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मम्मी की पहली नौकरी
हैल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम विक्की है। मेरी उम्र 22 साल है और मेरा साईट के चाहने वालो को नमस्कार। दोस्तों में भी आप ही की तरह इस साईट का बहुत बड़ा दीवाना हूँ और मुझे इस साईट पर कहानियाँ पढ़ते हुए तीन साल हो चुके है। दोस्तों आज में आपको एक ऐसी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो बहुत पहले की है। पहले में आप सभी लोगो को अपने बारे में बता दूँ.. मेरे घर में 4 लोग है में, पापा, मम्मी और मेरी दीदी। मेरी मम्मी का नाम वर्षा है और वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और मम्मी बहुत गोरी है और उनका फिगर बहुत अच्छा है। हम लोग सामान्य परिवार से है तो रहने में मेरी मम्मी बहुत ही सिंपल है वो घर मेक्सी और बाहर साड़ी या सलवार सूट ही पहनती है। मेरी मम्मी के ब्लाउज से उनकी बूब्स बाहर दिखते रहते है
हाँ तो में अब मेरी कहानी पर आता हूँ। मेरे पापा हमेशा टूर पर घर से कई कई दिनों के लिए बाहर रहा करते थे। तभी एक दिन मेरे पापा एक प्रॉजेक्ट के काम से बाहर गये हुए थे और घर पर में मेरी दीदी और मेरी मम्मी थे। तभी एक दिन नानी का कॉल आया और उन्होंने मम्मी से कहा कि बहुत दिन हो गये है.. तुम मुझसे मिलने आओ तो मम्मी ने कहा कि ठीक है और मम्मी ने पापा से फोन पर बात की और दूसरे दिन मम्मी ने ट्रेन का टिकट कराया और हम चल दिए। हमारा ऐसी कोच में रिज़र्वेशन था और भीड़ भी बहुत कम थी।
फिर हम अपने डिब्बे में पहुंचे तो वहाँ पर एक आदमी पहले से बैठा हुआ था और उसकी उम्र करीबन 45 साल की होगी और वो दिखने में बहुत ही लंबा चौड़ा था। उसकी पर्सनॅलिटी बहुत ही अच्छी थी। तभी डिब्बे में पहुंचकर मम्मी ने सारा समान सेट किया और हम बैठ गये। फिर वो आदमी हमे देख रहा था तभी थोड़ी देर बाद ट्रेन चलने लगी और हम लोग नॉर्मल बैठकर बातें करने लगे। में और मेरी दीदी खेल रहे थे और वो हमारी तरफ देख रहा था और कभी कभी मम्मी की तरफ देखकर मुस्कुरा देता था। मम्मी भी नॉर्मल व्यहवार रही थी। थोड़ी देर बाद में और मेरी दीदी ने मम्मी से कहा कि हमे ऊपर बर्थ पर जाना है और हम लोग चले गये। मेरी मम्मी ठीक उसके सामने बैठी हुई थी और वो चुपके से मेरी मम्मी को देख रहा था। फिर बीच बीच में उठकर वो समान ठीक करने के बहाने से मम्मी के बूब्स की तरफ देखता।
मम्मी ने जो कुर्ता पहना हुआ था उसमे से उनकी चूचियां दिख रही थी और वो बार बार उन्हें उठकर देखता और थोड़ी देर तक ऐसा ही चलता रहा। अब उसने मेरी मम्मी से बातें करना शुरू किया.. उसने अपना नाम बताया कहा कि हैल्लो मेरा नाम सुरेश है मम्मी ने भी अपना नाम बताया उन्होंने मम्मी से कहा कि आप लोग कहाँ पर जा रहे है? तभी मम्मी ने उसे बताया कि हम इंन्दोर जा रहे है। फिर उन्होंने मेरी मम्मी से कहा कि आपके बच्चे बहुत प्यारे है और फिर मम्मी हमारी तरफ देखने लगी और मुस्कुराकर उनसे कहा कि हाँ बहुत प्यारे है लेकिन दोनों बहुत बदमाश है। फिर उन्होंने मम्मी से पूछा कि आपके पति क्या करते है? तो मम्मी ने बताया कि वो एक प्राईवेट कंपनी में है और उसके ही एक प्रॉजेक्ट के काम से बाहर गये हुए है। थोड़ी देर तक ऐसे ही दोनों बात करते रहे फिर उन्होंने मम्मी से पूछा कि आप जॉब नहीं करती क्या? तभी मम्मी ने कहा कि नहीं में अपने पति के ही ऑफीस नौकरी करती थी लेकिन बच्चो के होने के बाद मैंने नौकरी को छोड़ दिया। तभी उन्होंने कहा कि लेकिन अब क्यों नहीं नौकरी कर लेती? तो मम्मी ने कहा कि अब कहाँ नौकरी करूँगी? फिर अंकल चुप हो गये थोड़ी देर बाद अंकल ने बताया कि वो एक बहुत बड़ी कंपनी के मेनेजर पोस्ट पर है और उनके पास एक बहुत अच्छी नौकरी है और उन्होंने मम्मी से यह भी कहा कि आपके जैसी कितनी ही शादीशुदा लेडी वहाँ पर काम करती है अगर आपको कोई दिक्कत ना हो तो आप मेरी कंपनी में नौकरी कर सकती है।
