Wednesday, March 9, 2016

FUN-MAZA-MASTI बहकती बहू--42

FUN-MAZA-MASTI


बहकती बहू--42

अपनी सर्वांग सुंदरी भांजी कामया को अर्ध नग्न सामने देख मामा चित्र लिखित सा उसके हुश्न के वैभव को देखता ही रह गया ! काफ़ी देर तक वो उसे देखता रहा और फिर आगे बड़ कर उसने कामया को अपनी कठोर छाती मे भींच लिया !
अब आगे #############
कामया - - - ओह मां कितनी ज़ोर से दबा दिया मामा ! दर्द दे रहा है
मामा - - - सॉरी मेरी कम्मो ! पता नहीं तुझे देख कर मेरा दिमाग़ काम करना ही बंद कर देता है ! उसके बाद इस से पहले की कामया और कुछ कह पाती उसके रसीले होंठ मामा के प्यासे होंठो मे क़ैद हो गये / अब मामा के होंठ कम्मो के होंठो का रस निचोड़ रहे थे जबकि उसके हाथ कामया के संतरों का रस निचोड़ रहे थे / कामया हर पल स्थिति को अपने काबू मे रखने की कोशिश कर रही थी मगर उसकी कच्ची उमर उसे हारने पर मज़बूर कर रही थी ! कामया के बेसूध होने का कारण ये भी थी मामा का प्यार करने का स्टाइल बिल्कुल सन्नी जैसा था जब कामया आँख बंद कर लेती तो उसे ऐसा ही लगता जैसे सन्नी प्यार कर रहा है / धीरे धीरे कामया की खुमारी बढ़ती गई वो मामा मे सन्नी को इमेजीन करने लगी और बेसूध होती चली गई ! अब मामा की बाहों मे उसकी काया पड़ी हुई थी आँखें बंद ,साँसे भारी और पूरे बदन मे काम का ज्वर फैल गया था ! मामा ने कम्मो की हालात देख कर आगे बढ़ने का फ़ैसला किया और धीरे से उसकी साड़ी खींच कर उतार दी ! अब कामया की साड़ी नीचे पड़ी थी और उसके पूरे बदन मे केवल पेटिकोट ही बचा था ! मामा ने उसके बदन मे आग लगानी चालू कर दी जिसमे वो बहुत एक्सपर्ट था ! कभी वो कामया के होंठ चूसता तो कभी उसके दूध पीने लगता ! उसके हाथ कमाया के हर नारी अंग की नाप जोख कर रहे थे ! चिकनी पीठ से लेकर मांसल जाँघ और कठोर गद्देदार नितंब पर बार बार वो अपने हाथ का जादू चला जा रहा था / कमरे मे धीरे धीरे उसकी प्यारी भांजी की मादक सिसकारियाँ गूंजने लगी ! जब मामा ने देखा की कामया अब बेखुदी के आलम मे है तो उसने अगला कदम उठा दिया ! बड़ी नज़ाकत से उसने पेटिकोट का नाडा पकड़ा और उसे खोल दिया ! पेटिकोट सरकता हुआ नीचे जाने लगा और कामया की मस्त गांद का दीदार होने लगा ! मगर तभी कामया की छटी इंद्री जाग्रत हो गई संकल्प की धनी कामया ने नितंब के पास पहुँचे पेटिकोट को थाम लिया !

कामया - - - मामा ये आप क्या कर रहे हो ! ये ग़लत है !
