Monday, February 3, 2014

FUN-MAZA-MASTI भाभी की जवानी में चुदाई-2

FUN-MAZA-MASTI


भाभी की जवानी में चुदाई-2

 भैया जब परिक्षा के बीच  में आ गए उस समय मई का महीना था भाभी ,मुन्नी और मेरी परीक्षाये चालु होने वाली थी भैया के अचानक आ जाने से भाभी  खुस नहीं हुई बल्कि नाराज हो रही थी भैया के ऊपर सुबह करीब  10 बजे दोनों में वाद विवाद होने लगा भाभी कह रही  थी कि मेरा पेपर बिगड़ा तो टीक नहीं होगा तब भैया ने समझाया कि एक ही पेपर तो फँस  रहा है उसके बाद तो मैं चला ही जाउगा तो मैं भी भाभी को समझाया कि भाभी नाराज नहीं पड़िये आप दादा इतनी दूर से आये है और आप है कि नाराज हो रही है तो दादा मेरे ऊपर खुस हो गए बोले ये टीक तो कहता है तब दोनों के बीच सुलह हुई, भाभी ने दिखावटी गुस्सा मेरे ऊपर किया मैं समझ गया जब भैया बाथरूम गए तो भाभी मेरे पास आई  कान में  धीरे से कहा कि नाराज तो नही हो तो मैंने बोला कि आपके ऊपर कभी नाराज नहीं हो सकता हु  तो भाभी कुछ नहीं बोली और इधर -उधर देख कर जब मुन्नी और दादा पास नहीं दिखे तो मुझे किस कर लिया | दोपहर को सभी ने खाना खाया और दादा भाभी आगे के कमरे में सो गए कूलर चलाकर बीच का दरवाजा लगाकर मैं और मुन्नी बीच के कमरे में आपने -सामने चारपाई में लेट गए एक दूसरे को देखते हुए , कुछ देर बाद दादा -भाभी के कमरे से खुसर -पुसर कि आबाजी आने लगी तो मैं समझ गया कि दादा कई महीनो बाद भाभी से मिले है इस कारण दिन में ही चुदाई का प्रोग्राम बना लिया तो मैं दरवाजे के बीच में गैप से झाकने लगा तो देखा कि भाभी और दादा बिस्तर पर नंगे पड़े हुए थे दादा भाभी को किस कर रहे थे मुन्नी मेरी ये हरकते देख रही थी मुन्नी ने धीरे से सी सी कि आवाज दिया तो मैंने मुन्नी कि तरफ देखा तो हाथ से इसारा करके पूछती है कि क्या देख रहे है तो मैंने मुन्नी को इसारे से बताया तो कुछ देर बाद मुन्नी भी पास गई और दरबाजे के नीचे गैप से ओ भी झाकने लगी और मैं ऊपर के गैप से झाकने लगा और हम दोनों ने [मुन्नी और मैं] 10 मिनट तक पूरी लाइव चुदाई देखी जब दादा भाभी कपडे पहनने लगे तो हम दोनों अपने अपने बिस्तर पर लेट गए और गहरी नीद में सोने का नाटक करने लगे दादा भाभी दबे पाँव निकलकर गए और पेसाब करके वापस आ गए और दरवाजा बन्द कर लिया तब मैंने आँखे खोली तो देखा कि मुन्नी मेरी तरफ देख रही थी पर मेरे नजर पड़ते ही मुन्नी दूसरे तरफ देखने लगी तो मैं समझ गया कि मुन्नी सरमा रही है तो मैंने कागज कि गोली बनाया और मुन्नी कि तरफ उछाल कर मारा जो मुन्नी के गर्दन में लगी तो मुन्नी मेरी तरफ देखी पर कुछ बोली नहीं और करवट बदल कर सो गई मैं भी कुछ देर में सो गया करीब 5 बजे नीद खुली तो दादा भाभी के कमरे से कुछ आवाज आ रही थी तब मैं फिर झाकने लगा तो देखा कि चुदाई आखिरी स्टेज में थी मैंने मुन्नी का कंधा पकड़ कर झकझोर दिया तो मुन्नी हड़बड़ा कर उठी और मेरे तरफ देखने लगी तो मैंने मुन्नी को इसारा करके बताया तो मुन्नी जल्द से उठी और झाकने लगी दरबाजे के गैप में से भाभी के मुह से उ उ उ उ आह आह आह आह आह सी सी सी सी उग इफ उफ़ उफ़ अ आ आ आह कि आवाजे आ रही थी दादा जोर जोर से झटके मार रहे थी फिर दोनों चिपक कर लेट गए मैं समझ गया कि दोनों स्खलित होचुके है इस बार भाभी को जयादा मजा आया मुझे ऐसा लगा , मैं और मुन्नी वापस अपने अपने बिस्तर में लेट गए कुछ देर में दरबाजा खुला और भाभी निकली और फिर से दरबाजा लगा कर बाथरूम में घुस गई और जब वापस आई तो मेरे गालो पर हाथ घुमाया जब मैंने आँखे खोली तो कान में धीरे से बोली कि उठिए कब तक सोयेगे तो मैं आलस का नाटक करते हुए उठा और बैठ गया तब भाभी मुन्नी के बिस्तर पर बैठ गई और बोली कब तक सोयेगी तू , पढ़ने आई है या सोने और फिर हाथ पकड़ कर उठाया और बोली चल उठा पढ़ाई