Saturday, May 7, 2016

FUN-MAZA-MASTI बहकती बहू--49

FUN-MAZA-MASTI


बहकती बहू--49


ये वही गाँड़ थी जिसकी एक झलक ने मदनलाल जैसे सयाने आदमी का ईमान बिगाड़ दिया था फिर मामा तो मामा ही था ! वो तो गाँड़ मारने का खाश शौकीन था ! उसने लूँगी से अपना कोबरा बाहर निकाल लिया ! इतनी देर से भन्नाया बैठा कोबरा बाहर निकलते ही फुफ्कारने लगा ! अब मामा कम्मो की मस्त मस्त गाँड़ देख रहा था और साथ मे घस्से भी लगा रहा था !
अब आगे - - ------------------------
कामया के पीछे खड़ा होकर सन्नी उसके मस्त नितंबों को मसल रहा था ! कामया का मुँह दूसरी तरफ था इसका फ़ायदा उठा कर सन्नी ने अपना औजार बाहर निकाल लिया और कामया की गाँड से सटा दिया ! कामया गाँड़ की दरार मे लगने वाली चुभन और गर्माहट से ही समझ गई क़ि ये मर्द का अंग है वो फ़ौरन पलटी तो देखा समाने सन्नी अपने हथियार को सहला रहा था !
सन्नी - - जान थोड़ा नीचे बैठ ना ! कामया अब तक सम्भल चुकी थी और अपने कपड़े ठीक कर चुकी थी !
कामया -- भैया पागल मत बनो ! क्या खुले मे करवाओगे ! मैं जा रही हूँ ! सन्नी भी वक्त की नज़ाकत को भाँप गया ! उसने उसका हाथ पकड़ा और कहा
सन्नी - - दीदी अच्छा हाथ से ही कर दो ना ! बहुत पेन हो रहा है !
कामया - - पेन हो रहा है तो मैं क्या करूँ ? अपने हाथ से कर लो !
सन्नी - - दीदी इतनी बेदर्द मत बनो ! दर्द भी आपको देख कर ही चालू हुआ है तो आप ही ठीक करो ना ! कामया छुटकारा पाने के लिए उसका हस्त मैथुन करने लगी !

 
कुछ देर तक तो वो बेमन से कर रही थी मगर फिर सन्नी के हथियार के आकर और प्रकार के सामने कामया ने भी हथियार डाल दिए और बड़ी मस्ती से उसे मसलने लगी ! वो अपनी पूरी ताक़त से लंड को दबा रही थी, मसक रही थी और निचोड़ रही थी ! ! सन्नी अब सिसकने लगा वो कामया के दोनो बूब्स को मसलने लगा ! उधर मामा बैठा अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा था ! जैसे ही सन्नी ने पहला फुहारा मारा मामा चलकर दोनो के सामने पहुँच गया ! अचानक मामा को देख दोनो चौंक गये ! सन्नी की स्थिति तो ऐसी थी क़ि वो अपने को रोक भी नहीं पाया और बाप के सामने ही चार पाँच और फाइरिंग कर बैठा !
मामा - - ये क्या हो रहा है ? तुम लोग को इतना भी डर नहीं क़ि कोई ऊपर आ जाएगा !
कामया - - मामा जी मैने भैया को कितना मना किया मगर इन्होने मेरी एक नहीं मानी और ज़ोर देकर करवा रहे थे !
मामा - - क्यों सन्नी ? अगर तुम्हारी मम्मी या भाई ऊपर आ जाते तो ?
सन्नी - - सॉरी पापा ! ग़लती हो गई !
मामा - - अब उल्लू के पट्टे ! ये कोई ऐसी वैसी ग़लती नहीं है ! अगर रहा नहीं जा रहा था तो खेत नहीं ले जा सकता था अपनी दीदी को ?
सन्नी - - वो पापा कल ही गये थे तो मैने सोचा क़ि मम्मी को कैसे कहूँगा क़ि हम आज फिर घूमने जा रहे हैं !
मामा - - ठीक है अभी जा और कल शाम इसको खेत मे ले आना ! हम वहीं रहेंगे !
सन्नी - - ठीक है पापा ! सन्नी जाने लगा तो कामया भी उसके पीछे हो ली ! मगर मामा ने फ़ौरन उसकी कलाई थाम ली ! सन्नी ने मुड़कर देखा तो उसके पापा ने कामया का हाथ पकड़ा हुआ था !
मामा - - तू जा हम अभी आते हैं और सुन देखना कोई ऊपर ना आए !
सन्नी - - - जी पापा ! और वो नीचे चला गया ! वो समझ गया क़ि अभी दीदी के किस्मत मे और मस्ती लिखी है !
मामा - - रानी इतनी जल्दी क्या है ? थोड़ा देर से चलेंगे !
कामया - - मामा ये छत है ! मुझे जाने दो
मामा - - अच्छा हमारे लिए छत है और सन्नी को तो आगे पीछे घूम घूम कर और कपड़े उठा कर सब दिखा रही थी ?
कामया - - क्या ? तो आप तबसे देख रहे हो ?
मामा - - और क्या ! सन्नी से तुझे इतना प्यार है और हमसे बिल्कुल नहीं !
कामया - - मामा ऐसी कोई बात नहीं हैं ! मैं तो दोनो को एक सा मानती हूँ !
मामा - - एक बराबर मानती है तो जैसे उसे ठंडा किया वैसे हमे भी ठंडा कर दे ! और मामा ने भी अपना औजार बाहर निकाला और कामया के हाथ मे पकड़ा दिया ! कामया समझ गई क़ि सन्नी का काम करके वो फँस गई है इसलिए अब मामा का काम भी करना पड़ेगा वरना ये नहीं मानने वाले !
कामया जब नीचे आई तो सन्नी ने टोका
सन्नी - - दीदी बहुत देर लगा दी ! क्या कर रही थी ?
कामया - - तुझे नहीं मालूम क्या कर रही थी ? दोनो बाप बेटे एक से हो ! जो तू करवा रहा था वही तेरे पापा करवा रहे थे ! समझ गया ना अब ! कामया अपने रूम मे पहुँच कर दिन भर की घटनाओं को याद कर रही थी "" हे भगवान ये दोनो तो ज़रा सा मौका मिले नहीं क़ि टूट पड़ते हैं पता नहीं कैसे दिन कटेंगे यहाँ ! वो तो अच्छा है क़ि मामी हैं यहाँ अगर वो ना हो तो ये तो दोनो उसे कपड़े ही ना पहनने दें ! दिन भर ऐसे ही रखें उघारे !""
दूसरा दिन शांति से गुज़रा ! शाम के इंतज़ार मे दोनो ने कामया को दिन मे परेशान नहीं किया ! इधर कामया भी सुबह से बैचेन हो रही थी ! मामा और सन्नी अब उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी बन चुके थे ! वो उन्हे मना ज़रूर करती थी मगर वो उसे परेशान ना करें तो कामया खुद बैचेन हो जाती ! शाम को सन्नी के साथ जाते समय कामया ने खूब मेक अप किया और एक बहुत ही सेक्सी साड़ी पहन कर तैयार हुई !

