FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
भाभी ने दबंग 2 फिल्म
देखी
हैल्लो दोस्तों, मेरा
नाम अक्षत है और में भी आप ही की तरह फन-मजा-मस्ती पर लगातार
सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ और ऐसा
पिछले आठ सालों से करता आ रहा हूँ और
मैंने अब तक इसकी बहुत सारी कहानियाँ
पढ़ी है,
लेकिन आज में आप सभी को अपनी खुद की एक
सच्ची कहानी सुनाने जा रहा
हूँ और वैसे तो मेरे बहुत से सेक्स
अनुभव रहे है, लेकिन अभी वो बताने जा
रहा हूँ,
जो मेरा अब तक का सबसे अच्छा और हॉट
सेक्स अनुभव रहा। दोस्तों में
दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 24 साल, गोरा
रंग और में लम्बाई 5.7 का एक पंजाबी लड़का हूँ और वैसे तो मुझे देखकर मुझ पर बहुत सी
लड़कियाँ लाईन मारती है,
लेकिन मेरी कमजोरी समझदार लड़कियाँ या
फिर भारी साईज़ की औरतें है और मेरी इच्छा हमेशा से ही किसी बड़ी उम्र की भाभी के
साथ सेक्स करने की थी और मेरी यह इच्छा पिछले महीने पूरे हुई जब मैंने
रूपाली भाभी से मिलकर उन्हें चोदा।
दोस्तों रूपाली भाभी मेरी एक पड़ोसन है
और मेरे सामने वाले घर में किराए से रहती है और रूपाली भाभी के पास हर
वो चीज़ है, जो एक लड़का एक लड़की से माँगता है या उससे पाने की उम्मीद करता
है और उनके साथ सेक्स करने के लिए उनके वो बड़े साईज़ के बूब्स, बड़ी
सी मटकती हुई गांड हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती थी और वो हमेशा से ही प्यारे
छोटे से एकदम टाईट सूट पहने हुए नज़र आती थी और उनका चेहरा जिससे तो वो
और भी मस्त लगती थी। दोस्तों रूपाली भाभी जब से हमारे वहां पर रहने आई थी, तब
से ही में उनकी नज़रे देखता था,
क्योंकि मुझे उन पर शक था कि वो हर एक
लड़के को अपनी भूखी नज़रो से देखती थी और अब में उनके इस देखने के तरीके
से समझ गया था कि वो क्या चाहती है?
अब धीरे धीरे रूपाली भाभी से हमारे
घरवालों की भी बहुत ज्यादा बातचीत होने लगी थी और अब उनसे हमारी बात बहुत
अच्छी बन गई और वो हम लोगों से घुल मिलकर रहने लगी थी।
दोस्तों मेरा बेडरूम हमारे घर की पहली मंजिल पर है और वो बालकनी के एक साईड में है, जिसकी
वजह से मेरे रूम से रूपाली भाभी का रूम मुझे हमेशा साफ साफ दिखाई देता है, क्योंकि
वो मेरे ठीक सामने वाले मकान में पहली मंजिल पर किराए से रहती है
तो हमारे बीच में अक्सर बालकनी में ही स्माईल पास हो जाती थी और फिर धीरे
धीरे थोड़े समय के बाद हमारे बीच अब हाय हैल्लो भी होने लगी थी। एक दिन शाम को
में पास के ही एक पार्क में घूम रहा था कि तभी मैंने देखा कि भाभी भी वहां
पर घूमने आ गई और वो मुझे देखकर मेरी तरफ थोड़ा मुस्कुराकर वो भी अब टहलने
लगी थी। उस पार्क में दो हिस्से है,
एक जो कि बहुत बड़ा है और दूसरा उससे
थोड़ा छोटा हिस्सा है, लेकिन उसमें बहुत ही कम लोग होते है, क्योंकि
वहां पर लाईट बहुत ही कम होती है। में हमेशा ज्यादातर समय उस पार्क के छोटे वाले
हिस्से में ही रहता था ताकि वहां से में सबको देख सकूँ कि कौन से लड़के
क्या कर रहे है? और मुझे वो कोई देख ना सके कि में उन पर नजर रख रहा हूँ। फिर
मैंने उस दिन कुछ देर टहलने तक भाभी को चेक किया कि वो लड़को को थोड़ा दूर
से ऊपर से नीचे तक देख रही थी और पास आते ही वो तुरंत अपनी आंखे नीचे कर
लेती।
में उस दिन समझ गया कि वो सब क्या चाहती है? और
अब में बिना डरे उन्हे अपना रंग
दिखाने वहां पर चला गया। में अब बड़े
हिस्से में आ गया और भाभी के पास
पहुंचते ही उनसे पहले मैंने उनकी तरफ
मुस्कुरा दिया। फिर वो भी चलते चलते
मेरी तरफ मुस्कुराने लगी और फिर हम एक
दूसरे के बिल्कुल पास से निकल गए।
फिर दूसरे चक्कर में तो हम एक दूसरे के
सामने आ गए। फिर मैंने उनकी तरफ
मुस्कुराने के साथ साथ उनसे हैल्लो किया
और फिर उन्होंने भी अपना सर हिलाते
हुए मुझसे हैल्लो कहा और अब तीसरे चक्कर
में मैंने उनसे अपनी स्पीड को
थोड़ा धीरे करते हुए चलते चलते उनसे पूछा
कि कैसे हो आप? अब उन्होंने भी
अपनी स्पीड को थोड़ा धीरे करते हुए कहा
कि में बिल्कुल ठीक हूँ और आप कैसे
है?
