Sunday, March 13, 2016

FUN-MAZA-MASTI मदमस्त चुदाई--3

FUN-MAZA-MASTI

मदमस्त चुदाई--3


मम्मी दूर भागने लगी लेकिन वो सब इतने हट्टे खट्टे थे की उसकी एक ना चली फिर वो लोगो ने मम्मी को ज़मीन पर लिटा दिया. मम्मी के आखो मे आंसू थे वो चिल्ला भी रही थी पर उसके मुहं को एक हलवाई ने हाथ से पकड़े हुए था. मम्मी को समझ मे नही आ रहा था की इतने मे दोनो हलवाई अपनी लुंगी खोल दि और उनका 8 ओर 10 का लंड देख कर मम्मी की हालत खराब हो गयी।
फिर एक ने अपना लंड मम्मी के मुहं मे डाल दिया. मम्मी चूसने लगी लेकिन लंड ज्यादा बड़ा होने के कारण आधा ही चूस पा रही थी. इतने मे दूसरा हलवाई मम्मी के चूत से अपना लंड सटा कर एक धक्का मारा लेकिन लंड अंदर नही गया फिर वो वहा रखे हुए डब्बे मे से घी निकाल कर मम्मी की चूत मे लगा दिया. फिर एक ज़ोर का झटका मारा उसका लंड जड़ तक चूत मे समा गया. मम्मी की चीख निकल गयी लेकिन इतने मे दूसरा हलवाई लंड को उसके मुहं की और अंदर डाल दिया. काफ़ी देर चोदने के बाद हलवाई अंदर ही अपना वीर्य गिरा दिया. जब वो लंड को बाहर निकाला तो मम्मी की चूत बहुत बड़ी सी दिख रही थी जिसमे से लगभग एक कटोरी उसका वीर्य बाहर आया होगा. इसके बाद दूसरा हलवाई मम्मी की चूत को मम्मी की नाईटी से साफ किया फिर अपने 10 के लंड को उसके चूत पर रख के ज़ोर का धक्का मारा जिससे लंड पूरा अंदर चला गया मम्मी ज़ोर से चीखी।
फिर हलवाई ने 20 मिनट तक चोदा तब तक मम्मी 4-5 बार झड़ चुकी थी. उसके बाद उस हलवाई ने भी मम्मी के चूत के अंदर अपना वीर्य गिरा दिया. और जब इसने लंड वापस निकाला तो मम्मी की चूत को देख कर ऐसा लगा जैसे वो गधे के लंड से चुदी हो. उसके पूरे जांघ पर उसका वीर्य गिरा था. इतने मे किसी की गेट खटखटाने की आवाज़ आई. फिर मम्मी जल्दी से नाईटी डाल ली और गेट की तरफ भागी, इतने मे हलवाई भी प्रसाद बनाने लगे. जब मम्मी ने गेट खोला तो सामने आंटी थी आंटी बोली की क्या बात है तुम इतनी पसीने पसीने क्यू हो तो मम्मी बोली की आग के सामने बैठने से ऐसे हुई है. लेकिन आंटी समझ गयी थी क्यूकी मम्मी जल्दबाज़ी मे हलवाई का वीर्य पोछना भूल गयी थी जो की पूरे घर मे टपका हुआ था. और मम्मी के पैर से होकर उसके स्लिपर मे लगा हुआ था।
फिर मम्मी बोली की अब में जा रही हूँ और वो अपने घर आ गयी. तब में भी अपने छत से नीचे आ गया. मम्मी सीधे बाथरूम मे गयी और नहाने लगी. उसका स्लिपर बाहर पड़ा था जिसमे उसका वीर्य लगा हुआ था. मम्मी उस दिन बहुत खुश दिख रही थी।
मन हमेशा लड़कियों के मुक़ाबले आंटीयो पर ज़्यादा लगता था।
तो उन दिनों घर का राशन आदि लाने के लिए मैं हर
