Tuesday, March 29, 2016

बहकती बहू--43

FUN-MAZA-MASTI


बहकती बहू--43

कामया - - ओफ ओह आई शी / कितनी बार बोलती हूँ मगर बिल्कुल नहीं मानते / हमेशा मुझे तकलीफ़ देने मे आपको मज़ा आता है ! धीरे धीरे नहीं डाल सकते हौले हौले से /
मदनलाल मज़बूरी मे चुप ही रह गया ! योग निंद्रा की तरह कामया इस वक्त काम निंद्रा मे थी और उसकी आवाज़ कामया की काम निंद्रा को भंग कर सकते थी और ऐसा हुआ तो वो इस काम यग्य मे अपनी काम आहुति नही डाल पाएगा सो वो शांत ही रह गया और आहुति डालने की तैयारी करने लगा /
अब आगे - - - --

कामया ये सब सन्नी समझ कर ही बोल रही थी मगर मामा को लग रहा था की वो हमे दामाद बाबू समझ रही है ! मामा ने तोड़ा इंतज़ार कर अपनी साँसों को संभाला और फिर ढाका पेल चुदाई शुरू कर दी ! उसके और सन्नी के लंड के साइज़ और छुदाई की स्टाइल मे इतनी समानता थी की कामया अब उसे सन्नी ही मान रही थी ! वो आँख बंद किए हुए छुदाई का आनंद उठाने लगी वैसे भी वो अक्सर संसर्ग के समय आँख बंद ही रखती थी ! मामा अब लंबे और साढ़े हुए स्ट्रोक मार रहा था ! वो लंड को टोपे तक बाहर निकालता और फिर अंदर तेल देता ! उसके हर शॉट से कामया मज़े की नई दुनिया मे पहुँचती जा रही थी !
 

