FUN-MAZA-MASTI
बहकती बहू--44
अब आगे ____________
आधा सुपारा अंदर हुआ ही था क़ि कामया बोल पड़ी
कामया - - - प्लीज़ बहुत दर्द दे रहा है ! निकाल लो ना ? मामा जानता था क़ि प्रथम गांड चुदाई मे थोडा ज़ोर ज़बरदस्ती करना ही पढ़ती है इसलिए वो कामया को झूठी दिलासा देते हुए बोला
मामा - - - रानी अब काहे का दर्द सुपाड़ा तो अंदर हो गया बस थोड़ा सह लो और काम ख़त्म ! मामा ने फिर ताक़त लगाई और वेसलीन से सनी गाँड मे सुपाड़ा गुम हो गया और इसी के साथ कामया की गाँड अपने चरम तक फैल गई !
कामया - - - मर गई मामा ! मामा निकाल लो नहीं तो मेरी फट जाएगी ! प्लीज़ बहुत दर्द दे रहा है कहीं मर ना जाऊं मामा - - रानी काम ख़तम हो गया अब काहे रो रही हो देखो सुपाड़ा अंदर चला गया अब तो पीछे पतला सा है जो दर्द होना था हो चुका ! लो तुम खुद देख लो ! कहकर मामा ने उसका हाथ पकड़ कर पीछे अपने लंड पर रख दिया ! कामया ने टटोल कर देखा तो सचमुच सुपाड़ा अंदर था बाहर केवल शाफ्ट ही रह गया था ! उसे विस्वास नहीं हो रहा था क़ि इतना मोटा सुपाड़ा उसकी टाइट गाँड ने निगल लिया है !
कामया - - - मामा सच्ची मे ये तो अंदर चला गया ! बाप रे ये कैसे हो गया !
मामा - - - कैसे क्या ! सभी का ऐसा होता है ! चूत और गाँड दोनो ही लंड के लिए बनी हैं ! बस अब तो तुम जिंदगी का नया मज़ा लो जो तुम आज पहली बार लोगी ! और मामा ने साँस भरी और बहुत ही असहिसुन शॉट मार दिया ! वेसलीन मे लपटा लंड वेसलीन मे नहाई बुर मे एक बार मे ही जड़ तक धँस गया !
कामया - - - आई मा मर गई ! निकाल लो मामा निकाल लो ! मैं नहीं कर पाऊँगी ! और उसने पीछे अपना हाथ लगाया तो विस्मित हो गई ! उसके हाथ मे मामा के टटटे आ गये लंड तो उसकी गाँड पूरा निगल चुकी थी !
पूरा लंड अंदर तक पेलने के बाद मामा कुछ देर वैसे ही शांत पड़ा रहा ! कामया दर्द से भरी हुई थी उसकी आँखों मे आँसू के कतरे आ गये थे ! मामा ने झुक कर अपने होंठ उसकी आँखों मे रख और आँसू पी लिया ! कामया मामा की इस अदा पर फिदा हो गई ! कुछ देर बाद कामया की गाँड ने लंड को थोड़ा अड्जस्ट कर लिया तो मामा ने दो इंच बाहर निकाल कर फिर अंदर पेल दिया ! कामया फिर सिसक उठी मगर इस बार उसके चेहरे पर दर्द के निशान कम थे ! मामा कुछ देर तक दो इंच मे चुदाई करता रहा फिर उसने पूरा लंड को टोपे तक बाहर निकाल कर पेल दिया ! कामया फिर कराह उठी !
कामया - - - आह ! उई . ! मामा धीरे दर्द दे रहा है ! मामा खुश था कामया ने इस बार ये नहीं कहा क़ि निकाल लो बस इतना ही कहा की धीरे !
मामा - - - रानी बस ज़रा सा और उसके बाद बिल्कुल दर्द नहीं देगा ! बस अब तुम्हारी गाँड हमारे लंड के किए तैयार हो गई है अब तो तुम बस ये नया मज़ा लो ! मामा अब लंबे मगर हल्के शॉट मारने लगा ! कुछ देर मे कामया का दर्द बिल्कुल गायब हो गया और वो मज़े से सिसकारियाँ लेने लगी ! जब मामा ने देखा की रानी अब एक दम तैयार हो गई है तो उसने अब तबीयत से घुड़सवारी करने की सोची और कामया से बोला
मामा - -- रानी चल अब घोड़ी बन जा तो तुझे फूल मज़ा दे दूँ ! ऐसे आधे अधूरे मे मज़ा नहीं आ रहा !
मामा की बात सुनकर कामया घोड़ी बन गई ! कामया की चौड़ी उभरी गाँड देख कर मामा एक बार फिर मोहित हो गया और वो झुक कर कामया की गाँड पर किस करने लगा ! जब उसका मन भर गया तो उसने फिर गाँड के छेद मे टोपा लगाया और अंदर कर दिया ! अब मामा कामया की बेरहम चुदाई करने लगा ! पूरे कमरे मे मामा की प्यारी भांजी की मादक सिसकारियाँ गूंजने लगी जिसे सुन सुन कर मामा और धकापेल शॉट मार रहा था !
मामा - - रानी अब दर्द तो नही दे रहा !
कामया - - - नहीं मामा अब मज़ा आ रहा है 1
मामा - - रानी ज़्यादा मज़ा कहाँ आता है आगे या पीछे !
कामया - -- हमे नहीं मालूम कामया ने लजाते हुए कहा
मामा - - रानी ऐसे शरमाओगी तो कैसे मज़ा आएगा ! अब तो दोनो जगह ले ली हो तो बताओ ना ज़्यादा मज़ा कहाँ आता है ?
कामया - - मामा दोनो का अपना अपना मज़ा है ! आगे सेन्सेसन ज़्यादा होता है तो पीछे बहुत टाइट फील हो रहा है इसलिए पीछे भी अच्छा लग रहा ही !
मामा - - अगर दोनो जगह इतना अच्छा लग रहा है तो काश हमारे पास दो लंड होते तो अभी दोनो छेद एक साथ भर देते !
कामया - -- चुप करो मामा ! हमेशा उल्टा सीधा दीमाग चलाते हो ! चुपचाप अपना काम नहीं कर सकते !
मामा - -- रानी ये काम ऐसा है क़ि जितना बोलो उतना मज़ा आता है !
कामया - -- तो ठीक है भजन गाना चालू कर दो ! और इस बात पर दोनो हंस पड़े ! मामा ने भी तबीयत से कामया की गाँड बजाना शुरू कर दिया ! गाँड मारने मे उसे विशेष मज़ा आता था ! कामया भी इस नये सुख को पाकर खुश थी और खुद अपनी गाँड पीछे को धकेल धकेल कर मरवा रही थी ! मामा ने करीब दस मिनिट तक भांजी की टाइट गाँड का मज़ा लूटा और फिर हान्फते हुए गाँड मे ही अपना माल भर दिया ! दोनो थक कर लेट गये ! गाँड मराई की गरमी निकलने के बाद कामया को अब थोड़ा दर्द दे रहा था जिससे वो बीच बीच मे कराह उठती ! दोनो एक दूसरे की बाँहों मे आराम करने लगे ! मगर मामा लगातार उसकी गाँड और बूब्स से खेलने मे लगा हुआ था क्योंकि अगला राउंड जो करना था !
मामा कामया के बदन से खेल रहा था क्योंकि उसका मन अभी भरा नहीं था !वैसे भी कामया जिस तरह से नंग धड़ंग पड़ी थी उसे देख कर शायद ही कोई मर्द उसे इतने जल्दी जाने दे सकता था !
