Monday, December 14, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..40

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..40



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अब आगे
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लेकिन पूजा की चूत का स्वाद बड़ा अजीब सा था....थोड़ा खट्टापन लिए हुए...चूत का ऐसा स्वाद भी होता है, ये उसे आज ही पता चला था...आज से पहले तो उसने हमेशा मीठी चूत ही चूसी थी...अपनी बीबी प्राची की...उसकी तुलना में ये छोटी बहन की चूत बिल्कुल विपरीत सी थी...खट्टापन लिए हुए..

उसे ऐसे रुकता हुआ देखकर दूर बैठी हुई रिया बोल पड़ी : "थोड़ी खट्टी सी है ना ये...है ना जीजू....''

अजय ने मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा और हाँ में सिर हिला दिया...अजय समझ चुका था की रिया ने उसकी चूत का स्वाद चख रखा है...तभी वो इतने कॉन्फिडेंस से बोल रही है ये बात...

रिया एकदम से उठकर उनके करीब आ गयी और बोली : "मैने भी दीदी को कई बार ये बात बोली है...मुझे भी इसके टेस्ट में थोड़ा बहुत खट्तापन महसूस हुआ था...और वो इसलिए की इन्हे ऐसी ही खट्टी चीज़े खाने का काफ़ी शॉंक है...जैसे गोलगप्पे...चाट पापड़ी...संतरे...नींबू...अचार...ये सब बहुत खाती है...''

पूजा ने बुरा सा मुँह बनाकर रिया को डांटा : "अब तू ऐसे मौके पर ये सब शिकायते करने यहाँ आई है....''

रिया : "नही दीदी....मैं तो एक आइडिया लेकर आई हूँ ...जिसमे जीजू को इसे सक्क करने में ज़्यादा मज़ा आएगा...''

इतना कहकर वो भागकर किचन में गयी और फ्रिज खोलकर एक छोटी सी शहद की शीशी निकाल लाई...अजय समझ गया की ये क्या करने वाली है...

वो करीब आई और उसने वो ठंडा-2 शहद पूजा की चूत के उपर उडेल दिया....एक गाड़ी सुनहरे रंग की लकीर के रूप में वो शहद धीरे-2 पूजा की गरमा गरम चूत को अपने रंग में रंगने लगा..थोड़ा शहद उसने उसकी गांड की तरफ से भी डाल दिया,जो धीरे-२ बहकर उसकी छूट तक पहुँचने लगा



अजय देख पा रहा था की रिया वो शहद उड़ेलते हुए अपनी जीभ ऐसे लपलपा रही थी जैसे वो बरसो की प्यासी हो....

शहद की पूरी शीशी उड़ेलने के बाद वो बोली : "लो जीजू....अब आपकी ये स्वीट डिश आपके लिए तैयार है...''

और ये कहकर जैसे ही वो उठकर जाने लगी, अजय ने उसकी कलाई पकड़ ली और बोला : "अब इतना काम कर दिया है तो थोड़ा और कर दो मेरे लिए....इसे अपनी दीदी की पुस्सी पर फेला भी दो...अपने अंदाज में ..''

ये बात सुनते ही रिया के होंठ थरथरा उठे...उसके पूरे शरीर के रोँये खड़े हो गये....


 वो सोचने लगी की क्या इसका मतलब ये है की जीजू उसे इस सेक्स के खेल में शामिल होने के लिए बोल रहे है...

और डसरी तरफ पूजा को भी झटका लगा...वो नही चाहती थी की आज के दिन रिया उनके इस चुदाई वाले खेल में शामिल हो...वो बस यही चाहती थी की वो दूर बैठकर ये खेल सिर्फ़ देखे......जैसा की दोनो के बीच समझोता हुआ था..

लेकिन रिया के चेहरे और पूजा के दिमाग़ में चल रही बातो को जैसे अजय ने पड़ लिया था...वो बोला... : "देखो....तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ ये एक छोटा सा काम करोगी...और कुछ नही...उसके बाद वापिस अपनी जगह पर जाकर बैठ जाओगी...अच्छे बच्चो की तरह....ओके ..''

