Tuesday, March 1, 2016

FUN-MAZA-MASTI दोस्त की माँ को चोद दिया

FUN-MAZA-MASTI




दोस्त की माँ को चोद दिया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अनिल है और मेरी उम्र 25 साल है। मेरी लम्बाई 5.8 फीट, रंग गोरा है और मेरा एकदम गठीला बदन है। दोस्तों में आप सभी लोगों को बहुत मस्त कर देने वाली एक सच्ची घटना सुनाने वाला हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसे पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा और अब आपको ज़्यादा बोर नहीं करना इसलिए में आप लोगो को यह कहानी सुनाता हूँ।
दोस्तों मेरा एक बचपन का दोस्त है, उसका नाम सचिन है और में बचपन से उसके यहाँ पर आता जाता रहता था, लेकिन मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मेरे दोस्त की माँ हमारी दोस्ती के 19 साल बाद मुझे इस तरह मिलेगी। उस वक़्त वो बिल्कुल ठीक ठाक फिगर की थी, लेकिन वक्त गुज़रते हुए वो थोड़ी मोटी हो गई थी और अब उनके बूब्स भारी हो गए थे और मेरी पसंद की साईज़ वाली उसकी गांड भी हो गई थी। फिर एक दिन हुआ यह कि हमेशा की तरह में उस दिन भी उसके घर पर गया था उस समय सुबह के करीब 10:30 बजे थे। मैंने दरवाजे पर लगी हुई घंटी को बजाया, तभी अंदर से आंटी आई और उन्होंने दरवाजा खोल दिया। फिर मैंने उनसे पूछा कि आंटी क्या सच्चू घर पर नहीं है? तभी उन्होंने कहा कि वो मार्केट किराने का कुछ सामान लाने गया है तो मैंने उनसे कहा कि चलो ठीक है फिर में उसका यहीं पर थोड़ा इंतजार करता हूँ और अब में टीवी पर न्यूज़ देखने लगा। तभी थोड़ी देर बाद मुझे बाथरूम से कुछ गुनगुनाने की आवाज़ आई तो मैंने छुपकर देखा तो आंटी बाथरूम का दरवाजा बंद कर रही थी। मैंने मन ही मन सोचा कि आज एक बहुत अच्छा मौका है और में आज आंटी को नंगा देख सकता हूँ और वैसे भी इस समय घर पर कोई नहीं है। सच्चू मार्केट और उसकी बहन सरिता स्कूल गई थी और अंकल किसी सरकारी विभाग में नौकरी किया करते थे तो वो भी उस समय ऑफिस गए हुए थे।
अब में बाथरूम के पास जाकर कोई अच्छी सी जगह देखने लगा जहाँ से में उनको देख सकूँ, लेकिन मुझे ऐसे कोई जगह नहीं मिली और अब में बहुत मायूस होकर अंदर आने लगा। तभी एकदम से मुझे पीठ पीछे बाथरूम का दरवाजा खुलने की आवाज आई, दरवाजा खुला और आंटी बाहर निकल आई, वो मुझसे बोली कि तुम यहाँ पर क्या देख रहे हो? मैंने जब उनको पीछे मुड़कर देखा तो उनके गीले बाल अब उनके ब्लाउज को भी गीला कर रहे थे जिससे उनके बूब्स का आकर साफ साफ दिख रहा था और शायद अब उन्होंने मुझे अपने जिस्म को घूरते हुए देख लिया था इसलिए उनके हाथ में जो साड़ी लिए हुई थी उन्होंने उसको अपने सीने से लगा लिया। तभी मैंने नीचे की तरफ देखा कि उनका पेटीकोट भी गीला था और पूरी तरह उनके जिस्म से चिपका हुआ था। मुझे उनको देखने से लग रहा था कि मानो कि उनके जिस्म का एक एक हिस्सा बाहर बिना कपड़ो के मेरे सामने हो। में आपको वो सब शब्दों में क्या बताऊँ जो में देख रहा था? और अब उनका कातिल जिस्म मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था। तभी मैंने थोड़ा होश में आकर उनसे कहा कि में पानी पीने आया था। वो मेरा यह सटीक जवाब