FUN-MAZA-MASTI
बहकती बहू--41
शांति - - - अच्छा बड़े चालाक हो कल का भी जुगाड़ कर रहे हो !
दोनो पति पत्नी दादा दादी बनने की खुशी मे सोने लगे मदनलाल तो बेचारा किसी और की औलाद को अपना समझ फूला नहीं समा रहा था ! इधर ये अपने मे खोए थे उधर कामया के मायके मे पहुँचते ही एक नहीं कहानी ने जन्म ले लिया
अब आगे :::::::::::::::::::::::::::::::::::::
कामया अपनी मम्मी के साथ मायके मे पहुँच गई ! दूसरे दिन शाम के समय उसकी मम्मी पड़ोसियों के वहाँ चली गई और कामया घर मे अकेले रह गई ! मम्मी पड़ोसियों को बड़े गर्व से कामया के गर्भवती होने की जानकारी दे रही थी !
इधर सन्नी के पापा इस बार खरीदी के लिए निकले थे इसलिए वो कामया के शहर गये थे ! दिन भर ऑर्डर देता रहा और शाम को कामया के घरपहुँचकर उसने बेल बजाई ! जैसे ही दरवाजा खुला सामने खड़े चेहरे को देख कर मामा जी के तन बदन मे गर्मी आ गई ! सामने बेइंतहाँ सौंदर्य की धनी कामया खड़ी थी !
मामा अपने दिल की धड़कन अपने सपनों की रानी को देख बावला सा हो गया ! कामया सचमुच बहुत ही खूबसूरत लड़की थी मर्द घंटों सिर्फ़ उसके चेहरे को देखते रह सकते थे फिर मामा तो शुरू से ही कामया की खूबसूरती और उसकी सेक्सी जवानी का दीवाना था ! वो दीन दुनिया भूल अपलक अपनी प्यारी भांजी को देखता ही रह गया ! मामा की हालत देख कामया को हँसी आ रही थी ,पहले भी जब मामा जी आते थे तो कामया को देख उनकी यही दशा हो जाया करती थी ! मामा की नज़र जब चेहरे से नीचे उतरी तो उसके सामने और भी बहुत कुछ था जो उसके दिल की धड़कन को रोक सकता था ! कामया ने आज नाभि दर्शना साड़ी पहनी थी ! मायके आने के बाद उसे सास की बंदिश नहीं थी इसलिए वो अपने को सेक्सी ढंग से एक्सपोज़ कर रही थी इस बार गर्भवती होने के कारण वो बहुत प्रसन्न और उल्लास मे भी थी इसलिए उसने एक छोटा सा ब्लाउस पहना हुआ था ! ब्लाउस फाड़ कर बाहर आने को तैयार उसके बूब्स को देख कर तो मामा जी की साँस ही रुक गई !
शादी के बाद आज पहली बार वो अपनी स्वपन सुंदरी को देख रहा था ! उस समय के नींबू अब संतरे बन चुके थे ! गोरी चिकनी बाहें कमल नाल के समान लग रही थी ! फिर उसकी नज़र कामया के नग्न पेट पर पड़ी ! बरसाती नदी के समान कमर बलखाती हुई सी थी ! कोमल मुलायम पेट पर नाभि का छेद बहुत ही सेक्सी लग रहा था ! मामा सोचने लगा जब नाभि का छेद इतना सुंदर है तो इसके जांघों के बीचे का छेद कितना सुंदर होगा ! मंत्र मुग्ध सा वो देखता रहा और फिर उसकी नज़र अपने आप ही और नीचे की ओर चली गई ! नीचे उसे जाँघो की दो खूबसूरत जोड़ियाँ नज़र आई ! हालाकी वो उन्हे सॉफ नहीं देख पा रहा था मगर टाइट साड़ी मे जांघें अपनी पूरी मांसलता को प्रकट कर रही थी ! मामा शुरू से ही कामया की जांघों का दीवाना था ! सच तो ये था की जाँघ ही कामया को वो अंग था जिसे वो सबसे ज़्यादा देख पाया था ! और उसका कारण भी सॉफ था ! कामया बारहवीं तक स्कर्ट पहन कर स्कूल जाती थी और मामा जी ने उसके छूटने का टाइम नोट करके रखा था वो हमेशा उसके स्कूल से लौटने के पहले घर पहुँच जाता था ताकि अपनी कम्मो को छोटी सी स्कर्ट मे देख सके ! इस बात को कामया भी नोट कर चुकी थी की मामा जी उसकी केले के तने सी सुडोल गोरी चिकनी टाँगों को देखने ही पर्फेक्ट टाइम पर आते हैं ! अपने पहले आशिक की मदहोश दशा देख कामया बोली - --
कामया - - - मामा जी क्या हुआ ? अंदर नहीं आओगे क्या ?
मदनलाल - - - हाँ हाँ क्यों नहीं ! रास्ता तो दो तुम तो रास्ता रोक कर खड़ी हो ?
कामया - - - ओह सॉरी ! आइए अंदर आइए ना ! कहते हुए वो पीछे पलट कर अंदर की चल दी ! उसके पलटते ही मामा ने जो देखा तो मानो उसके लिंग ने विद्रोह का बिगुल ही बजा दिया !
पीछे से तो कामया और मादक लग रही थी ! उसने एक ब्रालेस ब्लाउस पहना था जिससे उसकी पूरी पीठ लगभग नंगी ही थी ! कंधे से लेकर कमर की साड़ी तक के बीच सिर्फ़ एक दो इंच चौड़ा ब्लाउस का कपड़ा था बाकी पूरी की पूरी पीठ नग्न थी ! कामया की पीठ ऐश्वर्या राय की सेक्सी पीठ को भी मात कर रही थी ! वो बिना एक कदम अंदर बढ़ाए कम्मो की पीठ देखता रहा और फिर नज़र नीची करके उसकी नितंबों मे खो गया !
कामया के दोनो नितंब तरबूज़ के दो फलक से लग रहे थे ! उसकी गाँड अब माँस से पूरी भर चुकी थी ! शादी के पहले उसकी गाँड इतनी भरी हुई नहीं थी ! उस समय की कटीली गाँड अब मारक बन चुकी थी ! कामया किसी गजगामिनी सी चल रही थी ! उसकी गाँड का भराव देख मामा ने सोचा "" लगता है दामाद जी ने पीछे भी मेहनत चालू कर दी है ! पूरा बदन भर चुका है दामाद जी का पानी लग गया है कम्मो को ! साली कपड़ों मे इतनी सेक्सी दिख रही है तो पता नहीं बिना कपड़ों के कितनी जालिम दिखती होगी ! पूरी पोइसन बन चुकी है ये तो ! "" चार कदम चलकर कामया मूडी और बोली
कामया - -- अरे मामाजी आप अभी तक वहीं खड़े हैं आइए ना अंदर
मामा - - - हाँ हाँ ! अच्छा ये बता दीदी कहाँ हैं !
कामया - - - मम्मी तो पड़ोस मे कहीं गई हैं ! आप बैठिए मैं पानी लेकर आती हूँ !
दीदी के घर मे ना होने की बात सुनकर ही मामा का मन खिल उठा ! जैसे ही कामया अंदर को गई मामा ने सबसे पहले तो फ़ौरन दरवाजा अंदर से बंद कर दिया ताकि कोई अचानक अंदर ना आ सके ! कामया ने आके उसे पानी दिया ! मामा पानी पीने लगा मगर उसकी नज़र लगातार कामया के बदन पर ही लगी हुई थी ! कामया की मम्मी का ना होने की वजह से वो अब दिलेर के साथ साथ बेशरम भी बन चुका था ! पानी पीने के बाद जैसे ही कामया ग्लास लेने उसके करीब आई मामा ने फ़ौरन उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने से चिपका लिया ! लंबे चौड़े मर्दाने शरीर के स्पर्श लगते ही कामया के अंदर बिजली सी कौंध गई ! मामा ने अब अपना हाथ कामया की नंगी पीठ पर फेरना चालू कर दिया ! उसका खड़ा लंड कामया अपने पेट पर महसूस कर रही थी ! पहले भी मामा अक्सर उसे अपने से चिपका लेता था और कामया ऐसे ही उसके अंग को अपने पेट पर फील करती थी मगर तब तक उसे ना लंड के बारे मे कुछ मालूम था ना उसे लंड का स्वाद ही पता था ! मगर अब वो मदनलाल और सन्नी के दो दो मस्त लंड का रसास्वादन कर चुकी थी इसलिए जैसे ही उसे अपनी नाभि के पास मामा के मूसल का दबाव महसूस हुआ उसकी साँसें तेज़ चलने लगी ! लंड का दबाव और उसके एरिया ऑफ कॉंटॅक्ट से ही कामया समझ गई की मामा का भी सन्नी के बराबर ही होगा ! बड़ी मुश्किल से अपनी सांसो को कंट्रोल कर वो बोली
कामया - - - मामा जी क्या कर रहे हो ! छोड़ो मुझे
मामा - - - क्यों अपनी कम्मो को प्यार कर रहा हूँ जैसे पहले करता था ! और कहते कहते मामा ने अपने दोनो पंजे कामया की गाँड मे गड़ा दिए ! गाँड को मामा के शिकंजे मे फँसते देख वो चिहुनक कर आगे को हुई तो बेचारी और बुरी फँस गई ! आगे बढ़ने से मामा का मूसल नीचे को खिसक कर उसकी जांघों के बीच सरक गया और प्रेम गुफा के मुहाने पर दस्तक देने लगा ! अपने निजी अंग पर मामा के अंग के स्पर्श मात्र से ही कामया के जिस्म मे चींटी सी रेंगने लगी ! वैसे भी कामया को चुदे लगभग दो हफ़्ता हो गया था ! जवानी से लबरेज कामया के लिए इतने दिन का अंतराल अब असहनीय हो जाता था ! उसने मचलते हुआ कहा
कामया - - - हो गया बहुत प्यार ! अब तो छोड़ दो !