कर तेरा पहला ही साल है कालेज का फेल हो गई तो चाचा जी पढ़ाई बंद करवा देगे तब मुन्नी भी उठ गई और भाभी किचेन में घुस गई चाय बनाया हम सभी ने चाय पीया तब तक 6 बज गए दादा और भाभी दोनों मार्किट चले गये अब मैं और मुन्नी बचे कमरे में अकेले मुन्नी बोली जीजू गर्मी बहुत है मैं नहा ल तो मैंने वोला नहा लो गंगा मैया का पानी बहुत है पटना में कोई कमी नहीं है तोमुन्नी बाथ् रूम में घुस गई  नहाने के लिए तब तक मैंने मोका देख कर मुन्नी कि बनियान [ब्रा नहीं लड़किया बनियान पहनती है नीचे ] को छिपा दिया जीससे मुन्नी बिना बनियान के सूट पहन ले ऐसा ही हुआ मुन्नी जब नहा कर निकली तो मुझे आवाज दिया और बोली जीजू आप किधर है मुझे कपडे पहनना है तो मैं बोला कि टीक है आप पाहल लो कपडे मैं बाहर चला जाता हु तो मुनि कमरे के अंदर आई और माइन बाहर चला गया जब मुन्नी ने कपडे पहन लिया तो आवाज लगाईं तो मैं अंदर आ गया मेरी चाल कामयाब रही मुन्नी बिना बनियान के सूट पहन रखी थी इस कारम मुन्नी कि चुचियो कि उठी हुई निप्पल साफ़ साफ़ दिख रही थी मैं एक टक मुन्नी कि तरफ देखने लगा तो मुन्नी मेरे तरफ सरमाते हुए देख कर बोली ''क्या देख रहे है जीजू '' तो मैंने मुन्नी से कहा ''  कि आप कितनी खूबसूरत है '' तो मुन्नी ने कहा कि '' नहीं तो मैं तो सिंपल हु '' तो मैंने कहा कि ये तो आपको लगता है कि आप सिंपल है पर है  बहुत सुन्दर तो मुन्नी फिर से सरमा गई कुछ नहीं बोली तब मैंने फिर से तारीफ किया तो बोली कि आब भी बहुत सुन्दर लगते है जीजू तो मैंने तपाक से बोला कि सादी करोगी तो सरमाते हुए बोली '' ये तो मम्मी पापा जाने '' तो मैं बोला कि ''आपकी क्या इच्छा है '' तो मुन्नी बोली कि '' आप में क्या कमी है  आपसे तो कोई भी लड़की सादी करने से मना नहीं करेगी '' मैं फिर से बोला कि '' आप करोगी क्या सादी '' तो बोली कि '' मम्मी पापा करेगे तो  '' तो मैंने बोला कि यदि ममी पापा ने मन क्या तो मुन्नी बोली '' नहीं करुँगी मम्मी पापा का दिल नहीं दुखाओगी '' तो मैंने बोला कि मेरे में कोई कमी नहीं है तब भी आप ऐसा कह रही हो '' तो मुन्नी बोली '' आप बहुत सुन्दर ,सुशील है अच्छे घर से है पर मम्मी पापा के बिना कर सकती हु आप मम्मी पापा से बात करिये ना '' तो मैंने बोला ''टीक है '' ये बाते अभी तक खड़े खड़े हो रही थी मैं बिस्तर पर बैठ गया तो मुन्नी भी बैठ गई अपने बेड पर साम को 7 बज रहे थे अन्धेरा होने लगा मैंने लाइट जला दिया इतने में मुन्नी एक किताब लेने के लिए झुकी तो सूट के गले से मुन्नी कि चुचिया दिखाई लगी  लगा कि मुन्नी कि चुचियो को दबा दू पर हिम्मत नहीं जुटा पाया मुन्नी किताब लेकर बैठ गई और कुछ पढने लगी तब मैंने बात को छेड़ दिया मुन्नी से पूछा कि जो कल भैया भाभी कर रहे थे ओ देखकर कैसा लगा तो मुन्नी ने पहले तो कुछ नहीं कहा बाद में समरमाते हुए बोली कि दीदी कैसा कैसा मुह बना रही थी , दीदी ऐसा क्यों कर  रही तो मैंने बताया कि भाभी को अच्छा लगा होगा तो मुन्नी ने पूछा कि आपको कैसे पता कि अच्छा लगा होगा आपने कभी किसी के  है कभी तो मैंने मुन्नी को बोला कि नहीं किया नहीं है पर किताब में पढ़ा है कि बहुत अच्छा लगता है ऐसा करना तो मुन्नी ने पूछा कौन से किताब में आपने पढ़ा है मुझे भी बताये ना तो मैंने एक सेक्सी मनोहर कहानिया कि पत्रिका दिया जो छिपा कर रखा था मुन्नी उस पत्रिका को पढने लगी बड़े चाव के साथ और मुन्नी बिना पलक झपकाए 8 बजे साम तक पढ़ती रही तब मैए मुन्नी को टोका और बोला कि रात के 8 बज गए है रख दो भाभी आती होगी तो मुन्नी मेरी तरफ नशीली आँखों से देखते हुए जोर से लम्बी सास लिया तो मुन्नी कि चूची ऊपर कि और उठी और फिर नीचे आई उस समय मुन्नी कि चूची बहुत ही सेक्सी लगी मुझे फिर मुन्नी मुस्कुराते हुए पत्रिका को रख दिया