तभी मम्मी चुप हो गयी और थोड़ी देर बाद अंकल ने कहा कि देखिए आपके बच्चे जब स्कूल जाते होंगे तब तो आप घर पर अकेले रहती होंगी.. इससे अच्छा है कि आप कोई एक नौकरी पकड़ लीजिए आपका टाईम भी कट जाएगा और घर में पैसे भी आ जाएँगे। यह कह कर उन्होंने अपना बिजनेस कार्ड मम्मी को दे दिया.. लेकिन मम्मी उनसे नहीं कहने लगी। तभी उन्होंने कहा कि देखिए में आप पर ज़ोर नहीं दे रहा हूँ अगर आपको नौकरी करने का मन करे तो आप मुझे कॉल कर दीजिएगा। फिर मम्मी ने कहा कि ठीक है और मम्मी ने कार्ड अपने पर्स में रख लिया और दोनों बातें करने लगे। फिर रात का खाना खाकर हम लोग सो गये सुबह स्टेशन आया और हम लोग नानी के घर चले गये और 15 दिन तक हम लोग वहीं पर रहे और फिर वापस अपने घर आ गए।
फिर एक दिन रात में पापा का कॉल आया और मैंने मम्मी को बात करते सुना जो वो ट्रेन वाले अंकल से बात हुई वो पूरी बात पापा को बता रही थी और फिर पापा ने कहा कि ठीक है नौकरी कर लो। फिर अगले दिन मम्मी ने कार्ड से नंबर निकाला और कॉल किया और उनसे कहा कि में नौकरी करने को तैयार हूँ। फिर मम्मी ऑफीस जाने लगी मम्मी ऑफीस स्कर्ट और शर्ट पहन कर जाती थी मम्मी की जांघे साफ दिखती थी। तभी एक दिन मम्मी ऑफीस से आई और उन्होंने कहा कि बच्चो जल्दी से तैयार हो जाओ हमे जाना है। फिर मैंने उनसे पूछा कि कहाँ पर जाना है मम्मी? तो मम्मी ने बताया कि उनके बॉस के घर में एक बहुत बड़ी पार्टी है और ऑफीस के सारे लोग जा रहे है फिर हम लोग तैयार हुए और पार्टी में चले गये.. लेकिन उनका घर बहुत दूरी पर था। सही में वो उनका फार्म हाऊस था और वहाँ पर उनकी बर्थडे पार्टी थी और ऑफीस के सारे लोग आए हुए थे।
फिर मम्मी का बॉस आया और मम्मी ने उन्हें बर्थडे विश किया और मैंने देखा कि मम्मी का बॉस और कोई नहीं वही सुरेश अंकल थे जो ट्रेन में मिले थे। मम्मी ने उन्हें गिफ्ट दिया और थोड़ी देर में पार्टी शुरू हो गयी। फिर मम्मी के बॉस ने मम्मी को डॅन्स के लिए ऑफर कर दिया और मम्मी चली गयी वहाँ पर बहुत सारे लोग डांस कर रहे थे मम्मी अंकल से चिपक कर डांस रही थी। में बार बार उनकी तरफ देख रहा था कि अंकल का हाथ मेरी मम्मी की गांड पर चला जाता था। तभी मेरी दीदी ने कहा कि में कुछ खाने के लिए लेकर आती हूँ और मैंने कहा कि ठीक है और मैंने वहीं पर एक कुर्सी पर बैठ गया। करीब 3 घंटे पार्टी चली और 12 बज गये थे.. सब जाने लगे। मम्मी ने कहा कि अब हमे भी चलना चाहिए और वो ऑटो लेने के लिए बाहर जाने लगी इतने में मम्मी के बॉस आए और उन्होंने कहा कि इतनी रात को बच्चो के साथ कहाँ पर जाओगी.. तुम आज यहीं पर रुक जाओ.. कल सुबह में छोड़ दूँगा। फिर मम्मी नहीं नहीं करने लगी लेकिन बॉस नहीं माने और मजबूरी हमे वहीं पर रुकना पड़ा.. रात बहुत हो गयी थी।
फिर अंकल ने हमे रूम दिखाया और कहा कि बच्चो तुम लोग यहीं पर सो जाओ। तभी मैंने पूछा कि और मम्मी कहाँ पर सोएगी? तो अंकल हंसने लगे और उन्होंने कहा कि तुम मम्मी की टेंशन मत लो वो दूसरे कमरे में सो जाएगी और यह कहकर अंकल और मम्मी बाहर चले गये। करीब एक घंटा बीत गया मुझे नींद नहीं आ रही थी तो में बाहर बाल्कनी में आ गया वहाँ पर मुझे गार्डन में अंकल और मम्मी बातें करते दिखे। अंकल मम्मी को कुछ समझाने की कोशिश कर रहे थे और कुछ देर बाद अंकल ने मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और एक लिप किस ले लिया। मम्मी अंकल की तरफ देखने लगी.. अंकल कुछ देर तक मम्मी को ऐसे ही देखते रहे उन्होंने फिर धीरे से मम्मी के होठों पर किस किया और अब धीरे धीरे मम्मी के लिप पर किस करने लगे।
