FUN-MAZA-MASTI
बदनाम रिश्ते--
रीमा एक मुंह बोली माँ --9 मैंने कहा हाँ माँ तुम्हारे मम्मे तो बहुत भारी है। तुम्हारा एक एक मम्मा १ किलो से कम नही होगा। रीमा बोली हाँ बेटा इतने बडे और भारी हैं तभी तो सबकी नजर इन पर रहती। ला बेटा तू पहली बार मम्मो को छू रहा है इसलिये तु इस काम मे थोडा अनाडी है। २-४ बार मेरे मम्मो से खेलेगा तो सीख जायेगा भारी मम्मो को उठाना फिर तेरी माँ है किस लिये तुझे सीखाने के लिये ही तो। मैं कहा तुम ठीक कहती हो माँ। रीमा ने बडे प्यार से मेरी तरफ देखा जैसे एक माँ अपने बटे की तरफ देखती है और कहा बेटा ला इन मोटी मोटी गोलाईयो का भार मुझे दे दे। तेरे अनाडी हाथ इनका बोझ अभी नही उठा सकते। तू पहले देख तेरी ये माँ कैसे इनको उठाती है और कैसे इनको अपने हाथो मे सम्भाल कर रखती जिस देख कर तू भी कुछ दिनो मैं सीख जायेगा की मेरी मस्त गोलाईयो का भार उठाना।
रीमा का इस तरह से मुझे अनाडी कहना पता नही मुझे क्यो अच्छा लगा। और बात भी सही थी रीमा इतने सारे लंडो को अपनी चूत मे लील चूकी थी कि उसे पता था की एक जवान छोकरा पहली बार एक मस्ताने बदन के साथ खेलने मे क्या क्या गलती कर सकता है। और मे अपने आप को बहूत खुशकिसमत समझ रहा था की रीमा से मुझे चुदायी का ज्ञान मिल रहा है। फिर मैंने अपने अपने हाथ रीमा के मम्मो पर से हटा लिये और मेरे हाथ हटाने से उसके मम्मे एक झटके के साथ नीचे गिरे। फिर रीमा बोली ला बेटा मैं तुमको दिखाती हूँ कि मेरी इन बडी बडी गोलाईयो के साथ किस तरह से खेलते हैं। मेरी आँखे तो सिर्फ उसकी चूचीयो पर ही जमी हुयी थी।
फिर रीमा ने अपनी दोनो हथेलियो को एक दम सीधा कर लिया और उनको अपनी चूचीयो की गोलाईयो के बिलकुल नीचे रख लिया और फिर मेरे तरफ देखते हुये अपनी हथेलियो के अपनी गोलाईयो को उपर उठा लिया। जिससे उसकी थोडी लटकी हुयी चूचीयाँ उपर को उठ कर सीधी हो गयी और उनकी घुडीयाँ एक दम तन कर नूकीली होकर मेरे तरफ शरारत भरी नजर से देखने लगी जैसे कह रही हो देखा रीमा ने कितने प्यार से हमको अपनी हथेलियो से सीधा कर दिया। इस समय जिस तरह से रीमा ने अपनी चूचीयो को अपने हाथो से उठा रखा था ऐसा लग रहा था जैसे वह अपनी इस मस्त चूचीयो को थाली मे परोस कर मुझे दे रही है और कह रही हे ले बेटा ये तेरी माँ तेरी जिंदगी का सबसे मस्त खिलौना तेरे लिये लेकर आयी है।
फिर रीमा ने कहा देखा बेटा तेरी माँ ने कैसे इनको अपनी हथेली मे उठा लिया। हाँ माँ देखा अगली बार मैं भी ऐसे ही इनको उठाउगाँ। फिर रीमा ने कहा ले बेटा अब मैं इनको इसी तरह उठा कर रखती हूँ तु मेरी चूचीयो के साथ खेल ले जैसे खेलना चाहता है। मेरे मुँह से उसकी चूचीयो को देख कर लार निकल रही थी। मेरे सामने गोरी गोरी बडी बडी चूचीयाँ थी जिन के साथ खेलने के मैंने कितने सपने देखे थे क्या क्या करने का सोचा था आज मैं वह सब कर सकता था। फिर मैंने उसकी चूचीयो पर अपने हाथ रख दिये और उनपर अपने हाथ फिराने लगा मेरा मन बहुत उनको मसलने का कर रहा था पर सबसे पहले मै उसकी चूचीयो पर हाथ फेर कर उनकी गोलाईयाँ नापना चाहता था।
फिर मैं इसी तरह उसकी चूचीयो के साथ खेलता रहा रीमा फिर से मस्त हो चली थी। और आँखे बंद करा कर अपनी चूचीयो कि मुझसे हाथ फिरवा रही थी। रीमा मस्ती मे बोली बेटा तेरे हाथो मै क्या जादू है तूने तो फिर से मेरे बदन मे मस्ती भर दी। लगता है तुझे मेरी चूचीयाँ पंसन्द आयी है। मैंने कहा हाँ माँ बहुत। मुझे उसके मम्मो पर हाथ फेरते हुये बहुत देर हो गयी थि अब मैं उसके मम्मो को मसल देना चाहता था। रीमा भी अपनी चूचीयो कि कूटायी करना चाहती थी बोली बेटा अब बहुत देर हो गयी इनपर हाथ फेरते हुये अब जरा इनको मसल भी मजा ले पूरा इनको मसल कर पता कर कितनी कडी है मेरे चूचीयाँ।
