamar tak chadha kar apni puri chut hariya ke samne khol deti hai, yah najara dekh kar hariya ka man karta hai ki abhi apni kaki ki chut me munh dal kar chus dale,
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chanda- chhu kar dekhega
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chanda- jhuth mat bol, agar sach-sach batayega to me tujhe apni chut chhu kar dekhne dungi
hariya- me sach kah raha hu kaki maine aaj se pahle kabhi chut nahi dekhi,
chanda-achcha tu sach nahi batayega, achcha ye to bata ganv me kaun si aurat ko nangi dekhne ka sabse jyada man karta hai tera,
hariya- mujhe kya pata kaki maine thode kisi ko nangi dekha hai,
chanda ki najre hariya ke lungi me phule huye land par thi aur vah aaj us land ka swad chakhne ke liye bechain ho uthi thi aur use pata tha ki uske pas hariya ki dukhti rag ka raj bhi hai, vah samjh gai thi ki hariya ke dilo dimag me kya chalta rahta hai, isiliye yah din bhar apne ghar me hi ghusa rahta hai,
chanda- hariya ko apne pas sata kar, achcha hariya tujhe pata hai apne pure ganv me sabse jyada uthi hui aur gadaraai aurat kaun hai
hariya- kaun hai
chanda- uske land ki aur dekh kar, teri mummy aur kaun
apni mummy ka nam sunte hi hariya ka land jhaka marne laga aur chanda ko uska ehsas uski lungi ke upar se ho gaya,
chanda- malum hai teri mummy ke bhari bharkam chutaDo ne pure ganv ko pagal kar rakha hai, har koi teri mummy ko khub kas-kas kar chodna chahta hai
hariya- yah tum kya kah rahi ho kaki
chanda- sach kah rahi hu bete, teri mummy ki gadaraai jawani uski moti-moti janghe aur phaile huye bhari bharkam gaanD dekh-dekh kar logo ke land khade ho jate hai,
tera bhi land apni mummy ko dekh kar khada ho jata hai na
hariya- ye kya kah rahi ho kaki, me bhala aisa kyo karunga
chanda uske moti land ko lungi ke upar se ek dam se pakad leti hai aur hariya aah karke chanda se sat jata hai, aur uski gadaraai jangho ko apne hanth ke panjo me bhar kar masalne lagta hai
chanda- uske land ko sahlate huye, sach bol hariya tera land bhi apni mummy ko dekh kar khada ho jata hai na,
hariya- chanda ki moti jangho ko sahlata hua, nahi kaki yah tumse kisne kah diya,
chanda- uske land ko kas kar dabate huye to phir apni mummy ko nangi nahate huye kyo dekh raha tha,
uski bat sunte hi hariya ke hosh ud jate hai aur uske hanth ki pakad chanda ki jangho se dhili pad jati hai,
chanda- uska hath pakad kar apni dono jangho ko phaila kar apni phuli hui chut ke upar rakh leti hai aur, are darta kyo hai bete me kisi se kahne thode hi ja rahi hu, mujhe malum hai tujhe apni mummy ko puri nangi dekhne ka kitna man karta hai, tu kya teri jagah koi bhi beta hota jiski aisi gadaraai aur jawan mummy hoti vah use puri nangi karke jarur chodna chahta,
chanda ki bate sun kar hariya ka land pure tav me aa jata hai aur vah chanda ki chut ko khub jor-jor se masalne lagta hai,
chanda- sisiyate huye uske moti land ko lungi se bahar nikal kar dekhti hai aur pagal ho jati hai aur hariya ke moti land ko jhuk kar apne munh me bhar kar paglo ki tarah khub kas-kas kar chusne lagti hai, hariya mano aasman me udne lag jata hai, vah chanda kaki ki dono moti jangho aur puri phuli hui chut ko paglo ki tarah daboch-daboch kar masalne lagta hai, chanda hariya ke land ko khub kas-kas kar tab tak chusti hai jab tak ki uska sara pani chanda pi nahi jati hai, hariya chanda kaki ki chut ko khub masal-masal kar lal kar deta hai aur apne land ka sara pani chanda kaki ke munh me chod deta hai jise chanda kaki pura chat-chat kar chus leti hai,
chanda- hariya ko chumte huye, ab bata beta sach-sach tu apni mummy ko puri nangi karke chodna chahta hai na
hariya ka mota land phir se khada hone lagta hai aur vah chanda kaki ke hontho ko chumte huye uske moti-moti chuchiyaan ko dabate huye, ha kaki mujhe apni mummy bahut achchi lagti hai, me use puri nangi karke khub kas-kas kar chodna chahta hu, jab tum mummy ki tel malish karti ho tab me uska pura bhosda dekh chuka hu vah mujhe bahut achchi lagti hai,
chanda- hariya ko rang me aata dekh use uth kar jhopadi ke andar chalne ko kahti hai aur phir dono jhopadi ke andar chale jate hai jameen par chanda ek chatai dal kar use pakad kar niche baitha leti hai aur phir hariya ke moti land ko dono haatho se pakad kar sahlate huye, ha beta ab bata tera kya-kya man karta hai apni mummy ke sath karne ko,
hariya- chanda kaki ki chut ko apne haatho me bhar kar khub kas kar dabochte huye, hay kaki mera dil karta hai ki me apni mummy ki khub gaanD aur chut ko chatu uski chut ki phanko ko phaila-phaila kar khub uski phuli hui chut ka ras pee jau, use puri nangi karke apne land par baitha kar khub kas-kas kar chodu, uski khub moti-moti gaanD ko khub jee bhar kar gahrai tak chodu,
chanda- uska land ke tope ko sahlati hui, apni kaki ko chodega?
