FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
मेडम क्या कोई समस्या है
हैल्लो दोस्तों, मेरा
नाम निर्मल है। में एक स्टूडेंट
हूँ और में एक अच्छा दिखने वाला लड़का
हूँ। मेरे लंड का साईज़ 8.5 इंच लंबा
और 3
इंच मोटा है, मेरी
उम्र 21 साल है और में एक स्कूल में पढ़ता हूँ, लेकिन
में अपनी पढ़ाई के साथ साथ सेक्सी कहानियाँ पढ़ने में भी रूचि रखता हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है में उन्हे पढ़कर अपने लंड
को हिलाकर शांत करता हूँ और अपने लंड की बहुत देखभाल करता हूँ। वैसे
दोस्तों यह मेरी फन-मजा-मस्ती पर पहली कहानी है,
क्योंकि मैंने अब तक इस पर सिर्फ कहानियाँ पढ़ी है और लिख पहली बार रहा हूँ। अब में आपको ज़्यादा
बोर ना करते हुए अपनी स्टोरी पर ले जाता हूँ। दोस्तों यह उस समय की बात है
जब में 12th क्लास में पढ़ता था।
तब हमारी क्लास में एक साईन्स टीचर हमें
पढ़ाया करती थी और उनको देखकर तो सबका लंड एकदम टाइट हो जाता था, लेकिन
वो मेडम थोड़ी कड़क स्वभाव की थी इसलिए सब बच्चे उनसे थोड़ा सा ज्यादा ही
डरते थे और अब दोस्तों में आपको उनके फिगर के बारे में बता देता हूँ, उनके
फिगर का साईज करीब 32-28-34 था और दोस्तों उनकी क्या मस्त एकदम
सेक्सी गांड है और उनकी गांड को देखकर तो कोई भी मदहोश हो जाए। हमारी मेडम का नाम
पूजा था और वो शादीशुदा थी। उनकी शादी को 4
साल हो गये थे, लेकिन
उनको देखकर लगता नहीं था कि वो शादीशुदा है और वो स्कूल टाइम
के बाद भी हमारी अलग से क्लास लेती
थी और उस समय मेरा गणित में हाल थोड़ा
ठीक नहीं था। तो एक दिन मैंने उनसे
कहा कि मेडम में गणित में बहुत कमजोर
हूँ और मुझे उसमे कुछ भी ज्यादा समझ
में नहीं आता। तो मेडम ने कहा कि में
स्कूल में सिर्फ साइन्स पढ़ाती हूँ,
लेकिन में अपने घर पर सभी विषयों की
ट्यूशन देती हूँ और अब उन्होंने यह बात
कहकर मेरा भी काम बहुत आसान कर दिया था
क्योंकि में बहुत समय से मन ही मन
उन्हे चोदने की इच्छा रख रहा था।
फिर मैंने अगले दिन से ही उनके घर पर ट्यूशन पढ़ने जाना शुरू कर दिया और मेडम ने ट्यूशन का टाईम
शाम को 6 बजे का दिया था, लेकिन
में उनके घर पर शाम को 6 बजे से पहले ही पहुंच गया और उस दिन
मेडम ने सफेद कलर का सलवार सूट पहना हुआ था और उसमे वो क्या मस्त लग रही थी? और ऐसे ही मैंने वहां पर एक हफ्ता बिता लिया, क्योंकि
में गणित में ठीक नहीं था इसलिए मेडम मुझे बिल्कुल अपने पास बैठाती थी और
में गणित के बहाने कभी कभी उनके बूब्स भी देख लिया करता था। जिन्हें देखना
मुझे बहुत अच्छा लगता था और उस वजह से मेरा पढ़ाई में मन भी लगा रहता था।
फिर एक दिन जब में उनके घर पर गया तो मैंने देखा कि उनके घर से कुछ लड़ाई
झगड़े की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े आ रही थी और मेडम भी बहुत गुस्से से ज़ोर ज़ोर से
किसी को बोल रही थी, लेकिन उस समय मेडम के रूम का अंदर से दरवाजा बंद होने के कारण
मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि वो किस लिए चिल्ला रह रही है
या किस पर चिल्ला रही है?
तभी मैंने कुछ देर बाद ही दरवाजे की
कुण्डी खोलने की आवाज़ सुनी और में जल्दी से चुपचाप आकर अपनी
जगह पर बैठ गया और जब मेडम बाहर आई
तो वो मुझे वहां पर देखकर एकदम चकित हो
गई और मुझसे पूछने लगी कि तुम कब
आए?
