Wednesday, January 22, 2014

बदनाम रिश्ते-- हमारा छोटा सा परिवार--6

FUN-MAZA-MASTI


बदनाम रिश्ते--
 हमारा छोटा सा परिवार--6

 बड़े मामा की गहरी साँसे मेरे मुंह में मीठा स्वाद पैदा कर रहीं थीं. मेरी चूत की नाज़ुक कंदरा उनके धड़कते लंड की हर थरथराहट के आभास से
कुलमुला रही थे. बड़े मामा और मैं एक दूसरे से लिपट कर अपने लम्बे अवैध कौटुम्बिक व्यभिचार के कामोन्माद के बाद की शक्तिहीन अवस्था और एक दूसरे के मुंह

का मीठा स्वाद का आनंद ले रहे थे. बड़े मामा मुझे क़रीब दो घंटे से चोद रहे थे.


बड़े मामा का लंड अभी भी इस्पात से बने खम्बे की तरह सख्त था, "बड़े मामा आपका लौहे जैसा सख्त लंड तो अभी भी मेरी चूत में तनतना रहा है? क्या

इसे अपनी बेटी जैसी भांजी की चूत और मारनी है?" मैने कृत्रिम इठलाहट से मामाजी को चिड़ाया.


बड़े मामा ने मेरी नाक की नोक को दातों से हलके से काट के, मुझे अपनी विशाल बाँहों में भींच आकर कहा,"अब तो तुम्हारी चूत की चुदाई शुरू हुई है,

नेहा बेटा. अब तक तो हम आपकी को अपने लंड से पहचान करवा रहे थे."


बड़े मामा ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकालने लगे. मेरी आँखें मेरे नेत्रगुहा से बाहर निकल पड़ी. मैं विष्वास नहीं कर सकी जब मैंने बड़े मामा का

हल्लवी मूसल घोड़े के वृहत्काय लिंग के माप का लंड अपनी छोटी सी अछूती कुंवारी चूत में से निकलते हुए देखा. बड़े मामा का लंड मेरे कौमार्य भंग के खून और

अपने वीर्य से सना हुआ था, "भगवान्, बड़े मामा ने कैसे इतना बड़ा लंड मेरी चूत में डाल दिया?" मेरा दिमाग चक्कर खाने लगा. मुझे काफी जलन हुई जब बड़े

मामा का लंड मेरी चूत के द्वार-छिद्र से निकला. मेरी चूत से विपुल गरम गरम द्रव बह निकला.


बड़े मामा ने मुझे गुड़िया जैसे उठा कर कहा, " नेहा बेटा, अब हम तुम्हारी चूत पीछे से मारेंगें."

मैं बड़े मामा के महाविशाल लंड और अपनी चूत में से बहे खून को देख कर काफी असहाय महसूस करने लगी और बड़े मामा की शक्तिशाली मर्द सत्ता के प्रभाव में

उनकी हर इच्छा का पालन करने को इच्छुक थी. मेरी दृष्टी सफ़ेद चादर पर फैले गाड़े लाल रंग के बड़े दाग पर पड़ी. पता नहीं क्या मेरी चूत वाकई फट गयी थी?

इतना खून कहाँ से निकला होगा?



बड़े मामा ने मुझे घोड़े की मुद्रा में मोड़ कर स्थिर कर के मेरे फूले, मुलायम चूतड़ों के पीछे खड़े हो गए.

बड़े मामा ने अपना विशाल लंड तीन चार धक्कों में पूरा मेरी चूत में फिर से घुसेड़ दिया. मेरे मुंह से सिसकारी निकल पडीं , "धीरे बड़े मामा, धीरे. आपका लंड

बहुत बड़ा है," मैंने अपने होंठ अपने दातों में दबा लिए वरना मेरी चीख निकल जाती.

"नेहा बेटा, अब तो तुम्हारी चूत दनदना कर मारूंगा. तुम्हारी कोमल चूत अब खुल गयी है." बड़े मामा ने मेरी धीरे चूत मारने की प्रार्थना की खुले रूप से

उपेक्षा कर दी.


बड़े मामा ने अपने हाथों से मेरी गुदाज़ कमर को स्थिर कर अपने लंड से मेरी चूत मारना प्रारंभ कर दिया. इस बार बड़े मामा ने लंड दस-बारह

ठोकरों के बाद बाद मेरी चूत में अपना लंड से सटासट तेज़ और ज़ोर से धक्के मारने लगे. मेरी सांस अनियमित और भारी हो गयी. मेरी सिस्कारियों से कमरा गूँज

उठा. बड़े मामा की शक्तिशाली कमर की मांसपेशियां उनके विशाल लंड को मेरी चूत में उनका लंड बहुत ताकत से धकेल रहीं थी. बड़े मामा के लंड का हर धक्का

मेरे पूरे शरीर को हिला रहा था. मेरी नीचे लटकी बड़ी चूचियां बुरी तरह से आगे पीछे हिल रही थीं.



