FUN-MAZA-MASTI
ठरकी की लाइफ में ..54
**********
अब आगे
*********
अब अजय से बर्दाश्त होना मुश्किल हो रहा था, वो कभी भी झड़ सकता था , वो बीएड से खड़ा हो गया और अपने लंड को जोरों से रगड़ने लगा, दोनों बहनें एक दूसरे की चूत में उँगलियाँ डालकर आने वाली बारिश का इन्तजार करने लगी
और वो जल्द ही झड़ने लगा, और वो भी जोरों से
पूरी तरह झड़ने के बाद अजय एक कोने में जा कर लेट गया
पूजा ने आँखो ही आँखो मे रिया को कुछ इशारा किया और अगले ही पल रिया ने अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए...और लगभग सारे कपड़े पहन कर,चुननी लेकर, चप्पल डाल कर वो बाहर निकल गयी...
अजय हैरानी से उसे जाते हुए देखता रह गया...उसने पूजा से पूछा की वो कहाँ जा रही है पर उसने कुछ नही बताया...वो अजय के पास आकर लेट गयी और उसका लंड चूसने लगी...और उसे असली चुदाई के लिए तैयार करने लगी
वो बेचारा अभी ये सोच ही रहा था की आख़िर रिया कहाँ गयी की तभी दरवाजा खुला ..
उसे लगा की रिया वापिस आ गयी...
पर ये क्या...
ये तो उसकी सास थी...
यानी रिया उसके घर जाकर प्राची के पास रुक गयी थी और उसने अपनी मौसी यानी अजय की सास को वहां भेज दिया..
इसका मतलब ये उनका प्लान था...
और शायद इसलिए उसकी सास ने बड़े इत्मीनान से उसे अपने घर भेज दिया था...
क्योंकि कुछ ही देर में वो भी आने ही वाली थी...
सच में ...दोनो माँ -बेटियों ने मिलकर क्या प्लान बनाया था..
अजय की सास अंदर आई और अपनी बेटी को अजय का लंड चूसते देखकर वो सिहर उठी...
ये उसका पहला मौका था जब वो अपनी बेटी के होते हुए अजय के सामने थी...
पूजा अभी तक अजय का लंड चूसने में लगी हुई थी...
कुछ देर तक उन दोनो को देखते रहने के बाद रजनी ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए..
रजनी ने एक-२ करके अपने सारे कपड़े उतार दिए , और आखिर में अपनी ब्लेक कलर की शमीज भी उतार कर उसने अपने मदमस्त मुम्मे अपने दामाद और बेटी के सामने उजागर कर दिए
अजय तो अपनी सास की सख्त चूचियाँ देखता रह गया , ऐसी उम्र में भी कितनी केडी करके रखी थी उन्होंने अपनी चूचियाँ
और कुछ ही देर मे वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी...
उस कमरे में जहाँ अजय था...उसकी छोटी बेटी थी...और वो खुद...और सब के सब नंगे...
आज बहुत भयंकर चुदाई होने वाली थी वहां पर..
और वो भी दोनों माँ-बेटी की
घर के दामाद अजय के द्वारा
भले ही अजय का लंड इस वक़्त पूजा चूस रही थी, पर उसका सारा ध्यान अपनी सास पर ही था...
आजतक वो उनके पुर भरे हुए शरीर को इतनी बारीकी से देख ही नही पाया था...आज देख पा रहा था...वो उपर से नीचे तक सेक्स की देवी लग रही थी...सास बन जाने के बाद भी उसका शरीर ऐसा था की अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जाए की वो अपनी बेटियों की माँ है या बहन..
अजय तो शुरू से ही उनके मोटे-2 मुम्मों का दीवाना था...आज एक बार फिर से उन्हे नंगा देखकर उसके हाथ मे खुजली होने लगी और उसकी उंगलियाँ उन मुम्मों को दबाने के लिए मचलने लगी..
उसकी सास भी अजय की नज़रों को अपनी छाती की तरफ देखते हुए समझ गयी की छोटे संतरों के सामने उसके तरबूज ही अजय को भा रहे हैं....इसलिए वो जान बूझकर अपने बूब्स को अपने हाथों में लेकर मसलने लगी...
अजय बेचारे का बुरा हाल हो गया, अब वो किसी भी कीमत पर उन्हे दबोच लेना चाहता था...
