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राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
अँधेरे में चाची की चुदाई
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शंकर है और में राजसर पंजाब का रहने वाला हूँ। दोस्तों फन मज़ा मस्तीपर यह मेरी पहली कहानी
है। में इस वेबसाईट का बहुत लंबे समय से फेन हूँ
और मुझे इसकी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा
लगता है और आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ जिसमे मैंने मेरी चाची आशा को चोदा जो
कि मेरे अंकल (मेरे पापा के भाई) की पत्नी है। यह कहानी उनकी चुदाई के बारे में है। दोस्तों में एक
ठीक ठाक दिखने वाला लड़का हूँ और मेरा लंड करीब 7.5 इंच का है जो किसी भी असंतुष्ट चूत को शांत करने के लिए बहुत एकदम ठीक है। दोस्तों इस घटना से
पहले मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया था और ना ही
मेरी कोई गर्लफ्रेंड थी और मैंने कभी भी
चाची के बारे में भी ऐसा कुछ गलत नहीं सोचा था। यह आखरी महीने की बात है और उन दिनों गर्मी बहुत थी। मेरी चाची
का घर हमारे घर के पास ही है और मेरे
अंकल एक बहुत बड़े बिजनेसमेन है। उन दिनों वो बिजनेस के सिलसिले में तीन दिन के लिए मुंबई गए हुए थे और वो
जाने से पहले मुझे उनके घर पर रात को रहने
के लिए बोल गये थे क्योंकि घर पर चाची और उनकी 13 साल
की बेटी दोनों ही अकेले थे।
दोस्तों अब में आप सभी को थोड़ा बहुत
विस्तार से अपनी चाची के बारे में बता देता हूँ, उनकी उम्र करीब 40 साल
की होगी और इस रात से पहले मैंने कभी भी चाची के फिगर और
बूब्स की तरफ इतना ध्यान नहीं दिया था
और उस रात में खाना खाने के बाद 9 बजे के करीब चाची के घर पहुंच गया। चाची की बेटी अपने रूम में पढ़ाई कर रही
थी और उस समय चाची बेड पर बैठकर टीवी
देख रही थी और फिर में भी उनके साथ बैठकर टीवी देखने लगा और हम टीवी देखने के साथ साथ कुछ इधर उधर की बातें
भी करने लगे। तभी टीवी पर कुछ देर बाद
अचानक से एक किस्सिंग सीन चलने लगा। वो करीब दो मिनट का था और यह सब देखकर में चाची के सामने थोड़ा सा शरम
महसूस करने लगा, लेकिन चाची मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर जैसे ही मुझे
लगा कि चाची के ऊपर सेक्स का भूत चड़ने
लगा है और अब वो मेरे हाथों को छूने लगी थी, लेकिन
मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेरे साथ यह सब
क्या हो रहा है? फिर कुछ देर बाद चाची बेड से उठकर जाने लगी और जाते जाते उन्होंने एक बार मेरे
लंड को छूकर देखा, लेकिन
थोड़ी ही देर के बाद वो फिर से वापस आ गई और फिर से मेरे लंड को छूने लगी। दोस्तों अब मुझसे भी कंट्रोल
नहीं हो रहा था, लेकिन में बहुत डर भी रहा था क्योंकि मेरी चाची की लड़की भी उस समय घर पर थी। चाची
ने फिर से मुझे छूना शुरू कर दिया और अब मैंने भी
थोड़ी बहुत हिम्मत करके चाची का हाथ पकड़
कर मसल दिया और इसके बाद चाची को मेरी तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया और चाची ने मेरे लंड को छुआ और अब धीरे
धीरे मेरा लंड भी जाग गया था। वो अपना आकार
बदलने लगा था जिसको चाची देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी और अब में भी चाची को छूने लगा और में अपने एक हाथ
को पीछे की तरफ ले जाकर चाची की पीठ
को सहलाने लगा और फिर धीरे से चाची के बूब्स और चूत को सहलाने और मसलने लगा, लेकिन
तभी इतने में हमे कुछ आवाज़ आई और हम सतर्क हो गये। दोस्तों यह सब काम करते हुए ना तो चाची ने मुझसे
कुछ कहा था और ना मैंने। हम दोनों एकदम
चुप थे। हमारा पूरा ध्यान टीवी के साथ साथ एक दूसरे पर भी था। तभी मेरी चाची की लड़की रूम में आई और वो
उनसे सोने के लिए कहने लगी क्योंकि उसे सुबह
जल्दी उठकर स्कूल जाना था और इतना कहकर वो दूसरे रूम में चली गयी। चाची मुझे कहने लगी कि तुम सोना मत, में 12 बजे के करीब आ जाउंगी और चाची सोने के लिए दूसरे रूम में चली गई जहाँ
पर मेरी बहन सोई हुई थी और अब घर की पूरी
लाईट बंद थी। में टीवी वाले रूम में बैठा हुआ कुछ देर टीवी देखने लगा और कुछ देर के बाद लेट गया, लेकिन मेरा लंड अभी तक तनकर खड़ा हुआ था और में बहुत हैरान था कि मेरे साथ यह सब क्या
हो रहा है? और मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। मेरी आखों के सामने उनके बड़े
बड़े बूब्स घूम रहे थे। में अपने लंड
को शांत करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन में नाकाम रहा और फिर थोड़ी देर के बाद में उठा और बाथरूम में जाकर उनके
बारे में सोचकर मुठ मार आया और अब कमरे
में आकर लेट गया और अब में चाची का इंतजार करने लगा, लेकिन
मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी। थोड़ी देर के बाद
चाची आई और उन्होंने मुझे उठाया और वो भी
मेरे पास ही लेट गई और मेरे लंड को सहलाने लगी। में भी धीरे धीरे जोश में आ गया और में चाची को किस करने लगा
और एक हाथ से में उनके बूब्स को दबा रहा
था और चाची भी मेरे लंड से खेल रही थी। में अब पूरे जोश में था और चाची के बूब्स उनकी कमीज़ के ऊपर से
मसलने लगा।
फिर कुछ देर के बाद चाची ने अपनी सलवार को उतार दिया और में
चाची की पेंटी के ऊपर से उनकी चूत को
सहलाने लगा। चाची पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और अब मैंने चाची की पेंटी को भी उतार दिया, लेकिन कमरे में बहुत अंधेरे की वजह से मुझे चाची की चूत नहीं दिख रही थी, लेकिन हाथ लगाने से पता चल रहा था कि वो भी बहुत जोश में गरम थी और अब हम लिप किस करने लगे।
मैंने अपने लोवर को उतार दिया और साथ में
अपनी अंडरवियर भी। चाची मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करके महसूस करने लगी और फिर चाची ने मुझसे कहा कि
वाह तुम्हारा लंड तो मेरे सोचने समझने
से भी बहुत बड़ा, मोटा, लंबा
है। मुझे ऐसे ही किसी लंड की तलाश थी जो एक
ही बार में मेरी प्यासी चूत को शांत कर दे और मेरी चूत को चोदकर उसका भोसड़ा बना दे। चल अब शरमाना छोड़ और मेरी
जमकर चुदाई करके मुझे खुश कर दे। फिर
चाची बेड से उठी और मोबाइल की रोशनी से अलमारी से एक कंडोम निकालकर लाई और मुझे दे दिया, लेकिन मुझे तब तक कंडोम लगाना भी नहीं आता था। मैंने चाची से कहा कि चाची मुझे उसको चड़ाना
नहीं आता और यह कैसे लगता है मुझे बिल्कुल
भी पता नहीं है। चाची ने थोड़ा मुस्कुराकर मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़ा और फिर कंडोम को टोपे पर रखकर
धीरे से नीचे की तरफ उतार दिया और इस तरह
कंडोम लगा दिया। दोस्तों ये कहानी आप फन मज़ा मस्तीपर पड़ रहे है।
अब में अब चाची के ऊपर आ गया और मैंने धीरे से चाची के दोनों
पैरों को थोड़ा सा फैलाकर चूत का आकार बड़ा किया और लंड
को चूत के मुहं पर रखकर हल्का सा लगातार
दबाव बनाकर पूरा का पूरा अंदर घुसा दिया। चाची उहहऊऊ आह्ह्ह्हह्ह की आवाज़ निकलने लगी और अब मेरे भी मुहं से
हल्की सी आवाज़ निकलने लगी, लेकिन में किसी भी बात को बिना देखे सुने ताबड़तोड़ धक्के देने लगा और
वो अपने चूतड़ को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ
देने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि हाँ
और ज़ोर से हाँ अपना पूरा दम लगा दो मेरी चुदाई में और मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दो हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे।
अब में जोश में आकर लगातार धक्के देकर
उन्हे करीब बीस मिनट तक चोदता रहा, लेकिन
अब में झड़ने वाला था और फिर में
उनकी चूत में झड़ गया, लेकिन मैंने अपने धक्के अभी खत्म नहीं
किए। में उसे धीरे धीरे चोदता रहा और अपना वीर्य
उनकी चूत में डालता रहा और थोड़ी देर के
बाद में चाची के बूब्स और कमीज़ के ऊपर से चूसने लगा। फिर कुछ देर के बाद चाची ने अपनी कमीज़ को उतार दिया और
मैंने उनकी ब्रा को उतार दिया। अब चाची
मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, लेकिन अँधेरे की वजह से मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन में चाची के बूब्स को चूस रहा था और उनकी चूत और पूरे जिस्म को छूकर महसूस कर रहा था
और अब कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से
तन गया था। चाची ने लंड को मुहं में ले लिया और चूसने लगी और थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड तन गया। अब चाची
पेट के बल लेट गयी और उन्होंने मेरे खड़े
हुए लंड को अपनी गांड में डालने का इशारा किया। दोस्तों पहले तो में बहुत हैरान हुआ फिर में चाची के ऊपर आकर
गांड में लंड डालने लगा। मैंने महसूस
किया कि चाची की गांड चूत से थोड़ी टाईट थी। मेरा लंड जैसे पूरी तरह से छिल गया था और अब चाची मौनिंग करने
लगी। फिर 10 मिनट के बाद में डिसचार्ज हो गया और मैंने अपना गरम गरम लावा उनकी गांड में डाल
दिया और थोड़ी देर के लिए हम ऐसे ही लेटे रहे।
लगभग दो बजे के करीब चाची ने मोबाइल की
लाईट से अपने कपड़े ढूंढे और फिर पहनकर अपने कमरे में चली गयी। दोस्तों इस तरह मैंने चाची को चोदा, लेकिन इस चुदाई में ना तो में चाची के शरीर का कोई अंग देखा सका (अंधेरे की वजह से)
और ना ही हम दोनों चुदाई करते समय कुछ मुहं से बोले और उसके बाद अगली दो रातों
को भी मैंने चाची को ऐसे ही जमकर चोदा
और अपनी चुदाई से उनकी चूत को संतुष्ट किया ।।
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