"आह, मामाजी, मुझे चोदिये. अँ...अँ..ऊं..ऊं..उह ..उह..और चोदिये बड़े मामा. मेरी चूत में अपना लंड ज़ोर से डालिए. मेरी चूत झाड़ दीजिये," मेरे

मूंह से वासना के प्रभाव में अश्लील शब्द अपने आप निकल आकर बड़े मामा को और ज़ोर से चूत मारने को उत्साहित करने लगे.

बड़े मामा ने कभी बहुत तेज़ छोटे धक्कों से, और कभी पूरे लंड के ताकतवर लम्बे बेदर्द धक्कों से मेरी चूत का निरंतर मंथन अगले एक घंटे तक किया. मैं

कम से कम दस बार झड़ चुकी थी तब बड़े मामा ने मेरी चूत में अपना लंड दूसरी बार खोल कर वीर्य स्खलन कर दिया. दूसरी बार भी बड़े मामा के वीर्य की मात्रा

अमानवीय प्रचुर थी.


मैं बहुविध रति-निष्पत्ति से थकी अवस्था में बड़े मामा की आखिरी ठोकर को सह नहीं पाई और मैं मूंह और पेट के बल बिस्तर पर गिर पडी. बड़े मामा

का लंड मेरी चूत से बाहर निकल गया.


मुझे बड़े मामा के मुंह से मनोरथ भंग होने की कुंठा से गुर्राहट निकलती सुनाई पड़ी. बड़े मामा अब अपनी कामवासना से अभिभूत थे और उनकी

बेटी समान भांजी का किशोर नाबालिग शरीर उनकी भूख मिटाने के लिए ज़रूरी और उनके सामने हाज़िर था.

बड़े मामा ने बड़ी बेसब्री से मुझे पीठ पर पलट चित कर दिया. मेरी उखड़ी साँसे मेरे सीने और उरोज़ों से ऊपर को नीचे कर रहीं थी.


बड़े मामा ने मेरी दोनों टांगों को मेरी चूचियों की तरफ ऊपर धकेल दिया. मैं अब लगभग दोहरी लेटी हुए थी. बड़े मामा ने अपना अतृप्य स्पात के

समान सख्त विशाल लंड मेरी खुली चूत में तीन धक्कों से पूरा अंदर डाल कर वहशी अंदाज़ में चोदने लगे. बड़े मामा ने मेरी चूत को बेदर्दी से भयंकर ताकत भरे

धक्कों से चोदना शुरू कर दिया. बड़े मामा मानो मेरी कुंवारी, नाज़ुक चूत का लतमर्दन से विध्वंस करने का निश्चय कर चुके थे. मेरी सिस्कारियां और बड़े

मामा की जांघों के मेरे चूतड़ों पर हर धक्के के थप्पड़ जैसी टक्कर की आवाज़ से कमरा गूँज उठा.


बड़े मामा ने मेरे दोनों उरोज़ों को अपने हाथों में ले कर मसल-मसल कर बुरा हाल कर दिया. मुझे अपनी चड़ती वासना के ज्वार में समझ कुछ

नहीं आ रहा था कि कहाँ बड़े मामा मुझे ज्यादा दर्द कर रहे थे - अपने महाकाय लंड से मेरी चूत में या अपने हाथों से बेदर्दी से मसल कर मेरी चूचियों में.

अब मैं अपने निरंतर, लहर की तरह मेरे शरीर को तोड़ रहे चरम-आनन्द के लिए मैं दोनों पीड़ा का स्वागत कर रही थी.


"बड़े मामा, आपने तो मेरी चूत को आह..बड़े..ऐ..ऐ ..ऐ *मा..मा...मा..मामा..आं..आं..आं..आं..आं. मुझे झाड़ दीजिये.उफ ओह मामा जी

..ई..ई..ई." मैं हलक फाड़ कर चिल्लाई. मेरे निरंतर रति-स्खलन ने मेरे दिमाग को विचारहीन और निरस्त कर दिया.


