Saturday, January 4, 2014

FUN-MAZA-MASTI पंडित & शीला पार्ट--36

FUN-MAZA-MASTI
 पंडित &  शीला पार्ट--36

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गतांक से आगे ......................
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 अब उससे सब्र करना मुश्किल हो गया ..उसने नूरी को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड को लगाकर उसको तरसाने के लिए सिर्फ अपने लंड को टच करने लगा .

 अपनी चूत के होंठों के ऊपर अपने अब्बू के लंड की गर्माहट पाकर वो बावली कुतिया की तरह जोर -२ से भोंकने लगी ...


''अह्ह्ह्ह्ह्ह अब्ब्बू .......उम्म्म्म्म .....डाल भी दो ना ....ऐसे मत तरसाओ ....अपनी नूरी को ...''


इरफ़ान ने भी मुस्कुराते हुए उसकी बात मान ली और एक जोरदार झटके के साथ उसकी चूत में लंड पेलकर उसकी घुड़सवारी करने लगा ..उसने लगाम के बदले उसके बालों को खींच लिया और पीछे से धक्के मारकर अपनी गति तेज कर दी ..


अपने आपको अपने अब्बू के सपुर्द करके आज नूरी बहुत खुश थी ..वो कुलांचे भरकर, लंड को अपनी फुद्दी में लेकर दोड़ने लगी ..


''अह्ह्ह्ह्ह्ह ......अब्बू .....उम्म्म्म्म्म .......हा न…. .... ...अह्ह्ह्ह ..ऐसे हि…। अह्ह्ह ...ओग्ग्ग ......मर्र्र्र्र .....गयी .....उम्म्म्म्म ......जोर .....से .....करो ....अब्ब्बू ......अब्बब्बब्बब ह्ह्ह्ह ऊऊऊऊ ........''


उसकी चूत ने जवाब दे दिया ...पर इरफ़ान का घोडा थमने का नाम नहीं ले रहा था ..


वो बेड पर लेट गया और नूरी को अपने ऊपर खींच कर फिर से उसकी चूत को अपने लंड से भर दिया ..और उसके मुम्मों के थपेड़े अपने चेहरे पर झेलता हुआ फिर से उसकी चुदायी करने लगा ..


नूरी के हर अंग को आज इरफ़ान ने हिला कर रख दिया था


 और अब नूरी का एक और ओर्गास्म बन रहा था ..जिसे पाने के लिए उसने अपनी तरफ से और तेजी से कूदना और चिल्लाना चुसू कर दिया ..


''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .....अब्ब्बा .......अह्ह्ह्ह्ह ...मार ..डालोगे ...आज तो आप। ....अह्ह्ह्ह्ह .......उह्ह्ह्ह्न्न्न .......ऐसे ही ....चोदो ...अपनी नूरी को .....अह्ह्ह्ह ....''


और जल्द ही इरफ़ान भी अपनी बेटी के होंठों को अपने मुंह में चूसता हुआ उसकी चूत में अपने लंड के बीज निकालने लगा ..

दोनों एक साथ ही झड़ने लगे थे ..

वो ये सब कर तो रहे थे पर उन्हें अंदाजा भी नहीं था की सुलेमान वो सब देख रहा है ..जल्दबाजी में नूरी और इरफ़ान सीडियो से ऊपर जाने का दरवाजा बंद करना भूल गए थे ..


दरअसल काफी देर तक जब कोई नीचे नहीं उतरा तो अपने लंड की अकड़ के हाथों मजबूर होकर सुलेमान सीडियां चड़कर ऊपर आ गया ..उसने सोचा की अगर इरफ़ान ने पूछ भी लिया की ऊपर क्या करने आया है तो बोल देगा की दूकान से कुछ सामान लेना था पर वो बंद थी इसलिए ऊपर पूछने चला आया की कब तक खुलेगी ..


पर ऊपर आकर तो सुलेमान की आँखों के साथ - 2 जैसे किस्मत भी खुल गयी ..उसने सपने में भी सोचा नहीं था की नूरी अपने अब्बा के साथ चुदाई की तय्यारी कर रही होगी ..साथ ही साथ उसे अपनी किस्मत पर नाज भी हुआ क्योंकि अब वो उन दोनों का ऐसा राज जान चुका था जिसकी मदद से वो कुछ भी कर सकता था ..


वो सही वक़्त का इन्तजार करने लगा और वहीँ चुप कर बैठ गया . अपने मोबाइल कमरे से उसने बाप बेटी के सारे एपिसोड को रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया था ..