और चोथे चक्कर में मैंने उन्हे
मुस्कुराते हुए जवाब दे दिया कि आपको
देखने के बाद में थोड़ा ठीक नहीं रहता।
फिर पांचवे चक्कर में उन्होंने मुझे एक प्यार भरी स्माईल देकर मुझसे धन्यवाद बोला और अब आखरी
चक्कर में मैंने उन्हे कहा कि चलो अब हम उस छोटे वाले हिस्से में टहलते
है और में उनसे यह बात कहकर दूसरे हिस्से छोटे वाले हिस्से में चला गया, लेकिन
मुझे छोटे हिस्से में देखकर भाभी वहां पर नहीं आई। में उन्हे देख
रहा था और वो अब भी मुझे देखकर अपनी आंखे नीचे करके बड़े हिस्से में ही टहल
रही थी। दोस्तों उस समय में अपने आपको मन ही मन बहुत गालियाँ दे रहा था
कि साले भाभी है कोई लड़का नहीं,
जो इतनी जल्दी छोटे हिस्से में बुलाकर
तूने अपने कदम बड़ा लिए, वहां पर अच्छी ख़ासी हंसकर मुस्कुराकर
बात हो रही थी, थोड़ा धीरे धीरे आगे बढ़ता और अब सब खत्म करके
यहीं पर अकेले रहे। तभी इतने में ही
मैंने देखा कि भाभी दूसरी साईड से छोटे
वाले हिस्से में आ गई। फिर मैंने
सोचा कि शायद भाभी ने मेरे मन की बात को
सुन लिया है, इसलिए वो यहाँ पर आई
है और तब जाकर मेरी जान में जान आई और
जैसे ही भाभी मेरे पास आई तो मैंने
थोड़ा डरते डरते उनसे एक बार फिर से बात
शुरू करने की सोची और पूछा आपने आने
में इतनी देर क्यों लगा दी? वो
इतनी बात सुनकर आगे बढ़ने लगी और अब भाभी ने
मेरे पास
में आते हुए मुझे जवाब दिया। अगर हम दोनों एक साथ इस हिस्से में आ जाते तो लोगों को हम पर शक हो जाता,
इसलिए
में थोड़ा लेट आई हूँ। दोस्तों
तब मुझे समझ में आया कि भाभी इस मामले
में बहुत समझदार भी है और ऐसे ही
चक्कर लगाते लगाते हमारी बहुत सारी
बातें हुई और मेरा उनसे बहुत हंसी मजाक
भी हुआ। फिर कुछ दिन तक ऐसे ही बात करते
करते मैंने उनसे अपना मोबाईल नंबर
ले लिया और अपना नंबर उन्हें दे दिया और
अब हमारी मैसेज से चेटिंग भी होने
लगी और फिर हम दोनों बहुत जल्दी एक बहुत
अच्छे दोस्त भी बन गये थे और अब हम
एक दूसरे को गंदे मैसेज भी करने लगे।
दोस्तों भाभी मेरे गंदे मैसेज पर
बहुत खुश होकर जवाब करती थी और फिर
हमारी बहुत बार खुलकर बात भी होने लगी।
अब मैंने बहुत रात होने पर कहा कि क्यों
कल रात मज़े किये? भाभी भी जवाब दे
देती थी और सब इस तरह चलता रहा। फिर कुछ
दिन बाद भाभी ने मुझे छोटा सा एक
काम बोला कि उनकी बेटी का कल टेस्ट है
और वो उसके लिए पेन्सिल लाना भूल गई
है तो क्या तुम ला दोगे? क्योंकि
उनके पति रात को उन्हे बाहर नहीं जाने
देते थे और उनकी बेटी पांच साल की थी तो
इसलिए वो भी नहीं जा सकती थी। फिर
मैंने एक पेन्सिल का बॉक्स लाकर अपनी
बालकनी से उनकी बालकनी में फेंक दिया
और फिर उन्होंने उठाकर मुझसे धन्यवाद
बोला, इस तरह कोई भी छोटे मोटे काम जब भी
होते तो भाभी मुझसे बोल देती और में भविष्य में उनसे वसूल करने की बात सोचकर खुश हो जाता था।
फिर भाभी ने एक दिन मुझसे कहा कि तुम
मेरी बहुत मदद किया करते हो,
लेकिन कभी भी मुझसे पैसे नहीं लेते हो, मुझे
यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। फिर मैंने तुरंत शरारती हंसी
