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दीदी ने इंजेक्शन लगवाया
हैल्लो दोस्तों, मेरा
नाम अनुप है। दोस्तों में आज अपनी
एक सच्ची घटना बनाते जा रहा हूँ। यह
मेरी बहन के बारे में है और उसका नाम
अल्का है। दोस्तों अल्का मुझसे उम्र में
7 साल बड़ी है और उसकी शादी भी हो चुकी
है और उसके दो लड़कियाँ भी है। उसकी शादी से पहले उसका एक लड़के के साथ चक्कर था जिसके बारे में मेरे घर पर सभी घरवालों को पता चल गया
और उसी बात की वजह से उसकी शादी जल्द ही मेरे बहुत दूर के रिश्ते में मामा
के बेटे से करावा दी थी। उसका फिगर दिखने में बहुत अच्छा है और हर कोई
उसके मस्त बड़े बड़े बूब्स, मोटी गांड गोल चेहरे को देखकर उसका
दीवाना हो जाता था। दोस्तों
यह बात तब की है जब मेरे चाचाजी का
स्वर्गवास हो गया था और अल्का दीदी अपने
परिवार के साथ वहां पर बैठने के लिए आई
थी। दो दिन रहने के बाद जीजू
बेटियों के साथ वापस चले गये और अल्का
दीदी हमारे साथ हमारे घर पर रुक गई
और करीब 7
दिन बाद उनको अचानक से एक दिन अपनी कमर
में दर्द होना शुरू हो गया। तब माँ ने उसे पड़ोस वाले एक
डॉक्टर के पास जाने के लिए बोला। वो
डॉक्टर पास के एक गावं में सरकारी
अस्पताल का ऑफिसर था और वो अपने घर पर भी
अपना एक क्लिनिक चला रहा था।
एक दिन में जब अपने कॉलेज से वापस आ रहा था तो मैंने अपनी अल्का दीदी को डॉक्टर के क्लिनिक में
जाते हुए देखा। दोस्तों उस डॉक्टर और मेरी चाची की चुदाई मैंने कई बार देखी
थी। मेरी चाची का नाम वर्षा है और वो बहुत बड़ी चुड़क्कड़ भी है उस डॉक्टर की
उम्र करीब 40 के आसपास थी। अब में अपने घर पर पहुंचा और फिर में कुछ देर बाद
फ्रेश होकर क्लिनिक पर पहुँचा तो मैंने देखा कि मेरी दीदी का नंबर आया और
वो अंदर चली गई, उनके जाने के बाद कोई और मरीज वहां पर नहीं था इसलिए डॉक्टर ने
दरवाजा बंद कर दिया। अब मुझे ना जाने क्यों शक हुआ। में उठकर तुरंत
खिड़की के पास चला गया जो कि हमारे मकान की तरफ थी। मैंने उसके अंदर झांककर
देखा तो मेरी दीदी उस डॉक्टर के सामने एक कुर्सी पर बैठी हुई थी और फिर
डॉक्टर ने उनसे मुस्कुराते हुए पूछा।
डॉक्टर : कैसी हो अल्का?
दीदी : जी में बिल्कुल ठीक हूँ और आप
कैसे हो?
डॉक्टर : में भी ठीक हूँ और तुम्हारी
चाची का क्या हाल है?
दीदी : वो भी एकदम ठीक है आप अपनी पत्नी
बच्चो के बारे में बताए, वो कैसे है?
डॉक्टर : बस वो भी एकदम बढ़िया है और
मेरी बीवी तो कोल्हापुर में रहती है।
दीदी : मतलब वो लोग यहाँ पर नहीं रहते?
डॉक्टर : मेरा बेटा कोल्हापुर में
इंजिनियरिंग कर रहा है और बेटी अपनी मेडिकल की तैयारी कर रही है तो वो भी उन्ही के
साथ रहती है।
दीदी : क्या तो आप यहाँ पर बिल्कुल
अकेले रहते हो?
