Monday, December 7, 2015

FUN-MAZA-MASTI ओह माय फ़किंग गॉड--3

FUN-MAZA-MASTI

ओह माय फ़किंग गॉड--3



 अब मेरे लंड में खून भर चूका था और और अपने पुरे आकार में आ चूका था. मैंने एक तकिया लिया और उसकी गांड के नीचे लगा दिया. उसकी गांड ऊपर आ गयी और मुझे उसकी झांट भरी चूत का पूरा नजारा मिला. उसकी झांटे घनी और काली थी. मैं उँगलियों से उसे टटोलने लगा. आखिर उसकी चूत का दरवाजा मिल ही गया. चूत में दो उँगलियाँ डाली तो पता चला की उसकी चूत पहले ही पानी छोड़ चुकी थी. मैं उसकी गर्म चूत में तेजी से ऊँगली अन्दर-बाहर करने लगा. मेरी रानी अपनी गांड को उछाल रही थी और मस्त सिसकारी मर रही थी. मैंने मन-ही-मन उसकी चूत को साफ़ करने का मन बना लिया. मेरी ऊँगली से चूत चुदाई में सोमलता को गर्म कर दिया और एक बार फिर उसका बदन अकड़ गया. उसने कस कर मेरे सर को पकड़ किया और एक गर्म पानी का फव्वारा छोड़ दिया. चूत से पानी बहते हुए गद्दे में टपकने लगा. कुछ देर के लिए वह खामोश लेटी रही फिर मेरे सर को खींचकर मेरे मुँह में उपनी जीभ डाल दी. हम दोनों एक दुसरे को चुसे जा रहे थे और हमारी लार एक-दुसरे के मुँह में घुल रहे थे. अब मेरे कान के पास होंठ लाकर धीरे से बोली – “बाबु अब मत तड़पाओ. बस अब अपने डंडा डाल दो. बहुत दिनों से तरस रही हूँ लंड के लिए.” मैंने उसकी चुचियों को मसलते हुए मस्ती में बोला – “सोमलता मेरी रानी, आज तेरा राजा तुझे और तेरी चूत को सोने नहीं देगा.” मेरे पाकेट से कंडोम निकाला और अपने लिंग को पहना दिया. मेरा लंड कंडोम में लंबा मोटा काला नाग जैसा लग रहा था. मेरे मोटे-ताजे लंड को देखकर सोमलता की आँखे फट गयी. हाथो में लेकर बोली – “यह बहुत मज़ा देनेवाला लग रहा है बाबु. आज मेरी चूत रानी की प्यास मिट जाएगी.” मैंने उसकी दोनों टांगो को अपने कंधे पर डाला और उसकी चूत के दरवाजे पर लंड को टिका दिया. लंड के सुपारा से उसकी चूत से दानो को रगड़ने लगा. वह बेक़रार होए जा रही थी और सिसकारी मर रही थी - “हम्म्म्म, आःह्ह्ह, म्म्म्म्म्म्म, आऐईई, अआह्ह” मैं जान-बुझकर उसको तड़प रहा था. वह अपनी जीभ को दांत से काट रही थी. मेरा लंड us वक़्त किसी लोहे जैसा सख्त था.