hariya- ha kaki kyo nahi aur phir hariya apna mota land apni kaki ki dono jangho ke beech baith kar uski dono jangho ko upar tak utha kar uske ghutno ko mod deta hai aur moti land ko uski phuli hui chut ki gadaraai phanko ko hata kar kas kar ek hi jhatke me jad tak pel deta hai aur chanda aah..aah karke sisiyane lagti hai, hay hariya kitna mota land hai re tera oh ma mar gai, uski aisi aawaj sun kar hariya uski dono moti jangho ko aur kas kar phailate huye khub kas-kas kar uski phuli chut me apne moti land ko bilkul jad tak pelna shuru kar deta hai aur chanda aah aah karti hui apne moti-moti chutaDo ko hariya ke land par marne lagti hai, hariya khub humach-humach kar chanda kaki ko chodna shuru kar deta hai, kuch der bad hariya chanda kaki ko ghodi bana kar piche se uski moti-moti gori gaanD aur ek bitte ki lambi aur choudi chut ko khub kas-kas kar chtne lagta hai aur chanda aah aah karti hui khub sisiyane lagti hai,
chanda- hay hariya ye sab chodane ki kalabaji kaha se sikha hai re tu to bahut achcha chodataa hai, teri mummy agar ek bar tujhse apni chut marwa le to vah to tere moti land ki
deewani ho jayegi, tu nahi janta hariya teri mummy ki chut kitni chudasi hai vah to moti-moti land khane ke liye tadapti rahti hai,
hariya- sach kaki tum sach kah rahi ho, maine to mummy ki chut dur se dekhi hai par tumne to use chhu kar bhi dekha hai kaisi lagti hai meri mummy ki chut aur phir hariya piche se chanda ki gaanD aur chut ko lambi-lambi jeebh nikal kar chatne lagta hai,
chanda- aah aah hay hariya teri mummy ki chut to bahut phuli hui aur chikni hai re vah jab tere munh me apni chut khol kar baithegi tab tujhe pata chalega kitna mast bhosda hai teri mummy ka, sare ganv ke moti land uski phuli hui chut me ghusna chahte hai aur mujhe aaj pata chala ki uski chut me ghusne ke liye uske apne bete ka mota land kitna utawla hai, bol chodega apni mummy ko
kramashah......................
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चुदाई की आग --2
गतान्क से आगे..................
तभी अचानक उसके घर के दरवाजे के अंदर घुसते ही चंदा के पेर वही के वही रुक जाते है और वह एक दम से अपने पेर धीरे से पीछे करके छुप कर हरिया को देखने लगती है और उसे समझते देर नही लगती कि हरिया अपनी मम्मी को बाथरूम मे नंगी नहाते हुए देख रहा है, चंदा के होंठो पर एक हल्की सी मुस्कान फैल जाती है पर तभी उसकी
मुस्कान एक दम से गायब हो जाती है जब उसकी नज़र हरिया के भयानक मोटे लंड पर पड़ती है और उसका मोटा लंड देख कर चंदा का गला सूखने लगता है, हरिया 22 साल का एक हत्ते कत्ते बदन का मालिक था और उसका लंड काफ़ी लंबा और मोटा था, उसके मोटी लंड को देखकर चंदा का हलक सुख जाता है और वह चुपचाप दबे पाँव वापस आ जाती है और
खेतो की ओर चल देती है,
हरिया अपनी मम्मी की नंगी जवानी देख कर अपने लंड को खूब कस-कस कर मसल्ने लगता है, कुछ देर बाद जब कमला नाहकार पेटिकोट पहन लेती है तो हरिया दबे पाँव अपने कमरे मे आकर लेट जाता है और लेटे-लेटे ही अपने लंड को हिलाते हुए अपनी आँखे बंद कर लेता है और कल्पना करने लगता है कि वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली चूत को खूब कस-कस कर चोद रहा है. वह कल्पना मे आँखे बंद कर अपनी मम्मी को अलग-अलग तरीके से कभी चोदता है कभी उसकी फूली हुई चूत और गान्ड को चाट ता है जब उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली हुई बड़ी-बड़ीफांको वाली चूत आती है तो उसके लंड का जोश पूरी तरह बढ़ जाता है और उसे लगता है जैसे उसका पानी छुट जाएगा, तभी बाहर से आवाज़ आती है
कमला- हरिया ओ हरिया, बेटा कितना सोएगा, चल उठ जा और जा ज़रा खेतो की ओर घूम फिर आ और फिर कमला उसके कमरे मे जाती है और हरिया अपनी आँखे बंद कर के चुपचाप लेटा रहता है, कमला उसे पकड़ कर हिलाते हुए उठती है और हरिया कसमसाते हुए उठ कर बैठ जाता है
हरिया- क्या है मम्मी, सोने दो ना
कमला- अरे बेटा जा खेतो मे काम चल रहा है और तू है कि घर पर पड़ा रहता है और तेरे बापू ने दूसरी तरफ के एक खेत को ऐसा पकड़ा है कि बस वही झोपड़ी मे दिन रत ताश खेलता पड़ा रहता है, जा जाकर देख, चंदा भी गई है,
हरिया- मम्मी मे अकेले क्या करूँगा वहाँ
कमला- तू चल तो सही पीछे से मे पहले तेरे बापू का खाना दे कर फिर तेरा खाना लेकर आती हू तब तक कुछ तो काम निपटा दे.
