Saturday, February 8, 2014

बदनाम रिश्ते खानदानी चुदाई का सिलसिला--29

FUN-MAZA-MASTI


बदनाम रिश्ते
खानदानी चुदाई का सिलसिला--29


गतान्क से आगे..............
  दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा इस कहानी का उनत्तीसवां पार्ट लेकर हाजिर हूँ
सखी जो कि अभी भी बीच बीच में मिन्नी के साथ फ्रेंच किस्सिंग कर रही थी आप फटी फटी आँखों से अपनी मा का ये नया रूप देखने लगी. मिन्नी और राखी भी मूह खोले सब नज़ारा देख रही थी.

(दोस्तों ये मेरी इमॅजिनेशन है पर अगर किसी को ऐसी पिक मिले तो ज़रूर शेर कीजिएगा.)

सोफे का नज़ारा देखते ही बनता था. सोफे के एक कोने से शुरू होते हुए बाबूजी नीचे झुक के अपने हाथों में सरला का सिर पकड़े उसकी ज़ुबान से ज़ुबान लड़ा रहे थे. दोनो के थूक का मिश्रण सरला के चेहरे पे सॉफ दिख रहा था और उसके होठों के किनारे से बहता हुआ बाबूजी की जांघों पे गिर रहा था. उसके बाद बैठा राजू बेतहाशा सरला के मम्मे चूस रहा था. ऐसा लग रहा था कि जैसे मौसम के पहले आम चूसने का मौका मिला हो किसी छ्होटे से बच्चे को. दोनो मम्मो को दोनो हाथों में जाकड़ के उपर की तरफ खींच खींच के निपल्स को काट रहा था. देखते ही देखते सरला के सफेद गोरे मम्मे लाल पड़ने लगे. उसके मम्मे भी राजू के थूक से चमक उठे थे. अब राजू को उनको पकड़ने में दिक्कत हो रही थी. सो अब वो अपनी हथेली से उन्हे दबा दबा के बीच बीच में चूस रहा था और निपल्स को पकड़ के खींच के लंबे कर रहा था.

उसके बाद बैठा सुजीत नीचे से चूत और गांद के बीच के हिस्से में अपना लंड सटाये बैठा था और सरला की करीब करीब चिकनी चूत को जोरदार तरीके से चाट रहा था. सरला की चूत करीब करीब चिकनी इसलिए थी क्योंकि उसकी बुर पे अभी सिर्फ़ 1 हफ्ते के बाल थे जिन्हे उसने बड़ी मेहनत से दोपहर को ट्रिम किया था और उनमे दिल की शेप बनाई थी. सुजीत तो जैसे उस दिल में ही खो के रह गया था. बीच बीच में वो 1 या 2 उंगलियाँ चूत में जड़ तक पेलता और अच्छे से घिसाई करता और साथ ही अंगूठे से सरला की चूत का उभरा हुआ दाना मसलता. इन सब के हमले से सरला 1 ही मिनट में झार चुकी थी और काँप रही थी पर उसके मूह से निकली हुई सभी आहें बाबूजी के गले में क़ैद हो रही थी. आख़िर में बैठा उसका प्यार दामाद उसके घुटने और पिंडलीओ (कॅव्स) को चाटने में लगा हुआ था. बीच बीच में वो उसके पैर का अंगूठा और उसकी उंगलिओ को भी मूह में भर के चूस रहा था. साथ ही साथ संजय उसके पैर के तले से अपने 11 इंच के लंड को सहला रहा था. सरला का बदन अब थूक और बदन की गर्मी से पैदा हुए पसीने में भीगा हुआ था.

बाबूजी से अब रहा नही जा रहा था और उन्होने राजू को थोड़ा साइड करके सरला का एक मम्मा मूह में भर लिया. उधर सरला की चूत का रस बह बह के उसकी गांद की दरार में घुसे जा रहा आता और सुजीत जो कि उसके बदन के हर हिस्से को बखूबी पहचानता था, उस रस का उपयोग करके उसकी गांद को गीला करने में लगा हुआ था. उधर 3नो बहुएँ भी उन सब को देख रही थी और बीच बीच में स्मूचिंग कर रही थी. कमरे में अब सभी नंगे थे और किसी के बदन पे एक भी कपड़ा नही बचा था.



