यार बना प्रीतम - भाग (4)
गतान्क से आगे........
मुझे बहुत अच्च्छा लगा, थोड़ा आश्चर्य भी हुआ. मुझे लगा था कि गान्ड में लंड डाल'ने में थोड़ी मेहनत करना पडेगी. यहाँ तो वह आसानी से पूरा अंदर हो गया था. मैं समझ गया कि मेरा यार काफ़ी मरवा चुका है.
अब उस'ने चूतड छोडे और अपना छल्ला सिकोड कर मेरा लंड गान्ड से पकड़ लिया. अब मज़ा आया मुझे. उस'की गान्ड ने कस कर ऐसे मेरे लंड को पकड हुआ था जैसे मूठी में दबा लिया हो. मैं प्रीतम के ऊपर लेट गया और बेतहाशा उस'की चिकनी पीठ और मासल कंधे चूम'ने लगा.
मेरे राजा, बहुत प्यारा है तेरा लंड, बड मस्त लग रहा है गान्ड में, है थोड़ा छ्होटा पर एकदम सख़्त है, लोहे जैसा. मार यार, गान्ड मार मेरी उस'के कहते ही मैं धीरे धीरे मज़े लेकर उस'की गान्ड मार'ने लगा. मैने कल'पना भी नहीं की थी कि किसी मर्द की गान्ड मारना इतना सुखद अनुभव होगा. उस'की गान्ड एकदम कोमल और गरम थी और मेरे लंड को प्यार से पकड़े हुए थी. मैने अपनी बाँहें प्रीतम के शरीर के नीचे घुसा कर उस'की छा'ती को बाँहों में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से गान्ड मार'ने लगा.
शाबास मेरे राजा, मार और ज़ोर से, और मेरे चूचुक दबा यार प्लीज़, समझ औरत के हैं. मुझे मज़ा आता है यार चूचुक मसले जा'ने पर. और देख झद'ना नहीं साले नहीं तो मार खाएगा. प्रीतम के चमडीले बेरों जैसे चूचुक दबाता और उंगलियों में लेकर मसल'ता हुआ मैं एक चित्त होकर उस'की गान्ड को भोग'ने लगा. मक्खन से चिकनी गान्ड में लंड इतना मस्त फिसल रहा था की मैं जल्द ही बिलकुल झड'ने के करीब आ गया. किसी तरह अप'ने आप को मैने रोका और हांफ'ता हुआ पड रहा. मेरे इस संयम पर खुश होकर प्रीतम ने अपना सिर घुमाया और अपना हाथ पीछे कर'के मेरी गर्दन में डाल'कर मेरे सिर को पास खींच लिया.
बस ऐसे ही मार बिना झाडे. बहुत मस्त मार रहा है तू, इनाम मिलना चाहिए तुझे मेरी जान, चुम्मा दूँगा मस्त रसीला, अप'ने मुँह का रस चखाऊंगा तुझे. चुम्मा लेते हुए गान्ड मार अप'ने यार की. मैने अप'ने होंठ उस'के होंठों पर रख दिए और पास से उस'की वासना भरी आँखों में एक प्रेमी की तरह झाँक'ता हुआ उसका मुँह चूस'ने लगा. उस'के मुँह के रस का स्वाद किसी सुंदरी के मुँह से ज़्यादा मीठा लग रहा था. जल्द ही खुले मुँह में घुस कर हमारी जीभें लड़'ने लगीं और एक दूसरे की जीभ चूसते हुए हम'ने फिर संभोग शुरू कर दिया. गांद में मेरे लंड के फिर गहरे घुसते ही प्रीतम चहक उठा.
मार साली को ज़ोर से, फुकला कर दे, मा कसम, इतना मज़ा बहुत दिन में आया मेरी जान. घंटा भर मार मेरी राजा प्लीज़. . घंटे भर तो नहीं पर बीस मिनिट मैने ज़रूर प्रीतम की गान्ड मारी होगी. अप'ने चूतड उच्छाल उच्छाल कर पूरे जोरों से प्रीतम की गान्ड में मैं लंड पेल'ता और फिर सुपाडे तक बाहर खींच लेता. मेरी जांघें उस'के नितंबों से टकरा'कर 'सॅट' 'सॅट' 'सॅट' आवाज़ कर रही थी. आख़िर कामसुख के अतिरेक से मेरा संयम जवाब दे गया और उस'की जीभ चूसते हुए मैं कस कर झड गया.
प्रीतम ने मेरे लंड को अप'ने चूतडो की गहराई में पूरा झड जा'ने दिया और फिर मुझे अपनी पीठ से उतार कर उठ बैठा. उस'की आँखें अब वासना से लाल हो चुकी थी. उसका लंड उच्छल उच्छल कर फूफकार रहा था.
मेरी सील टूटी
बिना कुच्छ कहे उस'ने मुझे बिस्तर पर ऑंढा लिटा दिया और फिर मेरी गान्ड पर टूट पड़ा. मेरे नितंबों को चाट'ता हुआ और चूम'ता हुआ वह उन्हें ऐसे मसल रहा था जैसे चूचियाँ हों. मस्ती में उस'ने ज़ोर से मेरे नितंब को काट खाया. मेरी हल्की सी चीख निकल गयी. फिर झुक कर सीधा मेरा गुदा चूस'ने लगा. अप'ने हाथों से मेरे नितंब खींच कर उस'ने मेरी गान्ड खोली और उस'में अपनी जीभ उतार दी. प्रीतम की लंबी जीभ गहरी मेरे चूतदों में गयी और मैं सुख से सिहर उठा.
प्रीतम ऐसे मेरी गान्ड में मुँह मार रहा था जैसे खा जाना चाह'ता हो. कभी जीभ से चोदता, कभी मुँह में मेरे गुदा को भर'कर चबा'ने लगता. दर्द के साथ ही आसीन सुख की लहर मेरी नस नस में दौड़ जा'ती.
अब सहन नहीं होता मेरी जान, मार लेता हूँ तेरी. यार अब तू ही मेरे लंड पर मक्खन लगा. तेरे मुलायम हाथों से ज़रा लॉडा और मस्त होगा साला, देख तो कैसा उच्छल रहा है तेरी गान्ड लेने को. जा मक्खन ले आ यार प्रीतम ने मुझपर से उठते हुए कहा. पर मैं उठ'कर पहले टेबल के पास गया और स्केल ले कर आया. मन में बहुत कुतूहल था कि उस मतवाले लंड की आख़िर साइज़ क्या है! मैं स्केल से प्रीतम का लंड नाप'ने लगा. वह मुस्करा दिया.
नाप ले मेरी रानी. आख़िर गान्ड में लेना है, तुझे भी गर्व होगा कि इतना बड तूने लिया है. उसका शिश्न पूरा सवा आठ इंच लंबा था. डंडे की मोटायी दो इंच से थोड़ी ज़्यादा थी और सुपाड़ा तो करीब करीब ढाई इंच के व्यास का था. मेरे कौमार्य को कुच्छ ही देर में भंग कर'ने को मचलते उस हथियार को मैने फिर एक बार चूमा और फिर हथेली पर ढेर सा मक्खन लेकर उस'के लंड में चुपड'ने लगा. लोहे के डंडे जैसे उस लौडे को हाथ में लेकर उस'की फूली नसों को महसूस कर'के जहाँ एक तरफ मेरी वासना फिर भड़क'ने लगी वहीं मन में डर सा लग'ने लगा. घ्होडे के लंड जैसे इस लौडे को क्या मैं ले पाऊँगा?
पाँच मिनिट मालिश करवा कर प्रीतम की सहनशक्ति भी जा'ती रही. उस'ने मुझे फिर बिस्तर पर मुँह के बल पटका और मेरे गुदा में मक्खन लगाना शुरू किया. दो तीन लोन्दे उस'ने अंदर डाल दिए और फिर मेरे शरीर के दोनों ओर घुट'ने टेक कर बैठ गया.
बस मेरी रानी, अब नहीं रहा जाता, तैयार हो जा अपनी कुँवारी गान्ड मरवा'ने को. ऐसा कर अप'ने चूतड ज़रा खुद ही फैला, इससे आसानी से अंदर जाएगा, तुझे तकलीफ़ भी कम होगी मैने अप'ने चूतड फैलाए और मेरे गुदा पर उस'के सुपाडे का स्पर्श महसूस कर'के आँखें बंद कर'के प्रतीक्षा कर'ने लगा. आज मुझे महसूस हो रहा था कि सुहागरात में पहली बार लंड चूत में लेते हुए दुल्हन पर क्या बीत'ती होगी. दिल जोरों से धडक रहा था. बहुत डर लग रहा था. पर छूट कर भाग'ने की मेरी बिलकुल इच्च्छा नहीं थी.