और जब ये सब कुछ हो चुका था तो वो बाहर निकल आया ..क्योंकि अब सही वक़्त आ चुका था ..


 और उसके बाहर निकलते ही सबसे पहले इरफ़ान की नजर पड़ी उसपर ..उसे तो जैसे बिच्छू ने डंक मार लिया हो ..वो उछल गया और उसने जल्दी से नूरी की चूत से अपना लोड़ा बाहर खींचा और पास पड़ी हुई चादर को ऊपर खींचकर दोनों के जिस्मों को ढक लिया ..


इरफ़ान : "सु ...सु ..सुलेमान .....तू यहाँ क्या कर रहा है कमीने ...''


अपने आशिक का नाम सुनते ही नूरी ने भी पलट कर उसकी तरफ देखा ..पर ज्यादा हेरान नहीं हुई वो ..और ना ही उसने कोशिश की अपनी नंगी छातियों को छुपाने की ..


सुलेमान (हँसते हुए) : ''इरफ़ान मियां ...मैं यहाँ कैसे आया ..और कब आया ..ये मत पूछो अब ..आप तो मुझे ये बताओ की ये चल क्या रहा है ..तुम बाप बेटी के बीच ..''


उसने अपने लंड को मसलते हुए कहा ..


कोई और मौका होता तो इरफ़ान उसकी हलक में हाथ डालकर उसकी जुबान खींच लेता ..उसका रुतबा और व्यवहार था ही ऐसा पुरे मोहल्ले में की हर कोई उसकी इज्जत करता था ..और ये सुलेमान तो उसके सामने पला - बड़ा हुआ था , और अब ये कल का लोंडा उससे इस तरह से सवाल कर रहा है ..


पर वो कुछ ना बोल पाए आखिर गलती उनकी ही जो थी ..अपनी बेटी को चोदना कोई छोटी बात नहीं है जो कोई भी अनदेखा कर दे ..घर की चारदीवारी में जो होता है अगर वो मोहल्ले वालों को ऐसे पता चल गयी तो उसकी बरसों की इज्जत मिटटी में मिल जायेगी ..इरफ़ान ये सोचते -२ ही कांप उठा ..


इरफ़ान : "वो ..वो ..कुछ भी तो नहीं ...तुझसे मतलब ..और तेरी हिम्मत कैसे हुई हमारे घर में घुसने की ..''


इरफ़ान बेचारा उठ भी नहीं पा रहा था ..नंगा जो था वो चादर के नीचे .


सुलेमान : "अरे चचा ...इतने भोले तो नहीं है हम भी ..जो इतना भी ना समझे की आप कर क्या रहे थे नूरी की चूत में लंड डालकर ...''


नूरी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दी ...पर इरफ़ान का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच गया ...


इरफ़ान : "कमीने ...तेरी हिम्मत कैसे हुई ये बोलने की ..निकल जा अभी के अभी मेरे घर से ..तेरी माँ की चूत ...साले ...गली के कीड़े ...निकल यहाँ से ..''


आवेश में आकर इरफ़ान नंगा ही खड़ा हो गया और सुलेमान को धक्का मारकर घर से बाहर निकालने लगा ..


सुलेमान : "मियां ....आप मुझे घर से निकाल तो रहे हो ..पर एक बात सोच लो ..मेरे घर से निकलते ही तुम्हारी जो बदनामी होगी पुरे मोहल्ले में ..वो आप बर्दाश्त नहीं कर पायेंगे ...''


इरफ़ान : "तू मुझे ब्लेकमेल कर रहा है ..तेरी बातों को सुनने वाला है कौन ...सब तेरे बारे में जानते हैं ..वो तेरी नहीं , मेरी बात सुनेगे और समझेंगे ...''


सुलेमान : "मुझे पता था ...इसलिए मैंने ये सब रिकॉर्ड कर लिया था ...''


इतना कहकर उसने जो मूवी बनायीं थी, वो प्ले करके दिखाने लगा ..जिसे देखकर इरफ़ान के पैरों तले से जमीन निकल गयी ..


वो बुरी तरह से फंस चुका था ..


आखिर में उसने होश से काम लेते हुए ,अपनी आवाज में थोड़ी नरमी लाते हुए ,
सुलेमान से कहा : "तू ....तुम ...चाहते क्या हो ....''


