FUN-MAZA-MASTI
ठरकी की लाइफ में ..46
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अब आगे
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अजय हमेशा की तरह अपने ससुराल गया पहले, दरवाजा उसकी सासू माँ ने खोला.वो देख नही पाया लेकिन वो थोड़ी मायूस सी थी..
अजय ने उनके सेक्सी शरीर को निहारा और अंदर आते हुए उसे रगड़ता हुआ प्राची के रूम की तरफ चल दिया.
पीछे से उसकी सास ने कहा : "प्राची वहां नही है...वो वापिस चली गयी ...अपने घर..''
अजय एकदम से चोंक गया...ये कैसे हो गया...वो अपनी सास की तरफ पलटा और उसने सवालो की झड़ी लगा दी.
''लेकिन क्यो....उसे तो डॉक्टर ने मना किया था अभी...ऐसे क्यो किया, इतनी उपर सीडिया कैसे चढ़ गयी वो...''
रजनी ने सब बाते आराम से सुनी और बोली : "वो डॉक्टर से बात कर चुकी है...उन्होने ही ऐसा करने को कहा था,अगर कोई प्राब्लम ना हो तो...और वैसे भी,प्राची काफ़ी दिनों से कह रही थी की उसे अब तुम्हारी बहुत याद आ रही है...वो यहाँ बोर हो रही थी...''
अजय : "मेरी याद आ रही है...हम तो रोज मिलते है...इसमे उदास होने वाली क्या बात है...''
रजनी (मंद-2 मुस्कुराते हुए) : "समझने की कोशिश करो अजय....वो तुम्हे किस तरह से मिस कर रही है...''
अपनी सास की बात सुनकर वो समझ गया की आख़िर प्राची ने ऐसा क्यो किया....उसकी चूत में खुजली हो रही होगी...और अपने मायके में रहकर वो रोज तो चुदाई नही करवा सकती ना...और शायद इसलिए रजनी के चेहरे पर मायूसी थी, क्योंकि प्राची के वापिस घर आ जाने के बाद अजय रात को उनकी चुदाई तो बिल्कुल भी नही कर पाएगा..
रजनी के साथ-2 अजय भी परेशान था, रजनी को अपनी चुदाई की चिंता थी और अजय को उनके साथ-2 पूजा और रिया की भी...काश वो पहले ही रिया की मार लेता, अब तो पूजा और रजनी की मारनी भी मुश्किल लग रही है..
लेकिन ये सब बाते बाद में सोची जा सकती थी, पहले उसे प्राची को देखना था, उसे इस वक़्त प्राची की काफ़ी चिंता हो रही थी.
वो तुरंत अपने घर की तरफ चल दिया
जाते-2 रजनी ने ये भी बता दिया था की इस वक़्त पूजा और रिया प्राची के साथ ही है.
वो सीधा उपर गया,दरवाजा पूजा ने खोला, अपनी माँ की तरह उसका चेहरा भी उतरा हुआ था.
लेकिन इस वक़्त अजय को उससे ज़्यादा अपनी वाइफ की चिंता थी...थोड़ा डांटना भी था उसे.
लेकिन उसके पास पहुँचते ही वो सब भूल गया, प्राची ने जैसे ही उसे देखा वो उसके पास आई और गले से लिपट कर ज़ोर से हग किया...प्राची को इस वक़्त अपनी बहनो की भी चिंता नही थी जो अपनी आँखे फाड़े अपनी बहन को अपने जीजू के साथ चिपके देख रही थी...ऐसा प्राची कभी नहीं करती थी,किसी के सामने उसने पहली बार अजय को इस तरह से हग किया था.
अजय (थोड़ी चिंता भरे स्वर में ) : "प्राची....ये क्या है...तुम्हे डॉक्टर ने मना किया था ना, फिर क्यों इतनी सीडियां चड़कर उपर आई....तुम्हारा हर हफ्ते चेकअप है...ऐसे बार-2 सीडिया उतरना-चड़ना तुम्हारे और बच्चे के लिए सही नही है...''
प्राची : "अजय....मैने अपनी गायनो से बात कर ली थी सुबह ....और तभी मैं आई हूँ ...उन्होने कहा है की लास्ट के 2-3 हफ्ते ही बचे है...और वो घर आकर मेरा चेकअप कर लिया करेगी...वैसे भी काफ़ी दिनों से मैं वहां रहकर बोर सी हो गयी थी....एंड ..आई वाज़ मिस्सिंग यू .....''
उसकी बात सुनकर रिया और पूजा एक साथ बोल पड़ी : "ओहो......ओहो......''
उन्हे इस तरह से छेड़ता देखकर प्राची शरमा सी गयी...और अजय के सीने में सिर घुसा कर छुप गयी..
रिया : "चलो दीदी....अब यहां हमारी कोई ज़रूरत नही है....यहाँ से निकलना ही बेहतर है....ही ही..''
और दोनो बहने हँसती हुई बाहर की तरफ जाने लगी...
तभी पीछे से प्राची ने आवाज़ लगाई और बोली : "अच्छा सुनो....तुम दोनो में से एक को तो यही रुकना पड़ेगा ना...रात को अगर मुझे कोई हैल्प चाहिए होगी तो...और सुबह अजय का टिफिन भी तो तैयार करना होगा...मम्मी कहाँ तक करेंगी ये सब....''
प्राची की बात सुनकर दोनो के चेहरे पर चमक आ गयी....और दोनो ने एक साथ चहकते हुए कहा : "ओके ...ठीक है...मैं रुकूंगी...''
दोनो को एक साथ इतने इंटरस्ट से वहां रुकने के लिए लालायित होते देखकर प्राची भी मुस्कुरा दी...पर उसके पीछे का सच उसके अलावा तीनो ही जानते थे...
अजय ने बात संभाली , ताकि प्राची को एकदम से कोई शक़ ना हो जाए
वो बोला : "रिया, तुम नही, तुम्हारा तो कल एग्जाम है ना, नये कॉलेज में इस तरह से बेफिक्री से रहोगी तो फ़ेल हो जाओगी...तुम घर जाकर पढ़ाई करो, पूजा संभाल लेगी यहाँ ...''
