FUN-MAZA-MASTI
अनजाने रिश्ते--5
"आह अमन नही" उसने अपने आँखों पर हाथ रख लिया और बाएँ हाथ से तकिया खींच कर अपनी पीठ को सहारा दिया इधर मैं उसके दो पैरों के बीच बैठ कर उसकी छूट से उंगलियाँ अंदर बाहर किए जा रहा था
"आआहह नही"
मुझे उसकी चूत में डाली गयी अपनी उंगलियों पर गीलापन महसूस हो रहा था.
"छी तुम्हारे नाख़ून कितने बड़े हैं"
"नाख़ून गड़ाऊं?"
"आ नही"
"क्यो"
"दुख़्ता है उसने कहा"
मैं खड़ा हो गया और तेज़ी से उसकी चूत में उंगली अंदर बाहर करने लगा
"आ क्या कर रहे हो?"
"प्यार"
"ऐसे करते हैं प्यार?" उसने शर्मा कर पूछा
"बताऊं कैसे करते हैं?" मैने आँख मार कर कहा
"हाँ " उसने कहा
"लो देखो" कहते हुए मैने हथेली की बाकी उंगलियाँ उसकी चूत में घुसा दी
"आऐइइईईई" की चीक से कमरा गूँज उठा
मैं अपनी पाँचो उंगलियों से उसकी अन्द्रुनि चूत को सहलाकर टटोलने लगा
"हाफ़ हाफ़ हाफ़" वह जीभ निकल कर हाँफने लगी
"हाफ़..हाफ़...ये प्यार है या अत्याचार..हाफ़..हाफ़" उसने हानफते हुए पूछा
"तुम चाहे जो समझ लो" मैने हंसते हुए कहा
"आइइईई..नही अमन प्लीज़ रूको" वा चीखे जा रही थी
मैं खड़ा था और वा बिस्तर पर तकिये के उपर लेती थी , लेकिन उसका दर्द से चीखना जारी था.
मैं नीचे झुका और उसके मुँह से अपना मुँह भिड़ा दिया
"उन्हूँ" उसने मुँह फेर लिया
"क्यों? मेरे मुँह लगने में आपको क्या तकलीफ़ है मेडम?" मैने पूछा
"हाफ़.. हाफ़..तुम्हारी जीभ खट्टी है..हाफ़..हाफ़" वा हानफते हुए बोली
"चूसनी तो पड़ेगी" मैने कहा और उसके होठों पर कटा
"ईईए" वह चीलाई "तुम बड़े वो हो"
"वो माने?"
"वो"
"क्या?" मैने उंगली करना रोक कर पूछा
"समझो ना कुछ बातें बताना ज़रूरी होता है क्या?"
मैने अपना हाथ बाहर निकाला , पाँचो उंगलियाँ चिपचिपी हो गयी थी
"वितड्रॉ क्यों कर लिया?" उसने चादर से अपनी योनि सॉफ करते कहा
"ब्रेक" मैने कहा और अपने लंड पर उंगलियों से उसका जूस लगाने लगा
"आइसिंग कर रहे हो क्या" उसने तकिये को बाहों भर कर कहा
"नही लंड की ग्रीसिंग चल रही है" मैने जवाब दिया
"अच्छा?"
"हन"
"एक कम करो ना मेरी कोल्ड क्रीम लगाओ"
"लाओ"
उसने डिब्बी देने के लिए हाथ बढ़ाया , तो मैने उसकी हथेलियों में अपना लंड देते कहा
"तुम्ही लगाओ इसको"
"नही"
"क्यों?"
"मुझे घिन आती है" उसने कहा
"अरे तुम्हारा भविश्य तुम्हारे हाथों में दे रहा हूँ शिखा"
"ऐसा क्या?" उसने शरारती हँसी हंसते कहा
"और क्या?" मैने आँख मारते कहा
"तो तुम मुझे माँ बनाना चाहते हो" वह इठला कर बोली
"अब तुम्हे एक शॉट में दादी मा तो बना नही सकता शिखा" मैने उसे चूमते हुए कहा
"तो तुम मा ही बन लो"
"मेरी कोख तो राजन के लिए रिज़र्व्ड है" वह आँखें छोटी करती बोली "डॉन'त यू नो?"
"उसका रिज़र्वेशन तभी कॅन्सल हो गया , जब तुमने उसकी सीमेन अनॅलिसिस की रिपोर्ट मुझे दिखाई थी"
"ह्म्*म्म्म डॉक्टर भी यही बोले थे"
"तो शुभ काम में देर कैसी? अपनी टांगे फैलाओं और मेरे लॉड का वेलकम करो" मैने उसकी टांगे पकड़ कर बोला तो उसने अपनी टाँगों से ज़ोर का झटका दिया , मैं फ्लोर पर गिर पड़ा और वह हंसते हुए पेट के बल बेड पर लेट गयी
"हा हा हा कैसा मज़ा चखाया" वह बोली
"मज़ा चखना है तुमको?"
"तुम्हारा मज़ा तो चख के देख भी लिया मैने...कितना खट्टा है" वह मुँह चिढ़ा कर बोली
"अब की बार मज़ा दूसरा होगा"
"कैसा?" शिखा अपने बाल ठीक करते बोली
"तीखा" मैने तेज़ आवाज़ में कहा
"लौडे पे क्या मिर्च लगा कर चुस्वाओगे मुझे?" उसने मज़ाक उड़ाया
"ठहरो मैं किचन से लाल मिर्च का पाउडर ले आती हूँ" , उसने बिस्तर से उठते कहा.
"रूको ठहरो" मैने उसका हाथ पकड़ा और मरोड़ते हुए कहा "इतनी जल्दी क्या है शिखा जानेमन"
"हटो छोड़ो मुझे , मुझे देखना है तुम्हारा तीखा टेस्ट" उसने मेरे हाथ पर दाँत गाड़ते कहा
"आअहह" उसके तेज दाँत मेरी बाँह में गड़ रहे थे मैने देखा उसके दाँतों की छाप उभर गयी थी "पिछले जनम में तुम कुतिया थी क्या शिखा ?"
"मैं कुतिया तो तू कुत्ता" वा खिलखिला के हंस पड़ी "और तू ऐसा वैसा नही बड़ा हरामी कुत्ता है अमन"
"मैं और कुत्ता?" मैने हैरत से पूछा
"हां कुत्ता है तू मुझ जैसी सीधी साधी लड़की को तू अपने बिस्तर पर खींच लाया" उसने अपने मांसल कूल्हे मेरी जाँघ पर रगड़ते कहा
"हां शिखा तू तो जैसे बड़ी सती सावित्री है , पति के पीछे गैर मर्द से चुद्ति है" मैने उसके मम्मे हाथों में दबा कर बोला
"आअहह अमन" उसने अपने चूतड़ हिला कर धक्का दिया "हर औरत में एक रंडी छुपी होती है , तुमने मेरे भीतर की रंडी को जगा दिया"
मैने उसके मम्मे ज़ोर से मसले और उसकी गर्दन पर अपनी जीभ फिराई और कंधे के तिल पर काट खाया
"आअहह अया अमन नही , ऐसे मुझे कंधे पर मत काटो" उसने मना करते कहा "राजन तुम्हारे दाँतों की छाप मेरे बदन पर देखेंगे तो क्या कहेंगे?"
"कुछ नही कहेगा वो , उसके पास इतना टाइम कहा"
"वह मुझे रंडी समझ लेंगे"
"तू रंडी नही कुतिया है , मेरी पालतू शिखा कुतिया" कहते हुए अपना लंड उसकी गॉंड की दरार में घुसाया
मखमली गांद का रेशमी अहसास मुझे पागाल बना रहा था
"अया अमन" आराम से शिखा अपने चारों पैरों पर खड़ी होते बोली
"अब मुझे आराम कहाँ स्खिका डार्लिंग" मैने उसके पीछे घुटनों के बल खड़े होते कहा
"चलो अब अपना एस होल फैलाओ"
"पहले वॅसलीन तो लगा लो"
"ज़रूरत नही"
"मतलब?"
"तुम्हारी कुँवारी गंद को ल्यूब्रिकेशन की ज़रूरत नही"
"क्या सच?" उसने चहकते पूछा
"हाँ , गीली गांद में लंड ऐसे ही चला जाता है"
"तुम्हे कैसे मालूम?" उसने बेड पर तकिये रखते हुए कहा
"तुम्हारी गंद में एक बार उंगली की थी" मैने हंसते हुए कहा
"और तुम ये मुझे अब बता रहे हो?" उसने नाराज़ होते हुए पूछा
"तो तुम क्या चाहती हो? तुम्हारी गांद में उंगली करने का मैं रेकॉर्ड पब्लिश करूँ तुम्हारे पति को ?" मैने अपना लंड उसकी गांद में घुसते कहा
"अरे कॉंडम तो पहन लो" उसने अपने चेहरे पर आए बलों को सँवरते कहा "तुम्हे इन्फेक्षन हो जाएगा"
"नही होगा , तुम बाद में ब्लो जॉब दे देना"
"ची ची..गांद मरवाने के बाद में अपने मुँह में तुम्हारा बुल्ला नही लूँगी" उसने मना करते कहा
"डॉन'त पुट कंडीशन्स डार्लिंग" मैने अँग्रेज़ी में उंगली दिखाते कहा
"आइ विल , आस इस मिने सो इट्स सोल्ली माइ डिसिशन"
"ओक...देन ई वितड्रॉ" मैने खड़े होते कहा
"नो..नो प्लीज़ वेट" उसने कहा
"आटिट्यूड दे रही थी?"
"तो क्या? मुझे बिना बताए तुम मेरी गंद में उंगली करोगे?" उसने सवाल किया "बताओ कब मेरी गंद में उंगली की थी?"
"तुम उस दिन फेंट हो गयी थी और तुम्हारे पति ने घर पे मेडिसिन पंहुचने कहा था उस दिन" मैने कहा
"यक" उसने मुँह बनाते हुए कहा "उस दिन तो मेरा पीरियड था"
"तो?"
"तो क्या? सारा दिन सवाल जवाब ही करना है ? फ्लाइट नही पकड़नी क्या " मेरी गांद में लंड क्यतुम्हारा बाप आ कर डालेगा?" उसने हाथों से मेरी आरती उतारने का नाटक किया
"तुम मुडोगी तब तो मैं गांद मारूँगा ना" मैने उसको कमर से घूमते कहा "और ये अपने बाल खोल दो"
"वो क्यूँ?" उसने पूछा
"खुले हुए बालों की महक मेरी सेक्स अपेटाइट बढ़ाते हैं" मैने उसकी गर्दन का तिल चाटकर कहा
"अच्छा जी?"
"हां जी"
मैने दोबारा लंड उसकी एस में घुसाया , वो झुक कर कुतिया की तरह बैठ गयी और मैं उस पर सवार हो गया
"तुम्हारी एस कितनी टाइट है" मैने शिकायत करते बोला
"अमन तुम्हे मेने क्या कहा था?"
"क्या?" मैने अंजन बनते हुए पूछा
"वॅसलीन लगाने को कहा था" वह बोली
"नही" मैने मना करते हुए कहा
"तुम्हे नही पसंद तो नारियल तेल ही लगा लो , तुम्हारा करेले जैसा लंड अंदर जाएगा तो मुझे दुखेगा" उसने कहा
"ना , लंड चिकना हो जाता है"
"तुम्हे एनल सेक्स क्या मॅगी 2 मिनिट नूडल लगता है? जो बिना चिकनाई के मेरी गाअंड लेना चाहते हो?" उसने कहा.