मामा - - - अभी कहाँ हुआ प्यार ! इससे ज़्यादा प्यार तो हम तब करते थे जब तुम्हारी शादी भी नही हुई थी अब तो शादी शुदा एक्सपीरियेन्स्ड हो अब तो ज़्यादा प्यार करना पड़ेगा ! मामा अब पूरा बेशर्म बन गया था ! उसने कामया की गदराई गाँड को मसलते हुए एक हाथ आगे लाकर कामया के सन्तरो को पकड़ लिया और लगा उसे सहलाने ! मामा के हाथ मे चूची आते ही कामया सिहर उठी और जल्दी सी बोली
कामया - - मामा नहीं प्लीज़ हमे छोड़िए !
मामा - - - कम्मो ज़रा प्यार तो करने दो ! देखो पहले कितने छोटे से थे ये बिल्कुल नींबू जैसे लेकिन अब तो नासिक के संतरे बन गये हैं ! लगता है सुनील बहुत मेहनत कर रहा है इनपर ! कहते कहते मामा ने सिर नीचे किया और कामया के नग्न कंधों पर चुंबन की बौछार करने लगा ! मामा के मुख से नींबू संतरे जैसे शब्दों को सुनकर कामया का चेहरा शर्म से लाल हो गया ! मामा एक हाथ से उसकी गाँड को भींच रहा था तो दूसरे हाथ से बारी बारी से उसके बूब्स को मसल रहा था ! कामया के लिए अब उसका शरीर ही उसका दुश्मन बनने लगा था वो मामा को हटाना चाहती थी मगर उसका बदन ऐसा नहीं होने दे रहा था ! हालाकी अभी तक मामा ने कोई अनहोनी नहीं की थी इतना तो वो पहले भी कर ही लेते थे कामया के मना करने के बाद भी ! लेकिन कामया ने अभी अपना होश पूरा नहीं खोया था !
कामया - - - मामा प्लीज़ ! अब बहुत हो गया ! अब रहने दीजिए !
मामा - - - कम्मो अभी तो कुछ भी नहीं हुआ ! आज चार साल बाद तो तुम मिली हो पहले तो हम हर पंद्रह दिन बाद ही आ जाते थे तुमसे मिलने !
कामया - -- मामा आप मुझसे मिलने नहीं अपनी दुकान की खरीदी करने आते थे !
मामा - - - अरे खरीदी तो केवल बहाना था कम्मो ! दरअसल तुम्हारी ये अदाएँ ही हमे खींच लाती थी वरना खरीदी तो मोबाइल से ही हो जाती है ! शायद तुम्हे एक बात मालूम नहीं !
कामया - - - कौन सी बात मामा ?
मामा - - - कम्मो तुम्हारी शादी के बाद से हम साल मे मुश्किल से दो बार ही आ पाते हैं इस शहर मे ! तुम्हारे बिना कुछ नहीं रह गया इस शहर मे हमारे लिए !
कामया - - - चुप करो मामा फालतू की बात मत करो ! दुकानदारी पर ध्यान दिया करो अब !
मामा - - - अरे तुमसे ध्यान हटता ही नही तो खाक कहीं और ध्यान दें ! तुम जानती तो हो ना क़ि हम तब से तुमसे प्यार करते हैं जब तुम छोटे से बड़ी हो रही थी ! तुम्हारे इस हुश्न के पहले आशिक़ तो हम ही हैं ! सुनील का नंबर तो बहुत बाद मे आया ! मामा की बात सुनकर कामया सोचने लगी मामा कह तो सही रहा है उसे भी अपने लड़की होने का पहला अहसास मामा की घूरती नज़रों के कारण ही हुआ था ! मामा जब आते हमेशा उसके बूब्स को या स्कर्ट से झाँकती उसकी थाइस को या उसके थिरकते नितंबों को ही देखते रहते ! और फिर धीरे धीरे उसके चुप रहने का फ़ायदा उठाकर वो उसके अंगों को छूने भी लग गये ! कामया अपने ख्याल मे खोई हुई ही थी की मामा ने अपने को घुटनो के बल किया और अपने दहकते होंठ कामया नाभि पर रख दिए !
अपनी नाभि पर मामा की गरम चिपचिपी जीभ लगते ही कामया सिसक पड़ी !!
कामया - - - आह ओह ! मामा नहीं प्लीज़ मत करो ! समझा करो मैं शादी शुदा हूँ !
मामा - - - तुम हमेशा ऐसा ही कहती हो पहले कहती थी कुँवारी हूँ अब कह रही हो शादी शुदा हूँ ! मेरे प्यार की तुमने कभी कद्र नहीं की ! हमेशा तुमने मुझे झिड़क दिया !
कामया - - - तो क्या ग़लत कहा ? पहले कुँवारी थी अब शादी शुदा हूँ ?
मामा - - - अब तो तुम्हे कोई टेंसन नहीं होनी चाहिए ! अब तो लाईसेंस मिल गया है कर लेने दो ना हमे प्यार ! दीवाने को इतना नहीं तड़पाते ! मामा अब पागलों की भाँति जगह जगह उसके पेट पर किस कर रहा था जबकि उसके हाथ कामया की वेल शेप्ड थंडर थाइस पर कहर बन के टूट पड़े थे ! अब कामया के मुख से भी सिसकारियाँ छूटने लगी थी ! उसे मामा के ऊपर तरश भी आ रहा था ! बेचारा पिछले दस बरस से उसके हुश्न की पूजा कर रहा था ! जो पहला पुजारी था उसे तो कुछ नहीं मिला था बाकी के तीन उसकी बीन बजा रहे थे ! इधर मामा की उंगलियाँ अब अपने अंतिम पड़ाव पर आ पहुँची उसने अपने दाहिना हाथ कामया की भट्टी के ऊपर रख दिया और लगा उसे मसलने ! चूत की रगड़ाई ने कामया के अंदर भी वासना के सैलाब को जन्म दे दिया ! मामा का कठोर मर्दाना जिस्म उसके अंदर की नारी को पुकार रहा था ! मामा जी बाबूजी और सन्नी दोनो से ज़्यादा मजबूत बदन के थे ! हालाकी सन्नी भी मामा जी के बराबर ही लंबा था मगर उमर कम होने के कारण वो गठा किंतु हल्का फूलका था जबकि मामा का जिस्म किसी जंगली भैसें के समान भारी भरकम हो चुका था ! मामा की उंगलियाँ अब कामया के सितार को बड़े नज़ाकत से छेड़ने लगी जिससे कामया के जिस्म से काम तरंगें निकलने लगी ! लेकिन कामया अभी भी मामा भांजी के रिश्तों की मर्यादा जानती थी साथ ही साथ वो मामा के साथ ऐसा कुछ करने के लिए मेंटली तैयार भी नहीं थी ! बाबूजी के साथ उसे तैयार होने मे छः महीने लग गये थे तो मामा ने तो अभी शुरूवात बस की थी ! उधर मम्मी भी कभी भी आ सकती थी सो उसने कहा
कामया - - - बस मामा अब और नहीं ! अब उठो ! इट इस एनफ फॉर टुडे !
कम्मो की बात सुनकर मामा उठ गया मगर वो इतनी जल्दी मानने वालों मे नहीं था उसे ये भी अनुभव था क़ि औरत को तैयार करने मे बहुत मेहनत करनी पड़ती है ! जब खेत की ज़रा सुंदर मजदूर औरतें उसे महीने दो महीने नचा देती थी फिर कहीं उसके नीचे आती थी तो आज तो कामया को पहली बार उसने कहा था की हमे भी प्यार कर लेने दो ! भला कामया जैसी स्वपन सुंदरी एक बार मे मान जाएगी ? उसने कामया की गर्दन पर किस करना चालू रखा और एक हाथ से उसकी साड़ी ऊपर उठाने लगा ! कामया मदहोश सी थी उसे तब पता चला जब उसे अपनी अंदरूनी जांघों पर मामा के कठोर हाथ का स्पर्श हुआ ! उसने नीचे देखा तो उसकी साड़ी एक तरफ से कमर तक आ चुकी थी और मामा के हाथ उसकी कदली जांघों से खेल रहे थे ! उसकी गोरी चिकनी जांघें शाम के धुन्धलके मे ट्यूब लाइट की भाँति चमक रही थी ! एक बार तो कामया को भी अपनी जांघों पर प्यार आ गया मगर तुरंत उसने होश मे आते हुए साड़ी नीचे गिरा दी !
कामया - - - मामा ये क्या कर रहे हो ! मैने मना कर दिया ना ?
मामा - - - कम्मो प्लीज़ आज मत रोक मुझे ! कर लेने दे ना प्यार !
कामया - -- अभी मम्मी आ जाएगी ना तो सारा प्यार निकल जाएगा !
मामा - - - अच्छा एक बार इन्हे देख लेने दे बस ! जीने का बहाना मिल जाएगा ! कहते हुए मामा ने उसके ब्लाउस के बटन खोलने चालू कर दिए !
कामया - - - मामा मत करो मम्मी कभी भी आ सकती है ! हालाकी मामा ने उसके अंदर इतनी देर से काम की प्रबल अगनी प्रजलवित कर दी थी क़ि मन तो उसका भी कर रहा था क़ि कोई उसके इन निगोडे बूब्स को मसल डाले ! वो चुपचाप रह गई ! मामा ने एक एक कर उसके बटन खोल डाले और दूध को ब्रा से बाहर निकाल दिया !
कामया - - - मामा प्लीज़ मम्मी आ जाएगी ? अब वो मना नहीं कर रही थी बस उसे मम्मी का डर था ! इस बात को मामा भी समझ चुका था यानी लौंडिया अब उससे शरम छोड़ चुकी थी !
मामा - - - मम्मी की चिंता मत कर कम्मो दरवाजा बंद है ! कामया ने नशे से बोझिल अपनी आँखों से देखा तो दरवाजा सचमुच बंद था ! इधर मामा ने कामया के अनावृत उरोज़ देखे तो आँख फाड़ कर उनके रूप को पीने लगा !
मामा ने अपनी जिंदगी मे दर्ज़नों चूचियाँ देखी थी मगर कामया तो बस कामया थी ! मेनका ,रंभा और उर्वशी के टक्कर का हुश्न था उसके पास ! मामा ने अपना हाथ बड़ाया और बड़े आहिस्ता से दोनो चुची थाम ली ! उसके हाथों मे कंपन हो रहा था ! कामया की नंगी चूची थामना उसके लिए किसी सपने के पूरा होने जैसा था !
