FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
रस की फुहार
हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को पहली बार फन मजा मस्ती पर अपने
जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा रहा हूँ वैसे मुझे सेक्सी
कहानियाँ पढ़ना
और सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है दोस्तों मेरा नाम सचिन है। मेरी उम्र 24
साल है और मेरी
शादी अभी एक साल पहले बरखा नाम की एक सीधी-साधी लड़की से हुई और
हमारी शादी हमारे
घरवालों की मर्जी से हुई थी इसलिए में और बरखा एक दूसरे से ज्यादा अच्छी
तरह से परीचित नहीं थे और क्योंकि मुझे शादी के तुरंत बाद अपनी नौकरी के
लिए बैंगलोर जाना था इसलिए हमारी सुहागरात थोड़ी देर से मनी और शादी के करीब
15 दिन
बाद मैंने बरखा को बैंगलोर अपने पास बुलवा लिया और जब में उसे बैंगलोर
एरपोर्ट पर लेने पहुंचा तो में उसे देखता ही रह गया। वो काली कलर की
साड़ी में बहुत ही खूबसूरत दिखाई दे रही थी।
फिर हम दोनों कार में बैठकर
मेरे घर की तरफ चल दिए और मेरी नज़र पूरे रास्ते में बार बार उसी पर जा
रही थी और फिर घर पर आने के बाद वो थोड़ा सा आराम करके सीधा बाथरूम में नहाने
चली गई, क्योंकि
वो बहुत लंबे सफर से आई थी, जिसकी
वजह से वो बहुत थक गई
थी। फिर जब वो कुछ देर तक अंदर ही रही और नहाकर बाहर आने वाली थी तब मैंने
खाने का ऑर्डर एक पास के रेस्टोरेंट में दे दिया और फिर वो नहाकर बाथरूम
से बाहर एक हल्के पीले कलर के सिंपल से सूट में मेरे सामने आई तो वो उस
सूट में बहुत सी सुंदर लग रही थी और उसका पूरा बदन पानी की छोटी छोटी बूंदों
से भरा हुआ था। उसके काले घने बालों से पानी की बूंदे टपक रही थी जो उसके
सुंदर दिखने वाले जिस्म को और भी सुंदर बना रहा था। फिर हमने एक साथ बैठकर
खाना खाया और खाना खाते हुए हमारी बातें शुरू हुई। दोस्तों उसकी आवाज़
में एक अजीब सी कशिश थी, जिसका
में अब पूरी तरह से कायल हो चुका था
और खाना खाने के बाद वो थोड़ी देर के लिए सो गयी और में अपने
ऑफिस के कामों में
लग गया। दोस्तों मैंने अपने ऑफिस से तीन दिन की छुट्टियाँ ले रखी थी, लेकिन फिर भी में अपना बचा हुआ थोड़ा सा
ऑफिस का काम वहीं पर करने लगा।
फिर वो शाम को 5 बजे उठी और मेरे पास आकर बैठ गयी। फिर
मैंने उसकी तरफ देखा और अपना
काम बंद कर दिया और फिर उससे उसकी पिछली जिन्दगी के बारे में पूछने लगा
और वो मुझे बताती गई। दोस्तों वो मुझे बहुत ही दिल खुश लड़की लगी। फिर हम
दोनों थोड़ी देर टहलने के लिए बाहर निकल पड़े और रात 8 बजे घर पर वापस आ गए। घर पर आने के बाद उसने मेरे और अपने
लिए खाना बनाया और हम दोनों ने एक
साथ में बैठकर खाना खाया। लेकिन दोस्तों वो कुछ ज़्यादा अच्छा
खाना बनाना नहीं
जानती थी तो जो भी था अच्छा था। खाना खाने के बाद हम अपने बेडरूम में चले
गये। बरखा अभी भी उसी पीले कलर के सूट में थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी
और हम दोनों एक बेड पर बैठे हुए थे,
लेकिन दोनों बिल्कुल चुप थे। फिर मैंने धीरे से उसका हाथ अपने हाथ में
लिया तो वो थोड़ा सा शरमा गई और फिर
मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और अब हम दोनों बिल्कुल चिपककर बैठे
थे। फिर मैंने
उसके गालो पर हल्का सा चुंबन लिया। वो हल्का सा मुस्कुराई और शरमाई भी
और अब मैंने अपनी बाहें खोलकर उसे अपने सीने से लगा लिया। वो भी मेरे प्यार
के नशे में मदहोश सी होकर मेरे सीने से सर लगाकर मेरी बाहों में सिमट सी
गई और हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही बैठे रहे। फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस
करना शुरू किया, इसकी
वजह से उसकी साँसे अब धीरे धीरे गरम होने लगी और अब उसकी साँसो की गरमी मुझे अपने चेहरे
पर महसूस होने लगी थी। मैंने उसके
चेहरे को अपने हाथों में पकड़ा और धीरे से अपने होंठो को उसके
होंठो पर रख दिया।
दोस्तों वो क्या ग़ज़ब का अहसास था?
में आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता। फिर उसने भी अब मेरा साथ देते
हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू कर
दिया और अब उसके हाथ मेरे बालों को सहला रहे थे और मेरे हाथ उसकी
पीठ को।
अब मैंने अपनी जीभ को उसके होंठो के बीच
में डाल दिया और कुछ देर के बाद उसने
अपनी जीभ को पूरी तरह से मेरे होंठो को समर्पित कर दिया और एक
दूसरे के जिस्म
से लिपटे हुए हम दोनों फ्रेंच किस का आनंद ले रहे थे और बहुत देर तक हम
एक दूसरे को किस करते रहे। फिर मैंने उसके सूट की डोरियों को खोलना शुरू कर
दिया और उसकी गर्दन और कंधो को धीरे धीरे चूमते हुए उसका सूट उतार दिया।
वो अब मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा में खड़ी हुई थी। फिर उसने भी अब धीरे धीरे
मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और मेरे सीने को चूमने लगी और मेरे
हाथ भी उसकी छाती पर चलने लगे थे। फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसके
ऊपर लेट गया और में अपने दोनों हाथों से उसके नरम नरम, लेकिन बड़े बड़े बूब्स को दबा और सहला रहा था और वो अपनी
मस्ती में बिल्कुल चूर होकर बहुत
ही सेक्सी आहें भर रही थी। अब उसने मेरी शर्ट को भी उतार दिया
था और उसके नरम
मुलायम हाथ मेरी पीठ पर मुझे एक अलग सा अहसास दे रहे थे और अब हम दोनों अपने
अपने जोश की चरम सीमा पर थे। फिर मैंने उसके स्तनो को चूमना शुरू किया
और उसकी ब्रा को कंधो से सरकाकर बिल्कुल नीचे कर दी और अब उसके दोनों स्तन
बिल्कुल नंगे हो चुके थे, मेरी
इस हरक़त से वो हल्का सा शरमा गयी।
दोस्तों ये कहानी आप फन
मजा मस्ती पर पड़ रहे है।
फिर मैंने अपने होंठ उसके बूब्स पर चलाने शुरू कर दिए।
मेरे ऐसा करने से बरखा अब धीरे धीरे
और भी बहुत गरम होने लगी और ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी
अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आईईईईईईई
प्लीज थोड़ा जल्दी करो उफ्फ्फ्फफ्फफ्फफ्। अब में उसके निप्पल को चूस
रहा था और हल्के से बीच बीच में काट भी देता फिर मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स
को चूमते हुए उसके पेट को चूमना शुरू कर दिया और उसकी नाभी तक पहुँच गया
और जैसे ही मैंने उसकी नाभी पर अपने होंठ रखे तो उसके मुहं से एक मीठी सी
सिसकी निकली और फिर मैंने तभी उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। लेकिन मेरे ऐसा
करते ही उसने अपने दोनों हाथ अपनी योनि पर रख लिए और वो हल्की हल्की सी आहें
लेने लगी। फिर मैंने धीरे से उसके हाथों को योनि पर से हटाया और उसकी पेंटी
के ऊपर से ही उसकी योनि पर एक हल्का सा चुंबन लिया और अब उसकी योनि से
बहते हुए पानी की वो खुशबू मुझे धीरे धीरे मदहोश कर रही थी और मैंने धीरे
से उसकी सलवार को उसके जिस्म से अलग कर दिया। फिर वो अब सिर्फ़ पेंटी में
थी और अपनी दोनों आँखें बंद किए हुए मेरे सामने लेटी हुई थी। में उसके ऊपर
से उठा और मैंने अपनी पेंट को उतार दिया। वो और में अब सिर्फ़ अंडरवियर में
थे। उसकी साँसें बहुत तेज तेज चल रही थी तो में उसके पास में लेट गया और
उसके कान में धीरे से बहुत प्यार से पूछा कि क्या तुम तैयार हो? और फिर उसने धीरे से मुस्कुराते हुए अपनी दोनों
आँखें खोली और मुझे अपनी बाहों में
भरते हुए अपनी हाँ में अपना सर हिला दिया। फिर मैंने अब धीरे
से उसकी पेंटी
और अपनी अंडरवियर को उतार दिया और अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और बरखा
ने मुझे कसकर अपनी बाहों में भर लिया था। हमारे एकदम नंगे जिस्म एक दूसरे
से ऐसे लिपटे हुए थे जैसे कि दो सांप आपस में लिपट जाते है। फिर इसके बाद
मैंने उसकी योनि पर एक किस किया और फिर बहुत देर तक लगातार करता रहा और
अब उसके हाथ भी मेरे लिंग को ढूँडने लगे थे और जैसे ही उसके हाथ ने मेरे लिंग
को छुआ तो उसने तेज़ी से अपना हाथ वापस पीछे की तरफ हटा लिया, लेकिन फिर से धीरे से आगे की तरफ हाथ बढ़ाकर