बेचारी बुदबुदाती हुई वहां से निकल गयी....पूजा का दिल और चूत एक साथ पुलकित हो उठे...उसे अपना काम तो बनता हुआ दिख रहा था आज की रात...लेकिन वो नही जानती थी की अजय का उसे रोकने के पीछे कोई ख़ास मकसद नही था, वो प्राची के रहते हुए ऐसा कोई रिस्क नही लेना चाहता था जिसकी वजह से कोई परेशानी हो..
और वैसे भी अपने घर आने के बाद प्राची आज की रात जम कर चुदवायेगी और उसके बाद पूजा को चोदने के लिए रस बचना ही नही था उसके अंदर...
खैर...रिया के जाने के बाद पूजा किचन में जाकर रात के खाने का इंतज़ाम करने लगी...अजय भी फ्रेश होकर प्राची के साथ आकर बैठ गया,और एक अच्छी पत्नी की तरह प्राची ने पहले से ही फ्रिज से ठंडी बियर की बॉटल्स निकाल कर टेबल पर लगा दी..वो भी जानती थी की पीने के बाद अजय उसकी जमकर चुदाई करता है..
अजय ने वही बैठकर पी और किचन में काम कर रही पूजा को भी देखता रहा..और इस बात का ध्यान भी रख रहा था की प्राची ऐसा करते हुए उसे ना पकड़ पाए..
अजय के दिमाग़ में भी कुछ-2 चल रहा था...ताकि पूजा को कम से कम वहां रुकने का कुछ तो इनाम मिले...
और जब कुछ देर के लिए अपने बेडरूम में गयी तो अजय उठकर पूजा के पास गया और बोला : "तुम्हारे यहाँ रुकने के पीछे जो मकसद है, वो आज की रात तो पूरा नही हो सकेगा...''
पूजा (मुस्कुराते हुए) : "कोई बात नही...मेरे लिए इतना ही बहुत है की मैं आपके साथ हूँ ....आज ही नही मिलोगे ना...कब तक बचोगे मुझसे...''
वो अपने होंठों को दांतो तले दबाकर इतने सेक्सी अंदाज में बोली की अजय ने एकदम से आगे होकर उसके होंठों को चूम लिया...ऐसा करने से पहले उसने देख लिया था की प्राची वापिस नही आ रही है..
पूजा तो इतने मे ही खुश हो गयी...उसका भी मन करने लगा की वो भी किस्स करे...पर वो पासिबल नही था...
अजय : "अच्छा सुनो....लाइव टेलीकास्ट देखना चाहोगी...आज की रात का...थोड़ा टाइम पास हो जाएगा तुम्हारा भी...''
ये सुनते ही पूजा की आँखे चमक उठी...वो समझ गयी की अजय किस लाइव टेलीकास्ट की बात कर रहा है..
उसने तुरंत हाँ कर दी...अजय भी वापिस अपनी सीट पर आकर बैठ गया..
पूजा को अपनी चुदाई दिखाकर वो उसे कुछ नया ज्ञान भी देना चाहता था, क्योंकि अपनी पहली चुदाई में उसने वो सब नही किया था जो एक चुदक्कड़ औरत को करना चाहिए...और ये सीखने का इससे अच्छा अवसर और कोई हो ही नही सकता था..
अब अजय और पूजा दोनो को रात के शो का इंतजार था.
खाना खाने के बाद जब कपड़े बदलकर अजय बेडरूम में लेटा हुआ था तो बाहर का काम समेट कर प्राची अंदर आई...और उसने अंदर आते ही दरवाजा बंद कर दिया और चिटकनी लगा दी.
उसने एक बड़ी ही सेक्सी नाइट ड्रेस पहनी हुई थी.
उसे ऐसा करते देखकर अजय बोला : "लगता है मेरे क़त्ल का इरादा है जनाब का...लेकिन ये दरवाजा बंद क्यो कर दिया...''
प्राची (मुस्कुराते हुए) : "ताकि, तुम्हारा जब क़त्ल हो तो पूजा ना देख पाए...''
अजय उठकर उसके पास आया और उसे अपनी बाहों में लेकर बोला : "डार्लिंग...वो अपने कमरे में ही होगी, उसकी वैसे भी इतनी हिम्मत नही है की हमारे कमरे की तरफ आए...पहले भी तो रह चुकी है वो यहाँ ऐसे...इस तरह से कमरा बंद करने से अच्छा नही लगेगा..ये लाइट बंद कर दो,सब ठीक हो जाएगा...''
अजय तो पूजा को नाइट शो का प्रोमिस कर चुका था, इसलिए उसे किसी भी सूरत में ये दरवाजा खुला रखना था, ताकि वो अंदर झाँककर उनकी चुदाई देख सके..
अजय ने चिटकनी खोल दी और लाइट बंद कर दी.
प्राची ने उसके बाद कुछ नही बोला, वैसे भी वो सैक्स के टाइम किसी भी बात पर बहस करके अपना और अजय का मूड खराब नही करती थी.
लेकिन दरवाजा बंद होने के बाद पूरे कमरे में घुपप अंधेरा छा गया...उन दोनो को कुछ भी दिखाई नही दे रहा था...इसलिए अजय ने नाइट बल्ब जला दिया...और प्राची को लेकर बेड की तरफ आ गया...जाते-2 उसने हल्का सा दरवाजा भी खोल दिया ताकि उसमें से पूजा अंदर झाँक कर देख सके....
ऐसी सिचुएशन में भी बड़ी चिंता हो रही थी अजय को अपनी साली की...ऐसा जीजा सभी को मिलना चाहिए...वैसे जीजा तो सभी को ऐसा ही मिलता है,बस सालियां ही अपने जीजे के मन की बात नही समझती.
खैर, इधर अजय के रूम का दरवाजा बंद होते ही अपने कमरे में बैठी पूजा किसी बिल्ली की तरह चौकन्नी हो गयी, उसे पता चल चुका था की अब किसी भी पल शो शुरू हो सकता है..कुछ देर रुककर वो दबे पाँव बाहर निकली, पूरे घर की लाइट्स बंद थी, सिर्फ़ अजय के बेडरूम से हल्के नाइट बल्ब की रोशनी बाहर की तरफ आ रही थी...पूजा दबे पाँव दरवाजे तक गयी और छुपकर अंदर देखने लगी.
अंदर अजय ने प्राची को बेड पर लिटा दिया था...और धीरे-2 उसने उसकी टी शर्ट को उपर करके उसके फूले हुए पेट को उजागर किया...इस बेडोल शरीर के बाद भी प्राची बहुत सेक्सी लग रही थी...उसका दूध से नहाया हुआ बदन नाइट बल्ब की रोशनी में चमक उठा...अजय ने झुककर उसके पेट पर एक हल्की सी किस्स कर दी.
अजय के गीले होंठों की चुभन से प्राची सिहर उठी..और बिस्तर पर किसी नागिन की तरह मचलने लगी..
''ओह अजय..............माय डार्लिंग.....''
अजय के किस्स को बाहर खड़ी पूजा ने भी महसूस किया...ठीक उसी जगह पर जहाँ प्राची को किस्स किया था उसने...पूजा ने अपनी टी शर्ट उठा कर अपनी उंगलियों को मुँह में डालकर थोड़ा सा गीला किया और पेट के उसी हिस्से पर लगा दी..उसे यही एहसास हुआ की उसे भी वो किस्स मिल गयी है.
वो धीरे से बुदबुदाई : "ओह जीजू.............माई डार्लिंग.....''
अजय ने प्राची की टी शर्ट को उपर तक उठा दिया और उसके मोटे ताजे बूब्स उछल कर बाहर निकल आए....उसने ब्रा नही पहनी थी.
अजय ने दोनो को जी भरकर देखा और अपने होंठों को जीभ से गीला किया...प्राची ने उसके सिर पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया, और अपने बूब्स को उसके मुँह में ठूस दिया..और चिल्लाई
''चूसूऊऊऊऊऊऊऊऊऊसो अजय................ उम्म्म्मममममममममम..... ज़ोर से सकक्क करो इन्हे....''
अजय ने बिना कोई देरी किए अपने दाँतों और होंठों से उसे चूसना शुरू कर दिया..
बाहर खड़ी प्रिया ने भी अपने उरोजों को बेपर्दा कर दिया और उनपर वो गीली उंगलियाँ लगा कर अपने निप्पल्स को ज़ोर से दबा दिया, उसे ठीक वही एहसास हुआ जैसा उसके जीजू बूब्स चूस्टे हुए देते है...उसके पूरे शरीर में जल तरंग सी बज उठी.मस्ती भरी एक लहर उसके बूब्स से होती हुई नाभि तक और फिर दक्षिण में स्थित चूत तक जा पहुँची.. जिसके एहसास ने उसे सिसकारी मारकर अपने पंजों पर खड़े होने पर मजबूर कर दिया.
अजय ने अपने सारे कपड़े उतार दिए, और प्राची को भी नंगा कर दिया,
अजय उठकर प्राची के सिर के पास आ गया और उसने अपना चॉकलेटी लॅंड उसे चूसने के लिए दे दिया..
वो भी किसी बागड बिल्ली की तरह उसपर झपट पड़ी..आख़िरकार लंड चूसना उसका सबसे फ़ेवरेट काम जो था..उसने अजय के लंड को सड़प -2 करके चूसा और अपने हाथ से उसकी गोटियां सहलाती रही...फिर कुछ देर बाद उसने उसकी गोटियों को चूसा और लंड सहलाती रही...ऐसा उसने करीब 3-4 बार किया..अजय को उसकी यही बात सबसे अच्छी लगती थी की वो उसके लंड को ऐसे चूस्कर पूरा सम्मान देती थी..
उसने अपना लंड चुस्वाते हुए दरवाजे की तरफ देखा,जहाँ छुपकर बैठी हुई पूजा भी अपनी 3 उंगलियों को किसी लंड की तरहा चूस रही थी...अजय उसे दिखाना चाहता था की ऐसे चूसा कर मुझे,ताकि जो मज़े इस वक़्त प्राची दे रही है वो भी दे सके..पूजा समझ गयी और उसने मन ही मन निश्चय कर लिया की अगला मौका मिलने तो दो जीजू,ऐसा चूसूंगी की लंड में दर्द हो जाएगा...
अजय का लंड अब एकदम कड़क हो चुका था, यानी चुदाई के लिए बिलकुल तैयार ..उसे ये भी पता था की ऐसी हालत में सिर्फ़ 2-4 आसन ही है जिनमे वो प्राची की चुदाई कर सकता है...ताकि उसे ज़्यादा झटके ना लगे..और मज़ा भी पूरा मिले.
वो प्राची की टाँगो के बीच आकर बैठ गया, और उसने उसकी बर्गर जैसी फूली हुई चूत को देखा..
वो एकदम लिसलिसा रही थी, अपने ही रस में डूबी हुई सी...अजय ने अपने गीले लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे से झटका देकर उसे अंदर खिसका दिया..
''उूुुुउउम्म्म्मममममममममममम....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स............. आआआआअहह''
बस यही निकला प्राची के होंठों से...और उसने अपने पूए शरीर को बिस्तर पर पूरी तरह से फेला कर अपने आप को अजय के सामने बिछा दिया...दोनो हाथों को उपर की तरफ और टाँगो को नीचे से फेला कर वो चुदाई का भरपूर मज़ा लेने लगी.
और बाहर खड़ी पूजा ने जब ये सब होते हुए देखा तो उसने भी एक ही झटके में अपनी निक्कर नीचे गिरा दी..नीचे उसने पेंटी नही पहनी हुई थी...और फिर उसने अपने हाथ में पकड़ी एक मोमबत्ती ली और उसे अपनी चूत के अंदर घुसेड दिया..
ये मोमबत्ती उसने किचन से ली थी, ज़्यादा मोटी तो नही पर काफ़ी लंबी थी वो,उसकी लंबाई देखकर पूजा को पहली ही बार मे ये एहसास हो गया था जैसे जीजू के लंड का क्लोन है वो...उसने तुरंत वो मोमबत्ती अपने रूम में लेजाकर छुपा दी थी और अभी यहाँ आते हुए वो उठाती ले आई, उसे पता था की आज की रात ये केंडल बहुत काम आने वाली है.
केंडल के बत्ती वाले हिस्से को अपनी चूत में खिसका कर धीरे-2 धक्का दिया और वो किसी मालगाड़ी की तरह उसकी चूत की सुरंग में रेंगती हुई अंदर जाने लगी..
