Sunday, January 23, 2011

Hindi sexi stori- यार बना प्रीतम - भाग (11)




यार बना प्रीतम - भाग (11)

गतान्क से आगे.......
जब दूध भरोगे तो अडतीस साइज़ हो जाएगा. दो दिन में टाँके निकाल दूँगा. यह क्रीम लगा लेना, घाव भी गायब हो जाएगा दो हफ्ते में. फिर कोई कह नहीं सकेगा कि नकली चूचियाँ हैं. एक बात और. इन'में दूध एक माह बाद भर के देखना. एक बड़ी इंजेक्शन वाली सुई इस्तेमाल करना. और इन स्तनों को रोज खूब सहलाना और मसलाना. जित'ने दबाओगे, उत'ने ये खिलेंगे, अंदर का स्पंज और सिलिकॉन ठीक से जम जाएँगे और एकदम मासल त'ने स्तन बन जाएँगे. डॉक्टर ने ह'में बीदा करते हुए कहा.

उस'के एक माह बाद की बात है. ऑपरेशन के बाद हम'ने घर बदल लिया था और मैं प्रीतम की बहन बन'कर उस'के साथ रह'ता था. मैने घर के बाहर निकलना भी छोड दिया था.

मैं आईने के साम'ने नंगा खड़ा था. बस हाई हील की सैंडल पहनी थी. प्रीतम मेरे पीछे खड हो कर मेरी चूचियाँ दबा रहा था और उन'की मालिश कर रहा था. मेरे बाल अब तक कंधे के नीचे आ गये थे जिन'में मैं क्लिप लगा लेता था.

चल आज घूम'ने चलते हैं. अब बाहर भी लड़'की के रूप में घूमना तू शुरू कर दे. आदत डाल ले. वैसे गाँव में तुझे बाहर निकल'ने का मौका नहीं आएगा. पर यहाँ शहर में तो तू घूम सक'ती है माधुरी रानी. वह मुझे चूम कर बोला. अब वा मुझे माधुरी या अनुराधा कह कर बुलाता था. मेरा लंड तन कर खड था. सॉफ चिक'ने पेट और गोटियों के कारण लंड बड़ा प्यारा लग रहा था. प्रीतम ने उसे सहलाया और बोला.

इसे अब बाँध कर रखना पड़ेगा. और अब चलते समय ज़रा चूतड मटका'ने की आदत डाल ले. मैने कहा.

प्रीतम, मैं भूल जा'ती हूँ कि मैं अब लड़'की हून. इस'लिए चलते समय लड़'के जैसे चल'ने लग'ती हूँ.

मैं बताता हूँ एक उपाय. चल झुक कर खड़ी हो जा. कह'कर वह एक ककडी ले आया. अप'ने मुँह में डाल कर अप'ने थूक से उसे गीला कर'के उस'ने ककडी मेरी गान्ड में घुसेड दी और उंगली से गहरी अंदर उतार दी.

अब चल कर देख. वह हंस'कर बोला. मैं जब चला तो ककडी गान्ड के अंदर होने से और हाई हील की सैंडल के कारण मेरे चूतड खुद ब खुद लहरा उठे. कमरे के दो चक्कर लगा'कर जब मैं लौट तो प्रीतम मुझसे चिपक गया.

क्या मस्त चल'ती है तू रंडी जैसी! बाहर ना जाना होता तो अभी पटक कर तेरी मार लेता. अब कपड़े पहन और चल. वापस आ'कर तेरी चूचियों का भी टेस्ट लेना है कि इन'में कितना दूध आता है.

जब हम बाहर निकले तो मुझे बहुत अटपटा लग रहा था. डर लग रहा था कि कोई पहचान ना ले कि मैं लड़का हूँ. लंड को मैने पेट पर सटा'कर उसपर पैंटी पहन ली थी और फिर पेटीकोट का नाडा उसीपर कस कर बाँध लिया था. इस'लिए लंड तो छुप गया था पर फिर भी मैं घबरा रहा था. प्रीतम ने मेरी हौसला बँधाया.

बहुत खूबसूरत लग रही है तू माधुरी रानी. दो घंटे बाद हम लौटे तो मैं हवा में चल रहा था. मेरे असली रूप को कोई नहीं पहचान पाया था. प्रीतम के एक दो मित्र भी नहीं जिनसे मैं मिल चुका था. और मैने महसूस किया कि राह चलते नौजवान बड़ी कामुक नज़रों से मेरी ओर देखते थे. मैं कुच्छ ज़्यादा ही कमर लचका कर चल रहा था. लोग प्रीतम की ओर वे बड़ी ईर्ष्या से देखते कि क्या मस्त छोकरी पटायी है उस'ने.