अब बाबूजी और बाकी सभी मर्दों से रहा नही जा रहा था और अचानक से ही सब सीन बदल गया. जब तक 3नो बहुएँ आपस में किस करके हटी तब तक सरला 4रों लोड़ों का शिकार बन चुकी थी. सोफा पे नीचे लेटा हुआ सुजीत अपना मोटा काला लंड सरला की गांद में घुसाए हुए था. ये जगह आजकल वैसे भी उसके लंड की फेवोवरिट जगह थी. सरला की गांद तो जैसे सुजीत के लंड के इंतेज़ार में ही बैठी थी. उसके उपर राजू अपना 10 इंच का लोडा लिए चूत में एंट्री ले रहा था. सोफे की सपोर्ट लेते हुए उसने भी करीब 5 - 6 इंच की जगह सरला की हलकट चूत में बना ली थी. सोफा के एक तरफ से बाबूजी अपना 7 इंच का डंडा लहराते हुए सरला के हाथ में थमा रहे थे. बाबूजी के पुराने मजबूत लंड को हाथ में पकड़े हुए सरला चिहुनकने लगी थी. पर उसका चिहुक्कना बंद करने के लए उसका सगा दामाद तैयार बैठा था और उसने अपने 11 इंच लंड का निशाना बनाया सरला का मूह जो कि उसके टोपे को देखते ही खुद ब खुद खुल गया.



धीरे धीरे अपनी गांद और चूत में दोनो लोड़ों को अड्जस्ट करते हुए सरला ने बाकी दोनो लंड पे अपने मूह का हमला बोल दिया. सिर घुमा घुमा के कभी एक को चूस्ति तो कभी दूसरे को. देखते ही देखते दोनो लंड थूक से सरॉबार होके नहा लिए. बाबूजी की एक्सिट्म्न्ट आज चरम सीमा पे थी और बहुत ही मुश्किल से उन्होने अपने को कंट्रोल किया हुआ था. उधर राजू अब स्टेडी स्पीड से सतसट चूत में लंड अंदर बाहर कर रहा था. उसके लंड पे सुजीत के लंड की घर्षण गांद और चूत के बीच की दीवार से महसूस हो रही थी. सुजीत नीचे गांद में लंड लगाए चुप चाप सब मज़े ले रहा था. लंड को सुकून पहुचाने का काम उसका भाई जो कर रहा था चूत रगड़ के. सरला को अब कोई होश नही था कि उसकी चूत कितना रस छोड़ रही है. उसे तो बस इतना पता था कि आज वो तृप्त हो रही है. अगर 2 - 4 लोडा और होते आगे लाइन में तो और भी मज़ा आता.

यही सोचते सोचते उसने बाबूजी और संजय को लंड से पकड़ के अपने मूह की और खींचा और दोनो के सुपादे आपस में रगडवा दिए. थूक से सने सुपादे आपस में रगड़ खा के फिसल रहे थे. तभी सरला ने अपना मूह खोला और दोनो सुपादे एक साथ मूह में थूस लिए.



पहले तो वो दोनो लंड मूह में अड्जस्ट करके उनपे जीभ चलती रही फिर उसने उनकी गोटिओं से खेलना शुरू कर दिया. इतने में बाबूजी और संजय ने आँखों ही आँखों में इशारा किया और एक साथ धक्का मारते हुए सरला के मूह में करीब 2 - 2 इंच लंड थेल दिए.सरला अब दोनो के लंड मूह में रखे हुए लार टपकाने लगी जो कि उसके मम्मो पे गिरती जा रही थी. उधर राजू के लंड के प्रहार से उसकी पूरी बॉडी हिल रही थी और मम्मे कभी उपर नीचे तो कभी साइड्स में झूलने लगे. ये देख के बाबूजी और संजय ने दोनो तरफ से एक एक मम्मा हाथ में दबोच लिया और उनको मसलने लगे.