अंदर अजय की रेलगाड़ी भी अपनी स्पीड पकड़ चुकी थी...और उसने संभलकर धक्के लगाते हुए प्राची की चुदाई करनी शुरू कर दी..
प्राची मदहोशी में आकर चिल्लाए जा रही थी..
''आआआआआआआआअहह मेरे राजा............ उफफफफफफफफफफ्फ़ क्या मज़ा देता है ये लंड ............. अहह इतने दिनों से प्यास ही नही बुझ रही थी...... आआआआआआजजज मज़ा आया है......... आज जमकर चोदो मुझे....अजय ....... चोदो मेरी चूत को.......अपने मूसल जैसे लॅंड से......''
बाहर ज़मीन पर लेटकर अपनी चूत में मोबतती डालती हुई पूजा भी फुसफुसाई : "उम्म्म्मम ...मेरे राजा.....मेरी चूत में भी डालो ना अपना मूसल..... झटके दे-देकर चोदना मुझे तो....अपनी जान को...अपनी साली को....आअह मेरे सेक्सी जीजू............ मुझे भी चोदो ना....''
काश ऐसा सभी सालियां बोले तो अजय जैसे जीजों को बाहर मुँह ही ना मारना पड़े...घर की बात घर में ही रह जाए.
अजय अब बेड पर लेट गया और उसने बड़ी ही सावधानी से प्राची को अपने उपर बिठा लिया...प्रेग्नेन्सी के बाद उसका वजन काफ़ी बढ़ चुका था,लेकिन अजय भी काफ़ी ताकतवर था, उसने उसे बड़ी ही आसानी से संभाल लिया...और प्राची उसके लंड पर बैठकर धीरे-2 अपने शरीर को हिलाने लगी..अजय ने हाथ उपर करके उसके मुम्मों को पकड़ लिया और उन्हे निचोड़ डाला...उत्तेजना में भरकर प्राची ने उसके हाथ की उंगलियों को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...अब अजय का एक हाथ उसके मुँह में था और दूसरा उसके निप्पल्स पर..
पूजा ने केंडल निकाल कर अपनी 3 उंगलियाँ अपनी शहद उड़ेलती चूत में डाल दी और जितना शहद इकट्ठा हुआ था उसे समेट कर अपने मुँह तक ले आई और उसे चूस डाला...ठीक वैसे ही जैसे उसकी बहन प्राची इस वक़्त अजय की उंगलियों को चूस रही थी.
अजय के लंड पर उछल रही प्राची की स्पीड अब बड़ चुकी थी...लेकिन अजय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसके झटकों को कंट्रोल किया हुआ था...और ऐसे ही करते-2 प्राची की चूत ने पानी छोड़ दिया...जो अजय के लंड को पूरी तरह तर-बतर करता हुआ उसकी बॉल्स तक पहुँच गया...
अब एक बार फिर अजय ने प्राची को पीठ के बल लिटा कर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया...और उसकी दोनो जांघे पकड़ कर धीरे-2 उसे चोदने लगा..
पूजा ने भी अपनी केंडल एक बार फिर से अपनी चूत में डाल ली थी और उसे बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी...वो भी अपने आख़िरी पड़ाव में थी अब...उसकी केंडल को अंदर बाहर करने की गति इतनी तेज थी की एक पल के लिए तो उसे ऐसा लगा की चूत के घर्षण से निकलने वाली गर्मी से वो केंडल ही ना जल उठे.
अजय भी झड़ने वाला था...प्राची को ये एहसास होते ही उसने कहा : "अजय...प्लीज़ ....मेरे उपर निकालो सारा पानी...मुझे अपने प्यार से भिगो दो आज...''
उसके ऐसा कहने की देर थी की अजय के लंड का बाँध फूट पड़ा...और उसने बिना कोई देरी किए अपना बाजूका उसकी चूत से निकाल कर अपनी हथेली में पकड़ा और प्राची के शरीर पर फायर करने लगा..एक के बाद एक सफेद और चिपचिपी गोलियाँ निकलती गयी उसकी गन से...जो उसके उभरे हुए पेट से लेकर उसके सख़्त मुम्मो तक और उसके भी उपर उसके मुँह और बालों तक को भिगो गयी ..
ऐसी बारिश में नहाने की कल्पना मात्र से ही बाहर सिसकारियाँ मार रही पूजा भी झड़ गयी...अपने जीजे के नाम की केंडल को चूत में लेकर..और बुदबुदाई : "उम्म्म्मममममममममम जीजू.....मेरे प्यारे जीजू...... सिर्फ़ मेरे जीजू..... मेरे ही मेरे जीजू.........''
अंदर प्राची और अजय की ट्रेन शांत हुई और बाहर पूजा की....
प्राची : "उम्म्म्म....मैं तो पूरी भीग गयी आपके पानी से.....''
और मुस्कुराती हुई वो उठ खड़ी हुई और बोली : "मैं ज़रा बाथरूम में जाकर गर्म पानी से शावर ले लेती हू...ये बालों में भी लगा है...ऐसे तो निकलेगा नही ये...''
अजय कुछ आयी बोला...वो तो अभी तक गहरी साँसे लेकर अपने ऑर्गॅज़म से उभरने की कोशिश कर रहा था.
प्राची को बेड से उठता देखकर पूजा भागकर अपने रूम में चली गयी और चादर उपर तान कर सोने का नाटक करने लगी..
प्राची भी रूम से निकलकर बाथरूम की तरफ गयी...और ना जाने क्या सोचकर वो पूजा के रूम की तरफ मुड़ गयी और उसके अधखुले दरवाजे से अपनी बहन को सोता हुआ देखकर वो मुस्कुराइ और फिर बाथरूम में गयी..
अगर इस वक़्त उसने उसकी चादर को खींच कर देख लिया होता तो वो जान लेती की वो भी मदरजात नंगी है इस वक़्त जैसी की वो थी...और वो भी अभी-2 झड़कर हटी थी जैसे की प्राची खुद.
लेकिन इस भेद को शायद सारी उम्र ऐसे ही रहना था,इसलिए प्राची के हाथो ऐसा कुछ नही हुआ..
उसके बाथरूम मे जाते ही पूजा उछलकर चादर से निकल आई...और बिल्ली की तरह दबे पाँव भागती हुई सी वो अपने जीजू के रूम में घुस गयी....और वो भी एकदम नंगी.
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
ठरकी की लाइफ में ..46
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अजय हमेशा की तरह अपने ससुराल गया पहले, दरवाजा उसकी सासू माँ ने खोला.वो देख नही पाया लेकिन वो थोड़ी मायूस सी थी..
अजय ने उनके सेक्सी शरीर को निहारा और अंदर आते हुए उसे रगड़ता हुआ प्राची के रूम की तरफ चल दिया.
पीछे से उसकी सास ने कहा : "प्राची वहां नही है...वो वापिस चली गयी ...अपने घर..''
अजय एकदम से चोंक गया...ये कैसे हो गया...वो अपनी सास की तरफ पलटा और उसने सवालो की झड़ी लगा दी.
''लेकिन क्यो....उसे तो डॉक्टर ने मना किया था अभी...ऐसे क्यो किया, इतनी उपर सीडिया कैसे चढ़ गयी वो...''
रजनी ने सब बाते आराम से सुनी और बोली : "वो डॉक्टर से बात कर चुकी है...उन्होने ही ऐसा करने को कहा था,अगर कोई प्राब्लम ना हो तो...और वैसे भी,प्राची काफ़ी दिनों से कह रही थी की उसे अब तुम्हारी बहुत याद आ रही है...वो यहाँ बोर हो रही थी...''
अजय : "मेरी याद आ रही है...हम तो रोज मिलते है...इसमे उदास होने वाली क्या बात है...''
रजनी (मंद-2 मुस्कुराते हुए) : "समझने की कोशिश करो अजय....वो तुम्हे किस तरह से मिस कर रही है...''
अपनी सास की बात सुनकर वो समझ गया की आख़िर प्राची ने ऐसा क्यो किया....उसकी चूत में खुजली हो रही होगी...और अपने मायके में रहकर वो रोज तो चुदाई नही करवा सकती ना...और शायद इसलिए रजनी के चेहरे पर मायूसी थी, क्योंकि प्राची के वापिस घर आ जाने के बाद अजय रात को उनकी चुदाई तो बिल्कुल भी नही कर पाएगा..
रजनी के साथ-2 अजय भी परेशान था, रजनी को अपनी चुदाई की चिंता थी और अजय को उनके साथ-2 पूजा और रिया की भी...काश वो पहले ही रिया की मार लेता, अब तो पूजा और रजनी की मारनी भी मुश्किल लग रही है..
लेकिन ये सब बाते बाद में सोची जा सकती थी, पहले उसे प्राची को देखना था, उसे इस वक़्त प्राची की काफ़ी चिंता हो रही थी.
वो तुरंत अपने घर की तरफ चल दिया
जाते-2 रजनी ने ये भी बता दिया था की इस वक़्त पूजा और रिया प्राची के साथ ही है.
वो सीधा उपर गया,दरवाजा पूजा ने खोला, अपनी माँ की तरह उसका चेहरा भी उतरा हुआ था.
लेकिन इस वक़्त अजय को उससे ज़्यादा अपनी वाइफ की चिंता थी...थोड़ा डांटना भी था उसे.
लेकिन उसके पास पहुँचते ही वो सब भूल गया, प्राची ने जैसे ही उसे देखा वो उसके पास आई और गले से लिपट कर ज़ोर से हग किया...प्राची को इस वक़्त अपनी बहनो की भी चिंता नही थी जो अपनी आँखे फाड़े अपनी बहन को अपने जीजू के साथ चिपके देख रही थी...ऐसा प्राची कभी नहीं करती थी,किसी के सामने उसने पहली बार अजय को इस तरह से हग किया था.
अजय (थोड़ी चिंता भरे स्वर में ) : "प्राची....ये क्या है...तुम्हे डॉक्टर ने मना किया था ना, फिर क्यों इतनी सीडियां चड़कर उपर आई....तुम्हारा हर हफ्ते चेकअप है...ऐसे बार-2 सीडिया उतरना-चड़ना तुम्हारे और बच्चे के लिए सही नही है...''
प्राची : "अजय....मैने अपनी गायनो से बात कर ली थी सुबह ....और तभी मैं आई हूँ ...उन्होने कहा है की लास्ट के 2-3 हफ्ते ही बचे है...और वो घर आकर मेरा चेकअप कर लिया करेगी...वैसे भी काफ़ी दिनों से मैं वहां रहकर बोर सी हो गयी थी....एंड ..आई वाज़ मिस्सिंग यू .....''
उसकी बात सुनकर रिया और पूजा एक साथ बोल पड़ी : "ओहो......ओहो......''
उन्हे इस तरह से छेड़ता देखकर प्राची शरमा सी गयी...और अजय के सीने में सिर घुसा कर छुप गयी..
रिया : "चलो दीदी....अब यहां हमारी कोई ज़रूरत नही है....यहाँ से निकलना ही बेहतर है....ही ही..''
और दोनो बहने हँसती हुई बाहर की तरफ जाने लगी...
तभी पीछे से प्राची ने आवाज़ लगाई और बोली : "अच्छा सुनो....तुम दोनो में से एक को तो यही रुकना पड़ेगा ना...रात को अगर मुझे कोई हैल्प चाहिए होगी तो...और सुबह अजय का टिफिन भी तो तैयार करना होगा...मम्मी कहाँ तक करेंगी ये सब....''
प्राची की बात सुनकर दोनो के चेहरे पर चमक आ गयी....और दोनो ने एक साथ चहकते हुए कहा : "ओके ...ठीक है...मैं रुकूंगी...''
दोनो को एक साथ इतने इंटरस्ट से वहां रुकने के लिए लालायित होते देखकर प्राची भी मुस्कुरा दी...पर उसके पीछे का सच उसके अलावा तीनो ही जानते थे...
अजय ने बात संभाली , ताकि प्राची को एकदम से कोई शक़ ना हो जाए
वो बोला : "रिया, तुम नही, तुम्हारा तो कल एग्जाम है ना, नये कॉलेज में इस तरह से बेफिक्री से रहोगी तो फ़ेल हो जाओगी...तुम घर जाकर पढ़ाई करो, पूजा संभाल लेगी यहाँ ...''
बेचारी बुदबुदाती हुई वहां से निकल गयी....पूजा का दिल और चूत एक साथ पुलकित हो उठे...उसे अपना काम तो बनता हुआ दिख रहा था आज की रात...लेकिन वो नही जानती थी की अजय का उसे रोकने के पीछे कोई ख़ास मकसद नही था, वो प्राची के रहते हुए ऐसा कोई रिस्क नही लेना चाहता था जिसकी वजह से कोई परेशानी हो..
और वैसे भी अपने घर आने के बाद प्राची आज की रात जम कर चुदवायेगी और उसके बाद पूजा को चोदने के लिए रस बचना ही नही था उसके अंदर...
खैर...रिया के जाने के बाद पूजा किचन में जाकर रात के खाने का इंतज़ाम करने लगी...अजय भी फ्रेश होकर प्राची के साथ आकर बैठ गया,और एक अच्छी पत्नी की तरह प्राची ने पहले से ही फ्रिज से ठंडी बियर की बॉटल्स निकाल कर टेबल पर लगा दी..वो भी जानती थी की पीने के बाद अजय उसकी जमकर चुदाई करता है..
अजय ने वही बैठकर पी और किचन में काम कर रही पूजा को भी देखता रहा..और इस बात का ध्यान भी रख रहा था की प्राची ऐसा करते हुए उसे ना पकड़ पाए..
अजय के दिमाग़ में भी कुछ-2 चल रहा था...ताकि पूजा को कम से कम वहां रुकने का कुछ तो इनाम मिले...
और जब कुछ देर के लिए अपने बेडरूम में गयी तो अजय उठकर पूजा के पास गया और बोला : "तुम्हारे यहाँ रुकने के पीछे जो मकसद है, वो आज की रात तो पूरा नही हो सकेगा...''
पूजा (मुस्कुराते हुए) : "कोई बात नही...मेरे लिए इतना ही बहुत है की मैं आपके साथ हूँ ....आज ही नही मिलोगे ना...कब तक बचोगे मुझसे...''
वो अपने होंठों को दांतो तले दबाकर इतने सेक्सी अंदाज में बोली की अजय ने एकदम से आगे होकर उसके होंठों को चूम लिया...ऐसा करने से पहले उसने देख लिया था की प्राची वापिस नही आ रही है..
पूजा तो इतने मे ही खुश हो गयी...उसका भी मन करने लगा की वो भी किस्स करे...पर वो पासिबल नही था...
अजय : "अच्छा सुनो....लाइव टेलीकास्ट देखना चाहोगी...आज की रात का...थोड़ा टाइम पास हो जाएगा तुम्हारा भी...''
ये सुनते ही पूजा की आँखे चमक उठी...वो समझ गयी की अजय किस लाइव टेलीकास्ट की बात कर रहा है..
उसने तुरंत हाँ कर दी...अजय भी वापिस अपनी सीट पर आकर बैठ गया..
पूजा को अपनी चुदाई दिखाकर वो उसे कुछ नया ज्ञान भी देना चाहता था, क्योंकि अपनी पहली चुदाई में उसने वो सब नही किया था जो एक चुदक्कड़ औरत को करना चाहिए...और ये सीखने का इससे अच्छा अवसर और कोई हो ही नही सकता था..
अब अजय और पूजा दोनो को रात के शो का इंतजार था.
खाना खाने के बाद जब कपड़े बदलकर अजय बेडरूम में लेटा हुआ था तो बाहर का काम समेट कर प्राची अंदर आई...और उसने अंदर आते ही दरवाजा बंद कर दिया और चिटकनी लगा दी.
उसने एक बड़ी ही सेक्सी नाइट ड्रेस पहनी हुई थी.
उसे ऐसा करते देखकर अजय बोला : "लगता है मेरे क़त्ल का इरादा है जनाब का...लेकिन ये दरवाजा बंद क्यो कर दिया...''
प्राची (मुस्कुराते हुए) : "ताकि, तुम्हारा जब क़त्ल हो तो पूजा ना देख पाए...''
अजय उठकर उसके पास आया और उसे अपनी बाहों में लेकर बोला : "डार्लिंग...वो अपने कमरे में ही होगी, उसकी वैसे भी इतनी हिम्मत नही है की हमारे कमरे की तरफ आए...पहले भी तो रह चुकी है वो यहाँ ऐसे...इस तरह से कमरा बंद करने से अच्छा नही लगेगा..ये लाइट बंद कर दो,सब ठीक हो जाएगा...''
अजय तो पूजा को नाइट शो का प्रोमिस कर चुका था, इसलिए उसे किसी भी सूरत में ये दरवाजा खुला रखना था, ताकि वो अंदर झाँककर उनकी चुदाई देख सके..
अजय ने चिटकनी खोल दी और लाइट बंद कर दी.
प्राची ने उसके बाद कुछ नही बोला, वैसे भी वो सैक्स के टाइम किसी भी बात पर बहस करके अपना और अजय का मूड खराब नही करती थी.
लेकिन दरवाजा बंद होने के बाद पूरे कमरे में घुपप अंधेरा छा गया...उन दोनो को कुछ भी दिखाई नही दे रहा था...इसलिए अजय ने नाइट बल्ब जला दिया...और प्राची को लेकर बेड की तरफ आ गया...जाते-2 उसने हल्का सा दरवाजा भी खोल दिया ताकि उसमें से पूजा अंदर झाँक कर देख सके....
ऐसी सिचुएशन में भी बड़ी चिंता हो रही थी अजय को अपनी साली की...ऐसा जीजा सभी को मिलना चाहिए...वैसे जीजा तो सभी को ऐसा ही मिलता है,बस सालियां ही अपने जीजे के मन की बात नही समझती.
खैर, इधर अजय के रूम का दरवाजा बंद होते ही अपने कमरे में बैठी पूजा किसी बिल्ली की तरह चौकन्नी हो गयी, उसे पता चल चुका था की अब किसी भी पल शो शुरू हो सकता है..कुछ देर रुककर वो दबे पाँव बाहर निकली, पूरे घर की लाइट्स बंद थी, सिर्फ़ अजय के बेडरूम से हल्के नाइट बल्ब की रोशनी बाहर की तरफ आ रही थी...पूजा दबे पाँव दरवाजे तक गयी और छुपकर अंदर देखने लगी.
अंदर अजय ने प्राची को बेड पर लिटा दिया था...और धीरे-2 उसने उसकी टी शर्ट को उपर करके उसके फूले हुए पेट को उजागर किया...इस बेडोल शरीर के बाद भी प्राची बहुत सेक्सी लग रही थी...उसका दूध से नहाया हुआ बदन नाइट बल्ब की रोशनी में चमक उठा...अजय ने झुककर उसके पेट पर एक हल्की सी किस्स कर दी.
अजय के गीले होंठों की चुभन से प्राची सिहर उठी..और बिस्तर पर किसी नागिन की तरह मचलने लगी..
''ओह अजय..............माय डार्लिंग.....''
अजय के किस्स को बाहर खड़ी पूजा ने भी महसूस किया...ठीक उसी जगह पर जहाँ प्राची को किस्स किया था उसने...पूजा ने अपनी टी शर्ट उठा कर अपनी उंगलियों को मुँह में डालकर थोड़ा सा गीला किया और पेट के उसी हिस्से पर लगा दी..उसे यही एहसास हुआ की उसे भी वो किस्स मिल गयी है.
वो धीरे से बुदबुदाई : "ओह जीजू.............माई डार्लिंग.....''
अजय ने प्राची की टी शर्ट को उपर तक उठा दिया और उसके मोटे ताजे बूब्स उछल कर बाहर निकल आए....उसने ब्रा नही पहनी थी.
अजय ने दोनो को जी भरकर देखा और अपने होंठों को जीभ से गीला किया...प्राची ने उसके सिर पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया, और अपने बूब्स को उसके मुँह में ठूस दिया..और चिल्लाई
''चूसूऊऊऊऊऊऊऊऊऊसो अजय................ उम्म्म्मममममममममम..... ज़ोर से सकक्क करो इन्हे....''
अजय ने बिना कोई देरी किए अपने दाँतों और होंठों से उसे चूसना शुरू कर दिया..
बाहर खड़ी प्रिया ने भी अपने उरोजों को बेपर्दा कर दिया और उनपर वो गीली उंगलियाँ लगा कर अपने निप्पल्स को ज़ोर से दबा दिया, उसे ठीक वही एहसास हुआ जैसा उसके जीजू बूब्स चूस्टे हुए देते है...उसके पूरे शरीर में जल तरंग सी बज उठी.मस्ती भरी एक लहर उसके बूब्स से होती हुई नाभि तक और फिर दक्षिण में स्थित चूत तक जा पहुँची.. जिसके एहसास ने उसे सिसकारी मारकर अपने पंजों पर खड़े होने पर मजबूर कर दिया.
अजय ने अपने सारे कपड़े उतार दिए, और प्राची को भी नंगा कर दिया,
अजय उठकर प्राची के सिर के पास आ गया और उसने अपना चॉकलेटी लॅंड उसे चूसने के लिए दे दिया..
वो भी किसी बागड बिल्ली की तरह उसपर झपट पड़ी..आख़िरकार लंड चूसना उसका सबसे फ़ेवरेट काम जो था..उसने अजय के लंड को सड़प -2 करके चूसा और अपने हाथ से उसकी गोटियां सहलाती रही...फिर कुछ देर बाद उसने उसकी गोटियों को चूसा और लंड सहलाती रही...ऐसा उसने करीब 3-4 बार किया..अजय को उसकी यही बात सबसे अच्छी लगती थी की वो उसके लंड को ऐसे चूस्कर पूरा सम्मान देती थी..
उसने अपना लंड चुस्वाते हुए दरवाजे की तरफ देखा,जहाँ छुपकर बैठी हुई पूजा भी अपनी 3 उंगलियों को किसी लंड की तरहा चूस रही थी...अजय उसे दिखाना चाहता था की ऐसे चूसा कर मुझे,ताकि जो मज़े इस वक़्त प्राची दे रही है वो भी दे सके..पूजा समझ गयी और उसने मन ही मन निश्चय कर लिया की अगला मौका मिलने तो दो जीजू,ऐसा चूसूंगी की लंड में दर्द हो जाएगा...
अजय का लंड अब एकदम कड़क हो चुका था, यानी चुदाई के लिए बिलकुल तैयार ..उसे ये भी पता था की ऐसी हालत में सिर्फ़ 2-4 आसन ही है जिनमे वो प्राची की चुदाई कर सकता है...ताकि उसे ज़्यादा झटके ना लगे..और मज़ा भी पूरा मिले.
वो प्राची की टाँगो के बीच आकर बैठ गया, और उसने उसकी बर्गर जैसी फूली हुई चूत को देखा..
वो एकदम लिसलिसा रही थी, अपने ही रस में डूबी हुई सी...अजय ने अपने गीले लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे से झटका देकर उसे अंदर खिसका दिया..
''उूुुुउउम्म्म्मममममममममममम....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स............. आआआआअहह''
बस यही निकला प्राची के होंठों से...और उसने अपने पूए शरीर को बिस्तर पर पूरी तरह से फेला कर अपने आप को अजय के सामने बिछा दिया...दोनो हाथों को उपर की तरफ और टाँगो को नीचे से फेला कर वो चुदाई का भरपूर मज़ा लेने लगी.
और बाहर खड़ी पूजा ने जब ये सब होते हुए देखा तो उसने भी एक ही झटके में अपनी निक्कर नीचे गिरा दी..नीचे उसने पेंटी नही पहनी हुई थी...और फिर उसने अपने हाथ में पकड़ी एक मोमबत्ती ली और उसे अपनी चूत के अंदर घुसेड दिया..
ये मोमबत्ती उसने किचन से ली थी, ज़्यादा मोटी तो नही पर काफ़ी लंबी थी वो,उसकी लंबाई देखकर पूजा को पहली ही बार मे ये एहसास हो गया था जैसे जीजू के लंड का क्लोन है वो...उसने तुरंत वो मोमबत्ती अपने रूम में लेजाकर छुपा दी थी और अभी यहाँ आते हुए वो उठाती ले आई, उसे पता था की आज की रात ये केंडल बहुत काम आने वाली है.
केंडल के बत्ती वाले हिस्से को अपनी चूत में खिसका कर धीरे-2 धक्का दिया और वो किसी मालगाड़ी की तरह उसकी चूत की सुरंग में रेंगती हुई अंदर जाने लगी..
अंदर अजय की रेलगाड़ी भी अपनी स्पीड पकड़ चुकी थी...और उसने संभलकर धक्के लगाते हुए प्राची की चुदाई करनी शुरू कर दी..
प्राची मदहोशी में आकर चिल्लाए जा रही थी..
''आआआआआआआआअहह मेरे राजा............ उफफफफफफफफफफ्फ़ क्या मज़ा देता है ये लंड ............. अहह इतने दिनों से प्यास ही नही बुझ रही थी...... आआआआआआजजज मज़ा आया है......... आज जमकर चोदो मुझे....अजय ....... चोदो मेरी चूत को.......अपने मूसल जैसे लॅंड से......''
बाहर ज़मीन पर लेटकर अपनी चूत में मोबतती डालती हुई पूजा भी फुसफुसाई : "उम्म्म्मम ...मेरे राजा.....मेरी चूत में भी डालो ना अपना मूसल..... झटके दे-देकर चोदना मुझे तो....अपनी जान को...अपनी साली को....आअह मेरे सेक्सी जीजू............ मुझे भी चोदो ना....''
काश ऐसा सभी सालियां बोले तो अजय जैसे जीजों को बाहर मुँह ही ना मारना पड़े...घर की बात घर में ही रह जाए.
अजय अब बेड पर लेट गया और उसने बड़ी ही सावधानी से प्राची को अपने उपर बिठा लिया...प्रेग्नेन्सी के बाद उसका वजन काफ़ी बढ़ चुका था,लेकिन अजय भी काफ़ी ताकतवर था, उसने उसे बड़ी ही आसानी से संभाल लिया...और प्राची उसके लंड पर बैठकर धीरे-2 अपने शरीर को हिलाने लगी..अजय ने हाथ उपर करके उसके मुम्मों को पकड़ लिया और उन्हे निचोड़ डाला...उत्तेजना में भरकर प्राची ने उसके हाथ की उंगलियों को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...अब अजय का एक हाथ उसके मुँह में था और दूसरा उसके निप्पल्स पर..
पूजा ने केंडल निकाल कर अपनी 3 उंगलियाँ अपनी शहद उड़ेलती चूत में डाल दी और जितना शहद इकट्ठा हुआ था उसे समेट कर अपने मुँह तक ले आई और उसे चूस डाला...ठीक वैसे ही जैसे उसकी बहन प्राची इस वक़्त अजय की उंगलियों को चूस रही थी.
अजय के लंड पर उछल रही प्राची की स्पीड अब बड़ चुकी थी...लेकिन अजय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसके झटकों को कंट्रोल किया हुआ था...और ऐसे ही करते-2 प्राची की चूत ने पानी छोड़ दिया...जो अजय के लंड को पूरी तरह तर-बतर करता हुआ उसकी बॉल्स तक पहुँच गया...
अब एक बार फिर अजय ने प्राची को पीठ के बल लिटा कर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया...और उसकी दोनो जांघे पकड़ कर धीरे-2 उसे चोदने लगा..
पूजा ने भी अपनी केंडल एक बार फिर से अपनी चूत में डाल ली थी और उसे बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी...वो भी अपने आख़िरी पड़ाव में थी अब...उसकी केंडल को अंदर बाहर करने की गति इतनी तेज थी की एक पल के लिए तो उसे ऐसा लगा की चूत के घर्षण से निकलने वाली गर्मी से वो केंडल ही ना जल उठे.
अजय भी झड़ने वाला था...प्राची को ये एहसास होते ही उसने कहा : "अजय...प्लीज़ ....मेरे उपर निकालो सारा पानी...मुझे अपने प्यार से भिगो दो आज...''
उसके ऐसा कहने की देर थी की अजय के लंड का बाँध फूट पड़ा...और उसने बिना कोई देरी किए अपना बाजूका उसकी चूत से निकाल कर अपनी हथेली में पकड़ा और प्राची के शरीर पर फायर करने लगा..एक के बाद एक सफेद और चिपचिपी गोलियाँ निकलती गयी उसकी गन से...जो उसके उभरे हुए पेट से लेकर उसके सख़्त मुम्मो तक और उसके भी उपर उसके मुँह और बालों तक को भिगो गयी ..
ऐसी बारिश में नहाने की कल्पना मात्र से ही बाहर सिसकारियाँ मार रही पूजा भी झड़ गयी...अपने जीजे के नाम की केंडल को चूत में लेकर..और बुदबुदाई : "उम्म्म्मममममममममम जीजू.....मेरे प्यारे जीजू...... सिर्फ़ मेरे जीजू..... मेरे ही मेरे जीजू.........''
अंदर प्राची और अजय की ट्रेन शांत हुई और बाहर पूजा की....
प्राची : "उम्म्म्म....मैं तो पूरी भीग गयी आपके पानी से.....''
और मुस्कुराती हुई वो उठ खड़ी हुई और बोली : "मैं ज़रा बाथरूम में जाकर गर्म पानी से शावर ले लेती हू...ये बालों में भी लगा है...ऐसे तो निकलेगा नही ये...''
अजय कुछ आयी बोला...वो तो अभी तक गहरी साँसे लेकर अपने ऑर्गॅज़म से उभरने की कोशिश कर रहा था.
प्राची को बेड से उठता देखकर पूजा भागकर अपने रूम में चली गयी और चादर उपर तान कर सोने का नाटक करने लगी..
प्राची भी रूम से निकलकर बाथरूम की तरफ गयी...और ना जाने क्या सोचकर वो पूजा के रूम की तरफ मुड़ गयी और उसके अधखुले दरवाजे से अपनी बहन को सोता हुआ देखकर वो मुस्कुराइ और फिर बाथरूम में गयी..
अगर इस वक़्त उसने उसकी चादर को खींच कर देख लिया होता तो वो जान लेती की वो भी मदरजात नंगी है इस वक़्त जैसी की वो थी...और वो भी अभी-2 झड़कर हटी थी जैसे की प्राची खुद.
लेकिन इस भेद को शायद सारी उम्र ऐसे ही रहना था,इसलिए प्राची के हाथो ऐसा कुछ नही हुआ..
उसके बाथरूम मे जाते ही पूजा उछलकर चादर से निकल आई...और बिल्ली की तरह दबे पाँव भागती हुई सी वो अपने जीजू के रूम में घुस गयी....और वो भी एकदम नंगी.
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