Tuesday, March 29, 2016

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..47

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..47


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अब आगे
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अजय बेड पर नंगा लेटा हुआ अपनी सांसो को नियंत्रित कर रहा था...हल्के बल्ब की रोशनी में उसका गठीला और नंगा शरीर बहुत सेक्सी लग रहा था..पूजा उसके करीब आई और झुक कर उसने अजय के होंठों पर होंठ लगा दिए..

अजय भी एकदम से चोंक गया..10 सेकेंड की स्मूच करने के बाद वो बुदबुदाया : "उम्म्म्मम...... दोबारा मन कर रहा है क्या डार्लिंग...''

पूजा : "जीजू...आँखे खोलो...ये मैं हूँ ..पूजा''

पूजा की आवाज़ सुनते ही अजय चोंककर बैठ गया,सामने पूजा थी और वो भी पूरी नंगी, उसने तो सोचा भी नही था की पूजा इस तरह की हिमाकत करेगी,उसकी बीबी इस वक़्त बाथरूम में थी और कभी भी आ सकती थी,उसने अगर पूजा को इस तरह से अपने बेडरूम में देख लिया तो उसका तो तलाक़ पक्का है..अजय की तो फट्ट कर हाथ मे आ गयी

वो दबी आवाज़ में चिल्लाया : "पूजा....तुम....यहाँ क्या कर रही हो...निकलो अभी के अभी...''

पर पूजा के सिर तो एक अलग ही खुमारी चढ़ चुकी थी, वो अपनी नशीली आँखो से अपने जीजू को देखती हुई उसके और करीब आई और बोली : "मैं चली जाउंगी पर मुझे ये चाहिए...आज..किसी भी कीमत पर...''

इतना कहकर पूजा ने अजय के निढाल हो चुके गीले लंड को पकड़कर ज़ोर से मरोड़ दिया...और फिर बिना किसी वॉर्निंग के नीचे झुकी और अपनी बहन की चूत से बाहर निकले उस लंड को अपने मुँह में लेजाकर अपनी लार से नहला दिया,जैसी स्मूच अपने जीजू के होंठो की ली थी,ठीक वैसी ही उसने उनके लंड की ले डाली.

अजय के हाथ अपने आप उसके नंगे शरीर पर जा लगे और ना चाहते हुए भी एक लंबी सी सिसकारी निकल गयी उसके मुँह से.

पूजा ने लंड को अपने मुँह से बाहर निकाला और उठकर बाहर जाती हुई एक बार फिर से बोली : "मैं वेट करूँगी, टेक युवर टाइम, बट आई वॉंट यू टू फ़क्क मी टुनाइट...''

इतना कहकर वो नंगी ही भागती हुई बाहर निकल गयी और फिर अपने कमरे में घुस गयी ..अजय बेचारा अपना चमकता हुआ लंड लेकर बेड पर हैरान परेशान बैठा रह गया.

2 मिनट बाद प्राची भी वॉश करके वापिस आ गयी,वो भी अभी तक नंगी ही थी



प्राची ने मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा और बोली : "ये कैसे बैठे हो...अभी और करने का मन है क्या...''


अजय तो जैसे सपने से बाहर आया...एक पल के लिए तो उसे लगा की ये उसका वहम था की पूजा उनके बेडरूम में आई थी,लेकिन फिर उसने जब अपने लंड की तरफ देखा तो उसपर चमक रही थूक को देखकर उसे एहसास हुआ की वो सच में यहां आई थी...वो अपने लंड को सॉफ करने लगा.

प्राची : "ऐसे क्यों कर रहे हो...बाहर जाओ,बाथरूम में ...वॉश करके आओ..फिर सोते है...मुझे तो अब बहुत तेज वाली नींद आ रही है..''

अजय उठा और बाथरूम की तरफ चल दिया..वाश्बेसिन पर खड़े होकर अपने लंड और गोटियों को अच्छी तरह से सॉफ करने के बाद वो वापिस बेडरूम में आ गया,प्राची तब तक अपना गाउन पहन कर लेट चुकी थी,अजय ने भी अपनी टी शर्ट और निक्कर पहनी और प्राची की गांड से चिपककर सो गया.