 

खेत मे मामा पहले से ही दारू पीकर बैठा था ! आते साथ सन्नी ने भी दो पेग लगा लिया ! अब तो वो दोनो कामया के हसीन बदन पर टूट पड़े ! उन्होने कम्मो को बेड तक भी नहीं जाने दिया और खड़े खड़े ही उस से लिपट गये !
 

कोई उसके लिप्स चूसता तो कोई बूब्स दबाने लगता ! मामा का हाथ गाँड़ पर जाता तो सन्नी उभारों को मसलने लगता ! कामया तो सम्भल भी नहीं पा रही थी ! आज उसे पता चल रहा था क़ि एक से ज़्यादा मर्दों के बीचे फँसी औरत का क्या हाल होता है ! एक एक कर कामया का हर कपड़ा अपनी जगह से हट गया और ज़मीन पर पहुँच गया ! कामया के नग्न होते ही दोनो फिर उसके जवान बदन को नोचने लगे ! कामया का पूरा बदन तपने लगा ! उसका जिस्म ऐसा भभक रहा था मानो लू लग गई हो ! महीना जेठ का था मगर फ़ायदा मामा उठा रहा था ! जब मामा ने खड़े खड़े ही अपनी दो उंगली कामया की बुर मे डाल दी तो कामया उचक गई!
कामया - - मामा मैं थक गई हूँ कम से कम बिस्तर तक तो जाने दो
दोनो ने अपनी जानेमन को उठाया और बेड पर पटक दिया ! कामया का मखमली बदन बेड पर बलखाने लगा ! दोनो ने एक एक तरफ़ से मोर्चा संभाला और कामया के बदन पर ऐसे छा गये जैसे तीनो एक ही जिस्म हों !