कुछ ही देर में रजनी उसके सामने आकर बैठ गयी...अपनी बेटी के बिल्कुल बगल में, वो भी अजय की टाँगो से अपनी बॉडी टच करके बैठी थी....अजय से सब्र तो पहले ही नही हो रहा था, उनके शरीर का करंट मिलते ही वो बेकाबू सा हो गया और उसने अपने हाथ आगे करके उन मोटे-2 मुम्मों को पकड़कर निचोड़ डाला..और अपना मुंह ऊपर करके उन मोटे -२ मम्मों को चूसने लगा
वो आनन्दमयी चीख के साथ कुलबुला उठी
''आआआआआआआआअहह....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... धीरे करो दामाद जी....... धीरे .....''
कितना अजीब लगता है ना,एक सास अपने दामाद को अपने मुम्मे धीरे चूसने के लिए कह रही थी...और वो भी अपनी नंगी बेटी के सामने...
पर अजय तो मानने वाले दिन पैदा ही नही हुआ था...
वो और जोरों से उनके मुम्मों को चूसने लगा...
उन्हे निचोड़ने लगा...
उनके निप्पल्स को अपनी उंगलियों के बीच दबाने लगा..
अजय के तगड़े हाथ अपने मुम्मों पर पाकर वो भी उछलने कूदने लगी... उसे सच में बहुत मज़ा आ रहा था..
रजनी पर उत्तेजना का नशा चड चुका था....वो अपनी बेटी के कान में फुसफुसाई
''चल,पीछे हट थोड़ी देर...मैं दिखाती हूँ इसे सासू माँ स्पेशल....''
वो तो ऐसा मानों इसलिए कह रही थी जैसे अपनी बेटी को कुछ नया सिखाने जा रही हो...और उसने सिखाया भी....आख़िर वो थी ही इतनी एक्सपीरिएंस वाली औरत...
अभी तक पूजा ने अजय के लंड को पकड़ कर उसे मुँह में लिया हुआ था और उसके सुपाड़े वाले हिस्से को जोरों से चूस रही थी...रजनी ने अजय के लंड को पकड़कर अपनी दोनों छातियों के बीच रख दिया, और उसके मोटे और लम्बे लंड के ऊपर अपने मुलायम हाथों का जादू बिखेरते हुए वो उसे सहलाने लगी, उसे पुचकारने लगी....... आखिर उसी लंड के पीछे ही तो वो इस तरह नंगी होकर वहां बैठी थी
फिर रजनी ने अजय के लंड के नीचे हाथ डालकर अपने अंगूठे और बाकी उंगलियों के बीच में बनाए पंजे के अंदर उसकी गोटियों और लंड की जड़ को एक साथ दबोच लिया...और ये उसने थोड़े सख़्त हाथों से भी किया...जिसके परिणामस्वरूप अजय अपनी सीट से उछल सा गया...अपनी सास के इस हमले के लिए वो तैयार नही था.
रजनी ने अपने पंजे में उसके लंड और बॉल्स को पकड़कर और बाहर की तरफ उभार दिया और अपनी जीभ से उन्हे चाटने लगी...
ऐसा लग रहा था जैसे वो अपनी जीभ से किसी तन्दुरी मुर्गे पर बटर लगा रही है...वो तंदूरी मुर्गा, यानी अजय का लंड उसकी लार में नहाकर बुरी तरह से चमक उठा...और साथ ही वो पहले से ज़्यादा कठोर और लंबा भी हो गया...
रजनी ने उस चमकीले लंड को अपने मुम्मे पर रगड़ा, उसके लंड के टोपे से अपने निप्पल्स को कुरेदा और ऐसा करते हुए वो अंदर तक कसमसा रही थी...
पूजा आँखे फाड़े अपनी माँ के इस कारनामे को देख रही थी...समझ रही थी...और सीख भी रही थी....
अभी तक जिस लंड चुसाई को वो इतना मामूली सा काम समझ कर करती आ रही थी उसे उसकी माँ ने कितना रोचक बना दिया था...
और औरत के किसी भी काम से अगर मर्द को मज़ा आए तो समझ लेना चाहिए की वो काम उसके साथ बार-2 करना चाहिए...
अगली बार के लिए पूजा अब ऐसी और भी सामग्री इकट्ठी करना चाहती थी..
इसलिए वो भी बड़े चाव से अपनी माँ की क्लास अटेंड करने बैठ गयी..
