FUN-MAZA-MASTI
ठरकी की लाइफ में ..52
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अब आगे
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अजय ने तो अपना माथा पीट लिया...उसका लण्ड मुरझा कर ऐसा हो गया जैसे सूखा हुआ धनिया.
अंजलि ने कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट को ,उसी के केबिन में , इतनी गंदी गाली दी थी...वो भी उसे जो हाइ सोसायटी बैठता था, IIM से पढ़ा हुआ बन्दा, उसे गाली सुनकर कैसा लगा होगा...उसके गुस्से से तमतमा रहे चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की उसे कैसा लगा है
पर हर आदमी ये भूल जाता है की उसकी टाँगो के बीच जो लंड नाम की चीज़ है, वो उसके दिमाग़ के कंट्रोल में नही रहती...लंड का अपना ही दिमाग़ होता है...इसलिए एक तरफ तो वो बॉस अजय और अंजलि को देखकर गुस्से में आग बबूला हो रहा था और दूसरी तरफ अंजलि के नंगे बदन को देखकर उसके लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी...भले ही उसकी उम्र 55 के आस पास थी, पर उसका लंड अभी भी बेहतर चुदाई करने में सक्षम था..
अंजलि उठ खड़ी हुई और नंगी ही चलती हुई उसके बॉस की तरफ चल दी...
उसके बॉस ने जब देखा की अंजलि नंग धड़ंग सी चलती हुई उसकी तरफ आ रही है तो उसके मुँह से कुछ निकला ही नही....नज़ारा ही इतना सैक्सी था
वो बॉस के करीब आई और उसके कंधे पर हाथ रखकर बोली : "अजय....ये मेरे लिए सरप्राइज है ना...''
अजय भी ये सुनकर चोंक सा गया....वो अभी तक तो अपने बॉस के गुस्से से बचने के तरीके सोच रहा था...उन्हे कैसे क्या बोलना है ये सोचने मे लगा था...पर जब उसने देखा की अंजलि के नंगे बदन को देखकर वो थोड़ा सकपका से गये है तो उसके दिमाग़ मे तुरंत ये ख्याल आ गया की क्यो ना अपने बॉस को भी इस चुदाई के खेल में शामिल कर ले, शायद चूत देखकर उनका गुस्सा शांत हो जाए ...
और अंजलि की ये सर्प्राइज़ वाली बात सुनकर तो उसके प्लान को एक नयी राह मिल गयी...
अंजलि : "अरे..वही सरप्राइज जब मैसेज पर मैने लिखा था की एक साथ 2 के लंड लूँगी...तुम्हे शायद वो बात याद रह गयी थी...तभी तुमने अपने इस दोस्त को यहाँ बुलाया है....है ना !! ''
अजय ने अपने बॉस की तरफ देखा...उनके चेहरे पर भी असमंजस के भाव थे...
यानी ऐसे मौके पर वो इधर जाए या उधर...
मतलब, गुस्सा करे या चुदाई में शामिल हो जाए...
अंजलि : "वैसे तुम्हारे दोस्त की उम्र थोड़ी ज़्यादा है...लेकिन मैने सुना है की जितनी ज़्यादा उम्र होती है,उतनी बड़िया चुदाई करते है ऐसे मर्द....बस लंड में दम होना चाहिए...''
इतना कहते हुए उसने बॉस के करीब आकर, बिना वॉर्निंग के,उनके लंड को पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया...इतने मोटे लंड को हाथ में लेकर वो समझ गयी की माल बड़िया है...
अंजलि : "उम्म्म्मममममम.....मज़ा आएगा...... समान तो सही है इसका....ओ अजय....इधर आकर ज़रा इंट्रो तो करवा इनसे ...नही तो ऐसे ही खड़े रहकर अच्छे ख़ासे मूड को खराब कर देगा ये तो...''
अजय बेचारा सकुचाता हुआ सा, नंगा ही खड़ा होकर उनके करीब आया...अब तक उसके दिमाग में एक योजना बन चुकी थी ... अजय अपने बॉस की तरफ इशारा करते हुए बोला : "अंजलि ये है मेरे बहुत अच्छे फ्रेंड मिसटर खन्ना, और खन्ना, ये है मेरे ही ऑफीस में काम करने वाले मेरे एक दोस्त की बीबी, अंजलि.....''
अजय के ऐसा कहते ही मिसटर खन्ना के चेहरे के भाव ही बदल गये...अभी तक तो वो ये समझ रहे थे की अजय किसी रंडी को ले आया है पर उसके ऐसा कहने से तो उनके दिल मे खलबली सी मच गयी की ऐसा कौन सा बंदा है जिसकी बीबी को वो ऑफिस में लाकर चोद रहा है...
अपने ही ऑफीस में काम करने वाले किसी एम्पलॉई की वाइफ को इस तरह रंडी की तरह बिहेव करता देखकर खन्ना का लंड गन्ना बन गया...और उसने अपनी हाइ सोसायटी का तमगा परे फेंकते हुए, बड़ी ही बेशर्मी से,अजय और अंजलि के सामने ही अपने लंड को पकड़कर उपर की दिशा में अड्जस्ट किया...
अंजलि : "अरे साहब,आप क्यो तकलीफ़ करते हो...मुझे बोलो ना, मैं कर देती हूँ इसको सही....''