सुनकर कुछ नहीं बोली और चुपचाप अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद करके कपड़े बदलने लगी, लेकिन इस बार मेरी किस्मत ने मेरा पूरा पूरा साथ दिया क्योंकि आंटी जहाँ थी उस कमरे का नजारा साफ साफ में जहाँ पर खड़ा हुआ था उस जगह खिड़की से दिख रहा था। में छुपकर अब बाहर से ही सब कुछ देख रहा था, तभी पीछे से आंटी जी गोल मटोल मोटी केले के खंबे जैसी जांघे, गोरी चिकनी पीठ, गोरा एकदम चमकता हुआ जिस्म सब कुछ मुझे साफ दिख रहा था क्योंकि आंटी ने अंदर जाते ही अपने पूरे कपड़े उतार दिए थे और वो टावल लपेटकर खड़ी हुई थी जिसकी वजह से उनके बूब्स आधे आधे बाहर दिख रहे थे और वो अपने शरीर पर तेल लगा रही थी और जब वो तेल लगाने के लिए नीचे झुकी तो मानो मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा। उनके भारी भारी कूल्हे कुछ इस तरह खुल गए थे कि उनकी गांड मुझे बहुत चिकनी दिख रही थी और वो दो मिनट का नज़ारा में बिना पलक झपकाए देखता रहा। मेरा लंड मानो अब फुंकार मार रहा था। तभी मैंने धीरे से कहा कि हाँ इसी तरह झुकी रहो मेरी रानी, में उस समय अपना लंड एक हाथ से पकड़े हुए था, लेकिन पता नहीं कैसे उनको यह सब सुनाई दे गया वो एकदम झट से खड़ी हो गई और उन्होंने पलटकर खिड़की की तरफ देखा और में झट से उस जगह से हट गया, लेकिन उन्होंने फिर भी मुझे देख लिया था। वो पास आई और ज़ोर से खिड़की को बंद कर दिया और अब वो जल्दी जल्दी कपड़े बदलने लगी। कुछ ही मिनट के बाद वो मेरे पास आई और मुझसे बोली कि आज तुमने जो बेशर्मो जैसी हरकत की है, में चाहूँ तो तुम्हारी इसी वक्त पिटाई कर दूँ, लेकिन में आज तुम्हे छोड़ रही हूँ कमीने चला जा यहाँ से और आज के बाद यहाँ पर मत आना।
फिर में अपना सर झुकाए उनकी बात सुनता रहा और फिर वहां से चुपचाप आ गया और पूरे दिन भर में उनकी बातों को सोचता रहा, लेकिन रात में बिस्तर पर आते ही मुझे वही नंगी आंटी दिखाई देने लगी और मैंने उस रात दो बार उनको सोच सोचकर मुठ मारी, लेकिन उस दिन से में सचिन के यहाँ पर जाने की हिम्मत नहीं कर सका कई बार उसने मुझे फोन करके बुलाया पर में नहीं गया, लेकिन एक सप्ताह पहले में उसके घर तक गया और फिर बाहर ही खड़ा खड़ा बातें कर रहा था तो सचिन कुछ देर के बाद खुद मुझे जबरदस्ती अपने घर के अंदर ले गया। में बहुत डर रहा था कि कहीं आंटी मुझे फिर से डांटकर ना भगा दे, लेकिन आंटी ने मुझसे कुछ नहीं कहा और अगले दिन भी फिर यही हुआ, लेकिन अब भी वो मुझसे कुछ नहीं बोली। में समझा कि शायद आंटी सब कुछ भूल गई है और अब में बहुत खुश था, लेकिन उनको देखते ही मेरे दिमाग़ में मुझे फिर से उनका वो नंगा जिस्म दिखता था और चार दिन बाद मैंने सचिन को कॉल किया तो वो मुझसे बोला कि तू घर पर आ जा, में अभी कहीं बाहर हूँ और अभी थोड़ी देर में घर आ जाऊंगा और जब में उसके घर पर गया तो मैंने देखा कि सचिन वहां पर नहीं था, तो मैंने आंटी से पूछा कि आंटी सचिन कितनी देर में आएगा? वो बोली कि मुझे पता नहीं कि वो कहाँ पर गया है, तुम बैठ जाओ वो अभी आता ही होगा।