हाँ तुम ठीक कहती हो माँ मेरा भी मन बहुत कर रहा है इनको मसलने का पर मैं क्या करु इन चूचीयो ने मुझको समोहित कर लिया है और बस मैं इनकी सुन्दरता को ही निहारता जा रहा हूँ। हाँ मैं समझ सकती हूँ बेटा एक तो तूने आज तक चूचीयाँ नही देखी और देखी तो मेरी गोरी बडी भारी चूचीयाँ। मेरी चूचीयाँ देख कर तो अच्छे अच्छे खिलाडियो का होश गुम हो जाता है फिर तुने तो इस विधालय मे अभी दाखिला लिया है। फिर रीमा बोली बेटा अब मुझसे खडा नही हुआ जा रहा है। अब मैं सोफे पर अपनी टाँग फैला कर बैठती हूँ फिर तू मेरी चूचीयो को मसल और प्यार कर। फिर वह पलट कर अपनी कमर हिलाती हुयी सोफे के पास गयी और पलट कर सोफे पर बैठ गयी और फिर उसने अपनी टाँगे फैला ली।
जब वह चल कर जा रही थी तो उसके हौदे जैसे चूतड हिल रहे थे और उसने अपने हाथ बिल्कुल भी अपनी चूचीयो से नही हटाये थे। इस तरह से बैठने के बाद रीमा ने कहा आ जा बेटा ले मसल ले मेरे मम्मे अब इसतरह से बैठने से मुझे थोडा आसानी होगी अपने मम्मो को पकडने मे। मैं रीमा की तरफ चल दिया मेरा लंड मस्ती मे मेरे चलने से हिल रहा था और अब मुझे नाडे के बंधे होने के कारण हो रहे दर्द की आदत हो गयी थी। फिर मैं रीमा कि जाँघो के बीच जा कर बैठ गया और अपने हाथ उसकी जाँघो पर रखकर फेरते हुये आगे बढ कर उसकी घूडीयो का एक एक चुम्बन लिया। और अपने हाथ उठा कर उसकी चूचीयो पर रख दिय़्ये।
आज मैं पहली बार किसी के मम्मो को मसलने जा रहा था। जिसके सपने मैंने देखे थे आज वह पूरा होने जा रहा था। फिर मैंने उसके एक मम्मे को अपने हाथ मे लिया और उसको दबाया। आह कि आवाज रीमा के मुँह से निकल गयी। मेरे बदन मे भी मस्ती कि लहर दौड गयी। उसकी चूची उमर की वजह से ढीली हो गयी थी पर अभी भी काफी कडी और माँसल थी। फिर ऐसा ही मैंने उसके दुसरे मम्मे के साथ किया और फिर दोनो मम्मो पर हाथ रखकर धीरे धीरे उसके मम्मो को मसलने लगा। इसतरह से मैं उसकी चूचीयो को मसलने का मजा लेता रहा रीमा के उपर भी मेरे इसतरह से मम्मो को मसलने का असर हो रहा था। उसके मुँह से हल्की हल्की करहाने की आवाज निकल रही थी।
मुझे उसके मम्मो को इसतरह हल्के हल्के मसलने मै मजा आ रहा था और मै काफी देर से घुटनो के बल बैठ मेरे पैर भी दुख गये थे और अब मैं आराम से बैठ कर उसके मम्मो का मजा लेना चाहता था। यही सोच कर मैंने रीमा से कहा माँ अब मैं आराम से बैठ कर तुम्हारे मम्मो को मसल कर गुंथुगा जिससे इन मस्ताने मम्मो से कुछ रस निकाल सकू बहूत देर हो चूकी है मुझे और मुझे प्यास भी लग रही है। मैं इन मम्मो के रस से अपनी प्यास बुझाना चाहता हूँ। रीमा बोली थीक है बेटा बता क्या है तेरे मन मे। मैंने कहा माँ अब मैं सोफे पर बैठता हूँ और तुम मेरी गोदी मे बैठ जाओ और अपना एक हाथ मेरी गर्दन मे डाल कर मुझसे मम्मे मसलवाने का मजा लो। जब अच्छी तरह से मसलने के बाद तुम्हारी चूचीयाँ रस से भर जायेगी तब मैं अपने मुँह से इस घुडियो को चूस कर और अपनी जीभ से इन गोलाईयो को चाट कर तुम्हारा रस पीयूगाँ।