हरिया- अच्छा मम्मी जाता हू और फिर हरिया अपने खेतो की ओर चल देता है,
खेतो के बीचो बीच चंदा काम कर रही थी जब उसकी नज़र हरिया पर पड़ती है तो वह उठ कर कुए की ओर चल देती है जहा हरिया खड़ा हुआ था, वाहा आकर पेड़ की छाया मे बैठ कर, क्या बात है हरिया बेटा आज सुबह-सुबह खेतो मे आए हो, लगता है कुछ काम करने के इरादे से आए हो
हरिया- अरे नही चंदा काकी, मेरा मन इन खेतो मे काम करने मे ज़रा भी नही लगता है
चंदा- मुस्कुराते हुए तो फिर तेरा मन काहे मे लगता है बेटा चंदा ने घाघरा और चोली पहना हुआ था 40 की उमर मे भी उसका शरीर बहुत गदराया और भरा हुआ लगता था, और जब से उसने हरिया का मोटा लंड देख लिया था उसका मन बार-बार उसके मोटे लंड की कल्पना मे डूबने लगा था और वह भी शांत बैठने वाली नही थी और अपने मन मे सोचती है आज इसका पानी छुड़वा ही देती हू,
चंदा- उठते हुए, बेटा तू बैठ मे झोपड़ी के पीछे से पेशाब करके आती हू बहुत जोरो की लगी है और चंदा जनभुज कर अपने घाघरे के उपर से अपनी चूत को मसल्ते हुए पास ही बनी झोपड़ी के पीछे जाने लगती है, वह जानती थी कि उसके झोपड़ी के पीछे जाते ही हरिया झोपड़ी के अंदर पहुच जाएगा और झोपड़ी की झाड़ियो को हटा कर उसकी चूत देखने की कोशिश करेगा,
और फिर ऐसा ही हुआ चंदा के जाते ही हरिया जल्दी से झोपड़ी के अंदर जाकर पीछे की तरफ की घास की झाड़ियो को हटा कर अपनी आँखे लगा देता है
खेत पूरा सुनसान था चारो और दूर-दूर तक कोई नज़र नही आ रहा था, चंदा पहले ही मस्ती मे भरी हुई थी और वह जानती थी कि हरिया उसे देख रहा है इसलिए उसने जानबूझ कर अपना घाघरा कमर तक चढ़ा लिया और खड़ी-खड़ी अपनी फूली हुई चूत को मसल्ते हुए अपने चूत के दाने को रगड़ने लगी, हरिया चंदा काकी की फूली हुई गदराई फांको वाली चूत और मोटी-मोटी जाँघो को देख कर पागल हो गया और उसका लंड खूब झटके मारने लगा, उसने चंदा काकी की पूरी नंगी चूत और कसी हुई गोटी जाँघो को देख कर अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया इतने मे चंदा ने अपनी चूत को खूब रगड़ते हुए खड़ी-खड़ी ही अपनी चूत की मोटी-मोटी फांको को फैला कर मुतना शुरू कर दिया और उसकी चूत से निकलती मोटी धार देख कर हरिया का लंड पानी छोड़ते-छोड़ते रह गया,
कुछ देर बाद चंदा अपने घाघरे से अपनी चूत का पानी पोछते हुए वापस आने लगती है तब हरिया जल्दी से झोपड़ी के बाहर निकल कर बाहर खड़ा हो जाता है, चंदा मुस्कुराते हुए उसकी ओर आने लगती है तभी चंदा जान बुझ कर आह करती हुई अपने पेर पकड़ कर पेड़ के नीचे बैठ जाती है,
हरिया- जल्दी से चंदा के पास जाकर, क्या हुआ काकी कुछ लग गया क्या पैरो मे,
चंदा- अपने घाघरे को घुटनो तक चढ़ा कर अपने पेर के तलवो की तरफ इशारा करते हुए, देख बेटा क्या काँटा चुभ कर टूट गया है
हरिया- उसके पैरो के पास बैठ कर अपना सर झुका कर उसकी नंगी गोरी टाँगो को पकड़ कर उसके पैरो के तलवो की ओर देखने लगता है, तभी चंदा अपनी दोनो जाँघो को थोड़ा फैला देती है और जैसे ही हरिया उसकी एक टांग को पकड़ कर थोड़ा उपर उठा कर देखता है उसकी नज़र चंदा की फूली और मोटी फांको वाली चूत पर पहुच जाती है और उसका अधसोया लंड फिर से खड़ा हो जाता है,
चंदा- मन ही मन मुस्कुराते हुए हरिया की नज़रो को अपनी चूत को घूरते पाकर, देखा बेटा कुछ दिखा क्या
हरिया- अपनी नज़रे मतकते हुए उसके तलवो पर हाथ फेरते हुए, देख रहा हू काकी कही नज़र तो आ नही रहा है
चंदा- थोड़ा दबा कर देखने की कोशिश कर बेटा, दर्द होगा तो पता चल जाएगा कहाँ पर लगा है और फिर चंदा अपनी दोनो जाँघो को और अच्छे से फैला कर अपने घाघरे को थोड़ा और उठा देती है और उसका भारी भरकम गदराया भोसड़ा पूरा खुल कर हरिया की आँखो के सामने आ जाता है और चंदा काकी का रसीला भोसड़ा देख कर हरिया की नज़रे बस उसकी मस्तानी चूत पर ही टिक जाती है
चंदा- नाटक करते हुए, थोड़ा गुस्से मे, हरिया क्या देख रहा था तू
हरिया- एक दम से थोड़ा डर कर कुछ भी नही काकी
चंदा का घाघरा अभी भी उसकी जाँघो तक चढ़ा हुआ था और हरिया उसकी टांग छोड़कर खड़ा हो गया था
चंदा- उसका हाथ पकड़ कर वही अपने पैरो के पास बैठा लेती है और, सच-सच बता हरिया तू मेरे घाघरे के अंदर क्या देख रहा था
हरिया- घबराते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फेर कर, नही काकी मे कुछ भी नही देख रहा था,
चंदा- मन ही मन मुस्कुराते हुए, पक्का तू मेरे घाघरे के अंदर नही झाँक रहा था ना
हरिया- नही काकी बिल्कुल नही
चंदा- चल ठीक है अब ज़रा अच्छे से काँटा देख कहाँ लगा है और चंदा फिर से अपनी एक टांग उठा कर हरिया के कंधे की और रख देती है और उसकी पूरी चूत खुल कर हरिया के मुँह के सामने आ जाती है, हरिया उसके तलवो को देखता है फिर भी उसकी फूली हुई चूत उसके सामने आ जाती है और वह चंदा काकी की चूत को देखे बिना नही रह पाता है,
चंदा- हरिया तुझे शरम नही आती अपनी काकी की चूत को इस तरह खा जाने वाली नज़रो से देख रहा है,
हरिया- थोड़ा हिम्मत करते हुए, क्या करू काकी जब मे तुम्हारे पैरो के तलवो को देखता हू तो तुम्हारी वो भी नज़र आ जाती है,
चंदा- तो क्या तू अपनी काकी की चूत को देखेगा
हरिया- डरते हुए नही काकी मे देखना नही चाहता हू पर आपका पेर देखते हुए वह दिख जाती है,
चंदा- क्या देखना नही चाहता है तू
हरिया- अपनी नज़रे नीचे से उसकी चूत की ओर करते हुए, आपकी चूत
चंदा- क्यो तुझे मेरी चूत देखना अच्छा नही लगता है क्या,
हरिया- कोई जवाब नही दे पाता है
चंदा- अच्छा चल देख ले पर काँटा भी जल्दी से ढूँढ कहाँ लगा है, और चंदा अपना घाघरा इस बार कमर तक चढ़ा कर अपनी पूरी चूत हरिया के सामने खोल देती है, यह नज़ारा देख कर हरिया का मान करता है कि अभी अपनी काकी की चूत मे मुँह डाल कर चूस डाले,
चंदा- हरिया का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खीच लेती है और मुस्कुरकर हरिया को देख कर, ऐसे क्या देख रहा है बेटा क्या खा जाएगा मेरी चूत को, सच-सच बता तुझे मेरी चूत कैसी लगती है,
हरिया- थोड़ा शरमाते हुए, अच्छी है काकी,
चंदा- च्छू कर देखेगा
उसकी बात सुन कर हरिया कोई जवाब नही देता है, तब चंदा उसे अपने पास खीच कर उसके गालो को चूमती हुई, अच्छा सच-सच बता तूने और किस-किस को नंगी देखा है,
हरिया- किसी को नही काकी
चंदा- झूठ मत बोल, अगर सच-सच बताएगा तो मैं तुझे अपनी चूत च्छू कर देखने दूँगी
हरिया- मे सच कह रहा हू काकी मैने आज से पहले कभी चूत नही देखी,
चंदा-अच्छा तू सच नही बताएगा, अच्छा ये तो बता गाँव मे कौन सी औरत को नंगी देखने का सबसे ज़्यादा मन करता है तेरा,
हरिया- मुझे क्या पता काकी मैने थोड़े किसी को नंगी देखा है,
चंदा की नज़रे हरिया के लूँगी मे फूले हुए लंड पर थी और वह आज उस लंड का स्वाद चखने के लिए बेचैन हो उठी थी और उसे पता था कि उसके पास हरिया की दुखती रग का राज भी है, वह समझ गई थी कि हरिया के दिलो दिमाग़ मे क्या चलता रहता है, इसीलिए यह दिन भर अपने घर मे ही घुसा रहता है,
चंदा- हरिया को अपने पास सटा कर, अच्छा हरिया तुझे पता है अपने पूरे गाँव मे सबसे ज़्यादा उठी हुई और गदराई औरत कौन है
हरिया- कौन है
चंदा- उसके लंड की और देख कर, तेरी मम्मी और कौन
अपनी मम्मी का नाम सुनते ही हरिया का लंड झटका मारने लगा और चंदा को उसका एहसास उसकी लूँगी के उपर से हो गया,
चंदा- मालूम है तेरी मम्मी के भारी भरकम चुतडो ने पूरे गाँव को पागल कर रखा है, हर कोई तेरी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदना चाहता है
हरिया- यह तुम क्या कह रही हो काकी
चंदा- सच कह रही हू बेटे, तेरी मम्मी की गदराई जवानी उसकी मोटी-मोटी जंघे और फैले हुए भारी भरकम गान्ड देख-देख कर लोगो के लंड खड़े हो जाते है,
तेरा भी लंड अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना
हरिया- ये क्या कह रही हो काकी, मे भला ऐसा क्यो करूँगा
चंदा उसके मोटे लंड को लूँगी के उपर से एक दम से पकड़ लेती है और हरिया आह करके चंदा से सत जाता है, और उसकी गदराई जाँघो को अपने हाथ के पंजो मे भर कर मसल्ने लगता है
चंदा- उसके लंड को सहलाते हुए, सच बोल हरिया तेरा लंड भी अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना,
हरिया- चंदा की मोटी जाँघो को सहलाता हुआ, नही काकी यह तुमसे किसने कह दिया,
चंदा- उसके लंड को कस कर दबाते हुए तो फिर अपनी मम्मी को नंगी नहाते हुए क्यो देख रहा था,
उसकी बात सुनते ही हरिया के होश उड़ जाते है और उसके हाथ की पकड़ चंदा की जाँघो से ढीली पड़ जाती है,
चंदा- उसका हाथ पकड़ कर अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपनी फूली हुई चूत के उपर रख लेती है और, अरे डरता क्यो है बेटे मे किसी से कहने थोड़े ही जा रही हू, मुझे मालूम है तुझे अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने का कितना मन करता है, तू क्या तेरी जगह कोई भी बेटा होता जिसकी ऐसी गदराई और जवान मम्मी होती वह उसे पूरी नंगी करके ज़रूर चोदना चाहता,
चंदा की बाते सुन कर हरिया का लंड पूरे ताव मे आ जाता है और वह चंदा की चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से मसल्ने लगता है,
चंदा- सीसियते हुए उसके मोटे लंड को लूँगी से बाहर निकाल कर देखती है और पागल हो जाती है और हरिया के मोटे लंड को झुक कर अपने मुँह मे भर कर पागलो की तरह खूब कस-कस कर चूसने लगती है, हरिया मानो आसमान मे उड़ने लग जाता है, वह चंदा काकी की दोनो मोटी जाँघो और पूरी फूली हुई चूत को पागलो की तरह दबोच-दबोच कर मसल्ने लगता है, चंदा हरिया के लंड को खूब कस-कस कर तब तक चुस्ती है जब तक की उसका सारा पानी चंदा पी नही जाती है, हरिया चंदा काकी की चूत को खूब मसल-मसल कर लाल कर देता है और अपने लंड का सारा पानी चंदा काकी के मुँह मे छोड़ देता है जिसे चंदा काकी पूरा चाट-चाट कर चूस लेती है,
चंदा- हरिया को चूमते हुए, अब बता बेटा सच-सच तू अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदना चाहता है ना
हरिया का मोटा लंड फिर से खड़ा होने लगता है और वह चंदा काकी के होंठो को चूमते हुए उसके मोटी-मोटी चुचियाँ को दबाते हुए, हा काकी मुझे अपनी मम्मी बहुत अच्छी लगती है, मे उसे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदना चाहता हू, जब तुम मम्मी की तेल मालिश करती हो तब मे उसका पूरा भोसड़ा देख चुका हू वह मुझे बहुत अच्छी लगती है,
चंदा- हरिया को रंग मे आता देख उसे उठ कर झोपड़ी के अंदर चलने को कहती है और फिर दोनो झोपड़ी के अंदर चले जाते है ज़मीन पर चंदा एक चटाई डाल कर उसे पकड़ कर नीचे बैठा लेती है और फिर हरिया के मोटे लंड को दोनो हाथो से पकड़ कर सहलाते हुए, हा बेटा अब बता तेरा क्या-क्या मन करता है अपनी मम्मी के साथ करने को,
हरिया- चंदा काकी की चूत को अपने हाथो मे भर कर खूब कस कर दबोचते हुए, हे काकी मेरा दिल करता है कि मे अपनी मम्मी की खूब गान्ड और चूत को चतु उसकी चूत की फांको को फैला-फैला कर खूब उसकी फूली हुई चूत का रस पी जाउ, उसे पूरी नंगी करके अपने लंड पर बैठा कर खूब कस-कस कर चोदु, उसकी खूब मोटी-मोटी गान्ड को खूब जी भर कर गहराई तक चोदु,
चंदा- उसके लंड के टोपे को सहलाती हुई, अपनी काकी को चोदेगा?
हरिया- हाँ काकी क्यो नही और फिर हरिया अपना मोटा लंड अपनी काकी की दोनो जाँघो के बीच बैठ कर उसकी दोनो जाँघो को उपर तक उठा कर उसके घुटनो को मोड़ देता है और मोटे लंड को उसकी फूली हुई चूत की गदराई फांको को हटा कर कस कर एक ही झटके मे जड़ तक पेल देता है और चंदा आह..आह करके सीसीयाने लगती है, हाय हरिया कितना मोटा लंड है रे तेरा ओह मा मर गई, उसकी ऐसी आवाज़ सुन कर हरिया उसकी दोनो मोटी जाँघो को और कस कर फैलाते हुए खूब कस-कस कर उसकी फूली चूत मे अपने मोटे लंड को बिल्कुल जड़ तक पेलना शुरू कर देता है और चंदा आह आह करती हुई अपने मोटे-मोटे चुतडो को हरिया के लंड पर मारने लगती है, हरिया खूब हुमच-हुमच कर चंदा काकी को चोदना शुरू कर देता है, कुछ देर बाद हरिया चंदा काकी को घोड़ी बना कर पीछे से उसकी मोटी-मोटी गोरी गान्ड और एक बित्ते की लंबी और चौड़ी चूत को खूब कस-कस कर चाटने लगता है और चंदा आह आह करती हुई खूब सीसीयाने लगती है,
चंदा- हाय हरिया ये सब चोदने की कलाबाजी कहाँ से सीखा है रे तू तो बहुत अच्छा चोदता है, तेरी मम्मी अगर एक बार तुझसे अपनी चूत मरवा ले तो वह तो तेरे मोटे लंड की
दीवानी हो जाएगी, तू नही जानता हरिया तेरी मम्मी की चूत कितनी चुदासी है वह तो मोटे-मोटे लंड खाने के लिए तड़पति रहती है,
हरिया- सच काकी तुम सच कह रही हो, मैने तो मम्मी की चूत दूर से देखी है पर तुमने तो उसे च्छू कर भी देखा है कैसी लगती है मेरी मम्मी की चूत और फिर हरिया पीछे से चंदा की गान्ड और चूत को लंबी-लंबी जीभ निकाल कर चाटने लगता है,
चंदा- आह आह हाय हरिया तेरी मम्मी की चूत तो बहुत फूली हुई और चिकनी है रे वह जब तेरे मुँह मे अपनी चूत खोल कर बैठेगी तब तुझे पता चलेगा कितना मस्त भोसड़ा है तेरी मम्मी का, सारे गाँव के मोटे लंड उसकी फूली हुई चूत मे घुसना चाहते है और मुझे आज पता चला कि उसकी चूत मे घुसने के लिए उसके अपने बेटे का मोटा लंड कितना उतावला है, बोल चोदेगा अपनी मम्मी को
क्रमशः......................
CHUDAAI KI AAG --2
gataank se aage..................
tabhi achanak uske ghar ke darwaje ke andar ghuste hi chanda ke per vahi ke vahi ruk jate hai aur vah ek dam se apne per dhire se piche karke chup kar hariya ko dekhne lagti hai aur use samjhte der nahi lagti ki hariya apni mummy ko bathroom me nangi nahate huye dekh raha hai, chanda ke hontho par ek halki si muskan phail jati hai par tabhi uski
muskan ek dam se gayab ho jati hai jab uski najar hariya ke bhayanak mote land par padti hai aur uska mota land dekh kar chanda ka gala sukhne lagta hai, hariya 22 sal ka ek hatte katte badan ka malik tha aur uska land kaphi lamba aur mota tha, uske moti land ko dekhkar chanda ka halak sukh jata hai aur vah chupchap dabe panv vapas aa jati hai aur
kheto ki aur chal deti hai,
hariya apni mummy ki nangi jawani dekh kar apne land ko khub kas-kas kar masalne lagta hai, kuch der bad jab kamla nahakar petikot pahan leti hai to hariya dabe panv apne kamre me aakar let jata hai aur lete-lete hi apne land ko hilate huye apni aankhe band kar leta hai aur kalpna karne lagta hai aki vah apni mummy ki moti gaanD aur phuli chut ko khub kas-kas kar chod raha hai. vah kalpna me aankhe band kar apni mummy ko alag-alag tarike se kabhi chodataa hai kabhi uski phuli hui chut aur gaanD ko chaat ta hai jab uski aankho ke samne uski mummy ki moti gaanD aur phuli hui badi-badi
phanko wali chut aati hai to uske land ka josh puri tarah badh jata hai aur use lagta hai jaise uska pani chut jayega, tabhi bahar se awaj aati hai
kamla- hariya o hariya, beta kitna soyega, chal uth ja aur ja jara kheto ki aur ghum phir aa aur phir kamla uske kamre me jati hai aur hariya apni aankhe band kar ke chupchap leta rahta hai, kamla use pakad kar hilate huye uthati hai aur harika kasmasate huye uth kar baith jata hai
hariya- kya hai mummy, sone do na
kamla- are beta ja kheto me kam chal raha hai aur tu hai ki ghar par pada rahta hai aur tere bapu ne dusri taraf ke ek khet ko aisa pakda hai ki bas vahi jhopadi me din rat tash khelta pada rahta hai, ja jakar dekh, chanda bhi gai hai,
hariya- mummy me akele kya karunga vaha
kamla- tu chal to sahi piche se me pahle tere bapu ka khana de kar phir tera khana lekar aati hu tab tak kuch to kam nipta de.
hariya- achcha mummy jata hu aur phir hariya apne kheto ki aur chal deta hai,
kheto ke beecho beech chanda kam kar rahi thi jab uski najar hariya par padti hai to vah uth kar kuye ki aur chal deti hai jaha hariya khada hua tha, vaha aakar ped ki chhaya me baith kar, kya bat hai hariya beta aaj subah-subah kheto me aaye ho, lagta hai kuch kam karne ke irade se aaye ho
hariya- are nahi chanda kaki, mera man in kheto me kam karne me jara bhi nahi lagta hai
chanda- muskurate huye to phir tera man kahe me lagta hai beta chanda ne ghaghra aur choli pahna hua tha 40 ki umar me bhi uska sharir bahut gadaraaya aur bhara hua lagta tha, aur jab se usne hariya ka mota land dekh liya tha uska man bar-bar uske moti land ki kalpna me dubne laga tha aur vah bhi shant baithne wali nahi thi aur apne man me sochti hai aaj iska pani chudwa hi deti hu,
chanda- uthte huye, beta tu baith me jhopadi ke piche se peshab karke aati hu bahut joro ki lagi hai aur chanda janbhuj kar apne ghaghre ke upar se apni chut ko masalte huye pas hi bani jhopdi ke piche jane lagti hai, vah janti thi ki uske jhopadi ke piche jate hi hariya jhopadi ke andar pahuch jayega aur jhopdi ki jhadiyo ko hata kar uski chut dekhne ki koshish karega,
aur phir aisa hi hua chanda ke jate hi hariya jaldi se jhopadi ke andar jakar piche ki taraf ki ghas ki jhadiyo ko hata kar apni aankhe laga deta hai
khet pura sunsan tha charo aur dur-dur tak koi najar nahi aa raha tha, chanda pahle hi masti me bhari hui thi aur vah janti thi ki hariya use dekh raha hai isliye usne janbujh kar apna ghaghra kamar tak chadha liya aur khadi-khadi apni phuli hui chut ko masalte huye apne chut ke dane ko ragadne lagi, hariya chanda kaki ki phuli hui gadaraai phanko wali chut aur moti-moti jangho ko dekh kar pagal ho gaya aur uska land khub jhatke marne laga, usne chanda kaki ki puri nangi chut aur kasi hui goti jangho ko dekh kar apna land hilana shuru kar diya itne me chanda ne apni chut ko khub ragadte huye khadi-khadi hi apni chut ki moti-moti phanko ko phaila kar mutna shuru kar diya aur uski chut se nikalti moti dhar dekh kar hariya ka land pani chodate-chodate rah gaya,
kuch der bad chanda apne ghaghre se apni chut ka pani pochte huye vapas aane lagti hai tab hariya jaldi se jhopadi ke bahar nikal kar bahar khada ho jata hai, chanda muskurate huye uski aur aane lagti hai tabhi chanda jan bujh kar aah karti hui apne per pakad kar ped ke niche baith jati hai,
hariya- jaldi se chanda ke pas jakar, kya hua kaki kuch lag gaya kya pairo me,
chanda- apne ghaghre ko ghutno tak chadha kar apne per ke talwo ki taraf ishara karte huye, dekh beta kya kanta chubh kar tut gaya hai
hariya- uske pairo ke pas baith kar apna sar jhuka kar uski nangi gori tango ko pakad kar uske pairo ke talwo ki aur dekhne lagta hai, tabhi chanda apni dono jangho ko thoda phaila deti hai aur jaise hi hariya uski ek tang ko pakad kar thoda upar utha kar dekhta hai uski najar chanda ki phuli aur moti phanko wali chut par pahuch jati hai aur uska adhsoya land phir se khada ho jata hai,
chanda- man hi man muskurate huye hariya ki najro ko apni chut ko ghurte pakar, dekha beta kuch dikha kya
hariya- apni najre matkate huye uske talwo par hath pherte huye, dekh raha hu kaki kahi najar to aa nahi raha hai
chanda- thoda daba kar dekhne ki koshish kar beta, dard hoga to pata chal jayega kaha par laga hai aur phir chanda apni dono jangho ko aur achche se phaila kar apne ghaghre ko thoda aur utha deti hai aur uska bhari bharkam gadaraaya bhosda pura khul kar hariya ki aankho ke samne aa jata hai aur chanda kaki ka rasila bhosda dekh kar hariya ki najre bas uski mastani chut par hi tik jati hai
chanda- natak karte huye, thoda gusse me, hariya kya dekh raha tha tu
hariya- ek dam se thoda dar kar kuch bhi nahi kaki
chanda ka ghaghra abhi bhi uski jangho tak chadha hua tha aur hariya uski tang chodkar khada ho gaya tha
chanda- uska hath pakad kar vahi apne pairo ke pas baith leti hai aur, sach-sach bata hariya tu mere ghaghre ke andar kya dekh raha tha
hariya- ghabrate huye apne sukhe hontho par jeebh pher kar, nahi kaki me kuch bhi nahi dekh raha tha,
chanda- man hi man muskurate huye, pakka tu mere ghaghre ke andar nahi jhank raha tha na
hariya- nahi kaki bilkul nahi
chanda- chal thik hai ab jara achche se kanta dekh kaha laga hai aur chanda phir se apni ek tand utha kar hariya ke kandhe ki aur rakh deti hai aur uski puri chut khul kar hariya ke munh ke samne aa jati hai, hariya uske talwo ko dekhta hai phir bhi uski phuli hui chut uske samne aa jati hai aur vah chanda kaki ki chut ko dekhe bina nahi rah pata hai,
chanda- hariya tujhe sharam nahi aati apni kaki ki chut ko is tarah kha jane wali najro se dekh raha hai,
hariya- thoda himmat karte huye, kya karu kaki jab me tumhare pairo ke talwo ko dekhta hu to tumhari vo bhi najar aa jati hai,
chanda- to kya tu apni kaki ki chut ko dekhega
hariya- darte huye nahi kaki me dekhna nahi chahta hu par apka per dekhte huye vah dikh jati hai,
chanda- kya dekhna nahi chahta hai tu
hariya- apni najre niche se uski chut ki aur karte huye, aapki chut
chanda- kyo tujhe meri chut dekhna achcha nahi lagta hai kya,
hariya- koi jawab nahi de pata hai
chanda- achcha chal dekh le par kanta bhi jaldi se dhoondh kaha laga hai, aur chanda apna ghaghra is bar kamar tak chadha kar apni puri chut hariya ke samne khol deti hai, yah najara dekh kar hariya ka man karta hai ki abhi apni kaki ki chut me munh dal kar chus dale,
chanda- hariya ka hath pakad kar apni aur khich leti hai aur muskurakar hariya ko dekh kar, aise kya dekh raha hai beta kya kha jayega meri chut ko, sach-sach bata tujhe meri chut kaisi lagti hai,
hariya- thoda sharmate huye, achchi hai kaki,
chanda- chhu kar dekhega
uski bat sun kar hariya koi jawab nahi deta hai, tab chanda use apne pas khich kar uske galo ko chumti hui, achcha sach-sach bata tune aur kis-kis ko nangi dekha hai,
hariya- kisi ko nahi kaki
chanda- jhuth mat bol, agar sach-sach batayega to me tujhe apni chut chhu kar dekhne dungi
hariya- me sach kah raha hu kaki maine aaj se pahle kabhi chut nahi dekhi,
chanda-achcha tu sach nahi batayega, achcha ye to bata ganv me kaun si aurat ko nangi dekhne ka sabse jyada man karta hai tera,
hariya- mujhe kya pata kaki maine thode kisi ko nangi dekha hai,
chanda ki najre hariya ke lungi me phule huye land par thi aur vah aaj us land ka swad chakhne ke liye bechain ho uthi thi aur use pata tha ki uske pas hariya ki dukhti rag ka raj bhi hai, vah samjh gai thi ki hariya ke dilo dimag me kya chalta rahta hai, isiliye yah din bhar apne ghar me hi ghusa rahta hai,
chanda- hariya ko apne pas sata kar, achcha hariya tujhe pata hai apne pure ganv me sabse jyada uthi hui aur gadaraai aurat kaun hai
hariya- kaun hai
chanda- uske land ki aur dekh kar, teri mummy aur kaun
apni mummy ka nam sunte hi hariya ka land jhaka marne laga aur chanda ko uska ehsas uski lungi ke upar se ho gaya,
chanda- malum hai teri mummy ke bhari bharkam chutaDo ne pure ganv ko pagal kar rakha hai, har koi teri mummy ko khub kas-kas kar chodna chahta hai
hariya- yah tum kya kah rahi ho kaki
chanda- sach kah rahi hu bete, teri mummy ki gadaraai jawani uski moti-moti janghe aur phaile huye bhari bharkam gaanD dekh-dekh kar logo ke land khade ho jate hai,
tera bhi land apni mummy ko dekh kar khada ho jata hai na
hariya- ye kya kah rahi ho kaki, me bhala aisa kyo karunga
chanda uske moti land ko lungi ke upar se ek dam se pakad leti hai aur hariya aah karke chanda se sat jata hai, aur uski gadaraai jangho ko apne hanth ke panjo me bhar kar masalne lagta hai
