Saturday, January 4, 2014

Raj-Sharma-stories खोली में मदहोशी--2


Raj-Sharma-stories

खोली में मदहोशी--2


अब तक कमरे के अन्दर का नज़ारा बदल गया था . सफ़ेद स्कर्ट पहनी सुनीता धावले बिस्तर पर लेटे मंत्री जी के लिंग पर सवार थी . वह उठक-बैठक कर चुद रही थी . सुनीता के भारी चूतड़ मंत्री जी के पिण्ड पर छप-छप तमाचे मार रहे थे . सुनीता सिस्कारियां ले रही थी और रति-क्रिया करते हुए बारम्बार मंत्री जी को झुक कर चुम्बन दे रही थी .
"चलो सुनीता-बाई अब कुतिया बन जाओ . तुम्हें मांजरेकर मेरी खातिर करने का कितना पैसा दे रहा है ?" मंत्री जी ने अपनी फौजी-वर्दी की पतलून उतार बिस्तर के किनारे मोर्चा ले लिया . विवाहित गृहणी सुनीता अपने को वेश्या बोला जाना पसंद कर रही थी .

"दस हजार रूपये मंत्री जी . आपने सही पहचाना, मैं कॉल-गर्ल हूँ . आप जैसे ग्राहकों की होटलों में सेवा करती हूँ . मेरा घरवाला शराबी है, मेरे ससुर ही मेरे दलाल हैं . मैं आपके लिए अवश्य कुत्ती बनूँगी ." अधनंगी सुनीता धावले स्कूली स्कर्ट-कमीज़ पहने निर्देशित मुद्रा लेने लगी . देह-व्यापार की ख़रीदी हुई वस्तु के रूप में वह काम-भोग के विविध अनुभवों की और इच्छुक हो गई थी .

"तुम वेश्यावृत्ति के कार्य में अपनी मोटी गाण्ड में डंडा तो लेती ही होगी . मुझे तुम जैसी रंडियों की बुण्ड में सख्त इंजेक्शन लगाने की रूचि है ." अपना सात-इंची लौड़ा लहराते हुए मंत्री जी अश्लील प्रश्न पूछने लगे . पके हुए फल समान भारी वक्षों की धनि सुनीता कच्ची बालिकाओं की स्कूली-वर्दी में अति सुन्दर लग रही थी . भोगी सुडौल गज-गामिनी बदन को भंग करने के उत्सुक मंत्री जी सुनीता के मैथुनिक सौंदर्य से मंत्रमुग्ध थे .

"नहीं मंत्री जी, मैंने सुना है इस अकथनीये कार्य में महिलाओं को पीड़ा होती है ." हाथ-पैरों के सहारे गद्दे पर घोड़ी की आकृति में कायान्तरित सुनीता प्रतिरोध करने लगी . श्वेत स्कर्ट के भीतर उसके चर्बीदार नितम्ब की रूपरेखा कामुक आमंत्रण दे रही थी . पग पर विद्यालय के जूते स्कूली-वर्दी की वेशभूषा के अनुरूप सुनीता ने अभी भी पहने हुए थे .

"अरे नहीं प्यारी , जैसे तुम्हारी योनी घुसपैठ की आदि हो गई है वैसे ही तुम्हारे कुँवारे पिछवाड़े को अभ्यास की ज़रुरत है . मैं तो हैरान हूँ की तुम जैसी स्वच्छंद-सम्भोग की अभिलाषी औरत की बुण्ड अभी तक अनन्वेषित है ! मैं वैसलीन का उपयोग कर सहजता से तुम्हारे गुदा-कौमार्य का उद्घाटन करूंगा, व्याकुल न हो ." कामोत्तेजित मंत्री जी ने कुतिया बनी सुनीता की चुन्नटों वाली स्कर्ट थोड़ी सी चढ़ाई और उसके गोलाकार मादक चूतड़ चूमने लगे . अभी-अभी व्यभिचार से शिथिल भीगी हुई सफाचट बुर को चाटने लगे . अविवेकी नारी के फूले हुए प्रताड़ित लाल जननांग पर मंत्री जी जीभ का पोंछा लगाने लगे . योनी-रस पीते हुए मंत्री जी ने सुनीता के कूल्हों को खंडित कर उसकी मल-निर्गम सुरंग को अपनी अंगुली से खोदना आरम्भ किया . वेसलीन से सनी अंगुली मलाशय की आंतरिक दीवार घर्षणहीन करने लगी .

खिड़की के बाहर लौड़ा चूसता समलैंगिक बादल भीतर की गतिविधियाँ देख प्रेरित हो रहा था . उसने किशोर धावले से गुज़ारिश की और मुड़ गया . कामोत्तेजीत किशोर ने पीछे से लड़के को अपनी बाहों में समेट लिया और उसके आसन पर अपना उजागर लिंग रगड़ने लगा . किशोर चिकने बादल की गर्दन को जगह-जगह काटने लगा . नेपाली गांडू किशोर के ठोस लिंग को पकड़ कर हलके-हलके मुठ मार रहा था . शादी-शुदा किशोर बादल की ढीली लुल्ली अपनी उँगलियों से महसूस करने लगा . शीशे का दरीचा बंद होने के कारण किशोर भीतर का दृश्य देख तो पा रहा था परन्तु वार्तालाप को सुन नहीं सकता था .

बेडरूम में मंत्री जी कुतिया बनी सुनीता धावले के पीछे स्थित अपने लण्ड पर वेसलीन लगा रहे थे . नितम्बिनी सुनीता का गुदा-द्वार श्वेत स्कूली-स्कर्ट के घूंघट से बेपर्दा हो लौड़े को लुभा रहा था . गुदगुदी स्थूल जंघाएँ खोल अपने कूल्हों को उत्थित कर सुनीता अब गाण्ड मरवाने का तजुर्बा प्राप्त करने की इच्छुक थी . वह प्रसन्न थी की तत्पश्चात अपने आशिक़ मांजरेकर काका को अपनी तंग पखाना-निकास नली में स्वीकार कर पाएगी . इस भेंट से उसके बलमा अवश्य हर्षित होंगे . इस कल्पना के मध्य में मंत्री जी अपनी काम वासना पूर्ण करते हुए सुपाड़े को सुनीता के नितम्ब में प्रविष्ट कर दिया . सुनीता दर्द से कराही और अपनी बेरोजगार बुर को मलने लगी . मंत्री जी ने पूरा भाला धकेल दिया और सुनीता के गोश्तदार चूतड़ों पर तमाचे मारते हुए उत्साहयुक्त चुदाई करने लगे . सुनीता सिसकारियाँ भरने लगी और पीड़ा से नयन मूंदे हुए अपने होठ काटने लगी . हमले के साथ-साथ सुनीता की दोनो छात्राओं वाली चोटियाँ झूल रहीं थीं . सफ़ेद स्कर्ट कमर पर चढ़ी हुई नग्न निचले जिस्म की और शोभा बढ़ा रही थी . विलासमय नितम्बों की चर्बी जोशपूर्ण झटकों से थरथरा रही थी .