रीमा बोली ठीक है बेटा जैसा तू बोल वैसे भी इसमे मेरा कुछ काम तो है नही बस मुझे तो आराम से बैठ कर अपने मम्मो को मसलवाना है और उनका जूस निकलवाना है। बाकी काम तो तुझे हि करना है। पर प्यास तो मुझे भी लगी है। तो बैठ जा सोफे पर मैं अपने लिये वाईन लेकर आती हूँ तेरी गोदी मैं तेरा लंड अपने चूतड के नीचे दबा कर बैठुगी और मम्मे मसलवाते हुये वाईन पीयूगी और कभी कभी अपने होठों से तुझे भी पिलाउँगी। और वैसे भी तेरी प्यास तो मेरे मम्मे बुझा देगें। फिर मैं एक आखरी बार उसके मम्मो को मसल कर उठ कर उसके बगल मे बैठ गया और बोला जाओ माँ तुम जाकर वाईन ले आओ मैं सोफे पर बैठता हूँ। रीमा ने कहा नही मैं तुझे ऐसे अकेला छोड कर नही जा सकती। कही मेरे पीछे तू अपने लंड से खेलने लगा तो। मैं नही चाहती तु अपने लंड से खेले। जब तक तू यहाँ है लंड से खेलने का हक सिर्फ मेरा है समझे।
मैंने कहा ठीक है माँ तुम कहती हो तो चलता हूँ। और फिर रीमा ने मेरा लंड अपने हाथो से पकडा और उसको खीचने लगी। उसके खीचने से मैं फट से उठ कर खडा हो गया। फिर वह मुझे मेरे लंड से पकड कर खीचती हुयी फ्रिज की तरफ़ ले चली। और मैं उसके पीछे पीछे किसी पालतू कुत्ते की भाँती चल दिया। फिर उसने लकडी के रैक के पास जाकर उसमे से वाईन का गिलास निकाला। और बगल मे रखे फ्रिज से जूस का डिब्बा निकाल कर गिलास मे जूस भरने लगी। मैंने कहा माँ तुम तो वाईन पीने वाली थी। रीमा बोली बेटा मे वाईन ही पीयूगी। इस जूस के गिलास से तू एक घूंट पी ले फिर मेरे लिये ये वाईन हि बन जायेगा। मैंने उसके तरफ आश्चर्य से देखा तो बोली अरे बेटा अगर कोइ प्रेमी या प्रेमिका किसी भी द्र्व्य को अपनी प्रेमीका या प्रेमी के होठों से छुआ दे तो उसमे इतना नशा भर जाता है की उससे अच्छी शराब और कोई हो ही नही सकती। और क्या तू मेरा प्रेमी और मैं तेरी प्रेमीका नही हूँ क्या।
मैंने कहा हाँ माँ हम प्रेमी प्रेमीका ही है। गिलास मैं जूस भरने के बाद उसने जूस का डिब्बा वापस रख दिया और और जूस का गिलास मुझको पकडा दिया और बोली ले बेटा मेरे इस जूस को शराब बना दे। मैंने रीमा के हाथ से उसके जूस का गिलास ले लिया और उसमे से एक घूंट जूस पी कर गिलास उसको दे दिया। रीमा हाँ अब मेरी वाईन तैयार है। फिर मैं रीमा से बोला चलो माँ चल कर सोफे पर मेरी गोदी मैं बैठो फिर मैं तुम्हारे मम्मो की मालिश करता हूँ। यह कह कर मैंने अपना हाथ उसकी कमर मे डाल दिया और उसको सोफे की तरफ ले चला जैसे की वह मेरी प्रेमीका हो। मेरा मन तो मेरा हाथ उसके चूतडो पर रखने का कर रहा था पर मैंने अभी अपने आप को उसके मम्मो पर ही केन्द्रित रखना उचित समझा।
फिर मैं इसी तरह उसके बदन से अपना बदन सटा कर चलते हुये सोफे के पास तक आ गया। और फिर उसके गाल का चुम्बन लेकर उसकी कमर से हाथ निकाल लिया। और फिर मैं सोफे पर बैठ गया। मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह सीधा खडा था। उसको देख कर रीमा बोली हाय रे तेरा लंड तो जबरदस्त खडा है अगर इस पर मैं बैठूगी तो ये मेरी पैन्टी फाड कर मेरी गाँड मे घुस जायेगा और मेरी गाँड को फाड देगा न बाबा न मैं तो नही बैठती तेरी गोदी मे। मैंने कहा नही माँ अगर तुम मेरे लंड को नीचे कर के अपने भारी चूतडो के नीचे इसको दबा लोगी तो फिर ये तुम्हारी पैन्टी नही फाड पायेगा और तुम्हारी गाँड भी बच जायेगी तुम एक बार बैठ कर तो देखो।