मामा को मालूम था की ऐसे लंबे और गहरे शॉट से पुर योनि मार्ग को अच्छी मालिश होती है और औरत को चुदाई का पूरा लुत्फ़ मिलता है ! जब कामया का लुत्फ़ बढ़ता चला गया तो हमेशा की भाँति बड़बड़ाने लगी
कामया - - - आ उई !! ओह यस डार्लिंग ! फक मे लाइक दिस ! फक मे डीपर अंड हार्डर ! ओह माइ गोड ईया वॉट लव्ली फकर यू आर / मेक मी युवर स्लट ! मामा पूरी इंग्लीश तो नहीं समझ पा रहा था मगर कामया के हाव भाव और कुछ शब्दों से वो ये समझ गया था क़ि कम्मो उसे चोदने के किए ही बोल रही है ! मामा अगले पाँच मिनिट तक कामया की बेरहम चुदाई करता रहा ! उसने कामया की बुर का कीमा बना के रख दिया / इस दरमियाँ कामया दो बार झाड़ चुकी थी ! फिर आख़िर मे मामा ने हमला तेज़ करते हुए अपना पानी कम्मो के अंदर डालना शुरू कर दिया ! मामा के गरम गरम पानी के अहसास ने कामया को एक बार फिर ऑर्गॅज़म मे पहुँचा गया ! दोनो झाड़ कर एक दूसरे से चिपक गये ! जब कामया ने प्यार से मामा की पीठ मे हाथ फेरा तो वो चोंक गई ! सन्नी की पीठ तो इतनी मोटी नहीं थी तभी उसे अहसास हुआ क़ि उसकी चूची मे मर्दाने बाल चुभ रहे हैं जबकि जिम जाने के कारण सन्नी का सीना एक दम सॉफ था ! तो क्या ये सन्नी नहीं है ?? अब उसे अपने बदन पर पढ़ने वाला भार भी कुछ ज़्यादा ही समझ आने लगा ! घबडा कर उसने आँख खोली तो भय से विस्मित हो गई उसके ऊपर मामा चढ़ा हुआ था और उसकी नाज़ुक सी बुर मे मामा का लंड अभी भी अपनी हाज़िरी दर्ज करा रहा था ! उसने उठने की कोशिश करते हुए कहा
कामया - - - मामा आप ने ये क्या कर डाला ?
मामा - - - क्यों क्या हुआ रानी ? हमने क्या ग़लत कर डाला /
कामया - - - आपने कसम खाई थी की आप बिना हमारी मर्ज़ी के ये नहीं करेंगे ?
मामा - --- तो हमने तो तुम्हारी मर्ज़ी के बाद ही ये किया है !
कामया - - - वॉट !!!!! हमने कब कहा आपसे /
मामा - - - रानी हम सच कह रहे हैं ! तुमने ही कहा था क़ि डार्लिंग अब रहा नहीं जाता डाल दो अंदर !
कामया - -- क्या ? ऐसा हमने कहा आपसे ? ऐसा कैसे हो सकता है ? आप झूट बोल रहे हैं ?
मामा - - - हम सच कह रहे हैं रानी ! पहले तो हमे भी विश्वास नहीं हुआ लेकिन तुमने फिर एक बार कहा की
कामया - - - बाद मे क्या कहा था हमने ?
मामा - - - तुमने कहा था क़ि झटके से दरद देता है हौले हौले डालो ! मामा की बात सुन कर कामया सन्न रह गई ! उसे सेक्स के समय अपनी बड़बड़ाने वाली आदत पर अफ़सोस हो रहा था ! उसने सोचा क़ि उससे कितनी बड़ी ग़लती हो गई वो मामा को सन्नी समझ कर चुदवा बैठी ! मगर अब किया भी क्या जा सकता था जो होना था वो तो ही ही चुका था ! वो सोचने लगी क़ि दोनो बाप बेटे की चुदाई कितनी एक सी है क़ि वो समझ ही नहीं पाई क़ि उसे मामा चोद रहे हैं ! मामा ने भी बिल्कुल सन्नी की ही तरह उसके पोर पोर मे नशा भर दिया था और उसके एक एक अस्थि पंजर को हिला के रख दिया था ! आज वो कई दिन बाद ढंग से चुदि थी इसलिए उसे अपना बदन हल्का लग रहा था ! वो लाज के मारे आँख नीचे किए हुई थी जबकि मामा लगातार उसकी नंगी जालिम जवानी का चक्षु चोदन कर रहा था ! कामया जानती थी क़ि मामा की नज़र उसके नंगे बदन से चिपकी हुई हैं मगर वो कुछ कर भी नहीं सकती थी क्योंकि उसके कपड़े दूर फर्श पर पड़े हुए थे ! कुछ देर बाद वो हिम्मत कर के उठने लगी तो मामा ने उसकी कलाई थाम ली ! मामा इस स्वर्णिम अवसर को सिर्फ़ एक बार मे हाथ से नही जाने दे सकता था ! अभी तो पिक्चर शुरू हुई थी ! कलाई पर मामा की पकड़ देख कामया बोली
कामया - - - मामा अब हमे जाने दो ? आख़िर आपने अपने मन की तो कर ली ना ?
मामा - - - कम्मो मेरी जान ऐसा ना कहो ! हम ने तुम्हारी इज़ाज़त के बाद ही कुछ किया
कामया - - रहने दो मामा ! आप अच्छी तरह जानते थे की हम जो भी कह रहे थे वो होशो हवाश मे नहीं कह रहे थे हम आपको कोई और समझे थे !
मामा - - - अच्छा हमे कौन समझा था तुमने ?
कामया - - - चुप रहो मामा ! हमे जाने दो बस ?
मामा - - - कम्मो जो होना था वो हो चुका ! अब तुम चली भी जाओगी तो ये तो नहीं कह सकोगी की हमने मामा के साथ प्यार नहीं किया फिर
कामया फिर ? फिर क्या मामा ?
मामा - - - कल हम चले जाएँगे ! कुछ देर और रुक जाओ ! क्या हमे जिंदगी की कुछ और खुशियाँ नही दे सकती ?
कामया - - - मामा बाकी खुशी अब आप घर जाकर मामी से लेना 1
मामा - - - रानी प्लीज़ ! इतनी कठोर ना बनो ! हमारे दस साल की तपस्या का ये सिला मत दो
कामया - - - मामा ये रानी रानी क्यों बालने लगे हो ?
मामा - - - कम्मो जो दिल मे बसता है उसे रानी कहते हैं ! तुम हमारी दिल मे राज करती हो !
कामया - - - मामा बातें बनाना तो कोई आपसे सीखे ! अच्छा अब हमे जाने दो !
मामा - - - नहीं रानी बस एक बार और प्यार कर लेने दो ! पहली बार तो तुम हमे कोई और समझ रही थी कम से कम एक बार हमे मामा समझ कर प्यार कर लेने दो ?
कहते कहते मामा ने उसके बूब्स को अपने होंठों मे ले लिया और चूसने लगा !
बूब सकिंग कामया को बेचैन करने लगी ! उसे लग रहा था मामा जो कह रहे हैं वो सही भी है मामा उसे पा तो चुके ही हैं अब उसके पास छुपाने ले लिए और बचा ही क्या है ?
मामा ने एक बार फिर कामया पर नियंत्रण कर लिया ! इस बार सब कुछ होशो हवाश मे हो रहा था इस लिए मामा कुछ ज़्यादा ही वाइल्ड हो गया था ! उसने कामया के बदन मे ऐसी बेचैनी भर दी क़ि कामया बेड पर पानी बिन मछली की तरह तड़पने लगी ! उसके बदन मे लाल चीटीयाँ रेंगने लगी थी उसे लगा अगर फ़ौरन ही मामा ने उसे नहीं ठंडा किया तो कहीं उसके बदन मे आग ना लग जाए ! और अंत मे जब वो अपने बदन से हार गई तो खुद कह बैठी
कामया - - - मामा कर लो जो आपको करना है ! फिर जिंदगी मे कभी शिकायत नहीं करना क़ि कम्मो मेरी तपस्या का फल दे दो !
मामा - - - नहीं रानी कभी नहीं करेंगे ! मामा ने उसकी टाइट बुर मे अपना लंड फँसाया और एक जालिम धक्का मार दिया !
कामया - - - आई मार गई !! मामा धीरे ! जालिम कहीं के ! पुर गाँव वाले हो आप ! तरीके से नहीं कर सकते !
मामा - -- अरे रानी गाँव मे यही तरीका चलता है ! जब तक लौंडिया चीख ना दे चुदाई मे मज़ा ही नहीं आता ! उसकी कराह सुनकर ही तो नशा आता है !
कामया - - अच्छा आपको नशा चाहिए चाहे सामने वाली की जान चली जाए !
मामा - -- ऐसे कैसे जान जाने देंगे ! तुम्हे तो हम स्वर्ग दिखला देंगे अभी ! और मामा एक बार फिर महा भयंकर चुदाई करने लगा ! सारा कमरा मामा की प्यारी भांजी की मादक और सेक्सी सिसकारी से गूंजने लगा ! दो मिनिट मे ही कामया ने पानी छोड़ दिया !
कामया - - - आह ! ओह! मामा मेरा तो हो गया आपको कितना टाइम लगेगा !
मामा - - बस जान जल्दी कर देते हैं ! चल पलट
कामया - - - पलटना क्यों है ?
मामा - - - ऐसे ही थोड़ा पीछे से करेंगे ! कामया चुपचाप पलट कर घोड़ी बन गई
 