बाहर समलिंगकामुक बादल ने अपनी निक्कर उतार दी थी . हाथों में थूक-थूक कर खुद के समलिंगी गुदा द्वार को गीला कर मैथुन के लिए गमनिय बना रहा था . किशोर बादल के लड़कपन को अपने खड़े हुए धड़कते खम्बे से भ्रष्ट करने के लिए तरस रहा था .

"आशा है सुनीता रानी आपको बखूबी संतुष्ट कर रही है मंत्री जी ?" मांजरेकर साहब शयनकक्ष में दाखिल हुए और यौन क्रिया करते हुए मंत्री जी से उनके हाल-चाल पूछे .

"तुम्हारी भाड़े की छिनाल बड़ी मजेदार है मांजरेकर . इसकी तंग अनुभवहीन गाण्ड लेने में बहुत आनन्द आ रहा है . देखो कितनी सरगर्मी से अपना लदा हुआ पिछवाड़ा बजवा रही है ." हाँफते हुए मंत्री जी सुनीता की चुदने की प्रतिभा की प्रशंसा करने लगे .

"आह... आह... मांजरेकर काका, आह... आह... मंत्री जी के शिक्षण से अब मेरी गुदा लाभदायक हो गई है . आह. .. यह कड़वा ज्ञान दुखदायी तो था पर अनूठा भी है . आह... आह... यदि मंत्री जी बुरा न माने तो आप भी परखिये . आह... आह... " धक्कों की वजह से आहें भरती सुनीता अपने महबूब मांजरेकर काका को मंत्री जी से अदला-बदली करने का सुझाव देने लगी .

खिडके के बाहर किशोर ने भी बादल के मलाशय में गोता लगा दिया था और फुर्तीले समलैंगिक सहवास में डूबा हुआ था . बादल ने अपनी राल से अपना गुदा द्वार तरल कर लिया था और अपनी भूखी गुफा में कठोर लौड़ा निगल रहा था . नपुंसक गांडू छोकरा लण्ड ग्रहण करने की लत शांत कर रहा था . दीवार के सहारे टेढ़ा खड़ा होकर अपना कामुक युवा मलाशय किशोर को भेंट किये हुए था .

मित्रता में मंत्री जी ने अपना स्थान मांजरेकर साहब को हस्तांतरण कर दिया और वह तुरंत सुनीता के चूतड़ों के मध्य की शोषित मणि लूटने लगे . मांजरेकर काका को सुख से अपने पिछवाड़े में स्वीकार कर, सुनीता मंत्री जी के लम्बवत्त लिंग को चूसने लगी .

"यह स्त्री तो वास्तव में परपुरुष-गामिनी कलाओं में निपुण है मांजरेकर, और ऊपर से इसका भड़कीला छात्रा वेष ... उत्तम, अति उत्तम !" मंत्री जी दो पुरुषों की सेवा करती शर्मीली पतिव्रता सुनीता का गुणगान करने लगे . कुछ पलों में मंत्री जी ने सुनीता के मुख में लिंग स्खलित कर दिया, सुनीता पूरे शुक्राणु पी गई . मांजरेकर साहब ने भी सुनीता की मस्त गाण्ड के अन्दर अपना वीर्ये निकाल फेंका . चरम-आनन्द प्राप्त कर सुनीता थक कर बिस्तर पर लेट गई, उसके कूल्हों के बीच से चिपचिपा श्वेत रिसाव निकास करने लगा और लबों के कोनों से भी चाश्नी जैसा बीज चूने लगा . अर्धनग्न सुनीता काम-क्रिया का रसास्वादन करने के उपरांत भी अपने सुडौल बदन पर स्कूली-वर्दी की कामोत्तेजक स्कर्ट-कमीज़ पहने हुई थी .

बाहर सुनीता का कानूनी नाथ ने पत्नी की रंगरलियों से बेखबर समलैंगिक समागम का कामोन्माद हासिल किया था . कामाकर्षक बादल के मलाशय में अपनी धातु त्याग कर किशोर तृप्त हो गया था .
"सुनीता, डाइनिंग टेबल पर पैर नीचे रख कर बैठते हैं ." किशोर धावले ने पत्नी को नई भोजन-टेबल पर खाने की रीति समझाई . सुनीता कुर्सी पर आलती-पालती मारे बैठी हुई थी . आकर्षक स्त्री ने साड़ी चढ़ाई हुई थी . मांजरेकर साहब मिसेज़ धावले के बगल में बैठे उसकी अनावृत जंघाएँ सहला रहे थे . यह कार्यक्रम टेबले के नीचे छुपा हुआ था . सामने बैठा किशोर धावले शराब के नशे में धुत्त था .

"सॉरी चुन्नू के बाबा, मेरे पैर में दर्द हो रहा था इसलिए कुर्सी पर रख लिया ." सुनीता ने पाँव नीचे कर दिए . मांजरेकर साहब ने अपने बँगले पर धावले दम्पति को रात के खाने पर बुलाया था . डाइनिंग टेबल पर साथ बैठे हुए तीनों खाना खा रहे थे .

"किशोर तुम व्हिस्की पियो, सुनीता को तंग मत करो ." मांजरेकर साहब ने शराब की बोतल आगे करी .

किशोर व्हिस्की पी कर मदहोश था . थोड़ी देर में किशोर ने टेबल पर सर रख कर आँखें मूँद लीं . मांजरेकर साहब और सुनीता ने किशोर को सहारा दे उठाया और सोफे पर लिटा दिया . किशोर को सोता देख मांजरेकर साहब ने अपनी रखैल को आग़ोश में लिया और चुम्बन दी . सुनीता सोफे पर पति के बगल में बैठ गई और मांजरेकर साहब की पतलून खोल उनके लण्ड के साथ खेलने लगी . उसने अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और प्रेमी का लौड़ा चूमने लगी . गीला सुपाड़ा चाटते हुए अंडकोष सहलाने लगी .

