Raj-Sharma-stories
शिकारी खुद शिकार हो गया
प्रेषक : श्रुति
बहादुर सिंह नेपाली गोरखा हैं और उसकी ड्यूटी लालबाग रोड पे एक लेडिज हॉस्टल के पास लगी हैं. वैसे वो हॉस्टल में काम नहीं करता हैं लेकिन हॉस्टल वालें उसे कुछ बक्षिस दे देते हैं दिवाली पे इसलिए वो अपने आप ही फोजदार बन के उधर का भी ध्यान रखता हैं. यहाँ हॉस्टल में लड़कियां
रहती हैं. इनमे से कुछ जॉब करती हैं और बाकी की लड़कियां पढाई करती हैं. 11 जनवरी की हड्डी गलाने वाली रात थी. बहादुर सिंह हॉस्टल की तरफ राउंड पे निकल पड़ा. शालिनी और श्रुति नाम की दो इंडियन लड़कियां हॉस्टल की दीवाल फांगने की ही कोशिश कर रही थी की बहादुर सिंह ने उन्हें धर लिया. हॉस्टल की बोरिंग लाइफ से दूर यह दोनों इंडियन लड़कियां डिस्को जाके आई थी. और ऐसा पहली बार नहीं था की यह इंडियन लड़कियां हॉस्टल की दिवार फांग रही थी. लेकिन बदकिस्मती से बहादुर ने आज उन्हें धर लिया. श्रुति और शालिनी दोनों की गांड ही फट गई, क्यूंकि उन्हें पता था की बहादुर सिंह हॉस्टल की लेडी वोर्डन रोमा का बड़ा चमचा था और अपने नंबर बढाने के लिए वो उन दोनों को जरुर वोर्डन के हाथ में दे देगा. श्रुति और शालिनी ने बहादुर को पटाने की कोशिश की,
श्रुति: बहादुर भाई, हम लोग शालिनी के भाई को मिलने गए थे.
बहादुर सिंह: मेमसाब आप किधर भी गया होगा लेकिन मुझे रोमा दीदी को बताना पड़ेंगा. आप का हॉस्टल हम को बक्षिस देता हैं इसलिए हमारा काम हैं उन्हें बताने का.
अब शालिनी ने श्रुति के सुर में सुर मिलाया.
शालिनी: अरे बहादुर भाई बक्षिस तो हम भी आप को दे सकते हैं. आप ही बोल दो आप को क्या चाहियें.
बहादुर भी बड़ा अड़ियल था. वो किसी भी सूरत में इन्हें छोड़ना नहीं चाहता था. यह दोनों इंडियन लड़कियां भी जानती थी की यह गोरखा ऐसे मानने वाला नहीं हैं.
बहादुर: मेम साब हम यहाँ ठंडी में मर के काम करता हैं. पता हैं क्यूँ; क्यूंकि हमें आप का साब लोग बक्षिस देता हैं. और हमको आप का बक्षिस नहीं मांगता हैं. आप के साब लोग देते हैं वो काफी हैं.
श्रुति और शालिनी दोनों की गांड अब और भी फटने लगी. उन दोनों के पकडे जाने पे बड़ा डर यह था की डिस्को के बहार वो जो पांच पांच सो रूपये ले के चुदाई का धंधा करती थी वो पकडे जाने का भी डर था. श्रुति तो सिर्फ मजे के लिए चुदवाती थी लेकिन शालिनी अपनी राजशाही जिन्दगी जीने के लिए चुदती थी डिस्को के शराबी लोगो से. बहादुर किसी भी सूरत में मानता नहीं दिख रहा था. तभी श्रुति के मुहं से एक ऑफर निकला.
श्रुति: बहादुर भाई हम आप को हजार रूपये देंगे. आप प्लीज़ हमें जाने दो. आप मेडम को मत बताना.
