हिंदी सेक्सी कहानियाँ
गुर्जर आंदोलन की वजह माँ चुदी
दोस्तों, मेरा नाम मनोहर है और मैं २३ साल का हूँ, मेरी माँ मुझे मनु कह कर बुलाती है! मैं एक हट्टा-कट्टा मर्द हूँ, मेरा कद ६ फुट है और मैं रेलवे में इंजिनियर हूँ! मुझे राजिस्थान के एक छोटे से शहर में रेलवे का कुवाटर मिला हुआ है जिस में मैं अपनी माँ के साथ रहता हूँ! मेरी माँ एक विधवा है क्यूंकि मेरे पिता जी का निधन तब हो गया था जब में १० साल का था! मेरी माँ ने ही मुझे पालपोस कर बड़ा किया था! मेरी माँ बहुत सुंदर है और जवान दिखती है, उसका का रंग तो बहुत साफ़ है! उस को देख कर कोई नहीं कह सकता की वह ४२ साल कि विधवा है! मेरी माँ का जिस्म अब भी कई जवान लड़कियों को शर्मिंदा कर दे! उस का फिगर ३६-२६-३८ है और उसकी चूचियां मस्त गोल गोल है! उस की चूचियां अब भी सूडोल और सखत हैं, उन में अभी तक कोई ढलकान नहीं आया और वह अब भी २०-२२ साल की लड़की की मस्त चुचियों के साथ मुकाबिला कर के उन्हें मात दे सकती हैं! उसके नितम्ब तो देखने के हैं! जब वह चलती हैं तो वह ऐसे लहराते हैं की किसी कि भी जान निकल जाए! वह एक दम सीधी सीना तान के चलती है और उसके नितम्ब तो ऐसा नृत्य करते हैं कि जिसका आनंद लेते हुए कोई भी खो जाए! जब हम बाजार जातें हैं तो हमे कई छिछोरों की सीटियाँ आम सुनने को मिलती हैं! मेरे को तो बहुत गुस्सा आता है पर माँ मुझे उन्हें कुछ कहने से हमेशा रोक देती है! मेरे पिता जी भी रेलवे में नौकरी करते थे और कार्य स्थल पर एक एक्सीडेंट में उनकी मृत्यु हो गई थी, इसलिए रेलवे ने मेरी माँ को, एवज में पेंशन और रेलवे में ही नौकरी दे दी थी!
मैंने आप को उपर दिया विवरण केवल यथा स्तिथि बताने के लिए दिया है! अब और समय ना लेते हुए मैं आप को वह घटना बताता हूँ जो मेरे साथ लगभग ३ साल पहले घटित हुई थी!
यह उन दिंनो की बात है जब मैं तब मैं २० साल का था और उस समय मेरी माँ ३९ साल की थी! मैं पास के बड़े शहर में इंजीनियरिंग कॉलेज के फआईनल इयर में पढ़ता था और मेरी माँ की नौकरी वहीँ पास के एक छोटे शहर के रेलवे स्टेशन में लगी थी! इस शहर की दूरी मेरे शहर से (रेल से) सिर्फ ३५ मिनट थी! मुझे इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए रेलवे कि ओर स्टाइपेंड मिलता था पर हॉस्टल के लिए खर्चा पानी नहीं मिलता था! इसलिए मैंने पापा के एक जान पहचान वाले से उस शहर में, उसके एक घर में उपर वाला एक कमरा, रसोई और बाथरूम किराये पर ले कर रहने लगा था! अक्सर, सप्ताह के हर शनिवार और इतवार मैं माँ के पास चला जाता था, लेकिन कभी कभी जब कॉलेज में एक्स्ट्रा क्लास होती थी तब नहीं जाता था और माँ इतवार को सुबहे कि गाडी से मेरे पास आती थी, दिन भर रह कर, शाम कि गाड़ी से वापिस चली जाती थी! दिन में वह मेरे कपडे आदि धो देती थी और कमरे कि सफाई आदि कर देती थी!
एक बार माँ इतवार की सुबहे आयी और हर बार कि तरह शाम को ७ बजे वापिस जाने के लिए रेलवे स्टेशन गई तो पता चला की गुर्जर आन्दोलन के कारण उस रूट पर सभी ट्रेन्स रद्द कर दी गई थीं! मैं उस समय साथ में था और क्योंकि बस से जाने से २ घंटे लग जाते हैं इसलिए मैंने माँ को रात में वहीँ रुकने के लिया मना लिया! फिर हम दोनों बाज़ार से जररूत का सामान ले कर वापिस कमरे पर आगए! आ कर माँ ने रात के लिए खाना बनाया और हम दोनों ने खाया! फिर मैं पढाई करने बैठ गया और माँ बर्तन साफ़ कर और रसोई का कम निपटा कर बैठी कुछ सोचने लगी! जब मैंने पूछा की क्या बात है क्या सोच रही हो तो कहने लगी के उस के पास तो रात के पहनने के लिए कोई कपडे नहीं हैं, वह क्या पहन के सोयेगी! तब मैंने उसे कहा की रात के लिये वह मेरी लुंगी और बाजू वाली बनियान पहन ले और मैंने वह सब उसे निकाल कर दे दीं!
