FUN-MAZA-MASTI
बहकती बहू--46
बाप बेटे दोनो एकसाथ वहाँ होंगे भगवान जाने क्या होगा गाँव मे ? वहीं मामा इस उधेड़बुन मे लगा था क़ि गाँव मे कामया की पेलाई कैसे की जाय ! क्योंकि उसे घर मे तो इस बात की कोई संभावना नज़र नहीं आ रही थी ना ही कोई और जगह सूझ रही थी !
अब आगे ---------------------------------------------
मामा ने दोनो के पैर के ऊपर शाल डाल दी थी और रास्ते मे जब भी कुछ मौका मिलता मामा कामया की गदराई जांघों को सहला देता और कम्मो डार्लिंग की चूची को कोहनी से दबा देता ! घर पहुँच कर जैसे ही रजनी ने कामया को देखा तो उसे बाहों मे भर लिया ! रजनी की कोई लड़की नहीं थी इसलिए वो कामया को बहुत चाहती थी !
रजनी - - अरे मेरी बच्ची ! कितने दिनो बाद देखी हूँ तुझे ! अभी कुछ देर पहले ही तेरी मम्मी का फ़ोन आया था क़ि तू आ रही है ! कैसी है तू ?
कामया - - मामी मैं बिल्कुल ठीक हूँ ! आप कैसी हैं ?
रजनी - - मैं तो बस पहले जैसी हूँ ! मैं तबसे बहुत खुश हूँ जबसे दीदी ने बताया की तू पेट से है चलो अच्छा है अब मैं नानी बन जाऊंगी ! मामी की बात सुनकर कामया शर्मा गई और सोचने लगी पता नहीं नानी बन रही हो या दादी ! मामा कुछ देर बाद घर से निकल गया ! दो बजे करीब सन्नी आया और पानी पीने के लिए किचन मे घुसा तो चौंक गया वहाँ कोई बेहद ही सेक्सी औरत फ्रिज मे झुकी थी जिसकी पीठ सन्नी की तरफ थी ! सन्नी पहचान नहीं पा रहा था ! गाँव मे तो कोई इतना सेक्सी माल था नहीं, ना ही कोई ऐसे शानदार कपड़े पहनता था स्लीव लेस ब्लाउस मे लड़की गजब की सेक्सी दिख रही थी ! कौन है ये सेक्स बॉम् वो सोचने लगा ! तभी कामया पलटी और उस पर नज़र पढ़ते ही सन्नी का मुँह खुला का खुला रह गया !
कामया एकदम सेक्स की देवी रति लग रही थी ! दोनो एक दूसरे को देखते रह गये! तभी सन्नी ने पूछा
सन्नी - - दीदी आप कब आई !
कामया - - मैं मायके मे थी तो मामा जी आए हुए थे वही ले आए ! और तू कैसा है ! ठीक तो है ना ?
सन्नी - - जान तुम्हारा प्यार पाने के बाद भला कौन ठीक रह सकता है !
कामया - - चुप रह ज़्यादा मन्ज्नू मत बन ये गाँव है मेरा शहर नहीं !
सन्नी - - अरे जान गाँव हो या शहर तुम्हारा नशा जिसे चढ़ जाए वो हमेशा बहकता ही फिरे ! और तभी सन्नी ने अचानक कामया को अपनी बाहों मे ले लिया ! कामया कुछ समझ पाती तब तक सन्नी के होंठ उसके होंठों से चिपक गये थे ! कामया सिहर उठी ! सन्नी के हाथ कामया के नग्न पीठ पर रेंगने लगे ! कामया छूटने की कोशिश कर रही थी मगर सन्नी की पकड़ से निकलना उसके जैसी कोमलांगिनी के वश की बात नहीं थी ! सन्नी उसका रस चूसता रहा और उसके हाथ अब कामया के गद्देदार गाँड पर पहुँच गये ! अब वो अपनी दीदी की मांसल गाँड को दबोच रहा था ! कई दिन बाद उसे इस गाँड मे हाथ लगाने का मौका मिला था इस लिए उसकी आँखों मे वासना के लाल डोरे आ गये थे ! जैसे ही उसकी उंगली कामया की गाँड के दरार मे घूसती कामया तड़प जाती ! बड़ी मुश्किल से जैसे ही कामया के होंठ आज़ाद हुए कामया बोल पड़ी
कामया - - सन्नी पागल हो गया है क्या कोई आ गया तो ? तू तो मुझे फँसा देगा ! वो अभी भी सन्नी के आगोश मे थी !
सन्नी - - जान चिंता मत कर पापा पार्टी मीटिंग मे गये हैं देर रात को आएँगे ! दोनो छोटे शाम पाँच बजे आते हैं ! और मम्मी दुकान मे बैठी है वो दुकान छोड़ कर नहीं आ सकती ! अगर उन्हे आना भी होगा तो मुझे मोबाइल करके बुलाएगी ! यहाँ अब कोई नहीं आने वाला सिर्फ़ मेरे सिवा ! सन्नी ने फिर कामया के होंठ अपने होंठ मे ले लिए अब उसके हाथ कामया के ब्लाउस खोलने लगे !
कामया - - सन्नी नहीं प्लीज़ कपड़े मत उतार !
सन्नी - - क्या यार इतने दिन बाद मिली है ज़रा दूध तो देखने दे बस सामने के बटन खोलने दे ! कामया चुप हो गई तो सन्नी ने उसके सामने के बटन खोल दिए और दोनो चूची बाहर निकाल कर मुँह मे ले लिया !
कामया के मुँह से आह निकल गई ! किचन मे रासलीला उसके अंदर एडवेनचर पैदा कर रही थी ! दूध मे दाँत लगते ही वो फुस्फुसाइ
कामया - - आह आ आ शी शी शी !! ऑफ ओ ऑफ ओ ऑफ भैया मत करो ना ! आ आ भैया काटो मत ! दूध पीते पीते सन्नी ने पेंट से अपना लंड बाहर निकाल कर कामया के हाथ मे पकड़ा दिया ! हाथ मे गरम गरम माँस का टुकड़ा आते ही कामया चिहुनक गई !
कामया -- भैया ये क्या कर रहे हो ! समझो कोई आ जाएगा ! बेशरम कहीं के !
सन्नी - - - डार्लिंग कोई नहीं आएगा ! पाँच बजे तक तो कोई नहीं आने वाला ! ले खेल इससे !
कामया - - - धत ! मुझे नहीं खेलना ! कामया ने शरमाते हुए कहा ! लंड अब भी उसके कोमल हाथों मे ही था! सन्नी ने उसकी कलाई पकड़ी पर उसका हाथ चलाने लगा जब उसने छोड़ा तो कामया का हाथ बरबस ही चलता रहा !
कामया - - बहुत गंदे हो आप ! देखो मुझसे ज़बरदस्ती करवा रहे हो !
सन्नी - - डार्लिंग गंदे की क्या बात है ! तुझे भी तो ये अच्छा लगता है !
कामया - - - अच्छा लगता है तो क्या कोई समय तो होता है ! ये कोई समय है क्या ! चलो इसको अंदर करो
सन्नी - - अंदर तो करना ही है इसीलिए तो निकाला है जान ! लेकिन इसे यहाँ अंदर करना है और ऐसा कहते हुए सन्नी उसकी साड़ी समेत पेटिकोट ऊपर उठाने लगा ! जैसे ही कामया ने देखा की भैया उसे नंगी कर रहे हैं तो उसने लंड छोड़ तुरंत अपने कपड़े पकड़ लिए ताकि भैया ऊपर ना कर पाएँ !
कामया - - नहीं भैया पागल मत बनो ! अभी मैं ये नहीं कर सकती !
सन्नी - - डार्लिंग अब मुझसे रहा नहीं जाएगा ! अब बदन मे आग लग गई है एक काम कर ब्लो देदे ! कामया आना कानी करने लगी तो सन्नी उसकी साड़ी फिर उठाने लगा ! कामया के लिए अब असहज हो गया था ! अगर सन्नी ज़ोर दे तो वो अपनी साड़ी को खुलने से नहीं रोक सकती थी ! साड़ी उतरना और ख़तरनाक हो सकता था ! वो बोली
कामया - - भैया प्लीस ! साड़ी मत खोलिए ! मुझे बाँधने मे एक घंटा लग जाता है !
सन्नी - - रानी तो फिर ऊपर से ही निपटा दे ना ! ले मुँह मे ले ले ! फटाफट काम हो जाएगा ! इतने दिन बाद मिली है अब रहा नहीं जा रहा ! कामया समझ गई की अब कुछ नहीं हो सकता सन्नी अब मानेगा नहीं तो वो चुपचाप बैठ गई और सन्नी के बदमाश को मुँह मे ले कर दुलार करने लगी !
लंड मुँह मे आते ही कामया को भी खुमार चढ़ने लगा ! सन्नी के लंड पर उसे कुछ ज़्यादा ही प्यार आ रहा था ! ये कोई आम लंड नहीं था ये उसके बच्चे का बाप था ! उसने सोचा चुन्नु मुन्नु के पापा को तो रॉयल ट्रीटमेंट देना ही पड़ेगा ! वो टोपे के छेद मे जीभ घुसेडने लगी जैसे मामा उसकी बुर मे जीभ घुसेड रहे थे ! सन्नी चिहुनक कर चुचि मे नाख़ून गाड़ाने लगा ! दोनो मस्ती मे डूबने लगे ! कामया अपने दोनो अंगूठे से टोपे को फैला रही थी और शिश्न छिद्र मे जीभ डाल रही थी !कुछ देर तक कामया यों ही करती रही फिर उसने सन्नी के पप्पू को लोलीपोप बना डाला और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी ! वो इतनी ज़ोर ज़ोर से लंड चूसने लगी मानो उसे उखाड़ लेना चाहती हो ! सन्नी बेचारा तो बस देखता ही रह गया क़ि कामंध स्त्री कितनी खूणकार हो सकती है ! आख़िर सन्नी भी नई उमर का था ज़्यादा देर अपने को रोक नहीं पाया और उसेन कामया को रबड़ी खिलाना चालू कर दी ! कामया भी बड़े चाव से अपने भैया का माल गटकने लगी !
मामा आज अपने काम मे ऐसा फँसा की उसे घर आने मे देर रात होने लगी और फ़ोन मे ही कह दिया क़ि वो खाना खा के आएगा ! जब वो आया तो सब अपने कमरे मे जा चुके थे ! तीनो भाइयों के तीन कमरे ऊपर थे जबकि मामा का रूम नीचे था और उसी के सामने तरफ थोड़ा क्रॉस मे कामया का कमरा था ! मामा की आँखों के सामने पिछली दो रात का दृश्य घूम रहा था जब उसने अपनी डार्लिंग भांजी का बाजा बजाया था ! मगर आज कुछ होने वाला नहीं था ! कामया की याद मे वो बाजार से ही एक पौव्वा पी कर आया था और खाना भी खा के आया था ! जैसे ही मामा अपने रूम मे पहुँचा पतिव्रता मामी दरवाजे पर ही खड़े होकर उसका इंतज़ार कर रही थी !
