FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
मत डालो प्लीज मत डालो
हैल्लो दोस्तों, यह
मेरी फन-मजा-मस्ती पर पहली कहानी
है। मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 25 साल
है लम्बाई 5.10 गठीला शरीर है।
दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि मेरी यह
कहानी आप सभी को जरुर अच्छी लगेगी
और अब में सीधा अपनी आज की एक सच्ची
कहानी पर आता हूँ। दोस्तों यह घटना तब
की है जब में रायपुर में रहता था और में
वहां पर अकेला ही एक कमरे में
किराए से रहता था क्योंकि में उस समय
अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए
दूसरे शहर से आया था और उसी घर में एक
फेमिली भी रहती थी जो ग्वेलियार से
आई थी। उस फॅमिली में चार लोग थे। श्याम
जिनकी उम्र 35 साल, उनकी पत्नी
स्वाती जिनकी उम्र 30 साल, उनकी
एक बेटी रानू 12 साल और एक बेटा नितेश
जिसकी उम्र 10 साल
थी। श्याम कहीं बाहर नौकरी किया करते थे इसलिए वो घर पर दो
तीन महीने में एक बार आता था और रानू से मेरी बहुत अच्छी जमने लगी थी और वो अक्सर मुझसे गणित के सवाल पूछा करती थी और फिर धीरे धीरे
स्वाती भाभी भी मुझसे घुल मिल गयी थी। दोस्तों उनका क्या मस्त सेक्सी फिगर
था। उनका साईज 36-32-38 था दूध की तरह उनका एकदम गोरा रंग, लम्बाई
करीब 5.4 थी, लेकिन मैंने पहले कभी भी उनको कोई ग़लत नज़र से नहीं देखा।
फिर समय ऐसे
ही बीतता गया और फिर 6 महीने हो गये। हम अक्सर साथ बाहर घूमने, फिल्म देखने, शॉपिंग के लिए जाया करते थे और रास्ते में मेरी कई बार बाहर के लोगों से बहस भी हो जाया करती थी क्योंकि वो लोग भाभी को घूरते
हुये उनको गंदी गंदी नजरों से देखते थे और उनके लिए गंदी गंदी बातें करते
जैसे क्या कि वाह क्या गांड है यार क्या एक बार चोदने? लगता
है कि पकड़कर चोद दूँ और साली की चूत फाड़ दूँ। तो हम रोज़ रात
को खाने के बाद इधर उधर की बातें
किया करते थे और वो मुझे अपनी समस्या
बताती थी। जैसे कि उन्होंने मुझे एक
दिन बताया कि उनके पति ने कोई दूसरी
लड़की पटा रखी है इसलिए वो अक्सर घर पर
कम ही आते है और वो सिर्फ़ पैसे भिजवा
देते है और सिर्फ़ पैसे से तो सब
कुछ नहीं होता उसके आलावा भी मुझे कुछ
और की कभी जरूरत होती होगी ना? दोस्तों शायद वो मुझे उस समय ग्रीन
सिग्नल देती, लेकिन मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं
था। एक दिन की बात है और में उनके रूम में उनके बच्चो से मिलने गया तो मैंने देखा कि वहां पर कोई नहीं था और उनके दोनों बच्चे
कहीं बाहर खेलने गए हुए थे। मैंने आवाज़ लगाई और अंदर वाले रूम की तरफ चला गया।
तभी मेरे तो एकदम से होश उड़ गये।,
मुझे ऐसा लगा कि जैसे में किसी दूसरी
दुनिया में हूँ और में जैसे कोई खुली आखों से सपना देख रहा हूँ क्योंकि
भाभी ठीक मेरे सामने पूरी तरह नंगी खड़ी हुई थी और उनके बदन पर कोई भी कपड़ा
नहीं था शायद वो अभी अभी बाथरूम से नहाकर बाहर आई थी और अपने पूरे मस्त गोरे
शरीर पर लोशन लगा रही थी और फिर जैसे ही मैंने उनको देखा तो हम दोनों
की नज़रे एक दूसरे से मिल गई और कुछ पल के लिए हम एक दूसरे को देखते रहे
जैसे कि वो वक़्त वहीं पर रुक सा गया हो। फिर भाभी अपने टावल से अपने मस्त
गोल बूब्स को मुझसे छुपाती हुई मुझसे हड़बड़ाकर बोली कि राज तुम यहाँ पर
कैसे? तो में
उनसे सॉरी बोलते बोलते वहाँ से बाहर
निकल गया,
लेकिन दोस्तों अब उनको इस तरस
से अचानक देखने पर मेरे मन में भाभी के लिए कुछ और ही था। में शाम तक अपने रूम में बैठकर सिर्फ़ उनके बूब्स जिसके निप्पल स्ट्रॉबरी
की तरह हल्के गुलाबी रंग के थे। उनकी तड़पती हुई चूत के होंठ किसी गुलाब की