इतना कहते-2 अंजलि ने एक बार फिर से खन्ना के लंड को पकड़कर इधर-उधर करना शुरू कर दिया...ऐसा करके वो उसकी मुश्किल और बढ़ा रही थी...क्योंकि अंजलि का हाथ लगते ही उनका घोड़ा अब हाथी बनकर चिंघाड़ने लगा...उसकी सूंड को पेंट में क़ैद करके रख पाना अब थोड़ा मुश्किल होता जा रहा था..
खन्ना ने टूटे-फूटे शब्दो में अजय से पूछा : "अजय....किस....किसकी वाइफ है ये....''
अजय समझ चुका था की मुर्गा फँस चुका है, अब उसे डरने की कोई ज़रूरत नही थी...बल्कि वो अब अपने बॉस को इस खेल में शामिल करके डबल मज़ा लेने के मूड में आ चुका था...
अजय :"खन्ना जी...आप आम खाइए ना, पेड़ क्यो गिनते हो....''
इतना कहते हुए अजय ने अंजलि को इशारा किया...और अंजलि ने बड़े ही उतावलेपन से,अपने मम्मों को पकड़ कर खन्ना के चेहरे के सामने कर दिया और बोली : "हाँ जी, आप आम खाओ...ये लो, बड़े मीठे है....''
अब तो खन्ना से सब्र नही हुआ और उसने बिना अपने ओहदे की परवाह किए उसके मोटे-2 स्तनों को पकड़ा और ज़ोर-2 से दबाते हुए उन्हे चूसने लगा...बिल्कुल चोसा आम की तरह....
अंजलि तो कराह पड़ी : "धीरे चूस भोंसड़ी के .....खून निकालेगा क्या मादरचोद .....अहह''
थोड़ी देर पहले दी गयी जिस गाली से वो आग बाबूला हो गया था, वही गाली अब उसे सुरीली लग रही थी...
अजय वापिस सोफे पर जाकर बैठ गया....और उन दोनो की गुथम - गुत्था देखने लगा..
अंजलि ने आनन-फानन में उसकी पेंट खोल दी, उसकी टी शर्ट उतार कर एक कोने में फेंक दी और उसके जोक्की को भी नीचे उतार दिया....और अब वो भी अंजलि और अजय की तरह पूरा नंगा हो चुका था....
अंजलि उसके कदमो में बैठकर उसके मोटे और काले लंड को देखकर फुसफुसाई : "तभी तो मुझे ज़्यादा उम्र के मर्दों में ज़्यादा दिलचस्पी रहती है....जितनी ज़्यादा उम्र होती है,उतने ही मोटे और लंबे लंड हो जाते है तुम मर्दों के...और यही सबसे ज़्यादा मज़ा देते है....''
अजय ने भी अपने बॉस के लंड को देखकर उनका लोहा मान लिया...ऐसा लगता ही नही था की उनके लंड पर उनकी उम्र का कोई साया पड़ा हो, वो एकदम गठीला सा होकर ऐसे मैदान में खड़ा था जैसे चुदाई के मैदान में मोजूद हर चूत को वो परास्त करके ही दम लेगा...
पर अभी तो इस चुदाई के मैदान में सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही चूत थी...
और वो थी अंजलि की चूत ...
जो उनके लण्ड को देखकर पागल हुए जा रही थी....एक तरफ अजय का जवान और ताज़ा लंड था,दूसरी तरफ ये गठीला और एक्सपीरियेन्स वाला लंड ...आज तो उसके और उसकी चूत के मज़े ही मज़े थे..
अंजलि उसको धकेलते हुए उसी की बॉस चेयर तक ले गयी और वहां बिठा दिया...और एक ही झटके में उनके मोटे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी..
आज मिसटर खन्ना अपने ही केबिन में नंगे बैठकर अपना मोटा लंड इस गर्म औरत से चुस्वा रहे थे...ऐसा तो शायद उन्होने सपने में भी नही सोचा होगा...पर अंजाने मे ही अजय की वजह से ये आज पास्सिबल हो गया.
और सबसे बड़ी बात जो मिसटर खन्ना को उत्तेजित कर रही थी वो ये की अंजलि उन्ही के ऑफीस में काम करने वाले एंप्लायी की बीबी थी...पर किसकी ये अभी तक सीक्रेट बना हुआ था...
अंजलि उनके लंड को चूस रही थी और अपने लंड को उसके मुँह में धकेलते हुए खन्ना जी बोले : "अहह.... मजा अआ गया...... अब बताओ....... किसssss ....किसकी बीबी हो तुम.....''
अंजलि मुस्कुराती हुई उठी और बोली : "अभी बताती हूँ ....पहले मेरी चूत तो चाट भड़वे .....''
इतना बड़ा अपमान भी इस वक़्त उन्हे सुरीला लग रहा था....वो किसी पालतू कुत्ते की तरह चूत पर अपनी जीभ लगाकर उसे चूसने लगा
अंजलि ने इशारे से अजय को अपनी तरफ बुलाया , वो करीब आया तो अंजलि उसके लंड को मुँह में लेकर उसे चूसने लगी...पीछे से खन्ना उसकी चूत चाट रहा था और आगे से वो अजय का लंड चूस रही थी... कॉरपोरेट ऑफीस में ऐसा माहौल बहुत कम देखने को मिलता है..
जल्द ही अजय का लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया....अब उसे और उसके लंड को बॉस का डर भी नही था,इसलिए पहले से ज़्यादा कड़क हो चुका था वो...
