हिंदी सेक्सी कहानियाँ
राज़ की बात
मेरे गांव में स्कूल नहीं था सो मैं पास के शहर में अपनी एक चाची के पास रह कर पढ़ता था। मेरी चाची बहुत ही सेक्सी है. मैं जब 15 साल का था तभी से वो मुझसे चुदाने लगी थी। वैसे वे बचपन से मेरे लण्ड की खूब मालिश करते हुए हमेशा बोला करती थी कि मैं नहीं चाहती की तेरा लण्ड कहीं तेरे बाप दादों की तरह छोटा रह जाये पर मेरे दोस्त कहते कि जरूर तेरे बाप का तेरा लण्ड बहुत बड़ा होगा तभी तेरा लण्ड के कारण इतना लंबा और मोटा होगा. पर मेरी चाची हमेशा कहती की बाप दादों में किसी का लण्ड 5 1/2 इंच से ज्यादा नहीं था। मैं कुछ समझ नही पा रहा था।
सो एक दिन जब मैं चाची के पास लेटा उनकी दूध सी सफ़ेद बड़ी चूचियाँ दबा कर उन्हें चुदाई के लिए गरम कर रहा था, मैंने उत्सुक हो अपनी चाची से पूछ ही लिया,-
"चाची मेरे दोस्त कहते हैं की तेरा लण्ड ज़रूर तेरे बाप की वजह से इतना लंबा और मोटा होगा. पर आप तो कहती हैं की मेरे पूरे खान्दान में किसी का लण्ड 5 1/2 इंच से ज्यादा बड़ा नहीं था ।"
तब अपनी बायें स्तन का निपल मेरे मुँह में डालते हुए उन्होंने कहा-
"उ~~ह छोड़ फ़ालतू बातों को । ले चूस और मस्ती कर।"
मैने बायां निपल चूसते हुए और दायें स्तन सहलाते हुए आगे पूछा-
"आखिर आपको कैसे पता कि मेरे सारे बाप दादों के लण्ड इतने छोटे थे ।"
तब उत्तेजना से सिसियाते हुए हारकर उन्होंने बताया-
" इस्स्स्स आ~ह बेटा! ये इसलिए क्योंकि मैं तेरे उन बाप चाचा ताऊ इत्यादि सबसे चुदवा चुकी हूँ ।"
ये सुनते ही मैंने और जोर से निपल चूसना और दायें स्तन की घुन्डी सहलाना शुरू कर दिया। उत्तेजना से पागल चाची ने सिसियाते आगे बताया,-
"इस्स्स्स आ~ह उइइईई अम्म्म्म आआ~~हाँ शैतान ! पर तेरे दोस्तों की ये बात भी भी सही है कि तेरा लण्ड तेरे बाप की तरह लंबा और मोटा है. क्योंकि मैंने तुझसे यह बात नहीं बताई, कि तू मेरे जेठ का बेटा नहीं है. तेरा असली बाप मेरा जेठ नहीं था."
मैने घुन्डी मरोड़ते हुए पूछा,-
" यही तो मैं जानना चाहता हुँ कि आखिर आपको कैसे पता और फिर मेरा असली बाप आखिर कौन है?"
चाची ने कुछ हिच-किचा-ते हुवे कहा, " इस्स्स्स आ~ह बेटा, तू बुरा तो नहीं मानेगा अगर मैं तुझे सच बता दूँ , मैने यह बात बहुत सालों से छुपा रखी थी। "
मैंने कहा, -
"नहीं चाची बिल्कुल नहीं, बल्कि मुझे आज यह बात जानकर अच्छा लगा कि मैं एक बड़े लण्ड वाले बाप का बेटा हूँ । उसी बड़े लण्ड की वजह से आज सब मेरी इतनी कदर करते हैं और इतनी सारी औरतों और आपको भी खुश रखता हूँ ।"
चाची बहुत खुश हुई और बोल पड़ी,-
"शाबाश बेटा! इस्स्स्स आ~ह इस्स्स्स आ~ह मैं तुझे सब कुछ बताऊँगी। देख! तेरी माँ मेरी बहन थी तो सो मैं झूठ नहीं बोलूँगी । पर तू ये जो इतनी देर से चूँचियों और मेरे बदन से खेल रहा है इससे मै बेहद चुदासी हो गई हूँ सो पहले अपना ये लण्ड मेरे चूत जल्दी से डाल । तेरे हलव्वी लण्ड से चुदाते हुए मैं तेरे असली बाप के हलव्वी लण्ड की याद अपने दिमाग मे ताज़ा करते हुए अच्छी तरह से बता सकूँगी । इससे मेरा मजा भी दुगना हो जायेगा और कहानी सुनते हुए चोदने में तुझे भी ज्यादा मजा आयेगा। मैंने और तेरी माँ ने उससे खूब चुदवाया था ।" मैने कहा, -
"चाची, मेरा लण्ड तो आपका ही है. आप के कारण ही तो आज यह इतना बड़ा हुआ है, आप अगर बचपन से इसकी मालिश ना करती तो आज मुझे इतना मज़ा ना आता." चाची ने कहा, -"नहीं बेटा, तेरे लण्ड के बड़े और लम्बे होने का राज़ सिर्फ़ मेरी मालिश नहीं है, बल्कि तेरे असली बाप के लण्ड का बड़ा होना भी है. मैंने तो सिर्फ़ इतना चाहा की तेरा उससे भी बड़ा हो, ताकि मेरी और बड़े लण्ड चुदवाने की इच्छा पूरी हो." मैने बड़ी उत्सुकता से पूछा,
"कितना बड़ा था मेरे बाप का लण्ड ?"
चाची बोली, -
"उनका लण्ड सादे 9 इंच लंबा और सादे 3 इंच मोटा था. पर देख आज 18 साल की उमर में ही तेरा 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा हो गया है. कुछ तो मेरी मालिश का असर है चल मेरे कपड़े उतार ।"
मैने चाची का चुट्पुटिया वाला ब्लाउज खींच कर खोल दिया और उनके बड़े बड़े 38"के स्तन थिरक कर पूरी तरह आजाद हो गये। अपने हाथ से निपल मेरे मुँह मे दे कर बोली,-
"अब तू इ्न्हें चूसते हुए सुन, मैं तुम्हें अपनी और तेरे असली बाप की कहानी सुनाती हूँ."
और यह कहते हुए उन्होने मुझसे भी कपड़े उतारने को कहा। अब मैं भी अपने कपड़े उतार चाची के स्तन का निपल अपने होठों मे दबा नंगा चाची से लिपट गया. मैने उनके पेटीकोट का नारा खीच दिया उनकी मोटी मोटी चिकनी गुलाबी जांघों भारी नितंबों से पेटीकोट नीचे सरक गया. मेरा लण्ड उनकी चूत से सट रहा था. उनकी मोटी मोटी नर्म चिकनी जांघों भारी नितंबों को दबोचने टटोलने लगा। मैने झुक कर दोनो हाथों से उनके तरबूज जैसे स्तन थाम लिये और निपल्स को चूसना शुरू कर दिया. वो बोली,
"इस्स्स्स आ~ह इस्स्स्स आ~ह मेरी शादी सिर्फ़ 18 साल की उमर मैं हो गयी थी. तेरे चाचा की उमर ऊस वक़्त 21 की थी. उनकी नौकरी सेल्स में होने की वजह से वह महीने मैं 2 हफ्ते तौर पर रहते. ऊस वक़्त परिवार मैं तेरे दादा, दादी, मेरे जेठ चाचा, 2 छोटी बुआ और घर में 4 नौकर हमारे साथ रहती थे. हनिमून से वापस आते ही तेरे चाचा अपने काम में बिज़ी हो गये. मैने अपनी शादी के बाद चुदाई के सपने देखे थे. पर तेरे चाचा ने जब सुहाग रात के दिन मुझे चोदा, मुझे बिल्कुल मज़ा नहीं आया. वो तो 10 मिनिट में ही अपना लण्ड मेरी चूत में अंदर बाहर कर झड़ कर सो गया, और मैं रात भर तड़पती रही..."
फ़िर वो बीच अचानक मुझसे बोल पड़ी,
"बेटा, ज़रा अपना लण्ड मेरी चूत के ऊपर रगड़, बहुत खुजली
हो रही है."
मैंने बायें हाथ से चाची की पावरोटी सी चूत के मोटे मोटे होठ फ़ैलाये और दायें हाथ से चूत के मुहाने पर अपने लण्ड का सुपाड़ा धीरे धीरे रगड़ने लगा तो उनकी सिसकारियाँ और सासे लंबी होने लगी । उन्होंने सिसकते हुए अपनी कहानी आगे बढ़ाते हुए कहा,
"इस्स्स्स आ~ह उइइईई अम्म्म्म आआ~~हाँ शैतान ! फिर हनिमून से लौटे 2 हफ्ते हो गये. तेरे चाचा अपने काम में बिज़ी मेरा कोई ध्यान ना रखता. हमारे घर पर 2 नौकेर और 2 नौकरानियाँ रहती थीं । वे सब हमारे घर के पिछवाड़े सर्वेंट क्वॉर्टर्स मे रहते थे. वैसे तो दोनो ही नौकर काफ़ी जवान थे और दोनो भाई थे. वो सब बिहार के रहने वाले थे और सब लोग ऊनसे एकदम घरवालों की तरह वार्ताव करते और वो मुझे छोटी बहू कहते. दोनो ही शादी-शुदा थे और उनकी बीवियाँ हमारे यहाँ ही नौकरानी को काम करती तीन. उन-मैं से बड़े का नाम दीपक था, जिसकी बीवी का नाम चाँदनी था, और छोटे का नाम विजय था, जिसकी बीवी का नाम प्रीति था. दिखाने में कुछ गहुआईन रंग की तीन उनकी बीवियाँ पर बड़ी सेक्सी थी और हमेशा साड़ी पहना करती थी. उनकी बीवियाँ जायदातर किचन मैं काम करती और वो दोनो घास काटने और घर की सफाई करते थे और धोती पहना करते थे. दीपक करीब 33 साल का था और विजय करीब 31 साल का था. उनकी बीवियाँ चाँदनी करीब 27 की तीन और प्रीति 26 साल की थी । मेरे कमरे की बाल्कनी से उनके क्वॉर्टर्स और उनके अंदर साफ दीखाई देता था. मैं हर रोज़ सुबह नहाने के बाद अपने लम्बे बॉल सूखाने बाल्कनी पर खड़ी रहती थी. एक सुबह जब मैं अपने बॉल सूखा रही थी, तो मेरी नज़र दीपक और चाँदनी के रूम के रोशनदान पर गयी, मुझे अंदर का नज़ारा एकदम साफ दिखाई दे रहा था. दीपक जो की बड़ा भाई था, अपने छोटे भाई की बीवी प्रीति के बड़े बड़े स्तन ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था. खिड़की और दरवाज़ा एकदम बँद था. प्रीति भी दीपक के बाज़ू जो की काफ़ी स्ट्रॉंग थे, उन्हें ज़ोर ज़ोर से दबा रही तीन. प्रीति के स्तन दीपक की पत्नी से बड़े थे और करीब करीब मेरे साइज़ के थे. कुछ देर बाद दीपक ने अपनी भाई की बीवी प्रीति को एकदम नंगा कर खुद भी नंगा हो गया. अब प्रीति ने दीपक को दीवार की तरफ ढकले दिया और नीचे झुक कर उसका लण्ड अपने हाथों मे दबोच
लिया. जब प्रीति ने दीपक को दीवार की तरफ धकेला तो मुझे सिर्फ़ दीपक का लण्ड दिखा । दीपक के लण्ड का साइज़ देखा तो मेरे बदन में एक सुरसुराती हुई लहर दौड़ पड़ी और मेरा हाथ खुद ब खुद चूत पर चला गया. दीपक का लण्ड प्रीति के दोनो हाथों में भी ठीक से नहीं आ रहा था. मेरा नज़र सिर्फ़ उसके लण्ड पर टिकी रह गयी जो की करीब सादे 9 इंच लंबा और सादे 3 इंच मोटा दिखाई पद रहा था. मैने खड़े खड़े ही अपने लम्बे बॉल जो की मेरी चूत तक आ रहे थे, सामने कर एक हाथ सलवार के ऊपर से ही चूत पर रगड़ने लगी. फिर कुछ देर बाद दीपक ने अपने छोटे भाई की बीवी प्रीति को दीवार से लगा कर उसे अपने दोनो हाथ उसके चूतड़ों के नीचे रख उसे गोदी में उठा लिया और अपना लण्ड नीचे से प्रीति की चूत मे डाल दिया. प्रीति ने भी ज़ोर से अपने जेठ को ज़ोर से पकड़ अपनी चूत को उसके लण्ड पर नचाना शुरू कर दिया. वो ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगलियाँ उसकी पीठ मे घुसा रही थी और मज़ें मे अपना सिर इधर-उधर हिला रही थी. उसके लम्बे बॉल इधर-उधर हिल रहे थे तो उसका चेहरा बिल्कुल नहीं नज़र आ रहा था. कुछ देर बाद प्रीति नीचे उतर आई और दीवार की तरफ अपना मूँह कर अपनी चूत दीपक की तरफ कर झूक गयी. मैने देखा दीपक ने अपना पूरा ताना हुआ लण्ड हाथों मे पकड़ प्रीति की चूत में पीछे से लगाकर अंदर धकेलता हुआ उसकी पीठ अपने हाथों से रगड़ने लगा. और कुछ देर बाद उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये. और मैने देखा की प्रीति भी मज़े ले ले कर अपने चूतड़ हिला रही थी. कुछ देर बाद दोनो झड़ गये । वो दोनो सीधे हो एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. दीपक वहशैयिओं की तरह उसके बालों के एक हाथ से खीच दूसरे हाथ से उसके स्तन दबा रहा था. फिर कुछ देर बाद वे मेरी आँखों से ओज़ल हो गये. मैं बाल्कनी से हाथ कर अपने बेडरूम की खिड़की पर जा पहुँची. वहाँ से मैने ऊन दोनो को देखा तो मुझे वो दोनो फिर नज़र आये. वो दोनो इस वक़्त बिस्तर पर लेटे हुए थे, और प्रीति दीपक के ऊपर सीधी बैठी थी और अपने चूतड़ हिला रही थी और दीपक नीचे से अपने चूतड़ों को ऊपर ढकेल रहा था. उन्हें देख मेरी चूत में खुजली शुरू हुई और मैने अपनी सलवार का नाडा खोल दिया और चड्ढी के अंदर हाथ डाल अपनी चूत में अपनी उंगली डाल अंदर बाहर करने लगी. एक हाथ से अपने स्तन अपने सूट के ऊपर से दबाने लगी थी. कुछ देर बाद दीपक ने प्रीति को पीछे की तरफ ढ्केल उसके ऊपर चढ गया और फिर से धक्के लगाने लगा. और झुक कर प्रीति के स्तन दबाने लगा. मेरी उंगली मेरी चूत में तेजी से अंदर बाहर जाने लगी थी. कुछ देर बाद जब दोनो झड़ गये तो दीपक ने अपना भारी-भरकम लण्ड बाहर निकाल लिया. उसका इतना भारी-भरकम लण्ड देख मेरी चूत झड़ गयी और मेरी उंगलियाँ भीग गयीं. मैंने भाग कर बाथरूम मे जा अपने आप को साफ कर जब खिड़की पर वापस आई तो देखा प्रीति कपड़े पहन अपने रूम के दरवाज़े से अपने रूम मे घूस रही थी. और दीपक भी बगिया में फूलों को पानी दे रहा था. बस उस दिन के बाद, मेरी जिस्म की भूख ने मुझे दीपक के लण्ड को अपनी चूत मैं डलवाने के लिये आतुर कर दिया
चाची की कहानी सुन मैं बोल पड़ा,
"चाची तू तो कहानी सुनाते सुनाते बड़ी गर्म हो गयी. तेरी कहानी ने तो मुझे प्रीति को चोदने का दिल कर रहा है."
चाची ने कहा, "बेटा, प्रीति को तो दीपक ने चुदाने की आदत डाल दी थी. वैसे मुझे बाद मे मालूम चला की दोनो भाई एक दूसरे की बीवियों को चोदते थे.
उसका छोटा भाई विजय भी अपने बड़े भाई की बीवी चाँदनी को खूब चोद्ता था. वो बोलते थे कि स्वाद बदलने मैं ज्यादा मज़ा आता है. मैंने तो 3 साल तक, जब तक वो वापिस अपने गाँव नहीं चले गये, उन दोनो से खूब चुदवाया । तुझसे चुदवाने से वही तो दो मर्द मिले थे
मुझे. छोटे भाई विजय का लण्ड भी अपने बड़े भाई दीपक की तरह सादे 9 इंच लंबा और करीब 4 इंच मोटा था. गाँव-वाले होने के बावज़ूद वह चोदने के मामले में बड़े आधुनिक थे. कई बार जब घर पर सिर्फ़ वो, उनकी बीवियाँ और में अकेली होतीं तो
वो दोनो भाई एक साथ मिल कर मुझे, तेरी माँ को और अपनी बीवियों को चोदते. बड़ा मज़ा आता था. तू इन दोनो में से ही किसी एक का बेटा है. सच कहूँ तो मुझे या तेरी माँ को भी नहीं मालूम कि तू असल में किसका बेटा है, क्योंकि तुझ मैं दोनो के ही गुण है." मैं बोला, "चाची..
इस तरह तो दोनो ही मेरे बाप हुए और साथ में मेरी तो तेरे सिवाये और दो सौतेली चाची माँये हैं.. मुझे तो उनसे भी मिलना चाहिये. अब कहाँ है वो लोग.. क्या तुम्हें उनका अड्रेस पता है."चाची बोली, "हाँ , उनकी चिट्ठियाँ आती रहती हैं. वह तुम्हारे बारे में बहुत पूछते हैं."मैने पूछा, "आपका रिश्ता कैसे शुरू हुआ मेरे असली बापों से."चाची ने
आगे बताना शुरू किया,
"बेटा.. अब तू साथ साथ अपना लण्ड भी तो डाल मेरी चूत में और स्तन भी मूँह में ले चुप चाप चोदते हुए सुनता जा"
मैने अपनी चाची का कहना माना और अपना लण्ड डाल धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये अपनी चाची की चुदक्कड़ चूत में. सच में 35 की उमर में भी मेरी चाची की चूत एकदम टाइट थी. मेरे हलव्वी लण्ड की वजह से मुझे अपनी चाची की चूत और भी टाइट लगती थी. मेरी चाची नीचे से धक्के लगाते हुए बोली,
"हाय जब से मैं तेरे लण्ड से अपनी चूत चुदवाने लगी, तब से मुझे उनकी और याद आनी शुरू हो गयी है. दोनो भाई में वासना की कोई कमी नहीं थी. मुझे उन्होने बताया की वे इस घर में तेरी दोनो बूआओं और तेरी माँ को तो अक्सर चोदते हैं, यहाँ तक कि तेरी दादी को भी चोदते थे । वो 20 साल की उमर से इस घर में काम कर रहे थे. सबसे पहले उनको तेरी दादी ने चुदवाने का चस्का लगा था, क्योंकि इस खानदान सारे मर्द बड़े छोटे लण्ड वाले थे. कभी अपनी दादी को अपना लण्ड दिखाई-ओ. बड़ी मस्तानी थी तेरी दादी भी."मेरी चाची आगे बोल पड़ी, "उस दिन दीपक और प्रीति को चोदते हुए देख मेरा तो मन दीपक के लण्ड से अपनी चूत की भूख मिटाने के लिये बहुत उतावला हो उठा था. अगले ही दिन मौका देख सफाई के बहाने मैने दीपक को अपने बेडरूम में ऊपर बुलाया. मैने जान-बूझ कर काफ़ी हल्की नाइटी सामने से खुलने वाली पहनी थी और अंदर मैंने ब्रा भी नहीं पहनी थी यानि अन्दर मैं बिलकुल नंगी थी । मेरी निपल्स उसके कमरे मैं आने से पहले से ही टाइट हो उभर कर दिख रहे थे. मैने उस-से सीढ़ी भी मँगाई थी, और कहा की दरवाज़े की ऊपर स्टोर में सफाई करनी है. जैसे ही ।उसने बेडरूम मे आ मेरी तरफ देखा, तो उसकी नज़र सीधी मेरे स्तन और निपल्स पर टिकी रह गयीं. मैं भी कुछ देर पहले नहा कर ही निकली थी, इसलिये मेरे बॉल गीले थे और मेरा बदन कुछ गीला होने की वजह से कई जगह पर नाइटी से चिपक कर सॉफ झलक रहा था." उसने अपने आपको संभालते हुए पूछा, "कहाँ साफ़ करना है, छोटी मालकिन."
मैने शरारत भरे अंदाज़ में जवाब दिया,
"साफ़ तो बहुत कुछ करना है, पर वक़्त है क्या तुम्हारे पास."
वो एकदम सकपका गया. मैने उसके सामने कुछ झुक कर अपने पैर की अंगूठी ठीक करने की कोशिश की. जब मैं सीधी हो रही थी, तो मैने चोर आँखों से उसे मेरे स्तन को झाँकते हुए पाया. मैने कहा, "दरवाज़ा बन्द कर दो. तुमहें सीढ़ी लगा कर ऊपर चढ़ना पड़ेगा."
फिर दीपक ने दरवाज़ा बन्द कर दिया. उसने सीढ़ी दीवार से लगाई और मुझसे कहा, "छोटी मालकिन, क्या आप सीढ़ी नीचे से पकड़ सकती हैं. कहीं फिसल न जाये."मैने सीढ़ी पकड़ ली. जब दीपक सीढ़ी पर चढ़ने लगा, तो उसका एक हाथ मेरे स्तन को छू गया. उसके हाथ लगते ही मेरे शरीर में एकदम बिजली दौड़ गयी और मेरे मूँह से एक छोटी सी सिसकारी निकल पड़ी. बड़ा मर्दाना शरीर था उसका और उसके बड़े तगड़े मसल्स थे. मैं अपने स्तन को सीढ़ीओन पर दबा लिया. मैं नीचे बोल पड़ी, "क्या मेरा नाज़ूक सा बदन तुम्हारा वजन सह सकेगा. काफ़ी भारी लगते हो तुम तो."
उसने नीचे देखा और मैने चाहा की वो पूरी तरह मेरे स्तन का नज़ारा लय. उसकी नज़रें मेरे स्तनों आकर अटक गई थीं बोला, "मालकिन, लगता तो नहीं आप मेरा भार न सह सकेंगी."
मेरे मन उसके लण्ड का नज़ारा करने को हो रहा था. मेरे मन में एक ख्याल आया. मैने सीढ़ी पकड़ने के बहाने उसकी धोती का नीचे के हि्स्सा अपने हाथ और सीढ़ी के बीच दबा दिया. वो जैसे ही ऊपर की तरफ हुआ, तो मेरे हाथ के नीचे धोती फँसी होने के कारण, उसकी धोती खुल कर मेरे कंधों पर आ गिरी. अब वो सिर्फ़ एक कच्छे और बनियान में सीधा मेरे ऊपर खड़ा था. मैने ऊपर मुँह उठा कर देखा तो कच्छा काफ़ी खुला होने के कारण उसका लंबा लण्ड साफ खड़ा दिखाई दे रहा था. यह नज़ारा देख कर तो जैसे मेरा मन किया, झपट कर उसका लण्ड कच्छे से निकाल लूँ । वो मुस्कुराते हुए नीचे देखता हुआ उतर रहा था.उसने कहा,-
"मैं नीचे उतार रहा हूँ. ज़रा संभाल कर पकड़िएगा."
मैं सीधी हो सीढ़ी को दोनो हाथ से पकड़ कर एकदम सीढ़ी के सामने खड़ी हो गयी. अब वो मेरी तरफ मुँह कर धीरे धीरे उतरने लगा था. जैसे ही उसका लण्ड वाला हिस्सा मेरी माथे को छूते हुए मेरे मुँह के सामने आया, तो वो एकदम रुक सा गया. उसका लंबा लण्ड अब मेरे मुँह को छू रहा था, और मेरी नज़रें एकदम उस पर टिकी हुई थी. मैने धीरे से उसके लण्ड को अपने गाल से रगड़ दिया. वो एकदम से आगे की तरफ
हिला. और वो सीढ़ी से फिसल गया और सीधा मेरे सामने आ टपका, लड़खड़ाया, सम्भलने की कोशिश में उसके हाथ मेरे कन्धों पर पड़े। मैं भी लड़खड़ायी और सम्भलने की कोशिश में मैने अपनी बाहों से उसकी कमर पकड़ने की कोशिश की और वो मुझे लिये दिये ज़मीन पर गिर पड़ा. मेरी सामने से खुलने वाली नाइटी के दोनो पल्ले खुल गये अन्दर मैं बिलकुल नंगी थी ही । अब हम दोनो ज़मीन पर पड़े हुए थे, और वो मेरे ऊपर पड़ा हुआ था. उसके हाथ मेरे स्तनों पर टकराये और उसके लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत के मुँह पर टकरा के एक पल को टिक गया था. मैंने अपनी आँखें बन्द कर ली । मेरी चुदासी चूत रुक न सकी और अपने आप ही ऊपर नीचे होने लगी.
इशारा समझ उसने अपने फ़ौलादी लण्ड का सुपाड़ा मेरी फ़ुदकती चूत के मुहाने पर लगा कर मेरे बड़े बड़े स्तनों को दबाते हुए धक्का मारा, पक की आवाज के साथ सुपाड़ा अन्दर घुस गया मेरे मुँह से सिसकी निकली अब वो अपने होंठ मेरे होंठों पर रख चूसने लगा. जल्दी ही मेरी फ़ुदकती चूत ने पूरा लण्ड अन्दर कर लिया । फिर वो रह कर मेरे स्तन दबाने लगा और धीरे धीरे मेरे गले को होठों से चूमता हुआ अपने बड़े मुँह में मेरे एक निपल के साथ स्तन का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा, लेकर चूसना शुरू किया. मैने उत्तेजना में ज़ोर से उसके बॉल नोच दिये ।मैं बोल पड़ी,-
"मुझे भी प्रीति की तरह दीवार पर लगा अपने घोड़े की सवारी करवा न."
वो एकदम शॉक होकर बोला,
"अरे ! छोटी मालकिन आप को कैसे मालूम."
मैने शरारत भरे अंदाज़ मैं कहा,
"मैने तुम्हें अपनी भाभी प्रीति को चोदते हुए देखा है. तुम्हारा बहुत बड़ा लण्ड है, जबसे देखा रहा नहीं गया. तुम तो अपनी भाभी को भी नहीं छोड़ते । बड़े कमीने हो. वैसे उस बेचारी का भी कोई दोष नहीं. तुम्हारा तो लण्ड ही काफ़ी भारी भरकम. एक बार अंदर जाये तो किसी को भी मज़ा आ जाये."
उसने बे झिझक जवाब दिया,
"बड़ा तो मेरे भाई का भी है, पर हम दोनो ही एक दूसरे की बीवियों को चोदते हैं. स्वाद बदल जाने से ज्यादा मज़ा आता है. वैसे हम आपकी दोनो ननदों और बड़ी मालकिन (तेरी माँ) को तो अक्सर चोदते हैं, पहले आपकी सास (तेरी दादी) को भी खूब चोदते थे अब उमर ज्यादा हो जाने से वो कभी कभी ही चुदासी होती हैं पर जब भी चुदासी होती हैं चुदाती खूब मस्त हो के हैं। क्योंकि आपके इस खानदान में सारे मर्दों का बहुत छोटा है."
मेरे मुँह से निकल पड़ा,
"है.. है.. तुम तो बड़े बे-शर्म लोग हो. तुम्हारे पास कुछ भी चलता है." उसने कहा,
"मालकिन, इस मे शरम की क्या बात, जब दोनो का भला हो रहा हो. इस तरह तो क्या मैं भी आपको बेशर्म नही कह सकता, क्या ? पर मुझे पता है, आपका मर्द आपकी भूख नहीं मिटा सकता."मैने कहा, "यह बात तो तुमने पते की कही.. चलो.. आज मेरी भी प्यास बुझा दो.."
फिर उसने तरह तरह से चोदा ।
पहले उसने मुझे दीवार पर लगा कर। फिर अपने ऊपर बिठा कर और फिर पीछे से चौपाया बना के। तीन बार चोदा. बस उस दिन के बाद तो दोनो भाइयों ने मिल कर हम दोनो देवरानी जिठानी को लण्ड की कमी न होने दी। . एक साल बाद मेरी जिठानी के घर तू पैदा हो गया. जिठानी ने पूरा ध्यान रखा कि की तू उन्हीं दोनो में से एक से पैदा हो, ना कि तेरे बाप के चोदने से . चाची ने मुझसे कहा,
"अब समझा तेरे बाप का लण्ड छोटा होने के बावज़ूद तेरा लण्ड क्यों इतना बड़ा है.बहुत हो गयी कहानी अब मुझसे रहा नहीं जा रहा ।"
कहकर अचानक चाची ने एक झटके से मुझे पलट दिया और मेरे ऊपर चढ़ गयी । मेरे लण्ड को पकड़कर सुपाड़ा चूत पर धरा और दो ही धक्कों में पूरा लण्ड चूत में धंसा लिया सिसकारियॉं भरते हुए अपने होंठों को दांतों में दबाती हुयी चूतड़ उछाल उछालकर धक्के पे धक्का लगाने लगी । उनके बड़े बड़े उभरे गुलाबी चूतड़ मेरे लण्ड और उसके आस पास टकराकर गुदगुदे गददे का मजा दे रहे थे उनकी गोरी गुलाबी बड़ी बड़ी उभरी चूचियां भी उछल रही थी जिन्हें मैं कभी मुंह से तो कभी दोनों हाथों से पकड़ने की कोशिश करता कभी पकड़ में आ जाते तो कभी उछल कूद में फिर से छूट जाते । मैं उनके गदराये गोरे गुलाबी नंगे उछलने जिस्म को दोनों हाथों मे दबोचने बड़ी बड़ी गुलाबी चूचियों पर झपटने सारे गदराये जिस्म की ऊचाइयों व गहराइयों पर जॅहा तॅहा मुंह मारने के बाद मैंने दोनों हाथों मे बड़ी बड़ी उभरी चूचियां पकड़कर एक साथ मुंह में दबा ली और उनके चूतड़ों को दबोचकर अपने लण्ड पर दबाते हुए चूत की जड़तक लण्ड धॉसकर झड़ने लगा तभी चाची के मुँह से जोर से निकला-
"उहहहहहहहहहहह "
वो जोर जोर से उछलते हुए अपनी पावरोटी सी फूली चूत में जड़ तक मेरा लण्ड धॉंसकर और उसे मेरे लण्ड पर बुरी तरह रगड़ते हुए वो भी झड़ने लगी और फ़िर हम दोनो चाची भतीजे पस्त हो एक दूसरे से लिपट कर सो गये. और उस दिन के मैं अपने असली बापों और अपनी गर्म सौतेली माओं से मिलने के सपने देखने लगा ।
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت ,
राज़ की बात