मामा - - - कम्मो तू लड़की नहीं है रे ! तू तो जान लेने की मशीन है ! किसी दिन तेरे को याद करके ही मेरा हार्ट फैल होगा ! मामा का दीवानापन देख कामया का नारी मन खिल उठा ! चाहे वो जानती थी सब उसके जिस्म के दीवाने हैं मगर फिर भी अपने हुश्न अपने रूप अपने जवान जिस्म की तारीफ़ उसे अंदर तक सकून पहुँचा देते थे !
कामया - - - मामा अब हो गया ना ! मैने आपकी बात मान ली अब बस करो
मामा -- - - बस मेरी रानी बस एक मिनिट कह कर मामा झुका और अपनी कम्मो के एक बूब को उसने अपने मुँह मे भर लिया !
कामया - - - आ !! शी शी मामा मत करो मुझे कुछ हो रहा है !
मामा - - - होने दे रानी होने दे ! होने के लिए तो कर रहा हूँ ! कम्मो कैसा लग रहा है !
कामया - - - चुप करो ! बस बहुत हो गई आपकी नौटंकी ! प्लीज़ अब बंद करो ये सब ! कामया लगातार बस करो बस करो बोले जा रही थी मगर लेकिन एक भी बार अपनी तरफ से हटने का प्रयास नहीं कर रही थी ! और मामा की पारखी नज़रें उसके ना मे भी हाँ ढूँढ ले रही थी ! मामा ने बारी बारी से दोनो चूची पीना चालू कर दिया ! एक को पीता तो दूसरी को दबाता ,दूसरी को पीता तो पहले वाली को दबाता ! कामया का तो बुरा हाल हो चुका था ! चुची चूषण उसकी बड़ी भारी कमज़ोरी थी ! जैसे ही उसकी चुची किसी मर्द के मुँह मे जाती वो बेकाबू हो जाती थी ! कामया का पूरा बदन काँप रहा था और उसके नाज़ुक बदन मे गूस बम उठ आए थे !
दूध पीते पीते मामा की उंगली धीरे से कामया के पेटिकोट के नाडे से जाकर लगी ! कामया को तो कुछ होश ही नहीं था मामा को तो लग रहा था क़ि आज उसका जेकपोट लगने वाला है चुची के साथ साथ शायद आज ही उसे कम्मो की प्यारी दुलारी मुनिया के भी दर्शन हो जाएँगे ! वो अपने भाग्य को सराहने लगा ! उसने पेटिकोट का नाडा उंगली मे फँसाया और जैसे ही उसे खींचने वाला था की तभी डोर बेल बज उठी !
बेल की आवाज़ सुनते ही दोनो को होश आया ! कामया अभी भी मामा की बाहों मे थी और मामा का खड़ा लंड अभी भी उसकी चूत के ऊपर दबाव बना रहा था ! कामया ने अपने को देखा तो काँप गई उसका ब्लाउस और ब्रा दोनो खुले थे और दोनो बूब्स बाहर छलक रहे थे ! साड़ी नीचे अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रही थी / उसने जल्दी से अपने को छुड़ाया और कपड़े उठाकर बाथरूम मे घुस गई !
कामया के बाथरूम मे जाने के बाद आराम से मामा ने दरवाजा खोला ! मामा को देखते ही कामया की मम्मी खुश हो गई
कामया की मम्मी - - - अरे यशवंत तू कब आया !
अब मामा आ तो सुबह से गया था और मार्केटिंग कर के अब उसे निकलना था मगर कम्मो को देख कर अब उसे आज रुकने की इच्छा हो गई थी तो तुरंत बात बनाते हुए बोला
मामा - - - - दीदी बस अभी चला ही आ रहा हूँ ! थोड़ा लेट हो गया था इसलिए मार्केट ना जाकर सीधे यहीं आ गया !
कामया की मम्मी - - - चल ठीक है आज आराम कर ले कल करना मार्केटिंग ! वो कामया कहाँ है ?
मामा - - - वो अभी तो मुझे पानी दी थी फिर पता नही अंदर कहाँ चली गई ?
उधर कामया बाथरूम मे दोनो भाई बहन की बात सुन रही थी ! उसकी साँसें धोन्कनी की तरह चल रही थी ! माथे पर पसीना आ गया था और टाँगें अभी भी काँप रही थी ! हड़बड़ाहट मे उसने अभी तक अपने कपड़े ठीक नहीं किए थे ! तभी उसे मम्मी की आवाज़ सुनाई दी
मम्मी - - - अरे कम्मो कहाँ है तू ?
कामया - - - मम्मी अभी आई यहाँ हूँ ! कामया जल्दी जल्दी अपने को ठीक करने लगी ! जो कुछ अभी हुआ उसे याद कर उसके कान गर्म हो गये ! आज मामा जी बहुत आगे निकल गये थे इसके पहले वो कभी मामा के सामने इस तरह उघाड़ी नहीं हुई थी ! आज तो मामा ने ना केवल उसे उघाड़ दिया बल्कि उसका दूध भी पी लिया ! ""हे राम मैं कितनी बेशरम हो गई थी उस समय वो बुदबुदाई ! अगर मम्मी आज आधा घंटा और बाहर रहती तो मामा तो आज अपनी मन की कर ही चुके होते !बाप रे बेटे के बाद अब बाप भी कर लेता तो ?? "" उसके गाल इस बात से ही लाल हो गये ! उसे मामा की बेताबी उनकी आँखों मे अपने बदन के लिए प्यास याद आ गई कैसे भूखी नज़रों से उसे घूर रहे थे ! आज तो बाल बाल बच गई ! फिर वो सोचने लगी इसमे मेरी ही ग़लती है वो मेरा पेटिकोट तक खोलने वाले थे और मैं बेसूध सी पड़ी थी तो भला मर्द तो मनमानी करेगा ही ! जब कामया बाहर निकली तो मामा से नज़रें नहीं मिला पा रही थी उसे बार बार याद आ जाता की कैसे मामा उसके बूब्स को चूस रहा था और कैसे उसकी गदराई नंगी जांघों को सहला रहा था ! रात को जब वो डिनर बना रही थी तो मामा बाजार जाकर आइस क्रीम ले आया ! सब डिनर करके हॉल मे बैठे थे और कामया किचन मे काम कर रही थी तभी मामा वहाँ बहाने से आया
मामा - - - कम्मो आइस क्रीम कैसी लगी ?
कामया - - टेस्टी थी ! अच्छा मामा पहले तो आप कप वाली लाते थे फिर इस बार चॉको बार क्यों ले आए ?
मामा - --- पहले तुम कुँवारी जो थी ! अब मेरीड हो तो अब तुम्हे चॉको बार पसंद आने लगी होगी ! क्यों कम्मो दामाद जी खिलाते हैं ना चॉको बार ?
कामया - - - शट अप मामा आप जाओ यहाँ से ! हमेशा गंदी बात करते रहते हो ?
मामा - - - ओके ओके जा रहा हूँ ! गुस्सा मत हो ! और फिर मामा उसकी उभरी हुई गाँड मे हाथ फेर कर निकल गया !
मामा के सुनील द्वारा चॉको बार खिलाने वाली बात से कामया की पेंटी मे सुरसुरी होने लगी ! सुनील तो नहीं मगर बाबूजी और सन्नी ने बहुत चॉको बार खिलाया है मुझे वो बुदबुदाई ! उसके जेहन मे कई दृश्य घूम गये जब उसे चॉको बार खाने मिली थी ! उसे हाल ही की घटना याद आ गई जब वो सन्नी और सुनील के साथ हनी मून गई हुई थी और सन्नी ने बरगी बाँध की हरी भरी वादियों मे खुले आम उसे अपना चॉको बार खाने को मजबूर कर दिया था ! वो दृश्य याद आते ही उसका हाथ अपने आप अपनी मुनिया के ऊपर चला गया !
कामया के घर मे एक कमरा ऊपर छत मे बना था ,जब भी मामा या सन्नी आदि कोई आते थे तो वहीं सोते थे ! इधर मामा वापस आकर बैठ गया कामया की गाँड को सहलाके आने के कारण उसका पप्पू पूरी शान से खड़ा हुआ था और उसे परेशान कर रहा था ! अचानक कामया को मम्मी की आवाज़ आई
मम्मी - - - बेटा कम्मो
कामया - - - हाँ मम्मी
मम्मी - - - बेटा तेरे मामा दूध पीकर सोते हैं ज़रा उन्हे दूध गरम करके दे देना !
कामया - - - ठीक है मम्मी अभी गरम कर दे देती हूँ ! कामया को आवाज़ देकर मम्मी खुद अपने कमरे मे चली गई उसके पापा पहले ही जा चुके थे ! कामया की मम्मी के जाते ही मामा के दिमाग़ मे आइडिया आ गया वो चुपचाप उठा और ऊपर कमरे मे चला गया ! उसके चेहरे मे कुटिल मुस्कान आ चुकी थी !
थोड़ी देर बाद कामया एक ग्लास मे दूध लेकर किचन से बाहर आई तो हैरत मे पढ़ गई ! हाल मे कोई नहीं था सब अपने अपने कमरे मे जा चुके थे ! वो भारी धरम संकट मे फँस गई ,उसे पता था क़ि अगर वो दूध लेकर ऊपर जाएगी तो मामा ज़रूर छेड़छाड़ करेंगे ! मम्मी भी कमरे मे थी उन्हे बोल भी नहीं सकती थी की आप चली जाओ ! वो समझ गई की मामा जानबूझकर ऊपर चले गये हैं ! उसके पास अब ऊपर जाने के सिवाय कोई चारा नहीं था किंतु डर भी था क़ि पता नहीं आज ऊपर उसके साथ क्या होने वाला है ! काफ़ी साहस बटोरकर वो सीढ़ी चॅडने लगी ! उसने सोचा मामा चाहे उसे कितना भी परेशान करते हैं मगर वो कभी उससे ज़बरदस्ती नहीं कर सकते जब भी उसने सख़्त शब्दों मे उन्हे रोका है वो हमेशा रुक जाते हैं सो डरने की कोई बात नहीं है "" ही कांट रेप मी ""!
जाकर कामया ने द्वार खाट खटाया तो मामा ने दरवाजा खोला
कामया - - - मामा ये दूध आपका ?