मामा कल से उसे भोग रहा था मगर अभी भी उसके हसीन निर्वस्त्र जिस्म को देखने से उसका मन नहीं भर रहा था! हुश्न ओ शवाब की मालिका बिस्तर मे लेटी हो तो कौन मर्द चैन से रह सकता था भला ! अपने को इस तरह घूरते देख कामया अंदर ही अंदर गर्वित हो रही थी मगर ऊपर से बनावटी हँसी मे बोली
कामया - - - मामा क्या देख रहे हो ?
मामा - -- वही जो देखने लायक है मामा ने उसकी झांघों पर हाथ फेरते हुए कहा
कामया - -- मामा कल से तो देख रहे हो अब और कितना देखना है ?
मामा - - - जब तक मन नहीं भरेगा तब तक देखना है ?
कामया - -- मन तो आपका कभी नहीं भरने वाला ? कामया ने गर्व से कहा मामा उसके इस गर्व को बनाए रखना चाहता था उसे सुंदर लड़कियों के नाज़ नखरे अच्छा लगते थे इस लिए उसने फिर कामया को सहलाना शुरू कर दिया ! वो कामया के अंदर आग को बुझने नई देना चाहता था इस लिए उसके हर कामुक अंग जैसे चूची , जांघें गाँड और बुर को लगातार छेड़ रहा था और मामा की इस हरकत का उसे प्रतिफल भी मिल रहा था क्योंकि उसकी हरकतों के कारण कामया कभी कभी सिसकारी ले लेती थी ! मामा का मूसल अभी बिल्कुल बेजान पढ़ा था उसमे जान डालने की मंशा से मामा ने कामया के हाथ मे उसे पकड़ा दिया ! थोड़ी देर पहले अपनी अकड़ से फूला नही समा रहा लंड अब इस तरह मुरझाया हुआ था क़ि उसकी बेबसी पर कामया को हँसी आ गई तो मामा ने पूछा
मामा - - - क्या हुआ जान ?
कामया - - - मामा जब ये सो गया है तो क्यों इसे जगा रहे हो ?
मामा - - रानी सो नहीं रहा है बस अगली लड़ाई के लिए ताक़त बटोर रहा है !
कामया - - - मुझे जाने दो मामा पता नहीं इसमे कितनी देर मे जान आएगी ?
मामा - - रानी चिंता मत करो अभी इसमे जान डाल देता हूँ ! मामा उठा और अपने लिए एक और लार्ज पेक बनाने लगा उसे इस वक्त इसकी सख़्त ज़रूरत थी !
मामा - -- जान तुम भी लोगी ?
कामया - -- ना ना बिल्कुल नहीं ! अभी भी मेरा सिर चकरा रहा है ! आपका क्या आप ने तो पिला के हमारे साथ आज धोखा कर दिया !
मामा - -- हमने क्या धोखा किया ! तुम्ही ने तो हमे रोका था आज के लिए !
कामया - - - रोका था तो ! आपने नशे मे पीछे से हमला कर दिया ! मामा अभी भी बहुत दर्द दे रहा है आपको क्या मालूम ? मामा ने उसे कई तरह की दिलासा देकर शांत किया और अपना पेग पीता रहा ! जब पेग ख़त्म करके उसने बेड की तरफ देखा तो चोंक गया ! अब तक कामया भी सिरहाने से टेक लगा कर बैठ चुकी थी ! इस पोसीसन मे उसकी दुकान सॉफ खुली हुई दिख रही थी ! मामा की नज़र वहीं चिपक गई ! कितनी तो हसीन और खूबसूरत चूत थी उसकी प्यारी भांजी की !
मामा को अपनी गुड़िया को घूरते देख कामया बोली
कामया - -- पीछे के बाद अब क्या इस पर नियत बिगड़ गई है ? कामया खुद भी अब अपनी चूत की खुजली मिटाना चाहती थी ! औरत लाख गाँड मरवा ले मगर उसका मन चूत मे लंड जाए बिना तृप्त नहीं होता ! और होगा भी क्यों आख़िर प्रकृति ने लंड के लिए तो बुर ही बनाई है बाकी सब तो अप्राकृतिक ही है !
मामा - - नहीं तुम बोलो तो पीछे ही कर लेंगे ?
कामया - - - नो वे ! पीछे तो अब हाथ भी नहीं लगाना !
मामा - - - ठीक है रानी हम तुम्हारा दर्द समझते हैं अब पीछे नहीं करेंगे बस ! फिर मामा बेड पर लेट गया ! उसके लंड मे अब तोड़ा तनाव आने लगा था सो उसने सोचा ये सभी समय है कामया की सेवा लेने का
मामा - - रानी तुम्हे चॉको बार बहुत पसंद है ना तो लो खाओ ना चॉको बार ! मामा ने उसे अपना लंड दिखाते हुए कहा
कामया - - - मुझे दुकान वाला चॉको बार पसंद है ये गंदा सा नहीं ! मगर कामया ललचाई सी मामा के मूसल को देख रही थी ! बैठा हुआ सा भी वो सुनील से ड्योदा था ! मामा ने उसकी कलाई पकड़ अपनी ओर खींचते हुए कहा
मामा - - रानी ये वाला खा ये सबसे टेस्टी है ! मज़ा आ जाएगा तुझे ! और फिर उसने कामया का सिर अपने टोपे पर झुका दिया ! नाक पे मामा के लंड की सुगंध आते ही कामया बहकने लगी ! ये सुगंध उसके अंदर बेचैनी भर देती थी ! ये सुगंध सूँघते ही उसे सब कुछ भूल केवल मर्द का प्यार ही नज़र आने लगता !
कामया जब छोटी थी तब उसे लोलीपोप चूसना बहुत अच्छा लगता था मगर उसने कभी ये नही सोचा था क़ि उसे जवानी मे इस तरह का लोलीपोप चूसना पड़ेगा ! बहरहाल मामा का लोलीपोप देख उसकी लार टपकने लगी एक तो पहले से ही जवानी का नशा सिर चढ़ कर बोलता है ऊपर से आज उस पर शराब का नशा भी चढ़ा हुआ था उसने धीरे से मामा के टोपे पर ज़बान फिराई और इठलाते हुए मामा से बोली
कामया - - नहीं मामा मैं नहीं करूँगी ! मुझे अच्छा नहीं लगता ! मामा जनता था की कामया नखरे कर रही है इसके पहले जिस कदर उसने लंड चुसाइ की थी उससे ही मामा जान गया था क़ि कामया लंड चूसना पसंद करने वाली लौंडिया है मगर सुंदर नखरे करने वाली मानिनी लड़की को मनाना मामा जानता था ! इस तरह की लौन्दियो की खूबसूरती की तारीफ़ कर दो तो वो आपकी गुलाम हो जाती हैं और मर्द को हर तरह से खुश करने का कोशिश करती हैं सो मामा ने कहा
मामा - - रानी ऐसा मत कहो ! अपने एकमेव मामा की खुशी के लिए ही कर दो ! कम से कम भविष्य मे चैन से तो मरूँगा ! मामा की बात सुनकर कामया बोली
कामया - - - मामा आप हमेशा मरने की बात क्यों करने लगते हो ?
मामा - - - रानी तुम नहीं जानती अगर मर्द जिसे प्यार करता है उस लड़की का प्यार उसे जीवन मे ना मिले तो फिर उसका जीने का मन नहीं करता!
कामया - - तो प्यार तो आप कर रहे हैं ना ?
मामा - - हम तो दिल से प्यार कर रहे हैं मगर आप कहाँ दिल से प्यार कर रही हो ज़रा से चूसने को बोल दिया तो मना कर रही हो ?