हंसते हुए उनसे कहा कि में आपसे पैसे नहीं कुछ और चाहता हूँ और फिर उन्होंने
हैरान होते हुए मुझसे पूछा कि तुम मुझसे ऐसा क्या चाहते हो? फिर
मैंने नाटक करते हुए कहा कि आप मुझे देने से साफ मना कर दोगे
( दोस्तों में उन्हें उलझाने के
लिए गोल मोल बातें कर रहा था) और फिर
भाभी भी मेरा कहने का मतलब समझ रही थी
कि मेरा इशारा किस तरफ है? अब
भी भाभी मुझसे जानबूझकर पूछ रही थी कि बताओ
ना क्या चाहते हो तुम? और
आखिरकार मैंने उन्हे कहा कि आप बालकनी में रूम में
आ जाओ और में भी वहां पर आ जाता हूँ। हम दोनों वहां रूम में आ गए और फिर मैंने उन्हे कॉल किया तो वो बोली कि हाँ अब बताओ तुमने
मुझे यहाँ पर क्यों बुलाया और तुम मुझे क्या चाहते हो? फिर
मैंने कहा कि बस में आपसे यही
चाहता हूँ, अब
वो बोली कि क्या? में तुम्हारा कहने का मतलब बिल्कुल भी नहीं
समझी? फिर मैंने कहा कि बस आप इस तरह मेरे सामने आ जाना, जब
भी में चाहू तो भाभी ने मुझे एक सेक्सी सी स्माईल देकर कहा कि तुम जब
भी चाहो मुझे बुला लेना, में चली आउंगी। दोस्तों ये कहानी आप फन-मजा-मस्ती
पर पड़ रहे है।
फिर एक दिन भाभी ने दबंग 2 फिल्म
देखी और अब उन्होंने मुझसे कहा
कि मुझे सलमान की बॉडी बहुत अच्छी लगती
है। फिर मैंने उनसे कहा कि मुझे भी
सल्लू मियाँ बोलते है तो उन्होंने कहा
कि ऐसा क्यों लेकिन तुम्हारी बॉडी
तो वैसे नहीं है? मैंने
कहा कि आपने कभी देखी नहीं इसलिए आप मुझसे ऐसा कह रहे
हो। तभी भाभी बोली कि आओ चलो अभी दिखाओ। फिर में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चकित रह गया कि आज भाभी मुझसे यह क्या कह रही है? फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम अपने रूम में आ जाओ। जब में पहली
मंजिल पर अपने रूम में गया तो मैंने देखा कि सामने वाली मंजिल पर ही भाभी भी
अपने रूम में आ गई और फिर वो मुझसे कहती है कि तुम अब अपना रूम बंद करो तो
मैंने रूम बंद किया और उधर भाभी ने भी (भाभी और मेरा रूम आमने सामने है
तो हमारे रूम में बस हम दोनों ही देख सकते है,
आस पास वाले घर नहीं और बालकनी के
दरवाजे भी हमने थोड़े से बंद ही रखे थे कि बस हम एक दूसरे को ही देख
सके) अब भाभी बोली कि दिखाओ मुझे अपनी बॉडी,
मैंने शरमाते हुए अपनी शर्ट को उतार
दिया और उन्हे अपनी छाती दिखाने लगा। वो फोन पर यह सब देखते करते हुये
हंस रही थी और फिर मैंने उनसे कहा कि क्यों अब आप भी मुझे अपना शरीर दिखाओ
ना? फिर उन्होंने भी तुरंत अपने हाथ फ्री करके
मुझे अपने डोले दिखाए और अब हम हंसने
लग गये,
लेकिन तभी उन्हे हंसता हुआ देखकर पता
नहीं मुझे क्या हुआ? और मैंने उन्हे बोल दिया कि भाभी आप मुझे
बहुत सुंदर लगते हो और मेरी आवाज़
सुनकर भाभी भी मुझे देखती रह गई और में
भी।
फिर वो वहां से चली गई और शाम
को जब वो मुझे बालकनी में दिखी, लेकिन
वो जल्दबाजी के साथ मुझे स्माईल देकर
अंदर चली गई और उसी रात को भाभी का करीब
दस बजे मेरे पास एक मैसेज आया और
में उसे देखकर एकदम चकित रह गया और में
मन ही मन सोचने लगा कि आज इतनी रात
को उनका मेरे पास मैसेज कैसे आ गया?
फिर भाभी ने मुझे बताया कि उनके पति इस समय ऑफिस की एक पार्टी में गये हुए है और वो रात को देर
से आएँगे और अब उनकी बेटी सो गई है। फिर मैंने उस टाईम भाभी को बालकनी वाले
रूम में बुलाया और उन्होंने पूछा क्या हुआ? लेकिन
मेरे बुलाने पर वो आ गई और फिर
जैसे ही वो आई तो मैंने अपनी टी-शर्ट को
उतार दिया। भाभी मेरी तरफ देख रही
थी और मेरी टी-शर्ट के नीचे कुछ नहीं था
और फिर मैंने अपना लोवर नीचे उतारा
और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और
भाभी मुझे लगातार देखती रही थी और
फिर कुछ देर बाद वो उठकर वहां से जाने
लगी, लेकिन जाते जाते वो मेरी तरफ मुड़कर
जरुर देख रही थी। मैंने उन्हे फोन पर पूछा कि क्या हुआ? आप
इस तरह उठकर क्यों जा रही हो?
वो बोली कि नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही।
फिर मैंने उन्हे याद दिलाया कि मैंने उनसे कुछ माँगा था कि जब में आपसे
कहूँ आप मेरे सामने आओगी और आपने भी उसके लिए मुझसे हाँ कहा था।
अब मेरे मुहं से यह
बात सुनकर भाभी को मैंने वापस बुलाया और में उनके सामने अंडरवियर में खड़ा हुआ उन्हे देखता रहा और भाभी भी देखती रही और अब उनके बड़े
बड़े बूब्स देखकर मेरा लंड थोड़ा थोड़ा बड़ा होने लगा और में उस पर हाथ
लगाकर अंडरवियर को घिसने लगा। भाभी यह सब देखकर अपनी आखें बंद करके वहीं पर
खड़ी रही और धीरे से देखती रही और फिर आंख बंद कर लेती। वो अब हॉट हो रही
थी और फिर उन्होंने मुझे फोन पर कहा कि बस करो, मुझे
हॉट मत करो। फिर मैंने कहा कि
क्या हुआ,
होता है तो होने दो, गरम
होने से तो आपकी रात और भी अच्छी कटेगी
तो वो मेरी यह बात सुनकर हंस पड़ी और
बोली कि मेरी रात तो मेरे पति के साथ
कट जाएगी,
लेकिन तुम्हारे क्या होगा? तुम
यह बात भी तो सोचो। अब मैंने भी
तुरंत हंसते हुए उनसे कहा कि मेरी रात
आपको अपने साथ लेते हुए सोचते करते
हुई गुज़र जाएगी और फिर मेरे मुहं से यह
सुनकर भाभी की आखें फटी की फटी रह
गई,
क्योंकि में उनके सामने इसी स्थिती में
था और जिसको देखकर वो बहुत चकित
हो गई थी और में मन ही मन बहुत खुश था, क्योंकि
आज वो अपनी जगह से थोड़ा भी
नहीं हिली थी और वो एक जगह पर जमकर खड़ी
हुई थी ।।
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