मामा - - - कम्मो प्लीज़ एक बार अपने आप को हमे देख लेने दो वरना शायद हम चैन से मर नहीं पाएँगे /
कामया - - - नहीं मामा !! आपने ऊपर की बात की थी नीचे मत बढ़िए ! मामा कामया के होश मे आने से हैरान था मगर उसे ये भी पता था की आज जो स्थिति है वो शायद जिंदगी मे दोबारा आ पाए या नहीं ! इस पोज़िशन मे आकर भी अगर कम्मो को राज़ी ना कर पाए तो फिर कभी भी ये नहीं हो सकेगा ! कामया को राज़ी करने के लिए वो अब साम दाम दंड भेद हर चीज़ अपनाना चाहता था ! चाहे आज कामया की बजा नहीं पाए मगर कामया उसके सामने टोटल न्यूड भी हो गई तो शायद एक बड़ी बाधा दूर हो जाएगी फिर शायद भविष्य मे उसे यहाँ तक पहुँचने मे आसानी होगी और बाकी का काम फिर कर लेगा /इस लिए उसने प्रार्थना करते हुए कहा !
मामा - - - कामया प्लीज़ सिर्फ़ एक बार हमे अपने को देख लेने दो ! मेरी दस बरसों की तपस्या का फल दे दो प्लीज़ ! तुम मेरी जिंदगी का पॅशन बन चुकी हो ! अगर मैं तुम्हे नहीं देख पाया तो शायद मरते समय भी चैन नहीं मिलेगा!
मामा की तड़प और उसकी तपस्या वाली बात सुनकर कामया का कोमल नारी मन पिघलने लगा/ वो जानती थी की मामा सचमुच पिछले दस सालो से तपस्या कर रहा है ! अपने पहले प्रेमी की तड़प उसे अंदर तक झकझोर गई ! कहते हैं स्त्री अपने पहले प्रेम को कभी नहीं भूल पाती / पहले प्रेमी का अक्स सदा स्त्री के दिल मे बना रहता है / हालाकी मामा उसका प्रेमी नहीं था मगर कामया को सर्व प्रथम अपने औरत होने का अहसास मामा की घूरती आँखों से ही हुआ था / मामा जब भी घर आता था उसकी नज़ारे हमेशा कामया के बूब्स स्कर्ट से झाँकती चिकनी जांघों और थिरकते नितंब पर ही लगी रहती / कामया भी जानती थी की मामा की आँखे कहाँ लगी रहती हैं / मगर मामा की बात मानने का मतलब था क़ि उसे मामा के सामने न्यूड होना पड़ेगा / वो बड़े धर्म संकट मे पढ़ गई ! एक तरफ उसकी मर्यादा थी तो दूसरे तरफ़ पहले प्रेमी की तड़प थी ! उसे लगा की नग्न होने के बाद कहीं मामा बल प्रयोग ना कर दे और वो इस वक्त मामा के साथ वैसे संबंध के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी / किंतु उसे ये भी भरोसा था क़ि मामा उसके साथ ज़बरदस्ती तो किसी हालात मे नहीं करेगा / अगर करना होता तो वो अब तक कर चुका होता / कामया को असमंजस मे देख मामा अंदर से खुश हो गया और फिर उसने बिल्कुल नई उमर के लड़को की तरह अपने को घुटनों के बल किया और कामया का हाथ थाम कर बोला
मामा - - - कम्मो मेरी जान मेरी रानी / प्लीज़ इनकार मत करो , मुझे जीने का सहारा दे दो / मुझे इस हुश्न को देख लेने दो ताकि मेरी आँखें अपने होने को सार्थक कर सकें /
कामया - - - मामा आप पहले सिर्फ़ देखने की बात करते हो फिर छूने लगते हो / ऊपर के लिए भी आपने सिर्फ़ देखने की बात की थी फिर क्या क्या नहीं कर दिया / मैं नीचे ऐसा कुछ नहीं करने दे सकती /
मामा - - - कम्मो मैं तुम्हारी इच्छा के बिना कुछ भी नहीं करूँगा ./ मेरी बात पर पूरा भरोसा रखो मैं अपने