पंखड़ियों की तरह कोमल थी और में अब उसी के बारे में
सोचता रहा कि आखिर कैसे में उस बदन
को अपनी बाहों में भरकर उनके बूब्स को
चूसता रहूँ और चूत को चूमता रहूँ? यह सब
सोचते सोचते मुझे करीब शाम के 7 बज गये थे। तभी भाभी मेरे रूम पर आई और मेरा मन तो कर रहा था कि उन्हे यहीं पर पटककर पूरा नंगा कर दूँ
और उनकी ब्रा, पेंटी को फाड़ दूँ और इतना चोदूं इतना चोदूं कि उनकी आज चूत ही
फट जाए और उनकी गांड,
चूत,
मुहं सबको इतना जमकर चोदूं कि वो चुदते
चुदते बैहोश हो जाए, लेकिन में अब सिर्फ दिखावे के लिए उनके सामने अपना सर झुकाकर
खड़ा हुआ था। तो भाभी मुझसे बोली कि राज जो सब कुछ आज हुआ है तुम
उसे भूल जाओ ऐसा कभी कभी गलती से हो जाता है और फिर वैसे भी यह बात तो
सिर्फ हम दोनों के बीच में ही है। मुझे उनके मुहं से यह बात सुनकर लगा कि वो
शायद मुझे सिग्नल दे रही और मेरा लंड एकदम से तनकर लंबा हो गया और में अब
मौका देखकर उनसे बात करते करते उनके बहुत पास गया और मैंने उन्हे ज़ोर से
अपनी बाहों में जकड़ लिया और उनके गुलाबी रस भरे होंठो को चूमने लगा, लेकिन
तभी इतने में वो मुझे अपने से दूर करके बोली कि राज यह सब करना बहुत
ग़लत है और फिर वो वहां से चली गई। दोस्तों ये कहानी आप फन-मजा-मस्ती पर पड़ रहे
है।
दोस्तों अब
तो में प्लान करने लगा कि कैसे में उन्हे चोद सकता हूँ और फिर दो महीने बीतने के बाद सब कुछ पहले जैसा हो गया था। एक रात को में उनके
घर पर बैठा हुआ था कि तभी वो मेरे पास कोल्डड्रिंक लेकर आई और अब हम चारों
कोल्डड्रिंक पीने लगे, तभी भाभी उठकर किचन की तरफ पकोड़े लेने
चली गई। फिर मैंने उनकी कोल्डड्रिंक में छुपकर थोड़ी सी विस्की
मिला दी और वो वापस आकर उसे पीने
लगी,
लेकिन ना जाने क्यों उन्होंने उसे फिर
से नीचे रख दिया। में अब बहुत
डर गया और मन ही मन सोचने लगा कि शायद
भाभी ने उसे सूंघकर नीचे रख दिया है
और वो अब सब कुछ समझ चुकी है। तभी कुछ
देर के बाद दोनों बच्चे अपने रूम में
जाकर सो गए और भाभी ने अब अपना
कोल्डड्रिंक उठाया और एक सीप लिया। फिर
भाभी को लगा कि जैसे उसमे कुछ मिला है
और वो मुझसे कहने लगी कि इसका स्वाद
कुछ कुछ कड़वा है, लेकिन
मैंने उन्हे समझाया कि वो आपको इन पकोड़ो की वजह से ऐसा
लग रहा है और वो अब पूरी कोल्डड्रिंक पी गयी और उन्हे कुछ देर बाद हल्का सा नशा हो गया। और में उन्हे एलबम दिखाने के बहाने से
अपने रूम में ले गया। उनकी चाल में अब कुछ लड़खपन था।
फिर हम दोनों एलबम देखने लगे। फिर हमने वो विस्की वाली ड्रिंक पी, लेकिन
इस बार विस्की कुछ ज्यादा
थी। एक बार पहले पीने की वजह से उन्हे
अब पता नहीं चला और वो थोड़ी नशे में
थी। फिर मैंने उनको बिस्तर पर लेटा दिया
और वो मुझसे बोली कि राज तुम यह
क्या कर रहे हो? तो
मैंने कहा कि चुपकर साली, में आज अभी तुझे चोदने वाला और
फिर में उनके ऊपर बैठ गया और दोनों बूब्स को कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगा। दोस्तों वाह क्या मस्त मुलायम बूब्स थे। मुझे तो उन्हे
दबाने पर ऐसा लग रहा था कि जैसे वो कोई हवा का गुब्बारा था। उसने मुझे अपने
से दूर करने की ना काम कोशिश की लेकिन वो नशे में थी इसलिए कोई ज्यादा
फायदा नहीं हुआ और अब में कुत्ते की तरह उसके होंठ चाटने लगा और गाउन को
उतारने की कोशिश करने लगा, लेकिन नहीं उतार पाया तो मैंने उसे फाड़
दिया और फिर उसके ऊपर लेट गया और चूमने लगा उधर भाभी मुझे
गाली दे रही थी कि कुत्ते कमीने मुझे
छोड़ दे,
में तेरी भाभी हूँ मदारचोद, तू
मेरे साथ ऐसा मत कर हरामी, मेरी जिंदगी बर्बाद मत कर भोसड़ीवाले छोड़ दे
मुझे और अब ज़ोर ज़ोर से रोने लगी, लेकिन तब तक मैंने अपना लोवर उतार दिया
और मेरा लंड उसके मुहं में डालकर
उनके मुहं को चोदने लगा जिसकी वजह से
उनकी आवाज बिल्कुल बाहर आनी बंद हो गई
और फिर मैंने कहा कि ले कुतिया ले तू अब
मेरा लंड खा और अब तू कैसे मुझे
गाली देती है? में
देखता हूँ। फिर मैंने कुछ देर बाद लंड को बाहर निकालकर उसे
उल्टा लेटा दिया और ब्रा का हुक खोलकर पेंटी को नीचे खींचकर उसकी मस्त गांड को दबाने लगा वाह क्या मस्त गांड थी बिल्कुल चिकनी और नरम
जिसे छूकर मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में हवा में बादलों से खेल रहा हूँ
और फिर में उसके दोनों पैरों को फैलाकर पीछे से उनकी उभरी हुई, फूली
हुई चूत को चाट रहा था और चूस रहा था,
लेकिन जैसे ही मैंने चाटना शुरू किया तो
मैंने देखा कि अब उनकी गालियाँ सिसकियों में बदल गई थी और वो अब ज़ोर ज़ोर
से सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्ह्हह्ह आईईईई और ज़ोर से और हाँ उफ्फ्फफ्फ्फ़ राज
मुझे बहुत अच्छा लग रहा अह्ह्ह्हह वाह बहुत मस्त है उम्म्म्म तभी उसने
अचानक से पलटकर मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली कि राज यह क्या है इतना लंबा और
मोटा लंड? ऐसा तो मैंने आज तक नहीं देखा है में तो मर जाउंगी इसे अंदर
लेकर तो आज मेरी चूत फट जाएगी और राज प्लीज तुम इसे अंदर मत डालना प्लीज
यह मेरे लिए बिल्कुल भी नहीं है।
में : तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मेरी
जान तुम्हे कुछ नहीं होगा और मेरे साथ बस तुम्हे तो मज़ा ही मज़ा आएगा।
भाभी : नहीं राज, मेरी
फट जाएगी। मेरी चूत बहुत छोटी है वो पूरी फट जाएगी और मुझे बहुत दर्द होगा।
फिर में
उठा और किचन से थोड़ा तेल लेकर आ गया। मैंने थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाया और इधर में उनके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर लंड को अब
धीरे धीरे चूत के अंदर डालना शुरू किया और उधर उनका चीखना चिल्लाना शुरू हो
गया। शायद वो बहुत दिनों से चुदवा नहीं रही थी इसलिए उनको दर्द और ज्यादा हो
रहा था, जैसे जैसे में दबाव बनाकर लंड को अंदर डालता तो उनकी सांसे रुक
सी जाती और वो अपनी कमर को पूरा उठाकर एक जगह स्थिर हो जाती।
भाभी : प्लीज राज अब और अंदर मत डालो
उह्ह्ह्हह्ह मत डालो प्लीज मत डालो अईईईईइ में उईईईईई मर गई।
इधर मेरा
लंड अब तक पूरा अंदर घुस चुका था और भाभी की आखों से आंसू बाहर निकल गए उन्होंने मुझे बहुत कसकर पकड़ा हुआ था, लेकिन
दस मिनट बाद मैंने लंड को
धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया और
तब तक भाभी का दर्द भी थोड़ा सा ठीक
हो गया था और अब वो भी मेरे साथ अपनी
चुदाई के मज़े लेने लगी और मुझसे कहने
लगी हाँ राज और ज़ोर से चोदो हाँ और चोदो, आज
महीनो बाद मेरी चूत ने किसी
के लंड का स्वाद चखा है
उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह आज तुम अपने लंड को मेरी चूत में पूरा
अंदर घुसा दो आईईईईइईई चोदो मुझे और जमकर चोदो मुझे अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह।
दोस्तों फिर में करीब 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद उनकी
चूत के झड़ गया और वो भी इस बीच एक बार झड़ चुकी थी। फिर वो अपने फटे गाउन के साथ कल एक बार फिर से मुझसे चुदवाने का वादा करके अपने
रूम में चली गयी और अब में उनको वैसे ही पड़ा पड़ा पूरी रात सोचता रहा और
मुझे पता नहीं कब नींद आ गई ।।
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
No comments:
Post a Comment