मामा बिना पलक झपकाए उसकी मस्तानी गाँड को देखने लगा ! गाँड क्या थी कयामत थी ! मामा बहुत देर तक दीन दुनिया भूल कामया की गाँड ही देखता रहा और फिर नीचे झुककर उसकी गाँड को आपनी जीभ से चाटने लगा ! अपनी नाज़ुक कोमल रसीली गाँड मे मामा की गीली गरम जीभ लगते ही कामया के पूरे बदन मे झुरजूरी आ गई 1
कामया - - - आ मामा ऐसा मत करो ! गुदगुदी लग रही है
मामा - - - तो लगने दो ना ! अच्छा नहीं लग रहा क्या ?
कामया - - - अच्छा लग तो रहा है मगर बेचैनी बढ़ रही है !
मामा - - - कोई बात नहीं अभी तुम्हारी सारी बेचैनी दूर कर देंगे मगर हमारी बेचैनी के बारे मे भी तो सोचो ! दस बरस से इस गाँड को स्कर्ट मे देखते थे आज खुले मे देखने मिल रही है ! क्या करें देखने से मन नहीं भर रहा !अब बेचारी कामया क्या बोलती ! उसकी गाँड थी ही ऐसी वन पीस की जो भी देखे तो देखता ही रह जाए और मर्दों के बारे मे तो उसे मालूम था की उसकी गाँड देखने के बाद हर मर्द उसे पीछे से ज़रूर चोदना चाहता है ! गाँड को देख देख कर चोदने मे उन्हे मज़ा जो अधिक मिलता है ! मामा ने पीछे से कामया की कमर थामी और एक बार फिर अपना मूसल एक ही झटके मे जड़ तक पेल दिया !
 


मामा कामया की गजब की सेक्सी गाँड को देख कर उस पर मोहित सा हो गया ! गाँड को देख देख कर बुरी तरह कामया की बुर मे पेलाई करने लगा ! उसकी नज़र बार बार कामया की गाँड के छोटे से भूरे छेद मे अटक जाती ! कामया की लंबी साँसों के कारण वो बार बार खुल बंद हो रहा था जिसे देख कर मामा जैसे गाँड के शौकीन का नशा और बढ़ता जा रहा था ! मामा ने दिल मे संकल्प कर लिया की आज के बाद अगर कामया कभी हाथ आई तो वो पहले उसकी गाँड मारेगा ! उस भूरे से टाइट छेद मे पता नही क्या आकर्षण या मोहिनी थी की हर मर्द चाहे वो बाबूजी हों सन्नी हो या मामा हो सब उसमे समा जाना चाहते थे ! गाँड के छेद को देख कर मामा ने ये तो समझ लिया की कामया ने अभी किसी को पिछले गेट से एंट्री नहीं दी है ! कामया की गाँड कुँवारी है ये सोच कर ही मामा का लंड सातवें आसमान पर पहुँच गया और मामा ने एक करारा कामिनी विद्रावन शॉट मार दिया !
कामया - - आ ! मामा धीरे करो ना ! हड्डी तोड़ दोगे क्या ? कितना तो बड़ा है आपका ?
मामा - - - कम्मो तुम तो ऐसा कह रही हो जैसे पहली बार ले रही हो ? मामा की बात सुनकर कामया चोंक गई क़ि कहीं मामा को हमारे और सन्नी के बारे मे पता तो नहीं चल गया ! उसने सहमते हुए पूछा
कामया - - - पहली बार ले रही हो मतलब ?
मामा - - - अरे हम तो अब सयाने हो गये हैं हमसे ऐसा घबडा रही हो तो दामाद जी तो अभी नई उमर के लोंडे हैं वो तो सारी रात सोने नहीं देते होंगे !!
कामया - - - जी नहीं ! सारी रात कोई नहीं करता ? आपके जैसे गाँव वाले ही रात भर परेशान करते होंगे ?
मामा - - - अरे तो भी सुनील बाबू जवान है दो तीन बार मे ही तुम्हारी तबीयत हरी कर देता होगा ?
कामया - - - जी नहीं उनका आपके जैसा बड़ा नहीं है ! हड़बड़ी मे कामया के मुख से निकल गया जिसे मामा ने तुरंत सुन लिया
मामा - - - हमारे बराबर बड़ा नहीं है ? कितना बड़ा है सुनील का ?
कामया - - - हमे नहीं मालूम ?
मामा - - - रानी प्लीज़ बताओ ना कितना बड़ा है ? शरमाओ मत / इसमे शरमाने वाली क्या बात है /
कामया - - - चुप करो मामा हमने कोई नापा नहीं है बस आपसे काफ़ी छोटा है ! काफ़ी छोटा हैं सुनकर मामा को बड़ी तसल्ली हुई ! वो समझ गया क़ि जो मज़ा कम्मो को अभी हमसे मिल रहा होगा वैसा सुनील से नहीं मिलता होगा तभी तो लौंडिया बिल्कुल मस्त हो रही है ! उसने फिर पूछा
मामा - -- रानी ज़्यादा मज़ा किससे मिल रहा है बड़े से या छोटे से ?
कामया - - - हमें नहीं मालूम ! कहते कहते कामया अपनी गाँड पीछे को धकेलने लगी जिससे मामा समझ गया क़ि लौंडिया अब फिर पानी छोड़ने वाली है वो खुद भी करीब आ गया था ! उससे फिर पूछा
मामा - -- बताओ ना रानी ! बड़े मे ज़्यादा मज़ा है या छोटे मे ?
कामया - - - अब मैं क्या बताऊं ! बस ये समझ लो क़ि "" बड़ा है तो बेहतर है ! बिगर इस ऑल्वेज़ बेटर "" कामया की बात सुनकर मामा एकदम मस्त होकर ढकापेल चुदाई करने लगा
कामया - - - ले रानी ले बड़े का मज़ा ! फिर पता नहीं तुझे कभी हमारा इतना बड़ा मिलेगा क़ि नही ! कामया दिल मे सोच रही थी मामा आपके जैसे साइज़ का हमारे पास दो और है आप चिंता काहे करते हो ? अगले मिनिट मे दोनो भरभरा कर झदने लगे ! कामया पंद्रह मिनिट मामा के पास ही आराम करती रही और फिर जब उसके शरीर मे कुछ जान आई तो वो उठी और लड़खड़ा कर दूर पड़े अपने कपड़े के पास पहुँची ! इससे से पहले की वो कपड़े ले पाती मामा ने वहाँ पहुँच कर एक बार फिर उसे अपनी बाहों मे भर लिया किस करने लगा ! कामया भी बेल की तरह उससे लिपट गई !
 