मेरा सारा शरीर दर्द भरी मीठी एंठन से जकड़ा हुआ था. बड़े मामा ने एक के बाद एक और भयानक ताक़त से भरे धक्कों से मेरी चूत को

बिना थके और धीमे हुए एक घंटे से भी ऊपर तक चोदते रहे. मैं अनगिनत बार झड़ चुकी थे और मुझ पर रति-निष्पत् के बाद की बेहोशी जैसी स्तिथी व्याप्त होने

लगी. मेरी चूत मेरे मामाजी के विशाल मोटे लंड से घंटों लगातार चुद कर बहुत जलन पर दर्द कर रही थी.


"बड़े मामा, अब मेरी चूत आपका अतिमानव लंड और सहन नहीं कर सकती. मेरे प्यारे मामाजी मेरी चूत में अपना लंड खोल दीजिये. मेरी चूत

को अपने गरम वीर्य से भर दीजिये," मैं चुदाई की अधिकता भरी मदहोशी में बड़े मामा को चुदाई ख़त्म करने के लिए मनाने लगी. मुझे नहीं लगता था कि मैं काफी

देर तक अपना होश संभाल पाऊँगी.


मेरी थकी विवश आवाज़ और शब्दों ने बड़े मामा की कामेच्छा को आनन्द की पराकाष्ठा तक पहुंचा दिया,"नेहा बेटा,मैं अब तुम्हारी चूत में

झड़ने वाला हूँ," बड़े मामा ने मेरे चूत का सिर्फ कौमार्य भंग ही नहीं किया था पर उसे अपने विशाल लंड और अमानवीय सहवास संयम-शक्ति से अपना दासी भी

बना लिया था. मैं बड़े मामा से सारी ज़िंदगी चुदवाने के लिए तैयार ही नहीं पर उसके विचार से ही रोमांचित थी.


बड़े मामा ने मेरे चूचियों को बेदार्दी से मसल कर मेरी छाती में ज़ोर से दबा कर अपने भारी मोटे लंड को पूरा बाहर निकाल कर पूरा अंदर तक

बारह-तेरह बार डाल कर मेरे ऊपर अपने पूरे वज़न से गिर पड़े. मेरे फेफड़ों से सारी वायु बाहर निकल पड़ी. उनका लंड मेरे चूत में फट पड़ा. बड़े मामा के

स्खलन ने मेरी चूत में नया रति-स्खलन शुरू कर दिया. मैंने अपने बाहें, ज़ोर-ज़ोर से सांस लेते हुए बड़े मामा की गर्दन के चरों तरफ डाल कर, उनको कस कर

पकड़ लिया. हम दोनों अवैध अगम्यागमन के चरमानंद से मदहोश इकट्ठे झड़ रहे थे.


बड़े मामा मेरी गरदन पर हल्क़े चुम्बन देने लगे. मैंने थके हुए अपने बड़े मामा को वात्सल्य से जकड़ कर अपने से चुपका लिया. मुझे बड़े मामा पर माँ का बेटे के ऊपर जैसा प्यार आ रहा था.

बड़े मामा और मैं उसी अवस्था में एक दूसरे की बाँहों में लिपटे कामंगना की अस्थायी संतुष्टी की थकन से निंद्रा देवी की गोद में सो गए.

 मेरे आँख कुछ घंटों में खुली. मैंने अपने को बड़े मामा की मांसल भुजाओं में लिपटा पाया. बड़े मामा अभी भी सो रहे थे. उनके थोड़े से खुले होंठों से गहरी
सांस मेरे मुंह से टकरा रही थी. मुझे बड़े मामा की साँसों की गरमी बड़ी अच्छी लग रही थी. बड़े मामा के नथुने बड़ी गहरी सांस के साथ-साथ फ़ैल जाते थे. बड़े


मामा की गहरी सांस कभी खर्राटों में बदल जाती थी. मुझे बड़े मामा का पुरूषत्व से भरा खूबसूरत चेहरा मुझे पहले से भी ज़्यादा प्यारा लगा, और उनका वोह

चेहरा मेरे दिल में बस गया. मैंने अब आराम से बड़े मामा के वृहत्काय शरीर को प्यार से निरीक्षण किया. मामाजी की घने बालों से ढके चौड़े सीने के बाद उनका

बड़ा सा पेट भी बालों से ढका था. मेरी दृष्टी उनके लंड पर जम गयी. बड़े मामा का लंड शिथिल अवस्था में भी इतना विशाल था की मुझे मामाजी से घंटों चुदने के

बाद भी विश्वास नहीं हुआ की उनका अमानवीय वृहत लंड मेरी चूत में समा गया था. मैं मामाजी के सीने पर अपना चेहरा रख कर उनके ऊपर लेट गयी. बड़े मामा

ने नींद में ही मुझे अपनी बाँहों में पकड़ लिया.