रजनी की जानलेवा अदा को देख मामा कुछ देर के लिए कम्मो को भी भूल गया ! दारू का नशा ,कामया की याद का नशा और अब अपनी गदराई बीवी को सामने देख मामा का मूसल पेंट मे हिलोरें लेने लगा ! उसने दरवाजे मे ही रजनी को पकड़ लिया और उसके तपते होंठों पर अपने होंठ रख दिए ! मामी सिसक पढ़ी
मामी - - क्या हो गया आज आपको ! इतने उतावले क्यों हो रहे हो ?
मामा - - जान तुझे देख तो मैं रोज ही उतावला हो जाता हूँ ! मगर दो दिन बाहर था इसलिए आज ज़्यादा ही याद आ रही थी ! और फिर मामा ने उसका ब्लाउस खोलना शुरू कर दिया !
मामी - - अरे अरे ! दरवाजे पर ही शुरू हो जाओगे क्या ! कोई देख लेगा तो ! कुछ तो शरम करो !
मामा - - - देखने दे जिसे देखना है ! अपनी बीवी को प्यार कर रहा हूँ कोई बाहर वाली को नहीं !
बटन के खुलते ही मामी के दोनो कबूतर फड़ फड़ा के बाहर आ गये!
नशे मे मस्त मामा रजनी के कबूतर देखते ही पगला गया ! उसकी आँखों मे वासना भड़क उठी ! रजनी के कबूतर कामया से बड़े थे जो मामा के हाथ मे भी नहीं समाते थे ! मामा ने दोनो कबूतरों को एक साथ पकड़ा और लगा उनकी गर्दन मरोडने ! रजनी की आहें निकलने लगी !
मामी - - - आह आ ! ओह उई माँ ! सन्नी के पापा धीरे ! आज आपको क्या हो गया है ! इतना क्यों बावले हुए जा रहे हो ! इतना तो नई नई शादी के बाद भी नहीं पगलाए थे ! बेचारी नहीं जानती थी ये पागलपन कामया का नशा है जो दोनो बाप बेटों के सिर चढ़ कर बोल रहा है !
मामा - - रानी तेरे कबूतर इतने मस्त हैं क़ि जी करता है दिन भर उड़ाता रहूं ! मामा अब दोनो बूब्स को मसल रहा था मस्ती के मारे रजनी का बुरा हाल था ! बेचारी पहली बार ऐसे द्वार पर अपने को मसलवा रही थी !
इधर कामया फ़ोन पर सन्नी से बात कर रही थी ! सन्नी को मालूम था कि कामया सुनील के साथ फ़ोन सेक्स करती है इसीलिए वो उसे फ़ोन पर उत्तेजित कर रहा था !
सन्नी - - जान क्या पहनी हो ?
कामया - -- लेगी और टॉप ! कामया ने लजाते हुए कहा !
सन्नी - -- जान दूध देखना है ! टॉप उतार ना
कामया - - भैया पागल हो क्या ? मैं टॉप उतार भी लूँगी तो आप कैसे देख पाओगे ?
सन्नी - - रानी तू उतार तो ! मैं मन की आँखों से सब देख लूँगा ! सन्नी का दीवानापन देख कामया अंदर ही अंदर बड़ी खुश हो गई ! उसने अपना टॉप उतार कर नीचे फेंक दिया !
कामया - - - जानू उतार दिया टॉप ! अब बोलो दिख रहा है ?
सन्नी - - - हाँ दिख रहा है बस अब थोड़ा दबाने दे ना ?
कामया - - वहीं से दबा लो ! यहाँ आने नहीं मिलेगा ! समझे !!
सन्नी - - जान एक काम कर अपने हाथ से दबा तेरी सिसकारी सुनकर मैं मान लूँगा क़ि मैं ही दबा रहा हूँ !
इधर इनका फ़ोन टॉक चल रहा था उधर मामा अब पूरी मस्ती मे आ गया था ! उसने रजनी के एक मम्मे को अपने मुँह मे भरकर चाब लिया ! रजनी के मुँह से तेज़ सिसकी निकल गई !
रजनी - - आ ओह !! ऑफ ऑफ ! हे राम ! जानू धीरे काटो ना ! कितना तेज काट रहे हो ! वो आँख मूंद कर चूची चुस्वाई का मज़ा लेने लगी !
इधर जैसे ही कामया ने शरमाते हुए अपने बूब्स को दबाने के लिए हाथ बढ़ाया उसे मामी की तेज़ सिसकारी सुनाई पढ़ी ! वो घबडा गई की कहीं मामी ने हमे देखा तो नही ! उसने फ़ौरन मोबाइल बंद किया और कान लगा के सुनने लगी ! जिस प्रकार की आवाज़ आ रही थी उससे उसे समझने मे देर नहीं लगी क़ि मामा मामी का प्रोग्राम चल रहा है आख़िर कामया भी शादी शुदा थी और इस प्रकार की सिसकारी का मतलब जानती थी ! उसे आश्चर्य हुआ क़ि मामी इतना आवाज़ कर रही है क़ि कमरे के बाहर तक आवाज़ आ रही है ! उसकी इच्छा और आवाज़ सुनने की हुई वो बेड से उठकर दरवाजे के पास आ गई और जैसे ही दरवाजा हल्का सा खोलकर बाहर नज़र डाली तो उसने जो देखा तो उसकी कान के लवे गरम हो गये ! मामा दरवाजे पर ही खड़े होकर रजनी मामी का दूध पी रहा था ! सीन देख कर कामया के बुर मे पानी भर आया ! वो सोचने लगी "" ये मर्द चूची पीने के कितने शौकीन होते हैं ! जैसे जन्म जन्म के भूखे हों ""
मामा बारी बारी से मामी के दोनो बूब्स पी रहा था ! मामी का बदन भी बड़ा कसा हुआ था ! वो अपने यौवन के उफान मे थी ! अभी अभी वो चालीस पार पहुँची थी ! कहते हैं पेंतीस की उमर पर औरत एक बार फिर उबलने लगती है इसी लिए इंग्लीश मे कहावात है की "" वॉच यौर वाइफ एट थर्टी फाइव "" ! मामी आँखें बाद किए अपनी जवानी का रस लूट रही थी ! मामा उसके बूब्स चूस रहा था और वो उसका सिर पकड़ कर अपने बूब्स पर दबा रही थी ! ये सीन देख कामया का हाथ अपने आप अपनी चूत पर चला गया ! वो ये भी भूल गई क़ि अगर किसी की भी आँख खुल गई तो उसे देख लेंगे ! वो तो बस खोई सी प्रेम परिंदों की प्रेम लीला देखने लगी ! कामया ने देखा की मामी वासना के चरम पर पहुँच चुकी है और अपनी जांघों को आपस मे रगड़ रही है ! तभी मामी ने अपना एक हाथ नीचे किया और मामा के नागफनी को टटोलने लगी ! नाग का फन तुरंत उसके हाथ मे आ गया ! मामी ने लंड को मुठियाना चालू कर दिया ! कामया अधनंगी खड़ी मामी की रासलीला देख रही थी और अपनी बुर को रगड़ रही थी !
जब रजनी मामा के मूसल को जकड़ने लगी तो मामा को सहन करना असहज हो गया ! उसने मामी को धकेल कर अंदर किया और दरवाजा बंद करने को वापस आया ! अभी वो दरवाजा बंद कर ही रहा था क़ि उसकी नज़र कामया पर पड़ गई ! कामया टॉप लेस खड़ी उन्ही की रास लीला देख रही थी !
मामा हैरत से अपनी स्वपन सुंदरी को देखता रह गया ! मगर वो ज़्यादा देर वहाँ रुक नहीं सकता था क्योंकि अंदर रजनी इंतज़ार कर रही थी ! मामा ने दरवाजा बंद नही किया बस थोड़ा सा भिड़ा दिया उसे विश्वास था क़ि कामया पूरा प्रोग्राम देखने ज़रूर आएगी! जाते जाते उसने कामया को इशारा कर दिया क़ि दरवाजा खुला है ! कामया उसकी मंशा समझ शर्मा कर अंदर भाग गई ! मामा वापस आया और अपने कपड़े उतारने लगा और पल भर मे ही आदम जात नंगा हो गया ! रजनी सोफे मे बैठी देख रही थी !
मामा के नग्न होते ही उनका लंड बाहर निकल कर मामी के सामने झूलने लगा ! मामी पिछले तेईस साल से इस खिलोने से खेल रही थी मगर आज भी उनका मन नहीं भरा था ! जब भी ये उसके सामने आता तो उसका मन मचल उठता ! सोफे पर बैठी रजनी अपने यार को देख कर गहरी साँसे ले रही थी ! तभी मामा ने उसके मुँह के पास आकर अपना हथियार लहरा दिया ! मामी जानती थी उसे क्या करना है ! उसका पति लंड चुसवाने का शौकीन था और अब तो रजनी को भी इस बच्चू को मुँह के अंदर करने मे मज़ा आता था ! जब मामा का लंड मामी के मुँह मे होता तो रजनी को ऐसा लगता जैसे सारी दुनिया उसकी मुट्ठी मे है ! रजनी ने एक हाथ से लंड को थामा और उसके टोपे को अपने मुँह मे लेकर स्टीम बाथ कराने लगी ! मज़े की अधिकता मे मामा सिसकारियाँ लेने लगा !
इधर कामया मामा का इशारा समझ अभी भी लाज से दुहरी हुई जा रही थी ! मामा ने उसे खुल्लम खुल्ला अपना और मामी की चुदाई का लिव टेलीकास्ट देखने का निमंत्र्न दिया था ! कामया का मन बड़ा बैचेन हो गया ! वो सोच रही थी क़ि अगर जाऊंगी तो मामा को तो पता चल ही जाएगा क्योंकि उनकी नज़र तो उसे ही खोज रही होगी ! और अगर ना जाऊं तो उसका दिल नहीं मान रहा था ! चुदाई देखने की लालसा उसके अंदर प्रबल होती जा रही थी ! उसे याद आया क़ि इसके पहले भी वो दो चुदाई देख चुकी है ! एक अपने सास ससुर की और एक अपनी सहेली रीमा और उसके जेठ की ! वो हां ना मे उलझी हुई थी मगर चुदाई देखने की उसकी ललक बढ़ती जा रही थी ! चौरासी लाख योनियों मे एक मात्र इंसान ही ऐसा है जो दूसरों की चुदाई देखना पसंद करता है और यही कारण ब्लू फिल्म इंडस्ट्रीस की सफलता की वजह है ! दुनिया मे बाकी सब प्रजाति सेक्स ज़रूर करते हैं मगर दूसरे को चुदाई करते देखने मे उनकी कोई रूचि नहीं रहती ! मानव मन की ये कमज़ोरी अब कामया पर हावी हो गई उसने टॉप पहना और चुपके से मामा के दरवाजे पर पहुँच गई ! जैसे ही उसने अंदर झाँका उसकी सिसकारी निकलते बची ! अंदर मामा नंगा खड़ा था और सामने बैठी रजनी मामी उसका हल्लाबी लंड को गहराई तक अपने हलक मे लील रही थी !
