Tuesday, March 29, 2016

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..48

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..48


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अब आगे
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रचना का मासूम सा चेहरा आज बहुत ही सैक्सी लग रहा था उसे..उसके चेहरे पर जो स्माइल थी,उसका तो कोई मुकाबला ही नही था आज ..

वो अपने बॉस को ''हैल्लो सर'' बोलती हुई अंदर आ गयी..

और अपने केबिन की तरफ चल दी.

अजय भी दरवाजा लॉक करके उसके पीछे-2 चल दिया...उसकी मटकती गांड को देखते हुए..आज वो अपनी कमर को कुछ ज़्यादा ही मटका कर चल रही थी..

अंदर पहुँचकर अजय अपनी चेयर पर बैठ गया और रचना केबनेट से फाइल निकालने लगी..

ऑफीस में आज उसके और रचना के सिवाए कोई भी नही था, ये एहसास अंदर तक रोमांचित कर रहा था उसे..

वो बियर के सीप भरता हुआ आराम से रचना के पिछवाड़े को देखने लगा..

रचना ने फाइल निकाली और उसे लेकर अजय के पास आई...उसे बियर पीते देखकर वो मुस्कुरकर बोली : "आज तो आप फुल मस्ती के मूड से आए है ऑफीस...''

इतना कहकर वो झुकी और अजय के सामने फाइल खोलकर रख दी..अजय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसकी उस नर्म गांड को,जिसे काफ़ी देर से वो घूरकर देख रहा था,अपने खड़े लंड के उपर लाकर ज़ोर से दबा दिया..

वो भी मुस्कुराती हुई सी,बिना किसी विरोध के अजय की गोद में बैठ गयी और अपनी एक बाहं उसके गले में लपेटते हुए उसे ज़ोर से हग कर दिया.

अजय ने भी मौके का फयडा उठाकर उसे ज़ोर से अपनी बाहों में भींच लिया, और उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठों को चूसने लगा..



उनकी ये किस्स करीब 2 मिनट तक चली, जिसके अंदर उन्होने एक दूसरे को बुरी तरह से चूस डाला..

किस्स तोड़कर रचना ने अपनी साँस पर नियंत्रण किया और फिर मुस्कुरा कर बोली : "पता है सर , जब से आपका फोन आया है,मेरे पेट में गुदगुदी सी हो रही थी...मन कर अरहा था की बस उड़कर पहुँच जाऊं यहाँ''

अजय भी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया और अपना हाथ उसके नर्म और मुलायम पेट पर रखकर बोला : "ज़रा मैं भी तो देखूं की कहाँ पर हो रही है ये गुदगुदी...''

अजय ने उसके पेट पर गुदगुदी करनी शुरू कर दी और वो मचलती हुई सी,अपने आप को बचाने का प्रयास करती हुई और ज़ोर-2 से हंसते हुए अपनी नर्म गांड को ज़ोर से उसके लंड पर रगड़ने लगी..


अजय के पास आज पूरा मौका था जब वो अपनी सेक्रेटरी को ऑफीस में ही चोद सकता था, पर जैसा की उसने शुरू से ही सोच रखा था की इसे सबसे आख़िर चोदेगा ,अभी के लिए तो बस उससे मज़े लेगा..भले ही आज जैसा मौका दोबारा ना मिले पर इस मौके को वो ऐसे ही हाथ से नही जाने देगा...चुदाई के अलावा जो भी सैक्स की किताब में लिखा होता है,वो आज रचना के साथ कर लेना चाहता था.

अजय ने जब एक और सीप बियर का पिया तो रचना अपनी नर्म उंगलियाँ उसके गीले होंठों पर फेरति हुई बोली : "आई लाईक दिस स्मेल....मुझे बियर की स्मेल बहुत पसंद है...कॉलेज टाइम में छुप -छुपकर हॉस्टल में मँगवाकर पिया करती थी हम सभी फ्रेंड्स...''

अजय ने केन उठाकर उसकी तरफ करते हुए कहा : "तो ये लो ना,एक सीप पीकर देखो, थोड़ा सरूर चढ़ेगा तो मज़ा आएगा..


रचना : "ऐसे नही...अपने होंठों से पिलाओ..डबल सरूर चढ़ेगा ...''

रचना तो उसकी उम्मीदों से ज़्यादा किंकी निकली..

अजय ने फ़ौरन एक बड़ा सा घूँट पिया और अपने होंठ उसके सामने कर दिए..रचना ने तुरंत अपने रसीले होंठों को अजय के होंठों के चारों तरफ लपेट कर उसे चूस लिया,अजय ने होंठों को पिचकारी बनाकर बियर उसके मुँह में छोड़ दी, जो वो गटागट पी गयी..और साथ ही हर घूँट पर वो उसके होंठों को ज़ोर से चबाती भी चली गयी..

अजय के हाथ उसके बूब्स पर पहुँच गये और वो होले -2 उन्हे प्रेस करने लगा..और फिर धीरे से बोला : "मुझे भी पीनी है...ये वाली बीयर...''

वो उसके निप्पल्स की नोक को पकड़कर दबा रहा था..

रचना चिहुंक उठी उसके इस प्रहार से...और बड़े ही सेक्सी अंदाज में बोली : "येस बॉस....''

और वो उठकर अजय के सामने खड़ी हो गयी..अजय ने पहले तो नोट नही किया था पर अब उसने गोर से देखा तो पता चला की उसने अपनी ब्लेक ड्रेस के अंदर ब्रा नही पहनी हुई है...पर ड्रेस के अंदर ही बूब्स को संभाल कर रखने के लिए एक्सट्रा पेड लगा रखे थे,जिससे वो बिना ब्रा के ना लगे...

अजय के लिए ये पहला मौका था जब वो रचना के मुम्मे देखने वाला था...रचना भी अपने बूब्स अपने बॉस को पहली बार दिखाने में थोड़ा शरमा रही थी...उसने आँखे बंद कर ली और धीरे से अपनी ड्रेस के गले वाले हिस्से को नीचे कर दिया...धीरे-2 सफेद पर्वत की तरह उसके गोरे-2 मुम्मे उजागर होने लगे..और फिर उसके निप्पल्स भी सामने आए जो गहरे लाल रंग के थे...अजय तो पलके झपकना भी भूल गया, रचना ने अपनी ड्रेस को मुम्मो के नीचे फँसा कर अटका दिया और अपने तने हुए मुम्मे अजय की आँखो के सामने लेकर खड़ी हो गयी.



रचना इस वक़्त शरमा भी रही थी और अपने तने हुए बूब्स अजय को दिखाकर थोड़ी इतरा भी रही थी...शायद वो जानती थी की ये बिल्कुल सही आकार और रंग के है जो हर मर्द को पसंद आएँगे ही...नापसंद करने का तो सवाल ही नही था..

वो बोली : "लीजिए सर...ये दोनो आपकी सेवा में हाजिर है...''

अजय तो किसी भेड़िए की तरह उसके मुम्मों पर झपट पड़ा...और दोनो हाथों में उन नंगे मुम्मो को पकड़कर पहले तो काफ़ी देर तक उन्हे दबाता रहा और फिर अपने होंठ आगे करके उसने एक-2 करके उसके पिंक निप्पल्स का दूध पीना शुरू कर दिया..

पहले धीरे-2 और फिर दाँतों की मदद से

रचना ने तो अजय का हेयर स्टाइल ही बिगाड़ कर रख दिया, वो अपनी उंगलियों को उसके बालों में घुमाती हुई पूरा दम लगाकर अपने मुम्मे उसके मुँह पर रगड़ रही थी, अजय उठकर खड़ा हो गया और उसने रचना की बगलों के नीचे हाथ रखकर उसे किसी गुड़िया की तरह उठाकर टेबल पर बिठा दिया और अपना खड़ा हुआ लंड उसके घुटनों पर रगड़ने लगा..

वो समझ गयी और उसने एक सैक्सी सी स्माइल देते हुए, अजय की आँखो में देखते हुए, उसकी जीप खोलकर उसके लंड को पकड़कर बाहर खींच लिया...

ये पहला मौका था जब रचना खुली रोशनी उसके में लंड को देख रही थी...एकदम गठीला लंड था अजय का..साउथ इंडियन केले की तरह मोटा और लंबा...और उतना ही सख़्त..उसके उपर चमक रही खून की नसें बता रही थी की इस वक़्त मिल रही सप्लाइ कितनी तेज है...उसने अपने गोरे-2 हाथों में उसे पकड़ लिया और उसे पकड़ते ही कांपती हुई सी आवाज़ मे अजय से लिपट गयी...शायद ये सोचकर की जब ये मोटा लंड उसकी चूत में जाएगा तो कैसा महसूस होगा

''उम्म्म्ममममममममम....... ओह सर .... यू आर सओओओओ हॉट......''

अजय मुस्कुरा दिया...और रचना ने उसे पीछे की तरफ धक्का देते हुए वापिस कुर्सी पर बिठा दिया...

और बोली : "आप बेठिये सर....लेट मी हेंडल हिम ...''

और इतना कहकर वो अजय के सामने घुटनो के बल बैठ गयी...



अजय ने किसी राजा की भाँति अपना जाम उठा लिया और एक सीप भरा,ठीक उसी वक़्त रचना का सिर भी झुका और उसने अजय के लंड को एक ही बार में पूरा मुँह में डाल कर जोरदार ढंग से चूस डाला...

अजय ने सिसकारी मारते हुए बियर को गले के नीचे उतारा..

''उम्म्म्मममममममममममममममम..... ओह रचना....... माय बैबी...''

और उसने उसके रेशमी बालों में हाथ डालकर उसे अपने लंड पर ज़ोर से दबा दिया...और रचना भी किसी सड़क की रंडी की तरह उसके लंड को पूरा निगल गयी...उसका लंड इस वक़्त रचना के गले के टॉन्सिल्स को छू रहा था,वो घूं-घूं करती रही,पर उसके लंड को बाहर नही निकाला...अजय ने उसके सर को पकड़कर जोर-२ से उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया, अजय का लंड उसके गले तक जा रहा था ,अजय ने ऐसी डीप थ्रोटिंग वाली चुसाई आज तक नहीं करवाई थी..



रचना ने लंड को पूरा चूसा और फिर बाहर निकाल कर उसपर लगी थूक चाट गयी...

और कांपती हुई आवाज़ में बोली : "आई लव दिस ....आई लव दी स्मेल ऑफ यूर कॉक....सर.....''

अजय मुस्कुरा दिया....सैक्स की दुनिया में शुरुवाती कदम रखने वाली हर लड़की को हर काम में आनंद आता है

उसके बाद तो रचना जैसे पागल सी हो गयी, उसने अजय के लंड के साथ-2 उसकी गोटियों को भी उतनी ही बुरी तरह से चूसा..ऐसा लग रहा था जैसे आज नाश्ता करके नही आई वो...उसके कपूरे खाकर वो अपना पेट भरना चाह रही थी.


अजय से अब और सब्र नही हो रहा था, वो उसकी कुँवारी चूत देखना और चाटना चाहता था...वो उसके बालों में उंगलियाँ फेरता हुआ बोला : "रचना....मुझे तुम्हे देखना है...पूरा का पूरा ....न्यूड....''

ये सुनते ही रचना के दिल की धड़कने तेज हो गयी...आज से पहले उसने अपना शरीर किसी को नही दिखाया था...और आज वो वक़्त आ गया था जब वो अपने शादीशुदा बॉस के सामने वो करने जा रही थी...लेकिन इसमे उसकी भी कोई ग़लती नही थी...अजय था ही ऐसा...अपने बॉस की इस इच्छा को भी वो बिना किसी प्राब्लम के पूरा करना चाहती थी..इसलिए उसने लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया और धीरे से बोली : "यस सर...जैसा आप कहे...''

अजय तो उसके जवाब को सुनकर खुश हो गया...ऐसी ही सेक्रेटरी होनी चाहिए,जो अपने बॉस के किसी भी काम को मना ना करे..

वो खड़ी हुई और उसने अपनी ड्रेस की जीप अजय से खुलवाई,जो पीठ पर थी...लेकिन जैसे ही वो उसे उतारने लगी तभी बाहर के मैन गेट पर ज़ोर-2 से किसी के चिल्लाने की आवाज़ें आने लगी...कोई दरवाजा पीट रहा था

अजय का रूम दरवाजे के पास ही था,इसलिए आवाज़ सॉफ सुनाई दे रही थी....एक ही पल में दोनो के चेहरे पीले पड़ गये...और पहला विचार जो अजय के जहन में आया वो था 'कहीं बॉस तो नही आ गये..'

ये सोचते ही उसकी तो सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी, मज़े करने के चक्कर में उसकी जॉब जाने की नौबत आ चुकी थी..

दोनो ने आनन फानन में अपने-2 कपड़े ठीक किए और अजय कांपता हुआ सा बाहर चल दिया..


रचना केबिन के दरवाजे पर ही खड़ी होकर अजय को देख रही थी...उसने अपने मुम्मे वापिस ड्रेस में ठूस लिए थे..किसी अनहोनी की आशंका से उसका दिल जोरो से धड़क रहा था.

अजय दरवाजे के पास पहुँचा और ज़ोर से बोला : "कौन है....? ? ''

बाहर से जो आवाज़ आई, उसे सुनकर अजय की जान में जान आई.

''पिज़्ज़ा डिलीवरी सर...''

अजय तो उसके बारे में भूल ही गया था, उसने रचना को धीरे से कहा की पिज़्ज़ा वाला है,उसके लिए ही मँगवाया था...और रचना को वापिस केबिन में भेजकर उसने दरवाजा खोलकर पिज़्ज़ा ले लिया...पैसे लेते वक़्त वो डिलीवरी बॉय अजय की हालत देखकर पूछ बैठा : "क्या हुआ सर...सब ठीक है ना...आपकी हालत कैसी हुई पड़ी है..''

अजय ने रिसेप्षन के पीछे की तरफ शीशे में देखा तो उसे समझ मे आया की वो ऐसा क्यो बोल रहा है...रचना ने उसे चूमते हुए जिस तरह से उसके बालों की ऐसी तैसी की थी, और उपर से दरवाजा खड़कने पर अजय की जो हालत हुई थी, उसकी वजह से उसका चेहरा बहुत अजीब सा लग रहा था..

वो बोला : "नो, आई एम फाइन...वो ऑफीस में काम बहुत था, इसलिए कल रात से यही हूँ ..थैंक्स ..ये लो पैसे और जाओ...''

वो बंदा पैसे लेकर चल दिया और अजय पिज़्ज़ा लेकर वापिस अपने केबिन की तरफ.

अब उसका दिमाग़ और लंड एक बार फिर से रचना की तरफ जा चुके थे.

पर केबिन मे पहुँचकर उसने देखा की वहां तो घुप्प अंधेरा था..

अंदर की लाइट बंद थी..अजय ने ऑफीस आकर सिर्फ़ अपने केबिन की लाइट ही जलाई थी,उसके अलावा पूरे ऑफीस की लाईट्स बंद थी, इसलिए केबिन की लाइट बंद होने से उसे कुछ दिखाई ही नही दे रहा था.

अजय : "रचना...कहाँ हो तुम....और ये लाइट कैसे बंद हो गयी....रचना...''

पर उसकी तरफ से कोई जवाब नही आया.

अजय मन में सोचने लगा की अब ये कौनसी भसूड़ि है..


वो अंधेरे में दीवार पर हाथ लगाकर लाईट्स के बटन टटोलता हुआ आगे बढ़ने लगा...

और अचानक उसका हाथ किसी गर्म चीज़ से टकराया..

और वो गर्म चीज़ थी

रचना का नंगा मुम्मा



अजय समझ गया की वो गेम खेल रही है

अजय ने उसके उस मुम्मे को पकड़कर ज़ोर से दबा दिया...रचना के मुँह से सुलगती हुई सी सिसकारी निकल गयी..