गद्दे के नीचे साम को 9 बजे के आस पास दादा -भाभी आ गए आते ही भाभी ने कपड़ा उतारा और किचेन में घुस गई खाना बनाया 10 बजे तक हम सभी  खाना खा लिया और दादा भाभी  कमरे के अंदर हो गए दरवाजा  लगा लिया और मुस्किल से 15 मिनट बाद ही कमरे से आवाज आने लगी मैंने दरबाजे कि दरार से  झाकने लगा कुछ मिनट बाद मुन्नी को इसारा किया तो ओ भी आ गई और देखने लगी सांसे थामकर आज पहली बार भाभी दादा को चोद रही थी भाभी दादा के ऊपर चढ़ी थी और ऊपर -नीचे होकर बार बार कूद रही थी भाभी कि चुचिया कूद कूद कर दादा को खूब मजे दे रही थी 


मुन्नी से लिपटकर कुछ इस तरह से चूची को दबा दिया
दादा बार बार भाभी कि बूब्स दबाते भाभी खूब मजे से चोद रही थी ये सब नजारा मुन्नी भी बड़े चाव से देख रही थी अब मेरे से  कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने मुन्नी कि दाई चूची को दबा दिया तो मुन्नी  पकड़ कर झटक दिया और कड़ी हो गई तो मैंने फिर से मुन्नी कि चूची को दबा दिया मुन्नी ने फिर से हाथ झटक दिया फिर भी मैं  नहीं माना और मुन्नी से लिपट गया और होठो को किस कर लिया और सूट में गले के पास से अंदर हाथ दाल कर चूची को फिर से दबाये रखा कुछ देर तक और किस भी करता रहा मुन्नी ने दो तीन बाए हाथ निकालने कि कोशिश किया पर मैंने हाथ नहीं निकाला और हलके हलके हाथ से चुचियो को दबता रहा होठो को किस करता रहा अब मुन्नी का बिरोध ख़त्म हो गया और धीरे से कापती हुई आवाज में बोली '' हो गया अब छोड़िये दीदी आ जायेगी '' तब मैंने मुन्नी को छोड़ दिया और फिर से झाकरा देखा तो दादा और भाभी कपडे पहन रही थी मैं मुन्नी को इसारा किया और जल्दी से लेट गया बिस्तर पर एक चादर ओढ़कर करीब 7 मिनट बाद दरबाजा खुला भाभी मेरे तरफ देखते हुए निकल गई दादा तो सामने के तरफ खुले मैदान में चले गए थे भाभी पेसाब कर के आई और फिर से कमरे में चली गई और दरबाजा लगा लिया और लाइट भी बंद हो गई कमरे कि मैं भी सोने का प्रयास करने लगा पर गर्मी बहुत थी तो मैं  करीब 11 बजे अपना गद्दा ,तकिया और चादर लेकर छत पर जाने लगा सोने के लिए तो जाते जाते मुन्नी को भी इसारा किया कि चलो छत में यहाँ बहुत गर्मी  है [छत में जाने का रास्ता किचेन के पास से आगन में से है] तो मुन्नी ने कुछ नहीं कहा तो मैं छत पर चला गया और बिस्तर पर सोने का प्रयाश करने लगा पर मुन्नी कि खूबसूरत चेहरा और सेक्सी और मुलायम चुचिया याद आने लगी नीद नहीं आ रही थी मैं बार बार करवट बदलता करीब 12 बजे मैं फिर से नीचे गया तो देखा कि मुन्नी जाग रही है तो मैंने मुन्नी का हाथ पकड़ा पर उठाया और बोला चलो छत में सो जाओ  गर्मी लग रही होगी तो मुन्नी बोली कि टीक है आप जाओ मैं आती हु करीब 10 मिनट बाद मैंने देखा कि मुन्नी भी अपना बिस्तर लेकर पास में ही बिछा लिया मैं तो जाग रहा था पर गहरी नीद में सोने का नाटक करने लगा मुन्नी बिना चादर ओढ़े ही लेटी थी ,चांदनी रात में मुन्नी का खुबसुरत गोरा सा चाँद से चेहरा स्पस्ट दिख रहा था मैं मुन्नी कि तरफ बीच बीच में आँख खोलकर देखता एक बार मैंने देखा कि मुन्नी भी मेरी तरफ देख रही है तो मैंने मुन्नी से बोला ''मुन्नी जी नीद नहीं आ रही है क्या '' तो मुन्नी बोली ''हां जीजू नीद गायब हो गई '' तो मैं बोला ''चलो बाते करते है बाते करते करते नीद आ जायेगी'' तो मुन्नी ने कहा कि '' क्या बात करू '' तो मैंने बोला  '' जो आपको अच्छा लगे ''तो पहले करीब 10 मिनट तक इधर उधर कि बाते किया मुन्नी ने फिर अचानक बोलती है '' जीजू ये दीदी आवाज क्यों निकाल रही थी '' तो मैं बोला कि '' उन्हें बहुत मजा आ रहा था इस कारण आवाज निकाल रही थी '' तो मुन्नी ने फिर से कहा '' सच्ची -मुच्ची इतना मजा आता है '' तो मैंने बोला ''आता होगा '' तो मुन्नी ने फिर से कहा कि ''जीजू आपने ये मजा लिया