FUN-MAZA-MASTI
राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ
पति से ज़्यादा उनके भाई से
हैल्लो दोस्तों, में
प्रियंका और यह मेरी एक सच्ची घटना
है जिसको में आज आप सभी को सुनाने जा
रही हूँ। दोस्तों में बहुत समय से
फन-मजा-मस्ती पर सेक्सी कहानियाँ पढ़कर
मज़े कर रही हूँ और मैंने कई बार
अपनी भी सेक्स घटना को आप सभी के सामने
लाने के बारे में सोचा, लेकिन ना
जाने क्यों डरती थी और आज वो कहानी आपके
सामने है। दोस्तों यह मेरी पहली
कहानी है तो प्लीज आप सभी मेरी गलतियों
को माफ़ करें और अब में थोड़ा अपने
बारे में बता दूँ कि मेरा नाम प्रियंका
है और में बिहार की रहने वाली हूँ,
मेरी उम्र 25 है
और मेरे जिस्म का हर एक हिस्सा एकदम सही आकार में है मेरे बूब्स
बड़े ही सेक्सी बिल्कुल गोल आकार के है और हर किसी को एकदम अपनी तरफ आकर्षित कर ले,
ना ज़्यादा बड़े ना ज़्यादा छोटे, मेरा
रंग गोरा, लम्बाई 5 फीट है और अब में अपनी कहानी शुरू करती
हूँ।
यह कहानी तब की है जब में 21 साल की थी और जब मेरी शादी हो गयी थी, लेकिन
मेरी विदाई शादी के तीन साल के बाद हुई क्योंकि हमारे यहाँ गोना
की परंपरा है जिसमे शादी के कुछ
दिनों के बाद विदाई होती है, लेकिन
दोस्तों जब में 18 साल की थी तब मुझे
सेक्स के बारे में थोड़ा थोड़ा पता चलने
लगा था और मैंने कई बार छुप छुपकर
भैया-भाभी का सेक्स भी देखा था और अब
मेरे इंतजार की घड़ी खत्म हो गई और
मेरी सुहागरात की रात आ ही गई, में
जिसके बारे में सोच सोचकर मन ही मन बहुत
खुश थी।
फिर वो मेरे पास आए और मुझसे बिना कुछ
बोले ही वो अपने कपड़े उतारने लगे और फिर पूरे नंगे हो गये। मुझसे भी अब रहा
नहीं गया और मैंने भी अपने सारे कपड़े खुद ही उतार दिए क्योंकि आग दोनों
तरफ लगी हुई थी। वो स्माईल करते हुए मेरे ऊपर टूट पड़े। मैंने सोचा कि वो
पहले मेरे होंठ पर स्मूच करेंगे,
लेकिन स्मूच तो बहुत दूर था और उनका
हमला मेरी चूत पर हुआ तो में जोश में आ गई क्योंकि मुझे ऐसा एहसास पहले कभी
नहीं हुआ था और दस मिनट तक वो मेरी चूत को चाटते रहे और में पड़ी पड़ी
सिसकियाँ लेने लगी उह्ह्ह आह्ह्हह्ह अब मुझसे भी रहा नहीं गया और में भी उनका लंड
पकड़कर रगड़ने लगी। दोस्तों उनका लंड बिल्कुल जलते लोहे की तरह गरम, लाल
और तनकर खड़ा था और इस चूसने चूसाने में हमें पता ही नहीं चला कि कब हम 69 की पोज़िशन में आ गये,
लेकिन अब थोड़ी देर बाद उनका अटेक सीधा
मेरी बैचारी चूत पर हुआ, लेकिन समस्या यह थी कि उनका लंड अंदर जा ही नहीं रहा था। फिर उन्होंने तब थोड़ी वेसलीन अपने लंड पर लगाई और थोड़ी मेरी चूत पर
भी लगाकर एक ही ज़ोर के धक्के से लंड मेरी चूत में डाल दिया। में उनकी इस
बेरहमी की वजह से बहुत ज़ोर से चीख पड़ी क्योंकि अब मेरी चूत में बहुत
दर्द हो रहा था और मेरी चूत से खून भी निकल रहा था। तभी मैंने देखा कि वो भी
अपने लंड को पकड़कर धक्के दे रहे थे क्योंकि उनके लंड का ऊपर वाला हिस्सा
पलट चुका था शायद वो भी अभी तक मेरी तरह वर्जिन ही थे इसलिए उन्हें दर्द हो
रहा था। वो रुक गये और मेरे बूब्स को मसलने लगे। फिर दो चार मिनट बाद
हमारी चुदाई एक बार फिर से शुरू हो गई और अब हम दोनों जल्दी ही झड़ गये। फिर
हम दोनों वैसे ही सो गये और उनका लंड उस पूरी रात मेरी चूत के अंदर ही रहा और
रात भर हम एक दूसरे से लिपटे ही रहे। फिर जब सुबह हुई तो उन्होंने पहली
बार मुझसे बात की और मुझसे पूछा कि क्यों कैसा लगा कल रात को? तो
में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से शरमा गई और में फ्रेश
होने बाथरूम में चली गई। फिर मैंने
तैयार होकर अपने सास ससुर का आशीर्वाद
लिया। दोस्तों में अपने ससुराल
वालों से परिचय करवाती हूँ, मेरे
पति तीन भाई है और उनसे बड़े वाले बचपन से
ही अंधे है इसलिए शायद अब तक उनकी शादी
नहीं हुई थी और छोटा वाला भाई
स्कूल में पढ़ता था। वो हमेशा अपने घर
से दूर रहकर अपनी पढ़ाई करता। दोस्तों
अब पूरे दो साल गुजर गये थे और अब मेरे
पति थोड़े थोड़े ठंडे पड़ने लगे
थे. शायद उन्हें अपने काम काज की टेंशन
कुछ ज़्यादा हो गई थी और में उतनी
ही गरम होती जा रही थी और अभी तक हमें
कोई भी बच्चा नहीं हुआ था। दोस्तों
ये कहानी आप फन-मजा-मस्ती पर पड़ रहे है।
फिर अचानक एक हमें खबर मिली कि मेरे सास ससुर का कार एक्सिडेंट हो गया है और दोनों की
मौत हो गई है और इस खबर का सबसे ज़्यादा दुख मेरे पति के बड़े भाई को हुआ
क्योंकि वो ही दोनों थे जो उस अंधे की लाठी थे कुछ समय के बाद सब सामान्य
हो गया। फिर एक दिन हमे खबर मिली कि मेरे पति का तबादला दूसरी जगह हो गया
है। में उनके साथ जाना चाहती थी,
लेकिन उनके अंधे भाई के कारण नहीं जा
पाई और अब घर पर में और पति के बड़े भाई ही रह गये थे। मुझे उन पर बहुत गुस्सा
आ रहा था क्योंकि में उनकी वजह से अपने पति के साथ जा नहीं पाई। फिर रात
को में सो गई तभी मुझे कुछ गिरने की आवाज़ आई, वो
हुआ क्या था कि सूरदास जी बाथरूम
में गिर गये थे। मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो
वो बोले कि में सू सू करने आया
था और मेरा पैर फिसल गया और में गिर
गया। बहू तुम मुझे प्लीज़ कमरे तक
पहुंचा दो। मैंने उनकी मजबूरी को देखकर
उन्हे उठाया तो उनकी लूँगी नीचे गिर
गई और उनका काला सांप जैसा लंड अचानक से
मेरा हाथ में आ गया, लेकिन उन्हे
कुछ नहीं हुआ, शायद
अंधे होने के कारण उन्हें सेक्स का ज्ञान नहीं था।
फिर मैंने
उन्हे उनके रूम तक पहुंचा दिया और अब में अपने रूम में आकर लेट गई, लेकिन
मुझे नींद नहीं आ रही थी फिर में कुछ देर के बाद उठी और बाथरूम में जाकर सू सू करने लगी। तभी मैंने सोचा कि क्यों ना अंधेपन का