डॉक्टर
: हाँ अब और कोई रास्ता भी तो नहीं है, चलो
अब वो सब जाने दो तुम यह बताओ
कि तुम्हारी शादीशुदा लाईफ कैसी चल रही
है? क्यों तुम वहां पर खुश तो हो ना?
दीदी : हाँ में खुश तो हूँ, लेकिन
अब मेरे पास भी कोई रास्ता नहीं है।
फिर डॉक्टर
ने दीदी की तरफ घूरकर देखा और फिर वो हंसने लगा और दीदी भी उसकी तरफ देखकर हंसने लगी। फिर डॉक्टर ने दीदी से पूछा कि तुम्हे
क्या हो रहा है? दीदी बोली कि मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा है यहाँ बाई तरफ
से नीचे की तरफ दर्द हो रहा है और ऐसा कहते हुए दीदी ने अपनी कमर से
लेकर अपनी गांड तक हाथ फेरा। डॉक्टर ने उनकी तरफ देखा और मुस्कुराकर कहा कि
ठीक है कोई बात नहीं, ऊपर का दर्द है अभी ठीक हो जाएगा, क्या
यहाँ पर कोई ऐसा है जिससे
तुम अपनी इस जगह पर मसाज करवा सकती हो?
दीदी : जी यहाँ पर तो कोई भी ऐसा नहीं है, मेरे पति भी घर पर चले गये है और फिर
दीदी उनकी तरफ थोड़ा सा मुस्कुरा गई और डॉक्टर ने भी उन्हें
स्माइल दी।
डॉक्टर : चलो कोई बात नहीं है में
तुम्हे इंजेक्शन लगा देता हूँ। यह बात बोलकर उन्होंने दीदी से पूछा कि इंजेक्शन
कहाँ पर लगाना है?
दीदी : अब कूल्हों में दर्द है तो वहीं
पर इंजेक्शन लगवा लूँगी, क्यों सब चलेगा ना?
डॉक्टर : हाँ हाँ क्यों नहीं? चलो
अब जल्दी से तुम उस टेबल पर लेट जाओ।
दीदी टेबल
की तरफ चली गई और बोली कि यह तो बहुत उँचा है,
में इसके ऊपर चड़ ही नहीं सकती। क्यों ना में खड़े खड़े ही इंजेक्शन लगवा लूँ?
अब डॉक्टर हाँ
में अपना सर हिलाकर कहने लगा कि सब चलेगा,
लेकिन में तुम्हारी इस साड़ी का क्या करूँ? तो दीदी बोली कि आप बिल्कुल भी चिंता मत
करो में उसे थोड़ा ऊपर उठा लूँगी। फिर डॉक्टर बोला कि अब इंजेक्शन लगवाना है तो
तुम्हे अपनी साड़ी को ऊपर तो उतनी ही पड़ेगी। फिर दीदी ने तुरंत अपनी साड़ी
को नीचे से पकड़कर ऊपर कर दिया और फिर डॉक्टर की तरफ अपनी पीठ करके खड़ी हो
गई। वाह दोस्तों उनकी बहुत कमाल की गांड थी। में उन्हें देखता ही रह
गया और मेरा लंड उनकी गांड को देखकर अपनी औकात में आने लगा था। उधर डॉक्टर
भी चकित होकर उसकी गांड को देखता रह गया। दीदी की वो पेंटी भी उनकी गांड को
छुपा नहीं सकती थी वो उनकी गांड की दरार में ही बिल्कुल अंदर तक फाँसी
हुई थी और फिर डॉक्टर ने अपने लंड को अपनी पेंट में सेट किया और टेबल की तरफ
जाकर इंजेक्शन भरने लगा। फिर दीदी की पीछे आ गया और उसने अब उनकी
गांड पर हाथ में थोड़ी रुई लेकर साफ किया और इंजेक्शन लगा दिया। फिर थोड़ी सी
रुई उठाई और इंजेक्शन वाली जगह को मसलने लगा। दोस्तों ऐसा करते वक़्त उसने
दीदी की गांड को एक हाथ से पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से वहां जिस जगह
पर इंजेक्शन लगा उस जगह पर धीरे धीरे मसल रहा था। दोस्तों ये कहानी आप फन-मजा-मस्ती
पर पड़ रहे है।
डॉक्टर : इंजेक्शन तो हो गया है, लेकिन
यह दर्द बहुत करेगा इसलिए इस जगह को थोड़ा ज्यादा मसलना चाहिए।
दीदी : लेकिन, अब
में किसको अपनी गांड को मसलने के लिए बोलूँ?