8-10दिन मैं एक बार दुकान पर जाता था. उस दुकान मैं एक आंटी बैठती थी. आंटी की नाम नंदिनी है उम्र करीब 35 साल उनके दो बच्चे हे जो अभी स्कूल मैं पढ़ते हे और उनका पति का काम ऐसा था की सुबह 10 बजे जाते थे और दोपहर को आते थे. एक छोटा बिजनेस संभालते थे उनके पति. मेने आंटी के बारे मैं नहीं बताया उनका फिगर 36-34-40 की है और वो हमेशा लो कट वाला ब्लाउस पहनती थी। जिसकी वजह से उनके बोब्स बाहर की तरफ निकलने कि फिराक़ मे रहता था और कसा हुआ था. आंटी हमेशा अपने बालो पर शेम्पू करके बाल खुले छोड़ते थे जिसे देख मेरा लंड खड़ा हो जाता था. किसी स्वर्ग की अप्सरा से कम नहीं थी वो. मैं जब भी आंटी की दुकान मैं जाता तो हमेशा उनके बड़े बड़े बोब्स को घूरता रहता था और यह बात धीरे धीरे आंटी को भी पता चल गई जब भी मेरी नज़र उनकी और जाती वो थोड़ी स्माइल दे देती थी।
एक दिन मैं समान लेने उनके यहाँ गया था. उस वक़्त करीब 11 बज रहे थे घर मैं सिर्फ़ वो और उनकी सास थी जो की ना के बराबर हे. तो मैं पहुँचते ही उनको समान की लिस्ट पकड़ा दी और वो एक एक करके समान पैक करने लगी. उस दिन भी वो अपने बालों पर शेम्पू किए थी और बाल खुले छोड़ रखे थे और हर दिन से ज़्यादा सेक्सी लग रही थी. उन्हे देख कर मेरा बुरा हाल हो रहा था और मेरा लंड पेन्ट मैं से साफ खड़ा दिखाई दे रहा था और यह बात आंटी ने नोटीस कर ली. सारे समान देने के बाद उन्होने मुझे चाय पी कर जाने के लिए बोला और मैं तुरंत राज़ी हो गया।
जैसे ही आंटी चाय बनाने के लिए किचन मैं गयी मैं भी उनके पीछे पीछे गया और उनको पीछे से कस के पकड़ लिया वो हेरान हो गयी और मुझसे छुड़ाने लगी लेकिन मेरा पकड़ इतना मजबूत था की वो जा नहीं पाई. इस दौरान मै उनके बालो को सूंघने लगा क्या खुशबु थी यारो पूछो मत. फिर मैने उनके बालो से हट कर उनकी पीठ पर किस करने लगा सारी पीठ पर जीभ फेरने लगा. फिर अपनी ज़ुबान उनकी गर्दन की और ले गया और सभी और किस करता रहा और उनकी मोटी गांड पर अपना खड़ा हुआ लंड रगड़ने लगा।
आंटी तो पहले छुड़ाने कोशिश कर रही थी और अब वो भी आहे भरने लगी थी. अचानक ही आंटी पीछे मुड़ी और मुझे अपने गले से लगा लिया और अपनी होंठ मेरी होंठो पर रख दिए. मैने अपनी ज़ुबान उनके मुह के अंदर धकेल दी और वो मेरे जीभ को चूसने लगी करीब 10 मिनिट तक हम लोग ऐसे ही किस करते रहे और फिर अलग हो गये. उसके बाद उन्होने बेडरूम मे जाने के लिए बोला और हम वहाँ चलने लगे. आंटी मुझ से लिपटने लगी और मेरी पेन्ट की जीप खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया. मेरे 8 इंच के लंड को देख कर आंटी बहुत खुश हो गई और बोली तुम्हारे अंकल का सिर्फ़ 5 इंच का है जिस से मुझे शांति नहीं मिलती और तो और उन्होने मुझे कई सालों से चोदा नहीं और आंटी सिर्फ़ उंगली से ही काम चलाती थी और धीरे धीरे मेरी तरफ आकर्षित होने लगी थी. लंड बाहर निकालते ही उसने अपने गुलाबी होंठ मेरे सुपाडे पर रख दिए और कई सालों की प्यासी की तरह उसे चूसने लगी मैं तो मानो जन्नत मैं था वो जिस तरह से चूस रही थी मुझे लगा शायद मैं झड़ जाउंगा इसीलिए उनको मुझ से अलग किया और फिर धीरे धीरे उनके सारे कपड़े खोल दिए आंटी अब पूरी नंगी मेरे सामने छटपटा रही थी।