जब वापस आए तो प्रीतम का भी कस कर खड़ा हो गया था. घर में आते ही उस'ने मुझे पटक कर चूमाचाटी शुरू कर दी. वह मेरी गान्ड मारना चाह'ता था पर उस'में ककडी थी. निकल'ने तक उसे सब्र नहीं था. इस'लिए उस'ने आख़िर मेरे मुँह में अपना लॉडा घुसेड कर चोद डाला.

मुझे अपना वीर्य और मूत पिला कर वह उठा तो मैं अपना गला सहलाते हुए उठ बैठा. इतनी ज़ोर से उस'ने मेरा गला चोदा था कि मुझसे बोला भी नहीं जा रहा था. ऊपर से खारे मूत से जलन भी हो रही थी. उस'की वासना शांत होने पर प्यार से मुझे गाली देते हुए वह बोला.

आज रात भर तुझे चोदून्गा. साली रंडी छिनाल. क्या हालत कर दी है तेरे रूप ने! अब गाँव में हम तीनों मिल'कर तेरे रूप को कैसे भोगते हैं, तू ही देखना. ऐसे कुचल कुचल कर मसल मसल कर तुझे चोदेन्गे की तू बिना चुद'ने के और किसी लायक नहीं रह जाएगा साले मादरचोद. अब चल, चूची में दूध भरवा ले और चुदा'ने चल उस'ने एक डिब्बा निकाला. उस'में काले रब्बर के छोटे छोटे चूचुक थे. उन्हें तान कर मुझे दिखाता हुआ बोला.

ये चूचुक औरतें ऊपर से अप'ने चूचुक पर लगा लेती हैं कि दूध छलक ना जाए. अब मैं दर्जनों ले आया हूँ, तेरे लिए काम आएँगीं.

मुझे नग्न कर'के उस'ने मेरे स्तन दबाना शुरू कर दिए. मसल मसल कर उन्हें नरम किया और मेरे चूचुक खींच कर खड़े किए. फिर उस'ने फ्रिज से दूध निकाला. उसमे शक्कर घोली और एक बड़ी सीरिंज में दूध भरा. मेरे चूचुक को दबा'कर उस'ने उस'में का छेद खोला और हौले से उसमे सीरिंज की सुई डाली. मुझे थोड़ा दर्द हुआ पर मैं सह गया. अब तो यह रोज होने वाला था. सीरिंज दबा'कर उस'ने दूध अंदर भरना शुरू किया.

मेरा स्तन फूल'ने लगा. बड़ी अजीब सी गुदगुदी मुझे हुई. कसमसा'कर मैने प्रीतम के गले में बाँहें डालीं और उसे चूम'ने लगा. प्रीतम मेरी चूची एक हाथ से पकड़'कर दूसरे से सीरिंज दबाता रहा और मेरा मुँह चूम'ता रहा.

जब सीरिंज खाली हो गयी तो फिर उस'में दूध भर'कर प्रीतम फिर शुरू हो गया. जब चूचुक में से दूध छलक'ने लगा तब उस'ने सीरिंज निकाली और एक रब्बर का चूचुक तान कर मेरे चूचुक पर पहना दिया. पीछे हट'कर उस'ने मेरी ओर देखा और बोल पड़ा.

वाह, क्या बात है, अब लग रही है असली रसीली चूची. मैने आईने में देखा कि दूध वाली चूची फूल कर दूसरी के मुकाबले दुगुनी हो गयी थी. तन कर खड़ी थी और लाल हो गयी थी. खाली चूची सेब की तरह गोल मटोल थी और भारी वाली नारियल जैसी हो गयी थी. प्रीतम ने उसे दबाया तो मेरे मुँहे से एक हल्की चीख निकल गयी. तन कर मेरा स्तन बड़ा नाज़ुक हो गया था और जारी भी दबा'ने से एकदम दुख'ता था. पर साथ ही मेरे चूचुक में बड़ी कामुक सी टीस उठ'ती थी.

मेरी दूसरी चूची में दूध भर'ने के बाद प्रीतम ने मुझसे चल'ने को कहा. जब मैं चूतड मटक कर चला तो मम्मे गुब्बारों जैसे डोल'ने और उच्छल'ने लगे. वे भरी भी थे इस'लिए मेरी छा'ती पर उनका वजन मुझे बड़ा मादक लग रहा था. मेरे मचलते स्तनों को देख'कर प्रीतम अपना लंड मुठियाते हुए बोला.

आज मज़ा आएगा अब तेरी गान्ड मार'ने में. खूब चूचियाँ मसल मसल कर तेरी मारूँगा. फिर तेरा दूध पीऊंगा और फिर मारूँगा. अब चल, पहले मुझे अपनी गान्ड की ककडी खिला.