मैंने लंड को चूत की फांको के बीच टिककर एक ज़ोरदार धक्का मारा. लंड सरसराता हुआ पूरा-का-पूरा उसकी चूत में घुंस गया. वह दर्द से पागल हो गयी. 2 सेकंड रुकने के बाद मैंने लंड को आधा निकाला और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा. उसका दर्द थोड़ा कम हुए और मेरे धक्के पर गांड उछालने लगी. फच-फच की आवाज से कमरा गूंजने लगा. मैंने गति बढ़ाई. मेरा पूरा शरीर पसीने से भींग गया. सोमलता आखें बंद कर हल्की आवाज में सिसकारी ले रही थी और गांड को उछालते हुए मेरी कमर को पकडे हुए थी. अचानक मुझे लगा की मेरा लंड फुल रहा है. मैं धक्का लगाना बंद किया. थोड़ी देर रुका और लंड सामान्य हो गया. फिर से मैंने तेजी से धक्का लगाना चालू किया. उसकी चूत से पानी रिसने लगा और मेरा लंड ज्यादा आसानी से जाने लगा. 10-15 धक्को के बाद उसकी चूत मेरे लंड को कसने लगी. सोमलता का बदन कांपने लगा और मुँह से अजीब आवाज निकाल रही थी. मैंने वक़्त को देखकर और तेजी से धक्का लगाना शुरू किया. 8-10 धक्को के बाद वह झड गयी और कुछ देर में मेरा लंड भी प्रेम-रस छोड़ दिया. मैं उसके ऊपर गिर गया. मेरा लंड रुक-रुककर पिचकारी मारी और सारा मुठ कंडोम में छोड़ दिया. लेकिन लंड सिकुड़ने का नाम नहीं ले रहा था. मेरा गला सुख चूका था और सारा बदन पसीने से तर था. हम दोनों एक-दूसके को बाँहों में लेकर तेजी से साँस ले रहे थे. कुछ देर बाद लंड सिकुड़ कर बाहर आ गया मैंने कंडोम को उतारा और एक गांठ लगाकर उसको बगल में फेंककर सोमलता को बाँहों के लेकर उसकी बगल में सो गया. हम दोनों ही एक मस्त चुदाई से काफी थके थे, इसलिए जल्दी नींद भी आ गयी. बाकी की कहानी अगले दिन के लिए.


सुबह लगभग 7 बजे मेरी नींद खुली. सीने पर भार महसूस हुआ. मैंने देखा सोमलता मेरे बगल में चिपक के सोई थी लेकिन उसकी छाती मेरे सीने पर थी और मुझे सोते हुए देख रही थी. मैंने उसे देख मुस्कुराया और वह भी मुस्कुराई. अब उसकी आँखों से आंसू की बुँदे गिरने लगी. मैं फिक्रमंद हो गया, उसकी गालो को हथेलियों में भरकर प्यार से पूछा – “क्या हुआ रानी? तुम रो क्यों रही हो.” वह आंसू पोंछते हुए बोली – “कुछ नहीं बाबु. मेरी ज़िन्दगी में अचानक इतनी ख़ुशी पाकर रो पड़ी. जानते हो बाबु, 15 साल की उम्र में मेरी शादी हो गयी. आज अगर मेरा मरद मेरे साथ रहता तो तुम्हारे उम्र का मेरा बेटा होता. तुम बहुत अच्छे हो बाबु. सबका ख्याल रखते हो. तुम्हारी औरत बहुत खुश रहेगी.” मैंने उसको गालो को चुमते हुए बोला – “अब तुमको फ़िक्र करने की जरुरत नहीं है. मैं तुम्हारा मरद, बेटा सबकुछ हूँ. वैसे भी अब मुझे तुम्हे मजदूरी करते देख अच्छा नहीं लगता. कुछ करूँगा तुम्हारे लिए. ठीक है. चलो अब मुँह-हाथ धोकर कुछ खाते है.” मैंने उसको खिंच कर उठाया. मैं बाथरूम में गया और वह कपड़े पहनने लगी. मुझे बाज़ार से खाने-पिने का सामान लाना था. मैं कपड़े पहन के तैयार हो गया. मैं उसको बोला – “सुनो मैं आधे घन्टे में आता हूँ. तब तक तुम तैयार होजाना. मैं बाहर से दरवाजा बंद कर दूंगा. ज्यादा आवाज मत