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... अहहsssssssssss ''

अजय के हाथ दूसरी ब्रेस्ट पर गये...उसे भी उसने निचोड़ डाला..अपने हाथ उपर करके उसने उसकी नंगी गर्दन को सहलाया, तब उसे पता चला की उसने कुछ भी नही पहन रखा है..उसने अपनी वो सिंगल पीस वाली ब्लेक ड्रेस उतार दी थी , और साथ में पेंटी भी...

ये महसूस करते ही अजय का लंड फिर से स्टील का बन गया.

रचना ने उसके हाथ को पकड़कर चूम लिया..और धीरे-2 करके खुद ही उस हाथ को नीचे ले जाने लगी..

अजय का हाथ उसकी छातियों से होता हुआ, उसके सपाट पेट तक आ गया...और फिर रचना ने एक जोरदार सिसकारी मारकर उसके हाथ को और नीचे धकेल दिया..

अपनी नंगी चूत पर




जो इस वक़्त किसी भट्टी की तरह सुलग रही थी.

उसकी चूत पर एक भी बाल नही था

लेकिन नमीं बहुत थी

ओस की बूंदे थी वहां पर

और अंदर से गर्म हवा ऐसे बाहर निकल रही थी जैसे मुँह से गर्म साँसे निकलती है

एक नन्ही सी जान थी ये चूत भी
 
 
 


अजय तो उसकी चूत पर हाथ रखकर काँप सा गया..ऐसी गर्म लड़की की चूत को वो कैसे संभाल पाएगा..यही सोचकर उसने अपना खड़ा हुआ लंड आगे करके उसकी चूत पर चिपका दिया और ज़ोर से दबा दिया

भले ही अजय का लंड इस वक़्त कपड़ो की परत के नीचे था, पर उसके लंड की गुनगुनाहट को वो सॉफ महसूस कर पा रही थी. वो उसके लंड की धड़कन अपनी चूत पर महसूस करके पागल सी हो गयी..और वो किसी बेल की भाँति अजय से लिपट गयी..

''ओह....अजय.........उम्म्म्ममममममममममम.......''

ये पहली बार था जब रचना ने अजय को उसके नाम से पुकारा था...पर अजय को उसकी सेक्सी आवाज़ में अपना नाम सुनना काफ़ी अच्छा लगा..

उसके बाद तो अजय काफ़ी देर तक अंधेरे में ही उसे चूमता रहा...उसके नंगे शरीर के हर हिस्से को उसने अपनी उंगलियों से नाप डाला..मसल डाला...निचोड़ डाला.

ख़ासकर उसकी चूत को

अजय के होंठ रचना के होंठो पर थे और उसकी एक उंगली रचना की चूत में ..

रचना ने अपना एक पैर उठाकर हवा मे रखा हुआ था ताकि अजय उसकी कजूत की ड्रिलिंग कर सके..

और इस काम में दोनों को बहुत आनंद आ रहा था..

लार उसके मुँह से बह रही थी और वो अपनी चूत में अपने बॉस से फिंगरिंग करवा रही थी.

कुछ देर बाद अजय ने किस्स तोड़ी और बोला : "लाइट तो जला लो...''

रचना कुनकुआई : "नो सर...रहने दो ना...ऐसे ही....मुझे, मुझे शर्म आएगी...''

अजय ने भी ज़ोर नही दिया...आख़िर बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी...

अजय तो मन पक्का कर चुका था की चाहे कुछ भी हो जाए,वो उसकी चूत नही मारेगा अभी..बाकी के मज़े सब ले लेगा..

और शायद रचना भी ये बात जानती थी की उसके बॉस इतनी जल्दबाज़ी नही करेंगे...हर लड़की की तरह उसने भी पहली चुदाई के बारे में कुछ ख़ास सोच रखा था, कई सपने संजो रखे थे, काफी प्लानिंग कर रखी थी..

पर लड़कियों की चूत में जब खुजली होती है ना,तो उसके आगे उनकी सोच और प्लानिंग की धज्जियाँ उढ़ जाती है..

रचना ने अजय की टी शर्ट को उतार दिया...और उसकी जीन्स खोलकर उसे भी नीचे गिरा दिया.

अब उस ऑफीस के अंधेरे कमरे में रचना और अजय एकदम नंगे थे..







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