माँ ने अपनी साड़ी उतार कर अलमारी में रख कर, लुंगी और बनियान ले लार बदलने के लिए बाथरूम में चली गई! जब वह बाहर आई तो मैं उसका यह रूप देख कर दंग रह गया, माँ ने सिर्फ लुंगी और बनियान पहन रखे थे और पेटीकोट, ब्लाउज, ब्रा और पैन्टी उतार दिया था! उसके जिस्म कि झलक उसके इन कपड़ो में से दिख रही थी! इन कपड़ो में वह बहुत सुंदर और सेक्सी लग रही थी! इन कपड़ो में उसे देख कर कोई भी उस की उम्र का अंदाज़ नहीं लगा सकता था, सभी उसे २५-२६ साल की लड़की ही समझते! इस से पहले भी मैंने माँ को पेटीकोट और ब्लाउज में तो कई बार देखा था पर आज का नज़ारा कुछ और ही था! इन कपड़ो में माँ कि चुचियाँ बनियान से बाहर निकलने को बेताब थीं और उसके निप्प्लस का गहरा रंग बनियान में से साफ़ साफ़ झलक रहा था! उसकी ३६ साइज़ कि चुचिया इंतनी बड़ी होंगी मुझे इसका अंदेशा नहीं था! मेरे मन मैं कई विचार उठने लगे, मेरा मन करने लगा कि मैं भाग कर माँ कि चुचिया पकड लूं और उनको चूस कर सारा रस पीन जाऊं! इस से पहेले की मेरे मन कुछ और ऐसे वैसे विचार आते मैं अपने आप को पढ़ाई में लगाने कि चेष्टा करने लगा!
क्योंकि मेरे कमरे में सिर्फ एक ही बेड था इसलिए माँ ने ज़मीन में चटाई बिछा कर सोने की तयारी करने लगी! यह देख कर मेरे से रहा नहीं गया और मैंने माँ को कहा की वह चारपाई पर सोये और मैं चटाई पर सो जाऊंगा! लेकिन माँ नहीं मानी और कहने लगी की या तो दोनों चारपाई पर सोयेंगे या सिर्फ वह ही चटाई पर सोइगी! काफी बहस के बाद, जब माँ ने यह कहा की १५ साल की उम्र तक मैं उसके साथ एक ही बेड में सोता था तो फिर मुझे झुकना पड़ा और मानना पड़ा की हम दोनों एक साथ चारपाई पर सोयेंगे! कुछ देर बाद माँ मेरी ओर पीठ कर के सो गयी और मैं पढ़ता रहा! रात को करीब ११ बजे मुझे नींद आने लगी तो मैंने टेबल लेम्प बंद करके माँ की बगल में उसकी ओर पीठ कर के सो गया!
मुझे सोये हुए शायद कुछ घंटे ही हुए होंगे कि मेरी नींद खुली और मैंने पाया की मैंने करवट ले ली थी और मैं माँ की ओर मुहं कर के सो रहा था, मेरा दाहिना हाथ माँ के कमर के उपर था और मेरी जांघे माँ कि जांघों से सटी हुई थी! मैं करवट बदलने की सोचा था और अपना हाथ उठाने वाला ही था कि माँ ने मेरा हाथ खींच कर अपनी छाती पर रख दिया! मैं एक दम सन रह गया, माँ जाग न जाये इसलिए मैं उसी हालत में उसकी एक चूची को पकड़ कर लेटा रहा! मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी और मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था और वह माँ के नितंबों कि बीच कि दरार में घुसने कि कोशिश कर रहा था! मुझे डर था कि अगर माँ जाग गई तो क्या कहेगी! तभी मैंने महसूस किया कि माँ ने चूची पर रखे हुए मेरे हाथ को दबाया और अपनी टांग उठा कर मेरे लौड़े को दरार में घुसने के लिए जगहें बना दी! इस आज़दी से मेरा लौड़ा फनफनाने लगा और अंदर कि ओर सरकने लगा! तब मैंने एक और चीज़ महसूस कि के मेरा लौड़ा मेरी लुंगी के बहार था और माँ कि लुंगी उस के बदन उपर नहीं थी! यानि कि मेरा लौड़ा माँ कि नंगी जांघों के बीच कि जगह में घुस रहा था, और मैं अपने लौड़े को रोकने पर भी नहीं रोक पा रहा था! मैंने जो हो रहा था उसे रोकने कि कोशिश छोड़ दी और इंतज़ार करने लगा कि आगे क्या होता है! कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया के मेरा लौड़ा माँ कि टांगों के बीच में चूत कि फांको के मुहं के पास पहुँच कर रुक गया था! तभी माँ की टांग हिली और मैंने पाया कि मेरा लौड़ा झट से माँ की चूत के होटों से लग गया था!