मेरा बच्चों जैसा छोटा हाथ स्वतः मामाजी के मोटे शिथिल लंड पर चला गया. मैंने अपनी ठोढ़ी बड़े मामा जी के सीने पर रख कर उनके प्यारे मूंह को

निहारती, लेटी रही. कुछ ही देर में बड़े मामा का लंड धीरे-धीरे मेरे हाथ के सहलाने से सूज कर सख्त और खड़ा होने लगा. मेरा पूरा हाथ उनके लंड के सिर्फ आधी

परिधी को ही घेर पाता था. बड़े मामा ने नीद में मुझे बाँहों में भरकर अपने ऊपर खींच लिया. मैं हलके से हंसी और बड़े मामा के खुले मुंह को चूम लिया. बड़े

मामा की नीद थोड़ी हल्की होने लगी.


मैंने संतुष्टी से गहरी सांस ली और मामा के बालों से भरे सीने पर अपना चेहरा रख कर आँखे बंद कर ली. मेरा हाथ मामाजी के लंड को निरंतर सहलाता रहा.

शायद मैं फिर से सो गयी थी. मेरी आँख खुली तो बड़े मामा जगे हुए थे और मुझे प्यार से पकड़ कर मेरे मूंह को चूम रहे थे.

"मम्म्मम्म.. बड़े मामा आप तो बहुत थक गए," मैंने प्यार से मामाजी की नाक को चूमा.


"नेहा बेटा, यह थकान नहीं, अपनी बेटी की चूत मारने के बाद के आनंद और संतुष्टी के घोषणा थी," बड़े मामा ने हमेशा की तरह मेरे सवाल को मरोड़ दिया.

"अब क्या प्लान है, मामाजी," मैंने अल्ल्हड़पन से पूछा.

बड़े मामा ने मेरी नाक की नोक की चुटकी लेकर बोले, "पहले नेहा बेटी की चूत मारेंगें, फिर नहा धोकर देर का लंच खायेंगे," बड़े मामा ने अपने वाक्य के बीच में

मुझे अपने से लिपटा कर करवट बदल कर मेरे ऊपर लेट गए, " उसके आगे की योजना हम आपके ऊपर छोड़ते हैं." बड़े मामा ने मेरे खिलखिला कर हँसते हुए मुंह

पर अपना मुंह रख कर मुझे चूमने लगे.


मेरी अपेक्षा अनुसार बड़े मामा ने अपनी टांगों से मेरे दोनों टांगों को अलग कर फैला दिया. मामाजी ने अपना लोहे जैसा कठोड़ लंड मेरी चूत के द्वार पर

टिका कर हलके धक्के से अपना बड़ा सुपाड़ा मेरी चूत के अंदर घुसेड़ दिया. मेरी ऊंची सिसकारी ने बड़े मामा के लंड का मेरी चूत पर सन्निकट हमले की

घोषणा सी कर दी.


बड़े मामा ने दृढ़ता से अपने विशाल लंड को मेरे फड़कती हुई चूत में डाल दिया. मैंने अपने होंठ कस कर दातों में दबा लिए. मुझे आनंदायक आश्चर्य हुआ

की बड़े मामा के हल्लवी मूसल से मुझे सिवाय बर्दाश्त कर सकने वाले दर्द के अलावा जान निकल देने वाली पीड़ा नहीं हुई. मेरी चूत में बड़े मामा के लंड के प्रवेश

ने मेरी वासना की आग को हिमालय की चोटी तक पहुचा दिया.


मेरे बाँहों ने बड़े मामा की गर्दन को जकड़ लिया. मामाजी ने मेरे कोमल कमसिन बदन के ऊपर अपना भारी-भरकम शरीर का पूरा वज़न डाल कर मेरी

चूत की चुदाई शुरू कर दी. बड़े मामा के लंड ने मेरी सिस्कारियों से कमरा भर दिया. बड़े मामा ने मेरी चूत को आधा घंटा अपने मोटे लंड से सटासट धक्कों से

चोदा. मेरी चूत तीन बार झड गयी. बड़े मामा ने आखिर टक्कर से मेर्रे चूत में अपना लंड जड़ तक घुसेड कर मेरी चूत में झड़ गयी. बड़े मामा और में एक दूसरे को

बाँहों में पकड़ कर चुदाई के बाद के आनंद के रसास्वाद से मगन हो गए.

बड़े मामा ने प्यार से मुझे अपनी बाँहों में उठा कर स्नानघर में ले गए.


बड़े मामा जब पेशाब करने खड़े हुए तो मैंने उनका लंड अपने हाथ में लेकर उनकी पेशाब की धार को सब तरफ घुमाते हुए शौचालय में पेशाब कराया.