मामा - - - अरे हाँ वहाँ टेबल पर रख दो ! कामया ने सोचा था दरवाज़े से ही लौट जाएगी मगर मामा ने नहले पर दहला मार दिया था ! कामया धीरे से टेबल की तरफ बढ़ी और इधर मामा ने जल्दी से सांकल लगा दी ! जब कामया पलटी तो देखा की दरवाज़ा बंद है और मामा ठीक उसके पीछे खड़ा है /
कामया - - - ,मामा दरवाज़ा क्यों बंद कर दिया ?
मामा - - - अरे कम्मो इतने सालों बाद मिले हैं आओ बैठ कर थोड़ी देर बातें करें !
कामया - - - मामा रात हो गई है कल करेंगे बात ! और वो जाने लगी !
मामा - - -- अरे कम्मो इतनी भी रात थोड़ी हुई है दस ही तो बजा है चली जाना थोड़ी देर बाद ! कहते हुए मामा ने फूल सा नाज़ुक उसका बदन अपनी गोद मे उठा लिया और ले जाकर बेड मे पटक दिया !
कामया - - - मामा प्लीज़ हमे जाने दो !
मामा - - - बस कम्मो दस पाँच मिनिट तो रुक जाओ ! और फिर मामा झुका और अपने तपते होंठ कामया की रसीले होंठो से जोड़ दिए ! मामा के ताक़तवर बदन के नीचे कामया बिल्कुल बेबस हो गई थी !
मामा शाम की घटना से ही समझ गया था की कम्मो गरम तासीर की लौंडिया है अगर थोड़ी देर ज़ोर ज़बरदस्ती से उसके सेक्सी बदन से खिलवाड़ कर लिया तो फिर खुद कामया के लिए अपने को रोकना मुश्किल हो जाएगा / और अब तो सूनी रात थी कामया के मम्मी पापा भी सो चुके थे अगर किस्मत ने साथ दिया तो आज ही कम्मो को अपनी बनाने का अवसर मिल जाएगा ! वो कामया को बेतहासा चूमने लगा और उसने अपने हाथ कामया के भरे भरे संतरों पर रख कर उन्हे निचोड़ने लगा !चूची पर मामा के हाथो की मसलवाई कामया के मुख से सिसकारी निकालने के लिए काफ़ी थी
कामया - - - आह उई माँ ! मामा नहीं हमे जाने दो प्लीज़ !
मामा - - - कम्मो चली जाना हम कोई तुम्हे रोकेंगे नहीं बस थोड़ी देर तो प्यार कर लेने दो
वो फिर से अपनी सेक्सी भांजी के बदन से खेलने लगा ! मामा इन मामलों मे भी सन्नी का बाप था उसे नारी तन की हर कमज़ोरी का पता था ! वो कभी कामया के होंठो का रस पीता तो कभी उसकी संवेदनशील गर्दन को किस करने लगता / उसके हाथ अब कम्मो की साड़ी के अंदर पहुँच चुके थे और उसकी भारी भारी जांघों को सहला रहे थे ! मामा जानता था की स्त्री का जो अंग सबसे ज़्यादा विकसित होता है वही सबसे सेंसीटिव भी होता है और कामया की जांघें उसके जिस्म की सबसे खूब सूरत दौलत थी ! अपनी चिकनी मांसल जांघों मे मर्द के कठोर हथेली का स्पर्श कामया को बेबस किए जा रहा था ! वो मामा का विरोध कर रही थी साथ ही साथ उसके मुँह से कामुक सिसकारी भी निकल रही थी ! अचानक मामा का हाथ जांघों से ऊपर उठकर डोनेट सी फूली उसकी चूत पर आ गया / मामा ने उसी पर अपनी मेहनत चालू कर दी / वो बड़ी तल्लीनता से उसकी बुर को सहलाने लगा ! मामा ने महसूस कर लिया था की पेंटी पूरी गीली हो चुकी है ! अचानक उसने पेंटी लाइनिंग से उंगली अंदर की और रसीली पंखुड़ियों को छू दिया ! चूत पर मामा की छूअन से ही कामया का बदन ऐंठने लगा साँस भारी हो गई मगर इस आक्रमण से जैसे उसे कुछ होश भी आ गया वो तुरंत बोली
कामया - - - मामा प्लीज़ बस अब और नहीं ! जाने दो हमे /
मामा - - - ऐसे कैसे जाने दें कम्मो ? थोड़ा सा और प्यार कर लेने दो ?
कामया - - - ऐसे कैसे जाने दें मतलब ? मामा क्या ज़बरदस्ती करोगे हमारे साथ !
मामा को अपनी भूल का अहसास हो गया ! ज़बरदस्ती तो बाप बेटे दोनो के खून मे ही नहीं थी ! औरतों के साथ उन्होने हमेशा आपसी सहमति से ही संबंध बनाए थे क्योंकि मज़ा भी उसी मे आता है जब स्त्री भी तैयार हो और खुल के एंजाय करे इस लिए वो जल्दी से बोला
मामा - - - क्या कह रही हो कम्मो ? क्या हम तुम्हारे साथ कभी ज़बरदस्ती कर सकते हैं ! और कहते हुआ वो उसके ऊपर से हट गया ! शायद अपने को शरीफ दिखाने के लिए !
मौका देख कामया जल्दी से उठी और बेड से उतारकर जाने लगी ! ये तो मामा ने भी नहीं सोचा था की वो इतनी फुर्ती दिखा देगी सो उसने जल्दी से उसे पकड़ना चाहा जिससे कामया की साड़ी का पल्लू उसके हाथ मे आ गया और कामया की साड़ी खुलते चली गई !
पल्लू हटते ही कामया की जवानी उसके सामने उभर आई ! लो कट ब्लाउस से उसके बूब्स बाहर को छलक पढ़ रहे थे / मामा मंत्र मुग्ध सा कुदरत की उस बेजोड़ कारिगिरी को देख रहा था ! अपनी दौलत को यूँ घूरता देख कामया बोली
कामया - - - मामा प्लीज़ हमारा कपड़ा छोड़ो और हमे जाने दो !
मामा - - - रानी चले जाना ! बस थोड़ा सा देख तो लेने दो ! और फिर मामा ने उसके पल्लू को झटका देकर अपनी ओर खींच लिया ! उसने सोचा था की फ़िल्मो के सीन की तरह कामया गोल गोल घूमती हुई उससे आ लगेगी मगर यहाँ तो उल्टा ही हो गया !
कामया उसके पास आने की बजाय झटके के कारण फर्श पर गिर पढ़ी !
बड़े बूब्स के झटके को उसका ब्लाउस भी नहीं झेल पाया और चटचटा के उसके बटन टूट गये और कामया की जवनिया बाहर छलक पढ़ी !अब ब्लाउस मे केवल एक बटन बचा था ! मामा का तो मुँह फटा का फटा रह गया ! मामा कामया के उरोजो को देख कर ऐसा ललचा रहा था जैसे कोई लुटेरा स्वर्ण ,जवाहरात देख कर ललचा जाता है ! गिरने से कामया की साड़ी भी ऊपर को उठ गई थी और मामा के पसंदीदा लेग पीस उजागर हो गये थे ! कामया की जांघें बेहद ही सेक्सी थी ! गोरी चिकनी लंबी जांघें किसी मॉडल की तरह लगती थी ! मामा झुककर जांघों के पास बैठ गया और धीरे से जांघों के अंदुरूनी हिस्से मे हाथ फेरने लगा ! मामा के हाथ उसकी जांघों मे आग भर रहे थे ! थाइ क्वीन कामया की आँखों मे सुरूर चढ़ने लगा ! वो कसमसाई और उठने की कोशिश करने लगी तो मामा ने अपनी बालिश्ट बाहों का सहारा देकर उसे उठा दिया और अपने सीने मे भींच लिया ! मामा के सख़्त सीने मे चूची दबाते ही कामया कराह उठी !
कामया - - - आह // उई !! मामा हमे जाने दो
मामा - - - कम्मो बस एक बार देख लेने दे इनको फिर चली जाना / मामा ने उसके अनार को घूरते हुए कहा वो अब उसकी मस्त गाँड को सहला रहा था !
कामया - -- एक बार शाम को देख तो लिए हैं ना !
मामा - - - अच्छे से कहाँ देख पाए थे दीदी जो आ गई थी ! गाँड मे घूमती मामा की हथेली उसके अंदर अरमानो को जगा रही थी / जबकि मामा का लंड उसकी नाभि पर चोट कर रहा था ! मामा ने ऊपर आकर सबसे पहले यही काम किया था क़ि केवल लूँगी पहन कर इंतज़ार कर रहा था उसने अंदर से चड्डी भी उतार दी थी जिससे उसका हथियार ठीक 90 डिग्री पर तना हुआ था ! नाभि मे घुसता मामा का मूसल कामया को सन्नी की याद दिला रहा था उसका हथियार भी ठीक वहीं गड़ता था ! उसने फिर प्रतिरोध किया
कामया - - - नहीं जाने दो हमे ! मम्मी आ गई थी तो वो आपका हार्ड लक था उसके लिए हम क्या करें ?
मामा - - - बस इतना कर दो की हमे एक बार फिर देख लेने दो ! और ऐसा कहते कहते मामा ने उसका एक मात्र बचा बटन भी खोल दिया और कामया का ब्लाउस निकालने लगा ! कामया ने भी चुप्पी साध ली ! मामा जो देखने जा रहे थे वो शाम को भी देख चुके थे इस लिए उसे कोई खाश परेशानी नहीं हो रही थी ! एक बार उसका ब्लाउस पहले भी मामा खोल चुके थे तो एक बार फिर सही / फिर अंदर ही अंदर उसे भी मामा की बेकरारी देखने की इच्छा हो रही थी ! शाम को उसने मामा की आँखों मे अपने बूब्स को देखकर जो भूख देखी थी वही भूख उसका नारी मंन फिर देखने की माँग कर रहा था ! मामा ने ब्लाउस उतारकर फेंक दिया ! अब उसकी प्यारी कम्मो उसकी आँखों के सामने टॉप लेस थी !
अपनी सर्वांग सुंदरी भांजी कामया को अर्ध नग्न सामने देख मामा चित्र लिखित सा उसके हुश्न के वैभव को देखता ही रह गया ! काफ़ी देर तक वो उसे देखता रहा और फिर आगे बॅड कर उसने कामया को अपनी कठोर छाती मे भींच लिया !