प्लीज आप ही मसल दो ना?
डॉक्टर : हाँ ठीक है, लेकिन
इसमे ज्यादा समय लगेगा।
दीदी
: कोई बात नहीं, में
दरवाजे को अंदर से कुण्डी लगा लेती हूँ ताकि हमें कोई ना
देखे, आप बस मेरी मसलते रहो और फिर ऐसा कहकर दीदी ने दरवाजे को अंदर
से बंद कर दिया और फिर वो अपनी साड़ी को उठाकर टेबल को पकड़कर खड़ी
हो गई। वो बिल्कुल डॉगी स्टाइल पोज़िशन में खड़ी हुई थी। डॉक्टर भी झट से
उनके पास गया और उसने दीदी की गांड पर अपने दोनों हाथ रख दिए और फिर एक हाथ
से वो उनकी गांड को मसलने लगा और फिर मसलते वक़्त दीदी उनसे बोली।
दीदी : वैसे आप बिना अपनी बीवी के कैसे
काम चला लेते हो?
डॉक्टर : ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जैसा
आप समझ रही हो।
दीदी : हाँ हाँ में आपके और मेरी चाची
के बारे में भी बहुत कुछ जानती हूँ।
डॉक्टर : जब तुम सब कुछ जानती ही हो तो
फिर मुझसे क्यों पूछ रही हो?
दीदी : बस आपसे मुझे जानना था कि सिर्फ़
चाची ही है या और कोई भी है?
डॉक्टर
: हाँ और भी है, मुझे
गाँव की औरतों की चुदाई करना बहुत अच्छा लगता है और अब
डॉक्टर ने दीदी से सीधे सीधे शब्दों में बात करनी चालू कर दी और फिर वो बोला कि क्यों अल्का तुम्हे भी तो पहले चुदाई बहुत अच्छी लगती
थी?
दीदी : जी लगती थी नहीं, मुझे
तो अभी भी चुदाई बहुत अच्छी लगती है।
डॉक्टर : वाह क्या बात है, तो
तुम्हारा पति तुम्हारी ज़रूरत जरुर पूरा करता है ना?
या फिर तुम अभी भी कहीं बाहर चालू हो?
दीदी
: अब आपने मुझे बता दिया है तो मुझे भी तो
आपको सब कुछ बताना चाहिए, मेरा पति तो मेरे साथ हफ्ते में दो तीन दिन
ही सेक्स करता है और फिर वो भी कुछ
मिनट के बाद ठंडा हो जाता है, लेकिन
में तो हर रोज़ सेक्स करती हूँ एक दिन
में करीब दो तीन बार।
डॉक्टर : रोज दो तीन बार, मतलब
तुम्हारे दो तीन बॉयफ्रेंड होंगे?
डॉक्टर अब दीदी की गांड पर पूरा चिपक
गया था और एक हाथ से इंजेक्शन वाली जगह को दबा रहा था।
दीदी : हाँ वो चार लोग है, दो मेरे पति के दोस्त है,
एक मेरे पड़ोस में रहने वाला लड़का है
और एक मेरा छोटा देवर भी है। दोस्तों में उनकी यह सभी बातें सुनकर बहुत
हैरान होकर सब देख और सुन रहा था।
डॉक्टर : वाह बहुत अच्छा है, क्या
तुम्हे तुम्हारी 12th की पढ़ाई याद है?
