Raj-Sharma-stories
मेरी चार ममिया---2
गतान्क से आगे...........................
"राज एक काम करो सबसे पहले अपने सारे कपड़े उतार दो?" मामी ने
कहा.
मामी की बात सुनकर में थोड़ा हिचकिचाने लगा. मामी खुद खड़ी
हुई फिर धीरे धीरे मेरे कपड़े खोलने लगी. आख़िर मे उन्होने मेरी
अंडरवेर को भी नीचे खींच मुझे पूरी तरह नंगा कर दिया.
सिर्फ़ इस ख़याल ने कि में अपनी मामी के सामने नंगा खड़ा हूँ मेरा
लंड तनने लगा. मेरे खड़े लंड को देख कर मामी मुस्कुरई.
"राज जिंदगी मे एक बात हमेशा याद रखना, किसी भी लड़की को
सीधे कभी नही चोद्ना चाहिए, बहोत से चीज़ें हैं जो चुदाई
से पहले की जाती है. शुरुआत पहले उसकी चुचियों को धीरे धीरे
मसल्ने से करनी चाहिए. अगर तुमने किसी लड़की की चुचियों को उसके
कपड़ों के उपर से भी मसाला तो वो उत्तेजित हो जाएगी."
"अब ऐसा करो..... मेरी चुचियों को दबाओ और धीरे से मसलो."
कहकर मामी ने मेरा हाथ अपनी नाइटी से धकि चुचियो पर रख
दिया.
पहले तो मेने हल्की से मामी की चुचि को सहलाया और फिर हौले
हौले दबाने लगा. मामी के मुँह से हल्की सी सिसकी निकल पड़ी...
"आह आह" "मेरी नाइटी के बटन खोल इसे उतार दो." मामी ने
कहा.
मेने मामी की नाइटी के बटन खोल दिए.
"राज एक बात ध्यान रखना लड़की को कभी भी अपने कपड़े खुद मत
उतारने देना. बल्कि तुम खुद उसके कपड़े उतारना. तुम्हे नही मालूम
कपड़े उतारते वक़्त जब मर्द की उंगलियाँ लड़की के बदन को छूती हैं
तो वो जादू कर सकती है." मामी मुझे सीखाते हुए कह रही थी.
मेने पहले मामी की नाइटी उनके कंधों से अलग कर उतार दी. फिर
पीठ के पीछे हाथ ले जा उनकी ब्रा के हुक खोल दिए. ब्रा के स्ट्रॅप्स
को कंधों से अलग कर उसे भी उतार दिया. फिर उनकी पॅंटी के
एलास्टिक मे अपनी उंगलियाँ फँसा उनकी पॅंटी को नीचे खिसका उतार
दिया. मामी अब बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी.
"अब देख क्या रहे हो खेलो मेरी चुचियों से." कंगन मामी कह
उठी.
में अपने दोनो हाथ उनकी चुचियों पर रखने मसल्ने लगा. फिर
मेरे मन मे क्या आया मेने अपनी गर्दन थोड़ी नीचे झुकाई और उनके
निपल के चारों और अपनी जीभ फिराने लगा. जीभ फिराते फिराते
मेने अपने होठों मे उनके तने हुए निपल लिए और चूसने लगा.
मामी सिसक रही थी, "हां ऐसे ही चूसो उन्हो हाआँ ओह और
ज़ोर से दाँतों मे भींच चूसो ओह हाआँ."
में और जोरों से उनकी चुचियों को चूसने लगा.
"हां ऐसे ही ओह ज़ोर से काटो मेरे निपल को ओह हाआँ मुझे दर्द
होना चाहियों काट डालो मेरी चुचियों को"
मामी की उत्तेजना भरी बाते सुन मेरा लंड तंन कर पूरा खड़ा हो
गया था.
मामी ने मेरे लंड को अपने हाथों मे लिया और मसल्ने लगी. मामी
पीठ के बगल पलंग पर लेटी थी और में में उनके बगल मे लेटा
उनकी चुचियों को चूस रहा था. मामी फिर उठी और उन्होने मुझे
पलंग पर धक्का दे सुला दिया. मामी ने पैरो को फैला खुद बीच
मे आ गयी और झुक कर मेरे खड़े लंड को अपने मुँह मे ले लिया.
मामी अपनी जीभ मेरे लंड पर उपर से नीचे तक फिराती फिर लंड
के सूपदे को अपने मुँह मे ले किसी लॉली पोप की तरह चुस्ती.
थोड़ी देर मेरा लंड चूसने के बाद मामी फिर बिस्तर पर पीठ के
बल लेट गयी और उसने मुझे अपनी टाँगो के बीच आने को कहा.
"राज अब मेरी टाँगो को अपने कंधो पर रख दो."
मेने उनकी टाँगो को उठा अपने कंधो पर टीका दिया. मामी ने अपना
हाथ नीचे कर मेरे लंड को अपनी चूत के मुँह पर रख दिया. में
पहली बार मामी की चूत को इतने करीब से देख रहा था. चूत
काली काली झांतो से घिरी हुई थी.
उनकी चूत की पंखुड़ी काफ़ी फूली और गुलाबी रंग की थी. मामी ने
अपनी दोनो उंगली से चूत की फांको को फैलाया और मेरे लंड को ठीक
बीच मे रखती हुई बोली.
"अब धीरे धीरे अपने लंड को अंदर घुसेडो."
मेने अपने लंड को थोड़ा अंदर घुसाया तो मुझे ऐसा लगा कि किसी
गरम सुराख मे अपना लंड मेने डाल दिया. मामी की चूत काफ़ी गरम
और रसीली थी अंदर से.
"ज़रा ज़ोर से अंदर डालो राज" मामी कराहते हुए बोली.
मेने एक ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा लंड मामी की चूत की जड़
तक चला गया.
"ओह आआआ......ओह" मामी सिसक पड़ी. "हां ऐसे ही अब अपने
लंड को जोरों से अंदर बाहर करो." मामी ने मुझे सिखाते हुए
कहा.
में अपने लंड के ज़ोर ज़ोर धक्के मारने लगा. मामी भी अपने चुतताड
उछाल मेरा साथ दे रही थी.
"ऑश हेयेयन ऐसे ही जोरों से चोदो ओह रुकना मत और ज़ोर से
चोदो ऑश राज कितना अछा लंड है तुम्हारा" मामी जोरों से बड़बड़ा
रही थी.
में भी अब मामी की चुचियों को भींचते हुए जोरों से धक्के मार
रहा था. ये मेरा पहला अनुभव था चुदाई का. कमरे मे पंखा चल
रहा था इसके बावजूद मेरा बदन पसीने से भीग गया था.
मामी भी अपने चूतड़ जोरों से उछाल मेरे लंड को और अंदर ले रही
थी.
"ओह राज्ज्जज्ज हाआँ चोदो तुम तो कितनी जल्दी सीख गये हां और
ज़ोर से मारो ओह.मामी ने सिसकते हुए मेरे लंड को अपनी चूत मे और
जाकड़ लिया और फिर ज़ोर से अपने चूतड़ उपर को कर बोली,' राज मेरा
तो छूटने वाला है और ज़ोर से चोदो फाड़ दो मेरी चूत को
ओह"
मेरा भी लंड पानी छोड़ने को तय्यार था मेने ज़ोर का धक्का मारा और
अपने वीर्य की बारिश मामी की चूत मे कर दी. मामी ने भी जोरों से
मुझे बाहों जकड़ते हुए पानी छोड़ दिया. उनका रस और मेरा वीर्य उनकी
चूत से बह कर जांघों तक आ गया था.
मामी ने अपनी बाहों को मेरे गले मे डाली और पहली बार अपने होंठ
मेरे होठों पर रख चूसने लगी. फिर मामी मेरी जीब को अपनी
जीब से मिला चुलबुलाने लगी.
इसी तरह बाहों मे पड़े पड़े कब हम दोनो को नींद आ गयी.