 
मामा कामया को पैर तरफ़ से प्यार कर रहा था तो सन्नी उसे ऊपर प्यार कर रहा था ! मामा ने कामया की गदराई जांघों मे चुंबनों की बोछार कर रखी थी तो सन्नी कामया के उरोजॉं कंधों गर्दन को अपने किस से नहला रहा था ! वो अपनी दीदी के दोनो चूचियों को बड़ी बेदर्दी से मसल भी रहा था ! उधर मामा ने कामया के दोनो पैर फैला दिए और उसकी चिकनी जांघों और कुल्हों को किस करने लगा वो कामया की अंदुरूनी जांघों को सहला रहा था ! वैसे तो कामया का पूरा जिस्म ही रेशम के समान चिकना था मगर उसकी जाँघ का अंदरूनी हिस्सा तो इतना चिकना था क़ि मामा का हाथ अपने आप फिसल रहा था ! मामा अब कामया के बुर के ऊपर चुंबन करने लगा ! कामया की टाँग अपने आप खुलती चली गई ! खुली बुर को देख मामा भी अपने को रोक नहीं पाया और उसने कामया की भट्टी मे मुँह लगा दिया ! बुर मे मामा की जीभ कहर ढा रही थी और कामया बिस्तर मे पानी बिन मछली की तरह तड़प रही थी ! एक मर्द का प्यार ही उसके जिस्म को बेबस कर देता था तो इस वक्त तो दो दो भरे पूरे मर्द उसके अंदर काम ज्वाला भड़का रहे थे ! उसके प्रेम गुफा मे बहुत दबाव बन गया ! उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके अंदर कोई बाँध है जो फुट कर बह जाना चाहता है ! काम के अतिरेक को अब वो सहन नही कर पा रही थी
कामया - - आ आ ! आई शी शी ! मामा मत करो ना ! ओह माइ गॉड ! आ ! सन्नी प्लीज़ भैया प्लीज़ करो ना !
सन्नी - - दीदी क्या करना है ! सन्नी मज़े लेने के मूड से बोला !
कामया - - सन्नी प्लीज़ और मत तडपाओ ! प्लीज़ करो नहीं तो मैं मर जाऊंगी ! मेरा शरीर जल रहा है ! प्लीज़ करो ना ! मामा ने कामया की बेबसी समझ ली उसने सन्नी को इशारा कर दिया !
सन्नी जाकर बिस्तर पर लेट गया और मामा ने कामया के बदन को खींच कर घोड़ी बना दिया ! कामया भी जानती थी उसे क्या करना है उसने सन्नी के लंड को चूसना चालू कर दिया ! मामा कुछ देर तक कामया की मादक मदमस्त गाँड़ को निहारता रहा फिर उसने अपने मूसल को कामया की बुर मे सेट करके एक करारा शॉट मार दिया ! पनियाई बुर ने कोई प्रतिरोध नहीं किया और एक शॉट मे ही पूरा मूसल कामया की ओखली मे समा गया ! कामया केवल गों गों ही कर पाई !
कामया - - गों गों ! आ मामा धीरे ! मगर सन्नी ने फिर उसके मुँह को अपने लंड मे झुका दिया !
 
मामा घोड़ी बनी कामया को गचागच पेल रहा था जबकि कामया अपने नीचे लेटे सन्नी को ब्लो दे रही थी ! कुछ देर तक तो सन्नी ये बर्दास्त करता रहा मगर वो नया खून था और नीचे लेटे लेटे बोर हो रहा था ! आख़िर मे उससे रहा नहीं गया तो उसने पापा को रोक दिया !
सन्नी - - पापा एक मिनिट !!
मामा - - क्या हुआ ?
सन्नी - - मुझे उठना है ! सन्नी उठा और उसने अपनी दीदी को चित लिटा दिया ! कामया के दोनो चूचे अब सामने उभर आए थे ! मामा ने इशारा किया कामया ने फिर अपनी टाँगें चौड़ी कर दी ! मामा फिर एक बार चुदाई मे जुट गया ! इधर सन्नी भी दीदी के मुँह के पास आया और दीदी के मुख मे लंड दे दिया !

 
अब कामया की मिसनरी पोजीसन मे चुदाई हो रही थी जबकि सन्नी अब खुद झटके देकर दीदी के सुंदर सेक्सी मुँह को चोद रहा था ! कामया की मस्ती का तो कोई ठिकाना ही नहीं था ! मस्ती मे झूमती कामया कमर उचका उचका कर मामा का मूसल निगल रही थी ! पाँच मिनिट की ताबड़ तोड़ चुदाइ के बाद पहले सन्नी ने कामया को रबड़ी खिलाना शुरू कर दिया ! जैसे ही ऊपर से खुराक पूरी हुई मामा ने कामया को नीचे से भरना चालू कर दिया ! एक राउंड कंप्लीट होने के बाद दोनो बाप बेटों ने कामया को अपने बीचे मे लिटा दिया और आराम करने लगे ! मगर कामया की किस्मत आराम नहीं था ! दोनो के हाथ कामया के बदन के हर हिस्से मे घूम रहे थे !
कामया - - सन्नी मुझे थोड़ा आराम करने दो ना ?
सन्नी - - दीदी आप आराम ही तो कर रही हो !
कामया - - अच्छा !! तुम दोनो शांत रहो तब ना आराम करूँ ! अभी भी बिल्कुल चैन नहीं लेने दे रहे !
मामा - - रानी अगर हम लोग शांत रहेंगे तो हमारा चैन गायब हो जाएगा !
सन्नी - - हाँ दीदी ! आप तो आराम से लेटे रहो और हमको अपना काम करने दो और तुम भी मज़ा लो !
थोड़ी देर बाद दोनो ने कामया का एक एक बूब्स अपने मुँह मे ले लिया और छोटे बच्चों की तरह चूसने लगे !

 
दोनो ऐसी तन्मयता से चूस रहे थे जैसे उसमे से सही मे दूध निकला रहा हो ! कामया तो एक साथ दो दो मर्दो के मुँह मे अपने स्तन को देख ही मस्ती से पागल होने लगी ! एक बार फिर उसकी बुर ने आग उगलना चालू कर दिया ! वो एक बार फिर खुमारी मे डूबने लगी और सिसकारियाँ लेने लगी ! दोनो के हाथ कभी उसकी जाँघ सहलाते तो कभी उसकी बुर की सैर पर निकल जाते ! कामया अब सिर्फ़ आहें भर रही थी उसने अपने आप को पूरी तरह बाप बेटों पर छोड़ दिया था ! वैसे भी वो दोनो जो कर रहे थे उससे कामया का तन बदन आनंद के सागर मे डूबता जा रहा था ! कुछ देर के स्तनपान के बाद मामा बोला
मामा - - कम्मो ! रानी चल ज़रा इनको फिर से तैयार कर दे !
कामया उठ कर दोनो के बीचे बैठ गई ! अब वो बारी बारी से दोनो के लंड से खेलने लगी !