दीदी : कौन सी स्कूल वाली या आपके साथ
की हुई वो वाली?
डॉक्टर : हाँ मेरे साथ की वो वाली।
दीदी : हाँ में उसे कैसे भूल सकती हूँ? आपके
साथ तो मैंने अपने बॉयफ्रेंड से भी ज्यादा मज़ा किया था।
डॉक्टर : तो अब क्या ख्याल है? आज
एक बार फिर से हो जाए?
दीदी : हाँ में इसलिए तो कब से अपनी
साड़ी उठाकर आपको अपनी गांड दिखा रही हूँ और आप हो कि एक सज्जन बने सिर्फ़ इलाज़ ही
कर रहे हो।
दोस्तों डॉक्टर
ने अब दीदी के मुहं से यह बात सुनकर दीदी को कसकर पीछे से पकड़ लिया और फिर वो उन्हें चूमने लगा। दीदी भी अब उनका पूरा पूरा
साथ दे रही थी और वो डॉक्टर के होंठो को चूस रही थी। फिर डॉक्टर ने जल्दी से
अपनी पेंट उतारी और अपने लंड को हाथ में पकड़ लिया। दीदी उससे बोली कि
इसे आप मत पकड़ो, में इसको पकड़ती हूँ और आप मेरे आम दबाओ। मुझे पूरे 7-8 दिन
हो गये है मैंने अब तक कुछ भी नहीं किया, में
अब और ज्यादा समय नहीं रुक सकती। फिर
दीदी ने उनके लंड को हाथ से मसलना दबाना
चालू किया और डॉक्टर ने भी दीदी
के बूब्स को ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया।
फिर थोड़ी देर बाद उसने दीदी का
ब्लाउज खोल दिया। दीदी ने अंदर ब्रा
नहीं पहनी थी और उनके बड़े बड़े निप्पल
डॉक्टर ने एक एक करके अपने मुहं में
लिये और चूसने लगा। दीदी ने अपने एक
हाथ से उसका लंड पकड़ा हुआ था और दूसरे
हाथ से डॉक्टर का सर पकड़ कर उसको
वो अपने आम चुसवा रही थी और कुछ देर बाद
डॉक्टर ने दीदी को घुमा दिया और
फिर दीदी ने भी झट से अपनी पेंटी को
घुटनों तक नीचे किया और टेबल को पकड़ कर
खड़ी हो गई। डॉक्टर ने भी सही मौका
देखकर अपना लंड दीदी की चूत में एक
जोरदार धक्का देकर पूरा का पूरा अंदर
डाल दिया और अब वो अपने लंड को आगे
पीछे करने लगा। दीदी सिर्फ़ टेबल को
पकड़कर खड़ी हुई थी और उनको दर्द का
कोई अहसास नहीं था, लेकिन
उसके बूब्स जोरदार धक्को के साथ हो रही उनकी चुदाई
के कारण बहुत ज़ोर ज़ोर से उछल उछलकर हिल रहे थे।
तभी दीदी का फोन
बज उठा तो डॉक्टर ने तुरंत अपने धक्के देना बंद कर दिया। उसने लंड को दीदी की चूत से बाहर निकाल लिया। तो दीदी उनसे बोली कि सिर्फ़
एक मिनट और फिर वो फोन को उठाने सेंटर टेबल पर चली गई और बोली कि यह मेरे
पति का है और दीदी ने फोन उठाया और बोली कि हैल्लो हाँ बोलिए ना? दोस्तों
वो यह बात कहते हुए एक बार फिर से डॉक्टर के सामने आकर खड़ी हो गई और उसने
दूसरे हाथ से डॉक्टर का लंड पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया और डॉक्टर को
इशारे से चुदाई करने के लिए बोला। डॉक्टर भी अब अपने लंड को चूत में
पूरा अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करके हिलाने लगा और दीदी फोन पर कहने लगी