रिया के लिए ये एक सपने जैसा ही था...वो अपनी बहन की शहद से भीगी चूत को चूसने वाली थी...उसी चूत को जिसे उसके जीजू सिर्फ़ दस मिनट बाद पहली बार चोदने वाले थे...यानी उसके जीजू चाहते थे की वो अपनी बहन की चूत खुद तैयार करे,ताकि वो बाद में उसकी चुदाई सही से कर सके

पूजा ने भी कुछ नही कहा...वैसे भी उसे एक्साइट करने के लिए सही ढंग से चूत की चुसाई करना बहुत ज़रूरी था ...और ये काम रिया से अच्छी तरह कोई और कर ही नही सकता था...

अजय पूजा की टाँगो के बीच से उठकर उपर बेड की तरफ चला गया...और रिया उसकी जगह पर आकर बैठ गयी...उसने पूजा की दोनो टाँगो को दोनो दिशाओं में फेलाया और अपनी जीभ निकाल कर उसकी नोक से ढेर सारा शहद समेटा और दोनो हाथों की उंगलियों से पूजा की चूत की फांके फेला कर नीचे से उपर की तरफ लेजाते हुए उसकी चूत का अभिषेक कर दिया...एक लंबी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह के साथ पूजा ने अपनी बगल में बैठे अजय के लंड को बुरी तरह से पकड़ा और ज़ोर से मसल डाला...

''आआआआआआआआआआआआआआआआआहह ओह...... रिय्ाआआआआआअ......''

रिया की जीभ ने वो ठंडा -2 शहद उसकी खुली हुई चूत के अंदर धकेलना शुरू कर दिया था...



ये शहद वाली ट्रिक उसने काई दीनो से सोच के रखी हुई थी पूजा के लिए...लेकिन उसे करने का मौका ऐसे आएगा ये उसने सपने में भी नही सोचा था...


अजय भी अपने घुटनो के बल बैठकर अपने लंड को उसके मुँह के करीब ले आया...और पूजा उसे किसी गली की कुतिया की तरह चाटने लगी...अपनी जीभ से लपलपा कर उसने अजय के लंड को अपने ही शहद से तर-बतर कर दिया...ठीक उसी तरह जिस तरह से उसकी चूत को रिया ने कर दिया था इस वक़्त..



रिया तो बड़े ही चाव से उसकी चूत के हर भाग को शहद में लपेट कर चाट रही थी....चूत से निकलता खट्टापन अब शहद में मिलकर कुछ अलग ही स्वाद दे रहा था...जो रिया को काफ़ी पसंद आया...और उसे पता था की जीजू को भी ये स्वाद पसंद आएगा...

कुछ देर बाद वो अपने रस से भीगे होंठ वहां से उठा कर बोली : "आओ जीजू....अब ट्राइ करो...''

अजय ने एक लंभी छलाँग लगाई और बेड से नीचे उतर आया...रिया के हटते ही उसने मोर्चा संभाल लिया और जब उसकी जीभ पूजा की चूत से टकराई तो वहां के बदले स्वाद को महसूस करते ही वो पागल सा हो गया...और पहले से कही ज़्यादा तेज़ी से उसकी चूत को अपने मुँह से चोदने लगा...



करीब दस मिनट तक अच्छी तरह से चूसने के बाद उसे एहसास हो गया की कुंवारी चूत की चुसाई से बड़ा मजा इस दुनिया में और कोई नहीं है

और उसे ये भी अहसास हो गया की अब पूजा की चूत अंदर और बाहर से पूरी तरह गीली है...यही सही मौका है....उसका कुँवारापन हरने का..

वो उठा और अपने लंड पर थोड़ी सी थूक मलकर उसने पूजा की गर्म चूत पर टीका दिया..
वो उठा और अपने लंड पर थोड़ी सी थूक मलकर उसने पूजा की गर्म चूत पर टीका दिया..

