Saturday, May 7, 2016

FUN-MAZA-MASTI बहकती बहू--50

FUN-MAZA-MASTI


बहकती बहू--50

मामा और सन्नी एक बार फिर कामया को वासना और कामुकता की नई उँचाइयों मे ले जाने लगे !कामया का जिस्म फिर से दहकने लगा उसके अंदर फिर से उबाल आने लगा शायद फिर से बाँध भर चुका था जो टूटना चाहता था ! वो सोच रही थी मैं फिर से आने वाली हूँ जबकि ये दोनो का ज्वालामुखी अभी तक फटा नहीं है जब इनका लावा निकल कर हमारे अंदर भरेगा तो पता नहीं हम उस मस्ती को संभाल पाएँगे क़ि नहीं !
अब आगे - - -- - - - - -
एक राउंड होने के बाद तीनो आराम कर रहे थे ! हमेशा की भाँति कामया अपने दोनो प्रेमियों के बीच मे लेटी हुई हुई थी ! मामा और सन्नी दोनो फिर से ताक़त इकट्ठी कर रहे थे मगर उनके हाथ लगातार अपनी माशूका के कामुक अंगों का मर्दन कर रहे थे ! तभी मामा बोला
मामा - - सन्नी तू बोतल लाया था ना ?
सन्नी - - हाँ पापा ! बोतल भी है और कोल्ड ड्रिंक नमकीन भी है !
मामा - - अबे तो निकाल बोतल ! अपनी दीदी को नहीं पिलाएगा !
सन्नी - - पापा दीदी कहाँ पीती होंगी ?
कामया - - - हाँ हाँ मैं दारू नहीं पीती !
मामा - - अरे ऐसा कहीं हो सकता ही क्या क़ि तुमने कभी दारू ना पी हो ! मामा ने कामया की तरफ अर्थपूर्ण नज़रों से देखकर कहा ! कामया ने सोचा क़ि कहीं मामा उस दिन की बात ना उगल दे जब उन्होने उसे दारू पीला कर उसकी गाँड़ का उधघाटन किया था ! वो सहम गई वो ये जानकारी सन्नी के सामने उजागर नहीं करना चाहती थी ! तभी सन्नी बोला
सन्नी - - हाँ पापा दीदी नहीं पीती ! हमने हनी मून मे भी ट्राइ किया था मगर दीदी ने नहीं लिया !
मामा - - तुम्हारे ट्राइ करने से क्या होता है मैं नहीं मान सकता क़ि कम्मो ने कभी पिया ही ना हो ! मामा की बात सुन कर कामया को लगा क़ि आज मामा उसकी पोल खोल ही देगा !
सन्नी - - पापा ऐसा आपको क्यों लग रहा है क़ि दीदी ने पिया होगा ?
मामा - - मदनलाल के कारण ! ! मदनलाल का नाम सुनकर सन्नी और कामया दोनो चौंक गये ! मामा आज कामया को दारू पिलाकर उसकी अगाड़ी पिछाड़ी दोनो एक साथ बजाने के मूड मे आ गया था !
सन्नी - - मदनलाल के कारण मतलब ?
मामा - - बेटा मैं मदनलाल को कम्मो की शादी से पहले से जानता हूँ ! वो एक नंबर का लुगाई बाज है ! औरतों को शराब पिलाकर अपने हिसाब से मज़े लेना उसका ख़ास शौक है ! बोल रानी मदनलाल ने तुझे ज़रूर पिलाई होगी ! सच सच बताना ! मदनलाल का नाम सुनकर अब तक कामया भी सतर्क हो गई थी सो उसने तुरंत कहानी बना ली !
कामया - - - मामा जी ! बाबूजी ने एक बार हमको शराब पिलाई थी ! कामया ने झूट बोल दिया !
सन्नी - - लेकिन दीदी अंकल ने आपको शराब क्यों पिलाई और आपने पी क्यों !
मामा - - हाँ रानी हमे भी सुनना है क़ि उसने तुझे शराब किस मक़सद से पिलाई थी !
कामया - - वो क्या है मामा जी क़ि बाबूजी और हमारे बीच काफ़ी क्लोस कंबंध बन गये थे मगर फिर भी हम उन्हे करने नही दे रहे थे ! हमारे बीच फोर प्ले होता था , ओरल भी होता था , बाबूजी हमे उंगली से करते थे मगर हम उससे नहीं करने दे रहे थे !
सन्नी - - लेकिन दीदी जब आप अंकल को ब्लो देती थी तो फिर वहाँ करने क्यों नहीं देती थी !
