Raj-Sharma-stories
शादी का हंगामारात के १० बज चुके थे और मैं अपने रूम मैं बैठी अपनी शादी के कप्डो को देख रही थी. मेरी उमर २१ साल की थी और १० दीन बाद मेरी शादी थी. मेरी छोटी बह्न विनीता भी मेरे पास बैठी मुझे छेड़ रही थी. हमदोनों का हंसी मज़ाक चल रह था की हमारे इकलौते बारे Cousin नीलेश भी अन्दर आ हम्दोनो के पास बैठ गए. विनीता एक साड़ी मुझे दिखाती बोली, “दीदी तुम इन कप्डो मैं बहुत खूबसूरत लगोगी. जीजा जी तू इस साड़ी मैं देखकर खुश हो जायेंगे.”
उसकी बात सुन नीलेश बोले, “वैसे प्रियंका एक बात है, विनीता कह तू सही रही है.”
“नीलेश आप भी….” मैं मुह बनाते बोली.
विनीता मेरे पास आ मेरे गले लगती बोली, “हाय दीदी सच कह रही हूँ. जीजा जी तो मेरी दीदी को देख पागल हो जायेंगे. लेकीन नीलेश,जीजा जी दीदी को साड़ी तू पहनने ही नही देंगे. हाय रात भर दीदी को नंगा रखकर प्यार करेंगे.”
मैं उसकी बात सुन ग़ुस्सा दिखाते बोली, “नीलेश देखो कैसी बात कर रही है.”
“वैसे यह सच कह रही है. जब तेरे जैसी खूबसूरत लडकी हो तू कोई उसे
कप्र्दे क्यों पहनने देगा. जीजा तू रात भर तुझे नंगी करके चोदएंगे.”
“जाओ नीलेश आप तू बस झूठ बोलते हैं.”
“Are main sach kah raha hoon.”
“सच कह रहे हैं तू फिर मैं इतनी देर से बैठी हूँ और आप मुझे नंगी करके प्यार नही कर रहे हैं.”
मेरी बात सुन नीलेश मेरे पास आये और मेरे होंतो को चूम बोले, “अरे यार अभी निचे अपने रूम मैं मैं विनीता की चुदायी कर रह था इसीलिये ज़रा थक गया था. अभी तू पूरी रात है तेरी चोदकर तुझे अभी ठण्डी कर दूंगा.”
मेरे बडे Cousin की उमर २५ साल है और मैं २१ साल की. पिछले एक साल से नीलेश मुझे चोद रहे हैं. ३ महिने पहले अपनी छोटी Cousin सत्रह साल की विनीता को भी नीलेश साथ मैं ही चोदने लगे हैं. अब हम तीनो ही एक साथ रात भर चुदाई का मज़ा लेते हैं. १० दीन बाद मेरी शादी है. अब तू विनीता ही हमारे प्यारे नीलेश को रात भर अपनी जवानी का मज़ा देगी. नीलेश जब भी चुदाई करते हैं तू विनीता कहती है की नीलेश दीदी को ज़्यादा चोदओ क्योंकी दीदी की तू शादी हो जायेगी मैं तू अभी कई साल तुम्हारे पास ही हूँ. फिर नीलेश ने मुझे अपनी गोद मैं बिठा लिया और मेरी दोनो चूचियों को पाकर दो तीन बार मेरे होंद्तो को चूमा फीर मुझसे नंगी होने को कह विनीता को अपने पास खिंचा और खुद उसके कप्रे उतरने लगे. जब तक मैंने अपने सब कप्रे उतारे तब तक नीलेश ने विनीता को भी मेरी तरह नंगा कर दिया था.
“विनीता तेरी दीदी साली है बड़ी मजेदार. साली की चूत जो एक बार चोद ले वह इसे भूल नही सकता.”
“नीलेश आप भी कमल करते हो. अखीर Cousin किसकी है, आपकी. आप भी तू एक बार जिसे चोद दे वह आपके लुंड की दीवानी हो जायेगी. और नीलेश आप दीदी को साली नही कहिये, बल्कि अपने दीदी को पहले चोदअ फिर मुझे इस तरह से साली तू मैं आपकी हूई.”
“तू सच कह रही है यार चल अब तेरी दीदी को चोद दे.”
मैं नीलेश की बात सुन बोली, “ओह नीलेश आप दोनो बहुत बाते करते हैं. चलिये आइयेना आपकी Cousin तरस रही है अपने Cousin के लुंड के लिए.” और मैं उन्दोनो के पास जा विनीता से बोली, “विनीता तू ज़रा नीलेश के लुंड पर शहद लगा दे, आज मीठा करके चाटने का मॅन है.”
मेरी बात सुन वह शहद लेने गयी तू मैं नीलेश की गोद मैं बैठ उनके हून्तो को चूसने लगी. तभी विनीता शहद लेकर आयी और नीलेश के खरे लुंड पर लगाने लगी तू मैं निचे बैठ नीलेश के लंड को देखने लगी. उसने ख़ूब ढ़ेर सा शहद लुंड पर लगाया तू मैंने फौरन लुंड को अपने मुँह मैं भर लिया और चाटने लगी. शहद के साथ लुंड चाटने का तरीका मुझे मेरी सहेली समीरा ने बताया था. वह अपने Cousin का लुंड इसी तरह से चुस्ती थी. उसका कहना सही था की इस तरह लुंड का तस्ते बढ़ जता था. अब तू विनीता भी इसी तरह नीलेश का लुंड चुस्ती है. नीलेश भी हमदोनों बहनों की चूत पर शहद लगा चाटकर चोदते है.
जब चाट चाटकर शहद खा गयी तू नीलेश की गोद मैं उनके सीने से अपनी पीठ सता बैठ गयी. इस तरह से बैठकर हमदोनों विनीता को एक साथ अपनी चूत और नीलेश का लुंड चाटने को कहते हैं. वह रोज़ की तरह बरी बरी से चाटने लगी. वह कभी मेरी चूत मैं अपनी जीभ चलती और कभी नीलेश के लुंड पर.
मैं मज़े से भर नीलेश के हाथो से अपनी चूचियों को दब्वती बोली, “ओह नीलेश ऐसा मज़ा ससुराल मैं कहॉ मिलेगा?”
“क्यों नही मिलेगा पगली, अपने पाती से ख़ूब चुद्वाना और चट्वाना. तेरा होने वाला pati bahut handsome और तगड़ा जवान है.”
“पर नीलेश अब मुझे मज़ा तभी आता है जब मुझे चोदने वाले के अलावा एक और हो. जैसे यहाँ विनीता है. अब मुझे अकेले एक के साथ चुदवाने मैं मज़ा नही आता. आपने मेरे साथ कभी अकेले चुदाई की ही नही.”
“अरे यार घबरा मत तू अकेले नही होगी. वह विनीता को तेरे पास भेज दिया करुंगा.”
हम दोनो बाते कर ही रहे थे की विनीता ने मुझसे पूछा, “दीदी, एक बात तू बताओ. आप कह रही हो की नीलेश ने कभी आपको अकेले नही चोदअ.”
“हाँ यह सच है.”
“तू मुझसे पहले आप दोनो के साथ कौन होता था?”
“आज तुमको पूरी स्टोरी बताती हूँ. सबसे पहले करीब एक साल पहले जब मौसी अपने घर आयी थी २ महिने के लिए तू नीलेश ने मौसी को ख़ूब चोदअ था. मौसी ही ने मुझे भी पहली बार नीलेश से चुद्वाया था अपने साथ फीर हम लोग रोज़ नीलेश से चुद्वाते थे.”
अब नीलेश निचे आ मेरी चूत को जीभ पलकर चाट रहे थे और विनीता मेरी चूचियों से खेलती मेरी बात सुन रही थी.
“फीर जब मौसी चली गयी तू नीलेश ने अपनी एक गिर्ल्फ़्रिएन्द् के साथ मुज्घे कभी उसके घर कभी होटल मैं और कभी अपने घर पर चोदा.”
अब नीलेश ने मेरी चाटने के बाद विनीता की चूत को चाटना शुरू कर दिया था. अब मैं विनीता की चूचियों को दबा दबा उसे अपनी चुदाई की कहानी सुनाने लगी.
“उसके बाद मेरी एक सहेली भी मेरे साथ नीलेश से चुदवाने लगी.”
“अछा दीदी यह तू बताओ अभी जब मैं दो महिने के लिए मामा के घर गयी थी तब क्या हुवा था?”
“तब नीलेश ने अपने दोस्त के घर पर मुझे उसकी Cousin के साथ चोदाअ. सबसे ज़्यादा मज़ा मुझे वही पर आया था.”
विनीता मेरी चूचियों को चूम बोली, “क्यों दीदी?”
“वहाँ नीलेश ने मुझे अपने दोस्त से भी चुद्वाया था.”
“अरे दीदी सच?”
“हाँ मैं क्या तुमसे झूठ बोलूंगी.”
“नीलेश आपने दीदी को अपने दोस्त से चुद्वाया था?”
नीलेश उसकी चूत से मुँह उठा बोले, “हाँ विनीता, इसे मज़ा भी ख़ूब आया था.”
“नीलेश पूरी बात बताओ.”
“अरे यार दीदी से सुनले मुझे आज तुम्दोनो की चूत चाटने मैं मज़ा आ रह है.”
नीलेश की बात सुन मैं बोली, “हुवा यह की नीलेश का वह दोस्त बिल्कुल बेवकूफ था. कभी किसी की चोदाअ नही था इसलिये नीलेश ने मुझसे कहा की नया लंड खाना हो तू बताओ. पहले तू मैंने मन किया पर नीलेश ने कहा की उसकी Cousin बहुत खूबसूरत और जवान है. उस साले से एक बार चुद्वा लो तू फीर उसकी Cousin को हमदोनों मिलकर ख़ूब चोदाएंगे. मैं तैयार हो गयी और उसके घर गयी. अभी नीलेश ने उसे कुछ बताया नही था. जब हम उसके घर गए तू घर पर केवल दोनो Cousin Cousin ही थे. नीलेश ने उससे कहा की मेरी Cousin तुम्हारी Cousin से मिलने आयी है. और वह जैसे ही अपनी Cousin को बुलाने गया मैं फौरन नीलेश की गोद मैं बैठ गयी और नीलेश ने मेरी शर्ट के बटन खोल चूचियों को नंगी कर दबनेमैने अपने स्किर्ट को ऊपर उठा अपनी चूत को सहलाना शुरू कर दिया.”
इतना कह मैं नीलेश से बोली, “नीलेश आप अब मेरी चुदाई करो लेकीन धीरे धीरे करना तेज़ धक्के मत लगना जिससे मैं इसको स्टोरी भी बताती रहूँ.”
फीर नीलेश ने बहुत ही अहिस्ता अहिस्ता लंड मेरी चूत मैं डालकर धीरे धीरे अन्दर बहार करना शुरू कर.
मैं फीर आगे सुनाने लगी.
“नीलेश के दोस्त के घर उसके ही रूम मैं हम दोनो Cousin Cousin आपस मैं मज़ा ले रहे थे. इस तरह से मेरी दोनो चूचियां नंगी नीलेश के हाथ मैं थी और चूत भी नंगी थी. तभी नीलेश का दोस्त अपनी Cousin को लेकर रूम मैं आया. अन्दर आते ही वह दोनो हम दोनो को इस तरह से देख दंग रह गए. हमने भी उनको देख लिया और मैं जल्दी से अपने कप्रे ठीक करने लगी. उसकी Cousin शर्माने लगी और वह भी अजीब सी नज़रों से हमे देख रह था.”
“तभी मैंने उसकी Cousin Urmila से कहा की आओ उर्मी. पर वह वही खरी रही तू मैं उसके पास गयी और उसे हाथ पाकर कर सोफे पर ले आयी और उसे नीलेश की बगल बिठा खुद उसके Cousin के पास गयी और उसके हाथ को पाकर बोली, “नीलेश आप प्लेस बुरा नही मानिएगा. क्या करूं आजकल घर पर बहुत मेहमान हैं इसलिये मौका नही मिल रह था अपने नीलेश को प्यार करने का. आप तू नीलेश के दोस्त है किसी से कहियेगा नही.”