करना. ठीक है?” उसने हाँ में सर हिलाया. वह फिर मेरी टी-शर्ट और बरमूडा पहने हुए थी लेकिन अन्दर ब्रा था. in कपड़ो में वह बिल्कुल अलग लग रही थी. मैं बाज़ार निकला. जाते-जाते मैं आज के कार्यक्रम के बारे में सोच रहा था. आज कुछ अलग करना था. जैसे उसको कुतिया बनाकर चोदना है, उसको चूत की झांटो को साफ़ करना है, उसकी चूत को चुसना है, उसको मेरा लंड चुसवाना है वगैरह. गाँव की औरत है इसलिए शायद यह सब नहीं जानती है. बाजार में मैंने अन्डे, ब्रेड, चोकलेट बगैरह ख़रीदे. एक पैक औरतों के सेविंग रेजर भी लिए. आज मेरी रानी की चूत को चमकाकर रहूँगा. उसकी चिकनी चूत की कल्पना मेरा लंड खड़ा कर रही थी. हड़बड़ी में मैंने अंडरवियर भी नहीं पहना था. बगल में स्कूल जाती कुछ लड़कियां मुझे देख हंस रही थी, तब मुझे पता चला की मेरा बरमूडा चलता-फिरता तम्बू बन गया है. मैंने बाज़ार का थैला सामने कर उसको छुपाने की कोशिश की. यह मेरे लिए एक नया तजुर्बा था. 40 मिनट के बाद मैं घर आया तबतक सोमलता बाथरूम से निकल ड्राइंग रूम में आ गयी थी. वह काफी खुश और ताज़ी लग रही थी. रंग भी काफी खुला लग रहा था. मैंने सोचा – “काश, मैं इसको हमेशा ऐसे ही रख पाता. कुछ तो करना पड़ेगा.” मैं चाय बनायीं, अंडे उबाले और हमने नास्ता किया. हमने नास्ता ख़तम किया ही था की गेट पर दस्तक हुई. मैंने इशारे से उसको चुप रहने और अन्दर के कमरे में जाने के लिए बोला. बाहर देखा, एक मजदूर था. मुझे देख बोला – “बाबु, आज कोई काम नहीं होगा. आदमी कम है. 2 दिन बाद काम चालू होगा” मैंने कहा – “ठीक है” वह आदमी चला गया. मेरे मन में लड्डू फूटने लगे. वाह! आज दिन भर हमे तंग करनेवाला कोई नहीं है. आज दिन-भर हम काम-लीला करेंगे. मैं गेट बंद कर अन्दर गया तो सोमलता भी अन्दर के कमरे से ड्राइंग रूम में आ गयी – “कौन था बाबु? क्या बोल रहा था?” मैंने दोनों बांहे उसके कंधे में डालते हुए कहा – “आज काम बंद रहेगा. कोई हमें परेशान नहीं करेगा.” वह जवाब में मुस्कुराई. मैंने कपड़े उतारे और पूरा नंगा होते हुए बोला – “चलो जल्दी से कपड़े उतारो” वह मेरी पीठ में चिकोटी काटते हुए बोली – “तुम बाबु हमेशा लंड पे सवार रहते हो” मैंने उसकी गाल पर एक चुम्मा देते हुए कहा – “रानी आज साथ में नहायेंगे”. “पर मैं तो नहा चुकी हूँ बाबु!” बहुत मासूमियत से वह बोली. मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर की और खींचते हुए बोला – “मेरे साथ तो नहाओ रानी. आज तुम पागल हो जाओगी.” “अच्छा” हँसते हुए उसने मेरी गांड पर एक चपत लगा दी. आज मैं उसकी झांटो को साफ़ करनेवाला हूँ. वह सारे कपड़े उतार दी सिर्फ पेंटी रहने दी. उसकी कमर को धक्का देकर बाथरूम में ले गया. उसको एक टांग स्टूल पर रख खड़ा कराया और पेंटी उतार दी. उसकी चूत की झांटे काफी लंबी थी. मैं निचे बठकर झांटो में उँगलियाँ फिरने लगा. वह बोली –“क्या इरादा है बाबु?” मैंने उसकी आँखों में देखकर पूछा – “अच्छा रानी, तुम्हे in झांटो से दिक्कत नहीं होती है?” वह बोली – “हाँ बाबु, दिक्कत तो होती है. पहले जब मरद था तो कटती थी. अब किसके लिए करूँ?” मैंने उसकी झांटो के ऊपर एक चुम्मा जड़ते हुए बोला – “अब मैं हूँ ना मेरी रानी.” उसकी चूत से मादक महक आ रही थी. उसके मेरे माथे को हल्का धक्का दे डांटते हुए बोली – “छि बाबु, वहां गन्दा है, मुँह मत लगाओ” मैं बोला – “अभी साफ़ कर देता हूँ.” प्लास्टिक बैग से क्रीम और रेजर निकाला और ढेर सारा फोमिंग क्रीम उसकी झांटो पर मलने लगा. सोमलता थोड़ी डरी हुई लग रहू थी. डरते हुए बोली – “बाबु, कुछ होगा तो नहीं?” मैंने उसको तसल्ली देकर कहा – “कुछ नहीं होगा मेरी रानी, सब औरतें ऐसे ही साफ़ करते है. देखना तुम पुरी चिकनी चमेली बन जाओगी” वह धीरे से हंस पड़ी. मैंने रेजर से चूत की दूर से छिलना शुरू किया. रेजर चलने से उसको गुदगुदी होती और वह कांपती. मैंने उसकी कमर को कसकर पकड़ते हुए बोला – “रानी हिलो मत. रेजर चलने में दिक्कत होता था” आस-पास की बालो को साफ़ करने के बाद मैंने तोलिये से चूत को पोंछा. अब सिर्फ चूत का होंठो के झांट बचे थे जिसको साफ़ करने में सावधानी की जरूरत थी. सोमलता तो आँख बंद कर पुरे बदन को कसकर खड़ी थी. फिर से चूत पर क्रीम लगाया और चूत की होंठो को ऊँगली से खींचकर रेजर चलाना शुरू किया. जैसे-जैसे बाल साफ़ होते गए, उसकी चूत चमकने लगी. अब सारे बाल साफ़ हो चुके थे. मैंने पानी से अच्छी तरह धोया और स्किन क्रीम लगाया. उसकी बदन का रंग सांवला था लेकिन उसकी चूत की फांके गहरे गुलाबी थी और झांटो के हटने के बाद चमक रही थी. शायद चूत में ऊँगली करने के कारण पानी छोड़ रही थी. मैंने एक छोटा आइना दिया और बोला – “देख लो. तुम्हरी चूत रानी कैसे चमक रही है” वह शीशे के चूत के निचे लगाकर देखी और थोड़ा शरमा गई और मुझसे लिपट गई.
“अभी और काम बाकी है मेरी रानी” मैंने उसको अलग करते हुए कहा. वह पूछी – “अब क्या” मैंने उसकी बायीं हाथ को ऊपर उठाया और सिर के दूसरी और रखते हुए बोला – “ऐसी ही रहना” अब बारी-बारी से दोनों बगलों पर फोमिंग क्रीम लगाकर साफ़ किया. अब वह बिल्कुल एक शहरी औरत जैसी लग रही थी. “चलो हो गया. अब नहाते है” मैंने सेविंग का सामान बैग में रखते हुए कहा. “आज मैं तुमको नहलाउंगी” मुझे स्टूल पर बैठाया और शावर चला दी. अब साबुन से मेरी पीठ मलने लगी. जोर-जोर से मेरी पीठ मलती हुई वोह मेरी छाती भी मलने लगी. साबुन लगाने के दौरान उसकी चूचियां मेरे शरीर को छू जाती जो मेरे लंड को इंच-इंच लंबा करती. अब वह मेरे सामने आ गयी और मेरी छाती, कमर और पैरो को साबुन लगाने लगी. मैंने उसकी चेहरे को देख रहा था. उसकी चेहरे में कहीं भी वासना नहीं था. बड़ी मासूमियत से मुझे साबुन लगा रही थी जैसे कोई माँ अपने बच्चे को नहलाती है. मुझे मलने के समय उसकी चूचियां हिल रही थी, जिसको देख मैं पागल हो रहा था. मेरा लंड तो अपना चमड़ा फाड़ना चाहता था. सोमलता ने मुझे खड़ा किया और मेरे कमर के निचे साबुन मलने लगी. मेरे लंड के आस-पास के इलाके को रगड़ने लगी. मेरे लंड को भी हाथ से पकड़कर रगड़ने लगी. मेरे मुँह से सिसकारी निकल रही थी. उसने मेरी और देखा और