अजय के लंड को पूरा खड़ा करने के बाद रजनी ने उसे अपने बूब्स के अंदर फंसाया और एक जबरदस्त टिट फकिंग का मजा भी दिया
अब अजय का एक हाथ पूजा की ब्रेस्ट पर था और दूसरा अपनी सासू माँ की...पूजा अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर खुद ही चूत को मसल रही थी...
चुदाई का नशा पूरे कमरे में फ़ैल चूका था , गर्म साँसों से पूरा कमरा महक चुका था
आज की रात बहुत यादगार होने वाली थी
नीचे उसकी माँ अजय को टिट फकिंग का मजा दे रही थी, ऊपर अजय पूजा के मुम्मे चूसने में लगा था
अजय के लंड को अच्छी तरह अपनी नरम छातियों के बीच मसलने के बाद रजनी ने अपने सेक्सी होंठों को एक बार फिर से खोल और उसके लंड को निगल कर जोरों से चूसने लगी
रजनी ने बड़ी ही लगन से अजय की गोटियों को चूस-चूस्कर उन्हे कड़ा कर दिया...
और फिर उसके लंड के साथ भी ऐसा ही किया...
अब अजय का लंड एक रॉकेट की तरह ऊपर मुँह करके खड़ा था....वो अब दोनो में से किसी की भी चूत के अंतरिक्ष में जाने के लिए तैयार था..
अजय बेड पर लेट गया और दोनो हुस्न की परियों की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा...दोनो माँ बेटियों ने एक दूसरे की तरफ देखा और आँखो ही आँखो में पूजा ने अपनी माँ का मान रखते हुए उन्हे पहले चुदाई करवाने के लिए कहा...
और कोई मौका होता तो रजनी मना कर भी देती और अपनी बेटी को आगे कर देती, पर इस उम्र में जब चूत में आग लगती है तो किसी भी बात की तमीज़ नही रहती, इसलिए वो बदतमीज़ सी होकर आगे बड़ी और एक ही झटके में अपनी टांगे उसके उपर घुमा कर अजय के लौड़े पर चढ़ गयी....अजय को ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई भाप वाला इंजन उसके लंड के करीब आकर रुक गया है...
और फिर रजनी ने अपनी कददू जैसी मोटी गांड को हवा में उठाया और उसके खड़े हुए लंड के उपर अपनी चूत को लगाकर सीटियां मारती हुई उसके लंड पर फिसलती चली गयी..
''आआआआआआआअहह ....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स........ आआआआआआआआआ आआहह मेरे राजा ..........चोद मुझे ''
अपनी माँ के मुँह से एक बाजारू औरत जैसी भाषा सुनकर पूजा भी मुस्कुरा दी... शायद उनके ऊपर चढ़ी चुदासी को वो भी एन्जॉय कर रही थी
वैसे भी एक माँ को चुदते देखने का सोभाग्य हर बेटी की किस्मत में नही होता....
पूजा इस खेल को बहुत ज़्यादा एंजाय कर रही थी....उसने देखा की अजय का लंड कैसे भाले की तरह उसकी माँ की चूत में घुस गया है...और अंदर जाकर जैसे वो अटक ही गया...
लेकिन वो भला क्या जानती थी की वो अटका नही था, बल्कि उसकी माँ अपने जमाई राजा के लंड को अंदर तक लेने के बाद उसे अच्छी तरह अपनी चूत की दीवारों पर मसल रही थी...
उसके सुपाड़े से अपनी चूत के दाने की मालिश करवा रही थी...
और ऐसा करते हुए रजनी की आँखे बंद थी...
अजय का भी यही हाल था...वो अपनी आँखे बंद किए अपनी सास के तरबूज जैसे मुम्मों को जोरों से मसल रहा था...
उनके निप्पल्स को अपनी उंगलियों से कटोच कर बाहर निकाल रहा था और उन्हे और भी ज़्यादा सूजा रहा था...
धीरे-2 रजनी की गांड ने थिरकना शुरू कर दिया...
जैसे स्टेशन से गाड़ी निकलती है और धीरे-2 रफ़्तार पकड़ती है, ठीक वैसे ही रजनी की 'गरमचूत एक्सप्रेस' ने जब स्टेशन छोड़ा तो अजय के चिकने लंड की पटरी पर ऐसे दौड़ना शुरू किया जैसे अब ये ट्रेन रुकेगी ही नही...ब्रेक ही फैल ही गये साली की ट्रेन के...दे दना दन बस भागी चली जा रही थी उसकी 'गरमचूत एक्सप्रेस' ..