वह मुझे देख रह था. मैंने अपनी शर्ट के बटन बंद नही किये थे और जानबूझकर दोनो चूची भी नंगी कर दी थी जिसे वह देख रह था. मैं उसे बदन से सैट गयी और बोली, “आप मेरे नीलेश के सबसे पक्के दोस्त है इसलिये मेरे Cousin के जैसे हैं. मुझे उम्मीद है आप अपनी Cousin की बात नही टालेंगे. आप किसी से कहे ना तू मैं आज आपके रूम मैं अपने नीलेश से चुद्वा लूं?”
मैंने खुलकर उसको मस्त करने के लिए बोला तू वह बोल ही पड़ा, “ठठ ठीक है.”
मैं उसके बात सुन फौरन नीलेश के पास गयी और उसकी Cousin उर्मी के सामने उसे भी मस्त करने के लिए अपने Cousin की गोद मैं बैठ बोली, “नीलेश आपके दोस्त बहुत अछे हैं. वह किसी से नही कहेंगे आप आज मुझे यहाँ ख़ूब चोदाइये.” और फीर उर्मी को अपनी नंगी चूची दिखाती उस्सुर्मी प्लेस बुरा नही मानना मैं तू रोज़ अपने नीलेश से चुद्वाती हूँ पर आजकल गुएस्त की वजह से चुदाई नही हो प रही है. प्लेस तुम थोरी देर अपने रूम मैं इंतज़ार कर लो एक बार नीलेश से चुद्वा लूं फीर हमलोग ख़ूब बाते करेंगे.”
वह उठ गयी और उसका Cousin भी बहार जाने लगा तू मैं उनके पास गयी और उर्मी के सामने ही उसके Cousin के गले मैं हाथ दालाप्नी दोनो चूचियों को उसके सिने से दबाती अपनी चूत को उसके लंड पर दबाती उसके हून्तो को चूम बोली, “आप बहुत अछे हैं, आपकी वजह से एक Cousin अपने Cousin से चुदवाने जा रही है.” और फीर उसके कान मैं बोली, “आपका घर है आप चाहे तू नीलेश से कहे की अगर वह यहाँ मुझे चोदाना चाहते है तू आप भी मुझे चोदाएंगे वर्ना नही.” वह मेरी बात सुन चौंका फीर कुछ हिम्मत कर नीलेश से कह ही दिया. नीलेश उसकी बात सुन मुझसे जूथ मूठ कुछ बाते करने लगे तू मैं ज़ोर से कहा, “ओह्ह नीलेश कितने दीन से मेरी चूड़ी नही है. अगर आज भी नही चूड़ी तू मैं पागल हो जाउंगी. प्लेस कुछ करो ना.”
तब नीलेश अपने दोस्त से बोले, “ठीक है मेरे दोस्त आओ आज हमदोनों मिलकर इसको चोदाते है बल्कि ऐसा करते हैं की एक बार मैं चोदा लूं अपनी Cousin फीर तुम जितना मॅन करे मेरी Cousin को चोदाना.” नीलेश का दोस्त खुश हो गया. उसे अब अपनी Cousin का ख़्याल भी नही था. Urmila हमलोगो की बाते सुन जाने लगी तू मैंने उसका हाथ पाकर कहा, “उर्मी तुम तू जान ही गयी हो की मैं अपने Cousin से चुद्वाती हूँ और अब तुम्हारे Cousin से भी चुद्वौंगी. यार तुम हम लोगो की राज्दार और दोस्त हो तू क्यों ना तुम यहीं रहो. तुम बस देखना की मैं कैसे चुद्वाती हूँ अपने Cousin से.”
वह मेरी बात सुन अपने Cousin को देखने लगी तू उसने, “उर्मी अगर तुमको एतराज़ ना हो तू रूक सकती हो.”
तब उर्मी वही एक चिर पर बैठ गयी और मैंने फौरन अपने सब कप्रे उत्तर दिए और नीलेश भी नंगे हो गए पर नीलेश का दोस्त शर्म रह था. तब मैं उसके पास गयी और उसे भी नीलेश की तरह नंगा कर दिया. मैंने उसके हून्तो को २-३ बार चूमा और लंड पर हाथ लगाया. उसका लंड नीलेश से ज़रा छोटा ही था. फीर मैं नीलेश के लंड को मुँह मैं लेकर चूसने लगी. नीलेश का दोस्त चुपचाप बैठा था तू नीलेश उससे बोले, “क्या यार लड़कियों की तरह शर्म रहे हो. आओ जब तक यह मेरा लंड चूस रही है तब तक तुम इसकी चूचियों को दबाव चूसो या मॅन करे तू इसकी चूत चाटो.”
उसने एक बार अपनी Cousin की ऊर देखा जो हम लोगों को ही देख रही थी. फीर उसने मेरी दोनो चूचियों को पाकर और डरते डरते दबाने लगा. उसको इस तरह करते देख मैंने नीलेश का लंड मुँह से बहार कीया और उसके लंड को पाकर और गप्प से मुँह मैं २ मिनट तक चूसा और देखा की वह अब बेहाल हो चूका है तू उसके लंड को बहार कर उसकी गोद मैं बैठ उसके हाथो को अपनी दोनो चूचियों पर रखा तू वह दोनो को दबाने लगा. नीलेश चुपचाप मेरी हरकतों को देख मन ही मन मुस्का रहे थे. फीर मैं उसकी Cousin से बोली, “उर्मी यहाँ तू आना ज़रा.”
वह शर्माती सी पास आयी और नज़रे झुका मेरी चूचियों को देखने लगी जिसे उसका Cousin दबा रह था. मैंने उसका हाथ पाकर अपनी बगल बिठा लिया. अब मैं उसके Cousin की गोद मैं थी और वह अपने Cousin के बगल ही बैठी थी लेकीन वह उसकी ऊर देखे बिना मेरी चूचियों को दबा रह था.
तभी नीलेश मेरे सामने आ गए तू मैंने उनके लंड को पाकर दो तीन बार चूमा और उर्मी से बोली, “उर्मी मेरी प्यारी सहेली तुम्हारे नीलेश तू दर रहे हैं तुम प्लेस किसी से ना कहना की तुम्हारे नीलेश ने मुझे चोदाअ है. बोलो कहोगी या नही?”
“हाय नही कहूँगी.”
उसकी बात सुन मैं उसके Cousin से बोली, “लो नीलेश अब उर्मी से मत दरो यह किसी से नही कहेगी लो ज़रा कसकर दबाव चूचियों को.” और फीर उर्मी का हाथ पाकर उससे बोली, “उर्मी यार मैं रोज़ अपने नीलेश से चुद्वाती हूँ पर इधर घर पर मेहमान आये हैं इसलिये चुद नही प रही. आज नीलेश ने कहा था की चलो अपने दोस्त के घर चलकर चोदाते हैं. उर्मी सच बहुत मज़ा आता है. तुमने चुद्वाया है कभी?”
वह शर्माकर अपने Cousin को देखने लगी तू मैंने उसकी एक चूची पकरली और दबाते हुवे फीर पूछा तू वह शर्माती सी धीरे से बोली, “नही.”
तब मैं नीलेश को सामने से हटा उनके दोस्त की गोद से उतरी और नीलेश के दोस्त के सामने ही उसकी Cousin को अपने बदन से सता बोली, “पगली इतनी बड़ी हो गयी है आज तक चूड़ी नही. चल आज तुझे सिखायेंगे कैसे चुद्वाया जता है.”
“न्नाही हाय हटो नीलेश हैं.”
“अरे यार नीलेश हैं तू क्या हुवा अभी जब मुझे तुम्हारे नीलेश चोदाए तू तुम देखकर सीखना. मेरे नीलेश मुझे एक साल से चोदा रहे हैं वह तुमको सिखा देंगे सब कुछ.”
फीर मैं उसके Cousin के पास गयी और उसके लंड को पाकर सहलाती बोली, “क्यों नीलेश मैं ठीक कह रही हूँ ना? आप मुझे चोदाइये तू अपनी Cousin को दिखा दिखा के जिससे वह भी चुद्वाना सीख ले.” वह मेरी बात सुन हिचकिचाया फीर बोला, “ह्ह्हन्न ठ्थीक है. उर्मी तुम भी आओ ना तुम भी अपने कप्रे उतारकर आओ.”
मैं दोनो के राज़ी होने पर बोली, “नीलेश मैं आपके दोस्त से चुद्वाती हूं और आप आज Urmila को पहली बार चोदाकर सिखैये. आपके दोस्त तू अभी कुछ जानते नही. अगर इन्होने पहली बार इस बेचारी को चोदाअ तू इसे मज़ा तू मिलेगा नही बल्कि बेचारी परेशां हो जायेगी.”
मेरी बात सुन उर्मी फौरन मेरे Cousin के पास गयी और नीलेश ने उसे दबोच कर १ मिनट मैं ही नंगा कर दिया. अब हाल यह था की रूम मैं हमसब नंगे थे. नीलेश Urmila को ले सामने की चिर पर बैठे और उसकी चूचियों को अपने हाथो मैं ले दबा दबा उसके हून्तो को चूसने लगे.
मैंने नीलेश के दोस्त की गोद मैं उसके लंड पर ठीक से बैठते कहा, “हाय आपकी Cousin बहुत खूबसूरत है. उसकी चूचियां कितनी कासी कासी हैं. आपकी Cousin को तू जो भी चोदाएगा वह उसका दीवाना हो जाएगा. हाय कितने साल की है आपकी Cousin?”
उसने सामने अपनी नंगी Cousin को देखा फीर मेरी चूचियों को मसलता बोला, “१६ की हो गयी है.”
“तभी तू, कितनी मस्त लग रही है आपकी Cousin. हाय आज तू आपके दोस्त आपकी Cousin की चोदाकर धन्य हो जाएगा. आपने कभी चोदाअ है किसी को?”
“नही आज तुम पहली हो.”
“तू आप पहली बार ठीक से मुझे चोदा नही पाएंगे. आप एक काम करिये.”
“क्या?”
“पहले आप देखिए की मेरे नीलेश आपकी Cousin को किस तरह चोदाते हैं. फीर आप मुझे चोदाइयेगा.”
वह कुछ सोचता रह फीर बोला, “बात तू तुम ठीक कह रही हो लेकीन वह मेरी Cousin है मैं उसे नही देख सकता तुम चुद्वाओ मैं चोदा लूँगा.”
मैं समझ गयी वह शर्म रह है इसलिये मैंने सोचा अगर इसे एक बार चुद्वाये बिना झार दूं तो फीर मेरा कहा मानेगा. यह सोच मैंने कहा, “ठीक है जैसा आप चाहें.”
फीर मैं निचे उतरी और उसका लंड मुँह मैं लेकर चूसने लगी. पहली बार था, जानती थी की पहली बार जल्दी झर जाएगा. नीलेश अभी Urmila की चूचियों से ही खेल रहे थे. मैंने ५ मिनट तक लंड को मुँह मैं लेकर हून्तो से दबा दबा ख़ूब चूसा फीर जब मुझे लगा की अब वह झर जाएगा तू उसे मुँह से बहार कर उससे कहा, “आओ रजा चोदाओ अब.”
फीर मैं सोफा पर ही टाँगे फैलाकर लेट गयी. वह जल्दी से अपना लंड पाकर मेरे ऊपर आया और जैसे ही मेरी चूत पर लंड रखा की छल छल कर झरने लगा. मैं जानती थी की पहली बार यही होगा. मैंने बनावटी ग़ुस्सा दिखाते उससे कहा, “हटो ऊपर से तुम बेकार हो. लडकी चोदा नही सकते, ओह्ह नीलेश यहाँ आओ.”
वह शरमाया सा मेरे ऊपर से हट एक किनारे बैठ गया. नीलेश उसकी Cousin को गोद मैं लिए पास आये और मुझसे बोले, “क्या हुवा Priyanka? बड़ी जल्दी चुद्वा लिया तुमने?”
“कहॉ नीलेश आपके दोस्त चोदा ही नही पाए ऊपर ही झर गए, यह देखिए.” और नीलेश के सामने अपनी चूत को हाथ से खोलकर दिखाया.
