यार बना प्रीतम - भाग (14)
गतान्क से आगे.......
प्रदीप तो मेरी चप्पल खा'कर पागल सा हो गया था. मुझे पटक'कर मेरे ऊपर चढ गया और अपना लंड मेरी गुदा पर रख कर पेल'ने लगा. माजी हंस'ने लगी.
देखो कैसा उतावला हो गया है, अरे पहले ज़रा बहू के शरीर को मसलना कुचलना था. खैर, तेरी बेताबी मैं समझ सक'ती हूँ. मार ले उसकी, अपनी आग शांत कर ले, फिर मिल'कर आराम से खेलेंगे इस गुड़िया से.
प्रदीप के पेल'ने के बावजूद उसका लंड मेरी गान्ड में नहीं घुस रहा था. उधर मैं दर्द से बिलबिलाता हुआ तडप रहा था क्योंकि गान्ड में बहुत दर्द हो रहा था. मेरी हालत अजीब सी थी, एक तरफ मैं किसी नवविवाहित वधू जैसा अप'ने पति से चुद'ने को बेताब था, वहीं उस घोड़े से लंड को देख'कर डर से अधमरा हो गया था. प्रीतम मेरी परेशानी देख'कर बोला.
भैया, ये ऐसे नहीं जाएगा. महीने भर से मैने भाभी को नहीं चोदा है. आराम मिल'ने से अब उस'की गान्ड फिर कुँवारी चूत सी कसी हो गयी है. मक्खन लगा लो नहीं तो माधुरी मर जाएगी.
वह जा'कर मक्खन ले आया. माजी ने मेरी गुदा में और प्रीतम ने अप'ने भाई के लंड में मक्खन लगाया. मक्खन लगाते हुए प्रदीप के लंड को चूम कर प्रीतम बोला.
आज तो यह गजब ढा रहा है यार! सुहागरात ना होती तो मैं कह'ता कि मेरी ही मार लो प्लीज़! उधर माजी बड़े प्यार से दो उंगलियों से मक्खन के लॉंड के लौंदे मेरी गान्ड में भर रही थी. माजी ने मेरे चूतड पकड़'कर कस के चौड़े किए.
देख बेटे, कैसा गुलाब की कली सा च्छेद है, पेल दे अब. प्रदीप ने जैसे ही अप'ने लंड को पकड़ा और बेरहमी से मेरी गान्ड में सुपाड़ा उतार दिया. पक्क की आवाज़ के साथ मेरा छल्ला चौड़ा हुआ और मुझे इतना दर्द हुआ कि मैं रो पड़ा और हाथ पैर फेकते हुए चीख'ने लगा.
आख़िर सील टूटी साली की. प्रीतम इधर आ और हाथ पकड़ हरामजादी के, बहुत छटपटा रही है प्रदीप मस्त होकर बोला. माजी ने मेरे पैर पकड़ लिए और प्रीतम ने हाथ. प्रीतम ने पूचछा.
मुँह बंद कर दूं भाभी का? माजी बोलीं.
अरे नही, चिल्ला'ने दे, मज़ा आएगा. सुहागरात में बहू रोए तो मज़ा आता है. इससे पता चल'ता है कि असल में चुदी या नहीं! मैं इस'की दर्द भरी चीख सुनना चाह'ती हूँ. जब मेरे बेटे का लॉडा इस'की गान्ड चौडी करेगा, तो ये कट'ती मुर्गी जैसी चिल्लानी चाहिए. तब मैं समझूंगी कि इस अप्सरा को तूने ठीक से भोगा है. वैसे फाड़ तो नहीं देगा रे प्रदीप बहू की गान्ड? नहीं तो कल ही टाँके लगवा'ने पडेन्गे. आगे ढीली ढाली गान्ड मार'ने में क्या मज़ा आएगा?
नहीं मा, ऐसे थोड़े फटेगी! साली पूरी चुदक्कड है. देख अब इस'की कैसी दूरगत कर'ता हूँ! कह'कर प्रदीप ने आगे लंड पेलना शुरू किया. मैं दर्द से चीख'ने लगा. आज सच में मेरी गान्ड ऐसे दुख रही थी जैसे कोई घूँसा बना कर हाथ डाल रहा हो. अब मेरा लंड भी बैठ गया था. सारी मस्ती उतर गयी थी. आँखों से आँसू बह रहे थे. प्रदीप ने और ज़ोर लगा'कर जब तीन चार इंच लॉडा और मेरी गान्ड में उतार दिया तो मैं बेहोश होने को आ गया.