मेरे पसीने छुटने लगे थे, माँ की चूत के पास कि गर्मी से मेरा लौड़ा और भी गरम हो के फैलने और पूरा ८ इंच लंबा और २ १/२ इंच मोटा हो गया! वह लोहे की राड की तरह सख्त हो गया था! उस स्थिति में मैं क्या करूँ मुझे समझ नहीं आ रहा था, इसलिए मैंने सब कुछ माँ पर छोड़ दिया और इंतज़ार करने लगा! कहते हैं कि इंतज़ार का फल मीठा होता है, और मुझे जल्द ही महसूस होने लगा कि माँ भी गरम हो चुकी थी, क्योंकि उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से मेरा लौड़ा भी गीला होने लगा था! तभी माँ ने एक और हरकत कि और अपने हाथ से मेरे लौड़े का सुपाडा अपनी चूत के मुहं के आगे कर के थोडा नीचे सरक गई! बस फिर क्या था मेरा गरम लौड़ा माँ कि चूत के अंदर जाने को लपक पड़ा और देखते ही देखते मेरा ८ इंच का लौड़ा माँ कि चूत में २ इन्च तक अंदर घुस गया था! तभी माँ का हाथ मेरे नितम्ब पर पड़ा और उसने मुझे आगे सरकने का इशारा किया! फिर क्या था मुझे तो खुली इजाजत मिल गई थी और मेरा सारा डर भाग गया था! मैं अहिस्ते से हिला और आगे कि ओर सरका, जिस से मेरा लौड़ा भी माँ कि चूत में और आगे घुसने लगा था! कुछ ही देर में मेरे कुछ हलके और दो जोरदार धक्कों कि वजह से मेरा लौड़ा पूरा का पूरा चूत के अंदर घुस गया था! माँ शायद इतना लंबा और मोटा लौड़ा लेने के लिए तयार नहीं थी इसलिए उस के मुह से जोर से हाएईईई..... निकल गई थी! मैंने घबरा गया और झट से पूछा बैठा "माँ, सब ठीक हैं न" तो उसने कहा "हाँ मनु, सब ठीक है, तुम चुदाई चालू रखो"!
फिर क्या था, माँ के यह शब्द सुनते ही मैं पूरे जोश से पिल गया और तेज धक्के मरने लगा! चूत गीली होने के कारण लौड़ा बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था! माँ कि चूत भी टाईट होने लगी थी, उसकी पकड़ लौड़े पर मज़बूत होती जा रही थी, जिससे मेरे लौड़े को रगड़ भी ज्यादा लग रही थी! माँ कि आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... और उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्.... उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्... कि आवाजें भी तेज होने लगी थी, लकिन मैंने इसकी परवाह किये बिना चुदाई चालू रखी! एक समय आया जब माँ चूत एक दम टाईट हो गई और मुझे लौड़ा अंदर बाहर करने में मुश्किल होने लगी, तब माँ भी एक दम अकड़ गई और जोर से चिल्ला पड़ी आईईईईईईईईईईईईए.....! मैं समझ गया कि माँ छुट गई है! मैं ने चुदाई थोड़ी और तेज कर दी जिसमे माँ ने भी साथ देना शुरू कर दिया और उसने अपनी जिस्म को मेरे झटको के साथ साथ हिलाने लगी और जोर जोर से आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... और उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्.... उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्... कि आवाजें भी करने लगी! जिस वजह से चुदाई का आनंद चार गुना होगया था और अब मैं इस इंतज़ार में था कि मेरा कब छूटता है!