मुझे पटक'कर उस'ने मेरे गुदा पर मुँह लगाया और चूस कर ककडी बाहर खींच ली. जैसे जैसे वा बाहर निकल'ती गयी, वह खाता गया. मुझे बड अच्छा लग रहा था. मेरी गान्ड में इतनी देर रह'ने के बाद उसपर ज़रूर मेरी गान्ड का माल लगा होगा. वह जिस तरह खा रहा था, मेरे मन में एक आशा जागी कि शायद मैं जिस तरह से उस'की टट्टी का दीवाना हो गया था, वैसा शायद मेरा यार भी आगे चल कर हो जाए!

अब तुझे भी तेरी पसंद की चीज़ खिलाता हूँ रानी. एक हफ्ते से चप्पल नहीं खिलाई तुझे, चल आज खा ले. कह कर उस'ने अपनी एक चप्पल उतारी और मेरे मुँह में ठूंस दी. आज कल मुझे चप्पल खिला'ने के लिए मेरा मुँह या हाथ पाँव बाँध'ने की ज़रूरत नहीं पड़'ती थी. मैं वैसे ही उसे मुँह में भर लेता था. चप्पल मेरे मुँह में ठूंस'ने के बाद उस'ने तुरंत दूसरी चप्पल डिब्बे से निकाली और पहन ली. उस'के एक पैर में अब नीली चप्पल थी और एक में सफेद. मुझे एक एक चप्पल खिला'ने के चक्कर में जोड़ी अक्सर नहीं जम'ती थी. मेरा ध्यान उसपर गया देख'कर वह बोला.

हां रानी, मुझे भी अटपटी लग'ता है ऐसी बेमेल चप्पल पहन कर. अब शादी के बाद तू एक साथ जोड़ी मुँह में लेना शुरू कर दे, फिर यह झन्झट ही दूर हो जाएगी. उसका लंड फिर खड़ा हो गया था.

चल अब मरा'ने को आ जा, मेरी गोद में बैठ. आज मस्त दो घंटे मारूँगा तेरी. एक किताब भी लाया हूँ. साथ साथ पढाते हैं. मुझे खींच कर सोफे की ओर ले जाता हुआ वह बोला.

किताब बहुत गंदी थी. हर तरह के संभोग तो उस'में थे ही, जानवरों के साथ रति की भी कहानियाँ थी. प्रीतम गरमा'कर अप'ने चूतड उचका'कर नीचे से मेरी गान्ड मार'ता हुआ बोला.

रानी, मज़ा आता होगा पशुओं से संभोग में. मेरा बस चले तो एक कुत्ता कुतिया पाल लूँ. पर बाद में देखेंगे, अभी तो चल मुझे दूध पिला.

नीचे से मेरी गान्ड मार'ता हुआ वह बड़ी बेरहमी से मेरी चूचियाँ मसल रहा था. बहुत दर्द हो रहा था पर मैं उसे सहन कर रहा था. जब मेरे स्तन लाल लाल हो गये तो उस'ने मेरे एक चूचुक का रब्बर का कवर निकाला. दबाव से उस'में से दूध की फुहार निकल'ने लगी. झुक कर उस'ने उसे मुँह में ले लिया और पीने लगा. उस'के चेहरे पर एक आसीन सन्तोष दिख रहा था. मुझे इतना अच्छा लगा कि आख़िर मैं इतना औरत तो बन ही गया हूँ कि किसी को अपनी छा'ती में से पिला सक'ता हूँ. प्रीतम के सिर को अपनी छा'ती पर दबा कर उस'के मुँह में अपनी चूची घुसेड'कर मैं प्यार से उसे दूध पिला'ने लगा.

रात भर हमारी चुदाई चली. जब हम सोए तो लस्त हो गये थे. मेरी चूचियाँ खाली होकर फिर से अप'ने सेब जैसे आकार में आ गयी थी. प्रीतम बहुत खुश था कि प्रदीप की होने वाली बहू अब पूरी तरह तैयार थी. उस'ने चिठ्ठी लिख कर मा और प्रदीप को तुरंत आने को कहा.

यहीं बुलवा लेते हैं उन दोनों को. यहाँ घर में कोर्ट के क्लर्क को बुलावा'कर तेरी शादी करा देते हैं, फिर सब मिल'कर गाँव चलेंगे. प्रदीप और मा आने तक प्रीतम ने मुझसे संभोग बंद कर दिया. चप्पल खिलाना, मूत पिलाना, सब बंद कर दिया. बोला.

अब सुहागरात की तैयारी कर रानी. नयी दुल्हन की ठीक से खातिर कर'ने को कुच्छ दिन सब का आराम करना ज़रूरी है. मैने मा और प्रदीप को भी लिख दिया है. वहाँ उन'की चुदाई भी बंद हो गयी होगी.