तो मैंने कहा कि मेडम में अभी कुछ देर
पहले ही आया हूँ। तो मेडम ने कहा
कि क्या तुम्हे नहीं पता कि आज ट्यूशन
कि छुट्टी है और मैंने तो कल ही सभी
बच्चो को मैसेज कर दिया था कि में किसी
भी बच्चे को नहीं पढ़ा सकती? तो मैंने मेडम से कहा कि नहीं मेडम मुझे
बिल्कुल नहीं पता, क्योंकि मेरा तो
फोन पिछले तीन चार दिन पहले खराब हो गया
है और मैंने उसे ठीक करवाने के लिए
भेजा हुआ है। फिर मेडम मुझसे कहने लगी
कि चलो कोई बात नहीं अब तुम यहाँ तक
आए हो तो अब पढ़कर ही जाना, लेकिन
दोस्तों मेडम का उस दिन पढ़ाने का बिल्कुल
भी मूड नहीं था वो मुझे उनका चेहरा
देखकर महसूस हुआ। फिर मैंने कहा कि
मेडम अगर आपका मूड नहीं है तो में कल से
पढ़ने आ जाऊंगा आप आज थोड़ा आराम कर
लीजिए,
आप बहुत थकी हुई सी दिख रही हो? तो
मेडम ने कहा कि नहीं ऐसी कोई बात
नहीं है,
वैसे भी अब तुम्हारे पेपर भी नज़दीक है
और फिर मेडम ने मुझे कुछ सवाल करने के लिए दे दिए, लेकिन
मुझसे वो सवाल बहुत देर तक हल नहीं हुए तो
मैंने कहा कि मेडम आज मेरा भी मूड पढ़ने
का नहीं है। तो मेडम कहने लगी कि
चलो तुम खुद कुछ देर बैठकर पढ़ लो और
उसके बाद अपने घर पर चले जाना। फिर
मेडम नहाने के लिए बाथरूम के अंदर चली
गई और करीब 15 मिनट के बाद मुझे उनकी
आवाज़ आई कि निर्मल में अपना टावल बाहर
ही भूल गई हूँ प्लीज तुम मुझे वो
पकड़ा देना।
फिर मैंने टावल उठाया और उन्हे देने के
लिए चला गया। मेडम ने टावल पकड़ने के लिए अपना एक हाथ बाहर निकाला हुआ था तो मैंने
सोचा कि मेडम को आज तो में नंगी देख ही सकता हूँ? लेकिन
मेडम ने सिर्फ़ अपना एक हाथ
बाहर किया हुआ था। में उन्हे टावल
पकड़ाकर आ गया, लेकिन जब मेडम नहाकर
बाथरूम से बाहर आई तो वो मुझे चेहरे से
बहुत ही परेशान दिखाई दे रही थी।
उनका चेहरा बिल्कुल मुर्झाया हुआ था और
वो बहुत उदास थी। मैंने थोड़ी हिम्मत
करते हुए उनसे पूछा कि मेडम क्या हुआ
आपका चेहरा इतना उतरा हुआ क्यों है?
तो मेडम ने कहा कि कुछ नहीं, बस
थोड़ी सी परेशानी है और फिर मैंने ज़्यादा
ध्यान ना देते हुए में वहां से कुछ देर
बाद अपने घर पर आ गया और फिर उसके
बाद करीब सात दिन तक में उनके घर पर
ट्यूशन पढ़ने नहीं गया, क्योंकि उस समय
मेरी मम्मी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब
हो गई थी और जब में आठवें दिन पढ़ने
गया तो मेडम ने मुझसे पूछा कि तुम इतने
दिन कहाँ गये थे? तो मैंने उन्हे
बता दिया कि पिछले कुछ दिनों से मेरी
मम्मी बहुत बिमार थी और में घर के
थोड़े बहुत कामों में लगा हुआ था।
फिर मेडम ने मुझसे कहा कि अब तुम्हे ज़्यादा मेहनत करने की ज़रूरत है, क्योंकि
अब तुम्हारे पेपर बहुत नज़दीक आ
रहे है तो मैंने कहा कि मेडम ठीक है और
फिर में एकदम चुपचाप एकदम सीधे
बच्चे की तरह बैठकर पढ़ने लगा और जब
एग्जाम को 4 दिन बाकी रह गये तो मेडम मुझे
दूसरे बच्चो से ज़्यादा पढ़ाने लगी वो मुझे उनसे एक घंटा ज़्यादा पढ़ाती थी और हर रविवार को मेडम छुट्टी किया करती थी, लेकिन
फिर भी उन्होंने मुझे रविवार को अपने घर पर बुला लिया और कहा
कि तुम्हे आज से एक घंटा ज़्यादा
पढ़ना है तुम अपना मन लगाकर पढ़ाई करो
वर्ना फेल हो जाओगे। में उनके पास करीब
तीन घंटे तक लगातार पढ़ता रहा और फिर