बड़े मामा का शिथिल लंड भी बहुत भारी और प्यारा था. मैंने उनके भीगे लंड को प्यार से चूमा. मुझे मामाजी के पेशाब का स्वाद बिलकुल भी बुरा नहीं लगा.

मैं जैसे ही शौचालय की सीट पर बैठने लगी बड़े मामा ने मुझे बाँहों में उठा कर नहाने के टब में खड़े हो गए. बड़े मामा ने अपने शक्तिशाली भुजाओं से

मुझे अपने कन्धों तक उठा कर मेरी टाँगें अपने कन्धों पर डालने को कहा. मेरा बड़े मामा की हरकतों से हसंते-हंसते पेट में दर्द हो गया. इस अवस्था में मेरी गीली

चूत ठीक मामाजी के मुंह के सामने थी.

मैं बड़े मामा से अपनी चूत चटवाने के विचार से रोमांचित हो गयी, "बड़े मामा मेरी वस्ति पूरी भरी हुई है. मेरा पेशाब निकलने वाला है."


"नेहा बेटा, मुझे अपना मीठा मूत्र पिला दो. कुंवारी चूत की चुदाई के बाद पहला मूत तो प्रसाद की तरह होता है." बड़े मामा ने मेरी रेशमी बालों से ढकी चूत

को चूम मुझे उन्हें अपना मूत्र-पान कराने के लिए उत्साहित किया.


मेरा पेशाब अब वैसे ही नहीं रुक सकता था. मेरे मूत की धार तेज़ी से बड़े मामा के खुले मूंह में प्रवाहित हो गयी. बड़े मामा ने मुंह में भरे मूत्र को जल्दी से

सटक लिया, पर तब तक मेरे पेशाब की तीव्र धार ने उनके मुंह का पूरा 'मूत्र स्नान' कर दिया. बड़े मामा ने कम से कम मेरे आधे पेशाब को पीने में सफल हो गए.

उनका मुंह, सीना और पेट मेरे मूत से भीग गया था. सारे स्नानघर में मेरे मूत्र की तेज़ सुगंध फ़ैल गयी.



"बड़े मामा, मुझे प्लीज़ शौचासन पर बैठना है." बड़े मामा ने मुझे प्यार से कमोड पर बिठा दिया. मैंने बड़े मामा के आधे-सख्त लंड को मूंह में ले कर

मलोत्सर्ग करने लगी. मेरे पखाने की महक स्नानघर में फ़ैल गयी. बड़े माम ने गहरी सांस ली, मेरा शरीर रोमांच से भर गया, कि बड़े मामा को मेरा मलोत्सर्जन भी

वासनामयी लगता था. मेरे मल-विसर्जन की पाने में गिरने की आवाज़ से बड़े मामा का लंड और भी सख्त हो गया. जब मेरा मलोत्सर्ग समाप्त हो गया तो मामाजी

ने मुझे अपने को साफ़ किये बिना उठा कर, बिना फ्लश किये, शौचाल्या पर खुद बैठ गए.


बड़े मामा ने मुझे मोड़ कर झुका दिया. बड़े मामा ने मेरे गुदाज़ चूतड़ फैला कर गुदा-छिद्र को अपने मूंह से चाट कर साफ़ करने लगे. मेरी चूत में से रस

बहने लगा. मेरी नाबालिग जीवन में एक दिन में ही सहवास की वासना के कितने रूप बड़े मामा ने दिखला दिये थे. बड़े मामा की जीभ ने मेरी गांड को चाट कर

मुझे गरम कर दिया. मेरे साँसों में बड़े मामा के मलोत्सर्ग की गन्ध भर गयी. बड़े मामा जब मलोत्स्र्जन समाप्त कर रोल की तरफ हाथ बड़ाया तो मैंने उनका हाथ

पकड़ कर उन्हें खींचा. मेरा मुंह, जो मैं उनको अर्पण करना चाहती थी उसके विचार से ही लाल हो गया. बड़े मामा को मेरी इच्छा समझने में कुछ क्षण ही लगे

और मामाजी मुड़ कर अपने दोनों हाथो को घुटनों पर रख कर आगे झुक गए.


मैंने बड़े मामा के विशाल घने बालों से ढके चूतड़ों को फैला कर मामाजी की गुदा के बालों से भरे छल्ले को जीभ से चाटने लगी. मुझे मामाजी की गांड

में से मर्दों वाली सुगंध और स्वाद से आनंद आने लगा. मुझे मामाजी की गांड चाटने में बहुत मज़ा आया. मुझे अब मामाजी की अजीब इच्छाओं का महत्व समझ

आने लगा.