"यह क्या कर रही हो सुनीता !", किशोर जग गया और दृश्य देख भौंचक्का हो गया . समीप बैठी धर्मपत्नी पिता समान मांजरेकर साहब का शिश्न-चूषण कर रही थी .

"चुन्नू के बाबा, आप तो मेरे साथ कुछ करते नहीं हैं और फिर मांजरेकर काका का लिंग आपकी तुलना कितना विशाल है . आप चुपचाप देखिये, हमारी काम-क्रिया में बाधा मत डालिए ." पति को डांट कर सुनीता पुनः आशिक़ का आठ-इंची खम्बा चूसने लगी .

"किशोर तुम्हें तो पता होना चाहिए की हम तुम्हारी जोरू के साथ नियमित रूप से सम्भोग करते हैं . तुम्हारे पिता इसके बदले हमसे रूपये लेते हैं और तुम्हारा घर इन्ही पैसों से चलता है . डार्लिंग ने मंत्री जी के साथ भी रति-क्रिया कर उन्हें खुश किया है ." सुनीता के केशों में उँगलियाँ चलाते हुए मांजरेकर साहब में मुख-चोदन जारी रखा

"ठीक है मांजरेकर साहब, आप इस वेश्या को भोगिये . मैं चलता हूँ ." किशोर उठ कर प्रस्थान करने लगा .

"नहीं आप यहीं बैठिये, मैं मांजरेकर काका को आपका तुच्छ शिश्न दिखाना चाहती हूँ . अपनी पैंट खोलिए ." कुलटा सुनीता प्रेमी के मोटे लौड़े को हिलाते हुए पति किशोर को सता रही थी . अपमानित हो किशोर ने शर्मनाक कार्य किया और चेन खोल कर अपनी लुल्ली प्रदर्शित कर दी .

"देखिये मांजरेकर काका, आपके हथोड़े के सामने इनकी छड़ी कितनी छोटी और निर्बल है ." सुनीता ने पति किशोर की लुल्ली उठाई और हँसने लगी . शर्मिंदा हो किशोर ने अपना चेहरा हाथों से ढक लिया .

"चुन्नू के बाबा, आँखें खोलिए और अपनी पत्नी को योग्य मर्द के साथ अच्छे से सहवास करते हुए देखिये ." सुनीता ने किशोर के चेहरे से उसके हाथ हटाए और मुस्कुराते हुए मांजरेकर साहब का चमकता हुआ सुपाड़ा जिह्वा निकाल चाटने लगी . फिर लण्ड चूसते हुए पति को शरारती ढंग से मुड़-मुड़ कर देखने लगी . लज्जित किशोर जोरू को पराये पुरुष के साथ यौन-क्रिया करता देख कामोत्तेजित हो रहा था, वह अपने लिंग को सहलाने लगा .

"अच्छे से चूसो सुनीता, मांजरेकर साहब के तने को अपने कंठ तक ले कर खाओ . शाबाश, ऐसे ही ." हस्तमैथुन करता हुआ किशोर शिश्न-चूषण करती स्त्री को प्रोत्साहन देने लगा . पति के समर्थन से प्रसन्न सुनीता ने पलट कर किशोर को चुम्बन दी . किशोर ने पत्नी के लब और ज़बान चूमते हुए मांजरेकर साहब के लौड़े के स्वाद का अनुभव किया .

"आप भी चखिए न, मज़ा आएगा ." सुनीता ने किशोर धावले का मुख मांजरेकर साहब के कठोर लण्ड की ओर धकेल दिया . उत्तेजित किशोर ने स्वेच्छा से मोटा लिंग मुंह में ले लिया और चूसने लगा . सुनीता पति किशोर के बाल जकड़ कर उसके शीश को धक्के देने लगी . किशोर के मुंह में निष्ठुर लौड़ा अन्दर-बाहर होने लगा . सुनीता पति के साथ मिल कर मांजरेकर साहब का आठ-इंची स्तम्भ को चाटने-चूसने लगी .

"कैसा लगा मुखाभिगम करके किशोर? अब तुम सुनीता डार्लिंग को नग्न करो . हम तुम्हारी जोरू के साथ समागम करना चाहते हैं ." मांजरेकर साहब ने आदेश दिया . अपने थूक से लतपत लौड़े को किशोर ने छोड़ा .

किशोर धावले ने सुनीता की साड़ी उतार दी और उसका पेटीकोट गिरा दिया . फिर पत्नी के ब्लाउज़ के हुक खोल दिए और श्रीमती को सोफे पर लिटा दिया .

"चुन्नू के बाबा, मेरी ब्रा और पैंटी भी उतारिये . मांजरेकर काका के लिए मुझे पूरा निर्वस्त्र करिए और उन्हें मुझ पर सवार होने का निमंत्रण दीजिये ." सुनीता अपने स्वामी को अपमानित करते हुए निर्देश दिया . लाचार किशोर ने अपनी औरत के अंतर्वस्त्र भी उतार दिए और उसे पूर्णतया नंगी कर दिया .

"आइये मांजरेकर साहब, कृपया मेरी कामुक जोरू के साथ रति-संयोंग कीजिये ." किशोर ने नग्न लेटी सुनीता को पेश किया .

मांजरेकर साहब की दृष्टि सुनीता की सुडौल काया पर थी, चर्बीदार चिकनी जंघाएँ, कमनीय पायल पहने पाँव, लचीली कमर और बीच में शेव की हुई सफाचट बालहीन चूत . सुनीता भगोष्ठ की फांकें अपनी उँगलियों से खिला कर नम योनी अपने महबूब को भेंट करने लगी . खड़े हुए लौड़े ने शीघ्र ही गीली बुर में प्रवेश कर दिया . चरित्रहीन सुनीता उचक-उचक कर डट के चुदने लगी .

"आह... आह... आप तो शराब के नशे में रहते हैं, मेरी काम-वासना ऐसे बलवान पुरुष ही कर सकते हैं . अपनी बेकार डंडी देखिये, यह मांजरेकर काका के मूंसल से कहाँ मुक़ाबला कर सकती है . आह... आह... " चुदाई से कामोत्तेजित सुनीता किशोर को नीचा दिखाते रही .

"किशोर हमें सम्भोग करता देख तुम्हें कैसा लग रहा है ?" चोदते हुए मांजरेकर साहब प्रश्न करने लगे . सहवास में मग्न सुनीता उनके मजबूत सीने के सफ़ेद बालों को सहला रही थी .

"बहुत आनंद आ रहा है मांजरेकर साहब, आपका ज़ोरदार लिंग सुनीता की योनी के अन्दर-बाहर होता हुआ कामोत्तेजक लग रहा है . कृपया मेरी जोरू को ताकत लगा कर चोदिये ." किशोर अपने लुल्ले को सहलाता हुआ यौन-क्रिया का मज़ा ले रहा था . सुनीता सिस्कारियां मार रही थी .

मांजरेकर साहब भका-भक समागम कर रहे थे . पुख्ता मोटे लण्ड से चुदवाते हुए सुनीता के भारी नितम्ब थरथरा कर हिल रहे थे . दोनों प्रेमी गहरी साँसे ले रहे थे . कुछ ही पलों में मांजरेकर साहब सुनीता के तपते हुए चिकने योनिमार्ग में स्खलित हो गए .

"आइये चुन्नू के बाबा, मेरा योनिमुख साफ़ कीजिये ." सुनीता ने किशोर धावले को आज्ञा दी . किशोर तुरंत फूली हुई चिकनी चूत के निकट गया . वह फैली हुई रानों के बीच स्थापित हो, बुर से रिसता हुआ ताज़ा-ताज़ा गाढ़ा वीर्ये चाटने व निगलने लगा .
"क्या हुआ सुनीता, कहाँ भाग रही हो ?" मंत्रीजी के कार्यालय से तेज़ी से निकलती हुई पत्नी को देख किशोर धावले उत्सुक हो गया .

"म...म...म... म म ." सुनीता मुंह बंद करे हुए मंत्रालय के महिला शौचालय में घुस गई . किशोर शौचघर के बाहर प्रतीक्षा करने लगा . थोड़ी देर में सुनीता निकली और पति को डांटने लगी .

"आप भी कैसे प्रश्न पूछते हैं ! आपको पता है की मंत्रिजो और श्रीमान सिंघानिया के बीच आज ख़ास समझोता हुआ है . इतने बड़े उद्योगपति का आदर-सत्कार करने के लिए ही मुझे बुलवाया था ." सुनीता क्रोधित होकर अपने नाथ को समझाने लगी .

"लेकिन प्रिय तुम प्रसाधन कक्ष इतनी जल्दी क्यों जा रही थीं, और मुझे उत्तर भी नहीं दिया ?" किशोर परेशान था .

"चुन्नू के बाबा आप भी कितने नासमझ हैं . मेरे मुख में श्रीमान सिंघानिया का वीर्ये था, वही थूकने गई थी . बीज से भरे हुए मुख से मैं कैसे बोल सकती थी ! अब चलिए, हमें मंत्रीजी के साथ उनके फार्महाउस जाना है ." सुनीता ने विवरण दिया .

मंत्रीजी की गाड़ी हाइवे पर चल रही थी . ड्राइवर और किशोर धावले आगे बैठे थे, सुनीता मंत्रीजी के साथ पीछे .

"ड्राइवर ए.सी. चलाओ, गर्मी लग रही है . सुनीता तुमने बहुत अच्छे से सिंघानिया की ख़ातिर की, हमारा सौदा पक्का हो गया . इसमें तुम्हारा बहुत बड़ा हाथ है, नहीं मुँह है !" मंत्रीजी ठहाके मार कर हंसने लगे .

"श्रीमान सिंघानिया पर अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ी . वह तो जल्दी ही स्खलित हो गए . उन्होंने कल मुझे होटल में बुलाया है ." सुनीता ने ड्राइवर की और इशारा करते हुए मंत्रीजी से धीरे से बोला .

"तुम हमारे निकट बैठो सुनीता, ड्राइवर से कोई शर्म नहीं अपना ही आदमी है . किशोर तुम्हारी पत्नी यथार्थ श्रेष्ठ अभिनेत्री है ." मंत्रीजी ने सुनीता के गल पर चुम्बन दी और उसका पल्लू गिरा दिया . फिर ब्लाउज़ के हुक खोल दिए, उनके हाथ सुनीता की ब्रा के अन्दर चूचियों से खेलने लगे . विवाहित रंडी के निपल एकदम सख्त हो गए थे . किशोर घूम-घूम कर पीछे की सीट पर चल रहे तमाशे को देख रहा था . ड्राइवर भी गाड़ी के शीशे में पीछे देखे जा रहा था .

"सुनीता अंगिया भी उतार दो, मंत्रीजी सुगमता से आनंद ले पाएँगे . सफ़र बहुत लम्बा है ." किशोर जोरू को सुझाव देते हुए अपने गुप्तांग मल रहा था .

सुनीता ने अपनी ब्रा उतार दी और अधनंगी हो गई . गुलाबी रंग की खड़ी हुई चूचियाँ ऐसी लग रही थीं जैसे नर्म गुदगुदे खरबूजों पर मीठी किशमिश . सांवले परिवेश के घेरे में दोनों निपल उभर कर उजागर थे . मंत्रीजी चूचुकों को अपनी दो उँगलियों के बीच में लेकर धीरे-धीरे मसल रहे थे, और प्यार से उनको खींच रहे थे . सुनीता चिकोटी काटने पर सिसकारियाँ भर रही थी, उसकी आँखें एकदम नशीली हो चुकी थीं . सुनीता ने मंत्रीजी का सिर को पकड़ कर अपने स्तनों पर झुका दिया . मंत्रीजी ने अपने होंठ चुचियों से भर लिये वह धीरे-धीरे उसकी चुचियों को चूसने लगे . उत्तेजित हो उन्होंने अपने दांत भी चुचियों पर गड़ा दिये जिससे सुनीता के मुँह से हलकी सी चीख निकल गई . चलती गाडी में सुनीता मंत्रीजी के बालों को पकड़ कर अपने वक्षस्थल पर और दबा रही थी .

"साहब क्या गाड़ी किनारे लगा दूँ ?" ड्राइवर इस कामुक खेल को शीशे में देख कर बोला .

"बिलकुल नहीं, अगर हम रुके तो पहुँचते हुए अँधेरा हो जाएगा . तुम अपने को अलग महसूस मत करो . गाड़ी चलाते रहो, किशोर तुम्हारा अंग-मर्दन करेगा . क्यों किशोर, मांजरेकर ने बताया की तुमने उत्साहपूर्वक चुसाव किया था ." मंत्रीजी अर्धनग्न औरत के मम्मे टटोलते हुए शरारत करने लगे .

"अवश्य मंत्रीजी, मेरे पति किसी और काम के तो हैं नहीं . चुन्नू के बाबा चलिए ड्राइवर जी के तनाव का समाधान कीजिये . और हाँ, सावधानी से कहीं इनका सड़क से ध्यान भंग न हो ." अपने नाथ की तौहीन करते हुए सुनीता ने निर्देश दिया .

"ठीक है प्रिय, तुम जैसा कहो . तुम भी पूरी तरह निर्वस्त्र हो जाओ और मंत्रीजी को अपनी आकर्षक देह पेश करो ." किशोर गाड़ी चालक की पतलून पर हाथ फेरने लगा . ड्राइवर किशोर को देख मुस्कुराया और पीछे के शीशे में हो रही काम-क्रिया देखते रहा . किशोर ने चालक की पैंट की चेन धीरे से खोली और अंडरवियर में क़ैद उसके लण्ड को सहलाने लगा . किशोर अपनी पैंट खोल अपनी लुल्ली को निकाल कर हिलाने लगा .

पीछे की सीट पर सुनीता ने अपनी साड़ी पूरी उतार दी . ब्लाउज़ व ब्रा तो पहले से कार में अलग पड़े हुए थे . पेटीकोट पहनी सुनीता ने फिर मंत्रीजी के होठों को अपने होठों में भर लिया और अपनी जीभ को उनके मुंह में डाल कर घुमाने लगी . दोनो एक दुसरे को प्रेम से चुमने लगे .


"तेरी जोरू तो बड़ी मस्त है किशोर, तुझसे मर्दों की सेवा करवाती है और तुझे इसमें मज़ा भी आता है . तेरा क्या खड़ा नहीं होता ?" ड्राइवर की नज़र किशोर के लुल्ले पर पड़ी तो उसने सवाल किया . किशोर ने ड्राइवर के जांघिये में से उसका फुंकार मारता लण्ड निकाल कर रोशन कर दिया . फनफनाते स्तम्भ को किशोर अपने दोनों हाथों से दूहने लगा . गाड़ी चलाते हुए चालक ने अपनी टांगें फैला दी . किशोर ने ड्राइवर के अंडकोष हल्के-हल्के मसले और वज़नदार लौड़े की मुट्ठी मारने लगा .

"ड्राइवर जी आपके दैत्य के सामने मेरा लुल्ला तो निम्न है . देखो सुनीता कितना मोटा है !" भौंचक्के किशोर ने चिल्ला कर अपनी पत्नी को बताया . ड्राइवर का काला खम्बा अत्यंत मोटा था, किशोर अनावृत कठोर लिंग का हस्तमैथुन करने लगा . सुनीता ने आगे झुक कर सामने की सीट का दृश्य स्वयं देखा .

"आप इसका सम्मानपूर्वक रसज्ञान कीजिये. आप अपनी स्त्री को तो संतुष्ट कर नहीं सकते, कम से कम इस कड़े शिश्न को तो कामोन्माद दीजिये . चलिए, ड्राइवर जी की गोद में अपना सर झुकाइये ." सुनीता ने किशोर धावले को धकेला . आज्ञाकारी किशोर ड्राइवर के चमकीले नम सुपाड़े को अपनी ज़बान निकाल कर चाटने लगा . सुनीता ने वापस पिछली सीट पर टेक लगा कर मंत्रीजी को आँख मारी . बेचारे किशोर को शिश्न-चूषण करता देख मंत्रीजी हंसने लगे .

किशोर ने गप से लण्ड के सुपाड़े को अपने होठों के बीच दबोच लिया. होठों को आगे पीछे करते हुए लौड़े को चूसने लगा . वाहन चलाता ड्राइवर किशोर के सर को पकड़ कर हौले-हौले सहलाने लगा .
सुनीता ने अपने पेटीकोट को अब पुरा उपर उठा दिया, गांड उठा कर उसके नीचे से भी पेटीकोट के कपड़े को हटा दिया . अब सुनीता पूरी नंगी दिख रही थी . उसकी चौडी चकली झांटहीन चूत मंत्रीजी निहार रहे थे . अपनी गोरी रानों को फैला कर सुनीता ने फूली हुई बुर की दोनो फांको को उँगलियों से पृथक किया . मंत्रीजी की आँखें भुखे कुत्ते के जैसी चमक गईं थीं . वो आंखे फाड़-फाड़ कर सुनीता की खूबसूरत डबल-रोटी जैसी फुली हुई चुत को देख रहे थे . मुंडे हुए भगोष्ठ के बीच गुलाबी योनिमार्ग में से निकलता रस कार की सीट पर निशान छोड़ रहा था

"आइये मंत्रीजी प्रीतिभोज आरंभ कीजिये . देखिये आपकी आशा में आपकी दासी की योनी कैसे रिसाव कर रही है ." सुनीता कामोत्तेजक ढंग से अपनी जंघाएँ चौड़ी कर यजमान को निमंत्रण देने लगी . गाड़ी चला रहा ड्राइवर अपना लण्ड किशोर से चुस्वाते हुए शीशे में पीछे का मनमोहक नज़ारा देख रहा था .


मंत्रीजी चुपचाप झुक कर सुनीता की दोनो रानों पर अपने हाथों को जमा कर अपनी जीभ निकाल कर चूत के गुलाबी होठों को चाटने लगे . मंत्रीजी ने बुर के भगनशे को अपने होठों के बीच ले लिया और चुसने लगे . सुनीता की चूत टीट-चुसाई पर मस्त हो कर और पानी छोड़ने लगी . मंत्रीजी आवारा कुत्ते की तरंह लफड़-लफड़ करते हुए अपनी खुरदरी जीभ से सुनीता की बुर चाटे जा रहे थे . चुत की गुलाबी पंखुडीयों पर खुरदरी जीभ का हर प्रहार सुनीता को अच्छा लग रहा था . मंत्रीजी के सर को अपनी चूत पर और कस के दबा कर सुनीता आहें भरने लगी . ड्राइवर ने गाड़ी सड़क के किनारे रोक दी और पीछे चल रही कामुक यौन-क्रिया मुड़ कर देखने लगा, साथ ही वह किशोर का सर अपने मज़बूत लौड़े पर ऊपर नीचे करने लगा . मरदाना लिंग चूसता किशोर अपने लुल्ले को भी कामोत्तेजित हो फुर्ती से हिला रहा था .

"सुनीता जी, आपके पतिदेव अपने पिछवाड़े में मेहमान लेते हैं क्या?" कामांध ड्राइवर ने बुर चटवाती विवाहिता से प्रश्न किया . मंत्रीजी सुनीता के गुप्तांग में खोये हुए थे, उनको कुछ सुनाई और दिखाई नहीं दे रहा था .

"ड्राइवर जी इसमें पूछना क्या, ये तो बिलकुल निकम्मे हैं . आप इनका जैसे चाहें उपयोग कीजिये . यह समलैंगिक मुख-मैथुन पसंद करने लगे हैं तो गुदा-भेदन भी अवश्य सराहेंगे . सुनिए अब मुँह में से निकालिए और उलटे होकर ड्राइवर जी को चढ़ने दीजिये ." सुनीता ने पति को आज्ञा दी . किशोर चुपचाप सीट पर घुटनों के बल घोड़ी बन गया . गाडी की आगे की सीट पर उल्टा स्थापित किशोर अब पीछे बैठी जोरू को ठीक से देख पा रहा था . चूत चटवाती चरित्रहीन पत्नी किशोर के चेहरे के सामने थी . किशोर ने अपनी पतलून घुटनों तक गिरा दी . अंदर किशोर ने अपनी जोरू की रेशमी लाल पैंटी पहनी हुई थी .

"देखिये सुनीता जी किशोर ने औरतों वाली लाल कच्छी पहनी हुई है !" विस्मित चालक ने रेशमी पैंटी को भी खींच कर किशोर के घुटनों तक उतार दिया .

"हाँ ड्राइवर जी, यह मेरा काजल और लिपस्टिक भी लगाते हैं . आप इन्हें अच्छे से भ्रष्ट कर के सबक सिखाइए ." सुनीता ने किशोर के गाल पर थप्पड़ मारा और उसे ज़लील किया .

किशोर के नग्न नितम्ब भड़के हुए चालक की सेवा में हाजिर थे . किशोर ने पत्नी से चेहरे की क्रीम मांगी .

"ड्राइवर जी थोड़ी क्रीम अपने हथियार पर लेप लीजिये. कृपया धीरे से प्रहार कीजिये . मैं आपको पूरा सहयोग दूंगा, कई दिनों से मेरी भी गुदा-सम्भोग कराने की चाह है ." अपना मलाशय उचका कर किशोर धावले अपनी गांड में मोटा लौड़ा लेने की तमन्ना करने लगा .

पीछे मंत्रीजी को बुर चाटने में मज़ा आ रहा था . उन्होंने चूत की दोनो फांको को अपनी उँगलियों से फैला कर पुरा चीडोर दिया और जीभ को नुकीला कर के गुलाबी छेद में डाल कर घुमाने लगे . योनी एकदम पसीज कर पानी छोड रही थी. नुकीली जीभ को चुत के गुलाबी छेद में डाल कर घुमाते हुए चुत की दिवारों से रिस रहे पानी को मंत्रीजी लपड़-लपड़ चाटने और पीने लगे .

किशोर उचक कर सीट के सहारे अपने चुतडों को उभार कर घोड़ी बना हुआ था . ड्राइवर पिछे आया और जल्दी से उसने किशोर की कमीज़ उठा कर कमर के ऊपर कर दी . रेशमी लाल कच्छी पहले ही नीचे खिसकी हुई थी . किशोर की मख्खन मलाई सी, चमचमाती गोरी गांड ड्राइवर की आंखो के सामने आ गई . लुभावने चूतड़ों से झांकता छेद ड्राइवर की काम वासना बढ़ा रहा था . दोनो चूतड़ के बीच में गांड का भुरे रंग का छेद फकफका रहा था, एकदम छोटा-सा गोल छेद . चालक ने हल्के-से अपने हाथ को उस छेद पर रख दिया और हल्के-हल्के उसे सहलाने लगा . किशोर कराहने लगा .

"क्या कर रहे हो ड्राइवर जी ? जल्दी से करिए न ." किशोर अपने चूतड़ों को हिलाते हुए बोला .

चूतड़ हिलाने पर थल-थला गये . एकदम गुदाज और मांसल गांड और उसके बीच की खाई देख कामांध ड्राइवर का लण्ड फुंकार उठा . कामोत्तेजित ड्राइवर तेजी से नीचे झुका, और पच-पच करते हुए किशोर के चूतड़ों को चुमने लगा . दोनो मांसल चूतड़ों को अपनी मुठ्ठी में ले कर मसलते हुए, चुमते हुए, चाटने लगा . किशोर का बदन भी सिहर उठा . बिना कुछ बोले उसमे अपनी टांगे और फैला दी . फिर ड्राइवर ने दोनो चूतड़ों को फैला दिया और उसके बीच की खाई में भुरे रंग की किशोर का गोल सीकुड़ा हुआ गांड का छेद नज़र आने लगा . छेद पर जैसे ही ड्राइवर ने हल्के से अपनी जीभ चलायी किशोर के पैर काँप उठे . उसने कभी सोचा भी नही था की यह जंगली आदमी ऐसे समलिंगी प्यार करेगा .

ड्राइवर ने देखा की किशोर के चूतड़ों के बीच जीभ फिराने से गांड का छेद अपने आप हल्के-हल्के फैलने और सिकुड़ने लगा . किशोर के पैर हल्के-हल्के थर-थरा रहे थे .

"सुनीता जी, आपके पति की नर-योनी बड़ी सुहानी है . मुझे अपने नाग के लिए गरम-गरम बिल चाहिए अब चाहें वो नर का हो या नारी का हो !" चालक ने इस बार जीभ को पुरी खाई में उपर से नीचे तक चलाया . जिह्वा को नितम्ब के सिकुड़े हुए छेद के पास ला कर रोक दिया और कुरेदने लगा . नग्न सुनीता ने पेटीकोट को मंत्रीजी की खोपड़ी के ऊपर दाल दिया था . मंत्रीजी सुन्दर छिनाल के पेटीकोट के अन्दर जननांग को अपनी राल से रंगलेप कर रहे थे .

किशोर के पुरे बदन में सनसनी दौड़ गई . उसने कभी सपने में भी नही सोचा था की हाइवे के किनारे गाड़ी में बैठे-बीठाये उसकी गांड चाटने वाला प्रेमी मिल जायेगा . मारे उत्तेजना के उसके मुँह से आवाज़ नहीं निकल रही थी . गु-गु स्वर निकालते हुए अपने हाथ को पिछे ले जा कर किशोर अपने चूतड़ों को खींच कर फैलाने लगा . ड्राइवर समझ गया था की किशोर को आनंद आ रहा है . उसने गांड के छेद के ठीक पास में दोनो तरफ अपने दोनो अंगूठे लगाये और छेद को चौड़ा कर ज़बान मलाशय के अन्दर पेल दी . चालक गुदा-द्वार में जिह्वा चलाते हुए किशोर के नितम्बों पर हल्के-हल्के दांत भी गड़ा रहा था . गांड की गुदगुदी ने किशोर को एकदम बेहाल कर दिया था उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी .

किशोर की नर-योनी में आग लगी हुइ थी, उसने एक हाथ पीछे करके चालक के लौड़े को पकडा और अपने लुभावने गुलाबी छेद पर रगड़ने लगा . ड्राइवर के थूक से गीली नर-योनी ने सटाक से के पहाड़ी-आलू जैसे सुपाड़े को निगल लिया .

"आह... ड्राइवर जी , हाँ ऐसे ही, आह... " किशोर सातवें आसमान में था .

चालक ने खचाक से एक जोरदार धक्का मारा . किशोर की उठी हुई गीली नर-योनी ने झट से पुरे डंडे को निगल लिया . पुरा लण्ड अपने मलाशय में लेकर किशोर ने मीठे दर्द के कारण अपनी आँखें बंद कर लीं . ड्राइवर ने किशोर की कमर पकड़ कर उसके चूतड़ उठाए और उसकी नाज़ुक संकोचक-पेशी को भंग करते हुए दो-तीन और धक्के लगा दिये . किशोर कराहने लगा तो सुनीता ने उसे एक और ज़ोरदार तमाचा मारा .

"चिल्लाइये मत, चुपचाप स्वीकार कीजिये . आपकी इतने समय से समलिंगकामुक इच्छाएं थीं अब ड्राइवर जी गुदा-सहवास कर रहे हैं तो आप कृतज्ञ हो कर अपना आभार प्रकट कीजिये ." सुनीता पति को फटकारने लगी .

"क्षमा चाहता हूँ ड्राइवर जी, कृपया निर्दयी हो कर अपने भाले से हमला कीजिये . मैं आपका गुलाम हूँ, मुझे नववधू के समान लूटिये . मेरा थरथराता छेद आपकी संपत्ति है, इसे कृपया अपना पानी देकर सींचिये ." गांड मरवाता किशोर कामुक वार्तालाप करने लगा .

ड्राइवर की समझ में नहीं आ रहा था की गांड मारने में इतना हर्ष मिलता है . उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके लौड़ा गरम भठ्ठी में मंत्रमुग्ध है . किशोर धावले पूरा सहयोग देता हुआ पीछे उचक-उचक कर गांड मरवा रहा था . नर-योनी के रस से चमचमाता हुआ लिंग चालक ने बाहर निकाला फिर तेज़ी से किशोर की लाल सुरंग में वापस पेल दिया . ड्राइवर खचाक-खचाक धक्के लगाने लगा . पखाना-निर्गम नली में शिश्न ऐसे उपयुक्त था जैसे ओखली में मूसल . किशोर की नर-योनी चुद चुद कर खिल गई थी . मोटे लण्ड को खा कर अनचुदी नर-योनी बौरा कर पुष्पित हो गई थी . कठोर लौड़ा मलाशय की दीवारों से एकदम चिपक कर रगड़ता हुआ पूरा अन्दर तक घुस जाता था और फिर उसी तरह से गुदा की दीवारों का घर्षण करते हुए सुपाड़े तक सटाक से निकल कर फिर से घुसने के लिये तैयार हो जाता था . किशोर की मेहमान-नवाज़ प्रताड़ित नर-योनी में चालक का काला नाग अब सटा-सट अन्दर बाहर हो रहा था .
गाड़ी की पिछली सीट पर बैठी सुनीता बगल में विराजमान मंत्रीजी के खड़े हुए लौड़े को हिला रही थी . मंत्रीजी कुलटा औरत की गीली बुर में उंगल कर रहे थे . सुनीता के पति को चुदते देख मंत्रीजी उत्तेजित हो रहे थे . सुनीता भी समलैंगिक ठुकाई देख अति प्रसन्न थी . गुदा बजवाते किशोर ने अपनी हथेली पर ढेर सारा थूक निकाला और हाथ तान कर मंत्रीजी के लाल सुपाड़े पर धीरे-धीरे अपनी राल का लेप करने लगा . लौड़े के तने को तो सुनीता हस्तमैथुन कर रही थी और अब सुपाड़े पर किशोर अपनी लार का मक्खन सजा रहा था . मंत्रीजी और किशोर एक दुसरे से नज़र मिलाकर मुस्कुराने लगे .

फिर किशोर ने गरदन मोड़ कर अपने आशिक़ को देखने की कोशिश की परन्तु धक्कों की रफ़्तार इतनी तेज़ और झटकेदार थी की उसका सर फिर गिर गया . किशोर के मूंह से ऊँचे स्वर में सिस्कारियां निकल रहीं थीं और वह अपने कूल्हे उठा-उठा कर सशक्त स्तम्भ निगल रहा था . लण्ड सीधा उसकी जलती हुई नर-योनी पर ठोकर मार रहा था और किशोर बार-बार सुखद चीखें निकाल रहा था . किशोर की समलैंगिक अभिलाषा सम्पूर्ण हो रही थी . आज उसको बहुत दिनों के बाद ऐसा अनोखा मज़ा आ रहा था . ड्राइवर और किशोर धावले, दोनों कुत्ते -कुत्तिया की तरंह हांफ रहे थे और हिलती हुई गाड़ी में गच-गच, फच-फच की आवाजें गूँज रही थीं .

"तुम अब पीछे आ जाओ . तुम्हारी यौन-क्रिया देख हमें किशोर के पिछवाड़े में इंजेक्शन लगाने की चाह हो रही है ." मंत्रीजी ने गांड मारते हुए चालक को आदेश दिया . ड्राइवर गाड़ी से बाहर निकल कर पीछे की सीट पर आ गया और मंत्रीजी अधनंगे ही आगे की सीट पर चले गए .

कुत्ता बना हुआ किशोर मस्त हो कर गांड हवा में लहरा रहा था . मंत्रीजी ने मोर्चा संभाला और किशोर की खुली हुई पखाना-निर्गम सुरंग में अपना लिंग पेल दिया . अकस्मात प्रहार से किशोर चिल्लाया और अपनी तंग गुदा-संवरणी को शिश्न पर व्यवस्थित करने लगा . थोड़ी ही देर में नर-योनी की लचीली अवरोधिनी ने शिथिल हो कर अपना मुंह खोल दिया और मंत्रीजी का उत्तेजित लण्ड सुगमता से हज़म करने लगी .

"आह... ऐसे ही धक्के मारिये मंत्रीजी, आह... आह... बहुत आनंद आ रहा है आपका लिंग निगल कर . मैं आपकी दुल्हन हूँ मुझे अपवित्र कीजिये . आह... आह... " किशोर चुदासा हो कर मंत्रीजी को प्रेरित कर रहा था .

"लो किशोर, पूरा लो, वाकई तुम्हारी प्रचण्ड सुरंग कसी हुई है . तुम्हारी खुजली मिटाते हुए हमारे साथी की जकड़ कर मालिश हो रही है ." मंत्रीजी गांड मारने का लुत्फ़ उठा रहे थे .

पीछे की सीट पर सुनीता पेटीकोट चढ़ा कर नंगी लेट गई और अपनी दोनो टांगो को घुटनो के पास से मोड कर फैला दीया. ड्राइवर अपना खम्बा हाथ में लेकर जल्दी से सुनीता की दोनो जांघो के बीच में आया और योनी पर लगा कर हल्का सा झटका दिया. लण्ड का सुपाड़ा रंडी की भोसड़ी में घुस गया. काला सुपाड़ा घुसते ही सुनीता ने अपनी गांड उचका दी, मोटा पहाड़ी आलू जैसा सुपाड़ा पुरा घुस गया. विवाहिता औरत की फुद्दी एकदम गरम भठ्ठी की तरह थी. चूत की गरमी को पाकर ड्राइवर का लौड़ा फनफना गया. पानी छोड रही बुर में लिंग कच से फिसलता चला गया . कुंवारी लौंडिया होती तो शायद रुकता, मगर यह तो बाज़ारू राण्ड की सैंकड़ों बार चुदी हुई चूत थी . काला नाग योनी में सुनीता को महसूस हो रहा था जैसे मोटा लोहे का डन्डा गरम करके डाल दिया हो . लण्ड गीली योनी के आखिरी कोने तक पहुँच कर ठोकर मार रहा था.

“हाये... ड्राइवर जी आपका केला बहुत मज़ेदार है . देखिये मेरी योनी कितना पानी छोड़ रही है . हाये.. हाये... ” सुनीता बुर चुदवाने में मस्त थी, उसकी गोश्तदार जंघाएँ और सुन्दर चूतड़ मैथुन को सुहावना बना रहे थे . चुदाई से पूरी गाड़ी हिल रही थी .

ड्राइवर का लण्ड बुर को कुचल रहा था . अन्दर घुसते समय चूत के दुप-दुपाते छेद को पुरा चौड़ा कर देता था और फिर जब बाहर निकलता था तो भगोष्ठ की पत्तियां अपने आप सिकुड़ कर छेद को फिर से छोटा बना देती . बडे होठों वाली वेश्या की गुदाज चूत गद्देदार और तंग थी . योनी के होठों में लौड़ा धंसाते हुए ड्राइवर तेज़ी से आक्रमण कर रहा था . सुनीता आहें भर रही थी, उसका पति किशोर भी सिस्कारियां ले रहा था .

आगे की सीट पर गुदा-सम्भोग करते हुए मंत्रीजी किशोर के लुल्ले को अपना हाथ बढ़ा कर नीचे से सहला रहे थे . गांड मरवाते हुए किशोर का लुल्ला मंत्रीजी की मुट्ठी में तन गया था . मलाशय के भीतर चोट मारते हुए मंत्रीजी का अंडकोष किशोर के लटके हुए टट्टे पर तमाचा मार रहा था, किशोर की लुल्ली धक्कों से हर तरफ हिल रही थी . मंत्रीजी अपना सख्त शिश्न चटाके की आवाज़ के साथ बाहर खींचते तो किशोर का गरम लाल मलाशय नज़र आता और तुरंत उसकी भूरी संकोचक-पेशी वापस सिकुड़ जाती . फिर वो लचकदार संवरणी पर थूकते और राल से गीला कर पुनः अपना प्रबल लौड़ा नर-योनी के अन्दर भोंक देते . किशोर हर धावे पर हर्ष से चीखता . जब कुत्ते बने किशोर की गुदा में लण्ड पूरा अन्दर बैठा होता तो मंत्रीजी उसका लटकता लुल्ला कस कर दबाते और किशोर के बदन में सिहरन दौड़ जाती . कुछ ही पलों में पिछवाड़े में लण्ड निगलता किशोर कंपकंपा कर मंत्रीजी की हथेली में स्खलित हो गया. मंत्रीजी ने किशोर की लुल्ली निचोड़ कर खाली कर दी और अपनी हथेली पर चिपके गांडू के पानी को सूंघने लगे. थोड़ा वीर्ये उन्होंने चाट भी लिया . फिट मंत्रीजी झटके मारने लगे और उनके ठोस लिंग ने किशोर की चुस्त नर-योनी में उलटी कर दी. जब मंत्रीजी ने अपना लौड़ा सूजी हुई लाल गुदा से बाहर निकाला तो उनका चिपचिपा वीर्ये किशोर के टट्टे और जाँघों पर बहने लगा .

सुनीता नीचे से गांड उछालती, चालक के चूतड़ को दोनो हाथों से पकड़ कर अपनी चूत के उपर दबाती और गपा-गप लौड़ा खाती . किशोर की चुदाई की ध्वनी के साथ गाड़ी में सुनीता की चूत के पानी में फच-फच करते हुए लौड़े के अन्दर-बाहर होने की आवाज़ भी गूँज रही थी . नीचे से धक्का मारती और उपर से ड्राइवर का धका-धक काला लण्ड खाती विवाहिता स्त्री अब चरम-सीमा पर पहुँच चुकी थी . गांड उछालती हुइ अपनी टांगो को चालक की कमर पर कस कर सुनीता चिल्लाने लगी . उसने ड्राइवर को अपनी बाहों में कस लिया और उसकी चूत ने पानी फेंकना शुरु कर दीया . ड्राइवर के लौड़े से भी तेज़ फव्वारे के साथ पानी निकलना शुरु हो गया . चालक के होंठ सुनीता के होठों से चिपके हुए थे, दोनो के बदन अकड़ गए थे. दोनों ने कामोन्माद प्राप्त किया और गाड़ी की सीट पर वीर्ये के निशान छोड़ दिए .




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