इसी पोज़ में रहते हुए सरला ने दोनो मूह के लंड पकड़ के अपनी बॉडी को सहारा दिया और धीरे धीरे उसके हाथ चिकने लोड़ों पे ऑटोमॅटिकली फिसलने लगे. राजू के हर धक्के के साथ ऐसा लगता जैसे सरला मूह में लगे लोड़ों का मूठ मार रही हो. कुच्छ देर यूँ ही 5चों की चुदाई सोफा पे चलती रही. बाबूजी को लगने लगा कि सरला इस पोज़ में थकने लगी है और सो उन्होने राजू को थपकी दी और राजू और सुजीत ने सरला को सहारा देते हुए कार्पेट पे ले लिया. कार्पेट पे खुली जगह होने से एक बार फिर से चुदाई का पोज़ सही से बन गया और सब चालू हो गए.



सरला को आज आवाज़ निकालने की भी फ़ुर्सत नही मिल रही थी. उसके नीचे के दोनो छेद पूरी तरह से भरे हुए थे और अब राजू उसकी गांद की पिलाई करने में लगा हुआ था. दामाद जी ने अपना लोडा अभी भी मूह में दिया हुआ था और बाबूजी रह रह के उसके गालों पे अपने लंड की थपकीयाँ दे रहे थे. चूत में घुसा सुजीत एक बार फिर मस्ती से लेटा हुआ उसके मम्मे निचोड़ रहा था. उधर दूसरे सोफे पे भी सरला का कचूमर बनते देख के 3नो रंडियाँ एक दूजे में मस्त हुई पड़ी थी. सोफे के बॅकरेस्ट पे चढ़ के मिन्नी सखी के उठे हुए मुँह में अपनी चूतरस भर रही थी और वही राखी सखी की काली चिकनी चूत को चखने में व्यस्त थी. उनके सोफा से 3नो औरतों के चूसने चाटने करहाने और सिसकियाँ लेने की जबरदस्त आवाज़ें आ रही थी.

किसी को अगर ये किस्सा सुनाया जाए तो ऐसा लगे कि जैसे कई घंटो से ये सब रास लीला चल रही हो पर दरअसल चुदाई समारोह के इस पहले दौर को शुरू हुए सिर्फ़ 20 - 25 मिनट ही हुए थे और अब तक संयम बरत रहे बाबूजी से रहा नही गया. ज़ोर ज़ोर के हुंकारे भरते हुए उन्होने दनादन सरला के मूह में पिचकारियाँ मारनी शुरू कर दी.

''ओओओओओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मदर्चोद.....बहेन की लोदी सरलाआ.........चूस गई साली रांड़...खाली कर दिया मेरे टट्टो कूओ...........ऊऊहह अरररज्ग्घह....'' बाबूजी अपने बदन को काँपने से रोक नही पा रहे थे.

उनके रस को पेट में लेते ही सरला का ध्यान पूरे तरीके से अपने दामाद पे चला गया. संजय के मूह से अब सिसकियाँ निकलने लगी. सरला बेतहाशा उसका लंड मूह में लेके हाथों को गोल गोल घुमा के उसको मुत्ठिया रही थी. करीब 3 - 4 इंच का लोडा मूह में थूस के वो बचे हुए हिस्से पे ज़ोर से दबा के घिसाई कर रही थी. संजय सिर उठा उठा के उसके मुख चोदन का मज़ा ले रहा था और एक सेकेंड में जब उसने मूह में रखे लंड के हिस्से को जीभ से नीचे से उपर तक चॅटा और लंड की आँख को कुरेदा तो संजय से रुका नही गया और वो चीखते हुए सरला के सिर को पकड़ के झरने लगा.

'''उूउउररगघ्गग आआआआआररर्ररज्ग्घह मुंम्मी जी.....व्वाााहह क्या बाआत्त है मेरी साआसुम्ााआ..............उउम्म्म्मममम अरररज्ग्घह...''

उसका छूटना था कि काफ़ी दे से घस्से मारते हुए राजू से भी रुका नही गया और उसने लंबे लंबे 3 - 4 स्ट्रोक मारते हुए लंड को गांद के बीच तक पेलते हुए झड़ना चालू कर दिया. गांद के छेद और लंड के बेस के बीच के हिस्से को उसने अपनी मुट्ठी में भर लिया और गोल गोल उसको मुत्ठियाने लगा. अपने बाद भैया का मूठ गांद में महसूस होते ही सुजीत ने भी सब कंट्रोल छोड़ दिया और मम्मो को मूह में भर के चूस्ते हुए करीब 30 - 40 सेकेंड के बाद चूत की दीवारों को लंड की फुहारों से भिगोने लगा.