बहू पसंद है

जिस दिन प्रदीप और मा आने वाले थे, मैं बहुत खुश था. शरमा रहा था और डर भी रहा था कि उन्हें मैं पसंद आऊंगा या नहीं. शादी कर'के उसी दिन हम गाँव को रवाना होने वाले थे.

मैं खूब सज़ा धाज़ा. मेरे रूप को देख'कर प्रीतम बड़ी मुश्किल से अप'ने आप पर काबू रख पाया, दो मिनिट तो उस'की गुलाबी आँखें देख कर मुझे लगा था कि कहीं वह वहीं पटक कर मेरी गान्ड ना मार'ने लगे. पर किसी तरह उस'ने अप'ने आप पर काबू किया. हां मेरे साम'ने बैठ कर झुक कर खूबसूरत सैंडलों में लिपटे मेरे पैर वह चूम'ने लगा.

रानी, आज तो तू एकदम जूही जैसी लग'ती है, मा कसम अब तुझे ना चोदू तो मार जाऊँगा. ऊत'ने में बेल बजी तो किसी तरह अप'ने आप को समहाल'कर वह दरवाजा खोल'ने चला गया.

प्रदीप और मा आए तो मैं सहमा हुआ सोफे पर बैठा था. प्रदीप को देखते ही मेरा दिल धडक'ने लगा. आख़िर मेरा होने वाला पति था. अच्च्छा तगड ऊँचा पूरा जवान था. दिख'ने में बिलकुल प्रीतम जैसा था. उस'के पैंट के साम'ने के फूले हिस्से को देख'कर ही मैं समझ गया कि उसका लंड कैसा होगा. मा साड़ी साड़ी पह'ने हुए थी. फोटो में तो उन'की मादक'ता का ज़रा भी अंदाज नहीं लगा था, उनका भरा पूरा शरीर, आँचल के नीचे से दिख'ती भारी भरकम छातिया और पहाड सी मोटी मतवाली गान्ड मुझे मंत्रमुग्ध कर गयी. मुझे देख'कर उन दोनों की भी आँखें चमक उठीं. मा मुझे बाँहों में लेकर चूमते हुए बोलीं.

सच में परी जैसी बहू है, प्रीतम तूने जादू कर दिया. पर ह'में झाँसा तो नहीं दे रहा? मुझे तो यह सच मुच की लड़'की लग'ती है.

जवाब में प्रीतम ने हंस'कर उनका हाथ मेरे पेट पर रख'कर साड़ी के नीचे से मेरे तन कर खड़े पेट से सटे लंड पर रखा तब उन्हें तसल्ली हुई. प्रदीप ने भी टटोल कर देखा कि मैं सच में लड़का हूँ तो उस'की आँखों में खुमारी भर आई. वह शायद मुझे वहीं बाँहों में भर लेता पर मा ने उसे डाँट दिया. बोलीं शादी के बाद गाँव में ही वह मुझे भोग पाएगा, यहाँ नहीं. मा ने पूचछा

बहू का दहेज कहाँ है? बिना दहेज के शादी नहीं होगी! मैं चकरा कर देख'ने लगा. चेहरे के भाव देख'कर प्रीतम हंस पड़ा.

अरे घबरा मत, मा मज़ाक कर रही है, मुझे मालूम है ये किस दहेज की बात कर रही है. मा, प्रदीप, ये देख तेरा दहेज, लाखों का है, बल्कि ज़्यादा का! उस'ने एक बैग खोल कर दिखाया. उस'में मेरी सारी रब्बर की चप्पलें थी. देख'कर प्रदीप की आँखें चमक उठीं. एक जोड़ी उठा'कर वह सूंघ'ने लगा. मा ने भी एक ली और चाट कर देखी.

बहुत स्वादिष्ट है, सच में बड़ी प्यारी बहू है, प्रदीप अब रख दे नहीं तो यहीं जुट जाएगा प्रदीप ने बेमन से चप्पल वापस रखी. मुझे कुच्छ समझ में नहीं आ रहा था पर कुच्छ कुच्छ अंदाज़ा होने लगा था. लंड खड़ा हो गया था.

कुच्छ देर में कोर्ट का क्लर्क आया. प्रीतम ने उसे काफ़ी पैसे दिए थे. बिना कुच्छ पूच्छे उस'ने हमारी शादी रचाई और हमारे दस्तख़त लिए. मैने अनुराधा के नाम पर साइन किया. फिर प्रदीप ने मुझे मंगलसूत्र पहनाया और मैने झुक कर सब के पैर च्छुए. हम बाहर खाना खा'ने गये पर मुझे कुच्छ नहीं दिया गया. मा बोलीं.

अब तेरी नकेल मेरे हाथ में है बहू. खाना अब सीधे गाँव चल'कर. नहीं तो तुझे रास्ते में तकलीफ़ होगी. मैं समझा नहीं पर चुप रहा. प्रदीप तो मुझे ऐसे घूर रहा था कि कच्चा खा जाएगा.

बहू ससुराल चली

घर आ'कर सब'ने सामान बाँधना शुरू हुआ. प्रीतम के दो सूटकेस थे. मा और प्रदीप बस एक बैग लाए थे. मेरा कोई सामान नहीं था क्योंकि अब मेरे पूरा'ने कपड़े मेरे किसी काम के नहीं थे. बस वो चप्पालों का बैग था जो प्रदीप ने संभाल'कर उठाया हुआ था. अंत में प्रीतम बोला.
क्रमशः................



YAAR BANA PRITAM - BHAAG (11)

gataank se aage.......
Jab doodh bharoge to aDatees saaiz ho jaayegaa. Do din men Taanke nikaal doongaa. Yah cream laga lenaa, ghaav bhee gaayab ho jaayega do hafte men. Fir koee kah naheen sakega ki nakalee choochiyaan hain. Ek baat aur. in'men doodh ek maah baad bhar ke dekhanaa. Ek baDee injexan waalee suee istemaal karanaa. Aur in stanon ko roj khoob sahalaana aur masalanaa. Jit'ne dabaaoge, ut'ne ye khilenge, andar ka spanj aur silikon Theek se jam jaayenge aur ekadam maasal t'ne stan ban jaayenge. Doctor ne h'men bida karate hue kahaa.

Us'ke ek maah baad kee baat hai. Operation ke baad ham'ne ghar badal liya tha aur main Pritam kee bahan ban'kar us'ke saath rah'ta thaa. Maine ghar ke baahar nikalana bhee chhoD diya thaa.

Main aaine ke saam'ne nanga khaDa thaa. Bas haai heel kee saindal pahanee thee. Pritam mere peechhe khaDa ho kar meree choochiyaan daba raha tha aur un'kee maalish kar raha thaa. Mere baal ab tak kandhe ke neeche aa gaye the jin'men main klip laga leta thaa.

Chal aaj ghoom'ne chalate hain. Ab baahar bhee laD'kee ke roop men ghooman too shuroo kar de. Aadat Daal le. Waise gaanv men tujhe baahar nikal'ne ka mauka naheen aayegaa. Par yahaan shahar men to too ghoom sak'tee hai Maadhuri raanee. Wah mujhe choom kar bolaa. Ab wah mujhe Maadhuri ya anuraadha kah kar bulaata thaa. Mera lunD tan kar khaDa thaa. Saaf chik'ne peT aur goTiyon ke kaaraN lunD baDa pyaara lag raha thaa. Pritam ne use sahalaaya aur bolaa.

ise ab baandh kar rakhana paDegaa. Aur ab chalate samay jara chootaD maTaka'ne kee aadat Daal le. Maine kahaa.

Pritam, main bhool ja'tee hoon ki main ab laD'kee hoon. is'liye chalate samay laD'ke jaise chal'ne lag'tee hoon.

Main bataata hoon ek upaay. Chal jhuk kar khaDee ho jaa. Kah'kar wah ek kakaDee le aayaa. Ap'ne munh men Daal kar ap'ne thook se use geela kar'ke us'ne kakaDee meree gaanD men ghuseD dee aur ungalee se gaharee andar utaar dee.

Ab chal kar dekh. Wah hans'kar bolaa. Main jab chala to kakaDee gaanD ke andar hone se aur haai heel kee saindal ke kaaraN mere chootaD khud b khud lahara uThe. Kamare ke do chakkar laga'kar jab main lauTa to Pritam mujhase chipak gayaa.

Kya mast chal'tee hai too randee jaisee! Baahar na jaana hota to abhee paTak kar teree maar letaa. Ab kapaDe pahan aur chal. Waapas a'kar teree choochiyon ka bhee TesT lena hai ki in'men kitana doodh aata hai.

Jab ham baahar nikale to mujhe bahut aTapaTa lag raha thaa. Dar lag raha tha ki koee pahachaan na le ki main laDaka hoon. LunD ko maine peT par saTa'kar usapar paintee pahan lee thee aur fir peTeekoT ka naaDa useepar kas kar bandh liya thaa. is'liye lunD to chhup gaya tha par fir bhee main ghabara raha thaa. Pritam ne meree hausala bandhaayaa.

Bahut khoobasoorat lag rahee hai too Maadhuri raanee. Do ghante baad ham lauTe to main hawa men chal raha thaa. Mere asalee roop ko koee naheen pahachaan paaya thaa. Pritam ke ek do mitr bhee naheen jinase main mil chuka thaa. Aur maine mahasoos kiya ki raah chalate naujawaan baDee kaamuk najaron se meree or dekhate the. Main kuchh jyaada hee kamar lachaka kar chal raha thaa. Log Pritam kee or we baDee irShya se dekhate ki kya mast chhokaree paTaayee hai us'ne.

Jab waapas aaye to Pritam ka bhee kas kar khaDa ho gaya thaa. Ghar men aate hee us'ne mujhe paTak kar choonaachaaTee shuroo kar dee. Wah meree gaanD maarana chaah'ta tha par us'men kakaDee thee. Nikaal'ne tak use sabr naheen thaa. is'liye us'ne aakhir mere munh men apana lauDa ghuseD kar chod Daalaa.

Mujhe apana weery aur moot pila kar wah uTha to main apana gala sahalaate hue uTh baiThaa. itanee jor se us'ne mera gala choda tha ki mujhase bola bhee naheen ja raha thaa. Oopar se khaare moot se jalan bhee ho rahee thee. Us'kee waasana shaamt hone par pyaar se mujhe gaalee dete hue wah bolaa.

Aaj raat bhar tujhe chodoongaa. Saalee randee chhinaal. Kya haalat kar dee hai tere roop ne! Ab gaanv men ham teenon mil'kar tere roop ko kaise bhogate hain, too hee dekhanaa. Aise kuchal kuchal kar masal masal kar tujhe chodenge ki too bina chud'ne ke aur kisee laayak naheen rah jaayega saale maadarachod. Ab chal, choochee men doodh bharawa le aur chuda'ne chal Us'ne ek Dibba nikaalaa. Us'men kaale rubber ke chhoTe chhoTe chuchuk the. Unhen taan kar mujhe dikhaata hua bolaa.

Ye chuchuk auraten oopar se ap'ne chuchuk par laga letee hain ki doodh chhalak na jaaye. Ab main darjanon le aaya hoon, tere liye kaam aayengeen.

Mujhe nagn kar'ke us'ne mere stan dabaana shuroo kar diye. Masal masal kar unhen naram kiya aur mere chuchuk kheench kar khaDe kiye. Fir us'ne frij se doodh nikaalaa. Usame shakkar gholee aur ek baDee seerinj men doodh bharaa. Mere chuchuk ko daba'kar us'ne us'men ka chhed khola aur haule se usame seerinj kee suee Daalee. Mujhe thoDa dard hua par main sah gayaa. Ab to yah roj hone waala thaa. Seerinj daba'kar us'ne doodh andar bharana shuroo kiyaa.

Mera stan fool'ne lagaa. BaDee ajeeb see gudagudee mujhe huee. Kasamasa'kar maine Pritam ke gale men baanhen Daaleen aur use choom'ne lagaa. Pritam meree choochee ek haath se pakaD'kar doosare se seerinj dabaata raha aur mera munh choom'ta rahaa. http://groups.yahoo.com/group/deshiromance

Jab seerinj khaalee ho gayee to fir us'men doodh bhar'kar Pritam fir shuroo ho gayaa. Jab chuchuk men se doodh chhalak'ne laga tab us'ne seerinj nikaalee aur ek rubber ka chuchuk taan kar mere chuchuk par pahana diyaa. Peechhe haT'kar us'ne meree or dekha aur bol paDaa.

Waaha, kya baat hai, ab lag rahee hai asalee raseelee choochee. Maine aaine men dekha ki doodh waalee choochee fool kar doosaree ke mukaabale dugunee ho gayee thee. Tan kar khaDee thee aur laal ho gayee thee. Khaalee choochee seb kee tarah gol maTol thee aur bharee waalee naariyal jaisee ho gayee thee. Pritam ne use dabaaya to mere munhe se ek halkee cheekh nikal gayee. Tan kar mera stan baDa naajuk ho gaya tha aur jaree bhee daba'ne se ekadam dukh'ta thaa. Par saath hee mere chuchuk men baDee kaamuk see Tees uTh'tee thee.

Meree doosaree choochee men doodh bhar'ne ke baad Pritam ne mujhase chal'ne ko kahaa. Jab main chootaD maTaka kar chala to mamme gubbaaron jaise Dol'ne aur uchhal'ne lage. We bhaaree bhee the is'liye meree chha'tee par unaka wajan mujhe baDa maadak lag raha thaa. Mere machalate stanon ko dekh'kar Pritam apana lunD muThiyaate hue bolaa.

Aaj maja aayega ab teree gaanD maar'ne men. Khoob choochiyaan masal masal kar teree maaroongaa. Fir tera doodh pioonga aur fir maaroongaa. Ab chal, pahale mujhe apanee gaanD kee kakaDee khilaa.

Mujhe paTak'kar us'ne mere guda par munh lagaaya aur choos kar kakaDee baahar kheench lee. Jaise jaise wah baahar nikal'tee gayee, wah khaata gayaa. Mujhe baDa achchha lag raha thaa. Meree gaanD men itanee der rah'ne ke baad usapar jaroor meree  gaanD ka maal laga hogaa. Wah jis tarah kha raha thaa, mere man men ek aasha jaagee ki shaayad main jis tarah se us'kee TaTTee ka deewaana ho gaya thaa, waisa shaayad mera yaar bhee aage chal kar ho jaaye!

Ab tujhe bhee teree pasand kee cheej khilaata hoon raanee. Ek hafte se chappal naheen khilaayee tujhe, chal aaj kha le. Kah kar us'ne apanee ek chappal utaaree aur mere munh men Thoons dee. Aaj kal mujhe chappal khila'ne ke liye mera munh ya haath paanv baandh'ne kee jaroorat naheen paD'tee thee. Main waise hee use munh men bhar leta thaa. Chappal mere munh men Thoons'ne ke baad us'ne turant doosaree chappal Dibbe se nikaalee aur pahan lee. Us'ke ek pair men ab neelee chappal thee aur ek men safed. Mujhe ek ek chappal khila'ne ke chakkar men joDee aksar naheen jam'tee thee. Mera dhyaan usapar gaya dekh'kar wah bolaa.

Haan raanee, mujhe bhee aTapaTee lag'ta hai aisee bemel chappal pahan kar. Ab shaadee ke baad too ek saath joDee munh men lena shuroo kar de, fir yah jhanjhaT hee door ho jaayegee. Usaka lunD fir khaDa ho gaya thaa.

Chal ab mara'ne ko aa jaa, meree god men baiTh. Aaj mast do ghante maaroonga teree. Ek pothee bhee laaya hoon. Saath saath paDhaate hain. Mujhe kheench kar sofe kee or le jaata hua wah bolaa.

Pothee bahut gandee thee. Har tarah ke sambhog to us'men the hee, jaanawaron ke saath rati kee bhee kahaaniyaan thee. Pritam garama'kar ap'ne chootaD uchaka'kar neeche se meree gaanD maar'ta hua bolaa.

Raanee, maja aata hoga pashuon se sambhog men. Mera bas chale to ek kutta kutiya paal loon. Par baad men dekhenge, abhee to chal mujhe doodh pilaa.

Neeche se meree gaanD maar'ta hua wah baDee berahamee se meree choochiyaan masal raha thaa. Bahut dard ho raha tha par main use sahan kar raha thaa. Jab mere stan laal laal ho gaye to us'ne mere ek chuchuk ka rubber ka kavar nikaalaa. Dabaav se us'men se doodh kee fuhaar nikal'ne lagee. Jhuk kar us'ne use munh men le liya aur peene lagaa. Us'ke chehare par ek aseen santoSh dikh raha thaa. Mujhe itana achchha laga ki aakhir main itana aurat to ban hee gaya hoon ki kisee ko apanee chha'tee men se pila sak'ta hoon. Pritam ke sir ko apanee chha'tee par daba kar us'ke munh men apanee choochee ghuseD'kar main pyaar se use doodh pila'ne lagaa.

Raat bhar hamaaree chudaayee chalee. Jab ham soye to last ho gaye the. Meree choochiyaan khaalee hokar fir se ap'ne seb jaise aakaar men aa gayee thee. Pritam bahut khush tha ki Pradeep kee hone waalee bahoo ab pooree tarah taiyaar thee. Us'ne chiThThee likh kar maa aur Pradeep ko turant aane ko kahaa.

Yaheen bulawa lete hain un donon ko. Yahaan ghar men korT ke klark ko bulawa'kar teree shaadee kara dete hain, fir sab mil'kar gaanv chalenge. Pradeep aur maa aane tak Pritam ne mujhase sambhog band kar diyaa. Chappal khilaanaaa, moot pilaanaaa, sab band kar diyaa. Bolaa.

Ab suhaagaraat kee taiyaaree kar raanee. Nayee dulhan kee Theek se khaatir kar'ne ko kuchh din sab ka aaraam karana jarooree hai. Maine maa aur Pradeep ko bhee likh diya hai. Wahaan un'kee chudaayee bhee band ho gayee hogee.

Bahoo pasand hai

Jis din Pradeep aur maa aane waale the, main bahut khush thaa. Sharama raha tha aur Dar bhee raha tha ki unhen main pasand aaoonga ya naheen. Shaadee kar'ke usee din ham gaanv ko rawaan hone waale the.

Main khoob saja dhajaa. Mere roop ko dekh'kar Pritam baDee mushkil se ap'ne aap par kaaboo rakh paayaa, do minute to us'kee gulaabee aankhen dekh kar mujhe laga tha ki kaheen wah waheen paTak kar meree gaanD na maar'ne lage. Par kisee tarah us'ne ap'ne aap par kaaboo kiyaa. Haan mere saam'ne baiTh kar jhuk kar khoobasoorat saindalon men lipaTe mere pair wah choom'ne lagaa.

Raanee, aaj to too ekadam joohee jaisee lag'tee hai, maa kasam ab tujhe na chodoon to mar jaaoongaa. Ut'ne men bel bajee to kisee tarah ap'ne aap ko samhaal'kar wah darawaaja khol'ne chala gayaa.

Pradeep aur maa aaye to main sahama hua sofe par baiTha thaa. Pradeep ko dekhate hee mera dil dhaDak'ne lagaa. Aakhir mera hone waala pati thaa. Achchha tagaDa ooncha poora jawaan thaa. Dikh'ne men bilakul Pritam jaisa thaa. Us'ke paint ke saam'ne ke foole hisse ko dekh'kar hee main samajh gaya ki usaka lunD kaisa hogaa. Maa saadee saaDee pah'ne hue thee. FoTo men to un'kee maadak'ta ka jara bhee andaaj naheen laga thaa, unaka bhara poora shareer, aanchal ke neeche se dikh'tee bhaaree bharakam chhaatiyaan aur pahaaD see moTee matawaalee gaanD mujhe mantramughn kar gayee. Mujhe dekh'kar un donon kee bhee aankhen chamak uTheen. Maa mujhe baanhon men lekar choonate hue boleen.

Sach men paree jaisee bahoo hai, Pritam toone jaadoo kar diyaa. Par h'men jhaansa to naheen de rahaa? Mujhe to yah sach much kee laD'kee lag'tee hai.

Jawaab men Pritam ne hans'kar unaka haath mere peT par rakh'kar saaDee ke neeche se mere tan kar khaDe peT se saTe lunD par rakha tab unhen tasallee huee. Pradeep ne bhee TaTol kar dekha ki main sach men laDaka hoon to us'kee aankhon men khumaaree bhar aayee. Yah upanyaas aap yahoo groups; deshiromance men padh rahe hain. Wah shaayad mujhe waheen baanhon men bhar leta par maa ne use Daant diyaa. Boleen shaadee ke baad gaanv men hee wah mujhe bhog paayegaa, yahaan naheen. Maa ne poochha

Bahoo ka dahej kahaan hai? Bina dahej ke shaadee naheen hogee! Main chakara kar dekh'ne lagaa. Chehare ke bhaav dekh'kar Pritam hans paDaa.

Are ghabara mat, maa majaak kar rahee hai, mujhe maaloom hai ye kis dahej kee baat kar rahee hai. maa, Pradeep, ye dekh tera dahej, laakhon ka hai, balki jyaada kaa! Us'ne ek baig khol kar dikhaayaa. Us'men meree saaree rubber kee chappalen thee. Dekh'kar Pradeep kee aankhen chamak uTheen. Ek joDee uTha'kar wah soongh'ne lagaa. Maa ne bhee ek lee aur chaaT kar dekhee.

Bahut swaadiShT hai, sach men baDee pyaaree bahoo hai, Pradeep ab rakh de naheen to yaheen juT jaayegaa Pradeep ne beman se chappal waapas rakhee. Mujhe kuchh samajh men naheen aa raha tha par kuchh kuchh andaaja hone laga thaa. LunD khaDa ho gaya thaa.

Kuchh der men korT ka klark aayaa. Pritam ne use kaafee paise diye the. Bina kuchh poochhe us'ne hamaaree shaadee rachaayee aur hamaare dastakhat liye. Maine anuraadha ke naam par saain kiyaa. Fir Pradeep ne mujhe mangalasootr pahanaaya aur maine jhuk kar sab ke pair chhue. Ham baahar khaana kha'ne gaye par mujhe kuchh naheen diya gayaa. Maa boleen.

Ab teree nakel mere haath men hai bahoo. Khaana ab seedhe gaanv chal'kar. Naheen to tujhe raaste men takaleef hogee. Main samajha naheen par chup rahaa. Pradeep to mujhe aise ghoor raha tha ki kachcha kha jayegaa.

Bahoo sasuraal chalee

Ghar a'kar sab'ne saaman baandhan shuroo huaa. Pritam ke do sooTakes the. Maa aur Pradeep bas ek baig laaye the. Mera koee saamaan naheen tha kyonki ab mere pura'ne kapaDe mere kisee kaam ke naheen the. Bas wo chappalon ka baig tha jo Pradeep ne sambhaal'kar uThaaya hua thaa. Ant men Pritam bolaa.
kramashah................








आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ , मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ .. मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,, बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ आपका दोस्त राज शर्मा (¨`·.·´¨) Always `·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving & (¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling ! `·.¸.·´ -- raj

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