FUN-MAZA-MASTI
बदनाम रिश्ते--
रीमा एक मुंह बोली माँ --22
मैं खुद भी अब रीमा की गाँड मे जीभ डाल कर उसकी गाँड मारना चाहाता था मेरा हाथ भी अब मेरे लंड पर जोर जोर से चल रहा था। रीमा के जोर से चूतड चलाने के कारण कभी कभी तो मेरी नाक रीमा की चूत मैं भी घुस जाती थी रीमा को भी यह बहुत अच्छा लग रहा था उसकी अपनी चूत और गाँड दोनो मराने को मिल रहे थे एक ही साथ। जो उसको और भी उत्तेजित कर रहा था और अब वह अपने चूत के दाने को खुद ही अपने ऊंगली से सहला रही थी। जो मुझे बहुत भा रहा था। थोडी देर बाद रीमा बोली अब बेटा तू अपनी जीभ कडी कर ले अब मैं अपनी गाँड तेरे जीभ पर रख कर तेरी जीभ से मरवाऊंगी। तेरी जीभ लेना का मन है अब तेरी माँ का अपनी गाँड में अब बेटा देख देर न कर और जल्दी से कडी कर ले अपनी जीभ और घुसेड दे अपनी माँ की गाँड मे फिर मैं खुद तेरी जीभ पर उछल उछ्ल कर अपनी गाँड मारूंगी कर न बेटा कडी अपनी जीभ क्यों अभी भी चाटे जा रहा है और मत तडपा बेटा बहुत हो गया मेरे लाल।
ठीक है माँ कर लेता हूँ मैं अपनी जीभ कडी कह कर मैंने एक और बार उसकी गाँड अपनी जीभ से चाटी और अपनी जीभ की नोक कडी करके बाहर निकाली और रीमा के गाँड के छेद पर रख दी। रीमा ने अपने चूतड को थोडा इधर उधर करके ठीक से गाँड को मेरी जीभ की नोक पर जमाया और अपने चूतड मेरी जीभ पर दबाने लगी। मेरी जीभ कडी थी दूसरा रीमा ने अपने एक हाथ से अपने चूतड और चौडे करके अपनी गाँड का छेद और भी खोल दिया था जिससे मेरी जीभ आसानी से रीमा की गाँड मे घुस सके। रीमा के प्रयास से धीरे धीरे मेरी जीभ रीमा की गाँड मे घुसने लगी और रीमा की गाँड की गर्मी मुझे अपनी जीभ पर महसूस होने लगी। जैसे जैसे जीभ रीमा की गाँड मे घुस रही थी रीमा मस्ती में गर्म हो रही थी और आँखे बंद करके करहाते हुये उसका आंनद उठा रही थी। धीरे धीरे रीमा ने करीब २ इंच जीभ अपनी गाँड मे घुसा ली। जीभ गाँड मे घुसाने के बाद रीमा थोडी देर रुक कर इसी तरह बैठी रही फिर उसने दोनो हाथो से अपने चूतड चौडे किये और धीरे धीरे अपने चूतड हिलाने लगी जिससे मेरे जीभ उसकी गाँड के अंदर बाहर हो रही थी। और रीमा मेरी जीभ से अपनी गाँड चुदाने लगी। चूतड पूरी तरह से खुले होने के कारण मेरी जीभ आसाने से उसकी गाँड मे घुस रही थी। मैंने अभी भी अपनी जीभ कडी ही कर रखी थी और रीमा खुद ही अपने चूतड हिला कर अपनी गाँड मराने का मजा ले रही थी।
थोडी देर तक अपनी जीभ इस तरह कडी रखने के कारण मेरी जीभ में थोड दर्द होने लगा था और अब रीमा भी अपने चूतड ज्यादा नीचे दबा रही थी ताकि ज्यादा से ज्यादा जीभ गाँड मे ले सके। अब रीमा के चूतड की रफतार बढ गयी थी और वह जोर जोर से चूतड हिला रही थी। मेरी जीभ उसकी गाँड गपागप निगल रही थी। रीमा मेरी जीभ से ही अपनी गाँड की खुजली मिटाने में जुटी हुयी थी। जब काफी देर तक रीमा की गाँड जीभ से चोदने हुये मेरी जीभ थक गयी तो मैंने अपना सर थोडा उपर उठा कर अपनी जीभ रीमा की गाँड से निकाल ली और रीमा की गाँड का एक चुम्बन लिया और बोला माँ अब तुम रुक जाओ मैं तुम्हारे चूतड खोल कर तुम्हारी गाँड जीभ से चोदता हूँ। हाय रे जालीम ये क्या किया तूने अपनी जीभ निकाल ली मेरी गाँड से बडा मजा आ रहा था मेरी गाँड को मस्त खुजली मिटा रही थी तेरी जीभ मेरी गाँड की। मेरी गाँड की हालत खराब है और तू मेरे साथ खेल खेल रहा है माँ के लौडे मादर चोद नही माँ मेरी जीभ थक गयी थी और उसमे दर्द भी हो रहा था इसलिये मैंने सोचा की अब मैं तुम्को और जीभ को थोडा आराम दे दूँ अब मैं खुद तुम्हारे चूतड चौडे करके तुम्हारी गाँड खोल कर तुम्हारी गाँड चाटूंगा और तुम सिर्फ मेरे मुँह पर बैठ कर अपनी गाँड को चटवाने का मजा लेना।