मामा के हाथ उसकी मस्तानी गाँड को मसल रहे थे ! एक लंबे लिप लॉक के बाद जब मामा ने होंठ हटाया तो कामया बोली
कामया - - - मामा अब जाने दो अगर कुछ देर और यहाँ रुक गई तो आप फिर शुरू हो जाओगे और इस बार तो मेरा कचूमर ही निकाल दोगे !
दूसरे दिन मामा सुबह जब नीचे आया तो अपना बेग भी साथ ले आया जिसे देखकर कामया की मम्मी बोली
कामया की मम्मी - - - अरे बेग क्यों ले आया
मामा - - - दीदी खरीदी कर के वहीं से चले जाएँगे
कामया की मम्मी - - - अरे शाम को यहीं आ जाना ! खाना खाकर जाना ! चाहे तो कल सुबह चले जाना बहुत दिन बाद तो आया है इस बार
मामा - - - बस दीदी मिल तो लिया अब वहीं से चले जाएँगे ! अब मिलने को क्या बचा है ? उसने ऐसा कह कर प्यासी नज़रों से कामया की तरफ देखा ! कामया उसकी प्यास पहचान गई ! उसे भी मामा का जाना अच्छा नहीं लग रहा था ! कल मामा ने वास्तव मे उसकी तबीयत हरी कर दी थी ! अभी तक उसके अंग अंग मे मीठा दरद हो रहा था ! उस लज़्जत को याद कर कामया के मुख से निकल गया !
कामया - - - मामा लगता है कल आपको आइस क्रीम खिलानी पढ़ी इसी लिए आज रात यहाँ आना नहीं चाहते है ना ? कंजूस कहीं के ! अपनी भांजी को आइस क्रीम खिलाने मे कंजूसी दिखा रहे हो ?
मामा - - - कम्मो ऐसी बात नहीं है ?
कामया - - ऐसी बात नहीं है तो मम्मी की बात मान कर आज और रुक क्यों नहीं जाते ! बस आइस क्रीम लानी पड़ेगी !
कामया की मम्मी - - - तू चुप कर तुझे तो हमेशा खाने की पड़ी रहती है !
मामा ने कामया की आँखों मे देखा तो उसे उसकी नज़रों मे काम आमंत्रण नज़र आया मानो कह रही हो "" मामा रुक जाओ कल की तरह आज भी मज़े करेंगे "" कामया की नशीली आँखों मे दिखने वाली भूख को देख उसने कहा
मामा - - - ठीक है आज रुक जाते हैं कल सुबह जाएँगे ! आज तुम्हे और आइस क्रीम खिला देते हैं !
मामा केवल दिखावे के लिए बाज़ार चला गया और इधर उधर टाइम काटने लगा ! वो इधर उधर बोर हो ही रहा था की उसे कामया का फ़ोन आ गया !
मामा - - - हां कम्मो बोलो ?
कामया - - - मामा आइस्क्रीम खरीद ली ?
मामा - - - नहीं बस खरीदने ही जा रहा था !
कामया - - - कौन सी लाओगे !
मामा - - - बटर स्कॉच का फमिली पॅक
कामया - - - कल तो चॉको बार लाए थे आज क्यों नहीं ला रहे ? हमे चॉको बार खाना है ! कामया ने सेक्सी आवाज़ मे कहा ?
मामा - - - रानी तू चिंता मत कर तुझे चॉको बार ही खिलाऊँगा
कामया - -- जब लाओगे नहीं तो कैसे खिलाओगे ?
मामा - - - तू उसकी चिंता मत कर ! चॉको बार तो मेरे पास चोबीस घंटे रहती है वो भी एक्सट्रा क्रीम वाली ! आज तुझे वही खिला दूँगा ! मामा की बात सुनकर कामया लजा गई और बोली
कामया - - - शट अप मामा !! हमेशा गंदी बात करते हो ! और फिर उसने फ़ोन काट दिया ! मामा की बात सुनकर उसके चेहरे पर लाली छा गई वो समझ गई क़ि मामा किस चॉको बार की बात कर रहे हैं ! वैसे भी कल रात जब उसने मामा का किंग साइज़ चॉको बार देखा था तब से उसकी आँखों के सामने वही घूम रहा था ! बाबूजी और सन्नी का चॉको बार तो कई बार खा चुकी थी मगर उसके अंतर्मन अब मामा का चॉको बार टेस्ट करने को कर रहा था ! और वो ये भी जानती थी क़ि आज उसने खुद मामा को रोका है इसलिए आज मामा अपनी हर इच्छा पूरी करेंगे ! कामया मान ही मान सोचने लगी की खैर "" अब ओखली मे सिर दे ही दिया है तो क्या डरना ""
शाम को मामा घर आया ! अंदर आकर उसने कामया के रूम की तरफ देखा तो वो एक टॉप और छोटी सी निक्कर पहने हुई थी और अपनी सेल्फी खींच रही थी !
 