तभी मम्मी ने अपने हाथ अंकल के पीछे करके उनका साथ देने लगी.. अंकल ने अपने हाथ मम्मी के चूतड़ो पर रख दिये और धीरे धीरे मसलने लगे और कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा.. मुझे बहुत अजीब लग रहा था मैंने सोचा कि दीदी को उठा दूँ लेकिन मैंने दीदी को नहीं उठाया और चुपके से देखने लगा कुछ देर बाद अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ा और घर में आने लगे.. में रूम में चला आया क्योंकि वो लोग मुझे देख लेते। में कुछ देर रूम में ही बैठा रहा। अब मैंने गेट खोला और चुपके से बाहर आया.. मैंने देखा कि एक रूम की लाइट जल रही थी में वहाँ पर खड़ा हो गया और होल से देखने लगा मम्मी अंकल की गोद में बैठ हुई थी और अंकल मम्मी के होंठ पर और गले पर किस कर रहे थे। मम्मी आआहह कर रही थी मम्मी ने अंकल से कहा कि सुरेश प्लीज़ आज रात छोड़ दो मेरे बच्चे यहीं पर है। तभी अंकल ने कहा कि वर्षा आज रात मेरा बिस्तर गरम कर दे। तभी मम्मी ने कहा कि प्लीज़ सुरेश बच्चे देख लेंगे। अंकल ने कहा कि डार्लिंग तुम टेंशन मत लो तुम्हारे बच्चो को कुछ नहीं पता चलेगा.. में 6 महीने से तुम्हे चोद रहा हूँ किसी को कभी कुछ पता चला क्या? अब अंकल ने मम्मी की चैन को खोलकर साईड टेबल पर रख दिया और फिर से मम्मी को किस करने लगे। वो अपने एक हाथ से मम्मी के बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से मसल रहे थे और मम्मी को किस कर रहे थे। उन्होंने मम्मी की जीभ को अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगे और अब अंकल ने मम्मी के ब्लाउज का बटन खोल दिया और ब्रा के ऊपर से मम्मी की छाती को चूमने लगे और निप्पल को ब्रा के ऊपर से चूसते और फिर मम्मी की ब्रा अंकल के थूक से पूरी गीली हो गई थी और अंकल ने अपना एक हाथ पीछे करके मम्मी की ब्रा का हुक खोल दिया और खींचकर निकाल दिया। तभी अंकल मम्मी के बूब्स को देखकर पागल हो गये। मम्मी के बूब्स बहुत बड़े थे और गोल गोल थे.. उनकी भूरे कलर की निप्पल देखकर अंकल अपने होश खो बैठे और बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसने लगे और दबाने लगे मम्मी आअहह सस्स्शह कर रही थी मम्मी पूरी पीछे की तरफ हो गयी थी जिससे उनके बूब्स और तन गए थे अंकल पागलो की तरह मम्मी के बूब्स को चूस रहे थे और कभी वो मम्मी के निप्पल को मुहं में लेकर चूसते तो कभी मम्मी के बूब्स के पास किस करते।
तभी उन्होंने मम्मी से कहा कि वर्षा आज में तुझे रात भर चोदूंगा.. ऑफीस के दिनों में टाईम नहीं मिल पाता है.. आज तू रात भर मेरे पास रहेगी। अब अंकल ने मम्मी को लेटा दिया और मम्मी के पैर के पास बैठ गये और मम्मी के तलवे पर किस करने लगे उन्होंने मम्मी की पायल उतार दी और टेबल पर रख दी और धीरे धीरे मम्मी के पैर पर किस करते हुए मम्मी की साड़ी को उठाते गये और उठाकर उसे कमर तक कर दिया। फिर उन्होंने पहले मम्मी की पेंटी के पास सूंघा और कहा कि बहुत नमकीन खुश्बू है तेरी चूत की और मम्मी बार बार अपने हाथों से अपनी चूत छुपाने की कोशिश कर रही थी और अंकल मम्मी की जांघो को किस कर रहे थे और मम्मी आआहह उफ्फ्फ कर रही थी। अब अंकल ने मेरी मम्मी की पेंटी को निकाल कर अपने हाथों मे ले लिया और सूंघने लगे। अंकल को बहुत मज़ा आ रहा था और मम्मी अपने हाथ अपनी चूत पर रख कर छुपा रही थी तभी थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा।