तो कर न मादरचोद ज्यादा बड बड मत कर चाट मेरी गाँड अब सहा नंही जाता तेरी माँ से माँ बहुत बैचेन है तेरी जीभ का प्यार पाने के लिये। मैंने फिर से एक चुम्बन रीमा के मतवाली गाँड पर रख दिया और खुद अपने हाथो से खीच कर उसके चूतड एक दम चौडे कर दिये जिस्से रीमा की गाँड के छेद एक दम खुल गया और उसके अंदर का लाल हिस्सा भी नजर आने लगा। रीमा की खुली गाँड मुझे बहुत ही सुंदर लग रही थी मैंने उसकी गाँड छिद्र के चारो और चुम्बनो के बौछार कर दी। मन भर कर चुम्बन लेने के बाद मैंने रीमा की गाँड के छिद्र मैं अपनी जीभ लगायी और जीभ को गाँड पर गोल गोल घुमाने लगा। रीमा मस्ती मैं करहाते हुये अपने चूतड स्थिर करके बैठी थी। मैने रीमा की गाँड मे अपनी जीभ से थूक भरना शुरु कर दिया जिससे रीमा की गाँड का रस्ता थोडा गीला हो जाये और मैं आसाने से रीमा की गाँड जीभ से मार संकू। फिर मैंन अपनी जीभ रीमा की गाँड मे घुसेडी और गाँड के अंदर घुमा कर गाँड की गर्मी का ज्याजा लेने लगा। रीमा भी मस्ती में भर गयी और उसके मुंह से करहाने की आवाजा आने लगी। रीमा अपने हाथ चूत पर रख कर खुद ही अपनी चूत को सहलाने लगी थी।
मैंने थोडी देर उसकी गाँड मे जीभ घुमाने के बाद उसकी खुली हुयी गाँड को जीभ से चोदना शुरु कर दिया अपनी जीभ अंदर ले जाता और फिर बाहर निकाल लेता। मैं अपना सर हिला कर रीमा की मस्तानी गाँड चोद रहा था। रीमा मस्ती मे पगला कर बडबडा रही थी। ओह मेरे गाँडू बेटे गाँड के मतवाले अपनी छिनाल रंडी माँ की गाँड को क्या चाट रहा है मादरचोद ऐसे ही मार अपनी रंडी माँ की गंदी गाँड माँ के भडवे साले चोद रे क्या मजा दे रहा है मेरी चूत तो मस्ता गयी तेरी हरकतो से साली इसका पानी तो रुक ही नंही रहा पता नंही क्या खजाना लुटा रही है तेरे लंड की माँ तेरे हरकतो पर मेरे चूतडो के दुलारे बेटे। माँ खुद अपने चूत के दाने को कुरेदते हुये मस्ती मैं मजा ले रही थी। और खूब खुश थी। मेरी जीभ भी गाँड गीली होने के वजह से आराम से गाँड में फिसल रही थी। उसके मोटे खुले चूतडो के नजारा ही मुझे उसकी गाँड चोदने को मजबूर कर रहा था। और वह भी अपनी गालियो से मुझे उत्तेजित कर रही थी। और उसकी गाँड भी मेरी जीभ को गपागप लील रही थी। रीमा की अतृत बदन को मजा देने में मुझे जो आंनद की प्राप्ति हो रही थी वह तो श्याद मुझे उसको चोद कर भी प्राप्त नंही हुयी थी।
चोद मेरी गाँड बहन चोद मार मेरे गाँड मजा आ गया मेरे लाडले क्या मार रहा है ओह गीली कर दे सारी एक दम गीली कर दे मेरी गाँड अपनी जीभ से चोद चोद कर साले क्या पता तेरी ये कुतिया माँ तेरे इस प्यार से प्रंसन्न हो कर अपनी गाँड मारने दे तेरे को बडी ही किमती है मेरी गाँड सस्ते में नंही मिलती तेरे को फ्री मे मिलगी अगर माँ को अच्छे से मजा देगा गाँडू मार और मार। माँ की उत्तेजना बढती ही जा रही थी और मेरी चुदायी साले बडा मजा दे रहा है तू मेरी खुजली अच्छी मिटा रहा है ऐसे ही चोदता रह मेरे चूतड खोल कर मेरी गाँड साले खुजली मिटा मेरी। फिर मेरे लिये रीमा के चूतड पकड कर रखना मुशकिल हो गया क्योकी रीमा उन्को मेरे लंड पर घुमा कर खुद ही अपनी गाँड मारना चाहाती थी। पर मैंने उसके चूतड नंही छोडे और उसकी गाँड मारता रहा। मैं करीभ ५-७ मिनट तक रीमा की गाँड मारता रहा और रीमा गाली बकती हुये मुझसे गाँड मराती रही। फिर मैंने अपनी जीभ रीमा की गाँड से निकाली और उसकी गाँड को जबरदस्त चूमना शुरु कर दिया थोडी देर चूम कर मैंने रीमा से कहा माँ अब बहुत देरे तुम्हारी गाँड मार ली अब मुझे अपनी छाती और पेट जमे पसीने को भी तो पीने तो। मैं ऐसे तुम्हारी गाँड मार मार कर थक गया हूँ अब मुझे तुम्हारे पसीने का प्रसाद चाहिये ताकि मुझमे फिर से ताकत आ सके पसीनी पीने के बाद मैं तुम्हारी चूत चाट कर झडा दूंगा माँ।