अंजलि की चूत में तो घमासान मचा हुआ था....अब उसे किसी भी कीमत पर लंड अपनी चूत में चाहिए था...
वो एक बार फिर से उठी और सोफे पर आकर उसने खन्ना को लिटा दिया...और खुद उसके उपर जा चढ़ी ..खन्ना के मोटे लंड को अपनी चूत पर रखकर वो बड़े ही सेक्सी अंदाज में बोली : "अनिल की बीबी हूँ मैं ....अजय के ऑफीस में जो इसका दोस्त है...उसकी बीबी हूँ ...''
वो तो ये सोचकर बोल गयी की भला खन्ना को क्या पता की अनिल कौन है...पर अंजलि के मुँह से अनिल का नाम सुनकर खन्ना तो हैरान रह गया....वो एक शरीफ बंदा था (अनिल कितना बदमाश था ये तो सिर्फ़ अजय ही जानता था) और अनिल जैसे शरीफ एंप्लायी की बीबी ऐसी रंडी हो सकती है,ये उसने सोचा भी नही था...लेकिन जो भी था, वो चूत कमाल की थी....अपने पति के दोस्त से चुदवाने के लिए उसके साथ ऑफिस ही आ गयी...और साथ ही उसके बॉस को भी दोस्त समझ कर उससे भी चुदवाने को तैयार हो गयी....ऐसी जिस्म की आग बहुत कम देखने को मिलती है...
खेर, उसे अब वैसे भी किसी बात से फ़र्क नही पढ़ने वाला था...चाहे ये बाजारू औरत भी होती तो वो उसे चोद ही रहा होता...अब तो ये जानकार की वो उसके एंप्लायी की बीबी है, उसकी ताक़त में दुगना इज़ाफा हो चुका था...और उसने भरभराते हुए उसकी गांड पर उंगलियाँ रखकर उसकी चूत में अपना लंड एक ही बार में पेल दिया...
''आआआआआआआआआआआआआअहह....... उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़.... मजाआा आsssss गयआआआआअ''
इतना मोटा लंड जब चूत में गया तो अंजलि के मुँह से सिर्फ़ यही निकला...
अपना पूरा रॉकेट उसकी चूत में दागने के बाद वो थोड़ा रुका, उपर लटक रहे आमों पर उगे बेर खाए और उन्हे चूसते हुए अपनी पूरी ताक़त से अंजलि की चूत मारने लगा...
और एक बार जब उसने चुदाई की गाड़ी चलानी शुरू की तो बिना रुके वो उसे भगाता ही चला गया....और उसके झटकों को अपने अंदर महसूस करती हुई अंजलि किसी बकरी की तरह मिमियाती रह गयी और अपने मुँह से सिसकारियों की बारिश करती हुई ज़ोर -2 से चिल्लाने भी लगी...
''आआआआआआआआआआअहह ...... भेंन चोद ...................क्या लॅंड है तेरा............. अहह और ज़ोर से चोद भोंसड़ीके................. अहह .... बहन के लंड ....... डाल दे अपना पूरा लौड़ा मेरे अंदर .................अहह.... .''
और अजय को देखकर वो बोली : "ओह अजय ...तू भी आआआआआआआआ........ डाल दे पीछे से मेरे अंदर .................... आज अपना सपना पूरा करना चाहती हूँ .................. अहह जल्दी आ अजय ..... डाल अपना लंड मेरी गाआअंड में ................. ओह अजय...........''
अजय ने भी अपने लंड पर ढेर सारी थूक मली और सोफे पर आकर पीछे से अपना लौड़ा उसकी गांड पर लगा दिया....थोड़ी देर के लिए खन्ना को अपनी चुदाई की रेलगाड़ी रोकनी पड़ी...और जब अजय ने दो चार झटके मारकर उसकी गांड में अपना लॅंड फँसा दिया
धीरे-2 फिर से वो गाड़ी चल दी...इस बार अजय और खन्ना के झटके एक ही लय में आ रहे थे....
अंजलि की गांड और चूत में एक साथ लंड था....ऐसा सपना उसने अपनी जवानी के दिनों से देखा था, पर आज जाकर पूरा हुआ था....और वो भी कहाँ पर, अपनी ही पति के ऑफीस में ...एक पति का दोस्त और दूसरा उनका बॉस,जिसके बारे उसे पता भी नही था..में .लेकिन उसके लंड को अपनी चूत में लेकर मज़ा बहुत आ रहा था उसे...
''ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ भेंन के लौंडों ................ क्या लंड है तुम्हारे.............. अहह.... ऐसी चुदाई तो मेरी आज तक नही हुई................... ऐसे मोटे लंड रोज मिले तो मेरा जीवन सफल हो जाए................. अहह... चोदो भोसडीवालों ... और ज़ोर से चोदो मुझे ..... मारो मेरी गांड अजय ....... फाड़ दे मेरी चूत ओये खन्ना ...... फाड़ दे आजज्जsssssss ....''
इतना कहते-2 उसने नीचे झुककर खन्ना के होंठों को चूस लिया....अपनी मोटी ब्रेस्ट पकड़कर उसके मुँह में ठूस दी और उसके सिर को पकड़ कर अपनी छातियों पर ज़ोर -2 से मारने लगी...
ऐसी पगलाई और गर्म औरत की चूत मारकर तो आज खन्ना भी खुश हो गया....
और जल्द ही उसकी खुशी उसके लंड से निकल कर अंजलि की चूत में जाने लगी....वो झड़ा तो ऐसा झड़ा मानो आज अपने ही केबिन में बाढ़ ला देगा.....