कि एसी कुछ खास बात नहीं है,
वो मेरी कमर में अचानक से बहुत दर्द हो
रहा था तो उसके इलाज के लिए ही में डॉक्टर के पास आई हूँ। वो अभी मुझे
इंजेक्शन दे रहे है और में आपको कुछ देर बाद में फोन करती
हूँ और फिर शायद जीजू ने भी उधर से
फोन रख दिया था। डॉक्टर बोला कि तू तो
कमाल की चुदक्कड़ है पति का फोन चालू
है और मेरे लंड से अपनी चूत भी ठुकवा
रही थी वाह।
दीदी : हाँ मुझे अब
इन सब कामो की एक आदत सी हो गई है। अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फोन किसका है या लंड किसका है,
बस मुझे चुदवाने का बहुत शौक है।
अब दीदी भी
डॉक्टर का पूरा पूरा साथ देने लगी और कुछ देर बाद डॉक्टर अब अचानक से बहुत तेज़ हो गया था दीदी भी जोश में थी और तीन चार मिनट
सिर्फ़ चुदाई की ही आवाज़े आ रही थी और फिर डॉक्टर चूत में ज़ोर ज़ोर के झटकों
के साथ झड़ गया। दीदी बोली कि वाह मज़ा आ गया, कितने
सालो बाद मैंने आपका गरम गरम
वीर्य मेरी चूत में लिया है।
डॉक्टर : हाँ अब यहाँ पर हो तो रोज ही
ऐसे मज़े लेने के लिए मेरे पास आ जाना।
दीदी
: हाँ,
आना तो जरुर पड़ेगा, लेकिन
अब सिर्फ़ रात में, जिससे जमकर चुदाई हो
सके क्यों अगर आप कहो तो चाची जी को भी
अपने साथ लेकर आ जाती हूँ?
तो डॉक्टर
ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और बोला कि अभी उसको नहीं,
कुछ दिन जाने दो, वो
एक दिन खुद ही आ जाएगी और मेरे लंड को जरुर खाएगी,
लेकिन एक बात जो तुम भी नहीं जानती हो क्या वो में तुम्हे भी बता दूँ?
दीदी : हाँ जल्दी से बताइए, ऐसी
वो कौन सी बात है जो मुझे अब तक पता नहीं है।
डॉक्टर : यही कि तुम्हारी गांड बिल्कुल
तुम्हारी माँ जैसी ही है, वो भी इतने ही मज़े से मुझसे चुदवाती है।
दोस्तों में
उस डॉक्टर के मुहं से यह बात सुनकर एकदम से बहुत चकित हो गया था और मुझे उसकी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि वो यह बात
सच कह रहा है और मेरी माँ भी उससे चुद चुकी है? और
फिर में चुपचाप उनकी बात सुनने लगा।
दीदी : क्या? आप
सच कह रहे हो? ऐसा कब से? और आपने उन्हें कैसे पटाया?
डॉक्टर
: दो साल हो गये है, तेरा
बाप जब बीमार था तब मैंने ही तेरी माँ की चूत को संभाला
था। मैंने उनकी चूत की सेवा करने में अपनी तरफ से कोई भी कमी नहीं छोड़ी। मैंने उन्हें बहुत अच्छी तरह से बहुत बार संतुष्ट किया
था, वो भी
तुम्हारी तरह बहुत बड़ी चुदक्कड़ है।
दोस्तों में तो उसके मुहं से यह पूरी बात सुनकर बहुत हैरान हो गया था। फिर में अब तुरंत वहां
से अपने घर की तरफ निकल पड़ा। घर आकर में पलंग पर लेटकर अपनी दीदी की चुदाई
और डॉक्टर की वो कही हुई बातें सोचने लगा ।।
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