नीलेश मेरी चूत देखते मेरे गाल सह्ल्का बोले, “अरे यार तुम बेकार ही इसको कह रही हो. अभी नया है सीख जाएगा फीर देखना कैसे हचाहाच चोदाएगा.”
“Wah tu theek hai Nilesh par ab main kya karoon. Meri choot main tu aag lagi hai.”
“अरे यार तू तुझे मैं चोदा देता हूँ फीर तेरे बाद उर्मी को चोदाएंगे. अरे Urmila तुम इसकी चूत से अपने Cousin के लंड का पनि साफ कर दो तू इसे ठण्डा कर दें.”
नीलेश की बात सुन उसने एक बार अपने Cousin की तरफ देखा तू मैं बोली, “उर्मी प्लेस अब तू तुम मेरी पक्की सहेली हो गयी हो. अभी तुम्हारे नीलेश तू अभी चोदाना जानते ही नही. देखना मेरे नीलेश मेरी कैसे चोदाते हैं. मेरी चोदाने के बाद वह वैसे ही तुम्हारी भी चोदाएंगे.”
मेरी बात सुन उसने चुपचाप मेरी चूत को एक कप्रे से साफ कर दिया. मैं अपनी चूत साफ करवा नीलेश से बोली, “लो नीलेश आओ चोदाओ.” तब नीलेश ने अपने लंड को Urmila की ऊर करते कहा, “लो Urmila ज़रा इसे मुँह मैं लेकर चाट कर गीला कर दो जिससे इसकी चूत मैं आसानी से चासा जाये.”
“ओह्ह नीलेश कितनी बार तू मुझे चोदा चुके हो, आज क्या बात है जो लंड गीला करवा रहे हो?”
“अरे यार आज अपने दोस्त की Cousin की लेना है ना. वह आज पहली बार चुदेगी इसलिये उसके साथ म्हणत ज़्यादा करनी पडेगी इसीलिये तेरी गीला करके ले रह हूँ.”
“ओह्ह नीलेश आप बहुत समझदार हैं.” फीर जब Urmila नीलेश का लंड मुँह मैं लेकर चूसने लगी तू मैं नीलेश के दोस्त के पास गयी और उसके झरे लंड पर अपनी चूत लगा उसके होंतो को चूसते कहा, “ओह हाय आप बहुत आचे हैं पर अभी नए हैं ना, कोई बात नही एक बार नीलेश से चुद्वा लूं फीर उसके बाद आप का खरा करके दुबारा चुद्वौंगी.”
मेरी बात सुन वह खुश हो मेरी चूसियों को पाकर कसकर दबाते बोला, “तुम भी बहुत अच्छी हो रानी अब चुद्वाओ चोदा लूँगा.”
“ठीक है आज आपसे ज़रूर चुद्वौंगी पर एक बार नीलेश से पहले चुद्वा लूं. अगर मैं एक बार नीलेश के लंड को झारुंगी नही तू वह आपकी Cousin की चूत को पहली बार मैं ही भुरता बाना देंगे इसीलिये उनकी गरमी को हल्का करमा ज़रूरी है.”
“ठीक है चुद्वा लो.”
“आप ज़रा मेरी चूत को चातिये.”
वह फौरन कुत्ते की तरह मेरी चूत चाटने लगा.
तभी नीलेश अपने लंड को झटके देते मेरे पास आये तू मैंने उसको अपनी चूत से हटाया. मैंने टाँगे फैलायी तू नीलेश ने Urmila से कहा, “Urmila तुम ज़रा मेरा लंड Priyanka की चूत पर लगाओ और राजेश तुम इसकी चूत को अपने हाथ से खोलो.”
नीलेश की बात सुन Urmila ने फौरन नीलेश का लंड पाकर तू उसको देख राजेश ने भी मेरी चूत को खोल दिया. अब नीलेश ने लंड को मेरी चूत के अन्दर करमा शुरू कर दिया और पूरा अन्दर कर बोले, “Urmila देखो पूरा गया की नही?”
Urmila ने हाथ लगा देखा और कहा, “हाँ नीलेश पूरा चला गया है अब आप चोदाइये.”
फीर नीलेश ने मेरी चुदाई शुरू कर दी. कुछ देर मैं ही मैं मस्त हो हांफने लगी और और बोली, “Urmila हाय बहुत मज़ा आता है चुदवाने मैं हाय अभी तुब ही नीलेश से चुद्वायेगी. देखती रहो कैसे चुद्वाया जता है. आह्ह हाय राजेश नीलेश आप भी अपना लंड तैयार कर लीजिये हाय नीलेश के बाद आप मुझे चोदाइयेगा.”
नीलेश Urmila की चूसियों से खेलते बोले, “यार तू कैसी Cousin है, तेरा Cousin मेरी Cousin को चोदाना चाहता है और तू उसके लंड को भी नही खरा कर सकती.”
मैं बोली, “हाँ Urmila जब तक मुझे मेरा Cousin चोदाए तू अपने Cousin के लंड को मुँह मैं लेकर चूसकर खरा कर दो.”
वह दोनो हिचकिचाये तू मैंने कहा, “पगली आज तू मैं तेरे नीलेश से चुद्वा लूंगी और तू मेरे नीलेश से फीर बाद मैं क्या करोगी.” तब तक राजेश आगे बढ़ चुक्का था. उसने अपनी Cousin की दोनो चूसियों को पाकर लिया और फीर दबाने लगा. मैं यह देख खुश हो गयी. तभी वी दोनो आपस मैं लिपट गए और फीर उसने Urmila को मेरी बगल मैं लिटाया और अपना लंड उसके मुँह पर लगाया तू Urmila ने गप्प से उसे अपने मुँह मैं ले लिया. अब वह ज़ोर ज़ोर से बिना शरम अपने Cousin का ल चूस रही थी.
नीलेश तू मेरी चूत को बहुत तेज़ी से चोदा रहे थे तभी मैंने नीलेश को रुकने का इशारा कीया और फीर Urmila से पूछा, “Urmila यार ज़रा अपने नीलेश का लंड दिखा तू खरा हुवा या नही?” उसने मुँह से बहार कर लंड को हाथ से पाकर मुझे दिखाते हुवे कहा, “ओह्ह Priyanka देख कैसा तन्ताना रह है अपनी Cousin के मुँह मैं जाकर.”
उसकी बात सुन मैं हसते हुवे बोली, “वह Urmila तू इतनी जल्दी सीख गयी. इसी तरह खुलकर बोलने और करने मैं मज़ा आता है. चुदवाने मैं शर्माना नही चाहिऐ. तुम्हारे नीलेश तू अभी भी शर्म रहे हैं पता नही वह मज़ा ले पाएंगे या नही?”
यह सुन राजेश बोला, “ओह्ह हाय Priyanka अब मैं समझ गया हूँ. अब मैं तुमको चोदाकर ठण्डा कर दूंगा.”
“अगर ऐसी बात है तू देखते हैं. हटो नीलेश निकालो अपना देखे आपके दोस्त आपकी Cousin को चोदा पते हैं या नही.”
तब नीलेश ने अपना लंड बहार कीया और Urmila के पास जा अपना लंड उसके मुँह मैं दाल दिया जिसे वह प्यार से चूसने लगी. अब राजेश मेरे पास आया तू मैंने उसके लंड को मुँह मैं ले २ मिनट तक चूसा फीर अपनी चूत पर लगाया तू उसने धीरे धीरे अन्दर कीया और फीर मेरी चुदाई शुरू कर दी.
इस बार वह ठीक से चोदा रह था. मैं चुद्वाते हुवे नीलेश और Urmila को देख रही थी. नीलेश Urmila से बोले, “Urmila मेरी जान अछा लग रह है?”
“जी बहुत मज़ा आ रह है.”
“किसका लंड चूसने मैं अछा है मेरा या अपने नीलेश का?”
“जी हाय आपका. आपका लम्बा भी है और मोटा भी. नीलेश का आपसे छोटा है. आपका तू मुँह मैं ही नही आ रह है पता नही मेरी चूत मैं कैसे जाएगा.”
मैं ध्यान से दोनो की बाते सुन रही थी. नीलेश का दोस्त मुझे चोदाने मैं ही मगन था. तभी नीलेश Urmila से बोले, “रानी मेरा झरने वाला है. बोलो चोदा दे यार दुबारा खरा करके चुद्वोगी.”
“एक बार झार कर दिखाओ कैसे झरता है फीर दुबारा चुद्वौंगी.”
“ठीक है अछा यह बताओ लंड का पनि पियोगी बहुत मस्त होता है. मेरी Cousin तू साली एक बार पीती ज़रूर है.”
“हाय मुझे भी पिलैये.”
तब नीलेश ने दो तीन तेज़ धक्के उसके मुँह पर मरे और फीर झरने लगा. Urmila लंड के पनि को मुँह मैं लेटी रही और फीर जब नीलेश ने लंड उसके मुँह से बहार निकला तू वह बहुत खुश नज़र आ रही थी.
नीलेश मेरी बगल मैं मुझसे सैट कर बैठे और Urmila को अपनी गोद मैं भिथा मेरी चुद्ती चूत को देख फीर अपने दोस्त से बोले, “हाँ अब तू सही चोदा रह है. चोदा साली को जितना चोदा सके.” और फीर नीलेश Urmila से बात करने लगे.
उन्दोनो की बात मुझे साफ सुनायी दे रही थी. नीलेश ने Urmila को दोनो चूचियों को सहलाते हुवे धीरे से उससे पूछा, “यार तुम्हे मज़ा आया ना.”
“हाँ रजा बहुत मज़ा आया. बहुत दिनों से चुदवाने को सोच रही थी पर दर लगता था, आज तू घर मैं ही आर्जो पूरी हो गयी.”
फीर नीलेश ने उसे अपने मुँह पर बिठाया और उसकी चूत चाटने लगे. इधर राजेश ने स्पीड तेज़ कर दी थी और मैं समझ गयी की अब वह झरने वाला है. मैं निचे से अपनी गांड उछल उछल हाय हाय करती उससे बोली, “हाय रजा और तेज़ चोदाओ हाय रजा मेरे यार लंड मेरे मुँह मैं झरना, हाय तुम्हारे लंड का पानी पियोंगी हाय.”
फीर ५-६ धक्के और मारकर उसने अपना लंड मेरी चूत से निकल मेरे मुँह मैं डाला और फल से झरने लगा. नया माल था देर तक झर फीर लंड बहार निकल बगल मैं लेट हांफने लगा. मैं भी थोरी देर सुस्तायी फीर अपने नीलेश को देखा तू वह Urmila की चूत से मुँह हटा उसे ऊँगली से चोदा रहे थे. मैं हाथ बढ़कर नीलेश का लंड टटोला तू वह फीर खरा था. मैं समझ गयी की अब उर्मी चुदेगी.
तभी वह दोनो अलग हुवे तू Urmila मेरे पास आयी और अपने नीलेश से चूड़ी मेरी चूत देख मुस्कराते हुवे झुकी और मेरी चूत को चाट और फीर बोली, “हाय यह चूत मेरी नीलेश की पहली चूत है. इस चूत को मेरे नीलेश ने चोदाअ है हाय.” और फीर अपने नीलेश के पास जा उनके झरे लंड को पाकर प्यार से देखा फीर मुँह मैं लेकर चाता और फीर मुझसे बोली, “Priyanka इस बार मेरे नीलेश तुमको चोदा पाये या नही?”
“अरे यार इस बार तू मज़ा आ गया. अब तू तुम अपने नीलेश से चुद्वाकर मस्त हो जोगी. यार क्या बताये रोज़ रोज़ आ नही पाऊँगी वर्ना मैं तू रोज़ तुम्हारे नीलेश का लंड अन्दर करवाती.”
तब वह अपने नीलेश से बोली, “अपको कैसी लगी इसकी चूत?”
“अरे बड़ी मजेदार है. यार तू जल्दी से एक बार नीलेश से चुद्वाकर अपनी चूत खुलवा ले फीर मैं तुझे रोज़ चोदाउन्गा.”
“हाँ नीलेश मैं भी जाने कब से चुद्वाना चाह रही थी. आज तू मज़ा आ गया हाय अब मुझे चुद्वैये नीलेश. ऊओह्ह्ह् आपके दोस्त का लंड बहुत प्यारा है. बहुत लम्बा और मोटा मुँह मैं नही जा रह था. अआछ नीलेश इनको जब भी मौका लगे घर पर लाना.”