सिर्फ़ 5 मिनट के अंदर ही प्राची गहरी नींद में सो गयी,अजय उससे दूर हटकर लेटा रहा...उसके मन में उथल पुथल मची हुई थी,जाए या ना जाए..उसे पूजा पर गुस्सा भी आ रहा था की मना करने के बावजूद वो आज चुदवाने के लिए ज़ोर दे रही है...लेकिन उसमे उसकी भी कोई ग़लती नही थी,ऐसी उम्र में ,सिर्फ़ एक बार चुदने के बाद जो चुदासी चड़ती है,उसे दबाकर रखना वाकई में काफ़ी मुश्किल होता है,वैसे भी उसने खुद ही तो उसे अपनी चुदाई का लाईव टेलीकास्ट दिखाकर ऐसे तड़पने को विवश किया था..

लेकिन एक बात और थी,अपनी साली को अपनी बीबी के घर में होते हुए चोदने में जो मज़ा मिलेगा,वो अलग ही होगा, इसमे एक अलग ही किक्क मिलेगी..और वैसे भी,जब से वो उसके लंड को चूस कर गयी थी, उसका लंड उसकी गर्मी से अब तक जल रहा था,अब तो ये जलन उसकी चूत के पानी से ही बुझेगी.

इसी तरह से सोचते हुए उसे करीब आधा घंटा हो गया, अब उसने जाने का निष्चय कर लिया, वो जानता था की प्राची की नींद काफ़ी पक्की है,शादी के इतने महीने बीत जाने के बाद आज तक उसकी नींद नही टूटी थी रात के समय..लेकिन अपनी तरफ से वो पूरा निश्चिंत होकर चलना चाहता था, वो दवाई की शीशी भी उसके पास थी,पर प्रेगनेन्सी में वो उसका इस्तेमाल नही करना चाहता था,इसलिए वो चुपचाप उठा और दबे पाँव बेडरूम से निकल आया,और बाहर आकर उसने दरवाजा बाहर से बंद कर दिया..

अब अगर प्राची की नींद खुल भी जाए तो कम से कम वो रंगे हाथो नही पकड़ा जाएगा,दरवाजा बंद करने का बहाना वो बाद में सोच लेगा..

वो अपने पंजों पर चलता हुआ दूसरे बेडरूम में जा घुसा..कमरे में घुप्प अंधेरा था,पूजा ने शायद नाइट बल्ब भी बंद कर दिया था..वो धीरे-2 चलता हुआ अंदर आया और धीरे से उसने अपनी साली को पुकारा : "पूजा...पूजा...कहाँ हो तुम...''

वो उसके पीछे ही खड़ी थी,बिलकुल नंगी 


पूजा पीछे से आकर अजय से लिपट गयी..अपने मुम्मे उसने अजय की पीठ पर गाड़ दिए और अपने हाथों को आगे लेजाकर उसकी छाती को जकड़ लिया.और अंधेरे मे खड़े होकर वो उसकी पीठ पर किस्स करने लगी.

'' ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जीजू .... उम्म्म्म्म्म्म मुझे पता था की आप जरूर आओगे , आई लव यू जीजू, आई लव यू ''

अजय के हाथ उसके हाथों से होते हुए उसकी कमर तक आए...उसके नंगे बदन को अँधेरे में महसूस करते ही वो ऊपर से नीचे तक झनझना सा गया 


अजय का गुस्सा तो एकदम गायब हो चुका था,पहले तो उसने सोचा था की जाकर उसे डाँटेगा और बाद में जो करना होगा वो करेगा..पर पूजा ने तो उसे सोचने के काबिल ही नही छोड़ा था..

औरत का नंगा जिस्म एक ऐसा हथियार है जो अच्छे से अच्छे मर्द की बोलती बंद कर सकता है..यही इस वक़्त अजय के साथ हो रहा था.

अजय ने उसके हाथो के फंदे से अपने आप को छुड़वाया और उसकी तरफ घूम गया..अंधेरा काफ़ी था,लेकिन उन दोनो के मुँह जब आगे हुए तो होंठ सीधा एक दूसरे पर ही जाकर लगे .

ये किस्स एक ऐसा खेल है जिसे खेलने के लिए आँखो की नही बल्कि दिल की ज़रूरत होती है...दोनो एक दूसरे के होंठों को मुँह में लेकर ऐसे चबा रहे थे मानो खा ही जाएँगे.अजय को इस घर की औरतों में ये बात सबसे ज़्यादा पसंद आई थी की वो सामने वाले को ऐसे चूमती थी मानो उसके होंठों में सोना छुपा है.जिसे कुरेदकर वो किसी भी कीमत में निकालकर ही रहेंगी , अभी कुछ देर पहले उसकी बहन प्राची ने उसके होंठों को चूस-चूसकर सूजा सा दिया था और अब ये बिल्ली की तरह उसके होंठों को काट रही है...चूस रही है..... चबा रही है 


अजय ने उसके नंगे बदन को उपर से नीचे तक सहलाया..पहले धीरे-2 और फिर ज़ोर-2 से...ख़ासकर उसके मुम्मों को...एक मिनट के लिए जब पूजा साँस लेने के लिए अलग हुई तो अजय ने अपना मुँह नीचे किया और उसके दाँये मुम्मे को पकड़कर अपने मुँह में दबोचा और ज़ोर से काट लिया...वो किसी बकरी की तरह मिमिया उठी...और अपनी एक टाँग उठा कर उसने अजय की कमर से लपेट दी..अजय ने उसकी गांड पर हाथ रखकर उसे उचका लिया और पूजा ने दूसरी टाँग भी उसकी कमर से लपेट कर उसे जकड़ लिया..और अब वो अजय के गले में बाँहे डालकर झूल रही थी और अजय उसकी गोरी गांड को हाथों से मसलता हुआ उसके दोनो मुम्मों का दूध एक-2 करके पी रहा था.

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... उम्म्म्ममममममममममम.... जीजू.............. आई लव यू ..... मार्क बनाओ दांतो से..... प्लीज़............''

अजय को मालूम था की वो ऐसा क्यों कह रही है...वो बाद में ये निशानी रिया को दिखाकर उसे चिड़ाना चाहती थी..

अजय ने अपने दाँतों और जीभ का इस्तेमाल करके उसे निप्पल के थोड़ा उपर वाले हिस्से को चूसना शुरू कर दिया...और इतनी ज़ोर-2 से चूसा की उसके मुम्मे का सारा खून एक जगह इकट्ठा हो गया और एक गहरा लाल निशान बन गया..पहले एक मुम्मे को अच्छी तरह से चूसकर उसपर मार्क बनाया और फिर दूसरे को चूसकर उसके ऊपर भी..  


अजय : "ये लो....अब ये निशान एक हफ्ते से पहले जाने वाले नही है...''

पूजा मुस्कुरा का बोली : "एक हफ्ते बाद फिर से बनवा लूँगी...आप कौन सा भागे जा रहे हो कही...''

और इतना कहकर वो एक बार फिर से एक गहरी स्मूच में डूब गये.

अजय ने उसे अपनी गोद से उतारा और बोला : "अब तुम भी तो लव बाइट दो मुझे ..यहाँ पर..''

इतना कहकर उसने पूजा के हाथ मे अपना लंड पकड़ा दिया...वही लंड जो सिर्फ़ एक घंटे पहले की जबरदस्त चुदाई से निढाल सा हुआ पड़ा था अब धीरे-2 होश में आने लगा था, अजय के लंड की नसें अभी तक चमक रही थी,पूजा ने उसे अपने मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी,अजय की आँखे बंद होने लगी, उसने अपनी टी शर्ट उतार दी,निक्कर भी अपने आप नीचे जा गिरी

वो पीछे की तरफ गया और बेड पर बैठ गया...पूजा ने उसके लंड को चूसते हुए उसके सीने पर हाथ रखकर उसे पीछे की तरफ लेटने को कहा,वो लेट गया और पूजा ने अपने मुम्मे उसके घुटनों पर रगड़ते हुए उसके लंड की चुसाई शुरू कर दी..पूजा के निप्पलों की चुभन बता रही थी की वो कितनी उत्तेजित है इस वक़्त..


पूजा के लंड चूसने की गति पिछली बार से ज़्यादा थी,शायद अजय और प्राची की चुदाई देखकर वो थोड़ा और मन लगाकर चूसना सीख गयी थी, उसने ये बात नोट कर ली थी की जितनी ज़ोर से चूसोगे,मर्द उतना ही ज़्यादा खुश होगा..उत्तेजित होगा..

और यही इस वक़्त अजय के साथ हो रहा था, उसने पूजा के सिर पर हाथ रखकर उसके चूसने की स्पीड पर ब्रेक लगाया,वरना उसे डर था की ज़ोर से चूसने के चक्कर में उसके पैने दाँतों का शिकार ना हो जाए उसका छोटा सिपाही.

अजय के लंड को पूरी तहर चोपड़ने के बाद वो सीधा उपर जा चढ़ी और अपनी चूत वाले हिस्से को लंड के उपर फँसाकर ज़ोर से सिसकारी मारकर बोली : "उम्म्म्मममममममममम... जीजू ....... अब सब्र नही होता.... प्लीज़ फक्क मीइssssssss ..... चोदो मुझे...... आई वॉंट यू नाउ....''

अजय ने भी देरी करनी उचित नही समझी..उसे प्राची के उठने का भी डर सता रहा था,इसलिए जल्द से जल्द पूजा की चुदाई करके वो वापिस पहुँचना चाहता था.

पूजा ने उसके लंड को अपनी चूत की फांकों में फंसाकर कुछ देर तक अजय के लंड की अच्छे से मालिश की, ऐसा करने से ये फायदा हुआ की उसकी चूत से जो रस बुरी तरह से बाहर निकल रहा था,वो उसने अजय के लंड के ऊपर मलकर उसे पूरी तरह से रंवा कर दिया, अब वो एक ही झटके में अंदर घुस सकता था
 
 
 


अजय ने उसकी तरबूज जैसी टाइट गांड को पकड़ा और अपने चूतड़ हवा में उठाकर अपने लंड को उपर की तरफ धक्का दिया..कर्रर्र्ररर की आवाज़ के साथ वो लौड़ा एक बार फिर से पूजा की चूत में दाखिल हो गया...और उसने अपने दोनो मुम्मों से अजय के मुँह को दबा कर अपना पूरा भार उसके उपर डाल दिया.


''ईईईईईईईईईईईईई........ सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... ओह जीजू ......... म्*म्म्ममम........ आई लव यूउुुुउउ''

और इतना कहकर उसने अपने ढीले और गीले होंठ अजय के होंठों पर रखकर उसे चूमना शुरू कर दिया..अजय की रेलगाड़ी चल पड़ी..वो उसकी फुददी को चोदता हुआ उसके नर्म मुलायम होंठों को चूस रहा था,अपनी छाती पर उसके नर्म मुम्मो को महसूस कर पा रहा था..


दोनो के शरीर आपस में घिस रहे थे और ऐसा लग रहा था की उनमे से आग निकल पड़ेगी..दोनो काफ़ी गर्म हो गये थे...और फिर वो वक़्त भी आ गया जब दोनो ही एक साथ चिल्ला पड़े...दोनो का ओर्गास्म एक साथ ही हो गया था.

''आआआआआआहह ओह माई गॉड ...................सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... ''


अजय भी सिसियाता हुआ सा उसके बालों में मुँह छुपा कर काफ़ी देर तक अपना माल उसकी चूत में छोड़ता रहा ....पूजा के साथ भले ही प्राची जितना टाइम नही लगा था, लेकिन इसकी चुदाई में मज़ा पहले से ज़्यादा आया था...

अजय ने पास ही पड़े पिल्लो को उठाया और उसका कवर निकाल लिया...और पूजा को धीरे से उठने के लिए कहा...जैसे ही वो उठी, अजय का लंड फिसलकर बाहर आ गया और पीछे -2 निकला ढेर सारा रस


जिसे अजय ने पिल्लो कवर लगा कर सोख लिया...और पूजा की चूत अच्छी तरह से सॉफ कर दी..पूजा को उसका ये केयरिंग अंदाज काफ़ी पसंद आया..उसके बाद अजय ने उसी कवर से अपना लंड भी सॉफ किया और उसे एक कोने में फेंक दिया..

थोड़ी देर तक दोनो ऐसे ही एक दूसरे से चिपककर लेटे रहे...चूमते रहे..अजय ने सोचा भी नहीं था की वो अपनी लाइफ में इस तरह का रिस्क लेगा ,अपनी बीबी के घर पर होते हुए अपनी साली की चुदाई करेगा, लेकिन जो भी उसने किया था, मजा बहुत मिला था दोनों को ।



फिर अजय वापिस चला गया..उसे प्राची का डर सता रहा था..गनीमत थी की वो अभी तक सो रही थी..वो वापिस उसके पीछे जाकर लिपटकर पहले जैसे सो गया,जैसे कुछ हुआ ही ना हो.

अगले दिन फ्राइडे था,कुछ ख़ास नहीं हुआ, लेकिन वीकेंड पर कुछ ऐसा होने वाला था जो अजय की जिंदगी में एक और मसालेदार रंग भरने वाला था
 
 
 


शनिवार को अजय की छुट्टी थी, उसने पहले ही सोच रखा था की आज वो पूरा दिन आराम करेगा, बियर पीकर मस्त रहना चाहता था वो ...पूरे हफ्ते चुदाई कर-करके उसकी हालत खराब हो चुकी थी, अब इन 2 दिनों में वो प्राची के साथ बिना कुछ करे रहना चाहता था..

लेकिन चुदाई के देवता को शायद उसका ये आराम करने का प्लान पसंद नही आया था..जैसे ही वो नाश्ता करके हटा, उसके बॉस का फोन आ गया.

अजय : "जी बॉस, कहिए...''

बॉस : "अजय , वो जो अमेरिका वाली पार्टी थी,जिसे तुमने प्रपोज़ल भेजा था, उनका फोन आया था मुझे अभी, वो हमारी सर्वीसेज़ लेने के लिए तैयार है...अब तुम जल्दी से उन्हे हमारे अभी तक के प्रोजेक्ट्स की एक प्रेज़ेन्टेशन बना कर भेज दो,और उसके साथ उनमे आई लागत और टेक्निक की डिटेल्स भी दे देना , प्रेज़ेन्टेशन ऐसी होनी चाहिए की वो ऑर्डर हमें ही दे...समझे..''

राहुल : "जी... जी बॉस...''

बॉस : "लेकिन इसके लिए हमारे पास सिर्फ़ आज और कल का दिन है...आई नो की ये छुट्टी वाले दिन है, बट तुम्हे कुछ मैनेज करना पड़ेगा...''

राहुल की तो सुलग गयी ये सुनकर...कहां तो उसने पूरा दिन आराम करने का सोचा हुआ था और ये बॉस है की उसका आज और कल दोनों दिन खराब करने में लगा है...वो जानता था की ये काम कितना बड़ा है, कम से कम 8-10 घंटे का काम था...और वो ये भी जानता था की उसके अलावा कोई और ये काम कर ही नही सकता..और वैसे भी हाल ही में मिली प्रमोशन के बाद तो उसकी ज़िम्मेदारी ज़्यादा बड़ चुकी थी..इसलिए उसने बुझे शब्दों में हाँ कर दी.

बॉस ने ये कहते हुए फोन रख दिया की अभी किसी के हाथ ऑफीस की चाभी उसके घर भिजवाता हूँ ..और ये भी कहा की अगर जरुरत पड़े तो वो भी ऑफिस आ जायेगा

फोन रखने के बाद उसने बुझे मन से जब ये बात प्राची को बताई तो वो बोली : "अरे , इसमें इतना परेशान होने वाली क्या बात है, ये तो तुम्हारा काम है, तुम्हे ज़रूर करना चाहिए, तुम जाओ ऑफीस, मेरी फ़िक्र ना करो, पूजा और रिया तो है ही ,उन्हे बुला लूँगी...''

कुछ ही देर में उसके बॉस का नौकर घर आकर ऑफीस की चाभी दे गया.

राहुल ने जीन्स और टी शर्ट पहनी और कार निकाल कर ऑफीस के लिए निकल पड़ा...कहां तो उसने दिन में आराम करते हुए बियर पीने का प्रोग्राम बनाया था और कहां तैयार होकर ऑफीस जाना पड़ रहा है.

घर से निकलकर उसने रचना को फोन किया,क्योंकि प्रॉजेक्ट से जुड़ी फाइल तो उसने ही रखी थी, वही बता सकती थी की वो फाइल कहाँ रखी हुई है...

रचना ने जब अपने बॉस का नाम अपने मोबाइल पर चमकता हुआ देखा तो उसके चेहरे की खुशी देखने वाली थी..

रचना : "गुड मॉर्निंग सर...आज छुट्टी वाले दिन मेरी याद कैसे आ गयी...और वो भी सुबह -2..''