कामया - - भैया उस समय हम ब्लो को फोर प्ले ही मानते थे मगर बाबूजी जैसे ही सेक्स करने की कोशिश करते पता नहीं क्यों हमारा मन इस बात के लिए तैयार नहीं होता ! अगर वो हमारे टाँगों के बीच आने की कोशिश करते तो हमे तेरे जीजा जी की याद आ जाती और हम मना कर देते ! इस तरह महीने पे महीने बीतते जा रहे थे !
सन्नी - - फिर कैसे हुआ दीदी ?
कामया - - एक बार वो हमारी ना के बाद कई दिन हमारे पास नहीं आए ! हमे भी उनका रूठना अच्छा नहीं लग रहा था ! सुनील की अनुपस्थिति मे वो हमारा सहारा बन गये थे !
सन्नी - - सहारा ही क्यों ये कहो क़ि कमज़ोरी बन गये थे !
कामया - - हाँ भैया ! कमज़ोरी ही समझ लो ! चाहे हमारे बीच सेक्स ना हो रहा हो लेकिन बाकी सब तो हो ही रहा था ! अब हमे बैचेनी होने लगी ! उनका हमारे अंग प्रत्यंग से खेलना ,बूब्स सहलाना उन्हे पीना !हमारे नारी अंगों के साथ उनका मर्दाना बर्ताव याद आने से हम पागल होने लगे ! हमे उनके उस विशाल अंग की याद आने लगी जिससे हम रोज खेलते थे ! आख़िर एक दिन हमने उनसे रात मे आने को कहा !
मामा - - फिर क्या हुआ ?
कामया - - वो जब रात मे आए तो उनके हाथ मे शराब की बोतल और पेप्सी की बोतल थी !
सन्नी - - फिर क्या हुआ दीदी ?
मामा - - अबे सिर्फ़ सुनता ही रहेगा क़ि पेग भी बनाएगा ! चल तीन पेग तैयार कर ! हाँ रानी आगे बोल क्या हुआ फिर ?
उन्होने हमे शराब पीने के लिए कहा ! हमने बहुत मना किया किंतु उन्होने हमे अपनी कसम दे दी ! पेप्सी मिली होने के कारण हम समझ नही पाए और बाबूजी ने हमे दो पेग पिला दिया ! शराब अंदर जाते ही अपना असर दिखाने लगी ! फिर बाबूजी हमारे अंगों से खेलने लगे ! आज उनकी हर हरकत हमारे अंदर शोला भड़का रही थी ! वैसे तो रोज ही उनके हाथ हमारे जिस्म मे तूफान पैदा कर देते थे किंतु बाकी दिन हमारा जिस्म तो बहक जाता था मगर दिमाग़ नहीं बहक पाता था ! कामया लगातार कहानी बना रही थी ! जबकि सच तो ये था क़ि उसने आज तक सिर्फ़ एक बार शराब पी थी जो उसे मामा ने ही पिलाई थी !
सन्नी - - हाँ दीदी आगे बोलो ना फिर क्या हुआ ?
कामया - - धीरे धीरे बाबूजी ने अपने प्रयासों से हमे बेकाबू कर दिया ! अब जिस्म के साथ साथ हमारा दिमाग़ भी उनके काबू मे था ! उस दिन तो हम ये तक ना जान पाए की हमारे कपड़े कब उतरे ! हमे मदहोश देख बाबूजी ने अपना अंगूठा हमारे अंदर कर दिया ! अंगूठा क्या था ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने हमारे अंदर फुलझड़ी जलाकर रख दी है ! पूरा बदन गर्मी से पसीना पसीना हो गया ! हमारी आँखें बंद हो गई और कमरे मे सिर्फ़ हमारी सिसकियाँ ही गूँज रही थी ! हमारी सिसकी ज्यों ज्यों बढ़ रही थी त्यों त्यों बाबूजी को अपनी मंज़िल पास आती दिखाई दे रही थी !
सन्नी - - फिर क्या हुआ दीदी ? सन्नी ने पेग बना कर अपने पापा को देते हुए पूछा
मामा - - पगले अपनी दीदी के लिए भी बना और अच्छे से पेप्सी डालना ! मामा अब कामया की बुर से खेलने लगा ! मंज़िल सिर्फ़ बाबूजी की नहीं बल्कि अब मामा को भी अपनी मंज़िल पास आती दिखाई दे रही थी !
हाँ रानी तू बता मदनलाल ने फिर क्या किया ?
कामया - - मामा वो बहुत देर तक हमारे अंदर अंगूठा करते रहे !
मामा - - ऐसे ही ना जैसे हम कर रहे हैं ? कहते हुए मामा ने भी अपना अंगूठा कामया के अंदर कर दिया !अंगूठा अंदर जाते ही कामया सिसक पड़ी !