तभी थोड़ी देर बाद वो दो कप में चाय लेकर आई और मुझे दी और खुद भी सामने बैठकर पीने लगी। में उनके हर एक सवाल का जवाब दूसरी तरफ मुहं करके दे रहा था क्योंकि उनका पल्लू थोड़ा सा सरका हुआ था और में अब कोई भी ग़लती नहीं करना चाहता था। तभी वो मुझसे बोली कि तुम उधर क्या देख रहे हो? इस तरफ देखकर बात करो में यहाँ पर बैठी हुई हूँ। मैंने बहुत डरते हुए उनकी तरफ मुहं किया तो मेरी नजर उनके पल्लू पर गई जो कि पहले से अब कुछ ज्यादा ही हटा हुआ था, मुझे पता नहीं था कि वो अपने आप सरका था या उन्होंने खुद उसे सरकाया था? वो बोली कि में समझ गई कि उस दिन जो कुछ हुआ और मैंने तुम्हे डांटकर भगाया था। तुम उसी कारण से मुझसे इस तरह से बर्ताव कर रहे हो? तो मैंने कहा कि हाँ फिर वो बोली कि मैंने कुछ ग़लत तो नहीं कहा था। कोई लड़का छुपकर मुझे घूर घूरकर देखेगा और वो भी तब जब में बिना कपड़ो के हूँ तो मुझे गुस्सा तो आएगा ही, लेकिन तुम्हारे जाने के बाद मैंने उस दिन बहुत सोचा कि इसमे तुम्हारी कोई ग़लती नहीं थी क्योंकि यह उम्र ही ऐसी होती है और इस उम्र में लड़के यह सब नहीं करेंगे तो क्या करेंगे? अब में बहुत ध्यान से उनकी यह सब बातें सुन रहा था। तभी मैंने उनसे कहा कि आप भी तो उस दिन ऐसे अचानक से मेरे सामने आ गई तो में क्या करता? और वैसे भी आप खुद इतनी सुंदर लग रही थी तो में उस समय क्या करता? मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था? तभी वो अचानक से बो बोली कि तुम बोल तो ऐसे रहे हो जैसे में कोई जवान लड़की हूँ? तो मैंने कहा कि आप बिल्कुल जवान लगती हो और कोई भी आपके फिगर को एक बार देखकर उस पर लट्टू हो जाएगा। दोस्तों में अब इसी बहाने से अपना रास्ता साफ करने में लग गया और उनको अपनी बातों में फंसाने लगा। जिसका असर मुझे अब धीरे धीरे उनकी बातों से साफ साफ नजर आ रहा था। तभी वो मुझसे बोली कि इधर आओ और में झट से उनके पास में जाकर बैठ गया तो वो मुझसे बोली कि तुम मुझे अब बिल्कुल सच सच बताओ कि तुमने क्या क्या देखा था? मैंने कहा कि आंटी में सच कहूँ तो मैंने आपकी कमर के नीचे का हिस्सा छोड़कर सब कुछ देखा था। फिर वो झट से बोली कि अरे तुम मुख्य चीज़ तो देख ही नहीं पाए। मैंने कहा कि मैंने मुख्य चीज़ तो पहले ही देख ली थी आप जब झुककर तेल लगा रही थी तो मैंने उस मुख्य चीज़ को देख लिया था।
तभी वो मुस्कुराते हुई बोली कि तुम कल 11 बजे सुबह आना तो में तुम्हे वो चीज़ थोड़ा और पास से दिखा दूंगी। दोस्तों में अब उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत हैरान था कि यह सब अचानक से क्या हो गया? और मेरी किस्मत थोड़ी खराब थी कि तभी सच्चू आ गया और अगले दिन में बिल्कुल ठीक टाईम पर पहुंच गया और उस समय घर में वो कुछ अकेली ही थी। सच्चू को उन्होंने सरिता को स्कूल भेजने और सब्जी लाने के लिए बाहर भेज दिया था और मेरे अंदर जाते ही उन्होंने दरवाजा अंदर से लगा लिया वो नहाकर फ्री हो चुकी थी। अब हम लोग उनके बेडरूम में गए तो वो वहां पर बैठकर बोली कि तो क्या तुम्हे यह देखना है? तो मैंने झट से कहा कि हाँ, तभी वो अपनी साड़ी को ऊपर करके मुझे अपनी चूत दिखाने लगी। मैंने देखा कि उनकी चूत अब पुरानी होने और चुदाई होने की वजह से घिस घिसकर काली हो चुकी थी, लेकिन अब भी बिल्कुल साफ थी इसलिए वो दिखने अच्छी लग रही थी और मैंने जैसे ही चूत पर हाथ लगाया तो वो सीईईईइई कर उठी। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी मुझे लगता है कि अंकल ने बहुत ढंग से आपकी बजाई है। तभी वो बोली कि हाँ पहले तो वो हर रोज सेक्स किया करते करते थे, लेकिन उन्होंने सेक्स करना बहुत कम कर दिया है वो अब एक महीने में दो या तीन बार ही सेक्स करते है। दोस्तों ये कहानी आप फन मज़ा मस्तीपर पड़ रहे है।