कामया - - ठीक है मामा कर देती हूँ वरना आप ऐसे ही रोतड़ा सा मुख ले के बैठे रहेंगे ! और कामया झुकी और मामा के मूसल को प्यार करने लगी !
जवानी का नशा फिर शराब का नशा और सबसे बॅड्कर मामा के किंग साइज़ लंड का नशा तीनो नशे कामया पर इस कदर हावी हुए क़ि कुछ ही पल मे वो सब कुछ भूल गई और लंड पर किसी भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी ! वो मामा के नटखट को हर तरीके से प्यार कर रही थी मानो मामा के साथ कोई जंग लड़ रही हो ! कभी टोपे को चाटती तो कभी टोपे को चूमती ! फिर थोड़ी देर बाद टोपे पर दाँत गाड़ाने लगती तो कभी उसे मुँह मे लेकर चूसने लगती ! उसके वाइल्ड प्यार को देख मामा को लग रहा था की सच मे सुनील ने कामया को एक दम बिस्तर की नागिन बना दिया है जिसका काटा फिर कभी पानी भी नहीं माँग सकता ! कामया कभी पुर लंड को हलक मे उतार लेती और वही फँसा कर मामा की तरफ सेक्सी नज़रों से देखती मानो पूछ रही हो "" क्यों मामा आ रहा है ना मज़ा ?"" मामा खुद कामया की अदाओं से हैरान था ! उसने सोचा भी नहीं था की उसकी घरेलू और संस्कारी भांजी इतनी गरम माल भी हो सकती है वो दिल ही दिल मे सुनील के भाग्य को सराह रहा था ! उधर कामया सोच रही थी क़ि काश सुनील के पास इतना शानदार औजार होता तो वो रोज मज़े लेती चाहे इसके लिए उसे मुंबई ही शिफ्ट होना पढ़ जाता ! बेचारी सुनील के दुर्भाग्य को याद करने लगी ! कामया काफ़ी देर तक मामा को मज़े देती रही तो मामा ने कहा !
मामा - - - रानी बस एक ही फल पसंद है क्या ?
कामया - - क्या मतलब मामा ?
मामा - - - रानी केवल केला ही खा रही हो नीचे दो चीकू भी हैं उसको भी चख लो
कामया समझ गई की मामा गोटियाँ चूसने को बोल रहें हैं वो पहले भी मदनलाल और सन्नी की गोटे चूस कर उनको आनंद दे चुकी थी मगर नाटक करती हुई बोली
कामया - - - मामा मैं जवान लड़की हूँ इसलिए केवल क्रीम रोल खाती हूँ कोई बच्ची नहीं हूँ जो किनडर जाय खाऊँ ?
मामा - - रानी प्यार करने का असली मज़ा तभी आता है जब एक दम बच्चे बन कर प्यार करो बड़ी बन कर प्यार करोगी तो हिचक ख़त्म नहीं होगी ! चल बच्ची बन जा और किंडर जॉय खा के देख ! देख तेरे मामा की कितनी टेस्टी मलाई है ! मामा की बात सुनकर कामया का भी मान क़िडर जॉय टेस्ट करने का हो गया ! शराब का नशा उसे हर काम के लिए बोल्ड बना रहा था !
उसने मामा के लंड को हाथों मे थमा और गोली को मुँह मे भर लिया !
गोले कामया के मुँह मे जाते ही मामा उत्तेजना से गनगना गया ! कामया बड़े प्यार से उन्हे चूस रही थी ! उसे मालूम था क़ि मर्द का ये अंग बड़ा नाज़ुक होता है और उनकी जान इन्ही मे बसती है ! बाबूजी और सन्नी ने उसे ट्रैंड कर दिया था ! वो बड़े प्यार से दोनो गोटियों को बारी बारी से चूस रही थी और मूसल को हाथ से स्ट्रोक कर के मामा को निहाल कर रही थी ! मामा तो ऐसा प्यार पाकर बेहाल हो चुका था ! उसका पूरा बदन काम के आवेग मे झटके खाने लगा ! यदपि जो कुछ हो रहा था वो हर अनुभव उसे पहले से भी था ! दर्जनो औरतों ने उसका लंड और पिलोड़ा चूसा था मगर कोई इतनी खूबसूरत नही थी ! कामया तो बस कामया ही थी मामा को ऐसा लग रह था मानो कोई फिल्म की हेरोइन उसका लंड चूस रही हो ! वो अपलक कामया के खूबसूरत चेहरे और मदमस्त जवान बदन को देख रहा था ! कुछ ही देर मे मामा की दोनो गोतियाँ उबलने लगी ! मामा को लगा वो अब ज़्यादा नहीं रुक पाएगा तो उसका आदिम भाव जाग उठा वो अपना बीज कामया की कोख मे डालना चाहता था ! उसने कामया से कहा
मामा - - रानी अब सहा नहीं जाता आ जा ऊपर आजा ! आज तू कर ऊपर से ?
कामया का भी दिल ऊपर चढ़ने को हो गया वो धीरे से मामा के ऊपर आई और अपने हाथ से मामा का सुपाड़ा अपने ज्वालामुखी के मुहाने मे रखकर बैठ गई ! मामा का मस्ताना लंड गप्प से उसके अंदर गुम हो गया ! मामा का लंड बहुत मोटा था वो कामया की प्रेम गुफा की दीवार को निर्मम तरीके से रगड़ता हुआ अंदर दाखिल हुआ ! लंड ने नाज़ुक त्वचा को जिस कदर रगड़ा था उससे कामया हीट के मारे कराह उठी
कामया - - - आ मामा धीरे ! कितना मोटा है आपका ! चीर के रख देता है !
मामा - - - धीरे हमे क्यों बोल रही हो रानी ? चोद तो तुम रही हो ! हमारा क्या दोष ! कामया को ख्याल आया क़ि ऊपर तो वो है तो भी उसने कहा
कामया - - आपका ये दोष है मामा की आप घोड़े जैसा लिए घूमते हो ! इतना मोटा सुनील का होता और हमे रोज करना पढ़ता तो हम तो कब का छोड़ कर घर आ जाते !
मामा - - कम्मो रानी झूट ना बोलो हमने सुना है जितना मोटा होता है औरत को उतना मज़ा आता है ! सुना है लंबे से ज़्यादा औरतें मोटा पसंद करती हैं जो ज़्यादा से ज़्यादा फैला दे !
कामया - - पता नहीं मामा कौन औरत इतना मोटा पसंद करती होगी ? शायद रजनी मामी को पसंद होगा इतना मोटा ! अपनी बीवी का नाम कामया के मुख से सुन मामा का उत्साह दुगना हो गया !वो बोला
मामा - - कम्मो सही कह रही हो तुम्हारी मामी को तो ये बहुत पसंद है ! उसे तो हर दूसरे दिन चाहिए होता है ना करो तो कहने लगती है "" सन्नी के पापा लगता है अब आप बूढ़े हो गये हो ""
कामया - -- तभी मैं कहूँ मामी हमेशा इतनी इतराती क्यों रहती है हमेशा जवान जवान सी फिरती है ! और वो मामा के मूसल पर उठक बैठक करने लगी ! बैठक लगाने से उसके संतरे ऊपर नीचे उचक रहे थे जिसे देख देख कर मामा बावला हुआ जा रहा था ! कामया के संतरे इतने बड़े होने के बाद भी बहुत सख़्त और ऊपर को उठे हुए थे ! सोने के समान दमकते उसके दोनो चूचियों को देख मामा को ऐसा लग रहा जैसे
कंचनजंघा की चोटियों हों जो कंचन के समान चमक रही हैं !