प्रीतम ने हौले हौले लंड पेलना शुरू किया. अपनी धधक'ती वासना के बावजूद वह बड़े प्यार से लंड अंदर डाल रहा था. पर मेरा गुदा अप'ने आप सिकुड'कर मानो अंदर घुस'ने वाले शत्रु को रोक रहा था. प्रीतम ने मुझे समझाया
यार सुकुमार, मेरी रानी, गान्ड खोल, जैसे टट्टी के समय कर'ता है, तब घुसेगा अंदर आसानी से नहीं तो तकलीफ़ देगा तुझे मेरी जान. मैने ज़ोर लगाया और गान्ड ढीली छोडी. एक सेकंड में मौका देख'कर प्रीतम ने मंजे खिलाड़ी जैसे सुपाड़ा पचाक से अंदर कर दिया. मेरा गुदा ऐसा दुखा जैसे फट गया हो. मैं चीख पड़ा. प्रीतम इस'के लिए तैयार था, मेरा मुँह दबोच कर उस'ने मेरी चीख बंद कर दी. मैं छ्टेपाटा'ने लगा. आँखों में आँसू आ गये. प्रीतम ने लंड पेलना बंद किया और एक हाथ मेरे पेट के नीचे डाल कर मेरा लंड सहला'ने लगा.
बस मेरे राजा, हो गया, रो मत, हाथी तो चला गया, अब पूंच्छ आराम से जाएगी. तू गान्ड मत सिकोड ढीली छोड पाँच मिनिट में ऐसा मरवाएगा कि कोई रंडी भी क्या चुदवा'ती होगी. कह'कर वह मेरी गर्दन चूम'ने लगा. उस'की मीठी पुचकार ने और मेरे लंड में होती मीठी चुदासी ने आख़िर अपना जादू दिखाया. मेरी यातना कम हुई और मैने सिसकना बंद कर'के गान्ड ढीली छोडी. बहुत राहत मिली.
बस अब दो मिनिट में पूरा डाल'ता हूँ, दुखे तो बताना, मैं रुक जाऊँगा. कह'कर प्रीतम ने इंच इंच लंड मेरे चूतडो के बीच पेलना शुरू किया. आधा तो मैने ले लिया और फिर दर्द होने से सिसक पड़ा. वह रुक गया. कुच्छ देर बाद दो इंच और डाला तो मुझे लगा कि पूरी गान्ड ठूंस ठूंस कर किसीने भर दी हो. अंदर जगह ही नहीं थी.
प्रीतम कुच्छ देर और धीरे धीरे लंड पेल'ने की कोशिश कर'ता रहा पर अब वह अंदर नहीं जा रहा था. वह ज़ोर लगाता तो मुझे बहुत दर्द होता था. एकाएक उस'ने मेरा मुँह दबोचा और एक शक्तिशाली झट'के से बचा हुआ तीन चार इंच का डंडा एक ही बार में अंदर गाढ दिया. मुझे लगा कि जैसे मेरी गान्ड फट गयी. मैं तिलमिला उठ और चीख'ने की कोशिश कर'ता हुआ हाथ पैर मार'ने लगा. प्रीतम ने अब मुझे पूरी तरह दबोच लिया था और मेरे ऊपर ऐसे चढ गया था जैसे शेर हिरण पर शिकार के लिए चढ जाता है. उसका लॉडा जड़ तक मेरी गान्ड में उतर गया था. मेरे तन कर खुले खींचे गुदा के छल्ले पर उस'की झाँटें महसूस हो रही थी.
दो मिनिट बाद जब उस'ने हाथ मेरे मुँह से हटाया तो मैं कराह कर सिसक'ने लगा. घान्ड में भयानक दर्द हो रहा था. मुझे चूम चूम कर और मेरा लंड मुठिया मुठिया कर उस'ने मुझे चुप कराया.
सॉरी मेरी जान पर आख़िर के तीन इंच इसी तरह ज़बरदस्ती पेल'ने पड़ते हैं नहीं तो रात निकल जा'ती है उसे अंदर डाल'ने में. असल में वहाँ तेरी आँत में बेंड है और उस'के आगे जा'ने में लंड बहुत दर्द देता है. आज अब तेरी सील टूट गयी, मालूम है, वहाँ तेरी आँत अब सीधी हो गयी होगी. अब दर्द इतना नहीं होगा. अब बस मत रो मेरी जान, अब मज़ा ही मज़ा है. कह कर वह मेरा सिर अपनी ओर घुमा कर मुझे चूम'ने लगा और मेरे आँसू अपनी जीभ से चाट'ने लगा.
उस'की आँखों में बेहद प्यार और तीव्र कामुक'ता थी. धीरे धीरे मेरा दर्द कम हुआ और लंड भी कस कर खड़ा हो गया. दर्द तो अब भी हो रहा था पर गान्ड में अब एक अजीब मादक खुमार सा भर गया था. इसका प्रमाण यह था कि अचानक मेरा गुदा अप'ने आप सिकुड कर प्रीतम के लंड को पकड़'ने लगा.
आ गया रास्ते पर. चल अब मार'ने दे, और ना तडपा. हंस कर वा बोला. मैं भी शरमा सा गया और आँसू भरी आँखों से उस'की आँखों में देख'कर उसे चूम कर मुस्करा दिया. प्रीतम ने मेरे मुँह पर अप'ने होंठ दबा दिए और एक गहरा चुंबन लेता हुआ वह धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर कर'ने लगा. मेरी गान्ड की चुदाई शुरू हो चुकी थी.
आधे घंटे तक प्रीतम ने मेरी मारी. पूरे मज़े ले लेकर, प्यार से मेरी कुँवारी गान्ड को उस'ने भोगा. दो तीन आसन उस'ने इस आधे घंटे में मुझे सीखा दिए. पहले कुच्छ देर मुझपर चढ कर वह बड़े साधे अंदाज में मेरी मार'ता रहा. धीरे धीरे रफ़्तार भी बढाइ. जब लंड आराम से 'पच' 'पच 'पच' की सेक्सी आवाज़ के साथ मेरी गान्ड में फिसल'ने लगा तब कुच्छ देर और मार'ने के बाद वह उठा और मुझे पकड़ कर चलाता हुआ दीवार तक ले गया.
गांद में लंड लेकर चलना भी एक अलग अनुभव था. हर कदम के साथ मेरे चूतड जब डोलते थे तो लंड गान्ड में रोल होता था. दुख'ता भी था और मज़ा भी आता था. प्रीतम ने मुझे दीवार से मुँह के बल सट कर खड किया और फिर खड़े खड़े ही मेरी मारी. अब तक मेरे गुदा में दर्द कम हो गया था और लबालब भरे मक्खन के कारण उसका लॉडा आराम से घचाघाच फिसल रहा था.
पसंद आया आसन मेरे राजा? या लेटे लेटे लेने में मज़ा आया? उस'ने मेरी गान्ड में लंड पेलते हुए पूच्छा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
यार तुम उलट लटक'कर भी मारो तो मुझे मज़ा आएगा. क्या शाही लॉडा है तेरा मेरे राजा! मैं तो फिदा हो गया. मैने भाव विभोर होकर उससे कहा. प्रीतम हंस दिया पर मेरी बात उसे बहुत अच्छी लगी यह सॉफ था क्योंकि उस'ने और जोश से मेरी मारना शुरू कर दिया. फिर वह मुझे टेबल तक ले गया और मुझे झुक कर टेबल का आधार लेकर खड़े होने को कहा. मैं टेबल का किनारा पकड़ कर झुक कर खड हुआ और वह मेरे पीछे खड़ा खड़ा मेरी मार'ता रहा.
ये खजुराहो स्टाइल है. देखी है ना वो मूर्ति? फ़र्क सिर्फ़ यह है कि उस'में एक मर्द औरत को ऐसे चोद'ता है. उस'के कंट्रोल की मैने दाद दी, इत'ने तन कर खड़े लंड के बावजूद वह बड मज़ा ले लेकर सधी हुई लय से मुझे आसन सीखा सीखा कर मेरी मार रहा था.
उस'के बाद मुझे फिर बिस्तर पर ले गया. बिस्तर पर मुझे कोहानियों और घुटनों पर कुतिया स्टाइल में खड़ा किया और पीछे से मेरे ऊपर चढ कर कुत्ते जैसी मेरी मार'ने लगा. अब उस'के हाथ मेरे बदन को भींचे हुए थे और वह घुट'ने टेक कर आधा वजन मेरे ऊपर देता हुआ मेरी मार रहा था.