अगले दस मिनट तक मैं माँ को इसी तरह चोदता रहा और इस बीच में माँ ने आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... और उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्.... उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्... कि आवाजें करती हुई तीन बार एक दम टाईट हो कर अपना रस छोड़ा था! जब मुझे लगा कि मेरा भी रस छुटने वाला था, तब मैंने माँ से पुछा "माँ, क्या मैं अपना रस चूत के अंदर छोडू या बाहर निकालूँ", माँ जवाब दिया "मनु बेटे, अंदर ही छोड़ देना"! बस फिर क्या था मैंने भी माँ कि चुदाई फुल स्पीड से करनी शुरू कर दी और जैसे ही माँ अकड़ कर आईईईईईईईईईईईईए..... आईईईईईईईईईईईईए..... करती हुई छुटी, मैंने भी माँ कि प्यारी सी चूत के अंदर अपनी पिचकारी चला दी! वह पिचकारी इतनी चली और चलती ही गई कि मैं खुद हैरान हो गया था कि मेरे अंदर इंतना रस कहाँ से आया था मैं आज तक समझ पाया! हम दोनों के छूटने का समय इतना मेल खाया और मैंने अपने जीवन का सब से बड़ा आनंद महसूस किया था! मैं इस आनंद कि अनुभूति माँ के मुख पर भी देखना चाहता था इसलिए मैंने अपने टेबल लेम्प को ऑन कर दिया! मैंने माँ के चेहरे पर एक अजीब सा संतोष नज़र आया जो मैंने पिछले दस साल से नहीं देखा था! माँ ने लाइट में मुझे देख कर मुस्करा दी और मेरे होंटों पर होंट रख एक चुम्बन दे दिया और फिर बोली "अब अपना लौड़ा बाहर निकाल दो ताकि मैं टोइलेट तो जा सकूँ"!
मैं एकदम से अपने होश में आगया और थोड़ा शर्मा भी गया! मैंने अपने लौड़े को आहिस्ता आहिस्ता बाहर खींचा चाहा, लेकिन वह अभी तक अंदर फसा हुआ था, माँ कि चूत बहुत टाईट हो रखी थी और लौड़े को छोड़ ही नहीं रही थी! मैंने माँ को किस करते हुए धीरे से कहा "तुम्हारी चूत मेरे लौड़े को छोड़ ही नहीं रही, मैं उसे बाहर निकालू तो कैसे"! इस पर वह हंस पड़ी और कहने लगी के अगर वह थोड़ी सी भी ढीली हुई तो सारा रस बाहर आ जायेगा! तब मैंने कहा कि फिर ऐसे ही बीच में डाले डाले बाथरूम में चलते हैं! माँ खिलखिला के हंस पड़ी और अपनी चूत ढीली करने को मान गयी! जैसे ही माँ ने अपनी चूत थोड़ी ढीली करी मैंने अपने लौड़े को बाहर निकाला, उसके साथ ही चूत में पड़े हुए, मेरे और माँ के, रस का एक फुवारा छुट गया! माँ ने एक दम अपनी चूत को टाईट किया और मैंने अपना हाथ उसकी चूत के उपर दबा दिया जिस से सब कुछ कंट्रोल में आगया! मैं उसी तरह चूत पर हाथ रख कर माँ को बाथरूम तक ले गया और यह देखता रहा कि आगे क्या होता है! मेरे मन में माँ कि चूत में से निकलते हुए रस को देखने कि बहुत लालसा हो रही थी और जब माँ ने अपनी चूत को ढीला किया और उस में से फुवारा छुटा तो मेरी वह हसरत भी पूरी हो गई! जब चूत के अंदर से लोटा भर रस निकला तो माँ भी बहुत हेरान हो गई और बोली "बेटे, यह माल कितने सालों से जमा किया हुआ है? क्या तुम ने पहली बार चुदाई करी है?" तो मैंने कहा "हाँ माँ, चुदाई तो मैंने पहली बार करी है, पर हस्त मैथुन कई बार किया है और यह माल तो सिर्फ एक दिन का है"! तो माँ से नहीं रहा गया और बोल पड़ी "अगर इतना रस एक दिन का है तो फिर एक हफ्ते में तो तू इतना तेयार कर देगा कि मैं उसमे डुबकी लगा लूँगी"! माँ कि इस बात पर मेरी हसीं निकल गई!
माँ कि चूत में से जब सारा रस बाहर निकल गया तो माँ ने चूत को साफ़ किया और खड़ी हो गई! वह इस समय सिर्फ बनियान में थी क्योंकि मेरी और उसकी लुंगिया तो चुदाई के समय खुल गई थी और बिस्तर पर पड़ी थी! माँ अब आगे बढ़ी और बिलकुल मेरे सामने आ कर, नीचे बैठ कर, मेरे लौड़े को पकड़ कर चूमने लगी! मुझे यह बहुत अच्छा लगा और मैंने भी लपक कर माँ को गोद में उठा लिया और उसके जिस्म पर चुम्बनों कि बौछार कर दी! फिर मैंने माँ कि और अपनी बनियाने उतारी बिलकुल नंगे हो कर बिस्तर पर एक दुसरे कि साथ लिपट कर सो गए!