पीछे से अजय के लंड ने भी एक के बाद एक गोलियाँ चलाकर उसकी गांड भेद डाली....
और अंजलि तो ना जाने कितनी बार झड़ चुकी थी.....हर धक्के में उसे ओर्गास्म का एहसास हुआ था... उसे तो याद भी नही था की वो कितनी बार झड़ी आज....लेकिन जो भी हुआ, उसकी जिंदगी का आज बहुत यादगार दिन था.
जब तूफान थमा तो पुर केबिन में लिसलिसेपन की खुश्बू थी....उस गर्म पानी की सुगंध थी जो अजय और खन्ना के लंड से निकला था...उस मीठे शहद की महक थी जो अंजलि की चूत से नीचुड़कर बाहर आया था...
ये महक तो कई दिनों तक खन्ना को फील होने वाली थी अपने केबिन में ..
अजय ने उसके बाद वहां ज़्यादा रुकना सही नही समझा...अंजलि को उसने आँखो का इशारा करके जल्दी से अपने कपड़े पहनने को कहा...खन्ना की उम्र हो चली थी,इसलिए ऐसी जबरदस्त चुदाई के बाद उसके शरीर मे जान ही नही बची थी...वो अपनी चेयर पर नंगा ही लेटा हुआ सुस्ता रहा था..
अजय और अंजलि ने कपड़े पहने और बाहर निकल आए...अंजलि ने पूरे रास्ते खन्ना या ऑफीस से संबंधित कोई सवाल नही किया...वो बस अजय से ये जानने को उत्सुक थी की ऐसी चुदाई और भी मिलेगी या नही...अजय ने भरोसा दिलाया की अब ऐसे मौके मिलते रहा करेंगे..
अजय ने उसे मार्केट में उतार दिया और फिर आराम से घर की तरफ चल दिया...
कल रचना और आज की अंजलि की चुदाई ने उसे काफ़ी थका दिया था...इसलिए घर जाकर अब वो आराम करना चाहता था.
पर आराम शायद उसकी और उसके लंड की किस्मत में था ही नही.
आज उसकी सालियो ने ऐसा प्लान बनाकर रखा था जिसकी उसे भी उम्मीद नही थी..
अजय घर आया तो प्राची के पास उसकी सास बैठी थी...प्राची की तबीयत थोड़ी खराब थी...जैसा की ऐसी अवस्था में होता है...उसने शायद थोड़ी देर पहले उल्टी की थी...वो बिल्कुल निढाल सी होकर पड़ी थी..अजय ने डॉक्टर से फोन पर बात की तो उसने इसे नॉर्मल बताया...
रात को अजय ने एहतियात के तौर पर अपनी सास को वहीं प्राची के साथ रुकने को कहा...और खुद दूसरे कमरे में जाकर लेट गया..
आज भले ही अजय की सास वहीं उसके घर पर थी...पर उनके साथ कुछ करने के बारे में अजय सोच भी नही सकता था..अपनी बीबी के होते हुए वो ये रिस्क नही लेना चाहता था...वैसे भी अपनी बीबी के आगे वो किसी और बात को तवज्जो नही देना चाहता था..
अजय अपने कमरे में लेटा हुआ था और उसके दिमाग़ में कल और आज की हुई चुदाई की सारी तस्वीरे घूम रही थी...और वो सब सोचते-2 उसका लंड कब खड़ा हो गया उसे भी पता नही चला...जब उसे लंड के खड़े होने का एहसास हुआ तो ना चाहते हुए भी उसका हाथ वहां पहुँच गया..और वो उसे बड़े ही प्यार से सहलाने लगा...
वो उसे किसी पालतू जानवर की तरह सहला रहा था...
आख़िर पिछले एक साल में उसे जो भी मज़े मिले है वो इसी की बदौलत ही तो मिले है.
शादी से पहले उसके लंड ने एक भी चूत को नही चखा था, और उन दिनों वो रोजाना उसकी तेल से मालिश करके कभी ना कभी होने वाली चुदाई के लिए तैयार किया करता था...आज उसी मालिश की वजह से उसका लंड इतना मोटा और लंबा हो चुका था, जिसे अपनी चूत में लेने के बाद हर औरत और लड़की, जो उसने पिछले एक साल में पेली थी,उसकी दीवानी हो चुकी थी..
अजय ने सोचा की चलो आज एक बार फिर से अपने लंड को तेल पिलाया जाए..आख़िर इतनी मेहनत के बाद उसकी सेवा करना भी तो बनता है..
ये सोचकर अजय जल्दी से तेल की शीशी उठा लाया और हथेली पर ढेर सारा तेल उड़ेल कर अपने लंड को उससे नहला दिया...और उसे उपर से नीचे तक तर बतर करके रगड़ने लगा..
ऐसा करते हुए उसे बहुत मज़ा भी आ रहा था और आज तक की हुई हर चुदाई भी याद आ रही थी...अपनी सुहागरात पर प्राची की चुदाई... बाद में अपने दोस्त अनिल की बीबी अंजलि की... और फिर अपनी सास रजनी और मौसेरी सास नीलम की भी चुदाई याद आई उसको...अपनी साली पूजा की कॉलेज वाली सहेली सोनी को भी उसने जम कर छोड़ा था अपने इसी पठानी लंड से...और बाद में अपनी कमसिन साली पूजा को भी...