मेडम ने कहा कि तुम्हारे पेपर में अब
दो दिन रह गये है इसलिए घर पर भी बैठकर
इसकी तैयारी करना और खेलने कूदने की
कोशिश मत करना और फिर भी अगर तुम्हे कोई
समस्या हो तो मेरे पास आ जाना।
में अपने घर पर ही दो दिन तक मन लगाकर
पढ़ाई करता रहा, क्योंकि सुबह मेरा
गणित का सबसे मुश्किल पेपर था, लेकिन
वो पेपर मेरा बहुत अच्छा रहा क्योंकि
मैंने गणित की बहुत अच्छी पढ़ाई की और
फिर पेपर दिया था और उसके बाद मेरे
सभी पेपर बहुत अच्छे गये क्योंकि मैंने
उनकी भी पढ़ाई बहुत मन लगाकर की थी
और इसलिए उसका रिज़ल्ट जल्दी आ गया और
फिर में बहुत अच्छे नंबर लेकर पास हो
गया और में इसी ख़ुशी में मेडम को मिठाई
देने उनके घर पर चला गया। तो मेडम
उस दिन की तरह आज भी अपने पति से लड़ रही
थी क्योंकि उस दिन दरवाजा खुला
हुआ था तो मुझे सब बातें साफ साफ सुनाई
दे रही थी और में दरवाजे के पीछे
खड़ा होकर वो सब कुछ सुन रहा था। तो मेडम
उनसे कह रही थी कि तुम में ही कोई
कमी है तभी तो तुम मुझे अब तक कोई बच्चा
नहीं दे सके? तो उसने कहा कि इसमें
में क्या कर सकता हूँ? तो
मेडम ने कहा कि में तुम्हारा यह जवाब पिछले चार साल
से सुन रही हूँ प्लीज अब तो कुछ करो,
बाहर सब लोग मेरा मजाक उड़ाते है और मुझे अजीब नजरों से देखते है और वो इतना कहकर ज़ोर ज़ोर से
रोने लगी। दोस्तों अब मुझे अपना सपना साकार होता हुआ नज़र आया और फिर
उनके पति बहुत गुस्से से बाहर चले गये और में भी जब बाहर जाने लगा तो मेडम ने
मुझे देख लिया और कहने लगी कि तुम यहाँ पर किस काम के लिए आए हो? तो
मैंने कहा कि मेडम में बहुत अच्छे नंबर से पास हो गया हूँ इसलिए में आपके
लिए मिठाई लेकर आया हूँ। मेडम थोड़ा सा मुस्कुराकर मुझसे शाबाश कहने लगी और
मुझे उनके चेहरे पर वो हंसी देखकर बहुत अच्छा लगा और फिर मैंने थोड़ी सी
हिम्मत करके मेडम से कहा कि मेडम क्या कोई समस्या है जो आप इतनी ऊँची आवाज
से बोल रही थी? तो मेडम कहने लगी कि कुछ नहीं बस ऐसे ही और फिर मैंने कहा कि
मैंने सब कुछ सुन लिया है।
मेडम मेरी वो बात सुनकर एकदम से घबरा गई
और उनके चेहरे का रंग उड़ गया। फिर वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज तुम यह
बात किसी को मत बताना। मैंने उनसे कहा कि ठीक है मेडम आप कहती हो तो में
किसी से कुछ भी नहीं कहूँगा और फिर मैंने उनसे कहा कि में आपकी समस्या का हल
कर सकता हूँ, लेकिन अगर आप मेरी थोड़ी मदद करे तो ऐसा हो सकता है? तो
वो मुझसे कहने लगी कि वो कैसे और तुम मेरी उसमे क्या मदद कर सकते हो? तो
मैंने कहा कि अगर आपके पति में कोई भी कमी है तो क्या हुआ? हम
दोनों भी तो मिलकर एक बच्चा
पैदा कर सकते है और में इस काम में आपकी
पूरी पूरी मदद करने को तैयार हूँ, लेकिन तभी मेडम कहने लगी कि नहीं में
ऐसा नहीं कर सकती, यह सब बहुत गलत है
इससे पूरी दुनिया में हमारी बदनामी हो
सकती है मेरे पति को इसके बारे में
पता चला तो वो मुझे इस दुनिया से उठा भी
सकते है क्योंकि उनका गुस्सा बहुत
खराब है जो तुमने अब तक कभी नहीं देखा।
फिर मैंने कहा कि मेडम में आपसे
पक्का वादा करता हूँ कि में कभी किसी को
कुछ भी नहीं कहूँगा, यह बात हम
दोनों के बीच में रहेगी तीसरा कोई भी
नहीं तो फिर यह बात बाहर कैसे जाएगी?