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت ,
गुर्जर आंदोलन की वजह माँ चुदी
दोस्तों, मेरा नाम मनोहर है और मैं २३ साल का हूँ, मेरी माँ मुझे मनु कह कर बुलाती है! मैं एक हट्टा-कट्टा मर्द हूँ, मेरा कद ६ फुट है और मैं रेलवे में इंजिनियर हूँ! मुझे राजिस्थान के एक छोटे से शहर में रेलवे का कुवाटर मिला हुआ है जिस में मैं अपनी माँ के साथ रहता हूँ! मेरी माँ एक विधवा है क्यूंकि मेरे पिता जी का निधन तब हो गया था जब में १० साल का था! मेरी माँ ने ही मुझे पालपोस कर बड़ा किया था! मेरी माँ बहुत सुंदर है और जवान दिखती है, उसका का रंग तो बहुत साफ़ है! उस को देख कर कोई नहीं कह सकता की वह ४२ साल कि विधवा है! मेरी माँ का जिस्म अब भी कई जवान लड़कियों को शर्मिंदा कर दे! उस का फिगर ३६-२६-३८ है और उसकी चूचियां मस्त गोल गोल है! उस की चूचियां अब भी सूडोल और सखत हैं, उन में अभी तक कोई ढलकान नहीं आया और वह अब भी २०-२२ साल की लड़की की मस्त चुचियों के साथ मुकाबिला कर के उन्हें मात दे सकती हैं! उसके नितम्ब तो देखने के हैं! जब वह चलती हैं तो वह ऐसे लहराते हैं की किसी कि भी जान निकल जाए! वह एक दम सीधी सीना तान के चलती है और उसके नितम्ब तो ऐसा नृत्य करते हैं कि जिसका आनंद लेते हुए कोई भी खो जाए! जब हम बाजार जातें हैं तो हमे कई छिछोरों की सीटियाँ आम सुनने को मिलती हैं! मेरे को तो बहुत गुस्सा आता है पर माँ मुझे उन्हें कुछ कहने से हमेशा रोक देती है! मेरे पिता जी भी रेलवे में नौकरी करते थे और कार्य स्थल पर एक एक्सीडेंट में उनकी मृत्यु हो गई थी, इसलिए रेलवे ने मेरी माँ को, एवज में पेंशन और रेलवे में ही नौकरी दे दी थी!
मैंने आप को उपर दिया विवरण केवल यथा स्तिथि बताने के लिए दिया है! अब और समय ना लेते हुए मैं आप को वह घटना बताता हूँ जो मेरे साथ लगभग ३ साल पहले घटित हुई थी!
यह उन दिंनो की बात है जब मैं तब मैं २० साल का था और उस समय मेरी माँ ३९ साल की थी! मैं पास के बड़े शहर में इंजीनियरिंग कॉलेज के फआईनल इयर में पढ़ता था और मेरी माँ की नौकरी वहीँ पास के एक छोटे शहर के रेलवे स्टेशन में लगी थी! इस शहर की दूरी मेरे शहर से (रेल से) सिर्फ ३५ मिनट थी! मुझे इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए रेलवे कि ओर स्टाइपेंड मिलता था पर हॉस्टल के लिए खर्चा पानी नहीं मिलता था! इसलिए मैंने पापा के एक जान पहचान वाले से उस शहर में, उसके एक घर में उपर वाला एक कमरा, रसोई और बाथरूम किराये पर ले कर रहने लगा था! अक्सर, सप्ताह के हर शनिवार और इतवार मैं माँ के पास चला जाता था, लेकिन कभी कभी जब कॉलेज में एक्स्ट्रा क्लास होती थी तब नहीं जाता था और माँ इतवार को सुबहे कि गाडी से मेरे पास आती थी, दिन भर रह कर, शाम कि गाड़ी से वापिस चली जाती थी! दिन में वह मेरे कपडे आदि धो देती थी और कमरे कि सफाई आदि कर देती थी!
एक बार माँ इतवार की सुबहे आयी और हर बार कि तरह शाम को ७ बजे वापिस जाने के लिए रेलवे स्टेशन गई तो पता चला की गुर्जर आन्दोलन के कारण उस रूट पर सभी ट्रेन्स रद्द कर दी गई थीं! मैं उस समय साथ में था और क्योंकि बस से जाने से २ घंटे लग जाते हैं इसलिए मैंने माँ को रात में वहीँ रुकने के लिया मना लिया! फिर हम दोनों बाज़ार से जररूत का सामान ले कर वापिस कमरे पर आगए! आ कर माँ ने रात के लिए खाना बनाया और हम दोनों ने खाया! फिर मैं पढाई करने बैठ गया और माँ बर्तन साफ़ कर और रसोई का कम निपटा कर बैठी कुछ सोचने लगी! जब मैंने पूछा की क्या बात है क्या सोच रही हो तो कहने लगी के उस के पास तो रात के पहनने के लिए कोई कपडे नहीं हैं, वह क्या पहन के सोयेगी! तब मैंने उसे कहा की रात के लिये वह मेरी लुंगी और बाजू वाली बनियान पहन ले और मैंने वह सब उसे निकाल कर दे दीं!
माँ ने अपनी साड़ी उतार कर अलमारी में रख कर, लुंगी और बनियान ले लार बदलने के लिए बाथरूम में चली गई! जब वह बाहर आई तो मैं उसका यह रूप देख कर दंग रह गया, माँ ने सिर्फ लुंगी और बनियान पहन रखे थे और पेटीकोट, ब्लाउज, ब्रा और पैन्टी उतार दिया था! उसके जिस्म कि झलक उसके इन कपड़ो में से दिख रही थी! इन कपड़ो में वह बहुत सुंदर और सेक्सी लग रही थी! इन कपड़ो में उसे देख कर कोई भी उस की उम्र का अंदाज़ नहीं लगा सकता था, सभी उसे २५-२६ साल की लड़की ही समझते! इस से पहले भी मैंने माँ को पेटीकोट और ब्लाउज में तो कई बार देखा था पर आज का नज़ारा कुछ और ही था! इन कपड़ो में माँ कि चुचियाँ बनियान से बाहर निकलने को बेताब थीं और उसके निप्प्लस का गहरा रंग बनियान में से साफ़ साफ़ झलक रहा था! उसकी ३६ साइज़ कि चुचिया इंतनी बड़ी होंगी मुझे इसका अंदेशा नहीं था! मेरे मन मैं कई विचार उठने लगे, मेरा मन करने लगा कि मैं भाग कर माँ कि चुचिया पकड लूं और उनको चूस कर सारा रस पीन जाऊं! इस से पहेले की मेरे मन कुछ और ऐसे वैसे विचार आते मैं अपने आप को पढ़ाई में लगाने कि चेष्टा करने लगा!
क्योंकि मेरे कमरे में सिर्फ एक ही बेड था इसलिए माँ ने ज़मीन में चटाई बिछा कर सोने की तयारी करने लगी! यह देख कर मेरे से रहा नहीं गया और मैंने माँ को कहा की वह चारपाई पर सोये और मैं चटाई पर सो जाऊंगा! लेकिन माँ नहीं मानी और कहने लगी की या तो दोनों चारपाई पर सोयेंगे या सिर्फ वह ही चटाई पर सोइगी! काफी बहस के बाद, जब माँ ने यह कहा की १५ साल की उम्र तक मैं उसके साथ एक ही बेड में सोता था तो फिर मुझे झुकना पड़ा और मानना पड़ा की हम दोनों एक साथ चारपाई पर सोयेंगे! कुछ देर बाद माँ मेरी ओर पीठ कर के सो गयी और मैं पढ़ता रहा! रात को करीब ११ बजे मुझे नींद आने लगी तो मैंने टेबल लेम्प बंद करके माँ की बगल में उसकी ओर पीठ कर के सो गया!
मुझे सोये हुए शायद कुछ घंटे ही हुए होंगे कि मेरी नींद खुली और मैंने पाया की मैंने करवट ले ली थी और मैं माँ की ओर मुहं कर के सो रहा था, मेरा दाहिना हाथ माँ के कमर के उपर था और मेरी जांघे माँ कि जांघों से सटी हुई थी! मैं करवट बदलने की सोचा था और अपना हाथ उठाने वाला ही था कि माँ ने मेरा हाथ खींच कर अपनी छाती पर रख दिया! मैं एक दम सन रह गया, माँ जाग न जाये इसलिए मैं उसी हालत में उसकी एक चूची को पकड़ कर लेटा रहा! मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी और मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था और वह माँ के नितंबों कि बीच कि दरार में घुसने कि कोशिश कर रहा था! मुझे डर था कि अगर माँ जाग गई तो क्या कहेगी! तभी मैंने महसूस किया कि माँ ने चूची पर रखे हुए मेरे हाथ को दबाया और अपनी टांग उठा कर मेरे लौड़े को दरार में घुसने के लिए जगहें बना दी! इस आज़दी से मेरा लौड़ा फनफनाने लगा और अंदर कि ओर सरकने लगा! तब मैंने एक और चीज़ महसूस कि के मेरा लौड़ा मेरी लुंगी के बहार था और माँ कि लुंगी उस के बदन उपर नहीं थी! यानि कि मेरा लौड़ा माँ कि नंगी जांघों के बीच कि जगह में घुस रहा था, और मैं अपने लौड़े को रोकने पर भी नहीं रोक पा रहा था! मैंने जो हो रहा था उसे रोकने कि कोशिश छोड़ दी और इंतज़ार करने लगा कि आगे क्या होता है! कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया के मेरा लौड़ा माँ कि टांगों के बीच में चूत कि फांको के मुहं के पास पहुँच कर रुक गया था! तभी माँ की टांग हिली और मैंने पाया कि मेरा लौड़ा झट से माँ की चूत के होटों से लग गया था!
मेरे पसीने छुटने लगे थे, माँ की चूत के पास कि गर्मी से मेरा लौड़ा और भी गरम हो के फैलने और पूरा ८ इंच लंबा और २ १/२ इंच मोटा हो गया! वह लोहे की राड की तरह सख्त हो गया था! उस स्थिति में मैं क्या करूँ मुझे समझ नहीं आ रहा था, इसलिए मैंने सब कुछ माँ पर छोड़ दिया और इंतज़ार करने लगा! कहते हैं कि इंतज़ार का फल मीठा होता है, और मुझे जल्द ही महसूस होने लगा कि माँ भी गरम हो चुकी थी, क्योंकि उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से मेरा लौड़ा भी गीला होने लगा था! तभी माँ ने एक और हरकत कि और अपने हाथ से मेरे लौड़े का सुपाडा अपनी चूत के मुहं के आगे कर के थोडा नीचे सरक गई! बस फिर क्या था मेरा गरम लौड़ा माँ कि चूत के अंदर जाने को लपक पड़ा और देखते ही देखते मेरा ८ इंच का लौड़ा माँ कि चूत में २ इन्च तक अंदर घुस गया था! तभी माँ का हाथ मेरे नितम्ब पर पड़ा और उसने मुझे आगे सरकने का इशारा किया! फिर क्या था मुझे तो खुली इजाजत मिल गई थी और मेरा सारा डर भाग गया था! मैं अहिस्ते से हिला और आगे कि ओर सरका, जिस से मेरा लौड़ा भी माँ कि चूत में और आगे घुसने लगा था! कुछ ही देर में मेरे कुछ हलके और दो जोरदार धक्कों कि वजह से मेरा लौड़ा पूरा का पूरा चूत के अंदर घुस गया था! माँ शायद इतना लंबा और मोटा लौड़ा लेने के लिए तयार नहीं थी इसलिए उस के मुह से जोर से हाएईईई..... निकल गई थी! मैंने घबरा गया और झट से पूछा बैठा "माँ, सब ठीक हैं न" तो उसने कहा "हाँ मनु, सब ठीक है, तुम चुदाई चालू रखो"!
फिर क्या था, माँ के यह शब्द सुनते ही मैं पूरे जोश से पिल गया और तेज धक्के मरने लगा! चूत गीली होने के कारण लौड़ा बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था! माँ कि चूत भी टाईट होने लगी थी, उसकी पकड़ लौड़े पर मज़बूत होती जा रही थी, जिससे मेरे लौड़े को रगड़ भी ज्यादा लग रही थी! माँ कि आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... और उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्.... उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्... कि आवाजें भी तेज होने लगी थी, लकिन मैंने इसकी परवाह किये बिना चुदाई चालू रखी! एक समय आया जब माँ चूत एक दम टाईट हो गई और मुझे लौड़ा अंदर बाहर करने में मुश्किल होने लगी, तब माँ भी एक दम अकड़ गई और जोर से चिल्ला पड़ी आईईईईईईईईईईईईए.....! मैं समझ गया कि माँ छुट गई है! मैं ने चुदाई थोड़ी और तेज कर दी जिसमे माँ ने भी साथ देना शुरू कर दिया और उसने अपनी जिस्म को मेरे झटको के साथ साथ हिलाने लगी और जोर जोर से आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... और उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्.... उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्... कि आवाजें भी करने लगी! जिस वजह से चुदाई का आनंद चार गुना होगया था और अब मैं इस इंतज़ार में था कि मेरा कब छूटता है!