कामया को वहाँ खड़े हुए पल भी नहीं बीता था कि मामा की नज़र उस पर पढ़ गई क्योंकि वो बार बार दरवाजे की ओर ही देख रहा था ! कामया को देख मामा की आँखों मे चमक आ गई उसने सोचा लौंडिया अपनी जवानी की आग संभाल नहीं पा रही है ! अब तक शांत खड़ा मामा ने रजनी का सिर थामा और ज़ोर ज़ोर से लंड उसके अंदर ठेलने लगा ! रजनी के मुख से गों गों की आवाज़ आने लगी बेचारी ढंग से साँस नहीं ले पा रही थी ! मामा का ये जंगलीपना उसने कई साल बाद देखा था वरना आजकल तो वो बढ़े प्यार से चुदाई करते थे ! रजनी ने बड़ी मुश्किल से अपने को छुड़ाया और मामा की तरफ देखती हुई खड़ी हो गई ! मगर मामा ने तुरंत उसे पकड़ लिया और उसका वस्त्र हरण करने लगा !मामा ने बड़ी नज़ाकत से उसकी साड़ी उतार दी फिर ब्लाउस भी उतार कर फेंक दिया ! केवल ब्रा मे रजनी का मादक जिस्म कमरे मे अपनी छटा बिखेरने लगा ! मामा ने उसके नंगे कंधे नंगी पीठ क्लीवेज़ को चूमना चालू कर दिया ! मामी हीट मे आकर आहें भरने लगी ! मामा खड़े खड़े उसके जिस्म को चूम रहा था काट रहा था और हाथों से कभी उसके बूब्स दबाता और कभी उसकी गाँड को मसलने लगता !
रजनी - - आ ओह ऑफ ओह ! आह आज आपको क्या हो गया है जी ! कुछ नशा वशा करके तो नहीं आए हो ?
मामा - - रानी तेरे से ज़्यादा नशा और किस चीज़ मे होगा ! बाकी चीज़ तो खानी पीनी पढ़ती है तुझे तो बस देखने से ही नशा चढ़ जाता है !
मामा ने अब उसके ब्रा भी उतार दी जिससे उसके बड़े बड़े मम्मे छलक पड़े ! अब मामा भूखे भेड़िए की तरह रजनी के मम्मो पर टूट पड़ा !
रजनी - - - आ आ शी शी !! धीरे करो राजा ! दरद देता है ! धीरे धीरे चूसो ना जैसे हमेशा चूसते हो !! रजनी की चूची चुसाई देख कामया का हाथ अपने आप अपने संतरों पर चला गया और वो उन्हे दबाने लगी! इधर मामा अब चुसाई तो कर ही रहा था साथ ही साथ अब उसका हाथ रजनी की भट्टी पर भी पहुँच गया था उसकी उंगलियाँ अब भट्टी मे इर्धन डालने लगी ! रजनी का हाल बुरा होता जा रहा था ! बहुत दिन बाद उसका पति इतनी कामुकता दिखा रहा था ! मामा लगातार कामया पर भी नज़र मार लेता और उसको अपने मम्मे मसलते देख खुश हो जाता ! लौंडिया गरमा रही थी यही तो वो चाहता था !
अब मामा ने पेटिकोट मे उंगली फ़साई और खोलने लगा ! तो मामी ने कहा
रजनी - - ये क्यों खोल रहे हो ! ऐसे हो करलो ना ! आजकल तो ऐसे ही उठा के कर लेते हो !
मामा - - आजकल की छोड़ रानी आज की बात कर ! आज पेटिकोट उठा के नहीं हटा के करूँगा और मामा ने नाडा खींच दिया ! पेटिकोट सरसरा के नीचे चला गया और इसी के साथ रजनी के बेदाग हसीन जिस्म खुले मे खिल उठा ! रजनी ने पेंटी नहीं पहनी थी आजकल वो बहुत कम ही पेंटी पहनती थी ! कमरे की लाइट मे रजनी बिल्कुल रजनीगंधा के समान महक रही थी !
उसके हुश्न को देख कर तो एक बारगी कामया भी चौंक उठी ! वो दिल ही दिल मे बोली "" ये गाँव की औरतें ना जाने क्या खाती हैं क़ि चालीस पर पहुँचने के बाद भी इनका जिस्म इतना कसा रहता है ! देखो तो मामी का हर अंग आज भी पूरी कसावट लिए हुए है ! फिर वो सोचने लगी इतनी सेक्सी बीवी होने के बाद भी मामा दस साल से हमारे पीछे पड़ा है तो क्या हम इतने हसीन हैं जो मामा हम पर मरे जा रहें हैं !"" अपने हुश्न और जवानी पर मामा की दीवानगी की याद आते ही वो गर्व से फूल गई ! मामा ने एक बार फिर रजनी को अपनी सख़्त बाहों मे ले लिया और उसके यौवन से खेलने लगा ! उसने अपनी टाँग से रजनी की टाँग दूर दूर कर दी और अपनी उंगली रजनी की भट्टी मे डाल दी ! रजनी तड़प उठी अब उससे संभालना मुश्किल हो रहा था ! इस उमर मे इतना प्यार संभालना उसे कठिन हो रहा था !
रजनी - - - आई उई माँ ! क्या कर रहे हो जी ! सब यहीं खड़े खड़े कर लोगे क्या ? उसने लजाते हुए कहा
मामा - - रानी तू बोल तो खड़े खड़े कर लूँ ? पहले भी खड़े खड़े कई बार पेले हैं ! मामा ने उसकी आँखों मे आँख डालते हुए कहा !
रजनी - - पहले की बात अलग है ! अब आपकी उमर खड़े खड़े करने की नहीं है समझे ! चलो बिस्तर मे जो करना वहीं करना ! मामा उसे बिस्तर मे ले गया और उसे लिटा कर उसकी दोनो टांगे चौड़ी कर दी ! कामया रजनी की पाव के समान बुर देख वहीं देखने लगी ! अचानक मामा को ख़याल आया क़ि कम्मो डार्लिंग सब देख रही है तो उसने सीधा चुदाई करने की बजाय अपना मुँह भट्टी मे झोंक दिया !
रजनी - - आई नहीं ! वहाँ मत करो ! छी गंदी जगह है ! मगर मामा का तो आज कुछ और ही मूड था ! वैसे तो वो आजकल रजनी कि बुर चटाई नहीं करता था मगर वो कामया को दिखा रहा था की वो कितना केरिंग प्रेमी है ! उसने अपनी खुरदूरी लप्लपाति जीभ रजनी की फांकों मे लगा दी और चाटने लगा ! कामया के पूरे बदन मे आग लग गई ! बुर तो उसकी भी बहुत चाटी गई थी मगर बुर चटाई देखना उससे से भी ज़्यादा कामुक था ! बेहाल कामया ने अपना हाथ लेगिंग के अंदर डाल दिया और अपने काजू दाने पर ज़ुल्म ढाने लगी ! मामा ने तिरछी नज़र से कामया की बेकरारी देखी तो खुश हो गया ! लौंडिया अगर ऐसे ही गर्माती रही तो इसको तो यहीं गाँव मे चोदून्गा उसने सोचा ! कुछ देर तक मामा रजनी की बुर चाटता रहा और रजनी पानी बिन मछली की तरह तड़पति रही ! जब रजनी से बर्दास्त नही हुआ तो उसने मामा की बाहें पकड़ी और उसे अपने ऊपर खींच लिया और बोली - -
रजनी - - बस अब डालो अंदर ! इतनी आग क्यों लगा रहे हो ! अब रहा नहीं जाता डाल दो अपना लंड ! मुझे ये चाहिए अभी के अभी ! फिर उसने मामा के लंड को पकड़ कर अपनी बुर के मुहाने पर रख दिया और मामा को बड़ी कामुक नज़र से देखती हुई बोली
रजनी - - करो ना क्या देख रहे हो ? अब क्या मुहूर्त निकाल कर डालोगे ! मामा बेचारा क्या उत्तर देता उसकी नसें तो ऐसे ही फटी जा रही थी ! इधर रजनी नीचे दबी थी तो उधर कामया चुप के देख रही थी मामा ने भी आव देखा ना ताव एक झन्नाटेदार झटका मार दिया ! रजनी की पनियाई बुर मे लंड ऐसे घुसा जैसे तरबूज़ मे चाकू चला गया हो ! एक ही शॉट मे लंड पूरा पेवश्त हो गया और पेलड़ ने गाँड के मुलायम माँस पर जाकर जगह बना ली ! रजनी के मुख से कराह फुट पढ़ी !
रजनी - - आई माँ ! मर गई ! मार दोगे क्या सन्नी के पापा ! धीरे नहीं डाल सकते थे ! ऑफ ओह ! आह !पता नहीं आज आपको हो क्या गया है ! पहले तो कितना आहिस्ता से करते थे ! मामा चुपचाप सुनता रहा और फिर अपनी मंज़िल पर चल पढ़ा ! वो टोपे तक लंड बाहर निकालता और फिर पेल देता ! रजनी की कराह अब सिसकारियों मे बदल गई थी ! हर अगला धक्का उसे जन्नत की सैर करा रहा था
रजनी - - आ आ !! उई माँ ! ऑफ ओ ऑफ ओ ! शी शी ! हां ऐसे पेलते रहो बहुत मज़ा आ रहा है ! राजा और कस कसकर चापो ना ! पूरा अंदर तक पेल दो !
मामा - - रानी मज़ा आ रहा है ना ? लंड का मज़ा ले रही हो ना ?
रजनी - - राजा तुम्हारी चुदाई की तो मैं दीवानी हूँ ! आज इतने सालों बाद भी मन नहीं भरता जब तुम पेलते हो तो इतना मज़ा आता है कि लगता है रात दिन बस लेटी रहूं और पेलवाती रहूं ! पेलो जितना पेलना है ! इस बदमाश को तो अंदर ही रहने दो हमेशा के लिए !
मामी के मुख से निकली हर बात हर शब्द कामया को खंजर की भाँति लग रहे थे !
रजनी मामी की धकाधक चुदाई देख कामया का अपने बदन पर कंट्रोल नहीं रहा ! उसने अपना हाथ लेगिंग के अंदर डाला और ज़ोर ज़ोर से अपने दाने को रगड़ने लगी ! वो सोच रही थी अगर ऐसा ही औजार सुनील के पास होता और ऐसा ही मामी के समान वो मज़ा लूट सकती तो कब का मुंबई चली गई होती अपने साजन के पास ! मगर हाइ री किस्मत हमारा मज़ा हमे अपने साजन के हाथों नहीं बल्कि अपने दीवानों के हाथों मिलता है ! मामा देख रहा था की कम्मो डार्लिंग अंदर हाथ डाल कर नकली मज़ा ले रही है ! जब मामा का विस्फोट करने का समय आया तो उसे एक नया विचार सूझ गया उसने रजनी के अंदर माल गिराने की बजाय अपने सैनिक को बाहर निकाला और रजनी के कातिल बदन को अपने पानी से सींचने लगा ! रजनी के पेट चुचि चेहरा सब मामा ने अपने रस से भिगा दिया ! मामा ने ये जानबूझ कर किया था ताकि इस वीर्य वर्षा का दृश्य देख कर कामया और बेकरार हो जाए !