रीमा बोली तू बोलता है तो मैं बैठती हूँ पर मुझे बहुत डर लग रहा है। अच्छा ले मेरा गिलास पकड फिर मैं बैठती हूँ। मैंने रीमा के हाथ से गिलास ले लिया और फिर रीमा ने अपने भारी भरकम चूतड मेरी तरफ कर दिये और अपने हाथ से मेरा लंड पकड कर नीचे कि और दबा दिया और मेरी गोदी मे बैठ गयी फिर उसने थोडा बहुत इधर उधर हिल कर मेरे लंड को अपनी आराम के हिसाब से सेट कर लिया। अब मेरा लंड उसकी गाँड की दरार मे फंस गया था और उसकी भारी चूतडो के दवाब से नीचे दब गया। उसके माँसल नंगे गद्देदार चिकने चूतड मुझे मेरी जाँघो पर महसूस हो रहे थे।
मुझे रीमा के शरीर का भार अपनी जाँघो पर उसके चूतड के जरीये महसूस हो रहा था। उसके चूतडो के स्पर्श से मेरे मस्ती बढ रही थी पर मेरा लंड उसकी गाँड की दरार मे फंसा फडफडा रहा था। फिर इस तरह जब मेरा लंड अच्छी तरह से उसकी गाँड की दरार मे फंस गया रीमा ने अपनी चिकनी पीठ मेरी छाती पर टिका दी और बोली हाय रे मेरे लाल तू ठीक कहता था। तेरा लंड तो बिल्कुल मेरे गाँड से दब गया और मेरे पैन्टी मे छेद भी नही हुआ। फिर उसने अपनी एक बाँह मेरे गले के पीछे डाल दी ऐसा करे से मुझे उसकी काँख के काले लम्बे बालो की एक झलक मिली। बालो से भरी उसकी काँख कि झलक देख कर मन किया कि अपना मुँह उसमे घुसा दूँ पर मैंने अपने आप को रोक लिया।
फिर रीमा ने कहा ले बेटा बैठ गयी मैं अब तू इत्मिनान से मेरे मम्मो को दबा मसल और उन्का जूस निकाल कर पी ला मेरे जूस का गिलास मेरे को दे दे। मैंने जुस का गिलास रीमा को पकडा दिया और उसके मम्मो की तरफ देखने लगा। उसके मम्मे अब मेरे और पास आ गये थे और जैसे जैसे उसकी साँसे चल रही थी उसके मम्मे उपर नीचे हो रहे थे। मैंने अपना एक हाथ बढा कर उसकी कमर के इर्दगिर्द डाल दिया और अपने मुँह कि झुका कर उसके मम्मो कि दरार पर रख दिया और उसके बदन की गंध लेने लगा। फिर एक चुम्बन उसकी दरार का लेकर मैंने अपना हाथ उसके भारी भरकम १ किलो के मम्मे पर रख कर उसको धीरे धीरे मसलने लगा।
रीमा ने अपने जूस का एक सिप लिया और मस्ती भरी निगाह से मेरे को उसके मम्मे दबाते हुये देख रही थी। फिर रीमा बोली दबा बेटा दबा अपनी माँ के मम्मे मजा ले इनका आह ऐसे हि मेरे लाडले ऐसे ही दबा तूने तो मुझे आज महारानी बना दिया अपनी जाँघ पर बिठा कर क्या मजे दे रहा है मुझे। जोर से दबा बेटा इस तरह से धीरे धीरे मसलते हुये तेरे को बहुत देर हो गयी है। जरा इनको जोर से मसल। लगता है तेरे को थोडी ताकत कि जरुरत है मैं देती हूँ तेरे को ताकत। तेरे को अभी मैं जूस पिलाती हूँ अपने मुँह कि लार मिला कर उससे तुझको ताकत मिलेगी। मैंने कहा हाँ माँ मुझको तुम्हारे मुँह के जूस की बहुत जरुरत है। लाओ जल्दी लाओ पिलाओ मुझको अपना जूस।
ये कह कर उसने जूस का एक बडा घूंट भर लिया और अपने मुँह मे लेकर उसको घुमाने लगी जिससे उसका लार भी उस जूस मे मिल गयी। फिर उसने मेरे होठों पर अपने होठ रख दिये और अपने मुँह का जूस मेरे मुँह मे अपनी जीभ की मदद से डालने लगी। मैं उसके लार मिले जूस को धीरे धीरे पीने लगा। इस तरह करते करते रीमा ने अपने मुँह का सारा जूस मुझको पीला दिया। फिर रीमा बोली अब तो कुछ ताकत आयी तेरे मे दबा मेरे चूचीयो मसल के रख दे अपने मजबूत हथो से लाल कर दे इनको रगड रगड कर। फिर मैंने अपना हाथ उसके एक मम्मे के सामने रखा जिससे उसकी घुडी मेरी हथेली के थीक बीच मे आ गयी और अपने पूर हाथ से उसका मम्मा पकडते हुये अपनी पूरी ताकत से मसल दिया जैसे मैं कोई बडा सा नीबूं निचोड रहा हूँ।
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बदनाम रिश्ते--
