Wednesday, October 3, 2012

सेक्सी कहानियाँ चुदाई की आग --3



हिंदी सेक्सी कहानियाँ

चुदाई की आग --3

गतान्क से आगे..................

हरिया- हा काकी मे अपनी मम्मी को खूब रगड़-रगड़ कर चोदना चाहता हू, जब घर मे चलती है तो दिल करता है उसे जाकर अपनी गोद मे उठा कर खूब प्यार करू, उसका चेहरा इतना भरा हुआ और खूबसूरत है कि दिल करता है उसके गालो होंठो को खूब चुसू और उसकी चूत मे लंड पेलते हुए उसकी जीभ का रस खूब चुसू, मम्मी को जब भी चोदु उसकी रसीली जीभ को चूस्ते हुए उसकी चूत मे अपना मोटा लंड डालु,


और फिर हरिया चंदा काकी की चूत मे पीछे से अपना मोटा लंड कस कर पेल देता है और सतसट उसकी कमर पकड़ कर धक्के पर धक्के मारने लगता है, वह चोद चंदा काकी को रहा था लेकिन उसकी बंद आँखो के सामने उसकी मम्मी की गदराई जवानी नाच रही थी, उसके हर धक्के के साथ उसे ऐसा लगता था कि जैसे वह अपनी मम्मी की गान्ड मार रहा है, वह चोद चंदा काकी को रहा था लेकिन उसकी कल्पना मे उसकी मम्मी उसके सामने पूरी नंगी होकर अपनी चूत उठा-उठा कर अपने बेटे को दिखाते हुए नाच रही थी, उसने अपनी कल्पना मे अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके खूब नचा-नचा कर चूत और गान्ड मतकते हुए देखा था, और उसके हर धक्को के साथ उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मम्मी नंगी नाचती हुई उसे अपनी चूत दिखा-दिखा कर कह रही हो ले बेटा चढ़ जा अपनी मा के नंगे बदन पर और खूब कर कर चोद दे मेरी चूत को,


उसके धक्के की रफ़्तार अपनी मम्मी की नंगे बदन की कल्पना से बढ़ती जा रही थी और वह खूब कस-कस कर सतसट अपने मोटे लंड को चंदा काकी को घोड़ी बना कर उसकी चूत मार रहा था, उधर चंदा काकी उस धमाकेदार चुदाई से पूरी तरफ मस्त हो चुकी थी, तभी हरिया की आँखो के सामने कल्पना मे उसकी मम्मी ने अपनी दोनो जाँघो को फैलाकर अपना मदहोश कर देने वाला भोसड़ा दिखाया तो हरिया अपनी कल्पना मे अपनी मम्मी की मस्त चूत को खूब कस-कस कर चोदता हुआ एक दम से झाड़ गया और उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की फूली हुई चूत ने उसका सारा पानी चंदा काकी की चूत मे गिरवा दिया था,

हरिया से चुदवाने के बाद चंदा अपने पेट के बल अपनी गान्ड उठाए हुए लेटी थी और हरिया उसके भारी भरकम चुतडो की गहरी दरार मे अपनी उंगलिया घुमा रहा था,
हरिया- काकी तुम्हारी मोटी गान्ड और इसका यह भूरा छेद कितना अच्छा लग रहा है,
चंदा- अरे बेटा जब अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और उसकी गान्ड की गहरी दरार को फैला कर देखेगा तो खड़ा-खड़ा मूत देगा
हरिया- क्यो इतनी मस्त है क्या मम्मी की गान्ड
चंदा- अरे बेटा उसके गोरे-गोरे भारी भरकम चुतडो को चाटने और चोदने के लिए तो पूरा गाँव पागल है पर किसी को उसकी गान्ड की गहराई देखने का मोका नही मिला, तेरी मम्मी की जगह कोई चालू रांड होती तो अब तक सारे गाँव का लंड अपनी गदराई गान्ड मे ले चुकी होती, पर तेरी मम्मी पर हाथ रखने की हिम्मत किसी ने नही दिखाई और तो और तेरा बाप भी उसे कहाँ ढंग से चोद पाता है, सच कहु उसे तेरे जैसे मोटे लंड की ठुकाई से ही राहत मिलेगी, तेरा मोटा लंड देख कर तो ऐसा लगता है जैसे इसे तेरी मम्मी को चोदने के लिए ही बनाया गया है,
हरिया- अपने दोनो हाथो से चंदा की दोनो गान्ड को फैला कर उसकी गुदा को सूंघ कर आह काकी कितनी मस्त गुदा है तुम्हारी मे अपना लंड एक बार इसमे भी डाल दू
चंदा- एक दम से पलट कर ना बेटा ना, मे अपनी गान्ड नही मरवाउंगी, तुझे ज़्यादा गान्ड मारने का मन कर रहा है तो जा कर अपनी मम्मी की गान्ड मार उसकी गान्ड है भी बहुत मोटी तेरा मोटा लंड सह लेगी, मे तो तेरा ये मूसल अपनी गान्ड मे लेकर मर ही जाउन्गि,
हरिया- पर काकी मम्मी मुझे कहाँ अपनी गान्ड दे देगी तुम ही मार लेने दो ना,
चंदा- नही बेटे तेरा लंड तेरी मम्मी की गान्ड मे ही सही रहेगा, कोशिश करके देख ले शायद तुझसे अपनी चूत और गान्ड मरवाने के लिए राज़ी हो जाए,
हरिया- कुछ सोच कर, तो काकी तुम ही कोई उपाय बताओ ना
चंदा- बेटा मे क्या उपाय बताऊ, फिर भी मे कोशिश करूँगी चल अब जल्दी से कपड़े पहन ले हमे बहुत देर हो गई है कोई इधर ही ना चला आ रहा हो,
चंदा का शक सही निकला और दूर से कमला आती हुई दोनो को दिखाई देती है, कमला को देख कर चंदा खेतो के बीच मे काम करने पहुच जाती है और हरिया इधर उधर के काम मे लग जाता है,