और फिर मेरे बहुत समझाने के बाद मेडम
इसके लिए तैयार हो गई और मेडम कहने
लगी कि लेकिन हम यह सब मेरे घर पर नहीं
कर सकते, क्योंकि मेरे पति कभी भी आ सकते
है। दोस्तों ये कहानी आप फन-मजा-मस्ती पर पड़ रहे है
फिर मैंने
कहा कि कोई बात नहीं, आप हमारे गेस्ट हाउस चलो वो हमेशा ही खाली रहता है और फिर वहां पर कोई आता जाता भी नहीं। तो मेडम ने कहा कि
ठीक है तुम कल तैयार रहना और वहां पर जाते समय मुझे भी अपने साथ ले चलना।
मैंने कहा कि ठीक है और फिर में अगले दिन सुबह ही उन्हे लेने उनके घर पर चला
गया, लेकिन
उनके पति के घर पर होने के कारण वो मेरे
साथ नहीं आ सकी क्योंकि उनके पति
की उस दिन छुट्टी थी और फिर मेडम ने
मुझे कुछ घंटो के बाद फोन करके बता
दिया कि में आज नहीं आ सकती वो आज पूरा
दिन घर पर है और हम कल चलेगें। में
उनकी यह बात सुनकर थोड़ा सा उदास हो गया, लेकिन
अब में बहुत बेसब्री से अगले
दिन का इंतज़ार करने लगा। में दिन में
भी बेड पर लेटे हुए उनकी चुदाई के
सपने देखने लगा और उसी रात को करीब दस
बजे मेडम का फोन आया कि में खुद ही
तुम्हारे गेस्ट हाउस आ जाउंगी। तुम मुझे
लेने मेरे घर पर मत आना। फिर मैंने
कहा कि ठीक है और फिर उसके अगले दिन ठीक
9 बजे मेडम मेरे दिए हुए पते पर हमारे
गेस्ट हाउस आ गई। उस दिन भी मेडम ने सलवार सूट पहना हुआ था, वो
उसमे क्या मस्त सेक्सी लग रही थी और उनके बूब्स, गांड
तो बहुत सेक्सी दिख रहे थे। फिर मैंने मेडम को अंदर बुलाया और
पानी पिलाया और उसके बाद हम कमरे के
अंदर चले गये। मैंने उसी समय सेक्स की
गोली खा ली थी और में जाते समय ही
उनको किस करने लगा और मेडम भी मेरा साथ
देने लगी। करीब 15 मिनट के बाद में
उनके बूब्स को ऊपर से ही सहलाने लगा।
दोस्तों उनके क्या बूब्स थे? बिल्कुल गोल, मुलायम-मुलायम, बड़े-बड़े।
फिर मैंने जल्दी से उनकी कमीज़ को उतार दिया और
अब मेरे सामने मेडम सिर्फ़ ब्रा और सलवार में थी और में ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा और कुछ समय के बाद मैंने उनकी ब्रा को
भी उतार दिया। वाह दोस्तों उनके बूब्स क्या मस्त लग रहे थे, में
आपको शब्दों में नहीं बता सकता?
तो में कुछ समय दोनों ही बूब्स को चूसता
रहा।
फिर कुछ देर के
बाद मेडम ने मुझे खड़ा कर दिया और मेरे कपड़े उतारने लगी और मेडम ने मेरी पेंट को उतारकर मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और कहने लगी कि
तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है और इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं है और अब
वो मन ही मन मुस्कुराने लगी और मेडम किसी ब्लूफिल्म की हिरोइन की तरह मेरे
लंड को चूसने लगी और करीब 10 मिनट के बाद में उनकी चूत को चाटने लगा
और जब में चूत चाटने लगा तो मेडम ने झड़कर अपना पानी छोड़ दिया और मैंने मेडम
का नमकीन पानी पी लिया और अब मेडम पूरी तरह से गरम हो गई और वो मुझसे कहने
लगी कि बस और नहीं, अब मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, में
और देर तक नहीं सह सकती, प्लीज
मेरी चूत की अपने लंड से आज प्यास बुझा
दो। मैंने अपना आठ इंच का लम्बा
लंड सीधा उनकी चूत में घुसा दिया, लेकिन
बहुत ज़ोर लगाने के बाद भी उनकी चूत
में मेरा लंड थोड़ा सा ही लंड अंदर गया, लेकिन
मेडम चीखने, चिल्लाने लगी और
कहने लगी कि प्लीज अब थोड़ा जल्दी जल्दी
से मेरी चूत में सारा लंड डाल दो
निर्मल प्लीज।
दोस्तों मैंने धीरे धीरे से धक्के देकर
मेरा सारा लंड पूजा की चूत में डाल दिया। मेरा लंड उसकी चूत में बहुत मुश्किल
से पूरा अंदर गया क्योंकि मेरा लंड मोटा था और उसकी चूत का छेद छोटा था, जिसको
अब तक मेरा लंड थोड़ा बहुत फैला चुका था। उसकी चूत को देखकर लगता
था कि उसके पति ने कभी उसकी चूत को सही तरीके से नहीं चोदा, लेकिन
मुझे उन सब बातों से क्या?
मुझे तो फ्री की एक चूत मिल चुकी थी
जिसमे अब मेरा लंड अंदर होकर
उसको फैलाकर चोद रहा था और अब पूजा दर्द
की वजह से तड़पने लगी आह्ह्ह्हहहह
ऊऊह्ह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा और आऐईईईई
जल्दी, तेज तेज करो और फिर मैंने जोश में
आकर धीरे धीरे अपनी स्पीड को बड़ा दिया क्योंकि मैंने सेक्स की एक गोली खाई हुई थी तो में अभी झड़ने वाला नहीं था और फिर में ज़ोर ज़ोर
से पूजा को चोदने लगा और पूजा आआआअहह ऊऊऊऊऊऊहह एहह तेज और तेज और हाँ ऐसे
ही और फिर में 30 मिनट बाद में पूजा की चूत में ही झड़ गया, लेकिन
अब हमारे पास अभी भी बहुत टाइम था इसलिए हम कुछ देर आराम करके फिर से शुरू हो गए
और इस बार मैंने पूजा को अपने ऊपर ले लिया और उससे अपने लंड के ऊपर बैठने
को कहा और फिर पूजा बैठ गयी और में उसे चोदने लगा और फिर वो अपने आप ऊपर
नीचे होने लगी और साथ ही साथ आआआआअहह आईईइईईई माँ की आवाज़े निकालती रही, चुदाई
की वजह से सारे कमरे में थपथप की आवाज़ आने लगी और फिर कुछ देर के
बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उससे चूसने को कहा। फिर मैंने उसकी
चूत में फिर से लंड को डाल दिया और अब मैंने पूजा को डोगी स्टाइल में होने को
कहा और 5-10 मिनट के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकालकर उसकी गांड में घुसा
दिया। मेरा लंड मोटा होने के कारण उसकी गांड में थोड़ा सा ही गया और इसलिए
में बाहर से तेल लेकर आया और थोड़ा थोड़ा उसकी चूत और गांड में लगाया और अपने
लंड पर भी लगाया और फिर मैंने धीरे से उसकी गांड में अपना लंड दबाया और
फिर पूजा तड़पने लगी। तो मैंने उसके दर्द की परवाह ना करते हुए अपना सारा
लंड उसकी गांड में ज़ोर से धक्का देकर डाल दिया और कुछ देर अंदर रखकर आगे
पीछे करने लगा और पूजा आह्ह्ह्हह
ऊउईईईइ माँ थोड़ा धीरे अह्ह्हह्ह्ह्ह तुम
प्लीज जल्दी से बाहर निकालो नहीं तो मेरी गांड फट जाएगी, लेकिन
मैंने वैसे ही चोदना शुरू रखा और फिर करीब दस मिनट तक लगातार
धक्के देकर चोदता और फिर उसकी चूत
में लंड डालकर अंदर ही झड़ गया। इस तरह
हमने उस दिन तीन बार सेक्स किया और
मेडम मेरी चुदाई से बिल्कुल संतुष्ट दिख
रही थी और अब वो बहुत खुश होकर
अपने घर चली गई और ऐसे ही जब हमारा मन
करता तो हम इस तरह से सेक्स करते
रहते और करीब 9 महीने
बाद पूजा को एक साथ दो बच्चे हुए और उसके बाद भी हमारा
लगातार जारी है ।।
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