मैने भी अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया फिर मैने उनके बोब्स को चूसने लगा और चाटने लगा उनके मुह से सिसकारियाँ निकलने लगी अया.. उउउहह औररर.. तेज.. चाटो मर गई…. और मेरे मुह को अपनी बोब्स पर दबाने लगी मैं उनके बोब्स चाटते चाटते निपल्स को भी चाटने लगा वो न ज़ाने क्या क्या बडबडा रही थी और बोल रही थी और मत तड़पाओ मेरे राजा चोद डालो अपनी आंटी को बुझा दो मेरी प्यास आज मेरे पति बन जाओ और मुझे अपनी पत्नी या रखैल मान लोनंदिनी की यह बात सुनकर मेरा जोश दोगुना हो गया लेकिन मैं इस हसीन पल को और ज़्यादा लंबा खींचना चाहता था अब मैं उनको पलंग पर लेटा कर उनकी चूत की और बढ़ने लगा उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं थे एक दम शेव थी।
पहले मैने अपनी दो उंगली उनके चूत पर घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा वो सिसकारियाँ लेने लगी आआअहह चोद मुझे साले…….क्यों तडपा रहा….. हे.. फिर मेने अपनी ज़ुबान उसकी चूत पर रख दी और चाटने लगा थोड़ी ही देर मे आंटी झड़ गयी और मैं उनका सारा माल पी गया।
अब मैं अपना खड़ा हुआ लंड उसके चूत पर टिका कर एक जोरदार धक्का मारा आंटी के मुह से चीख निकल गयी उउउइईमाआ…….मर गई…….पहले धक्के से लंड आधा उसके चूत के अंदर गया और फिर दूसरे धक्के से लंड पूरी तरह से आंटी की चूत मैं घुस गया. मैं जोरदार आंटी की चुदाई करने लगा आंटी के मुह से तरह तरह की आवाज़े निकल रही थी. अब मेने अपनी स्पीड तेज कर दी आंटी भी मुझ से अपनी गांड उठा उठा के चुदवा रही थी और बोल रही थी और जोर से और जोर से चोद मुझे फाड़ दे मेरी इस चूत कोबुझा दे मेरी प्यास बना ले मुझे अपनी बच्चे की माँ यह सुनते ही मै आंटी की बेरहमी से चुदाई करने लगा और थोड़ी देर बाद उनके चूत मैं ही झड़ गया।
हम दोनो नंगे उस हाल मैं लगभग आधे घंटे पड़े रहे और फिर मैं अपना समान लेकर हमारे घर चला आया.

मेरी बड़ी माँ की उम्र 29 है वो बहुत ही खूबसूरत हुस्न की मलिका है उनको देखते ही मेरा मन सेक्स करने का हो जाता हैबात आज से 2 साल पहले की है में हमेशा उन्हे नंगा देखा करता था जब वो स्नान करती थी।
क्या बताऊँ दोस्तो उनके बारे में उनके वो बड़े बड़े बोबे वो मस्त मोटी गांड देख के में आज भी मस्त हो जाता हूँ, हर बार की तरह सुबह जब वो स्नान करने गयी तो में उनके पीछे पीछे बाथरूम तक चला गया और उनके दरवाजा बंद करने के कुछ देर बाद दरवाजे की जाली से अंदर का नज़ारा लेने लगा वो अपने कपड़े खोल चुकी थी और नंगी खड़ी थी उन्होने शावर ऑन किया और जिस्म पर साबुन लगाने लगी. में उनके हुस्न के मज़े ले रहा था अचानक उन्होने मुझे देख लिया और आवाज़ लगाने लगी कौन है ?
में कुछ नही बोला और वहाँ से चला गया. फिर लंच के टाइम हमारी मुलाक़ात हुई वो शक़ भरी नज़रो से मेरी तरफ देख रही थी में समझ गया इन्हे मुझ पर शक़ हो गया है साथ में डर भी लग रहा था कही यह किसी को कह ना दे. 2 दिन बाद घर वाले सभी किसी काम से बाहर गये थे और अगले 2 दिन हम घर में अकेले थे. उस दिन बड़ी माँ ने मुझे अपने कमरे में बुलाया में डरते डरते उनके रूम में गया उन्होने मस्त सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी।
उन्होने मुझे अपने पास बैठाया और बात करने लगी पहले तो इधर उधर की बाते कर रहे थी पढ़ाई कैसी चल रही है…. अचानक उन्होने पूछा उस दिन बाथरूम के बाहर तुम्ही थे ना में डर गया और नज़रे चुराने लगा उन्होने फिर पूछा मेंने कहा किस दिन बड़ी माँ उन्होने कहा ज़्यादा बनो मत मुझे सब पता है उस दिन तुम ही थे.. मेने कहा नही बड़ी माँ मुझे नही पता किस दिन की बात कर रही है आप….
तब वो गुस्से में बोली सीधे सीधे बताओ वरना में तुम्हारी मम्मी को बता दूँगीमेने डर के मारे उनके पाव पकड़ लिए और कहा ऐसी ग़लती कभी नही करूँगा मुझे इस बार माफ़ कर दीजिएघर में किसी को मत बताना वरना मेरी बहुत पिटाई होगीवो बोली ठीक है लेकिन तुम्हे में जो पूंछू सच सच बताना होगा
मेने कहा ठीक है फिर उन्होने पूछा यह सब कब से चल रहा थामेने कहा काफ़ी टाइम से बड़ी माँफिर उन्होने कहा में तेरी बड़ी माँ हूँ तू मेरे बारे में यह सब कैसै सोच सकता है में थोड़ी देर चुप रहा तो वो बोली चुप क्यू है जवाब देमेने उनसे कहा में क्या करू बड़ी माँ आप हो ही इतनी खूबसूरत में कंट्रोल ही नही कर पाता जब भी आपको देखता हूँ तो कुछ कुछ होता है…… वो बोली क्या कुछ कुछ होता है.. बोल.
उन्होने कहा अच्छा कुछ ज़्यादा ही कुछ कुछ होता हैमें समझ गया आज चान्स लग सकता हैफिर उन्होने मुझसे पूछा तेरी कोई गर्लफ्रेंड हैमेने कहा नही है वो बोली क्यू मेने कहा आप जैसी कोई मिली ही नहीवो बोली चल हट बदमाश..
फिर मेने उनसे हिम्मत करके कहा बड़ी माँ में आपको नग्न देखना चाहता हूँवो बोली क्या.. मेने कहा हां बड़ी माँ वो नही मानी लेकिन मेरे बार बार कहने पर वो मान गयी और कहा दूर से देखेगा कुछ करेगा तो नहीमेने कहा हां बड़ी माँ दूर से ही देखूँगा.. फिर उन्होने एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए अब वो एकदम नंगी मेरे सामने खड़ी थी वो थोड़ा शरमा रही थी इसीलिए चूत को हाथो से छुपा रही थी क्या मस्त माल था एक दम गोरा चिकना उन्होने चूत के बाल अभी काटे थे उनको इतना करीब से नंगा पहली बार देखा था. इतनी जवान खूबसूरत औरत को देख मेरा लंड हिचकोले मारने लगा और मेरा पेन्ट तंबू की तरह तन गया। वो चोरी चोरी मेरे लंड को निहार रही थी।
मेने कहा बड़ी माँ आपके गुब्बारे तो बहुत अच्छे है एक दम तरबूज की तरह वो शरमा गयी मेने कहा क्या में इन्हे छु कर देख लूउन्होने मना कर दिया नहीमेने कहा बड़ी माँ सिर्फ़ हाथ लगा कर देखूंगामेने कभी इनको नही छुआफिर वो मान गयी और में उनके गुब्बारो को हाथ में लेकर सहलाने लगा. मेने स्माइल की.. मेने सोचा अब चान्स लेना चाइये और मेने ज़ोर से उनके बोबे को दबा दिया उन्होने मुझे ज़ोर दार थप्पड़ रसीद कर दिया और कहा मेने मना किया था ना तुझे यह सब करने के लिए
मेने सॉरी कहा और फिर से उनके बोबे पकड़ लिए लेकिन अब उन्होने मुझे दूर कर दिया और कपड़े पहनने लगी. लेकिन में कहा मानने वाला था मेने झट से उनको बेड पर धक्का दिया और एकदम नंगा कर दिया।
वो मुझे हटने को कह रही थी लेकिन में अपने काम में लगा था मेने अपने लिप्स उनके लिप्स पर रख लिए और उन्हे कस के पकड़ लिया और उन्हे चूमना स्टार्ट कर दिया वो अब भी मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन सब बेकार था। में उन्हे कंटिन्यू किस कर रहा था और एक हाथ से उनके बोबे को मसल रहा था अब वो धीरे धीरे हो रही थी साथ में गर्म भी अब उन्होने दोनो हाथ मेरे उपर रख दिए और अपनी और खींचने लगी साथ ही किस में साथ दे रही थी. हम दोनो लिप किस में मशगूल थे. उनके नरम नरम गुलाब की पंखुरियो जैसै होंठो को चूसने में जो मज़ा आ रहा था वो तो किसी शराब की बॉतल में भी नही आता।
इसके बाद उन्होने अपने हाथो से मुझे नंगा किया मेरा 8 इंच लंबा मोटा ताज़ा लंड देख कर वो हैरान रह गयी कहने लगी. शिव यह क्या है इतना बड़ा में तो मर ही जाउंगी कैसै जाएगा यह इतना बड़ा मेरे अंदर में तो झेल ही नही पाउंगीमेने कहा डरो मत बड़ी माँ सब हो जाएगा आराम से यह अंदर चला जाएग
मेने कहा डरो मत बड़ी माँ सब हो जाएगा आराम से यह अंदर चला जाएगा और आपको पता भी नही चलेगामेने कहा इसे मुहं में लेकर चूसो वो उसे मुहं में लेकर चूसने लगी. दोस्तो उन्होने मेरा लंड चाट चाट के लाल कर दिया कभी वो मेरे बॉल्स से खेलती तो कभी लंड से. फिर मेने उन्हे बिस्तर पर लिटा दिया और उनके पूरे जिस्म को अपनी ज़ुबान से चाटा वो पूरी तरह मदहोश हो गयी थी उन्होने मेरा सिर अपनी चूत में घुसा दिया और चाटने को कहा. मेने अपनी जीभ बड़ी माँ की चूत में उतार दी और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा वो सिसकारिया भर रही थी ओह शिव !