अरे अरे, बेहोश हो रही है बहू. फिर क्या मज़ा आएगा इस'के बेजान शरीर को छोड़'कर. प्रदीप, उस'की चूची मसल, अभी जाग जाएगी. मा की इस सलाह पर प्रदीप ने मेरी चूची पकड़'कर ऐसे कुचली की दर्द से बिलबिला'कर मैं फिर होश में आ गया और हाथ पैर पटक'ने की कोशिश कर'ने लगा.
अब ठीक है, डाल दे पूरा लंड अंदर. मा ने कहा. प्रदीप ने मेरे चूतड पकड़े और घच्छसे पूरा एक फुट लॉडा मेरे चूतडो के बीच गाढ दिया.
मैं ऐसे चिल्लाया जैसे हलाल हो रहा हू! मेरे दर्द की परवाह ना कर'के प्रदीप मेरे ऊपर चढ गया और मेरी चूचियाँ हाथ में पकड़'कर बोला.
अब हट जाओ मा. प्रीतम तू अब जा और मा को चोद ले. मुझे अपनी पत्नी को चोद'ने दे ठीक से. अब देख मैं कैसे इस रंडी की गान्ड का भूर'ता बनाता हूँ. और मेरी रबड की ब्रा में कसी चूचियाँ मसल मसल कर वह मेरी गान्ड मार'ने लगा.
अगले आधे घंटे मेरी जो हालत हुई, मैं कह नहीं सकता. मैं रोता बिलख'ता रहा और मेरा पति हांफ'ता हुआ ऐसे मेरी गान्ड मार'ता रहा जैसे पैसा वसूल कर'ने किसी रंडी पर चढ़ा हो. मुझे ऐसा लग रहा था कि किसीने पूरा हाथ मेरे चूतडो के बीच गाड़ दिया हो और उसे अंदर बाहर कर रहा हो. आज मुझे पता चल गया था कि हलाल होते बकरे को कैसा दर्द होता होगा या फिर भयानक बलात्कार की शिकार कोई युव'ती क्या अनुभव कर'ती होगी!
उधर प्रीतम अपनी मा पर चढ कर उसे चोद रहा था. माजी भी चूतड उच्छाल उच्छाल कर अप'ने छोटे बेटे से चुदवा'ती हुई बड़े बेटे को शाबासी दे रही थी.
बस ऐसे ही बेटा, दिखा दे बहू को चुदाई क्या होती है! प्रीतम ने तो बड़े प्यार से मारी होगी इस'की गान्ड! अब ज़रा यह देखे की असली गान्ड मराना किसे कहते हैं. आज यह ऐसी चुदनी चाहिए कि जनम भर याद रखे कि बहू का स्वागत कैसे किया जाता है
आख़िर प्रदीप एक हुंकार के साथ झड और हांफ'ता हुआ मेरे ऊपर लेट कर आराम कर'ने लगा. मा और प्रीतम मेरी यह निर्मम चुदाई देख'कर पहले ही झड चुके थे. उन'की वासना शांत होने पर अब वे मुझसे थोड़ा नरमी का बर्ताव कर'ने लगे.
बाहू, ठीक से चुदी या नहीं तू या कोई तमन्ना बा'की है? माजी ने पूच्छा. मुझे रोते देख'कर तरस खा'कर बोलीं.
बहुत अच्छा चोदा तूने प्रदीप इसे, इस'की खूबसूर'ती के लायक इसे भोगा, पर अब इसे ज़रा पानी पिला दे. बेचारी को प्यास लगी होगी. और प्रीतम ज़रा अपनी भाभी के लंड पर ध्यान दे, देख कैसा मुरझा गया है. ज़रा मज़ा दिला उसे. तब तक मैं प्रदीप को शहद चखा'ती हूँ. प्रदीप मज़ा आया बेटे?