 

मामा का लंड मुँह मे लेती तो सन्नी का हाथ से मूठ मारती ! फिर सन्नी को ब्लो देती तो मामा के लंड को हाथ मे लेकर मसलती रहती ! पाँच मिनिट मे ही उसने अपनी मेहनत से दोनो लंड मे फिर से जान फूँक दी ! जब दोनो का लंड अपनी पूरी कठोरता मे आ गये तो उन्होने एक बार फिर कामया को कुतिया बना दिया ! इस बार उन्होने कामया को बिस्तर के किनारे खड़े करके झुका दिया ! अबकी सन्नी पीछे चला गया जबकि अग्रिम मोर्चे पर मामा ने अपनी जगह संभाल ली !

 
सन्नी अब बेड से नीचे खड़े होकर अपनी दीदी की पेलाई कर रहा था जबकि मामा बेड पर चड़ा कामया को मुँह चोद रहा था ! कामया बेचारी दोनो के बीच सेंड विच बन के . गई ! एक बार फिर जो वासना का खेल शुरू हुआ तो कमरे मे सेक्स का तूफान आ गया ! पूरा कमरा मामा और सन्नी के धक्कों की थप थप की आवाज़ से गूँज रहा था जबकि इस आवाज़ को और सेक्सी बना रही थी कामया की सिसकारियाँ जो अनवरत निकल रही थी ! वैसे तो ऐसे मौकों मे कामया को बड़बड़ाने की आदत था मगर जब मुँह मे लंड ठूँसा हो तो भला वो कराहने के अलावा कर भी क्या सकती थी !