कामया - - हाँ मामा जी ! फिर उन्होने अंगूठा निकाल अपनी दो उंगली अंदर डाल दी और अंदर गठान के चारों तरफ दोनो उंगली फेरने लगे ! अब सब कुछ हमारे सहन से बाहर हो गया था ! ऐसा लग रहा था जैसे फुलझड़ी ही नहीं बल्कि अनार दाना चकरी सब एक साथ जलाकर हमारे अंदर डाल दी हो ! गठान पे घूमती उंगलियों ने हमे निर्ग्रन्थ कर दिया ! हमारी शर्मो हया , लाज मर्यादा की सब ग्रंथियाँ खुल गई ! फिर वो हो गया जो बाबूजी चाह रहे थे ! उन्होने हमसे पूछा
मदनलाल - - बहू ! प्लीज़ कर लेने दो ना ? बहुत मन कर रहा है ! अब ये दूरी सहन नहीं होती ! हम चुपचाप रहे तो उन्होने फिर कहा
मदनलाल - - बहू आज मत रोको ! आज हमे आपका प्यार चाहिए ! आज कर लेने दो ! बोलो ना बहू कर लें ?
कामया - - बाबूजी मैं क्या बोलूं ! आप की मर्ज़ी ! हमने तो अपने को आप के हाथ सोन्प दिया है ! हमे भी अब बाबूजी से दूरी बर्दास्त नहीं हो रही थी ! जी कर रहा था की बाबूजी आज हमे पूरी औरत बना दें ! हमे मालूम था क़ि बाबूजी का औजार इतना बड़ा है क़ि हमे चाँद तारे दिखा देगा !
सन्नी - - दीदी फिर क्या हुआ ? सन्नी ने घूँट भरते हुए पूछा
कामया - - हमारी बात सुन बाबूजी खुशी से झूम उठे ! उन्होने दूसरी बार पूछने की ज़रूरत भी नहीं समझी ! उन्हे डर था क़ि कहीं हमारा मन ना बदल जाए ! उन्होने तुरंत हमारी टाँगें उठाकर चौड़ी कर दी और अपने को बीच मे सेट कर दिया ! आज बाबूजी पहली बार हमारे ऊपर इस पोजीसन मे आए थे ! हमने लाज से आँखें बंद कर ली ! बाबूजी शायद सब तैयारी करके आए थे ! उन्होने अपने और हमारे अंग मे कोल्ड क्रीम लगा दी और अपने उसको हमारी जगह पर रख दिया !
सन्नी - - दीदी कौन सी जगह पर ?
कामया - - शॅट अप सन्नी !! अपनी उस जगह पर गरम गरम अहसास होते ही हमारा बदन काँपने लगा ! आने वाली घटना की कल्पना से हमारे बदन मे गूस बूम उठ गये ! अभी हम सोच ही रहे थे की बाबूजी ने जोरदार प्रहार कर दिया मानो एक ही हमले मे किला फ़तह कर लेना चाहते हों ! हमारे मुख से जोरदार चीख निकल गई किंतु बाबूजी ने हमारा मुँह बंद कर दिया ! हम दर्द से बिलबिला उठे !
सन्नी - - - फिर क्या हुआ दीदी ?
कामया - - पगले फिर क्या होना था ? जिस दर्द का लड़कियाँ जिंदगी भर सपना देखती हैं ! जिस दर्द को पाने की तमन्ना से स्त्री जवान होती है , बाबूजी ने वही दर्द हमे दे दिया ! उसके बाद वही हुआ जो तुम दोनो ने अभी हमारे साथ किया था !
मामा - - मुझे पहले ही विश्वास था क़ि मेरी भांजी होशो हवास मे तो अपने ससुर को नहीं देने वाली ! साला मदनलाल ने कामया के साथ भी चाल चल ही दी ! चलो कोई बात नहीं होनहार को कौन टाल सकता है ! चल सन्नी अपनी दीदी का पेग दे !
कामया - - नहीं मामा ! हम नहीं लेंगे !
मामा - - रानी देख ऐसे मस्ती के माहौल मे नखरे मत कर ! कौन सा पहली बार पी रही है !
सन्नी -- -- हाँ दीदी क्या आप हमको अंकल के बराबर भी प्यार नहीं करती ?
कामया - - प्यार करती हूँ तो क्या शराब पिलाएगा अपनी दीदी को !
सन्नी - - दीदी कौन सा रोज रोज पीते हैं ! बस आज साथ दे दो ! लो पिओ ! कामया ने ग्लास थाम लिया वो जानती थी क़ि अब ये लोग बिना पिलाए नहीं छोड़ेंगे ! दोनो ने बहला फुसला कर कामया को दो लार्ज पेग पिला दिया ! दो पेग ने ही कामया को हिला कर रख दिया ! वैसे भी औरतों को शराब ज़्यादा चढ़ती है फिर कामया को तो आदत भी नहीं थी ! फुल नशे मे आने के बाद तो कामया बिल्कुल बाजारू औरतों की तरह बहकने लगी !