“हाँ उर्मी अब तू चुद्वा ले जल्दी से.”
फीर मैंने राजेश से कहा, “नीलेश आप ज़रा अपनी Cousin की चूत को चाट कर देखिए तू.”
वह फौरन अपनी Cousin को लिटा उसके पैर फैला उसकी कुंवारी चूत को चाटने लगा. वह अपने नीलेश से चात्वती हाय हाय करने लगी.
मैं अपने नीलेश की गोद्म मैं बैठी दोनो को देख रही थी. ५
मिनट बाद वह अपने Cousin को हटती बोली, “हटो नीलेश अब अपने दोस्त को बोलो की मुझे चोदाए वर्ना मैं मर जाउंगी.”
तब उसने नीलेश से कहा, “आओ यार अब तू इसको चोदा ही दो.”
फीर जब नीलेश अपना लंड उसकी चूत परा लगाने लगे तू उसने अपनी Cousin की चूत को अपने हाथ से खोलते हुवे लंड को ठीक से छेड़ पर लगवाया फीर जब नीलेश ने धीरे धीरे पूरा पेल दिया तू मैं बोली, “Urmila पहली बार चुद रही हो ज़रा दर्द होगा फीर मज़ा आएगा.”
अब नीलेश ने स्लोव मोशन मैं चुदाई स्टार्ट की तू मैं नीलेश के दोस्त की गोद मैं बैठ अपनी चूचियों पर उसके हाथ को रख देखने लगी. वह भी मेरी चूचियों को मसलते हुवे अपनी Cousin की चुदाई देखने लगा. मैं उसके लंड को धीरे धीरे सहला रही थी.
अब नीलेश ने चुदाई तेज़ कर दी थी और वह ज़ोर ज़ोर से सिसकी लेटी चुद्वा रही थी. मैं दोनो की चुदाई देख राजेश से बोली, “आपकी Cousin तू बहुत ठीक से चुद्वा रही है. हाय मेरे नीलेश तू mast हो गए हैं. हाय देखिए कैसे गांड उछल उछल चुद्वा रही है.”
“हाँ सछ कहती हो मैं तू अभी तक इस मज़े को चख ही नहा पाया था. आज तुमको चोदाकर पता चला चोदाने मैं कितना मज़ा आता है.”
“अब रोज़ अपनी Cousin को चोदाकर इस मज़े को लीजियेगा. नीलेश तू मुझे रोज़ चोदाते हैं. रात भर नीलेश मुझे अपनी बीवी बाना मेरे साथ होनेय्मूं मनाते हैं और दीन मैं नीलेश बन जाते हैं. जिस दीन पापा और मुम्म्य दोनो घर पर नही होते तू फीर दीन मैं भी मेरी ज़बर्दस्त चुदायी होती है.”
“आजकल हमारे घर भी कोई नही है केवल मैं Urmila हैं. हमलोग भी चुदाई करेंगे.”
उधर नीलेश शायद अब झरने वाले थे और नीलेश ने Urmila को कसकर जकड लिया था. मैं नीलेश से बोली, “नीलेश इसके मुँह मैं झरो.”
फीर नीलेश ने लंड उसकी चूत से निकला और उसके मुँह के पास लाए और तेज़ी से धर के साथ झरने लगे. Urmila के पूरे मुँह पर लंड का पानी गिर रह था. Urmila क ईक तरफ मैं बैठी थी और दूसरी तरफ उसका बड़ा Cousin. वह नीलेश के झरते लंड को मुँह मैं ले चाटने लगी और फीर जब नीलेश लंड उसके मुँह से निकल अलग हुवे तू मैं Urmila के पूरे मुँह को चाट चाट अपने नीलेश के लंड के पानी का मज़ा लेने लगी.
इस मज़े दार चुदाई के बाद हमसब लोग बैठ गए तू नीलेश ने Urmila को अपनी गोद मैं ले उसकी चूचियों को पाकर दबाते हुवे अपने दोस्त से कहा, “यार तेरे घर पर ही इतना mast माल है और तुने अभी तक इसे चोदाअ भी नही. देख मैंने तू अपने घर का माल घर पर ही चोदा लिया. अब रात भर तू अपनी Cousin को चोदाना. कल फीर आऊंगा तू तुम मेरी Cousin Priyanka को चोदाकर चूत का तस्ते बदलना.”
फीर हमदोनों ने अपने कप्रे पहने और घर वापस आने लगे तू Urmila अपने Cousin से लिपट बोली, “हाय Priyanka तू अब अपने नीलेश से रात भर मज़ा लेगी हाय मुझे तुम्हारे नीलेश बहुत अछे लगे हैं.”
“यार कहॉ मज़ा ले पाऊँगी रात मैं. साले मेहमान जा ही नही रहें है. यार मॅन तू कर रह है की यही रूक जू और तेरे नीलेश से चुद्वाती रहूँ.”
“तू रूक जाओ ना. मुझे भी मज़ा आजायेगा. राजेश नीलेश तू घर के हैं जब चाहो लंड घुसा लो पर तेरे नीलेश कहॉ रोज़ रोज़ मिलेंगे.”
अब राजेश भी आगे आया और मेरी चूचियों को पाकर मेरे नीलेश से बोला, “यार रूक जा ना. हमारे घर पर भी आज कल कोई नही है. यार रूक जा तू रात भर मज़ा लिया जाएगा. घर पर फ़ोन करके बता दो ना.”
तब नीलेश ने घर पर मुम्म्य को फ़ोन करके बताया तू मुम्म्य ने इज़ाज़त दे दी. यह सुन हमसब खुश हो गए. अब तक शाम हो रही थी. Urmila खुश होते बोली, “नीलेश हम दोनो खाना बाना लेते हैं फीर खा पीकर रात का मज़ा लेते हैं.”
फीर वह दोनो कित्चें मैं घुस गयी और हम दोनो रूम मैं टीवी देखने लगे. ८ बजे तक डॉन वन खाना बाना लिया और हमसब खा पीकर ९ बजे तक फ्री होगये तू Urmila बोली, “आप दोनो चलिये हम लोग अभी आते हैं.”
फीर वह मुझे अपने रूम मैं लेकर आयी. उसने अपनी वार्द्रोबे से दो बहुत ही झीने कप्रे की तिघ्त शर्ट और मिनी स्किर्ट निकली. हम डॉन वन वह पहनी और फीर मके-उप कीया और एक नशीली सेक्ष्य् परफ्यूम लगाकर इठलाते हुवे वापस आये. रूम मैं आते ही दोनो की नज़रें हमपर पडी तू उनके मुँह खुले रह गए.
नीलेश बोले, “हाय हाय क्या बात है. तुम दोनो तू इन कप्रों मैं कितनी सेक्ष्य् लग रही हो.”
“हाँ यार दोनो कितनी खूबसूरत हैं. मैंने तू आज पहली बार अपनी Cousin को इतनी खूबसूरत पाया है.”
Urmila अपने Cousin की बात सुन मुस्कराती हूई बोली, “नीलेश मैं तू पहले भी इतनी ही खूबसूरत थी आपने कभी मुझे ठीक से देखा ही नही.”
“साली तू मुझे पहले दिखाती ही नही थी वर्ना तेरी तू मैं चोदा चोदाकर फैला देता.”
“नीलेश अब फैलाओ ना. आओ चोदाओ अपनी खूबसूरत Cousin को.” वह में ऊर देख बोला, “हाय समझ मैं नही आ रह की किसे चोदाए. तुम दोनो ही बहुत mast लग रही हो. तुम्ही बताओ उर्मी तुम किस्से चुद्वोगी?”
“नीलेश जो चाहे चोदाए मुझे. मुझे तू बस चुद्वाना है.” मैं उनकी बात सुन बोली, “Urmila ऐसा कर मैं अपने Cousin से चुद्वाती हूँ और तू अपने Cousin से चुद्वाले क्योंकी तू मेरे नीलेश से तू चुद्वा चुकी है. एक बार अपने नीलेश का लंड खाकर देख कैसा है.”
तब वह अपने Cousin के पास गयी तू उसने उसे गोद मैं उठा बेद पर लिटाया और उसका स्किर्ट ऊपर कर अपने मुँह को उसकी चूत पर रख दिया. अब मुझे भी नीलेश ने Urmila की बगल लिटाया और मेरा स्किर्ट ऊपर कर मेरी चूत पर झुक गए. अब दोनो दोस्त अपनी अपनी Cousin की चूत को चाट रहे थे.
तभी राजेश ने मेरी शर्ट के बटन खोल दोनो चूचियों को नंगा कीया और मेरी एक चूची पाकर ली. मेरी दूसरी चूची को नीलेश ने अपने हाथ मैं ले लिया. मैंने हाथ आगे कर Urmila की शर्ट खोल दी. हमदोनों के मुँह से सिस्कारी निकल रही थी. तभी नीलेश ने जीभ को मेरी चूत मैं दाल दिया और कच कच चूत को जीभ से चोदाने लगे. घर पर नीलेश ऐसे ही मुझे झारते थे. यहाँ भी यही हुवा. ३०-३५ बार ही जीभ पली होगी की मैं हाय हाय कर झरने लगी.
मैं झर रही थी तू Urmila ने मेरी ऊर देखते कहा, “हाय Priyanka क्या हुवा?”
“आह मज़ा आ गया नीलेश ने एक पानी निकल दिया मेरा. अब चुदवाने मैं मज़ा आयेगा.”
“अआह्छ मेरी नही झारी हाय यार मेरी भी झारवा देना. मेरे नीलेश अभी चाटना नही जानते वर्ना मेरी भी झर जति.”
तब मैं उसकी चूत के पास गयी और उसके Cousin के सर पर हाथ फेरती बोली, “नीलेश ऐसे नही अब इसकी चूत मैं अपनी जीभ डालकर जीभ से चोदाओ इसकी तू यह झर जायेगी. एक बार झारकर चोदाइयेगा तू इसको भी बहुत मज़ा आएगा और आपको भी.”
तब वह मेरे बताये तरीके से अपनी Cousin की चाटने लगा. और ६-७ मिनट बाद ही Urmila हाय हाय करती अपने Cousin के मुँह पर झरने लगी. मैं उसकी चूत को झरते देख उसके Cousin के साथ साथ उसकी चूत का पानी चाटने लगी. दो जीभ पा वह mast हो गयी. वह झरने के बाद कुछ नॉर्मल हो अपने Cousin को देख मुस्काती बोली, “नीलेश आप तू एक ही दीन मैं सब कुछ सीख गए हैं.”
“तुब ही तू पहली बार मैं ही सीख गयी.”
“हाँ नीलेश असली काम तू लड़को का होता है. उनको ही लड़कियों को ठण्डा करमा पड़ता है.”
फीर मैंने अपने नीलेश से कहा, “नीलेश अब लंड पिलाओ. आज तू मज़ा आ गया. अकेले से ज़्यादा मज़ा आज आ रह है ग्रुप मैं.”
अब मैं बेद पर बैठ गयी तू नीलेश मेरे सामने खरे हुवे और अपने लंड को मेरे मुँह के पास कीया. मैंने लंड को पाकर कर मुँह मैं लिया और फीर दोनो हाथ नीलेश की गांड पर लगा चूसने लगी. Urmila ने मुझे देख इसी तरह से अपने नीलेश के लंड को मुँह मैं लिया. हम दोनो अगल बगल बैठी अपने अपने Cousin के लंड पी रही थी. ४-५ मिनट इसी तरह लंड चूसने के बाद मैंने लंड बहार कीया और बोली, “नीलेश अब चोदाओ.”
तब नीलेश ने मुझे बेद पर घोड़ी बन्ने को कहा. मैं बन गयी तू नीलेश मेरे ऊपर चढ़ गए और ३-४ बार चूत को चाटने के बाद सुपर को गीली चूत पर लग तेज़ धक्का मार पेल दिया. Urmila और उसका Cousin हमदोनों को देख रह था. उन्दोनो ने भी चुदाई शुरू करने के लिए लंड बहार कीया और Urmila मेरे निचे घुस गयी की उसका मुँह मेरी चूचियों के पास आ गया. तब उसका Cousin उसके ऊपर आया और अपना लंड उसकी चूत पर लगा झुककर उसकी चूची को मुँह मैं भर पेलने लगा. वह मेरी चूचियों को पारकर दबाते हुवे अपने Cousin के लंड को अपनी चूत मैं लेने लगी.
कुछ देर बाद हमदोनों की चुदाई अपने अपने Cousin के साथ शुरू हो गयी. बेद बहुत तेज़ी से हिल रह था. Urmila चुद्वाते हुवे मेरी चूचियों से भी खेल रही थी जिससे मुझे बहुत मज़ा मिल रह था. नीलेश मेरी चूत को बहुत तेज़ी से चोदा रहे थे. वह बीच बीच मैं Urmila की चूचियों को भी दबा देते थे. Urmila अब अपनी गांड उछलने लगी थी. मेरी चूत भी नीलेश का लंड खाकर mast थी. तभी नीलेश ने अपना लंड मेरी चूत से निकला और बेद पर लेट गए. मैं समझ गयी की नीलेश क्या चाहते हैं. मैं फौरन उनके ओप्पर आयी और लंड पर चूत रख बैठने लगी. अब मैं ऊपर थी और उछल उछल अपनी चुदवाने लगी. वह दोनो अभी भी चुदाई मैं खोये थे. नीलेश निचे से गांड उठा लंड कोप एल रहे थे. मैं नीलेश पर झुकी उनके हूंत चुस्ती चुद्वा रही थी.
कुछ देर बाद नीलेश मेरी चूचियों को पाकर कसकर दबाते बोले, “ह्ह्ह्हाछ आह मेरी जान Priyanka मेरी रानी हाय Priyanka मेरा निकलने वाला है. साली बोल कहॉ लेगी पानी?”
“नीलेश आह्ह लंड बहार नही करा. हाय अपना गरम रस मेरी चूत मैं ही डालना नीलेश. हाय मेरी चूत अपने भा के लंड का पानी पीकर बहुत खूबसूरत हो गयी है.”
मेरी बात सुन Urmila बोली, “Priyanka पानी अन्दर लेने से तू खतरा होता है?”
“नही पगली मेरे नीलेश इतने बेवकूफ नही हैं. वह सब जानते हैं. नीलेश ने एक गोली दी थी जो १५ दीन काम करती है. चाहे जितना चुद्वाओ चाहे जितना पानी अन्दर लो कुछ नही होने वाला.”
“हाय मुझे भी वह गोली दीजियेगा मैं भी आपका और अपने नीलेश का पानी चूत से पियोंगी.”
“ला दूंगा तुमको भी. हाय आह निकला मेरा हाय Priyanka साली ले अपने Cousin के पानी को अपनी चूत मैं.”
नीलेश झरने पर बहुत पानी निकलते थे. पूरी चूत भर गयी और कुछ पानी बहार निकल बेद्शीत को भिगोने लगा. २ मिनट बाद नीलेश ने लंड बहार निकला और Urmila के मुँह मैं दाल दिया जिसे वह चूसने लगी. मैं उठकर उसकी चूत के पास गयी और उसकी चुद्ती चूत और उसके Cousin के लंड को चाते लगी. मेरी इस हरकत से दोनो की मस्ती तेज़ हूई और Urmila का Cousin हाय हाय कर्ता हुवा झरने के करीब आया तू मैंने उससे कहा, “आप बहार झारियेगा. कल नीलेश गोली ला देंगे तू अन्दर निकलियेगा चाहे बहार पर आज बहार.” उसने फौरन अपना लंड अपनी Cousin की चूत से निकल उसके मुँह मैं पेल दिया और फीर पानी छोरने लगा. वह पानी को मुँह से निगलती रही. फीर जब दोनो नॉर्मल हुवे तू मैंने घरी देखी १ बज गया था. मैंने Urmila से पूछा, “Urmila क्या प्लान है, १ बज गया है.”
“Priyanka कल कोई काम नही है देर से उठेंगे सोकर पर अभी तू मुझे और चुद्वाना है.”
“अरे मैं भी कहॉ अभी सोने वाली हूँ. मैं तू यह चाह रही हूँ की अब तुम ज़रा अपने नीलेश को मेरे लिए भी छोर दो या सारा मज़ा अपने नीलेश से खुद ही ले लोगी.”
“अरे यार ले ना नीलेश को मैं तेरे नीलेश का लेटी हूँ तू मेरे नीलेश का ले.”
फीर हम दोनो उठकर बाथरूम मैं गए और अपनी अपनी चूड़ी और झारी चूत धोकर साफ कर वापस कित्चें मैं गए और चार ग्लास दूध लेकर वापस आये. नीलेश ने एक ग्लास लिया और उसका दूध Urmila की चूत पर दाल दाल चाट चाट पिने लगे. इस तरह नीलेश घर पर मेरी चूत मैं भी दूध दाल कर पिटे थे. यह देख मैंने भी अपना ग्लास लिया और उसमे राजेश के लंड को डालती फीर लंड चुस्ती. हम डॉन वन इस तर्तः दूध पी लिया तू उन्दोनो ने भी ऐसा ही कीया.
यह कर बोला, “यार तुमलोग तू बहुत मज़ा लेते हो घर पर.”
“नीलेश अब हमलोग भी इसी तारा लिया करेंगे.”
“हाँ Urmila अब तुम मेरी बीवी बन गयी हो. रात भर बीवी और दीन मैं भाहन.”
“हाँ नीलेश अब तू रोज़ रात मैं हमलोग सुहागरात मनाया करेंगे.” मैंने नीलेश से कहा, “नीलेश हाय ईक बार आप मेरी गांड मार दीजिए बड़ा मॅन कर रह है मरवाने का.”
“अरे यार तुब ही कैसी बात करती है? राजेश से मर्वाले. क्यों राजेश मरेगा इसकी गांड?”
“यार कभी मारी नही है किसी की.”
“अबे तुने तू कभी किसी को चोदाअ भी नही था पर आज पहली ही बार दो दो लड़कियों को चोदाअ या नही.”
तब वह मेरी गांड मारने को तैयार हो गया. मैंने उससे कहा, “कोई करें ले लो गांड बिना करें के न्शी मर्वती.”
तब वह अपनी Cousin से बोला, “Urmila अपनी कोई कोलद करें दे.”
वह जल्दी से करें लायी और अपने Cousin को देती बोली, “लो नीलेश मारो इसकी गांड हाय मैं भी इसके Cousin से मर्वती हूँ.”
मैंने अपनी गांड का छेड़ खोलते कहा, “राजेश मेरे रजा लो इस छेड़ को चाटकर मारो.”
वह जीभ को मेरी गांड पर लगा चाटने लगा. १०-१५ बार चाटने के बाद बोला, “Priyanka रानी तेरी गांड की महक बड़ी सोंधी है हाय कितनी खुश्बोदार गांड है.”
तब मैंने अपनी गान पर करें लगा उसके लंड को भी करें से चिकना किया और घोड़ी बन बोली, “करो सवारी इस घोड़ी की.”
वह पीछे आ लुंड को गांड के छेड़ पर लगा अन्दर करने लगा. मेरी तू नीलेश कई बार मारकर खोल चुके थे इसलिये आराम से अन्दर जाने लगा. २ मिनट मैं ही अन्दर पेल वह मेरी गांड मारने लगा.
मैं गांड मर्वाते हाय हाय करती नीलेश से बोल रही थी, “हाय नीलेश तुम्हारे दोस्त बहुत बधिया गांड मार रहे है. नीलेश इनका लंड गांड मैं बहुत मज़ा दे रह है. आप भी देखिए इनकी कोउसिं कि गांड कैसी है. आपकी अपनी कोउसिं कि गांड जैसी है कि नही?” उधर उर्मिला भी नीलेश का लंड मुँह मैं लिए थी और नीलेश उसकी गांड चाट रहे थे. मेरी गांड मैं लंड तेज़ी से अन्दर बहार हो रह था. अब नीलेश भी उर्मिला कि गान को मारने को तैयार थे. उर्मिला कि गांड बहुत कासी थी. नीलेश का सुपर बहुत मुश्किल से गया था. वह चिल्ला रही थी और उसकी आंखों मैं आँसू थे. अपनी Cousin का दर्द देख राजेश से रह ना गया और वह बोली ही पड़ा, “प्रियंका अपने Cousin से कहो मेरी Cousin की गांड ना मरे वह अभी छोटी है.”
“कहां छोटी है, मेरी उमर की ही तू है.”
“हाँ लेकिन वह अभी पहली बार चुद रही है ना.”
“आप ही कहिये ना.”
“प्लेस तुम कहो मैं कैसे कह सकता हूँ मैं तू खुद उसकी Cousin की गांड मार रह हूँ.”
मैं उसकी बात सुन मुस्काते हुवे बोली, “नीलेश रहने दो वर्ना इसकी फट जायेगी. अभी आप चूत ही मैं डालो. अभी इसकी गांड खुलने मैं टिम लगेगा.”
मेरी बात सुन नीलेश ने उसकी गांड से लंड निकला और उसकी चूत मैं दाल दीया.
१० मिनट बाद वह मेरी गांड मैं झाड़कर अलग हुवा. मैं अपनी चूड़ी गांड लिए उर्मिला के पास गयी और उसकी चूत को सहलाती उसकी चूसियों को बरी बरी पिने लगी. राजेश भी हमारे पास आया और अपनी Cousin की गान को देखने लगा. मैं उसको देख बोली, ” क्या देख रहे हो?”
“देख रह हूँ की यह छेड़ भी जल्दी से खुले तू इसकी मार कर मज़ा लूं.”
” नीलेश मृत उ मारली अब अपनी Cousin का छेद चाटकर देखो कैसा है.”
उसने अपनी Cousin की गांड चाटना शुरु कर दीया. इससे उर्मिला की मस्ती बढ़ गयी. कुछ देर बाद नीलेश ने लंड बहार खींचा और राजेश को हटा उर्मिला की गांड पर झरने लगा. गान पर ढ़ेर सारा पनि छोरा. मैं उर्मिला की गांड पर गिरे पनि को हाथ से उसके पूरी गांड चूतअर और चूत पर लगाने लगी.
३०-३५ मिनट तक हम्चारो वही बेद पर सुस्ताते रहे. मैं अपने नीलेश के ऊपर थी और उर्मिला अपने Cousin से चिपकी थी. फिर हम सब लोग फ्रेश हो गए तू उर्मिला सबके लिए काफ़ी बाना लायी. मैं राजेश के साथ बैठी थी और वह मेरे Cousin के साथ.
तब उर्मिला उठी और अपने Cousin के पास जा नज़रे झुका बोली, “नीलेश.” “नीलेश मुझे आपके यह दोस्त बहुत अछे लगे हैं. प्रियंका को भी मैं अच्छी लगी हूँ. मैं आपके दोस्त से शादी करमा चाहती हूँ.”
वह अपनी Cousin की बात सुन नीलेश को देखने लगा तू नीलेश मुझसे बोले, “क्या सच प्रियंका?”
“हाँ नीलेश मैं उर्मिला को अपनी भाभी बाना चाहती हूँ.”
“अरे यार यह तू बहुत अच्छी बात है. मैं कल ही मम्म्य पापा से बात कर्ता हूँ. राजेश तुम क्या कहते हो?”
“अरे मेरे दोस्त यह तू बहुत अच्छा रहेगा. हमारी दोस्ती और पक्की हो जायेगी. “
मैं दोनो की बात सुन बोली, “नीलेश मेरी एक शर्त है?”
नीलेश ने कहा, “क्या प्रियंका?”
“नीलेश जब आप उर्मिला से शादी करे और इसके साथ सुहागरात मनाये तू मुझे भी अपने साथ रखियेगा.”
“हाय उसदिन?”
“हाँ नीलेश मैं उस्दीन कुछ भी नही करुँगी. बस चुपचाप अपने नीलेश और भाभी की सुहागरात देखूंगी.”
“अरे यार सही तू कह रही है. तू मेरी Cousin से शादी कर ले और सुहागरात भी दिखा.”
फिर नीलेश उर्मिला को अपनी गोद मैं ले उसके हूंत चूमते बोले, “तुम खुश हो?”