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
ठरकी की लाइफ में ..52
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अब आगे
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अजय ने तो अपना माथा पीट लिया...उसका लण्ड मुरझा कर ऐसा हो गया जैसे सूखा हुआ धनिया.
अंजलि ने कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट को ,उसी के केबिन में , इतनी गंदी गाली दी थी...वो भी उसे जो हाइ सोसायटी बैठता था, IIM से पढ़ा हुआ बन्दा, उसे गाली सुनकर कैसा लगा होगा...उसके गुस्से से तमतमा रहे चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की उसे कैसा लगा है
पर हर आदमी ये भूल जाता है की उसकी टाँगो के बीच जो लंड नाम की चीज़ है, वो उसके दिमाग़ के कंट्रोल में नही रहती...लंड का अपना ही दिमाग़ होता है...इसलिए एक तरफ तो वो बॉस अजय और अंजलि को देखकर गुस्से में आग बबूला हो रहा था और दूसरी तरफ अंजलि के नंगे बदन को देखकर उसके लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी...भले ही उसकी उम्र 55 के आस पास थी, पर उसका लंड अभी भी बेहतर चुदाई करने में सक्षम था..
अंजलि उठ खड़ी हुई और नंगी ही चलती हुई उसके बॉस की तरफ चल दी...
उसके बॉस ने जब देखा की अंजलि नंग धड़ंग सी चलती हुई उसकी तरफ आ रही है तो उसके मुँह से कुछ निकला ही नही....नज़ारा ही इतना सैक्सी था
वो बॉस के करीब आई और उसके कंधे पर हाथ रखकर बोली : "अजय....ये मेरे लिए सरप्राइज है ना...''
अजय भी ये सुनकर चोंक सा गया....वो अभी तक तो अपने बॉस के गुस्से से बचने के तरीके सोच रहा था...उन्हे कैसे क्या बोलना है ये सोचने मे लगा था...पर जब उसने देखा की अंजलि के नंगे बदन को देखकर वो थोड़ा सकपका से गये है तो उसके दिमाग़ मे तुरंत ये ख्याल आ गया की क्यो ना अपने बॉस को भी इस चुदाई के खेल में शामिल कर ले, शायद चूत देखकर उनका गुस्सा शांत हो जाए ...
और अंजलि की ये सर्प्राइज़ वाली बात सुनकर तो उसके प्लान को एक नयी राह मिल गयी...
अंजलि : "अरे..वही सरप्राइज जब मैसेज पर मैने लिखा था की एक साथ 2 के लंड लूँगी...तुम्हे शायद वो बात याद रह गयी थी...तभी तुमने अपने इस दोस्त को यहाँ बुलाया है....है ना !! ''
अजय ने अपने बॉस की तरफ देखा...उनके चेहरे पर भी असमंजस के भाव थे...
यानी ऐसे मौके पर वो इधर जाए या उधर...
मतलब, गुस्सा करे या चुदाई में शामिल हो जाए...
अंजलि : "वैसे तुम्हारे दोस्त की उम्र थोड़ी ज़्यादा है...लेकिन मैने सुना है की जितनी ज़्यादा उम्र होती है,उतनी बड़िया चुदाई करते है ऐसे मर्द....बस लंड में दम होना चाहिए...''
इतना कहते हुए उसने बॉस के करीब आकर, बिना वॉर्निंग के,उनके लंड को पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया...इतने मोटे लंड को हाथ में लेकर वो समझ गयी की माल बड़िया है...
अंजलि : "उम्म्म्मममममम.....मज़ा आएगा...... समान तो सही है इसका....ओ अजय....इधर आकर ज़रा इंट्रो तो करवा इनसे ...नही तो ऐसे ही खड़े रहकर अच्छे ख़ासे मूड को खराब कर देगा ये तो...''
अजय बेचारा सकुचाता हुआ सा, नंगा ही खड़ा होकर उनके करीब आया...अब तक उसके दिमाग में एक योजना बन चुकी थी ... अजय अपने बॉस की तरफ इशारा करते हुए बोला : "अंजलि ये है मेरे बहुत अच्छे फ्रेंड मिसटर खन्ना, और खन्ना, ये है मेरे ही ऑफीस में काम करने वाले मेरे एक दोस्त की बीबी, अंजलि.....''
अजय के ऐसा कहते ही मिसटर खन्ना के चेहरे के भाव ही बदल गये...अभी तक तो वो ये समझ रहे थे की अजय किसी रंडी को ले आया है पर उसके ऐसा कहने से तो उनके दिल मे खलबली सी मच गयी की ऐसा कौन सा बंदा है जिसकी बीबी को वो ऑफिस में लाकर चोद रहा है...
अपने ही ऑफीस में काम करने वाले किसी एम्पलॉई की वाइफ को इस तरह रंडी की तरह बिहेव करता देखकर खन्ना का लंड गन्ना बन गया...और उसने अपनी हाइ सोसायटी का तमगा परे फेंकते हुए, बड़ी ही बेशर्मी से,अजय और अंजलि के सामने ही अपने लंड को पकड़कर उपर की दिशा में अड्जस्ट किया...
अंजलि : "अरे साहब,आप क्यो तकलीफ़ करते हो...मुझे बोलो ना, मैं कर देती हूँ इसको सही....''