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बहकती बहू--41
शांति - - - अच्छा बड़े चालाक हो कल का भी जुगाड़ कर रहे हो !
दोनो पति पत्नी दादा दादी बनने की खुशी मे सोने लगे मदनलाल तो बेचारा किसी और की औलाद को अपना समझ फूला नहीं समा रहा था ! इधर ये अपने मे खोए थे उधर कामया के मायके मे पहुँचते ही एक नहीं कहानी ने जन्म ले लिया
अब आगे :::::::::::::::::::::::::::::::::::::
कामया अपनी मम्मी के साथ मायके मे पहुँच गई ! दूसरे दिन शाम के समय उसकी मम्मी पड़ोसियों के वहाँ चली गई और कामया घर मे अकेले रह गई ! मम्मी पड़ोसियों को बड़े गर्व से कामया के गर्भवती होने की जानकारी दे रही थी !
इधर सन्नी के पापा इस बार खरीदी के लिए निकले थे इसलिए वो कामया के शहर गये थे ! दिन भर ऑर्डर देता रहा और शाम को कामया के घरपहुँचकर उसने बेल बजाई ! जैसे ही दरवाजा खुला सामने खड़े चेहरे को देख कर मामा जी के तन बदन मे गर्मी आ गई ! सामने बेइंतहाँ सौंदर्य की धनी कामया खड़ी थी !
मामा अपने दिल की धड़कन अपने सपनों की रानी को देख बावला सा हो गया ! कामया सचमुच बहुत ही खूबसूरत लड़की थी मर्द घंटों सिर्फ़ उसके चेहरे को देखते रह सकते थे फिर मामा तो शुरू से ही कामया की खूबसूरती और उसकी सेक्सी जवानी का दीवाना था ! वो दीन दुनिया भूल अपलक अपनी प्यारी भांजी को देखता ही रह गया ! मामा की हालत देख कामया को हँसी आ रही थी ,पहले भी जब मामा जी आते थे तो कामया को देख उनकी यही दशा हो जाया करती थी ! मामा की नज़र जब चेहरे से नीचे उतरी तो उसके सामने और भी बहुत कुछ था जो उसके दिल की धड़कन को रोक सकता था ! कामया ने आज नाभि दर्शना साड़ी पहनी थी ! मायके आने के बाद उसे सास की बंदिश नहीं थी इसलिए वो अपने को सेक्सी ढंग से एक्सपोज़ कर रही थी इस बार गर्भवती होने के कारण वो बहुत प्रसन्न और उल्लास मे भी थी इसलिए उसने एक छोटा सा ब्लाउस पहना हुआ था ! ब्लाउस फाड़ कर बाहर आने को तैयार उसके बूब्स को देख कर तो मामा जी की साँस ही रुक गई !
शादी के बाद आज पहली बार वो अपनी स्वपन सुंदरी को देख रहा था ! उस समय के नींबू अब संतरे बन चुके थे ! गोरी चिकनी बाहें कमल नाल के समान लग रही थी ! फिर उसकी नज़र कामया के नग्न पेट पर पड़ी ! बरसाती नदी के समान कमर बलखाती हुई सी थी ! कोमल मुलायम पेट पर नाभि का छेद बहुत ही सेक्सी लग रहा था ! मामा सोचने लगा जब नाभि का छेद इतना सुंदर है तो इसके जांघों के बीचे का छेद कितना सुंदर होगा ! मंत्र मुग्ध सा वो देखता रहा और फिर उसकी नज़र अपने आप ही और नीचे की ओर चली गई ! नीचे उसे जाँघो की दो खूबसूरत जोड़ियाँ नज़र आई ! हालाकी वो उन्हे सॉफ नहीं देख पा रहा था मगर टाइट साड़ी मे जांघें अपनी पूरी मांसलता को प्रकट कर रही थी ! मामा शुरू से ही कामया की जांघों का दीवाना था ! सच तो ये था की जाँघ ही कामया को वो अंग था जिसे वो सबसे ज़्यादा देख पाया था ! और उसका कारण भी सॉफ था ! कामया बारहवीं तक स्कर्ट पहन कर स्कूल जाती थी और मामा जी ने उसके छूटने का टाइम नोट करके रखा था वो हमेशा उसके स्कूल से लौटने के पहले घर पहुँच जाता था ताकि अपनी कम्मो को छोटी सी स्कर्ट मे देख सके ! इस बात को कामया भी नोट कर चुकी थी की मामा जी उसकी केले के तने सी सुडोल गोरी चिकनी टाँगों को देखने ही पर्फेक्ट टाइम पर आते हैं ! अपने पहले आशिक की मदहोश दशा देख कामया बोली - --
कामया - - - मामा जी क्या हुआ ? अंदर नहीं आओगे क्या ?
मदनलाल - - - हाँ हाँ क्यों नहीं ! रास्ता तो दो तुम तो रास्ता रोक कर खड़ी हो ?
कामया - - - ओह सॉरी ! आइए अंदर आइए ना ! कहते हुए वो पीछे पलट कर अंदर की चल दी ! उसके पलटते ही मामा ने जो देखा तो मानो उसके लिंग ने विद्रोह का बिगुल ही बजा दिया !
पीछे से तो कामया और मादक लग रही थी ! उसने एक ब्रालेस ब्लाउस पहना था जिससे उसकी पूरी पीठ लगभग नंगी ही थी ! कंधे से लेकर कमर की साड़ी तक के बीच सिर्फ़ एक दो इंच चौड़ा ब्लाउस का कपड़ा था बाकी पूरी की पूरी पीठ नग्न थी ! कामया की पीठ ऐश्वर्या राय की सेक्सी पीठ को भी मात कर रही थी ! वो बिना एक कदम अंदर बढ़ाए कम्मो की पीठ देखता रहा और फिर नज़र नीची करके उसकी नितंबों मे खो गया !
कामया के दोनो नितंब तरबूज़ के दो फलक से लग रहे थे ! उसकी गाँड अब माँस से पूरी भर चुकी थी ! शादी के पहले उसकी गाँड इतनी भरी हुई नहीं थी ! उस समय की कटीली गाँड अब मारक बन चुकी थी ! कामया किसी गजगामिनी सी चल रही थी ! उसकी गाँड का भराव देख मामा ने सोचा "" लगता है दामाद जी ने पीछे भी मेहनत चालू कर दी है ! पूरा बदन भर चुका है दामाद जी का पानी लग गया है कम्मो को ! साली कपड़ों मे इतनी सेक्सी दिख रही है तो पता नहीं बिना कपड़ों के कितनी जालिम दिखती होगी ! पूरी पोइसन बन चुकी है ये तो ! "" चार कदम चलकर कामया मूडी और बोली
कामया - -- अरे मामाजी आप अभी तक वहीं खड़े हैं आइए ना अंदर
मामा - - - हाँ हाँ ! अच्छा ये बता दीदी कहाँ हैं !
कामया - - - मम्मी तो पड़ोस मे कहीं गई हैं ! आप बैठिए मैं पानी लेकर आती हूँ !
दीदी के घर मे ना होने की बात सुनकर ही मामा का मन खिल उठा ! जैसे ही कामया अंदर को गई मामा ने सबसे पहले तो फ़ौरन दरवाजा अंदर से बंद कर दिया ताकि कोई अचानक अंदर ना आ सके ! कामया ने आके उसे पानी दिया ! मामा पानी पीने लगा मगर उसकी नज़र लगातार कामया के बदन पर ही लगी हुई थी ! कामया की मम्मी का ना होने की वजह से वो अब दिलेर के साथ साथ बेशरम भी बन चुका था ! पानी पीने के बाद जैसे ही कामया ग्लास लेने उसके करीब आई मामा ने फ़ौरन उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने से चिपका लिया ! लंबे चौड़े मर्दाने शरीर के स्पर्श लगते ही कामया के अंदर बिजली सी कौंध गई ! मामा ने अब अपना हाथ कामया की नंगी पीठ पर फेरना चालू कर दिया ! उसका खड़ा लंड कामया अपने पेट पर महसूस कर रही थी ! पहले भी मामा अक्सर उसे अपने से चिपका लेता था और कामया ऐसे ही उसके अंग को अपने पेट पर फील करती थी मगर तब तक उसे ना लंड के बारे मे कुछ मालूम था ना उसे लंड का स्वाद ही पता था ! मगर अब वो मदनलाल और सन्नी के दो दो मस्त लंड का रसास्वादन कर चुकी थी इसलिए जैसे ही उसे अपनी नाभि के पास मामा के मूसल का दबाव महसूस हुआ उसकी साँसें तेज़ चलने लगी ! लंड का दबाव और उसके एरिया ऑफ कॉंटॅक्ट से ही कामया समझ गई की मामा का भी सन्नी के बराबर ही होगा ! बड़ी मुश्किल से अपनी सांसो को कंट्रोल कर वो बोली
कामया - - - मामा जी क्या कर रहे हो ! छोड़ो मुझे
मामा - - - क्यों अपनी कम्मो को प्यार कर रहा हूँ जैसे पहले करता था ! और कहते कहते मामा ने अपने दोनो पंजे कामया की गाँड मे गड़ा दिए ! गाँड को मामा के शिकंजे मे फँसते देख वो चिहुनक कर आगे को हुई तो बेचारी और बुरी फँस गई ! आगे बढ़ने से मामा का मूसल नीचे को खिसक कर उसकी जांघों के बीच सरक गया और प्रेम गुफा के मुहाने पर दस्तक देने लगा ! अपने निजी अंग पर मामा के अंग के स्पर्श मात्र से ही कामया के जिस्म मे चींटी सी रेंगने लगी ! वैसे भी कामया को चुदे लगभग दो हफ़्ता हो गया था ! जवानी से लबरेज कामया के लिए इतने दिन का अंतराल अब असहनीय हो जाता था ! उसने मचलते हुआ कहा
कामया - - - हो गया बहुत प्यार ! अब तो छोड़ दो !