फायदा उठाया जाए और में तेल लेकर उनके कमरे में चली गई और उनके लंड की
मालिश करने लगी। वो जाग गए और मुझसे पूछा कि कौन है? तो
मैंने कहा कि में हूँ और में आपकी
मालिश करने आई हूँ, शायद
आपको दर्द हो रहा होगा। वो बोले कि वो सब तो ठीक है, लेकिन
आज तक किसी ने मेरी मूती मालिश नहीं की,
तो मैंने कहा कि इसे मूती नहीं लंड कहते है और में तो आपके भाई की हर रोज़ करती थी।
वो बोले कि ठीक है और में अब लगातार उनका लंड रगड़े जा रही थी, लेकिन
मैंने महसूस किया कि उनके लंड में बिल्कुल भी तनाव नहीं आ रहा था। फिर में उसे
चूसने लगी और कुछ देर चूसते चूसते उनका लंड अब खड़ा हो ही गया। दोस्तों तब मैंने
बहुत ध्यान से देखा कि उनका लंड मेरी पति के लंड से थोड़ा बड़ा और
मोटा था। फिर मैंने अपना पेटीकोट पूरा ऊपर किया और उनके लंड को चूत के मुहं
पर रखकर धीरे धीरे बैठ गयी और फिर धीरे धीरे इधर उधर करके लंड को चूत में
पूरा का पूरा अंदर डाल लिया उनका लंड जैसे जैसे मेरी चूत के अंदर जाता तो
मेरे मुहं से चीख निकल जाती,
क्योंकि बहुत दिनों से बिना चुदी होने
की वजह से मेरी चूत बहुत टाईट हो गई थी और ऊपर से उनका वो
मोटा, लम्बा लंड भी मेरी चूत पर कहर ढाने
लगा था और अब कुछ देर बाद में लंड पर उछलने लगी। में उस समय पूरे जोश में थी इसलिए मुझे अपनी चूत को शांत करने के सिवा कुछ भी नहीं
दिख रहा था। फिर कुछ देर बाद वो मुझसे पूछने लगे कि तुम्हारी यह कैसी मालिश
है? मैंने
कहा कि यह मालिश आपको बहुत आराम और मज़ा
देगी, लेकिन आप बस मेरा पूरा पूरा साथ
देते रहो और फिर उन्होंने ऐसा ही किया। में लगातार लंड पर ऊपर नीचे बैठती रही और वो मुझे मेरी कमर को पकड़कर सहारा देते रहे और
लगभग एक घंटे तक लगातार चुदने के बाद उनका गरम गरम वीर्य मेरी चूत में ही निकल
गया।
मैंने उनसे
पूछा कि क्यों कैसी लगी मेरी मालिश?
तो वो बोले कि तुम मालिश को छोड़ो, यह देखो कि यह गरम गरम चिपचिपा सा क्या निकल गया है और में
पूरी तरह ठीक तो हूँ ना?
तो मैंने उन्हें बहुत प्यार से समझाते
हुए कहा कि आपको कुछ नहीं हुआ है और यह तो हर लड़का लड़की
करते है तब ऐसा ही निकलता है, लेकिन उन्हे
अब भी कुछ समझ में नहीं आया और अब में ऐसे ही जब भी मेरा मन करता था उनकी लूँगी को एक साईड करके लंड पर बैठकर उनसे चुदवा लेती हूँ
और आज मुझे एक बच्चा भी और मुझे पक्का विश्वास है कि यह बच्चा मेरे पति का
नहीं है, लेकिन है तो घर का ही मेरे पति को पता नहीं है कि यह बच्चा
उनका नहीं है और में अभी भी अपने पति से ज़्यादा उनके भाई से चुदवाकर अपनी चूत
की आग को ठंडा करती हूँ क्योंकि मेरे पति अपनी नौकरी की वजह से हमेशा
बाहर ही रहते है ।।
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