यह आखरी आसन है यार. अब मैं ये मस्ती और सह नहीं सकूँगा. वैसे पशुसंभोग का यह आसान मरा'ने वाले के लिए ज़रा कठिन है. वजन सहन पड़'ता है, जैसे कुतिया कुत्ते का या घोडी घोड़े का सह'ती है. हाँ, मार'ने वाले को बहुत मज़ा आता है मैं अब कामुक'ता में डूबा हुआ हाम्फते हुए कुतिया जैसे मरवा रहा था. इतना मज़ा आ रहा था कि मैने सोचा कि अगर प्रीतम मेरे ऊपर पूरा चढ जाए तो क्या मज़ा आएगा. मैने उससे कहा तो वह ज़ोर से साँस लेता हुआ बोला कि बस दो मिनिट बाद. असल में उस'के स्खलन का समय करीब आ रहा था. कुच्छ देर बाद उस'की साँस और तेज चल'ने लगी. वह मुझे बोला
क्रमशः................
YAAR BANA PRITAM - BHAAG (4)
gataank se aage........
Mujhe bahut achchha lagaa, thoDa aashchary bhee huaa. Mujhe laga tha ki gaanD men lunD Daal'ne men thoDee mehanat karana paDegee. Yahaan to wah aasaanee se poora andar ho gaya thaa. Main samajh gaya ki mera yaar kaafee marawa chuka hai. http://groups.yahoo.com/group/deshiromance
Ab us'ne chootaD chhoDe aur apana chhalla sikoD kar mera lunD gaanD se pakaD liyaa. Ab maja aaya mujhe. Us'kee gaanD ne kas kar aise mere lunD ko pakaDa hua tha jaise mooThee men daba liya ho. Main Pritam ke oopar leT gaya aur betahaasha us'kee chikanee peeTh aur maasal kandhe choom'ne lagaa.
Mere raajaa, bahut pyaara hai tera lunD, baDa mast lag raha hai gaanD men, hai thoDa chhoTa par ekadam sakht hai, lohe jaisaa. Maar yaar, gaanD maar meree Us'ke kahate hee main dheere dheere maje lekar us'kee gaanD maar'ne lagaa. Maine kal'pana bhee naheen kee thee ki kisee mard kee gaanD maarana itana sukhad anubhav hogaa. Us'kee gaanD ekadam komal aur garam thee aur mere lunD ko pyaar se pakaDe hue thee. Maine apanee baanhen Pritam ke shareer ke neeche ghusa kar us'kee chha'tee ko baanhon men bhar liya aur jor jor se gaanD maar'ne lagaa.
Shaabaas mere raajaa, maar aur jor se, aur mere chuchuk daba yaar please, samajh aurat ke hain. Mujhe maja aata hai yaar chuchuk masale ja'ne par. Aur dekh jhad'na naheen saale naheen to maar khaayegaa. Pritam ke chamaDeele beron jaise chuchuk dabaata aur ungaliyon men lekar masal'ta hua main ek chitt hokar us'kee gaanD ko bhog'ne lagaa. Makhkhan se chikanee gaanD men lunD itana mast fisal raha tha ki main jald hee bilakul jhaD'ne ke kareeb aa gayaa. Kisee tarah ap'ne aap ko maine roka aur haamf'ta hua paDa rahaa. Mere is sanyam par khush hokar Pritam ne apana sir ghumaaya aur apana haath peechhe kar'ke meree gardan men Daal'kar mere sir ko paas kheench liyaa.
Bas aise hee maar bina jhaDe. Bahut mast maar raha hai too, inaam milana chaahiye tujhe meree jaan, chumma doonga mast raseelaa, ap'ne munh ka ras chakhaaoonga tujhe. Chumma lete hue gaanD maar ap'ne yaar kee. Maine ap'ne honth us'ke honthon par rakh diye aur paas se us'kee waasana bharee aankhon men ek premee kee tarah jhaank'ta hua usaka munh choos'ne lagaa. Us'ke munh ke ras ka swaad kisee sundaree ke munh se jyaada meeTha lag raha thaa. Jald hee khule munh men ghus kar hamaaree jeebhen laD'ne lageen aur ek doosare kee jeebh choosate hue ham'ne fir sambhog shuroo kar diyaa. GaanD men mere lunD ke fir gahare ghusate hee Pritam chahak uThaa.
Maar saalee ko jor se, fukala kar de, maa kasam, itana maja bahut din men aaya meree jaan. Ghanta bhar maar meree raaja please. . Ghante bhar to naheen par bees minute maine jaroor Pritam kee gaanD maaree hogee. Ap'ne chootaD uchhaal uchhaal kar poore joron se Pritam kee gaanD men main lunD pel'ta aur fir supaaDe tak baahar kheench letaa. Meree jaanghen us'ke nitambon se Takara'kar 'saT' 'saT' 'saT' aawaaj kar rahee thee. Aakhir kaamasukh ke atirek se mera sanyam jawaab de gaya aur us'kee jeebh choosate hue main kas kar jhaD gayaa.
Pritam ne mere lunD ko ap'ne chootaDon kee gaharaayee men poora jhaD ja'ne diya aur fir mujhe apanee peeTh se utaar kar uTh baiThaa. Us'kee aankhen ab waasana se laal ho chukee thee. Usaka lunD uchhal uchhal kar fufakaar raha thaa.
Meree seel TooTee
Bina kuchh kahe us'ne mujhe bistar par ondha liTa diya aur fir meree gaanD par TooT paDaa. Mere nitambon ko chaaT'ta hua aur choom'ta hua wah unhen aise masal raha tha jaise choochiyaan hon. Mastee men us'ne jor se mere nitamb ko kaaT khaayaa. Meree halkee see cheekh nikal gayee. Fir jhuk kar seedha mera guda choos'ne lagaa. Ap'ne haathon se mere nitamb kheench kar us'ne meree gaanD kholee aur us'men apanee jeebh utaar dee. Pritam kee lambee jeebh gaharee mere chootaDon men gayee aur main sukh se sihar uThaa.
Hamant aise meree gaanD men munh maar raha tha jaise kha jaan chaah'ta ho. Kabhee jeebh se chodataa, kabhee munh men mere guda ko bhar'kar chaba'ne lagataa. Dard ke saath hee aseen sukh kee lahar meree nas nas men dauD ja'tee.
Ab sahan naheen hota meree jaan, maar leta hoon teree. Yaar ab too hee mere lunD par makkhan lagaa. Tere mulaayam haathon se jara lauDa aur mast hoga saalaa, dekh to kaisa uchhal raha hai teree gaanD lene ko. Ja makhkhan le aa yaar Pritam ne mujhapar se uThaate hue kahaa. Par main uTh'kar pahale Tebal ke paas gaya aur skel le kar aayaa. Man men bahut kutoohal tha ki us matawaale lunD kee aakhir saaiz kya hai! Main skel se Pritam ka lunD naap'ne lagaa. Wah muskara diyaa.
Naap le meree raanee. Aakhir gaanD men lena hai, tujhe bhee garv hoga ki itana baDa toone liya hai. Usaka shishn poora sawa aaTh inch lamba thaa. Dande kee moTaayee do inch se thoDee jyaada thee aur supaaDa to kareeb kareeb Dhaayee inch ke vyaas ka thaa. Mere kaumaary ko kuchh hee der men bhang kar'ne ko machalate us hathiyaar ko maine fir ek baar choom aur fir hathelee par Dher sa makhkhan lekar us'ke lunD men chupaD'ne lagaa. Lohe ke Dande jaise us lauDe ko haath men lekar us'kee foolee nason ko mahasoos kar'ke jahaan ek taraf meree waasana fir bhaDak'ne lagee waheen man men Dar sa lag'ne lagaa. GhoDe ke lunD jaise is lauDe ko kya main le paaoongaa?
Paanch minute maalish karawa kar Pritam kee sahanashakti bhee ja'tee rahee. Us'ne mujhe fir bistar par munh ke bal paTaka aur mere guda men makhkhan lagaana shuroo kiyaa. Do teen londe us'ne andar Daal diye aur fir mere shareer ke donon or ghuT'ne Tek kar baiTh gayaa.
Bas meree raanee, ab naheen raha jaataa, taiyaar ho ja apanee kunwaaree gaanD marawa'ne ko. Aisa kar ap'ne chootaD jara khud hee failaa, isase aasaanee se andar jaayegaa, tujhe takaleef bhee kam hogee Maine ap'ne chootaD failaaye aur mere guda par us'ke supaaDe ka sparsh mahasoos kar'ke aankhen band kar'ke prateexa kar'ne lagaa. Aaj mujhe mahasoos ho raha tha ki suhaagaraat men pahalee baar lunD choot men lete hue dulhan par kya beet'tee hogee. Dil joron se dhaDak raha thaa. Bahut Dar lag raha thaa. Par chhooT kar bhaag'ne kee meree bilakul ichchha naheen thee.