दूसरे दिन बारह बजे के करीब रजनी दुकान मे जाकर बैठ गई मामा आया तो कामया किचन मे काम कर रही थी और सन्नी भी वहीं था!
मामा - - सन्नी तू कॉलेज क्यों नहीं गया ?
सन्नी - - बस पापा जा ही रहा था !
कामया - - हाँ भैया आप जाओ कॉलेज ! कहीं फेल हो गये तो मामा मुझे दोष देंगे!
सन्नी - - - दीदी आजकल वैसे भी कोई पढ़ाई नहीं हो रही है 1
कामया - - भैया पढ़ाई नहीं हो रही या कॉलेज मे मन नहीं लग रहा ! कामया ने मुश्काराते हुआ कहा !
मामा - - हाँ यार तू कब जाएगा और फिर टाइम पे लौटना भी है तभी तो शाम को अपनी दीदी को घुमाने ले जाएगा !
कामया -- नहीं मैं आज नहीं जाऊंगी ! रोज रोज मामी से कैसे बोलूं की सन्नी के साथ जाना है !
मामा - - ठीक है आज हमारे साथ चलना ! आज हम लेकर जाएँगे अपनी बन्नो को !
कामया - - नहीं मामा रोज रोज अच्छा नहीं लगता ! लोग भी शक करने लगेंगे ! लोग सोचेंगे नहीं क़ि ये रोज रात को खेत क्यों जाती है !
सन्नी - - हाँ पापा ! मेरे एक दो दोस्तों का फोन भी आया था ! अच्छा हुआ क़ि वो दीदी को पहचान नहीं पाए !
मामा - - क्या फोन आया था ? क्या कह रहे थे तेरे दोस्त ?
सन्नी - - जी वो कह रहे थे आजकल कौन से माल को रोज ले जा रहा है ! रोज प्रोग्राम कर रहा है !
कामया - - हे भगवान ! देखा ना मामा लोग देख रहे हैं हमे क़ि हम खेत जाते हैं !
मामा - - तो तूने क्या कहा सन्नी ?
सन्नी - - पापा मैने बोल दिया मेहमान आए हैं तो ज़रा खेत दिखा रहा था !
मामा - - हाँ ये बात तो है कस्बा है लोग जल्दी जान जाते हैं !
सन्नी -- हाँ पापा इस प्राब्लम का कुछ सोचिए ना ! वैसे भी खेत से दो घंटे मे ही लौटना पड़ता है !
कामया - - भैया तो क्या आप पूरी रात वहीं रुकने के चक्कर मे हो ?
सन्नी - - काश ऐसा हो पाता !
मामा - - यार मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया है !
क्या ?? सन्नी और कामया ने एक साथ पूछा !
मामा - - देखो तुम बता रहे थे ना क़ि मदनलाल को कामया नींद की गोली खिला देती थी ! वहाँ तो दो थे मदनलाल भी और शांति भी ! यहाँ तो सिर्फ़ एक ख़तरा है केवल रजनी ! अगर हम उसको रात को नींद की गोली खिला दें तो सारी रात कामया के रूम मे रह सकते हैं !
कामया - - नहीं मामा ! मैं मामी के रहते घर मे ऐसा नहीं कर सकती !
मामा -- तू चिंता क्यों करती है ! तू पहले भी तो ऐसा कर चुकी है ! मामा की बात सुनकर कामया का चेहरा पीला पड़ गया उसने सोचा क़ि उस दिन मामा रजनी मामी का काम डाल कर हमारे पास आ गया था और हमारा भी गेम बजा दिया था कहीं सन्नी को ना बता दे ! तभी सन्नी पूछ बैठा !
सन्नी - - पापा दीदी पहले कब ऐसा करी है !
मामा -- बेवकूफ़ तेरे साथ ही तो ऐसा करी है ना ! जब मदनलाल को गोली खिलाती थी ! और फिर गोली की ताक़त तो कम्मो अच्छे से जानती है जब गोली खाकर दामाद जी के बेड मे दामाद जी के रहते हुए तू अपनी दीदी के साथ मज़ा करता रहा ! दोनो मामा की बात सुन चुप रह गये !
मामा - - - ठीक है तो मैं शाम को गोली ले आऊंगा ! आज से खेत जाने की ज़रूरत नहीं ! हम सब कम्मो के रूम मे ही एंजाय करेंगे ! चल अब तू जा कॉलेज !
सन्नी के जाने के बाद मामा ने फिर से कम्मो के साथ शरारत शुरू कर दी ! उसने किचन मे झुक कर काम करती हुई कामया को पीछे से पकड़ लिया ! मामा का खड़ा लंड कामया की लेगिंग से होता हुआ उसकी गांद की दरार मे घुसा जा रहा था जबकि उसके हाथ कामया के दोनो जोबन को मसल रहे थे !
कामया - - मामा आप जाओ ! मुझे काम करने दो !
मामा - - रानी तो करो ना और हमे भी अपना काम करने दो !
कामया - - आपका तो बस एक ही काम है ! आप जाओ और हमे खाना बनाने दो ! आज आपको कहीं जाना नहीं है क्या ?
मामा - - रानी मेरा तो अब घर से निकलने का मन ही नहीं करता ! जी चाहता है दिन भर तुम्हारे साथ ही रहूं !
कामया - - मामा ज़्यादा दीवाने मत बनो हाँ ! मैं आपके झाँसे मे नहीं आने वाली !
मामा - - रानी आज तो मज़ा आ जाएगे ! आज तेरे रूम मे ही मज़ा करेंगे !
कामया --- मामा मुझे डर लग रहा है !
मामा - - किस बात का डर यार ! अपना घर सबसे सेफ है ! देख उस दिन अपन ने एंजाय किया था ना ! इस बार तो तेरी मामी को गोली खिला देंगे तो और टेंसन फ्री हो जाएँगे !
कामया - - मामा आप दोनो के साथ एक साथ !! बाप रे मेरा क्या हाल कर दोगे आप लोग एक साथ !
मामा -- जान हम लोग एक साथ कहाँ करते हैं ! अलग अलग करते हैं !
कामया -- हे कितने झुटे हो ! दोनो बाप बेटे एक साथ करते हो और बोल रहे हो क़ि अलग अलग करते हैं !
मामा - - जान हमने एक साथ कभी नहीं किया !
कामया - - चुप करो मामा ! मुझे पागल समझे हो क्या ? दोनो एक साथ दोनो तरफ से परेशान करते हो और कह रहे हो क़ि एक साथ नहीं करते !
मामा -- अच्छा अच्छा तुम उसको एक साथ बोल रही हो ! रानी उसको एक साथ नहीं बोलते !
कामया - - फिर किसको एक साथ बोलते हैं ? क्या दस बीस आदमी लाओगे तब एक साथ बोलॉगे ?
मामा - - रानी ठीक है आज रात हम तुम्हे बताएँगे क़ि एक साथ करना किसे कहते हैं ! मामा वहाँ से चल दिया मगर उसके दिमाग़ ने आज के लिए डुअल पेनेत्रेसन तय कर लिया था ! रात खाना खा के मामा मामी और कामया टीवी देख रहे थे क़ि तभी मामा ने कामया से कहा !
मामा - -- कामया बेटा चाय पीने का मूड हो रहा है ज़रा चाय बना के पिला दे ! कामया उठ कर चाय बनाने चली गई ! वो जानती थी मामा का मूड चाय पीने का नहीं कुछ और करने का हो रहा है !
उसने लाकर चाय लाकर मामा को दी फिर मामी से कहा
कामया - - मामी थोड़ी चाय बची है आप पीलो
रजनी - नहीं बेटा तू ही पी ले !
कामया - - नहीं मामी मैं नहीं पीऊँगी ! आप पी लो !
रजनी - - क्यों तू क्यों नहीं पी रही है !
कामया - - वो ! वो मामी सुना है ऐसे समय मे ज़्यादा चाय पीने से बच्चा काला हो जाता है ! कामया ने शरमाते हुए कहा !
रजनी -- ओह हो ! हमारी बच्ची को कितना ख्याल है हमारे नाती का ! मामा और कामया दोनो सोच रहे थे नाती का नही पोते का ! कामया ने अब मामी को भी गोली मिलाकर चाय दे दी! दवाई उसे मामा पहले ही दे चुका था ! चाय ने पेट मे जाते ही अपना असर दिखाना चालू कर दिया और रजनी नींद मे आने लगी तो सोने चल दी ! दोनो मामा भांजी अभी टी वी देख रहे थे तभी मामा बोला
मामा - - रानी ! तुम कह रही थी क़ि मदनलाल ने जब पहली बार किया था उस दिन तुम दुल्हन के वेश मे थी
कामया - - हाँ मामा ! कामया ने लाजाते हुए कहा !
मामा - - - जाओ आज भी वैसे ही दुल्हन की तरह तैयार हो ! फिर हम आते हैं ! मामा की बात सुनकर कामया बहुत ही शर्मा गई ! मामा उसे दुल्हन बनने को बोल रहा था मतलब आज उसकी फिर से सुहग्रात होगी वो भी दो दो पति से एक साथ ! वो चुपचाप उठी और अपने कमरे मे चली गई अपने पतियों के लिए अपने को दुल्हन की तरह सजाने संवारने !
 