इसे और ज़ोर से चाटो आयाया.. कम ऑन शिव पूरे कमरे में आया..या.. की आवाज़े हो रही थी. मेने अचानक उनकी चूत में अपनी 2 अँगुलिया घुसा दी तो वो चमक उठी यह क्या कर हो मुझे दर्द होता हैउनकी चूत बहुत टाइट थी एक दम मस्त कुवारी चूत की तरह फिर में आराम से करने लगा वो पागलो की तरह हाथ पैर मार रही थी। उन्होने ज़ोर से मेरा सिर अपनी चूत में घुसा दिया और एक झटके के साथ झड़ गयी में उनका सारा अमृत रस पी गया किसी औरत का रस इतना मज़ेदार होता है मुझे उस दिन पता चला।
वो कह रही थी अब मुझे मत तड़पाओ मेरे राजा यह चूत अपने मालिक के लिए तड़प रही है इसे अपना लंड डाल कर कृतार्थ करो
मेने अपना लंड उनकी चूत के मुहं पर रखा और हिलाने लगा तो वो गुस्सा हो गयी और कहने लगी कुत्ते हरामजादे अंदर डालने के लिए क्या तुझे बुलावा भेजू उन्होने लंड पकड़ के अंदर डालना स्टार्ट कर दिया लेकिन उनकी चूत कसी हुई थी तो मेने तोड़ा ज़ोर लगाया तो वो तड़प उठी और लंड निकाल दिया बोली मुझे नही चुदवाना
मेने उन्हे कहा डरो मत कुछ नही होगा आपकी चूत टाइट है इसलिए तोड़ा दर्द हो रहा है में आराम से डालूँगा मुझे करने दीजिएमेरे मनाने पर वो मान गयी और बेड पर लेट गयी मेने इस बार अपनी पकड़ मज़बूत बनाई और लंड को चूत के मुहं पर रखा और एक जोरदार झटका मारा जिस से आधा लंड अंदर चला गया। वो चीखना चाहती थी लेकिन मेने अपने होंठ उनके होंठो से लगा दिए और चूमने लगा. उनके आँख से आँसू आ रहे थे. मेने एक और झटका मारा तो 6 इंच अंदर जा चुका था वो अब बुरी तरह तड़प उठी थी वो ज़ोर ज़ोर से हाथ पाव चला रही थी. इस बार मेने परवाह ना करते हुए एक और कस के धक्का मारा इस बार पूरा लंड अंदर चला गया में कुछ देर ऐसे ही रुक गया और होंठो को चूमने लगा में एक हाथ से उनके बोबे को भी मसल रहा था. 15 मिनट बाद बड़ी माँ ने हरक़त की वो अपनी गांड को हिला रही थी. मेने भी अब धीरे धीरे धक्के देना स्टार्ट कर दिए।
आंटी मुजे प्यार से शिव बुलाती थी
बड़े मज़े से गांड उछाल रही थी ताकी लंड अच्छे से चुदाई करे और पूरा अंदर जाए थोड़ी देर चोदने के बाद मेने उन्हे कुत्तिया बना दिया और खुद उनके पीछे आ गया इस पोज़िशन में हमने चुदाई स्टार्ट कर दी वो बड़े मज़े लेकर चुदवा रही थी और मुहं से ज़ोर ज़ोर से आवाज़ कर रही थी. अहहहहओह.. आशिव फाड़ दो मेरी चूत को मसल डालो इसे बहुत खुजली होती है इसमे मिटा दो इसकी सारी खुज़ली आज़ कई दिनों से प्यासी थीइस लंड के लिए तुम्हारे बड़े पापा तो कुछ भी नही करते अपना पानी निकाल कर सो जाते है.. में तो सारी रात तड़पती रहती हूँचोदो और चोदो आ..हहः ऊहह.. ह.. ह.. ह.. बहुत मज़ा आ रहा है शिव तुम सच में कितना अच्छा चोदते हो
30 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ने वाली थी। मेने उसे फिर से लिटा दिया और सारा रस पी गया लेकिन में अभी भी नही झरा था इस बार मेने उन्हे अपने उपर बैठा लिया और लंड घुसा दिया वो बड़े मज़े से उछल उछल के अपने अंदर ले रही थी. में चुदाई के साथ साथ उनके मोटे मोटे बोबों के भी मज़े ले रहा था. उनकी चूत के रस की तरह वो भी बड़े रसीले थे वो मदहोश होकर चुदवा रही थी. हम दोनो चुदाई का मजा ले रहे थे. 20 मिनट चली चुदाई से हम दोनो झड़ने वाले थे. मेने पूछा में आने वाला हूँ.. कहा निकालूं मालवो बोली अंदर ही मेने टॅबलेट ले रखी हैफिर हम दोनो एक साथ फ्री हो गये सारी रात हम ऐसे ही पड़े रहे एक दूसरे की बाहो में।
तो दोस्तो यह थी मेरी ज़िंदगी की सबसे हसीन रात जो मेने मेरी बड़ी माँ के साथ बिताई उनकी जवानी के मज़े लेते हुए।
मेरा एक friend हे जिनकी उम्र 48 साल है और उनकी वाइफ 45 साल की स्मार्ट और थोड़े मोटे बदन की महिला है और उनके 2 बच्चे भी है राजा 20 साल और सोनिया 16 साल दोनो बच्चे अच्छे स्कूल मे पड़ते है. घर पर मिया बीवी और उनके दादा यानी की बच्चों के दादा रहते है. अनिल की सेक्स लाइफ बहुत अच्छी चल रही थी की अचानक उनकी हंसते खेलते परिवार मे हादसा हो गया. अनिल की वाइफ राधा की रोड हादसे मे मौत हो गयी जैसे तैसे ये वक़्त भी कट गया। 2 महीने बाद दादा जी ने कहा कि मुझसे तेरा अकेलापन देखा नही जाता तू अभी जवान है.. दूसरी शादी क्यों नही कर लेता
दादा के बहुत ज़ोर देने पर अनिल ने दूसरी शादी कर ली उसकी बीवी की उम्र करीब 23 साल रही होगी लंबी चौड़ी काया वाली गोरी सी लड़की थी सुनीता नाम था उसका बच्चे नयी मम्मी पाकर बहुत खुश थे. शादी के कुछ दिन बाद बच्चे वापस चले गये और अनिल भी दिन भर अपने काम पर जाता घर मे सिर्फ़ ससुर और बहू रह जाते थे और सुनीता अभी बहुत ही जवान थी और उसका पति 1 अधेड़ तो उसके जिस्म की प्यास बुझ नही पाती थी. इसलिए वो कुछ उदास सी रहती थी दादा जी की पारखी नज़रों ने सुनीता की उदासी भाप ली और वो उसको खुश रहने की सलाह देने लगे की बहू बोला करो पर भला बोलने से कहीं चूत की खुजली मिटती है।
शादी को 6 महीने हो गये पर सुनीता की चूत की गर्मी बजाए ठंडी होने के और भड़कती जा रही थी ऐसे मे 1 दिन उसने ससुर जी को नहाते वक्त उनका टावल नीचे गिर जाने से उनका लंड देख लिया जो की साइज़ मे उसके पति से दुगना बड़ा था यानी की पति का 4था तो उनका 8 उनका लंड देख कर सुनीता की प्यास और भड़के गयी और उसके मन मे अपने ससुर के प्रति गंदे विचार आने लगे पर बहू होने के नाते उसकी हिम्मत नही बड रही थी पर उसने मन ही मन अपने ससुर से चुदवाने की ठान ही ली थी पर ससुर जी बहुत धार्मिक किस्म के थे। वो बात अलग है की टीवी पर वो हमेशा ही एडल्ट प्रोगाम देकना पसंद करते थे।
अब सुनीता उनके सामने पल्लू नही लेती थी और झाड़ू खटके वक़्त तो वो पूरी तरह से पल्लू गिरा देती थी जिससे की उसकी चूचियाँ साफ़ नज़र आती थी पर ससुर जी उस तरफ देख कर फ़ौरन ही नज़रे घुमा लेते थे पर सुनीता ने भी ठान ही लिया की आख़िर कब तक इनके अंदर का शेतान नही जागेगा और अब तो वो बहुत ही महंगे सूट पहनती थी और रात को अनिल के आने के बाद खूब जम कर चुदवाती थी. हांलाकि की उसकी प्यास बुझती नही थी पर वो जानती थी की बगल मे बाबू जी का रूम है और वो उन लोगों की मादक सिसकारी भरी आवाज़ ज़रूर सुन रहे होंगे यही सोच कर वो अपने मूह से जानबूझ कर किसी चुदाई सीन की तरह आअहह ऊऊहह उूउउफ़फ्फ़.. की आवाज़ें निकालती थी।
जबकि अनिल कहता भी था की प्लीज सुनीता धीरे आवाज़ करो बगल मे बाबू जी सुनेगे तो क्या सोचेंगे पर सुनीता तो यही चाहती ही थी उसके बाद अनिल को 15 दिन के लिए बाहर जाना पड़ गया वो बोला की शहर से राजू को बुला लेता हूँ वो रुक जाएगा पर सुनीता ने मना कर दिया की बेकार मे उसकी पढाई का हरज़ाना होगा रहने दोमैं और बाबू जी मेंनेज कर लेंगेअनिल के जाने के बाद दुसरे दिन सुनीता ने मन मे ठान ही लिया की आज चाहे कुछ भी हो मैं बाबूजी से चुदवा कर ही दम लूँगी..
सुबह नहाने के बाद उसने बहुत ही सेक्सी नाईटी निकाली और उसने नीचे ब्रा भी नही पहनी सिर्फ़ नीचे रेड कलर की पेंटी डाल कर वो बाबू जी के रूम मे नास्ता देने गयी तो बाबू जी बहू के इस रूप को देखकर सन्न रह गये पर उन्होने झट से नज़रे दूसरी तरफ फेर ली और सुनीता वहीं बैठ गयी और रोने लगी तो बाबू जी बोले
बाबू जी== क्या हुआ बहू तुम रो क्यों रही हो अर्रे अनिल सिर्फ़ 15 दिन के लिए ही तो गया है बेटा चुप हो जाओ प्लीज रो मत मैं हूँ ना
सुनीता== बाबू जी मैं अनिल के लिए नही रो रही अब आपको कैसे बताउ…?
बाबू जी== क्या हुआ बेटा मुझे बताओ तो शायद मैं कुछ कर सकूँ
सुनीता== बाबू जी आपको बताने वाली बात नही है अगर सासू माँ होती तो शायद वो मेरा दर्द समझ सकती
बाबू जी== बेटा मुझे तुम अपना दोस्त समझ सकती हो अब तेरी सासू माँ तो है नही तो मुझे बता की क्या परेशानी है
सुनीता== बाबू जी आप तो जानते ही है की अभी मेरी उम्र ही कितनी है और आपका बेटा …..
बाबू जी== हां तो क्या हुआ मेरे बेटे को…?
सुनीता== बाबू जी आप बुरा तो नही मानेंगे…?
बाबू जी== नही बेटी तू बोल ना मैं बुरा नही मानूँगा
सुनीता== बाबू जी आपका बेटा मुझे संतुष्ट नही कर पाता है
बहु की बात सुन कर बाबू जी चेहरा लटक गया बोले बहू अब भला इसमे मैं क्या कर सकता हूँ तू बता जो तू बोले वो कर दूँ
सुनीता== बाबू जी मुझे कहना तो नही चाहिए पर कह रही हूँ की मुझे आपके साथ……….
उसकी बात भी अभी पूरी नही हुई थी की दादा जी गुस्से से गर्म हो गये
बाबू जी== बहु…. तुम्हारा दिमाग़ तो खराब नही हो गया भला ऐसे बात सोचने की हिम्मत भी कैसे हुई तुम्हारी मैं तेरे पिता के बराबर हूँ













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