सुलेमान : "हाँ ...अब आये न रास्ते पर ...देखो चचा ....मैं भी तुम्हे ऐसे ब्लेकमेल करके कुछ नहीं करना चाहता था ...पर क्या करू ..अपनी आदत से मजबूर हु ..और रही बात चाहने की ..तो मैं तो बस ..वही चाहता हु ..जो अभी आप चाह कर हटे हो ..नूरी की चूत.''


अपनी बेटी का नाम उसके मुंह से दोबारा सुन कर वो फिर से गुस्से से भर उठा ...पर अगले ही पल उसे अपनी स्थिति का आभास हुआ ...वो खून का घूँट पी कर रह गया ..


अचानक इरफ़ान को अपने नंगेपन का एहसास हुआ ..उसने झट से अपना पायजामा उठाया और पहन लिया ..और उसने नूरी की तरफ देखा ..तो हेरान रह गया ..वो भी अपने शरीर से चादर को उतार चुकी थी ..और अपने अब्बू के लंड से निकले रस को अपनी चूत से निकाल कर अपनी उँगलियों से बड़ी ही बेशर्मी से मसल रही थी ..


उसने आज तक अपनी बेटी पर गली के आवारा लड़कों की गन्दी नजर नहीं पड़ने दी थी ..और आज नूरी सुलेमान के सामने इस तरह नंगी पड़ी हुई थी जैसे वो भी यही चाहती है ..


उसने नूरी की तरफ गुस्से से भरी हुई नजरों से देखा ...जैसे कह रहे हो 'बेशरम ..कपडे तो पहन ले ..'


पर नूरी तो मंद ही मंद मुस्कुराते हुए सुलेमान की तरफ देख रही थी ..उसके मन में तो फिल्मे बननी शुरू हो गयी थी जिसमे वो सुलेमान से चुद रही है और उसके अब्बू बेबस और लाचार से होकर सामने बैठे हुए देख रहे हैं ..ये सब सोचते हुए ही उसकी उँगलियों की लचक उसकी चूत में और ज्यादा हो गयी ..


इरफ़ान : "नूरी ...ये क्या बेहूदगी है ...कपडे पहनो ...जल्दी से ...''


नूरी : "अब्बू ...आप क्यों ज्यादा परेशान हो रहे हैं ...आप भी जानते हैं की ये जो बोल रहा है वो कर भी सकता है ..आप एक काम करो ..आप नीचे जाओ ..और दूकान संभालो ..मैं इसे संभालती हु ..''


अपनी फूल जैसी बेटी के मुंह से रंडियों जैसी बातें सुनकर इरफ़ान को ऐसा लगा की ब्लड प्रेशर से उसका दिमाग फट जाएगा ..पर जो भी था, होना तो आखिर में वही था, जो सुलेमान चाहता था ..उसे चाहे इस बात पर गुस्सा आ रहा था की उसकी बेटी को कोई गली का लड़का चोद रहा है ..पर नूरी ने संयम से काम लेते हुए वो डिसाइड भी कर लिया था ..इरफ़ान फिर से एक बार खून का घूँट पीकर रह गया ..

नूरी ने सुलेमान को कोने में रखे हुए सोफे की तरफ चलने का इशारा किया ...क्योंकि बेड पर उसकी चूत से निकले अब्बू के रस की वजह से काफी गीलापन आ चुका था ..और वहां जाकर वो लेट गयी ..



इरफ़ान ने थके हुए क़दमों से कोने में पड़ा हुआ अपना कुरता उठाया और बाहर की तरफ जाने लगा ..उसे जाता हुआ देखकर सुलेमान ने बिना उसकी परवाह किये अपने कपडे उतारना शुरू कर दिए ..


अपनी टी शर्ट और फिर जींस को एक ही झटके में उतारने के बाद उसके अंडरवीयर में बना हुआ उभार देखकर नूरी तो जैसे पागल ही हो गयी ...उसने सुलेमान को अपनी तरफ खींचा और अंडरवीयर के ऊपर से ही उसके लंड के ऊपर कट्टी मार ली ..


इरफ़ान की कमर थी उनकी तरफ, और वो धीरे -2 सीडियो की तरफ बढ़ रहा था ..सुलेमान की सिसकारी सुनकर उसने धीरे से अपना सर पीछे किया तो अपनी बेटी का ये रूप देखकर वो भी दंग रह गया ..नूरी को देखकर उसे लग ही नहीं रहा था की उसके साथ कोई गलत काम हो रहा है ..वो तो उसे एन्जॉय कर रही थी ..और वो ठिठक कर वहीँ दरवाजे के बाहर खड़ा हो गया ..और उसके रुकने का उन दोनों पर कोई प्रभाव नहीं था ..वो दोनों तो एक दुसरे में मस्त थे ..खासकर नूरी, जो अपने अब्बू के लिए अपने आप को 'कुर्बान' कर रही थी .