दूसरे सुबह सब अपने अपने काम मे लगे थे ! मामा और सन्नी दोनो बैचेन थे ! सन्नी तो कुछ ज़्यादा ही बेचैन था एक तो जवानी का जोश दूसरा हल्के होने का कोई इंतज़ाम नहीं मामा के पास तो रजनी थी जो खुद अपने आप मे किसी एटम बोम से कम नहीं थी ! तीनो बच्चे अपने स्कूल कॉलेज चले गये ! मामा बारह बजे तक दुकान मे बैठा फिर मामी दुकान आ गई और मामा निकल लिया ! कामया भी अकेली थी इस लिए वो भी रजनी के साथ दुकान मे ही थी ! इधर सन्नी का मन कॉलेज मे बिल्कुल नहीं लग रहा था ! उसे मालूम था की दो बजे से पाँच तक का टाइम घर मे कोई नहीं रहता है सो वो घर आ गया ! सन्नी को जल्दी आया देख रजनी ने पूछा
रजनी - - क्या हो गया बेटा ? जल्दी क्यों आ गया ?
सन्नी - - कुछ नहीं मम्मी ! आज थोड़ा सर दर्द दे रहा है इसलिए चला आया !
रजनी - - अरे तो तू जा आराम कर ! रजनी आकर तुझे बाम मल देगी ! जा तू अपने कमरे मे जा ! माँ की बात सुन सन्नी कातिल मुश्कान के साथ अंदर चला गया ! अब तो मम्मी हर हाल मे कामया को उसके पास भेजेगी !अचानक वो अपने कमरे मे ना जाकर नीचे ही बाथरूम मे घुस गया और कामया का इंतज़ार करने लगा ! थोड़ी देर बाद कामया दुकान से बाम लेकर ऊपर जाने लगी ! सन्नी चुपके से निकला और अंदर से सांकल लगा दिया ! अब अंदर कोई नहीं आ सकता था ! कामया धड़कते दिल से ऊपर जा रही थी क्योंकि वो समझ गई थी क़ि सन्नी को दर्द वर्द नहीं है और उसने झूट बोला था मगर वो मामी को मना भी नहीं कर सकी ! भला कैसे बोलती क़ि मामी मैं नहीं जाऊंगी सन्नी से मेरी इज़्ज़त को ख़तरा है ! वैसे भी अब बचाने को बचा ही क्या था ! वो सोच रही थी क़ि कल किचन मे ही सन्नी ने चुस्वा दिया था तो आज तो बाक़ायदा मामी की आदेश से उसके कमरे मे जा रही है भगवान जाने क्या होगा ! वो धीरे धीरे बढ़ रही थी जबकि उससे कुछ दूरी पर रहकर सन्नी भी चल रहा था ! कामया ने अंदर जाकर कमरे को खाली देखा तो चोंक गई और लौटने के लिए पलटी मगर दरवाजे पर तो सन्नी टाँग फैलाए खड़ा था ! उसकी आँखों मे वासना भरी हुई थी !
सन्नी - - क्या बात है जान लौट क्यों रही हो ? मालिश नहीं करोगी ?
कामया - - भैया मुझे मालूम है आपको कुछ नहीं हुआ है ! लो बाम और जहाँ मलना है मल लो !
सन्नी - - मैं नहीं मलूँगा ! मम्मी ने तुम्हे मलने को कहा है ! सीने मे दर्द है ज़रा बाम लगा दो सीने मे !
कामया - - क्यों नीचे तो बोले थे सिर दर्द है अब सीने मे हो गया दर्द !
सन्नी - पहले सिर मे था मगर तुमको देखकर अब सीने मे हो गया है जल्दी से मालिश कर दो वरना दर्द और नीचे उतर जाएगा !
कामया - - मुझे नहीं करना मालिश ! खुद लगा लो मैं जा रही हूँ ! कहते हुए कामया ने जाने की कोशिश की मगर सन्नी ने उसे अपनी बाहों मे उठा लिया और लाकर बेड पर पटक दिया और बोला
सन्नी - - जान मालिश तो अब होके रहेगी या तो तुम मेरे सीने की करोगी या फिर मैं तुम्हारे सीने की करूँगा ! बोलो क्या करना है !
कामया - - भैया प्लीज़ मुझे जाने दो ! मुझे नहीं करनी मालिश !
सन्नी -- ठीक है तो मुझे करने दो ! और सन्नी ने उसका कुर्ता सीने तक ऊपर कर दिया ! ब्रा मे क़ैद कामया के संतरे अपना दीदार कराने लगे ! सन्नी की नज़र उन पर गढ़ गई !
कामया - - भैया प्लीज़ जाने दो कोई आ जाएगा !
सन्नी - - जान कोई नहीं आ पाएगा ! मैं अंदर से कुण्डी लगा कर आया हूँ! फिकर नोट ! और वो झुक कर कामया के नशीले पेट को चूमने लगा ! कामया तड़प उठी ! सन्नी उसके बदन की हर कमज़ोरी को जानता था ! सन्नी पूरे नाज़ुक पेट को किस कर रहा था साथ मे उसके दूध दबा रहा था ! दूध पर मर्द के हाथ लगते ही कामया मदहोश हो जाती थी ! कामया के मुख से आहें निकलने लगी मगर आज वो द्रिड संकल्प कर के आई थी क़ि इस तरह सन्नी के झूट बोलने पर वो उसे अपनी मनमानी नहीं करने देगी !
कामया - सन्नी नहीं जाने दो मुझे मैं कुछ उल्टा सीधा नहीं करने दूँगी !
सन्नी - - ठीक है कुछ करने नहीं देना मगर मालिश तो करने दे और कहते कहते उसने कामया का नाडा खींच दिया ! जब तक कामया सम्भल पाती उसने तेज़ी से कामया की सलवार और पेंटी घुटने तक खींच दी ! कामया की हसीन बुर अपनी छटा बिखेरने लगी ! जिसे देख कर सन्नी लार टपकाने लगा !
हल्के हल्के रोएँदार बालों से घिरी बुर बड़ी ही मनोहारी लग रही थी जैसे की मर्द के संयम का इंतेहाँ लेना चाहती हो !
बालों से झाँकती बुर की फाँक ऐसी लग रही थी जैसे मेघ से घिरे आसमान से चंद्रमा झाँकता है !
सन्नी - - जान क्या बात है आजकल बाल नहीं बनाती क्या ?
कामया - - - आप तो यहाँ आ गये ही फिर भला किस के लिए बनाऊँ ? कामया ने शरमाते हुए कहा
सन्नी - - क्यों बाबूजी भी तो हैं घर मे ?
कामया - - उन्हे तो जैसा खाना परोस दो वो वैसा ही खा लेते हैं ! बुढ़ापे मे स्वाद का पता नहीं चलता !
सन्नी - - वैसे जान सच बोलूं तो मुझे भी ऐसी ही अच्छी लगती है ! हल्के बालों के साथ ! एक दम चिकनी अच्छी नहीं दिखती !
कामया - - भैया झूट मत बोलो ! ऐसी देख ली तो ऐसी ही की तारीफ करने लगे !
सन्नी - - कसम से रानी ! मैं अपनी पर्सनल चोइस बता रहा हूँ ! और फिर उसने बात करते करते पूरी बुर को अपने हाथ मे भर लिया
कामया - - आ शी भैया मत करो !प्लीज़
सन्नी - - क्यों ना करूँ ? मालिश ही तो कर रहा हूँ
कामया - - मत करो मालिश ! कुछ कुछ होने लगता ही ! बैचेनी होने लगती है !
सन्नी - - तो होने दो ना बेचैनी ! बाद मे चैन भी तो आ जाता होगा !
कामया - - तुम चाहे कुछ भी कर लो पर आपको वो नहीं करने मिलेगा हाँ ! ये तो तय बात है ! सन्नी ने सोचा क़ि एक बार इसकी आग भड़का देगा तो ये खुद उसे कहेगी क़ि डाल दो सो वो अपनी कलाकारी दिखाने लगा !उसने अपना अंगूठा कामया की बुर मे डाल दिया और फ़िंगर फक्किंग करने लगा ! कामया तड़पने लगी उसका चेहरा लाल भभुका सा हो गया ! आँखों मे वासना उतर आई ! उसने ज़ोर से चादर पकड़ ली और दाँतों को भींच लिया ! इधर सन्नी लगातार अंगूठे को अंदर बाहर कर रहा था !
कामया - - - आ आ !! ओह ओह !! शी शी !! आई आई ! शी आई शी सी उई ! ऑफ हो ऑफ हो ! कामया कराह रही थी ! जब उससे रहा नहीं गया तो उसने सन्नी का सिर खींच कर अपने बूब्स पर लगा दिया ! सन्नी ने भी तुरंत चुचि को अपने मुँह के हवाले कर दिया ! कामया की गरमी देख सन्नी ने धीरे से उसके पैर फैलाने की कोशिश की मगर कामया ने अपने टांगे चौड़ी नहीं होने दी ! सन्नी फिर मेहनत करने लगा मगर अब सब कुछ व्यर्थ था कामया ज़ोर से कराही और भर भरा के पानी छोड़ने लगी ! सन्नी का अंगूठा अपनी दीदी के मदन रस से भीग गया !
सन्नी - - क्या जान तुम तो अंगूठे से ही हो गई !
कामया - - तुम्हारा तो अंगूठा भी तुम्हारे जीजू के उससे मोटा है ! समझे ! फिर कामया उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगी सन्नी - - अभी कहाँ जा रही हो /
कामया - मैने कह दिया ना कुछ नहीं होगा ! नो मीन्स नो ! गॉट इट ? सन्नी कामया का मुँह देखकर चुप रह गया ! वो सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को नाराज़ नहीं कर सकता था ! आज नहीं तो कल दे देगी उसने सोचा ! कामया फिर मामी के पास दुकान चली गई ! थोड़ी देर बाद सन्नी भी नीचे आया और बाइक उठाकर जाने लगा !
रजनी - - अरे तेरी तबीयत खराब है तो कहाँ जा रहा है ?
सन्नी -- मम्मी अभी आ रहा हूँ थोड़ी देर मे ! कामया को देख कर जो आग सन्नी के अंदर लगी थी उसे बुझाना ज़रूरी हो गया था इसलिए सन्नी सीधा अपने खेत पहुँचा ! खेत मे चार मजदूर औरतें काम कर रही थी जिनमे कई सन्नी की ख़ास था ! उन्ही मे से एक सेक्सी औरत के पास सन्नी गया और कहा
सन्नी - - ए राधा चल ज़रा चाय बना दे और सॉफ सफाई कर दे कमरे मे ! राधा चुपचाप उठकर खेत मे बने कमरे की ओर चल दी जबकि बाकी सब औरतें आपस मे मुश्काराने लगी ! वो सभी जानती थी क़ि राधा को किस चीज़ की सफाई करनी है आख़िर दोनो बाप बेटे उन्हे भी तो बारी बारी से कमरे की सफाई करने ले जाते थे !