बहादुर: नहीं मुझे रोमा दीदी को बताना ही पड़ेंगा अब तो. आप लोग हमें घूस देने की बात कर रही हैं.
अब शालिनी का गुस्सा बढ़ने लगा था. दो वक्त की चुदाई की कीमत तक तैयार थी। लेकिन यह गोरखा था की मान ही नहीं रहा था. शालिनी बोल पड़ी,
शालिनी: अबे तुझे घूस नहीं देंगे तो क्या हमारी चूत देंगे.
बहादुर की छोटी छोटी नेपाली आँखे पहली बार आशास्पद बनती दिखी. उसने शालिनी की और देखा और शालनी समझ गई की यह गोरखा चूत की बात सुन के नरम पड़ता दिख रहा हैं. उसने फिर कहा,
शालिनी: बोलो बहादुर भाई, आप को घूस नहीं दे तो क्या हमारा चूत दें. आप मेडम मेडम की रट लगा रखते हैं; क्या मेडम आप से चूत मरवाती हैं.
बहादुर हंस पड़ा और बोला, चूत दे दो आप फिर मैंने किसी को कुछ नहीं बताऊंगा. और आगे से भी आप को नहीं पकडूँगा कभी भी.
शालिनी समझ गई की वो बोल के फंस गई हैं अब तो. उसने श्रुति के सामने देखा. दोनों इंडियन लड़कियां जैसे की आँखों के इशारे से बात कर रही थी. श्रुति जैसे शालिनी को पूछ रही थी इसे चूत देंगे अपनी? और शालिनी जैसे की जवाब दे रही थी अरे वहाँ पे डिस्को पे शराबी और नशेड़ियों को अपनी चूत देते ही हैं ना, तो फिर यह गोरखा क्या बुरा हैं, और फिर अगर आज पकडे गए तो फिर कभी भी 1000 रूपये दिन में कमाने को नहीं मिलेंगे. श्रुति ने जैसे मनोमन शालिनी को चुदवाने के लिए परमिशन दे दी. शालिनी ने बहादुर की तरफ देखा और बोली, “जगह हैं आप के पास.?”
बहादुर: हां बेबी जी. पडोस के गुप्ता जी की दुकान की चाबी मेरे पास ही हैं. उनकी दूकान खाली हैं.
श्रुति: देखो बहादुर सिंह आज तुम्हे चूत देंगे लेकिन कल से हम जब हॉस्टल में आयें जाएँ तुम दिमाग मत ख़राब करना. और फिर अपनी रोमा मेडम की चूत चाटने वाली बात नहीं करना.
सियार के जैसी आँखे बना के बहादुर सिंह: मेडम आप की जवान चूत चाटने को मिल जाएँ फिर मेडम की बूढी चूत वैसे भी कौन चाटेंगा.
दोनों इंडियन लड़कियां समझ गई की यह नेपाली चूत का कुत्ता बना हैं फ़िलहाल और उसे चूत दे दी जाए तो वो कुछ भी करने को राजी हो सकता हैं.
बहादुर आगे आगे चला और यह दोनों इंडियन लड़कियां उसके पीछे चलने लगी. रास्ते में एक दो खम्भे पे अपना छोटा डंडा मार के बहादुर सिंह ने जागते रहो की आवाज लगाई और वो गुप्ता जी की दुकान का शटर खोलने लगा. बहादुर के पीछे जैसे ही श्रुति और शालिनी अंदर घुसी बहादुर ने दुकान के अंदर की एक छोटी लाइट ओन की और शटर को नीचे गिरा दिया. लाईट के हलके उजाले में दोनों लड़किओं ने देखा की वह दुकान जैसे बहादुर के सोने के लिए ही बही थी जैसे. उसमे उसकी एक मेली रजाई के अलावा कुछ सामान नहीं था. तकिये के पास एक बीडी का बण्डल था और माचिस की कुछ तीलियाँ थी. बहादुर के मन का चोर अब उसके लंड में उतर आया था; उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा की उसे एक साथ दो चूत मिलेंगी….!
अंदर की जगह को थोडा सही कर के इस ठरकी नेपाली गोरखे ने दोनों लडकियों को कहा, “चलो मेमसाब आप दोनों कपडे उतार दो मुझे चौकी पहेरा भी तो करना हैं बाद में.”
श्रुति ने शालिनी की और देखा और वो अपना टॉप उतारने लगी. शालिनी ने भी अपना टॉप उतार के अपनी ब्रा की पट्टी को खोलने की चेष्टा की. बहादुर सिंह ने अपनी रजाई के ऊपर से माचिस की तीलियाँ साइड में ली और वो अपनी स्वेटर और पेंट उतारने लगा. वो दो मिनिट के भीतर ही नंगा हो गया. उसकी छोटी छोटी नेपाली आँखे बड़े बड़े बूब्स देख रही थी इन इंडियन लड़कियों के. श्रुति और शालिनी दोनों अपनी ब्रा उतार के खड़ी थी और उनके सफ़ेद और साफ़ चुंचे हवा से लड़ाई कर रहे थे जैसे.
बहादुर सिंह: मेमसाब आप लोग एक दुसरे को चुम्माचाटी करो ना. मुझे इंग्लिश फिल्म में यह सब देखने में बहुत मजा आता हैं. और ऐसा देखने से मेरा लंड खड़ा भी जल्दी होता हैं.
श्रुति शालिनी के सामने देख के हंस पड़ी. दोनों आज से पहले कई बार हॉस्टल के कमरे में एक दुसरे को किस कर चुकी थी और चूत भी चाट चुकी थी लेकिन आज इस नेपाली गोरखे के सामने यह सब कर पाना थोडा अजीब तो था ही. शालिनी ने अपने चुंचे हाथ में लिए और निपल्स को कड़ी की. श्रुति ने अपनी जबान से उसकी निपल को मुहं में भर ली और वो उसकी चूत के ऊपर अपनी ऊँगली फेरने लगी. नेपाली लंड भी धीरे धीरे बढ़ने लगा था अब. बहादुर सिंह अब खड़ा हो गया और वो इन दोनों लड़कियों के पास आ पहुंचा. उसके लौड़े को श्रुति अपने हाथ से पकड़ के सहलाने लगी. शालिनी की चुंचिया अकड़ने लगी थी और उसे भी इस नेपाली लौड़े को पकड़ने की इच्छा हो गई. लेकिन वो उसे हाथ से नहीं बल्कि अपने मुहं से पकड़ना चाहती थी. वो नीचे बैठी और उसने बहादुर सिंह के लौड़े को मुहं में ले लिया. बहादुर की आँखे चौंधिया गई. उसके लौड़े को आज तक उसकी बीवी ने भी मुहं में नहीं लिया था और यहाँ पे एक बेहद सेक्सी लड़की उसे मुखमैथुन का मजा दे रही थी. वाऊ दो लडकियों को पकड़ने का बहादुर सिंह को बहुत ही बड़ा इनाम मिल रहा था आज तो.