Pritam ne haule haule lunD pelana shuroo kiyaa. Apanee dhadhak'tee waasana ke baawajood wah baDe pyaar se lunD andar Daal raha thaa. Par mera guda ap'ne aap sikuD'kar maano andar ghus'ne waale shatru ko rok raha thaa. Pritam ne mujhe samajhaaya
Yaar Sukumar, meree raanee, gaanD khol, jaise TaTTee ke samay kar'ta hai, tab ghusega andar aasaanee se naheen to takaleef dega tujhe meree jaan. Maine jor lagaaya aur gaanD Dheelee chhoDee. Ek sekand men mauka dekh'kar Pritam ne manje khilaaDee jaise supaaDa pachaak se andar kar diyaa. Mera guda aisa dukha jaise faT gaya ho. Main cheekh paDaa. Pritam is'ke liye taiyaar thaa, mera munh daboch kar us'ne meree cheekh band kar dee. Main chhaTapaTa'ne lagaa. Aankhon men aansoo aa gaye. Pritam ne lunD pelana band kiya aur ek haath mere peT ke neeche Daal kar mera lunD sahala'ne lagaa.
Bas mere raajaa, ho gayaa, ro mat, haathee to chala gayaa, ab poonchh aaraam se jaayegee. Too gaanD mat sikoD Dheelee chhoD paanch minute men aisa marawaayega ki koee randee bhee kya chudawa'tee hogee. Kah'kar wah meree gardan choom'ne lagaa. Us'kee meeThee puchakaar ne aur mere lunD men hotee meeThee chudaasee ne aakhir apana jaadoo dikhaayaa. Meree yaatana kam huee aur maine sisakana band kar'ke gaanD Dheelee chhoDee. Bahut raahat milee.
Bas ab do minute men poora Daal'ta hoon, dukhe to bataanaaa, main ruk jaaoongaa. Kah'kar Pritam ne inch inch lunD mere chootaDon ke beech pelana shuroo kiyaa. Aadha to maine le liya aur fir dard hone se sisak paDaa. Wah ruk gayaa. Kuchh der baad do inch aur Daala to mujhe laga ki pooree gaanD Thoons Thoons kar kiseene bhar dee ho. Andar jagah hee naheen thee.
Pritam kuchh der aur dheere dheere lunD pel'ne kee koshish kar'ta raha par ab wah andar naheen ja raha thaa. Wah jor lagaata to mujhe bahut dard hota thaa. Ekaayek us'ne mera munh dabocha aur ek shaktishaalee jhaT'ke se bacha hua teen chaar inch ka Danda ek hee baar men andar gaaD diyaa. Mujhe laga ki jaise meree gaanD faT gayee. Main tilamila uTha aur cheekh'ne kee koshish kar'ta hua haath pair maar'ne lagaa. Pritam ne ab mujhe pooree tarah daboch liya tha aur mere oopar aise chaDha gaya tha jaise sher hiran par shikaar ke liye chaDha jaata hai. Usaka lauDa jaD tak meree gaanD men utar gaya thaa. Mere tan kar khule khinche guda ke chhalle par us'kee jhaanten mahasoos ho rahee thee.
Do minute baad jab us'ne haath mere munh se haTaaya to main karaah kar sisak'ne lagaa. GaanD men bhayaanak dard ho raha thaa. Mujhe choom choom kar aur mera lunD muThiya muThiya kar us'ne mujhe chup karaayaa.
Sorry meree jaan par aakhir ke teen inch isee tarah jabaradastee pel'ne paDate hain naheen to raat nikal ja'tee hai use andar Daal'ne men. Asal men wahaan teree aant men bend hai aur us'ke aage ja'ne men lunD bahut dard deta hai. Aaj ab teree seel TooT gayee, maaloom hai, wahaan teree aant ab seedhee ho gayee hogee. Ab dard itana naheen hogaa. Ab bas mat ro meree jaan, ab maja hee maja hai. Kah kar wah mera sir apanee or ghuma kar mujhe choom'ne laga aur mere aansoo apanee jeebh se chaaT'ne lagaa.
Us'kee aankhon men behad pyaar aur teevr kaamuk'ta thee. Dheere dheere mera dard kam hua aur lunD bhee kas kar khaDa ho gayaa. Dard to ab bhee ho raha tha par gaanD men ab ek ajeeb maadak khumaar sa bhar gaya thaa. isaka pramaaN yah tha ki achaanak mera guda ap'ne aap sikuD kar Pritam ke lunD ko pakaD'ne lagaa.
Aa gaya raaste par. Chal ab maar'ne de, aur na taDapaa. Hans kar wah bolaa. Main bhee sharama sa gaya aur aansoo bharee aankhon se us'kee aankhon men dekh'kar use choom kar muskara diyaa. Pritam ne mere munh par ap'ne honth daba diye aur ek gahara chumban leta hua wah dheere dheere lunD ko andar baahar kar'ne lagaa. Meree gaanD kee chudaayee shuroo ho chukee thee.
Aadhe ghante tak Pritam ne meree maaree. Poore maje le lekar, pyaar se meree kunwaaree gaanD ko us'ne bhogaa. Do teen aasan us'ne in aadhe ghanton men mujhe sikha diye. Pahale kuchh der mujhapar chaDha kar wah baDe sadhe andaaj men meree maar'ta rahaa. Dheere dheere raftaar bhee baDhaaayee. Jab lunD aaraam se 'pach' 'pach 'pach' kee seksee aawaaj ke saath meree gaanD men fisal'ne laga tab kuchh der aur maar'ne ke baad wah uTha aur mujhe pakaD kar chalaata hua deewaar tak le gayaa.
GaanD men lunD lekar chalana bhee ek alag anubhav thaa. Har kadam ke saath mere chootaD jab Dolate the to lunD gaanD men rol hota thaa. Dukh'ta bhee tha aur maja bhee aata thaa. Pritam ne mujhe deewaar se munh ke bal saTa kar khaDa kiya aur fir khaDe khaDe hee meree maaree. Ab tak mere guda men dard kam ho gaya tha aur labaalab bhare makhkhan ke kaaraN usaka lauDa aaraam se ghachaaghach fisal raha thaa.
Pasand aaya aasan mere raajaa? Ya leTe leTe lene men anja aayaa? Us'ne meree gaanD men lunD pelate hue poochhaa. Mujhe bahut maja aa raha thaa.
Yaar tum ulaTa laTaka'kar bhee maaro to mujhe maja aayegaa. Kya shaahee lauDa hai tera mere raajaa! Main to fida ho gayaa. Maine bhaav vibhor hokar usase kahaa. Pritam hans diya par meree baat use bahut achchhee lagee yah saaf tha kyonki us'ne aur josh se meree maarana shuroo kar diyaa. Fir wah mujhe Tebal tak le gaya aur mujhe jhuk kar Tebal ka aadhar lekar khaDe hone ko kahaa. Main Tebal ka kinaara pakaD kar jhuk kar khaDa hua aur wah mere peechhe khaDa khaDa meree maar'ta rahaa.
Ye khajuraaho sTaail hai. Dekhee hai na wo moorti? Fark sirf yah hai ki us'men ek mard aurat ko aise chod'ta hai. Us'ke kantrol kee maine daad dee, it'ne tan kar khaDe lunD ke baawajood wah baDa maja le lekar sadhee huee lay se mujhe aasan sikha sikha kar meree maar raha thaa.
Us'ke baad mujhe fir bistar par le gayaa. Bistar par mujhe kohaniyon aur ghuTanon par kutiya sTaail men khaDa kiya aur peechhe se mere oopar chaDha kar kutte jaisee meree maar'ne lagaa. Ab us'ke haath mere badan ko bheenche hue the aur wah ghuT'ne Tek kar aadha wajan mere oopar deta hua meree maar raha thaa.
Yah aakharee aasan hai yaar. Ab main ye mastee aur sah naheen sakoongaa. Waise pashusambhog ka yah aasan mara'ne waale ke liye jara kaThin hai. Wajan sahan paD'ta hai, jaise kutiya kutte ka ya ghoDee ghoDe ka sah'tee hai. Haam, maar'ne waale ko bahut maja aata hai Main ab kaamuk'ta men Dooba hua haamfate hue kutiya jaise marawa raha thaa. itana maja aa raha tha ki maine socha ki agar Pritam mere oopar poora chaDha jaaye to kya maja aayegaa. Maine usase kaha to wah jor se saans leta hua bola ki bas do minute baad. Asal men us'ke skhalan ka samay kareeb aa raha thaa. Kuchh der baad us'kee saans aur tej chal'ne lagee. Mujhe bola
kramashah................
आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ , मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ .. मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,, बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ आपका दोस्त राज शर्मा (¨`·.·´¨) Always `·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving & (¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling ! `·.¸.·´ -- raj
गतान्क से आगे........