वह शर्माती सी बोली, “जी आप जैसा पति पा तू मेरी किस्मत खुल गयी.”
“नीलेश काश मेरी शादी ना पक्की होती तू मैं भी राजेश से शादी करती पर क्या हो सकता है.”
“एक काम हो सकता है प्रियंका.”
“क्या नीलेश?”
“राजेश की शादी विनीता से करवा देते हैं.”
“हाँ नीलेश से सही रहेगा. उस बेचारी को भी राजेश जैसा पति मिल जाएगा तू वह बहुत खुश होगी.”
राजेश ने मेरी छोटी Cousin विनीता को देखा था. वह खुश होकर बोला, “मैं तैयार हूँ यार तेरी छोटी Cousin भी बहुत मस्त माल है.”
मैं उनकी बात सुन बोली, “राजेश नीलेश एक बात तू बताइए, आप क्या मेरी छोटी Cousin विनीता को पसंद करते हैं?”
“हाँ बहुत.”
“ओह्ह नीलेश अब शर्माने की क्या बात खुलकर बताओ.”
वह मेरी बात सुन मेरी चूसियों को पाकर बोला, “सच तू यह है प्रियंका की मैं जब भी नीलेश से मिलने जता ठाट उ तुम दोनो को देखकर सोचता था कित उम् दोनो की चोदने को मिल जाये तू मज़ा आ जाये.”
“ओह्ह तू आपने कभी त्रय क्यों नही किया.”
“व्व्वो असल मैं.”
“अबे क्या व्व्वो वो कर रह है. सेल अबे अगर मेरी Cousin तुझे अच्छी लगती थी तू तू इन्दोनो को दबाकर या गांड पर हाथ लगा छेर्ता तू शायद तेरा काम बन जता.” नीलेश ने उससे कहा.
वह बोला, “अरे यार कभी किसी को चोदअस नही था इसलिये ट्रिक नही जानता था.”
“चल कोई बात नही Priyanka को तू चोद लिया अब विनीता से तेरी शादी कर दूंगा हाँ अगर तू चाहे तू विनीता को चोद सकता है.”
“अरे यार कब?”
“इसके लिए तुझे दो महिने वेट करमा पारेगा. क्योंकि वह मामा के घर गयी है. आयेगी तू तुझे उसके साथ शादी से पहले सुहागरात मानाने को मिलेगी.”
इसके बाद मैं राजेश से चिपककर सो गयी. नीलेश भी उर्मिला के साथ लेते थे. अगले दिन हम लोगो ने फिर चुदाई का मज़ा लिया और फिर घर चलत वक़्त नीलेश ने राजेश से कहा, “यार आज मम्म्य से हम्दोनो का कोउसिना शायद ना चल पाये. मैं चाहता था की आज रात भी मज़ा लिया जाता.”
तभी उर्मिला बोली, “हाय अगर Priyanka ना आ सके तू आप ही आ जाइएगा. आप मुझे चोद लीजियेगा.”
मैं उसकी बात सुन बोली, “उर्मिला अगर मैं ना आ सकी तू तुम मेरे राजेश नीलेश को तरसने मत देना. तुम मेरे होने वाले जीजा को अपनी चूत चोद लेने देना.”
“अरे मेरी होने वाली ननद रानी अभी तू पूरा दिन नीलेश से ही चुद्वौंगी. मेरे रजा तू अब रात को ही आएंगे.”
फिर हम दोनो घर वापस आ गए.
इतना कह मैं विनीता से बोली, “सुन्ली मेरी नीलेश के दोस्त से चुदाई की कहानी. अब जान गयी की तेरी शादी राजेश से कैसे हो रही है. नीलेश उसकी Cousin उर्मिला से शादी करेंगे.”
“हाय दीदी तुम तू मेरे होनेवाले पति से पहले ही चुद चुकी हो. हाय नीलेश आपने मुझे राजेश से नही चुद्वाया. प्लेस अभी तू दीदी की शादी मैं १० दिन है. नीलेश प्लेस मुझे भी दीदी के साथ अपने दोस्त से चुद्वा दो. आपने तू वादा किया था उनसे. नीलेश मैं भी देखूंगी की दीदी को कोई दूसरा लड़का कैसे चोदता है.”
“अरे विनीता मेरी Cousin Priyanka की शादी हो जाये फिर तुमको ले चलूँगा अपने दोस्त के पास.”
“नही दीदी कल ही मेरी भी चुद्वाओ.”
“जो कहना है नीलेश से कहो.”
नीलेश हमारी बात सुन बोले, “ठीक है विनीता कल तुम दोनो चलना राजेश के घर कई दिन से मैंने भी उर्मिला की ली नही हां.”
“नीलेश आपकी शादी भी ३-४ महिने मैं हो जायेगी और आप उर्मिला भाभी की चूत मैं खो जाओगे फिर मेरा क्या होगा. नीलेश मेरे लिए लंड का इंतज़ाम आपको ही करमा है.”
“पगली तू घबरा मत शादी के बाद भी तू रोज़ रात को मेरे पास ही सोना जैसे आजकल सोती हो. मेरी दोनो बिविया होंगी. तुम भी उर्मिला भी. पहले तुमको ही चोदअ करुंगा फिर उर्मिला. इस लंड पर पहला हक मेरी दोनो बहनों का है. वैसे भी तुम जब चाहो राजेश के पास जा सकती हो. साल भर मैं ही तेरी शादी भी कर दूंगा राजेश से.” नीलेश की बात सुन विनीता खुश हो बोली, “त्य्हंक यू नीलेश.”
मैं उसकी चूत को सहला बोली, “और जब तेरा मॅन करे तू इस चूत को मेरे घर आ अपने जीजा के लंड से चुद्वा अपना तस्ते भी बदल सकती है.”
फिर नीलेश का लंड पाकर बोली, “नीलेश इसको स्टोरी सुनाने मैं चुदाई का मज़ा नही आया आप फिर चोदओ.”
“अरे दीदी एक बात तू बताओ. फिर अगले दिन क्यत उम् भी नीलेश के साथ राजेश के घर गयी थी”
“अरे कहां जा पायी हाँ रात मैं नीलेश गए थे. वह नीलेश ने राजेश के साथ मिलकर रात भर बेचारी उर्मिला को जमकर चोदअ.
दोनो ने उसकी चूत चोदई और गांड मरी. बेचारी अगले दिन मुझसे फ़ोन पर कह रही थी की Priyanka अब कभी अकेले अपने नीलेश को नही भेजना. दोनो ने मिलकर मेरी चूत को फाड़ कर रख दीया है.”
“दीदी फिर आपने राजेश से कब चुद्वाया?”
“अगले दिन नीलेश राजेश को घर पर लाए और मेरे रूम मैं कर दीया. वहाँ हम डॉन वन ३ घंटे तक चुदाई का मज़ा लिया और नीलेश ने बहार पहरा दीया. विनीता अपने नीलेश जैसा Cousin कोई नही होगा. हम्दोनो बहनों का कितना ख्याल रखते हैं.”
“ओह्ह नीलेश अब दीदी की स्टोरी सुन मैं बहुत गरम हो गयी हूँ. प्लेस अब दीदी को बाद मैंचोदना पहले एक बार मेरी झाड़ दो.”
“चल लेट मैं तेरी नीलेश से चात्वाकर झारवा देती हूँ.”
“ओह्ह दीदी केवल चात्वाना ही नही चुद्वा भी देना, हाय आपकी स्टोरी सुन बड़ा मन कर रह है नीलेश के लंड का पनि चूत के अन्दर लेने का.”
“ठीक है आओ नीलेश जब तक इसकी लो तब मैं ज़रा मूत कर आती हूँ.”
फिर मैं बाथरूम गयी और छार्र छाराकर मूता और अपनी मूत से भीगी चूत ले वापस आयी तू नीलेश विनीता की चूत को चाट रहे थे. मैं आयी तू नीलेश ने पूछा, “Priyanka मूत लिया.”
“हाँ नीलेश.”
“धोया तू नही मूतने के बाद?”
“नही नीलेश आपने मन किया था ना की मूतने के बाद धोना नही.”
“तू ला ज़रा तेरी चूत का मूत चाट लूं.”
फिर नीलेश ने मेरी चूत को ७-८ बार छठा. उसके बाद नीलेश को एक चिर पर बिठा खुद उनके मुँह पर अपनी चूत रख नीलेश से चात्वाते कहा, “विनीता तू खुद नीलेश के ऊपर आ अपनी चुद्वा ले तू फिर मैं नीलेश का अपने अन्दर लेकर अब सोना चाहती हूँ. रात बहुत हो रही है ३ बज रहे हैं.”
उसके बाद विनीता ने १५ मिनट नीलेश से चुद्वाया और झारकर अलग हूई तू मैं बेद पर लेटी और नीलेश ने मेरी चूत मैं लंड डाला और मुझसे चिपककर सो गए. विनीता भी हम्दोनो के ऊपर लेट गयी.
अगले दिन सुबह सोकर उठे और फ्रेश हुवे. सुन्दय का दिन था ममी पापा घर ही थे. करीब ११ बजे नीलेश ने ममी से कहा की वह अपने एक दोस्त के घर जा रहे हैं और शाम को ६-०७ बजे तक आएंगे.
उनकी बात सुन मैं बोली, “नीलेश आप किधर जाओगे?”
नीलेश ने बताया तू मैं बोली, “नीलेश उधर ही मेरी सहेली भी रहती है, आप मुझे लिए चलिये और जब शाम को वापस आयें तू मुझे भी लेते आना. ममी चली जाऊं कई दिन से गयी नही हूँ.”
“ठीक है बेटी चली जा. विनीता को भी लेटी जाओ इसका मॅन भी बहल जाएगा वर्ना पूरा दिन घर पर बोअर होगी.”
हमारी प्लानिंग सफल रही. हम तीनो राजेश के घर पहुंचे. वहाँ उर्मिला ने दरवाज़ा खोला और हमको देखकर बहुत खुश हूई पर विनीता को देख वह हिचकी. नीलेश ने राजेश के बारे मैं पूछा तू उसने बताया की बहार गए हैं. फिर वह हमे अपने रूम मैं ले गयी.
नीलेश सोफा पर बैठे तू हम दोनो नीलेश के दोनो ऊर बैठ गए. तभी नीलेश ने उर्मिला को पकरकर अपनी गोद मैं खींच लिया. वह विनीता को देख सिकुड़ने लगी तू नीलेश ने कहा, “अरे मेरी जान यह तेरी होनेवाली भाभी विनीता है. आज तेरे Cousin को यही सम्हालेगी.
देखना यह साली कितनी मस्त”
नीलेश की बात सुन खुश होती विनीता के पास जा विनीता के गाल पर हाथ फेर बोली, “ओह्ह मेरी प्यारी भाभी, हाय अभी नीलेश को बुलाती हूँ.”
फिर उसने राजेश के मोबाइल पर फ़ोन कर उसे बताने लगी, “नीलेश आप कहां हो जल्दी आओ नह आये नीलेश आपकी होने वाली बीवी आपकी राह देख रही हैं.”
विनीता उसकी बात सुन शर्म गयी. फिर वह फ़ोन रख विनीता के पास गयी और उससे बोली, “भाभी आप बहुत खूबसूरत हैं.”
तब विनीता उससे बोली, “उर्मिला अभी मुझे भाभी ना कहो मुझे शरम आती है.”
“अरे शर्माने की क्या बात, आप मेरी भाभी बनोगी ही. अभी नीलेश अजये तू आपको चोदकर वह तुमको मेरी भाभी बाना देंगे. एक बार नीलेश से चुद जाओ फिर तू भाभी बन ही जोगी.”
हम सब उसकी बात पर हँसे. नीलेश ने उर्मिला को खींचकर अपने पास बिठाया और विनीता के हूंत चूमकर बोले, “विनीता अभी राजेश आता होगा. आज तू उससे चुद्वाकर उसका लंड भी देखले और अपना तस्ते भी बदल ले. रोज़ रोज़ मुझसे चुद्वाती है. आ ज़रा तेरी चूत चाट लूं.”