मैंने मामाजी की गांड अपने थूक से गीली कर बिलकुल साफ़ कर दी. बड़े मामा और मैंने पहले दातों को ब्रश किया फिर इकट्ठे स्नान करने के लिए

शावर के लिए चल पड़े. बड़े मामा ने मुझे प्यार से साबुन लगाया. उनके हाथों ने मेरी उरोजों, चूत और गांड को खूब तरसाया. मामाजी ने मेरे बालों को में शेम्पू

भी लगाया. मेरी शरीर में वासना की आग भड़कने लगी. मैंने भी बड़े मामा को सहला कर साबुन लगाया.मेरे हाथों ने उनके खड़े मूसल लंड को खूब सहलाया, मैंने

उनकी विशाल बहुत नीचे तक लटके अंडकोष को भी अपने हाथों में भरकर साफ़ करने के बहाने सहला कर मामजी की कामंगना को भड़का दिया.


मैंने उसके बाद साबुन भरे हाथों से मामाजी के विशाल बालों से भरे चूतड़ों को मसला और अपनी उंगली से उनकी चूतड़ों के बीच की दरार को

सहलाया, मेरी उंगली बड़ी देर तक उनके गांड के छेद पर टिकी रही. बड़े मामा ने मुझे मुड़ कर अपनी बाँहों में उठा लिया. मैं खिलखिला कर हंस पड़ी, मेरे बाहें

मामाजी की गर्दन से लिपट गयीं और मेरी टांगों ने मामाजी की चौड़ी कमर के उभार को जकड़ लिया.

बड़े मामा ने मेरे साबुन लगे चिकने चूतड़ों को अपने हाथों में संभाला और अपने घुटने झुका कर अपना अमानवीय अकार के घोड़े जैसे साबुन से

लस्त लंड के अत्यंत मोटे सुपाड़े को मेरी चूत में घुसेड़ दिया. हम दोनो के बदन साबुन के चिकने थे. मामाजी ने मेरा वज़न की सहायता से मेरी चूत में अपने विशाल

लंड को मोटे खूंटे की तरह धकेल दिया. मेरी चीख से स्नानघर गूँज उठा.

बड़े मामा ने मेरे चूतड़ ऊपर उठा और फिर मेरे वज़न का इस्तेमाल कर के नीचे गिरा कर अपने लंड से मेरी चूत बिजली की तेज़ी से मारने लगे.

बड़े मामा ने भयंकर तीव्रता से मेरी चूत मारनी शुरू कर दी. मेरे सांस एक बार भी संतुलित नहीं हो पायी. बड़े मामा ने अपने विशाल लोहे जैसे सख्त लंड

को स्थिर रख, मेरे चूतड़ों से आगे पीछे कर के वास्तव में मेरी चूत से अपना लंड मार रहे थे. मेरी सिस्कारियों से दीवारें बहरी हो गयीं. बड़े मामा ने मुझे अपनी और

अपने महाकाय लंड की मर्दानी ताकत का फिर से आभास कराया. मैंने अपना खुला सिसकता हुआ मुंह बड़े मामा की गर्दन में छुपा लिया.बड़े मामा की वहशी

चुदाई ने मेरी चूत को पांच बार झाड़ दिया. बड़े मामा की इतनी उत्तेजना भरी चुदाई ने मेरी हालत बेहाल कर दी. मेरी किशोर शरीर बड़े मामा के लंड से उपजी

महा-कामेच्छा को संभालने के लिए अभी बहुत अल्पव्यस्क था. मैंने अपने आपको बड़े मामा और अपनी धधकती वासना के ऊपर छोड़ दिया.


जब मुझे लगने लगा कि बड़े मामा उस दिन कभी भी नहीं झड़ेंगे, मामाजी ने मेरी चूत और भी तेज़ी से मारनी शुरू कर दी. मेरी सिस्कारियों में अब चरम

कामाग्नी के अलावा थोड़ा सा दर्द भी शामिल था. पर मुझे उस दर्द के भीतर छुपे काम-आनंद ने पागल कर दिया.

"मामाजी, मुझे चोदिये. और चोदिये. मेरी चूत अपने मोटे लंड से मारिये. आह अंन्ह ...हाय मेरी चूत ...मामाजी... ई..ई ....ई .... ई ....... मर गयी

ई ....ई ... ई........ मैं," मेरा मुंह मामाजी कि गर्दन से चुपका हुआ था.

बड़े मामा अपने भयंकर लंड से मेरी चूत का विध्वंस निरंतर हिंसक तेज़ी से करते रहे जब तक उनका लंड अचानक मेरी चूत में स्खलित हो गया.

मामाजी के गरम वीर्य ने मेरे हलक से जोर की सिसकारी निकाल दी. मेरी चूत ने भी एक बार फिर से रति-रस विसर्जित कर दिया.बड़े मामा का महाकाय लंड ने

लगभग तेरह बार झटके मार कर मेरी चूत को अपने मर्दांगनी के निचोड़,संतान उत्पादक, वीर्य से भर दिया.


बड़े मामा ने मुझे जोर से अपने शरीर से भींच लिया. मैं भी उनसे बच्चे की तरह लिपट गयी. हम दोनों को काफी समय लगा अपनी सांसों को संतुलित करने में.


 बड़े मामा और मैं नहा धो कर रसोई में खाने के लिए चल दिए.
बड़े मामा ने सब नौकरों को छुट्टी दे कर घर हमारी चुदाई के लिए तैयार कर दिया था. पर नौकर शाम को रात के खाने के लिए वापस

आने वाले थे. बड़े मामा ने खाना गरम करने की मेज़ से दोनों के लिए खाना परोसा. मेरी सारी पसंद की चींज़े बड़े मामा ने पकवाईं थी.

मैनें मामाजी से लिपट कर उन्हें प्यार से कई बार चूमा. बड़े मामा ने मुझे खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया. हम दोनों ने निवस्त्र अवस्था

में एक दूसरे को प्यार से खाना खिलाया.


बड़े मामा के हाथ बड़ी मुश्किल से मेरे गुदाज़ स्तनों कुछ क्षणों के लिए ही से दूर जाते थे। मेरे कोमल उरोज यों तो मेरी उम्र की

तुलना से बड़े थे पर अभी भी अविकसित थे। बड़े मामा ने उन को रात भर और सुबह मसल, मड़ोड़, और उमेठ कर लाल नीले गुमटों से

भर दिया था।

बड़े मामा ने मेरी दोनों चुचुक को भींच कर मेरे गाल को चूम कर पूछा, "मेरी बेटी किस विचारों में खो गयी है?"

मैं शर्मा कर लाल हो गयी, "मामाजी मैं अपनी चुदाई के बारे में सोच रही थी। आपने कितनी बेदरदी से मेरी चूचियों का मर्दन किया है?

देखिये कैसी बुरी तरह से दागी हो गयी हैं?"

बड़े मामा ने मुझे कस कर भींच लिया और शैतानी से हँसते हुए मेरे उरोज़ों को और भी कस कर मसल दिया। मैं भी दर्द से सिसकने के बाद

हंस पड़ी। मैंने अपने मूंह में भरे चिकन के कुचले हुए टुकड़े को हँसते हुए मामाजी के मूंह से अपना मूंह लगा कर उनके मूंह में डाल दिया।

बड़े मामा ने उसे प्यार से और भी चबा कर खा गए। मैं इस साधारण साधारण सी प्यार भरी चुल्ह्ढ़पन से रोमांचित हो गयी।


बड़े मामा और मैं अब अपने मूंह में चबाये हुए भोजन को एक दूसरे को खिलाने लगे। बड़े मामा ने चार गुलाब जामुन मेरी टाँगे चौड़ा कर

मेरी चूत में भीतर तक भर भर दिए। मैं मचल उठी, "बड़े मामू मेरी चूत तो यह नहीं खा सकती।"

"नेहा बिटिया, आपकी चूत तो इन्हें और भी मीठा कर देगी। फिर हम इनका सेवन करेगें।"

बड़े मामा और मैं फिर से अपने मूंह से भोजन चबा आकर एक दूसरे को खिलाने लगे।

"बड़े मामा हमें भी तो आपकी मिठास से भरी मिठाई चाहिए।" मैं इठला कर बोली।

"यह तो आपकी समस्या है। हमारे पास तो हमारी बेटी की चूत है," बड़े मामा खुल कर हंस पड़े।


पर मैं अब बड़े मामा के परिपक्व अनुभव से तेज़ी से कामानंद की क्रियायें सीख रही थी। मैंने बड़े मामा को हाथ पकड़ कर उठाया और उन्हें

आगे झुकने के लिए निवेदन किया। बड़े मामा के विशाल बालों से भरे चूतडों के बीच में छोटी सी गांड का छेड़ मेरे लिए तैय्यार था। मैंने

बरगी के चार पांच टुकड़े बड़े मामा की गांड के अंदर अपनी उंगली से घुसा दिये। मैंने फिर उनकी मीठी गांड को प्यार से चूमकर नाटकीय

अंदाज़ में कहा, "मेरे प्यारे बड़े मामू की प्यारी प्यारी गांड कृपया मेरी बर्फी को और भी मीठा कर दो।"