मामा ने अब तक जितनी भी बड़े बूब्स वाली औरतें चोदी थी सभी की चूची अपने भार के कारण लटक गई थी कामया अकेली ऐसी लौंडिया थी जिसकी चूची बड़ी भी थी और ऊपर को तनी हुई थी जैसे की मर्दों को चुनोती दे रही हों ! और मामा ऐसी चुनोती को कभी बेकार नहीं करता था उसने कामया की दोनो चुचि अपनी हथेली मे थाम ली और लगा बेदर्दी से मसलने ! कामया कराह उठी
कामया - -- आह उई माँ ! मामा धीरे दबाओ ! मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ ! बिल्कुल गाँव वालों के समान जंगली हो जाते हो ! हालाकी उसे मामा का जंगलिपना भी पसंद आ रहा था ! बूब्स पर ये असहनसीलता उसे अच्छी लगती थी बशर्ते क़ि दर्द ज़्यादा ना हो ! थोड़ा बहुत दर्द तो उसे अच्छा लगता था ! वो जानती थी भगवान ने ये निगोडी चूचियाँ मसलवाने के लिए ही दी हैं तो तौबा क्यों मचाना ?
ऊपर बूब्स रगड़वाई और नीचे चूत चटवाई कामया बर्दास्त नहीं कर सकी और चीखते हुए झाड़ गई ! झदने के बाद कामया एकदम पस्त हो गई और बोली
कामया - - - अब आप करो ! अब मुझसे नहीं होगा ! ये आपका काम है आप करो हाँ ! इधर मामा भी पड़े पड़े बोर हो गया था सो उसने कामया को लिटा दिया और बिना लंड डाले कुछ देर फिर उसके हसीन बदन से खेलने लगा ! इस तरीके से वो अपने को कुछ ठंडा भी कर रहा था ! कुछ देर कामया की जालिम जवानी को निचोड़ कर एक बार फिर उसने कामया की बुर मे टोपा लगाया और शॉट मार दिया ! कामरस से भीगी कामया की चूत बिल्कुल प्रतिरोध ना कर सकी और लाउडा एक बार मे ही अपनी अंतिम गहराई तक पहुँच गया
कामया - - हाय मामा धीरे ! जालिम मार दोगे क्या ! मैं इंसान हूँ कोई तरबूज़ नहीं जो अपना खंजर एक बार मे ही घोंप दिया ! जंगली कहीं के ! मगर अब मामा कुछ सुनने को तैयार नहीं था ! उसने कामया की धकापेल चुदाई चालू कर दी ! मामा का भारी बदन फूल सी नाज़ुक कामया से जब टकराता तो कामया तीन इंच गद्दे मे धँस जाती और उसकी कराह निकल जाती ! मगर अब असहँसील हो गया था वो नोन स्टॉप चुदाई करने लगा ! कमरे मे वासना का तूफान आ चुका था जिसमे रिश्ते नाते सब बह चुके थे ! हर धक्के के साथ कामया और वाइल्ड होती जा रही थी और अब बिना किसी की चिंता फिकर किए मादक ढंग से कराह रही थी ! लगभग दो मिनिट की चुदाई के बाद कामया एक बार फिर पानी छोड़ने लगी और हाँफने लगी ! मामा ने अपना लंड बाहर निकाला और उसे कुछ देर हवा खिलाने लगा ! कुछ देर पहले ही उसने कामया की गाँड मे अपनी मलाई निकाली थी इसलिए उसने सोचा अगर वो धैर्य से काम लेगा तो काफ़ी देर इस हसीन लौंडिया की जवानी को भोग सकेगा ! आज वो कामया को हर तरीके से चोदना चाहता था पता नहीं फिर कभी जिंदगी मे मौका मिले ना मिले !
लंड की गर्मी कम करके और अपनी साँसों को नियंत्रित करके अब उसने कामया को घोड़ी बनने के लिए बोला ! कामया चुपचाप घोड़ी बन गई ताकि उसका नया प्रेमी घुड़सवारी का मज़ा ले सके वो जानती थी जब तक मामा का निकलेगा नहीं मामा मानेगा नहीं ! कामया का घोड़ी पोस अच्छे अच्छे मर्दों का होश उड़ाने लायक था ! उसकी बेहद सुंदर और सेक्सी गाँड इस पोस मे खिले हुए कमल के सामान लगती थी जिस पर मामा जैसा हर भौरा मंडराना चाहे ! मामा ने कुछ देर उसकी गाँड को अपनी खुरदूरी जीभ से चाटा और चूमा और फिर एक बार अपना लंड कामया की धधकती भट्टी के मुहाने पर रख दिया ! कामया ने आने वाले धक्के की कल्पना कर साँस रोक ली ! उसकी प्रतीक्षा पूरी हुई मामा ने साँस भा कर एक प्रलायंकारी शॉट मार दिया ! मामा का लंड कामया की टाइट बुर को चीरता फाड़ता अंदर प्रवेश कर गया ! नाज़ुक भांजी का जर्रा जर्रा हिल गया ! मगर इसी के साथ उसके अंदर प्रबल कामागञी भी भड़क उठी ! इससे पहले की मामा अगला शॉट मारता कामया ने खुद अपनी गाँड पीछे धकेल दिया मानो उसे खुद जल्दी पड़ी हो ! मामा लौंडिया की गरमी देख खुश हो गया ! ऐसी गरम तासीर की लौंडिया बहुत भाग्यवान पुरुष को ही मिलती है ! अब मामा ने उसकी चुदाई चालू कर दी हर धक्के मे कामया की गाँड का कोमल माँस अंदर को धँस जाता जिसे देख देख कर मामा का पारा बढ़ता ही जा रहा था ! वो कभी उसकी चूची दबाता तो कभी उसकी केले के तने जैसी चिकनी जांघों को सहलाता तो कभी आगे से हाथ डालकर कामया के दाने को सहलाने लगता ! मामा की इन चरम हरकतों और उसके मूसल की जबरदस्त घिसाई ने कामया की बुर का बाजा बजा दिया और वो एक बार फिर से पानी छोड़ने लगी !
कामया - - आ आ मामा मैं गई ! आ मामा आप ने ये क्या कर डाला कितनी बार मुझे निचोड़ोगे ! मेरा तो सारा रस ही निकल गया अब मैं और ऐसे खड़ी नहीं रह सकती ! कहते कहते कामया ओन्धे ही लेट गई ! मामा का मूसल बाहर निकल गया था !
कामया - - मामा और कितनी देर करोगे ! अब दर्द देने लगा है ?
मामा - - बस रानी एक लास्ट बार अब दो मिनिट मे ही फारिग हो जाऊँगा ! और मामा ने एक बार फिर उसे चित लिटा कर लंड अंदर कर दिया ! मामा को भी चोदते चोदते बीस मिनिट हो गये थे अब उसमे और रुकने की ताक़त नहीं थी ! मामा ने कामया को अच्छी तरह अपने नीचे दबोचा और एक बार फिर ताबॅड तोड़ पेलाई करने लगा ! जिस प्रकार दिया बुझने से पहले और तेज़ भभकने लगता है उसी प्रकार इस बार मामा और जोरदार हंगामा कर रहा था ! नीचे पड़ी कामया के बदन का पोर पोर दर्द दे रहा था लेकिन उसका चेहरा फूल की तरह खिल उठा था ! मामा के हर धक्के पर वो सिसक पड़ती ! कमरे मे अब मामा के हाँफने की आवाज़ और उसकी प्यारी भांजी की मादक सिसकारियाँ ही गूँज रही थी ! लगभग दो मिनिट की इस आख़िरी मगर बहुत धाँसू चुदाई के बाद मामा ने भांजी की कोख अपने बीज से भर दी !