मुझे बहुत अच्च्छा लगा, थोड़ा आश्चर्य भी हुआ. मुझे लगा था कि गान्ड में लंड डाल'ने में थोड़ी मेहनत करना पडेगी. यहाँ तो वह आसानी से पूरा अंदर हो गया था. मैं समझ गया कि मेरा यार काफ़ी मरवा चुका है.
अब उस'ने चूतड छोडे और अपना छल्ला सिकोड कर मेरा लंड गान्ड से पकड़ लिया. अब मज़ा आया मुझे. उस'की गान्ड ने कस कर ऐसे मेरे लंड को पकड हुआ था जैसे मूठी में दबा लिया हो. मैं प्रीतम के ऊपर लेट गया और बेतहाशा उस'की चिकनी पीठ और मासल कंधे चूम'ने लगा.
मेरे राजा, बहुत प्यारा है तेरा लंड, बड मस्त लग रहा है गान्ड में, है थोड़ा छ्होटा पर एकदम सख़्त है, लोहे जैसा. मार यार, गान्ड मार मेरी उस'के कहते ही मैं धीरे धीरे मज़े लेकर उस'की गान्ड मार'ने लगा. मैने कल'पना भी नहीं की थी कि किसी मर्द की गान्ड मारना इतना सुखद अनुभव होगा. उस'की गान्ड एकदम कोमल और गरम थी और मेरे लंड को प्यार से पकड़े हुए थी. मैने अपनी बाँहें प्रीतम के शरीर के नीचे घुसा कर उस'की छा'ती को बाँहों में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से गान्ड मार'ने लगा.
शाबास मेरे राजा, मार और ज़ोर से, और मेरे चूचुक दबा यार प्लीज़, समझ औरत के हैं. मुझे मज़ा आता है यार चूचुक मसले जा'ने पर. और देख झद'ना नहीं साले नहीं तो मार खाएगा. प्रीतम के चमडीले बेरों जैसे चूचुक दबाता और उंगलियों में लेकर मसल'ता हुआ मैं एक चित्त होकर उस'की गान्ड को भोग'ने लगा. मक्खन से चिकनी गान्ड में लंड इतना मस्त फिसल रहा था की मैं जल्द ही बिलकुल झड'ने के करीब आ गया. किसी तरह अप'ने आप को मैने रोका और हांफ'ता हुआ पड रहा. मेरे इस संयम पर खुश होकर प्रीतम ने अपना सिर घुमाया और अपना हाथ पीछे कर'के मेरी गर्दन में डाल'कर मेरे सिर को पास खींच लिया.
बस ऐसे ही मार बिना झाडे. बहुत मस्त मार रहा है तू, इनाम मिलना चाहिए तुझे मेरी जान, चुम्मा दूँगा मस्त रसीला, अप'ने मुँह का रस चखाऊंगा तुझे. चुम्मा लेते हुए गान्ड मार अप'ने यार की. मैने अप'ने होंठ उस'के होंठों पर रख दिए और पास से उस'की वासना भरी आँखों में एक प्रेमी की तरह झाँक'ता हुआ उसका मुँह चूस'ने लगा. उस'के मुँह के रस का स्वाद किसी सुंदरी के मुँह से ज़्यादा मीठा लग रहा था. जल्द ही खुले मुँह में घुस कर हमारी जीभें लड़'ने लगीं और एक दूसरे की जीभ चूसते हुए हम'ने फिर संभोग शुरू कर दिया. गांद में मेरे लंड के फिर गहरे घुसते ही प्रीतम चहक उठा.
मार साली को ज़ोर से, फुकला कर दे, मा कसम, इतना मज़ा बहुत दिन में आया मेरी जान. घंटा भर मार मेरी राजा प्लीज़. . घंटे भर तो नहीं पर बीस मिनिट मैने ज़रूर प्रीतम की गान्ड मारी होगी. अप'ने चूतड उच्छाल उच्छाल कर पूरे जोरों से प्रीतम की गान्ड में मैं लंड पेल'ता और फिर सुपाडे तक बाहर खींच लेता. मेरी जांघें उस'के नितंबों से टकरा'कर 'सॅट' 'सॅट' 'सॅट' आवाज़ कर रही थी. आख़िर कामसुख के अतिरेक से मेरा संयम जवाब दे गया और उस'की जीभ चूसते हुए मैं कस कर झड गया.
प्रीतम ने मेरे लंड को अप'ने चूतडो की गहराई में पूरा झड जा'ने दिया और फिर मुझे अपनी पीठ से उतार कर उठ बैठा. उस'की आँखें अब वासना से लाल हो चुकी थी. उसका लंड उच्छल उच्छल कर फूफकार रहा था.
मेरी सील टूटी
बिना कुच्छ कहे उस'ने मुझे बिस्तर पर ऑंढा लिटा दिया और फिर मेरी गान्ड पर टूट पड़ा. मेरे नितंबों को चाट'ता हुआ और चूम'ता हुआ वह उन्हें ऐसे मसल रहा था जैसे चूचियाँ हों. मस्ती में उस'ने ज़ोर से मेरे नितंब को काट खाया. मेरी हल्की सी चीख निकल गयी. फिर झुक कर सीधा मेरा गुदा चूस'ने लगा. अप'ने हाथों से मेरे नितंब खींच कर उस'ने मेरी गान्ड खोली और उस'में अपनी जीभ उतार दी. प्रीतम की लंबी जीभ गहरी मेरे चूतदों में गयी और मैं सुख से सिहर उठा.
प्रीतम ऐसे मेरी गान्ड में मुँह मार रहा था जैसे खा जाना चाह'ता हो. कभी जीभ से चोदता, कभी मुँह में मेरे गुदा को भर'कर चबा'ने लगता. दर्द के साथ ही आसीन सुख की लहर मेरी नस नस में दौड़ जा'ती.
अब सहन नहीं होता मेरी जान, मार लेता हूँ तेरी. यार अब तू ही मेरे लंड पर मक्खन लगा. तेरे मुलायम हाथों से ज़रा लॉडा और मस्त होगा साला, देख तो कैसा उच्छल रहा है तेरी गान्ड लेने को. जा मक्खन ले आ यार प्रीतम ने मुझपर से उठते हुए कहा. पर मैं उठ'कर पहले टेबल के पास गया और स्केल ले कर आया. मन में बहुत कुतूहल था कि उस मतवाले लंड की आख़िर साइज़ क्या है! मैं स्केल से प्रीतम का लंड नाप'ने लगा. वह मुस्करा दिया.
नाप ले मेरी रानी. आख़िर गान्ड में लेना है, तुझे भी गर्व होगा कि इतना बड तूने लिया है. उसका शिश्न पूरा सवा आठ इंच लंबा था. डंडे की मोटायी दो इंच से थोड़ी ज़्यादा थी और सुपाड़ा तो करीब करीब ढाई इंच के व्यास का था. मेरे कौमार्य को कुच्छ ही देर में भंग कर'ने को मचलते उस हथियार को मैने फिर एक बार चूमा और फिर हथेली पर ढेर सा मक्खन लेकर उस'के लंड में चुपड'ने लगा. लोहे के डंडे जैसे उस लौडे को हाथ में लेकर उस'की फूली नसों को महसूस कर'के जहाँ एक तरफ मेरी वासना फिर भड़क'ने लगी वहीं मन में डर सा लग'ने लगा. घ्होडे के लंड जैसे इस लौडे को क्या मैं ले पाऊँगा?
पाँच मिनिट मालिश करवा कर प्रीतम की सहनशक्ति भी जा'ती रही. उस'ने मुझे फिर बिस्तर पर मुँह के बल पटका और मेरे गुदा में मक्खन लगाना शुरू किया. दो तीन लोन्दे उस'ने अंदर डाल दिए और फिर मेरे शरीर के दोनों ओर घुट'ने टेक कर बैठ गया.
बस मेरी रानी, अब नहीं रहा जाता, तैयार हो जा अपनी कुँवारी गान्ड मरवा'ने को. ऐसा कर अप'ने चूतड ज़रा खुद ही फैला, इससे आसानी से अंदर जाएगा, तुझे तकलीफ़ भी कम होगी मैने अप'ने चूतड फैलाए और मेरे गुदा पर उस'के सुपाडे का स्पर्श महसूस कर'के आँखें बंद कर'के प्रतीक्षा कर'ने लगा. आज मुझे महसूस हो रहा था कि सुहागरात में पहली बार लंड चूत में लेते हुए दुल्हन पर क्या बीत'ती होगी. दिल जोरों से धडक रहा था. बहुत डर लग रहा था. पर छूट कर भाग'ने की मेरी बिलकुल इच्च्छा नहीं थी.
प्रीतम ने हौले हौले लंड पेलना शुरू किया. अपनी धधक'ती वासना के बावजूद वह बड़े प्यार से लंड अंदर डाल रहा था. पर मेरा गुदा अप'ने आप सिकुड'कर मानो अंदर घुस'ने वाले शत्रु को रोक रहा था. प्रीतम ने मुझे समझाया
यार सुकुमार, मेरी रानी, गान्ड खोल, जैसे टट्टी के समय कर'ता है, तब घुसेगा अंदर आसानी से नहीं तो तकलीफ़ देगा तुझे मेरी जान. मैने ज़ोर लगाया और गान्ड ढीली छोडी. एक सेकंड में मौका देख'कर प्रीतम ने मंजे खिलाड़ी जैसे सुपाड़ा पचाक से अंदर कर दिया. मेरा गुदा ऐसा दुखा जैसे फट गया हो. मैं चीख पड़ा. प्रीतम इस'के लिए तैयार था, मेरा मुँह दबोच कर उस'ने मेरी चीख बंद कर दी. मैं छ्टेपाटा'ने लगा. आँखों में आँसू आ गये. प्रीतम ने लंड पेलना बंद किया और एक हाथ मेरे पेट के नीचे डाल कर मेरा लंड सहला'ने लगा.
बस मेरे राजा, हो गया, रो मत, हाथी तो चला गया, अब पूंच्छ आराम से जाएगी. तू गान्ड मत सिकोड ढीली छोड पाँच मिनिट में ऐसा मरवाएगा कि कोई रंडी भी क्या चुदवा'ती होगी. कह'कर वह मेरी गर्दन चूम'ने लगा. उस'की मीठी पुचकार ने और मेरे लंड में होती मीठी चुदासी ने आख़िर अपना जादू दिखाया. मेरी यातना कम हुई और मैने सिसकना बंद कर'के गान्ड ढीली छोडी. बहुत राहत मिली.
बस अब दो मिनिट में पूरा डाल'ता हूँ, दुखे तो बताना, मैं रुक जाऊँगा. कह'कर प्रीतम ने इंच इंच लंड मेरे चूतडो के बीच पेलना शुरू किया. आधा तो मैने ले लिया और फिर दर्द होने से सिसक पड़ा. वह रुक गया. कुच्छ देर बाद दो इंच और डाला तो मुझे लगा कि पूरी गान्ड ठूंस ठूंस कर किसीने भर दी हो. अंदर जगह ही नहीं थी.
प्रीतम कुच्छ देर और धीरे धीरे लंड पेल'ने की कोशिश कर'ता रहा पर अब वह अंदर नहीं जा रहा था. वह ज़ोर लगाता तो मुझे बहुत दर्द होता था. एकाएक उस'ने मेरा मुँह दबोचा और एक शक्तिशाली झट'के से बचा हुआ तीन चार इंच का डंडा एक ही बार में अंदर गाढ दिया. मुझे लगा कि जैसे मेरी गान्ड फट गयी. मैं तिलमिला उठ और चीख'ने की कोशिश कर'ता हुआ हाथ पैर मार'ने लगा. प्रीतम ने अब मुझे पूरी तरह दबोच लिया था और मेरे ऊपर ऐसे चढ गया था जैसे शेर हिरण पर शिकार के लिए चढ जाता है. उसका लॉडा जड़ तक मेरी गान्ड में उतर गया था. मेरे तन कर खुले खींचे गुदा के छल्ले पर उस'की झाँटें महसूस हो रही थी.
दो मिनिट बाद जब उस'ने हाथ मेरे मुँह से हटाया तो मैं कराह कर सिसक'ने लगा. घान्ड में भयानक दर्द हो रहा था. मुझे चूम चूम कर और मेरा लंड मुठिया मुठिया कर उस'ने मुझे चुप कराया.
सॉरी मेरी जान पर आख़िर के तीन इंच इसी तरह ज़बरदस्ती पेल'ने पड़ते हैं नहीं तो रात निकल जा'ती है उसे अंदर डाल'ने में. असल में वहाँ तेरी आँत में बेंड है और उस'के आगे जा'ने में लंड बहुत दर्द देता है. आज अब तेरी सील टूट गयी, मालूम है, वहाँ तेरी आँत अब सीधी हो गयी होगी. अब दर्द इतना नहीं होगा. अब बस मत रो मेरी जान, अब मज़ा ही मज़ा है. कह कर वह मेरा सिर अपनी ओर घुमा कर मुझे चूम'ने लगा और मेरे आँसू अपनी जीभ से चाट'ने लगा.
उस'की आँखों में बेहद प्यार और तीव्र कामुक'ता थी. धीरे धीरे मेरा दर्द कम हुआ और लंड भी कस कर खड़ा हो गया. दर्द तो अब भी हो रहा था पर गान्ड में अब एक अजीब मादक खुमार सा भर गया था. इसका प्रमाण यह था कि अचानक मेरा गुदा अप'ने आप सिकुड कर प्रीतम के लंड को पकड़'ने लगा.
आ गया रास्ते पर. चल अब मार'ने दे, और ना तडपा. हंस कर वा बोला. मैं भी शरमा सा गया और आँसू भरी आँखों से उस'की आँखों में देख'कर उसे चूम कर मुस्करा दिया. प्रीतम ने मेरे मुँह पर अप'ने होंठ दबा दिए और एक गहरा चुंबन लेता हुआ वह धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर कर'ने लगा. मेरी गान्ड की चुदाई शुरू हो चुकी थी.
आधे घंटे तक प्रीतम ने मेरी मारी. पूरे मज़े ले लेकर, प्यार से मेरी कुँवारी गान्ड को उस'ने भोगा. दो तीन आसन उस'ने इस आधे घंटे में मुझे सीखा दिए. पहले कुच्छ देर मुझपर चढ कर वह बड़े साधे अंदाज में मेरी मार'ता रहा. धीरे धीरे रफ़्तार भी बढाइ. जब लंड आराम से 'पच' 'पच 'पच' की सेक्सी आवाज़ के साथ मेरी गान्ड में फिसल'ने लगा तब कुच्छ देर और मार'ने के बाद वह उठा और मुझे पकड़ कर चलाता हुआ दीवार तक ले गया.
गांद में लंड लेकर चलना भी एक अलग अनुभव था. हर कदम के साथ मेरे चूतड जब डोलते थे तो लंड गान्ड में रोल होता था. दुख'ता भी था और मज़ा भी आता था. प्रीतम ने मुझे दीवार से मुँह के बल सट कर खड किया और फिर खड़े खड़े ही मेरी मारी. अब तक मेरे गुदा में दर्द कम हो गया था और लबालब भरे मक्खन के कारण उसका लॉडा आराम से घचाघाच फिसल रहा था.
पसंद आया आसन मेरे राजा? या लेटे लेटे लेने में मज़ा आया? उस'ने मेरी गान्ड में लंड पेलते हुए पूच्छा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
यार तुम उलट लटक'कर भी मारो तो मुझे मज़ा आएगा. क्या शाही लॉडा है तेरा मेरे राजा! मैं तो फिदा हो गया. मैने भाव विभोर होकर उससे कहा. प्रीतम हंस दिया पर मेरी बात उसे बहुत अच्छी लगी यह सॉफ था क्योंकि उस'ने और जोश से मेरी मारना शुरू कर दिया. फिर वह मुझे टेबल तक ले गया और मुझे झुक कर टेबल का आधार लेकर खड़े होने को कहा. मैं टेबल का किनारा पकड़ कर झुक कर खड हुआ और वह मेरे पीछे खड़ा खड़ा मेरी मार'ता रहा.
ये खजुराहो स्टाइल है. देखी है ना वो मूर्ति? फ़र्क सिर्फ़ यह है कि उस'में एक मर्द औरत को ऐसे चोद'ता है. उस'के कंट्रोल की मैने दाद दी, इत'ने तन कर खड़े लंड के बावजूद वह बड मज़ा ले लेकर सधी हुई लय से मुझे आसन सीखा सीखा कर मेरी मार रहा था.
उस'के बाद मुझे फिर बिस्तर पर ले गया. बिस्तर पर मुझे कोहानियों और घुटनों पर कुतिया स्टाइल में खड़ा किया और पीछे से मेरे ऊपर चढ कर कुत्ते जैसी मेरी मार'ने लगा. अब उस'के हाथ मेरे बदन को भींचे हुए थे और वह घुट'ने टेक कर आधा वजन मेरे ऊपर देता हुआ मेरी मार रहा था.
यह आखरी आसन है यार. अब मैं ये मस्ती और सह नहीं सकूँगा. वैसे पशुसंभोग का यह आसान मरा'ने वाले के लिए ज़रा कठिन है. वजन सहन पड़'ता है, जैसे कुतिया कुत्ते का या घोडी घोड़े का सह'ती है. हाँ, मार'ने वाले को बहुत मज़ा आता है मैं अब कामुक'ता में डूबा हुआ हाम्फते हुए कुतिया जैसे मरवा रहा था. इतना मज़ा आ रहा था कि मैने सोचा कि अगर प्रीतम मेरे ऊपर पूरा चढ जाए तो क्या मज़ा आएगा. मैने उससे कहा तो वह ज़ोर से साँस लेता हुआ बोला कि बस दो मिनिट बाद. असल में उस'के स्खलन का समय करीब आ रहा था. कुच्छ देर बाद उस'की साँस और तेज चल'ने लगी. वह मुझे बोला
क्रमशः................
YAAR BANA PRITAM - BHAAG (4)
gataank se aage........
Mujhe bahut achchha lagaa, thoDa aashchary bhee huaa. Mujhe laga tha ki gaanD men lunD Daal'ne men thoDee mehanat karana paDegee. Yahaan to wah aasaanee se poora andar ho gaya thaa. Main samajh gaya ki mera yaar kaafee marawa chuka hai. http://groups.yahoo.com/group/deshiromance
Ab us'ne chootaD chhoDe aur apana chhalla sikoD kar mera lunD gaanD se pakaD liyaa. Ab maja aaya mujhe. Us'kee gaanD ne kas kar aise mere lunD ko pakaDa hua tha jaise mooThee men daba liya ho. Main Pritam ke oopar leT gaya aur betahaasha us'kee chikanee peeTh aur maasal kandhe choom'ne lagaa.
Mere raajaa, bahut pyaara hai tera lunD, baDa mast lag raha hai gaanD men, hai thoDa chhoTa par ekadam sakht hai, lohe jaisaa. Maar yaar, gaanD maar meree Us'ke kahate hee main dheere dheere maje lekar us'kee gaanD maar'ne lagaa. Maine kal'pana bhee naheen kee thee ki kisee mard kee gaanD maarana itana sukhad anubhav hogaa. Us'kee gaanD ekadam komal aur garam thee aur mere lunD ko pyaar se pakaDe hue thee. Maine apanee baanhen Pritam ke shareer ke neeche ghusa kar us'kee chha'tee ko baanhon men bhar liya aur jor jor se gaanD maar'ne lagaa.
Shaabaas mere raajaa, maar aur jor se, aur mere chuchuk daba yaar please, samajh aurat ke hain. Mujhe maja aata hai yaar chuchuk masale ja'ne par. Aur dekh jhad'na naheen saale naheen to maar khaayegaa. Pritam ke chamaDeele beron jaise chuchuk dabaata aur ungaliyon men lekar masal'ta hua main ek chitt hokar us'kee gaanD ko bhog'ne lagaa. Makhkhan se chikanee gaanD men lunD itana mast fisal raha tha ki main jald hee bilakul jhaD'ne ke kareeb aa gayaa. Kisee tarah ap'ne aap ko maine roka aur haamf'ta hua paDa rahaa. Mere is sanyam par khush hokar Pritam ne apana sir ghumaaya aur apana haath peechhe kar'ke meree gardan men Daal'kar mere sir ko paas kheench liyaa.
Bas aise hee maar bina jhaDe. Bahut mast maar raha hai too, inaam milana chaahiye tujhe meree jaan, chumma doonga mast raseelaa, ap'ne munh ka ras chakhaaoonga tujhe. Chumma lete hue gaanD maar ap'ne yaar kee. Maine ap'ne honth us'ke honthon par rakh diye aur paas se us'kee waasana bharee aankhon men ek premee kee tarah jhaank'ta hua usaka munh choos'ne lagaa. Us'ke munh ke ras ka swaad kisee sundaree ke munh se jyaada meeTha lag raha thaa. Jald hee khule munh men ghus kar hamaaree jeebhen laD'ne lageen aur ek doosare kee jeebh choosate hue ham'ne fir sambhog shuroo kar diyaa. GaanD men mere lunD ke fir gahare ghusate hee Pritam chahak uThaa.
Maar saalee ko jor se, fukala kar de, maa kasam, itana maja bahut din men aaya meree jaan. Ghanta bhar maar meree raaja please. . Ghante bhar to naheen par bees minute maine jaroor Pritam kee gaanD maaree hogee. Ap'ne chootaD uchhaal uchhaal kar poore joron se Pritam kee gaanD men main lunD pel'ta aur fir supaaDe tak baahar kheench letaa. Meree jaanghen us'ke nitambon se Takara'kar 'saT' 'saT' 'saT' aawaaj kar rahee thee. Aakhir kaamasukh ke atirek se mera sanyam jawaab de gaya aur us'kee jeebh choosate hue main kas kar jhaD gayaa.
Pritam ne mere lunD ko ap'ne chootaDon kee gaharaayee men poora jhaD ja'ne diya aur fir mujhe apanee peeTh se utaar kar uTh baiThaa. Us'kee aankhen ab waasana se laal ho chukee thee. Usaka lunD uchhal uchhal kar fufakaar raha thaa.
Meree seel TooTee
Bina kuchh kahe us'ne mujhe bistar par ondha liTa diya aur fir meree gaanD par TooT paDaa. Mere nitambon ko chaaT'ta hua aur choom'ta hua wah unhen aise masal raha tha jaise choochiyaan hon. Mastee men us'ne jor se mere nitamb ko kaaT khaayaa. Meree halkee see cheekh nikal gayee. Fir jhuk kar seedha mera guda choos'ne lagaa. Ap'ne haathon se mere nitamb kheench kar us'ne meree gaanD kholee aur us'men apanee jeebh utaar dee. Pritam kee lambee jeebh gaharee mere chootaDon men gayee aur main sukh se sihar uThaa.
Hamant aise meree gaanD men munh maar raha tha jaise kha jaan chaah'ta ho. Kabhee jeebh se chodataa, kabhee munh men mere guda ko bhar'kar chaba'ne lagataa. Dard ke saath hee aseen sukh kee lahar meree nas nas men dauD ja'tee.
Ab sahan naheen hota meree jaan, maar leta hoon teree. Yaar ab too hee mere lunD par makkhan lagaa. Tere mulaayam haathon se jara lauDa aur mast hoga saalaa, dekh to kaisa uchhal raha hai teree gaanD lene ko. Ja makhkhan le aa yaar Pritam ne mujhapar se uThaate hue kahaa. Par main uTh'kar pahale Tebal ke paas gaya aur skel le kar aayaa. Man men bahut kutoohal tha ki us matawaale lunD kee aakhir saaiz kya hai! Main skel se Pritam ka lunD naap'ne lagaa. Wah muskara diyaa.
Naap le meree raanee. Aakhir gaanD men lena hai, tujhe bhee garv hoga ki itana baDa toone liya hai. Usaka shishn poora sawa aaTh inch lamba thaa. Dande kee moTaayee do inch se thoDee jyaada thee aur supaaDa to kareeb kareeb Dhaayee inch ke vyaas ka thaa. Mere kaumaary ko kuchh hee der men bhang kar'ne ko machalate us hathiyaar ko maine fir ek baar choom aur fir hathelee par Dher sa makhkhan lekar us'ke lunD men chupaD'ne lagaa. Lohe ke Dande jaise us lauDe ko haath men lekar us'kee foolee nason ko mahasoos kar'ke jahaan ek taraf meree waasana fir bhaDak'ne lagee waheen man men Dar sa lag'ne lagaa. GhoDe ke lunD jaise is lauDe ko kya main le paaoongaa?
Paanch minute maalish karawa kar Pritam kee sahanashakti bhee ja'tee rahee. Us'ne mujhe fir bistar par munh ke bal paTaka aur mere guda men makhkhan lagaana shuroo kiyaa. Do teen londe us'ne andar Daal diye aur fir mere shareer ke donon or ghuT'ne Tek kar baiTh gayaa.
Bas meree raanee, ab naheen raha jaataa, taiyaar ho ja apanee kunwaaree gaanD marawa'ne ko. Aisa kar ap'ne chootaD jara khud hee failaa, isase aasaanee se andar jaayegaa, tujhe takaleef bhee kam hogee Maine ap'ne chootaD failaaye aur mere guda par us'ke supaaDe ka sparsh mahasoos kar'ke aankhen band kar'ke prateexa kar'ne lagaa. Aaj mujhe mahasoos ho raha tha ki suhaagaraat men pahalee baar lunD choot men lete hue dulhan par kya beet'tee hogee. Dil joron se dhaDak raha thaa. Bahut Dar lag raha thaa. Par chhooT kar bhaag'ne kee meree bilakul ichchha naheen thee.
Pritam ne haule haule lunD pelana shuroo kiyaa. Apanee dhadhak'tee waasana ke baawajood wah baDe pyaar se lunD andar Daal raha thaa. Par mera guda ap'ne aap sikuD'kar maano andar ghus'ne waale shatru ko rok raha thaa. Pritam ne mujhe samajhaaya
Yaar Sukumar, meree raanee, gaanD khol, jaise TaTTee ke samay kar'ta hai, tab ghusega andar aasaanee se naheen to takaleef dega tujhe meree jaan. Maine jor lagaaya aur gaanD Dheelee chhoDee. Ek sekand men mauka dekh'kar Pritam ne manje khilaaDee jaise supaaDa pachaak se andar kar diyaa. Mera guda aisa dukha jaise faT gaya ho. Main cheekh paDaa. Pritam is'ke liye taiyaar thaa, mera munh daboch kar us'ne meree cheekh band kar dee. Main chhaTapaTa'ne lagaa. Aankhon men aansoo aa gaye. Pritam ne lunD pelana band kiya aur ek haath mere peT ke neeche Daal kar mera lunD sahala'ne lagaa.
Bas mere raajaa, ho gayaa, ro mat, haathee to chala gayaa, ab poonchh aaraam se jaayegee. Too gaanD mat sikoD Dheelee chhoD paanch minute men aisa marawaayega ki koee randee bhee kya chudawa'tee hogee. Kah'kar wah meree gardan choom'ne lagaa. Us'kee meeThee puchakaar ne aur mere lunD men hotee meeThee chudaasee ne aakhir apana jaadoo dikhaayaa. Meree yaatana kam huee aur maine sisakana band kar'ke gaanD Dheelee chhoDee. Bahut raahat milee.
Bas ab do minute men poora Daal'ta hoon, dukhe to bataanaaa, main ruk jaaoongaa. Kah'kar Pritam ne inch inch lunD mere chootaDon ke beech pelana shuroo kiyaa. Aadha to maine le liya aur fir dard hone se sisak paDaa. Wah ruk gayaa. Kuchh der baad do inch aur Daala to mujhe laga ki pooree gaanD Thoons Thoons kar kiseene bhar dee ho. Andar jagah hee naheen thee.
Pritam kuchh der aur dheere dheere lunD pel'ne kee koshish kar'ta raha par ab wah andar naheen ja raha thaa. Wah jor lagaata to mujhe bahut dard hota thaa. Ekaayek us'ne mera munh dabocha aur ek shaktishaalee jhaT'ke se bacha hua teen chaar inch ka Danda ek hee baar men andar gaaD diyaa. Mujhe laga ki jaise meree gaanD faT gayee. Main tilamila uTha aur cheekh'ne kee koshish kar'ta hua haath pair maar'ne lagaa. Pritam ne ab mujhe pooree tarah daboch liya tha aur mere oopar aise chaDha gaya tha jaise sher hiran par shikaar ke liye chaDha jaata hai. Usaka lauDa jaD tak meree gaanD men utar gaya thaa. Mere tan kar khule khinche guda ke chhalle par us'kee jhaanten mahasoos ho rahee thee.
Do minute baad jab us'ne haath mere munh se haTaaya to main karaah kar sisak'ne lagaa. GaanD men bhayaanak dard ho raha thaa. Mujhe choom choom kar aur mera lunD muThiya muThiya kar us'ne mujhe chup karaayaa.
Sorry meree jaan par aakhir ke teen inch isee tarah jabaradastee pel'ne paDate hain naheen to raat nikal ja'tee hai use andar Daal'ne men. Asal men wahaan teree aant men bend hai aur us'ke aage ja'ne men lunD bahut dard deta hai. Aaj ab teree seel TooT gayee, maaloom hai, wahaan teree aant ab seedhee ho gayee hogee. Ab dard itana naheen hogaa. Ab bas mat ro meree jaan, ab maja hee maja hai. Kah kar wah mera sir apanee or ghuma kar mujhe choom'ne laga aur mere aansoo apanee jeebh se chaaT'ne lagaa.
Us'kee aankhon men behad pyaar aur teevr kaamuk'ta thee. Dheere dheere mera dard kam hua aur lunD bhee kas kar khaDa ho gayaa. Dard to ab bhee ho raha tha par gaanD men ab ek ajeeb maadak khumaar sa bhar gaya thaa. isaka pramaaN yah tha ki achaanak mera guda ap'ne aap sikuD kar Pritam ke lunD ko pakaD'ne lagaa.
Aa gaya raaste par. Chal ab maar'ne de, aur na taDapaa. Hans kar wah bolaa. Main bhee sharama sa gaya aur aansoo bharee aankhon se us'kee aankhon men dekh'kar use choom kar muskara diyaa. Pritam ne mere munh par ap'ne honth daba diye aur ek gahara chumban leta hua wah dheere dheere lunD ko andar baahar kar'ne lagaa. Meree gaanD kee chudaayee shuroo ho chukee thee.
Aadhe ghante tak Pritam ne meree maaree. Poore maje le lekar, pyaar se meree kunwaaree gaanD ko us'ne bhogaa. Do teen aasan us'ne in aadhe ghanton men mujhe sikha diye. Pahale kuchh der mujhapar chaDha kar wah baDe sadhe andaaj men meree maar'ta rahaa. Dheere dheere raftaar bhee baDhaaayee. Jab lunD aaraam se 'pach' 'pach 'pach' kee seksee aawaaj ke saath meree gaanD men fisal'ne laga tab kuchh der aur maar'ne ke baad wah uTha aur mujhe pakaD kar chalaata hua deewaar tak le gayaa.
GaanD men lunD lekar chalana bhee ek alag anubhav thaa. Har kadam ke saath mere chootaD jab Dolate the to lunD gaanD men rol hota thaa. Dukh'ta bhee tha aur maja bhee aata thaa. Pritam ne mujhe deewaar se munh ke bal saTa kar khaDa kiya aur fir khaDe khaDe hee meree maaree. Ab tak mere guda men dard kam ho gaya tha aur labaalab bhare makhkhan ke kaaraN usaka lauDa aaraam se ghachaaghach fisal raha thaa.
Pasand aaya aasan mere raajaa? Ya leTe leTe lene men anja aayaa? Us'ne meree gaanD men lunD pelate hue poochhaa. Mujhe bahut maja aa raha thaa.
Yaar tum ulaTa laTaka'kar bhee maaro to mujhe maja aayegaa. Kya shaahee lauDa hai tera mere raajaa! Main to fida ho gayaa. Maine bhaav vibhor hokar usase kahaa. Pritam hans diya par meree baat use bahut achchhee lagee yah saaf tha kyonki us'ne aur josh se meree maarana shuroo kar diyaa. Fir wah mujhe Tebal tak le gaya aur mujhe jhuk kar Tebal ka aadhar lekar khaDe hone ko kahaa. Main Tebal ka kinaara pakaD kar jhuk kar khaDa hua aur wah mere peechhe khaDa khaDa meree maar'ta rahaa.
Ye khajuraaho sTaail hai. Dekhee hai na wo moorti? Fark sirf yah hai ki us'men ek mard aurat ko aise chod'ta hai. Us'ke kantrol kee maine daad dee, it'ne tan kar khaDe lunD ke baawajood wah baDa maja le lekar sadhee huee lay se mujhe aasan sikha sikha kar meree maar raha thaa.
Us'ke baad mujhe fir bistar par le gayaa. Bistar par mujhe kohaniyon aur ghuTanon par kutiya sTaail men khaDa kiya aur peechhe se mere oopar chaDha kar kutte jaisee meree maar'ne lagaa. Ab us'ke haath mere badan ko bheenche hue the aur wah ghuT'ne Tek kar aadha wajan mere oopar deta hua meree maar raha thaa.
Yah aakharee aasan hai yaar. Ab main ye mastee aur sah naheen sakoongaa. Waise pashusambhog ka yah aasan mara'ne waale ke liye jara kaThin hai. Wajan sahan paD'ta hai, jaise kutiya kutte ka ya ghoDee ghoDe ka sah'tee hai. Haam, maar'ne waale ko bahut maja aata hai Main ab kaamuk'ta men Dooba hua haamfate hue kutiya jaise marawa raha thaa. itana maja aa raha tha ki maine socha ki agar Pritam mere oopar poora chaDha jaaye to kya maja aayegaa. Maine usase kaha to wah jor se saans leta hua bola ki bas do minute baad. Asal men us'ke skhalan ka samay kareeb aa raha thaa. Kuchh der baad us'kee saans aur tej chal'ne lagee. Mujhe bola
kramashah................
आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ , मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ .. मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,, बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ आपका दोस्त राज शर्मा (¨`·.·´¨) Always `·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving & (¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling ! `·.¸.·´ -- raj
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