मामा - - - अभी कहाँ हुआ प्यार ! इससे ज़्यादा प्यार तो हम तब करते थे जब तुम्हारी शादी भी नही हुई थी अब तो शादी शुदा एक्सपीरियेन्स्ड हो अब तो ज़्यादा प्यार करना पड़ेगा ! मामा अब पूरा बेशर्म बन गया था ! उसने कामया की गदराई गाँड को मसलते हुए एक हाथ आगे लाकर कामया के सन्तरो को पकड़ लिया और लगा उसे सहलाने ! मामा के हाथ मे चूची आते ही कामया सिहर उठी और जल्दी सी बोली
कामया - - मामा नहीं प्लीज़ हमे छोड़िए !
मामा - - - कम्मो ज़रा प्यार तो करने दो ! देखो पहले कितने छोटे से थे ये बिल्कुल नींबू जैसे लेकिन अब तो नासिक के संतरे बन गये हैं ! लगता है सुनील बहुत मेहनत कर रहा है इनपर ! कहते कहते मामा ने सिर नीचे किया और कामया के नग्न कंधों पर चुंबन की बौछार करने लगा ! मामा के मुख से नींबू संतरे जैसे शब्दों को सुनकर कामया का चेहरा शर्म से लाल हो गया ! मामा एक हाथ से उसकी गाँड को भींच रहा था तो दूसरे हाथ से बारी बारी से उसके बूब्स को मसल रहा था ! कामया के लिए अब उसका शरीर ही उसका दुश्मन बनने लगा था वो मामा को हटाना चाहती थी मगर उसका बदन ऐसा नहीं होने दे रहा था ! हालाकी अभी तक मामा ने कोई अनहोनी नहीं की थी इतना तो वो पहले भी कर ही लेते थे कामया के मना करने के बाद भी ! लेकिन कामया ने अभी अपना होश पूरा नहीं खोया था !
कामया - - - मामा प्लीज़ ! अब बहुत हो गया ! अब रहने दीजिए !
मामा - - - कम्मो अभी तो कुछ भी नहीं हुआ ! आज चार साल बाद तो तुम मिली हो पहले तो हम हर पंद्रह दिन बाद ही आ जाते थे तुमसे मिलने !
कामया - -- मामा आप मुझसे मिलने नहीं अपनी दुकान की खरीदी करने आते थे !
मामा - - - अरे खरीदी तो केवल बहाना था कम्मो ! दरअसल तुम्हारी ये अदाएँ ही हमे खींच लाती थी वरना खरीदी तो मोबाइल से ही हो जाती है ! शायद तुम्हे एक बात मालूम नहीं !
कामया - - - कौन सी बात मामा ?
मामा - - - कम्मो तुम्हारी शादी के बाद से हम साल मे मुश्किल से दो बार ही आ पाते हैं इस शहर मे ! तुम्हारे बिना कुछ नहीं रह गया इस शहर मे हमारे लिए !
कामया - - - चुप करो मामा फालतू की बात मत करो ! दुकानदारी पर ध्यान दिया करो अब !
मामा - - - अरे तुमसे ध्यान हटता ही नही तो खाक कहीं और ध्यान दें ! तुम जानती तो हो ना क़ि हम तब से तुमसे प्यार करते हैं जब तुम छोटे से बड़ी हो रही थी ! तुम्हारे इस हुश्न के पहले आशिक़ तो हम ही हैं ! सुनील का नंबर तो बहुत बाद मे आया ! मामा की बात सुनकर कामया सोचने लगी मामा कह तो सही रहा है उसे भी अपने लड़की होने का पहला अहसास मामा की घूरती नज़रों के कारण ही हुआ था ! मामा जब आते हमेशा उसके बूब्स को या स्कर्ट से झाँकती उसकी थाइस को या उसके थिरकते नितंबों को ही देखते रहते ! और फिर धीरे धीरे उसके चुप रहने का फ़ायदा उठाकर वो उसके अंगों को छूने भी लग गये ! कामया अपने ख्याल मे खोई हुई ही थी की मामा ने अपने को घुटनो के बल किया और अपने दहकते होंठ कामया नाभि पर रख दिए !
अपनी नाभि पर मामा की गरम चिपचिपी जीभ लगते ही कामया सिसक पड़ी !!
कामया - - - आह ओह ! मामा नहीं प्लीज़ मत करो ! समझा करो मैं शादी शुदा हूँ !
मामा - - - तुम हमेशा ऐसा ही कहती हो पहले कहती थी कुँवारी हूँ अब कह रही हो शादी शुदा हूँ ! मेरे प्यार की तुमने कभी कद्र नहीं की ! हमेशा तुमने मुझे झिड़क दिया !
कामया - - - तो क्या ग़लत कहा ? पहले कुँवारी थी अब शादी शुदा हूँ ?
मामा - - - अब तो तुम्हे कोई टेंसन नहीं होनी चाहिए ! अब तो लाईसेंस मिल गया है कर लेने दो ना हमे प्यार ! दीवाने को इतना नहीं तड़पाते ! मामा अब पागलों की भाँति जगह जगह उसके पेट पर किस कर रहा था जबकि उसके हाथ कामया की वेल शेप्ड थंडर थाइस पर कहर बन के टूट पड़े थे ! अब कामया के मुख से भी सिसकारियाँ छूटने लगी थी ! उसे मामा के ऊपर तरश भी आ रहा था ! बेचारा पिछले दस बरस से उसके हुश्न की पूजा कर रहा था ! जो पहला पुजारी था उसे तो कुछ नहीं मिला था बाकी के तीन उसकी बीन बजा रहे थे ! इधर मामा की उंगलियाँ अब अपने अंतिम पड़ाव पर आ पहुँची उसने अपने दाहिना हाथ कामया की भट्टी के ऊपर रख दिया और लगा उसे मसलने ! चूत की रगड़ाई ने कामया के अंदर भी वासना के सैलाब को जन्म दे दिया ! मामा का कठोर मर्दाना जिस्म उसके अंदर की नारी को पुकार रहा था ! मामा जी बाबूजी और सन्नी दोनो से ज़्यादा मजबूत बदन के थे ! हालाकी सन्नी भी मामा जी के बराबर ही लंबा था मगर उमर कम होने के कारण वो गठा किंतु हल्का फूलका था जबकि मामा का जिस्म किसी जंगली भैसें के समान भारी भरकम हो चुका था ! मामा की उंगलियाँ अब कामया के सितार को बड़े नज़ाकत से छेड़ने लगी जिससे कामया के जिस्म से काम तरंगें निकलने लगी ! लेकिन कामया अभी भी मामा भांजी के रिश्तों की मर्यादा जानती थी साथ ही साथ वो मामा के साथ ऐसा कुछ करने के लिए मेंटली तैयार भी नहीं थी ! बाबूजी के साथ उसे तैयार होने मे छः महीने लग गये थे तो मामा ने तो अभी शुरूवात बस की थी ! उधर मम्मी भी कभी भी आ सकती थी सो उसने कहा
कामया - - - बस मामा अब और नहीं ! अब उठो ! इट इस एनफ फॉर टुडे !
कम्मो की बात सुनकर मामा उठ गया मगर वो इतनी जल्दी मानने वालों मे नहीं था उसे ये भी अनुभव था क़ि औरत को तैयार करने मे बहुत मेहनत करनी पड़ती है ! जब खेत की ज़रा सुंदर मजदूर औरतें उसे महीने दो महीने नचा देती थी फिर कहीं उसके नीचे आती थी तो आज तो कामया को पहली बार उसने कहा था की हमे भी प्यार कर लेने दो ! भला कामया जैसी स्वपन सुंदरी एक बार मे मान जाएगी ? उसने कामया की गर्दन पर किस करना चालू रखा और एक हाथ से उसकी साड़ी ऊपर उठाने लगा ! कामया मदहोश सी थी उसे तब पता चला जब उसे अपनी अंदरूनी जांघों पर मामा के कठोर हाथ का स्पर्श हुआ ! उसने नीचे देखा तो उसकी साड़ी एक तरफ से कमर तक आ चुकी थी और मामा के हाथ उसकी कदली जांघों से खेल रहे थे ! उसकी गोरी चिकनी जांघें शाम के धुन्धलके मे ट्यूब लाइट की भाँति चमक रही थी ! एक बार तो कामया को भी अपनी जांघों पर प्यार आ गया मगर तुरंत उसने होश मे आते हुए साड़ी नीचे गिरा दी !
कामया - - - मामा ये क्या कर रहे हो ! मैने मना कर दिया ना ?
मामा - - - कम्मो प्लीज़ आज मत रोक मुझे ! कर लेने दे ना प्यार !
कामया - -- अभी मम्मी आ जाएगी ना तो सारा प्यार निकल जाएगा !
मामा - - - अच्छा एक बार इन्हे देख लेने दे बस ! जीने का बहाना मिल जाएगा ! कहते हुए मामा ने उसके ब्लाउस के बटन खोलने चालू कर दिए !
कामया - - - मामा मत करो मम्मी कभी भी आ सकती है ! हालाकी मामा ने उसके अंदर इतनी देर से काम की प्रबल अगनी प्रजलवित कर दी थी क़ि मन तो उसका भी कर रहा था क़ि कोई उसके इन निगोडे बूब्स को मसल डाले ! वो चुपचाप रह गई ! मामा ने एक एक कर उसके बटन खोल डाले और दूध को ब्रा से बाहर निकाल दिया !
कामया - - - मामा प्लीज़ मम्मी आ जाएगी ? अब वो मना नहीं कर रही थी बस उसे मम्मी का डर था ! इस बात को मामा भी समझ चुका था यानी लौंडिया अब उससे शरम छोड़ चुकी थी !
मामा - - - मम्मी की चिंता मत कर कम्मो दरवाजा बंद है ! कामया ने नशे से बोझिल अपनी आँखों से देखा तो दरवाजा सचमुच बंद था ! इधर मामा ने कामया के अनावृत उरोज़ देखे तो आँख फाड़ कर उनके रूप को पीने लगा !
मामा ने अपनी जिंदगी मे दर्ज़नों चूचियाँ देखी थी मगर कामया तो बस कामया थी ! मेनका ,रंभा और उर्वशी के टक्कर का हुश्न था उसके पास ! मामा ने अपना हाथ बड़ाया और बड़े आहिस्ता से दोनो चुची थाम ली ! उसके हाथों मे कंपन हो रहा था ! कामया की नंगी चूची थामना उसके लिए किसी सपने के पूरा होने जैसा था !
मामा - - - कम्मो तू लड़की नहीं है रे ! तू तो जान लेने की मशीन है ! किसी दिन तेरे को याद करके ही मेरा हार्ट फैल होगा ! मामा का दीवानापन देख कामया का नारी मन खिल उठा ! चाहे वो जानती थी सब उसके जिस्म के दीवाने हैं मगर फिर भी अपने हुश्न अपने रूप अपने जवान जिस्म की तारीफ़ उसे अंदर तक सकून पहुँचा देते थे !
कामया - - - मामा अब हो गया ना ! मैने आपकी बात मान ली अब बस करो
मामा -- - - बस मेरी रानी बस एक मिनिट कह कर मामा झुका और अपनी कम्मो के एक बूब को उसने अपने मुँह मे भर लिया !
कामया - - - आ !! शी शी मामा मत करो मुझे कुछ हो रहा है !
मामा - - - होने दे रानी होने दे ! होने के लिए तो कर रहा हूँ ! कम्मो कैसा लग रहा है !
कामया - - - चुप करो ! बस बहुत हो गई आपकी नौटंकी ! प्लीज़ अब बंद करो ये सब ! कामया लगातार बस करो बस करो बोले जा रही थी मगर लेकिन एक भी बार अपनी तरफ से हटने का प्रयास नहीं कर रही थी ! और मामा की पारखी नज़रें उसके ना मे भी हाँ ढूँढ ले रही थी ! मामा ने बारी बारी से दोनो चूची पीना चालू कर दिया ! एक को पीता तो दूसरी को दबाता ,दूसरी को पीता तो पहले वाली को दबाता ! कामया का तो बुरा हाल हो चुका था ! चुची चूषण उसकी बड़ी भारी कमज़ोरी थी ! जैसे ही उसकी चुची किसी मर्द के मुँह मे जाती वो बेकाबू हो जाती थी ! कामया का पूरा बदन काँप रहा था और उसके नाज़ुक बदन मे गूस बम उठ आए थे !
दूध पीते पीते मामा की उंगली धीरे से कामया के पेटिकोट के नाडे से जाकर लगी ! कामया को तो कुछ होश ही नहीं था मामा को तो लग रहा था क़ि आज उसका जेकपोट लगने वाला है चुची के साथ साथ शायद आज ही उसे कम्मो की प्यारी दुलारी मुनिया के भी दर्शन हो जाएँगे ! वो अपने भाग्य को सराहने लगा ! उसने पेटिकोट का नाडा उंगली मे फँसाया और जैसे ही उसे खींचने वाला था की तभी डोर बेल बज उठी !
बेल की आवाज़ सुनते ही दोनो को होश आया ! कामया अभी भी मामा की बाहों मे थी और मामा का खड़ा लंड अभी भी उसकी चूत के ऊपर दबाव बना रहा था ! कामया ने अपने को देखा तो काँप गई उसका ब्लाउस और ब्रा दोनो खुले थे और दोनो बूब्स बाहर छलक रहे थे ! साड़ी नीचे अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रही थी / उसने जल्दी से अपने को छुड़ाया और कपड़े उठाकर बाथरूम मे घुस गई !
कामया के बाथरूम मे जाने के बाद आराम से मामा ने दरवाजा खोला ! मामा को देखते ही कामया की मम्मी खुश हो गई
कामया की मम्मी - - - अरे यशवंत तू कब आया !
अब मामा आ तो सुबह से गया था और मार्केटिंग कर के अब उसे निकलना था मगर कम्मो को देख कर अब उसे आज रुकने की इच्छा हो गई थी तो तुरंत बात बनाते हुए बोला
मामा - - - - दीदी बस अभी चला ही आ रहा हूँ ! थोड़ा लेट हो गया था इसलिए मार्केट ना जाकर सीधे यहीं आ गया !
कामया की मम्मी - - - चल ठीक है आज आराम कर ले कल करना मार्केटिंग ! वो कामया कहाँ है ?
मामा - - - वो अभी तो मुझे पानी दी थी फिर पता नही अंदर कहाँ चली गई ?
उधर कामया बाथरूम मे दोनो भाई बहन की बात सुन रही थी ! उसकी साँसें धोन्कनी की तरह चल रही थी ! माथे पर पसीना आ गया था और टाँगें अभी भी काँप रही थी ! हड़बड़ाहट मे उसने अभी तक अपने कपड़े ठीक नहीं किए थे ! तभी उसे मम्मी की आवाज़ सुनाई दी
मम्मी - - - अरे कम्मो कहाँ है तू ?
कामया - - - मम्मी अभी आई यहाँ हूँ ! कामया जल्दी जल्दी अपने को ठीक करने लगी ! जो कुछ अभी हुआ उसे याद कर उसके कान गर्म हो गये ! आज मामा जी बहुत आगे निकल गये थे इसके पहले वो कभी मामा के सामने इस तरह उघाड़ी नहीं हुई थी ! आज तो मामा ने ना केवल उसे उघाड़ दिया बल्कि उसका दूध भी पी लिया ! ""हे राम मैं कितनी बेशरम हो गई थी उस समय वो बुदबुदाई ! अगर मम्मी आज आधा घंटा और बाहर रहती तो मामा तो आज अपनी मन की कर ही चुके होते !बाप रे बेटे के बाद अब बाप भी कर लेता तो ?? "" उसके गाल इस बात से ही लाल हो गये ! उसे मामा की बेताबी उनकी आँखों मे अपने बदन के लिए प्यास याद आ गई कैसे भूखी नज़रों से उसे घूर रहे थे ! आज तो बाल बाल बच गई ! फिर वो सोचने लगी इसमे मेरी ही ग़लती है वो मेरा पेटिकोट तक खोलने वाले थे और मैं बेसूध सी पड़ी थी तो भला मर्द तो मनमानी करेगा ही ! जब कामया बाहर निकली तो मामा से नज़रें नहीं मिला पा रही थी उसे बार बार याद आ जाता की कैसे मामा उसके बूब्स को चूस रहा था और कैसे उसकी गदराई नंगी जांघों को सहला रहा था ! रात को जब वो डिनर बना रही थी तो मामा बाजार जाकर आइस क्रीम ले आया ! सब डिनर करके हॉल मे बैठे थे और कामया किचन मे काम कर रही थी तभी मामा वहाँ बहाने से आया
मामा - - - कम्मो आइस क्रीम कैसी लगी ?
कामया - - टेस्टी थी ! अच्छा मामा पहले तो आप कप वाली लाते थे फिर इस बार चॉको बार क्यों ले आए ?
मामा - --- पहले तुम कुँवारी जो थी ! अब मेरीड हो तो अब तुम्हे चॉको बार पसंद आने लगी होगी ! क्यों कम्मो दामाद जी खिलाते हैं ना चॉको बार ?
कामया - - - शट अप मामा आप जाओ यहाँ से ! हमेशा गंदी बात करते रहते हो ?
मामा - - - ओके ओके जा रहा हूँ ! गुस्सा मत हो ! और फिर मामा उसकी उभरी हुई गाँड मे हाथ फेर कर निकल गया !
मामा के सुनील द्वारा चॉको बार खिलाने वाली बात से कामया की पेंटी मे सुरसुरी होने लगी ! सुनील तो नहीं मगर बाबूजी और सन्नी ने बहुत चॉको बार खिलाया है मुझे वो बुदबुदाई ! उसके जेहन मे कई दृश्य घूम गये जब उसे चॉको बार खाने मिली थी ! उसे हाल ही की घटना याद आ गई जब वो सन्नी और सुनील के साथ हनी मून गई हुई थी और सन्नी ने बरगी बाँध की हरी भरी वादियों मे खुले आम उसे अपना चॉको बार खाने को मजबूर कर दिया था ! वो दृश्य याद आते ही उसका हाथ अपने आप अपनी मुनिया के ऊपर चला गया !
कामया के घर मे एक कमरा ऊपर छत मे बना था ,जब भी मामा या सन्नी आदि कोई आते थे तो वहीं सोते थे ! इधर मामा वापस आकर बैठ गया कामया की गाँड को सहलाके आने के कारण उसका पप्पू पूरी शान से खड़ा हुआ था और उसे परेशान कर रहा था ! अचानक कामया को मम्मी की आवाज़ आई
मम्मी - - - बेटा कम्मो
कामया - - - हाँ मम्मी
मम्मी - - - बेटा तेरे मामा दूध पीकर सोते हैं ज़रा उन्हे दूध गरम करके दे देना !
कामया - - - ठीक है मम्मी अभी गरम कर दे देती हूँ ! कामया को आवाज़ देकर मम्मी खुद अपने कमरे मे चली गई उसके पापा पहले ही जा चुके थे ! कामया की मम्मी के जाते ही मामा के दिमाग़ मे आइडिया आ गया वो चुपचाप उठा और ऊपर कमरे मे चला गया ! उसके चेहरे मे कुटिल मुस्कान आ चुकी थी !
थोड़ी देर बाद कामया एक ग्लास मे दूध लेकर किचन से बाहर आई तो हैरत मे पढ़ गई ! हाल मे कोई नहीं था सब अपने अपने कमरे मे जा चुके थे ! वो भारी धरम संकट मे फँस गई ,उसे पता था क़ि अगर वो दूध लेकर ऊपर जाएगी तो मामा ज़रूर छेड़छाड़ करेंगे ! मम्मी भी कमरे मे थी उन्हे बोल भी नहीं सकती थी की आप चली जाओ ! वो समझ गई की मामा जानबूझकर ऊपर चले गये हैं ! उसके पास अब ऊपर जाने के सिवाय कोई चारा नहीं था किंतु डर भी था क़ि पता नहीं आज ऊपर उसके साथ क्या होने वाला है ! काफ़ी साहस बटोरकर वो सीढ़ी चॅडने लगी ! उसने सोचा मामा चाहे उसे कितना भी परेशान करते हैं मगर वो कभी उससे ज़बरदस्ती नहीं कर सकते जब भी उसने सख़्त शब्दों मे उन्हे रोका है वो हमेशा रुक जाते हैं सो डरने की कोई बात नहीं है "" ही कांट रेप मी ""!
जाकर कामया ने द्वार खाट खटाया तो मामा ने दरवाजा खोला
कामया - - - मामा ये दूध आपका ?