नूरी ने एक ही झटके में सुलेमान के सुलेमानी लंड को आज़ाद कर दिया और वो उसके चेहरे के सामने सलामी देने लगा ..


नूरी ने उसे प्यार से देखा उसे लिटा कर और बड़ी ही नजाकत से उसके लंड को अपने मुंह में लेकर ठंडक का एहसास दिया ..


''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .......उम्म्म्म्म्म्म ...नूरी .........स्स्स्स्स्स्स्स्स ....सा ली ......कुतिया .... ''


अभी थोड़ी देर पहले जिस सुलेमान को इरफ़ान गलियां दे रहा था वही अब उसकी बेटी के मुंह में लंड पेलकर उसे गालियाँ दे रहा था ..वक़्त भी इंसान को कैसे पलट कर वार करता है ..


पर जिस नूरी को उसने आज तक दुनिया की नजरों से बचाकर रखा था और आज खुद उसकी चुदाई भी कर चूका था ..उसे किसी और से इस तरह से चुदत देखकर ना जाने क्यों उसे कुछ हो रहा था ..पहले तो गुस्सा आ रहा था पर नूरी को इस तरह से सुलेमान का लंड चूसते देखकर उसके अन्दर लंड के अन्दर भी कुछ -२ होने लगा था ..


तभी सुलेमान की नजरें इरफ़ान पर पड़ गयी ...और वो हँसते हुए बोला : "अरे चचा ....देखना ही है तो आराम से अन्दर आकर देखो ...मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है ... हा हा ..''


नूरी ने भी चोर नजरों से अपने अब्बू को देखा , दोनों की नजरें एक पल के लिए चार हुई ..पर फिर एकदम से नूरी ने अपनी नजरें घुमा ली और फिर से सुलेमान के लंड को चूसने लगी ..जैसे कह रही हो 'ओहो अब्बू ...अब जाओ भी ..ऐसे ही देखते रहोगे क्या ..'


इरफ़ान थके हुए क़दमों से नीचे की तरफ चल दिया ..और दूकान खोलकर वहां बैठ गया ..



उसके जाते ही सुलेमान ने नूरी को ऊपर उठाया और उसके गुलाबी होंठों को जोर -२ से चूसता हुआ उसके अधरों का रस पीने लगा ..


नूरी : "अरे वाह मेरे चीते ...तूने तो आज कमाल कर दिया ...मेरे अब्बू के सामने ही मुझे पाने का जो तरीका अपनाया, वो वाकई काबिले तारीफ है ..और आज तेरी इसी बात से खुश होकर नूरी पूरी मस्ती में चुदेगी ....बोल क्या करू में तेरे लिए ..''


दोस्तों , अगर कोई नंगी लड़की सामने लेटकर ऐसा बोले की क्या करू तेरे लिए तो समझ लो आपसे बड़ा ही-मेन कोई नहीं है उसकी नजरों में ..


सुलेमान : "तू तो बस मुझे आज खुश कर दे ...अपनी चूत से भी ...और गांड से भी ..''


नूरी ने हँसते हुए उसके लंड को मसला और बोली : "साले ...मुंह तो चोद ही चूका है आज तू मेरा ...बाकी के दोनों छेद भी चोद डाल ... आज नूरी पूरी तरह से तेरी है ..जहाँ से चाहे मार ले ..''


इतना कहकर वो चादर की तरह बिछ गयी ..


सुलेमान को बड़ी प्यास लगी थी , इसलिए वो सीधा नूरी की चूत से निकल रहे झरने के नीचे पहुँच गया और वहां मुंह लगा कर अपनी प्यास बुझाने लगा ..

सुलेमान के दांये हाथ की तीन उँगलियाँ अन्दर से खोद कर उसकी चूत का अमृत बाहर निकाल रही थी और वो अपनी जीभ से उसे कुत्ते की तरह से पी रहा था ..

नूरी ने उसके सर के बालों को पकड़ा और झटके दे - देकर अपनी चूत पर उसके होंठों को मारने लगी ..


''अह्ह्ह्ह्ह्ह ,,........साले ........कुत्ते ......चाट .....मेरी चूत को अपनी जीभ से ......भेन चोद ....''
 
 


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