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
बहकती बहू--44
अब आगे ____________
आधा सुपारा अंदर हुआ ही था क़ि कामया बोल पड़ी
कामया - - - प्लीज़ बहुत दर्द दे रहा है ! निकाल लो ना ? मामा जानता था क़ि प्रथम गांड चुदाई मे थोडा ज़ोर ज़बरदस्ती करना ही पढ़ती है इसलिए वो कामया को झूठी दिलासा देते हुए बोला
मामा - - - रानी अब काहे का दर्द सुपाड़ा तो अंदर हो गया बस थोड़ा सह लो और काम ख़त्म ! मामा ने फिर ताक़त लगाई और वेसलीन से सनी गाँड मे सुपाड़ा गुम हो गया और इसी के साथ कामया की गाँड अपने चरम तक फैल गई !
कामया - - - मर गई मामा ! मामा निकाल लो नहीं तो मेरी फट जाएगी ! प्लीज़ बहुत दर्द दे रहा है कहीं मर ना जाऊं मामा - - रानी काम ख़तम हो गया अब काहे रो रही हो देखो सुपाड़ा अंदर चला गया अब तो पीछे पतला सा है जो दर्द होना था हो चुका ! लो तुम खुद देख लो ! कहकर मामा ने उसका हाथ पकड़ कर पीछे अपने लंड पर रख दिया ! कामया ने टटोल कर देखा तो सचमुच सुपाड़ा अंदर था बाहर केवल शाफ्ट ही रह गया था ! उसे विस्वास नहीं हो रहा था क़ि इतना मोटा सुपाड़ा उसकी टाइट गाँड ने निगल लिया है !
कामया - - - मामा सच्ची मे ये तो अंदर चला गया ! बाप रे ये कैसे हो गया !
मामा - - - कैसे क्या ! सभी का ऐसा होता है ! चूत और गाँड दोनो ही लंड के लिए बनी हैं ! बस अब तो तुम जिंदगी का नया मज़ा लो जो तुम आज पहली बार लोगी ! और मामा ने साँस भरी और बहुत ही असहिसुन शॉट मार दिया ! वेसलीन मे लपटा लंड वेसलीन मे नहाई बुर मे एक बार मे ही जड़ तक धँस गया !
कामया - - - आई मा मर गई ! निकाल लो मामा निकाल लो ! मैं नहीं कर पाऊँगी ! और उसने पीछे अपना हाथ लगाया तो विस्मित हो गई ! उसके हाथ मे मामा के टटटे आ गये लंड तो उसकी गाँड पूरा निगल चुकी थी !
पूरा लंड अंदर तक पेलने के बाद मामा कुछ देर वैसे ही शांत पड़ा रहा ! कामया दर्द से भरी हुई थी उसकी आँखों मे आँसू के कतरे आ गये थे ! मामा ने झुक कर अपने होंठ उसकी आँखों मे रख और आँसू पी लिया ! कामया मामा की इस अदा पर फिदा हो गई ! कुछ देर बाद कामया की गाँड ने लंड को थोड़ा अड्जस्ट कर लिया तो मामा ने दो इंच बाहर निकाल कर फिर अंदर पेल दिया ! कामया फिर सिसक उठी मगर इस बार उसके चेहरे पर दर्द के निशान कम थे ! मामा कुछ देर तक दो इंच मे चुदाई करता रहा फिर उसने पूरा लंड को टोपे तक बाहर निकाल कर पेल दिया ! कामया फिर कराह उठी !
कामया - - - आह ! उई . ! मामा धीरे दर्द दे रहा है ! मामा खुश था कामया ने इस बार ये नहीं कहा क़ि निकाल लो बस इतना ही कहा की धीरे !
मामा - - - रानी बस ज़रा सा और उसके बाद बिल्कुल दर्द नहीं देगा ! बस अब तुम्हारी गाँड हमारे लंड के किए तैयार हो गई है अब तो तुम बस ये नया मज़ा लो ! मामा अब लंबे मगर हल्के शॉट मारने लगा ! कुछ देर मे कामया का दर्द बिल्कुल गायब हो गया और वो मज़े से सिसकारियाँ लेने लगी ! जब मामा ने देखा की रानी अब एक दम तैयार हो गई है तो उसने अब तबीयत से घुड़सवारी करने की सोची और कामया से बोला
मामा - -- रानी चल अब घोड़ी बन जा तो तुझे फूल मज़ा दे दूँ ! ऐसे आधे अधूरे मे मज़ा नहीं आ रहा !
मामा की बात सुनकर कामया घोड़ी बन गई ! कामया की चौड़ी उभरी गाँड देख कर मामा एक बार फिर मोहित हो गया और वो झुक कर कामया की गाँड पर किस करने लगा ! जब उसका मन भर गया तो उसने फिर गाँड के छेद मे टोपा लगाया और अंदर कर दिया ! अब मामा कामया की बेरहम चुदाई करने लगा ! पूरे कमरे मे मामा की प्यारी भांजी की मादक सिसकारियाँ गूंजने लगी जिसे सुन सुन कर मामा और धकापेल शॉट मार रहा था !
मामा - - रानी अब दर्द तो नही दे रहा !
कामया - - - नहीं मामा अब मज़ा आ रहा है 1
मामा - - रानी ज़्यादा मज़ा कहाँ आता है आगे या पीछे !
कामया - -- हमे नहीं मालूम कामया ने लजाते हुए कहा
मामा - - रानी ऐसे शरमाओगी तो कैसे मज़ा आएगा ! अब तो दोनो जगह ले ली हो तो बताओ ना ज़्यादा मज़ा कहाँ आता है ?
कामया - - मामा दोनो का अपना अपना मज़ा है ! आगे सेन्सेसन ज़्यादा होता है तो पीछे बहुत टाइट फील हो रहा है इसलिए पीछे भी अच्छा लग रहा ही !
मामा - - अगर दोनो जगह इतना अच्छा लग रहा है तो काश हमारे पास दो लंड होते तो अभी दोनो छेद एक साथ भर देते !
कामया - -- चुप करो मामा ! हमेशा उल्टा सीधा दीमाग चलाते हो ! चुपचाप अपना काम नहीं कर सकते !
मामा - -- रानी ये काम ऐसा है क़ि जितना बोलो उतना मज़ा आता है !
कामया - -- तो ठीक है भजन गाना चालू कर दो ! और इस बात पर दोनो हंस पड़े ! मामा ने भी तबीयत से कामया की गाँड बजाना शुरू कर दिया ! गाँड मारने मे उसे विशेष मज़ा आता था ! कामया भी इस नये सुख को पाकर खुश थी और खुद अपनी गाँड पीछे को धकेल धकेल कर मरवा रही थी ! मामा ने करीब दस मिनिट तक भांजी की टाइट गाँड का मज़ा लूटा और फिर हान्फते हुए गाँड मे ही अपना माल भर दिया ! दोनो थक कर लेट गये ! गाँड मराई की गरमी निकलने के बाद कामया को अब थोड़ा दर्द दे रहा था जिससे वो बीच बीच मे कराह उठती ! दोनो एक दूसरे की बाँहों मे आराम करने लगे ! मगर मामा लगातार उसकी गाँड और बूब्स से खेलने मे लगा हुआ था क्योंकि अगला राउंड जो करना था !
मामा कामया के बदन से खेल रहा था क्योंकि उसका मन अभी भरा नहीं था !वैसे भी कामया जिस तरह से नंग धड़ंग पड़ी थी उसे देख कर शायद ही कोई मर्द उसे इतने जल्दी जाने दे सकता था !
मामा कल से उसे भोग रहा था मगर अभी भी उसके हसीन निर्वस्त्र जिस्म को देखने से उसका मन नहीं भर रहा था! हुश्न ओ शवाब की मालिका बिस्तर मे लेटी हो तो कौन मर्द चैन से रह सकता था भला ! अपने को इस तरह घूरते देख कामया अंदर ही अंदर गर्वित हो रही थी मगर ऊपर से बनावटी हँसी मे बोली
कामया - - - मामा क्या देख रहे हो ?
मामा - -- वही जो देखने लायक है मामा ने उसकी झांघों पर हाथ फेरते हुए कहा
कामया - -- मामा कल से तो देख रहे हो अब और कितना देखना है ?
मामा - - - जब तक मन नहीं भरेगा तब तक देखना है ?
कामया - -- मन तो आपका कभी नहीं भरने वाला ? कामया ने गर्व से कहा मामा उसके इस गर्व को बनाए रखना चाहता था उसे सुंदर लड़कियों के नाज़ नखरे अच्छा लगते थे इस लिए उसने फिर कामया को सहलाना शुरू कर दिया ! वो कामया के अंदर आग को बुझने नई देना चाहता था इस लिए उसके हर कामुक अंग जैसे चूची , जांघें गाँड और बुर को लगातार छेड़ रहा था और मामा की इस हरकत का उसे प्रतिफल भी मिल रहा था क्योंकि उसकी हरकतों के कारण कामया कभी कभी सिसकारी ले लेती थी ! मामा का मूसल अभी बिल्कुल बेजान पढ़ा था उसमे जान डालने की मंशा से मामा ने कामया के हाथ मे उसे पकड़ा दिया ! थोड़ी देर पहले अपनी अकड़ से फूला नही समा रहा लंड अब इस तरह मुरझाया हुआ था क़ि उसकी बेबसी पर कामया को हँसी आ गई तो मामा ने पूछा
मामा - - - क्या हुआ जान ?
कामया - - - मामा जब ये सो गया है तो क्यों इसे जगा रहे हो ?
मामा - - रानी सो नहीं रहा है बस अगली लड़ाई के लिए ताक़त बटोर रहा है !
कामया - - - मुझे जाने दो मामा पता नहीं इसमे कितनी देर मे जान आएगी ?
मामा - - रानी चिंता मत करो अभी इसमे जान डाल देता हूँ ! मामा उठा और अपने लिए एक और लार्ज पेक बनाने लगा उसे इस वक्त इसकी सख़्त ज़रूरत थी !
मामा - -- जान तुम भी लोगी ?
कामया - -- ना ना बिल्कुल नहीं ! अभी भी मेरा सिर चकरा रहा है ! आपका क्या आप ने तो पिला के हमारे साथ आज धोखा कर दिया !
मामा - -- हमने क्या धोखा किया ! तुम्ही ने तो हमे रोका था आज के लिए !
कामया - - - रोका था तो ! आपने नशे मे पीछे से हमला कर दिया ! मामा अभी भी बहुत दर्द दे रहा है आपको क्या मालूम ? मामा ने उसे कई तरह की दिलासा देकर शांत किया और अपना पेग पीता रहा ! जब पेग ख़त्म करके उसने बेड की तरफ देखा तो चोंक गया ! अब तक कामया भी सिरहाने से टेक लगा कर बैठ चुकी थी ! इस पोसीसन मे उसकी दुकान सॉफ खुली हुई दिख रही थी ! मामा की नज़र वहीं चिपक गई ! कितनी तो हसीन और खूबसूरत चूत थी उसकी प्यारी भांजी की !
मामा को अपनी गुड़िया को घूरते देख कामया बोली
कामया - -- पीछे के बाद अब क्या इस पर नियत बिगड़ गई है ? कामया खुद भी अब अपनी चूत की खुजली मिटाना चाहती थी ! औरत लाख गाँड मरवा ले मगर उसका मन चूत मे लंड जाए बिना तृप्त नहीं होता ! और होगा भी क्यों आख़िर प्रकृति ने लंड के लिए तो बुर ही बनाई है बाकी सब तो अप्राकृतिक ही है !
मामा - - नहीं तुम बोलो तो पीछे ही कर लेंगे ?
कामया - - - नो वे ! पीछे तो अब हाथ भी नहीं लगाना !
मामा - - - ठीक है रानी हम तुम्हारा दर्द समझते हैं अब पीछे नहीं करेंगे बस ! फिर मामा बेड पर लेट गया ! उसके लंड मे अब तोड़ा तनाव आने लगा था सो उसने सोचा ये सभी समय है कामया की सेवा लेने का
मामा - - रानी तुम्हे चॉको बार बहुत पसंद है ना तो लो खाओ ना चॉको बार ! मामा ने उसे अपना लंड दिखाते हुए कहा
कामया - - - मुझे दुकान वाला चॉको बार पसंद है ये गंदा सा नहीं ! मगर कामया ललचाई सी मामा के मूसल को देख रही थी ! बैठा हुआ सा भी वो सुनील से ड्योदा था ! मामा ने उसकी कलाई पकड़ अपनी ओर खींचते हुए कहा
मामा - - रानी ये वाला खा ये सबसे टेस्टी है ! मज़ा आ जाएगा तुझे ! और फिर उसने कामया का सिर अपने टोपे पर झुका दिया ! नाक पे मामा के लंड की सुगंध आते ही कामया बहकने लगी ! ये सुगंध उसके अंदर बेचैनी भर देती थी ! ये सुगंध सूँघते ही उसे सब कुछ भूल केवल मर्द का प्यार ही नज़र आने लगता !
कामया जब छोटी थी तब उसे लोलीपोप चूसना बहुत अच्छा लगता था मगर उसने कभी ये नही सोचा था क़ि उसे जवानी मे इस तरह का लोलीपोप चूसना पड़ेगा ! बहरहाल मामा का लोलीपोप देख उसकी लार टपकने लगी एक तो पहले से ही जवानी का नशा सिर चढ़ कर बोलता है ऊपर से आज उस पर शराब का नशा भी चढ़ा हुआ था उसने धीरे से मामा के टोपे पर ज़बान फिराई और इठलाते हुए मामा से बोली
कामया - - नहीं मामा मैं नहीं करूँगी ! मुझे अच्छा नहीं लगता ! मामा जनता था की कामया नखरे कर रही है इसके पहले जिस कदर उसने लंड चुसाइ की थी उससे ही मामा जान गया था क़ि कामया लंड चूसना पसंद करने वाली लौंडिया है मगर सुंदर नखरे करने वाली मानिनी लड़की को मनाना मामा जानता था ! इस तरह की लौन्दियो की खूबसूरती की तारीफ़ कर दो तो वो आपकी गुलाम हो जाती हैं और मर्द को हर तरह से खुश करने का कोशिश करती हैं सो मामा ने कहा
मामा - - रानी ऐसा मत कहो ! अपने एकमेव मामा की खुशी के लिए ही कर दो ! कम से कम भविष्य मे चैन से तो मरूँगा ! मामा की बात सुनकर कामया बोली
कामया - - - मामा आप हमेशा मरने की बात क्यों करने लगते हो ?
मामा - - - रानी तुम नहीं जानती अगर मर्द जिसे प्यार करता है उस लड़की का प्यार उसे जीवन मे ना मिले तो फिर उसका जीने का मन नहीं करता!
कामया - - तो प्यार तो आप कर रहे हैं ना ?
मामा - - हम तो दिल से प्यार कर रहे हैं मगर आप कहाँ दिल से प्यार कर रही हो ज़रा से चूसने को बोल दिया तो मना कर रही हो ?
कामया - - ठीक है मामा कर देती हूँ वरना आप ऐसे ही रोतड़ा सा मुख ले के बैठे रहेंगे ! और कामया झुकी और मामा के मूसल को प्यार करने लगी !
जवानी का नशा फिर शराब का नशा और सबसे बॅड्कर मामा के किंग साइज़ लंड का नशा तीनो नशे कामया पर इस कदर हावी हुए क़ि कुछ ही पल मे वो सब कुछ भूल गई और लंड पर किसी भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी ! वो मामा के नटखट को हर तरीके से प्यार कर रही थी मानो मामा के साथ कोई जंग लड़ रही हो ! कभी टोपे को चाटती तो कभी टोपे को चूमती ! फिर थोड़ी देर बाद टोपे पर दाँत गाड़ाने लगती तो कभी उसे मुँह मे लेकर चूसने लगती ! उसके वाइल्ड प्यार को देख मामा को लग रहा था की सच मे सुनील ने कामया को एक दम बिस्तर की नागिन बना दिया है जिसका काटा फिर कभी पानी भी नहीं माँग सकता ! कामया कभी पुर लंड को हलक मे उतार लेती और वही फँसा कर मामा की तरफ सेक्सी नज़रों से देखती मानो पूछ रही हो "" क्यों मामा आ रहा है ना मज़ा ?"" मामा खुद कामया की अदाओं से हैरान था ! उसने सोचा भी नहीं था की उसकी घरेलू और संस्कारी भांजी इतनी गरम माल भी हो सकती है वो दिल ही दिल मे सुनील के भाग्य को सराह रहा था ! उधर कामया सोच रही थी क़ि काश सुनील के पास इतना शानदार औजार होता तो वो रोज मज़े लेती चाहे इसके लिए उसे मुंबई ही शिफ्ट होना पढ़ जाता ! बेचारी सुनील के दुर्भाग्य को याद करने लगी ! कामया काफ़ी देर तक मामा को मज़े देती रही तो मामा ने कहा !
मामा - - - रानी बस एक ही फल पसंद है क्या ?
कामया - - क्या मतलब मामा ?
मामा - - - रानी केवल केला ही खा रही हो नीचे दो चीकू भी हैं उसको भी चख लो
कामया समझ गई की मामा गोटियाँ चूसने को बोल रहें हैं वो पहले भी मदनलाल और सन्नी की गोटे चूस कर उनको आनंद दे चुकी थी मगर नाटक करती हुई बोली
कामया - - - मामा मैं जवान लड़की हूँ इसलिए केवल क्रीम रोल खाती हूँ कोई बच्ची नहीं हूँ जो किनडर जाय खाऊँ ?
मामा - - रानी प्यार करने का असली मज़ा तभी आता है जब एक दम बच्चे बन कर प्यार करो बड़ी बन कर प्यार करोगी तो हिचक ख़त्म नहीं होगी ! चल बच्ची बन जा और किंडर जॉय खा के देख ! देख तेरे मामा की कितनी टेस्टी मलाई है ! मामा की बात सुनकर कामया का भी मान क़िडर जॉय टेस्ट करने का हो गया ! शराब का नशा उसे हर काम के लिए बोल्ड बना रहा था !
उसने मामा के लंड को हाथों मे थमा और गोली को मुँह मे भर लिया !
गोले कामया के मुँह मे जाते ही मामा उत्तेजना से गनगना गया ! कामया बड़े प्यार से उन्हे चूस रही थी ! उसे मालूम था क़ि मर्द का ये अंग बड़ा नाज़ुक होता है और उनकी जान इन्ही मे बसती है ! बाबूजी और सन्नी ने उसे ट्रैंड कर दिया था ! वो बड़े प्यार से दोनो गोटियों को बारी बारी से चूस रही थी और मूसल को हाथ से स्ट्रोक कर के मामा को निहाल कर रही थी ! मामा तो ऐसा प्यार पाकर बेहाल हो चुका था ! उसका पूरा बदन काम के आवेग मे झटके खाने लगा ! यदपि जो कुछ हो रहा था वो हर अनुभव उसे पहले से भी था ! दर्जनो औरतों ने उसका लंड और पिलोड़ा चूसा था मगर कोई इतनी खूबसूरत नही थी ! कामया तो बस कामया ही थी मामा को ऐसा लग रह था मानो कोई फिल्म की हेरोइन उसका लंड चूस रही हो ! वो अपलक कामया के खूबसूरत चेहरे और मदमस्त जवान बदन को देख रहा था ! कुछ ही देर मे मामा की दोनो गोतियाँ उबलने लगी ! मामा को लगा वो अब ज़्यादा नहीं रुक पाएगा तो उसका आदिम भाव जाग उठा वो अपना बीज कामया की कोख मे डालना चाहता था ! उसने कामया से कहा
मामा - - रानी अब सहा नहीं जाता आ जा ऊपर आजा ! आज तू कर ऊपर से ?
कामया का भी दिल ऊपर चढ़ने को हो गया वो धीरे से मामा के ऊपर आई और अपने हाथ से मामा का सुपाड़ा अपने ज्वालामुखी के मुहाने मे रखकर बैठ गई ! मामा का मस्ताना लंड गप्प से उसके अंदर गुम हो गया ! मामा का लंड बहुत मोटा था वो कामया की प्रेम गुफा की दीवार को निर्मम तरीके से रगड़ता हुआ अंदर दाखिल हुआ ! लंड ने नाज़ुक त्वचा को जिस कदर रगड़ा था उससे कामया हीट के मारे कराह उठी
कामया - - - आ मामा धीरे ! कितना मोटा है आपका ! चीर के रख देता है !
मामा - - - धीरे हमे क्यों बोल रही हो रानी ? चोद तो तुम रही हो ! हमारा क्या दोष ! कामया को ख्याल आया क़ि ऊपर तो वो है तो भी उसने कहा
कामया - - आपका ये दोष है मामा की आप घोड़े जैसा लिए घूमते हो ! इतना मोटा सुनील का होता और हमे रोज करना पढ़ता तो हम तो कब का छोड़ कर घर आ जाते !
मामा - - कम्मो रानी झूट ना बोलो हमने सुना है जितना मोटा होता है औरत को उतना मज़ा आता है ! सुना है लंबे से ज़्यादा औरतें मोटा पसंद करती हैं जो ज़्यादा से ज़्यादा फैला दे !
कामया - - पता नहीं मामा कौन औरत इतना मोटा पसंद करती होगी ? शायद रजनी मामी को पसंद होगा इतना मोटा ! अपनी बीवी का नाम कामया के मुख से सुन मामा का उत्साह दुगना हो गया !वो बोला
मामा - - कम्मो सही कह रही हो तुम्हारी मामी को तो ये बहुत पसंद है ! उसे तो हर दूसरे दिन चाहिए होता है ना करो तो कहने लगती है "" सन्नी के पापा लगता है अब आप बूढ़े हो गये हो ""
कामया - -- तभी मैं कहूँ मामी हमेशा इतनी इतराती क्यों रहती है हमेशा जवान जवान सी फिरती है ! और वो मामा के मूसल पर उठक बैठक करने लगी ! बैठक लगाने से उसके संतरे ऊपर नीचे उचक रहे थे जिसे देख देख कर मामा बावला हुआ जा रहा था ! कामया के संतरे इतने बड़े होने के बाद भी बहुत सख़्त और ऊपर को उठे हुए थे ! सोने के समान दमकते उसके दोनो चूचियों को देख मामा को ऐसा लग रहा जैसे
कंचनजंघा की चोटियों हों जो कंचन के समान चमक रही हैं !