करीब दो घंटे बाद मामी ने मुझे जगाया. मामी बिल्कुल नंगी मेरे
बगल मे लेटी हुई मुझसे चिपकी पड़ी थी. तब पहली बार मुझे अहसास
हुआ कि जो कुछ भी हुआ वो सच्चाई थी सपना नही. मामी बिस्तर से उठी
और नंगी ही किचन की ओर चली गयी. काफ़ी देर तक मुझे किचन
से बर्तन की आवाज़े आती रही.
"राज आओ खाना ख़ालो." मामी ने आवाज़ दी.
मेने बिस्तर के चारों तरफ निगाह घूमाई पर मेरे कपड़े वहाँ नही
थे. में एक टवल अपनी कमर पर लपेट बाहर आ गया.
मेने देखा कि मामी ज़मीन पर बैठ कर खाना लगा रही
थी. मामी इस समय भी बिल्कुल नंगी थी.
"टवल पहनने की क्या ज़रूरत थी." मामी ने कहा.
"मामी आप भी ना......" में शर्मा गया.घर मे नंगे रहने की
आदत डालो, इससे तुम्हारी शरम चली जाएगी. और हां आज के बाद
मुझे मामी मत बुलाना बल्कि कंगन कह कर बुलाना." इतना कहकर
मामी ने मेरा टवल खींच लिया.
में बिल्कुल नंगा मामी के सामने खड़ा था. मामी ने मेरा हाथ पकड़
मुझे नीचे बिठाया और खाना परोसने लगी.
थोड़ी देर मे हम दोनो खाना ख़तम किया. तभी मामी बोल पड़ी, "राज
तुम्हारे ममाजी के आने से पहले क्यों ना एक और राउंड हो जाए."
मामी मेरा हाथ पकड़ मुझे अपने कमरे मे ले गयी. कमरे मे
पहुँचते ही मामी ने मुझे बिस्तर पर धकेला और खुद मुझ पर
चढ़ गयी. मेरी टाँगो के बीच बैठते हुए मामी ने मेरे लंड को
पकड़ा और अपने चूत के मुँह पर लगा मुझ पर बैठती चली गयी.
मेरी टाँगो पर बैठ मामी अपनी चूत मे घुसे मेरे लंड को अड्जस्ट
करने लगी. जब मेरा लंड पूरी तरह उनकी चूत मे समा गया तो वो
उछल उछल कर मुझे चोद्ने लगी.
मामी मुझ पर थोड़ा झुकते हुए बोली, "राज मेरी चुचियों को मस्लो
और अपनी कमर उठा नीचे से धक्को लगाओ."
में मामी की दोनो चुचियों को अपनी मुट्ठी मे भर मसल्ने लगा
साथ ही अपनी कमर को नीचे से उठा अपने लंड को और अंदर तक डाल
देता.
थोड़ी ही देर मे हमारी ताल से ताल मिलने लगी. मामी जब उपर को उठती
तो में नीचे से अपने लंड को अंदर पेलता और जब मेरी कमर नीचे
को होती तो मामी उपर से नीचे आते हुए मेरे लंड को अपनी चूत के
अंदर तक ले लेती.
थोड़ी ही देर मे हम दोनो ने पानी छोड़ दिया. कंगन मामी मेरे होठों
को चूमते हुए बोली, "तुम बड़ी जल्दी सब कुछ सीख गये राज"
"हां कंगन मामी आपने सिखाया जो इतनी अच्छी तरह से, आपकी चुदाई
करते करते मेरी कल्पनाए तो और बढ़ गयी है."
"मुझे बताओ मैं तुम्हारी हर कल्पना पूरी करूँगी." मामी मेरी छाती
पर हाथ फेरते हुए बोली.
"मेरा तो दिल करता है कि में अपनी चारों मामी को एक साथ चोदु
अगर आप मेरी मदद करें तो." मेने उनकी चुचि को मसल्ते हुए
कहा.
"वाह वाह..... बड़े शैतान हो गये हो, खैर में देखती हूँ में
क्या कर सकती हूँ." मामी ने कहा.
"ओह मामी आप कितनी अच्छी है." मैं मामी को अपनी बाहों मे भर
चूमने लगा.
"चलो तुम्हे प्यार करना का एक और गुर सिखाती हूँ." इतना कहकर
मामी ने अपनी पोज़िशन बदली और अपनी टाँगे मेरे चेहरे की ओर कर
दी. "राज अब मेरी चूत को चूसो और अपनी जीभ को मेरी चूत मे इस
तरह अंदर बाहर करो जैसे कि लंड को करते हो." इतना कहकर
कंगन ने मेरे लंड को अपने मुँह मे ले चूसने लगी.
मेने मामी की चूत को थोड़ा फैलाया और अपनी मुँह मे भर चूसने
लगा. में अपनी जीभ को नुकीली कर उनकी चूत के अंदर घूमाने
लगा.
"हां ऐसी ही चूसो ओह हां और होर से चूसो." कंगन
सिसकते हुए अपनी चूत को और मेरे मुँह पर दबा रही थी.
मेरे लंड को मामी जोरों से चूस रही थी. "राज मेरा छूटने वाला
है, अपना मुँह मत हटाना बल्कि मेरे रस को पी जाना."
मामी मेरे लंड को जोरों से चूसने लगी. मेरी नसों मे तनाव बढ़ने
लगा मेने अपनी कमर थोड़ा उँचा कर अपने लंड को मामी के गले तक
अंदर कर अपना पानी छोड़ दिया. साथ ही मामी के चूत ने भी पानी
छोड़ा और में उनके रस को पीने लगा.
पूरा दिन कंगन मामी के साथ की चुदाई ने मुझे थका डाला था.
में गहरी नींद सो गया और रात को खाने के समय ही उठा.
मामाजी काम पर से आ चुके थे. में ममाजी के साथ खाना खाने
बैठा तो मामी चंचल मुस्कुराहट से मुझे देखती रही थी.
देर रात को सोने से पहले मुझे जोरों से पेशाब लगी तो में घर के
आँगन मे पेशाब करने गया तो देखा कि कंगन मामी वहाँ नाल के पास
बैठी बर्तन धो रही थी.
कंगन ने जब मुझे आते देखा तो अपनी सारी को उपर तक चढ़ा ली
जिससे उनके चूतड़ और चूत दोनो मुझे दिखाई देने लगी. मामी को इस
तरह नंगा देख मेरा लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया.
में अपने लंड को पॅंट के बाहर निकाल मसल्ने लगा. मुझे लंड
मसल्ते देख मामी धीरे से बोली, "राज अपने कीमती वीर्य को ज़मीन
पर मत गिराना बल्कि मेरे चेहरे को इससे नहला दो."
मामी के करीब आया और उनके चेहरे के सामने लंड को जोरों से
मसल्ने लगा. जैसे ही मेरा पानी छूटा मामी ने अपना मुँह खोल मेरे
लंड की पिचकारी अपने मुँह मे ले ली. में उनके चेहरे पर वीर्य की
धार छोड़ रहा था और मामी मज़े लेकर उसे चाट रही थी.
में वापस अपने कमरे मे आया और सोचने लगा कि मामी वाकई मे बड़ी
चुदास है. अपनी मामियों के बारे मे सोचते सोचते कब मुझे नींद
आ गयी पता नही.
दो औरतों के बात करने की आवाज़ ने मुझे जगाया. एक कंगन मामी की
आवाज़ थी और दूसरी मेरी बड़ी मामी अनिता थी. अनिता मामी अपनी
तीन महीने की बच्ची के साथ कंगन मामी के घर आई थी. मेने
देखा कि अनिता मामी की चुचियों दूध की वजह से काफ़ी भर भारी
थी और डेलिवरी के बाद उनका पूरा बदन काफ़ी गुलाबी हो गया था.
मेने नहा कर नाश्ता किया और जब हॉल मे आया तो देखा कि कंगन
मामी अनिता मामी से कुछ कह रही है और वो इनकार कर रही थी.
"कंगन मामी क्या कह रही हो अनिता मामी से?" मेने पूछा.
"कुछ नही......" कहकर कंगन ने मुझे आँख मार दी.
फिर भी मेने कंगन मामी को अनिता मामी के कान मे फुसफुसाते सुन
लिया, "अगर तुम करना चाहती हो...... तो डरो मत और आगे बढ़ो."
अनिता मामी उठी और अपनी बच्ची को अपनी गोद मे लीटा लिया. कंगन
मामी ने मुझे इशारे से चुपचाप देखने को कहा.
मेने देखा कि अनिता मामी ने अपनी सारी का पल्लू हटाया और फिर
अपने गुलाबी रंग के ब्लाउस के दो बटन खोल दिए. फिर अपनी एक
चुचि को बाहर निकाल उसके निपल को अपनी बेटी के मुँह से लगा दिया.
मेने देखा कि मामी ने अंदर ब्रा नही पहनी थी. मामी शरम के
मारे मुझसे आँख नही मिला रही थी. वो अपनी बाईं चुचि को भी
बाहर निकाल उसके निपल को मसल्ने लगी.
मामी की भारी भारी चुचियाँ और कत्थई निपल देख मेरा लंड खड़ा
हो गया. मेने अपना हाथ अपने लंड पर रखा और उसे अपनी शॉर्ट्स के
उपर से मसल्ने लगा. कंगन मामी तिर्छि आँख से मुझे देख रही
थी.
क्रमशः........................
"Raj ek kaam karo sabse pehle apne sare kapde uttar do?" Maami ne
kaha.
Maami ki baat sunkar mein thoda hichkichane laga. Maami khud khadi
hui phir dheere dheere mere kapde kholne lagi. Aakhir me unhone meri
underwear ko bhi neeche khinch mujhe puri tarah nanga kar diya.
Sirf is khayal ne ki mein apni maami ke samne nanga khada hun mera
lund tanne laga. Mere khade lund ko dekh kar maami muskurai.
"Raj jindagi me ek baat hamesha yaad rakhna, kisi bhi ladki ko
seedhe kabhi nahi chodna chahiye, bahot se cheezein hain jo chudai
se pehle ki jaati hai. Shuruat pehle uski chuchiyon ko dheere dheere
masalne se karni chahiye. Agar tumne kisi ladki ki chuchiyon ko uske
kapdon ke upar se bhi masala to wo uttejit ho jayegi."
"Ab aisa karo..... meri chuchiyon ko dadav aur dheere se masalo."
kehkar maami ne mera hath apni nightie se dhaki chuchiuyon par rakh
diya.
Phele to meine halki se maami ki chuchi ko sehlaya aur phir haule
haule dabane laga. Maami ke munh se halki si siski naikal padi...
"Ahhh ahhh" "Meri nightie ke button khol ise uttar do." Maami ne
kaha.
Meine maami ki nightie ke button khole diye.
"Raj ek baat dhyaan rakhna ladki ko kabhi bhi apne kapde khud mat
uttarne dena. Balki tum khud uske kapde uttarna. Tumhe nahi maalum
kapde uttarte waqt jab mard ki ungliyan ladki ke badan ko chuti hain
to wo jaadu kar sakti hai." Maami mujhe seekhate hue keh rahi thi.
Meine pehle maami ki nightie unke kandhon se alag kar uttar di. Phir
peeth ke peeche hath le ja unki bra ke hook khol diye. Bra ke straps
ko kandhon se alag kar use bhi uttar diya. Phir unki panty ke
elastic me apni ungliyan phansa unki panty ko neeche khiska uttar
diya. Maami ab bilkul nangi mere samne khadi thi.
"Ab dekh kya rahe ho kehlo meri chuchiyon se." Kangan maami keh
uthi.
Meine apne dono hath unki chuchiyon par rakhne masalne laga. Phir
mere man me kya aaya meine apni gardan thodi neeche jhukayi aur unke
nipple ke charon aur apni jeebh firane laga. Jeebh phirate phirate
meine apne hothon me unke tane hue nipple liye aur choosne laga.
Maami sisak rahi thi, "HAAN AISE HI CHOOSO UNHO HAAAN OHHHHHH AUR
JOR SE DAANTON ME BHEENCH CHOOSO OHHHH HAAAN."
Mein aur joron se unki chuchiyon ko choosno laga.
"HAAN AISE HI OH JOR SE KAATO MERE NIPPLE KO OHHHH HAAAN MUJHE DARD
HONO CHAHIYON KAAT DALO MERE CHUCHIYON KO"
Maami ki uttejna bhari baatien sun mera lund tann kar pura khada ho
gaya tha.
Maami ne mere lund ko apne hathon me liya aur masalne lagi. Maami
peeth ke bagal palang par leti thi aur mein mein unke bagal me leta
unki chuchiyon ko choos raha tha. Maami phir uthi aur unhone mujhe
palang par dhakka de sula diya. Maami ne pairaon ko faila khud beech
me aa gayi aur jhuk kar mere khade lund ko apne munh me le liya.
Maami apni jeebh mere lund par upar se neeche tak phirate phir lund
ke supade ko apne munh me le kisi lolly pop ki tarah chusti.
Thodi der mera lund choosne ke baad maami phir bistar par peeth ke
bal let gayi aur usne mujhe apni tango ke beech aane ko kaha.
"Raj ab meri tango ko apne kandho par rakh do."
Meine unki tanho ko utha apne kandho par teeka di. Maami ne apna
hath neeche kar mere lund ko apni choot ke munh par rakh diya. Mein
pehli bar maami ki choot ko itne kareeb se dekh raha tha. Choot
kaali kaali jhanto se ghiri hui thi.
Unki choot ki pankhudi kafi fuli aur gulabi rang ki thi. Maami ne
apni dono ungli se choot ki phanko ko failaya aur mere lund ko thik
beech me rakhti hui boli.
"Ab dheere dheere apne lund ko andar ghusedo."
Meine apne lund ko thoda andar ghuasaya to mujhe aisa laga ki kisi
garam surakh me apna lund meine dal diya. Maami ki choot kafi garam
aur rasili thi andar se.
"Jara jor se andar dalo Raj" Maami karahate hue boli.
Meine ek jor ka dhakka lagaya aur mera lund maami ki choot ki ki jad
tak chala gaya.
"OHHHH AAAAAA......OHHHHHH" mami sisak padi. "Haan aise hi ab apne
lund ko joron se andar bahar karo." Maami ne mujhe sikhate hue
kaha.
Mein apne lund ke jor jor dhakke marne laga. Maami bhi apne chuttad
uchal mera sath de rahi thi.
"OHHHH HAAAAN AISE HI JORON SE CHOOODO OHHHHH RUKNA MAT AUR JOR SE
CHOOODO OHHHH RAJ KITNA ACHA LUND HAI TUMHARA" Mami joron se badbada
rahi thi.
Mein bhi ab maami ki chuchiyon ko bheenchte hue joron se dhakke mar
raha tha. Ye mera pehla anubhav tha chudai ka. Kamre me pankha chal
raha tha iske bavjood mera badan paseene se bheeg gaya tha.
Maami bhi apne chootad joron se uchal mere lund ko aur andar le rahi
thi.
"OH RAJJJJJ HAAAN CHOOODO TUM TO KITNI JALDI SEEEKH GAYE HAAN AUR
JOR SE MARO OHHHH.Mami ne sisakte hue mere lund ko apni choot me aur
jakad liya aur phir jor se apne chootad upar ko kar boli,' RAJ MERA
TO CHOOTNE WALA HAI AUR JOR SE CHOOODO PHAD DO MERI CHOOT KO
OHHHHH"
Mera bhi lund pani chodne ko tayyar tha meine jor ka dhakka mara aur
apne virya ki barish maami ki choot me kar di. Mami ne bhi joron se
mujhe bahon jakadte hue pani chod diya. Unka ras aur mera virya unki
choot se beh kar janghon tak aa gaya tha.
Maami ne apni bahon ko mere gale me daali aur pehli bar apne honth
mere hothon par rakh choosne lagi. Phir maami ne meri jeeb ko apni
jeeb se mila chulbulane lagi.
Isi tarah bahon me pade pade kab hum dono ko neend aa gayi.
Kareeb do ghante baad maami ne mujhe jagaya. Maami bilkul nangi mere
bagal me leti hui mujhse chipki padi thi. Tab pehli bar mujhe eshas
hua ki jo kuch bhi hua wo sachai thi sapna nahi. Mami bistar se uthi
aur nangi hi kitchen ki aur chali gayi. Kafi der tak mujhe kitchen
se barton ki awaazien aat rahi.
"Raj aao khana khalo." Maami ne awaaz di.
Meine bistar ke charon taraf nigah ghoomai par mere kapde waha nahi
the. Mein ek towel apni kamar par lapet bahar aa gaya.
Meine dekh ki maami zammen par baith kar kahana laga rahi
thi. Maami is samay bhi bilkul nangi thi.
"Towel pehaane ki kya jaroorat thi." Mami ne kaha.
"Maami aap bhi na......" mein sharma gaya.Ghar me nange rehne ki
adat dalo, isse tumhari sharam chali jayegi. Aur haan aaj ke bad
mujhe maami mat bulana balki Kangan keh kar bulana." Itna kehkar
mami ne mera towel khinch liya.
Mein bilkul nanga maami ke samne khada tha. Mami ne mera hath pakad
mujhe neeche bithaya aur khana parosne lagi.
Thodi der me hum dono khana khatam kiya. Tabhi mamai bol padi, "Raj
tumhare mamaji ke aane se pehle kyon na ek matinee round ho jaye."
Maami mera hath pakad mujhe apne kamre me le gayi. Kamre me
pahunchte hi maami ne mujhe bistar par dhakela aur khud mujh par
chadh gayi. Meri tango ke beech baithe hue maami ne mere lund ko
pakda aur apne choot ke munh par laga mujh par baithti chali gayi.
Meri tango par paith mami apni choot me ghuse mere lund ko adjust
karne lagi. Jab mera lund puri tarah unki choot me sama gaya to wo
uchal uchal kar mujhe chodne lagi.
Maami mujh par thoda jhukte hue boli, "Raj meri chuchiyon ko maslo
aur apni kamar utha neeche se dhakko lagao."
Meine maami ki dono chuchiyon ko apni muthi me bhar masalne laga
sath hi apni kamar ko neeche se utha apne laund ko aur andar tak dal
deta.
Thodi he der me hamari tal se tal milne lagi. Mami jab upar ko uthti
to mein neeche se apne lund ko andar pelta aur jab meri kamar neeche
ko hoti to maami upar se neeche aate hue mere lund ko apni choot ke
andar tak le leti.
Thodi hi der me hum dono ne pani chod diya. Kangan mami mere hothon
ko chumte hue boli, "tum badi jaldi sab kuch seekh gaye Raj"
"Haan Kangan mami aapne seekhaya jo itni achi tarah se, aapki chudai
karte karte meri kalpanain to aur badh gayi hai."
"Mujhe batao meri tumhari har kalpana puri karungi." Mami meri chati
par hath pherte hue boli.
"Mera to dil karta hai ki mein apni charon mami ko ek sath chodun
agar aap meri madad karen to." Meine unki chuchi ko masalte hue
kaha.
"Wah wah..... bade sahitan ho gaye ho, khair mein dekhti hun mein
kya kar sakti hun." Mami ne kaha.
"Oh Maami aap kitni aachi hai." meine maami ko apni bahon me bhar
choomne laga.
"Chalo tumhe pyaar karna ka ek aur gur sikhati hun." Itna kehkar
maami ne apni position badli aur apni tange mere chehre ki aur kar
di. "Raj ab meri choot ko chooso aur apni jeebh ko meri choot me is
tarah andar bahar karo jaise ki lund ko karte ho." Itna kehkar
Kangan ne mere lund ko apne munh me le choosne lagi.
Meine mami ki choot ko thoda fialaya aur apni munh me bhar choosne
laga. Mein apni jeebh ko nukili kar unki choot ke andar ghoomane
laga.
"HAAN AISI HI CHOOOSO OHHHHH HAAN AUR HOR SE CHOOSO." Kangan
sisakte hue apni choot ko aur mere munh par daba rahi thi.
Mere lund ko maami joron se choos rahi thi. "Raj mera chootne wala
hai, apna munh mat hatana balki mere ras ko pee jana."
Maami mere lund ko joron se choosne lagi. Meri nason me tanav badhne
laga meine apni kamar thoda uncha kar apne lund ko maami ke gale tak
andar kar apna pani chod diya. Sath hi mami ke choot ne bhi pani
choda aur mein unke ras ko peene laga.
Pura din Kangan maami ke sath ki chudai ne mujhe thaka dala tha.
Mein gehri neend so gaya aur raat ko khane ke samay hi utha.
Maamaji kaam par se aa chuke the. Mein mamaji ke sath khana khane
baitha to maami chanchal muskurahat se mujhe dekhti rahi thi.
Der rat ko sone se pehle mujhe joron se peshab lagi to mein ghar ke
angan me peshab karne gaya to dekha ki Kangan mami wahan nal ke pas
baithi bartan dho rahi thi.
Kangan ne jab mujhe aate dekha to apni saree ko upar tak chadha lee
jisse unke chootad aur choot dono mujhe dekhai dene lagi. Mami ko is
tarah nanga dekh mera lund phir se tan kar khada ho gaya.
Mein apne lund ko pant ke bahar nikal masalne laga. Mujhe lund
masalte dekh mami dheere se boli, "Raj apne keemti virya ko jameen
par mat girana balki mere chehre ko isse nehla do."
Maami ke kareeb aya aur unke chehre ke saamne lund ko joron se
masalne laga. Jaise hi mera pani choota maami ne apna munh khol mere
lund ki pichkari apne munh me le li. Meine unke chehre par virya ki
dhar chod raha tha aur maami maaze lekar use chaat rahi thi.
Mein wapas apne kamre me aya aur sochne laga ki mami wakai me badi
chudaas hai. Apni maamiyon ke bare me sochte sochte kab mujhe neend
aa gayi pata nahi.
Do aurton ke baat karne ki awaaz ne mujhe jagaya. Ek Kangan maami ki
awaaz thi aur doosri meri badi maami Anita thi. Anita maami apni
teen mahine ki bachi ke sath Kangan maami ke ghar aayi thi. Meine
dekha ki Anita maami ki chuchiyon doodh ki wajah se kafi bhar bhari
thi aur delivery ke baad unka pura badan kafi gulabi ho gaya tha.
Meine naha kar nashta kiya aur jab hall me aya to dekha ki Kangan
maami Anita maami se kuch keh rahi hai aur wo inkaar kar rahi thi.
"Kangan maami kya keh rahi ho Anita maami se?" meine pucha.
"Kuch nahi......" kehkar Kangan ne mujhe aankh maar di.
Phir bhi meine Kangan mami ko Anita mami ke kan me phusphusate sun
liya, "Agar tum karna chahti ho...... to daro mat aur aage badho."
Anita maami uthi aur apni baachi ko apni god me leeta liya. Kangan
maami ne mujhe ishare se chupchap dekhne ko kaha.
Meine dekha ki Anita mami ne apni saree ka paalu hataya aur phir
apne gulabi rang ke blouse ke do button khol diye. Phir apni ek
chuchi ko bahar nikal uske nipple ko apni beti ke munh se laga diya.
Meine dekha ki maami ne andar bra nahi pehni thi. Maami sharam ke
mare mujhse aankh nahi mila rahi thi. Wo apni bayin chuchi ko bhi
bahar nikal uske nipple ko masalne lagi.
Mami ki bhari bhari chuchiyan aur kathai nipple dekh mera lund khada
ho gaya. Meine apna hath apne lund par rakha aur use apni shorts ke
upar se masalne laga. Kangan mami teerchi aankh se mujhe dekh rahi
thi.
kramashah................
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