मामा - - - अरे हाँ वहाँ टेबल पर रख दो ! कामया ने सोचा था दरवाज़े से ही लौट जाएगी मगर मामा ने नहले पर दहला मार दिया था ! कामया धीरे से टेबल की तरफ बढ़ी और इधर मामा ने जल्दी से सांकल लगा दी ! जब कामया पलटी तो देखा की दरवाज़ा बंद है और मामा ठीक उसके पीछे खड़ा है /
कामया - - - ,मामा दरवाज़ा क्यों बंद कर दिया ?
मामा - - - अरे कम्मो इतने सालों बाद मिले हैं आओ बैठ कर थोड़ी देर बातें करें !
कामया - - - मामा रात हो गई है कल करेंगे बात ! और वो जाने लगी !
मामा - - -- अरे कम्मो इतनी भी रात थोड़ी हुई है दस ही तो बजा है चली जाना थोड़ी देर बाद ! कहते हुए मामा ने फूल सा नाज़ुक उसका बदन अपनी गोद मे उठा लिया और ले जाकर बेड मे पटक दिया !
कामया - - - मामा प्लीज़ हमे जाने दो !
मामा - - - बस कम्मो दस पाँच मिनिट तो रुक जाओ ! और फिर मामा झुका और अपने तपते होंठ कामया की रसीले होंठो से जोड़ दिए ! मामा के ताक़तवर बदन के नीचे कामया बिल्कुल बेबस हो गई थी !
मामा शाम की घटना से ही समझ गया था की कम्मो गरम तासीर की लौंडिया है अगर थोड़ी देर ज़ोर ज़बरदस्ती से उसके सेक्सी बदन से खिलवाड़ कर लिया तो फिर खुद कामया के लिए अपने को रोकना मुश्किल हो जाएगा / और अब तो सूनी रात थी कामया के मम्मी पापा भी सो चुके थे अगर किस्मत ने साथ दिया तो आज ही कम्मो को अपनी बनाने का अवसर मिल जाएगा ! वो कामया को बेतहासा चूमने लगा और उसने अपने हाथ कामया के भरे भरे संतरों पर रख कर उन्हे निचोड़ने लगा !चूची पर मामा के हाथो की मसलवाई कामया के मुख से सिसकारी निकालने के लिए काफ़ी थी
कामया - - - आह उई माँ ! मामा नहीं हमे जाने दो प्लीज़ !
मामा - - - कम्मो चली जाना हम कोई तुम्हे रोकेंगे नहीं बस थोड़ी देर तो प्यार कर लेने दो
वो फिर से अपनी सेक्सी भांजी के बदन से खेलने लगा ! मामा इन मामलों मे भी सन्नी का बाप था उसे नारी तन की हर कमज़ोरी का पता था ! वो कभी कामया के होंठो का रस पीता तो कभी उसकी संवेदनशील गर्दन को किस करने लगता / उसके हाथ अब कम्मो की साड़ी के अंदर पहुँच चुके थे और उसकी भारी भारी जांघों को सहला रहे थे ! मामा जानता था की स्त्री का जो अंग सबसे ज़्यादा विकसित होता है वही सबसे सेंसीटिव भी होता है और कामया की जांघें उसके जिस्म की सबसे खूब सूरत दौलत थी ! अपनी चिकनी मांसल जांघों मे मर्द के कठोर हथेली का स्पर्श कामया को बेबस किए जा रहा था ! वो मामा का विरोध कर रही थी साथ ही साथ उसके मुँह से कामुक सिसकारी भी निकल रही थी ! अचानक मामा का हाथ जांघों से ऊपर उठकर डोनेट सी फूली उसकी चूत पर आ गया / मामा ने उसी पर अपनी मेहनत चालू कर दी / वो बड़ी तल्लीनता से उसकी बुर को सहलाने लगा ! मामा ने महसूस कर लिया था की पेंटी पूरी गीली हो चुकी है ! अचानक उसने पेंटी लाइनिंग से उंगली अंदर की और रसीली पंखुड़ियों को छू दिया ! चूत पर मामा की छूअन से ही कामया का बदन ऐंठने लगा साँस भारी हो गई मगर इस आक्रमण से जैसे उसे कुछ होश भी आ गया वो तुरंत बोली
कामया - - - मामा प्लीज़ बस अब और नहीं ! जाने दो हमे /
मामा - - - ऐसे कैसे जाने दें कम्मो ? थोड़ा सा और प्यार कर लेने दो ?
कामया - - - ऐसे कैसे जाने दें मतलब ? मामा क्या ज़बरदस्ती करोगे हमारे साथ !
मामा को अपनी भूल का अहसास हो गया ! ज़बरदस्ती तो बाप बेटे दोनो के खून मे ही नहीं थी ! औरतों के साथ उन्होने हमेशा आपसी सहमति से ही संबंध बनाए थे क्योंकि मज़ा भी उसी मे आता है जब स्त्री भी तैयार हो और खुल के एंजाय करे इस लिए वो जल्दी से बोला
मामा - - - क्या कह रही हो कम्मो ? क्या हम तुम्हारे साथ कभी ज़बरदस्ती कर सकते हैं ! और कहते हुआ वो उसके ऊपर से हट गया ! शायद अपने को शरीफ दिखाने के लिए !
मौका देख कामया जल्दी से उठी और बेड से उतारकर जाने लगी ! ये तो मामा ने भी नहीं सोचा था की वो इतनी फुर्ती दिखा देगी सो उसने जल्दी से उसे पकड़ना चाहा जिससे कामया की साड़ी का पल्लू उसके हाथ मे आ गया और कामया की साड़ी खुलते चली गई !
पल्लू हटते ही कामया की जवानी उसके सामने उभर आई ! लो कट ब्लाउस से उसके बूब्स बाहर को छलक पढ़ रहे थे / मामा मंत्र मुग्ध सा कुदरत की उस बेजोड़ कारिगिरी को देख रहा था ! अपनी दौलत को यूँ घूरता देख कामया बोली
कामया - - - मामा प्लीज़ हमारा कपड़ा छोड़ो और हमे जाने दो !
मामा - - - रानी चले जाना ! बस थोड़ा सा देख तो लेने दो ! और फिर मामा ने उसके पल्लू को झटका देकर अपनी ओर खींच लिया ! उसने सोचा था की फ़िल्मो के सीन की तरह कामया गोल गोल घूमती हुई उससे आ लगेगी मगर यहाँ तो उल्टा ही हो गया !
कामया उसके पास आने की बजाय झटके के कारण फर्श पर गिर पढ़ी !
बड़े बूब्स के झटके को उसका ब्लाउस भी नहीं झेल पाया और चटचटा के उसके बटन टूट गये और कामया की जवनिया बाहर छलक पढ़ी !अब ब्लाउस मे केवल एक बटन बचा था ! मामा का तो मुँह फटा का फटा रह गया ! मामा कामया के उरोजो को देख कर ऐसा ललचा रहा था जैसे कोई लुटेरा स्वर्ण ,जवाहरात देख कर ललचा जाता है ! गिरने से कामया की साड़ी भी ऊपर को उठ गई थी और मामा के पसंदीदा लेग पीस उजागर हो गये थे ! कामया की जांघें बेहद ही सेक्सी थी ! गोरी चिकनी लंबी जांघें किसी मॉडल की तरह लगती थी ! मामा झुककर जांघों के पास बैठ गया और धीरे से जांघों के अंदुरूनी हिस्से मे हाथ फेरने लगा ! मामा के हाथ उसकी जांघों मे आग भर रहे थे ! थाइ क्वीन कामया की आँखों मे सुरूर चढ़ने लगा ! वो कसमसाई और उठने की कोशिश करने लगी तो मामा ने अपनी बालिश्ट बाहों का सहारा देकर उसे उठा दिया और अपने सीने मे भींच लिया ! मामा के सख़्त सीने मे चूची दबाते ही कामया कराह उठी !
कामया - - - आह // उई !! मामा हमे जाने दो
मामा - - - कम्मो बस एक बार देख लेने दे इनको फिर चली जाना / मामा ने उसके अनार को घूरते हुए कहा वो अब उसकी मस्त गाँड को सहला रहा था !
कामया - -- एक बार शाम को देख तो लिए हैं ना !
मामा - - - अच्छे से कहाँ देख पाए थे दीदी जो आ गई थी ! गाँड मे घूमती मामा की हथेली उसके अंदर अरमानो को जगा रही थी / जबकि मामा का लंड उसकी नाभि पर चोट कर रहा था ! मामा ने ऊपर आकर सबसे पहले यही काम किया था क़ि केवल लूँगी पहन कर इंतज़ार कर रहा था उसने अंदर से चड्डी भी उतार दी थी जिससे उसका हथियार ठीक 90 डिग्री पर तना हुआ था ! नाभि मे घुसता मामा का मूसल कामया को सन्नी की याद दिला रहा था उसका हथियार भी ठीक वहीं गड़ता था ! उसने फिर प्रतिरोध किया
कामया - - - नहीं जाने दो हमे ! मम्मी आ गई थी तो वो आपका हार्ड लक था उसके लिए हम क्या करें ?
मामा - - - बस इतना कर दो की हमे एक बार फिर देख लेने दो ! और ऐसा कहते कहते मामा ने उसका एक मात्र बचा बटन भी खोल दिया और कामया का ब्लाउस निकालने लगा ! कामया ने भी चुप्पी साध ली ! मामा जो देखने जा रहे थे वो शाम को भी देख चुके थे इस लिए उसे कोई खाश परेशानी नहीं हो रही थी ! एक बार उसका ब्लाउस पहले भी मामा खोल चुके थे तो एक बार फिर सही / फिर अंदर ही अंदर उसे भी मामा की बेकरारी देखने की इच्छा हो रही थी ! शाम को उसने मामा की आँखों मे अपने बूब्स को देखकर जो भूख देखी थी वही भूख उसका नारी मंन फिर देखने की माँग कर रहा था ! मामा ने ब्लाउस उतारकर फेंक दिया ! अब उसकी प्यारी कम्मो उसकी आँखों के सामने टॉप लेस थी !
अपनी सर्वांग सुंदरी भांजी कामया को अर्ध नग्न सामने देख मामा चित्र लिखित सा उसके हुश्न के वैभव को देखता ही रह गया ! काफ़ी देर तक वो उसे देखता रहा और फिर आगे बॅड कर उसने कामया को अपनी कठोर छाती मे भींच लिया !
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