 
मामा का अभी फिर से कड़ा नहीं हो पाया था इसलिए वो कामया से मज़े लेने लगा !
मामा - - रानी तू हमसे ज़्यादा प्यार करती है या मदनलाल से ?
सन्नी - - हाँ दीदी बताओ ना आपको कौन ज़्यादा अच्छा लगता है ?
कामया -- भैया ये भी कोई पूछने की बात है ! बाबूजी तो बाहर वाले हैं मामा जी तो मेरे अपने हैं ! बचपन से इनकी गोद मे खेली हूँ भला बाबूजी कहाँ लगते हैं ?
मामा - - हाँ रानी बचपन मे ही तुझे हमने गोद मे खिलाया था और अब भी तुझे गोद मे खिला रहें हैं !
सन्नी - - हाँ दीदी आप तो हो ही खेलने खाने लायक !
कामया - - सन्नी तुझे तो मैने अपनी गोद मे खिलाया है समझे !
सन्नी - - दीदी वही पुराना क़र्ज़ तो उतार रहा हूँ अब तुम्हे अपनी गोद मे खिला कर ! सन्नी ने हँसते हुए कहा !
कामया - - चुप कर बदमाश ! तू बहुत बिगड़ गया है ! मैने तो कभी सोचा भी नहीं था क़ि तू अपनी दीदी पे नज़र रखा हुआ है !
मामा - - अच्छा अब लॅडो मत ! प्यार मे सब चलता है रानी !
सन्नी - - दीदी ये बताओ आप मुझमे और पापा मे किसको ज़्यादा चाहती हो ?
कामया - - किसी को नहीं मै सिर्फ़ तेरे जीजा को चाहती हूँ !
सन्नी - अरे यार जीजा जी के बाद हम दोनो मे से बताओ !
कामया --- दोनो को बराबर !
मामा -- रानी अगर तू दोनो को बराबर प्यार करती है तो चल ले अब दोनो को एकसाथ प्यार कर ! इतना कह कर मामा ने सन्नी की तरफ देखा और दोनो ने बीच मे लेटी कामया के चेहरे के सामने अपने अपने लंड लहरा दिए !
 

कामया - - सन्नी ये क्या है ?
सन्नी - - दीदी दोनो को बराबर प्यार करती हो ना तो करो दोनो को एक साथ प्यार !
मामा - - रानी अब दोनो को एक साथ कड़ा कर ! खड़े तो हो गये हैं अब कड़ा करना तेरा काम है !
कामया - - मामा ये कड़े भी लग रहे हैं !
मामा - - नहीं अब इन्हे और कड़ा करना पड़ेगा !
कामया - - क्यों ? इस से भी तो हो जाएगा !
मामा - - तू कर तो आज इससे ख़ास काम लेना है !
कामया - - लेकिन दोनो एक साथ कैसे लूँगी ! एक एक करके दो ना ! कामया ने नशे मे लड़खड़ाते हुए कहा !
सन्नी - - - दीदी आप मुँह तो खोलो बाकी सब हम कर लेंगे !
कामया ने आँख बंद करके मुँह खोल लिया ! पहले मामा ने अपने मूसल उसके मुँह मे डाल दिया और फिर हाथ से पकड़ कर उसे एक दम किनारे गाल से सटा दिया तब सन्नी ने भी अपना लंड अपनी दीदी के मुँह मे उतार दिया !

 

मामा - - हाँ कम्मो चल अब चूस ! दिखा ज़रा अपना जलवा कितना प्यार करती है हमें ! कामया अब दोनो लंड को एक साथ चूसने लगी ! वो ऐसे ही नशे मे थी ऊपर से दो दो लंड को चूसने मे उसे और भी नशा आने लगा ! बीच मे मामा और सन्नी भी अपनी कमर चलाते और लंड को हलक मे उतार देते ! दोनो लंड इतने बड़े थे की अकेले चूसना ही किसी तक़लीफ़ से कम नहीं था और अब तो दोनो एक साथ उसके मुँह मे थे ! कामया को दिक्कत तो हो रही थी किंतु इस नये अनुभव की ललक के कारण वो कुछ देर दोनो को एक साथ ब्लो देने लगी ! ऐसा तो उसने ना किसी क्लिप मे देखा था ना कभी अपनी किसी सहेली से सुना था ! ये तो एकदम नया तजुर्बा था ! मगर हर नई चीज़ हमेशा सुखदाई नहीं होती उसका मुँह अब दुखने लगा था ! उसने दोनो लंड बाहर निकाल कर कहा
कामया -- मामा मुँह दर्द दे रहा है ! मैं अब अपने ढंग से करूँगी !
सन्नी - - ठीक है दीदी जैसा आप चाहो वैसा करो ! हम तो आपके हुक्म के गुलाम हैं !
कामया - - चुपकर शैतान ! गुलाम ऐसा नहीं करते जो तू अभी कर रहा था ! मेरी तो जान ही निकल रही थी साँस भी नहीं ले पा रही थी !
मामा - - सॉरी रानी ! चल अब तुझे जैसे करना है तू कर !
कामया -- ठीक है मामा आप लेट जाओ ! मामा लेट गया तब कामया ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया और सन्नी को पास खींच कर उस्काए लंड को मुठियाने लगी ! वो सन्नी की गोटियों से भी खेल रही थी !

 
लगातार पाँच मिनिट की चुसाई के बाद अब मामा का टन टॅना गया था ! अब उसे अपने नेक्स्ट एक्सन पर काम करना था ! सो उसने कहा
मामा - - कम्मो एक काम कर चल आ बैठ जा इस पर बहुत चूस लिया तूने अब ज़रा इसे असली मज़ा लेने दे !कामया ने मामा के दोनो तरफ पैर किया और फिर उनका टोपा अपनी बुर मे रख कर धीरे धीरे दबाव डालने लगी ! क्षण भर मे ही पूरा मूसल ओखली मे समा गया ! अब कामया मामा के ऊपर उचक रही थी जबकि सन्नी के लंड को मसल रही थी ! एक शरीफ घर की लाडली और एक इज़्ज़तदार घर की संस्कारी बहू अब दो दो मर्दों को एक साथ खुश करना अच्छी तरह से सीख गई थी !

 

कमरे एक बार फिर रंगीन माहौल बन गया था ! कामया मामा का हथियार बुर मे ले रही थी जबकि भैया का हथियार मुँह मे ले रही थी ! तभी मामा ने कहा
मामा - - - सन्नी !
सन्नी - -- हाँ पापा !!
मामा - - बेटा तेरी दीदी हम से शिकायत कर रही थी क़ि आप दोनो एक साथ करते हो ! हमने कभी एक साथ किया है क्या ! मामा ने आँख मारते हुए कहा साथ ही साथ उसने अंगूठे और तर्जनी से गोल छेड़ बनाते हुए कहा ! सन्नी अपने पापा का इशारा समझ गया और बोला
सन्नी - - नहीं पापा हमने तो कभी भी एक साथ नहीं किया !
कामया ने सन्नी का लंड मुँह से बाहर निकाल कर नशे से झूमते हुए कहा
कामया - - भैया कितने झूठे हो आप दोनो ! अभी भी दोनो एक साथ हो और मेरे मुँह पर ही कह रहे हो क़ि हमने कभी भी एक साथ नहीं किया !
मामा - - - पगली इसको एक साथ करना थोड़ी कहते हैं !
कामया - - फिर और किसको कहते हैं ?
मामा - - ठीक है मेरी जान आज तुझे बता देते हैं क़ि एक साथ करना किसे कहते हैं ! और फिर मामा ने कामया को पकड़ कर अपने बदन से चिपका लिया ! अब कामया की गाँड़ उभर आई थी ! मामा ने सन्नी को इशारा कर दिया ! सन्नी तुरंत कामया के पीछे आ कर पोजीसन लेने लगा ! उसने बड़े इतमीनान से अपनी दीदी की गाँड़ के छेद मे लंड के सुपादे को टीका दिया ! हालाकी कामया नशे मे थी किंतु उसे कुछ कुछ अहसास हुआ तो उसने पूछा
कामया - - भैया तुम पीछे क्या कर रहे हो ?
सन्नी - - कुछ नहीं दीदी बस तुम्हारी मनोहारी सेक्सी गाँड़ देख रहा हूँ ! कामया ने उसकी बात सच मान ली क्योंकि सन्नी ,मामा से लेकर बाबूजी तक सब उसकी गाँड़ को ही देखते रहते थे ! इधर सन्नी ने मौके का फ़ायदा उठाया और टोपे को पुश कर दिया ! कामया की लार से लसलसा टोपा एक ही बार मे अंदर हो गया ! कामया ने चीखने की कोशिश की मगर मामा पहले ही उसके नाज़ुक होंठों को अपने होंठों मे बाँध चुका था ! कामया ने तड़प कर उठने की कोशिश क़ि किंतु मामा ने उसे अपनी मजबूत गिरफ़्त मे ले रखा था ! वो केवल कसमसा रही थी ! तभी सन्नी ने समय ना गँवाते हुए फिर एक शॉट मार दिया ! अबकी सन्नी का आधा लंड कामया की बुर मे पेवस्त हो गया ! इस बार कामया ने अपने होंठ आज़ाद कर लिए और दर्द से बिलबिलाते हुए कहा
कामया - - भैया नहीं निकालो प्लीज़ ! बहुत दर्द दे रहा है ! वाकई मंज़र बड़ा दर्दीला था कामया कोई प्रोफ़ेसानल रांड़ तो थी नहीं क़ि इतनी सी जगह मे सब समा ले सन्नी ने उसकी पीठ चूमते हुए कहा
सन्नी - - दीदी बस हो गया ! अब दर्द नहीं देगा बस एक मिनिट का दर्द है ! और उसने फिर झटका मार दिया! इस झटके ने रहा सहा लंड भी कामया की गाँड़ मे उतार दिया !

 

कामया - - आह मर गई ! मामा छोड़ दो बहुत दर्द दे रहा है ! मामा फिर उसे चूमने लगा ! सन्नी ने थोड़ा सा आराम अपनी दीदी को दिया और फिर धीमी धीमी चुदाई करने लगा ! कामया की हालात खराब हो चुकी थी ! अब मामा भी नीचे से कमर चला रहा था ! गाँड़ और बुर के बीच की पतली सी नाज़ुक चमड़ी मे जबरदस्त रगड़ पैदा हो रही थी ! कामया बार बार छोड़ने को कह रही थी ! वो तो अच्छा था क़ि वो शराब के नशे मे थी तो काफ़ी सह ले रही थी ! मामा जानता था क़ि दर्द कैसा भी हो वक्त से बड़ीया कोई मरहम नहीं होता ! किसी तरह कम्मो डार्लिंग को थोड़ा संभालना है उसके बाद तो जब अंदर से आनंद की लहरें निकलेंगी तो कामया खुद बखुद आगे पीछे होने लगेगी ! सन्नी नया नया लड़का था इसलिए उसे सावन के अंधे के समान हमेशा हरा हरा ही दिखता था ! किंतु मामा के पास अनुभव का खजाना था उसे नारी जिस्म की हर बारीकी मालूम थी ! मामा जानता था क़ि जिस तरह औरत को गाँड़ मराने मे शुरू शुरू मे तक़लीफ़ होती है मगर चार छह बार अगर वो गाँड़ मरवा ले तो फिर उसे गाँड़ मरवाने का चस्का लग जाता है ! फिर उसे लंड बुर से ज़्यादा गाँड़ मे अच्छा लगता है ! इसी तरह औरत को एक साथ चूत और गाँड़ मरवाना शुरू मे तकलीफ़ देता है किंतु अगर पाँच दस बार वो इसे सह ले तो फिर उसे तभी मज़ा आता है जब उसके दोनो छेद एक साथ प्लग किए जाएँ ! सन्नी अभी हल्के हल्के धक्के मार रहा था कदाचित् उसे अपनी दीदी की तक़लीफ़ का ध्यान था ! सेकेंड राउंड होने के कारण दोनो जल्दी झड़ नहीं रहे थे ! अब मामा का मान गाँड़ मारने का हुआ वैसे भी वो गाँड़ का दीवाना था ! उसने सन्नी से कहकर पोजीसन बदल ली ! अब सन्नी नीचे आ गया और मामा ऊपर आकर भांजी की पिछाड़ी बजाने लगा ! कामया तो बर्गर के समान बीच मे पिसी जा रही थी !
 
कामया जो कुछ देर पहले दर्द से चीख रही थी अब शांत हो चुकी थी ! उसकी बुर और गाँड़ जो कुछ देर पहले तक दर्द दे रही थी अब उनमे से आनंद का झरना बहना शुरू हो गया था ! कामया के अंदर फिर से ज्वालामुखी निकलने की तैयारी करने लगा ! मामा का बरसों का अनुभव सही निकला ! आख़िर मामा ने भी कोई धूप मे बाल सफेद नहीं किए थे! वो अच्छी तरह से जानता था क़ि कामया नई उमर की लौंडिया है एक दो बार अगर ये दोनो छेद एक साथ भरवा लेगी तो उसे डबल टूल का नशा चॅड जाएगा ! फिर अगर इसकी सिंगल चुदाई करी जाए तो उसे अंदर कुछ खाली खाली सा लगेगा !













राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator