Friday, February 14, 2014

FUN-MAZA-MASTI चरम सुख की मथानी-2

FUN-MAZA-MASTI

चरम सुख की मथानी-2



हमारा अंदाजा था अकेले में वह जरूर उसे ही देखेगी।
उसके कवर पर एक कमर में छोटी तिकोनी गमछी लपेटे टॉपलेस मॉडल की तस्वीर थी।
'दीदी-जीजाजी भी काफी रंगीनमिजाज हैं।' पन्ने पलटती हुई वह बुदबुदाई।
मैंने अनुमान लगाया कि अब तक नहाने के लिए पर्याप्त समय बीत चुका है। मुझे दरवाजे की घंटी सुनाई पड़ चुकी थी, यानि ललिता चुकी थी। अब अगर वह बेडरूम में होगी तो बिस्तर पर ही बैठी होगी। अकेली लड़की के सामने नंगे जाना दुस्साहस था। पर यही योजना का पहला चरण था। मैंने मन को कड़ा किया और शॉवर बंद किया और स्टैंड से तौलिया खींच लिया...
बाथरूम खोलकर मैं सिर पर तौलिया डाले बालों को पोंछता बेडरूम में सीधा बिस्तर की दिशा में चला आया। बिस्तर पर उसकी आकृति नजर आई पर उसे मैं अनदेखा करता हुआ किनारे रखी मेज पर से अपना कपड़ा उठाने के लिए घूम गया...
ललिता डेबोनेयर देख रही थी। मॉडलों की सेक्सी तस्वीरें, पाठकों के सेक्स अनुभव, अमरीका में मिस न्यूड प्रतियोगिता, धारावाहिक सेक्स कहानी। यह सब उसे बेहद आकर्षित कर रहे थी। उसका पति ऐसी चीजें नहीं लाता था। शादी के पहले सहेलियों के साथ उसने कुछ मैग्जीन्स देखे थे, पर शादी के बाद ये चीजें मुहाल हो गईं।
शॉवर बंद होने की आवाज सुनकर उसने अनुमान लगाया अब दीदी निकलेंगी। सोचा जब तक दीदी तैयार होकर निकलेगी तब तक जल्दी से थोड़ा और देख लूँ। तभी उसने बाथरूम से बाहर आती तौलिए से सिर ढकी नंगी पुरुष आकृति देखी। उसके पेड़ू के नीचे अर्द्धउत्थित विशाल लिंग चलने से हिल रहा था।
उसने तुरंत नजर हटा ली, भय से वहीं पर गड़कर रह गई।
'बाप रे !' ललिता बाथरूम में लौटती उस पुरुष आकृति के कसे नितंबों को देखती बुदबुदाई। चलने से उसमें गड्ढे बन रहे थे। ऊँची काया, चौड़ी पीठ, मजबूत कमर, कसी जाँघें ! क्या शरीर था ! उसका झूलता हुआ हल्का उठा आश्चर्य जगाता 'कितना बडा !' लिंग तो जैसे दिमाग में छप गया।
अपने आप में आकर उसने नजर घुमाई। गोद में खुली डेबोनेयर में एक नंगी मॉडल उसकी ओर देखकर मुस्कुरा रही थी। उसने झट से किताब बंद कर दी और दूसरी पत्रिकाओं के नीचे दबा दिया। उठकर ड्राइंग हॉल में चली आई और सोफे पर बैठकर धड़कनों को शांत करने और सांसों पर नियंत्रण पाने की चेष्टा करने लगी।
"तुम गई ! मैं दो मिनट के लिए बगल वाली के पास गई थी।" कांता अंदर घुसते हुए और दरवाजा बंद करती हुई बोली, "तुम्हें इंतजार करना पड़े इसलिए दरवाजा खुला छोड़कर गई थी।"
और अवसरों पर स्वाभाविक यह होता कि ललिता उठकर बड़ी बहन के गले मिलती, पर आज वह बैठी रह गई। उसका उड़ा-उड़ा चेहरा साफ पकड़ में रहा था। कांता समझ गई चाल कामयाब हुई है, तीर निशाने पर लगा है।
"तुम ठीक तो हो ?"
"मैं... अँ.. अँ.. अँ.... ठीक हूँ। लगता है गर्मी है।" वह दुपट्टे से पंखा करने लगी।
"हाँ, गर्मी तो है, ठण्स पानी या कोकाकोला लाऊँ?"
"कोकाकोला..."
कांता कमरे में आई। मुझे देखकर मुस्कुराई।
"लगता है कुछ देख लिया है उसने !" वह फ्रिज का दरवाजा खोलकर बोतल निकालने लगी।
"कुछ नहीं, पूरा का पूरा देखा है !" मैं घमंड से बोला।
"तैयारी में दिख रहे हो, बल्ले बल्ले !" उसने मेरे पतले सिल्क पजामे को पकड़कर शरारत से नीचे खींचा। अंदर खड़े लिंग की पूरी रूपरेखा स्पष्ट नजर रही थी।
"मेरी बेचारी बहन के बचने की कोई संभावना नहीं।" उसने नकली हमदर्दी में मुँह बनाया।
"मुझे थोड़ा समय दो और फिर बाहर जाओ।" कोकाकोला की बोतल लिए वह चली गई।
हॉल में जाकर उसने ललिता को पकड़ाया। ललिता तुरंत ग्लास लेकर एक बड़ा घूँट गटक गई।
"तुम्हारे जीजाजी थोड़ी देर में निकलने वाले हैं। उनसे भेंट हुई कि नहीं?"
"उँ..ऽऽ .... ... नहीं तो !"
"सचमुच?" मैं भीतर आता हुआ बोला। मेरा प्रत्याशा में खड़ा लिंग झीने रेशमी पजामे के भीतर से पूरी तरह प्रदर्शित हो रहा था। मैं आकर उन दोनों के सामने खड़ा हो गया।
ललिता झूठ पकड़ा जान कर लजा गई। मुझे देखते ही उसकी नजर सीधे पजामे की ओर गई और नीचे झुक गई। मुझे लगा उसकी नजर वहाँ एक बटा दस सेकंड के लिए ठहरी थी। कांता को भी ऐसा लगा, वह गौर कर रही थी।
"सुंदर है ना !"
ललिता ने प्रश्नवाचक दृष्टि उठाई।
"पजामा !" कांता ने मेरी कमर की ओर इशारा किया। वह ललिता को मुझे देखने का मौका दे रही थी। क्रीम कलर के झीने कपड़े के अंदर मेरा उत्तेजित लिंग पजामे को भीतर से बाहर ठेले हुए था। उसकी मोटी गुलाबी थूथन भी उसे दिख रही होगी।
"कल ही खरीद कर लाई हूँ, अच्छा है ना?"
ललिता पसीने पसीने हो रही थी। दीदी उधर ही दिखा रही थी जिधर उसकी नजर भी नहीं उठ रही थी। जल्दी जल्दी से कुछ घूँट गटकी, "अच्छा है। मुझे बड़ी गर्मी लग रही है।"
"सुरेश, जाओ और भिगाकर फेस क्लॉथ ले आओ।
मैं वहाँ से चला आया।
"जरा शरीर में हवा लगने दो।" कहकर कांता ने उसके कंधे पर से साड़ी पिन खोलकर साड़ी का पल्लू पीठ के पीछे से खींचकर उसकी गोद में गिरा दिया। ललिता ने आँखें बंद कर ली और सोफे की पीठ पर लद गई।
मैं बर्फ के पानी से भिगोकर तौलिया ले आया। कंधे से साड़ी हटने के बाद ललिता के स्तनों से भरी ब्लाउज मादक लग रही थी।
"यह लो !" मैंने कांता को तौलिया पकड़ा दिया।
कांता पानी चूते तौलिये को देखकर मुसकुराई। ललिता मेरी आवाज सुनकर साड़ी से छाती ढकने का उपक्रम करने लगी।
कांता उसकी गर्दन पर तौलिया रखकर हल्के हलके दबाने लगी। उसने तौलिए के दोनों छोरों को सामने रखते हुए बीच का हिस्सा़ उसकी गर्दन में पहना दिया और दबा-दबाकर गर्दन, गले और नीचे की खुली जगह को पोंछने लगी।
"आऽऽऽह !" ललिता के मुँह से अच्छा लगने की आवाज निकली। उसकी आँखें बंद थीं। वह देख नहीं पाई कि तौलिए से चूता पानी उसके ब्लाउज और ब्रा को भिगा रहा है। पानी उसके कपड़ों के अंदर घुसकर पेट पर से चूता हुआ उसकी साड़ी के अंदर घुस रहा था।
जब उसको अपनी पैंटी के भीतर ठंडक महसूस हुई तो उसकी आँख खुली। पानी उसके भगप्रदेश के बालों से होता हुआ गर्म कटाव के अंदर उतर गया था और उसकी सुलगती योनि में सुरसुराहट पैदा कर रहा था।
"मैं भीग गई हूँ।"
"ओह, सॉरी !" कहकर कांता ने उस पर से तौलिया उठा लिया।
भीगने से ब्लाउज इतनी चिपक गया कि भीतर की ब्रा का उजलापन साफ नजर रहा था और सामने निप्पलों की काली छाया तक का पता चल रहा था। उन गोलाइयों को अनावृत देखने की इच्छा मन में उमड़ पड़ी। वह किसी कलाकार की रची तस्वीर सी लग रही थी, गोरेपन के कैनवस पर गुलाबी रंग से रंगी तस्वीर ! सिर्फ आधे कंधे और छातियों को ढकती गुलाबी कपड़े की परत, गुलाबी रंग के भीतर से प्रत्यक्ष होती उजली ब्रा की आभा ! मचलते स्तन ! ब्लाउज के नीचे सुतवें पेट की पतली तहें ! मैं मंत्रमुग्ध देख रहा था।
कांता ने उसकी गोद में पड़ी भीगी साड़ी के पल्लू के ढेर को उठाया और कहा, "इसे खोल दो, एकदम भीग गई है।"
ललिता हड़बड़ाई, "जीजाजी देख लेंगे।"
"मैं चला जाता हूँ।" मैं वहाँ से हट गया। बेडरूम के अंदर आकर दरवाजे की ओट से झाँकने लगा।
कांता उसको खड़ा करके साड़ी खींच रही थी। ललिता एक बार इधर सिर घुमा कर देखा कि मैं देख तो नहीं रहा हूँ।
साड़ी का ढेर नीचे पैरों के पास गिराकर कांता ने उसको एक बार भरपूर निगाह से देखा। जवानी की लहक भरपूर थी।
ललिता उसकी नजर से परेशान होती हुई बोली, "ऐसे क्या देख रही हो?"
"ब्लाउज से पानी चू रहा है। इसको भी उतार दो।"
"नहीं, जीजाजी..."
"जीजाजी कमरे में हैं, जल्दी कर लो।"
ललिता बदन ढकने के लिए भीगी साड़ी उठाने को झुकी। 
कांता बोली, "वैसे ही ठहरो, भीगा हुआ खोलने में तुमको परेशानी होगी। मैं खोल देती हूँ।" कहती हुई वह उसकी झुकी हुई पीठ पर से ब्लाउज के हुक खोलने लगी।
एक एक हुक खुलता हुआ ऐसे अलग हो जाता था जैसे बछड़ा बंधन छूटकर भागा हो। सारे हुक खोलकर उसने पीठ से ब्लाउज के दोनों हिस्सों को फैला दिया। गोरी पीठ सफेद ब्रा के फीते की हल्की-सी धुंधलाहट को छोड़कर जगमगाने लगी। दोनों तरफ बगलों से चिपके ब्लाउज के पल्ले उलटकर अपने ही भार से उसकी त्वचा से अलग होने लगे। कांता ब्रा के फीते में उंगली फँसाकर खींची, "बाप रे, कितना टाइट पहनती हो !" कहते हुए उसने ब्रा की हुक भी खोल दी।
"अरे दीदी..." ललिता जब तक आपत्ति करती तब तक हुक खुल चुकी थी और कांता 'इसे क्या भीगे ही पहनी रहोगी?' कहकर उसकी बात पर विराम लगा चुकी थी।
ललिता खड़ी हो गई। कांता ने झुककर साड़ी उठाई ओर उसके कंधों पर लपेटती हुई बोली, "निकालकर दे दो।"
ललिता एक क्षण ठहरी। बड़ी बहन की आँखों की दृढ़ताभरी चमक थी। वैसे भी, हट्टी-कट्टी कद-काठी की कांता के सामने शर्मीली, मुलायम ललिता का टिकना मुश्किल था। ललिता ने साड़ी के अंदर ही ब्लाउज और ब्रा को छातियों, कंधों और बाँहों पर से खिसकाया और निकालकर बहन की ओर बढ़ा दिया।
"जानू !" कांता ने मुझे आवाज लगाई।


एक एक हुक खुलता हुआ ऐसे अलग हो जाता था जैसे बछड़ा बंधन छूटकर भागा हो। सारे हुक खोलकर उसने पीठ से ब्लाउज के दोनों हिस्सों को फैला दिया। गोरी पीठ सफेद ब्रा के फीते की हल्की-सी धुंधलाहट को छोड़कर जगमगाने लगी। दोनों तरफ बगलों से चिपके ब्लाउज के पल्ले उलटकर अपने ही भार से उसकी त्वचा से अलग होने लगे। कांता ब्रा के फीते में उंगली फँसाकर खींची, "बाप रे, कितना टाइट पहनती हो !" कहते हुए उसने ब्रा की हुक भी खोल दी।
"अरे दीदी..." ललिता जब तक आपत्ति करती तब तक हुक खुल चुकी थी और कांता 'इसे क्या भीगे ही पहनी रहोगी?' कहकर उसकी बात पर विराम लगा चुकी थी।
ललिता खड़ी हो गई। कांता ने झुककर साड़ी उठाई ओर उसके कंधों पर लपेटती हुई बोली, "निकालकर दे दो।"
ललिता एक क्षण ठहरी। बड़ी बहन की आँखों की दृढ़ताभरी चमक थी। वैसे भी, हट्टी-कट्टी कद-काठी की कांता के सामने शर्मीली, मुलायम ललिता का टिकना मुश्किल था। ललिता ने साड़ी के अंदर ही ब्लाउज और ब्रा को छातियों, कंधों और बाँहों पर से खिसकाया और निकालकर बहन की ओर बढ़ा दिया।
"जानू !" कांता ने मुझे आवाज लगाई।
ललिता के मुँह से 'अर्र... अरे !' की चीख निकली और वह एकदम हड़बड़ाकर साड़ी लपेटकर सोफे पर धम से बैठ गई। मेरे पहुँचते ही कांता ने भीगा ब्लाउज और ब्रा मेरी ओर बढ़ा दिया "प्लीज, जरा इसे बालकनी में सूखने के लिए फैला दोगे?"
"खुशी से।"
"थैंक्यू !"
क्या मजेदार विडम्बना थी। कांता ललिता पर जबर्दस्ती कर रही थी और मुझे थैंक्यू कह रही थी। थैंक्यू तो मुझे कहना चाहिए था। जिस चोली और ब्रा को उतारने के सपने मैं कब से देख रहा था वह वह अब मेरे हाथ में थी ! पानी में भीग कर गहरे गुलाबी रंग की हो गई चोली और सफेद ब्रा। दोनों भीगे होने के बावजूद उसके बदन से गर्म थे।
ललिता साड़ी लपेटे झुकी हुई थी। आधी से ज्यादा पीठ खुली थी। पीठ के बीच उभरी रीढ़ की हड्डी नीचे नितम्बों की शुरुआत के पास जाकर अंदर धँस रही थी जिसके गड्ढे के ऊपर साये की डोरी धनुष की प्रत्यंचा जैसी तनी थी। उसके अंदर छोटा सा अंधेरा। रहस्यमय ! अंदर दबे खजाने !
मैंने भीगे वक्षावरणों में मुँह घुसाकर सूंघा। ललिता के बदन की ताजा गंध ! पसीने और परफ्यूम की खुशबू मिली। मैं पजामे के अंदर इतना तन गया था कि चलना मुश्किल हो रहा था। अलगनी पर ब्रा को फैलाते समय मैंने फीते में कंपनी का फ्लैप देखा- 36 सी साइज। बिना बच्चे के 'सी' साइज ! ललिता उतनी पतली नहीं है !
मेरे जाने के बाद ललिता कांता पर बिगड़ी, "तुमने जीजाजी को क्यों बुलाया?"
"भीगी साड़ी ही लपेटे रहोगी?"
"मुझे कोई कपड़ा दो।"
"जीजाजी उधर हैं।"
"नहीं, पहले कपड़ा दो।"
"जानू !" कांता पुकारी, "एक कपड़ा लेते आओ।"
"नहीं..." ललिता चीख पड़ी।
"ठीक है।" कांता ने मुझे रोका, "अभी उधर ही रहो।"
"दे रही हो?" उसने लगभग हुक्म के अंदाज में पूछा।
ललिता हैरान उसे देखती रह गई, खुद उसकी बड़ी बहन उसके साथ क्या कर रही है ! उसे यकीन नहीं हो रहा था वह किधर ले जाई जा रही है। टॉपलेस तो हो ही चुकी थी ! आश्चर्य और उत्तेजना से लगभग लाल हो गई थी।
रेशमी पजामा... अंदर तम्बू के पोल की तरह तना लिंग, मोटी जांघें, रोशनी में चमकती भीगी चौड़ी पीठ, कठोर नितम्ब... एक एक छवि उसके दिमाग ताश के पत्तों की तरह फेर रही थी।
"छोड़ो !" कांता ने उसके कंधे से साड़ी खींची। छाती पर ललिता के हाथों का दबाव ढीला पड़ गया। कांता उसके स्तनों के सामने से कपड़े को खींचती हुई हँसी, "मुझसे कैसी शरम !"
कांता ने ललिता को खड़ी करके उसकी कमर के चारों तरफ से साड़ी खींचकर निकाल लिया। ललिता ने दुबारा प्रतिरोध की कोशिश की पर 'जीजाजी को बुलाऊँ?' की धमकी सुनकर शांत हो गई। साड़ी निकलने के बाद साए में उसकी पतली कमर और नीचे क्रमश: फैलते कूल्हों का घेरा पता चलने लगा।

'मेरी बहन सुंदर है !' कांता बोली।
उत्तेजित होने के बावजूद शर्म से ललिता की आँखों में आँसू गए। उसने बाँहों से स्तन ढक लिए।
कांता ने साड़ी उठाई और चली गई। कमरे में आकर मेरे हाथ में देकर बोली, "यह लो ! एक और पुरस्कार !"
साड़ी के स्पर्श से मेरा ऐसे ही दुखने की हद तक टाइट हो रहा लिंग और तनकर जोर जोर धड़कने लगा। टॉपलेस ललिता कैसी लग रही होगी? मन हुआ दौड़कर उसके पास चला जाऊँ।
"यू आर ग्रेट। मैं तुम्हारा दीवाना हूँ।" मैं कांता का बेहद एहसानमंद हो गया।
"ऐसी बीवी तुम्हें नहीं मिलेगी।" वह घमण्ड से बोली। उसने पजामे के ऊपर से मेरे लिंग पर थपकी दी और बोली, "अब तैयार रहो, तुम्हारी जरूरत पड़ेगी। मुझे नहीं लगता वह मुझे आसानी से पेटीकोट उतारने देगी।"
लिंग पर थपकी से मेरे बदन में करेंट की लहरें दौड़ गईं, मैंने आग्रह किया, "इस पर एक चुम्बन देती जाओ, प्लीज।"
उसके गुलगुले होठों से मेरे लिंग का सख्त मुँह टकराया और मेरी भूख और बढ़ गई। मैंने पजामें की इलास्टिक नीचे खिसकाई, "बस एक बार मुँह के अंदर लेके..."
पर वह उठ गई, "अब यह ललिता से ही करवाना !" कहकर चली गई।
मैं ठगा-सा रह गया। इतनी दूर तक स्वयं कहेगी मैंने सोचा नहीं था। मैंने फिर अपने-आपको उसका बेहद कृतज्ञ महसूस किया।
मैंने दरवाजा खोला और अर्द्धनग्न ललिता को देखने के लिए बाहर चला आया। हॉल के अंदर जाकर रास्ते में ही खड़ा हो गया। कांता अब मुझे बुलाने वाली थी।
:
ललिता सोच रही थी दीदी उसके लिए कपड़े लाने गई है। उसके दिमाग में उथल-पुथल मची थी। अपनी बाँह हटाकर देखी, चूचियाँ खड़ी थीं, घबराकर उसने उन्हें फिर से दबा लिया। नग्न पुरुष के अंगों का दृश्य उसके दिमाग में बार बार घूम रहा था। अपने पति का उसने देखा था मगर आज देखे पुरुष का तो... हर दृश्य उसकी योनि में 'फुक' का सा स्पंदन उठा रहा था। हर स्पंदन के साथ बदन में एक लहर-सी दौड़ जाती थी। वह उसे भूलने की कोशिश कर रही थी। अर्द्धनग्न अवस्था में बैठी समझ नहीं पा रही थी क्या करे।
जब दीदी खाली हाथ लौटी तो वह उलझन में पड़ गई।
"कपड़े?" उसने पूछा, उसका हाथ छाती पर दबा था।
"एक ही बार लेना।"
क्या मतलब? वह सवालिया निगाह से देखती रह गई।
"तुम्हारा पेटिकोट भी तो भीगा है।"
ललिता की नजर नीचे गई। सामने बड़ा सा धब्बा था, मानो पेशाब किया हो। साया भींगकर जाँघों और बीच में फूले उभार पर चिपक गया था। अंदर काला धब्बा-सा दिख रहा था। शायद बालों का।
ललिता उसे तुरंत हथेली से छिपा कर बोली, "नहीं..."
"अंदर पैंटी नहीं पहनी हो क्या?"
"तुम पागल हो गई हो !"
कांता सोफे पर बैठ गई, " तुम्हारे जीजाजी कह रहे थे ललिता आए इतनी देर हो गई, उसने मुझसे बात नहीं की?"
"दीदी, प्ली...............!"
"तुम उनकी चहेती साली हो, वो तुमसे बात करना चाहते हैं ! बुलाऊँ उनको?"
ललिता को लग रहा था वह स्वप्न तो नहीं देख रही। उसके साथ क्या हो रहा है? ऊपर नंगी और नीचे केवल साए में एक विचित्र अवस्था में थी। शर्म से गली जा रही थी लेकिन निचले ओठों के अंदर छुपा भगांकुर बेलगाम धुकधुकाए जा रहा था। सारा शरीर सनसनी से और शर्म से लाल हो रहा था। उसका मन हुआ कि भागकर बाथरूम या रसोई में छिप जाए।
एक आवेग में उठी, पर मुड़ते ही देखा जीजाजी रास्ते में खड़े हैं, वापस पीछे मुड़ी। दीदी सीधे उसकी आँखों में देख रही थी। अब बैठने में उसे बेहद कायरता और शर्म महसूस हुई। वह जस की तस खड़ी रह गई।
"जानूँ, ललिता के लिए 'कपड़ा' ले आओ।" कांता ने 'कपड़ा' को थोड़ा विशेष रूप से उच्चरित किया।
"वो पीली वाली, नैन्सी किंग की।"
'पीली वाली, नैन्सी किंग की' नाइटी थी जो हमने हाल में ही खरीदी थी। शिफॉन और नायलॉन की बनी। पीले रंग की। इतनी झीनी थी कि इसके इनर और आउटर दोनों पहनने के बाद भी अंग साफ नजर आते थे। इनर कंधों से पतले स्ट्रैप्स से टंगता था और काफी नीचे उतर कर छातियों को आधे से अधिक खुला छोड़कर शुरू होता था। मैं इनर छोड़कर केवल आउटर ले गया। इसको पहनना तो कुछ ही पहनने के बराबर था।
मैं जब पहुँचा ललिता वैसे ही खड़ी थी। नंगी पीठ पर लम्बे बाल फैले थे और...
हाथ सामने छातियों पर थे।
मुझे आया देखकर कांता ललिता से बोली, "लो गया तुम्हारा 'कपड़ा' पहन लो।"
ललिता के दोनों हाथ छातियों और पेड़ू पर दबे थे। कपड़ा लेने के लिए एक हाथ तो उठाना ही पड़ता। वह सिर झुकाए मूर्तिवत खड़ी रही।
इतना उत्तेजित होने और उसे नंगी देखने के लिए अधीर होने के बावजूद मुझे असहजता महसूस हुई। वह असहाय खड़ी थी। मुझे दया सी आई। छोड़ दो अगर नहीं चाहती है।





हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
Tags = Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | मराठी जोक्स | ट्रैनिंग | kali | rani ki | kali | boor | सच | | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | छातियाँ | sexi kutiya | मस्त राम | chehre ki dekhbhal | khaniya hindi mein | चुटकले | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bharat | india | japan |funny animal video , funny video clips , extreme video , funny video , youtube funy video , funy cats video , funny stuff , funny commercial , funny games ebaums , hot videos ,Yahoo! Video , Very funy video , Bollywood Video , Free Funny Videos Online , Most funy video ,funny beby,funny man,funy women bhatt_ank, xossip, exbii, कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया ,रेप कहानिया ,सेक्सी कहानिया , कलयुग की सेक्सी कहानियाँ , मराठी सेक्स स्टोरीज , चूत की कहानिया , सेक्स स्लेव्स , Tags = कामुक कहानिया हिंदी कहानियाँ stories , kaamuk kahaaniya , हिंदी सेक्सी कहानिया चुदाई की कहानियाँ उत्तेजक कहानिया Future | Money | Finance | Loans | Banking | Stocks | Bullion | Gold | HiTech | Style | Fashion | WebHosting | Video | Movie | Reviews | Jokes | Bollywood | Tollywood | Kollywood | Health | Insurance | India | Games | College | News | Book | Career | Gossip | Camera | Baby | Politics | History | Music | Recipes | Colors | Yoga | Medical | Doctor | Software | Digital | Electronics | Mobile | Parenting | Pregnancy | Radio | Forex | Cinema | Science | Physics | Chemistry | HelpDesk | Tunes| Actress | Books | Glamour | Live | Cricket | Tennis | Sports | Campus | Mumbai | Pune | Kolkata | Chennai | Hyderabad | New Delhi | पेलने लगा | कामुकता | kamuk kahaniya | उत्तेजक | सेक्सी कहानी | कामुक कथा | सुपाड़ा |उत्तेजना | कामसुत्रा | मराठी जोक्स | सेक्सी कथा | गान्ड | ट्रैनिंग | हिन्दी सेक्स कहानियाँ | मराठी सेक्स | vasna ki kamuk kahaniyan | kamuk-kahaniyan.blogspot.com | सेक्स कथा | सेक्सी जोक्स | सेक्सी चुटकले | kali | rani ki | kali | boor | हिन्दी सेक्सी कहानी | पेलता | सेक्सी कहानियाँ | सच | सेक्स कहानी | हिन्दी सेक्स स्टोरी | bhikaran ki chudai | sexi haveli | sexi haveli ka such | सेक्सी हवेली का सच | मराठी सेक्स स्टोरी | हिंदी | bhut | gandi | कहानियाँ | चूत की कहानियाँ | मराठी सेक्स कथा | बकरी की चुदाई | adult kahaniya | bhikaran ko choda | छातियाँ | sexi kutiya | आँटी की चुदाई | एक सेक्सी कहानी | चुदाई जोक्स | मस्त राम | चुदाई की कहानियाँ | chehre ki dekhbhal | chudai | pehli bar chut merane ke khaniya hindi mein | चुटकले चुदाई के | चुटकले व्‍यस्‍कों के लिए | pajami kese banate hain | चूत मारो | मराठी रसभरी कथा | कहानियाँ sex ki | ढीली पड़ गयी | सेक्सी चुची | सेक्सी स्टोरीज | सेक्सीकहानी | गंदी कहानी | मराठी सेक्सी कथा | सेक्सी शायरी | हिंदी sexi कहानिया | चुदाइ की कहानी | lagwana hai | payal ne apni choot | haweli | ritu ki cudai hindhi me | संभोग कहानियाँ | haveli ki gand | apni chuchiyon ka size batao | kamuk | vasna | raj sharma | sexi haveli ka sach | sexyhaveli ka such | vasana ki kaumuk | www. भिगा बदन सेक्स.com | अडल्ट | story | अनोखी कहानियाँ | कहानियाँ | chudai | कामरस कहानी | कामसुत्रा ki kahiniya | चुदाइ का तरीका | चुदाई मराठी | देशी लण्ड | निशा की बूब्स | पूजा की चुदाइ | हिंदी chudai कहानियाँ | हिंदी सेक्स स्टोरी | हिंदी सेक्स स्टोरी | हवेली का सच | कामसुत्रा kahaniya | मराठी | मादक | कथा | सेक्सी नाईट | chachi | chachiyan | bhabhi | bhabhiyan | bahu | mami | mamiyan | tai | sexi | bua | bahan | maa | bhabhi ki chudai | chachi ki chudai | mami ki chudai | bahan ki chudai | bharat | india | japan |यौन, यौन-शोषण, यौनजीवन, यौन-शिक्षा, यौनाचार, यौनाकर्षण, यौनशिक्षा, यौनांग, यौनरोगों, यौनरोग, यौनिक, यौनोत्तेजना, aunty,stories,bhabhi,choot,chudai,nangi,stories,desi,aunty,bhabhi,erotic stories,chudai,chudai ki,hindi stories,urdu stories,bhabi,choot,desi stories,desi aunty,bhabhi ki,bhabhi chudai,desi story,story bhabhi,choot ki,chudai hindi,chudai kahani,chudai stories,bhabhi stories,chudai story,maa chudai,desi bhabhi,desi chudai,hindi bhabhi,aunty ki,aunty story,choot lund,chudai kahaniyan,aunty chudai,bahan chudai,behan chudai,bhabhi ko,hindi story chudai,sali chudai,urdu chudai,bhabhi ke,chudai ladki,chut chudai,desi kahani,beti chudai,bhabhi choda,bhai chudai,chachi chudai,desi choot,hindi kahani chudai,bhabhi ka,bhabi chudai,choot chudai,didi chudai,meri chudai,bhabhi choot,bhabhi kahani,biwi chudai,choot stories, desi chut,mast chudai,pehli chudai,bahen chudai,bhabhi boobs,bhabhi chut,bhabhi ke sath,desi ladki,hindi aunty,ma chudai,mummy chudai,nangi bhabhi,teacher chudai, bhabhi ne,bur chudai,choot kahani,desi bhabi,desi randi,lund chudai,lund stories, bhabhi bra,bhabhi doodh,choot story,chut stories,desi gaand,land choot,meri choot,nangi desi,randi chudai,bhabhi chudai stories,desi mast,hindi choot,mast stories,meri bhabhi,nangi chudai,suhagraat chudai,behan choot,kutte chudai,mast bhabhi,nangi aunty,nangi choot,papa chudai,desi phudi,gaand chudai,sali stories, aunty choot,bhabhi gaand,bhabhi lund,chachi stories,chudai ka maza,mummy stories, aunty doodh,aunty gaand,bhabhi ke saath,choda stories,choot urdu,choti stories,desi aurat,desi doodh,desi maa,phudi stories,desi mami,doodh stories,garam bhabhi,garam chudai,nangi stories,pyasi bhabhi,randi bhabhi,bhai bhabhi,desi bhai,desi lun,gaand choot,garam aunty,aunty ke sath,bhabhi chod,desi larki,desi mummy,gaand stories,apni stories,bhabhi maa,choti bhabhi,desi chachi,desi choda,meri aunty,randi choot,aunty ke saath,desi biwi,desi sali,randi stories,chod stories,desi phuddi,pyasi aunty,desi chod,choti,randi,bahan,indiansexstories,kahani,mujhe,chachi,garam,desipapa,doodhwali,jawani,ladki,pehli,suhagraat,choda,nangi,behan,doodh,gaand,suhaag raat, aurat,chudi, phudi,larki,pyasi,bahen,saali,chodai,chodo,ke saath,nangi ladki,behen,desipapa stories,phuddi,desifantasy,teacher aunty,mami stories,mast aunty,choots,choti choot, garam choot,mari choot,pakistani choot,pyasi choot,mast choot,saali stories,choot ka maza,garam stories ,हिंदी कहानिया,ज़िप खोल,यौनोत्तेजना,मा बेटा,नगी,यौवन की प्या,एक फूल दो कलियां,घुसेड,ज़ोर ज़ोर,घुसाने की कोशिश,मौसी उसकी माँ,मस्ती कोठे की,पूनम कि रात,सहलाने लगे,लंबा और मोटा,भाई और बहन,अंकल की प्यास,अदला बदली काम,फाड़ देगा,कुवारी,देवर दीवाना,कमसीन,बहनों की अदला बदली,कोठे की मस्ती,raj sharma stories ,पेलने लगा ,चाचियाँ ,असली मजा ,तेल लगाया ,सहलाते हुए कहा ,पेन्टी ,तेरी बहन ,गन्दी कहानी,छोटी सी भूल,राज शर्मा ,चचेरी बहन ,आण्टी ,kamuk kahaniya ,सिसकने लगी ,कामासूत्र ,नहा रही थी ,घुसेड दिया ,garam stories.blogspot.com ,कामवाली ,लोवे स्टोरी याद आ रही है ,फूलने लगी ,रात की बाँहों ,बहू की कहानियों ,छोटी बहू ,बहनों की अदला ,चिकनी करवा दूँगा ,बाली उमर की प्यास ,काम वाली ,चूमा फिर,पेलता ,प्यास बुझाई ,झड़ गयी ,सहला रही थी ,mastani bhabhi,कसमसा रही थी ,सहलाने लग ,गन्दी गालियाँ ,कुंवारा बदन ,एक रात अचानक ,ममेरी बहन ,मराठी जोक्स ,ज़ोर लगाया ,मेरी प्यारी दीदी निशा ,पी गयी ,फाड़ दे ,मोटी थी ,मुठ मारने ,टाँगों के बीच ,कस के पकड़ ,भीगा बदन ,kamuk-kahaniyan.blogspot.com,लड़कियां आपस , blog ,हूक खोल ,कहानियाँ हिन्दी ,चूत ,जीजू ,kamuk kahaniyan ,स्कूल में मस्ती ,रसीले होठों ,लंड ,पेलो ,नंदोई ,पेटिकोट ,मालिश करवा ,रंडियों ,पापा को हरा दो ,लस्त हो गयी ,हचक कर ,ब्लाऊज ,होट होट प्यार हो गया ,पिशाब ,चूमा चाटी ,पेलने ,दबाना शुरु किया ,छातियाँ ,गदराई ,पति के तीन दोस्तों के नीचे लेटी,मैं और मेरी बुआ ,पुसी ,ननद ,बड़ा लंबा ,ब्लूफिल्म, सलहज ,बीवियों के शौहर ,लौडा ,मैं हूँ हसीना गजब की, कामासूत्र video ,ब्लाउज ,கூதி ,गरमा गयी ,बेड पर लेटे ,கசக்கிக் கொண்டு ,तड़प उठी ,फट गयी ,भोसडा ,hindisexistori.blogspot.com ,मुठ मार ,sambhog ,फूली हुई थी ,ब्रा पहनी

No comments:

Raj-Sharma-Stories.com

Raj-Sharma-Stories.com

erotic_art_and_fentency Headline Animator