उधर 3नो बहुएँ भी एक दूसरे की जीभ के प्रभाव में झरना शुरू कर चुकी थी. उनकी कराहटे और सिसकियाँ काफ़ी उँचे स्वर की थी. सखी को खास तौर पे बहुत मज़ा आया था क्योंकि एक तरफ वो मूह में बुर् की धारें पीने में व्यस्त थी तो दूसरी और खुद अपनी गरम गरम चूत के झरने में राखी को डुबो रही थी.



मिन्नी भी सोफा के बॅकरेस्ट पे साइड पकड़ के झूम झूम के अपनी चूत बहा रही थी. कभी एक हाथ से अपने को सपोर्ट करती तो कभी दूसरे से. कभी अपनी चूत में उंगलियाँ डालती और कभी अपने मम्मे नोच लेती. सबसे कम मज़ा नीचे बैठी राखी को आया क्योंकि वो अपनी गीली चूत को सिर्फ़ अपनी उंगलिओ से ही शांत कर पाई थी.

इस घमासान के बाद जगह जगह वीर्य और चूतरस टपकती चूते और लंड बिखरे पड़े थे और लंबी गहरी साँसों के साथ एक दूसरे के जिस्मों को टटोल रहे थे. अपने बदन पे 4 अलग अलग हाथों का स्पर्श अलग जहॉं पे महसूस करते हुए सरला कब सो गई उसे पता ही नही चला.

चुदाई के कुच्छ देर बाद सरला, राजू और सुजीत बाथरूम में घुस गए और नहाने लगे. सरला को बीच में रखते हुए राजू और सुजीत ने उसके बदन की अच्छे से रगड़ के धुलाई की. सरला भी बॉडी तो बॉडी बाथ से मस्त हुई पड़ी थी और उसके लोड़ों पे अच्छे से अपना पेट, गांद, चूत, जांघें और चूचे रगड़ रही थी. उसको यकीन नही हो रहा था कि इतने मज़े से उसने अपने नीचे के दोनो छेद भरवाए थे. कुच्छ महीनो पहले जब सुजीत ने उसकी गांद की दीवारें खोली थी तो वो बहुत ताड़पी थी. पर अब जैसे चूत वैसी गांद बन के रह गई थी. बस उसमे से रस नही टपकता था. इतने में उन्हे बाबूजी के करहाने की आवाज़ सुनाई पड़ी और 3नो मुस्कुराते हुए अपना नहाना फिनिश करके बाहर आ गए.

बाबूजी का लंड मिन्नी और राखी के मूह में बार बार घुस रहा था. वो कार्पेट पे लेटे हुए थे और दोनो कुत्ति बनी उनके लंड की सेवा कर रही थी. फॉर ए चेंज सखी अपने पति के साथ थी और उसका लंड चाट रही थी. बाबूजी तो पूरे तने हुए थे पर संजय का लंड अभी भी आधे रास्ते में था. अपने अगाल बगल में खड़े सुजीत और राजू के लोड़ों को मसल्ते हुए सरला ने दोनो को सिर उठा के किस किया और उनसे अपने मम्मे चुस्वाए और फिर उनको राखी और मिन्नी की फूली हुई चूतो की तरफ धक्का दे दिया. इस बार भी फॉर ए चेंज राजू ने मिन्नी की चूत पकड़ी और सुजीत ने राखी की और धीरे धीरे अपने लंड उनकी चूतो में घुसा दिए.

उधर सरला इठलाती हुई अपने सगे दामाद के पास पहुँची और सखी के बगल में खड़ी होके अपने दामाद की आँखों में झाँका. संजय की आँखों में वासना का समुंदर लहरें मार रहा था. उसको देखते हुए संजय ने सखी का सिर पकड़ा और अपना आधा खड़ा लंड उसके मूह में पेल दिया. सखी की नाक उसकी झांतों वाले हिस्से पे रगड़ खाने लगी.

