Friday, January 2, 2015

FUN-MAZA-MASTI पापा प्लीज........21

FUN-MAZA-MASTI

 पापा प्लीज........21

 अचानक फोन उठी और उधर से आवाज आई,"हाँ दी, वो थोड़ी बैग पैक रही थी तो उठा नहीं पाई..."

रूपा थोड़ी गुस्से का नाटक करती हुई भारी आवाज करती हुई बोली,"तो हो गई पैकिंग..."
रूपा की आवाज सुनते ही सुनैना रूकी और ब्रेक लगाती आवाज में बोली,"ओह रूपा तुम,हे कैसी हो तुम... सुबह से ट्राई कर रही थी पर तुम मिल ही नहीं रही थी..."

रूपा,"ऐ अपनी बकवास बंद कर...दिन में ना नहीं थी... कल शाम से आज सुबह तक तो घर पर ही हूँ तो... आ तुम फिर बताती हूँ..."

सुनैना,"अरे नहीं यार, दोपहर में प्रोग्राम ही बनी तो सुबह कैसे बता सकती थी..."

रूपा,"हम्म्म, फिर ठीक है पर फिर भी तुझे छोड़ूंगी नहीं... इत्ते दिन बाद आज पहली बार टाइम मिली है घूमने की...मैं तो दो दो बार गई थी पर तू एक बार भी बहानेबाजी कर आने से रही..."

सुनैना की हंसी सुनाई पड़ी और बाद उसकी आवाज," ओके यार, तेरी मरजी मत छोड़ना... शायद तुम मेहमानों को पकड़ के रखती होगी तो मैं क्या कर सकती..."

रूपा की भी हल्की मुस्कान बिखर आई... रूपा फोन को कान में सटाए सोफे पर पसर गई... लेटी ऐसी की उसने अपने पैर सोफे की बांह पर और सर डिंपल भाभी की गोद में... रूपा के लेटते ही डिंपल भाभी के हाथ पहले की भांति ही रूपा के बालों में घुस ऊंगलिया फेरने लगी...

रूपा,"वैसे अचानक ये प्रोग्राम कैसे बन गई..."
सुनैना,"कुछ नहीं बस कॉलेज में छुट्टी है... तो छुट्टी में घूमने की इच्छा हुई तो सोची तुम्हारे यहाँ ही आ जाउँ..." सुनैना की बात खत्म होते ही डिंपल भाभी नहीं में सिर हिला मुस्कुराने लगी जिससे रूपा आश्चर्य से भाभी से पूछी क्या बात है फिर...

डिंपल भाभी झट से नीचे झुकी और फुसफुसाती हुई रूपा से बोली ताकि सुनैना ना सुन सके,"शादी की बात चल रही है...लड़का इसी शहर में नौकरी करता है... बात थी लड़का ही जाता पर छुट्टी ना मिल सकी तो वो नहीं जा सकता...और सुनैना भी मिलना चाहती थी एक बार..."

रूपा डिंपल भाभी कीबात सुनती मुस्कुराती हुई फोन को मुट्ठी में बंद कर दूर कर दी... डिंपल भाभी,"शादी से पहले दोनों को वैसे भीमिल लेना चाहिए ताकि बाद में ये नहीं कहे कि आपकी पसंद से किए तो आपने ऐसे कर दिए वैसे कर दिए... इसलिए मामाजी के साथ आ रही है..."

डिंपल भाभी की बात सुन रूपा अपने होंठको काटती मुस्कुराती फोन वापस कान में सटाती हुई बोली,"ओह, तो कॉलेज में छुट्टी कितने दिन तक रहेगी... ताकि तुम कब तक रूक सकती हो ये तो जान जाऊंगी..."

सुनैना कुछ देर तक ही सही पर रूपा के चुप होते ही जान गई कि डिंपल दी बता दी होगी पर फिर भी हल्की हंसीके साथ बोली,"छुट्टी तो लम्बी है पर मामाजी भी साथ हैं तो दो दिन तक आराम से रूक सकती... फिर तुमसे मुलाकात कर ही लूँगी तो वापस आ जाऊँगी..."

रूपा,"अच्छा ठीक है, जैसी तेरी मर्जी... पहली बार वैसे तो एक दिन से ज्यादा दिन नहीं रूकना चाहिए पर तुम तो सिर्फ मेरे लिए आ रही हो तो दो दिनऽ दो दिन तक रूकेगी... बहुत है...बहुत है दो दिन...वेरी गुड..."

रूपा की नाराजगी साफ झलक रही थी जिसे सुनैना ना समझे हो ही नहीं सकती... डिंपल भाभी रूपा को ऐसे बोलते देख इशारों में ही बोली कि तू क्यों टेंशन ले रही है...आने तो दे पहले... कोई शादी थोड़े ही हो रही है जो रह नहीं सकती...

तब तक सुनैना बोली,"हे क्या हुआ... ऐसे क्यों बोल रही है..." सुनैना थोड़ी रूकी पर रूपा कोई जवाब ना दी... सुनैना पुनः बोली,"अच्छा बाबा, नो फिक्सड टाइम... तू जब कहेगी तो ही आऊंगी... मामाजी को ज्यादा जल्दी हुई तो वो अपना आ जाएंगे... ओके अब खुश..."

रूपा बोलना तो काफी चाहती थी पर बोल नहीं पा रही थी... इतने दिनों में इनके बीच ऐसी दोस्ती, इतना प्यार सिर्फ फोन से ही... हालत ये थी कि रूपा मिलने से पहले बिछड़ने के पल को याद कर रूआंसी सी हो गई थी...

सुनैना की भी ऐसी ही हालत थी पर उसे पहले तो मिलने की पड़ी थी... वापस की तो बाद में देखी जाएगी... रूपा की ऐसे आँखों में पानी देख डिंपल भाभी तुरंत ही रूपा के चेहरे को हाथों में लेती बोली...

डिंपल भाभी,"हे रूपा, क्या हुआ?" पर रूपा कुछ ना बोल बस ना में सर हिला दी... और बस रूपा कुछ सोची और अपनी आँखों को कस के भींची और सर को झटक दी... मानों वो इस पलों से बाहर निकल रही हो...

आँखों को दबाने से रूपा की एक बूँद बाहर छलक गई जिसे डिंपल भाभी प्यार से अपनी ऊंगली ले जाती पोंछ डाली... रूपा भाभी की आँखों में देख मुस्कुरा पड़ी जिससे भाभी भी मुस्कुरा कर जवाब दी...

रूपा,"ओके जाने दे इन सब बात को... पहले आ तो सही... बाद में ना पूछती हूँ कि तू मुझसे मिलने आई है या फिर किसी और से..." रूपा की बात सुन इधर डिंपल भाभी की हंसी छूटी और उधर सुनैना की...

सुनैना हंसी रोकती बोली,"अरे तुमसे क्या छिपाऊंगी...डिंपल दी तो बता ही दी होगी..."
रूपा,"भाभी को छोड़ ना...तू सोच रही होगी कि दी है तो बचा लेगी तुम्हें तो तुम इस गलतफहमी में मत रहना...भाभी हैं मेरी तो मेरे साइड रहेगी...समझी ना..."

तभी सुनैना जोर से चिल्लाती हुई बोली,"आ रही हूँ..." और फिर रूपा को बोली,"रूपा मैं बाद में बात करती हूँ, मॉम बुला रही है...ओके..." रूपा भी समझ गई और ओके बाय कह फोन काट दी...

फोन कटते ही रूपा हंसती हुई डिंपल भाभी की आँखों में देखने लगी कि बीच में उफ्फ्फ... उसकी आँखें चमकी और दिमीग में शरारत... हिमालय की चोटी की तरह दो दो शिखर... रूपा की नजर पढ़ भाभी जब तक कुछ सोचती करती तब तक....

डिंपल भाभी "आउउउउउउच्च्च्च" कह चीख पड़ी... रूपा तेजी से सर को उठा मुंह खोली और एक शिखर को कच्च से दांतो से काट ली... डिंपल भाभी जोर सेरूपा के तचेहरे को हटाने की कोशिश करती किकियाती हनई हंस रही थी...

डिंपल भाभी,"कमीनीईईई उफ्फ्फ...छोड़ नाआआईईईईईऽ " पर रूपा जोर से जोंक की तलह चिपक गई थी... और अब तो उसनॉ हाथों से दूसरी शिखर पर भी चढ़ाई शुरू कर दी... डिंपल भाभी जब रूपा को अलग करने में नाकाम रही तो वो अपनी अगली दांव लगा दी...

डिंपल भाभी उसके चेहरे को छोड़ अपने हाथ रूपा की टीशर्ट पर से उसकी चोटी पकड़ ली और जोर से दबा दी... रूपा की सख्त आम पर दबाव पड़ते ही दर्द से बिलबिला पड़ी और वो डिंपल भाभी की पर्वत छोड़ भाभी के हाथ को पकड़ हटाने लगी...


 पर भाभी तो भाभी थी... और वो इस वक्त रूपा से कहीं ज्यादा उन्हें ताकत मिल रही थी तो उनके हाथ को हटाना रूपा के वश की बात नहीं थी... रूपा अपने मुँह से भी भाभी की गुंबज छोड़ अब खुद को ही सोफे से बाहर करने लगी और इसमें वो सफल भी हो गई...

अगले पल वो नीचे जमीन पर थी पर भाभी के हाथ अभी भी रूपा की छाती पर जमी थी और दोनों की हँसी निकली जा रही थी... रूपा भाभी के हाथ को हटाने की सोच अगली पलटी मारने की कोशिश करती उससे पहले भाभी बदले लेने के ख्याल से नीचे आई और अपने मुंह को रूपा की दूसरी अनार की तरफ बढ़ा दी...

रूपा भी कम नहीं थी और अपने पर होने वाले हमले को सोच रोकने की बजाए जवाब देने की सोची... और अगले ही पल रूपा अपने दोनों हाथ आजाद की और भाभी के चेहर को पकड़ नीचे की बजाए ऊपर की तरफ दिशा दो दी....

जब तक डिंपल भाभी वापस अपनी दिशा में आने सोचती तब तक रूपा अपना कामकर चुकी थी और उसके होंठ ने भाभी की होंठ को गिरफ्त में ले ली...डिंपल भाभी थोड़ी अवाक सी रह गई और होंठ को अलग करने की कोशिश कर रही थी...

पर रूपा अगले ही पल भाभी को झटके दे पोजीशन में ला दी और कस के जकड़ती उनके होंठ चूसने लग गई... डिंपल भाभी हंसी मजाक और छेड़छाड़ तो अक्सर करती थी रूपा के साथ पर किस आज पहली बार... ये कमाल उस कनक की थी जिसने रूपा को इसे मजे से अवगत करा चुकी थी....

कुछ ही पलों में भाभी रूपा के रसीले होंठों से पिघल गई और वो किस का जवाब किस से देने लगी... भाभी की ओर से इशारा मिलते ही रूपा पकड़ ढ़ीली कर दी और अपनी जीभ भाभी के मुँह में घुसा अठखेलियाँ करने लगी...

डिंपल भाभी पर इसका असर तेजी से हुआ और रूपा की रसीली जीभ को चूसती ईस्स्स्स्स करती मदहोश हो गई...डिंपल भाभी के हाथ अब रूपा की चुची पर नाचने लग गई और उसे हौले हौले मसलने लगी... पर रूपा विरोध करने की बजाए नीचे से अपनी चुची उठा रही थी कि भाभी पूरी पकड़ के मसलो...

डिंपल भाभी भी कमसिन कली को पा तुरंत गरम हो गई और कुनमुनाने लगी... इस कुनमुनाहट में भाभी ने रूपा के एक हाथ को पकड़ खींचती हुई अपनी एक गदराई चुची पर ला दबा दी... रूपा के हाथ चुची पर पड़ते ही रूपा और आवेश में आ गई और अपना काम करने लगी...

किस करती हुई दोनों बारी बारी से सुर ताल मिला चुची को मसल देती... रूपा मसलती तो डिंपल भाभी हाथ रोक शरीर को रूपा की ओर दबा कर अपनी प्रतिक्रिया देती और जब डिंपल भाभी रूपा की कच्ची चुची को रगड़ती तो रूपा उचक के ऊपर की तरफ धक्के से जवाब देती...

डिंपल भाभी किस की गरमी को अब नीचे महसूस करने लगी थी और नीचे इतनी जोर की कुलबुलाहट उन्हें महसूस हुई कि पूछो मत... डिंपल भाभी इसे कम करने अपनी दुलारी को रूपा की जांघ पर ठीक बीचोंबीच रख जोर से दबाई इससे रूपा को भी फायदा हुआ... रूपा की दुलारी भी डिंपल भाभी की जांघों के नीचे दब के राहत महसूस की...

डिंपल भाभी अपनी दुलारी को और रिलैक्स करने के ख्याल से ऊपर नीचे हो रगड़ने लगी और किस किए जा रही थी....रूपा तो रगड़न से अब सांतवे आसमान पर उड़ी जा रही थी... कुछ ही पल में वो अकड़ने सी लग गई और वो बीच बीच में किस तोड़ कराहती हुई "ओहहहह नो भाभीईईईई प्लीजअअअऽ" कह पड़ती....

पर डिंपल भाभी अब कुछ सुनती तब तो.... वो रूपा के होंठों तुरंत जकड़ लेती और काटती हुई मसल रही थी...और अब भाभी रूपा की चुची भी जोर से रगड़ रही थी... रूपा की नई नवेली चुची तो लाल तो निश्चित हो गई होगी...और उसके होंठ पर भी कई बार डिंपल भाभी के दांत लग चुकी थी जिससे खून आने लगी थी पर रूपा को कुछ पता नहीं चल रही थी...

रूपा क्या चीज थी उसे आज मालूम पड़ रही थी जब भाभी उसे इस तरह मसल कुचल रही थी...जब किसी मर्द के हाथ लगेगी तो क्या होगी ये तो कोई नहीं जानता... खैर वो बाद की बात है...पहले तो इस दो भड़कती आग को जल्द से जल्द पानी की जरूरत थी....

कुछ ही पलों में रूपा आपा खोई और अपने दांत से भाभी के होंठ को पूरी ताकत से दबा दी... डिंपल भाभी को फट गई... वो तो समझी कि मेरी होंठ तो गई अब... बचने के लिए पूरी ताकत से पीछे हुई पर तब तक हल्की कट आ ही गई और खून बह निकली...

रूपा झड़ने लगी थी और थड़थड़ाती हुई कांप रही थी जिसे देख डिंपल भाभी रूपा को कस के दबाए थी और रूपा के कानों के पास सर घुसा उसे चूम रही थी... जब रूपा हल्की शांत हुई तो अब बारी थी डिंपल भाभी की...

वो भी अंतिम पड़ाव पर खुद को देख नीचे सरकी जिससे रूपा के जांघ पर उनकी दुलारी जोर से घिस गई और जब डिंपल भाभी के होंठ रूपा के चुची के पास पहुँची उसी वक्त डिंपल भाभी की टैंक ब्रस्ट कर गई...

डिंपल भाभी लप्प से रूपा की चुची को दांतों से काटती हुई रूपा को जकड़ किकियाने लगी...रूपा भाभी के दांत से चुची कटते ही चिहुंक के सर को ऊपर कर भाभी को हटाने की कोशिश की पर वो सिर्फ सर के ऊपर कर भाभी को हिला भी नहीं सकी....

ऐसे पल में जितनी ताकत होती है उससे तो पत्थर भी टुकड़े हो जाएंगे तो रूपा कैसे हटा सकती है...रूपा विवश हो बस दर्द को पीने की कोशिश करती हुई सर इधर उधर कर रही थी और डिंपल भाभी झटके ले लेकर झड़ रही थी...

कुछ देर बाद जब भाभी शांत हुई तो अपनी पूरी पकड़ ढ़ीली कर रूपा के शरीर पर लुढ़क गई... रूपा भी राहत की सांस लेती धम्म से पीछे सर कर लम्बी सांसें ले हाँफने लगी... कमरे में उठी लहर अब थम चुकी थी...

अचानक दोनों के कानों में रिंग बेल सुनाई पड़ी,"कोई परदेसी आया परदेस में...." दोनों बिजली की भांति उठ के बैठ गई और एक दूसरे की आँखों में देख मुस्कुरा पड़ी... फिर रूपा उठी और सीधे बाथरूम...डिंपल भाभी भी तब तक गेट खोलने बढ़ी जब तक रूपा फ्रेश हो बाहर नहीं आ जाती...









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