निक्कर मे उसकी भरी हुई चिकनी जाँघ देख कर मामा के मूसल ने हंगामा करना शुरू कर दिया ! मामा उसे मन ही मन समझाते हुए बोला "" बेटा सबर कर ! रात तक सबर कर ले अगर भगवान ने चाहा तो आज तुझे अगाड़ी पिछाड़ी सब मिलेगी ""
मामा - - - कम्मो ये स्कूल के जमाने की ड्रेस पहन ली हो क्या ?
कामया - - - हाँ मामा सो रही थी तो पहन ली ! बस अब चेंज करने ही वाली हूँ
मामा - - - प्लीज़ चेंज मत करो इसमे तुम बड़ी मस्त लग रही हो ! कहते हुए मामा की नज़र उसकी कातिल थाइस पर टिक गई !
रात को सब खाना खा कर अपने रूम मे चले गये तो मामा ने कामया से कहा
मामा - - - रानी आज दूध मत लाना केवल पानी और दो ग्लास लेकर आ जाना
कामया - - - क्यों आज दूध क्यों नहीं ?
मामा - - - आज हम जूस लाए हैं ! तुम आओ तो सही ! मामा यह कह कर ऊपर चला गया ! आज उसने पूरा प्रोग्राम बनाया हुआ था ! एक पेप्सी की बोतल को उसने पाव भर पी लिया और फिर उसमे विस्की मिला दी ! कामया एक छोटी सी नाइटी पहन कर वहाँ पहुँची ! मामा ने ट्रे मे दोनो ग्लास रखी और अपने मे तो लार्ज पेक डाला और दूसरे मे ज़रा सा व्हिस्की डाल कर पानी भर दिया ! कामया अचरज से सब देख रही थी !
 

उसने ज़रा सी दारू जानबूझ कर डाली थी ताकि उसके बदले हुए टेस्ट से कामया को शक ना हो क़ि पेप्सी मे पहले से दारू मिली हुई है ! उसे अपने सामने मिली हुई दारू ही समझे ! तभी कामया अचानक बोली
कामया - -- मामा मेरे मे दारू क्यों डाल दी ? मैने कभी पिया नहीं है ?
मामा - - - तुमने देखा तो है ना ज़रा सी डाली है चरणामृत के बराबर ! हम कभी अकेले दारू नहीं पीते !इस लिए सगुन के लिए डाली है ! चलो पी लो !
कामया - - - मामा कहीं नशा तो नहीं चडेगा !
मामा - - - कुछ नहीं होगा रानी ! पी लो तुम खुद इतनी नशीली हो तुम पर क्या नशा चडेगा ? मामा सोच रहा था बस इसी तरह दो बार पी ले तो आज इसकी गांड मारने मिल ही जाएगी ! कामया भी किसी अदृश्य शक्ति के हाथ वशीभूत सी हो गई और ग्लास उठा कर पीने लगी ! लौंडिया को लाइन पर आया देख मामा खुश हो गया उसने कामया को उठाकर अपनी गोद मे बैठा लिया और दोनो धीरे धीरे पीने लगे ! ज्यों ज्यों शराब अंदर जा रही थी हर क्षण माहौल रंगीन होता जा रहा था !मामा की तो चाँदी हो गई थी ! शराब के साथ साथ कामया जैसी हसीन और गजब की सेक्सी लौंडिया साकी हो तो धरती मे ही स्वर्ग उतर आता है !


शराब ज्यों ज्यों कामया के अंदर जा रही थी उसके जिस्म मे सुरूर बढ़ता जा रहा था ! मामा उसकी हर हरकत को गौर से देख रहा था ! कामया की लाल होती आँखें देख कर वो समझ रहा था क़ि शायद आज ही वो किला फ़तह कर लेगा ! वो अब कामया के बदन से खेलने लगा ,उसके खुले कंधों को चूमता तो कभी उसकी खुली मांसल जांघों मे तरंग जगाने लगता तो कभी उसके संतरों को सहलाने लगता ! दारू के साथ मर्द का नशा कमसिन जवान कामया के सिर चढ़कर बोलने लगा ! कमरे मे उसकी आहें गूंजने लगी ! मामा के प्यार करने का अंदाज़ सब से निराला था ! वो अब तक तीन तीन मर्दों की अंकशायनी बन चुकी थी मगर किसी ने भी इस तरह उसे अपनी गोद मे बिठाकर प्यार नहीं किया था ! एल्*कोहल अपना असर दिखाने लगा और कामया के अंदर प्रबल कमागञी भड़कने लगी ! जैसे ही कामया की ग्लास ख़त्म हुई मामा ने उसके जिस्म से नाइटी उतार दी ! कामया का मादक नशीला बदन बाहर आकर अपनी छटा बिखेरने लगा !
 