बच्चो की की कसम खाता हूँ / मामा ने नहले पर दहला मार दिया /
कामया - -- मामा अच्छे से सोच लो कहीं मुकुर मत जाना /
मामा - - - नहीं कम्मो तुम्हारी मर्ज़ी के बिना कुछ भी नहीं होगा मुझे सन्नी की कसम है / मामा ने तो स्वाभाविक ही सन्नी की कसम कह दी थी मगर उसे नहीं मालूम था क़ि आजकल सन्नी कामया की सबसे बड़ी कमज़ोरी बन चुका है / आख़िर वो कम्मो के होने वाले बच्चे का बाप जो था /
कामया - - लेकिन मामा मुझे आप पर विश्वास नही हो रहा / कामया ने नज़र नीचे करके शरमाते हुए कहा /
मामा - - - नहीं नहीं कम्मो मैं सन्नी की झूठी कसम नहीं खा सकता / तुम जानती हो वो मेरा बड़ा बेटा है
मामा की बात सुनकर कामया सिर झुका कर खड़ी रह गई उसके पास अब और कोई तर्क भी नहीं था ! कामया को चुप देख मामा अब समझ गया था की अब कामया को वो नंगी कर सकता है इस बात क़ि कल्पना से ही उसके लंड ने बग़ावत कर दी क़ि कामया अब उसके सामने नंगी होगी / इधर कामया का भी वही हाल था / मामा के सामने निर्वस्त्र होने की कल्पना मात्र से ही उसके चेहरे पर खून की लाली चढ़ गई थी जिससे उसका खूबसूरत चेहरा अब और भी सेक्सी हो गया था / कामया के पूरे बदन
मे रोंगटे खड़े हो गये थे / मामा धीरे से बढ़ा और उसने कामया को अपने आगोश मे ले लिया / दोनो जिस्म एक बार फिर गुत्थम गुत्था हो गये / मामा कामया के हर उस अंग का मर्दन कर रहा था जिससे उसके अंदर कामाग्नि भड़क जाए /
वो चाह रहा था की कामया के अंदर इतनी काम वासना भड़का दे क़ि वो उसके प्रणय निवेदन को वो ठुकरा ना सके और उसे संसर्ग करने की मंज़ूरी दे दे / उसके हाथ कामया के जिस्म पर किसी सर्प की भाँति रेंग रहे थे ! कमरे मे अब कामया की मादक कराहें गूंजने लगी थी / एक बार मामा ने फिर पूछा
मामा - - - रानी तो फिर हमे इज़ाज़त है ना ?
कामया चुप रही कुछ ना बोली
कामया को चुप देख मामा आगे बढ़ा और उसने एक बार फिर कामया की जालिम जवानी को अपनी बाहों मे क़ैद कर लिया ! मामा के मजबूत सीने से चूची पिचकते ही कामया की कराह निकल गई !
कामया -- - - आ मामा धीरे ! मार दोगे क्या ?
अब मामा को उसे इस हालात मे पहुँचाना था क़ि जब वो चुदाई की परमिसन माँगे तो कामया इनकार ना कर सके ! उसने कामया के होंठों को अपने होंठो से चिपका लिया और एक बार फिर उसके बूब्स को सहलाने लगा ! कामया का खून गरम होने लगा काफ़ी देर तक वो उन्ही अंगों से खेलता रहा और इसी दरमियाँ उसने अपने खड़े लंड को लगातार कामया की चूत के ऊपर ही रहने दिया ! जब कामया आँख बंद कर अपने जिस्म पर होने वाले प्यार का आनंद ले रही थी तभी मामा ने धीरे से उसके हाथ से पेटीकोत छुड़ा दिया ! पेटिकोट सीधे कामया के पैरों मे गिरकर पनाह माँगने लगा ! अब मामा की स्वपन सुंदरी उसके सामने पूरी तरह मादरजात नंगी खड़ी थी ! मामा कुछ गेप बना कर अपनी हुश्न परी के कातिल जिस्म का रसपान करने लगा ! पूरी नंगी होने के अहसास से ही कामया के चेहरे पर शर्म की लाली आ गई जिससे से वो और ज़्यादा सेक्सी दिख रही थी ! वो आँख बंद कर सिर झुकाए खड़ी रह गई ! मामा उसे छू नहीं रहा था मगर उसे मामा की नज़रें अपने बदन पर गढ़ती महसूस हो रही थी 1 कमरे मे केवल मामा की साँसों की आवाज़ ही आ रही थी ! कामया ने चुपके से अपनी एक आँख खोली तो देखा की मामा नज़र झुकाए एक टक उसके पेंटी के अंदर की सुंदरता को देख रहा है जो अब खुले मे उजागर हो चुकी थी ! कामया एक बार फिर लाज से दोहरी हो गई ! मामा का नज़रें दोनो जांघों के जोड़ पर बने त्रिकोण मे अटकी हुई ती ! हल्के हल्के रेशम से बालों से झाँकाती पतली सी दरार को देख कर मामा का हलक सूख गया था मगर वो कोई जल्दबाज़ी मे नहीं था ! बहुत देर तक सामने से देखने के बाद मामा पीछे की ओर चला गया ! कामया को केवल उसकी पदछाप सुनाई दी और वो समझ गई की अब मामा जो देखेंगे उसे देख कर कहीं वो आपा ना खो दें ! कामया को अपने नितंब की मारक क्षमता पर अखंड भरोसा था ! इसी नितंब की एक झलक ने ही तो मदनलाल का सारा सुख चैन छीन लिया था ! जब 60 साल का मदनलाल शहीद हो गया था तो 45 साल के मामा की क्या बिसात थी ! कामया को डर भी लग रहा था क़ि कहीं मामा उसकी गाँड को देखने के बाद अपनी कसम ना तोड़ दे और कहीं उसके साथ बल प्रयोग ना कर दे किंतु वो सन्नी की कसम का ध्यान रख चुपचाप खड़ी रही ! जो कामया सोच रही थी इधर वही हाल मामा का भी हो रहा था ! कामया की मद मस्त कर देने वाली गाँड को देख कर तो उसके पप्पू ने कसम वसम तोड़ने की तैयारी कर दी ! मामा ने अपनी जिंदगी मे सन्नी से दुगनी औरतों की बजाई थी और गाँड मारना तो उसका सबसे खाश शगल था किंतु उसने अपनी जिंदगी मे कामया जैसी मनोहारी सेक्सी गाँड नहीं देखी थी / मामा का पप्पू तो कह रहा था क़ि कसम तोड़ कर पीछे से ही भोग लगाने की शुरुआत कर दो मगर मामा ने अभी होश नहीं खोया था ! कसम तोड़ कर ऐसी सुंदरी को केवल एक बार ही भोगा जा सकता था जबकि अगर संयम से काम लें तो इसे सदा के लिए अपनी बनाया जा सकता था !


कामया की गाँड ने मामा के रग रग मे खून भर दिया था ! शादी के पहले उसने कामया को कई बार जीन्स मे देखा था जिसमे उसकी गाँड का पूरा शेप दिखता था ! उस समय भी उसकी गाँड बहुत ही सुंदर उभरी हुई थी जिसे याद कर मामा ने कई बार मूठ मारी थी ! मगर शादी के बाद के शेप ने तो मामा पर कहर ही ढा दिया था ! और इसका कारण था कामया का गर्भवती होना ! गर्भ होने के कारण कामया की मांसलता बढ़ गई थी और उसके जिस्म के मादक अंग अपने सर्वोच्च निखार पर आ गये थे / मामा ने अभी भी कामया को छुआ नही था कामया सिर्फ़ उसकी साँस की आवाज़ सुन रही थी और मामा की गरम साँसे उसकी पीठ पर लग रही थी ! अब मामा ने अगला कदम उठाने का निर्णय लिया केवल देखकर तो कामया के जिस्म मे भूचाल नहीं लाया जा सकता था / उसने अपने लंड को सीधा सेट किया और कामया की गांद मे गढ़ा कर उसके दोनो बूब्स को पीछे से अपने पंजे मे ले लिया !
गाँड की दरार मे मामा के खूँटे की दस्तक से ही कामया गनगना गई मगर उसने संभलते हुए कहा
कामया - - - - मामा आपने कहा था सिर्फ़ देखेंगे / छू क्यों रहे हो
मामा - - - रानी नीचे कहाँ छू रहे हैं ! केवल मम्मे ही पकड़े हैं इतना तो शाम को भी किए थे ! मामा की बात सुनकर कामया चुप रह गई वो लाज के मारे यह भी नहीं बोल पाई क़ि नीचे आपका गड़ रहा है ! अब मामा ने ज़ोरदार ढंग से उसके जिस्म से खेलना चालू कर दिया ! उसके दोनो बूब्स को दबा रहा था और साथ ही साथ कामया की नाज़ुक पीठ और गर्दन पर किस कर रहा था ! उसकी मांसल जाँघो पर भी उसके पंजे फिसल रहे थे ! बस उसने बुर से अपने हाथ को दूर रखा था ! बुर को ना छूने से कामया को भय नहीं लग रहा था ! मामा हाथों से प्यार करते हुए लगातार अपने मूसल को उसकी गाँड मे गढ़ाए हुए था उसे मालूम था लंड का गाँड मे अहसास कामया की कामग्नी को भड़का देगा ! बहुत देर तक वो कामया के जिस्म मे आग भरता रहा और उसने जब देखा की कामया अब बिल्कुल भी विरोध नहीं कर रही है तो उसने अचानक उसकी फूल सी देह को उठाकर बेड मे रख दिया /


कामया - - - मामा ये क्या ? बेड पर क्यों ले आए ? उसने विस्मय से कहा
मामा - - - देखने के लिए रानी /
कामया - - - खड़े खड़े भी तो देख रहे थे /
मामा - - - मामा खड़े खड़े तो तुम थक गई होगी ! फिर मामा उसके बाजू मे बैठ गया और एक बार फिर दोनो एक दूसरे के आगोश मे आ गये ! मामा के हाथ कामया के बदन को जलाए जा रहे थे वो बड़ी मुश्किल से संयम रख पा रही थी ! अगर मामा के बदले इस वक्त सन्नी या बाबूजी होते तो वो कब का कह चुकी होती "" फक मी हार्ड हनी "" एक बार फिर मामा ने कामया को बेखुदी के आलम मे पहुँचा दिया ! अब कमरे मे कामया की कराहें गूँज रही थी ! बहुत देर तक उसकी कामग्नी को जलाने के बाद मामा ने उसकी दोनो टांगे खोलनी शुरू की !
कामया - - - मामा ये क्या कर रहे हो ! चीटिंग नही चलेगी / आपने कसम खाई है
मामा - - - रानी चीटिंग नहीं कर रहें हैं सिर्फ़ देखेंगे ! देखने की बात तो हुई है / कह कर मामा फिर उसके दोनो पैर फैलाने लगा !
कामया - - - मामा प्लीज़ नहीं मुझे शर्म आ रही है /
मामा - - - रानी अब तुम चीटिंग कर रही हो ! देखने की बात पर तुम राज़ी हुई थी / अब देखने से मना कर रही हो !
कामया - - - इतना दो देख लिया अब क्या बचा है देखना / कामया ने शरमाते हुए कहा
मामा - - - रानी असली चीज़ अभी देखी कहाँ ! अभी तो छोटे मोटे हीरे देखें हैं कोहिनूर देखना तो बाकी है / मामा की बात सुन कामया लजा गई क्योंकि वो जानती थी मामा किसे कोहिनूर कह रहा है ! बेचारी अपने वचन मे बँधी थी इसलिए निरृुत्तर हो गई / मामा ने उसे बैठाया और उसकी दोनो टांगे चौड़ी कर दी ! कामया की सबसे कीमती चीज़ अब मामा की आँखों के सामने नुमाया थी !


मामा के लिए ये नज़ारा देखना कारू के खजाने लूटने के समान सुखदाई था ! कामया की योनि कुदरत की सबसे खूबसूरत रचना थी ! इतनी सुंदर बुर मामा ने अपनी जिंदगी मे कभी नहीं देखी थी ! ये उसके लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट था !मगर पिक्चर अभी बाकी थी /
मामा के लिए अब करो या मरो की हालात बन गये थे ! वो अब कामया की इस खूबसूरत बुर को हर हाल मे चोदना चाहता था मगर उसे कामया की सहमति भी चाहिए थी ! अब उसे कामया को कामोत्तेजना की उस चरम अवस्था तक ले जाना था जहाँ पहुँच कर कामया हर हाल मे चुदवाना चाहे और मामा के प्रणय निवेदन को इनकार ना कर सके ! मामा ने बेड मे अपनी दुकान खोले बैठी कामया के कंधे पकड़ कर उसे चित लेटा दिया और उसके ऊपर लेट गया !
कामया - - - मामा नहीं ऐसा मत करो ! आपने कहा था क़ि मेरी बिना अनुमति आप मेरे साथ वो नहीं करोगे !
मामा - -- वो क्या नहीं करेंगे ?
कामया - - - वो मतलब !! चुप करो मामा आप सब समझ रहे हो बस ! आप वो नहीं कर सकते
मामा - - - मामा हम समझ रहे हैं और वो नहीं करेंगे बस / मगर इन संतरों का रस तो पीने दो मेरी रानी !मामा काफ़ी देर से रानी ही बोल रहा था ! मामा झुका और उसने कामया के संतरे को अपने मुख मे भर लिया /
 


कामया कुछ ना बोल पाई उसे इस बात का संतोष था क़ि मामा केवल बूब्स पीने की ही बात कर रहा है ! कमरे मे बड़ा ही सेक्सी सीन था / कामया पूरी तरह नंगी मामा के नीचे थी और मामा उसके ऊपर चढ़ा उसका दुग्ध पान कर रहा था ! कामया की शरम खोलने के लिए मामा ने ऐसा कुछ करना चाहा जिससे कामया से बात चीत हो सके और वो ज़रा खुल जाए सो उसने ज़ोर से बूब चूस लिया
कामया - - - उई माँ !! मामा इतनी ज़ोर से मत चूसो ? दरद देता है / धीरे नहीं कर सकते जंगली कहीं के / कामया के मुख से "" जंगली कहीं के "" सुनकर मामा खुश हो गया ऐसा लड़की तभी बोलती है जब वो धीरे धीरे सामने वाले मर्द को स्वीकार करने लगती है ! अब ये मामा के ऊपर था क़ि वो कामया को कितना पिघला पाता था ! इधर कामया की हालत अब बेकाबू हो रही थी ! उसके पूरे बदन मे आग भर गई थी ! वो ज़ोर ज़ोर से सेक्सी आहें भर रही थी ! मामा ने अपना लंड ठीक उसकी चूत के ऊपर रखा हुआ था जो कामया की बुर मे कोलाहल मचा रहा था ! शरम के मारे कामया उसे हटाने को बोल भी नहीं पा रही थी ! शुक्र था की मामा की लूँगी भी थी ! मामा का प्यार करने का स्टाइल बिल्कुल सन्नी की तरह ही था ! कामया आँखें बंद कर अब मामा की जगह सन्नी को एमेजीन करने लगी ! उसे लग रहा था क़ि सन्नी ही उसे प्यार कर रहा है / बेचारी ये नहीं जानती थी क़ि उसका ये इमेजिन करना कितना ख़तरनाक होने वाला है ! मामा ने अब चुपके से अपनी लूँगी एक तरफ कर दिया और लोहे की सलाख की तरह गरम लंड उसकी बुर के ऊपर रख दिया ! कामया अंदर तक दहल गई मगर अब वो भाव अवस्था मे थी और मामा को वो भूल चुकी थी ! मामा के हर काम को वो सन्नी का काम ही समझ रही थी ! मामा ने अब अपने लंड को हाथ से पकड़ा और उसे कम्मो की पूरी बुर मे ऊपर से नीचे फेरने लगा ! कामया की चूत कुलबुलाने लगी / उसने ज़ोर से तकिया पकड़ लिया और अपने सिर को इधर उधर पटकने लगी / मर्द का गरम लंड चूत की ये हालत करे तो भला जवान लौंडिया कब तक अपने को रोक सकती थी ! जिस प्रकार रात के जागरण मे एक ना एक बार नींद की झपकी आ ही जाती है उसी प्रकार मामा मे सन्नी की कल्पना करते करते एक क्षण के लिए कामया भी भाव समाधी मे पहुँच गई / अब उसे कोई होश नहीं था क़ि वो कहाँ है और उसके ऊपर कौन है / उसका पूरा शरीर सिर्फ़ काम की प्रबल अगनी बन के रह गया था ! वो अपनी कमर ऊपर को उठा रही थी और मामा के टोपे पर अपनी चूत भिड़ा रही थी / उसकी ये दशा देख मामा खुश हो गया / उसने सोचा थोड़ा और देर देखते हैं फिर चुदाई करने की बात करेंगे ! मगर आज मामा का दिन था आज किस्मत उसके साथ थी तभी तो शाम से ही उसका हर मनोरथ पूरा हो रहा था / इससे पहले क़ि उसे बोलना पढ़ता कामया चरम पर पहुँच गई उससे अब सन्नी का यूँ तड़पाना बर्दास्त नहीं हुआ और वो बोल पढ़ी
कामया - - - आह ओह ! डार्लिंग अब मत ताड़पाओ ! डाल दो ना अंदर ! अब रहा नहीं जाता / कामया के मुख से निकले ये शब्द मामा के कानों मे मिशरी के समान लगे / मामा ने समझा भाववेश मे कम्मो हमे जवाइं बाबू समझ रही है / मगर अब मौका चूकना मूर्खता होगी / कामया के मुख से निकले इन शब्दों ने उसे उसकी कसम और दिए गये वचन से मुक्त कर दिया था ! अब देर करना ठीक नहीं था अगर कामया की तंद्रा टूट गई तो सब कुछ ख़त्म हो जाना था / उसने फ़ौरन अपने सूपाड़े को कामया की बुर के मुहाने मे रखा और गहरी साँस लेकर एक करारा शॉट मार दिया / लंड सनसनाता हुआ आधा कामया की बुर मे पेवस्त हो गया और इसी के साथ कामया की चीख निकल गई /
कामया - - - आह मर गई !! झटके से क्यों डाल देते हो ! दरद देता हैं ना !
और कोई समय होता तो मामा प्यार से उसे बहलाता मगर इस वक्त वो अपने मुँह से कुछ भी बोलना नहीं चाहता था ! उसकी आवाज़ कामया की तंद्रा तोड़ सकती थी इसलिए उसने कुछ नहीं कहा और फिर साँस भरकर एक और झटका मार दिया / इस धक्के के साथ ही लंड पूरा जड़ तक कामया की अतल गहराइयों मे समा गया / दोनो आँड कामया की नाज़ुक गाँड का स्पर्श पाकर झूम उठे जबकि लंड कम्मो की लज़्जतदार बुर मे जाकर स्वर्गीय सुख का अनुभव कर रहा था / एक बार फिर कामया बोल पढ़ी
कामया - - ओफ ओह आई शी / कितनी बार बोलती हूँ मगर बिल्कुल नहीं मानते / हमेशा मुझे तकलीफ़ देने मे आपको मज़ा आता है ! धीरे धीरे नहीं डाल सकते हौले हौले से /
मदनलाल मज़बूरी मे चुप ही रह गया ! योग निंद्रा की तरह कामया इस वक्त काम निंद्रा मे थी और उसकी आवाज़ कामया की काम निंद्रा को भंग कर सकते थी और ऐसा हुआ तो वो इस काम यग्य मे अपनी काम आहुति नही डाल पाएगा सो वो शांत ही रह गया और आहुति डालने की तैयारी करने लगा /


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