मेरे गांव में स्कूल नहीं था सो मैं पास के शहर में अपनी एक चाची के पास रह कर पढ़ता था। मेरी चाची बहुत ही सेक्सी है. मैं जब 15 साल का था तभी से वो मुझसे चुदाने लगी थी। वैसे वे बचपन से मेरे लण्ड की खूब मालिश करते हुए हमेशा बोला करती थी कि मैं नहीं चाहती की तेरा लण्ड कहीं तेरे बाप दादों की तरह छोटा रह जाये पर मेरे दोस्त कहते कि जरूर तेरे बाप का तेरा लण्ड बहुत बड़ा होगा तभी तेरा लण्ड के कारण इतना लंबा और मोटा होगा. पर मेरी चाची हमेशा कहती की बाप दादों में किसी का लण्ड 5 1/2 इंच से ज्यादा नहीं था। मैं कुछ समझ नही पा रहा था।
सो एक दिन जब मैं चाची के पास लेटा उनकी दूध सी सफ़ेद बड़ी चूचियाँ दबा कर उन्हें चुदाई के लिए गरम कर रहा था, मैंने उत्सुक हो अपनी चाची से पूछ ही लिया,-
"चाची मेरे दोस्त कहते हैं की तेरा लण्ड ज़रूर तेरे बाप की वजह से इतना लंबा और मोटा होगा. पर आप तो कहती हैं की मेरे पूरे खान्दान में किसी का लण्ड 5 1/2 इंच से ज्यादा बड़ा नहीं था ।"
तब अपनी बायें स्तन का निपल मेरे मुँह में डालते हुए उन्होंने कहा-
"उ~~ह छोड़ फ़ालतू बातों को । ले चूस और मस्ती कर।"
मैने बायां निपल चूसते हुए और दायें स्तन सहलाते हुए आगे पूछा-
"आखिर आपको कैसे पता कि मेरे सारे बाप दादों के लण्ड इतने छोटे थे ।"
तब उत्तेजना से सिसियाते हुए हारकर उन्होंने बताया-
" इस्स्स्स आ~ह बेटा! ये इसलिए क्योंकि मैं तेरे उन बाप चाचा ताऊ इत्यादि सबसे चुदवा चुकी हूँ ।"
ये सुनते ही मैंने और जोर से निपल चूसना और दायें स्तन की घुन्डी सहलाना शुरू कर दिया। उत्तेजना से पागल चाची ने सिसियाते आगे बताया,-
"इस्स्स्स आ~ह उइइईई अम्म्म्म आआ~~हाँ शैतान ! पर तेरे दोस्तों की ये बात भी भी सही है कि तेरा लण्ड तेरे बाप की तरह लंबा और मोटा है. क्योंकि मैंने तुझसे यह बात नहीं बताई, कि तू मेरे जेठ का बेटा नहीं है. तेरा असली बाप मेरा जेठ नहीं था."
मैने घुन्डी मरोड़ते हुए पूछा,-
" यही तो मैं जानना चाहता हुँ कि आखिर आपको कैसे पता और फिर मेरा असली बाप आखिर कौन है?"
चाची ने कुछ हिच-किचा-ते हुवे कहा, " इस्स्स्स आ~ह बेटा, तू बुरा तो नहीं मानेगा अगर मैं तुझे सच बता दूँ , मैने यह बात बहुत सालों से छुपा रखी थी। "
मैंने कहा, -
"नहीं चाची बिल्कुल नहीं, बल्कि मुझे आज यह बात जानकर अच्छा लगा कि मैं एक बड़े लण्ड वाले बाप का बेटा हूँ । उसी बड़े लण्ड की वजह से आज सब मेरी इतनी कदर करते हैं और इतनी सारी औरतों और आपको भी खुश रखता हूँ ।"
चाची बहुत खुश हुई और बोल पड़ी,-
"शाबाश बेटा! इस्स्स्स आ~ह इस्स्स्स आ~ह मैं तुझे सब कुछ बताऊँगी। देख! तेरी माँ मेरी बहन थी तो सो मैं झूठ नहीं बोलूँगी । पर तू ये जो इतनी देर से चूँचियों और मेरे बदन से खेल रहा है इससे मै बेहद चुदासी हो गई हूँ सो पहले अपना ये लण्ड मेरे चूत जल्दी से डाल । तेरे हलव्वी लण्ड से चुदाते हुए मैं तेरे असली बाप के हलव्वी लण्ड की याद अपने दिमाग मे ताज़ा करते हुए अच्छी तरह से बता सकूँगी । इससे मेरा मजा भी दुगना हो जायेगा और कहानी सुनते हुए चोदने में तुझे भी ज्यादा मजा आयेगा। मैंने और तेरी माँ ने उससे खूब चुदवाया था ।" मैने कहा, -
"चाची, मेरा लण्ड तो आपका ही है. आप के कारण ही तो आज यह इतना बड़ा हुआ है, आप अगर बचपन से इसकी मालिश ना करती तो आज मुझे इतना मज़ा ना आता." चाची ने कहा, -"नहीं बेटा, तेरे लण्ड के बड़े और लम्बे होने का राज़ सिर्फ़ मेरी मालिश नहीं है, बल्कि तेरे असली बाप के लण्ड का बड़ा होना भी है. मैंने तो सिर्फ़ इतना चाहा की तेरा उससे भी बड़ा हो, ताकि मेरी और बड़े लण्ड चुदवाने की इच्छा पूरी हो." मैने बड़ी उत्सुकता से पूछा,
"कितना बड़ा था मेरे बाप का लण्ड ?"
चाची बोली, -
"उनका लण्ड सादे 9 इंच लंबा और सादे 3 इंच मोटा था. पर देख आज 18 साल की उमर में ही तेरा 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा हो गया है. कुछ तो मेरी मालिश का असर है चल मेरे कपड़े उतार ।"
मैने चाची का चुट्पुटिया वाला ब्लाउज खींच कर खोल दिया और उनके बड़े बड़े 38"के स्तन थिरक कर पूरी तरह आजाद हो गये। अपने हाथ से निपल मेरे मुँह मे दे कर बोली,-
"अब तू इ्न्हें चूसते हुए सुन, मैं तुम्हें अपनी और तेरे असली बाप की कहानी सुनाती हूँ."
और यह कहते हुए उन्होने मुझसे भी कपड़े उतारने को कहा। अब मैं भी अपने कपड़े उतार चाची के स्तन का निपल अपने होठों मे दबा नंगा चाची से लिपट गया. मैने उनके पेटीकोट का नारा खीच दिया उनकी मोटी मोटी चिकनी गुलाबी जांघों भारी नितंबों से पेटीकोट नीचे सरक गया. मेरा लण्ड उनकी चूत से सट रहा था. उनकी मोटी मोटी नर्म चिकनी जांघों भारी नितंबों को दबोचने टटोलने लगा। मैने झुक कर दोनो हाथों से उनके तरबूज जैसे स्तन थाम लिये और निपल्स को चूसना शुरू कर दिया. वो बोली,
"इस्स्स्स आ~ह इस्स्स्स आ~ह मेरी शादी सिर्फ़ 18 साल की उमर मैं हो गयी थी. तेरे चाचा की उमर ऊस वक़्त 21 की थी. उनकी नौकरी सेल्स में होने की वजह से वह महीने मैं 2 हफ्ते तौर पर रहते. ऊस वक़्त परिवार मैं तेरे दादा, दादी, मेरे जेठ चाचा, 2 छोटी बुआ और घर में 4 नौकर हमारे साथ रहती थे. हनिमून से वापस आते ही तेरे चाचा अपने काम में बिज़ी हो गये. मैने अपनी शादी के बाद चुदाई के सपने देखे थे. पर तेरे चाचा ने जब सुहाग रात के दिन मुझे चोदा, मुझे बिल्कुल मज़ा नहीं आया. वो तो 10 मिनिट में ही अपना लण्ड मेरी चूत में अंदर बाहर कर झड़ कर सो गया, और मैं रात भर तड़पती रही..."
फ़िर वो बीच अचानक मुझसे बोल पड़ी,
"बेटा, ज़रा अपना लण्ड मेरी चूत के ऊपर रगड़, बहुत खुजली
हो रही है."
मैंने बायें हाथ से चाची की पावरोटी सी चूत के मोटे मोटे होठ फ़ैलाये और दायें हाथ से चूत के मुहाने पर अपने लण्ड का सुपाड़ा धीरे धीरे रगड़ने लगा तो उनकी सिसकारियाँ और सासे लंबी होने लगी । उन्होंने सिसकते हुए अपनी कहानी आगे बढ़ाते हुए कहा,
"इस्स्स्स आ~ह उइइईई अम्म्म्म आआ~~हाँ शैतान ! फिर हनिमून से लौटे 2 हफ्ते हो गये. तेरे चाचा अपने काम में बिज़ी मेरा कोई ध्यान ना रखता. हमारे घर पर 2 नौकेर और 2 नौकरानियाँ रहती थीं । वे सब हमारे घर के पिछवाड़े सर्वेंट क्वॉर्टर्स मे रहते थे. वैसे तो दोनो ही नौकर काफ़ी जवान थे और दोनो भाई थे. वो सब बिहार के रहने वाले थे और सब लोग ऊनसे एकदम घरवालों की तरह वार्ताव करते और वो मुझे छोटी बहू कहते. दोनो ही शादी-शुदा थे और उनकी बीवियाँ हमारे यहाँ ही नौकरानी को काम करती तीन. उन-मैं से बड़े का नाम दीपक था, जिसकी बीवी का नाम चाँदनी था, और छोटे का नाम विजय था, जिसकी बीवी का नाम प्रीति था. दिखाने में कुछ गहुआईन रंग की तीन उनकी बीवियाँ पर बड़ी सेक्सी थी और हमेशा साड़ी पहना करती थी. उनकी बीवियाँ जायदातर किचन मैं काम करती और वो दोनो घास काटने और घर की सफाई करते थे और धोती पहना करते थे. दीपक करीब 33 साल का था और विजय करीब 31 साल का था. उनकी बीवियाँ चाँदनी करीब 27 की तीन और प्रीति 26 साल की थी । मेरे कमरे की बाल्कनी से उनके क्वॉर्टर्स और उनके अंदर साफ दीखाई देता था. मैं हर रोज़ सुबह नहाने के बाद अपने लम्बे बॉल सूखाने बाल्कनी पर खड़ी रहती थी. एक सुबह जब मैं अपने बॉल सूखा रही थी, तो मेरी नज़र दीपक और चाँदनी के रूम के रोशनदान पर गयी, मुझे अंदर का नज़ारा एकदम साफ दिखाई दे रहा था. दीपक जो की बड़ा भाई था, अपने छोटे भाई की बीवी प्रीति के बड़े बड़े स्तन ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था. खिड़की और दरवाज़ा एकदम बँद था. प्रीति भी दीपक के बाज़ू जो की काफ़ी स्ट्रॉंग थे, उन्हें ज़ोर ज़ोर से दबा रही तीन. प्रीति के स्तन दीपक की पत्नी से बड़े थे और करीब करीब मेरे साइज़ के थे. कुछ देर बाद दीपक ने अपनी भाई की बीवी प्रीति को एकदम नंगा कर खुद भी नंगा हो गया. अब प्रीति ने दीपक को दीवार की तरफ ढकले दिया और नीचे झुक कर उसका लण्ड अपने हाथों मे दबोच
लिया. जब प्रीति ने दीपक को दीवार की तरफ धकेला तो मुझे सिर्फ़ दीपक का लण्ड दिखा । दीपक के लण्ड का साइज़ देखा तो मेरे बदन में एक सुरसुराती हुई लहर दौड़ पड़ी और मेरा हाथ खुद ब खुद चूत पर चला गया. दीपक का लण्ड प्रीति के दोनो हाथों में भी ठीक से नहीं आ रहा था. मेरा नज़र सिर्फ़ उसके लण्ड पर टिकी रह गयी जो की करीब सादे 9 इंच लंबा और सादे 3 इंच मोटा दिखाई पद रहा था. मैने खड़े खड़े ही अपने लम्बे बॉल जो की मेरी चूत तक आ रहे थे, सामने कर एक हाथ सलवार के ऊपर से ही चूत पर रगड़ने लगी. फिर कुछ देर बाद दीपक ने अपने छोटे भाई की बीवी प्रीति को दीवार से लगा कर उसे अपने दोनो हाथ उसके चूतड़ों के नीचे रख उसे गोदी में उठा लिया और अपना लण्ड नीचे से प्रीति की चूत मे डाल दिया. प्रीति ने भी ज़ोर से अपने जेठ को ज़ोर से पकड़ अपनी चूत को उसके लण्ड पर नचाना शुरू कर दिया. वो ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगलियाँ उसकी पीठ मे घुसा रही थी और मज़ें मे अपना सिर इधर-उधर हिला रही थी. उसके लम्बे बॉल इधर-उधर हिल रहे थे तो उसका चेहरा बिल्कुल नहीं नज़र आ रहा था. कुछ देर बाद प्रीति नीचे उतर आई और दीवार की तरफ अपना मूँह कर अपनी चूत दीपक की तरफ कर झूक गयी. मैने देखा दीपक ने अपना पूरा ताना हुआ लण्ड हाथों मे पकड़ प्रीति की चूत में पीछे से लगाकर अंदर धकेलता हुआ उसकी पीठ अपने हाथों से रगड़ने लगा. और कुछ देर बाद उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये. और मैने देखा की प्रीति भी मज़े ले ले कर अपने चूतड़ हिला रही थी. कुछ देर बाद दोनो झड़ गये । वो दोनो सीधे हो एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. दीपक वहशैयिओं की तरह उसके बालों के एक हाथ से खीच दूसरे हाथ से उसके स्तन दबा रहा था. फिर कुछ देर बाद वे मेरी आँखों से ओज़ल हो गये. मैं बाल्कनी से हाथ कर अपने बेडरूम की खिड़की पर जा पहुँची. वहाँ से मैने ऊन दोनो को देखा तो मुझे वो दोनो फिर नज़र आये. वो दोनो इस वक़्त बिस्तर पर लेटे हुए थे, और प्रीति दीपक के ऊपर सीधी बैठी थी और अपने चूतड़ हिला रही थी और दीपक नीचे से अपने चूतड़ों को ऊपर ढकेल रहा था. उन्हें देख मेरी चूत में खुजली शुरू हुई और मैने अपनी सलवार का नाडा खोल दिया और चड्ढी के अंदर हाथ डाल अपनी चूत में अपनी उंगली डाल अंदर बाहर करने लगी. एक हाथ से अपने स्तन अपने सूट के ऊपर से दबाने लगी थी. कुछ देर बाद दीपक ने प्रीति को पीछे की तरफ ढ्केल उसके ऊपर चढ गया और फिर से धक्के लगाने लगा. और झुक कर प्रीति के स्तन दबाने लगा. मेरी उंगली मेरी चूत में तेजी से अंदर बाहर जाने लगी थी. कुछ देर बाद जब दोनो झड़ गये तो दीपक ने अपना भारी-भरकम लण्ड बाहर निकाल लिया. उसका इतना भारी-भरकम लण्ड देख मेरी चूत झड़ गयी और मेरी उंगलियाँ भीग गयीं. मैंने भाग कर बाथरूम मे जा अपने आप को साफ कर जब खिड़की पर वापस आई तो देखा प्रीति कपड़े पहन अपने रूम के दरवाज़े से अपने रूम मे घूस रही थी. और दीपक भी बगिया में फूलों को पानी दे रहा था. बस उस दिन के बाद, मेरी जिस्म की भूख ने मुझे दीपक के लण्ड को अपनी चूत मैं डलवाने के लिये आतुर कर दिया
चाची की कहानी सुन मैं बोल पड़ा,
"चाची तू तो कहानी सुनाते सुनाते बड़ी गर्म हो गयी. तेरी कहानी ने तो मुझे प्रीति को चोदने का दिल कर रहा है."
चाची ने कहा, "बेटा, प्रीति को तो दीपक ने चुदाने की आदत डाल दी थी. वैसे मुझे बाद मे मालूम चला की दोनो भाई एक दूसरे की बीवियों को चोदते थे.
उसका छोटा भाई विजय भी अपने बड़े भाई की बीवी चाँदनी को खूब चोद्ता था. वो बोलते थे कि स्वाद बदलने मैं ज्यादा मज़ा आता है. मैंने तो 3 साल तक, जब तक वो वापिस अपने गाँव नहीं चले गये, उन दोनो से खूब चुदवाया । तुझसे चुदवाने से वही तो दो मर्द मिले थे
मुझे. छोटे भाई विजय का लण्ड भी अपने बड़े भाई दीपक की तरह सादे 9 इंच लंबा और करीब 4 इंच मोटा था. गाँव-वाले होने के बावज़ूद वह चोदने के मामले में बड़े आधुनिक थे. कई बार जब घर पर सिर्फ़ वो, उनकी बीवियाँ और में अकेली होतीं तो
वो दोनो भाई एक साथ मिल कर मुझे, तेरी माँ को और अपनी बीवियों को चोदते. बड़ा मज़ा आता था. तू इन दोनो में से ही किसी एक का बेटा है. सच कहूँ तो मुझे या तेरी माँ को भी नहीं मालूम कि तू असल में किसका बेटा है, क्योंकि तुझ मैं दोनो के ही गुण है." मैं बोला, "चाची..
इस तरह तो दोनो ही मेरे बाप हुए और साथ में मेरी तो तेरे सिवाये और दो सौतेली चाची माँये हैं.. मुझे तो उनसे भी मिलना चाहिये. अब कहाँ है वो लोग.. क्या तुम्हें उनका अड्रेस पता है."चाची बोली, "हाँ , उनकी चिट्ठियाँ आती रहती हैं. वह तुम्हारे बारे में बहुत पूछते हैं."मैने पूछा, "आपका रिश्ता कैसे शुरू हुआ मेरे असली बापों से."चाची ने
आगे बताना शुरू किया,
"बेटा.. अब तू साथ साथ अपना लण्ड भी तो डाल मेरी चूत में और स्तन भी मूँह में ले चुप चाप चोदते हुए सुनता जा"
मैने अपनी चाची का कहना माना और अपना लण्ड डाल धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये अपनी चाची की चुदक्कड़ चूत में. सच में 35 की उमर में भी मेरी चाची की चूत एकदम टाइट थी. मेरे हलव्वी लण्ड की वजह से मुझे अपनी चाची की चूत और भी टाइट लगती थी. मेरी चाची नीचे से धक्के लगाते हुए बोली,
"हाय जब से मैं तेरे लण्ड से अपनी चूत चुदवाने लगी, तब से मुझे उनकी और याद आनी शुरू हो गयी है. दोनो भाई में वासना की कोई कमी नहीं थी. मुझे उन्होने बताया की वे इस घर में तेरी दोनो बूआओं और तेरी माँ को तो अक्सर चोदते हैं, यहाँ तक कि तेरी दादी को भी चोदते थे । वो 20 साल की उमर से इस घर में काम कर रहे थे. सबसे पहले उनको तेरी दादी ने चुदवाने का चस्का लगा था, क्योंकि इस खानदान सारे मर्द बड़े छोटे लण्ड वाले थे. कभी अपनी दादी को अपना लण्ड दिखाई-ओ. बड़ी मस्तानी थी तेरी दादी भी."मेरी चाची आगे बोल पड़ी, "उस दिन दीपक और प्रीति को चोदते हुए देख मेरा तो मन दीपक के लण्ड से अपनी चूत की भूख मिटाने के लिये बहुत उतावला हो उठा था. अगले ही दिन मौका देख सफाई के बहाने मैने दीपक को अपने बेडरूम में ऊपर बुलाया. मैने जान-बूझ कर काफ़ी हल्की नाइटी सामने से खुलने वाली पहनी थी और अंदर मैंने ब्रा भी नहीं पहनी थी यानि अन्दर मैं बिलकुल नंगी थी । मेरी निपल्स उसके कमरे मैं आने से पहले से ही टाइट हो उभर कर दिख रहे थे. मैने उस-से सीढ़ी भी मँगाई थी, और कहा की दरवाज़े की ऊपर स्टोर में सफाई करनी है. जैसे ही ।उसने बेडरूम मे आ मेरी तरफ देखा, तो उसकी नज़र सीधी मेरे स्तन और निपल्स पर टिकी रह गयीं. मैं भी कुछ देर पहले नहा कर ही निकली थी, इसलिये मेरे बॉल गीले थे और मेरा बदन कुछ गीला होने की वजह से कई जगह पर नाइटी से चिपक कर सॉफ झलक रहा था." उसने अपने आपको संभालते हुए पूछा, "कहाँ साफ़ करना है, छोटी मालकिन."
मैने शरारत भरे अंदाज़ में जवाब दिया,
"साफ़ तो बहुत कुछ करना है, पर वक़्त है क्या तुम्हारे पास."
वो एकदम सकपका गया. मैने उसके सामने कुछ झुक कर अपने पैर की अंगूठी ठीक करने की कोशिश की. जब मैं सीधी हो रही थी, तो मैने चोर आँखों से उसे मेरे स्तन को झाँकते हुए पाया. मैने कहा, "दरवाज़ा बन्द कर दो. तुमहें सीढ़ी लगा कर ऊपर चढ़ना पड़ेगा."
फिर दीपक ने दरवाज़ा बन्द कर दिया. उसने सीढ़ी दीवार से लगाई और मुझसे कहा, "छोटी मालकिन, क्या आप सीढ़ी नीचे से पकड़ सकती हैं. कहीं फिसल न जाये."मैने सीढ़ी पकड़ ली. जब दीपक सीढ़ी पर चढ़ने लगा, तो उसका एक हाथ मेरे स्तन को छू गया. उसके हाथ लगते ही मेरे शरीर में एकदम बिजली दौड़ गयी और मेरे मूँह से एक छोटी सी सिसकारी निकल पड़ी. बड़ा मर्दाना शरीर था उसका और उसके बड़े तगड़े मसल्स थे. मैं अपने स्तन को सीढ़ीओन पर दबा लिया. मैं नीचे बोल पड़ी, "क्या मेरा नाज़ूक सा बदन तुम्हारा वजन सह सकेगा. काफ़ी भारी लगते हो तुम तो."
उसने नीचे देखा और मैने चाहा की वो पूरी तरह मेरे स्तन का नज़ारा लय. उसकी नज़रें मेरे स्तनों आकर अटक गई थीं बोला, "मालकिन, लगता तो नहीं आप मेरा भार न सह सकेंगी."
मेरे मन उसके लण्ड का नज़ारा करने को हो रहा था. मेरे मन में एक ख्याल आया. मैने सीढ़ी पकड़ने के बहाने उसकी धोती का नीचे के हि्स्सा अपने हाथ और सीढ़ी के बीच दबा दिया. वो जैसे ही ऊपर की तरफ हुआ, तो मेरे हाथ के नीचे धोती फँसी होने के कारण, उसकी धोती खुल कर मेरे कंधों पर आ गिरी. अब वो सिर्फ़ एक कच्छे और बनियान में सीधा मेरे ऊपर खड़ा था. मैने ऊपर मुँह उठा कर देखा तो कच्छा काफ़ी खुला होने के कारण उसका लंबा लण्ड साफ खड़ा दिखाई दे रहा था. यह नज़ारा देख कर तो जैसे मेरा मन किया, झपट कर उसका लण्ड कच्छे से निकाल लूँ । वो मुस्कुराते हुए नीचे देखता हुआ उतर रहा था.उसने कहा,-
"मैं नीचे उतार रहा हूँ. ज़रा संभाल कर पकड़िएगा."
मैं सीधी हो सीढ़ी को दोनो हाथ से पकड़ कर एकदम सीढ़ी के सामने खड़ी हो गयी. अब वो मेरी तरफ मुँह कर धीरे धीरे उतरने लगा था. जैसे ही उसका लण्ड वाला हिस्सा मेरी माथे को छूते हुए मेरे मुँह के सामने आया, तो वो एकदम रुक सा गया. उसका लंबा लण्ड अब मेरे मुँह को छू रहा था, और मेरी नज़रें एकदम उस पर टिकी हुई थी. मैने धीरे से उसके लण्ड को अपने गाल से रगड़ दिया. वो एकदम से आगे की तरफ
हिला. और वो सीढ़ी से फिसल गया और सीधा मेरे सामने आ टपका, लड़खड़ाया, सम्भलने की कोशिश में उसके हाथ मेरे कन्धों पर पड़े। मैं भी लड़खड़ायी और सम्भलने की कोशिश में मैने अपनी बाहों से उसकी कमर पकड़ने की कोशिश की और वो मुझे लिये दिये ज़मीन पर गिर पड़ा. मेरी सामने से खुलने वाली नाइटी के दोनो पल्ले खुल गये अन्दर मैं बिलकुल नंगी थी ही । अब हम दोनो ज़मीन पर पड़े हुए थे, और वो मेरे ऊपर पड़ा हुआ था. उसके हाथ मेरे स्तनों पर टकराये और उसके लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत के मुँह पर टकरा के एक पल को टिक गया था. मैंने अपनी आँखें बन्द कर ली । मेरी चुदासी चूत रुक न सकी और अपने आप ही ऊपर नीचे होने लगी.
इशारा समझ उसने अपने फ़ौलादी लण्ड का सुपाड़ा मेरी फ़ुदकती चूत के मुहाने पर लगा कर मेरे बड़े बड़े स्तनों को दबाते हुए धक्का मारा, पक की आवाज के साथ सुपाड़ा अन्दर घुस गया मेरे मुँह से सिसकी निकली अब वो अपने होंठ मेरे होंठों पर रख चूसने लगा. जल्दी ही मेरी फ़ुदकती चूत ने पूरा लण्ड अन्दर कर लिया । फिर वो रह कर मेरे स्तन दबाने लगा और धीरे धीरे मेरे गले को होठों से चूमता हुआ अपने बड़े मुँह में मेरे एक निपल के साथ स्तन का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा, लेकर चूसना शुरू किया. मैने उत्तेजना में ज़ोर से उसके बॉल नोच दिये ।मैं बोल पड़ी,-
"मुझे भी प्रीति की तरह दीवार पर लगा अपने घोड़े की सवारी करवा न."
वो एकदम शॉक होकर बोला,
"अरे ! छोटी मालकिन आप को कैसे मालूम."
मैने शरारत भरे अंदाज़ मैं कहा,
"मैने तुम्हें अपनी भाभी प्रीति को चोदते हुए देखा है. तुम्हारा बहुत बड़ा लण्ड है, जबसे देखा रहा नहीं गया. तुम तो अपनी भाभी को भी नहीं छोड़ते । बड़े कमीने हो. वैसे उस बेचारी का भी कोई दोष नहीं. तुम्हारा तो लण्ड ही काफ़ी भारी भरकम. एक बार अंदर जाये तो किसी को भी मज़ा आ जाये."
उसने बे झिझक जवाब दिया,
"बड़ा तो मेरे भाई का भी है, पर हम दोनो ही एक दूसरे की बीवियों को चोदते हैं. स्वाद बदल जाने से ज्यादा मज़ा आता है. वैसे हम आपकी दोनो ननदों और बड़ी मालकिन (तेरी माँ) को तो अक्सर चोदते हैं, पहले आपकी सास (तेरी दादी) को भी खूब चोदते थे अब उमर ज्यादा हो जाने से वो कभी कभी ही चुदासी होती हैं पर जब भी चुदासी होती हैं चुदाती खूब मस्त हो के हैं। क्योंकि आपके इस खानदान में सारे मर्दों का बहुत छोटा है."
मेरे मुँह से निकल पड़ा,
"है.. है.. तुम तो बड़े बे-शर्म लोग हो. तुम्हारे पास कुछ भी चलता है." उसने कहा,
"मालकिन, इस मे शरम की क्या बात, जब दोनो का भला हो रहा हो. इस तरह तो क्या मैं भी आपको बेशर्म नही कह सकता, क्या ? पर मुझे पता है, आपका मर्द आपकी भूख नहीं मिटा सकता."मैने कहा, "यह बात तो तुमने पते की कही.. चलो.. आज मेरी भी प्यास बुझा दो.."
फिर उसने तरह तरह से चोदा ।
पहले उसने मुझे दीवार पर लगा कर। फिर अपने ऊपर बिठा कर और फिर पीछे से चौपाया बना के। तीन बार चोदा. बस उस दिन के बाद तो दोनो भाइयों ने मिल कर हम दोनो देवरानी जिठानी को लण्ड की कमी न होने दी। . एक साल बाद मेरी जिठानी के घर तू पैदा हो गया. जिठानी ने पूरा ध्यान रखा कि की तू उन्हीं दोनो में से एक से पैदा हो, ना कि तेरे बाप के चोदने से . चाची ने मुझसे कहा,
"अब समझा तेरे बाप का लण्ड छोटा होने के बावज़ूद तेरा लण्ड क्यों इतना बड़ा है.बहुत हो गयी कहानी अब मुझसे रहा नहीं जा रहा ।"
कहकर अचानक चाची ने एक झटके से मुझे पलट दिया और मेरे ऊपर चढ़ गयी । मेरे लण्ड को पकड़कर सुपाड़ा चूत पर धरा और दो ही धक्कों में पूरा लण्ड चूत में धंसा लिया सिसकारियॉं भरते हुए अपने होंठों को दांतों में दबाती हुयी चूतड़ उछाल उछालकर धक्के पे धक्का लगाने लगी । उनके बड़े बड़े उभरे गुलाबी चूतड़ मेरे लण्ड और उसके आस पास टकराकर गुदगुदे गददे का मजा दे रहे थे उनकी गोरी गुलाबी बड़ी बड़ी उभरी चूचियां भी उछल रही थी जिन्हें मैं कभी मुंह से तो कभी दोनों हाथों से पकड़ने की कोशिश करता कभी पकड़ में आ जाते तो कभी उछल कूद में फिर से छूट जाते । मैं उनके गदराये गोरे गुलाबी नंगे उछलने जिस्म को दोनों हाथों मे दबोचने बड़ी बड़ी गुलाबी चूचियों पर झपटने सारे गदराये जिस्म की ऊचाइयों व गहराइयों पर जॅहा तॅहा मुंह मारने के बाद मैंने दोनों हाथों मे बड़ी बड़ी उभरी चूचियां पकड़कर एक साथ मुंह में दबा ली और उनके चूतड़ों को दबोचकर अपने लण्ड पर दबाते हुए चूत की जड़तक लण्ड धॉसकर झड़ने लगा तभी चाची के मुँह से जोर से निकला-
"उहहहहहहहहहहह "
वो जोर जोर से उछलते हुए अपनी पावरोटी सी फूली चूत में जड़ तक मेरा लण्ड धॉंसकर और उसे मेरे लण्ड पर बुरी तरह रगड़ते हुए वो भी झड़ने लगी और फ़िर हम दोनो चाची भतीजे पस्त हो एक दूसरे से लिपट कर सो गये. और उस दिन के मैं अपने असली बापों और अपनी गर्म सौतेली माओं से मिलने के सपने देखने लगा ।
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्यस्कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories,,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,raj-sharma-stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com ,लड़कियां आपस ,raj sharma blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी ,چوت ,
--
No comments:
Post a Comment