''आआओ ना मम्मी वेट क्यों कर रही हो.....आओ और सखी को सिख़ाओ कि एक मर्द का लोडा कैसे चूस्ते हैं......इसे शादी के इतने सालों में हम सबने तो बहुत कुच्छ सिखा दिया. अब आपकी बारी है........अपनी मा से सीखेगी तो शायद और अच्छा करेगी....'' संजय अपनी निपल पे हाथ फेरते हुए बोला.

" हां हां बेटा तुम्हारा तो यही सपना है ना कि मा बेटी एक साथ तेरा लंड चूसे......साले हरामी की औलाद.....तू है तो मेरा दामाद पर तेरे जैसा चोदु इंसान मैने आज तक नही देखा. और फिर घोड़े जैसा लोडा......उम्म्म्म ....इसको देख के तो वैसे भी मेरी चूत फड़फदा जाती है. सो तुझे तो मना भी नही कर सकती भद्वे......चल रे अब बेटी और मा की एक साथ लेने की तैयारी करले. '' कहते हुए सरला ने खड़े खड़े ही आगे झुक के अपने दोनो हाथ सोफा के बॅकरेस्ट पे रखे और संजय के सिर के उपर हवा में अपना सिर कर दिया.

संजय सोफा के किनारे पे गांद टिकाए और टांगे खोले पसरा हुआ था. सखी उसकी टाँगों के बीच में बैठी थी और उसके लंड का सेवन कर रही थी. सरला दोनो टांगे चौड़ी किए हुए सखी के सिर के उपर हवा में चूत लहराए और दोनो हाथ संजय के कंधों के पिछे सोफा पे टिकाए खड़ी थी. संजय ने आगे बढ़ के उसके झूलते हुए चूचे मूह में भरने चाहे तो सरला ने बालों से पकड़ के उसे वापिस खींच लिया. फिर उसका चेहरा चिन से पकड़ के दबाया तो संजय का मूह खुल गया और सरला ने निशाना बनाते हुए करीब 1 फुट उपर से उसके मूह में थूक की लार डालनी शुरू की. पहली बार तो लार ठीक से नही गई पर दूसरी बार में ठीक संजय के मूह में जाके गिरी. सखी को ये देख के बहुत ही सेक्सी फील हुआ और साथ ही थोरी जलन भी हुई. शाम से उसकी चूत अभी तक खाली रही थी. उधर मिन्नी और राखी दोनो कार्पेट पे मस्ती से अपने अपने पति से चुद रही थी और साथ ही साथ बाबूजी का लोडा चूस रही थी.

'' मा तुम थोड़ी देर के लिए मुझे संजय के साथ छोड़ दो. बाद में दोनो एक साथ संजय को मज़ा दे देंगे. मेरी चूत बहुत बिदक रही है......उफ़फ्फ़...मुझे लंड लेना है इसमे...आप हटो और मुझे अपनी हवस मिटाने दो.'' कहते हुए सखी ने संजय का पूरा खड़ा लोडा मूह से निकाल दिया और टेडी होके सरकते हुए संजय के उपर आ गई. सखी की पीठ संजय के सीने पे थी और चूत लंड के टोपे पे. सरला तो अपनी जगह से नही हटी पर सखी ने अपनी चूत को सेट किया और धीरे धीरे लंड पे उतरने लगी. कुच्छ ही पल में लंड 8 - 9 इंच अंदर घुस गया और गहरी साँस लेते हुए सखी रुक गई.

''कोई बात नही तू खाज मिटवा ले .....पर मुझे जाने को क्यों कहती है...इस कुत्ते के मज़े तो लेने दे अपनी मा को...माना कि तेरा ख़सम है पर इसके जैसा चोदु तुझे मिला तो मेरी वजह से ही है. लो दामाद जी जब तक नीचे से उचक उचक के बेटी की चुदाई करते हो तब तक साथ साथ मा के मम्मे ही चूस लो.......उम्म्म्ममम मदर्चोद अभी भी बच्चे के जैसे निपल चूस्ते हो तुम.....तुमसे निपल चुस्वाते हुए लगता ही नही है कि किसी जवान लौंदे से चुस्वा रही हूँ....हान्न्न्न बेटाअ ऐसे ही.....उउम्म्म्म कर दो अपनी सासू मा के दूध खाली .....उउम्म्म्ममम और तू क्यों रुकी पड़ी है....तू भी पिई ले.....बचपन में अकेले पीती थी आज पति के साथ मिलके पी ले......उउम्म्म्मममम....एसस्स.........मज़ाअ आ गया दोनो एक साथ चुस्वा के...........'' सरला आधी झुकी झुकी मस्ती में गांद घुमाए जा रही थी. करीब 2 मिनट तक खूब सिसकियाँ मारते हुए उसने अपने मम्मे सखी और संजय से बारी बारी चुस्वाए. सखी की चूत में संजय का लंड अच्छे से सॅट्ट सत्त करके चल रहा था और सखी अपनी मा के चूचे चूस्ते हुए एक बार हल्के से झाड़ भी चुकी थी.