अजय की आँखे खुली और उसने पूजा की तरफ देखा...वो अपनी छोटी छातियों को खुद ही मसल कर अपनी माँ की ये गरमा गरम चुदाई देख रही थी..अजय ने उसे भी बेड पर आने का न्योता दिया...वो किसी हिरनी की तरह उछल कर उपर जा चढ़ी ...अजय ने उसे अपने चेहरे पर बैठने को कहा...पूजा को भला क्या प्राब्लम हो सकती थी...वो अपनी माँ की तरफ मुँह करके उसके चेहरे पर बैठ गयी...और अजय की पेनी और गर्म जीभ सीधा उसकी चूत के अंदर घुस गयी...और जैसी सिसकारी कुछ देर पहले उसकी माँ ने मारी थी, ठीक वैसी ही पूजा ने भी मार डाली...
''ओह फक ........................... म्*म्म्मममममममम जीजूजूउssssssss....... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... सककककककक मिईीईईईई''
उसका कहने का तरीका इतना सैक्सी था की ऐसा लग रहा था मानो लंड उसकी माँ की चूत में नही बल्कि उसकी चूत में है...पर ताजा चुदी लड़की के लिए एक ठरकी की जीभ भी किसी लंड से कम नही होती...वो उसे ही लंड मानकर और अंदर लेकर खुशी से उछल कूद मचा रही थी...
अजय का अब बुरा हाल होने लगा था...
नीचे वाले हिस्से में उसकी सास और उपर उसके मुँह पर उसकी साली उछल रही थी...
दोनो ने उसके शरीर को खेल का मैदान बना रखा था...
भले ही अजय को मज़ा आ रहा था पर उसके शरीर को मिल रहे झटकों ने सारे पेच हिला डाले थे उसके...
पर फिर भी वो अच्छे बच्चे की तरह, अपनी सास और साली की सेवा करने में लगा रहा...
रजनी के उछलने की गति बता रही थी की वो झड़ने के बहुत करीब है
और वो जब झड़ी तो ऐसा लगा जैसे कमरे में कोई ज़लज़ला आ गया है...
वो ज़ोर-2 से चिल्लाती हुई....., अपने दामाद के उपर कूदते हुए....., झड़ने लगी.
''आआआआआआआआआआआअहह उूुुुउउफफफ्फ़ .... .मैं तो गयी रे ................. अहह मजा आआआआअ गय्आआआआआआ ...... ओह ........ उम्म्म्ममममममममममममम.....''
पूजा भी अपनी माँ को इतने करीब से झड़ते देखकर मुस्कुरा दी और उसने अपनी माँ के होंठों पर होंठ लगा कर एक गहरी स्मूच कर दी...वो उसने इसलिए भी किया क्योंकि वो हद से ज़्यादा चिल्ला रही थी...
उसे डर था की उनकी आवाज़ कहीं बाहर ना चली जाए..
पर वो आवाज़ शायद बाहर जा चुकी थी...
क्योंकि अगले ही पल कमरे का दरवाजा खुला और अजय का ससुर अंदर आ गया...
सबसे पहले दरवाजा खुलते हुए पूजा ने देखा और अपने पापा को देखते ही उसकी फट्ट कर हाथ में आ गयी...
वो तुरंत बेड के दूसरी तरफ कूद गयी और बेड पर पड़ी चादर से अपने आप को धक कर उसके अंदर छुप गयी...
और फिर अजय की नज़र अपने ससुर पर पड़ी.... और उनके गुस्से से तमतमाए चेहरे को देखकर उसका खड़ा हुआ लंड सिकुड कर सूखे करेले जैसा रह गया...
पर रजनी तो अभी तक ऑर्गॅज़म के नशे में उसके लंड पर कूद रही थी.... सिसकारी मार रही थी...
इस बात से अंजान की उसके पीछे उसका पति खड़ा है....जिसने अपनी बीबी को अपने ही दामाद से चुदते हुए रंगे हाथो पकड़ लिया है...
अजय तो समझ ही नही पा रहा था की उपर वाला उससे किस जन्म का बदला ले रहा है...
इस एंगल के बारे में तो उसने सोचा भी नही था... अभी तक उसने सिर्फ ये मन्नत मांगी थी की उसकी बीबी प्राची को उसके ठरकिपन और चुदाई के किस्सों के बारे में पता ना चले पर अपने ससुर के बारे में तो उसने सपने में भी सोचा नहीं था
अब उसका क्या होगा ये तो उपर वाला ही जानता था.
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ठरकी की लाइफ में ..54
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अब आगे
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अब अजय से बर्दाश्त होना मुश्किल हो रहा था, वो कभी भी झड़ सकता था , वो बीएड से खड़ा हो गया और अपने लंड को जोरों से रगड़ने लगा, दोनों बहनें एक दूसरे की चूत में उँगलियाँ डालकर आने वाली बारिश का इन्तजार करने लगी
और वो जल्द ही झड़ने लगा, और वो भी जोरों से
पूरी तरह झड़ने के बाद अजय एक कोने में जा कर लेट गया
पूजा ने आँखो ही आँखो मे रिया को कुछ इशारा किया और अगले ही पल रिया ने अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए...और लगभग सारे कपड़े पहन कर,चुननी लेकर, चप्पल डाल कर वो बाहर निकल गयी...
अजय हैरानी से उसे जाते हुए देखता रह गया...उसने पूजा से पूछा की वो कहाँ जा रही है पर उसने कुछ नही बताया...वो अजय के पास आकर लेट गयी और उसका लंड चूसने लगी...और उसे असली चुदाई के लिए तैयार करने लगी
वो बेचारा अभी ये सोच ही रहा था की आख़िर रिया कहाँ गयी की तभी दरवाजा खुला ..
उसे लगा की रिया वापिस आ गयी...
पर ये क्या...
ये तो उसकी सास थी...
यानी रिया उसके घर जाकर प्राची के पास रुक गयी थी और उसने अपनी मौसी यानी अजय की सास को वहां भेज दिया..
इसका मतलब ये उनका प्लान था...
और शायद इसलिए उसकी सास ने बड़े इत्मीनान से उसे अपने घर भेज दिया था...
क्योंकि कुछ ही देर में वो भी आने ही वाली थी...
सच में ...दोनो माँ -बेटियों ने मिलकर क्या प्लान बनाया था..
अजय की सास अंदर आई और अपनी बेटी को अजय का लंड चूसते देखकर वो सिहर उठी...
ये उसका पहला मौका था जब वो अपनी बेटी के होते हुए अजय के सामने थी...
पूजा अभी तक अजय का लंड चूसने में लगी हुई थी...
कुछ देर तक उन दोनो को देखते रहने के बाद रजनी ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए..
रजनी ने एक-२ करके अपने सारे कपड़े उतार दिए , और आखिर में अपनी ब्लेक कलर की शमीज भी उतार कर उसने अपने मदमस्त मुम्मे अपने दामाद और बेटी के सामने उजागर कर दिए
अजय तो अपनी सास की सख्त चूचियाँ देखता रह गया , ऐसी उम्र में भी कितनी केडी करके रखी थी उन्होंने अपनी चूचियाँ
और कुछ ही देर मे वो पूरी नंगी होकर खड़ी थी...
उस कमरे में जहाँ अजय था...उसकी छोटी बेटी थी...और वो खुद...और सब के सब नंगे...
आज बहुत भयंकर चुदाई होने वाली थी वहां पर..
और वो भी दोनों माँ-बेटी की
घर के दामाद अजय के द्वारा
भले ही अजय का लंड इस वक़्त पूजा चूस रही थी, पर उसका सारा ध्यान अपनी सास पर ही था...
आजतक वो उनके पुर भरे हुए शरीर को इतनी बारीकी से देख ही नही पाया था...आज देख पा रहा था...वो उपर से नीचे तक सेक्स की देवी लग रही थी...सास बन जाने के बाद भी उसका शरीर ऐसा था की अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जाए की वो अपनी बेटियों की माँ है या बहन..
अजय तो शुरू से ही उनके मोटे-2 मुम्मों का दीवाना था...आज एक बार फिर से उन्हे नंगा देखकर उसके हाथ मे खुजली होने लगी और उसकी उंगलियाँ उन मुम्मों को दबाने के लिए मचलने लगी..
उसकी सास भी अजय की नज़रों को अपनी छाती की तरफ देखते हुए समझ गयी की छोटे संतरों के सामने उसके तरबूज ही अजय को भा रहे हैं....इसलिए वो जान बूझकर अपने बूब्स को अपने हाथों में लेकर मसलने लगी...
अजय बेचारे का बुरा हाल हो गया, अब वो किसी भी कीमत पर उन्हे दबोच लेना चाहता था...
कुछ ही देर में रजनी उसके सामने आकर बैठ गयी...अपनी बेटी के बिल्कुल बगल में, वो भी अजय की टाँगो से अपनी बॉडी टच करके बैठी थी....अजय से सब्र तो पहले ही नही हो रहा था, उनके शरीर का करंट मिलते ही वो बेकाबू सा हो गया और उसने अपने हाथ आगे करके उन मोटे-2 मुम्मों को पकड़कर निचोड़ डाला..और अपना मुंह ऊपर करके उन मोटे -२ मम्मों को चूसने लगा
वो आनन्दमयी चीख के साथ कुलबुला उठी
''आआआआआआआआअहह....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... धीरे करो दामाद जी....... धीरे .....''
कितना अजीब लगता है ना,एक सास अपने दामाद को अपने मुम्मे धीरे चूसने के लिए कह रही थी...और वो भी अपनी नंगी बेटी के सामने...
पर अजय तो मानने वाले दिन पैदा ही नही हुआ था...
वो और जोरों से उनके मुम्मों को चूसने लगा...
उन्हे निचोड़ने लगा...
उनके निप्पल्स को अपनी उंगलियों के बीच दबाने लगा..
अजय के तगड़े हाथ अपने मुम्मों पर पाकर वो भी उछलने कूदने लगी... उसे सच में बहुत मज़ा आ रहा था..
रजनी पर उत्तेजना का नशा चड चुका था....वो अपनी बेटी के कान में फुसफुसाई
''चल,पीछे हट थोड़ी देर...मैं दिखाती हूँ इसे सासू माँ स्पेशल....''
वो तो ऐसा मानों इसलिए कह रही थी जैसे अपनी बेटी को कुछ नया सिखाने जा रही हो...और उसने सिखाया भी....आख़िर वो थी ही इतनी एक्सपीरिएंस वाली औरत...
अभी तक पूजा ने अजय के लंड को पकड़ कर उसे मुँह में लिया हुआ था और उसके सुपाड़े वाले हिस्से को जोरों से चूस रही थी...रजनी ने अजय के लंड को पकड़कर अपनी दोनों छातियों के बीच रख दिया, और उसके मोटे और लम्बे लंड के ऊपर अपने मुलायम हाथों का जादू बिखेरते हुए वो उसे सहलाने लगी, उसे पुचकारने लगी....... आखिर उसी लंड के पीछे ही तो वो इस तरह नंगी होकर वहां बैठी थी
फिर रजनी ने अजय के लंड के नीचे हाथ डालकर अपने अंगूठे और बाकी उंगलियों के बीच में बनाए पंजे के अंदर उसकी गोटियों और लंड की जड़ को एक साथ दबोच लिया...और ये उसने थोड़े सख़्त हाथों से भी किया...जिसके परिणामस्वरूप अजय अपनी सीट से उछल सा गया...अपनी सास के इस हमले के लिए वो तैयार नही था.
रजनी ने अपने पंजे में उसके लंड और बॉल्स को पकड़कर और बाहर की तरफ उभार दिया और अपनी जीभ से उन्हे चाटने लगी...
ऐसा लग रहा था जैसे वो अपनी जीभ से किसी तन्दुरी मुर्गे पर बटर लगा रही है...वो तंदूरी मुर्गा, यानी अजय का लंड उसकी लार में नहाकर बुरी तरह से चमक उठा...और साथ ही वो पहले से ज़्यादा कठोर और लंबा भी हो गया...
रजनी ने उस चमकीले लंड को अपने मुम्मे पर रगड़ा, उसके लंड के टोपे से अपने निप्पल्स को कुरेदा और ऐसा करते हुए वो अंदर तक कसमसा रही थी...
पूजा आँखे फाड़े अपनी माँ के इस कारनामे को देख रही थी...समझ रही थी...और सीख भी रही थी....
अभी तक जिस लंड चुसाई को वो इतना मामूली सा काम समझ कर करती आ रही थी उसे उसकी माँ ने कितना रोचक बना दिया था...
और औरत के किसी भी काम से अगर मर्द को मज़ा आए तो समझ लेना चाहिए की वो काम उसके साथ बार-2 करना चाहिए...
अगली बार के लिए पूजा अब ऐसी और भी सामग्री इकट्ठी करना चाहती थी..
इसलिए वो भी बड़े चाव से अपनी माँ की क्लास अटेंड करने बैठ गयी..
अजय के लंड को पूरा खड़ा करने के बाद रजनी ने उसे अपने बूब्स के अंदर फंसाया और एक जबरदस्त टिट फकिंग का मजा भी दिया
अब अजय का एक हाथ पूजा की ब्रेस्ट पर था और दूसरा अपनी सासू माँ की...पूजा अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर खुद ही चूत को मसल रही थी...
चुदाई का नशा पूरे कमरे में फ़ैल चूका था , गर्म साँसों से पूरा कमरा महक चुका था
आज की रात बहुत यादगार होने वाली थी
नीचे उसकी माँ अजय को टिट फकिंग का मजा दे रही थी, ऊपर अजय पूजा के मुम्मे चूसने में लगा था
अजय के लंड को अच्छी तरह अपनी नरम छातियों के बीच मसलने के बाद रजनी ने अपने सेक्सी होंठों को एक बार फिर से खोल और उसके लंड को निगल कर जोरों से चूसने लगी
रजनी ने बड़ी ही लगन से अजय की गोटियों को चूस-चूस्कर उन्हे कड़ा कर दिया...
और फिर उसके लंड के साथ भी ऐसा ही किया...
अब अजय का लंड एक रॉकेट की तरह ऊपर मुँह करके खड़ा था....वो अब दोनो में से किसी की भी चूत के अंतरिक्ष में जाने के लिए तैयार था..
अजय बेड पर लेट गया और दोनो हुस्न की परियों की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा...दोनो माँ बेटियों ने एक दूसरे की तरफ देखा और आँखो ही आँखो में पूजा ने अपनी माँ का मान रखते हुए उन्हे पहले चुदाई करवाने के लिए कहा...
और कोई मौका होता तो रजनी मना कर भी देती और अपनी बेटी को आगे कर देती, पर इस उम्र में जब चूत में आग लगती है तो किसी भी बात की तमीज़ नही रहती, इसलिए वो बदतमीज़ सी होकर आगे बड़ी और एक ही झटके में अपनी टांगे उसके उपर घुमा कर अजय के लौड़े पर चढ़ गयी....अजय को ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई भाप वाला इंजन उसके लंड के करीब आकर रुक गया है...
और फिर रजनी ने अपनी कददू जैसी मोटी गांड को हवा में उठाया और उसके खड़े हुए लंड के उपर अपनी चूत को लगाकर सीटियां मारती हुई उसके लंड पर फिसलती चली गयी..
''आआआआआआआअहह ....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स........ आआआआआआआआआ आआहह मेरे राजा ..........चोद मुझे ''
अपनी माँ के मुँह से एक बाजारू औरत जैसी भाषा सुनकर पूजा भी मुस्कुरा दी... शायद उनके ऊपर चढ़ी चुदासी को वो भी एन्जॉय कर रही थी
वैसे भी एक माँ को चुदते देखने का सोभाग्य हर बेटी की किस्मत में नही होता....
पूजा इस खेल को बहुत ज़्यादा एंजाय कर रही थी....उसने देखा की अजय का लंड कैसे भाले की तरह उसकी माँ की चूत में घुस गया है...और अंदर जाकर जैसे वो अटक ही गया...
लेकिन वो भला क्या जानती थी की वो अटका नही था, बल्कि उसकी माँ अपने जमाई राजा के लंड को अंदर तक लेने के बाद उसे अच्छी तरह अपनी चूत की दीवारों पर मसल रही थी...
उसके सुपाड़े से अपनी चूत के दाने की मालिश करवा रही थी...
और ऐसा करते हुए रजनी की आँखे बंद थी...
अजय का भी यही हाल था...वो अपनी आँखे बंद किए अपनी सास के तरबूज जैसे मुम्मों को जोरों से मसल रहा था...
उनके निप्पल्स को अपनी उंगलियों से कटोच कर बाहर निकाल रहा था और उन्हे और भी ज़्यादा सूजा रहा था...
धीरे-2 रजनी की गांड ने थिरकना शुरू कर दिया...
जैसे स्टेशन से गाड़ी निकलती है और धीरे-2 रफ़्तार पकड़ती है, ठीक वैसे ही रजनी की 'गरमचूत एक्सप्रेस' ने जब स्टेशन छोड़ा तो अजय के चिकने लंड की पटरी पर ऐसे दौड़ना शुरू किया जैसे अब ये ट्रेन रुकेगी ही नही...ब्रेक ही फैल ही गये साली की ट्रेन के...दे दना दन बस भागी चली जा रही थी उसकी 'गरमचूत एक्सप्रेस' ..
अजय की आँखे खुली और उसने पूजा की तरफ देखा...वो अपनी छोटी छातियों को खुद ही मसल कर अपनी माँ की ये गरमा गरम चुदाई देख रही थी..अजय ने उसे भी बेड पर आने का न्योता दिया...वो किसी हिरनी की तरह उछल कर उपर जा चढ़ी ...अजय ने उसे अपने चेहरे पर बैठने को कहा...पूजा को भला क्या प्राब्लम हो सकती थी...वो अपनी माँ की तरफ मुँह करके उसके चेहरे पर बैठ गयी...और अजय की पेनी और गर्म जीभ सीधा उसकी चूत के अंदर घुस गयी...और जैसी सिसकारी कुछ देर पहले उसकी माँ ने मारी थी, ठीक वैसी ही पूजा ने भी मार डाली...
''ओह फक ........................... म्*म्म्मममममममम जीजूजूउssssssss....... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... सककककककक मिईीईईईई''
उसका कहने का तरीका इतना सैक्सी था की ऐसा लग रहा था मानो लंड उसकी माँ की चूत में नही बल्कि उसकी चूत में है...पर ताजा चुदी लड़की के लिए एक ठरकी की जीभ भी किसी लंड से कम नही होती...वो उसे ही लंड मानकर और अंदर लेकर खुशी से उछल कूद मचा रही थी...
अजय का अब बुरा हाल होने लगा था...
नीचे वाले हिस्से में उसकी सास और उपर उसके मुँह पर उसकी साली उछल रही थी...
दोनो ने उसके शरीर को खेल का मैदान बना रखा था...
भले ही अजय को मज़ा आ रहा था पर उसके शरीर को मिल रहे झटकों ने सारे पेच हिला डाले थे उसके...
पर फिर भी वो अच्छे बच्चे की तरह, अपनी सास और साली की सेवा करने में लगा रहा...
रजनी के उछलने की गति बता रही थी की वो झड़ने के बहुत करीब है
और वो जब झड़ी तो ऐसा लगा जैसे कमरे में कोई ज़लज़ला आ गया है...
वो ज़ोर-2 से चिल्लाती हुई....., अपने दामाद के उपर कूदते हुए....., झड़ने लगी.
''आआआआआआआआआआआअहह उूुुुउउफफफ्फ़ .... .मैं तो गयी रे ................. अहह मजा आआआआअ गय्आआआआआआ ...... ओह ........ उम्म्म्ममममममममममममम.....''
पूजा भी अपनी माँ को इतने करीब से झड़ते देखकर मुस्कुरा दी और उसने अपनी माँ के होंठों पर होंठ लगा कर एक गहरी स्मूच कर दी...वो उसने इसलिए भी किया क्योंकि वो हद से ज़्यादा चिल्ला रही थी...
उसे डर था की उनकी आवाज़ कहीं बाहर ना चली जाए..
पर वो आवाज़ शायद बाहर जा चुकी थी...
क्योंकि अगले ही पल कमरे का दरवाजा खुला और अजय का ससुर अंदर आ गया...
सबसे पहले दरवाजा खुलते हुए पूजा ने देखा और अपने पापा को देखते ही उसकी फट्ट कर हाथ में आ गयी...
वो तुरंत बेड के दूसरी तरफ कूद गयी और बेड पर पड़ी चादर से अपने आप को धक कर उसके अंदर छुप गयी...
और फिर अजय की नज़र अपने ससुर पर पड़ी.... और उनके गुस्से से तमतमाए चेहरे को देखकर उसका खड़ा हुआ लंड सिकुड कर सूखे करेले जैसा रह गया...
पर रजनी तो अभी तक ऑर्गॅज़म के नशे में उसके लंड पर कूद रही थी.... सिसकारी मार रही थी...
इस बात से अंजान की उसके पीछे उसका पति खड़ा है....जिसने अपनी बीबी को अपने ही दामाद से चुदते हुए रंगे हाथो पकड़ लिया है...
अजय तो समझ ही नही पा रहा था की उपर वाला उससे किस जन्म का बदला ले रहा है...
इस एंगल के बारे में तो उसने सोचा भी नही था... अभी तक उसने सिर्फ ये मन्नत मांगी थी की उसकी बीबी प्राची को उसके ठरकिपन और चुदाई के किस्सों के बारे में पता ना चले पर अपने ससुर के बारे में तो उसने सपने में भी सोचा नहीं था
अब उसका क्या होगा ये तो उपर वाला ही जानता था.
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