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बहकती बहू--46
बाप बेटे दोनो एकसाथ वहाँ होंगे भगवान जाने क्या होगा गाँव मे ? वहीं मामा इस उधेड़बुन मे लगा था क़ि गाँव मे कामया की पेलाई कैसे की जाय ! क्योंकि उसे घर मे तो इस बात की कोई संभावना नज़र नहीं आ रही थी ना ही कोई और जगह सूझ रही थी !
अब आगे ---------------------------------------------
मामा ने दोनो के पैर के ऊपर शाल डाल दी थी और रास्ते मे जब भी कुछ मौका मिलता मामा कामया की गदराई जांघों को सहला देता और कम्मो डार्लिंग की चूची को कोहनी से दबा देता ! घर पहुँच कर जैसे ही रजनी ने कामया को देखा तो उसे बाहों मे भर लिया ! रजनी की कोई लड़की नहीं थी इसलिए वो कामया को बहुत चाहती थी !
रजनी - - अरे मेरी बच्ची ! कितने दिनो बाद देखी हूँ तुझे ! अभी कुछ देर पहले ही तेरी मम्मी का फ़ोन आया था क़ि तू आ रही है ! कैसी है तू ?
कामया - - मामी मैं बिल्कुल ठीक हूँ ! आप कैसी हैं ?
रजनी - - मैं तो बस पहले जैसी हूँ ! मैं तबसे बहुत खुश हूँ जबसे दीदी ने बताया की तू पेट से है चलो अच्छा है अब मैं नानी बन जाऊंगी ! मामी की बात सुनकर कामया शर्मा गई और सोचने लगी पता नहीं नानी बन रही हो या दादी ! मामा कुछ देर बाद घर से निकल गया ! दो बजे करीब सन्नी आया और पानी पीने के लिए किचन मे घुसा तो चौंक गया वहाँ कोई बेहद ही सेक्सी औरत फ्रिज मे झुकी थी जिसकी पीठ सन्नी की तरफ थी ! सन्नी पहचान नहीं पा रहा था ! गाँव मे तो कोई इतना सेक्सी माल था नहीं, ना ही कोई ऐसे शानदार कपड़े पहनता था स्लीव लेस ब्लाउस मे लड़की गजब की सेक्सी दिख रही थी ! कौन है ये सेक्स बॉम् वो सोचने लगा ! तभी कामया पलटी और उस पर नज़र पढ़ते ही सन्नी का मुँह खुला का खुला रह गया !
कामया एकदम सेक्स की देवी रति लग रही थी ! दोनो एक दूसरे को देखते रह गये! तभी सन्नी ने पूछा
सन्नी - - दीदी आप कब आई !
कामया - - मैं मायके मे थी तो मामा जी आए हुए थे वही ले आए ! और तू कैसा है ! ठीक तो है ना ?
सन्नी - - जान तुम्हारा प्यार पाने के बाद भला कौन ठीक रह सकता है !
कामया - - चुप रह ज़्यादा मन्ज्नू मत बन ये गाँव है मेरा शहर नहीं !
सन्नी - - अरे जान गाँव हो या शहर तुम्हारा नशा जिसे चढ़ जाए वो हमेशा बहकता ही फिरे ! और तभी सन्नी ने अचानक कामया को अपनी बाहों मे ले लिया ! कामया कुछ समझ पाती तब तक सन्नी के होंठ उसके होंठों से चिपक गये थे ! कामया सिहर उठी ! सन्नी के हाथ कामया के नग्न पीठ पर रेंगने लगे ! कामया छूटने की कोशिश कर रही थी मगर सन्नी की पकड़ से निकलना उसके जैसी कोमलांगिनी के वश की बात नहीं थी ! सन्नी उसका रस चूसता रहा और उसके हाथ अब कामया के गद्देदार गाँड पर पहुँच गये ! अब वो अपनी दीदी की मांसल गाँड को दबोच रहा था ! कई दिन बाद उसे इस गाँड मे हाथ लगाने का मौका मिला था इस लिए उसकी आँखों मे वासना के लाल डोरे आ गये थे ! जैसे ही उसकी उंगली कामया की गाँड के दरार मे घूसती कामया तड़प जाती ! बड़ी मुश्किल से जैसे ही कामया के होंठ आज़ाद हुए कामया बोल पड़ी
कामया - - सन्नी पागल हो गया है क्या कोई आ गया तो ? तू तो मुझे फँसा देगा ! वो अभी भी सन्नी के आगोश मे थी !
सन्नी - - जान चिंता मत कर पापा पार्टी मीटिंग मे गये हैं देर रात को आएँगे ! दोनो छोटे शाम पाँच बजे आते हैं ! और मम्मी दुकान मे बैठी है वो दुकान छोड़ कर नहीं आ सकती ! अगर उन्हे आना भी होगा तो मुझे मोबाइल करके बुलाएगी ! यहाँ अब कोई नहीं आने वाला सिर्फ़ मेरे सिवा ! सन्नी ने फिर कामया के होंठ अपने होंठ मे ले लिए अब उसके हाथ कामया के ब्लाउस खोलने लगे !
कामया - - सन्नी नहीं प्लीज़ कपड़े मत उतार !
सन्नी - - क्या यार इतने दिन बाद मिली है ज़रा दूध तो देखने दे बस सामने के बटन खोलने दे ! कामया चुप हो गई तो सन्नी ने उसके सामने के बटन खोल दिए और दोनो चूची बाहर निकाल कर मुँह मे ले लिया !
कामया के मुँह से आह निकल गई ! किचन मे रासलीला उसके अंदर एडवेनचर पैदा कर रही थी ! दूध मे दाँत लगते ही वो फुस्फुसाइ
कामया - - आह आ आ शी शी शी !! ऑफ ओ ऑफ ओ ऑफ भैया मत करो ना ! आ आ भैया काटो मत ! दूध पीते पीते सन्नी ने पेंट से अपना लंड बाहर निकाल कर कामया के हाथ मे पकड़ा दिया ! हाथ मे गरम गरम माँस का टुकड़ा आते ही कामया चिहुनक गई !
कामया -- भैया ये क्या कर रहे हो ! समझो कोई आ जाएगा ! बेशरम कहीं के !
सन्नी - - - डार्लिंग कोई नहीं आएगा ! पाँच बजे तक तो कोई नहीं आने वाला ! ले खेल इससे !
कामया - - - धत ! मुझे नहीं खेलना ! कामया ने शरमाते हुए कहा ! लंड अब भी उसके कोमल हाथों मे ही था! सन्नी ने उसकी कलाई पकड़ी पर उसका हाथ चलाने लगा जब उसने छोड़ा तो कामया का हाथ बरबस ही चलता रहा !
कामया - - बहुत गंदे हो आप ! देखो मुझसे ज़बरदस्ती करवा रहे हो !
सन्नी - - डार्लिंग गंदे की क्या बात है ! तुझे भी तो ये अच्छा लगता है !
कामया - - - अच्छा लगता है तो क्या कोई समय तो होता है ! ये कोई समय है क्या ! चलो इसको अंदर करो
सन्नी - - अंदर तो करना ही है इसीलिए तो निकाला है जान ! लेकिन इसे यहाँ अंदर करना है और ऐसा कहते हुए सन्नी उसकी साड़ी समेत पेटिकोट ऊपर उठाने लगा ! जैसे ही कामया ने देखा की भैया उसे नंगी कर रहे हैं तो उसने लंड छोड़ तुरंत अपने कपड़े पकड़ लिए ताकि भैया ऊपर ना कर पाएँ !
कामया - - नहीं भैया पागल मत बनो ! अभी मैं ये नहीं कर सकती !
सन्नी - - डार्लिंग अब मुझसे रहा नहीं जाएगा ! अब बदन मे आग लग गई है एक काम कर ब्लो देदे ! कामया आना कानी करने लगी तो सन्नी उसकी साड़ी फिर उठाने लगा ! कामया के लिए अब असहज हो गया था ! अगर सन्नी ज़ोर दे तो वो अपनी साड़ी को खुलने से नहीं रोक सकती थी ! साड़ी उतरना और ख़तरनाक हो सकता था ! वो बोली
कामया - - भैया प्लीस ! साड़ी मत खोलिए ! मुझे बाँधने मे एक घंटा लग जाता है !
सन्नी - - रानी तो फिर ऊपर से ही निपटा दे ना ! ले मुँह मे ले ले ! फटाफट काम हो जाएगा ! इतने दिन बाद मिली है अब रहा नहीं जा रहा ! कामया समझ गई की अब कुछ नहीं हो सकता सन्नी अब मानेगा नहीं तो वो चुपचाप बैठ गई और सन्नी के बदमाश को मुँह मे ले कर दुलार करने लगी !
लंड मुँह मे आते ही कामया को भी खुमार चढ़ने लगा ! सन्नी के लंड पर उसे कुछ ज़्यादा ही प्यार आ रहा था ! ये कोई आम लंड नहीं था ये उसके बच्चे का बाप था ! उसने सोचा चुन्नु मुन्नु के पापा को तो रॉयल ट्रीटमेंट देना ही पड़ेगा ! वो टोपे के छेद मे जीभ घुसेडने लगी जैसे मामा उसकी बुर मे जीभ घुसेड रहे थे ! सन्नी चिहुनक कर चुचि मे नाख़ून गाड़ाने लगा ! दोनो मस्ती मे डूबने लगे ! कामया अपने दोनो अंगूठे से टोपे को फैला रही थी और शिश्न छिद्र मे जीभ डाल रही थी !कुछ देर तक कामया यों ही करती रही फिर उसने सन्नी के पप्पू को लोलीपोप बना डाला और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी ! वो इतनी ज़ोर ज़ोर से लंड चूसने लगी मानो उसे उखाड़ लेना चाहती हो ! सन्नी बेचारा तो बस देखता ही रह गया क़ि कामंध स्त्री कितनी खूणकार हो सकती है ! आख़िर सन्नी भी नई उमर का था ज़्यादा देर अपने को रोक नहीं पाया और उसेन कामया को रबड़ी खिलाना चालू कर दी ! कामया भी बड़े चाव से अपने भैया का माल गटकने लगी !
मामा आज अपने काम मे ऐसा फँसा की उसे घर आने मे देर रात होने लगी और फ़ोन मे ही कह दिया क़ि वो खाना खा के आएगा ! जब वो आया तो सब अपने कमरे मे जा चुके थे ! तीनो भाइयों के तीन कमरे ऊपर थे जबकि मामा का रूम नीचे था और उसी के सामने तरफ थोड़ा क्रॉस मे कामया का कमरा था ! मामा की आँखों के सामने पिछली दो रात का दृश्य घूम रहा था जब उसने अपनी डार्लिंग भांजी का बाजा बजाया था ! मगर आज कुछ होने वाला नहीं था ! कामया की याद मे वो बाजार से ही एक पौव्वा पी कर आया था और खाना भी खा के आया था ! जैसे ही मामा अपने रूम मे पहुँचा पतिव्रता मामी दरवाजे पर ही खड़े होकर उसका इंतज़ार कर रही थी !
रजनी की जानलेवा अदा को देख मामा कुछ देर के लिए कम्मो को भी भूल गया ! दारू का नशा ,कामया की याद का नशा और अब अपनी गदराई बीवी को सामने देख मामा का मूसल पेंट मे हिलोरें लेने लगा ! उसने दरवाजे मे ही रजनी को पकड़ लिया और उसके तपते होंठों पर अपने होंठ रख दिए ! मामी सिसक पढ़ी
मामी - - क्या हो गया आज आपको ! इतने उतावले क्यों हो रहे हो ?
मामा - - जान तुझे देख तो मैं रोज ही उतावला हो जाता हूँ ! मगर दो दिन बाहर था इसलिए आज ज़्यादा ही याद आ रही थी ! और फिर मामा ने उसका ब्लाउस खोलना शुरू कर दिया !
मामी - - अरे अरे ! दरवाजे पर ही शुरू हो जाओगे क्या ! कोई देख लेगा तो ! कुछ तो शरम करो !
मामा - - - देखने दे जिसे देखना है ! अपनी बीवी को प्यार कर रहा हूँ कोई बाहर वाली को नहीं !
बटन के खुलते ही मामी के दोनो कबूतर फड़ फड़ा के बाहर आ गये!
नशे मे मस्त मामा रजनी के कबूतर देखते ही पगला गया ! उसकी आँखों मे वासना भड़क उठी ! रजनी के कबूतर कामया से बड़े थे जो मामा के हाथ मे भी नहीं समाते थे ! मामा ने दोनो कबूतरों को एक साथ पकड़ा और लगा उनकी गर्दन मरोडने ! रजनी की आहें निकलने लगी !
मामी - - - आह आ ! ओह उई माँ ! सन्नी के पापा धीरे ! आज आपको क्या हो गया है ! इतना क्यों बावले हुए जा रहे हो ! इतना तो नई नई शादी के बाद भी नहीं पगलाए थे ! बेचारी नहीं जानती थी ये पागलपन कामया का नशा है जो दोनो बाप बेटों के सिर चढ़ कर बोल रहा है !
मामा - - रानी तेरे कबूतर इतने मस्त हैं क़ि जी करता है दिन भर उड़ाता रहूं ! मामा अब दोनो बूब्स को मसल रहा था मस्ती के मारे रजनी का बुरा हाल था ! बेचारी पहली बार ऐसे द्वार पर अपने को मसलवा रही थी !
इधर कामया फ़ोन पर सन्नी से बात कर रही थी ! सन्नी को मालूम था कि कामया सुनील के साथ फ़ोन सेक्स करती है इसीलिए वो उसे फ़ोन पर उत्तेजित कर रहा था !
सन्नी - - जान क्या पहनी हो ?
कामया - -- लेगी और टॉप ! कामया ने लजाते हुए कहा !
सन्नी - -- जान दूध देखना है ! टॉप उतार ना
कामया - - भैया पागल हो क्या ? मैं टॉप उतार भी लूँगी तो आप कैसे देख पाओगे ?
सन्नी - - रानी तू उतार तो ! मैं मन की आँखों से सब देख लूँगा ! सन्नी का दीवानापन देख कामया अंदर ही अंदर बड़ी खुश हो गई ! उसने अपना टॉप उतार कर नीचे फेंक दिया !
कामया - - - जानू उतार दिया टॉप ! अब बोलो दिख रहा है ?
सन्नी - - - हाँ दिख रहा है बस अब थोड़ा दबाने दे ना ?
कामया - - वहीं से दबा लो ! यहाँ आने नहीं मिलेगा ! समझे !!
सन्नी - - जान एक काम कर अपने हाथ से दबा तेरी सिसकारी सुनकर मैं मान लूँगा क़ि मैं ही दबा रहा हूँ !
इधर इनका फ़ोन टॉक चल रहा था उधर मामा अब पूरी मस्ती मे आ गया था ! उसने रजनी के एक मम्मे को अपने मुँह मे भरकर चाब लिया ! रजनी के मुँह से तेज़ सिसकी निकल गई !
रजनी - - आ ओह !! ऑफ ऑफ ! हे राम ! जानू धीरे काटो ना ! कितना तेज काट रहे हो ! वो आँख मूंद कर चूची चुस्वाई का मज़ा लेने लगी !
इधर जैसे ही कामया ने शरमाते हुए अपने बूब्स को दबाने के लिए हाथ बढ़ाया उसे मामी की तेज़ सिसकारी सुनाई पढ़ी ! वो घबडा गई की कहीं मामी ने हमे देखा तो नही ! उसने फ़ौरन मोबाइल बंद किया और कान लगा के सुनने लगी ! जिस प्रकार की आवाज़ आ रही थी उससे उसे समझने मे देर नहीं लगी क़ि मामा मामी का प्रोग्राम चल रहा है आख़िर कामया भी शादी शुदा थी और इस प्रकार की सिसकारी का मतलब जानती थी ! उसे आश्चर्य हुआ क़ि मामी इतना आवाज़ कर रही है क़ि कमरे के बाहर तक आवाज़ आ रही है ! उसकी इच्छा और आवाज़ सुनने की हुई वो बेड से उठकर दरवाजे के पास आ गई और जैसे ही दरवाजा हल्का सा खोलकर बाहर नज़र डाली तो उसने जो देखा तो उसकी कान के लवे गरम हो गये ! मामा दरवाजे पर ही खड़े होकर रजनी मामी का दूध पी रहा था ! सीन देख कर कामया के बुर मे पानी भर आया ! वो सोचने लगी "" ये मर्द चूची पीने के कितने शौकीन होते हैं ! जैसे जन्म जन्म के भूखे हों ""
मामा बारी बारी से मामी के दोनो बूब्स पी रहा था ! मामी का बदन भी बड़ा कसा हुआ था ! वो अपने यौवन के उफान मे थी ! अभी अभी वो चालीस पार पहुँची थी ! कहते हैं पेंतीस की उमर पर औरत एक बार फिर उबलने लगती है इसी लिए इंग्लीश मे कहावात है की "" वॉच यौर वाइफ एट थर्टी फाइव "" ! मामी आँखें बाद किए अपनी जवानी का रस लूट रही थी ! मामा उसके बूब्स चूस रहा था और वो उसका सिर पकड़ कर अपने बूब्स पर दबा रही थी ! ये सीन देख कामया का हाथ अपने आप अपनी चूत पर चला गया ! वो ये भी भूल गई क़ि अगर किसी की भी आँख खुल गई तो उसे देख लेंगे ! वो तो बस खोई सी प्रेम परिंदों की प्रेम लीला देखने लगी ! कामया ने देखा की मामी वासना के चरम पर पहुँच चुकी है और अपनी जांघों को आपस मे रगड़ रही है ! तभी मामी ने अपना एक हाथ नीचे किया और मामा के नागफनी को टटोलने लगी ! नाग का फन तुरंत उसके हाथ मे आ गया ! मामी ने लंड को मुठियाना चालू कर दिया ! कामया अधनंगी खड़ी मामी की रासलीला देख रही थी और अपनी बुर को रगड़ रही थी !
जब रजनी मामा के मूसल को जकड़ने लगी तो मामा को सहन करना असहज हो गया ! उसने मामी को धकेल कर अंदर किया और दरवाजा बंद करने को वापस आया ! अभी वो दरवाजा बंद कर ही रहा था क़ि उसकी नज़र कामया पर पड़ गई ! कामया टॉप लेस खड़ी उन्ही की रास लीला देख रही थी !
मामा हैरत से अपनी स्वपन सुंदरी को देखता रह गया ! मगर वो ज़्यादा देर वहाँ रुक नहीं सकता था क्योंकि अंदर रजनी इंतज़ार कर रही थी ! मामा ने दरवाजा बंद नही किया बस थोड़ा सा भिड़ा दिया उसे विश्वास था क़ि कामया पूरा प्रोग्राम देखने ज़रूर आएगी! जाते जाते उसने कामया को इशारा कर दिया क़ि दरवाजा खुला है ! कामया उसकी मंशा समझ शर्मा कर अंदर भाग गई ! मामा वापस आया और अपने कपड़े उतारने लगा और पल भर मे ही आदम जात नंगा हो गया ! रजनी सोफे मे बैठी देख रही थी !
मामा के नग्न होते ही उनका लंड बाहर निकल कर मामी के सामने झूलने लगा ! मामी पिछले तेईस साल से इस खिलोने से खेल रही थी मगर आज भी उनका मन नहीं भरा था ! जब भी ये उसके सामने आता तो उसका मन मचल उठता ! सोफे पर बैठी रजनी अपने यार को देख कर गहरी साँसे ले रही थी ! तभी मामा ने उसके मुँह के पास आकर अपना हथियार लहरा दिया ! मामी जानती थी उसे क्या करना है ! उसका पति लंड चुसवाने का शौकीन था और अब तो रजनी को भी इस बच्चू को मुँह के अंदर करने मे मज़ा आता था ! जब मामा का लंड मामी के मुँह मे होता तो रजनी को ऐसा लगता जैसे सारी दुनिया उसकी मुट्ठी मे है ! रजनी ने एक हाथ से लंड को थामा और उसके टोपे को अपने मुँह मे लेकर स्टीम बाथ कराने लगी ! मज़े की अधिकता मे मामा सिसकारियाँ लेने लगा !
इधर कामया मामा का इशारा समझ अभी भी लाज से दुहरी हुई जा रही थी ! मामा ने उसे खुल्लम खुल्ला अपना और मामी की चुदाई का लिव टेलीकास्ट देखने का निमंत्र्न दिया था ! कामया का मन बड़ा बैचेन हो गया ! वो सोच रही थी क़ि अगर जाऊंगी तो मामा को तो पता चल ही जाएगा क्योंकि उनकी नज़र तो उसे ही खोज रही होगी ! और अगर ना जाऊं तो उसका दिल नहीं मान रहा था ! चुदाई देखने की लालसा उसके अंदर प्रबल होती जा रही थी ! उसे याद आया क़ि इसके पहले भी वो दो चुदाई देख चुकी है ! एक अपने सास ससुर की और एक अपनी सहेली रीमा और उसके जेठ की ! वो हां ना मे उलझी हुई थी मगर चुदाई देखने की उसकी ललक बढ़ती जा रही थी ! चौरासी लाख योनियों मे एक मात्र इंसान ही ऐसा है जो दूसरों की चुदाई देखना पसंद करता है और यही कारण ब्लू फिल्म इंडस्ट्रीस की सफलता की वजह है ! दुनिया मे बाकी सब प्रजाति सेक्स ज़रूर करते हैं मगर दूसरे को चुदाई करते देखने मे उनकी कोई रूचि नहीं रहती ! मानव मन की ये कमज़ोरी अब कामया पर हावी हो गई उसने टॉप पहना और चुपके से मामा के दरवाजे पर पहुँच गई ! जैसे ही उसने अंदर झाँका उसकी सिसकारी निकलते बची ! अंदर मामा नंगा खड़ा था और सामने बैठी रजनी मामी उसका हल्लाबी लंड को गहराई तक अपने हलक मे लील रही थी !
कामया को वहाँ खड़े हुए पल भी नहीं बीता था कि मामा की नज़र उस पर पढ़ गई क्योंकि वो बार बार दरवाजे की ओर ही देख रहा था ! कामया को देख मामा की आँखों मे चमक आ गई उसने सोचा लौंडिया अपनी जवानी की आग संभाल नहीं पा रही है ! अब तक शांत खड़ा मामा ने रजनी का सिर थामा और ज़ोर ज़ोर से लंड उसके अंदर ठेलने लगा ! रजनी के मुख से गों गों की आवाज़ आने लगी बेचारी ढंग से साँस नहीं ले पा रही थी ! मामा का ये जंगलीपना उसने कई साल बाद देखा था वरना आजकल तो वो बढ़े प्यार से चुदाई करते थे ! रजनी ने बड़ी मुश्किल से अपने को छुड़ाया और मामा की तरफ देखती हुई खड़ी हो गई ! मगर मामा ने तुरंत उसे पकड़ लिया और उसका वस्त्र हरण करने लगा !मामा ने बड़ी नज़ाकत से उसकी साड़ी उतार दी फिर ब्लाउस भी उतार कर फेंक दिया ! केवल ब्रा मे रजनी का मादक जिस्म कमरे मे अपनी छटा बिखेरने लगा ! मामा ने उसके नंगे कंधे नंगी पीठ क्लीवेज़ को चूमना चालू कर दिया ! मामी हीट मे आकर आहें भरने लगी ! मामा खड़े खड़े उसके जिस्म को चूम रहा था काट रहा था और हाथों से कभी उसके बूब्स दबाता और कभी उसकी गाँड को मसलने लगता !
रजनी - - आ ओह ऑफ ओह ! आह आज आपको क्या हो गया है जी ! कुछ नशा वशा करके तो नहीं आए हो ?
मामा - - रानी तेरे से ज़्यादा नशा और किस चीज़ मे होगा ! बाकी चीज़ तो खानी पीनी पढ़ती है तुझे तो बस देखने से ही नशा चढ़ जाता है !
मामा ने अब उसके ब्रा भी उतार दी जिससे उसके बड़े बड़े मम्मे छलक पड़े ! अब मामा भूखे भेड़िए की तरह रजनी के मम्मो पर टूट पड़ा !
रजनी - - - आ आ शी शी !! धीरे करो राजा ! दरद देता है ! धीरे धीरे चूसो ना जैसे हमेशा चूसते हो !! रजनी की चूची चुसाई देख कामया का हाथ अपने आप अपने संतरों पर चला गया और वो उन्हे दबाने लगी! इधर मामा अब चुसाई तो कर ही रहा था साथ ही साथ अब उसका हाथ रजनी की भट्टी पर भी पहुँच गया था उसकी उंगलियाँ अब भट्टी मे इर्धन डालने लगी ! रजनी का हाल बुरा होता जा रहा था ! बहुत दिन बाद उसका पति इतनी कामुकता दिखा रहा था ! मामा लगातार कामया पर भी नज़र मार लेता और उसको अपने मम्मे मसलते देख खुश हो जाता ! लौंडिया गरमा रही थी यही तो वो चाहता था !
अब मामा ने पेटिकोट मे उंगली फ़साई और खोलने लगा ! तो मामी ने कहा
रजनी - - ये क्यों खोल रहे हो ! ऐसे हो करलो ना ! आजकल तो ऐसे ही उठा के कर लेते हो !
मामा - - आजकल की छोड़ रानी आज की बात कर ! आज पेटिकोट उठा के नहीं हटा के करूँगा और मामा ने नाडा खींच दिया ! पेटिकोट सरसरा के नीचे चला गया और इसी के साथ रजनी के बेदाग हसीन जिस्म खुले मे खिल उठा ! रजनी ने पेंटी नहीं पहनी थी आजकल वो बहुत कम ही पेंटी पहनती थी ! कमरे की लाइट मे रजनी बिल्कुल रजनीगंधा के समान महक रही थी !
उसके हुश्न को देख कर तो एक बारगी कामया भी चौंक उठी ! वो दिल ही दिल मे बोली "" ये गाँव की औरतें ना जाने क्या खाती हैं क़ि चालीस पर पहुँचने के बाद भी इनका जिस्म इतना कसा रहता है ! देखो तो मामी का हर अंग आज भी पूरी कसावट लिए हुए है ! फिर वो सोचने लगी इतनी सेक्सी बीवी होने के बाद भी मामा दस साल से हमारे पीछे पड़ा है तो क्या हम इतने हसीन हैं जो मामा हम पर मरे जा रहें हैं !"" अपने हुश्न और जवानी पर मामा की दीवानगी की याद आते ही वो गर्व से फूल गई ! मामा ने एक बार फिर रजनी को अपनी सख़्त बाहों मे ले लिया और उसके यौवन से खेलने लगा ! उसने अपनी टाँग से रजनी की टाँग दूर दूर कर दी और अपनी उंगली रजनी की भट्टी मे डाल दी ! रजनी तड़प उठी अब उससे संभालना मुश्किल हो रहा था ! इस उमर मे इतना प्यार संभालना उसे कठिन हो रहा था !
रजनी - - - आई उई माँ ! क्या कर रहे हो जी ! सब यहीं खड़े खड़े कर लोगे क्या ? उसने लजाते हुए कहा
मामा - - रानी तू बोल तो खड़े खड़े कर लूँ ? पहले भी खड़े खड़े कई बार पेले हैं ! मामा ने उसकी आँखों मे आँख डालते हुए कहा !
रजनी - - पहले की बात अलग है ! अब आपकी उमर खड़े खड़े करने की नहीं है समझे ! चलो बिस्तर मे जो करना वहीं करना ! मामा उसे बिस्तर मे ले गया और उसे लिटा कर उसकी दोनो टांगे चौड़ी कर दी ! कामया रजनी की पाव के समान बुर देख वहीं देखने लगी ! अचानक मामा को ख़याल आया क़ि कम्मो डार्लिंग सब देख रही है तो उसने सीधा चुदाई करने की बजाय अपना मुँह भट्टी मे झोंक दिया !
रजनी - - आई नहीं ! वहाँ मत करो ! छी गंदी जगह है ! मगर मामा का तो आज कुछ और ही मूड था ! वैसे तो वो आजकल रजनी कि बुर चटाई नहीं करता था मगर वो कामया को दिखा रहा था की वो कितना केरिंग प्रेमी है ! उसने अपनी खुरदूरी लप्लपाति जीभ रजनी की फांकों मे लगा दी और चाटने लगा ! कामया के पूरे बदन मे आग लग गई ! बुर तो उसकी भी बहुत चाटी गई थी मगर बुर चटाई देखना उससे से भी ज़्यादा कामुक था ! बेहाल कामया ने अपना हाथ लेगिंग के अंदर डाल दिया और अपने काजू दाने पर ज़ुल्म ढाने लगी ! मामा ने तिरछी नज़र से कामया की बेकरारी देखी तो खुश हो गया ! लौंडिया अगर ऐसे ही गर्माती रही तो इसको तो यहीं गाँव मे चोदून्गा उसने सोचा ! कुछ देर तक मामा रजनी की बुर चाटता रहा और रजनी पानी बिन मछली की तरह तड़पति रही ! जब रजनी से बर्दास्त नही हुआ तो उसने मामा की बाहें पकड़ी और उसे अपने ऊपर खींच लिया और बोली - -
रजनी - - बस अब डालो अंदर ! इतनी आग क्यों लगा रहे हो ! अब रहा नहीं जाता डाल दो अपना लंड ! मुझे ये चाहिए अभी के अभी ! फिर उसने मामा के लंड को पकड़ कर अपनी बुर के मुहाने पर रख दिया और मामा को बड़ी कामुक नज़र से देखती हुई बोली
रजनी - - करो ना क्या देख रहे हो ? अब क्या मुहूर्त निकाल कर डालोगे ! मामा बेचारा क्या उत्तर देता उसकी नसें तो ऐसे ही फटी जा रही थी ! इधर रजनी नीचे दबी थी तो उधर कामया चुप के देख रही थी मामा ने भी आव देखा ना ताव एक झन्नाटेदार झटका मार दिया ! रजनी की पनियाई बुर मे लंड ऐसे घुसा जैसे तरबूज़ मे चाकू चला गया हो ! एक ही शॉट मे लंड पूरा पेवश्त हो गया और पेलड़ ने गाँड के मुलायम माँस पर जाकर जगह बना ली ! रजनी के मुख से कराह फुट पढ़ी !
रजनी - - आई माँ ! मर गई ! मार दोगे क्या सन्नी के पापा ! धीरे नहीं डाल सकते थे ! ऑफ ओह ! आह !पता नहीं आज आपको हो क्या गया है ! पहले तो कितना आहिस्ता से करते थे ! मामा चुपचाप सुनता रहा और फिर अपनी मंज़िल पर चल पढ़ा ! वो टोपे तक लंड बाहर निकालता और फिर पेल देता ! रजनी की कराह अब सिसकारियों मे बदल गई थी ! हर अगला धक्का उसे जन्नत की सैर करा रहा था
रजनी - - आ आ !! उई माँ ! ऑफ ओ ऑफ ओ ! शी शी ! हां ऐसे पेलते रहो बहुत मज़ा आ रहा है ! राजा और कस कसकर चापो ना ! पूरा अंदर तक पेल दो !
मामा - - रानी मज़ा आ रहा है ना ? लंड का मज़ा ले रही हो ना ?
रजनी - - राजा तुम्हारी चुदाई की तो मैं दीवानी हूँ ! आज इतने सालों बाद भी मन नहीं भरता जब तुम पेलते हो तो इतना मज़ा आता है कि लगता है रात दिन बस लेटी रहूं और पेलवाती रहूं ! पेलो जितना पेलना है ! इस बदमाश को तो अंदर ही रहने दो हमेशा के लिए !
मामी के मुख से निकली हर बात हर शब्द कामया को खंजर की भाँति लग रहे थे !
रजनी मामी की धकाधक चुदाई देख कामया का अपने बदन पर कंट्रोल नहीं रहा ! उसने अपना हाथ लेगिंग के अंदर डाला और ज़ोर ज़ोर से अपने दाने को रगड़ने लगी ! वो सोच रही थी अगर ऐसा ही औजार सुनील के पास होता और ऐसा ही मामी के समान वो मज़ा लूट सकती तो कब का मुंबई चली गई होती अपने साजन के पास ! मगर हाइ री किस्मत हमारा मज़ा हमे अपने साजन के हाथों नहीं बल्कि अपने दीवानों के हाथों मिलता है ! मामा देख रहा था की कम्मो डार्लिंग अंदर हाथ डाल कर नकली मज़ा ले रही है ! जब मामा का विस्फोट करने का समय आया तो उसे एक नया विचार सूझ गया उसने रजनी के अंदर माल गिराने की बजाय अपने सैनिक को बाहर निकाला और रजनी के कातिल बदन को अपने पानी से सींचने लगा ! रजनी के पेट चुचि चेहरा सब मामा ने अपने रस से भिगा दिया ! मामा ने ये जानबूझ कर किया था ताकि इस वीर्य वर्षा का दृश्य देख कर कामया और बेकरार हो जाए !