वापस उसे पकड़ लिया। उसके पकड़ने से
मेरा लिंग और कड़क हो गया और मेरे सारे जिस्म में एक अजीब सी
सिहरन सी दौड़ पड़ी।
फिर उसने थोड़ी देर तक मेरे लिंग को सहलाया और जब मुझे लगा कि वो संभोग
करने के लिए बिल्कुल तैयार हो चुकी है तब मैंने अपना लिंग उसकी योनि के
कोमल कोमल पंखुड़ियों जैसे होंठो के पास रख दिया। फिर मैंने जैसे ही लिंग
को अंदर घुसाने के लिए हल्का सा ज़ोर लगाया तो लिंग वहां से फिसल गया, क्योंकि हम दोनों का यह पहली बार था और
जब फिर से मेरे साथ ऐसा ही हुआ तो
उसने खुद अपने एक हाथ से मेरे लिंग को अपनी योनि के मुहं पर
पकड़कर रख लिया और
मैंने जैसे ही ज़ोर लगाया। उसकी योनि हल्की सी खुली और मेरा लिंग थोड़ा सा
अंदर चला गया। लेकिन जैसे ही लिंग,
योनि के अंदर गया तो हम दोनों के मुख से हल्की सी दर्द भरी आह निकली।
क्योंकि अभी तक लिंग ज़्यादा अंदर नहीं
गया था इसलिए मैंने जल्दी ही दूसरा झटका लगाया जो थोड़ा तेज था
और इस बार लिंग
आधे से ज़्यादा अंदर चला गया।
तो मेरे झटका मारते ही बरखा की आँखों
में पानी आ गया और वो दर्द से करहा उठी अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह वो ज़ोर ज़ोर
से सिसकियाँ आईईईईईई लेने लगी थी। वो मुझसे थोड़ा धीरे धीरे धक्के देने की
गुहार करने लगी, क्योंकि
इस बार उसकी झिल्ली फट चुकी थी इसलिए वो एकदम से अपने दर्द से तड़प उठी थी। उसने मुझे
बहुत ज़ोर से पकड़ा हुआ था जिसकी वजह
से उसके नाख़ून मेरे शरीर पर अपने निशान बनाने लगे थे। फिर मुझे
अब अपने लिंग
पर उसकी योनि की झिल्ली फटने की वजह से गरम खून का अनुभव होने लगा था और
में अब एकदम से रुक गया और उसकी आँखों को चूमते हुए उसके आँसू को साफ किया
और इसके बाद मैंने उसके होंठो को चूमा और फिर थोड़ी देर बाद जब वो ठीक हुई
तो उसने अपने हाथ मेरी कमर पर लपेटते हुए मुझे आगे बढ़ने की अनुमति दी। फिर
मैंने अपनी कमर को चलाना शुरू कर दिया और मेरा लिंग धीरे धीरे उसकी योनि
में अंदर बाहर होने लगा था और मेरे कुछ झटको के बाद ही वो भी मदहोश सी होने
लगी, उसका
दर्द अब धीरे धीरे जा चुका था और वो अब कमसिन आवाज़ें निकाल रही थी। उसने अपने दोनों पैरों को
मेरे ऊपर लपेट लिया था और हल्के
हल्के से खुद भी नीचे से उठने लगी थी। फिर करीब 5 मिनट बाद उसकी आवाज़ें तेज
होने लगी और उसका जिस्म अकड़ने लगा।
तभी उसकी योनि ने अपने रस की फुहार
से मेरे लिंग को भिगो दिया और उसके ऐसा करने के कुछ सेकण्ड बाद मेरे बदन
में भी तेज उफान सा आया और लिंग बहुत कड़क हो गया। मेरी कमर तेज़ी से चलने
लगी और मेरे लिंग ने अपना काम कर दिया और अब हम दोनों एकदम संतुष्ट हो चुके
थे और इसके बाद में उसके जिस्म को चूमते चूमते कब सो गया मुझे पता ही नहीं
चला और सुबह 8 बजे
जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि बरखा वहां पर नहीं थी और में अभी भी नग्न अवस्था में
ही था। फिर मैंने उठकर अपने कपड़े
पहने तभी बरखा टावल लपेटे हुए बाथरूम से बाहर निकली, पानी की बूँदें उसके चेहरे
पर हीरो के समान चमक रही थी। फिर वो मुझे देखकर मुस्कुराई में उसके पास
गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया इस बार उसने मुझे किस किया और फिर सीधा
किचन में नाश्ता बनाने चली गयी। फिर हम दोनों ने एक साथ बैठकर नाश्ता किया
और फिर हम दोनों बाहर घूमने निकल पड़े। उस दिन हम पूरा दिन घूमे फिल्म देखी
और शाम के वक़्त केंडल डिनर किया। तो दोस्तों यह थी मेरी कहानी। में और
बरखा एक दूसरे से बहुत खुश है। हमारी शादीशुदा जिन्दगी में अब बहुत प्यार
आ गया है जो हमें कभी भी एक दूसरे से जुदा नहीं होने देता और अब हम एक
दूसरे की एक कमी सी बन चुके है। हम एक दूसरे को बहुत प्यार करते है। में उसको
बहुत प्यार से उसकी मर्जी से चोदता हूँ,
जिसकी वजह से वो मुझसे बहुत संतुष्ट है ।।
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