उर्मिला फौरन बोली, “नही नही. इसकी तू अब नीलेश ही चोदएंगे और चातेंगे. अखिर उनकी होने वाली बीवी है. आज तू उनको ही इसके साथ सब करने दो. आप तू आज बस मुझे ही चोदइये. हाय बहुत दिन हुवे आपका लंड खाए. आज ख़ूब चूसुंगी इस मस्ताने लंड को.”
मैं उनकी बात सुन बोली, “ओह्ह नीलेश विनीता तू राजेश से चुद्वायेगी और आप उर्मिला की लोगे तू फिर मेरी कौन लेगा. मैं क्या अपनी चूत मैं आपके होते हुवे भी ऊँगली दलूँगी?”
“अरे नही मेरी प्यारी बहना. तेरा Cousin है ना तेरी लेने के लिए. घबरा मत तेरी मस्त जवानी चखकर ही तू तेरा Cousin चोदना सीखा है, भला तेरा Cousinचोद Cousin तुझे नही चोदएगा. मैं तुम दोनो को बरी बरी चोदउन्गा. आजो दोनो.”
मैं फौरन नीलेश की गोद मैं कूदी. उर्मिला भी नीलेश से चिपक गयी. विनीता बेचारी अपने चोदउ का इंतज़ार करने लगी. नीलेश मेरे कप्रे उतारने लगे तू उर्मिला ने नीलेश को नंगा किया. फिर मैंने उर्मिला को नंगा कर दीया और हम तीनो नंगे होकर बेद पर चले गए.
तभी बहार दूर बेल बजी. उर्मिला के पूछने पर राजेश की आवाज़ आयी तू मैंने विनीता से कहा जा दरवाज़ा खोल आ. वह बेचारी शर्माती सी गयी. फिर मैं नीलेश के लंड को पाकर मुँह मैं ले चूसने लगी. उर्मिला ने भी मेरे साथ नीलेश के बल्ल्स मुँह मैं ले लिए.
हम दोनो नीलेश के लंड से खेल रहे थे.
तभी राजेश विनीता को गोद मैं उठाये रूम मैं आया. विनीता उसके गले मैं हाथ डाले आँखें बंद किये शर्म रही थी. हम सब उनको देखने लगे. वह विनीता को लिए हमारे पास बेद पर आया और उसे बेद पर लिटा बोला, “हाय मेरी रानी कितनी खूबसूरत है. यार नीलेश तू अपनी इन दोनो मस्तानियों को उधर सोफा पर ले जा यार. आज मैं विनीता की जमकर लूँगा. हाय आज तू इसके साथ सुहागरात माननी है. हाय एक महिने से अपनी Cousin की ले रह था. आज लंड को नया माल मिलेगा. हाय उर्मिला जा तू अपने यार के साथ तू मैं तेरी भाभी के साथ सुहागरात मन लूं.”
“नीलेश तुम ख़ूब जी भरके मनाओ सुहागरात और चोदलो मेरी भाभी को. मैं भी अपने रजा से चुद्वा लूं.”
मैं राजेश से बोली, “रजा ख़ूब मज़ा लो अपनी रानी से पर यार ज़रा अपनी इस साली को और अपनी Cousin की ननद मत भूल जाना.”
“नही मेरी जान तुझको भूल नही सकता आज भी तुमको एक बार चोदउंगा ज़रुर, तेरे साथ तू कई रिश्ते हैं.”
“हाय कौन कौन से रिश्ते मानते हो मेरे साथ.”
“अरे Priyanka रानी पहला रिश्ता तू यह कित उ मेरे दोस्त की Cousin है, दूसरा कित उ मेरी Cousin की नानंद है और तीसरा यह कित उ मेरी साली है.”
“अच यह तू बताओ जब मुझे चोदते हो तू कौन सा रिश्ता मॅन मैं सोचते हो?” मैंने हस्नते हुवे उसके लंड को हिलाया.
वह मेरी चूचियों को पाकर कसकर मसलते बोला, “अरे सोचा तू हमेशा यही की यह मेरे दोस्त की मस्त जवान Cousin है.”
नीलेश दोनो की बात सुन बोले, “यार राजेश तू सच कहता है. चोदने का असली मज़ा तभी आता है जब तू जिसको भी चोदए उसे अपनी Cousin समझ या अपने दोस्त की.”
फिर नीलेश हम दोनो का हाथ पाकर सोफे पर लाए और मुझे सोफे पर बिठाया और खुद मेरे बीच आये और मेरी चूत पर झुके और फिर मेरे मन पसंद मज़े को मुझे देने लगे. वह मेरी चूत को फैलाकर चाट रहे थे. उर्मिला अब नीलेश के निचे गयी और उनके लंड को मुँह मैं ले लिया और ज़ोर से चूसने लगी. मैंने नीलेश के हाथ अपनी चूचियों पर रखे तू वह दोनो को दबा दबा चाटने लगे.
उधर विनीता पूरी नंगी हो चुकी थी और वह राजेश को नंगा कर रही थी. फिर राजेश का लंड पाकर उसपर अपनी जीभ ऊपर से निचे तक चलाने लगी. राजेश उसको अपना लंड चाटते हुवे बहुत खुश लग रह था. वह बार बार लंड को झटके दे रह था. तभी उसने मेरी ऊर देखा और मुझे अपनी ऊर देखता प वह मुस्कायी तू मैंने उसे मुँह मैं लेने का इशारा किया. वह भी इशारे मैं मुझे बोली की ले रही हूँ.
इधर उर्मिला ने नीलेश के
लंड को छोड़ा और ऊपर मेरे पास आ मेरी चूसियों से खेलने लगी. वह एक को मुँह से चुस्ती दूसरी को मसलने लगी. वह मेरे ऊपर लेती थी जिससे उसकी चूत भी मेरी छूट के ऊपर आ गयी थी. अब नीलेश हम दोनो कि छूट साथ साथ चाट राहे थे. मैने उर्मिला की चूचियों को पाकर और दबाते हुवे विनीता को देखने लगी. अब वह पूरा मुँह के अन्दर लेकर चूस रही थी. राजेश का लंड उसके थूक से भीगा बहुत चमक रह था.
तभी मैने उर्मिला को अपने पास किया और उसके हूंत चूम उससे बोली, “उर्मिला ज़रा उधर भी देख तेरे नीलेश कैसे मेरी छोटी कोउसिं को अपना ल्डं चूसा राहे हैं.”
वह अपने कोउसिं की ऊर देख बोली, “हाँ प्रियंका मेरा Cousinचोद कोउसिं साल दो महिने मैं ही बहुत अच्छी चुदाई करमा सीख गया है. यार तुने ही उसे इतनी अच्छी चुदाई करमा सिखा दिया है.”
“अरे पहले मुझे भी कहॉ आता था चुद्वाना, नीलेश ने जब पहली बार मेरी लिट ही तू मैं तू अपनी चूत चात्वाना भी नही जानती थी.
नीलेश ने मुझे एक महिने की ट्रैनिन्ग दी थी.”
“अरे क्या किया था training मैं?”
“नीलेश ने पहले ५ दिन मेरी चूत चाटकर मुझे चूत चात्वाना सिखाया. फिर अगले ५ दिन ल्डं चूसना सिखाया. फिर ५ दिन चूचियों का मज़ा लेना सिखाया और १० दिन चुद्वाना सिखाया. तभी तू नीलेश इतनी मस्त चुदाई करते हैं की क्या बातों.”
“पर यार प्रियंका यह तू केवल २५ दिन हुवे. बाकी ५ दिन क्या कुछ नही बताया?”
“अरे बताया ना ३ दिन नीलेश ने मुझे गांड मरवाना सिखाया और दो दिन नीलेश ने अपने सामने नंगे होकर डान्स करमा सिखाया. जानती हो नीलेश रोज़ रात हम दोनो का डान्स देखते हैं.”
“हाय मुझे भी सिख्वा दो डांस करमा.”
“अरे भाभी तू मेरे नीलेश से सब सीख जायेगी.”
फिर वह मेरे ऊपर से हटी और नीलेश को ऊपर सोफे पर बिठाया और उनका ल्डं पाकर चूमती बोली, “नीलेश यह तू बताओ की तुमने इतनी अच्छी चुदाई किस्से सीखी?”
“अरे यार मैने तू ब्लू फिल्म देखकर और ४-५ लड़कियों को चोदकर सीखा था. फिर जब से प्रियंका को चोदअ तब से सब कुछ सीख गया?”
“आह अच्छा आपने अपनी दोनो बहनो के अलावा और किसे चोदअ?”
“अरे ४-५ बाहरी लड़कियों को चोदने के बाद जब अपनी Cousin को चोदकर Cousinचोद बाना तब से तू कोई बहार की चोदने का मॅन ही नही कर्ता. बस अपनी मौसी को ही चोदअ था. अब तुम हो जो मुझे अपनी कोउसिनों के बाद अच्छी लगी हो.”
वह नीलेश की बात सुन खुश हो गयी और बोली, “रजा अब एक बार मेरी चोदकर पनि निकल दो फिर आज मुझे अपनी Cousinचोद बन्ने की कहानी बताना.”
“आजा मेरी जान तेरा पनि निकल दो अपना ल्डं डालकर.”
तब नीलेश ने उसे सोफे पर लिटाया तू मैने नीलेश का ल्डं पाकर उसकी चूत पर लगाया और फिर मैं नीलेश के ऊपर लेट गयी. इस तरह नीलेश हम दोनो के बीच दब गए. मेरे ऊपर लड़ने से नीलेश का ल्डं उर्मिला की चूत मैं घुस गया. मेरे ऊपर होने से नीलेश को ल्डं अन्दर बहार करने मैं बहुत ताकत लग रही थी. उर्मिला मज़े से भर गयी थी. मैं उसकी चूचियों को भी दबा रही थी. वह मुझे देख मुस्करा रही थी. मैं भी उसे देख मुस्करा अपनी चूचियों को नीलेश की पीठ से दबा रही थी.
उधर विनीता ने राजेश का ल्डं चाटकर अपने चहरे पर ही झाड़ लिया था. मैने देखा की वह अपने चहरे पर गिरे राजेश के ल्डं के पनि को हाथ से साफ कर रही है तू मैं उसके पास गयी और बोली, “अरे विनीता पगली इसे तुने अपने मुँह मैं क्यों नही झादा. देख इनका पनि कितना तस्त्य है.”
फिर मैं उसके मुँह को चाटने लगी तू वह मेरे हूंत चूम बोली, “प्रियंका दीदी नीलेश के दोस्त बहुत अछे हैं.”
“पगली अब यह सिर्फ नीलेश के दोस्त नही बल्कि तेरे पति भी हैं. शादी तू बाद मैं होगी परतु इनके साथ शादी का मज़ा अभी से ले ले. अब तू इनके साथ मज़ा ले. नीलेश तू उर्मिला की चोद राहे हैं, मैं भी नीलेश का ही लूंगी. तू आज राजेश को तू छोरेगी नही.”
“नही दीदी आज तू राजेश जी सिर्फ मुझे ही चोदएंगे. तुम नीलेश से चुद्वाओ.”
फिर मैं उन्दोनो को छोर नीलेश के पास आयी और नीलेश के मुँह पर अपनी चूत रख चात्वाते उर्मिला से बोली, “उर्मिला देख तेरे नीलेश कैसे मेरी छोटी Cousin की चाट रह है.”
“हाँ प्रियंका नीलेश को चूत चाटने मैं बहुत मज़ा आता है.
वह मेरी भी खोइओब चाटकर ही चोदते हैं. नीलेश की जीभ चूत मैं ल्ल्ल्की तरह चलती है. मेरा तू मॅन कर्ता है हर समय नीलेश से चात्वती रहूँ.”
“तू तुम चत्वा लिया करो ना अपने नीलेश से.”
“अरे यार चात्वती तू हूँ. मुम्म्य पापा तू बहार ही रहते हैं. इसलिये नीलेश दिन भर घर पर मुझे नंगी रखते हैं और मेरी चूचियों को मसल मसल ख़ूब चाटते हैं.”
“घर पर ही अपने Cousin से मज़ा लेने की बात ही कुछ और है.” मैने नीलेश की जीभ चूत के अन्दर लेते कहा.
वह अपनी गांड उछल चूत को नीलेश के ल्डं पर दबाती हांफती बोली, “तू सच कहती है. मैं दिन रात सोचा करती थी कोई मुझे भी चोदकर मज़ा दे पर बहार के लड़को से डरती थी की बदनामी होगी. अब तुमने मेरा चक्कर नीलेश से चल्वाकर मेरा काम बाना दिया है. जानती हो नीलेश भी बहुत खुश हैं. वह मुझसे कह राहे थे की मेरे जैसी खूबसूरत और जवान Cousin को चोदकर वह बहुत खुश हैं. जानती हो प्रियंका मैं जब नीलेश को नीलेश या राजेश के नाम से बुलाती हूँ तू वह कहते हैं की मुझे नीलेश नही बल्कि Cousinचोद कहा करो. मैं उनको अब घर मैं Cousinचोद के नाम से ही बुलाती हूँ.”
“अच्छा कैसे?”
“ऐसे की आओ बहिनचोद खाना खा लो या
बहिनचोद सुबह हो गयी है उठना नही है क्या. जानती हो वह मुझे क्या कहते?”
“क्या?”
“जब मैं उनको Cousinचोद कहती हूँ तू वह मुझसे कहते हैं की अरे साली उठ रह हूँ ना, अरे रंडी Cousin की रखैल अभी time ही क्या हुवा है.”
“हाय तुमलोग तू पूरा मज़ा ले राहे हो. चुदाई का मज़ा तभी आता है जब खुलकर बोलो और चोदओ. यार हमारे घर पर तू मुम्म्य रहती हैं इसलिये रात मैं ही चुदाई होती हमारी.”
तभी नीलेश ने मुझे अपने मुँह से हटाया और फिर उर्मिला को निचे लिटाया और ७-८ बार कसकर ढके लगाए तू मैने पूछा, “क्या नीलेश निकलनेवाला है क्या?”
“हाँ प्रियंका मेरी Cousin तेरा Cousin अब झड़ने वाला है.”
“ओह्ह नीलेश इसकी चूत भर दो अपने पनि से.”
“तू पीयेगी नही?”
“नीलेश तुम इसकी चूत मैं पनि भार्दो मैं इसकी चूत से चाट लूंगी.”
फिर नीलेश ने उर्मिला को कसकर जकड लिया और झड़ने लगे. उम भी झाड़ रही थी और वह हांफ रही थी. २-३ मिनट तक नीलेश उसकी चूत मैं ही झाड़ते राहे फिर ल्डं बहार किया तू उर्मिला ने उसे अपने मुँह मैं लेकर चाट कर साफ किया. ल्डं ढीला कर नीलेश लेट गए तू मैं भी उनकी बगल लेट उर्मिला को अपने ऊपर आने का इशारा किया. वह उठी और अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख घोड़ी बनी तू उसकी चूत से नीलेश के ल्डं का पनि निकल कर मेरे मुँह पर गिरने लगा. मैने मुँह खोल दिया और पनि मेरे मुँह मैं गिरा जिसे मैने चाट लिया फीर उसकी चूत को चाटने लगी.
कुछ देर तक चात्वाने के बाद वह नीलेश के ऊपर लेट गयी तू नीलेश ने उसे कास कर भींच लिया. तभी मेरी नज़र विनीता पर पडी. वह राजेश के ऊपर लेती उसके ल्डं को अपनी चूत मैं लिए थी. मैने नीलेश को इशारे से दिखाया तू नीलेश ने दोनो को देखा फीर मुस्कराते हुवे बोले, “यार राजेश कैसी लगी मेरी छोटी Cousin?”
“यार तुम्हारी दोनो बहने मस्त मॉल है. हाय विनीता की बहुत प्यारी है. यार चाटकर मज़ा आ गया.”
मैने विनीता से कहा, “विनीता तुमको नीलेश का दोस्त कैसा लगा?”
“दीदी सच नीलेश के दोस्त भी नीलेश की तरह मस्त हैं. बहुत अच्छी तरह से चाता था और चोद भी बहुत अच्छा रहें हैं.”
“चोदएंगे कैसे नही, इतने दिनों से अपनी Cousin को चोदकर प्रक्टिस कर राहे थे.”
फीर मैं नीलेश से बोली, “नीलेश मेरी भी चोदलो एक बार फीर उर्मिला को ही खिलाना अपना ल्डं.”
तब नीलेश ने मुझे कसकर चोदअ और फीर एक बार उर्मिला को और चोदअ. तब तक विनीता तीन बार राजेश से चुद चुकी थी. नीलेश हम्दोनो को चोदकर एकदम ठण्डा करने के बाद विनीता के पास गए और उसकी चूचियों को पाकर सहलाते बोले, “विनीता मज़ा आया मेरे दोस्त से चुदवाने मैं?”
“बहुत हाय नीलेश आपके दोस्त का ल्डं बहुत जबर्दस्त है. मज़ा आ गया.”
“और मज़ा लेना हो तू ले लो फीर घर चलत है मुम्म्य वेट कर रही होंगी.”
“ठेक है नीलेश चलिये अब फीर कभी, आज बहुत मज़ा लिया.”
उसके बाद हम दोनो नीलेश के साथ वापस आ गए.
घर पर आ नीलेश अपने काम निप्ताये. फीर रात को हम दोनो को अपने रूम मैं बुलाया. विनीता आते ही नीलेश की गोद मैं गयी और उनके ल्डं को पाकर लिया. नीलेश ने उसकी चूसियां को पाकर और दबाते हुवे पूछा, “बहुत खुश लग रही है तू.”
“हाँ नीलेश आज मुझे चुदवाने मैं बहुत मज़ा आया.”
“क्यों क्या हुवा था?”
“नीलेश रोज़ आपसे चुद्वाती हूँ तू सच बहुत मज़ा आता है. पर नीलेश आज अपने Cousin के सामने उसके दोस्त से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और था.”
“इसका मतलब विनीता तुझे मेरे साथ चुदवाने मैं मज़ा नही आता?”
“ओह्ह नीलेश यह बात नही, हाय आप तू बुरा मान गए. आप तू मेरा पहला प्यार हैं नीलेश. मेरा कहने का मतलब यह है की किसी दुसरे लड़के से चुदवाने मैं भी बहुत मज़ा आया.”
मैं दोनो की बात सुनकर बोली, “ओह्ह नीलेश बेचारी अपने पति से चुद्वाकर आ रही है ना इसलिये बहुत खुश है. शायद इसीलिये उल्टा सीधा बोल रही है.”
इस पर हम सब हंसने लगे. फीर नीलेश ने हम्दोनो को ज्जमकर चोदअ और चिपककर सो गए.
मेरी शादी क ईक दिन पहले घर पर बहुत मेहमान आ गए थे. मैं अपने रूम मैं ऊपर थे. सब लोग निचे थे. रात को सब सोने लगे.
मैं अपने रूम मैं विनीता के साथ थी. वह मेरे हाथो मैं मेहंदी लगा रही थी. दोनो हाथों मैं मेहंदी लग गयी तू मैं धीरे से लेट गयी. करीब ११ बजे नीलेश आये और हमारे पास बैठ बोले, “प्रियंका कल तेरी शादी है. कल तू अपनी ससुराल चली जायेगी.”
“ओह नीलेश उदास ना हो. ससुराल से आया भी तू करुँगी. जब भी मौका मिल आ जाया करुँगी. मेरा वहाँ आपके बिना मॅन भी तू नही लगेगा.”
“हाँ दीदी जल्दी जल्दी आया करमा.” विनीता बोली.
“औंगी विनीता. नीलेश विनीता तू है ना आपका ख्याल रखने के लिए.”
“हाँ पर तू नही होगी तू मेरा दिल नही लगेगा.”
“ओह्ह नीलेश मैं भी अपने नीलेश के बिना नही रह पाऊँगी पर क्या करें. नीलेश आओ आज मुझे और चोद लो फीर तू कल मैं ससुराल चली जाउंगी. विनीता तू नीलेश की हेल्प करमा मेरे हाथो मैं तू मेहंदी लगी है.”
“ठीक है दीदी.”
“चल पहले नीलेश के कप्रे उतार फीर मेरी मक्षि खोल दे.”
आज मैं मक्षि पहने थी जो आगे से खुलती थी. इसे बिना उतारे ही मैं पूरी नंगी हो जति थी. विनीता ने नीलेश को नंगा कर मेरी मक्षि खोल दी. फीर मेरे कहने पर नीलेश के ल्डं को पाकर मेरे मुँह मैं दे दिया जिसे मैं चूसने लगी. मुझे आज नीलेश का ल्डं बहुत प्यारा लग रह था. आज नीलेश के ल्डं मैं नया जोश लग रह था. कुछ देर बाद मैने विनीता से कहा, “विनीता तू मेरी चूत अपने हाथ से फैलाकर नीलेश से चत्वा दो फीर चुद्वा भी देना.”
उसने मेरी चूत के फांक खोलें तू नीलेश ने अपनी जीभ अन्दर तक पेल दी. मैं गांड उठा उठा चात्वाते बोली, “नीलेश.”
“हाँ प्रियंका.”
“नीलेश अपने दोस्त को बुला लो ना. आज तू शादी का हंगामा है. उसे काम के कोउसिने बुलाकर मुझे उससे भी चुद्वा दो फीर पता नही कब मौका मिले. आपके अलावा आपके उसी दोस्त का ल्डं ही खाया है मैने.”
और पैरों से नीलेश के सर को अपनी चूत पर दबाया.
“ठीक है प्रियंका. विनीता चल राजेश को फ़ोन करके बुलाले.”
फीर विनीता ने फ़ोन किया वह आने को तैयार हो गया. नीलेश मेरी चूत को अब अपनी जीभ से चपड राहे थे. जीभ पेल पलकर नीलेश ने ५ मिनट मैं ही मेरी झाड़ दी. तभी बहार से किसी ने राजेश के आने का बताया तू नीलेश जल्दी से कप्रे पहन उसे अपने रूम मैं ले गए.
फीर कुछ देर बाद मैं भी वहाँ पहुंची. वह मुझे इस तरह देख बहुत खुश हुवा. वह मेरे पास आ मुझे चूम बोला, “यार नीलेश तेरी Cousin तू दुल्हन बन गयी. मज़ा आएगा आज इसको चोदकर.”
“हाँ यार तू इमेरी Cousin के साथ सुहागरात मन ले. मैं भी इसकी कल ज़रूर चोदउन्गा जब यह दुल्हन वाले कप्रे पहनेगी.”
“नीलेश जब चाहे तब चोदना आप पर अभी मुझे अपने दोस्त से चुदवाने दीजिए.” फीर मैं बेद पर लेट बोली, “ओह्ह राजेश आप इधर आइये ना. मेरे हाथो मैं मेहंदी लगी है इसलिये मैं कुछ करुँगी नही. आप मुझे चाटकर चोदइये. ह्ह्हाछ ख़ूब जमकर चोदना आज. नीलेश आज कुछ नही करेंगे.”
“क्यों मैं क्या ऐसे ही रहूँ.”
“हाँ नीलेश आप देखिए आपका दोस्त आपकी Cousin को उसकी शादी वाली रत कैसे चोदता है. आप तू मुझे रोज़ चोदते ही हैं. आज अपने दोस्त को चोद लेने दीजिए.”
“ठीक है प्रियंका चुद्वा मेरे दोस्त से. मैं तेरी कल चोद लूँगा.”
फीर राजेश ने मेरी साड़ी अलग की और ब्लौसे भी उतार दिया. थोरी देर पहले नीलेश के साथ थी isliye bra panty नही पहनी थी. जब मैं नंगी हो गयी तू वह भी नंगा हो गया और मेरी चूत पर झुक गया. अब वह मेरी चूत को चाट रह था और हाथ से चूचियों को भी दबा मज़ा ले रह था. नीलेश वही एक चिर पर बैठे हमको देख राहे थे.
तभी वह बोले, “यार जल्दी से चोद ले मेरी Cousin को. आज कोई भी आ सकता है.”
फीर नीलेश के दोस्त ने मुझे कसकर चोदअ और फीर नीलेश ने उसे चुपके से बहार कर दिया. उसके बाद मैं अपने रूम मैं आ गयी.
विनीता मेरा इंतज़ार कर रही थी. पास गयी तू पूछा की चुद्वा लिया तू मैने कहॉ हाँ. फीर हमलोग सो गए.
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