अब वो केवल पेंटी और ब्रा मे थी और अपने हुश्न और शवाब से मामा पर कहर बन कर बरस रही थी ! मामा बड़े गौर से उसके हर अंग को देख कर जिंदगी का लुत्फ़ उठा रहा था और उसके बदन के हर हिस्से को अपनी आँखों से पी रहा था ! अब उसे आगे बढ़ना था और अपना संकल्प पूरा करना था यानी क़ि कामया के पिछवाड़े मे झंडा गाड़ना था ! खाली ग्लास देख मामा ने फिर उसे भर दी और ज़रा सी विस्की डाल दी कामया ना ना कहते रह गई मगर मामा ने जबरन उसके मुँह मे लगा दी ! कामया एक बार फिर पीने लगी इधर मामा ने भी अपने लिए एक पेग और बना लिया ! जब तक कामया की ग्लास खाली होती उसकी आँखें बोझिल होने लगी उसका अपने बदन से नियंत्रण पूरी तरह ख़त्म होता जा रहा था ! उसके अंग अपने वश मे नही थे वो कहीं हाथ बढ़ाती तो हाथ कहीं चले जाते ! कामया की ये दशा देख मामा के चेहरे पर पूरी तरह कुटिल मुश्कान आ गई ! अब कामया जिस दशा मे थी वो ज़्यादा विरोध नहीं कर सकती थी और इस दशा मे उसे अनल पेनेट्रेसन का ज़्यादा पेन भी नहीं होना था ! मामा ने अब उसके बचे खुचे कपड़े भी उतार दिए और उसे मादर जात नंगी कर दिया !
कामया की जालिम जवानी अपनी पूरी रंगत मे खिल उठी ! स्त्री सौंदर्य की जितनी कल्पना कोई कवि कर सकता था कामया उस कल्पना की जीवंत मूर्ति थी ! उसका अंग अंग साँचे मे ढला था ! कुदरत ने उसके हर अंग मे नपा तुला माँस भरा था ! कामया केवल सुंदर नहीं थी बल्कि मालिका ए हुश्न थी ! कामया को नंगी कर मामा उसके बेमिशाल सौंदर्य का पान करने लगा ! उसकी पलकें तो मानो झपकना ही भूल गई !
 


मामा बहुत देर तक उसे देखता रहा फिर उसने अपने बेग से दो शीशी निकाली !
कामया - - - मामा ये क्या है ?
मामा - - - रानी एक मे शहद है और दूसरे मे वेसलीन है ?
कामया - - - ये क्यों लाए हो ?
मामा - - - चिंता मत करो अभी सब यहीं यूज़ होगा !
कामया - - - यूज़ होगा मतलब ?
मामा - - - अरे जान शहद है हम खाएँगे !
कामया - - - ये कोई शहद खाने का वक्त है ?
मामा - - - रानी तुम देखती जाओ ! हमारी खाने की स्टाइल क्या है !
मामा ने अब उसके गदराए बदन को बिस्तर मे लिटा दिया और शहद की शीशी लेकर आ गया ! कामया विस्मय से सब देख रही थी ! मामा ने शहद उसके बदन मे टपका दिया और उसे पूरे पेट चूची मे मल दिया ! कामया आँख फाडे सब देख रही थी ! फिर मामा ने अपनी जीभ निकाली और कामया के बदन से शहद चाटने लगा !

 


कामया बेचैनी से सिसकारी लेने लगी ! मामा की लपलपाती जीभ उसके पूरे बदन मे घूम रही थी और कामया उत्तेजना के मारे आहें भर रही थी !
कामया - -- ओह !! आ !!! शी शी !! मामा ये क्या कर रहे हो मेरे पूरे बदन मे आग लग रही है ?
मामा - - - रानी आग ही तो लगाना है ! हम फाइयर फाइटर लिए जो खड़े हैं तुम्हारी सारी आग बुझा देंगे ! मामा की जीभ जैसे ही कामया के निपल पर पहुँची कामया उत्तेजना के मारे तड़पने लगी !
कामया --- आ !! हे भगवान !! जागी बदन मे ज्वाला , मामा तूने क्या कर डाला ! मामा अपनी जीभ नाभि से ले जाकर निप्पल तक ले जा रहा था और कामया को वासना की आग मे बेबस कर रहा था ! कामया मामा के इस अनोखे प्यार से बेसूध सी हो गई थी ! उसे प्यार तो बाबूजी और सन्नी ने भी किया था मगर मामा के प्यार करने का तरीका ही नायाब था ! ऐसा लग रहा था वो उसके बदन को प्यार नहीं कर रहा बल्कि पूजा कर रहा है ! अपने पेट के हर कोमल भाग ,नाभि चूची निप्पल आदि पर मामा के प्यार ने उसे धधकती हुई भट्टी बना दिया और वो तड़प कर कराहती हुई स्खलित होने लगी !
कामया - - - आई मम्मू !! मामा मैं तो गई ! आइ एम कमिंग मामा जी ! और कंपन करती हुई निढाल हो गई ! शराब के सरूर के कारण कामया ने बिना चुदे ही वो मस्ती अनुभव की थी जो कदाचित् चुदाई से भी नहीं मिल पाती ! कुछ देर वो बेसूध सी पढ़ी रही फिर मामा ने उससे कहा
मामा - - - रानी तुम चोकोबार खाने को कह रही थी तो खाओगी नहीं क्या ?
कामया - - - मामा आप चॉको बार लाएँ हैं क्या ?
मामा - - - हां रानी ! हनी फ्लेवर वाली चॉको बात लाए हैं !
कामया - - - तो दो ना ! हनी वाली आइस क्रीम हमने कभी नहीं खाई ! कामया ने नशे मे कहा !
मामा ने तुरंत अपनी लूँगी हटा दी ! उसका किंग कोबरा फुफ्कारता हुआ भार निकल आया ! कामया मामा के लंड को बड़ी भूखी नज़रों से देखने लगी ! मामा ने शहद की शीशी से शहद अपने मूसल मे लगा दिया और कामया को बोला
मामा - -- लो रानी खाओ अपनी चॉको बार !
कामया - - - धत बेशरम कहीं के ! हम सोचे सही की आइस्क्रीम खिलाओगे ?
मामा - - - रानी जवान लौंडीयाँ यही आइस क्रीम खाती हैं और चिंता मत करो इसमे से रियल क्रीम निकलती है ! तुम्हे बहुत टेस्टी लगेगी ! और फिर मामा ने उसका सिर अपने लंड के तरफ खींच लिया ! बड़ा सा कठोर मगर बेहद ही प्यारा सा मामा का डंडा कामया को बुला रहा था उस के ऊपर से निकलती शहद की सुगंध कामया को अपनी ओर खींचने लगी और उसने झुक कर मामा के पप्पू को अपने गरम मुँह मे ले लिया !

 


जब कामया ने शुरू शुरू मे बाबूजी का लंड चूसा था तो उसे अच्छा नही लगता था उबकाई सी आती थी मगर आज मर्द का ये प्यारा सा अंग कामया का पसंदीदा डेज़र्ट बन गया था ! बाबूजी और सन्नी के लंड तो बेस्वाद होते थे मगर मामा का तो हनी जैसा लग रहा था ! वो बड़े प्यार से मामा के लंड को चूसने लगी ! कभी वो टोपे मे जीभ फिराती तो कभी टोपे को मुँह मे भर लेती ! कभी टोपे मे दाँत गाड़ाने लगती तो कभी पूरे लंड को अपने अपने हलक तक निगल लेती ! शराब के नशे मे होने के कारण अब उसे इतना भी होश नहीं था क़ि वो ये सब मामा जी के साथ कर रही है !
मामा और सन्नी के लंड के आकार ,कलर और साइज़ मे इतनी समानता थी क़ि कामया उसे सन्नी का समझ का ही ब्लो कर रही थी ! कामया की शानदार लंड चूसाई देख कर मामा हैरान रह गया ! उसे कामया से इस प्रकार की चूसाई की उम्मीद नही थी! मामा एक टक कामया के चेहरे को देख रहा था ! कामया की जुल्फे उसके चेहरे पर आ गई थी जिससे वो और भी खूबसूरत दिख रही थी ! ज़ुल्फ़ो से झाँकता उसका चेहरा ऐसा लग रहा था जैसे बादलों से चाँद झाँक रहा है ! मामा तो उस खूबसूरती को देख कर सम्मोहित सा हो गया था ! आज जो उसे मिल रहा था वो उसकी कल्पना से भी बहुत बॅड्कर था इस बात की तो उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी क़ि कामया कभी उसका लंड चूसेगी ! वो तो बस उसके दूध और गाँड मे हाथ फेर कर ही अपने को भाग्यशाली समझता था ! इधर मामा से बेख़बर कामया बिल्कुल एक्सपर्ट की तरह लंड चूस रही थी ! और चूसती भी क्यों ना बाबूजी और सन्नी ने उसे ब्लो जॉब मे एक दम प्रोफेस्नल बना दिया था ! कामया को बेहद ही लगन से अपना लंड चूसता देख मामा बोला
मामा - - - रानी लगता है दामाद जी बहुत चुस्वाते हैं ?
कामया - -- नहीं तो
मामा - - - झूट मत बोलो जिस खूबसूरत तरीके से तुम चूस रही हो इससे तो यही लगता है की सुनील को लंड मुँह मे देना बहुत पसंद है ! कामया को तोड़ा होश आ गया उसने सोचा की अगर कह दूँगी की वो नहीं चुस्वाते तो कहीं मामा उस पर शक ना कर बैठे इस लिए उसने कह दिया
कामया - - - मामा आजकल के लड़कों को तो आप जानते ही हो उन्हे इस टाइप के फालतू काम बहुत पसंद हैं !
मामा - - - फालतू कहाँ हैं जैसा तुम चूस रही हो हमे तो लगता है क़ि तुम्हे भी लंड का स्वाद बड़ा अच्छा लगता है ! कामया को अपनी भूल का एहसास हो गया क़ि वो कुछ ज़्यादा ही वाइल्ड हो गई है तो उसने लंड मुँह से निकाल कर कहा
कामया - - - मामा वो तो मुझे हनी का स्वाद पसंद है इसी लिए चूस लिया वरना मुझे ये पसंद नहीं है! बस अब बहुत हो गया मेरा मुँह दुखने लगा है !
मामा - - - रानी कोई बात नहीं तुमने बहुत सेवा कर दी अब आगे की सेवा हम करेंगे ! मामा की बात सुनकर कामया शर्मा गई क्योंकि उसे मालूम था की मामा अब कल ही की जबरदस्त चुदाई करेगा और उसकी नन्ही सी बुर के चिथड़े उड़ा देगा ! पर कामया बेचारी को यह नहीं मालूम था क़ि आज मामा की नज़र उसकी बुर पर नहीं बल्कि गाँड के छेद पर टिकी हुई है ! मामा उसके नशे का आज पूरा फ़ायदा उठाना चाहता था इसलिए उसने कामया को चिट लेटा दिया और उसकी दोनो टाँगें चौड़ी कर दी ! कामया नशे मे गाफील थी मगर तो भी अवचेतन मे नारी सुलभ लज्जा के कारण उसने अपनी आँखें बंद कर ली और मामा के मूसल प्रवेश का इंतज़ार करने लगी ! मगर मामा का तो आज कुछ और ही मूड था !उसने ढेर सारा हनी कामया की चूत मे टपका दिया और लगा लपर लपर चाटने !
 


चूत पर जीभ का स्पर्श लगते ही कामया सिसक पढ़ी ! उसके पूरे बदन मे काम ज्वार चॅडने लगा ! इधर मामा दोनो फांकों को फैला कर जीभ को हर संभव अंदर कर रहा था ! मामा सन्नी से भी ज़्यादा तजुर्बेकार था इसलिए उसकी हरकतें कामया को पागल बनाए दे रही थी ! मामा पूरे जी जान से कम्मो डार्लिंग को प्यार कर रहा था ! उसकी दस बरसों की तपस्या का फल उसे मिल रहा था जबकि बाबूजी और सन्नी को तो बिना जप, ताप, योग यग्य के ही कामया जैसी अप्सरा मिल गई थी ! जितनी मुश्किल से कामया मिली थी उसी तन्मयता से मामा कामया के हर अंग का भोग लगा रहा था ! कामया भी नशे मे बेसूध होकर मामा द्वारा दिए जा रहे आनंद का उपभोग कर रही थी ! इधर मामा ने कामया को काम लहर मे सवार देखा तो उसने अपने मिसन पर अगला काम चालू कर दिया ! उसने वेसलीन निकाली और उंगली मे ढेर सारी भरकर कामया की गाँड मे उंगली डाल दी ! गाँड मे उंगली घुसते ही कामया बुदबुदाई
कामया - -- मामा नहीं वहाँ नहीं ! प्लीज़ दर्द देगा !
मामा - - - रानी चिंता मत करो केवल उंगली ही तो डाली है ! हम तुम्हे दर्द नहीं दे सकते ! और मामा फिर उसकी चूत चाटने लगा ! कामया का ध्यान चूत पर गया और इधर मामा ने गाँड की फ़िंगर फक्किंग शुरू कर दी ! बीच बीच मे वो वेसलीन उसकी कोरी कुँवारी गाँड मे भरता जा रहा था ! उसे मालूम था क़ि यहाँ क़ि डगर थोड़ी संकरी होती है इसलिए वो उसे लूब्रिकेट कर रहा था ! अचानक उसने अपना अंगूठा कामया की चूत मे डाल दिया और दो उंगली कामया की गाँड मे भर दिया ! चिकनी हो चुकी गाँड मे दोनो उंगली आसानी से सरक गई !
कामया - - - आह ! मामा दर्द दे रहा है !
मामा - -- रानी ऐसा ज़रा सा दर्द मे टोकोगी तो असली मज़ा कैसे ले पाओगी ! ज़रा शांत रहो ! फिर मामा ने एक साथ उसकी गाँड और चूत की उंगली से चुदाई चालू कर दी और झुक कर उसके बूब्स को मुँह मे भर लिया ! दोनो छेदों की एक साथ चुदाई ने कामया का हाल बहाल कर दिया वो बेचैनी से अपनी गाँड उछालने लगी ! मामा ये देख कर खुश हो गया वैसे भी कामया की आँखें अब नशे के कारण ढंग से नही खुल पा रही थी ! वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारी ले रही थी !
कामया - - आह ! आई ! ओह मम्मी ! मामा बस करो अब पेल दो वरना मैं पागल हो जाऊंगी !
मामा - - - कहाँ पेल दें रानी आगे या पीछे !
कामया - - - पीछे नहीं मामा पीछे दरद देगा !
मामा - - - कभी पीछे ली हो क्या !
कामया - - - नहीं मामा पीछे तो नहीं लिए हैं !
मामा - - - ठीक है आज हम तुम्हे पीछे का मज़ा देंगे अब हम तुम्हारी गाँड मारेंगे ! पता नहीं जवाइं बाबू इतनी मस्त गाँड कैसे छोड़ दिए अभी तक ?
कामया - - - नहीं मामा हमने सुना है पीछे बहुत दर्द देता हैं !
मामा - -- कौन ने बताया !
कामया - - - सहेलियाँ बताई है की पीछे दर्द देता है !
मामा - - - पीछे ली होंगी तभी तो बताई हैं ! खुद लेती हैं और तुम्हे डरा रही हैं ! कुछ नहीं होता ! दर्द देगा तो हम नहीं करेंगे बस और मामा ने ज़ोर ज़ोर से दोनो छेदों मे चुदाई तेज़ कर दी / कामया के अंदर अब ज्वालामुखी फटने वाला था उसे रहा नहीं गया तो नशे मे बोल बैठी
कामया - - मामा जहाँ भी करना है जल्दी करो वरना मैं पागल हो रही हूँ ! कामया की बात सुन मामा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा ! उसने तुरंत कामया को करवट लिटाया और अपने मूसल पर वेसलीन लगाया और एक बार फिर कामया की गाँड़ मे वेसलीन भरकर सुपाड़ा उसकी गाँड के मुहाने मे रख दिया !
मामा - -- रानी शुरू मे थोड़ा दर्द देगा थोड़ा सहन कर लेना
कामया - - - ठीक है मामा कोशिश करूँगी मगर ज़्यादा दरद देगा तो निकाल लेना !
मामा - - - रानी चिंता मत करो हम पूरा ख्याल रखेंगे ! फिर मामा ने लंड मे दबाव डालना चालू कर दिया ! लंड गाँड के सख़्त बंधन को फैलाता हुआ अंदर सरकने लगा ! इसी के साथ कामया के चेहरे पर दर्द की लकीरें उठने लगी !

 





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