अगले दस मिनट तक मैं माँ को इसी तरह चोदता रहा और इस बीच में माँ ने आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... और उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्.... उंहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्... कि आवाजें करती हुई तीन बार एक दम टाईट हो कर अपना रस छोड़ा था! जब मुझे लगा कि मेरा भी रस छुटने वाला था, तब मैंने माँ से पुछा "माँ, क्या मैं अपना रस चूत के अंदर छोडू या बाहर निकालूँ", माँ जवाब दिया "मनु बेटे, अंदर ही छोड़ देना"! बस फिर क्या था मैंने भी माँ कि चुदाई फुल स्पीड से करनी शुरू कर दी और जैसे ही माँ अकड़ कर आईईईईईईईईईईईईए..... आईईईईईईईईईईईईए..... करती हुई छुटी, मैंने भी माँ कि प्यारी सी चूत के अंदर अपनी पिचकारी चला दी! वह पिचकारी इतनी चली और चलती ही गई कि मैं खुद हैरान हो गया था कि मेरे अंदर इंतना रस कहाँ से आया था मैं आज तक समझ पाया! हम दोनों के छूटने का समय इतना मेल खाया और मैंने अपने जीवन का सब से बड़ा आनंद महसूस किया था! मैं इस आनंद कि अनुभूति माँ के मुख पर भी देखना चाहता था इसलिए मैंने अपने टेबल लेम्प को ऑन कर दिया! मैंने माँ के चेहरे पर एक अजीब सा संतोष नज़र आया जो मैंने पिछले दस साल से नहीं देखा था! माँ ने लाइट में मुझे देख कर मुस्करा दी और मेरे होंटों पर होंट रख एक चुम्बन दे दिया और फिर बोली "अब अपना लौड़ा बाहर निकाल दो ताकि मैं टोइलेट तो जा सकूँ"!
मैं एकदम से अपने होश में आगया और थोड़ा शर्मा भी गया! मैंने अपने लौड़े को आहिस्ता आहिस्ता बाहर खींचा चाहा, लेकिन वह अभी तक अंदर फसा हुआ था, माँ कि चूत बहुत टाईट हो रखी थी और लौड़े को छोड़ ही नहीं रही थी! मैंने माँ को किस करते हुए धीरे से कहा "तुम्हारी चूत मेरे लौड़े को छोड़ ही नहीं रही, मैं उसे बाहर निकालू तो कैसे"! इस पर वह हंस पड़ी और कहने लगी के अगर वह थोड़ी सी भी ढीली हुई तो सारा रस बाहर आ जायेगा! तब मैंने कहा कि फिर ऐसे ही बीच में डाले डाले बाथरूम में चलते हैं! माँ खिलखिला के हंस पड़ी और अपनी चूत ढीली करने को मान गयी! जैसे ही माँ ने अपनी चूत थोड़ी ढीली करी मैंने अपने लौड़े को बाहर निकाला, उसके साथ ही चूत में पड़े हुए, मेरे और माँ के, रस का एक फुवारा छुट गया! माँ ने एक दम अपनी चूत को टाईट किया और मैंने अपना हाथ उसकी चूत के उपर दबा दिया जिस से सब कुछ कंट्रोल में आगया! मैं उसी तरह चूत पर हाथ रख कर माँ को बाथरूम तक ले गया और यह देखता रहा कि आगे क्या होता है! मेरे मन में माँ कि चूत में से निकलते हुए रस को देखने कि बहुत लालसा हो रही थी और जब माँ ने अपनी चूत को ढीला किया और उस में से फुवारा छुटा तो मेरी वह हसरत भी पूरी हो गई! जब चूत के अंदर से लोटा भर रस निकला तो माँ भी बहुत हेरान हो गई और बोली "बेटे, यह माल कितने सालों से जमा किया हुआ है? क्या तुम ने पहली बार चुदाई करी है?" तो मैंने कहा "हाँ माँ, चुदाई तो मैंने पहली बार करी है, पर हस्त मैथुन कई बार किया है और यह माल तो सिर्फ एक दिन का है"! तो माँ से नहीं रहा गया और बोल पड़ी "अगर इतना रस एक दिन का है तो फिर एक हफ्ते में तो तू इतना तेयार कर देगा कि मैं उसमे डुबकी लगा लूँगी"! माँ कि इस बात पर मेरी हसीं निकल गई!
माँ कि चूत में से जब सारा रस बाहर निकल गया तो माँ ने चूत को साफ़ किया और खड़ी हो गई! वह इस समय सिर्फ बनियान में थी क्योंकि मेरी और उसकी लुंगिया तो चुदाई के समय खुल गई थी और बिस्तर पर पड़ी थी! माँ अब आगे बढ़ी और बिलकुल मेरे सामने आ कर, नीचे बैठ कर, मेरे लौड़े को पकड़ कर चूमने लगी! मुझे यह बहुत अच्छा लगा और मैंने भी लपक कर माँ को गोद में उठा लिया और उसके जिस्म पर चुम्बनों कि बौछार कर दी! फिर मैंने माँ कि और अपनी बनियाने उतारी बिलकुल नंगे हो कर बिस्तर पर एक दुसरे कि साथ लिपट कर सो गए!
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت ,
--
No comments:
Post a Comment