''अर्रे समधन जी.....इतना रांड़पन भी ठीक नही है....मेरे बच्चों को इतना भी मत बिगाड़ो कि कल को मेरे लंड को लेने के देने पड़ जाए.........साली तुम तो कुत्ति हो घर बाहर कहीं भी चुद्वाति फ़िरोगी पर सखी की चूत में तो कुच्छ शराफ़त रहने दो. आज तक मैने इसे बडो नाज़ों से चोदा है पर अब लगता है कि मेरी चुदाइ काफ़ी नही रहेगी इसके लिए. प्लीज़ सरला जी इसे घर की रंडी रहने दो बाहर की मत बनाओ....'' बाबूजी अपना लोडा चुस्वाते हुए सरला की अठखेलिओ को देखते हुए बोले.

''हां हां मैं ही हूँ कुत्ति ...तुम तो शहद के धुले हो...साले बेहेन्चोद तुम हो, समधन चोद तुम हो, बहू चोद तुम हो और यार दोस्तों की तो छोड़ो घर की नौकरानियो को भी नही छोड़ते...और मुझे कहते हो कि मैं रांड़ हूँ. मुझसे बड़े जिगलो तो तुम हो.....उम्म्म्ममम हां संजय बेटा ऐसे ही छेद में उंगली करो...मज़ा आ रहा है...सखी तू अपने इस चोदु ससुर की बातों में ना आना...ये सिर्फ़ तुझे अपनी घरेलू छिनाल बना के रखना चाहता है. बेटी ज़िंदगी लंड लेने और चूत देने का नाम है....तू बस टाइम टू टाइम नए एक्सपेरिमेंट करती रहना .....भाँति भाँति के लंड खाने से ही मज़ा आता है......उम्म्म्मम संजय आराम से बेटा .....काटो नही ...माँस का निपल है बेटे प्लास्टिक का नही...... हां आराम से थोड़ा उंगली भी अंदर बाहर करो........एसस्स्सस्स......ऐसी........उम्म्म्ममममम मुझे रेडी कर दो झरने के लए.....पर झाड़वाना नही बेटा ....मुझे तेरे इस हराम्खोर बाबूजी के मूह में झरना है.'' सरला की गांद हल्के हल्के वाइब्रट कर रही थी. उसकी आवाज़ से उसके बदन की कंपन और गर्मी का एहसास हो रहा था. संजय के सिर को हाथों में दबोचे उसके मूह में अपनी चूचिओ को थेल रही थी..

''हां हां आ जाओ जल्दी से....तुम्हारे चूतरस को तो मैं कई सालों से दीवाना हूँ सरला.....जल्दी आओ तो तुम्हे गाढ़ी सफेद क्रीम एक बार फिर खाने को मिलेगी.....उफ्फ राखी बेटा थोड़ा टटटे भी चूस दे....उउम्म्म्मम मिन्नी लंड के टोपे को छोड़ थोड़ा साइड से चाट इससे नही तो झर जाउन्गा.....'' बाबूजी सिसकियाँ लेते हुए बोले.

''क्या बाबूजी आज सारी क्रीम चुदास आंटी के लिए रखी है....मेरी चुदास जीभ के लिए भी रखो ना इसे....म्‍म्म्ममम स्लूउर्र्ररप्प्प्प....मुझे तो सूपड़ा ही चाहिए .......राखी तुम टट्टों पे लगी रहो अच्छे से .....बाबूजी के टटटे ऐसे गरम रखना कि कम से कम 6 - 7 पिचकारी दें मुझे...फिर तुझे भी पिलाउन्गि.....उउम्म्म्मम पुच्छ पुच्छ ...उउफ़फ्फ़ बाबूजी आपका सूपड़ा नज़दीक से कितना प्यारा लगता है....ऊऊहह हां राजू अच्छे से घस्ससा दो....मज़ा आ गया इतने दिन बाद तुमसे चुदने का.......हमारी दामाद चोद आंटी ने अच्छा सिखा दिया तुम्हे 2 बार में ही......राखी तुझे सुजीत का लोडा कैसा लगा.....बता ना..........उउम्म्म्मम.......'' मिन्नी बाबूजी के लंड का सूपड़ा मूह में भरे भरे बीच बीच में अपनी बात कहती रही. उसकी गांद आज बहुत मस्त लग रही थी. कुतिया बन के अपने पति से चुदे हुए काफ़ी टाइम हो चला था. मम्मे बाबूजी की थाइस पे रगड़ खा खा के लाल हो रहे थे. बीच बीच में राजू और सुजीत दोनो हाथ बड़ा के उनको दबा लेते. यही हाल राखी के मम्मो का भी था.

''उम्म्म्ममम स्ल्लुउर्र्रप्प्प्प...स्लूऊर्रप्प्प्प्प्प....पुच पुकच......भाभी अभी कुच्छ ना पुछो...बस चुद लेने दो. साली रांड़ ने सुजीत को एक्सपर्ट बना दिया है. काफ़ी गहराई तक लंड पेल रहा है. थॅंक यू आंटी......बाबूजी के टटटे फूलने लगे हैं भाभी ...थोड़ा और चॅटा तो जल्दी काम रस निकल जाएगा....तुम टोपे को नही छोड़ना....मूह में दबा लो...एक भी बूँद वेस्ट ना हो.......उउम्म्म्मम मेरे बाबूजी ...मेरे थर्कि बाबूजी......आप रोज सुबह एक बार मुझे टटटे मूह में भर दिया करो सुबह सुबह. कल से ही चालू हो जाना. आपके टटटे मूह में लेने के बाद ही ब्रश किया करूँगी. उम्म्म्मम मेरे अच्छे बाबूजी........स्लूउर्र्रप्प्प्प...स्लूऊर्रप्प्प्प्प......उउंम्म भाभी रेडी रहना अब कभी भी.....पुच्छ पुच्छ पुच्छ पुकच उउंम्म स्लूउर्र्रप्प्प्प....स्लूऊर्रप्प्प.....'' कहते हुए राखी ने बाबूजी के टट्टों पे किस्स की बौछार कर दी.

बाबूजी का लंड और भी अकड़ने लगा और मिन्नी ने सूपड़ा मूह में रख के उसकी आँख को जीभ से कुरेदना शुरू कर दिया. बाबूजी के शरीर में आती हुई अकड़न को देख के सरला की मुनिया भी रेडी हो चली. उसने संजय की उंगली बाहर की और दौड़ के बाबूजी के मूह पे बैठ गई. बाबूजी का ध्यान कुच्छ पल के लिए हटा पर फिर सरला की चुदी चुदाई महकती हुई चूत ने बरबस उनकी जीभ को बाहर निकालने पे मजबूर कर दिया. 5 सेकेंड में ही बाबूजी का लोडा लावा उगलने लगा और उनकी लपलपाति हुई जीभ पे सरला की चूत की बारिश हो गई. सरला ऊऊवन्न्‍ननणणनह आआन्न्न्नह की आवाज़ें करती हुई झरने लगी. उसकी इन्नर थाइस बाबूजी के सिर को हिलने नही दे रही थी.
क्रमशः...............................




Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | मराठी जोक्स | ट्रैनिंग | kali | rani ki | kali | boor | सच | | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | छातियाँ | sexi kutiya | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bharat | india | japan |funny animal video , funny video clips , extreme video , funny video , youtube funy video , funy cats video , funny stuff , funny commercial , funny games ebaums , hot videos ,Yahoo! Video , Very funy video , Bollywood Video , Free Funny Videos Online , Most funy video ,funny beby,funny man,funy women bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स , Tags = कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ stories , kaamuk kahaaniya , हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories ,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,garam stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com,लड़कियां आपस , blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator