FUN-MAZA-MASTI
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दीदी को चोदने का प्लान
हैल्लो दोस्तों, मेरा
नाम मुकेश है और में दिल्ली में रहता हूँ। दोस्तों में आज आप
सभी को अपनी एक सच्ची चुदाई की
घटना सुनाने जा रहा हूँ जिसमे मैंने
अपनी दीदी को चोदकर अपने मन के साथ साथ
अपनी दीदी के दिल को भी खुश किया। में
आज उसी घटना को आप सभी के सामने
फन-मजा-मस्ती पर लेकर आया हूँ। में अब
उस घटना को थोड़ा विस्तार से
सुनाता हूँ जो मेरे साथ कुछ समय पहले
घटित हुई। दोस्तों मेरे घर में मेरी
मम्मी,
पापा,
तीन भाई और दो बहनें है। मेरी दीदी सबसे
बड़ी है और एक बहन सबसे छोटी है। दोस्तो मेरी दीदी की उम्र करीब 40 साल
है और मेरी उम्र 28 की है। मेरी दीदी की शादी हुए 14 साल
हो गये है और उनके एक बेटा और एक बेटी
है। मेरी दीदी का फिगर आज भी बहुत हॉट, सेक्सी
है और हर किसी को अपनी तरफ
आकर्षित करने वाला है। वो साँवली है, लेकिन
चेहरे पर बहुत सेक्स है। दोस्तों जब में कुछ समझदार हुआ तो मुझे
पता चल चुका था कि मेरी दीदी सेक्स
की बहुत भूखी है और उसके कई लोगों से
गलत संबंध है, लेकिन मैंने कभी इस बात
की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मेरे
जीजाजी सरकारी नौकर है और वो बहुत
शराब पीते है और हमेशा देर रात तक शराब
के नशे में घर पर आते है और दीदी से
झगड़ा भी बहुत करते है। कई लोगों से
उधार लेने के कारण सैलेरी वाले दिन ही
उनकी सारी सैलेरी उधार चुकाने में चली
जाती है जिसके कारण मकान का किराया
देने से लेकर राशन तक की समस्याए सामने
खड़ी होती है। दोस्तों में अक्सर
अपनी दीदी की पैसे से मदद किया करता था
और लगातार उनके घर पर आता जाता था,
लेकिन कभी भी मेरे मन में उनके प्रति
कोई भी ग़लत ख़याल नहीं आए।
एक दिन
में दोपहर के समय उनके घर पर गया तो मैंने देखा कि दीदी कपड़े धो रही थी और नीचे बैठे हुए उन्होंने अपना पेटीकोट घुटनो तक किया हुआ था
जो कि घुटनो के बीच फँसा हुआ था और जिसकी वजह से मुझे उनकी नंगी पिंडलिया
दिखाई दे रही थी। अब में चुपचाप टीवी चलाकर सोफे पर बैठ गया और फिर थोड़ी
देर बाद कपड़े घोते धोते दीदी ने अपनी पोज़िशन चेंज की तो उनका वो पेटिकोट
उनकी जांघों से हट गया जिसकी वजह से उसका निचला हिस्सा फ्री हो गया और दीदी की
जांघे पिंडालियों तक नज़र आने लगी। वाह दीदी की क्या केले के पेड़
जैसी जांघें थी साँवली और एकदम चिकनी। दीदी वैसे ही अपने काम पर लगी रही, लेकिन
मेरी नज़र वहाँ से हट ही नहीं रही थी। मेरा लंड उन्हें देखकर एकदम से
तनकर खड़ा हो गया था और अब मेरा शरीर भी गरम होने लगा। में अब टीवी ना देखकर
दीदी की मस्त जांघों के दर्शन करने लगा और बहुत देर तक में ऐसे ही वो नज़ारा
देखते हुए अपने लंड को सहलाता रहा और फिर बाथरूम में जाकर दीदी की चुदाई
के सपने देखते हुए मुठ मारकर झड़ गया और अब उसके बाद दीदी के प्रति मेरा
उन्हें देखने का नज़रिया एकदम से बदल सा गया। में उनको चोदने का प्लान
बनाने लगा। उसके 5-6 दिन बाद में फिर से दीदी के घर पर गया तो दीदी उस समय नहाकर बाथरूम से बाहर आ रही थी और शीशे के सामने खड़ी होकर अपने बाल
सुखा रही थी। मैंने किचन में जाने के बहाने से अपने लंड को दीदी की गांड से
रगड़ दिया तो दीदी को झट से इस बात एहसास हो गया और उसने घूरकर मेरी तरफ
देखा, लेकिन में
ऐसे खड़ा रहा कि जैसे कोई खास बात नहीं
थी और थोड़ी देर बाद जब दीदी ने चाय
बनाई तो में अब जानबूझ कर उनके सामने
अपने लंड को रगड़ने लगा।
उन्होंने मुझ
ऐसा करते हुए देख लिया और फिर उन्होंने
अपना मुहं मेरी तरफ से फेरकर वो
टीवी देखने लगी। अब में थोड़ा चकित हो
गया, लेकिन थोड़ी देर बाद मेरे सब्र का
बाँध एकदम से टूट गया और मैंने खड़ा होकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और दीदी के सामने ही मुठ मारने लगा। तो दीदी ने यह सब देखा तो वो
बहुत गुस्से से उठी और उन्होंने मेरे मुहं पर एक जोरदार थप्पड़ मार दिया।
में डर गया और चुपचाप वहाँ से चला गया। अब इसके बाद लगभग एक महीने तक ना
में दीदी के घर पर गया और ना ही दीदी ने मुझे फोन किया, लेकिन
दीदी ने इस बात का किसी से जिक्र भी नहीं किया। एक महीने बाद
दीदी का मेरे नंबर पर फोन आया क्योंकि
उनको कुछ पैसों की ज़रूरत थी, दरअसल
एक महीने से मैंने भी उनकी बिल्कुल
मदद नहीं की थी, जिस
कारण उनकी आर्थिक हालत और भी खराब हो गई थी और इसलिए दीदी
ने मुझसे आग्रह किया कि उसे कुछ पैसों की ज़रूरत है और उसका मकान मालिक बहुत ज़्यादा परेशान कर रहा था और उसे भला बुरा बोल रहा
था। दोस्तों ये कहानी आप फन-मजा-मस्ती पर पड़ रहे है।
में दीदी के घर पर गया और मैंने दीदी को 4500
रूपये दिए ताकि वो अपने मकान मालिक को
किराया चुका सके और जब मैंने दीदी को पैसे दिए तो वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और
मुझसे कहने लगी कि बच्चों की स्कूल की फीस भी पिछले दो महीने से नहीं गई
है और अब हर रोज़ उनके स्कूल में बच्चों को इस बात की सजा मिलती है।
दोस्तों मैंने उस समय उनसे कुछ भी नहीं कहा,
लेकिन मैंने मन ही मन में सोच लिया कि
अगर आज दीदी मुझसे चुदवाने को तैयार होगी तो ही में उनको और पैसे
दूंगा। में उनसे बिना कुछ वादा किए वहाँ से चला गया। एक घंटे के बाद दीदी का
स्कूल फीस के लिए फिर से फोन आया। अब मैंने उससे साफ मना करके कह दिया कि
में सिर्फ एक शर्त में ही पैसे दूँगा अगर मुझसे चूत मरवाएगी? तो
दीदी गिड़गिड़ाने लगी और कहने लगी कि यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं
है और फिर वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी।
मैंने उससे कहा कि अगर तुम मेरी बात
मनोगी तो में तुम्हारा पूरा ध्यान
रखूँगा वर्ना में अब कभी तुम्हारी मदद
नहीं करूँगा और मैंने कहा कि में
वहीं पर आकर बात करता हूँ और मैंने फोन
काट दिया।
फिर में करीब एक घंटे
के बाद दीदी के पास पहुंच गया। दीदी मुझे बहुत प्यार से मनाने लगी, लेकिन
में उनकी एक भी बात नहीं सुन रहा था। मैंने सीधे उनके बूब्स पर हाथ रख दिया। दीदी ने ज़ोर से मेरा हाथ झटक दिया और फिर में वहां से
जाने लगा। दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और रोने लगी। वो मुझसे कहने लगी कि
प्लीज़ तुम मेरी मदद कर दो में तुम्हारा यह अहसान पूरी जिन्दगी नहीं भूल
सकती हूँ, प्लीज मेरा यह छोटा सा काम कर दो। मैंने उससे कहा कि जब तुम
मेरा काम नहीं कर सकती तो में क्यों तुम्हारा कोई भी काम करूँ? दीदी
अब बिल्कुल चुप हो गई और मैंने फिर उसके बूब्स पकड़ लिए, लेकिन
इस बार वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली
और में उनके बूब्स को धीरे धीरे मसलता, दबाता
रहा। फिर मैंने जल्दी से अपना लंड पेंट से बाहर निकालकर उनके हाथ
में दे दिया। वो बस उसे पकड़कर
चुपचाप खड़ी रही और फिर मैंने दीदी का
ब्लाउज उतारा और बूब्स को दबाने लगा।
मेरा लंड पूरा बड़ा हो चुका था और में
अब उत्तेजना से काँप रहा था, लेकिन दीदी
वैसे ही खड़ी रही और फिर मैंने ज़बरदस्ती दीदी को किस करना शुरू किया। उसने मेरा बिल्कुल भी विरोध नहीं किया और फिर मैंने उसे अपना
लंड मुहं में लेने को कहा तो वो रोते हुए मेरे लंड को चूसने लगी। अब थोड़ी
देर लंड चुसवाने के बाद में उन्हे लेकर बेड पर आ गया और मैंने उनको
पूरा नंगा कर दिया और उनके बूब्स को चूसने लगा। तब तक भी दीदी ने मेरा कोई
साथ नहीं दिया क्योंकि उन्हे बहुत अजीब सा लग रहा था। फिर में उनकी चूत पर
मुहं रखकर उनकी चूत को चाटने लगा और बहुत देर तक चूत चाटने के बाद उनके
शरीर में थोड़ी थोड़ी ऐठन होने लगी थी फिर अचानक उन्होंने मेरा सर पकड़कर
अपनी चूत में दबाना शुरू कर दिया और गालियाँ देते हुए बड़बड़ाने लगी कि
साले, बहनचोद, अपनी बहन को रंडी बनाकर चोद रहा है। तुझे आख़िर अपनी बहन की
चूत में ऐसा क्या दिखा भड़वे और अब वो अपनी चूत को उछाल उछालकर मेरे मुहं
में रगड़ने लगी। अब उसका भी चुदाई का मूड बन गया था और वो मुझसे ज़ोर ज़ोर से
कहने लगी कि चाट हाँ चाट मदारचोद,
गांडू अपनी बहन की चूत चाट, तेरी
बहन आज से तेरा बिल्कुल भी एहसान नहीं लेगी और तेरे पैसे के बदले तुझे अपनी
प्यारी चूत देगी, बहनचोद अहह ज़ोर से कर भड़वे,
तेरे लंड में जान नहीं है क्या?
दोस्तों थोड़ी
देर चूत चाटने के बाद मैंने अपनी दीदी को मेरे मुहं में पेशाब करने को कहा और फिर हम दोनों उठकर बाथरूम में चले गये और दीदी ने
मेरे मुहं में अपनी चूत को रखकर मेरे मुहं पर मूत दिया में वो सारा पेशाब पी
गया। फिर दीदी जो कि तब तक खुद भी पूरे जोश में आ गयी थी वो मुझे कह रही
थी कि अबे बहन के लोड़े तू अपनी बहन का मूत भी पी गया, तूने
मेरी चूत भी चाट ली साले, मादरचोद, गांडू,
अब तू मेरी चुदाई कब करेगा? दोस्तों
उनके मुहं से यह बात सुनते ही मुझे जोश आ गया और मैंने
उन्हें सीधा लेटाकर अपने लंड को दीदी की
चूत में डाला और फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के
मारने लगा और अब दीदी चीखने, चिल्लाने लगी अहह मेरे यार अह्ह्ह्हह्ह
हाँ मेरे भाई चोद अपनी बहन को, मुझे बहुत
मज़ा आ रहा है, डाल दे अपना लंड मेरी बच्चेदानी तक अहहह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ ऊईईईईई ईई और चोद बहनचोद, साले
भोसड़ी के जल्दी जल्दी चोद,
मेरी चूत में आग लग रही है। दोस्तों अब
दीदी की यह बातें सुनकर मेरा
जोश और भी बड़ने लगा था और मैंने अपने
धक्के तेज कर दिए। तभी अचानक मेरी
दीदी ने मुझे जकड़ लिया और फिर धीरे धीरे
वो बिल्कुल शांत हो गई और मैंने भी
वीर्य छोड़ दिया और थोड़ी देर हम ऐसे ही
नंगे एक दूसरे की बाहों में पड़े
रहे। फिर मैंने दीदी को 8000 रूपये
दिए और कहा कि आगे से सारा खर्च में
उठाऊँगा। तो दीदी ने कहा कि मुझे पता
नहीं था कि अपने भाई से चुदवाने में
इतना मज़ा आता है वर्ना में तो इससे
पहले भी तुमसे कई बार चुदवा लेती और
साथ मुझे पैसे भी मिलते।
दोस्तों उसके बाद हमने एक बार फिर से
बहुत देर तक चुदाई की। इस बार दीदी ने आगे बढ़कर मेरा साथ दिया और
अपनी गांड को उठा उठाकर मुझसे चुदवाया क्योंकि इस बार उसे कोई दुख नहीं था
और वो बहुत खुश थी और फिर दोस्तों में इसके बाद में लगभग दीदी को रोज़
चोदता हूँ। इस समय मेरी दीदी गर्भवती है और वो बच्चा मेरा ही है। दोस्तों
दीदी हमेशा मुझसे मजाक में कहती भी है कि यह होने वाला बच्चा तुझे मामा
कहेगा या फिर पापा? दोस्तों यह थी मेरी अपनी दीदी के साथ चुदाई की घटना जिसमे
मैंने उनको चोदकर उनके सेक्सी जिस्म के बहुत मज़े लिए और उन्हें पैसे और
अपना लंड देकर खुश किया ।।
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