बहादुर के लंड को शालिनी ने अपने गले के मुख तक लिया और वो उसकी जांघो को सहलाने लगी. अब शालिनी मजे ले रही थी फिर श्रुति क्यों पीछे रहती. उसने अपनी चूत के ऊपर की झांटो को अपनी उँगलियों से हटाया और वो आके खड़ी हो गई बहादुर के सामने. बहादुर समझ गया की लावा मुहं में लेना हैं भाई. उसने अपना मुहं चूत के फाटक के ऊपर लगाया और वो चूत के झरने से बहने वाला खारा खारा पानी पीने लगा. श्रुति ने चूत को चटवाने के बाद उल्टा हो के अपनी गांड को बहादुर के सामने रखा. बहादुर का दिल तो एकदम से माना नहीं लेकिन उसने गांड के छेद के ऊपर भी अपनी जबान लगा दी. वो जबान को हिला के गांड के छेद को साफ़ करने लगा जैसे. वाऊ क्या सीन था। छोटी सी दूकान में कम रौशनी. कम रौशनी में एक नेपाली लंड चूसा जा रहा हैं. और उसी कम रौशनी के अंदर एक हॉट इंडियन लड़की उलटी हो के अपनी गांड को चटवा रही हैं. किसी सेक्सी फिल्म से भी ज्यादा मादक सीन था ये तो. श्रुति ऊँची नीची हो के अपनी गांड को सही तरह चटवाती रही. बहादुर सिंह भी अपनी किस्मत को धन्यवाद देता हुआ चुसाई और चटाई के सागर में डुबकियां लगाता रहा.
श्रुति की चूत और गांड को मस्त साफ़ कर दी गई थी अब तो. और उसे अब चूत के अंदर खुजली होने लगी थी. वो उठ खड़ी हुई. उसने शालिनी के कंधे को पकड़ के उसे लंड से जुदा किया. फिर उसने बहादुर के लौड़े को पकड़ा और उसे अपनी चूत के तरफ ले गई. उधर शालिनी खड़ी हुई और वो बहादुर के मुहं के पास आई. श्रुति ने लंड को पकड़ के अपनी थोड़ी देर पहले ही चुदी हुई चूत के अंदर दे दिया. लौड़ा एक झटके में ही पूरा अंदर घूस गया. शालिनी ने अपनी चूत के होंठ फाड़े और इस नेपाली गोरखे के मुहं में चूत भर दी. बहादुर सिंह श्रुति की चूत मार रहा था अब और शालिनी की चूत को चाट रहा था. श्रुति ने अब अपनी गांड को आगे पीछे करना चालू किया और वो आह आह की आवाजें अपने मुहं से निकालने लगी.
शालिनी ने बहादुर के मुहं को पकड़ के चूत के अंदर खींच लिया जैसे. तीनो के तीनो जबरदस्त मोज कर रहे थे. तभी बहादुर सिंह का लौड़ा जवाब दे गया. श्रुति की चूत की 5 मिनिट की चुदाई में हो उसका वीर्य बहने लग गया. श्रुति ने बहादुर को एक तमाचा लगाया और बोली, “साले एक चूत को संतुष्ठ कर नहीं सकता और दो लड़कियों की चूत मारने की बात करता हैं. तेरा नेपाली लंड छोटा भी हैं और उसमे पावर भी नहीं हैं. लेकिन हम दोनों भी बड़ी चूत वाली रंडिया हैं. जब तक तू हमें चोद के तृप्त नहीं करता तुझे जाने नहीं देंगे. और अगर तूने जाने की कोशिश की तो हम अभी चिल्ला के सब को यहाँ बुला लेंगे. चल मादरचोद चाट शालिनी की चूत और गांड को फिर मैं तुझे अपनी चूत देती हूँ.”
इसे कहते हैं शिकारी खुद यहाँ शिकार हो गया. नेपाली गोरखे बहादुर सिंह को लगा की उसे सेक्सी इंडियन लड़कियां तृप्त करेंगी. लेकिन यहाँ तो नदी उलटी बह गई. उस बेचारे को जल्दी चुदाई कर के बहार चौकी पहरे के लिए जाने की जल्दी थी; लेकिन अब उसे दोनों लड़कियों को तृप्त करने का चेलेंज मिला था. मजबूरन सुबह साढे तीन बजे तक इन दोनों की चूत को चाटना पड़ा. जैसे ही बहादुर का लंड होश में आता श्रुति और शालिनी बारी बारी उसके साथ मजे भी ले लेती थी। अब कभी नहीं कहेंगा यह नेपाली, कि छूटना हैं तो तुम्हारा चूत मुझे दे दो।
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