अब वो साड़ी को नीचे करके बैठ गई तो मैंने कहा कि आंटी जी अगर में उनकी जगह होता तो एक दिन में दो तीन बार सेक्स जरुर करता। तभी वो बोली कि हाँ अभी तुम जवान हो इसलिए कर सकते हो तुम्हारे उसमे अभी बहुत दम है इसलिए कह रहे हो, चलो दिखाओ अपना वो, तो मैंने झट से अपनी पेंट को खोल दिया और मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था। वो अब मेरा लंड देखकर बोली कि वाह बहुत अच्छा लंड है तुम्हारा और फिर उन्होंने लंड को पकड़कर थोड़ा ऊपर किया और फिर मेरे लंड के ऊपर वाली चमड़ी को एक ही झटके में नीचे की तरफ कर दिया। उसकी वजह से मुझे हल्का सा दर्द हुआ और अब मेरे लंड का सुपाड़ा फूल गया। तभी में उनको बोला कि सोचो अगर यह आपकी इसमे जाए तो आप कितना मज़ा ले सकती है? तभी वो बोली कि चलो फिर जल्दी से एक गेम हो जाए। दोस्तों में तो बस उनके मुहं से यही बात कब से सुनना चाहता था और में अब उनसे झट से लिपट गया और उनको किस करने लगा, उनके कपड़े उतारने लगा। तो उन्होंने मुझे मना कर दिया और बोली कि कोई आ ना जाए इसलिए पूरे कपड़े मत उतारो, मैंने कहा कि ठीक है और में उनके होंठो को चूसने लगा और बूब्स को दबाने लगा वो अब पूरी तरह जोश में आ गई थी। तभी मैंने कहा कि आंटी एक बात तो है कि आप जब गरम होती हो तो और भी ज्यादा सेक्सी लगती हो। अब आपको चोदने में मुझे बहुत मज़ा आयेगा और फिर मैंने कहा कि आंटी क्या आप थोड़ा सा मेरे लंड को चूसना चाहोगी? वो हाँ में सर हिलाकर अब मेरे लंड को चूसने लगी और में भी उनकी चूत में ज़ोर ज़ोर से उंगलियाँ चलाने लगा। उनकी चूत अब बिल्कुल गीली हो चुकी थी और मैंने उनको अब अपने लंड से हटाया और उनकी चूत को चाटकर साफ कर दिया। वो भी अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से चाटने के लिए मुझसे कह रही थी, हाँ मज़ा आ गया और ज़ोर से अच्छा लग रहा हाँ हाँ और अब मेरे बालों में हाथ फेर रही थी। फिर में उनके ऊपर आ गया और उनकी चूत में लंड लगाने लगा, लेकिन तभी अचानक से उन्होंने मुझे रोक दिया और वो मुझसे बोली कि तुम पहले कंडोम पहनो। फिर मैंने उनसे कहा कि मेरे पास तो कंडोम नहीं है तो उन्होंने गद्दे के नीचे से हाथ से निकालकर मुझे एक कंडोम दे दिया। मैंने झट से उसे फाड़ा और उनसे ही कहा कि आप ही पहना दो। फिर उन्होंने लंड को कंडोम पहना दिया और बोली कि अब थोड़ा जल्दी से डालो।