मामा ने अब तक जितनी भी बड़े बूब्स वाली औरतें चोदी थी सभी की चूची अपने भार के कारण लटक गई थी कामया अकेली ऐसी लौंडिया थी जिसकी चूची बड़ी भी थी और ऊपर को तनी हुई थी जैसे की मर्दों को चुनोती दे रही हों ! और मामा ऐसी चुनोती को कभी बेकार नहीं करता था उसने कामया की दोनो चुचि अपनी हथेली मे थाम ली और लगा बेदर्दी से मसलने ! कामया कराह उठी
कामया - -- आह उई माँ ! मामा धीरे दबाओ ! मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ ! बिल्कुल गाँव वालों के समान जंगली हो जाते हो ! हालाकी उसे मामा का जंगलिपना भी पसंद आ रहा था ! बूब्स पर ये असहनसीलता उसे अच्छी लगती थी बशर्ते क़ि दर्द ज़्यादा ना हो ! थोड़ा बहुत दर्द तो उसे अच्छा लगता था ! वो जानती थी भगवान ने ये निगोडी चूचियाँ मसलवाने के लिए ही दी हैं तो तौबा क्यों मचाना ?
ऊपर बूब्स रगड़वाई और नीचे चूत चटवाई कामया बर्दास्त नहीं कर सकी और चीखते हुए झाड़ गई ! झदने के बाद कामया एकदम पस्त हो गई और बोली
कामया - - - अब आप करो ! अब मुझसे नहीं होगा ! ये आपका काम है आप करो हाँ ! इधर मामा भी पड़े पड़े बोर हो गया था सो उसने कामया को लिटा दिया और बिना लंड डाले कुछ देर फिर उसके हसीन बदन से खेलने लगा ! इस तरीके से वो अपने को कुछ ठंडा भी कर रहा था ! कुछ देर कामया की जालिम जवानी को निचोड़ कर एक बार फिर उसने कामया की बुर मे टोपा लगाया और शॉट मार दिया ! कामरस से भीगी कामया की चूत बिल्कुल प्रतिरोध ना कर सकी और लाउडा एक बार मे ही अपनी अंतिम गहराई तक पहुँच गया
कामया - - हाय मामा धीरे ! जालिम मार दोगे क्या ! मैं इंसान हूँ कोई तरबूज़ नहीं जो अपना खंजर एक बार मे ही घोंप दिया ! जंगली कहीं के ! मगर अब मामा कुछ सुनने को तैयार नहीं था ! उसने कामया की धकापेल चुदाई चालू कर दी ! मामा का भारी बदन फूल सी नाज़ुक कामया से जब टकराता तो कामया तीन इंच गद्दे मे धँस जाती और उसकी कराह निकल जाती ! मगर अब असहँसील हो गया था वो नोन स्टॉप चुदाई करने लगा ! कमरे मे वासना का तूफान आ चुका था जिसमे रिश्ते नाते सब बह चुके थे ! हर धक्के के साथ कामया और वाइल्ड होती जा रही थी और अब बिना किसी की चिंता फिकर किए मादक ढंग से कराह रही थी ! लगभग दो मिनिट की चुदाई के बाद कामया एक बार फिर पानी छोड़ने लगी और हाँफने लगी ! मामा ने अपना लंड बाहर निकाला और उसे कुछ देर हवा खिलाने लगा ! कुछ देर पहले ही उसने कामया की गाँड मे अपनी मलाई निकाली थी इसलिए उसने सोचा अगर वो धैर्य से काम लेगा तो काफ़ी देर इस हसीन लौंडिया की जवानी को भोग सकेगा ! आज वो कामया को हर तरीके से चोदना चाहता था पता नहीं फिर कभी जिंदगी मे मौका मिले ना मिले !
लंड की गर्मी कम करके और अपनी साँसों को नियंत्रित करके अब उसने कामया को घोड़ी बनने के लिए बोला ! कामया चुपचाप घोड़ी बन गई ताकि उसका नया प्रेमी घुड़सवारी का मज़ा ले सके वो जानती थी जब तक मामा का निकलेगा नहीं मामा मानेगा नहीं ! कामया का घोड़ी पोस अच्छे अच्छे मर्दों का होश उड़ाने लायक था ! उसकी बेहद सुंदर और सेक्सी गाँड इस पोस मे खिले हुए कमल के सामान लगती थी जिस पर मामा जैसा हर भौरा मंडराना चाहे ! मामा ने कुछ देर उसकी गाँड को अपनी खुरदूरी जीभ से चाटा और चूमा और फिर एक बार अपना लंड कामया की धधकती भट्टी के मुहाने पर रख दिया ! कामया ने आने वाले धक्के की कल्पना कर साँस रोक ली ! उसकी प्रतीक्षा पूरी हुई मामा ने साँस भा कर एक प्रलायंकारी शॉट मार दिया ! मामा का लंड कामया की टाइट बुर को चीरता फाड़ता अंदर प्रवेश कर गया ! नाज़ुक भांजी का जर्रा जर्रा हिल गया ! मगर इसी के साथ उसके अंदर प्रबल कामागञी भी भड़क उठी ! इससे पहले की मामा अगला शॉट मारता कामया ने खुद अपनी गाँड पीछे धकेल दिया मानो उसे खुद जल्दी पड़ी हो ! मामा लौंडिया की गरमी देख खुश हो गया ! ऐसी गरम तासीर की लौंडिया बहुत भाग्यवान पुरुष को ही मिलती है ! अब मामा ने उसकी चुदाई चालू कर दी हर धक्के मे कामया की गाँड का कोमल माँस अंदर को धँस जाता जिसे देख देख कर मामा का पारा बढ़ता ही जा रहा था ! वो कभी उसकी चूची दबाता तो कभी उसकी केले के तने जैसी चिकनी जांघों को सहलाता तो कभी आगे से हाथ डालकर कामया के दाने को सहलाने लगता ! मामा की इन चरम हरकतों और उसके मूसल की जबरदस्त घिसाई ने कामया की बुर का बाजा बजा दिया और वो एक बार फिर से पानी छोड़ने लगी !
कामया - - आ आ मामा मैं गई ! आ मामा आप ने ये क्या कर डाला कितनी बार मुझे निचोड़ोगे ! मेरा तो सारा रस ही निकल गया अब मैं और ऐसे खड़ी नहीं रह सकती ! कहते कहते कामया ओन्धे ही लेट गई ! मामा का मूसल बाहर निकल गया था !
कामया - - मामा और कितनी देर करोगे ! अब दर्द देने लगा है ?
मामा - - बस रानी एक लास्ट बार अब दो मिनिट मे ही फारिग हो जाऊँगा ! और मामा ने एक बार फिर उसे चित लिटा कर लंड अंदर कर दिया ! मामा को भी चोदते चोदते बीस मिनिट हो गये थे अब उसमे और रुकने की ताक़त नहीं थी ! मामा ने कामया को अच्छी तरह अपने नीचे दबोचा और एक बार फिर ताबॅड तोड़ पेलाई करने लगा ! जिस प्रकार दिया बुझने से पहले और तेज़ भभकने लगता है उसी प्रकार इस बार मामा और जोरदार हंगामा कर रहा था ! नीचे पड़ी कामया के बदन का पोर पोर दर्द दे रहा था लेकिन उसका चेहरा फूल की तरह खिल उठा था ! मामा के हर धक्के पर वो सिसक पड़ती ! कमरे मे अब मामा के हाँफने की आवाज़ और उसकी प्यारी भांजी की मादक सिसकारियाँ ही गूँज रही थी ! लगभग दो मिनिट की इस आख़िरी मगर बहुत धाँसू चुदाई के बाद मामा ने भांजी की कोख अपने बीज से भर दी !
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
No comments:
Post a Comment