इतना कहते-2 अंजलि ने एक बार फिर से खन्ना के लंड को पकड़कर इधर-उधर करना शुरू कर दिया...ऐसा करके वो उसकी मुश्किल और बढ़ा रही थी...क्योंकि अंजलि का हाथ लगते ही उनका घोड़ा अब हाथी बनकर चिंघाड़ने लगा...उसकी सूंड को पेंट में क़ैद करके रख पाना अब थोड़ा मुश्किल होता जा रहा था..
खन्ना ने टूटे-फूटे शब्दो में अजय से पूछा : "अजय....किस....किसकी वाइफ है ये....''
अजय समझ चुका था की मुर्गा फँस चुका है, अब उसे डरने की कोई ज़रूरत नही थी...बल्कि वो अब अपने बॉस को इस खेल में शामिल करके डबल मज़ा लेने के मूड में आ चुका था...
अजय :"खन्ना जी...आप आम खाइए ना, पेड़ क्यो गिनते हो....''
इतना कहते हुए अजय ने अंजलि को इशारा किया...और अंजलि ने बड़े ही उतावलेपन से,अपने मम्मों को पकड़ कर खन्ना के चेहरे के सामने कर दिया और बोली : "हाँ जी, आप आम खाओ...ये लो, बड़े मीठे है....''
अब तो खन्ना से सब्र नही हुआ और उसने बिना अपने ओहदे की परवाह किए उसके मोटे-2 स्तनों को पकड़ा और ज़ोर-2 से दबाते हुए उन्हे चूसने लगा...बिल्कुल चोसा आम की तरह....
अंजलि तो कराह पड़ी : "धीरे चूस भोंसड़ी के .....खून निकालेगा क्या मादरचोद .....अहह''
थोड़ी देर पहले दी गयी जिस गाली से वो आग बाबूला हो गया था, वही गाली अब उसे सुरीली लग रही थी...
अजय वापिस सोफे पर जाकर बैठ गया....और उन दोनो की गुथम - गुत्था देखने लगा..
अंजलि ने आनन-फानन में उसकी पेंट खोल दी, उसकी टी शर्ट उतार कर एक कोने में फेंक दी और उसके जोक्की को भी नीचे उतार दिया....और अब वो भी अंजलि और अजय की तरह पूरा नंगा हो चुका था....
अंजलि उसके कदमो में बैठकर उसके मोटे और काले लंड को देखकर फुसफुसाई : "तभी तो मुझे ज़्यादा उम्र के मर्दों में ज़्यादा दिलचस्पी रहती है....जितनी ज़्यादा उम्र होती है,उतने ही मोटे और लंबे लंड हो जाते है तुम मर्दों के...और यही सबसे ज़्यादा मज़ा देते है....''
अजय ने भी अपने बॉस के लंड को देखकर उनका लोहा मान लिया...ऐसा लगता ही नही था की उनके लंड पर उनकी उम्र का कोई साया पड़ा हो, वो एकदम गठीला सा होकर ऐसे मैदान में खड़ा था जैसे चुदाई के मैदान में मोजूद हर चूत को वो परास्त करके ही दम लेगा...
पर अभी तो इस चुदाई के मैदान में सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही चूत थी...
और वो थी अंजलि की चूत ...
जो उनके लण्ड को देखकर पागल हुए जा रही थी....एक तरफ अजय का जवान और ताज़ा लंड था,दूसरी तरफ ये गठीला और एक्सपीरियेन्स वाला लंड ...आज तो उसके और उसकी चूत के मज़े ही मज़े थे..
अंजलि उसको धकेलते हुए उसी की बॉस चेयर तक ले गयी और वहां बिठा दिया...और एक ही झटके में उनके मोटे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी..
आज मिसटर खन्ना अपने ही केबिन में नंगे बैठकर अपना मोटा लंड इस गर्म औरत से चुस्वा रहे थे...ऐसा तो शायद उन्होने सपने में भी नही सोचा होगा...पर अंजाने मे ही अजय की वजह से ये आज पास्सिबल हो गया.
और सबसे बड़ी बात जो मिसटर खन्ना को उत्तेजित कर रही थी वो ये की अंजलि उन्ही के ऑफीस में काम करने वाले एंप्लायी की बीबी थी...पर किसकी ये अभी तक सीक्रेट बना हुआ था...
अंजलि उनके लंड को चूस रही थी और अपने लंड को उसके मुँह में धकेलते हुए खन्ना जी बोले : "अहह.... मजा अआ गया...... अब बताओ....... किसssss ....किसकी बीबी हो तुम.....''
अंजलि मुस्कुराती हुई उठी और बोली : "अभी बताती हूँ ....पहले मेरी चूत तो चाट भड़वे .....''
इतना बड़ा अपमान भी इस वक़्त उन्हे सुरीला लग रहा था....वो किसी पालतू कुत्ते की तरह चूत पर अपनी जीभ लगाकर उसे चूसने लगा
अंजलि ने इशारे से अजय को अपनी तरफ बुलाया , वो करीब आया तो अंजलि उसके लंड को मुँह में लेकर उसे चूसने लगी...पीछे से खन्ना उसकी चूत चाट रहा था और आगे से वो अजय का लंड चूस रही थी... कॉरपोरेट ऑफीस में ऐसा माहौल बहुत कम देखने को मिलता है..
जल्द ही अजय का लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया....अब उसे और उसके लंड को बॉस का डर भी नही था,इसलिए पहले से ज़्यादा कड़क हो चुका था वो...