रीमा एक मुंह बोली माँ --9 मैंने कहा हाँ माँ तुम्हारे मम्मे तो बहुत भारी है। तुम्हारा एक एक मम्मा १ किलो से कम नही होगा। रीमा बोली हाँ बेटा इतने बडे और भारी हैं तभी तो सबकी नजर इन पर रहती। ला बेटा तू पहली बार मम्मो को छू रहा है इसलिये तु इस काम मे थोडा अनाडी है। २-४ बार मेरे मम्मो से खेलेगा तो सीख जायेगा भारी मम्मो को उठाना फिर तेरी माँ है किस लिये तुझे सीखाने के लिये ही तो। मैं कहा तुम ठीक कहती हो माँ। रीमा ने बडे प्यार से मेरी तरफ देखा जैसे एक माँ अपने बटे की तरफ देखती है और कहा बेटा ला इन मोटी मोटी गोलाईयो का भार मुझे दे दे। तेरे अनाडी हाथ इनका बोझ अभी नही उठा सकते। तू पहले देख तेरी ये माँ कैसे इनको उठाती है और कैसे इनको अपने हाथो मे सम्भाल कर रखती जिस देख कर तू भी कुछ दिनो मैं सीख जायेगा की मेरी मस्त गोलाईयो का भार उठाना।
रीमा का इस तरह से मुझे अनाडी कहना पता नही मुझे क्यो अच्छा लगा। और बात भी सही थी रीमा इतने सारे लंडो को अपनी चूत मे लील चूकी थी कि उसे पता था की एक जवान छोकरा पहली बार एक मस्ताने बदन के साथ खेलने मे क्या क्या गलती कर सकता है। और मे अपने आप को बहूत खुशकिसमत समझ रहा था की रीमा से मुझे चुदायी का ज्ञान मिल रहा है। फिर मैंने अपने अपने हाथ रीमा के मम्मो पर से हटा लिये और मेरे हाथ हटाने से उसके मम्मे एक झटके के साथ नीचे गिरे। फिर रीमा बोली ला बेटा मैं तुमको दिखाती हूँ कि मेरी इन बडी बडी गोलाईयो के साथ किस तरह से खेलते हैं। मेरी आँखे तो सिर्फ उसकी चूचीयो पर ही जमी हुयी थी।
फिर रीमा ने अपनी दोनो हथेलियो को एक दम सीधा कर लिया और उनको अपनी चूचीयो की गोलाईयो के बिलकुल नीचे रख लिया और फिर मेरे तरफ देखते हुये अपनी हथेलियो के अपनी गोलाईयो को उपर उठा लिया। जिससे उसकी थोडी लटकी हुयी चूचीयाँ उपर को उठ कर सीधी हो गयी और उनकी घुडीयाँ एक दम तन कर नूकीली होकर मेरे तरफ शरारत भरी नजर से देखने लगी जैसे कह रही हो देखा रीमा ने कितने प्यार से हमको अपनी हथेलियो से सीधा कर दिया। इस समय जिस तरह से रीमा ने अपनी चूचीयो को अपने हाथो से उठा रखा था ऐसा लग रहा था जैसे वह अपनी इस मस्त चूचीयो को थाली मे परोस कर मुझे दे रही है और कह रही हे ले बेटा ये तेरी माँ तेरी जिंदगी का सबसे मस्त खिलौना तेरे लिये लेकर आयी है।
फिर रीमा ने कहा देखा बेटा तेरी माँ ने कैसे इनको अपनी हथेली मे उठा लिया। हाँ माँ देखा अगली बार मैं भी ऐसे ही इनको उठाउगाँ। फिर रीमा ने कहा ले बेटा अब मैं इनको इसी तरह उठा कर रखती हूँ तु मेरी चूचीयो के साथ खेल ले जैसे खेलना चाहता है। मेरे मुँह से उसकी चूचीयो को देख कर लार निकल रही थी। मेरे सामने गोरी गोरी बडी बडी चूचीयाँ थी जिन के साथ खेलने के मैंने कितने सपने देखे थे क्या क्या करने का सोचा था आज मैं वह सब कर सकता था। फिर मैंने उसकी चूचीयो पर अपने हाथ रख दिये और उनपर अपने हाथ फिराने लगा मेरा मन बहुत उनको मसलने का कर रहा था पर सबसे पहले मै उसकी चूचीयो पर हाथ फेर कर उनकी गोलाईयाँ नापना चाहता था।
फिर मैं इसी तरह उसकी चूचीयो के साथ खेलता रहा रीमा फिर से मस्त हो चली थी। और आँखे बंद करा कर अपनी चूचीयो कि मुझसे हाथ फिरवा रही थी। रीमा मस्ती मे बोली बेटा तेरे हाथो मै क्या जादू है तूने तो फिर से मेरे बदन मे मस्ती भर दी। लगता है तुझे मेरी चूचीयाँ पंसन्द आयी है। मैंने कहा हाँ माँ बहुत। मुझे उसके मम्मो पर हाथ फेरते हुये बहुत देर हो गयी थि अब मैं उसके मम्मो को मसल देना चाहता था। रीमा भी अपनी चूचीयो कि कूटायी करना चाहती थी बोली बेटा अब बहुत देर हो गयी इनपर हाथ फेरते हुये अब जरा इनको मसल भी मजा ले पूरा इनको मसल कर पता कर कितनी कडी है मेरे चूचीयाँ।
हाँ तुम ठीक कहती हो माँ मेरा भी मन बहुत कर रहा है इनको मसलने का पर मैं क्या करु इन चूचीयो ने मुझको समोहित कर लिया है और बस मैं इनकी सुन्दरता को ही निहारता जा रहा हूँ। हाँ मैं समझ सकती हूँ बेटा एक तो तूने आज तक चूचीयाँ नही देखी और देखी तो मेरी गोरी बडी भारी चूचीयाँ। मेरी चूचीयाँ देख कर तो अच्छे अच्छे खिलाडियो का होश गुम हो जाता है फिर तुने तो इस विधालय मे अभी दाखिला लिया है। फिर रीमा बोली बेटा अब मुझसे खडा नही हुआ जा रहा है। अब मैं सोफे पर अपनी टाँग फैला कर बैठती हूँ फिर तू मेरी चूचीयो को मसल और प्यार कर। फिर वह पलट कर अपनी कमर हिलाती हुयी सोफे के पास गयी और पलट कर सोफे पर बैठ गयी और फिर उसने अपनी टाँगे फैला ली।
जब वह चल कर जा रही थी तो उसके हौदे जैसे चूतड हिल रहे थे और उसने अपने हाथ बिल्कुल भी अपनी चूचीयो से नही हटाये थे। इस तरह से बैठने के बाद रीमा ने कहा आ जा बेटा ले मसल ले मेरे मम्मे अब इसतरह से बैठने से मुझे थोडा आसानी होगी अपने मम्मो को पकडने मे। मैं रीमा की तरफ चल दिया मेरा लंड मस्ती मे मेरे चलने से हिल रहा था और अब मुझे नाडे के बंधे होने के कारण हो रहे दर्द की आदत हो गयी थी। फिर मैं रीमा कि जाँघो के बीच जा कर बैठ गया और अपने हाथ उसकी जाँघो पर रखकर फेरते हुये आगे बढ कर उसकी घूडीयो का एक एक चुम्बन लिया। और अपने हाथ उठा कर उसकी चूचीयो पर रख दिय़्ये।
आज मैं पहली बार किसी के मम्मो को मसलने जा रहा था। जिसके सपने मैंने देखे थे आज वह पूरा होने जा रहा था। फिर मैंने उसके एक मम्मे को अपने हाथ मे लिया और उसको दबाया। आह कि आवाज रीमा के मुँह से निकल गयी। मेरे बदन मे भी मस्ती कि लहर दौड गयी। उसकी चूची उमर की वजह से ढीली हो गयी थी पर अभी भी काफी कडी और माँसल थी। फिर ऐसा ही मैंने उसके दुसरे मम्मे के साथ किया और फिर दोनो मम्मो पर हाथ रखकर धीरे धीरे उसके मम्मो को मसलने लगा। इसतरह से मैं उसकी चूचीयो को मसलने का मजा लेता रहा रीमा के उपर भी मेरे इसतरह से मम्मो को मसलने का असर हो रहा था। उसके मुँह से हल्की हल्की करहाने की आवाज निकल रही थी।
मुझे उसके मम्मो को इसतरह हल्के हल्के मसलने मै मजा आ रहा था और मै काफी देर से घुटनो के बल बैठ मेरे पैर भी दुख गये थे और अब मैं आराम से बैठ कर उसके मम्मो का मजा लेना चाहता था। यही सोच कर मैंने रीमा से कहा माँ अब मैं आराम से बैठ कर तुम्हारे मम्मो को मसल कर गुंथुगा जिससे इन मस्ताने मम्मो से कुछ रस निकाल सकू बहूत देर हो चूकी है मुझे और मुझे प्यास भी लग रही है। मैं इन मम्मो के रस से अपनी प्यास बुझाना चाहता हूँ। रीमा बोली थीक है बेटा बता क्या है तेरे मन मे। मैंने कहा माँ अब मैं सोफे पर बैठता हूँ और तुम मेरी गोदी मे बैठ जाओ और अपना एक हाथ मेरी गर्दन मे डाल कर मुझसे मम्मे मसलवाने का मजा लो। जब अच्छी तरह से मसलने के बाद तुम्हारी चूचीयाँ रस से भर जायेगी तब मैं अपने मुँह से इस घुडियो को चूस कर और अपनी जीभ से इन गोलाईयो को चाट कर तुम्हारा रस पीयूगाँ।
रीमा बोली ठीक है बेटा जैसा तू बोल वैसे भी इसमे मेरा कुछ काम तो है नही बस मुझे तो आराम से बैठ कर अपने मम्मो को मसलवाना है और उनका जूस निकलवाना है। बाकी काम तो तुझे हि करना है। पर प्यास तो मुझे भी लगी है। तो बैठ जा सोफे पर मैं अपने लिये वाईन लेकर आती हूँ तेरी गोदी मैं तेरा लंड अपने चूतड के नीचे दबा कर बैठुगी और मम्मे मसलवाते हुये वाईन पीयूगी और कभी कभी अपने होठों से तुझे भी पिलाउँगी। और वैसे भी तेरी प्यास तो मेरे मम्मे बुझा देगें। फिर मैं एक आखरी बार उसके मम्मो को मसल कर उठ कर उसके बगल मे बैठ गया और बोला जाओ माँ तुम जाकर वाईन ले आओ मैं सोफे पर बैठता हूँ। रीमा ने कहा नही मैं तुझे ऐसे अकेला छोड कर नही जा सकती। कही मेरे पीछे तू अपने लंड से खेलने लगा तो। मैं नही चाहती तु अपने लंड से खेले। जब तक तू यहाँ है लंड से खेलने का हक सिर्फ मेरा है समझे।
मैंने कहा ठीक है माँ तुम कहती हो तो चलता हूँ। और फिर रीमा ने मेरा लंड अपने हाथो से पकडा और उसको खीचने लगी। उसके खीचने से मैं फट से उठ कर खडा हो गया। फिर वह मुझे मेरे लंड से पकड कर खीचती हुयी फ्रिज की तरफ़ ले चली। और मैं उसके पीछे पीछे किसी पालतू कुत्ते की भाँती चल दिया। फिर उसने लकडी के रैक के पास जाकर उसमे से वाईन का गिलास निकाला। और बगल मे रखे फ्रिज से जूस का डिब्बा निकाल कर गिलास मे जूस भरने लगी। मैंने कहा माँ तुम तो वाईन पीने वाली थी। रीमा बोली बेटा मे वाईन ही पीयूगी। इस जूस के गिलास से तू एक घूंट पी ले फिर मेरे लिये ये वाईन हि बन जायेगा। मैंने उसके तरफ आश्चर्य से देखा तो बोली अरे बेटा अगर कोइ प्रेमी या प्रेमिका किसी भी द्र्व्य को अपनी प्रेमीका या प्रेमी के होठों से छुआ दे तो उसमे इतना नशा भर जाता है की उससे अच्छी शराब और कोई हो ही नही सकती। और क्या तू मेरा प्रेमी और मैं तेरी प्रेमीका नही हूँ क्या।
मैंने कहा हाँ माँ हम प्रेमी प्रेमीका ही है। गिलास मैं जूस भरने के बाद उसने जूस का डिब्बा वापस रख दिया और और जूस का गिलास मुझको पकडा दिया और बोली ले बेटा मेरे इस जूस को शराब बना दे। मैंने रीमा के हाथ से उसके जूस का गिलास ले लिया और उसमे से एक घूंट जूस पी कर गिलास उसको दे दिया। रीमा हाँ अब मेरी वाईन तैयार है। फिर मैं रीमा से बोला चलो माँ चल कर सोफे पर मेरी गोदी मैं बैठो फिर मैं तुम्हारे मम्मो की मालिश करता हूँ। यह कह कर मैंने अपना हाथ उसकी कमर मे डाल दिया और उसको सोफे की तरफ ले चला जैसे की वह मेरी प्रेमीका हो। मेरा मन तो मेरा हाथ उसके चूतडो पर रखने का कर रहा था पर मैंने अभी अपने आप को उसके मम्मो पर ही केन्द्रित रखना उचित समझा।
फिर मैं इसी तरह उसके बदन से अपना बदन सटा कर चलते हुये सोफे के पास तक आ गया। और फिर उसके गाल का चुम्बन लेकर उसकी कमर से हाथ निकाल लिया। और फिर मैं सोफे पर बैठ गया। मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह सीधा खडा था। उसको देख कर रीमा बोली हाय रे तेरा लंड तो जबरदस्त खडा है अगर इस पर मैं बैठूगी तो ये मेरी पैन्टी फाड कर मेरी गाँड मे घुस जायेगा और मेरी गाँड को फाड देगा न बाबा न मैं तो नही बैठती तेरी गोदी मे। मैंने कहा नही माँ अगर तुम मेरे लंड को नीचे कर के अपने भारी चूतडो के नीचे इसको दबा लोगी तो फिर ये तुम्हारी पैन्टी नही फाड पायेगा और तुम्हारी गाँड भी बच जायेगी तुम एक बार बैठ कर तो देखो।
रीमा बोली तू बोलता है तो मैं बैठती हूँ पर मुझे बहुत डर लग रहा है। अच्छा ले मेरा गिलास पकड फिर मैं बैठती हूँ। मैंने रीमा के हाथ से गिलास ले लिया और फिर रीमा ने अपने भारी भरकम चूतड मेरी तरफ कर दिये और अपने हाथ से मेरा लंड पकड कर नीचे कि और दबा दिया और मेरी गोदी मे बैठ गयी फिर उसने थोडा बहुत इधर उधर हिल कर मेरे लंड को अपनी आराम के हिसाब से सेट कर लिया। अब मेरा लंड उसकी गाँड की दरार मे फंस गया था और उसकी भारी चूतडो के दवाब से नीचे दब गया। उसके माँसल नंगे गद्देदार चिकने चूतड मुझे मेरी जाँघो पर महसूस हो रहे थे।
मुझे रीमा के शरीर का भार अपनी जाँघो पर उसके चूतड के जरीये महसूस हो रहा था। उसके चूतडो के स्पर्श से मेरे मस्ती बढ रही थी पर मेरा लंड उसकी गाँड की दरार मे फंसा फडफडा रहा था। फिर इस तरह जब मेरा लंड अच्छी तरह से उसकी गाँड की दरार मे फंस गया रीमा ने अपनी चिकनी पीठ मेरी छाती पर टिका दी और बोली हाय रे मेरे लाल तू ठीक कहता था। तेरा लंड तो बिल्कुल मेरे गाँड से दब गया और मेरे पैन्टी मे छेद भी नही हुआ। फिर उसने अपनी एक बाँह मेरे गले के पीछे डाल दी ऐसा करे से मुझे उसकी काँख के काले लम्बे बालो की एक झलक मिली। बालो से भरी उसकी काँख कि झलक देख कर मन किया कि अपना मुँह उसमे घुसा दूँ पर मैंने अपने आप को रोक लिया।
फिर रीमा ने कहा ले बेटा बैठ गयी मैं अब तू इत्मिनान से मेरे मम्मो को दबा मसल और उन्का जूस निकाल कर पी ला मेरे जूस का गिलास मेरे को दे दे। मैंने जुस का गिलास रीमा को पकडा दिया और उसके मम्मो की तरफ देखने लगा। उसके मम्मे अब मेरे और पास आ गये थे और जैसे जैसे उसकी साँसे चल रही थी उसके मम्मे उपर नीचे हो रहे थे। मैंने अपना एक हाथ बढा कर उसकी कमर के इर्दगिर्द डाल दिया और अपने मुँह कि झुका कर उसके मम्मो कि दरार पर रख दिया और उसके बदन की गंध लेने लगा। फिर एक चुम्बन उसकी दरार का लेकर मैंने अपना हाथ उसके भारी भरकम १ किलो के मम्मे पर रख कर उसको धीरे धीरे मसलने लगा।
रीमा ने अपने जूस का एक सिप लिया और मस्ती भरी निगाह से मेरे को उसके मम्मे दबाते हुये देख रही थी। फिर रीमा बोली दबा बेटा दबा अपनी माँ के मम्मे मजा ले इनका आह ऐसे हि मेरे लाडले ऐसे ही दबा तूने तो मुझे आज महारानी बना दिया अपनी जाँघ पर बिठा कर क्या मजे दे रहा है मुझे। जोर से दबा बेटा इस तरह से धीरे धीरे मसलते हुये तेरे को बहुत देर हो गयी है। जरा इनको जोर से मसल। लगता है तेरे को थोडी ताकत कि जरुरत है मैं देती हूँ तेरे को ताकत। तेरे को अभी मैं जूस पिलाती हूँ अपने मुँह कि लार मिला कर उससे तुझको ताकत मिलेगी। मैंने कहा हाँ माँ मुझको तुम्हारे मुँह के जूस की बहुत जरुरत है। लाओ जल्दी लाओ पिलाओ मुझको अपना जूस।
ये कह कर उसने जूस का एक बडा घूंट भर लिया और अपने मुँह मे लेकर उसको घुमाने लगी जिससे उसका लार भी उस जूस मे मिल गयी। फिर उसने मेरे होठों पर अपने होठ रख दिये और अपने मुँह का जूस मेरे मुँह मे अपनी जीभ की मदद से डालने लगी। मैं उसके लार मिले जूस को धीरे धीरे पीने लगा। इस तरह करते करते रीमा ने अपने मुँह का सारा जूस मुझको पीला दिया। फिर रीमा बोली अब तो कुछ ताकत आयी तेरे मे दबा मेरे चूचीयो मसल के रख दे अपने मजबूत हथो से लाल कर दे इनको रगड रगड कर। फिर मैंने अपना हाथ उसके एक मम्मे के सामने रखा जिससे उसकी घुडी मेरी हथेली के थीक बीच मे आ गयी और अपने पूर हाथ से उसका मम्मा पकडते हुये अपनी पूरी ताकत से मसल दिया जैसे मैं कोई बडा सा नीबूं निचोड रहा हूँ।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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