कभी '' तो मैंने बोला ''नहीं '' तो मुन्नी ने फिर से कहा कि ''क्यों '' तो मैंने बोला कि ''अभी तक सादी  कहा हुई '' फिर मुन्नी ने कहा कि '' सादी  के बाद ही ये मजे लेने चाहिए '' तो मैंने तपाक से कहा '' कोई जरुरी नहीं है '' तब मुन्नी ने कहा कि '' फिर आपने क्यों नहीं लिया ये मजा '' तो मैंने तुरंत बोला '' ये मजा लेने के लिए कोई लड़की या ओरत चाहिए '' तो मुन्नी कुछ नहीं बोली ओर चुपचाप मेरी तरफ देखने लगे तो मैंने बोला '' क्या हुआ क्यों चुप होगई '' तो मुन्नी कहती है कि '' दीदी कितनी भगयसाली है '' तो मैंने बोला '' क्यों '' तो मुन्नी कहती है कि '' दीदी को ये मजा मिलता है '' तो मैने बोला ''इसमें भाग्य वाली बात कहा से आ गई ये तो मजे आप भी ले सकती है '' तो मुन्नी फिर से चुप हो गई और मेरी तरफ देखने लगी तो मैं उठकर मेरे बिस्तर को मुन्नी के बिस्तर से सटा  लिया तो मुन्नी कुछ नहीं बोली तो मैंने मुन्नी को अपने ओर खीच  कर किस कर लिया और चूची को दबा दिया तब भी मुन्नी कुछ नहीं कही मैं समझ गया कि आज मुन्नी कि चुदाई कि जा सकती है मैं बार बार किस करने लगा तो मुन्नी ने कहा कि '' दीदी आ जायेगी '' तो मैंने बोला कि ''ओ दोनों इतने थक गए है कि सुबह नीद खुलेगी दोनों की '' तो मुन्नी ने कहा कि '' नहीं रहने दीजिये दीदी आ गई तो डाट पड़ेगी '' तो मैंने बोला ''टीक है मैं दरबाजा लगा देता हु बाहर से '' और तुरंत उठा और नीचे जाकर किचेन का दरबाजा बाहर से लगा दिया और आँवले के तेल कि सीसी साथ लेता आया छत पर  ओर् मुन्नी के पास लेट गया और मुन्नी को किस करने लगा और हलके हलके हाथ से चूची को सहलाने लगा सूट के अंदर  हाथ डालकर मुन्नी ने कोई बिरोध नहीं किया और कुछ देर बाद मुझे किस किया और मेरे कंधे पर हाथ रखकर कंधे को दबाया मैं समझ गया कि मुन्नी अब धीरे धीरे गर्म पड़ेगी , अब मैं मुन्नी के सलवार का नाडा खोलने लगा तो गाठ नहीं खुल रही थी तो मुन्नी को बोला कि ''आप  खोल् दो ना नाडा '' तो मुन्नी ने फिर से मना किया और बोली '' जीजू कही गड़बड़ ना हो जाए '' तो मैंने मुन्नी से पूछा कि ''महीना कब हुई थी ''तो बोली ''बस दो तीन दिन में होने वाली हु '' तो मैंने बोला कि ''चिंता कि कोई बात नहीं बच्चेदानी का मुह बंद हो
मुन्नी कि चुचिया १००% ऐसी ही है छोटी छोटी बिना लटकी हुई

गया है '' तो मुन्नी बोली कि ''आपको कैसे पता ''तो मैंने जबाब दिया '' किताब में पढ़ा है महीन होने के बीस दिन बाद बच्चेदानी का मुह बन्द हो जाता  है और गर्भ नहीं रुकता '' तो मुन्नी संतुष्ट हो गई और अपने सलबार का नाडा खोल दिया तो मैंने सलवार और पैंटी को अलग कर दिया और फिर सूट को भी उतार दिया अब मुन्नी मेरे सामने एक दम नंगी पडी थी मैंने भी अपनी लुंगी और बनियान उतार दिया और मुन्नी की बुर पर हाथ घुमाया तो देखा कि मुन्नी कि बुर पर बड़ी बड़ी झांठ उगी थी तब मैंने मुन्नी से पूछ लिया '' कभी सफाई नहीं करती हो क्या ' तो मुन्नी बोली '' कैसे करू '' तो मैंने बोला '' हेयर रिमूवर क्रीम से किया करो ना ''तो मुन्नी ने कहा कि '' ये क्या होता है '' तो मैंने बताया कि '' इसे लगा लो तो कुछ देर में सारे बाल साफ़ हो जायेगे '' तो मुन्नी बोली '' कल आप ला देना तो कर लुंगी '' ये बाते करते करते मैं मुन्नी कि जांघो को सहलाने लगा और चूची को जीभ से चाटने लगा मुन्नी भी अब मेरी होठो किस करने लगी और गाल पर गाठ घुमाने लगी ,मैं मुन्नी के  बुर कि छेद को तलासने लगा जो बालो से ढकी हुई थी थोड़ा सा छेद दिखा चाँद के उजाले में तो मैंने बीच वाली ऊँगली को बुर में डालने लगा तो मुन्नी ने हाथ पकड़ लिया तो ऊँगली को हटा लिया और बुर को किस करने लगा और जीभ से चाटने भी लगा तो एक बाल मुह के अंदर चला गया तो उसको निकाल दिया और बुर को फिर से चाटने लगा मुन्नी जैसे जैसे गर्म पड़ रही थी वैसे वैसे उसका हाथ मेरे शरीर पर घूमने लगा और धीरे से मुन्नी ने मेरे लम्बे और मोटे लण्ड को पकड़ लिया और चढ्ढी को खिसकाने लगी तो मैंने चढ्ढी को उतार दिया तो मुन्नी ने लण्ड को देखा और बोली ये तो बहुत बड़ा और मोटा है और लण्ड कि किस कर लिया उधर मैं मुन्नी कि चूत चाटता रहा मुन्नी पूरी तरह से चुदाने के लिए तैयार हो गई तो मैं मुन्नी की चूची पर हलका सा तेल डाल दिया और चुचियो को सहलाने लगा जांघो पर हलके हलके तेल डालकर जांघो कि मालिस करने लगा फिर चूत में तील डालकर चूत को चिकनी कर लिया और अपने लण्ड पर भी तेल लगा कर चिकना कर लिया मुन्नी कि चुचियो कि निप्प्ल एकदम से टाइट पड़ गई, मुन्नी मुझे अपनी तरफ खीचने लगी तब मैं मुन्नी कि चूत के मुह पर लण्ड को रखा तो चूत  कि मुह बहुत कम खुला था फिर भी मैंने लण्ड को धीरे धीरे घुसाने लगा तो मुन्नी को दर्द हुआ तो ओ मुझे ठेल कर किनारे कर दिया और उठ कर बैठ गई और बोली दर्द हो रहा है तो मैंने मुन्नी के  फेरते हुए समझाया कि स्वर्ग के शैर और स्वर्ग के मजे लेने के लिए  थोड़ा सा दर्द सहन कर लो सुरु  होगा बाद  आयेगा और झुककर मुनि कि चूत को फिर चाटने लगा इस बार पूरी कि पूरी जीभ को घुसा कर अंदर तक चाटने लगा तो मुन्नी कि चूत गीली पड़ गई और मुन्नी मेरे सर को हटाने लगी तो मैंने मुन्नी को फिर से बिस्तर पर लिटा दिया और एक ढक्कन तेल निकालकर मुन्नी कि चूत में डाल दिया और आधा ढक्कन तेल अपने लंड पर डालकर लण्ड को खूब चिकना कर लिया और धीरे धीरे मुनि कि चुचियो को सहलाते हुए मुन्नी के ऊपर झुक गया और इधर जीभ को चूसने लगा मुन्नी भी मेरे गालो पर हाथ ,कमर पर हाथ पीठ पर हाथ घुमाती और मेरी जीभ  को
मुन्नी को पहली बार ऐसे चोदा
मुह के अंदर लेकर चुस्ती उधर मैं धीरे धीरे लण्ड को डालने लगा और पूरा लण्ड तो नहीं घुसा पर आधे से ज्यादा घुस गया तो मैं लण्ड को धीरे धीर आगे -पीछे करने लगा मुन्नी भी अब निडर लग रही थी पर लण्ड  ठेलता तो मुझे रोक लेती मैं समझ गया लण्ड को पूरा घुसने के लिए जगह नहीं मिल रही है तो मैंने मेरी तकिया लिया और मुन्नी के कमर व चूतड़ो के नीचे रख दिया ,और बड़े प्यार से मुन्नी को किस करते करते एक झटका मारा और पूरा क पूरा लण्ड अंदर घुस गया तो मुन्नी के मुह से हलकी सी चीख निकल गई तो मैंने जल्दी से मुह को दबाकर चीख को रोक लिया और मुन्नी के गाल पर हाथ घुमाते हुए किस करने लगा और मुन्नी को जोर से चिपका लिया मुन्नी आह्ह ह्हह्हह  आआह्हह्हह्हह्ह कि दर्द भरी आवाज निकाल रही थी तो मैंने मुन्नी को समझाया कि अब नहीं होगा दर्द अब तुम्हारी बुर कि झिल्ली फट चुकी है , तो मुन्नी ये सुनकर घबरा गई और बोली ''फट गई '' अब क्या होगा तो मैंने मुनि को
मुन्नी कुछ इस तरह से जीभ से जीभ टकराती और चूसती
बताया कि बुर नहीं फटी बल्कि बुर के अंदर कि झिल्ली फटी है तो मुनि न कहा कि ये झिल्ली क्या होती है तो मैंने मुन्नी को बोला कि बाद में बताउगा तो मुन्नी ने फिर से कहा कि ''कोई डर कि बात तो नहीं ''तो मैंने समझाया कि ''नहीं कोई डर वाली बात नहीं है'' और फिर लण्ड को आगे पीछे करने लगा मुन्नी बार बार किस करती और मुन्नी के चेहरे से लगने लगा कि मुन्नी को ये झटके अच्छे लग रहे है अब मुन्नी मुझे किस करती बार बार और मैं अब झटको कि स्पीड और प्रहार  बढ़ा दिया मुन्नी के चेहरे को देखने से लग रहा था कि मुन्नी खूब मजे ले रही है मुन्नी अपने होठो को अपने दाँतो से दबाती और मजे लेते लेते आँखे बंद कर लेती कभी कभी जीभ को बाहर कि तरफ निकालती और आह आह आह आह आह मुन्नी की चूत में लण्ड खूब टाइट लग रहा था जैसे कभी कभी मुठ मारता हु तो हाथ के दबाब से थोड़ा कम दबाब मुन्नी लण्ड कि ठोकर  से 
आ आ आ आआअ आआ आ आअ आआ आअअस्स अस् स्स् स् स्स्स्स

  आ आ आ आआअ आआ आ आअ आआ आअअस्स अस् स्स् स् स्स्स्स अस्स्स्स् स्स्स् स्स उ उउ उउ उऊ ऊऊ आ आ आह आह उ उउउ सी सी कि आवाज निकलती रही और मैं  जोर जोर से झटके मारते रहा मुन्नी कि छोटी छोटी चुचिया इधर उधर हिलती रही कभी कभी मुन्नी अपनी चुचियो को  ही दबाती तो कभी मैं थोड़ा थोड़ा तेल डालकर चुचियो को सहलाता मुन्नी आ आ आआआअ आआआआअ आआआअ अस्स अस्स्स्स्स्स्स्स अ स्स्स्स् स्स्स् स्स उ उ उउ उ उऊ ऊऊ आ आ आह आह उ उउउ सी सीसी सीईई ईईईई सीईए आह्हह्हह्हह कि जोर जोर से आवाज निकालती और मैं चुदाई कि गति बढ़ा दिया मुन्नी मुझे अपनी तरफ खीच कर चिपका लिया और मेरे कमर में कर जोर से चिपक गई और मेरी जीभ को इतने जोर जोर से चूसने लगी कि लगता था जीभ को पूरा निगल जायेगी और अचानक मुन्नी ठंडी हो गई और मेरी तरफ देख कर अपने मुह को सलबार से ढक लिया मैं समझ गया मुन्नी स्खलित हो चुकी है पर मैं वीर्य स्खलन के नजदीक पहुच गया था और जल्दी जल्दी झटके मारकर थक्केदार गाढ़ा वीर्य मुन्नी कि चूत में प्यूरी ताकत लगाते हुए उड़ेल दिया  और मुन्नी के ऊपर लेट गया और चुचियो को मुह में ड़ाल लिया और चूसने लगा मुन्नी अभी भी सलवार से अपना मुह ढाँक रखा है 1 मिनट बाद मुन्नी ने अपने दोनों हाथो को मेरे सीने पर  लगाया और उठाने लगी तो मैं उठ गया और लण्ड को बहार किया तो देखा कि मुन्नी कि चूत से खून मिक्स होकर वीर्य बाहर कि ओर बहनें लगा मुन्नी खून को देखकर घबरा गई तो मैंने उसे समझाया कि तुम्हारी बुर के अंदर कि झिल्ली फटी है उसका खून है घबराओ नहीं तब मुन्नी उठी और मेरी लुंगी से अपनी चूत को साफ़ किया कपडे पहना और छत में ही पाइप के पास जाकर पेसाब किया और मेरे पास आकर लेट गई करीब 10 मिनट बाद उठी और नीचे जाने लगे कमरे में तो मैंने पूछा कि नीचे क्यों जा रही हो
मुन्नी कि चुचिया ब्रा में इस तरह से दिखती थी
यही सो जाओ ना तो बोली कि सुबह दीदी आ गई तो उसे पता चल जायेगा तो डाट पड़ेगी तो मैंने कहा कि गर्मी बहुत है यही लेटी रहो तब भी मुन्नी नहीं मानी और नीचे चली गई और सो गई मैं छत पर सो गया सुबह 6 बजे जब धुप निकल गई तो भाभी आई  चद्दर खीच  लिया
और गाल पर किस करके उठा दिया तो मैंने भी भाभी को  गोद में गिरा लिया और बूब्स दबाते हुए किस कर लिया तो भाभी सीढ़ी कि तरफ देखी और एक किस करके  चली गई मैं  कुछ देर बाद अपना बिस्तर समेटा और नीचे चला गया , दादा कमरे में पेपर पढ़ रहे थे, भाभी बाथ - रूम में थी , मुन्नी किचेन में चाय  बना रही थी मुझे देख कर सरमाते हुए नजरे नीची कर लिया तो मैं मुन्नी के पास गया और किस करने लगा तो मुन्नी ने मुह को नीचे छिपा लिया जांघो के बीच में तो मैं बिना किस किये चला आया कुछ देर बाद मुन्नी चाय लेकर आई उस समय दादा भाभी पास ही बैठे हुए थे दादा ने मजाक करते हुए भाभी  से बोला 'इसे [मुन्नी] भी लाओ अपने घर ' तो भाभी ने कहा कि दोनों कि ''जोड़ी अच्छी है लाओ ना आप '' तो दादा ने मुन्नी से बोला '' क्यों मुन्नी आओगी मेरे घर '' तो मुन्नी ने कुछ नहीं कहा और सरमाते हुए चली गई किचेन में तब भाभी ने मुन्नी को बुलाया और बोली '' यही बैठकर चाय पी न '' तो मुन्नी जमीन में  बैठ कर चाय पीने लगी तो मैंने मुन्नी का हाथ पकड़कर उठा दिया और बोला  बराबरी  बैठिये नीचे बैठना अच्छा नहीं लग रहा है तो मुन्नी भाभी  के पास जाकर बैठ गई और चाय पीने लगी फिर बारी बारी  से सभी ने नहाया और खाना खाया तब तक 11 बज गए मुन्नी को बाजार से कुछ लेना था तो भाभी से बोली '' दीदी छोटे जीजू को मेरे साथ भेज दो ना बाजार '' तो भाभी ने मुझसे कहा कि चले जाओ बबुआ जी तो मैं और मुन्नी तक पैदल आये और वहा से रिक्सा बाजार चले गए बाजार में मुन्नी ने एक ''पैंटी और 30 नम्बर कि ब्रा '' लिया पर हेयर रिमूवर क्रीम मागने में सरमा रही थी तो मुझे बोली तब मैंने दूकान वाले से हेयर रिमूवर क्रीम लिया और बाजार में एक जगह  पार्क में कुछ देर तक बाते किया पर तेज लू बहने लगी तो हम दोनों वापस आ गए करीब 1 बजे तक रस्ते में मैंने मुन्नी से पूछा कि ये ब्रा क्यों पहनोगी अभी तक तो बनियांन पहनती थी तो मुन्नी ने कहा कि एक दिन दीदी कि ब्रा पहनकर देखा तो बहुत अच्छा इस लिए ले लिए | जब हम कमरे के सामने पहुचे तो देखा कि दरबाजा बंद था कुछ देर में 

दरवाजा खुला तो भाभी  कि हालत देख कर मैं समझ गया कि ये खूब चुद चुकी है आज अकेले में , मैंने धीरे से एक आँख दबाया तो भाभी  हलकी से मुस्कुराई मैं अंदर आ गया मुन्नी भी आ गई , दादा भाभी फिर से कमरे के अंदर होगये एक तरफ मुन्नी और मैं | मुन्नी धीरे से बोली जीजू कैसे करते है बाल साफ़ तो मैंने मुन्नी को बोला कि बाथरूम में चलो तो मुन्नी बाथरूम आ गई तो मैंने मुन्नी को बोला कि हाथ ऊपर करो ,मुन्नी ने जब हाथ ऊपर किया तो मुन्नी कि '' कखोरी '' में क्रीम लगा दिया और बोला कि 5 मिनट बाद कपड़ा लेकर हलके से साफ़ कर देना ,इतना कहकर मैं अंदर आ गया करीब 15 मिनट बाद मुन्नी आई और मुझे अपनी ''काखौरी'' दिखाया जो एक दम से क्लीन  हो गई थी , मैंने काखौरी कि किस कर लिया और मुन्नी को उसकी बुर कि तरफ इसारा  करके पूछा तो न में सर हिला दिया तो मैंने फिर धीरे  से बोला कि जाओ उसे भी कर लो तो बोली कि रात में सोते समय कर लुंगी तो मैंने बोला टीक है और मुन्नी अपने बेड पर सो गई मैं आपने  बेड पर सो गया एक दूसरे कि तरफ देखते हुए , साम को करीब 5 बजे नीद खुली तो देखा कि मुन्नी अभी भी सो रही है तो मैंने धेरे से मुन्नी को किस कर लिया तो ओ जाग गई और उठकर बैठ गई और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी इतने में भाभी ने दरवाजा खोला तो मुन्नी तुरंत दूसरी तरफ घुम कर सोने का नाटक करने लगी कुछ देर में दादा भी उठ गए भाभी ने सभी के लिए सरबत बनाया सरबत पीते पीते बाते होने लगी बात करते करते कब शाम  को 7 बज गए पता ही नहीं चला बात बात में दादा भाभी कि 9 से 12 सो देखने का प्लान बन गया मुन्नी और मुझे भी बोला तो मुन्नी हस्ते हुए दादा से बोली ''जीजा जी दाल -भात में मूसल चंद क्यों जाए '' तो दादा हसने लगे और बोले नहीं जाना है तो मत जाओ पर ऐसा नहीं बोलो मुन्नी ,मुन्नी कि भी इच्छा नहीं थी जाने की रात में 8 बजे तक खाना खा कर दादा -भाभी तैयार हो गए और 8.30 तक दोनों निकल लिए कमरे से | 
                          अब मैं और मुन्नी अकेले बचे कमरे में  जैसे ही दादा भाभी कमरे से बाहर  जाकर रिक्से में बैठे मैंने तुरंत ही दरवाजा लगाया और कूलर ऑन कर लिया जिससे हमारी आवाज बाहर नहीं जाए , मैंने मुन्नी को आवाज दिया तो मुन्नी बाथरूम में थी बहार  पास आई तो मैंने मुन्नी को कहा कि ब्रा और पैंटी पहन कर दिखाओ तो मुन्नी पहले सरमाई दो तीन बार कहा तो ब्रा और पैंटी पहन कर आ गई तो मैं मुन्नी को पकड़ कर चूम  लिया और मुन्नी को बोला कि नीचे कि भी सफाई कर लो तो मुन्नी बोली टीक है मैं कर लेती हु और बाथरूम कि तारफ जाने लगी तो मैंने बोला यही कर लो तो बोली छि कैसे बात करते हो जीजू छि और बाथरूम में चली गई और दरवाजा लगा लिया तो मैं पीछे पीछे पहुच गया और बोला खोलो दरवाजा तो पहले सरमाई बाद में दरवाजा खोल दिया मुन्नी नंगी खड़ी थी तब मैंने मुन्नी का हाथ पकड़ कर बहार खीचा और बोला कि लाओ मैं लगाकर साफ़ कर देता हु तो मुन्नी बाहर आ गई तो मैं मुन्नी को गोद में उठा लिया और कमरे  आया बिस्तर पर लिटा दिया और सेविंग बॉक्स निकलकर उससे कैची निकाला और मुन्नी कि बड़ी बड़ी ' झाट ' को पहले कैची से काट दिया और फिर बाद में क्रीम लगाकर छोड़ दिया 8 मिनट तक [इसी 8 मिनट में मुन्नी को सम्भोग के लिए तैयार कर लिया] मिन्नू को किस करने लगा चुचियो को हलके हलके हाथ से तेल लगाकर मालिस करने लगा 8 मिनट बाद एक कपड़ा लिया और हलके से बाल को साफ़ कर दिया अब मुन्नी कि चूत एक दम से चिकनी हो गई तब एक गीला कपड़ा लिया और चूत  को पानी से साफ़ कर दिया क्रीम निकल गई तब मैं मुन्नी कि चूत को चाटने लगा तो मुन्नी गरम पड़ गई और मेरे लण्ड को पकड़ लिया और दबाने लगी मुझे किस करने लगी मैं सोच लिया कि आज मुन्नी कि ऐसी चुदाई करुगा कि ये कभी नहीं भूले ये सोच कर मैं एक चारपाई को उठा दिया जमीन से और जमीन पर बिस्तर लगा लिया जितने भी गद्दे थे सभी को जमीन पर बिछा दिया और एक चादर डाल दिया बिस्तर खूब गुलगुला मुलायम बना लिया जिससे घुटनो में दर्द नहीं हो जब तक मैं ये सब करता रहा इस काम में मुन्नी भी हाथ बटा रही थी नंगी होकर जब बिस्तर लग गया
मुन्नी कि चूत को इस तरह से चाटा
तो मुन्नी को उठा लिया पकड़ कर और गोद में खिलाने लगा क्योकि मुन्नी का बजन ज्यादा से ज्यादा 40 किलो के आसपास रहा होगा | मुन्नी को बिस्तर में घुटनो के बल खड़ा कर दिया और मैं मुन्नी कि चूत को जांघो के बीच से चाटने लगा मुन्नी मेरे दोनों हाथ कोपकड़ कर चूत  को बड़े आराम से चटाती रही मैं चाटता रहा मुन्नी जब खूब गरम पड़ गई तो मेरे मुह पर बैठ ही गई तो मैंने मुन्नी को घोड़ी कि तरह खड़ा कर दिया और लण्ड को मुन्नी कि चूत में पेल दिया इस बार लण्ड आराम से घुस गया फिर भी मैं चिकनाहट लाने के लिए एक ढक्कन तेल आंवले का तेल डाल दिया चूत में और फिर झटके मरने लगा मुन्नी खूब प्यार से झटके  खाती रही और मून से आ आ आह आह आह आह उ उ उ उ आक आ आ आ अ अ अ आए आ आए आआ आआआअ आआआआह आह आआआआहहह् ह्ह्हहह ओ ऊऊऊऊ ओऊ ओऊ आ आह आह सी सी स्स्स् स्स् स् स् स्स्स आह

आह् हह् ह ह्हह आह कि कि आवाज निकालने लगी मैं मुन्नी को झटके मरता रहा करीब 7 मिनट तक झटके  खाने के बाद मुन्नी को कमर हाथ डालकर उठा लिया तो मुन्नी ने मेरे दोनों बाहो को कस कर पकड लिया तो  को झूला- झुला झुला कर चोदने लगा मुन्नी जोर जोर से आह आह आह आह उ उ उ उ आक आ आ आ अ अ अ आए आ आए आआ आआआअ आआआआह आह आआआआहहह् ह्ह्हहह ओ ऊऊऊऊ ओऊ ओऊ आ आह आह सी सी स्स्स् स्स् स् स् कि आवाज निकालती रही मैं  चोदता रहा लगातार 5 मिनट तक  को बिस्तर में लिटा दिया पीठ  के तरफ से [मेरी सबसे पसंदीदा पोजीसन] और मुन्नी को जोर जोर से मरने लगा मुन्नी बार बार कहती जीजू और जोर से और जोर से मैं  ताकत से मुन्नी कि चूत में ठोकर मार रहा था पर कूलर कि आबाज में   फट फट कि आवाज नहीं समझ आ रही थी मुन्नी ने जोर से अपने चूतड़ो को उठाया  गई मैं समझ गया मुन्नी स्खलित हो चुकी है तब मैं भी स्खलिते होने के पहले लण्ड को बाहर  निकाल लिया और मुन्नी की चुचियो पर वीर्य को  उड़ेल दिया जोर कि पिचकारी के साथ कुछ बूँद मुन्नी के मुह पर भी गिरा मुन्नी अपनी चुचियो पर वीर्य  कि  मालिश कर लिया और कुछ देर में उठ गई और बाथ्ररों में जाकर नहाने लगी मैं भी मुन्नी के साथ घुस गया और मुन्नी को खूब नहलाया फिर हा दोनों बहार आ गए और खाना खाया और सो गए | 
                         रात में एक बजे तक दादा भाभी आ गए दादा आते ही कुछ देर में चुदाई सुरु कर दिया भाभी का मैंने औरमुन्नी  ने देखा तो मैंने मुन्नी को छत में ले जाकर फिर चुदाई कर दिया फिर मुन्नी नीचे आ कर सो गई मैं छत पर ही सोया रहा दादा कि छुट्टी ख़त्म हुई ओ चले गए फिर जब भी मोका मिलता भाभी कि और मुन्नी कि चुदाई करता, भाभी कि चुदाई बहुत दी तक किया फिर जब मेरी सादी हो गई और मैं बाहर आ गया नौकरी करने तो भाभी कि चुदाई बंद हो गई फिर भाभी को बहुत दिन बाद चोदा जब ओ 45 साल कि हो गई , मुन्नी कि सादी मेरे साथ नहीं हुई और मुन्नी से कभी कभी मुलाकात होती पर सादी  के बाद मुन्नी को नहीं चोद पाया |








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