कुछ देर बाद तीनो पेड़ की छाया मे बैठ कर बाते करने लगते है, हरिया खाना खा कर बैठ जाता है तब कमला उसे कुछ देर झोपड़ी मे आराम करने को कह देती है और फिर जब हरिया झोपड़ी मे चला जाता है तब कमला अपने पल्लू से तेल की छ्होटी सी शीशी निकाल कर चंदा को देते हुए
कमला- ले चंदा पकड़ ये तेल और एक बार और कस कर मेरे पैरो की मालिश कर दे ना जाने क्यो इतना दर्द बना हुआ है उस समय तुझसे मालिश करवाई तो कुछ ठीक हो गया था पर अब तो जाँघो मे भी जकड़न महसूस हो रही है, ले ज़रा अच्छे से कस कर मालिश कर मे यही पेड़ के नीचे लेट जाती हू,
चंदा- मुस्कुराते हुए कमला की साडी को उसकी कमर तक कर देती है,
कमला- अरे क्या कर रही है पूरी नंगी कर दिया तूने कही हरिया बाहर आ गया तो वह देख लेगा
चंदा- अपने हाथो मे तेल भर कर उसकी गदराई जाँघो मे लगा कर मसल्ते हुए, अरे मालकिन देख भी लेगा तो क्या हुआ अब तुम्हारा हरिया भी कोई बच्चा नही रहा अब तो उसे भी तुम्हारे जैसी गदराई औरत को चोदने का मन करता होगा,
कमला- क्या अनब सनब बक रही है मेरे बेटे के बारे मे, चुपचाप मालिश कर आह हाँ यही सबसे ज़्यादा दर्द है
चंदा- मुस्कुराते हुए, मालकिन तुम्हारी मोटी जंघे खूब कस गई है लगता है बहुत समय से इन्हे किसी मर्द ने दबोचा नही है इसलिए खून बँध गया है इनमे,
कमला- अब इस बुढ़ापे मे कौन दबोचेगा मेरी जंघे
तभी चंदा कमला की चूत को सहला देती है और हाय मालकिन तुम्हारी चूत से तो पानी बह रहा है
कमला- थोड़ा शर्मकार मुस्कुराते हुए, हाँ रे जब तू इस तरह छुएगी तो पानी नही तो क्या बहेगा,
चंदा- एक बात कहु मालकिन
कमला- क्या
चंदा- अपने कभी घोड़े जैसा मोटा और लंबा लंड देखा है,
कमला- नही तो, क्यो तूने किसका देख लिया
चंदा- कुछ नही बस ऐसे ही पुंछ लिया
कमला- अब ज़्यादा नखरा ना छोड़ बता भी किसका देखा है तूने
चंदा हल्के से मुस्कुराते हुए समझ गई थी कि कमला की चूत बहुत चुदासी है उसने धीरे से अपने हाथ मे ढेर सारा तेल लेकर कमला की चूत को खूब फैला कर उसमे भर कर उसकी चिकनी चूत को मसल्ने लगी,
कमला- आह यह क्या कर रही है चंदा, अब बता भी दे तूने किसका मोटा लंड देखा है
चंदा- रहने दो मालकिन आप नाराज़ हो जाओगी
कमला- अरे नही रे मे भला तुझसे कभी नाराज़ हो सकती हू तू तो मुझसे हर तरह की बाते कर लेती है अब बता भी दे
चंदा- आज मैने आपके बेटे हरिया का लंड देखा है, क्या बताऊ मालकिन उसके बराबर तगड़ा और मोटा लंड मैने आज तक नही देखा, जो औरत उसके मोटे लंड से एक बार चुद जाए वह जिंदगी भर उसके लंड की दीवानी रहेगी,
कमला- यह तू क्या कह रही है और तूने कैसे हरिया का लंड देख लिया,
चंदा- सच बताऊ मालकिन, हरिया झोपड़ी के पीछे पेशाब करने गया था और मे झोपड़ी के अंदर थी तब मेरी नज़र अचानक झोपड़ी के एक छेद से पीछे की ओर गई और मैने देखा हरिया अपने लंड से खड़ा-खड़ा खेल रहा था उस समय उसका लंड ढीला था लेकिन तब भी उसके पूरे हाथ मे नही समा रहा था और फिर वह अपने लंड की खाल को कभी आगे कभी पीछे करके सहलाने लगा, वह अपनी आँखे बंद करके अपने लंड को सहला रहा था ऐसा लग रहा था जैसे वह अपनी कल्पना मे किसी औरत को पूरी नंगी करके चोद रहा था धीरे-धीरे उसका मोटा लंड विकराल रूप धारण करने लगा और फिर हरिया ने अपने लंड को खूब कस-कस कर हिलाया और करीब 5 मिनिट बाद वह झाड़ गया, वह नज़ारा देख कर तो मालकिन मेरी चूत भी गीली हो गई थी,
चंदा की बात सुन कर कमला की साँसे तेज हो गई थी और उसकी गान्ड ज़मीन से रह-रह कर उठ जाती थी और वह अपनी फूली हुई चूत को चंदा के हाथो मे मारने लग गई थी, चंदा ने उसकी दशा देख कर उसकी चूत को कस कर अपने हाथो मे भींच लिया,

कमला- क्या सचमुच हरिया का लंड बहुत बड़ा है
चंदा- हाँ मालकिन मैने तो आज तक ऐसा मोटा लंड नही देखा, और फिर चंदा अपनी मालकिन की चूत मे सॅट से दो उंगलिया पेल देती है और फिर
चंदा- एक बात कहु मालकिन
कमला- क्या
चंदा- कमला की चूत मे उंगली पेलते हुए, आपके बेटे के लंड के मुक़ाबले पूरे गाँव मे बस एक ही चूत है मालकिन
कमला- किसकी चूत
चंदा- आपकी मालकिन
कमला- सीसियते हुए, ये तू क्या कह रही है चंदा
चंदा- सच कह रही हू मालकिन आपके बेटे का लंड और आपकी गदराई हुई फूली चूत को देख कर ऐसा लगता है जैसे वह मोटा लंड आपको चोदने के लिए ही बना हो सच मालकिन अगर वह मोटा लंड आपकी इस फूली चूत मे घुस जाए तो आपको एक दम मस्त कर देगा. और फिर चंदा अपनी तीन उंगलिया ज़ोर-ज़ोर से कमला की फूली हुई चिकनी चूत मे चलाने लगती है,
चंदा- और वैसे भी मालकिन आज कल के जो लड़के होते है ना वह बहुत अच्छे तरीके से चोदते है, वह औरतो के बिना कहे ही उनकी सारी इच्छाए पूरी कर देते है
कमला- मतलब
चंदा- मतलब यह कि मालकिन आज कल के जवान लड़के सबसे ज़्यादा औरतो की गान्ड और चूत को चाटना और चूसना पसंद करते है,
कमाल- आह यह क्या कह रही है तू चंदा, भला तुझे कैसे पता कि आज कल के लड़के औरतो की चूत और गान्ड चाटना चाहते है
चंदा- मैने खुद हरिया को अपनी आँखे बंद करके मूठ मारते हुए यह कहते सुना है
कमला- अपनी जाँघो को पूरी तरह खोल कर फिला देती है और चंदा उसकी चूत को खूब कस-कस कर सहलाने लगती है,
कमला- क्या कह रहा था मेरा बेटा
चंदा- अरे मैने ठीक से नही सुना पर वह अपना लंड मसल्ते हुए इतना ज़रूर बड़बड़ा रहा था कि मे तुम्हारी पूरी चूत पी जाना चाहता हू मे तुम्हारी खूब कस-कस कर गान्ड चाटना चाहता हू
कमला- पर तूने यह नही सुना वह किसकी बात कर रहा था
चंदा- नही मे यह तो नही सुन पाई पर मुझे तो लगता है वह तुम्ही को अपने ख्यालो मे नंगी करके चोद रहा था मालकिन
कमला- चुप कर बेशरम, भला यह कभी हो सकता है कि वह अपनी मम्मी को ही चोदने के बारे मे सोचेगा
चंदा- मुझे ऐसा लगा इसलिए मैने कह दिया
कमला- पर तुझे ऐसा ही क्यो लगा
चंदा- वो मुझे इसलिए लगा क्योकि एक दो बार उसने अपना लंड हिलाते हुए ओह मम्मी शब्द कहा था
कमला- कुछ सोच कर, यह भी तो हो सकता है कि उसे दर्द हो रहा हो और वह उसी दर्द के कारण उसके मुँह से मम्मी शब्द निकला हो जैसे अक्सर लोगो के मुँह से निकल जाता है
चंदा- अरे मालकिन लंड हिलाने मे कौन सा दर्द होता है उसमे तो और मज़ा आता है और वह मज़े मे अपनी मम्मी को याद कर रहा था मतलब ज़रूर वह तुम्हे ही अपने ख्यालो मे पूरी नंगी करके चोद रहा होगा,

कमला- उठ कर बैठते हुए, चल बेशरम अब चुप हो जा और यह बात तू किसी से कहना नही, लोग बेकार मे मेरे बेटे को बदनाम कर देंगे

चंदा- अरे नही मालकिन मे किसी से क्यो कहने लगी, वैसे भी आज तक मैने यह सब बाते आपके अलावा किसी से नही की है, अच्छा मालकिन आप कहो तो मे अब जाउ सबेरे से ही खेत मे हू ज़रा घर की ओर भी झाँक आउ,

कमला- ठीक है जा और वह लकड़ी का गट्टा घर पर रखती हुई चली जाना,
चंदा के जाने के बाद कमला खड़ी होकर चंदा की बातो को सोचने लगती है और उसकी चूत से ढेर सारा पानी बहने लगता है, वह दबे पाँव झोपड़ी के अंदर जाती है जहा हरिया नीचे चटाई मे लेटा हुआ था,

कमला भी उसके बगल मे जाकर लेट जाती है, वह कुछ सोचती उससे पहले ही हरिया एक अंगड़ाई लेकर अपने एक पेर को अपनी मम्मी की कमर मे डाल कर उससे चिपक जाता है, उसका मोटा लंड सपने मे भी अपनी मम्मी को चोद रहा था जिसकी वजह से उसका लंड पूरी तरह लूँगी से बाहर निकल कर उसकी मम्मी की मोटी गान्ड मे ठोकर मार रहा था,


हरिया थका था इसलिए उसकी नींद गहरी थी लेकिन उसका लंड बराबर तना हुआ उसकी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड मे चुभ रहा था, और जिसके कारण कमला का दिल जोरो से काँपने लगा था और वह ना चाहते हुए भी चुपचाप अपनी मोटी गान्ड को अपने बेटे के मोटी लंड से सताए हुए पड़ी थी, कुछ देर बाद कमला ने हरिया का हाथ अपने उपर से हटा कर अपना मुँह उसकी ओर कर लिया और जब उसकी नज़र अपने बेटे के मोटे लंड पर पड़ी तो उसका दिल धाक्क करके रह गया, उसे चंदा की बात सच लगी वाकई उसके बेटे का लंड उसके मस्त भोस्डे को चोदने के लायक था,

कमला काफ़ी देर तक अपने बेटे के मोटे लंड को देखती रही और फिर जब उसने देखा कि हरिया गहरी नींद मे है तो उसने वही लेट कर अपने बेटे के लंड को धीरे से पकड़ कर सहलाया और उसकी चूत का दाना कूदने लगा और उसकी चूत से खूब चिपचिपा पानी बहने लगा, कमला को ज़रा भी एहसास नही था कि उसके हाथ का दबाव उसके बेटे के लंड पर बढ़ता जा रहा था और एक वक़्त ऐसा आया कि कमला ने अपने बेटे के लंड को अपने दोनो हाथो मे भर कर खूब कस कर भींच दिया और हरिया एक दम से कसमसा कर दूसरी और करवट ले कर सो गया.

कमला अपनी फूली हुई चूत सहलाती लेटी रही लेकिन उसकी आँखो से नींद कोसो दूर थी, करीब 1 घंटे बाद हरिया उठा तो उसने देखा उसकी मम्मी उसके बगल मे लेटी हुई है अपनी मम्मी के गदराए भारी भरकम चुतडो को अपनी तरफ उठा देख कर हरिया का लंड फिर से सर उठाने लगा था और उसने अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुतडो पर धीरे से हाथ फेरते हुए एक धीमी आवाज़ लगाई लेकिन कमला जागते हुए भी सोती बनी रही,


हरिया ने जब अपनी मम्मी के गदराए चुतडो को धीरे से सहलाया तो उसे ऐसा मज़ा कभी नही आया और वह वही बैठा-बैठा अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के उपर अपने हाथ फेरते हुए अपनी मम्मी की मदमस्त उठी गान्ड के गुदज एहसास का मज़ा लेने लगा, जब उसका हाथ अपनी मम्मी की गान्ड की गहरी दरार मे जाता तो उसका मन करता कि अपना पूरा हाथ वह अपनी मम्मी की गान्ड मे भर दे,

उसने धीरे से अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतडो पर अपना मुँह रख कर हल्के से दबाया तो वह यह सोच कर और भी पागल होने लगा कि जब वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को पूरी नंगी करके अपने मुँह को उसकी गान्ड मे भरेगा तब उसे कितना मज़ा आएगा, वह अभी कुछ सोच ही रहा था कि कमला  कसमसाने का नाटक करती हुई उठ बैठी और हरिया ने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया,

कमला- उठ गया बेटे
हरिया- हाँ मा मे तो कब का जाग चुका था
कमला- अच्छा चल अब घर की ओर चलते है, ये कुछ लकड़ियो का गट्टर पड़ा है इन्हे उठा ले मे वो वाली ले लेती हू और फिर कमला आगे-आगे चलने लगी और हरिया अपनी मम्मी की मटकती मोटी गान्ड को ललचाई नज़रो से देखता हुआ आगे बढ़ने लगा, अपनी मम्मी की जबर्दुस्त उठी हुई मोटी गान्ड और उसके भारी चुतडो की थिरकन ने चलते-चलते ही हरिया का लंड खड़ा कर दिया था,

बीच-बीच मे कमला जब पीछे पलट कर हरिया को देखती तो वह इधर उधर देखने लगता लेकिन जब कमला ने उसकी लूँगी की ओर देखा तो वह दंग रह गई, हरिया का लंड पूरी तरह तना हुआ था, वह समझ गई थी कि उसके बेटे का लंड उसकी खुद की मम्मी के भारी चुतडो को देख-देख कर झटके मार रहा है, वह अपने मन मे सोचने लगी कही हरिया सचमुच मुझे अपने लंड से चोदना तो नही चाहता है, चंदा ठीक ही कह रही थी यह लंड हिलाते हुए आँखे बंद करके मुझे ही नंगी करके चोद रहा होगा, इसका लंड भी कितना मोटा है, सच ऐसे लंड से चुदवाने मे तो मज़ा आ जाता होगा,


बस इतना सब सोचना था कि कमला की चूत भी फूल कर पानी-पानी हो चुकी थी लेकिन अभी तक उसने अपने मन मे अपने बेटे से चुदवाने का ख्याल नही किया था, बस वह यही सब सोचती हुई कब घर पहुच गई उसे पता भी नही चला.

रात को हरिया का बापू खेत पर ही खाट डाल कर सोता था और हरिया उसे वही खाना दे कर आ जाता था, रात को कमला आँगन के चूल्‍हे मे रोटिया सेक रही थी और आग की गर्मी से वह बहाल थी उपर से बिजली भी काफ़ी देर से गई हुई थी, कमला का साडी का पल्लू उसके जाँघो पर गिरा था और उसके मोटी-मोटी चुचियाँ पूरी तरह से नज़र आ रहे थे और उसकी साडी दोनो घुटनो के उपर तक चढ़ि हुई थी,

क्रमशः......................


CHUDAAI KI AAG --3

gataank se aage..................

hariya- ha kaki me apni mummy ko khub ragad-ragad kar chodna chahta hu, jab ghar me chalti hai to dil karta hai use jakar apni god me utha kar khub pyar karu, uska chehra itna bhara hua aur khubsurat hai ki dil karta hai uske galo hontho ko khub chusu aur uski chut me land pelte huye uski jeebh ka ras khub chusu, mummy ko jab bhi chodu uski rasili jeebh ko chuste huye uski chut me apna mota land dalu,


aur phir hariya chanda kaki ki chut me piche se apna mota land kas kar pel deta hai aur satasat uski kamar pakad kar dhakke par dhakke marne lagta hai, vah chod chanda kaki ko raha tha lekin uski band aankho ke samne uski mummy ki gadaraai jawani nach rahi thi, uske har dhakke ke sath use aisa lagta tha ki jaise vah apni mummy ki gaanD mar raha hai, vah chod chanda kaki ko raha tha lekin uski kalpana me uski mummy uske samne puri nangi hokar apni chut utha-utha kar apne bete ko dikhate huye nach rahi thi, usne apni kalpana me apni mummy ko puri nangi karke khub nacha-nacha kar chut aur gaanD matkate huye dekha tha, aur uske har dhakko ke sath use aisa lag raha tha ki jaise uski mummy nangi nachti hui use apni chut dikha-dikha kar kah rahi ho le beta chadh ja apni ma ke nange badan par aur khub kar kar chod de meri chut ko,


uske dhakke ki raftar apni mummy ki nange badan ki kalpna se badhti ja rahi thi aur vah khub kas-kas kar satasat apne moti land ko chanda kaki ko ghodi bana kar uski chut mar raha tha, udhar chanda kaki us dhamakedar chudai se puri taraf mast ho chuki thi, tabhi hariya ki aankho ke samne kalpna me uski mummy ne apni dono jangho ko phailakar apna madhosh kar dene wala bhosda dikhaya to hariya apni kalpana me apni mummy ki mast chut ko khub kas-kas kar chodataa hua ek dam se jhad gaya aur uski aankho ke samne uski mummy ki phuli hui chut ne uska sara pani chanda kaki ki chut me girwa diya tha,

hariya se chudavaane ke bad chanda apne pet ke bal apni gaanD uthaye huye leti thi aur hariya uske bhari bharkam chutaDo ki gahri darar me apni ungliya ghuma raha tha,
hariya- kaki tumhari moti gaanD aur iska yah bhura ched kitna achcha lag raha hai,
chanda- are beta jab apni mummy ki moti gaanD aur uski gaanD ki gahri darar ko phaila kar dekhega to khada-khada mut dega
hariya- kyo itni mast hai kya mummy ki gaanD
chanda- are beta uske gore-gore bhari bharkam chutaDo ko chatne aur chodane ke liye to pura ganv pagal hai par kisi ko uski gaanD ki gahrai dekhne ka moka nahi mila, teri mummy ki jagah koi chalu rand hoti to ab tak sare ganv ka land apni gadaraai gaanD me le chuki hoti, par teri mummy par hath rakhne ki himmat kisi ne nahi dikhai aur to aur tera bap bhi use kaha dhang se chod pata hai, sach kahu use tere jaise moti land ki thukai se hi rahat milegi, tera mota land dekh kar to aisa lagta hai jaise ise teri mummy ko chodane ke liye hi banaya gaya hai,
hariya- apne dono haatho se chanda ki dono gaanD ko phaila kar uski guda ko sungh kar aah kaki kitni mast guda hai tumhari me apna land ek bar isme bhi dal du
chanda- ek dam se palat kar na beta na, me apni gaanD nahi marwaungi, tujhe jyada gaanD marne ka man kar raha hai to ja kar apni mummy ki gaanD mar uski gaanD hai bhi bahut moti tera mota land sah legi, me to tera ye musal apni gaanD me lekar mar hi jaungi,
hariya- par kaki mummy mujhe kaha apni gaanD de degi tum hi mar lene do na,
chanda- nahi bete tera land teri mummy ki gaanD me hi sahi rahega, koshish karke dekh le shayad tujhse apni chut aur gaanD marwane ke liye raji ho jaye,
hariya- kuch soch kar, to kaki tum hi koi upay batao na
chanda- beta me kya upay batau, phir bhi me koshish karungi chal ab jaldi se kapde pahan le hame bahut der ho gai hai koi idhar hi na chala aa raha ho,
chanda ka shak sahi nikla aur dur se kamla aati hui dono ko dikhai deti hai, kamla ko dekh kar chanda kheto ke beech me kam karne pahuch jati hai aur hariya idhar udhar ke kam me lag jata hai,

kuch der bad tino ped ki chaya me baith kar bate karne lagte hai, hariya khana kha kar baith jata hai tab kamla use kuch der jhopadi me aaram karne ko kah deti hai aur phir jab hariya jhopadi me chala jata hai tab kamla apne pallu se tel ki chhoti si shishi nikal kar chanda ko dete huye
kamla- le chanda pakad ye tel aur ek bar aur kas kar mere pairo ki malish kar de na jane kyo itna dard bana hua hai us samay tujhse malish karwai to kuch thik ho gaya tha par ab to jangho me bhi jakdan mehsus ho rahi hai, le jara achche se kas kar malish kar me yahi ped ke niche let jati hu,
chanda- muskurate huye kamla ki sadi ko uski kamar tak kar deti hai,
kamla- are kya kar rahi hai puri nangi kar diya tune kahi hariya bahar aa gaya to vah dekh lega
chanda- apne haatho me tel bhar kar uski gadaraai jangho me laga kar masalte huye, are malkin dekh bhi lega to kya hua ab tumhara hariya bhi koi bachcha nahi raha ab to use bhi tumhare jaisi gadaraai aurat ko chodane ka man karta hoga,
kamla- kya anab sanab bak rahi hai mere bete ke bare me, chupchap malish kar aah ha yahi sabse jyada dard hai
chanda- muskurate huye, malkin tumhari moti janghe khub kas gai hai lagta hai bahut samay se inhe kisi mard ne dabocha nahi hai isliye khoon bandh gaya hai inme,
kamla- ab is budhape me kaun dabochega meri janghe
tabhi chanda kamla ki chut ko sahla deti hai aur hay malkin tumhari chut se to pani bah raha hai
kamla- thoda sharmakar muskurate huye, ha re jab tu is tarah chuyegi to pani nahi to kya bahega,
chanda- ek bat kahu malkin
kamla- kya
chanda- apne kabhi ghode jaisa mota aur lamba land dekha hai,
kamla- nahi to, kyo tune kiska dekh liya
chanda- kuch nahi bas aise hi punch liya
kamla- ab jyada nakhra na chod bata bhi kiska dekha hai tune
chanda halke se muskurate huye samajh gai thi ki kamla ki chut bahut chudasi hai usne dhire se apne hath me dher sara tel lekar kamla ki chut ko khub phaila kar usme bhar kar uski chikni chut ko masalne lagi,
kamla- aah yah kya kar rahi hai chanda, ab bata bhi de tune kiska mota land dekha hai
chanda- rahne do malkin aap naraj ho jaogi
kamla- are nahi re me bhala tujhse kabhi naraj ho sakti hu tu to mujhse har tarah ki bate kar leti hai ab bata bhi de
chanda- aaj maine apke bete hariya ka land dekha hai, kya batau malkin uske barabar tagda aur mota land maine aaj tak nahi dekha, jo aurat uske moti land se ek bar chud jaye vah jindagi bhar uske land ki deewani rahegi,
kamla- yah tu kya kah rahi hai aur tune kaise hariya ka land dekh liya,
chanda- sach batau malkin, hariya jhopadi ke piche peshab karne gaya tha aur me jhopadi ke andar thi tab meri najar achanak jhopadi ke ek ched se piche ki aur gai aur maine dekha hariya apne land se khada-khada khel raha tha us samay uska land dhila tha lekin tab bhi uske pure hath me nahi sama raha tha aur phir vah apne land ki khal ko kabhi aage kabhi piche karke sahlane laga, vah apni aankhe band karke apne land ko sahla raha tha aisa lag raha tha jaise vah apni kalpna me kisi aurat ko puri nangi karke chod raha tha dhire-dhire uska mota land vikral roop dharan karne laga aur phir hariya ne apne land ko khub kas-kas kar hilaya aur karib 5 minute bad vah jhad gaya, vah najara dekh kar to malkin meri chut bhi gili ho gai thi,
chanda ki bat sun kar kamla ki sanse tej ho gai thi aur uski gaanD jameen se rah-rah kar uth jati thi aur vah apni phuli hui chut ko chanda ke haatho me marne lag gai thi, chanda ne uski dasha dekh kar uski chut ko kas kar apne haatho me bheench liya,

kamla- kya sachmuch hariya ka land bahut bada hai
chanda- ha malkin maine to aaj tak aisa mota land nahi dekha, aur phir chanda apni malkin ki chut me sat se do ungliya pel deti hai aur phir
chanda- ek bat kahu malkin
kamla- kya
chanda- kamla ki chut me ungli pelte huye, aapke bete ke land ke mukable pure ganv me bas ek hi chut hai malkin
kamla- kiski chut
chanda- aapki malkin
kamla- sisiyate huye, ye tu kya kah rahi hai chanda
chanda- sach kah rahi hu malkin aapke bete ka land aur aapki gadaraai hui phuli chut ko dekh kar aisa lagta hai jaise vah mota land aapko chodane ke liye hi bana ho sach malkin agar vah mota land aapki is phuli chut me ghus jaye to aapko ek dam mast kar dega. aur phir chanda apni teen ungliya jor-jor se kamla ki phuli hui chikni chut me chalane lagti hai,
chanda- aur vaise bhi malkin aaj kal ke jo ladke hote hai na vah bahut achche tarike se chodate hai, vah aurto ke bina kahe hi unki sari ichchaye puri kar dete hai
kamla- matlab
chanda- matlab yah ki malkin aaj kal ke jawan ladke sabse jyada aurto ki gaanD aur chut ko chatna aur chusna pasand karte hai,
kamal- aah yah kya kah rahi hai tu chanda, bhala tujhe kaise pata ki aaj kal ke ladke aurto ki chut aur gaanD chatna chahte hai
chanda- maine khud hariya ko apni aankhe band karke mutt marte huye yah kahte suna hai
kamla- apni jangho ko puri tarah khol kar phila deti hai aur chanda uski chut ko khub kas-kas kar sahlane lagti hai,
kamla- kya kah raha tha mera beta
chanda- are maine thik se nahi suna par vah apna land masalte huye itna jarur badbada raha tha ki me tumhari puri chut pee jana chahta hu me tumhari khub kas-kas kar gaanD chatna chahta hu
kamla- par tune yah nahi suna vah kiski bat kar raha tha
chanda- nahi me yah to nahi sun pai par mujhe to lagta hai vah tumhi ko apne khyalo me nangi karke chod raha tha malkin
kamla- chup kar besharam, bhala yah kabhi ho sakta hai ki vah apni mummy ko hi chodane ke bare me sochega
chanda- mujhe aisa laga isliye maine kah diya
kamla- par tujhe aisa hi kyo laga
chanda- vo mujhe isliye laga kyoki ek do bar usne apna land hilate huye oh mummy shabd kaha tha
kamla- kuch soch kar, yah bhi to ho sakta hai ki use dard ho raha ho aur vah usi dard ke karan uske munh se mummy shabd nikla ho jaise aksar logo ke munh se nikal jata hai
chanda- are malkin land hilane me kaun sa dard hota hai usme to aur maza aata hai aur vah maze me apni mummy ko yaad kar raha tha matlab jarur vah tumhe hi apne khyalo me puri nangi karke chod raha hoga,

kamla- uth kar baithte huye, chal besharam ab chup ho ja aur yah bat tu kisi se kahna nahi, log bekar me mere bete ko badnam kar denge

chanda- are nahi malkin me kisi se kyo kahne lagi, vaise bhi aaj tak maine yah sab bate aapke alawa kisi se nahi ki hai, achcha malkin aap kaho to me ab jau sabere se hi khet me hu jara ghar ki aur bhi jhank aau,

kamla- thik hai ja aur vah lakdi ka gatta ghar par rakhti hui chali jana,
chanda ke jane ke bad kamla khadi hokar chanda ki bato ko sochne lagti hai aur uski chut se dher sara pani bahne lagta hai, vah dabe panv jhopadi ke andar jati hai jaha hariya niche chatai me leta hua tha,

kamla bhi uske bagal me jakar let jati hai, vah kuch sochti usse pahle hi hariya ek angdai lekar apne ek per ko apni mummy ki kamar me dal kar usse chipak jata hai, uska mota land sapne me bhi apni mummy ko chod raha tha jiski vajah se uska land puri tarah lungi se bahar nikal kar uski mummy ki moti gaanD me thokar mar raha tha,


hariya thaka tha isliye uski neend gahri thi lekin uska land barabar tana hua uski mummy ki moti gadaraai gaanD me chubh raha tha, aur jiske karan kamla ka dil joro se kampne laga tha aur vah na chahte huye bhi chupchap apni moti gaanD ko apne bete ke moti land se sataye huye padi thi, kuch der bad kamla ne hariya ka hath apne upar se hata kar apna munh uski aur kar liya aur jab uski najar apne bete ke moti land par padi to uska dil dhakk karke rah gaya, use chanda ki bat sach lagi vakai uske bete ka land uske mast bhosde ko chodane ke layak tha,

kamla kaphi der tak apne bete ke moti land ko dekhti rahi aur phir jab usne dekha ki hariya gahri neend me hai to usne vahi let kar apne bete ke land ko dhire se pakad kar sahlaya aur uski chut ka dana kudne laga aur uski chut se khub chipchipa pani bahne laga, kamla ko jara bhi ehsas nahi tha ki uske hanth ka dabav uske bete ke land par badhta ja raha tha aur ek waqt aisa aaya ki kamla ne apne bete ke land ko apne dono haatho me bhar kar khub kas kar bheench diya aur hariya ek dam se kasmasa kar dusri aur karwat le kar so gaya.

kamla apni phuli hui chut sahlati leti rahi lekin uski aankho se neend koso dur thi, karib 1 ghante bad hariya utha to usne dekha uski mummy uske bagal me leti hui hai apni mummy ke gadraye bhari bharkam chutaDo ko apni taraf utha dekh kar hariya ka land phir se sar uthane laga tha aur usne apni mummy ke moti-moti chutaDo par dhire se hath pherte huye ek dheemi aawaj lagai lekin kamla jagte huye bhi soti bani rahi,


hariya ne jab apni mummy ke gadraye chutaDo ko dhire se sahlaya to use aisa maza kabhi nahi aaya aur vah vahi baitha-baitha apni mummy ki moti gaanD ke upar apne hath pherte huye apni mummy ki madmast uthi gaanD ke gudaj ehsas ka maza lene laga, jab uska hath apni mummy ki gaanD ki gahri darar me jata to uska man karta ki apna pura hath vah apni mummy ki gaanD me bhar de,

usne dhire se apni mummy ke moti-moti chutaDo par apna munh rakh kar halke se dabaya to vah yah soch kar aur bhi pagal hone laga ki jab vah apni mummy ki moti gaanD ko puri nangi karke apne munh ko uski gaanD me bharega tab use kitna maza aayega, vah abhi kuch soch hi raha tha ki kamla ne kasmasane ka natak karti hui uth baithi aur hariya ne jaldi se apna hath hata liya,

kamla- uth gaya bete
hariya- ha ma me to kab ka jag chuka tha
kamla- achcha chal ab ghar ki aur chalte hai, ye kuch lakdiyo ka gattar pada hai inhe utha le me vo wali le leti hu aur phir kamla aage-aage chalne lagi aur hariya apni mummy ki matkti moti gaanD ko lalchai najro se dekhta hua aage badhne laga, apni mummy ki jabardust uthi hui moti gaanD aur uske bhari chutaDo ki thirkan ne chalte-chalte hi hariya ka land khada kar diya tha,

beech-beech me kamla jab piche palat kar hariya ko dekhti to vah idhar udhar dekhne lagta lekin jab kamla ne uski lungi ki aur dekha to vah dang rah gai, hariya ka land puri tarah tana hua tha, vah samajh gai thi ki uske bete ka land uski khud ki mummy ke bhari chutaDo ko dekh-dekh kar jhatke mar raha hai, vah apne man me sochne lagi kahi hariya sachmuch mujhe apne land se chodna to nahi chahta hai, chanda thik hi kah rahi thi yah land hilate huye aankhe band karke mujhe hi nangi karke chod raha hoga, iska land bhi kitna mota hai, sach aise land se chudavaane me to maza aa jata hoga,


bas itna sab sochna tha ki kamla ki chut bhi phul kar pani-pani ho chuki thi lekin abhi tak usne apne man me apne bete se chudavaane ka khyal nahi kiya tha, bas vah yahi sab sochti hui kab ghar pahuch gai use pata bhi nahi chala.

rat ko hariya ka bapu khet par hi khat dal kar sota tha aur hariya use vahi khana de kar aa jata tha, rat ko kamla angan ke chulhe me rotiya sek rahi thi aur aag ki garmi se vah behal thi upar se bijli bhi kaphi der se gai hui thi, kamla ka sadi ka pallu uske jangho par gira tha aur uske moti-moti chuchiyaan puri tarah se najar aa rahe the aur uski sadi dono ghutno ke upar tak chadhi hui thi,

kramashah......................





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