मस्त मुलायम गान्ड है मा माधुरी की. प्रीतम तू सही बीवी लाया है चुन कर मेरे लिए. अब देखना कैसे इस काली को मसल मसल कर इसका भोग लगाता हूँ. इस'की मलाई चख'ने का मन हो रहा है अब. प्रदीप मेरे गुदा में से लौड खींचते हुए बोला.
माजी ने प्रदीप का मुँह अपनी चूत में डाल लिया और उसे अप'ने बुर के पानी और प्रीतम के वीर्य का मिला जुला अमृत पिला'ने लगीं. मैं अब सोच रहा था कि काश मैं उस'की जगह होता. प्रदीप का लंड निकल जा'ने के कारण अब मेरी गान्ड में होती भयानक यातना कम हो गयी थी फिर भी गान्ड तन तन दुख रही थी. प्रीतम ने पहले प्रदीप का लंड चूस कर साफ किया. फिर वह मेरे गुदा पर मुँह लगा'कर अंदर का माल चूस'ने लगा. मुँह उठा'कर बोला.
वाहा, भाभी की मुलायम गान्ड में से भैया का वीर्य चख'ने का मज़ा ही कुच्छ और है मा. वह साथ में मेरे लंड को सहला रहा था. उसे मालूम था कि मुझे क्या अच्च्छा लग'ता है और उस'के अनुभवी हाथों ने जल्द ही मेरा लंड ख़ड़ा कर दिया. लंड खड होने के बाद गान्ड का दर्द मुझे अब इतना जान लेवा नहीं लग रहा था.
प्रदीप आख़िर अपनी मा की चूत पूरी चाट कर उठा और मेरा सिर अपनी गोद में लेकर लेट गया. मेरे मुँह में अपना मुरझाया लंड पूरा डालते हुए बोला.
माधुरी रानी, चल अब अप'ने पति का शरबत पी ले. ख़ास तेरी प्यास बुझा'ने को मैने बनाया है. फिर वह मेरे सिर को अप'ने पेट पर भींच कर मेरे मुँह में मूत'ने लगा.
उस'ने दस मिनिट मुझे अपना मूत पिलाया. लग'ता है घंटों वह मूता नहीं था. मैने आँखें बंद कर'के चुपचाप अप'ने स्वामी का मूत पिया. वह खारा गरमागरम मूत मुझे बहुत अच्च्छा लग रहा था. मेरे चेहरे पर के भाव देख'कर प्रदीप और माजी बहुत खुश हुए.
सच बड़ी अच्छी ट्रेनिंग दी है प्रीतम ने अपनी भाभी को. कैसे पी रही है जैसे भगवान का प्रसाद हो! माजी बोलीं.
प्रदीप का मूत पीने के बाद प्रीतम और माजी ने भी अपना अपना मूत मुझे पिलाया. प्रीतम ने तो वैसे ही लॉडा मुँह में देकर पिलाया पर माजी ने खड़े होकर मुझे अपनी टाँगों के बीच बिठा'कर मेरे मुँह में मूता जैसे कोई देवी साम'ने बैठे भक्त पर अहसान कर रही हो. पहले चेतावनी भी दी.
बहू, अगर ज़रा भी नीचे गिराया तो आज तेरी टाँगें तोड़ दूँगीं. अपनी सासूमा का यह बेशकीम'ती उपहार मन लगा कर पी. मैं जब बिना छलकाए सारा पी गया तो वे बहुत खुश हुईं. मेरा पेट अब लबालब भरा था और मुझे डकार आ रही थी. तीनों मिल'कर यह सोच'ने लगे कि अब मेरे साथ क्या किया जाए?
इसे कुच्छ खिला दो अब . माजी का आग्रह था. पर प्रीतम ने कहा कि अभी अभी मूत पिया है, पेट भरा है, ठीक से माधुरी खा नहीं पाएगी.
तो कोई ऐसी चीज़ खिला जिसे खा'ने में टाइम लगे. फिर खा लेगी. प्रदीप, तेरी चप्पलें इसी लिए तो रखी हैं? चल तैयार हो जा. बहू चप्पालों की कितनी शौकीन है, मैं जान'ती हूँ इस'लिए वैसे किसी की भी चप्पलें खिला सकते हैं पर आज की सुहागरात में तो पति का ही प्रसाद मिले तो अक्च्छा है. माजी ने प्रदीप को कहा. वह अपनी चप्पलें हाथ में लेकर तैयार हो गया.
हां मा, अपनी दुल्हन के लिए यह तोहफा तो मैने मन लगा'कर तैयार किया है. महीने भर से पहन कर इन्हें चिकना कर दिया है. मेरे पैरों का पसीना भी इन'में भीं गया है, मेरी रानी को खूब स्वाद आएगा.
ठहरो भैया, तुम'ने इसका एक छेद तो चोद डाला, अब दूसरा चोदो. मुँह चोद डालो, मस्त पूरा घुसेड कर पेट तक उतार दो. बहुत अच्छी चुद'ती है यह लौंडा मुँह में, अभी ठीक से सीखी नहीं है इस'लिए गोंगिया'ती है, बहुत मज़ा आता है. तब तक मैं अपनी भाभी की गान्ड मार लेता हूँ. आख़िर इस'की सुहाग रात है, गान्ड खूब चुदनी चाहिए नहीं तो सोचेगी कि कैसे लोग हैं, बहुओं को ठीक से चोदना भी नहीं जानते. और माधुरी मा की गान्ड मार ले तब तक! आख़िर बहू से गान्ड मरा'ने में जो मज़ा है, वह मा भी चख ले ज़रा. प्रीतम ने सुझाव दिया.
प्रदीप को बात जच गयी. चप्पलें बाजू में रख कर उस'ने अपनी मा को बिस्तर पर लेट'ने को कहा. माजी अपनी पहाड सी गान्ड ऊपर कर'के लेट गयीं. मुझे उनपर चढ़ा दिया गया और मेरा लंड उन'की गान्ड में घुसेड दिया गया. काफ़ी फुकला गान्ड थी मेरी सासूमा की, आख़िर दो दो बेटों के मतवाले लंडों से सालों चुदी थी. पर उस मुलायम छेद का मज़ा ऐसा था कि मैं तुरंत अपनी सास की गान्ड मार'ने लगा. प्रीतम मेरे ऊपर चढ गया और मेरी गान्ड मार'ने लगा. उस'के प्यारे जा'ने पहचा'ने लंड के अप'ने गुदा में होते स्पर्श से मुझे बहुत अच्च्छा लगा.
प्रदीप मेरे साम'ने बैठ गया और अपना झाड़ा लंड मेरे मुँह में डाल'कर मेरा सिर अप'ने पेट पर दबा'कर हमारे साम'ने बैठ गया.
चलो शुरू हो जाओ अब . अगले आधे घंटे यह सामूहिक चुदाई चल'ती रही. मैं माजी के मम्मे दबाता हुआ उन'की गान्ड मार रहा था और प्रीतम मेरी. धीरे धीरे प्रदीप का लंड खड़ा हुआ और मेरे गले में समा'ने लगा.
जल्द ही मैं दम घुट'ने से छटपटा रहा था. मेरे पति का एक फूटिया लंड मेरे सीने तक उतर गया था. अब मैं हाथ पैर मार'कर छूट'ने की कोशिश कर रहा था. मेरा गला दुख रहा था और साँस रुक गयी थी. मैं साँस लेने की कोशिश करते हुए चीख भी रहा था पर मुँह से सिर्फ़ 'आम' 'आम' 'अघ' ऐसी आवाज़ निकल रही थी. बीच में मुझे लगा कि अब मैं मर जाऊँगा. किसी तरह हाथ पैर फटकार'ता हुआ रोता बिलख'ता मैं तडप'ता रहा पर वे तीनों मा बेटे मुझसे ऐसे चिपटे रहे जैसे उन्हें कोई परवाह नहीं है कि मैं जिऊ या मरूं, और मुझे भोगते रहे.
आख़िर मेरे झड'ने के बाद वे रुके. प्रीतम और प्रदीप ने अप'ने अप'ने तन्नाए लंड मेरी गान्ड और मुँह से निकाले और बारी बारी से अपनी मा की गान्ड में से मेरा वीर्य चूसा. मैं हांफ'ता हुआ अधमरा साँस लेने की कोशिश कर'ता हुआ लस्त पड़ा रहा. माजी उलाहना देते हुए बोलीं.
तुम लोग झाडे नहीं बहू के शरीर में? अब तो मौका आया है दुल्हन की असली चुदाई का मा! जब तक यह चप्पल खाएगी, हम लगातार इस'की गान्ड मारेंगे. एक मिनिट को भी इस'की गान्ड में लंड चलना बंद नहीं होना चाहिए. आख़िर हमारे खानादान की इज़्ज़त का सवाल है. सुहागरात में बहुएँ बिना रुके रात भर चुदाना चाहिए ऐसी प्रथा है हमारे यहाँ मा. प्रीतम अपनी मा की चूचियाँ दबाता हुआ बोला.
कितनी फिकर है मेरे जवान बेटों को अपनी बाहू के सुख की! मा भाव विभोर होकर बोलीं.
क्रमशः................
YAAR BANA PRITAM - BHAAG (14)
gataank se aage.......
Pradeep to meree chappal kha'kar paagal sa ho gaya thaa. Mujhe paTak'kar mere oopar chaDha gaya aur apana lunD mere guda par rakh kar pel'ne lagaa. maajee hans'ne lagee.
Dekho kaisa utaawala ho gaya hai, are pahale jara bahoo ke shareer ko masalana kuchalana thaa. Khair, teree betaabee main samajh sak'tee hoon. Maar le usakee, apanee aag shaamt kar le, fir mil'kar aaraam se khelenge is guDiya se.
Pradeep ke pel'ne ke baawajood usaka lunD meree gaanD men naheen ghus raha thaa. Udhar main dard se bilabilaata hua taDap raha tha kyonki gaanD men bahut dard ho raha thaa. Meree haalat ajeeb see thee, ek taraf main kisee navavivaahit vadhoo jaisa ap'ne pati se chud'ne ko betaab thaa, waheen us ghoDe se lunD ko dekh'kar Dar se adhamara ho gaya thaa. Pritam meree pareshaanee dekh'kar bolaa.
Bhaiyaa, ye aise naheen jaayegaa. Mahine bhar se maine bhaabhee ko naheen choda hai. Aaraam mil'ne se ab us'kee gaanD fir kunwaaree choot see kasee ho gayee hai. Makhkhan laga lo naheen to Maadhuri mar jaayegee.
Wah ja'kar makhkhan le aayaa. maajee ne mere guda men aur Pritam ne ap'ne bhaayee ke lunD men makhkhan lagaayaa. Makhkhan lagaate hue Pradeep ke lunD ko choom kar Pritam bolaa.
Aaj to yah gajab Dha raha hai yaar! Suhaagaraat na hotee to main kah'ta ki meree hee maar lo please! Udhar maajee baDe pyaar se do ungaliyon se makhkhan ke launde ke launde meree gaanD men bhar rahee thee. maajee ne mere chootaD pakaD'kar kas ke chauDe kiye.
Dekh beTe, kaisa gulaab kee kalee sa chhed hai, pel de ab. Pradeep ne bhaale jaise ap'ne lunD ko pakaDa aur berahamee se meree gaanD men supaaDa utaar diyaa. Pakk kee aawaaj ke saath mera chhalla chauDa hua aur mujhe itana dard hua ki main ro paDa aur haath pair fekate hue cheekh'ne lagaa.
Aakhir seel TooTee saalee kee. Pritam idhar aa aur haath pakaD haraamajaadee ke, bahut chhaTapaTa rahee hai Pradeep mast hokar bolaa. maajee ne mere pair pakaD liye aur Pritam ne haath. Pritam ne poochha.
Munh band kar doon bhaabhee kaa? Maajee boleen.
Are nahee, chilla'ne de, maja aayegaa. Suhaagaraat men bahoo roye to maja aata hai. isase pata chal'ta hai ki asal men chudee ya naheen! Main is'kee dard bharee cheekh sunana chaah'tee hoon. Jab mere beTe ka lauDa is'kee gaanD chauDee karegaa, to ye kaT'tee murgee jaisee chillaanaee chaahiye. Tab main samajhoongee ki is apsara ko toone Theek se bhoga hai. Waise faaD to naheen dega re Pradeep bahoo kee gaanD? Naheen to kal hee Taanke lagawa'ne paDenge. Aage Dheelee Dhaalee gaanD maar'ne men kya maja aayegaa?
Naheen maa, aise thoDe faTegee! Saalee pooree chudakkaD hai. Dekh ab is'kee kaisee durgat kar'ta hoon! Kah'kar Pradeep ne aage lunD pelana shuroo kiyaa. Main dard se cheekh'ne lagaa. Aaj sach men meree gaanD aise dukh rahee thee jaise koee ghoomsa bana kar haath Daal raha ho. Ab mera lunD bhee baiTh gaya thaa. Saaree mastee utar gayee thee. Aankhon se aansoo bah rahe the. Pradeep ne aur jor laga'kar jab teen chaar inch lauDa aur meree gaanD men utaar diya to main behosh hone ko aa gayaa.
Are are, behosh ho rahee hai bahoo. Fir kya maja aayega is'ke bejaan shareer ko chod'kar. Pradeep, us'kee choochee masal, abhee jaag jaayegee. Maa kee is salaah par Pradeep ne meree choochee pakaD'kar aise kuchalee ki dard se bilabila'kar main fir hosh men aa gaya aur haath pair paTak'ne kee koshish kar'ne lagaa.
Ab Theek hai, Daal de poora lunD andar. Maa ne kahaa. Pradeep ne mere chootaD pakaDe aur ghachchase poora ek fuT lauDa mere chootaDon ke beech gaaD diyaa.
Main aise chillaaya jaise halaal ho raha hooom! Mere dard kee parawaah na kar'ke Pradeep mere oopar chaDha gaya aur meree choochiyaan haath men pakaD'kar bolaa.
Ab haT jaao maa. Pritam too ab ja aur maa ko chod le. Mujhe apanee patnee ko chod'ne de Theek se. Ab dekh main kaise ise randee kee gaanD ka bhur'ta banaata hoon. Aur meree rabaD kee bra men kasee choochiyaan masal masal kar wah meree gaanD maar'ne lagaa.
Agale aadhe ghante meree jo haalat huee, main kah naheen sakataa. Main rota bilakh'ta raha aur mera pati haamf'ta hua aise meree gaanD maar'ta raha jaise paisa wasool kar'ne kisee randee par chaDhaa ho. Mujhe aisa lag raha tha ki kiseene poora haath mere chootaDon ke beech gaaD diya ho aur use andar baahar kar raha ho. Aaj mujhe pata chal gaya tha ki halaal hote bakare ko kaisa dard hota hoga ya fir bhayaanak balaatkaar kee shikaar koee yuw'tee kya anubhav kar'tee hogee!
Udhar Pritam apanee maa par chaDha kar use chod raha thaa. maajee bhee chootaD uchhaal uchhaal kar ap'ne chhoTe beTe se chudawa'tee huee baDe beTe ko shaabaasee de rahee thee.
Bas aise hee beTaa, dikha de bahoo ko chudaayee kya hotee hai! Pritam ne to baDe pyaar se maaree hogee is'kee gaanD! ab jara yah dekhe ki asalee gaanD maraana kise kahate hain. Aaj yah aisee chudanee chaahiye ki janam bhar yaad rakhe ki bahoo ka swaagat kaise kiya jaata hai
Aakhir Pradeep ek hunkaar ke saath jhaDa aur haamf'ta hua mere oopar leT kar aaraam kar'ne lagaa. Maa aur Pritam meree yah nirmam chudaayee dekh'kar pahale hee jhaD chuke the. Un'kee waasana shaamt hone par ab we mujhase thoDa naramee ka bartaav kar'ne lage.
Bahoo, Theek se chudee ya naheen too ya koee tamann ba'kee hai? Maajee ne poochhaa. Mujhe rote dekh'kar taras kha'kar boleen.
Bahut achchha choda toone Pradeep ise, is'kee khoobasoor'tee ke laayak ise bhogaa, par ab ise jara paanee pila de. Bechaaree ko pyaas lagee hogee. Aur Pritam jara apanee bhaabhee ke lunD par dhyaan de, dekh kaisa murajha gaya hai. Jara maja dila use. Tab tak main Pradeep ko shahad chakha'tee hoon. Pradeep maja aaya beTe?
Mast mulaayam gaanD hai maa Maadhuri kee. Pritam too sahee beewee laaya hai chun kar mere liye. Ab dekhana kaise is kalee ko masal masal kar isaka bhog lagaata hoon. is'kee malaayee chakh'ne ka man ho raha hai ab. Pradeep mere guda men se lauDa kheenchate hue bolaa.
maajee ne Pradeep ka munh apanee choot men Daal liya aur use ap'ne bur ke paanee aur Pritam ke veery ka mila jula amRut pila'ne lageen. Main ab soch raha tha ki kaash main us'kee jagah hotaa. Pradeep ka lunD nikal ja'ne ke kaaraN ab meree gaanD men hotee bhayaanak yaatan kam ho gayee thee fir bhee gaanD Than Than dukh rahee thee. Pritam ne pahale Pradeep ka lunD choos kar saaf kiyaa. Fir wah mere guda par munh laga'kar andar ka maal choos'ne lagaa. Munh uTha'kar bolaa.
Waaha, bhaabhee kee mulaayam gaanD men se bhaiya ka weery chakh'ne ka maja hee kuchh aur hai maa. Wah saath men mere lunD ko sahala raha thaa. Use maaloom tha ki mujhe kya achchha lag'ta hai aur us'ke anubhavee haathon ne jald hee mera lunD khaDa kar diyaa. LunD khaDa hone ke baad gaanD ka dard mujhe ab itana jaan leva naheen lag raha thaa.
Pradeep aakhir apanee maa kee choot pooree chaaT kar uTha aur mera sir apanee god men lekar leT gayaa. Mere munh men apana murajhaaya lunD poora Daalate hue bolaa.
Maadhuri raanee, chal ab ap'ne pati ka sharabat pee le. Khaas teree pyaas bujha'ne ko maine banaaya hai. Fir wah mere sir ko ap'ne peT par bheench kar mere munh men moot'ne lagaa.
Us'ne das minute mujhe apana moot pilaayaa. Lag'ta hai ghanton wah moota naheen thaa. Maine aankhen band kar'ke chupachaap ap'ne swaamee ka moot piyaa. Wah khaara garamaagaram moot mujhe bahut achchha lag raha thaa. Mere chehare par ke bhaav dekh'kar Pradeep aur maajee bahut khush hue.
Sach baDee achchhee Trening dee hai Pritam ne apanee bhaabhee ko. Kaise pee rahee hai jaise bhagawaan ka prasaad ho! Maajee boleen.
Pradeep ka moot peene ke baad Pritam aur maajee ne bhee apana apana moot mujhe pilaayaa. Pritam ne to waise hee lauDa munh men dekar pilaaya par maajee ne khaDe hokar mujhe apanee Taangon ke beech biTha'kar mere munh men moota jaise koee dewee saam'ne baiThe bhakt par ahasaan kar rahee ho. Pahale chetaawanee bhee dee.
Bahoo, agar jara bhee neeche giraaya to aaj teree Taangen toD doongeen. Apanee saasoomaa ka yah beshakeem'tee upahaar man laga kar pee. Main jab bina chhalakaaye saara pee gaya to we bahut khush hueen. Mera peT ab labaalab bhara tha aur mujhe Dakaar aa rahee thee. Teenon mil'kar yah soch'ne lage ki ab mere saath kya kiya jaaye?
ise kuchh khila do ab . Maajee ka aagrah thaa. Par Pritam ne kaha ki abhee abhee moot piya hai, peT bhara hai, Theek se Maadhuri kha naheen paayegee.
To koee aisee cheej khila jise kha'ne men Taaim lage. Fir kha legee. Pradeep, teree chappalen isee liye to rakhee hain? Chal taiyaar ho jaa. Bahoo chappalon kee kitanee shaukeen hai, main jaan'tee hoon is'liye waise kisee kee bhee chappalen khila sakate hain par aaj kee suhaagaraat men to pati ka hee prasaad mile to acchha hai. Maajee ne Pradeep ko kahaa. Wah apanee chappalen haath men lekar taiyaar ho gayaa.
Haan maa, apanee dulhan ke liye yah tohafa to maine man laga'kar taiyaar kiya hai. Mahine bhar se pahan kar inhen chikana kar diya hai. Mere pairon ka paseen bhee in'men bhin gaya hai, meree raanee ko khoob swaad aayegaa.
Thaharo bhaiyaa, tum'ne isaka ek chhed to chod Daalaa, ab doosara chodo. Munh chod Daalo, mast poora ghuseD kar peT tak utaar do. Bahut achchhee chud'tee hai yah laundee munh men, abhee Theek se seekhee naheen hai is'liye gongiya'tee hai, bahut maja aata hai. Tab tak main apanee bhaabhee kee gaanD maar leta hoon. Aakhir is'kee suhaag raat hai, gaanD khoob chudanee chaahiye naheen to sochegee ki kaise log hain, bahuon ko Theek se chodana bhee naheen jaanate. Aur Maadhuri maa kee gaanD maar le tab tak! Aakhir bahoo se gaanD mara'ne men jo maja hai, wah maa bhee chakh le jaraa. Pritam ne sujhaav diyaa.
Pradeep ko baat jach gayee. Chappalen baajoo men rakh kar us'ne apanee maa ko bistar par leT'ne ko kahaa. maajee apanee pahaaD see gaanD oopar kar'ke leT gayeen. Mujhe unapar chaDhaa diya gaya aur mera lunD un'kee gaanD men ghuseD diya gayaa. Kaafee fukala gaanD thee meree saasoomaa kee, aakhir do do beTon ke matawaale landon se saalon chudee thee. Par us mulaayam chhed ka maja aisa tha ki main turant apanee saas kee gaanD maar'ne lagaa. Pritam mere oopar chaDha gaya aur meree gaanD maar'ne lagaa. Us'ke pyaare ja'ne pahacha'ne lunD ke ap'ne guda men hote sparsh se mujhe bahut achchha lagaa.
Pradeep mere saam'ne baiTh gaya aur apana jhaDa lunD mere munh men Daal'kar mera sir ap'ne peT par daba'kar hamaare saam'ne baiTh gayaa.
Chalo shuroo ho jaao ab . Agale aadhe ghante yah saamoohik chudaayee chal'tee rahee. Main maajee ke mamme dabaata hua un'kee gaanD maar raha tha aur Pritam meree. Dheere dheere Pradeep ka lunD khaDa hua aur mere gale men sama'ne lagaa.
Jald hee main dam ghuT'ne se chhaTapaTa raha thaa. Mere pati ka ek fuTiya lunD mere seene tak utar gaya thaa. Ab main haath pair maar'kar chhooT'ne kee koshish kar raha thaa. Mera gala dukh raha tha aur saans ruk gayee thee. Main saans lene kee koshish karate hue cheekh bhee raha tha par munh se sirf 'am' 'am' 'agh' aisee aawaaj nikal rahee thee. Beech men mujhe laga ki ab main mar jaaoongaa. Kisee tarah haath pair faTakaar'ta hua rota bilakh'ta main taDap'ta raha par we teenon maa beTe mujhase aise chipaTe rahe jaise unhen koee parawaah naheen hai ki main jioon ya maroom, aur mujhe bhogate rahe.
Aakhir mere jhaD'ne ke baad we ruke. Pritam aur Pradeep ne ap'ne ap'ne tannaaye lunD meree gaanD aur munh se nikaale aur baaree baaree se apanee maa kee gaanD men se mera veery choosaa. Main haamf'ta hua adhamara saans lene kee koshish kar'ta hua last paDa rahaa. Maajee ulaahana dete hue boleen.
Tum log jhaDe naheen bahoo ke shareer men? Ab to mauka aaya hai dulhan kee asalee chudaayee ka maa! Jab tak yah chappal khaayegee, ham lagaataar is'kee gaanD maarenge. Ek minute ko bhee is'kee gaanD men lunD chalana band naheen hona chaahiye. Aakhir hamaare khaanaadaan kee ijjat ka sawaal hai. Suhaagaraat men bahuen bina ruke raat bhar chudana chaahiye aisee pratha hai hamaare yahaan maa. Pritam apanee maa kee choochiyaan dabaata hua bolaa.
Kitanee fikar hai mere jawaan beTon ko apanee bahoo ke sukh kee! Maa bhaav vibhor hokar boleen.
kramashah................
आपका दोस्त राज शर्मा साधू सा आलाप कर लेता हूँ , मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ .. मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,, बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ आपका दोस्त राज शर्मा (¨`·.·´¨) Always `·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving & (¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling ! `·.¸.·´ -- raj
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