उसकी बातों से छलकता प्यार सॉफ महसूस कर पा रहा था अजय...पर इस वक़्त उसका सारा ध्यान उस प्रॉजेक्ट पर था,जो उसे निपटाना था.

उसने रचना को सारी बात बताई और फाइल के बारे में पूछा.

रचना : "सर...वो मेरी डेस्क के साइड वाली लंबी फाइल केबनेट में है...आपको शायद वो मिलेगी नही...आप कहे तो मैं ऑफीस आकर निकाल दूँ वो...आपकी भी थोड़ी हेल्प कर दूँगी मैं ...''

ये सुनते ही अजय का दिमाग़ ठनका ..और अगले ही पल उसकी आँखे चमक उठी...इस बारे में तो उसने सोचा ही नही था...पूरा ऑफीस खाली होगा...वो आराम से रचना के साथ कुछ भी कर सकता है...कोई रोकने वाला नही होगा..किसी का डर भी नही होगा...उसके साथ मजे करने का इससे अच्छा मौका शायद उसे दोबारा ना मिले.


वो तुरंत बोला : "आर यू श्योर ...मतलब, तुम्हे कोई परेशानी तो नही होगी ना...आज तो ऑफ डे है...तुम्हारे मॉम डेड कुछ बोलेंगे तो नही ना...''

रचना को शायद अपना काम बनता नज़र आ रहा था,वो भी चहकते हुए बोली : "नो सर...ऐसा कुछ भी नही है...इन्फेक्ट मैं तो घर पर बोर ही हो रही हूँ ..आपके साथ रहूंगी तो मेरा भी टाइम पास हो जाएगा...''

अजय : "ओके ...आ जाओ फिर....मैं तुम्हारा वेट करूँगा...''

इतना कहकर अजय ने फोन रख दिया...उसके चेहरे से खुशी के भाव जा ही नही रहे थे...उसने तो नोट भी नही किया की कब उसका लंड उसकी जीन्स में खड़ा हो चुका था...अब तो उसके दिमाग़ में जबरदस्त आइडियास आने लगे थे...उसने गाड़ी रोककर रास्ते से बियर के केन ले लिए...आख़िर ऑफीस में उसके और रचना के अलावा कोई और तो होगा नही,अब वो जानता था की ऑफीस के इस बोरियत भरे दिन को कैसे मौज मस्ती में बदला जाए...कुछ ही देर में ऑफीस आ गया और ऑफीस खोलकर वो अंदर आ गया.

अभी तो सिर्फ़ 12 ही बजे थे...रचना को आने में अभी थोड़ा टाइम था..इसलिए उसने फोन करके पिज़्ज़ा का ऑर्डर दे दिया..वो जानता था की रचना को पिज़्ज़ा कितना पसंद है...थोड़ी बहुत भूख उसे भी लगी थी.तब तक उसने एक बियर केन खोला और मज़े से अपनी चेयर पर बैठकर पीने लगा.

करीब 5 मिनट बाद उसके मोबाइल पर रचना की कॉल आई.

अजय का तो दिल धक्क से रह गया, की कहीं मना करने के लिए तो फोन नही कर रही...शायद घर वाले छुट्टी वाले दिन ऑफीस जाने से मना कर रहे हों..

उसने फोन उठाया और बोला : "बोलो रचना...क्या हुआ...तुम आई नही अभी तक..''

रचना : "सर..मैं तो आ गयी हूँ ...पर आपने तो मैन गेट बंद कर रखा है...जल्दी से आकर खोलिए ना..''

अजय को ध्यान आया की अंदर आकर उसने गेट को अंदर से लॉक कर दिया था...ये डबल साइड वाला लॉक था जो एक ही चाभी से अंदर और बाहर दोनो तरफ से खुल जाता था...दरवाजे पर अंदर की तरफ कोई चिटखनी नही थी,ये घर तो था नही,ऑफीस में तो ऐसे ही दरवाजे होते है..

वो भागता हुआ सा गेट तक गया और दरवाजा खोल दिया..

बाहर रचना खड़ी थी.

ब्लैक कलर की एक सैक्सी सी ड्रेस पहन कर.



अजय तो एकटक उसे निहारता ही रह गया,उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी पार्टी में आई है .
 
 




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