तू भी साला गाँडू कंही का जब देखो मेरे मजे को किरकिरा करता रहाता है बडा आंनद ले रही थी मैं तेरे जीभ का साले पर फिर तू रुक गया तुझे अपनी रंडी माँ से प्यार नंही है कहाँ तो चूतड गाँड कहता रहता था और अब थोडी देर मे थक गया। नंही माँ मुझे तो तुम्हारा एक एक अंग पंसद है अगर तुम कहो तो मैं अभी भी तुम्हारी गाँड चाटाता रहूंगा जब तक तुम मना न करो पर मेरा अब तुम्हारे मस्ताने मोटे बदन पर लगी इन चूचीयो पर जमे पसीने को चाटने का मन कर रहा है मैं इसलिये आपका ये गुलाम आपसे विनती कर रहा है मुझे अपने पसीने का प्रसाद दो माँ। माँ के भडवे साले पसीना पियेगा मेरा चल तू भी क्या याद करेगा पीला देती हूँ तुझको अपने बदन का पसीना। वैसे भी मेहनत करके काफी पसीना जमा हो गया है मेरी छातियो और पेट पर और मैं अपने इस अमृत से भी किमती पसीने को बर्बाद होने नंही दे सकती गाँड का क्या है पसीना पीने के बाद फिर से तेरे मुँह पर चढ कर बैठ जाऊगी और तब तक नंही उठूंगी जब तक की तू मेरी गाँड चाट चाट कर पूरी तरह से तृप्त नंही कर देता समझा रंडी की औलाद। मैंने अभी भी रीमा की जाँघ पेट और चूचीयो के पसीने का सेवन नंही किया था। मैंने एक आखरी बार रीमा की गाँड का चुम्बन लिया और रीमा उठ कर खडी हो गयी और उठ कर सोफे पर बैठ गयी। रीमा ने अपना सरे सोफे पर टिका लिया।
रीमा का आगे का पूरा हिस्सा पसीने से सराबोर था बदन के एक एक हिस्से पर पसीने की बूंदे जमा था यंहा तक की उसके चेहरे पर भी बहुत पसीना था। जिसे देख कर पहले चेहरे का पसीना साफ करने की मैंने सोची। मैं रीमा के चेहरे पास सोफे के पीछे आ गया। यंहा क्या कर रहा है रे भडवे तेरे को तो मेरा बदन चाटना था। माँ पहले मैं तुम्हारे चेहरे पर जमे पसीने को चाटूंगा देखो पसीने की कितनी बूंदे जमा है तुम्हारे चेहरे पर फिर मैं तुम्हरे बदन को चाटूंगा। अच्छा चेहरा भी चाटेगा तो ले चाट ले मैं आँख बंद करके मजा लेती हूँ कह कर रीमा आँखे बंद करके लेट गयी। मैंने एक पल रीमा के चेहरे को निहारा फिर मैंने रीमा के माथे पर जमी पसीने की बूंदो को चूम कर पीना शुरु कर दिया रीमा के पूरे माथे को चूम और एक एक पसीने की बूद को पिया फिर मैंने रीमा की बंद आँखो को चूमा जिसे चूमने से रीमा के मुँह से एक आह निकल गयी। दोनो आँखो को मैंने बहुत ही प्यार भरे भाव से चूमा जैसे एक प्रेमी के मन मे अपनी प्रेमिका के लिये होते है। रीमा मेरी माँ भी थी और मेरी प्रेमिका भी। रीमा की आँखे चूमने के बाद मैंने रीमा की गालो को चूमना शुरु कर दिया गाल पर लगे पसीने के एक एक मोती को मैंने पीया फिर रीमा की ठूठी को भी चूमा। अब रीमा के सिर्फ कान और होंठ बचे थे।
फिर मैंने सोफे की पीछे जाकर रीमा के होंठो पर अपने होंठ रख दिये। रीमा के वासना से तपते होंठो पर होंठ रखते ही मेरा लंड विचलित हो चला। अभी कुछ देरे पहले इंही होंठो ने मेरे लंड को चूमा था और अपने अंदर समा लिया था। मेरे लंड को चूस कर मुझे जंन्नत का मजा दिया था। होंठो पर होंठ रख कर पहले तो मैंने एक दो बार उसे चूमा फिर उसके उपरी होंठ को अपने होंठो के मे लेकर जबर्दस्त चूसने लगा। रीमा ने भी खुद अपनी मोटी बाहो को बढा कर मेरे सिर को पकड लिया और वह खुद भी मेरे होठो को चूस रही थी। उसके रसीले होंठो के चूसने से मेरे लंड मे जबरदस्त हरकत हो रही थी और मैं जोर जोर से उसके होंठो का रस पी रहा था। रीमा भी पूर्ण रूप से मस्त होकर अपने होंठ चुसा रही थी। वह गर्म तो थी ही इससे और भी गर्म हो गयी और अपनी चूत को अपनी उंगली से रगडने लगी उसकी उंगली जोर जोर से उसकी चूत के दाने पर चल रही थी। होंठ चूसते हुये वह अपने मुँह मे थूक भरकर अपने होंठो के तरफ कर देती और मैं उसके थूक को उसके होंठो पर लगा कर चूसता और फिर पी जाता। रीमा का थूक पीना मुझे और मेरे लंड को बहुत भा रहा था। अब तो लंड के दर्द में मुझे मजा आ रहा था। हम दोनो थोडी देर एक दूसरे के होंठो को चूसते रहे और रीमा मुझे अपना थूक पीलाती रही। फिर मैंने एक आखरी चुम्बन लेकर रीमा के होंठ छोड दिये और बोला माँ आपके थूक में तो कुछ जादू है देखो मेरा लंड तो और भी मोटा हो गया।
बेटे माँ के थूक मे ही नंही माँ की हर चीज मे मस्ती है तू एक बार चख कर तो देख मैं रीमा का इशारा समझ गया था जरुर चखूंगा तुम्हारे वापस जाने से पहले जरूर चखूंगा। अभी तो पसीना चखना है। मैं भी तुझे बडे प्यार से चखाऊंगी अपनी हर एक चीज। मैंने अपनी जीभ निकाली और रीमा का चेहरा चाटने लगा। रीमा के माथे गाल ठोठी सब कुछ चाट कर मैंने थूक से गीला कर दिया और फिर रीमा के कानो मैं अपनी जीभ घुसेड कर उसके कान चाटने लगा। कान चाटने के बाद मैंने रीमा की गर्दन पर से भी पसीना पी लिया। रीमा का पूरा चेहरा और गर्दन मेरे थूक मे नहा गये थे। फिर मैंने रीमा के होंठो के एक आखरी चुम्बन लेकर रीमा के सामने आ गया। रीमा बोली चल गाँडू अब मेरे पेट को चाट फिर मेरी ये मतवाली चूचीयो का सेवन करने को तुझको मिलेगा। रीमा अपनी टाँगे खोल कर चूत दिखाती हुये सोफे पर पसर कर बैठी थी। मैं रीमा की टाँगो के बीच आकर बैठ गया और रीमा का मोटा माँस से भरा पसीने के रस से भरपूर पेट मेरे सामने था। जो कि पूरा पसीने से लथपथ था। मैंने अपना चेहराआगे बढाया और माँ के चूचीयो के नीचे के हिस्से पर जमी पसीने की बूंदो को चूम कर पीने लगा रीमा मुझे अपने बदन को चूमते हुये देख रही थी। उसकी आँखो मे वासना और प्यार दोनो दिखायी दे रहा था। इसमे कोई शक नंही था कि कुछ ही घंटो में हम दोनो एक दूसरे को बहुत पंसद करने लगे थे। और एक दूसरे को मजा देने के लिये कुछ भी कर सकते थे। मैंने पहले प्यार से रीमा के पेट और उसकी नाभी के आस पास जमी सारी पसीने की बूंदो को पिया।
रीमा ने अपने हाथो की उंगलियाँ मेरे बालो मे चलानी शुरु कर दी वह इस बात का इजहार कर रही थी की पेट चुमवाना रीमा को कितना अच्छा लग रहा था। पेट के एक एक पसीने की बूद पीने के बाद मैंने अपनी जीभ निकाल कर रीमा का पेट चाटाना शुरु कर दिया औरत का बदन चाटाना मेरा सपना था और आज वह सपना पूरा हो रहा था और रीमा के का थूल थूल पेट मेरे को बहुत ही उत्तेजित कर रहा था और मैं अपने पूरे मन के साथ रीमा का पेट चाटने मे जुटा हुया था। अच्छे रीमा के पेट को चाट कर मैंन रीमा की नाभी कि और रुख किया जिसे मैंने अभी तक छुया भी नंही था। पहले रीमा की नाभी पर कुछ चुम्बन लिये रीमा ने मेरे चेहरे को अपनी नाभे पर हल्के से दबा कर अपने मजे का इजहार किया और उसके मुँह से हल्की से करहा भी निकल रही थी। अच्छे से नाभे चूमने के बाद मैंने अपनी जीभ निकाली और उसकी नोक रीमा की गहरी नाभी के चारो और गोल गोल घुमाने लगा। रीमा एक दम मस्ती मैं मचल उठी और जोर जोर से आह ओह्ह की आवाज निकालने लगी जैसे रंडीयाँ निकालती है अपने ग्राहक को उत्तेजित करने और अपनी मस्ती का इजहार करने के लिये। और फिर मैं कभी नाभी चूमता तो कभी जीभ की नोक चारो और घुमाता।
रीमा मेरे हरकतो से बहुत ही उत्तेजित हो रही थी वह पहले से ही अपनी गर्म गाँड चटावा कर गर्म हो चुकी थी पर मेरी जीभ ने तो उसकी चूत की हालत ही खराब कर दी थी। मैंने अपनी जीभ के नोक रीमा की नाभी में घुसेडी और उसकी गहरी नाभि को अपनी जीभ से चातने लग. मैन उसकी नाभी मे अप्नी जीभ घुसता और उस्की नाभी की चूसता रीमा के मुँह से करहाने के आवाज बराबर आ रही थी इसका मतलब यही था कि उसे बहुत ही मजा आ रहा था अपनी नाभी चुम्वाने में। मैं कभी रीमा की नाभी मे जीभ घुसेडता तो कभी अपनी जीभ रीमा की नाभी के चारो और आ रहा था रीमा प्यार से मेरे बालो को सहला रही थी। हाय रे मेरे लाल चाट ले मेरी नाभी मेरे प्यारे मेरे दलाल ऐसे ही जीभ घुसेड घुसेड कर पी मेरा पसीना मेरी नाभी में से पी जा सारा रस मेरे बदन का अपनी माँ के बदन के प्यासे गाँडू साले खेल मेरी नाभी चूस प्यार से चूस ऐसे ही मेरी नाभी। रीमा मुझे बार बार उत्तेजित कर रही थी अपनी नाभी को चूसने के लिये।
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बदनाम रिश्ते--
रीमा एक मुंह बोली माँ --22
मैं खुद भी अब रीमा की गाँड मे जीभ डाल कर उसकी गाँड मारना चाहाता था मेरा हाथ भी अब मेरे लंड पर जोर जोर से चल रहा था। रीमा के जोर से चूतड चलाने के कारण कभी कभी तो मेरी नाक रीमा की चूत मैं भी घुस जाती थी रीमा को भी यह बहुत अच्छा लग रहा था उसकी अपनी चूत और गाँड दोनो मराने को मिल रहे थे एक ही साथ। जो उसको और भी उत्तेजित कर रहा था और अब वह अपने चूत के दाने को खुद ही अपने ऊंगली से सहला रही थी। जो मुझे बहुत भा रहा था। थोडी देर बाद रीमा बोली अब बेटा तू अपनी जीभ कडी कर ले अब मैं अपनी गाँड तेरे जीभ पर रख कर तेरी जीभ से मरवाऊंगी। तेरी जीभ लेना का मन है अब तेरी माँ का अपनी गाँड में अब बेटा देख देर न कर और जल्दी से कडी कर ले अपनी जीभ और घुसेड दे अपनी माँ की गाँड मे फिर मैं खुद तेरी जीभ पर उछल उछ्ल कर अपनी गाँड मारूंगी कर न बेटा कडी अपनी जीभ क्यों अभी भी चाटे जा रहा है और मत तडपा बेटा बहुत हो गया मेरे लाल।
ठीक है माँ कर लेता हूँ मैं अपनी जीभ कडी कह कर मैंने एक और बार उसकी गाँड अपनी जीभ से चाटी और अपनी जीभ की नोक कडी करके बाहर निकाली और रीमा के गाँड के छेद पर रख दी। रीमा ने अपने चूतड को थोडा इधर उधर करके ठीक से गाँड को मेरी जीभ की नोक पर जमाया और अपने चूतड मेरी जीभ पर दबाने लगी। मेरी जीभ कडी थी दूसरा रीमा ने अपने एक हाथ से अपने चूतड और चौडे करके अपनी गाँड का छेद और भी खोल दिया था जिससे मेरी जीभ आसानी से रीमा की गाँड मे घुस सके। रीमा के प्रयास से धीरे धीरे मेरी जीभ रीमा की गाँड मे घुसने लगी और रीमा की गाँड की गर्मी मुझे अपनी जीभ पर महसूस होने लगी। जैसे जैसे जीभ रीमा की गाँड मे घुस रही थी रीमा मस्ती में गर्म हो रही थी और आँखे बंद करके करहाते हुये उसका आंनद उठा रही थी। धीरे धीरे रीमा ने करीब २ इंच जीभ अपनी गाँड मे घुसा ली। जीभ गाँड मे घुसाने के बाद रीमा थोडी देर रुक कर इसी तरह बैठी रही फिर उसने दोनो हाथो से अपने चूतड चौडे किये और धीरे धीरे अपने चूतड हिलाने लगी जिससे मेरे जीभ उसकी गाँड के अंदर बाहर हो रही थी। और रीमा मेरी जीभ से अपनी गाँड चुदाने लगी। चूतड पूरी तरह से खुले होने के कारण मेरी जीभ आसाने से उसकी गाँड मे घुस रही थी। मैंने अभी भी अपनी जीभ कडी ही कर रखी थी और रीमा खुद ही अपने चूतड हिला कर अपनी गाँड मराने का मजा ले रही थी।
थोडी देर तक अपनी जीभ इस तरह कडी रखने के कारण मेरी जीभ में थोड दर्द होने लगा था और अब रीमा भी अपने चूतड ज्यादा नीचे दबा रही थी ताकि ज्यादा से ज्यादा जीभ गाँड मे ले सके। अब रीमा के चूतड की रफतार बढ गयी थी और वह जोर जोर से चूतड हिला रही थी। मेरी जीभ उसकी गाँड गपागप निगल रही थी। रीमा मेरी जीभ से ही अपनी गाँड की खुजली मिटाने में जुटी हुयी थी। जब काफी देर तक रीमा की गाँड जीभ से चोदने हुये मेरी जीभ थक गयी तो मैंने अपना सर थोडा उपर उठा कर अपनी जीभ रीमा की गाँड से निकाल ली और रीमा की गाँड का एक चुम्बन लिया और बोला माँ अब तुम रुक जाओ मैं तुम्हारे चूतड खोल कर तुम्हारी गाँड जीभ से चोदता हूँ। हाय रे जालीम ये क्या किया तूने अपनी जीभ निकाल ली मेरी गाँड से बडा मजा आ रहा था मेरी गाँड को मस्त खुजली मिटा रही थी तेरी जीभ मेरी गाँड की। मेरी गाँड की हालत खराब है और तू मेरे साथ खेल खेल रहा है माँ के लौडे मादर चोद नही माँ मेरी जीभ थक गयी थी और उसमे दर्द भी हो रहा था इसलिये मैंने सोचा की अब मैं तुम्को और जीभ को थोडा आराम दे दूँ अब मैं खुद तुम्हारे चूतड चौडे करके तुम्हारी गाँड खोल कर तुम्हारी गाँड चाटूंगा और तुम सिर्फ मेरे मुँह पर बैठ कर अपनी गाँड को चटवाने का मजा लेना।
तो कर न मादरचोद ज्यादा बड बड मत कर चाट मेरी गाँड अब सहा नंही जाता तेरी माँ से माँ बहुत बैचेन है तेरी जीभ का प्यार पाने के लिये। मैंने फिर से एक चुम्बन रीमा के मतवाली गाँड पर रख दिया और खुद अपने हाथो से खीच कर उसके चूतड एक दम चौडे कर दिये जिस्से रीमा की गाँड के छेद एक दम खुल गया और उसके अंदर का लाल हिस्सा भी नजर आने लगा। रीमा की खुली गाँड मुझे बहुत ही सुंदर लग रही थी मैंने उसकी गाँड छिद्र के चारो और चुम्बनो के बौछार कर दी। मन भर कर चुम्बन लेने के बाद मैंने रीमा की गाँड के छिद्र मैं अपनी जीभ लगायी और जीभ को गाँड पर गोल गोल घुमाने लगा। रीमा मस्ती मैं करहाते हुये अपने चूतड स्थिर करके बैठी थी। मैने रीमा की गाँड मे अपनी जीभ से थूक भरना शुरु कर दिया जिससे रीमा की गाँड का रस्ता थोडा गीला हो जाये और मैं आसाने से रीमा की गाँड जीभ से मार संकू। फिर मैंन अपनी जीभ रीमा की गाँड मे घुसेडी और गाँड के अंदर घुमा कर गाँड की गर्मी का ज्याजा लेने लगा। रीमा भी मस्ती में भर गयी और उसके मुंह से करहाने की आवाजा आने लगी। रीमा अपने हाथ चूत पर रख कर खुद ही अपनी चूत को सहलाने लगी थी।
मैंने थोडी देर उसकी गाँड मे जीभ घुमाने के बाद उसकी खुली हुयी गाँड को जीभ से चोदना शुरु कर दिया अपनी जीभ अंदर ले जाता और फिर बाहर निकाल लेता। मैं अपना सर हिला कर रीमा की मस्तानी गाँड चोद रहा था। रीमा मस्ती मे पगला कर बडबडा रही थी। ओह मेरे गाँडू बेटे गाँड के मतवाले अपनी छिनाल रंडी माँ की गाँड को क्या चाट रहा है मादरचोद ऐसे ही मार अपनी रंडी माँ की गंदी गाँड माँ के भडवे साले चोद रे क्या मजा दे रहा है मेरी चूत तो मस्ता गयी तेरी हरकतो से साली इसका पानी तो रुक ही नंही रहा पता नंही क्या खजाना लुटा रही है तेरे लंड की माँ तेरे हरकतो पर मेरे चूतडो के दुलारे बेटे। माँ खुद अपने चूत के दाने को कुरेदते हुये मस्ती मैं मजा ले रही थी। और खूब खुश थी। मेरी जीभ भी गाँड गीली होने के वजह से आराम से गाँड में फिसल रही थी। उसके मोटे खुले चूतडो के नजारा ही मुझे उसकी गाँड चोदने को मजबूर कर रहा था। और वह भी अपनी गालियो से मुझे उत्तेजित कर रही थी। और उसकी गाँड भी मेरी जीभ को गपागप लील रही थी। रीमा की अतृत बदन को मजा देने में मुझे जो आंनद की प्राप्ति हो रही थी वह तो श्याद मुझे उसको चोद कर भी प्राप्त नंही हुयी थी।
चोद मेरी गाँड बहन चोद मार मेरे गाँड मजा आ गया मेरे लाडले क्या मार रहा है ओह गीली कर दे सारी एक दम गीली कर दे मेरी गाँड अपनी जीभ से चोद चोद कर साले क्या पता तेरी ये कुतिया माँ तेरे इस प्यार से प्रंसन्न हो कर अपनी गाँड मारने दे तेरे को बडी ही किमती है मेरी गाँड सस्ते में नंही मिलती तेरे को फ्री मे मिलगी अगर माँ को अच्छे से मजा देगा गाँडू मार और मार। माँ की उत्तेजना बढती ही जा रही थी और मेरी चुदायी साले बडा मजा दे रहा है तू मेरी खुजली अच्छी मिटा रहा है ऐसे ही चोदता रह मेरे चूतड खोल कर मेरी गाँड साले खुजली मिटा मेरी। फिर मेरे लिये रीमा के चूतड पकड कर रखना मुशकिल हो गया क्योकी रीमा उन्को मेरे लंड पर घुमा कर खुद ही अपनी गाँड मारना चाहाती थी। पर मैंने उसके चूतड नंही छोडे और उसकी गाँड मारता रहा। मैं करीभ ५-७ मिनट तक रीमा की गाँड मारता रहा और रीमा गाली बकती हुये मुझसे गाँड मराती रही। फिर मैंने अपनी जीभ रीमा की गाँड से निकाली और उसकी गाँड को जबरदस्त चूमना शुरु कर दिया थोडी देर चूम कर मैंने रीमा से कहा माँ अब बहुत देरे तुम्हारी गाँड मार ली अब मुझे अपनी छाती और पेट जमे पसीने को भी तो पीने तो। मैं ऐसे तुम्हारी गाँड मार मार कर थक गया हूँ अब मुझे तुम्हारे पसीने का प्रसाद चाहिये ताकि मुझमे फिर से ताकत आ सके पसीनी पीने के बाद मैं तुम्हारी चूत चाट कर झडा दूंगा माँ।
तू भी साला गाँडू कंही का जब देखो मेरे मजे को किरकिरा करता रहाता है बडा आंनद ले रही थी मैं तेरे जीभ का साले पर फिर तू रुक गया तुझे अपनी रंडी माँ से प्यार नंही है कहाँ तो चूतड गाँड कहता रहता था और अब थोडी देर मे थक गया। नंही माँ मुझे तो तुम्हारा एक एक अंग पंसद है अगर तुम कहो तो मैं अभी भी तुम्हारी गाँड चाटाता रहूंगा जब तक तुम मना न करो पर मेरा अब तुम्हारे मस्ताने मोटे बदन पर लगी इन चूचीयो पर जमे पसीने को चाटने का मन कर रहा है मैं इसलिये आपका ये गुलाम आपसे विनती कर रहा है मुझे अपने पसीने का प्रसाद दो माँ। माँ के भडवे साले पसीना पियेगा मेरा चल तू भी क्या याद करेगा पीला देती हूँ तुझको अपने बदन का पसीना। वैसे भी मेहनत करके काफी पसीना जमा हो गया है मेरी छातियो और पेट पर और मैं अपने इस अमृत से भी किमती पसीने को बर्बाद होने नंही दे सकती गाँड का क्या है पसीना पीने के बाद फिर से तेरे मुँह पर चढ कर बैठ जाऊगी और तब तक नंही उठूंगी जब तक की तू मेरी गाँड चाट चाट कर पूरी तरह से तृप्त नंही कर देता समझा रंडी की औलाद। मैंने अभी भी रीमा की जाँघ पेट और चूचीयो के पसीने का सेवन नंही किया था। मैंने एक आखरी बार रीमा की गाँड का चुम्बन लिया और रीमा उठ कर खडी हो गयी और उठ कर सोफे पर बैठ गयी। रीमा ने अपना सरे सोफे पर टिका लिया।
रीमा का आगे का पूरा हिस्सा पसीने से सराबोर था बदन के एक एक हिस्से पर पसीने की बूंदे जमा था यंहा तक की उसके चेहरे पर भी बहुत पसीना था। जिसे देख कर पहले चेहरे का पसीना साफ करने की मैंने सोची। मैं रीमा के चेहरे पास सोफे के पीछे आ गया। यंहा क्या कर रहा है रे भडवे तेरे को तो मेरा बदन चाटना था। माँ पहले मैं तुम्हारे चेहरे पर जमे पसीने को चाटूंगा देखो पसीने की कितनी बूंदे जमा है तुम्हारे चेहरे पर फिर मैं तुम्हरे बदन को चाटूंगा। अच्छा चेहरा भी चाटेगा तो ले चाट ले मैं आँख बंद करके मजा लेती हूँ कह कर रीमा आँखे बंद करके लेट गयी। मैंने एक पल रीमा के चेहरे को निहारा फिर मैंने रीमा के माथे पर जमी पसीने की बूंदो को चूम कर पीना शुरु कर दिया रीमा के पूरे माथे को चूम और एक एक पसीने की बूद को पिया फिर मैंने रीमा की बंद आँखो को चूमा जिसे चूमने से रीमा के मुँह से एक आह निकल गयी। दोनो आँखो को मैंने बहुत ही प्यार भरे भाव से चूमा जैसे एक प्रेमी के मन मे अपनी प्रेमिका के लिये होते है। रीमा मेरी माँ भी थी और मेरी प्रेमिका भी। रीमा की आँखे चूमने के बाद मैंने रीमा की गालो को चूमना शुरु कर दिया गाल पर लगे पसीने के एक एक मोती को मैंने पीया फिर रीमा की ठूठी को भी चूमा। अब रीमा के सिर्फ कान और होंठ बचे थे।
फिर मैंने सोफे की पीछे जाकर रीमा के होंठो पर अपने होंठ रख दिये। रीमा के वासना से तपते होंठो पर होंठ रखते ही मेरा लंड विचलित हो चला। अभी कुछ देरे पहले इंही होंठो ने मेरे लंड को चूमा था और अपने अंदर समा लिया था। मेरे लंड को चूस कर मुझे जंन्नत का मजा दिया था। होंठो पर होंठ रख कर पहले तो मैंने एक दो बार उसे चूमा फिर उसके उपरी होंठ को अपने होंठो के मे लेकर जबर्दस्त चूसने लगा। रीमा ने भी खुद अपनी मोटी बाहो को बढा कर मेरे सिर को पकड लिया और वह खुद भी मेरे होठो को चूस रही थी। उसके रसीले होंठो के चूसने से मेरे लंड मे जबरदस्त हरकत हो रही थी और मैं जोर जोर से उसके होंठो का रस पी रहा था। रीमा भी पूर्ण रूप से मस्त होकर अपने होंठ चुसा रही थी। वह गर्म तो थी ही इससे और भी गर्म हो गयी और अपनी चूत को अपनी उंगली से रगडने लगी उसकी उंगली जोर जोर से उसकी चूत के दाने पर चल रही थी। होंठ चूसते हुये वह अपने मुँह मे थूक भरकर अपने होंठो के तरफ कर देती और मैं उसके थूक को उसके होंठो पर लगा कर चूसता और फिर पी जाता। रीमा का थूक पीना मुझे और मेरे लंड को बहुत भा रहा था। अब तो लंड के दर्द में मुझे मजा आ रहा था। हम दोनो थोडी देर एक दूसरे के होंठो को चूसते रहे और रीमा मुझे अपना थूक पीलाती रही। फिर मैंने एक आखरी चुम्बन लेकर रीमा के होंठ छोड दिये और बोला माँ आपके थूक में तो कुछ जादू है देखो मेरा लंड तो और भी मोटा हो गया।
बेटे माँ के थूक मे ही नंही माँ की हर चीज मे मस्ती है तू एक बार चख कर तो देख मैं रीमा का इशारा समझ गया था जरुर चखूंगा तुम्हारे वापस जाने से पहले जरूर चखूंगा। अभी तो पसीना चखना है। मैं भी तुझे बडे प्यार से चखाऊंगी अपनी हर एक चीज। मैंने अपनी जीभ निकाली और रीमा का चेहरा चाटने लगा। रीमा के माथे गाल ठोठी सब कुछ चाट कर मैंने थूक से गीला कर दिया और फिर रीमा के कानो मैं अपनी जीभ घुसेड कर उसके कान चाटने लगा। कान चाटने के बाद मैंने रीमा की गर्दन पर से भी पसीना पी लिया। रीमा का पूरा चेहरा और गर्दन मेरे थूक मे नहा गये थे। फिर मैंने रीमा के होंठो के एक आखरी चुम्बन लेकर रीमा के सामने आ गया। रीमा बोली चल गाँडू अब मेरे पेट को चाट फिर मेरी ये मतवाली चूचीयो का सेवन करने को तुझको मिलेगा। रीमा अपनी टाँगे खोल कर चूत दिखाती हुये सोफे पर पसर कर बैठी थी। मैं रीमा की टाँगो के बीच आकर बैठ गया और रीमा का मोटा माँस से भरा पसीने के रस से भरपूर पेट मेरे सामने था। जो कि पूरा पसीने से लथपथ था। मैंने अपना चेहराआगे बढाया और माँ के चूचीयो के नीचे के हिस्से पर जमी पसीने की बूंदो को चूम कर पीने लगा रीमा मुझे अपने बदन को चूमते हुये देख रही थी। उसकी आँखो मे वासना और प्यार दोनो दिखायी दे रहा था। इसमे कोई शक नंही था कि कुछ ही घंटो में हम दोनो एक दूसरे को बहुत पंसद करने लगे थे। और एक दूसरे को मजा देने के लिये कुछ भी कर सकते थे। मैंने पहले प्यार से रीमा के पेट और उसकी नाभी के आस पास जमी सारी पसीने की बूंदो को पिया।
रीमा ने अपने हाथो की उंगलियाँ मेरे बालो मे चलानी शुरु कर दी वह इस बात का इजहार कर रही थी की पेट चुमवाना रीमा को कितना अच्छा लग रहा था। पेट के एक एक पसीने की बूद पीने के बाद मैंने अपनी जीभ निकाल कर रीमा का पेट चाटाना शुरु कर दिया औरत का बदन चाटाना मेरा सपना था और आज वह सपना पूरा हो रहा था और रीमा के का थूल थूल पेट मेरे को बहुत ही उत्तेजित कर रहा था और मैं अपने पूरे मन के साथ रीमा का पेट चाटने मे जुटा हुया था। अच्छे रीमा के पेट को चाट कर मैंन रीमा की नाभी कि और रुख किया जिसे मैंने अभी तक छुया भी नंही था। पहले रीमा की नाभी पर कुछ चुम्बन लिये रीमा ने मेरे चेहरे को अपनी नाभे पर हल्के से दबा कर अपने मजे का इजहार किया और उसके मुँह से हल्की से करहा भी निकल रही थी। अच्छे से नाभे चूमने के बाद मैंने अपनी जीभ निकाली और उसकी नोक रीमा की गहरी नाभी के चारो और गोल गोल घुमाने लगा। रीमा एक दम मस्ती मैं मचल उठी और जोर जोर से आह ओह्ह की आवाज निकालने लगी जैसे रंडीयाँ निकालती है अपने ग्राहक को उत्तेजित करने और अपनी मस्ती का इजहार करने के लिये। और फिर मैं कभी नाभी चूमता तो कभी जीभ की नोक चारो और घुमाता।
रीमा मेरे हरकतो से बहुत ही उत्तेजित हो रही थी वह पहले से ही अपनी गर्म गाँड चटावा कर गर्म हो चुकी थी पर मेरी जीभ ने तो उसकी चूत की हालत ही खराब कर दी थी। मैंने अपनी जीभ के नोक रीमा की नाभी में घुसेडी और उसकी गहरी नाभि को अपनी जीभ से चातने लग. मैन उसकी नाभी मे अप्नी जीभ घुसता और उस्की नाभी की चूसता रीमा के मुँह से करहाने के आवाज बराबर आ रही थी इसका मतलब यही था कि उसे बहुत ही मजा आ रहा था अपनी नाभी चुम्वाने में। मैं कभी रीमा की नाभी मे जीभ घुसेडता तो कभी अपनी जीभ रीमा की नाभी के चारो और आ रहा था रीमा प्यार से मेरे बालो को सहला रही थी। हाय रे मेरे लाल चाट ले मेरी नाभी मेरे प्यारे मेरे दलाल ऐसे ही जीभ घुसेड घुसेड कर पी मेरा पसीना मेरी नाभी में से पी जा सारा रस मेरे बदन का अपनी माँ के बदन के प्यासे गाँडू साले खेल मेरी नाभी चूस प्यार से चूस ऐसे ही मेरी नाभी। रीमा मुझे बार बार उत्तेजित कर रही थी अपनी नाभी को चूसने के लिये।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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