दूसरे सुबह सब अपने अपने काम मे लगे थे ! मामा और सन्नी दोनो बैचेन थे ! सन्नी तो कुछ ज़्यादा ही बेचैन था एक तो जवानी का जोश दूसरा हल्के होने का कोई इंतज़ाम नहीं मामा के पास तो रजनी थी जो खुद अपने आप मे किसी एटम बोम से कम नहीं थी ! तीनो बच्चे अपने स्कूल कॉलेज चले गये ! मामा बारह बजे तक दुकान मे बैठा फिर मामी दुकान आ गई और मामा निकल लिया ! कामया भी अकेली थी इस लिए वो भी रजनी के साथ दुकान मे ही थी ! इधर सन्नी का मन कॉलेज मे बिल्कुल नहीं लग रहा था ! उसे मालूम था की दो बजे से पाँच तक का टाइम घर मे कोई नहीं रहता है सो वो घर आ गया ! सन्नी को जल्दी आया देख रजनी ने पूछा
रजनी - - क्या हो गया बेटा ? जल्दी क्यों आ गया ?
सन्नी - - कुछ नहीं मम्मी ! आज थोड़ा सर दर्द दे रहा है इसलिए चला आया !
रजनी - - अरे तो तू जा आराम कर ! रजनी आकर तुझे बाम मल देगी ! जा तू अपने कमरे मे जा ! माँ की बात सुन सन्नी कातिल मुश्कान के साथ अंदर चला गया ! अब तो मम्मी हर हाल मे कामया को उसके पास भेजेगी !अचानक वो अपने कमरे मे ना जाकर नीचे ही बाथरूम मे घुस गया और कामया का इंतज़ार करने लगा ! थोड़ी देर बाद कामया दुकान से बाम लेकर ऊपर जाने लगी ! सन्नी चुपके से निकला और अंदर से सांकल लगा दिया ! अब अंदर कोई नहीं आ सकता था ! कामया धड़कते दिल से ऊपर जा रही थी क्योंकि वो समझ गई थी क़ि सन्नी को दर्द वर्द नहीं है और उसने झूट बोला था मगर वो मामी को मना भी नहीं कर सकी ! भला कैसे बोलती क़ि मामी मैं नहीं जाऊंगी सन्नी से मेरी इज़्ज़त को ख़तरा है ! वैसे भी अब बचाने को बचा ही क्या था ! वो सोच रही थी क़ि कल किचन मे ही सन्नी ने चुस्वा दिया था तो आज तो बाक़ायदा मामी की आदेश से उसके कमरे मे जा रही है भगवान जाने क्या होगा ! वो धीरे धीरे बढ़ रही थी जबकि उससे कुछ दूरी पर रहकर सन्नी भी चल रहा था ! कामया ने अंदर जाकर कमरे को खाली देखा तो चोंक गई और लौटने के लिए पलटी मगर दरवाजे पर तो सन्नी टाँग फैलाए खड़ा था ! उसकी आँखों मे वासना भरी हुई थी !
सन्नी - - क्या बात है जान लौट क्यों रही हो ? मालिश नहीं करोगी ?
कामया - - भैया मुझे मालूम है आपको कुछ नहीं हुआ है ! लो बाम और जहाँ मलना है मल लो !
सन्नी - - मैं नहीं मलूँगा ! मम्मी ने तुम्हे मलने को कहा है ! सीने मे दर्द है ज़रा बाम लगा दो सीने मे !
कामया - - क्यों नीचे तो बोले थे सिर दर्द है अब सीने मे हो गया दर्द !
सन्नी - पहले सिर मे था मगर तुमको देखकर अब सीने मे हो गया है जल्दी से मालिश कर दो वरना दर्द और नीचे उतर जाएगा !
कामया - - मुझे नहीं करना मालिश ! खुद लगा लो मैं जा रही हूँ ! कहते हुए कामया ने जाने की कोशिश की मगर सन्नी ने उसे अपनी बाहों मे उठा लिया और लाकर बेड पर पटक दिया और बोला
सन्नी - - जान मालिश तो अब होके रहेगी या तो तुम मेरे सीने की करोगी या फिर मैं तुम्हारे सीने की करूँगा ! बोलो क्या करना है !
कामया - - भैया प्लीज़ मुझे जाने दो ! मुझे नहीं करनी मालिश !
सन्नी -- ठीक है तो मुझे करने दो ! और सन्नी ने उसका कुर्ता सीने तक ऊपर कर दिया ! ब्रा मे क़ैद कामया के संतरे अपना दीदार कराने लगे ! सन्नी की नज़र उन पर गढ़ गई !
कामया - - भैया प्लीज़ जाने दो कोई आ जाएगा !
सन्नी - - जान कोई नहीं आ पाएगा ! मैं अंदर से कुण्डी लगा कर आया हूँ! फिकर नोट ! और वो झुक कर कामया के नशीले पेट को चूमने लगा ! कामया तड़प उठी ! सन्नी उसके बदन की हर कमज़ोरी को जानता था ! सन्नी पूरे नाज़ुक पेट को किस कर रहा था साथ मे उसके दूध दबा रहा था ! दूध पर मर्द के हाथ लगते ही कामया मदहोश हो जाती थी ! कामया के मुख से आहें निकलने लगी मगर आज वो द्रिड संकल्प कर के आई थी क़ि इस तरह सन्नी के झूट बोलने पर वो उसे अपनी मनमानी नहीं करने देगी !
कामया - सन्नी नहीं जाने दो मुझे मैं कुछ उल्टा सीधा नहीं करने दूँगी !
सन्नी - - ठीक है कुछ करने नहीं देना मगर मालिश तो करने दे और कहते कहते उसने कामया का नाडा खींच दिया ! जब तक कामया सम्भल पाती उसने तेज़ी से कामया की सलवार और पेंटी घुटने तक खींच दी ! कामया की हसीन बुर अपनी छटा बिखेरने लगी ! जिसे देख कर सन्नी लार टपकाने लगा !
हल्के हल्के रोएँदार बालों से घिरी बुर बड़ी ही मनोहारी लग रही थी जैसे की मर्द के संयम का इंतेहाँ लेना चाहती हो !
बालों से झाँकती बुर की फाँक ऐसी लग रही थी जैसे मेघ से घिरे आसमान से चंद्रमा झाँकता है !
सन्नी - - जान क्या बात है आजकल बाल नहीं बनाती क्या ?
कामया - - - आप तो यहाँ आ गये ही फिर भला किस के लिए बनाऊँ ? कामया ने शरमाते हुए कहा
सन्नी - - क्यों बाबूजी भी तो हैं घर मे ?
कामया - - उन्हे तो जैसा खाना परोस दो वो वैसा ही खा लेते हैं ! बुढ़ापे मे स्वाद का पता नहीं चलता !
सन्नी - - वैसे जान सच बोलूं तो मुझे भी ऐसी ही अच्छी लगती है ! हल्के बालों के साथ ! एक दम चिकनी अच्छी नहीं दिखती !
कामया - - भैया झूट मत बोलो ! ऐसी देख ली तो ऐसी ही की तारीफ करने लगे !
सन्नी - - कसम से रानी ! मैं अपनी पर्सनल चोइस बता रहा हूँ ! और फिर उसने बात करते करते पूरी बुर को अपने हाथ मे भर लिया
कामया - - आ शी भैया मत करो !प्लीज़
सन्नी - - क्यों ना करूँ ? मालिश ही तो कर रहा हूँ
कामया - - मत करो मालिश ! कुछ कुछ होने लगता ही ! बैचेनी होने लगती है !
सन्नी - - तो होने दो ना बेचैनी ! बाद मे चैन भी तो आ जाता होगा !
कामया - - तुम चाहे कुछ भी कर लो पर आपको वो नहीं करने मिलेगा हाँ ! ये तो तय बात है ! सन्नी ने सोचा क़ि एक बार इसकी आग भड़का देगा तो ये खुद उसे कहेगी क़ि डाल दो सो वो अपनी कलाकारी दिखाने लगा !उसने अपना अंगूठा कामया की बुर मे डाल दिया और फ़िंगर फक्किंग करने लगा ! कामया तड़पने लगी उसका चेहरा लाल भभुका सा हो गया ! आँखों मे वासना उतर आई ! उसने ज़ोर से चादर पकड़ ली और दाँतों को भींच लिया ! इधर सन्नी लगातार अंगूठे को अंदर बाहर कर रहा था !
कामया - - - आ आ !! ओह ओह !! शी शी !! आई आई ! शी आई शी सी उई ! ऑफ हो ऑफ हो ! कामया कराह रही थी ! जब उससे रहा नहीं गया तो उसने सन्नी का सिर खींच कर अपने बूब्स पर लगा दिया ! सन्नी ने भी तुरंत चुचि को अपने मुँह के हवाले कर दिया ! कामया की गरमी देख सन्नी ने धीरे से उसके पैर फैलाने की कोशिश की मगर कामया ने अपने टांगे चौड़ी नहीं होने दी ! सन्नी फिर मेहनत करने लगा मगर अब सब कुछ व्यर्थ था कामया ज़ोर से कराही और भर भरा के पानी छोड़ने लगी ! सन्नी का अंगूठा अपनी दीदी के मदन रस से भीग गया !
सन्नी - - क्या जान तुम तो अंगूठे से ही हो गई !
कामया - - तुम्हारा तो अंगूठा भी तुम्हारे जीजू के उससे मोटा है ! समझे ! फिर कामया उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगी सन्नी - - अभी कहाँ जा रही हो /
कामया - मैने कह दिया ना कुछ नहीं होगा ! नो मीन्स नो ! गॉट इट ? सन्नी कामया का मुँह देखकर चुप रह गया ! वो सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को नाराज़ नहीं कर सकता था ! आज नहीं तो कल दे देगी उसने सोचा ! कामया फिर मामी के पास दुकान चली गई ! थोड़ी देर बाद सन्नी भी नीचे आया और बाइक उठाकर जाने लगा !
रजनी - - अरे तेरी तबीयत खराब है तो कहाँ जा रहा है ?
सन्नी -- मम्मी अभी आ रहा हूँ थोड़ी देर मे ! कामया को देख कर जो आग सन्नी के अंदर लगी थी उसे बुझाना ज़रूरी हो गया था इसलिए सन्नी सीधा अपने खेत पहुँचा ! खेत मे चार मजदूर औरतें काम कर रही थी जिनमे कई सन्नी की ख़ास था ! उन्ही मे से एक सेक्सी औरत के पास सन्नी गया और कहा
सन्नी - - ए राधा चल ज़रा चाय बना दे और सॉफ सफाई कर दे कमरे मे ! राधा चुपचाप उठकर खेत मे बने कमरे की ओर चल दी जबकि बाकी सब औरतें आपस मे मुश्काराने लगी ! वो सभी जानती थी क़ि राधा को किस चीज़ की सफाई करनी है आख़िर दोनो बाप बेटे उन्हे भी तो बारी बारी से कमरे की सफाई करने ले जाते थे !
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