ये वो मौका था जब पूजा और रिया अपनी साँसे रोके एक साथ उस पॉइंट को देख रही थी...जहाँ पर अजय के लंबे लंड और पूजा की कमसिन चूत का मिलन हो रहा था.

अजय ने धीरे-2 करके अपने लंड को उसके अंदर धकेलना शुरू किया...

पूजा : "उम्म्म्म.....जीजू.....दर्द तो नही होगा ना....''

अजय : "नही मेरी जान.....इतनी देर तक जो तेरी चूत को तैयार किया है, वो इसलिए ही ना की ये दर्द ना हो....अब सिर्फ़ मज़ा ही मज़ा मिलेगा...दर्द नही...''

लेकिन अंदर ही अंदर अजय ये बात अच्छी तरह से जानता था की उसके मूसल को अंदर लेने के लिए उसे दर्द तो सहना ही पड़ेगा...

और जैसे-2 उसका लंड पूजा के अंदर जाता जा रहा था, उसके चेहरे के एक्शप्रेशन बदलते जा रहे थे...

और धीरे-2 करते हुए अजय ने अपना आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में डाल दिया....अब तक पूजा की आँखो से आंसू निकलने लग गये थे....पर वो अपने मुँह पर हाथ रखकर अपनी चीख को बाहर नही निकालने दे रही थी...



अब अजय उसकी चूत की कुँवारी झिल्ली तक पहुँच गया...वो दीवार गिरते ही पूजा की वर्जिनिटी ख़त्म हो जानी था...और उस दिवार के पार तो बस मजा ही मजा था, लेकिन उसी हिस्से में सबसे ज़्यादा दर्द भी छुपा था...

अजय ने उसके दोनो हाथो को बेड पर टीकाया और धीरे से उसके उपर झुकते हुए बोला : "बस बैबी.....थोड़ा सा और....'''

वो कुछ बोल पाती, इससे पहले ही अजय ने अपना पूरा का पूरा भार उसके उपर एक झटके मे डाल दिया ....और उसका खंबे जैसा लंड पूजा की चूत को किसी ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर तक घुसता चला गया....
वो उठा और अपने लंड पर थोड़ी सी थूक मलकर उसने पूजा की गर्म चूत पर टीका दिया..

ये वो मौका था जब पूजा और रिया अपनी साँसे रोके एक साथ उस पॉइंट को देख रही थी...जहाँ पर अजय के लंबे लंड और पूजा की कमसिन चूत का मिलन हो रहा था.

अजय ने धीरे-2 करके अपने लंड को उसके अंदर धकेलना शुरू किया...

पूजा : "उम्म्म्म.....जीजू.....दर्द तो नही होगा ना....''

अजय : "नही मेरी जान.....इतनी देर तक जो तेरी चूत को तैयार किया है, वो इसलिए ही ना की ये दर्द ना हो....अब सिर्फ़ मज़ा ही मज़ा मिलेगा...दर्द नही...''

लेकिन अंदर ही अंदर अजय ये बात अच्छी तरह से जानता था की उसके मूसल को अंदर लेने के लिए उसे दर्द तो सहना ही पड़ेगा...

और जैसे-2 उसका लंड पूजा के अंदर जाता जा रहा था, उसके चेहरे के एक्शप्रेशन बदलते जा रहे थे...

और धीरे-2 करते हुए अजय ने अपना आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में डाल दिया....अब तक पूजा की आँखो से आंसू निकलने लग गये थे....पर वो अपने मुँह पर हाथ रखकर अपनी चीख को बाहर नही निकालने दे रही थी...



अब अजय उसकी चूत की कुँवारी झिल्ली तक पहुँच गया...वो दीवार गिरते ही पूजा की वर्जिनिटी ख़त्म हो जानी था...और उस दिवार के पार तो बस मजा ही मजा था, लेकिन उसी हिस्से में सबसे ज़्यादा दर्द भी छुपा था...

अजय ने उसके दोनो हाथो को बेड पर टीकाया और धीरे से उसके उपर झुकते हुए बोला : "बस बैबी.....थोड़ा सा और....'''

वो कुछ बोल पाती, इससे पहले ही अजय ने अपना पूरा का पूरा भार उसके उपर एक झटके मे डाल दिया ....और उसका खंबे जैसा लंड पूजा की चूत को किसी ककड़ी की तरह चीरता हुआ अंदर तक घुसता चला गया....
और उसके साथ ही गूँजी पूजा की एक जोरदार चीख , जिसे सुनकर रिया और अजय को तो ये डर लग गया की पूरा मोहल्ला ना इकट्ठा हो जाए वहां ..

''आआआआआआआआआआआआहह ऊऊऊऊऊऊओह मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्रर्र्र्ररर गईईईईईईईईईईईईईईsssssssss ..... आआआआआआआआआहहsssssssssss जीजूsssssssss.................................. ''

रिया भागकर उसके करीब आई और बेड पर चड़कर वो पूजा के चेहरे को चूमने लगी और बोली : "बस दीदी.....बस.....हो गया.....हो गया ....''

वो तो ऐसे दिलासा दे रही थी उसे जैसे वो बरसो से चुदती आई है

रिया ने उसकी चीख को कम करने के लिए अपने होंठ उसके होंठो पर रखकर उसे बुरी तरह से चूसने भी लगी.

पर इस वक़्त पूजा को कुछ समझ नही आ रहा था....अजय ने भी अपने लंड को धीरे-2 बाहर की तरफ खींचा और फिर से अंदर डाला....



ऐसा उसने करीब 8-10 बार किया....और तब तक पूजा ने भी मचलना और सिसकना बंद कर दिया था..अजय तो पुराना खिलाड़ी था इस खेल का...उसने जब अपनी बीबी की पहली बार चुदाई की थी तब भी लगभग ऐसा ही हुआ था...और अब उसी बेड पर उसने उसकी बहन की चूत को भी अपने लंड से लाल कर डाला था ...ये एक ऐसा एहसास था जिसे सिर्फ़ वही महसूस कर सकता है जिसने ऐसा कुछ किया हो..

रिया की किस्स्स का जवाब भी देना शुरू कर दिया था पूजा ने....दोनो एक दूसरे के होंठों को किसी भूखी बिल्लियों की तरह से चूस रही थी...और रिया ने जब देखा की पूजा का दर्द अब गायब हो चुका है तो वो बेमन से वापिस अपनी जगह पर जाकर बैठ गयी..

पूजा ने जाते हुए उसे थेंक्स भी कहा...और फिर अपने जीजू के साथ वो एक बार फिर से मस्ती के खेल में शामिल हो गयी.
अब तो वो अपनी टांगे दोनो दिशाओ में फेलाकर पूरे जोश से अपने जीजे के लंबे लंड को अंदर तक ले रही थी...और सिसकारियां मारकर उसे और ज़ोर से चोदने के लिए उकसा भी रही थी...



''आआआआआआआआहह जीजू........ मेरी जानssssssssss ....... और तेज़ी से करो.................. उम्म्म्ममममममममममम...... आहह जीजू.............. मजा आ रहा है ....................... उम्म्म्ममममममममम..... इसी मज़े के लिए कब से तरस रही थी..... आआआआआआआआहह ........ ऐसे ही................... हमेशा मेरे अंदर ही रहना ...................... दिन रात...................चोदो मुझे ..................मेरे प्यारे जीजू............................ सिर्फ़ मेरे जीजू.................''

दूर बैठी छुटकी रिया बुदबुदा उठी ..'तेरे ही क्यो....मेरे भी तो है...'

वो अपनी चूत को बेपर्दा करके मसल रही थी ..... और साथ ही साथ बाहर की तरफ निकले हुए क्लिट के दाने को भी रगड़कर अपनी तृष्णा शांत करने की कोशिश कर रही थी



लेकिन अजय और पूजा में से किसी का भी ध्यान उसकी तरफ नहीं था, वो दोनों तो बुरी तरह से एक दूसरे को चोदने में लगे हुए थे

अजय भी अपनी पागल सी हुई जा रही साली को इस तरह से चोदकर बावला हुए जा रहा था.....टाइट चूत को चोदने का मौका काफ़ी दिनों बाद मिला था उसे..... और वो इस मौके का भरपूर फायदा उठा रहा था....