अब अंकल ने मम्मी का हाथ हटा दिया और मम्मी की चूत को देखने लगे। मम्मी की चूत पर थोड़े थोड़े झांट के बाल थे और उसमे से उनकी लाल फुद्दी दिख रही थी। अंकल ने अपनी दो उंगली से मम्मी की चूत को फैला दिया और मम्मी की लाल भोस को देख कर पागल हो गये.. उन्होंने अपनी एक उंगली को अंदर डाल दिया और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे.. मम्मी एयाह्ह्ह माँआआ करने लगी और अपने चूतड़ को उठाने लगी। तभी उन्होंने कहा कि सुरेश धीरे करो दर्द हो रहा है। अंकल ने मम्मी के दोनों पैरों को फैला दिया और मम्मी की चूत को चाटने लगे और मम्मी अपने सर को इधर उधर फेंकने लगी और अपने हाथों से अपने बॉस का सर पकड़ कर बाल खींचने लगी। अंकल ने दोनों हाथों से मम्मी की जांघ को पकड़ रखा था और मम्मी की चूत को चाट रहे थे। लगभग 10 मिनट तक अंकल ने ऐसा ही किया और मेरी मम्मी की चूत को चाटा। अंकल ने जब अपना मुहं बाहर निकाला तो मैंने देखा कि मम्मी की चूत से पानी निकल रहा था। अब अंकल ने अपने कपड़े उतार लिए और मम्मी वहीं पर बेड पर लेटी हुई थी.. वो ज़ोर ज़ोर से साँस ले रही थी। उनकी छाती ऊपर नीचे हो रही थी और अंकल कुछ देर तक मम्मी को घूर कर देखते हुए अपने लंड को सहला रहे थे। कुछ देर में उनका लंड खड़ा हो गया और उन्होंने अपना लंड मेरी मम्मी के मुहं के पास लाकर रख दिया और मम्मी ने अपने हाथ से उनका लंड पकड़कर अपने मुहं में लेकर चूसने लगी। अंकल अह्ह्ह ओह्ह्ह वर्षा चूस और अच्छे से चूस और सिसकियाँ ले रहे थे। कुछ देर बाद मम्मी ने अपने मुहं से उनका लंड बाहर निकाला और अंकल के पूरे लंड पर मम्मी का थूक लगा हुआ था। अब अंकल ने मम्मी की साड़ी निकाल दी और पेटीकोट निकालकर मेरी मम्मी को पूरा नंगा कर दिया। मम्मी बेड पर अपनी टांगो को फैला कर लेटी हुई थी और अंकल अपने लंड को सहलाते हुए मम्मी पर लेट गये.. वो थोड़ी देर तक मम्मी के बूब्स को चूसते रहे और फिर एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मम्मी की चूत पर रगड़ने लगे मम्मी अपने होंठ को अपने दांतों से दबाए हुए थी और सिसकियाँ ले रही थी और फिर अंकल ने अपने लंड को पकड़ते हुए एक जोर का धक्का दिया। मम्मी थोड़ी पीछे की तरफ हो गयी लेकिन अंकल ने एक और झटका दिया जिससे मम्मी थोड़ा और पीछे हो गयी और मम्मी के मुहं से चीख निकल पड़ी।
तभी मैंने देखा कि अंकल रुक गये और उन्होंने मम्मी के गालो को पकड़ लिया और धीरे धीरे किस करने लगे। जब मैंने नीचे की तरफ देखा तो अंकल का पूरा लंड मेरी मम्मी की चूत में समा गया था और अंकल ने मम्मी से पूछा कि क्या दर्द हो रहा है? तभी मम्मी से बोला नहीं जा रहा था.. उन्होंने इतने में बोला कि हाँ। अंकल ने एक और किस किया और कहा कि कुछ देर और होगा लेकिन फिर दर्द कम हो जाएगा.. अंकल ने एक और झटका दिया और धीरे धीरे लंड मम्मी की चूत में डालने लगे। मम्मी के बूब्स आगे पीछे हिल रहे थे मम्मी आआआ ओफफफ्फ़ औहह माँ मरी में सस्स्सीए नहीं बस करो कर रही थी और अंकल अपना एक हाथ नीचे की तरफ ले जाते हुए मम्मी की चूत के ऊपर वाले हिस्से को रगड़ रहे थे और मम्मी को धीरे धीरे चोद रहे थे और मम्मी बुरी तरह से सिसकियाँ ले रही थी पूरे रूम में मम्मी की सिसकियाँ और बेड के हिलने की आवाज़ आ रही थी।
अब अंकल ने मम्मी के निप्पल को अपने मुहं में ले लिया और तेज़ी से मम्मी को चोदने लगे। मम्मी धीरे धीरे अपने चूतड़ उठाकर उनका साथ दे रही थी। तभी थोड़ी देर बाद अंकल उठकर बैठ गये और उन्होंने मम्मी की जांघो को पकड़कर मम्मी की चूत में अपना लंड डाल दिया। तभी मम्मी ने अपने हाथ पीछे की तरफ करके बेड को पकड़ लिया। मम्मी के बूब्स और तन गये थे और अंकल के हर धक्के पर उनके बूब्स आगे पीछे हो रहे थे.. कुछ देर तक मम्मी के बॉस ने उनको ऐसे ही चोदा और फिर उन्होंने एक ज़ोर का झटका दिया और आआह्ह्ह करने लगे। जब उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा कि मम्मी की चूत से उनका पानी बह रहा था और दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे। कुछ देर बाद मम्मी ने अपनी चूत से वीर्य को साफ किया और अंकल मम्मी के साथ नंगे एक ही कम्बल में सो गये। फिर सुबह जब मेरी नींद खुली तो मम्मी ने अपनी साड़ी पहन रखी थी और फिर अंकल ने हमे अपनी कार से घर छोड़ दिया ।।
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मम्मी की पहली नौकरी
हैल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम विक्की है। मेरी उम्र 22 साल है और मेरा साईट के चाहने वालो को नमस्कार। दोस्तों में भी आप ही की तरह इस साईट का बहुत बड़ा दीवाना हूँ और मुझे इस साईट पर कहानियाँ पढ़ते हुए तीन साल हो चुके है। दोस्तों आज में आपको एक ऐसी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो बहुत पहले की है। पहले में आप सभी लोगो को अपने बारे में बता दूँ.. मेरे घर में 4 लोग है में, पापा, मम्मी और मेरी दीदी। मेरी मम्मी का नाम वर्षा है और वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और मम्मी बहुत गोरी है और उनका फिगर बहुत अच्छा है। हम लोग सामान्य परिवार से है तो रहने में मेरी मम्मी बहुत ही सिंपल है वो घर मेक्सी और बाहर साड़ी या सलवार सूट ही पहनती है। मेरी मम्मी के ब्लाउज से उनकी बूब्स बाहर दिखते रहते है
हाँ तो में अब मेरी कहानी पर आता हूँ। मेरे पापा हमेशा टूर पर घर से कई कई दिनों के लिए बाहर रहा करते थे। तभी एक दिन मेरे पापा एक प्रॉजेक्ट के काम से बाहर गये हुए थे और घर पर में मेरी दीदी और मेरी मम्मी थे। तभी एक दिन नानी का कॉल आया और उन्होंने मम्मी से कहा कि बहुत दिन हो गये है.. तुम मुझसे मिलने आओ तो मम्मी ने कहा कि ठीक है और मम्मी ने पापा से फोन पर बात की और दूसरे दिन मम्मी ने ट्रेन का टिकट कराया और हम चल दिए। हमारा ऐसी कोच में रिज़र्वेशन था और भीड़ भी बहुत कम थी।
फिर हम अपने डिब्बे में पहुंचे तो वहाँ पर एक आदमी पहले से बैठा हुआ था और उसकी उम्र करीबन 45 साल की होगी और वो दिखने में बहुत ही लंबा चौड़ा था। उसकी पर्सनॅलिटी बहुत ही अच्छी थी। तभी डिब्बे में पहुंचकर मम्मी ने सारा समान सेट किया और हम बैठ गये। फिर वो आदमी हमे देख रहा था तभी थोड़ी देर बाद ट्रेन चलने लगी और हम लोग नॉर्मल बैठकर बातें करने लगे। में और मेरी दीदी खेल रहे थे और वो हमारी तरफ देख रहा था और कभी कभी मम्मी की तरफ देखकर मुस्कुरा देता था। मम्मी भी नॉर्मल व्यहवार रही थी। थोड़ी देर बाद में और मेरी दीदी ने मम्मी से कहा कि हमे ऊपर बर्थ पर जाना है और हम लोग चले गये। मेरी मम्मी ठीक उसके सामने बैठी हुई थी और वो चुपके से मेरी मम्मी को देख रहा था। फिर बीच बीच में उठकर वो समान ठीक करने के बहाने से मम्मी के बूब्स की तरफ देखता।
मम्मी ने जो कुर्ता पहना हुआ था उसमे से उनकी चूचियां दिख रही थी और वो बार बार उन्हें उठकर देखता और थोड़ी देर तक ऐसा ही चलता रहा। अब उसने मेरी मम्मी से बातें करना शुरू किया.. उसने अपना नाम बताया कहा कि हैल्लो मेरा नाम सुरेश है मम्मी ने भी अपना नाम बताया उन्होंने मम्मी से कहा कि आप लोग कहाँ पर जा रहे है? तभी मम्मी ने उसे बताया कि हम इंन्दोर जा रहे है। फिर उन्होंने मेरी मम्मी से कहा कि आपके बच्चे बहुत प्यारे है और फिर मम्मी हमारी तरफ देखने लगी और मुस्कुराकर उनसे कहा कि हाँ बहुत प्यारे है लेकिन दोनों बहुत बदमाश है। फिर उन्होंने मम्मी से पूछा कि आपके पति क्या करते है? तो मम्मी ने बताया कि वो एक प्राईवेट कंपनी में है और उसके ही एक प्रॉजेक्ट के काम से बाहर गये हुए है। थोड़ी देर तक ऐसे ही दोनों बात करते रहे फिर उन्होंने मम्मी से पूछा कि आप जॉब नहीं करती क्या? तभी मम्मी ने कहा कि नहीं में अपने पति के ही ऑफीस नौकरी करती थी लेकिन बच्चो के होने के बाद मैंने नौकरी को छोड़ दिया। तभी उन्होंने कहा कि लेकिन अब क्यों नहीं नौकरी कर लेती? तो मम्मी ने कहा कि अब कहाँ नौकरी करूँगी? फिर अंकल चुप हो गये थोड़ी देर बाद अंकल ने बताया कि वो एक बहुत बड़ी कंपनी के मेनेजर पोस्ट पर है और उनके पास एक बहुत अच्छी नौकरी है और उन्होंने मम्मी से यह भी कहा कि आपके जैसी कितनी ही शादीशुदा लेडी वहाँ पर काम करती है अगर आपको कोई दिक्कत ना हो तो आप मेरी कंपनी में नौकरी कर सकती है।
तभी मम्मी चुप हो गयी और थोड़ी देर बाद अंकल ने कहा कि देखिए आपके बच्चे जब स्कूल जाते होंगे तब तो आप घर पर अकेले रहती होंगी.. इससे अच्छा है कि आप कोई एक नौकरी पकड़ लीजिए आपका टाईम भी कट जाएगा और घर में पैसे भी आ जाएँगे। यह कह कर उन्होंने अपना बिजनेस कार्ड मम्मी को दे दिया.. लेकिन मम्मी उनसे नहीं कहने लगी। तभी उन्होंने कहा कि देखिए में आप पर ज़ोर नहीं दे रहा हूँ अगर आपको नौकरी करने का मन करे तो आप मुझे कॉल कर दीजिएगा। फिर मम्मी ने कहा कि ठीक है और मम्मी ने कार्ड अपने पर्स में रख लिया और दोनों बातें करने लगे। फिर रात का खाना खाकर हम लोग सो गये सुबह स्टेशन आया और हम लोग नानी के घर चले गये और 15 दिन तक हम लोग वहीं पर रहे और फिर वापस अपने घर आ गए।
फिर एक दिन रात में पापा का कॉल आया और मैंने मम्मी को बात करते सुना जो वो ट्रेन वाले अंकल से बात हुई वो पूरी बात पापा को बता रही थी और फिर पापा ने कहा कि ठीक है नौकरी कर लो। फिर अगले दिन मम्मी ने कार्ड से नंबर निकाला और कॉल किया और उनसे कहा कि में नौकरी करने को तैयार हूँ। फिर मम्मी ऑफीस जाने लगी मम्मी ऑफीस स्कर्ट और शर्ट पहन कर जाती थी मम्मी की जांघे साफ दिखती थी। तभी एक दिन मम्मी ऑफीस से आई और उन्होंने कहा कि बच्चो जल्दी से तैयार हो जाओ हमे जाना है। फिर मैंने उनसे पूछा कि कहाँ पर जाना है मम्मी? तो मम्मी ने बताया कि उनके बॉस के घर में एक बहुत बड़ी पार्टी है और ऑफीस के सारे लोग जा रहे है फिर हम लोग तैयार हुए और पार्टी में चले गये.. लेकिन उनका घर बहुत दूरी पर था। सही में वो उनका फार्म हाऊस था और वहाँ पर उनकी बर्थडे पार्टी थी और ऑफीस के सारे लोग आए हुए थे।
फिर मम्मी का बॉस आया और मम्मी ने उन्हें बर्थडे विश किया और मैंने देखा कि मम्मी का बॉस और कोई नहीं वही सुरेश अंकल थे जो ट्रेन में मिले थे। मम्मी ने उन्हें गिफ्ट दिया और थोड़ी देर में पार्टी शुरू हो गयी। फिर मम्मी के बॉस ने मम्मी को डॅन्स के लिए ऑफर कर दिया और मम्मी चली गयी वहाँ पर बहुत सारे लोग डांस कर रहे थे मम्मी अंकल से चिपक कर डांस रही थी। में बार बार उनकी तरफ देख रहा था कि अंकल का हाथ मेरी मम्मी की गांड पर चला जाता था। तभी मेरी दीदी ने कहा कि में कुछ खाने के लिए लेकर आती हूँ और मैंने कहा कि ठीक है और मैंने वहीं पर एक कुर्सी पर बैठ गया। करीब 3 घंटे पार्टी चली और 12 बज गये थे.. सब जाने लगे। मम्मी ने कहा कि अब हमे भी चलना चाहिए और वो ऑटो लेने के लिए बाहर जाने लगी इतने में मम्मी के बॉस आए और उन्होंने कहा कि इतनी रात को बच्चो के साथ कहाँ पर जाओगी.. तुम आज यहीं पर रुक जाओ.. कल सुबह में छोड़ दूँगा। फिर मम्मी नहीं नहीं करने लगी लेकिन बॉस नहीं माने और मजबूरी हमे वहीं पर रुकना पड़ा.. रात बहुत हो गयी थी।
फिर अंकल ने हमे रूम दिखाया और कहा कि बच्चो तुम लोग यहीं पर सो जाओ। तभी मैंने पूछा कि और मम्मी कहाँ पर सोएगी? तो अंकल हंसने लगे और उन्होंने कहा कि तुम मम्मी की टेंशन मत लो वो दूसरे कमरे में सो जाएगी और यह कहकर अंकल और मम्मी बाहर चले गये। करीब एक घंटा बीत गया मुझे नींद नहीं आ रही थी तो में बाहर बाल्कनी में आ गया वहाँ पर मुझे गार्डन में अंकल और मम्मी बातें करते दिखे। अंकल मम्मी को कुछ समझाने की कोशिश कर रहे थे और कुछ देर बाद अंकल ने मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और एक लिप किस ले लिया। मम्मी अंकल की तरफ देखने लगी.. अंकल कुछ देर तक मम्मी को ऐसे ही देखते रहे उन्होंने फिर धीरे से मम्मी के होठों पर किस किया और अब धीरे धीरे मम्मी के लिप पर किस करने लगे।
तभी मम्मी ने अपने हाथ अंकल के पीछे करके उनका साथ देने लगी.. अंकल ने अपने हाथ मम्मी के चूतड़ो पर रख दिये और धीरे धीरे मसलने लगे और कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा.. मुझे बहुत अजीब लग रहा था मैंने सोचा कि दीदी को उठा दूँ लेकिन मैंने दीदी को नहीं उठाया और चुपके से देखने लगा कुछ देर बाद अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ा और घर में आने लगे.. में रूम में चला आया क्योंकि वो लोग मुझे देख लेते। में कुछ देर रूम में ही बैठा रहा। अब मैंने गेट खोला और चुपके से बाहर आया.. मैंने देखा कि एक रूम की लाइट जल रही थी में वहाँ पर खड़ा हो गया और होल से देखने लगा मम्मी अंकल की गोद में बैठ हुई थी और अंकल मम्मी के होंठ पर और गले पर किस कर रहे थे। मम्मी आआहह कर रही थी मम्मी ने अंकल से कहा कि सुरेश प्लीज़ आज रात छोड़ दो मेरे बच्चे यहीं पर है। तभी अंकल ने कहा कि वर्षा आज रात मेरा बिस्तर गरम कर दे। तभी मम्मी ने कहा कि प्लीज़ सुरेश बच्चे देख लेंगे। अंकल ने कहा कि डार्लिंग तुम टेंशन मत लो तुम्हारे बच्चो को कुछ नहीं पता चलेगा.. में 6 महीने से तुम्हे चोद रहा हूँ किसी को कभी कुछ पता चला क्या? अब अंकल ने मम्मी की चैन को खोलकर साईड टेबल पर रख दिया और फिर से मम्मी को किस करने लगे। वो अपने एक हाथ से मम्मी के बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से मसल रहे थे और मम्मी को किस कर रहे थे। उन्होंने मम्मी की जीभ को अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगे और अब अंकल ने मम्मी के ब्लाउज का बटन खोल दिया और ब्रा के ऊपर से मम्मी की छाती को चूमने लगे और निप्पल को ब्रा के ऊपर से चूसते और फिर मम्मी की ब्रा अंकल के थूक से पूरी गीली हो गई थी और अंकल ने अपना एक हाथ पीछे करके मम्मी की ब्रा का हुक खोल दिया और खींचकर निकाल दिया। तभी अंकल मम्मी के बूब्स को देखकर पागल हो गये। मम्मी के बूब्स बहुत बड़े थे और गोल गोल थे.. उनकी भूरे कलर की निप्पल देखकर अंकल अपने होश खो बैठे और बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसने लगे और दबाने लगे मम्मी आअहह सस्स्शह कर रही थी मम्मी पूरी पीछे की तरफ हो गयी थी जिससे उनके बूब्स और तन गए थे अंकल पागलो की तरह मम्मी के बूब्स को चूस रहे थे और कभी वो मम्मी के निप्पल को मुहं में लेकर चूसते तो कभी मम्मी के बूब्स के पास किस करते।
तभी उन्होंने मम्मी से कहा कि वर्षा आज में तुझे रात भर चोदूंगा.. ऑफीस के दिनों में टाईम नहीं मिल पाता है.. आज तू रात भर मेरे पास रहेगी। अब अंकल ने मम्मी को लेटा दिया और मम्मी के पैर के पास बैठ गये और मम्मी के तलवे पर किस करने लगे उन्होंने मम्मी की पायल उतार दी और टेबल पर रख दी और धीरे धीरे मम्मी के पैर पर किस करते हुए मम्मी की साड़ी को उठाते गये और उठाकर उसे कमर तक कर दिया। फिर उन्होंने पहले मम्मी की पेंटी के पास सूंघा और कहा कि बहुत नमकीन खुश्बू है तेरी चूत की और मम्मी बार बार अपने हाथों से अपनी चूत छुपाने की कोशिश कर रही थी और अंकल मम्मी की जांघो को किस कर रहे थे और मम्मी आआहह उफ्फ्फ कर रही थी। अब अंकल ने मेरी मम्मी की पेंटी को निकाल कर अपने हाथों मे ले लिया और सूंघने लगे। अंकल को बहुत मज़ा आ रहा था और मम्मी अपने हाथ अपनी चूत पर रख कर छुपा रही थी तभी थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा।
अब अंकल ने मम्मी का हाथ हटा दिया और मम्मी की चूत को देखने लगे। मम्मी की चूत पर थोड़े थोड़े झांट के बाल थे और उसमे से उनकी लाल फुद्दी दिख रही थी। अंकल ने अपनी दो उंगली से मम्मी की चूत को फैला दिया और मम्मी की लाल भोस को देख कर पागल हो गये.. उन्होंने अपनी एक उंगली को अंदर डाल दिया और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे.. मम्मी एयाह्ह्ह माँआआ करने लगी और अपने चूतड़ को उठाने लगी। तभी उन्होंने कहा कि सुरेश धीरे करो दर्द हो रहा है। अंकल ने मम्मी के दोनों पैरों को फैला दिया और मम्मी की चूत को चाटने लगे और मम्मी अपने सर को इधर उधर फेंकने लगी और अपने हाथों से अपने बॉस का सर पकड़ कर बाल खींचने लगी। अंकल ने दोनों हाथों से मम्मी की जांघ को पकड़ रखा था और मम्मी की चूत को चाट रहे थे। लगभग 10 मिनट तक अंकल ने ऐसा ही किया और मेरी मम्मी की चूत को चाटा। अंकल ने जब अपना मुहं बाहर निकाला तो मैंने देखा कि मम्मी की चूत से पानी निकल रहा था। अब अंकल ने अपने कपड़े उतार लिए और मम्मी वहीं पर बेड पर लेटी हुई थी.. वो ज़ोर ज़ोर से साँस ले रही थी। उनकी छाती ऊपर नीचे हो रही थी और अंकल कुछ देर तक मम्मी को घूर कर देखते हुए अपने लंड को सहला रहे थे। कुछ देर में उनका लंड खड़ा हो गया और उन्होंने अपना लंड मेरी मम्मी के मुहं के पास लाकर रख दिया और मम्मी ने अपने हाथ से उनका लंड पकड़कर अपने मुहं में लेकर चूसने लगी। अंकल अह्ह्ह ओह्ह्ह वर्षा चूस और अच्छे से चूस और सिसकियाँ ले रहे थे। कुछ देर बाद मम्मी ने अपने मुहं से उनका लंड बाहर निकाला और अंकल के पूरे लंड पर मम्मी का थूक लगा हुआ था। अब अंकल ने मम्मी की साड़ी निकाल दी और पेटीकोट निकालकर मेरी मम्मी को पूरा नंगा कर दिया। मम्मी बेड पर अपनी टांगो को फैला कर लेटी हुई थी और अंकल अपने लंड को सहलाते हुए मम्मी पर लेट गये.. वो थोड़ी देर तक मम्मी के बूब्स को चूसते रहे और फिर एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मम्मी की चूत पर रगड़ने लगे मम्मी अपने होंठ को अपने दांतों से दबाए हुए थी और सिसकियाँ ले रही थी और फिर अंकल ने अपने लंड को पकड़ते हुए एक जोर का धक्का दिया। मम्मी थोड़ी पीछे की तरफ हो गयी लेकिन अंकल ने एक और झटका दिया जिससे मम्मी थोड़ा और पीछे हो गयी और मम्मी के मुहं से चीख निकल पड़ी।
तभी मैंने देखा कि अंकल रुक गये और उन्होंने मम्मी के गालो को पकड़ लिया और धीरे धीरे किस करने लगे। जब मैंने नीचे की तरफ देखा तो अंकल का पूरा लंड मेरी मम्मी की चूत में समा गया था और अंकल ने मम्मी से पूछा कि क्या दर्द हो रहा है? तभी मम्मी से बोला नहीं जा रहा था.. उन्होंने इतने में बोला कि हाँ। अंकल ने एक और किस किया और कहा कि कुछ देर और होगा लेकिन फिर दर्द कम हो जाएगा.. अंकल ने एक और झटका दिया और धीरे धीरे लंड मम्मी की चूत में डालने लगे। मम्मी के बूब्स आगे पीछे हिल रहे थे मम्मी आआआ ओफफफ्फ़ औहह माँ मरी में सस्स्सीए नहीं बस करो कर रही थी और अंकल अपना एक हाथ नीचे की तरफ ले जाते हुए मम्मी की चूत के ऊपर वाले हिस्से को रगड़ रहे थे और मम्मी को धीरे धीरे चोद रहे थे और मम्मी बुरी तरह से सिसकियाँ ले रही थी पूरे रूम में मम्मी की सिसकियाँ और बेड के हिलने की आवाज़ आ रही थी।
अब अंकल ने मम्मी के निप्पल को अपने मुहं में ले लिया और तेज़ी से मम्मी को चोदने लगे। मम्मी धीरे धीरे अपने चूतड़ उठाकर उनका साथ दे रही थी। तभी थोड़ी देर बाद अंकल उठकर बैठ गये और उन्होंने मम्मी की जांघो को पकड़कर मम्मी की चूत में अपना लंड डाल दिया। तभी मम्मी ने अपने हाथ पीछे की तरफ करके बेड को पकड़ लिया। मम्मी के बूब्स और तन गये थे और अंकल के हर धक्के पर उनके बूब्स आगे पीछे हो रहे थे.. कुछ देर तक मम्मी के बॉस ने उनको ऐसे ही चोदा और फिर उन्होंने एक ज़ोर का झटका दिया और आआह्ह्ह करने लगे। जब उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा कि मम्मी की चूत से उनका पानी बह रहा था और दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे। कुछ देर बाद मम्मी ने अपनी चूत से वीर्य को साफ किया और अंकल मम्मी के साथ नंगे एक ही कम्बल में सो गये। फिर सुबह जब मेरी नींद खुली तो मम्मी ने अपनी साड़ी पहन रखी थी और फिर अंकल ने हमे अपनी कार से घर छोड़ दिया ।।
हजारों कहानियाँ हैं फन मज़ा मस्ती पर !
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