"क्यों? तुम्हारा पति राजन आराम से मिश्रा जी से मरवा लेता है , तुम्हारे ही नखरे हैं" मैने उसे चिढ़ाते हुए कहा
"वो तो है ही गांडू" उसने मुँह बना कर गाली बकते कहा "उसकी बात यहाँ ना करो , जल्दी एक शॉट लगाओ तुम्हारी कॅब आती होगी"
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"आह अमन नही" उसने अपने आँखों पर हाथ रख लिया और बाएँ हाथ से तकिया खींच कर अपनी पीठ को सहारा दिया इधर मैं उसके दो पैरों के बीच बैठ कर उसकी छूट से उंगलियाँ अंदर बाहर किए जा रहा था
"आआहह नही"
मुझे उसकी चूत में डाली गयी अपनी उंगलियों पर गीलापन महसूस हो रहा था.
"छी तुम्हारे नाख़ून कितने बड़े हैं"
"नाख़ून गड़ाऊं?"
"आ नही"
"क्यो"
"दुख़्ता है उसने कहा"
मैं खड़ा हो गया और तेज़ी से उसकी चूत में उंगली अंदर बाहर करने लगा
"आ क्या कर रहे हो?"
"प्यार"
"ऐसे करते हैं प्यार?" उसने शर्मा कर पूछा
"बताऊं कैसे करते हैं?" मैने आँख मार कर कहा
"हाँ " उसने कहा
"लो देखो" कहते हुए मैने हथेली की बाकी उंगलियाँ उसकी चूत में घुसा दी
"आऐइइईईई" की चीक से कमरा गूँज उठा
मैं अपनी पाँचो उंगलियों से उसकी अन्द्रुनि चूत को सहलाकर टटोलने लगा
"हाफ़ हाफ़ हाफ़" वह जीभ निकल कर हाँफने लगी
"हाफ़..हाफ़...ये प्यार है या अत्याचार..हाफ़..हाफ़" उसने हानफते हुए पूछा
"तुम चाहे जो समझ लो" मैने हंसते हुए कहा
"आइइईई..नही अमन प्लीज़ रूको" वा चीखे जा रही थी
मैं खड़ा था और वा बिस्तर पर तकिये के उपर लेती थी , लेकिन उसका दर्द से चीखना जारी था.
मैं नीचे झुका और उसके मुँह से अपना मुँह भिड़ा दिया
"उन्हूँ" उसने मुँह फेर लिया
"क्यों? मेरे मुँह लगने में आपको क्या तकलीफ़ है मेडम?" मैने पूछा
"हाफ़.. हाफ़..तुम्हारी जीभ खट्टी है..हाफ़..हाफ़" वा हानफते हुए बोली
"चूसनी तो पड़ेगी" मैने कहा और उसके होठों पर कटा
"ईईए" वह चीलाई "तुम बड़े वो हो"
"वो माने?"
"वो"
"क्या?" मैने उंगली करना रोक कर पूछा
"समझो ना कुछ बातें बताना ज़रूरी होता है क्या?"
मैने अपना हाथ बाहर निकाला , पाँचो उंगलियाँ चिपचिपी हो गयी थी
"वितड्रॉ क्यों कर लिया?" उसने चादर से अपनी योनि सॉफ करते कहा
"ब्रेक" मैने कहा और अपने लंड पर उंगलियों से उसका जूस लगाने लगा
"आइसिंग कर रहे हो क्या" उसने तकिये को बाहों भर कर कहा
"नही लंड की ग्रीसिंग चल रही है" मैने जवाब दिया
"अच्छा?"
"हन"
"एक कम करो ना मेरी कोल्ड क्रीम लगाओ"
"लाओ"
उसने डिब्बी देने के लिए हाथ बढ़ाया , तो मैने उसकी हथेलियों में अपना लंड देते कहा
"तुम्ही लगाओ इसको"
"नही"
"क्यों?"
"मुझे घिन आती है" उसने कहा
"अरे तुम्हारा भविश्य तुम्हारे हाथों में दे रहा हूँ शिखा"
"ऐसा क्या?" उसने शरारती हँसी हंसते कहा
"और क्या?" मैने आँख मारते कहा
"तो तुम मुझे माँ बनाना चाहते हो" वह इठला कर बोली
"अब तुम्हे एक शॉट में दादी मा तो बना नही सकता शिखा" मैने उसे चूमते हुए कहा
"तो तुम मा ही बन लो"
"मेरी कोख तो राजन के लिए रिज़र्व्ड है" वह आँखें छोटी करती बोली "डॉन'त यू नो?"
"उसका रिज़र्वेशन तभी कॅन्सल हो गया , जब तुमने उसकी सीमेन अनॅलिसिस की रिपोर्ट मुझे दिखाई थी"
"ह्म्*म्म्म डॉक्टर भी यही बोले थे"
"तो शुभ काम में देर कैसी? अपनी टांगे फैलाओं और मेरे लॉड का वेलकम करो" मैने उसकी टांगे पकड़ कर बोला तो उसने अपनी टाँगों से ज़ोर का झटका दिया , मैं फ्लोर पर गिर पड़ा और वह हंसते हुए पेट के बल बेड पर लेट गयी
"हा हा हा कैसा मज़ा चखाया" वह बोली
"मज़ा चखना है तुमको?"
"तुम्हारा मज़ा तो चख के देख भी लिया मैने...कितना खट्टा है" वह मुँह चिढ़ा कर बोली
"अब की बार मज़ा दूसरा होगा"
"कैसा?" शिखा अपने बाल ठीक करते बोली
"तीखा" मैने तेज़ आवाज़ में कहा
"लौडे पे क्या मिर्च लगा कर चुस्वाओगे मुझे?" उसने मज़ाक उड़ाया
"ठहरो मैं किचन से लाल मिर्च का पाउडर ले आती हूँ" , उसने बिस्तर से उठते कहा.
"रूको ठहरो" मैने उसका हाथ पकड़ा और मरोड़ते हुए कहा "इतनी जल्दी क्या है शिखा जानेमन"
"हटो छोड़ो मुझे , मुझे देखना है तुम्हारा तीखा टेस्ट" उसने मेरे हाथ पर दाँत गाड़ते कहा
"आअहह" उसके तेज दाँत मेरी बाँह में गड़ रहे थे मैने देखा उसके दाँतों की छाप उभर गयी थी "पिछले जनम में तुम कुतिया थी क्या शिखा ?"
"मैं कुतिया तो तू कुत्ता" वा खिलखिला के हंस पड़ी "और तू ऐसा वैसा नही बड़ा हरामी कुत्ता है अमन"
"मैं और कुत्ता?" मैने हैरत से पूछा
"हां कुत्ता है तू मुझ जैसी सीधी साधी लड़की को तू अपने बिस्तर पर खींच लाया" उसने अपने मांसल कूल्हे मेरी जाँघ पर रगड़ते कहा
"हां शिखा तू तो जैसे बड़ी सती सावित्री है , पति के पीछे गैर मर्द से चुद्ति है" मैने उसके मम्मे हाथों में दबा कर बोला
"आअहह अमन" उसने अपने चूतड़ हिला कर धक्का दिया "हर औरत में एक रंडी छुपी होती है , तुमने मेरे भीतर की रंडी को जगा दिया"
मैने उसके मम्मे ज़ोर से मसले और उसकी गर्दन पर अपनी जीभ फिराई और कंधे के तिल पर काट खाया
"आअहह अया अमन नही , ऐसे मुझे कंधे पर मत काटो" उसने मना करते कहा "राजन तुम्हारे दाँतों की छाप मेरे बदन पर देखेंगे तो क्या कहेंगे?"
"कुछ नही कहेगा वो , उसके पास इतना टाइम कहा"
"वह मुझे रंडी समझ लेंगे"
"तू रंडी नही कुतिया है , मेरी पालतू शिखा कुतिया" कहते हुए अपना लंड उसकी गॉंड की दरार में घुसाया
मखमली गांद का रेशमी अहसास मुझे पागाल बना रहा था
"अया अमन" आराम से शिखा अपने चारों पैरों पर खड़ी होते बोली
"अब मुझे आराम कहाँ स्खिका डार्लिंग" मैने उसके पीछे घुटनों के बल खड़े होते कहा
"चलो अब अपना एस होल फैलाओ"
"पहले वॅसलीन तो लगा लो"
"ज़रूरत नही"
"मतलब?"
"तुम्हारी कुँवारी गंद को ल्यूब्रिकेशन की ज़रूरत नही"
"क्या सच?" उसने चहकते पूछा
"हाँ , गीली गांद में लंड ऐसे ही चला जाता है"
"तुम्हे कैसे मालूम?" उसने बेड पर तकिये रखते हुए कहा
"तुम्हारी गंद में एक बार उंगली की थी" मैने हंसते हुए कहा
"और तुम ये मुझे अब बता रहे हो?" उसने नाराज़ होते हुए पूछा
"तो तुम क्या चाहती हो? तुम्हारी गांद में उंगली करने का मैं रेकॉर्ड पब्लिश करूँ तुम्हारे पति को ?" मैने अपना लंड उसकी गांद में घुसते कहा
"अरे कॉंडम तो पहन लो" उसने अपने चेहरे पर आए बलों को सँवरते कहा "तुम्हे इन्फेक्षन हो जाएगा"
"नही होगा , तुम बाद में ब्लो जॉब दे देना"
"ची ची..गांद मरवाने के बाद में अपने मुँह में तुम्हारा बुल्ला नही लूँगी" उसने मना करते कहा
"डॉन'त पुट कंडीशन्स डार्लिंग" मैने अँग्रेज़ी में उंगली दिखाते कहा
"आइ विल , आस इस मिने सो इट्स सोल्ली माइ डिसिशन"
"ओक...देन ई वितड्रॉ" मैने खड़े होते कहा
"नो..नो प्लीज़ वेट" उसने कहा
"आटिट्यूड दे रही थी?"
"तो क्या? मुझे बिना बताए तुम मेरी गंद में उंगली करोगे?" उसने सवाल किया "बताओ कब मेरी गंद में उंगली की थी?"
"तुम उस दिन फेंट हो गयी थी और तुम्हारे पति ने घर पे मेडिसिन पंहुचने कहा था उस दिन" मैने कहा
"यक" उसने मुँह बनाते हुए कहा "उस दिन तो मेरा पीरियड था"
"तो?"
"तो क्या? सारा दिन सवाल जवाब ही करना है ? फ्लाइट नही पकड़नी क्या " मेरी गांद में लंड क्यतुम्हारा बाप आ कर डालेगा?" उसने हाथों से मेरी आरती उतारने का नाटक किया
"तुम मुडोगी तब तो मैं गांद मारूँगा ना" मैने उसको कमर से घूमते कहा "और ये अपने बाल खोल दो"
"वो क्यूँ?" उसने पूछा
"खुले हुए बालों की महक मेरी सेक्स अपेटाइट बढ़ाते हैं" मैने उसकी गर्दन का तिल चाटकर कहा
"अच्छा जी?"
"हां जी"
मैने दोबारा लंड उसकी एस में घुसाया , वो झुक कर कुतिया की तरह बैठ गयी और मैं उस पर सवार हो गया
"तुम्हारी एस कितनी टाइट है" मैने शिकायत करते बोला
"अमन तुम्हे मेने क्या कहा था?"
"क्या?" मैने अंजन बनते हुए पूछा
"वॅसलीन लगाने को कहा था" वह बोली
"नही" मैने मना करते हुए कहा
"तुम्हे नही पसंद तो नारियल तेल ही लगा लो , तुम्हारा करेले जैसा लंड अंदर जाएगा तो मुझे दुखेगा" उसने कहा
"ना , लंड चिकना हो जाता है"
"तुम्हे एनल सेक्स क्या मॅगी 2 मिनिट नूडल लगता है? जो बिना चिकनाई के मेरी गाअंड लेना चाहते हो?" उसने कहा.
"क्यों? तुम्हारा पति राजन आराम से मिश्रा जी से मरवा लेता है , तुम्हारे ही नखरे हैं" मैने उसे चिढ़ाते हुए कहा
"वो तो है ही गांडू" उसने मुँह बना कर गाली बकते कहा "उसकी बात यहाँ ना करो , जल्दी एक शॉट लगाओ तुम्हारी कॅब आती होगी"
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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