हँसते हुए बोली – “बाबु यह हमेशा खड़ा रहता है क्या?” मैंने भी मस्ती कहा – “रानी, तुम जैसी जवान औरत के हाथ में अगर खड़ा ना हो तो फिर किस काम का” वह जोर से हंसी और बोली – “बहुत मस्त माल है बाबु तुम्हारा लंड. इसे पाकर तो मेरी जवानी वापस आ गयी. चलो तुम्हारा काम हो गया. इसका भी काम कर देती हूँ.” मेरे लंड की मुठ मरने लगी. साबुन के झाग के कारण काम आसन हो गया. मुठ मरने में उसको काफी मेहनत करनी पड़ी. लगभग 25 मिनट में मेरा मुठ छुटा और लंबी पिचकारी मरते हुए सारा पानी उसकी चुचियों पर गिरा. अब वह शवोर चलाकर मेरे बदन में लगी साबुन को धोकर मुझे टॉवल से सुखाकर बोली – “बाबु जाओ. अब मैं नहाती हूँ.” मैंने उसको पकड़ कर कहा – “रानी, अब मुझे नहलाने दे” वह बोली – “आज नहीं, आज मुझे थोड़ा वक़्त चाहिए अकेले. अब जाओ भी” मुझे धक्का देकर निकलते हुए बोली. मैं मायूस होकर नंगा ही बाथरूम से निकला. बॉक्सर डाला और नास्ता की तैयारी करने लगा. लगभग आधे घन्टे के बाद वह सिर्फ तोलिया लपेट कर बाहर आई. आज बहुत खुश और निखरा हुआ लग रही थी. तोलिया उसकी चुचियों को ढकने में नाकाम लग रहे थे. दो स्तनों की गहरी घाटी ज्यादा गहरी लग रही थी और आधा स्तन तो ढका ही नहीं था. निप्पल के गोल घेरे भी तोलिये के किनारे से दिख रहे थे. वह खाने के टेबल के कुर्सी को खींचकर बैठते हुए बोली – “बहुत भूख लगी है बाबु, खाना लगाओ ना.” मैंने हँसते हुए कहा – “इतनी भूख लगी है की कपड़े भी नहीं पहनी?” वह मासूमियत से बोली – “क्या फायदा जब उतरना ही है” मैं उसको चूमने वाला ही था की वह हाथ दिखाकर मुझे रोकते हुए बोली – “पहले खाना खा ले. बाद में मुझे खाना” मैंने एक ठहाका लगाया और चाय, ब्रेड और अंडे का नास्ता करने लगा.



 हमदोनो टेबल पर आमने-सामने बैठे थे. मैं सिर्फ बॉक्सर पहना था और मेरी सोमलता तो टॉवल छाती से लपेटे हुए थी. जब वह बैठ खाना खा रही थी तो टॉवल सिर्फ उसकी कमर को ढक रहा था, उसकी गोरी चिकनी जांघे नंगी थी. उसकी जांघों का मस्त नज़ारा मेरे लंड को बहुत अच्छा लग रहा था जो रह-रहकर बॉक्सर फाड़ने को बेताब हो रहा था. मैं मन में सोचा – “आज इसको चुसाई का मज़ा देना है. लेकिन इससे पहले इसको राज़ी करना पड़ेगा. कल परिवार आ जायेगा तो फिर हमारा यह कार्यक्रम नहीं हो पायेगा.” मेरे दिमाग में एक तरकीब आया. नास्ता ख़त्म करने के बाद, मै उसको अपने कमरे ले ले गया. सारे दरवाजे-खिड़कियाँ बंद करने के बाद उसको एक चेयर पे बैठाया और बोला – “रानी, फिल्म देखोगी?” वह फ़ौरन हामी भरते हुए बोली – “हाँ, कौन सी फिल्म बाबु?” मैंने कहा – “देखो मज़ा आएगा” मैं दौड़ कर दो बियर फ्रिज से निकल लाया और उसके बगल चेयर में बैठ गया. मैंने एक पोर्न विडियो लगाया था जिसमे एक सौतेली माँ बेटे को बताती है की उसकी गर्ल-फ्रेंड को कैसे चूमना है. बात चुम्मी से शुरू होकर चुदाई तक पहुँचती है. वह माँ उससे चूत चुसवाती है फिर उसका लंड चूसती है. दोनों डौगी स्टाइल में चुदाई करते है और आखिर में सौतेली माँ बेटे का मुठ मरती है, सारा बिर्य पि जाती है. यह विडियो धीमा होने के साथ-साथ काफी सेक्सी है. ना जाने मैंने कितनी बार इसको देख मुठ मारा है. विडियो की नायिका की फिगर उसकी उम्र के वावजूद लाजवाब था. जैसे ही फिल्म शुरू होती है, सोमलता की आँखें बड़ी होनी शुरू होती है. मैं उसकी कुर्सी को अपने पास खिंच लेता हूँ. जब फिल्म का नायक अपनी सौतेली माँ की स्तन को मसलता-चूसता है तो सोमलता अकड़ कर सीधी हो जाती है. उसकी आँखें अब लैपटॉप स्क्रीन पर गड जाती है और उसे अपना ख्याल तक नहीं रहता. फिल्म आगे बढती है. अब नायक अपनी माँ की चूत को चूमना-चाटना शुरू करता है और साथ-साथ उसे अपनी ऊँगली से चोदता भी है. माँ जोर-जोर से सिसकारी लेती है और अपने बदन को उछलती है. यह गर्म दृश्य देखकर सोमलता गर्माने लगती है. उसका हाथ खुद-ब-खुद योंनी पर चला जाता है और उसे रगड़ने लगती है. उसकी चूचियां इतनी कास जाती है की वो जो तोलिया लपेटे हुए थी वह खुल का गिर जाता है. उसकी चूचियां सख्त और निप्पल सीधे खड़े हो जाते है. मैं अपने दायें हाथ से उसकी नंगी मांसल जन्घो को सहलाना शुरू करता हूँ. अब उसके मुँह से सिसिकारी निकलना आरंभ होता है. वह आँखें बंद कर सिसिकारी मारे जा रही है और ऊँगली से अपनी चूत को मसले जा रही है. मैंने उसकी हाथ को रोक अपनी ऊँगली से उसकी चूत के भागनासे को छेड़ना शुरू करता हूँ. मेरी ऊँगली की हर हरकत पर उसकी आंह निकलती है. “आःह्ह्ह....... माई री......... हाय बाबु........... मै मर जाउंगी मेरे राजा........ सिसिसिसी.........................”

अब यह खेल कुर्सी पर खेलना असंभव था. मैंने उसकी कमर से उठाया और मेरे बिस्तर पर पटक दिया. वह मेरी और प्यासी नज़रो से देख रही थी. मानो वह कई दिनों की प्यासी है और मेरे पास शरबत का गिलास है. मै उसके पास गया और उसकी टांगो के निचे बैठ गया. उसकी दोनों हथेलियों को अपनी हथेलियों में लेकर पुरी बदन को अपने बदन के निचे लाया और उसकी होंठो का रस चूसने लगा. चूसने के दौरान मैं अपनी लिंग को उसकी चूत के ऊपर रगड़ भी रहा था. इसके बाद उसकी चुचियो की बारी थी. उसकी चूचियां इतनी सख्त हो गयी थी की मैं उसे मुँह से पकड़ नहीं पा रहा था. अब मैं उसकी नाभि के पास जीभ से चाटना शुरू करता हूँ. मेरी जीभ उसकी गहरी नाभि में जब-जब घुसती, तब-तब वह पेट तो सिकोड़ देती. अब मैं उसकी चूत के उपरी हिस्से को चाटते हुए उसकी क्लिट को छेड़ना शुरू करता हूँ. उसकी चूत के गुलाबी होंठ फूलकर पावरोटी जैसे हो गए. मैंने जीभ उसकी चूत के अन्दर डाल दी. वह उछल कर बैठ गयी. मैंने उसको निचे गिराया उसकी चुचियों पर हाथ रखा और फिर से चूत में जीभ डाल दी. वह सर को उठाकर आंहे भरे जा रही थी और उसकी चूत जीभ के लिए और गहरी जगह बानी रही थी. जब मैंने देखा की जीभ आसानी से अन्दर-बाहर हो रही है तो मैंने अपनी बीचवाली ऊँगली चूत में डाल दी. उसकी चूत अन्दर से काफी गर्म था. उसकी सिसिकारी की आवाज बढती जा रही थी. मैंने ऊँगली को डालना चालू रखा और जीभ से चूत की क्लिट को चाटना भी. 10 मिनट के बाद सोमलता का बदन अकड़ने लगा. वह मेरे बालो को जोर से पकड़कर मेरे माथे को अपनी चूत में दबाने लगी. अब उसकी चूत गीली हो रही थी जो बता रही थी की वह चरम आनंद के पास पहुँच रही है. अब उसकी बदन के निचे का हिस्सा जोर जोर से कांपने लगा. मैंने चुसना और ऊँगली से छेड़ना जरी रखा. अचानक उसकी चूत ने जोर की पिचकारी मारी और मेरा मुँह उसकी योनिरस में भर गया. नमकीन गर्म पानी के स्वाद ने मुझे मदहोश कर दिया. सोमलता की मेरे बालो पर पकड़ ढीली हो गयी और वह ढीली होकर लेती रही. मैं ऊपर आकर उसकी बालो को सहलाने लगा. उसके चेहरे पर संतुष्टि का भाव था. कुछ देर के बाद उसकी बांहों में मुझे जकड़ा और मुझे अपने करीब खिंच लिया. उसकी चूचियां अब भी सख्त थी जो मेरे सीने में गड रही थी. वह मेरे कान के पास आकर धीरे से बोली – “बाबु, किसी ने पहली बार बिने चोदे मुझे इतना सुख दिया. तुम बहुत अच्छे हो.” अब वह मेरे लंड को टटोलने लगी. मुझे लगा की वह भी मुझे मुख-मैथुन का सुख देना चाहती है. लेकिन लगता है वह अभी भी इसके लिए तैयार नहीं थी.

मेरे लंड को पकड़ कर बोली – “बाबु, इसको प्यासा मत रखो. मेरी चूत में तो बारिश हो गयी. इसको भी डूबने का मौका दो.” “ठीक है. चलो अब घोड़ी बन जाओ” मैंने उसको कमर से पकड़ कर घोड़ी जैसा स्थिति बनाने की कोशिश की. वह थोड़ा असहज महसूस कर रही थी क्योंकि यह उसका पहला बार था. मैंने बड़ी मुस्किल से उसकी पोजीशन बनायीं और उसकी कमर को बाएं हाथ से कसकर लपेट लिया. उसकी गीली चूत को द्दो-चार बार ऊँगली से मसलने के बाद लंड में सूपड़ा योनी के द्वार पर रख दिया. मैं उसकी कान में बोला – “रानी तैयार हो मेरे लंड राजा के लिए?” वह थूक निगलते हुए बोली – “हाँ मेरे सैंया राजा, डाल दो अपना डंडा” मैंने धीरे से धक्का लगाया. लंड आधा जाकर फास गया. चूत की दिवार लंड को कसकर पकडे थी. उसकी गले से एक हल्की चीख निकली. मैंने फिर से ज़ोरदार धक्का लगाया. लंड चूत की दीवारों को फाड़ते हुए सीधे बच्चेदानी से जा टकराया. मेरे इस धक्के ने सोमलता की बदन को हिलाकर रख दिया और मेरा कमर जोर से उसकी गांड से टकराया. उसने बड़ी मुस्किल से अपनी चीख को बाहर आने से रोका. मैं कुछ सेकंड के लिए रुका, उसकी स्थिति को सही किया और धीरे से लंड को बाहर खिंचा. लंड के सुपाड़े को बिना बाहर निकाले फिर से धक्का दिया. अब कुछ कम तकलीफ हुई. अब मैं धीरे-धीरे धक्का लगता रहा. एक हाथ से उसकी चुचियों को बीच-बीच में मसलता भी था. अब मेरा लंड फूलने लगा. मैंने धक्के की रफ़्तार बढ़ाई. मेरा कमर जोर-जोर से उसकी गांड में टकराता गया. वह भी धक्के के ताल पर अपनी गांड को आगे-पीछे करने लगी. 20 थापों के बाद मेरा लंड झड़ गया. मै बिना लंड को निकले उसके ऊपर निढाल हो गया. मेरी सांसे जोर-जोर से चल रही थी. मेरा लंड सिकुड़ने तक उसकी चूत में अटका रहा और बाद में फच्च की आवाज के साथ बाहर निकल गया. हमदोनो लगभग 15 मिनट तक लेते रहे. बाद में वह उठकर बाथरूम में चली गयी और मैं लेटा रहा. मैंने घडी में वक्त देखा, दोपहर के 12 बज रहे थे.









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