chanda- uske land ko sahlate huye, sach bol hariya tera land bhi apni mummy ko dekh kar khada ho jata hai na,
hariya- chanda ki moti jangho ko sahlata hua, nahi kaki yah tumse kisne kah diya,
chanda- uske land ko kas kar dabate huye to phir apni mummy ko nangi nahate huye kyo dekh raha tha,
uski bat sunte hi hariya ke hosh ud jate hai aur uske hanth ki pakad chanda ki jangho se dhili pad jati hai,
chanda- uska hath pakad kar apni dono jangho ko phaila kar apni phuli hui chut ke upar rakh leti hai aur, are darta kyo hai bete me kisi se kahne thode hi ja rahi hu, mujhe malum hai tujhe apni mummy ko puri nangi dekhne ka kitna man karta hai, tu kya teri jagah koi bhi beta hota jiski aisi gadaraai aur jawan mummy hoti vah use puri nangi karke jarur chodna chahta,
chanda ki bate sun kar hariya ka land pure tav me aa jata hai aur vah chanda ki chut ko khub jor-jor se masalne lagta hai,
chanda- sisiyate huye uske moti land ko lungi se bahar nikal kar dekhti hai aur pagal ho jati hai aur hariya ke moti land ko jhuk kar apne munh me bhar kar paglo ki tarah khub kas-kas kar chusne lagti hai, hariya mano aasman me udne lag jata hai, vah chanda kaki ki dono moti jangho aur puri phuli hui chut ko paglo ki tarah daboch-daboch kar masalne lagta hai, chanda hariya ke land ko khub kas-kas kar tab tak chusti hai jab tak ki uska sara pani chanda pi nahi jati hai, hariya chanda kaki ki chut ko khub masal-masal kar lal kar deta hai aur apne land ka sara pani chanda kaki ke munh me chod deta hai jise chanda kaki pura chat-chat kar chus leti hai,
chanda- hariya ko chumte huye, ab bata beta sach-sach tu apni mummy ko puri nangi karke chodna chahta hai na
hariya ka mota land phir se khada hone lagta hai aur vah chanda kaki ke hontho ko chumte huye uske moti-moti chuchiyaan ko dabate huye, ha kaki mujhe apni mummy bahut achchi lagti hai, me use puri nangi karke khub kas-kas kar chodna chahta hu, jab tum mummy ki tel malish karti ho tab me uska pura bhosda dekh chuka hu vah mujhe bahut achchi lagti hai,
chanda- hariya ko rang me aata dekh use uth kar jhopadi ke andar chalne ko kahti hai aur phir dono jhopadi ke andar chale jate hai jameen par chanda ek chatai dal kar use pakad kar niche baitha leti hai aur phir hariya ke moti land ko dono haatho se pakad kar sahlate huye, ha beta ab bata tera kya-kya man karta hai apni mummy ke sath karne ko,
hariya- chanda kaki ki chut ko apne haatho me bhar kar khub kas kar dabochte huye, hay kaki mera dil karta hai ki me apni mummy ki khub gaanD aur chut ko chatu uski chut ki phanko ko phaila-phaila kar khub uski phuli hui chut ka ras pee jau, use puri nangi karke apne land par baitha kar khub kas-kas kar chodu, uski khub moti-moti gaanD ko khub jee bhar kar gahrai tak chodu,
chanda- uska land ke tope ko sahlati hui, apni kaki ko chodega?
hariya- ha kaki kyo nahi aur phir hariya apna mota land apni kaki ki dono jangho ke beech baith kar uski dono jangho ko upar tak utha kar uske ghutno ko mod deta hai aur moti land ko uski phuli hui chut ki gadaraai phanko ko hata kar kas kar ek hi jhatke me jad tak pel deta hai aur chanda aah..aah karke sisiyane lagti hai, hay hariya kitna mota land hai re tera oh ma mar gai, uski aisi aawaj sun kar hariya uski dono moti jangho ko aur kas kar phailate huye khub kas-kas kar uski phuli chut me apne moti land ko bilkul jad tak pelna shuru kar deta hai aur chanda aah aah karti hui apne moti-moti chutaDo ko hariya ke land par marne lagti hai, hariya khub humach-humach kar chanda kaki ko chodna shuru kar deta hai, kuch der bad hariya chanda kaki ko ghodi bana kar piche se uski moti-moti gori gaanD aur ek bitte ki lambi aur choudi chut ko khub kas-kas kar chtne lagta hai aur chanda aah aah karti hui khub sisiyane lagti hai,
chanda- hay hariya ye sab chodane ki kalabaji kaha se sikha hai re tu to bahut achcha chodataa hai, teri mummy agar ek bar tujhse apni chut marwa le to vah to tere moti land ki
deewani ho jayegi, tu nahi janta hariya teri mummy ki chut kitni chudasi hai vah to moti-moti land khane ke liye tadapti rahti hai,
hariya- sach kaki tum sach kah rahi ho, maine to mummy ki chut dur se dekhi hai par tumne to use chhu kar bhi dekha hai kaisi lagti hai meri mummy ki chut aur phir hariya piche se chanda ki gaanD aur chut ko lambi-lambi jeebh nikal kar chatne lagta hai,
chanda- aah aah hay hariya teri mummy ki chut to bahut phuli hui aur chikni hai re vah jab tere munh me apni chut khol kar baithegi tab tujhe pata chalega kitna mast bhosda hai teri mummy ka, sare ganv ke moti land uski phuli hui chut me ghusna chahte hai aur mujhe aaj pata chala ki uski chut me ghusne ke liye uske apne bete ka mota land kitna utawla hai, bol chodega apni mummy ko
kramashah......................
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