दोस्तों में एक बार फिर से उनके दोनों पैरों के बीच में आ गया और लंड को उनकी चूत पर सटा दिया। वो अपने दोनों होंठो को दांतों में दबाए हुई थी और में धीरे से लंड को अंदर करने लगा और उन्होंने अब अपनी दोनों आँखे बंद कर रखी थी और अब मैंने एक ही ज़ोर से धक्के में पूरा का पूरा लंड, चूत के अंदर घुसा दिया वो मेरे कूल्हों पर अपने दोनों हाथ जमाए मुझे अपनी तरफ खींच रही थी कि मानो आज वो मुझे ही अपने अंदर घुसा लेगी और जब मेरा पूरा लंड अंदर घुस गया तो उन्होंने मुहं खोलकर कहा कि अरेरे सीईईईईई अह्ह्ह्हह्हह्ह्ह तुम मर्द हो, बिल्कुल सही जगह पर गया है अब ज़ोर ज़ोर से चोदो। अब में उनकी यह बात सुनकर उनकी चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और मेरे हर एक धक्के में उनके बूब्स हिल रहे थे। मैंने उनके बूब्स को पकड़ लिया और ज़ोर से दबाने लगा। वो और ज़ोर से आहाहहहहा हाँ उह्ह्ह् चोदो आईईईईइ कहने लगी और में भी अब उनकी चूत की चुदाई के पूरे पूरे मज़े लेने लगा था। मैंने थोड़ी देर बाद अपनी स्पीड को बढ़ाया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। वो बस आआह्ह्ह उह्ह्हह्ह कर रही थी। अब मैंने उनके कूल्हों को पकड़ा और उन्हे दबाकर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा।
दोस्तों हम दोनों बहुत जोश में आ गए थे और मुझे लगा कि आज आंटी से पहले में ढेर हो जाऊंगा क्योंकि वो और हाँ और हाँ ऐसे ही अहहाहा चोदो चोदते रहो आउउऊययय्ययरर उफफ्फ्फ्फ़ बहुत मज़ा आ रहा है, मेरा जोश बढ़ाने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी थी और में भी पूरे जोश में उनके ऊपर लेटकर चुदाई कर रहा था। करीब 12-13 मिनट तक वो यही सब कहती हुई मुझसे ज़ोर से लिपट गई और अपने पैरों में मुझे फंसा लिया। तभी में भी उनके ऊपर पूरी ताक़त से धक्के मारकर लेट गया और हांफता रहा। फिर करीब दो मिनट बाद में उनसे अलग हुआ तो मुझे बहुत पसीना आया और उन्होंने अपने पल्लू से मेरा मुहं साफ किया और बोली कि तुमने कितनी मेहनत की है, मज़ा आ गया, बहुत दिन बाद में आज झड़ी हूँ, वरना तुम्हारे अंकल तो बहुत जल्दी खत्म हो जाते है। मैंने उनसे कहा कि आंटी मुझे आपके साथ चुदाई में मज़ा आया, लेकिन मुझे लगता है कि आप बहुत दिनों से प्यासी थी। वो बोली कि ऐसा नहीं है, सेक्स तो वो भी करते है, लेकिन उनकी उम्र ढलने के साथ साथ अब उनका जोश भी थोड़ा कम गया है वो मुझे अब पूरी तरह से संतुष्टि नहीं दे पाते। फिर मैंने कहा कि अब आप बिल्कुल भी परेशान होना, तो वो बोली कि अच्छा तुम अब अपना जुगाड़ लगा रहे हो। मैंने कहा कि आपके जैसी मस्ती वाली औरत मिले तो कौन यह सब नहीं चाहेगा। वो मेरी यह बात सुनकर हंसी और फिर बोली कि चलो अब सच्चू आने वाला है वो अपने कपड़े ठीक करके खड़ी हुई और जाने लगी तो मैंने उनको पीछे से कमर में हाथ डालकर पकड़ लिया और गालों पर किस किया तो वो बोली कि अब जाओ, तुम पागल हो क्या? फिर मैंने उनके बूब्स को दबाकर कह दिया कि उस दिन से आपने पागल कर रखा है, मेरा जी तो कर रहा है कि आपके ऊपर ही लेटा रहूँ, वो बोली कि चलो अब जाओ और कल लेटना। फिर मैंने उनको किस किया और फिर आगे के कमरे में आकर बैठ गया। फिर थोड़ी देर बाद सच्चू भी आ गया। दोस्तों उस दिन के बाद से मेरा मौका नहीं लग रहा, लेकिन जिस दिन मौका मिलेगा तो में जरुर पूरा पूरा फायदा उठाऊंगा। वैसे अब आंटी जी मेरे मोबाईल पर कॉल करने लगी है और अकेले में सेक्सी बातें भी करती है ।।
















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