अंजलि की चूत में तो घमासान मचा हुआ था....अब उसे किसी भी कीमत पर लंड अपनी चूत में चाहिए था...
वो एक बार फिर से उठी और सोफे पर आकर उसने खन्ना को लिटा दिया...और खुद उसके उपर जा चढ़ी ..खन्ना के मोटे लंड को अपनी चूत पर रखकर वो बड़े ही सेक्सी अंदाज में बोली : "अनिल की बीबी हूँ मैं ....अजय के ऑफीस में जो इसका दोस्त है...उसकी बीबी हूँ ...''
वो तो ये सोचकर बोल गयी की भला खन्ना को क्या पता की अनिल कौन है...पर अंजलि के मुँह से अनिल का नाम सुनकर खन्ना तो हैरान रह गया....वो एक शरीफ बंदा था (अनिल कितना बदमाश था ये तो सिर्फ़ अजय ही जानता था) और अनिल जैसे शरीफ एंप्लायी की बीबी ऐसी रंडी हो सकती है,ये उसने सोचा भी नही था...लेकिन जो भी था, वो चूत कमाल की थी....अपने पति के दोस्त से चुदवाने के लिए उसके साथ ऑफिस ही आ गयी...और साथ ही उसके बॉस को भी दोस्त समझ कर उससे भी चुदवाने को तैयार हो गयी....ऐसी जिस्म की आग बहुत कम देखने को मिलती है...
खेर, उसे अब वैसे भी किसी बात से फ़र्क नही पढ़ने वाला था...चाहे ये बाजारू औरत भी होती तो वो उसे चोद ही रहा होता...अब तो ये जानकार की वो उसके एंप्लायी की बीबी है, उसकी ताक़त में दुगना इज़ाफा हो चुका था...और उसने भरभराते हुए उसकी गांड पर उंगलियाँ रखकर उसकी चूत में अपना लंड एक ही बार में पेल दिया...
''आआआआआआआआआआआआआअहह....... उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़.... मजाआा आsssss गयआआआआअ''
इतना मोटा लंड जब चूत में गया तो अंजलि के मुँह से सिर्फ़ यही निकला...
अपना पूरा रॉकेट उसकी चूत में दागने के बाद वो थोड़ा रुका, उपर लटक रहे आमों पर उगे बेर खाए और उन्हे चूसते हुए अपनी पूरी ताक़त से अंजलि की चूत मारने लगा...
और एक बार जब उसने चुदाई की गाड़ी चलानी शुरू की तो बिना रुके वो उसे भगाता ही चला गया....और उसके झटकों को अपने अंदर महसूस करती हुई अंजलि किसी बकरी की तरह मिमियाती रह गयी और अपने मुँह से सिसकारियों की बारिश करती हुई ज़ोर -2 से चिल्लाने भी लगी...
''आआआआआआआआआआअहह ...... भेंन चोद ...................क्या लॅंड है तेरा............. अहह और ज़ोर से चोद भोंसड़ीके................. अहह .... बहन के लंड ....... डाल दे अपना पूरा लौड़ा मेरे अंदर .................अहह.... .''
और अजय को देखकर वो बोली : "ओह अजय ...तू भी आआआआआआआआ........ डाल दे पीछे से मेरे अंदर .................... आज अपना सपना पूरा करना चाहती हूँ .................. अहह जल्दी आ अजय ..... डाल अपना लंड मेरी गाआअंड में ................. ओह अजय...........''
अजय ने भी अपने लंड पर ढेर सारी थूक मली और सोफे पर आकर पीछे से अपना लौड़ा उसकी गांड पर लगा दिया....थोड़ी देर के लिए खन्ना को अपनी चुदाई की रेलगाड़ी रोकनी पड़ी...और जब अजय ने दो चार झटके मारकर उसकी गांड में अपना लॅंड फँसा दिया
धीरे-2 फिर से वो गाड़ी चल दी...इस बार अजय और खन्ना के झटके एक ही लय में आ रहे थे....
अंजलि की गांड और चूत में एक साथ लंड था....ऐसा सपना उसने अपनी जवानी के दिनों से देखा था, पर आज जाकर पूरा हुआ था....और वो भी कहाँ पर, अपनी ही पति के ऑफीस में ...एक पति का दोस्त और दूसरा उनका बॉस,जिसके बारे उसे पता भी नही था..में .लेकिन उसके लंड को अपनी चूत में लेकर मज़ा बहुत आ रहा था उसे...
''ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ भेंन के लौंडों ................ क्या लंड है तुम्हारे.............. अहह.... ऐसी चुदाई तो मेरी आज तक नही हुई................... ऐसे मोटे लंड रोज मिले तो मेरा जीवन सफल हो जाए................. अहह... चोदो भोसडीवालों ... और ज़ोर से चोदो मुझे ..... मारो मेरी गांड अजय ....... फाड़ दे मेरी चूत ओये खन्ना ...... फाड़ दे आजज्जsssssss ....''
इतना कहते-2 उसने नीचे झुककर खन्ना के होंठों को चूस लिया....अपनी मोटी ब्रेस्ट पकड़कर उसके मुँह में ठूस दी और उसके सिर को पकड़ कर अपनी छातियों पर ज़ोर -2 से मारने लगी...
ऐसी पगलाई और गर्म औरत की चूत मारकर तो आज खन्ना भी खुश हो गया....
और जल्द ही उसकी खुशी उसके लंड से निकल कर अंजलि की चूत में जाने लगी....वो झड़ा तो ऐसा झड़ा मानो आज अपने ही केबिन में बाढ़ ला देगा.....
पीछे से अजय के लंड ने भी एक के बाद एक गोलियाँ चलाकर उसकी गांड भेद डाली....
और अंजलि तो ना जाने कितनी बार झड़ चुकी थी.....हर धक्के में उसे ओर्गास्म का एहसास हुआ था... उसे तो याद भी नही था की वो कितनी बार झड़ी आज....लेकिन जो भी हुआ, उसकी जिंदगी का आज बहुत यादगार दिन था.
जब तूफान थमा तो पुर केबिन में लिसलिसेपन की खुश्बू थी....उस गर्म पानी की सुगंध थी जो अजय और खन्ना के लंड से निकला था...उस मीठे शहद की महक थी जो अंजलि की चूत से नीचुड़कर बाहर आया था...
ये महक तो कई दिनों तक खन्ना को फील होने वाली थी अपने केबिन में ..
अजय ने उसके बाद वहां ज़्यादा रुकना सही नही समझा...अंजलि को उसने आँखो का इशारा करके जल्दी से अपने कपड़े पहनने को कहा...खन्ना की उम्र हो चली थी,इसलिए ऐसी जबरदस्त चुदाई के बाद उसके शरीर मे जान ही नही बची थी...वो अपनी चेयर पर नंगा ही लेटा हुआ सुस्ता रहा था..
अजय और अंजलि ने कपड़े पहने और बाहर निकल आए...अंजलि ने पूरे रास्ते खन्ना या ऑफीस से संबंधित कोई सवाल नही किया...वो बस अजय से ये जानने को उत्सुक थी की ऐसी चुदाई और भी मिलेगी या नही...अजय ने भरोसा दिलाया की अब ऐसे मौके मिलते रहा करेंगे..
अजय ने उसे मार्केट में उतार दिया और फिर आराम से घर की तरफ चल दिया...
कल रचना और आज की अंजलि की चुदाई ने उसे काफ़ी थका दिया था...इसलिए घर जाकर अब वो आराम करना चाहता था.
पर आराम शायद उसकी और उसके लंड की किस्मत में था ही नही.
आज उसकी सालियो ने ऐसा प्लान बनाकर रखा था जिसकी उसे भी उम्मीद नही थी..
अजय घर आया तो प्राची के पास उसकी सास बैठी थी...प्राची की तबीयत थोड़ी खराब थी...जैसा की ऐसी अवस्था में होता है...उसने शायद थोड़ी देर पहले उल्टी की थी...वो बिल्कुल निढाल सी होकर पड़ी थी..अजय ने डॉक्टर से फोन पर बात की तो उसने इसे नॉर्मल बताया...
रात को अजय ने एहतियात के तौर पर अपनी सास को वहीं प्राची के साथ रुकने को कहा...और खुद दूसरे कमरे में जाकर लेट गया..
आज भले ही अजय की सास वहीं उसके घर पर थी...पर उनके साथ कुछ करने के बारे में अजय सोच भी नही सकता था..अपनी बीबी के होते हुए वो ये रिस्क नही लेना चाहता था...वैसे भी अपनी बीबी के आगे वो किसी और बात को तवज्जो नही देना चाहता था..
अजय अपने कमरे में लेटा हुआ था और उसके दिमाग़ में कल और आज की हुई चुदाई की सारी तस्वीरे घूम रही थी...और वो सब सोचते-2 उसका लंड कब खड़ा हो गया उसे भी पता नही चला...जब उसे लंड के खड़े होने का एहसास हुआ तो ना चाहते हुए भी उसका हाथ वहां पहुँच गया..और वो उसे बड़े ही प्यार से सहलाने लगा...
वो उसे किसी पालतू जानवर की तरह सहला रहा था...
आख़िर पिछले एक साल में उसे जो भी मज़े मिले है वो इसी की बदौलत ही तो मिले है.
शादी से पहले उसके लंड ने एक भी चूत को नही चखा था, और उन दिनों वो रोजाना उसकी तेल से मालिश करके कभी ना कभी होने वाली चुदाई के लिए तैयार किया करता था...आज उसी मालिश की वजह से उसका लंड इतना मोटा और लंबा हो चुका था, जिसे अपनी चूत में लेने के बाद हर औरत और लड़की, जो उसने पिछले एक साल में पेली थी,उसकी दीवानी हो चुकी थी..
अजय ने सोचा की चलो आज एक बार फिर से अपने लंड को तेल पिलाया जाए..आख़िर इतनी मेहनत के बाद उसकी सेवा करना भी तो बनता है..
ये सोचकर अजय जल्दी से तेल की शीशी उठा लाया और हथेली पर ढेर सारा तेल उड़ेल कर अपने लंड को उससे नहला दिया...और उसे उपर से नीचे तक तर बतर करके रगड़ने लगा..
ऐसा करते हुए उसे बहुत मज़ा भी आ रहा था और आज तक की हुई हर चुदाई भी याद आ रही थी...अपनी सुहागरात पर प्राची की चुदाई... बाद में अपने दोस्त अनिल की बीबी अंजलि की... और फिर अपनी सास रजनी और मौसेरी सास नीलम की भी चुदाई याद आई उसको...अपनी साली पूजा की कॉलेज वाली सहेली सोनी को भी उसने जम कर छोड़ा था अपने इसी पठानी लंड से...और बाद में अपनी कमसिन साली पूजा को भी...
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