बड़े मामा और मेरी चुहल बाजी, हंसी-मज़ाक पूरे खाने के दौरान चलती रही।

खाना समाप्त होने के प्रश्च्यात बड़े मामा ने मुस्कुरा कर मुझे मेज पर लिटा दिया। मैं भी वासनामयी मुस्कान से खिल उठी। मैंने जोर लगा

कर अपनी चूत में भरे गुलाब जामुनों को बाहर धकेलने का प्रयास किया। बड़े मामा ने अपनी उंगली से मेरी मदद की।



उन्होंने मेरी चूत से निकली मिठाई को लालाचपने से खाया। बड़े मामा ने अपने जीभ और मूंह से मेरी चूत पर लिसी चासनी को साफ़ कर

दिया।

उनके बाद मेरी बारी थी। बड़े मामा मेज पर हाथ रख कर आगे झुक गए। उन्होंने भी जोर लगा कर मसली कुचली बर्फी अपनी गांड से बाहर

निकालने की कोशिश की।

धीरे धीरे मिठाई उनकी बालों से ढकी गांड के छेद के बाहर आने लगी। मैंने अपना खुला मूंह बड़े मामा की गांड पर लगा कर मिठाई को

अपने मूंह में भर लिया। बर्फी अब झक सफ़ेद तो नहीं रही थी पर उसमे बड़े मामा की गांड की मिठास तो बेशक शामिल हो गयी थी।

जो बाक़ी बर्फी बड़े मामा अपनेआप से नहीं निकाल पाए उसे मैंने अपनी कोमल उंगली से कुरेद कर चाट लिया।


बड़े मामा मुझे, ‘खाना खाने के बाद’, गोद में उठा कर कमरे में ले गए, "नेहा बेटा, मुझे गंगा बाबा और दुसरे नौकरों को फोन कर

के रात के खाने के लिए आने की इजाज़त देनी पड़ेगी. हम दोनों झील के जंगल में घूमने जा सकते हैं."


जब बड़े मामा गंगा बाबा को फोन कर रहे थे तब मैं अपने कपड़े निकालने लगी. बड़े मामा ने सफ़ेद कुरता पजामा चुना. बड़े

मामा पजामे के नीचे कोई कच्छा नहीं पहना. मुझे हंसी आ गयी, "मामाजी, यदि आपका लंड खड़ा हो गया तो पजामा तम्बू की तरह उठ

जाएगा."


बड़े मामा ने मेरे दोनों उरोजों को प्यार से सहलाया, "जंगल में सिर्फ तुम्हारे और कौन इस खड़े लंड को देखेगा? वैसे भी मेरी नेहा बेटी मेरे

खड़े लंड को अपनी चूत में छुपा लेगी. नहीं बेटा?" मैं शर्म से लाल हो गयी और धीरे से सर हिला कर हामी भर दी.


बड़े मामा ने मेरी जींस को उठा कर अलग कर दिया. मेरे जिज्ञासु अभिव्यक्ति को देख के मामाजी मुस्कुराये और अलमारी से हलके

पीले रंग का पेटीकोट और सफ़ेद ब्लाऊज़ निकल कर मुझे पहनने को दिया, "नेहा बेटी इसमें तुम अत्यंत सुंदर लगोगी," बड़े मामा ने हंस

कर कहा, "यदि मेरा लंड खड़ा हो गया तो सिर्फ मुझे तुम्हारा लहंगा ऊपर करने की ही ज़रुरत है और तुम्हारी चूत मेरे लंड के लिए खुल

जायेगी."


मैं शर्मा गयी और मामाजी के सीने पर अपने नन्हे हाथों की मुट्ठी से बार बार घूंसे मारने लगी जिसका प्रभाव मेरे विशाल बड़े मामा के

ऊपर सिवाय इनको और ज़ोर से हसाने के अलावा निरर्थक था.

मैंने लहंगे के नीचे जान्घियाँ और ब्लाऊज़ के नीचे ब्रा नहीं पहनी.





 Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | मराठी जोक्स | ट्रैनिंग | kali | rani ki | kali | boor | सच | | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | छातियाँ | sexi kutiya | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bharat | india | japan |funny animal video , funny video clips , extreme video , funny video , youtube funy video , funy cats video , funny stuff , funny commercial , funny games ebaums , hot videos ,Yahoo! Video , Very funy video , Bollywood Video , Free Funny Videos Online , Most funy video ,funny beby,funny man,funy women bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स , Tags = कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ stories , kaamuk kahaaniya , हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories ,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,garam stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com,लड़कियां आपस , blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator