Monday, December 14, 2015

FUN-MAZA-MASTI ठरकी की लाइफ में ..41

FUN-MAZA-MASTI

 ठरकी की लाइफ में ..41



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अब आगे
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अगली सुबह 7 बजे के करीब अजय की नींद जब खुली तो उसे अपने शरीर के साथ लिपटे एक रेशमी एहसास ने रोमांचित सा कर दिया...वो रेशमी एहसास पूजा के मखमली बदन का था..वो जाने कब से उठकर अपने प्यारे जीजू को निहार रही थी...अपनी खिल चुकी जवानी की पहली सुबह का जशन मना रही थी वो...मंद -2 मुस्कुराते हुए वो अजय के मासूम से चेहरे को देखे जा रही थी...और मन ही मन सोच रही थी की उसकी दीदी कितनी लक्की है जो उन्हे ऐसा पति मिला..देखने मे सुंदर..चुदाई में शानदार...काश उसकी शादी हुई होती अजय से...लेकिन अब सोचने से क्या फायदा ...उनकी शादी तो हो ही चुकी थी...और अब उसे इसी तरह छुप-छुपकर मज़े लेने थे...जितना वो ले सकती थी...उतने मज़े..

पूजा ने भले ही ये काम चोरी छुपे किया...और उसे ये भी पता था की ये सब समाज की नज़रों में ग़लत है...लेकिन अपनी वर्जिनिटी अपने जीजू को सौंपकर उसे अंदर से बहुत संतुष्टि मिल रही थी आज...उसकी ना जाने कितनी सहेलिया थी जिन्होने अपना कुँवारापन ऐसे ही गँवा दिया...ना कोई लगाव और ना कोई प्यार...ना ही कोई ख़ास मौका और ख़ास इंसान, बस वासना में डूबकर उन्होने अपने जीवन के उस हसीन पल को ऐसे ही किसी को भी सौंप दिया । वो पल जो हर लड़की की जिंदगी में सिर्फ़ एक ही बार आता है....कल रात पूजा की जिंदगी में भी आया...और जिस अंदाज से आया,वो उसपर जिंदगी भर नाज़ करेगी......

ये सब सोचते-2 वो अजय के और करीब खिसक आई और अपना नंगा शरीर उसके बदन से रगड़ने लगी....भले ही उसका बदन मखमली था लेकिन उसके निप्पल बड़े ही नुकीले थे...जिनकी चुभन से अजय की नींद खुल गयी...

अधखुली आँखो से उसने परी जैसी नंगी साली को जब अपनी बाहों में मुस्कुराते हुए देखा तो एक ही पल मे उसके जहन में पिछली रात की तस्वीरे घूम गयी....और वो भी मुस्कुरा दिया...

पूजा : "गुड मॉर्निंग.....जीजू....मुआआआआअह्ह''

और उसने अपने ताजे गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठ उसके होंठो पर रख दिए...

ऐसी मीठी सुबह अगर रोज हो तो अजय के तो मज़े ही हो जाए...ऐसा उसकी बीबी प्राची शादी के शुरुवाती दिनों में अक्सर किया करती थी...लेकिन जैसे-2 समय बीतता गया ये मॉर्निंग वाला रोमंस ख़त्म सा हो गया...वरना अक्सर ऐसी रसीली चुम्मी कब चुदाई में बदल जाया करती थी उन्हे भी पता नही चलता था...उन दिनों भी रात भर चोदने के बाद दोनो में ना जाने कहाँ से सुबह फिर से चुदाई की पॉवर आ जाया करती थी...

और आज वही एहसास अजय को दोबारा हो रहा था...पूजा ने जैसे ही उसे चूमा,अजय के हाथ अपने आप उसके मुम्मों पर पहुँच गये और उसने उन्हे बुरी तरह से मसल डाला...



''आआआआआआआअहह....... उम्म्म्ममममममममममममम जीजू...................''

इस वक़्त अजय के हाथो की दबिश एक ऐसा एहसास था पूजा के लिए जिसमें उसे दर्द नही बल्कि दर्द को भगाने वाला इलाज दिखाई दे रहा था....इसलिए उसने अजय के हाथो के उपर अपने हाथ रखकर अपनी ही छाती पर दबाव और तेज कर दिया और उसमे से मिल रहे मज़े को महसूस करके वो कसमसाते हुए गुनगुना सी उठी..

''ऊऊऊऊओह मेरे प्यारे जीजू...........................आआआआआआआहह.... निचोड़ डालो इन निगोडी छातियों को....................... उम्म्म्मममममममममममममममम.... येसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... ऐसे ही.............. आआआआआहह .....सकककककक माय निप्पल्स . ....... सक्क करो इन्हे......''

अजय ने उसकी बेचैनी समझी और अपना गरमा गरम मुँह उसके दूधु पर लगा कर ज़ोर से चुप्पा मारा...

''पुउुुुुऊउक्ककककचह ........ उम्म्म्ममममममममममम ....... बहुत मीठे है ये तो....... तुम्हारी दीदी से भी ज़्यादा मीठे......''

ये एक ऐसी तारीफ़ थी जो अजय ने जाने अंजाने में कर डाली... लेकिन उसे सुनकर पूजा की छाती गर्व से फूल कर दुगनी हो गयी..... वो आज अपने आप को किसी भी मामले में अपनी बड़ी बहन से कम नही समझ रही थी..... और अब तो उसके जीजू ने भी ये बात बोल दी थी..... इसलिए उन्हे खुश करना तो बनता ही था...

बस फिर क्या था..... वो तो पागलों की तरह अजय पर टूट पड़ी......उसके चेहरे को चूम-चूमकर गीला कर दिया....अपनी जीभ निकाल कर उसे आइस्क्रीम की तरह उपर से नीचे तक चाट डाला....उसके खड़े हो चुके लंड को ऐसे मुँह मे लेकर चूसा जैसे मटन की नाल में से माल निकाल रही हो....और उसकी बाल्स को भी गुलाब जामुन की तरह चूस कर उसके रस को पी गयी.....और ऐसा करते हुए वो बुदबुदाए जा रही थी..


''आआअहह जीजू......मेरे प्यारे जीजू....... आई लव यूssssss ..... जीजू.................पुक्क्कककककचह .... अहह ........ मैं हमेशा ऐसे ही प्यार करूँगी आपको ....... अहहsssssss ... पूरी जिंदगी ..... आपकी बनकर रहूंगी ...... जब चाहो .... जहाँ चाहो .....मुझे चोद देना ........ आई एम यूअर स्लॅट ..... जीजू .... आई एम यूअर स्लॅट. ........पूरी उम्र के लिए मैं अब आपकी हूँ जीजू ..... मेरी शादी के बाद भी ...... मेरे पति से पहले .....आपका हक़ होगा मुझपर ....... अहहssssssss .... मेरे जीजू ............पुक्क्कककककचह ssssssssss ......''

अजय तो उसकी बाते सुनकर मुस्कुराए जा रहा था....वो समझ चुका था की उसके उपर इस वक़्त प्यार और वासना का मिला-जुला भूत चड़ा हुआ है.....उसने भी पूजा की किसी भी बात के लिए उसे टोका नही....बस उसका साथ देता हुआ उसके चुंबन का जवाब अपने चुंबन से देता रहा..

अजय का लंड पूरी तरह से अकड़कर खड़ा हो चुका था....उसने एक ही झटके में पूजा को अपने उपर खींचा और उसकी चूत पर अपने लंड को लगा दिया...

पूजा की साँसे धौंकनी की तरह चल रही थी...अपने जीजू के उपर चढ़ी हुई वो उसकी आँखो में देखकर अपने आप को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी....उसकी छातिया पके हुए आम की तरह उसके बदन से लटकी हुई थी और उसके निप्पल अजय की छाती पर चुभ रहे थे...

अजय ने उसकी आँखो में देखते हुए उसके फेले हुए कूल्हे अपने दोनो हाथो में दबोचे और उन्हे मसलते हुए धीरे-2 अपना लंड उसकी गुफा में सरकाना शुरू कर दिया..


 पूजा का मुँह गोल होता चला गया...और उसमे से मज़े में डूबी किलकारियाँ निकलने लगी...

''ऊऊऊऊऊऊऊओ ............ उूुुुउउम्म्म्मममममममम आआआआआआआहह ....जीजू ......''

और फिर धीरे-2 करते हुए उसने अपना पूरा का पूरा लौड़ा उसके अंदर उतार दिया....पूजा तो भर सी गयी अपने जीजू के इस प्यार से....और सबसे बड़ी बात इस बार उनके लंड को लेने में उसे ज़रा भी दर्द नही हुआ...बल्कि एक अजीब सी खुमारी का एहसास हुआ .... जैसे-2 वो लंड अंदर खिसकता जा रहा था....पूजा को ये एहसास हुआ की उसकी चूत की अंदरुनी दीवारो पर हो रही खुजली मिटती जा रही है....और उस खुजली को पूरी तरह से मिटाने के लिए वो खुद ही अजय के लंड के उपर कूदकर उसे अपनी दीवारों पर घिसने लगी....अजय के लंड की मोटी नसें उसे अंदर से बुरी तरह से कुरेद रही थी...और एक मीठा सा एहसास दे रही थी....ये एक ऐसा एहसास था जिसकी तुलना वो किसी से भी नही कर सकती थी...बस उसे महसूस करके वो बुरी तरह से चिल्लाती हुई चुद्ती चली गयी ......

''आआआआआआआआआआहह..... जीजू...................फकककककक मिईीईईईईईईईईईईईई....... येसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... ऐसे हीईीईईईईईई.......... अहहsssssssss ...''


 करीब 5 मिनट तक पूजा को अपने उपर नचाने के बाद अजय ने उसे नीचे उतार दिया....और दीवार के सहारे खड़े होने के लिए कहा....

ये एक ऐसा पोज़ था जो अजय को हमेशा से पसंद था...वो अक्सर प्राची को भी दीवार के सहारे खड़ा करके उसे पीछे की तरफ गांड निकालने को कहता और झुकी हुई प्राची की चूत में वो पीछे से लंड डालकर उसे बुरी तरह से चोदता ...ये एक ऐसा पोज़ था जिसमें उसका लंड पूरा का पूरा उसके अंदर तक पहुँचता....और पीछे से धक्के मारने की वजह से उसकी हिलती हुई गांड की थिरकन भी उसे बहुत पसंद आती थी.... आज वो पूजा के साथ भी कुछ ऐसा करना चाहता था...

जैसे ही वो उसे झुकाकर उसकी चूत में लंड डालने लगा, पूजा बोल पड़ी : "जीजू.....ये वाला पोज़ शावर के नीचे ट्राइ करे....वहां ज़्यादा मज़ा आएगा....''

उसकी बात सुनकर अजय भी मुस्कुरा दिया....और उसकी कमर को पकड़कर वो बाथरूम की तरफ चल दिया...

दोनो एकदम नंगे थे...

जाते हुए उसने दूसरे रूम में झाँका, जहाँ रिया अभी तक घोड़े बेचकर सो रही थी....वो दोनो मुस्कुराते हुए बाथरूम के अंदर घुस गये और शावर ऑन कर दिया..


अजय ने पूजा को पकड़ा और शावर के नीचे खड़ा होकर उसे बुरी तरह से चूमने लगा....दोनो के शरीर पर गर्म पानी की बौछारें पड़ रही थी और उसका आनंद लेते हुए दोनो अपने शरीर को एक दूसरे से मसल रहे थे...

अजय ने उसे दीवार की तरफ मुँह करके खड़ा किया और अपने लंड को उसकी चूत पर टीका दिया...पूजा के कुल्हों पर शावर की बूंदे पड़ रही थी और चूत में अपने जीजू के लंड की दस्तक....इसी एहसास को लेने के लिए वो यहाँ आई थी.....अब तो बस उसे इंतजार था अजय के लंड का...जो कभी भी उसके अंदर दाखिल हो सकता था...

अजय ने एक ही झटके में अपना हथियार उसकी गर्म गुफा के अंदर घुसा दिया , पानी से भीगे लंड ने जब उसकी शहद में भीगी चूत के अंदर कदम रखा तो दोनों के शरीर झनझना उठे 


अभी 4 -5 झटके ही लगे थे की तभी बाहर की बेल बजी.....और एक ही पल के अंदर दोनो की धड़कने बड़ गयी... अजय ने तुरंत शावर बंद कर दिया...पूजा ने एक टावल लेकर अपने शरीर को लपेट लिया....और चिंता भरे स्वर मे बोली : "इतनी सुबह-2 कौन आ गया....कहीं....दीदी तो नही...''  

 
 



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