आख़िरकार ज़ोर-2 से चिलाते हुए पूजा झड़ गयी ...

''आआआआआआआआहह ओह माय गॉड ................ जीजू ..................... आई एम कमिंग ..................''
अजय भी चिल्लाया : "मैं भी आआआआआआय्य्ाआआआआ... मेरी ज़ाआाआआनन्न....''

पूजा : "अंदर ही निकालो .......................... आज मेरे...................... अंदर ही निकााआआाआल्लो.....''

रिया तो ये सुनते ही चोंक सी गयी....क्योंकि पूजा में आने से पहले उसने या बात उससे डिसकस की थी की कोई प्रोटेक्षन भी लेगी क्या...तो पूजा बोली थी की जीजू इतने समझदार तो है ही...वो बाहर ही निकाल देंगे...या शायद वो कंडोम लगाकर करेंगे....

लेकिन यहाँ ना तो कंडोम लगाने का टाइम था और ना ही अजय ने कुछ समझदारी दिखाई....और उपर से पूजा खुद ये बात बोल रही थी की उसके रस को अंदर ही निकाले....क्या वो प्रेगञेन्ट होना चाहती है....ये बात रिया को परेशान कर रही थी.

पूजा ने भी ऐसा कुछ नही सोचा था....लेकिन इस मौके पर आकर वो एक बार अपने अंदर तक अपने जीजू के प्यार को महसूस करना चाहती थी...इसलिए उसने एक सेकेंड में ही ये सोच लिया की आज जो हो रहा है, होने दो...बाद में टेबलेट ले लेगी...

अजय ने भी एक सांड की तरह हुंकारते हुए अपने लंड का सारा पानी उसकी चूत के अंदर निकाल दिया....


''आआआआआआआआआआअहह मेरी ज़ाआाआआआअन्न् ......ये ले......................''
अजय ने अपनी प्यारी साली के लिए सहेज के रखा हुआ प्रेम रस पूरी तरह से उसकी प्यासी चूत
मे उडेल दिया , अपनी बाल्स को पूरी तरह से खाली कर दिया उसने..
पूजा की चूत ने भी अजय के लंड को किसी वेक्यूम क्लीनर की तरह चूस डाला और पूरी तरह से तृप्त होकर पस्त हो गयी






और फिर गहरी साँसे लेता हुआ उसके मुम्मों पर सिर रखकर लेट गया...उसका लंड अपने आप फिसलकर बाहर निकल आया...और पीछे से निकला दोनो के प्यार का मिला जुला लाल पानी में लिपटा रंगीन जूस...

कुछ देर तक सुसताने के बाद दोनो उठे और बाथरूम में जाकर क्लीन हो गये...रिया ने बेडशीट चेंज कर दी...और उस चादर के रंगीन हिस्से को वाश्बेसन में जाकर साबुन से धो डाला..

रिया ने जो आज देखा था उसे सोचकर उसका पूरा शरीर काँप सा रहा था....वो भी कुछ दिनों में इसी तरह से चुदेगी ...और उसका भी ऐसे ही खून निकलेगा...वो भी मज़े लेगी...वो भी चिल्लाएगी....ये सब सोचते-2 वो मुस्कुरा दी..

तब तक दोनो बाथरूम से बाहर निकल आए...और ऐसे ही नंगे जाकर बेड पर लेट गये.

रिया ने जो देखना था,देख चुकी थी...और अब उसे नींद भी आ रही थी...करीब 2 बज चुके थे...वो दूसरे कमरे में जाकर सो गयी...अजय और पूजा एक दूसरे के साथ छिपककर ऐसे ही सो गये...नंगे.

अगली सुबह एक नयी चुदाई का पेगाम लाने वाली थी...लेकिन चुदाई के साथ -2 एक ट्विस्ट भी अभी आने वाला था....ऐसा ट्विस्ट जिसका इन्होने अंदाज़ा भी नही लगाया था.
   










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