कामया दुल्हन क़ि तरह सज कर तैयार होकर इंतज़ार करने लगी ! एक एक पल उसके लिए भारी होता जा रहा था ! आज वो तीसरी बार इस तरह सजी थी और हर बार इस तरह सज कर उसे पहले से अधिक खुशियाँ मिली थी ! सुनील के साथ सुहाग रात मनाकर उसने ये जाना था क़ि स्त्री शरीर के अलग अलग अंगों से अलग अलग प्रकार की खुशियाँ मिलती हैं ! बाबूजी के लिए जब वो सजी थी तो उसने ये जाना क़ि मर्द और नामर्द मे क्या अंतर होता है और एक मर्द औरत को क्या खुशियाँ दे सकता है ! फिर सन्नी और मामा ने तो जैसे उसे निहाल कर के रख दिया था ! इन दोनो ने जो उसे दिया था वो उसकी कल्पना से भी अधिक था ! दरअसल बाबूजी ने उसे जो नारी होने का अहसास कराया था कामया ने उसे ही अंतिम सुख मान लिया था ! मगर फिर सन्नी उसकी जिंदगी मे आया और उसके ताक़त और जोश से भरे शरीर ने तो कामया को मदमस्त कर दिया ! वो तो उसके कमरे से जाने का नाम ही नहीं लेता था जबकि बाबूजी तो एक बार करके चले जाते थे ! सन्नी के ताक़त से भरे जिस्म की माँग तो चार छह बार मे भी पूरी नहीं हो पाती थी ! और फिर मामा ने उसकी जिंदगी मे प्रवेश किया ! मामा अनुभवी था वो एक ही बार मे कामया को चार बार का सुख दे देता था ! वो याद करते हुए सोच रही थी अब तो दोनो एक साथ उसे प्यार करते हैं पता नहीं कितना मस्ती देंगे मुझे ! भगवान ने अगर सुनील के रूप मे उसे कुछ दुख दिए थे तो सन्नी और मामा के रूप मे खुशियों का खजाना ही उसके दामन मे डाल दिया था !
कामया कुछ ही देर मे आने वाले पल का इंतज़ार ही कर रही थी क़ि मामा का फोन आ गया
मामा - - हाँ रानी ! हम आ जाएँ ?
कामया - - हम क्या बोलें ! आपकी मर्ज़ी
मामा - - अरे रानी हमारा मतलब तैयार हो गई हो ना ? क्या पहनी हो ?
कामया - - जी वो साड़ी पहन लिए हैं !
मामा - - बहुत सुंदर तुम साड़ी मे बहुत ही सेक्सी लगती हो ! हमे याद है जब हम दीदी के वहाँ तुम्हे साड़ी मे देखे थे तो पगला ही गये थे !
कामया -- मामा आप तो दस साल से पगला रहे हो ! कोई आज नई बात है क्या ?
मामा - - हाँ सो तो है ! चलो हम आ रहे हैं ! फिर मामा ने सन्नी को भी बुला लिया ! सन्नी दारू की बोतल लेकर मामा के पास आया और दोनो कामया के कमरे मे पहुँच गये !
दुल्हन बनी कामया को देखकर बाप बेटे दोनो की नज़रें तो जैसे कामया से चिपक ही गई ! दुल्हन के वेश मे कामया बला की खूबसूरत लग रही थी ! उसका सौंदर्य देख कर तो एक बारगी सन्यासी भी अपनी तपस्या छोड़ वापस ग्रहस्त बन जाएँ ! भला ऐसा बेपनाह हुश्न भोगने को मिले तो कौन हिमालय जाने चाहे या गंगा किनारे जिंदगी बर्बाद करना चाहे ! दोनो जड़वत से ठिठक कर कामया को देखने लगे ! कामया सिर नीचे किए बैठी हुई थी !
मामा - - शुभान अल्लाह ! रानी तूने क्या हुश्न पाया है ! अगर तू हमारी भांजी ना होती तो !!
कामया - - ना होती तो क्या ? कामया फुस्फुसाइ
मामा - - तुझे अपनी रखेल बना के रख लेता रानी !
कामया - - अभी क्या उससे कम बना के रखा है हमे !
मामा - - कम्मो ऐसा ना बोल ! हम तुझसे प्यार करते हैं ! सन्नी भी तुझे बेहद चाहता है वो तो बस रिश्तों की मजबूरी है ! अब तक दोनो उसके नज़दीक पहुँच गये थे ! सन्नी ने बोतल एक किनारे रख दी ! उसे अब और कोई नशे की ज़रूरत नहीं थी ! भला दीदी से ज़्यादा नशा दुनिया की किस चीज़ मे हो सकता था ! वो तो सिर्फ़ एक बोतल लाया था जबकि दीदी तो पूरी शराब की फेक्ट्री थी ! दोनो ने एक साथ कामया के कपड़ों को उसके बदन से नोचना शुरू कर दिया ! कामया ना नुकुर करती शरमाती रह गई और दो मिनिट मे ही उसके बदन का एक एक रेशा दूर ज़मीन पर पड़ा था ! बाप बेटे एक बार फिर कामया के अनवरत हुश्न को देखने लगे

 
कामया कपड़ों मे सजी धजी भी अपने दो दो चाहने वालों के सामने बेहद ही शर्मा रही थी ऐसे मे जब दोनो ने उसके हुश्न को बेपरदा कर दिया तो वो तो लाज से एकदम ज़मीन मे गड़ सी गई ! उसकी नज़रे ज़मीन से ऊपर की ओर उठ ही नहीं पा रही थी ! कामया हालाकी दोनो से पहले भी चुद चुकी थी और यहाँ तक की दो बार उनके साथ ग्रूप कर चुकी थी मगर स्त्री सुलभ लज्जा उसके अंदर आज भी जस की तस थी !अपने खुले लेकिन भरवाँ बदन को यूँ घुरे जाते देख वो लाज से दुहरी हो गई ! दोनो बाप बेटे चारों तरफ़ घूम कर उसके नायाब हुश्न और कातिल जवानी को देख रहे थे ! कुछ देर दोनो ऐसे ही कामया को आँखों से पीते रहे लेकिन आख़िर कब तक आँखों से प्यास बुझ सकती थी ! दोनो ने अचानक एक दूसरे को इशारा किया और वो कामया पर टूट पड़े ! उन्होने कामया को बिस्तर पर लिटा दिया ! सन्नी ऊपर की तरफ गया और नागपुरी संतरों को निचोड़ कर रस निकालने लगा ! मामा नीचे की तरफ गया और कामया की टोनो टाँगों के बाच आकर अपना पसंदीदा काम करने लगा !
 
सन्नी कभी तो उसकी चूची पीने लगता कभी उसके लबों से रस निकालने लगता और संतरों को मसलने लगता ! कामया एकबार फिर कामुक हो चली ! उसकी साँसे गरम होने लगी ! उसका चेहरा उत्तेजना से रक्ताभ हो गया ! इधर मामा कामया की टाँगों के बीच बने कूप को ऐसे देख रहा था जैसे अकाल पीड़ित जगह का हो और एक एक बूँद का प्यासा हो ! वो कामया की बुर मे उंगली डालता और भीगी उंगली को निकाल कर चूस लेता मानो इसी रस के सहारे अब उसका जीवन बच सकता हो ? कुछ देर तक मामा उंगली से निकाल निकाल कर पानी पीता रहा मगर अब उसे इतना समय खराब करना भी मुश्किल लग रहा था ! जब उससे रहा नहीं गया तो उसने सीधा गुफा के मुहाने मे ही मुँह लगा दिया ! मामा की गरम जीभ ने जैसे ही कामया की दोनो बाहरी पंखुड़ियों को छुआ कामया काँप गई ! उसका पूरा बदन आनंद से थिरक उठा ! वो कसमसा कर बोली
कामया - - आ ओह ! शी शी ! उई माँ ! मामा प्लीज़ अपनी जीभ मत लगाओ वहाँ !
मामा - - क्यों रानी मज़ा नहीं आता क्या ?
कामया --- मामा मज़ा बर्दास्त नहीं होता ! हम तो पगला जाते हैं !!
मामा -- यही तो हम चाहते हैं क़ि तुम पगला जाओ ! वरना हम तो सीधे ही धर के पेल दें ! जब पागलाओगी तभी तो हर पल रात दिन हमे याद करोगी !
कामया की रसीली गुफा से रिस रिस कर आता पानी पीकर मामा अपनी प्यास बुझाने लगा ! इधर कामया की हालत तो बयान करने के काबिल ही नहीं थी ! वो जब तक मर्दों से दूर रहती तब तक तो वो अपने आप को बड़े अच्छे से कंट्रोल कर लेती मगर जैसे ही कोई मर्द उसके नारी सुलभ अंगों को प्यार करने लगता वो बहकने लगती !
यहाँ तो दो दो मर्द उसके जिस्म से खेल रहे थे ! कामया लगभग पच्चीस साल की चॅडती हुई जवानी के दौर से गुजर रही थी ऐसे मे उसका बहक जाना भी लाजिमी था ! अब कमरे मे सिर्फ़ मामा की प्यारी भांजी की सिसकारियाँ गूँज रही थी ! कहते हैं स्त्री मे पुरुष के मुकाबले आठ गुना ज़्यादा काम होता है जिसे बस सुलगाने की ज़रूरत होती है और इधर मामा और सन्नी यही सुलगाने का काम कर रहे थे ! जब कामया पूरी तरह सुलग आई तो वो बोल पड़ी
कामया - - भैया बस ! ! क्यों इतना जला रहे हो मेरे बदन को ? अब करो ना
सन्नी - - दीदी क्या करें ?
कामया -- अरे यार ! डालो ना अपना ! चोद क्यों नही रहे अब ! क्या जान निकाल दोगे ऐसे ही चाटते चाटते !
मामा - - अरे रानी तो ऐसा बोल ना की चोदो ! हम तो यही काम करने के लिए पैदा हुए हैं !
सन्नी -- हाँ दीदी मुझे भी बस यही एक काम अच्छे से बनता है ! बाकी सब काम मे तो मैं बुद्धू हूँ
मामा - - चल रानी अब नुहुर जा !
कामया - - मामा ऐसे ही कर लो ना ! नुहुरना ज़रूरी है क्या ?
मामा - - रानी जब तू नुहुर जाती है तो तेरी मस्त मस्त गाँड़ देखने का मज़ा ही अलग है और फिर बिना नुहुरे दोनो कैसे कर पाएँगे !
कामया - - तो एक एक करके करो ना ! क्या दोनो का एक साथ करना ज़रूरी है ? कामया ने शरमाते हुए कहा !
मामा - - रानी जब हम दोनो साथ रहेंगे तो तुझे एक साथ ही प्यार करेंगे !
सन्नी - - हाँ दीदी मिल बाँट के खाने का आनंद ही अलग है !
कामया - - भैया चुप करो ! मैं कोई खाने की चीज़ नहीं हूँ !! बड़े आए मिल बाँट कर खाने वाले !
!दोनो बाप बेटों ने अपनी अपनी पोजीसन ले ली ! सन्नी पीछे चला गया और मामा आगे ! कामया भी अब पूरी तरह बहक चुकी थी उसने मामा के बोलने से पहले ही मामा का लंड गपक लिया ! उधर सन्नी ने पीछे से अंतःपुर मे प्रवेश कर लिया !
 
अब कामया की मस्त चुदाई शुरू हो चुकी थी ! जिम क्रेज़ी सन्नी के शक्तिशाली धक्के कामया की ईंट से ईंट बजा रहे थे ! जबकि मामा उसे कराहने तक के लिए मुँह हटाने नहीं दे रहा था ! कामया का बदन अब सिर्फ़ एक आग का गोला बन के रह गया था ! वो सिर्फ़ गों गों ही कर पा रही थी ! इस तरह जालिम ढंग से चुदने के बाद भी उसे कोई नाराज़गी नहीं थी बल्कि वो आनंद से भरती चली जा रही थी ! अब वो खुद सन्नी की ताल से ताल मिला कर गाँड़ पीछे कर धक्के लगा रही थी ! सन्नी और मामा की तो निकल पड़ी थी ! ऐसी गरम तासीर की लौंडिया तो हर मर्द की ख्वाहिस होती है ! दोनो घाट घाट का पानी पिए हुए थे इसलिए लौंदीयों की एक एक हरकत को समझते थे ! अचानक कामया का बाँध फुट पड़ा और उसकी मांसल नितंबों के बीच का सूखा घाटी प्रदेश पानी से लबालब हो गया ! आनंद के अतिरेक मे कामया ने चिल्लाने के लिए मुँह हटाया मगर मामा ने उसके बाल पकड़ कर फिर मुँहमे लंड ठूंस दिया !
 

कामया फिर उसे ब्लो देने लगी ! आज उसे बाप बेटों की ये असहँसीलता भी पड़ी प्यारी लग रही थी ! और भला प्यारी लगे भी क्यों ना आख़िर दोनो उसे मस्ती की नई नई उँचाई पर लिए जा रहे थे !सन्नी का पिस्टन सा मूसल लगातार उसके सिलेंडर मे चल रहा था जैसे ग्रांड पी रेस जीतना चाहता हो ! कामया का जिस्म भी आज बहुत ही मादक ढंग से लहरा रहा था ऐसा लग रहा था जैसे ओलिंपिक की कोई जिमनास्ट अपनी कला दिखा रही हो ! मामा और सन्नी एक बार फिर कामया को वासना और कामुकता की नई उँचाइयों मे ले जाने लगे !कामया का जिस्म फिर से दहकने लगा उसके अंदर फिर से उबाल आने लगा शायद फिर से बाँध भर चुका था जो टूटना चाहता था ! वो सोच रही थी मैं फिर से आने वाली हूँ जबकि ये दोनो का ज्वालामुखी अभी तक फटा नहीं है जब इनका लावा निकल कर हमारे अंदर भरेगा तो पता नहीं हम उस मस्ती को संभाल पाएँगे क़ि नहीं !









राज शर्मा स्टॉरीज पर पढ़ें हजारों नई कहानियाँ

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator